• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery रश्मी का रोमांच

naag.champa

Active Member
641
1,785
139
रश्मी का रोमांच


फिलहाल इस कहानी पर अनुसंधान और सुधार जारी है... इसलिए फिलहाल यह कहानी स्थगित है| हड़बड़ी में या फिर जबरदस्ती सिर्फ कहानी को पूरी करने के लिए अपडेट्स पोस्ट करते रहना कहानी की गुणवत्ता पर असर डाल सकता है|

इसलिए दोबारा जब यह कहानी शुरू की जाएगी पाठक बंधुओं को सूचित कर दिया जाएगा|

🙏असुविधा के लिए खेद है🙏

~नाग चंपा~
 
Last edited:

naag.champa

Active Member
641
1,785
139
Ohh randipan ki kahani hai... pati se dhokha kar ke maje le rahi hai...
Aisi randi biwi ka kya hi karna ... saala mard bahar apne parivar ke liye mehnat kar ke Paisa kama raha hai or yaha unhe dhokha de kar randipana..
जी हाँ, यह गांव की गुप्त प्रथा "लेचारी" पर आधारित है| भले ही यह व्यभिचार हो लेकिन इस प्रथा को चुपके चुपके हमारे समाज में स्वीकृति भी दी गई है... आशा है कि बाकि की कहानी भी आपको अच्छी लगेगी|
 

naag.champa

Active Member
641
1,785
139
शुरुआत तो बहुत जबरदस्त ढंग से हुई है । आगे देखते है क्या क्या कांड होंगे

waiting for next update

मैं इस कहानी के अपडेट्स हर दो दिनों में देने की कोशिश करुँगी
 

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,353
159
शानदार शुरूआत
जारी है

IMG-20211109-084136
 

naag.champa

Active Member
641
1,785
139
फिलहाल इस कहानी पर अनुसंधान और सुधार जारी है... इसलिए फिलहाल यह कहानी स्थगित है| हड़बड़ी में या फिर जबरदस्ती सिर्फ कहानी को पूरी करने के लिए अपडेट्स पोस्ट करते रहना कहानी की गुणवत्ता पर असर डाल सकता है|

इसलिए दोबारा जब यह कहानी शुरू की जाएगी पाठक बंधुओं को सूचित कर दिया जाएगा|

🙏असुविधा के लिए खेद है🙏


~नाग चंपा~
 
Last edited:

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,353
159

अध्याय ३


रास्ते में आफरीन बाई ने हम दोनों को बताया था कि हम लोग जहां जा रहे हैं वहां आज एक छोटी मोटी पार्टी है| शुरू शुरू में हमें वहां जाकर के खाना और ड्रिंक्स परोसने का काम ही करना था|

थोड़ा सा की हिचकने के बाद मैंने कहा था कि खाना वगैरह तुम्हें परोस दूंगी| लेकिन ड्रिंक्स वगैरह के बारे में तो मुझे इतना मालूम नहीं था| तो आफरीन बाई ने मुझे कहा था कि वह मुझे समझादेगी|

खैर आखिर हमारी मंजिल आ ही पहुंची|

हमारे पहुंचते-पहुंचते थोड़ा थोड़ा अंधेरा होने लगा था| तहसीलदार का फॉर्म हाउस एक सुंदर सा दो मंजिला मकान था| जिस वक्त हम लोग वहां पहुंचे थे उस वक्त तहसीलदार साहब के अलावा शायद वहां और कोई नहीं था| आफरीन बाई के मुताबिक तहसीलदार साहब के मेहमान लोग थोड़ी ही देर में आने वाले थे|

वैसे मैं और माधुरी भाभी यह तो जानती थी कि वहां हम लोग सिर्फ गप्पें लड़ा रहे नहीं जा रहे हैं| तहसीलदार साहब की पार्टी में जो थोड़े बहुत मेहमान आएंगे वह बारी-बारी से हम दोनों की जवानी का लुफ्त भी उठाएंगे लुफ्त... इसमें कोई दिक्कत नहीं थी; लेकिन इससे पहले हम लोगों ने कभी किसी को ड्रिंक्स नहीं तुम परोसें थे... वक्त बहुत कम था इतनी देर में आफरीन बाई को हमें बहुत कुछ समझाना भी था|

***

आफरीन बाई हम दोनों को फार्म हाउस के अंदर ले गई| कहां तो हम लोगों का गांव का सीधा साधा सा घर और कहां यह तहसीलदार साहब का आलीशान फार्म हाउस| मैं और माधुरी भाभी पूरे घर को आंखें फाड़ फाड़ कर देख रही थी|


Farmhouse



तहसीलदार साहब सोफे पर बैठे हुए थे| आफरीन बाई को देखते ही उनकी आंखों में चमक आ गई और फिर उन्होंने हम दोनों को ऊपर से नीचे तक एक बार अच्छी तरह से देखा और फिर मेरी तरफ देखते हुए वह बोले, "क्या आफरीन बाई? तुम इस बच्ची को कहां से उठा कर लाई?"

