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Incest राजू और बिरजू के रंगीन किस्से। [completed]

किसने - किसने यह कहानी पहले से पढ़ी हुई है?


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doctorchodu

MILFLOVER
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गतान्क से आगे........................

तभी बिरजू ने सुधिया काकी की चूत पर मूह लगा दिया और राजू उसके मोटे मोटे दूध पीने लगा, उनकी इस जोरदार चटाई से सुधिया काकी की गंद धीरे धीरे उपर की ओर कूदने लगी थी, तब बिरजू ने राजू को इशारा किया तो राजू ने धीरे से सुधिया काकी के मूह से बँधा कपड़ा हटा दिया तब सुधिया काकी आह आह मदर्चोदो ये क्या किया तुम दोनो ने बहन्चोद ज़ोर से चाट कुत्ते, और ज़ोर से चाट और सुधिया काकी दूसरी बार झाड़ चुकी थी उसकी साँसे बहुत तेज चल रही थी उसके गाल लाल टमाटर की तरह हो गये थे और राजू उसके रसीले होंठो को चूसने लगा और साथ ही उसके मोटे मोटे दूध दबाता हुआ बिरजू काकी के दूध अपनी मा से कम नही है बहन्चोद की गंद भी तो हमारी मा की तरह ही गदराई हुई है क्यो काकी हम सही कह रहे है ना, सुधिया काकी आह आह ओह ओह हाँ बेटा तुम ठीक कह रहे हो पर अब मत तड़पाव और अपनी काकी को चोद दो बेटा चोद दो, बिरजू अरे काकी सब्र करो अभी तो हमने चूत चाटना चालू ही किया है, अभी अपना रस हमे पिलाती रहो जब तक की हमारा पेट ना भर जाए, फिर दोनो भाइयो ने सुधिया की दोनो टाँगो को खोल दिया और बिरजू ने सुधिया काकी की जाँघो को उसके कंधो तक मोड़ कर सुधिया काकी की फूली बुर का रस खूब कस कस कर दबोचते हुए पीते रहे, करीब 10 मिनिट के बार सुधिया काकी तीसरी बार झाड़ चुकी थी और वह ओह ओह आह आह की आवाज़ निकालने लगी और ज़ोर से अरे मदर्चोदो अब मुझे चोद भी दो,

तभी बिरजू ने सुधिया काकी के बदन से घाघरा और चोली को

पूरी तरह अलग कर दिया अभी भी सुधिया काकी के हाथ खाट के

सिरहाने पर बँधे थे उसकी नंगी मदमस्त जवानी देख कर

दोनो भाई का हाल बहाल हो गया और दोनो ने अपनी जीभ से

काकी के एक एक अंग को चूसना चाटना शुरू कर दिया

और सुधिया काकी आह आह ओह ओह आह आह ओह मा मर जाउन्गि और

ज़ोर से चट को चूस मेरे राजा और ज़ोर से ये सुधिया काकी कितने

बरसो से लंड खाने को तरस रही है तुम दोनो के मोटे लंड

को बेटा अब मेरी चूत मे डाल दो नही तो मैं मर जाउन्गि, अब देर

ना करो बेटा आह आह तभी बिरजू ने सुधिया काकी की गंद के

मोटे छेद मे अपनी दो उंगलिया अपने थूक से गीला करके

घुसेड दिया सुधिया काकी की गंद का छेद एक दम भूरे रंग

का और काफ़ी कसा हुआ लग रहा था और बिरजू की उंगलिया बहुत

टाइट घुस रही थी, सुधिया काकी को मज़ा भी आ रहा था और

दर्द भी हो रहा था लेकिन राजू और बिरजू उसकी गंद मारने के

मूड मे दिख रहे थे तभी बिरजू ने अपना काला लंड सुधिया

काकी की गंद मे लगाकर एक झटका मारा तो सुधिया काकी चीख

पड़ी ओह ओह एयाया..आआआआ...आआ राजू ने बैठे बैठे ही

अप्नी दो उंगलिया सुधिया काकी की चूत मे घुसेड दी तभी बिरजू

ने दूसरा झटका मारा और सुधिया काकी की गंद फॅट गई और

सुधिया काकी की आँखे उपर की ओर उलट गई तभी राजू ने

सुधिया काकी के मोटे मोटे दूध को कस कस कर दबोचना

शुरू कर दिया इधर बिरजू अपने लंड को सुधिया काकी की मोटी

गंद मे ज़ोर लगा कर अपना लंड पेल रहा था और सुधिया काकी

दर्द के तड़प रही थी सुधिया काकी की गंद का छेद इतना टाइट

था कि वह बिरजू के लंड को बिल्कुल अपनी जाकड़ मे जकड़े हुए

था और बहुत मुश्किल से आगे पीछे हो रहा था इतनी कसी

हुई गंद मार मार कर बिरजू ने अपना रस सुधिया काकी की गंद

मे छ्चोड़ दिया और जब लंड बाहर निकाला तो सुधिया काकी की

गंद उसके माल से भर गई थी तभी राजू ने सुधिया काकी के

दूध दबोचते हुए एक कस कर धक्का सुधिया काकी की गंद

मे मारा तो उसका लंड फिसलता हुआ सीधे सुधिया काकी की मोटी

गंद को चीरता हुआ पूरा एक ही बार मे अंदर तक फिट हो गया

और सुधिया काकी ओह ओह आ आ करके अपने पाँव उठा उठा कर

पटकने लगी मदर्चोद मार डालेगा क्या धीर चोद कुत्ते इतनी

बेरहमी से अपनी मा की गंद मारना हरामी उसकी गंद तो मेरी

गंद से बहुत मोटी है कामीने धीरे चोद रे हरामी, राजू को

उसे दर्द से तड़प्ता देख कर मज़ा आगेया और वह सतसट

लंड सुधिया काकी की कसी हुई गंद मे ठोक ठोक कर सुधिया

काकी की गंद मारने लगा इधर बिरजू सुधिया काकी की चूत को

फैला फैला कर अप्नी चार चार उंगलियाँ उसकी चूत मे पेलने

लगा सुधिया काकी की चूत मूतने लगी और फिर एक तगड़े झटके

के साथ ही राजू का पानी भी सुधिया काकी की गंद मे भर गया

तब तक बिरजू का काला लंड फिर खड़ा हो गया और राजू के लंड

निकालते ही बिरजू ने फिर अपना लंड सुधिया काकी की गंद मे पेल

दिया और फिर उसकी गंद की ठुकाई चालू करदी, इस बार बिरजू ने

करीब आधे घंटे तक सुधिया काकी की गंद मारी उसके बाद जब

बिरजू ने अपना लंड निकाला तो राजू फिर अपना लंड लेकर खड़ा हो

गया तब बिरजू ने कहा और चोदेगा क्या तब राजू ने कहा कि यार

तू दो बार गंद मार चुका है मैने तो अभी एक ही बार मारी है

अब मेरी बारी है, सुधिया काकी उन दोनो की बाते सुन कर घबरा

गई और उनसे विनती करने लगी नही बेटा अब नही मुझे बहुत

दर्द हो रहा है राजू मदर्चोद बहुत मा चुदति है तुझे

मालूम नही हम तेरी मोटी गंद के कब से दीवाने है आज जी

भर कर तेरी गंद कूट कूट कर लाल कर देंगे और फिर राजू ने

भी लगभग आधे घंटे तक सुधिया काकी की गंद को कस कर

ठोका, दोनो भाई सुधिया काकी की गंद ठोक ठोक कर मस्त हो

चुके थे, सुधिया काकी अपनी गंद मरवा मरवा कर पस्त हो

चुकी थी तभी बिरजू ने कहा काकी एक राउंड और हो जाए तब

शुधिया काकी नही बेटा अब मुझे छ्चोड़ दो नही तो मैं मर

जाउन्गि, तब बिरजू काकी हम तुझे एक ही शर्त पर छ्चोड़ सकते

है अगर तू हमे रोज अपनी चूत और गंद मारने देगी नही तो

समझ ले कि हम आज तेरी गंद को पूरी फाड़ डालेंगे और तू

घर जाने लायक नही बचेगी, सुधिया हाँ बेटा मैं वादा करती

हू तुम जब चाहोगे मैं तुमसे अपनी चूत और गंद मर्वौन्गि

लेकिन अभी मुझे छ्चोड़ दो बेटा मैं तुम्हारे हाथ जोड़ती हू,

तब राजू चल काकी तू कहती है तो तुझे छ्चोड़ देते है पर अब

हमे तुझ पर दया आ रही है और अब हम तुझे थोड़ा आराम

पहुचाना चाहते है और फिर राजू एक बाल्टी मे पानी लेकर

आया और फिर दोनो भाइयो ने सुधिया काकी की गंद को पानी डाल

डाल कर हल्के हाथो से रगड़ते हुए उसे धोना शुरू कर

दिया वह दोनो थोड़ा थोड़ा पानी डाल डाल कर बड़े प्यार से

सुधिया कई की गंद और चूत पर ठंडा ठंडा पानी डाल रहे

थे जिससे सुधिया काकी की चूत से गरम गरम पानी बहने लगा

और सुधिया काकी ने अपनी दोनो जाँघो को अच्छे से फैला दिया

तब बिरजू ने सुधिया काकी की चूत को चाटना शुरू कर दिया और

सुधिया काकी सीसीयाने लगी 10 मिनिट तक बिरजू ने सुधिया काकी

की चूत चाती उसके बाद राजू ने भी सुधिया काकी की चूत को

चटा फिर दोनो भाइयो ने सुधिया काकी की चूत को इतने प्यार से

चोदा कि सुधिया काकी मस्त हो गई और उसकी चूत ने बहुत दिन

बाद इतने तगड़े और मोटे लंड का स्वाद चख कर उसकी आत्मा

तृप्त हो गई, फिर दोनो ने सुधिया काकी के हाथ खोल दिए लेकिन

सुधिया काकी नंगी ही खाट पर पड़ी रही उसके शरीर मे उठने

की शक्ति नही बची थी, राजू और बिरजू अपने कपड़े पहनकर

लूँगी लगाकर सुधिया काकी के पास आए और उसके गालो को

चूमते हुए काकी तेरी चूत और गंद ने आज हमे अपना गुलाम

बना लिया है इतनी कसी गंद आज तक हमने कभी नही मारी

उनकी बाते सुन कर सुधिया काकी हल्के से मुस्कुरा दी और फिर

दोनो भाइयो ने सुधिया काकी को हाथ पकड़कर उठा दिया, फिर

धीरे धीरे सुधिया काकी ने अपने कपड़े पहने और राजू और

बिरजू को कहा तुम दोनो अब यहा से जाओ नही तो कोई देख लेगा

मैं थोड़ी देर बाद आती हू, और दोनो भाई खेत से अपने घर की

ओर चल दिए.