तहसीलदार साहब का कहना ठीक ही था, स्कर्ट ब्लाउज और दोनों कंधे के ऊपर से लटकती हुई दो चोटियों में मैं एक स्कूल की लड़की लग रही थी|

"हा हा हा हा हा" आफरीन बाई थोड़ा सा हंसी और फिर बोली, " तहसीलदार साहब आप तो माई बाप हो| जैसा आपने कहा था मैं तो वैसे ही लड़कियां ले आया... आप ही ने तो कहा था कि इस बार की पार्टी में आपको स्कूल और कॉलेज की लड़की चाहिए... तो यह लीजिए- यह रही स्कूल की लड़की और यह रही कॉलेज की लड़की"

तहसीलदार साहब ने मेरी तरफ इशारा करके आफरीन बाई से पूछा, "यह लड़की वर्जिन (कुंआरी) है क्या?"

आफरीन बाईके पास जैसे हर सवाल का जवाब तैयार था, "अब मैं आपको क्या बताऊं, तहसीलदार साहब... इस बेवकूफ को न जाने कहां से एक बॉयफ्रेंड मिल गया और यह अपना सब कुछ यूं ही मुफ्त में गवा बैठी... वरना आजकल तो वर्जिन लड़कियों का पहली रात के लिए साढ़े तीन या चार लाख का रेट चल रहा है… बस आप मुझे थोड़ा सा वक्त दे दो मैं आपके लिए भी एक वर्जिन लड़की ला करके आपके सामने नंगी कर दूंगी..."

आफरीन भाई बड़े ही शातिर तरीके से इस बात को छिपा करें कि हम दोनों ही शादीशुदा है और अब तक तहसीलदार साहब को भी यकीन आ गया था कि मैं एक स्कूल की लड़की हूं और माधुरी भाभी कॉलेज में पढ़ती है और फिलहाल आफरीन बाई हम दोनों को तहसीलदार साहब और उनके मेहमानों की खिदमत करने के लिए लेकर आई है|

फिर भी तहसीलदार साहब ने अपनी तसल्ली के लिए आफरीन बाई से हमारे सामने ही पूछा, "भई, तुमने इन दोनों को समझा दिया है ना कि इन्हे क्या करना है?"

"हा हा हा हा हा हा... जी हां तहसीलदार साहब मैंने इन दोनों को सब कुछ समझा दिया है और वैसे भी आजकल की बच्चियां बहुत तेज होती है बस मैं इनको थोड़ा सा किचन दिखा देती हूं... और ऊपर का कमरा जहां इन दोनों को आपके मेहमानों के लिए बारी बारी से सोना है"

“ठीक है, ठीक है, स्कूल कॉलेज की लड़कियों से मेरा मतलब कम उम्र की लड़कियों से था| तुम तो सच्ची मुच्ची स्कूल और कॉलेज की लड़कियां लेकर आ गई... लेकिन तुम अपनी छोटी वाली को हो सके तो साड़ी पहना दो और उसके बाद इसके बाल खुलवा दो खुलवा दो ताकि यह थोड़ी उम्र में बड़ी दिखे... यहां काफी सारे बड़े-बड़े लोग आ रहे हैं... मैं कोई अंडरेज वाला झमेला नहीं चाहता...”

“ठीक है ठीक है, मैं इसको को साड़ी पहना देती हूं बस आप चिंता क्यों कर रहे हैं... इस की जवानी का फल तो बहुत पहले से ही पक चुका था... यूं तो स्कूल में लड़कियों को आठवीं कक्षा से साड़ी पहनने के लिए कहा जाता है... लेकिन इसका बदन में जल्दी ही चढ़ाव आ गया था... इसलिए इसकी टीचर दीदी ने इसको छठी कक्षा से ही साड़ी पहनने के लिए कह दिया था... लेकिन क्या बताऊं फिर भी यह नादान है इसलिए जल्दी मुफ्त में चुद गई... नहीं तो आज मैं इसके लिए आप से कम से कम चार लाख रुपए ले लेती...”

बातें बनाना कोई आफरीन बाई से सीखे... और शायद इसीलिए उन्होंने हम दोनों के लिए कार की डिक्की में अलग से कपड़े भी ले रखे थे|

हां यह के संजोग की बात है| मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था, हमारे स्कूल में भी लड़कियों को आठवीं कक्षा से साड़ी पहनने के लिए कहा जाता था... लेकिन मेरे बदन का विकास थोड़ा जल्दी हो रहा था इसलिए सचमुच मेरी टीचर दीदी ने मुझे छोटी कक्षा से ही साड़ी पहनने के लिए कह दिया था... अगले दो सालों तक... दादी ने मुझे ब्रा नहीं पड़ने दिया... और और शायद इसीलिए मेरे स्तनों का विकास कितना अच्छा हुआ है... खैर अब तक आफरीन बाई ने मेरे बारे में जो कुछ भी कहा वह सुनकर मुझे अच्छा लग रहा था लेकिन मुझे क्या मालूम था अब थोड़ी ही देर में मैं थोड़ा सा शर्मिंदा होने वाली थी...