यार राजू जब सुधिया काकी की गंद मारने मे इतना मज़ा आया तो

सोच ज़रा हमारी अपनी मा की गंद मारने मे कितना मज़ा

आएगा उसकी तो गंद इतनी जबरदस्त और मोटी है कि उसकी मोटी

गंद को घंटो हम दोनो भाइयो को मिलकर ठोकना पड़ेगी तब

जा कर हमारी मा को कुछ असर होगा, हाँ बिरजू तो बिल्कुल ठीक कह

रहा है अपनी मा की गंद इतनी सुंदर और फैली हुई है कि मेरा

तो दिल करता है की उसका घाघरा उठा कर उसकी मोटी गंद मे

अपना मूह भर दू और तो और उसका फूला हुआ भोसड़ा देख कर

तो मैं पागल हो जाता हू उस दिन जंगल मे जब उसकी मस्तानी

चूत की गंध सूँघी थी तो मुझे तो बिना दारू पिए ही नशा

आ गया था, उसका गदराया उठा हुआ पेट जैसे साली पेट से हो

उसकी गहरी नाभि उसके मोटे मोटे दूध, बिरजू जब हम उसे

पूरी नंगी देखेंगे तो हमारा लंड कच्छा फाड़ कर बाहर

निकल आएगा, और दोनो भाई अपनी मा को नंगी करके चोदने के

बारे मे बाते करते हुए घर पहुच गये, और अपनी कुर्सी

पर जाकर बैठ गये, घर के अंदर कमला ज़मीन पर अपने

दोनो पैरो को फैलाए हुए अपने घाघरे को अपनी मोटी

जाँघो तक चढ़ा कर दीवार से टिक कर बैठी थी और गाँव की

दाई कमला के पैरो की सरसो के तेल से मालिश कर रही थी अपनी

मा की मखमली गोरी गोरी मोटी मोटी जाँघो को देखते ही उनका

लंड खड़ा हो गया और लूँगी को तंबू जैसा आकर दे दिया,

दोनो अपनी मा की गदराई जवानी को बड़े प्यार से घूरते हुए

अपने लोडो को हल्के हल्के दबा रहे थे तभी संध्या उसके

घर से निकल कर कपड़े लेकर हॅंडपंप पर आई तो राजू ने

बिरजू को इशारा किया, संध्या जब हॅंडपंप से पानी भर कर

कपड़ो को धोने लगी तो उसकी गोल मोटी मोटी चुचिया जो कि काफ़ी

कसी हुई थी उसकी चोली मे आधी से ज़्यादा उसके वी शेप से

नज़र आ रही थी, संध्या कनखियो से दोनो भाइयो को देख

रही थी तभी राजू ने अपना लंड लूँगी से बाहर निकालकर

संध्या को दिखा दिया संध्या उसका मोटा और क़ाला लंड देख

कर चौंक गई और बार बार अपनी नज़रे बचा बचा कर राजू के

लंड का दीदार करने लगी, संध्या को अपने पति से चुदे हुए

काफ़ी समय हो चुका था और एक तरह से वह लंड के लिए

तरस रही थी तभी राजू ने एक बार को अपना पूरा मोटा केला

निकालकर संध्या भाभी को दिखा दिया तो संध्या की नज़रे एक

पल के लिए राजू के लंड पर ठहर गई फिर जैसे ही संध्या ने

राजू की आँखो मे देखा राजू मुस्कुरा दिया और संध्या के

चेहरे पर भी एक हल्की सी स्माइल आ गई और वह कपड़े गला कर

अंदर भाग गई, उसके इस तरह के रिक्षन को देख कर राजू ने

बिरजू से कहा बिरजू आज रात को हमे नई चूत मिलेगी, बिरजू अपनी

मा की मोटी जाँघो को घूरता हुआ भला वह कैसे राजू आज रात

को जब संध्या भाभी संडास के लिए खेतो की ओर जाएगी तब

हमे उसका पीछा करना है और आज उसको खेतो मे लेजा कर

चोदना है, बिरजू तो यार ऐसा क्यो नही करते आज हम खेतो की

और पहले से ही जाकर वही दारू पिएगे और जब संध्या भाभी

उधर संडास के लिए आएगी तब उसको वही पकड़ कर चोद

देंगे, राजू हाँ ये ठीक रहेगा, और फिर तभी उधर से सुधिया

काकी आती हुई नज़र आई सुधिया काकी अपनी टाँगे थोड़ा

फैलाकर चल रही थी, उसे देखते ही दोनो भाइयो के चेहरे

पर मुस्कान फैल गई, तभी अंदर से शीला चाइ लेकर दोनो के

पास आई बिरजू ने चाइ लेते हुए शीला की चूत को घाघरे के

उपर से अपने हाथो मे भर लिया तभी शीला की नज़र उनके

मोटे लंडो पर पड़ी जो लूँगी उठाए खड़े थे शीला ने पुछा

तुम दोनो का लंड किसको देख कर खड़ा हुआ है, तो बिरजू ने

बोला अपनी बहन को देख कर, शीला झूठ मत बोलो भैया मैं तो

अभी अभी आई हू सच सच बताओ तुम्हारा लंड किसको देख

देख कर फनफना रहा है, राजू शीला ने राजू की नज़र को

पकड़ लिया जो अपनी मा की गदराई जाँघो को कनखियो से देख

रहा था, और शीला को समझते देर ना लगी कि इनका लंड अपनी

मा की गदराई जवानी को देख देख कर लूँगी फाड़ने की कोशिश

कर रहा है, हाय राम शीला का मूह खुला का खुला ही रह गया

और वह जल्दी से घर के अंदर आ गई,

क्रमशः........
 

doctorchodu

MILFLOVER
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गतान्क से आगे........................

शाम को कमला गाँव मे किसी के यहाँ बैठने चली गई तब

शीला बिरजू और राजू के पास कमरे मे गई जहा दोनो भाई बीड़ी

के कस लगा रहे थे शीला उनके पास जाकर बैठ गई तब राजू ने

बोला शीला एक बार अपनी गंद दिखा ना शीला वो तो मैं दिखा

दूँगी पर मुझे यह बताओ उस टाइम तुम मा को देख देख कर

अपना लंड सहला रहे थे ना, बिरजू शीला को अपनी ओर खिचते

हुए क्यो तुझे जलन हो रही है क्या, शीला भैया मुझे क्यो

जलन होने लगी, मैं तो बस इतना जानना चाहती थी कि क्या तुम

दोनो मा को भी.. बिरजू शीला की मोटी मोटी चुचियो को मसलता

हुआ उसका हाथ अपने लंड पर रख लेता है, तू तो जानती है कि

हमे औरतो की मोटी गंद कितनी पसंद है और फिर अपनी मा की

गंद तो इस गाँव मे सबसे ज़्यादा मतवाली और मोटी है शीला

हम से अब सहा नही जाता है दिन रात मा जब अपने मोटे मोटे

चूतड़ मतकती हुई हमरे सामने आती है तो हमारा लंड

हरकत मे आ जाता है, मेरे इस मोटे लोदे का बड़ा मन है

अपनी मा की मस्तानी गंद और चूत फाड़ने का, शीला बिरजू के

लंड को मसल्ते हुए तो तुम्हे क्या लगता है मा तुम दोनो को

अपनी चूत देगी, राजू क्यो तूने नही दी क्या, शीला भैया मेरी बात

और है, वो अपनी मा है और वो हमसे कितनी बड़ी है वो

तुम्हारे सामने कभी नंगी नही होगी, तुम दोनो उसकी गंद

चाटने के लिए तरसते ही रहोगे, बिरजू शीला मा बड़ी है तो क्या

हुआ उसकी चूत ने कई सालो से लंड नही चखा है, और फिर

अपनी मा की उमर की औरत को चोदने मे एक अनोखा मज़ा मिलता

है, जिस दिन मा हमारा मोटा लंड देखेगी उस दिन उसकी भी चूत

पानी पानी हो जाएगी और वह अपनी चूत का दरवाजा हमारे लंड

के लिए धीरे से खोल देगी, नही भैया मुझे तो नही लगता कि

मा तुम दोनो से अपनी चूत और गंद मरवाएगी, राजू शीला तू

अपने भाइयो को जानती नही है, उसे तो हम अपना काला लंड

दिखा चुके है, और वह बड़े प्यार से हमारा लंड देख देख

कर साँसे भर रही थी, शीला क्या तुमने मा को अपना लोडा

दिखा दिया है, हाँ शीला, मगर वह कैसे तब बिरजू ने जंगल

वाली बात उसे बता दी, अरे शीला तूने काफ़ी मा को मुतते हुए

देखा है, शीला देखा है लेकिन ठीक से उसकी चूत नही देखी,

पर ये तुम क्यो पुंछ रहे हो, बिरजू अरे अपनी बहन के मोटे

मोटे दूध को अपनी हथेलियो से कस कस कर मसल्ते हुए अरे

मेरी प्यारी बहना मा जब अपनी चूत फैला कर मुत्ती है तो उसका

भोसड़ा इतना चोडा हो जाता है और एक मोटी धार छ्चोड़ती है और

फिर रुक रुक कर जब मुतति है तो दिल करता है कि उसकी फूली हुई

चूत से अपना मूह लगा का चाट डालु, और उसकी गंद का छेद

इतना कसा हुआ लगता है कि मैं तो दिन रात उसकी गंद मारने के

सपने देखता हू साली इस उमर मे भी जब अपनी गंद और चूत

मरवाएगी तो कुवारि लोंदियो को पिछे छ्चोड़ देगी, अच्छा

बता मा के चूतड़ कैसे लगते है तुझे और शीला की गंद के

सुराख मे अपनी उंगली से रगड़ता है, शीला हाँ भैया मा के

चूतड़ तो बहुत फैले हुए हैं ऐसा लगता है जैसे अपनी गंद

ही गंद मे लंड लेती हो, अरे शीला जब मा के चूतड़ तू नंगी

देख लेती ना तो अगर तेरे पास लंड होता तो तू खड़े खड़े अपने

लंड को मा की गंद मे डाल देती ऐसी गदराई गंद मारने मे

मर्दो को बहुत मज़ा आता है, बस एक बार चोदने को मिल जाए तो

मज़ा आ जाएगा और फिर बिरजू ने शीला की चूत को हाथ लगाया तो

वह पानी पानी हो चुकी थी तभी बिरजू ने उसको अपनी गोद मे

बैठा कर अपनी लूँगी हटा कर अपना मोटा लंड अपनी बहन की

खुली हुई गदराई चूत पर रख कर उसकी चूत को अपने लंड पर

दबाया तो लंड सॅट से उसकी चूत मे उतर गया और शीला आह

भैया तुम्हारी बातो ने तो मेरी चूत का पानी निकाल दिया मैं तो

इस बात को सोच सोच कर रोमांचित हो रही हू कि कैसे तुम दोनो

भाई मा को पूरी नंगी करके कैसे उसे चोदोगे और कैसे वह

अपनी मोटी गंद और चूत फैला फैला कर तुम दोनो का लंड

अपनी चूत और गंद मे लेगी, क्या मस्त घोड़ी की तरह तुम दोनो

से अपनी चूत कुटवाएगी, तभी राजू भी शीला की गंद के पीछे

आ जाता है और बैठे बैठे शीला की गंद मे थूक लगाने

लगता है और फिर अपने लंड पर ढेर सारा थूक लगाकर उकड़ी

बैठ कर अपनी बहन की मोटी गंद के छेद मे अपना लंड

लगाकर उसकी गंद मे एक झटका मारता है और उसका लंड अपनी

बहन की मोटी गंद मे समा जाता है और शीला आह भैया ज़रा

आराम से आह आह और दोनो भाई आगे से और पीछे से अपनी

बहन की नंगी जवानी को धीरे धीरे ठोकने लगते हैशीला

बंदरिया की तरह अपने भाई से चिपकी होती है और दोनो भाई

उसकी चूत और गंद का मर्दन करना शुरू कर देते है राजू

पीछे से शीला के चुचियो को कस कस कर मसलता हुआ उसकी

गंद मे अपना लंड उसकी गंद की जड़ तक ठुसने लगता है और

बिरजू अपनी बहन के रसीले होंठो को चूस्ता हुआ आगे से उसकी

चूत मारता रहता है, फिर बिरजू धीरे से अपनी बहन की चूत

मे लंड फसाए खड़ा हो जाता है और शीला उसके लंड पर

टंग जाती है साथ ही राजू भी अपनी बहन की गंद मे लंड

फसाए खड़ा हो जाता है फिर दोनो भाई अपने दोनो हाथो