अफरीन बाई एक तजुर्बे दार औरत थी| शायद इसीलिए घर से चलते वक्त उन्होंने हम दोनों के लिए एक एक सेट कपड़े ले लिए थे और साथ में मेकअप का सामान भी|

अफरीन बाई ने तहसीलदार साहब से पूछा, "चलो जी, आप कहे तो मैं इन दोनों के ऊपर के कमरे में ले जाऊं? वहां पर छोटी वाली के कपड़े बदल दूंगी..."

"हां हां ठीक है ठीक है"

"वैसे आप चल कर देखना चाहते हो तो देख सकते हो, तहसीलदार साहब... पार्टी से पहले आप इस लड़की को नंगी देख लोगे तो आपका मिजाज खुश हो जाएगा"

तहसीलदार साहब की बांछें खिल गई हो और वह राजी हो गए|

साला उसके ऊपर की मंजिल में दो बेडरूम थे| उनमें से एक बेडरूम में आफरीन बाई मुझे लेकर गई| उस बेडरूम में एक डबल बेड का बिस्तर पहले से ही लगा हुआ था जिसमें गुलाब की पंखुड़ियां छिड़की हुई थी... बेड को देखते ही मैं समझ गई... कि ऐसे ही एक बेड में आज मुझे पहली बार कुछ अनजान आदमियों के साथ सोना है... और हां दूसरा कमरा भाभी जी के लिए तैयार था|


तब तक आफरीन बाई गाड़ी में से कपड़ों का बैग भी लेकर आ कर पहुंच गई थी|

हमारे घर में के कमरों की तुलना में यह कमरा बहुत ही पड़ा था... मैं सब कुछ भूल कर इधर उधर देख ही रही थी कितने में आफरीन बाई ने कहा, "अरी रेशमा... खड़ी खड़ी हो क्या देख रही है तहसीलदार साहब कितना इंतजार करवाएगी चल कपड़े उतार अपने... और महक तू उसकी मदद क्यों नहीं करती?"

आफरीन बाई ने शायद कुछ सोच कर ही मेरा नाम रश्मि से रेशमा में बदल दिया था और माधुरी भाभी का नाम महक...

तहसीलदार साहब इंतजार कर रहे थे कि कब मैं अपने कपड़े उतारू, उन्होंने मुस्कुराते हुएआफरीन बाई से पूछा, "यह दोनों लड़कियां तुम्हारी ही बिरादरी की है क्या?"

आफरीन बाई ने भी मुस्कुरा कर जवाब दिया, "जी हां तहसीलदार साहब, आपका हुकुम मेरे सर आंखों पर था इसलिए मैं चुनचुन की लड़कियों को आपके लिए लाई हूं"

इतने में माधुरी भाभी मेरे ब्लाउज के बटन होने लगी थी और आफरीन बाई मेरे बालों में कसी हुई चोटियां खोलने लग गई... जल्दी ही मेरे बाल खुल गए और ब्लाउज के सारे बटन भी... आफरीन बाई बैग में से कंगी निकालकर मेरे बालों में तीन चार बार कंगी करके उन्हें सुझाव दिया और फिर माधुरी भाभी और आफरीन बाई मेरे अगल बगल खड़ी हो गई... तब तक माधुरी भाभी ने मेरे स्कर्ट का हुक भी खोल दिया था वह सिर्फ स्कर्ट को पकड़े हुए खड़ी थी ताकि वो नीचे ना सरक जाए...

आफरीन बाई ने तहसीलदार साहब से कहा, "हां जी तहसीलदार साहब... अब आप लड़की को नंगी देख लो देख लो"

इतना कहने के साथ ही आफरीन बाई ने मेरे बदन से मेरा ब्लाउज हटा दिया और फिर माधुरी भाभी ने मेरी स्कर्ट नीचे सरका दी... सासु मां के कहने पर मैंने कोई ब्रा पेंटी नहीं पहन रखी थी... इसलिए स्कर्ट और ब्लाउज के हटते ही मैं कमरे में सबके सामने बिल्कुल नंगी हो गई... और स्‍वभावत: मैं अपने हाथों से अपने नंगे पन को ढकने की कोशिश करने लग गई... इतने में आफरीन बाई ने मुझे डांटने का नाटक करते हुए एक हल्का सा तमाचा मारा और बोली "तू पागल हो गई है क्या लड़की? तू लेचारी के लिए आई हुई है... और तुम्हें अपने झांटों के बालों की सफाई नहीं की? देख तेरी दो टांगों के बीच में कैसा जंगल से बना हुआ है... लोग तुझे चोदने से पहले देखेंगे तो क्या सोचेंगे?"