से शीला को हवा मे झुलाते हुए उसकी चूत और गंद को कस

कस कर ठोकने लगते हैंजब वह तीनो अपनी चुदाई मे मस्त रहते

है तो उन्हे नही मालूम होता है कि कमला घर के अंदर आ

चुकी है और वह देख रही है कि कैसे उसके दोनो बेटे अपनी

बहन को अपने लंड पर खड़े खड़े हवा मे झूला झूला

रहे है, कमला यह सीन देख कर हत्प्रत रह जाती है और

थोड़ा छुपते हुए उन तीनो को देखती रहती है उसका हाथ

अपने आप अपनी चूत की फांको को खुरेदने लगता है, और वह

उनकी चुदाई देख कर बहुत ज़्यादा गरम हो जाती है और अपना

घाघरा उठा कर अपनी चूत मे अपनी तीन उंगलिया सतसट

पेलने लगती है, और उसे ऐसा लगने लगता है जैसे उसके दोनो

बेटे शीला को नही उसे ही अपने लंड से चोद रहे है, लगभग

आधे घंटे तक शीला की गंद और चूत मारने के बाद दोनो

भाई अपना अपना माल अपनी बहन की गंद और चूत मे छ्चोड़

देते है उधर कमला भी उनकी मस्त चुदाई देख कर झाड़ जाती

है और फिर दबे पाँव घर के बाहर चली जाती है,

रात को बिरजू और राजू खाना खाकर बाहर बैठे थे कि अचानक

बारिश शुरू हो गई तब दोनो उठकर घर के भीतर चले गये

कमला बिस्तेर लगा कर सोने की तैयारी कर रही थी, शीला चल

बेटी बिस्तेर लग गया है आजा, शीला मा मुझे नींद नही आ

रही है मैं भैया लोगो के पास उनके कमरे मे जा कर थोड़ी

देर उनसे बाते करती हू आप सो जाओ, कमला मन ही मन कमिनि

दोनो भाइयो का लंड एक साथ लेकर चुदति है 4 महीने मे ही

इसकी चूत कितनी उठने लगी है, कमला अच्छा ठीक है बेटी पर एक

काम कर बिरजू को ज़रा मेरे कमरे मे भेज दे आज मेरे पैर

बहुत दर्द कर रहे है थोड़ा दबा देगा, शीला मन ही मन

अरे मा तेरे पैर दर्द कर रहे है या चूत और गंद दर्द कर

रही है, अच्छा मा मैं बिरजू भैया को कह देती हू, फिर शीला

अपने भाइयो के रूम मे चली जाती है और वहाँ पहूचकर

बिरजू भैया जाओ तुम्हे मा बुला रही है, बिरजू किस लिए शीला

धीरे से अपनी चूत और गंद मरवाने के लिए बिरजू हस्ता हुआ

क्या तू सच कह रही है शीला जाओ मा से जाकर पूछ लो कि मा

तेरी चूत मारना है क्या, और मुस्कुरा कर राजू के बगल मे

बैठ जाती है, राजू पर शीला मा ने मुझे नही बुलाया क्या,

शीला लूँगी के उपर से राजू का लंड दबाती हुई भैया मैं हू ना

तुम्हारे लिए और राजू उसे अपनी गोद मे बैठा कर उसके दूध

को अपने हथेलियो मे कसते हुए मेरी प्यारी बहना रानी तू तो

है ही लेकिन अगर मा भी नंगी होकर मेरे लंड पर बैठ जाए

तो मज़ा आ जाएगा, शीला अपने भाई के लंड को अपने घाघरे

को उठा कर अपनी चूत से रगड़ते हुए, भैया मुझे तो लगता

है मा की चूत भी तुम दोनो के लंड के लिए बैचैन रहने

लगी है, हाय शीला तू कितनी अच्छी बाते करने लगी है, और शीला

की पूरी चूत को फैलाकर उसकी फूली हुई बुर मे अपनी जीभ

डालकर उसका रस चाटने लगता है, शीला भैया जैसे मेरी चूत

चाट रहे हो ऐसे ही मा की चूत भी चाटने का मन कर रहा

होगा ना, राजू हाँ मेरी रानी मा को तो पूरी नंगी करके उसकी चूत

और गंद रात भर चाटने और चोदने का मन करता है, तभी

अरे शीला हम दोनो भाई तो एक बात भूल ही गये, और अपनी प्यारी

बहन की चूत मे खच से अपना मोटा काला लंड पेल देता है,

शीला आह और राजू को अपने दूध से चिपकाते हुए क्या भूल

गये भैया, शीला आज हम दोनो भाइयो ने संध्या भाभी को

पकड़कर चोदने का मन बताया था जब वह शाम को संडास

के लिए खेत पर जाती तो हम उसे चोदने वाले थे लेकिन तेरी

वजह से ना तो हम आज दारू पीने गये और ना ही उसे चोदने

का ख्याल रहा, शीला अपनी गंद का झटका अपने भाई के लंड पर

मारते हुए, पर भैया तुम संध्या भाभी को ऐसे ज़बरदस्ती

चोदोगे तो कही वह सब को बता ना दे, राजू अरे नही रे आज ही

हमने उसे अपना मोटा लंड निकाल कर दिखा दिया था तब वह

हमारे लंड को देख कर हस्ती हुई अपने घर की ओर भाग गई,

तब हमे यकीन हो गया कि इसकी चूत भी खूब खुजलाती है और

यह हमारे लंड को अपनी चूत मे लेने के लिए तड़प रही है,

शीला ओह भैया और ज़ोर से चोदो ना तुम्हारा लंड है ही इतना

जबरदस्त कि जो औरत देख ले उसे अपनी चूत मे लिए बिना रह

नही सकती है, और मुझे तो लगता है कि जिस तरह तुमने मा को

अपना मोटा लंड दिखा दिया है वह भी कोई ना कोई तरीका

ढूँढ रही है तुम दोनो भाइयो से अपनी चूत और गंद

थुकाने के लिए, उसकी चूत तुम्हारे लंड को खाने के लिए

तड़प रही होगी, शीला की बात सुन कर राजू ने अपनी कमर की

रफ़्तार तेज कर दी और सतसट अपनी बहन की चूत मारने लगा

शीला आह आह आह ओह भैया तुम कितना अच्छा चोद्ते हो, इतना

बढ़िया तो तुम्हारे जीजाजी भी नही चोद्ते है खूब चोदो अपनी

बहन को खूब कस कस कर अपनी बहन की चूत मारो भैया और

दूध भी दबाओ ना ज़ोर ज़ोर से मसल डालो अपनी बहन की मोटी

चुचिया और चोदो भैया, राजू गहरे गहरे धक्के अपनी

बहन की चूत मे जड़ तक दे रहा था और उसकी चोदने की स्टाइल

से लग रहा था कि वह अपनी बहन को काफ़ी देर तक रगड़ने के

मूड मे है, शीला की चूत बिल्कुल लाल हो चुकी थी, अब राजू ने

शीला को घोड़ी बनाकर अपना लंड उसकी चूत मे डाल कर फिर

तगड़े तगड़े झटके उसकी चूत मे मारने लगा शीला पूरी मस्ती

मे अपने भैया का लंड अपनी रसीली बुर मे ले रही थी, भैया

जब मैं यहा से चली जाउन्गि तो आप दोनो भाइयो के लंड के लिए

बहुत ताड़पुँगी, राजू अरे मेरी रानी बहना तू फिकर क्यो करती है

शहर यहा से है ही कितना दूर हम हर हफ्ते मे एक बार

आकर तुझे दिन भर चोदेगे और तेरी हर सात दिन की पूर्ति एक ही

दिन मे करके जाएगे और वैसे भी जीजाजी तो दिन भर काम पर ही

रहते है, हम सुबह से ही उनके जाने के बाद तुझे पूरा दिन

घर मे नंगी रखेगे और खूब तेरी चूत और गंद की ठुकाई

करेगे, और फिर राजू शीला को पूरी नंगी कर देता है और खुद

भी पूरा नंगा हो जाता है और दोनो भाई बहन ऐसे चिपक

जाते है जैसे एक ही जिस्म हो, भैया एक बात कहु हाँ मेरी रानी

बोल ना, भैया मुझे तो लगता है मा की चूत खूब गरम हो

रही थी इसीलिए उसने बिरजू भैया को बुलाया है नही तो आज दिन

भर वह काम ही क्या करी है जो उसके पाँव दर्द करेगे, मुझे

लगता है वह पाँव दब्वाते दब्वते बिरजू भैया को कहेगी

बेटा यही सो जा शीला भी शायद राजू के पास ही सो गई होगी,

इसलिए भैया मे चाहती हू कि आज रात भर तुम मुझे कस कस

कर चोदो मुझे तुम्हारा लंड बहुत अच्छा लगता है, तुम

बहुत अच्छा चोद्ते हो तब राजू ने शीला को पूरी नंगी ही

खड़े खड़े अपने लंड पर चढ़ा लिया और शीला अपनी दोनो

टाँगे अपने भाई की कमर मे लपेट कर उसकी छाती से चिपक

गई और राजू उसकी मोटी गंद के नीचे अपना हाथ लेजा कर अपनी

बहन को तबीयत से चोदने लगा, और शीला आह आह आह आ ओ

भैया बहुत मज़ा आ रहा है रुकना मत भैया ऐसे ही

चोद्ते रहना, आह आह ओ भैया थोड़ा ज़ोर से मारो अपनी बहन

की चूत, फाड़ दो भैया अपने लंड से अपनी बहन की चूत को,

और राजू कस कस कर अपनी नंगी बहना को चोदने लगा,

क्रमशः.............
 

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ले बिरजू मार सुट्टा, राजू अपने भाई बिरजू को बीड़ी देते हुए, आज तो नशा ही नही आ रहा है और देसी दारू की बोतल जो कि आधी हो चुकी थी को उठाकर मुंह से लगा कर गटकने लगता है।

रात के सन्नाटे मे दोनो भाई गाँव की एक पुलिया जो उनके घर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर थी वहाँ बैठ कर दारू का मज़ा ले रहे थे, और साथ मे बीड़ी के लंबे लंबे कस मारते जा रहे थे, फिर राजू बोतल बिरजू को दे देता है और उससे बीड़ी ले कर कस मारने लगता है, उनका घर उस पुलिया से साफ नज़र आता था, उनका घर खपड़ैल वाला कच्चा मकान था। जिस पर एक बड़ा सा आँगन है और फिर एक पुराने जमाने का बड़ा सा दरवाजा है जो कि उन्हे उस पुलिया से खुला दिखाई पड़ रहा था, दरवाजे के बाहर एक रास्ता है जिसे पूरा गाँव पास की नदी पर जाने के लिए यूज़ करता है उस नदी का घाट भी राजू और बिरजू के घर से 200 मीटर की दूरी पर ही है, उनका यह घर नदी की तरफ का आख़िरी मकान है, और जिस पुलिया पर ये दोनो बैठे थे उसके पीछे की ओर आम का काफ़ी बड़ा बगीचा है, और उस बगीचे के पीछे से थोड़ा बहुत जंगल शुरू हो जाता है, गाँव काफ़ी छोटा है लगभग 40-50 मकान बने होंगे।

बिरजू की उमर लगभग 24 साल के करीब है और राजू उससे 2 साल छोटा है लेकिन दोनो भाई बचपन से ही दोस्तो की तरह रहते है और वह ऐसे लगते है जैसे जुड़वा हो दोनो हट्टे कट्टे और मजबूत कद काठी के है।

"यार बिरजू चूत मारने का इतना मन करता है लेकिन कोई चूत का जुगाड़ ही नही बनता है"

राजू - हाँ यार बिरजू उस दिन थोड़े पैसे जोड़कर चूत के जुगाड़ मे शहर के रंडी बाजार भी हो आए लेकिन भोसड़ी चोदी ने हम दोनो भाई से पैसा ले लिया और दो मिनिट मे ही बोल दिया कि चल हट रे हो गया, मेरा तो लंड भी ठीक से खड़ा नही हुआ था और उस कुतिया ने दो दो कॉंडम मेरे लंड पर लगा दिए थे, भला तू ही बता ऐसे दो मिनट मे क्या चुदाई हो पाती है।

बिरजू - राजू यार चोदने के लिए तो हमारे मोटे लंड को कम से कम दो दो घंटे तो मिलना चाहिए, तभी हम तृप्त हो पाएगे,

राजू - बिरजू हाँ यार तू ठीक कहता है। वैसे मैं जब भी सुधिया काकी की मोटी गान्ड को सोच कर मूठ मारता हू तो कम से कम आधा घंटा तो काकी की मोटी मोटी गान्ड को सोच सोच कर मुठियाने मे लग ही जाता है तब जाकर मेरा माल बाहर निकलता है, और तुझे भी तो इतना ही समय लगता है ना,

बिरजू - हाँ यार तूने कहाँ सुधिया काकी की बात कर दी मेरा तो लंड कड़क होने लग गया है और लूँगी के उपर से दोनो भाई अपने अपने लंड को मसल्ने लगते है, सुधिया काकी भोसड़ी की 50 के लगभग की होगी पर साली के मोटे चुचे और फैले हुए भारी भारी चूतड़ देख कर तो ऐसा लगता है कि सीधे जाकर इसकी मोटी गान्ड मे लंड पेल दू,

और दारू की बोतल से बची हुई दारू गटकते हुए दोनो भाई अपना अपना लन्ड मसल रहे थे,

बिरजू - यार राजू मेरा लन्ड तो मोटी गान्ड का ही दीवाना है।

राजू - बिरजू अरे मेरा भी यही हाल है कि मोटे मोटे चूतड़ मिल जाए तो फाड़ कर रख दू, मोटे चूतड़ों को देख कर तो मेरे मूह से लार टपकने लगती है।