लेकिन तहसीलदार साहब ने शायद इस बात का कुछ गौर नहीं किया वह मुझे नंगी देखकर ही बहुत खुश थे उन्होंने आफरीन बाई से कहा, "खैर कोई बात नहीं... यह बच्ची अभी भी नादान है... मेरे ख्याल से मेरे मेहमानों को शायद यह जैसी भी है- पसंद भी आएगी... तुम इन दोनों को पहले बाकी का काम समझा दो"

"ठीक है तहसीलदार साहब, जैसा आप कहें... वैसे तो मैं पूरी रात आप ही के यहां रहूंगी लेकिन शाम का वक्त हो रहा है और मेरे हाथ सूख रहे हैं... गुस्ताखी माफ हो तो अब बाकी के पैसे दे दो"

"हां ठीक है ठीक है" यह कहकर तहसीलदार साहब ने अपनी जेब में हाथ डाला... और एक नोट की गड्डी निकाल करके उसमें से कम कर करीब करीब पंद्रह हजार रुपए अपने भाई के हाथ में रख दिए|

" हा हा हा हा हा... ठीक है ठीक है लेकिन तहसीलदार साहब क्या आप इन लड़कियों की मुंह दिखाई इनको नहीं देंगे?"

तहसीलदार साहब मुझे नंगी देख करके बहुत खुश थे| इसलिए मैंने अपने नोटों की गड्डी में से गिन करके दो-दो हजार रुपए हम दोनों के ऊपर उड़ा दिए...

आफरीन बाई ने हम दोनों से कहा, "चलो लड़कियों खड़े-खड़े मुंह क्या ताक रही हो... तहसीलदार साहब की मेहरबानी की तोहीन मत करो जल्दी जल्दी पैसे उठा लो"

और फिर क्या था मैं और माधुरी भाभी वैसे ही हालत में जमीन में पड़े हुए पैसे उठाने लग गई|

आफरीन बाई ने तहसीलदार साहब से कहा, "तहसीलदार साहब, मुझे दो थालियों की जरूरत पड़ेगी जो मै बिस्तर के बगल में रखने वाली हूं... आपके मेहमान लोग इन लड़कियों की बख्शीश इसी थाली में तो रखेंगे... वैसे महक और रेशमा, जल्दी करो... वक्त बहुत कम है मुझे तुम्हें बाकी का काम भी समझाना है"

"हां ठीक है ठीक है... लेकिन तुम इन दोनों को अच्छी तरह से समझा देना खासकर इस छोटी वाली को"

"आप चिंता मत करो तहसीलदार साहब, पार्टी के बाद यह दोनों लड़कियां अपने अपने कमरों में नंगी रहेंगी... आप एक-एक करके जिसे चाहो जब चाहो भेज देना मैं वादा करती हूं यह लड़कियां आपके मेहमानों को को खुश कर देंगी"

तहसीलदार साहब शायद मेरे नंगे बदन से अपनी नजरे नहीं हटा पा रहे थे न जाने क्यों कि मुझे अच्छा भी लग रहा था... फिर कुछ झिझकते हुए तहसीलदार साहब ने आफरीन बाई से कहा, "आफरीन बाई वैसे मैं एक बात कहना तुमसे भूल गया था... वह यह कि मेरे यहां शायद ही अपने साथ कोई कंडोम लाया होगा"

"हा हा हा हा हा" आफरीन बाई ने हंसते हुए कहा, "आप भी क्या बात कर रहे हैं, तहसीलदार साहब... मैं आपके लिए जवान और कमसिन लड़कियां ले कर आई हूं... मैं जानती हूं कि बिना कंडोम के ज्यादा मजा आएगा... लेकिन मामला थोड़ा रिस्की हो जाएगा इसलिए इनकी बख्शीश के साथ इन दोनों लड़कियों को आप दस- दस हज़ार रूपए और पकड़ा देना बाकी का हिसाब में इनके साथ बाद में कर लूंगी"

इतने में बाहर से गाड़ियों के आने की आवाजें आने लगी| शायद तहसीलदार के मेहमान लोग अब आने लग गए थे|


क्रमशः


IMG-20211122-084540
मस्त अपडेट
 
  • Like
Reactions: Mickay-M

Lutgaya

Well-Known Member
2,159
6,353
159
शानदार अपडेट
गति बनाए रखें

IMG-20211122-084540
 
  • Like
Reactions: Newpinkhotshot
Top