इन दोनो भाई का यह रोज का काम था दिनभर अपने घर के बाहर लूँगी पहनकर बैठ जाते थे और अपने गाँव की सारी नदी की ओर जाने वाली औरतो के मटकते चूतड़ देख देख कर अपना लंड मसल्ते बैठे रहते और जब कोई औरत नही दिखाई देती तो पड़ोस मे रहने वाली सुधिया काकी के आँगन की ओर नज़र गढ़ा कर उसके आने जाने का इंतजार करने लगते और सारे गाँव की औरतो के गदराए अंगो की चर्चा के अलावा इन दोनो भाइयो के पास कोई काम नही था, इत्तेफाक से दोनो के विचार भी बिल्कुल एक जैसे थे, शायद ये इनके खून का असर था।

सुधिया काकी इन दोनो के सगे ताऊ (अंकल) की औरत थी लेकिन सुधिया काकी, इन दोनो की मां कमला की लड़ाई काफ़ी पुराने समय से थी जिसके चलते दोनो परिवार के लोगो का आपस मे बोलचाल नही था, इन दोनो की मा कमला थोड़ी मोटी और भरे भरे बदन की एक 45 साल की औरत थी, उसके दूध और मोटे मोटे चूतड़ों के मुक़ाबले पूरे गाँव मे किसी भी औरत के दूध और चूतड़ नही थे, सुधिया काकी ज़रूर थोड़ा बहुत टक्कर ज़रूर देती थी लेकिन सुधिया काकी अगर 19 थी तो कमला 20 थी, कमला का पति मनोहर लाल जो कि दिन और रात शराब के नशे मे ही रहता था और उसका अधिकतर समय दारू के ठेके पर ही बीत जाता था,

मनोहर लाल के बारे मे गाँव मे एक बात फेमस थी कि काफ़ी साल पहले नदी के किनारे के एक पेड़ के पीछे अपनी मां गोमती जो की अब मर चुकी है को चोद रहा था जिसे गाँव के कुछ लोगो ने देख लिया था.

कमला अपने बेटो के साथ पास के जंगल से लकड़िया काट कर अपना घर चलाती थी, वह रोज सुबह सुबह घर का सारा काम करके दोपहर का खाना बाँध कर अपने साथ ही जंगल ले जाती थी फिर वहां दोनो बेटे लकड़िया काटने लगते और कमला उन लकड़ियो के तीन गथ्थे बना लेती थी।

फिर शाम तक ये लोग लकड़िया लेकर घर आ जाते थे, कमला की एक बेटी थी जो बिरजू से 4 साल और राजू से 2 साल छोटी थी। अभी तीन महीने पहले ही उसकी शादी हुई थी सो अभी वह अपने ससुराल मे थी।

सुधिया काकी का एक ही बेटा था मदन जिसकी शादी हो चुकी थी वह शहर मे किसी कारखाने मे रोज की मज़दूरी करके वही रहता था और उसकी बीबी संध्या अपने सास ससुर के पास गाँव मे रहती थी वह करीब 28 साल की उमर की रही होगी।

इनके घर के सामने ही एक हॅंडपंप था जो कि कई साल पहले इनके बाप मनोहर और काका किशन लाल (सुधिया का पति) ने मिलकर लगवाया था सो इनकी लड़ाई होने के बाद भी दोनो घर की औरते उसी से पानी भरती थी और वही खुले मे नहा भी लेती थी, और आसपास की कुछ औरते जिनकी पटरी या तो सुधिया या कमला से खाती थी आकर वही नहा लेती थी. राजू और बिरजू अपने घर के सामने लूँगी पहने कुर्सी लगाकर सुबह सुबह वही बैठकर घर के सामने से नदी की ओर जाती औरतो या हॅंडपंप पर नहाती औरतो को देख देख कर बस चूत लंड की बाते करते और लूँगी के उपर से अपना लंड मसलते रहते थे, और दोपहर होने पर अपनी मा के साथ जंगल चले जाते और शाम को आकर फिर घर के सामने कुर्सी डाल कर बैठ जाते और जब रात हो जाती तो दोनो भाई पुलिया पर जाकर दारू पीने लगते और जब रात के सन्नाटे मे खाना खाने के लिए आवाज़ लगती तो दोनो उठ कर घर की ओर आ जाते थे बस इसी तरह इनकी जिंदगी आगे बढ़ रही थी।

सुबह सुबह दोनो भाई घर के बाहर बैठे बैठे।

बिरजू - यार राजू देख संध्या भाभी लाल घाघरा चोली मे क्या मस्त लग रही.

राजू - बिरजू यार इसकी चूत भी मस्त लाल होगी, मदन तो शहर मे काम करता है, और यह बेचारी यहाँ लंड के लिए तरसती रहती है।

बिरजू - यार राजू, (अपना लंड मसल्ते हुए) इसकी ही चूत मारने को मिल जाए तो हमारा भी काम बन जाएगा और इस बेचारी की चूत को भी ठंडक मिल जाएगी और यह बेचहरी हमे दुआए भी देगी की कोई तो इसकी चूत के बारे मे सोचता है।

गाँव मे सभी औरते ज़्यादातर लहंगा और चोली ही पहनती थी और आप तो जानते है पॅंटी या ब्रा गाँव की संस्कृति मे नही है, संध्या पानी भरने के लिए हॅंडपंप के पास आ जाती है और दोनो भाई उसकी मोटी मोटी चूचियाँ और उसके चिकने पेट और नाभि को घूर घूर कर अपना लंड मसलने लगते है, संध्या ने अपना घाघरा नाभि के काफ़ी नीचे बाँधा हुआ था जिससे उसकी नाभि और पेट ऐसा नज़र आ रहा था जैसे कुवारि लौंडियों का पेट नज़र आता है उनकी कुर्सी से हॅंडपंप लगभग 20 मीटर की दूरी पर था।

राजू - यार बिरजू इसको एक बार अपना काला और मोटा लंड निकालकर दिखा दू क्या साली अभी पानी भरते भरते पानी पानी हो जाएगी, देख क्या मस्तानी चुचिया उपर नीचे होती है जब ये हॅंडपंप चलाती है,

बिरजू हस्ते हुए - अगर इसको हम यह बता दे कि जिस हॅंडपंप के डंडे को इसने पकड़ रखा है वह बिल्कुल हमारे लंड की मोटाई का है तो यह डर के मारे हॅंडपंप का डंडा छोड़ देगी और फिर कभी पानी भरने नही आएगी,

राजू हंसते हुए हा हा हा तू ठीक कहता है बिरजू इतना मोटा डंडा तो सुधिया काकी ही पकड़ सकती है पर भोसड़ी की जाने कहाँ गान्ड मरवा रही है नज़र नही आ रही है।

तभी संध्या पानी की बाल्टी लेकर अपने आगन मे चली जाती है और फिर इतने मे सुधिया काकी अपने मोटे मोटे चूतड़ मतकाते हुए बाहर बरामदे की झाड़ू लगाने लगती है, सुधिया काकी के मोटे मोटे चूतड़ देख कर राजू और बिरजू का लंड झटके मारने लगे थे

राजू - मेरी रानी कितनी मोटी और चौड़ी गान्ड है तेरी, हाय बिरजू एक बार इस घोड़ी की मोटी गान्ड मिल जाए तो साली की गान्ड मार मार कर लाल कर देंगे,

तभी सुधिया काकी उनकी ओर मूह करके झाड़ू लगाने लगती है जिससे उसके मोटे मोटे थन आधे से ज़्यादा उसकी चोली से बाहर गिरे जा रहे थे, और उसका चर्बी वाला लटका हुआ पेट और गहरी नाभि और पेट के मसल उठाव को देख कर दोनो भाई का हाथ अपने लंड पर तेज तेज चलाने लगता है,

बिरजू - राजू सुधिया काकी नंगी कैसी लगती होगी रे मेरा तो यह सोच सोच कर पानी ना निकल जाए।

राजू - चिंता मत कर बिरजू अभी थोड़ी देर मे भोसड़ी की नहाने आएगी तब आधी नंगी तो हो ही जाएगी

और दोनों चुपचाप अपने लंड को मसलने लगते है, थोड़ी देर बाद सुधिया काकी अपनी चोली और घाघरा लेकर हॅंडपंप पर आ जाती है, वह अपने घाघरे को अपने घुटनो के उपर करके बैठ कर कपड़े धोना शुरू कर देती है उसकी गदराई पिंदलियो और मोटी मोटी गोरी जाँघो को देख कर राजू और बिरजू के मूह मे पानी आ जाता है, जब सुधिया काकी कपड़े को ब्रश से घिसती है तो उसकी बड़े बड़े पपितो जैसी चुचिया बहुत तेज़ी से उपर नीचे होती है

राजू - यार बिरजू यह साली मादरचोद 50 साल की है पर इसका गदराया शरीर देखकर लंड लूँगी फाड़ कर बाहर आया जा रहा है।

तभी सुधिया काकी अपने दोनो हाथो से अपनी चोली के हुक खोलने लगती है और फिर अपने दोनो हाथ उपर करके अपनी चोली निकालती है उसकी बालो से भरी बगल देख कर दोनो भाई आ हा मज़ा आ गया और उसकी पहाड़ जैसे मोटे मोटे दूध दोनो भाई के सामने आ जाते है, अब सुधिया काकी पालती मार कर बैठ जाती है उसका गदराया उठा हुआ पेट, गहरी नाभि और मोटे मोटे चुचे, और दूध नंगे करके जब वह पालती मार कर बैठ जाती है तो इतनी मस्तानी लगती है कि कोई बेटा भी अपनी मा को इस हालत मे देख ले तो वह अपनी मा के ऐसे मस्ताने नंगे बदन से पूरा नंगा होकर चिपक जाए, यही हाल बिरजू और राजू का था उनका मोटा लंड हल्की हल्की पानी की बूँदो से चिपचिपाने लगा था।

सुधिया काकी ने दो चार मग पानी अपने नंगे जिस्म पर डाला और फिर साबुन से अपनी चुचिया और पेट पर साबुन मलने लगी, जब वह अपने मोटे पपीते जैसे दूध पर साबुन लगा कर रगड़ती तो उसके दूध उसके हाथ मे पूरा समा नही पाते थे, और साबुन की मस्लाई से इधर उधर छतक जाते थे, और फिर अपने उभरे उए पेट पर साबुन मलने लगी,

बिरजू - ये भोसड़ी अपने पेट को ऐसे सहला रही है जैसे कह रही हो आ मेरी चूत मे लंड डाल डाल कर मेरा पेट और उठा दे, हाय राजू क्या मदमस्त घोड़ी है रे मेरा तो पानी छूटने के कगार पर है,

तभी सुधिया काकी एक टांग लंबी करके अपने घाघरे को जाँघ की जड़ो तक चढ़ा लेती है उसकी जंघे भरपूर मसल और गोरी गोरी बिल्कुल कसी हुई लग रही थी,

राजू - इसकी मोटी जंघे तो दो हाथो मे भी ना समाए तो फिर इसके चूतड़ पकड़ने के लिए कितने हाथ लगाना पड़ेंगे, अरे बिरजू एक बात तूने देखा है कि औरत की उम्र ढल जाती है पर उसकी गान्ड और जाँघो की चिकनाहट वैसी ही रहती है, क्या मस्त चोदने लायक माल है, इसे छोटा मोटा चुड़क्कड़ चोद ही ना पाए इस मस्तानी घोड़ी की चूत और गांड तो हमारे जैसा मोटा काला लंड ही मस्त कर पाएगा,

तभी सुधिया काकी ने एक घुटने की जाँघो की जड़ो तक साबुन लगाने के बाद उस जाँघ को मोड मोड दूसरे पैर की जंगो से भी अपना घाघरा हटा कर मोड़ कर साबुन लगाने लगी अब सुधिया काकी उपर से लेकर पेट और कमर तक तो नंगी थी ही साथ ही उसका घाघरा उसकी चूत और जाँघो की जड़ो तक सिमट कर रह गया था और वह अपनी दोनो जाँघो को फैलाए अपनी एडिया पत्थर से घिस रही ही,

राजू - देख बिरजू ऐसे जंघे फैला कर बैठी है जैसे कह रही हो की आके घुस जा मेरे मस्ताने भोसड़े मे।

और फिर सुधिया दोनो पैरो के बल बैठ कर बाल्टी का पानी एक साथ अपने सर से डाल कर खड़ी हो जाती है और बिरजू और राजू की ओर अपनी गांड करके हॅंडपंप चलाने लगती है उसका पूरा घाघरा गीला होकर उसकी गान्ड से चिपक जाता है और उसकी मोटी गान्ड की दरार मे फँस जाता है जिससे उसकी मोटी गान्ड साफ झलकने लगती है ऐसा लगता है जैसे दो मोटे मोटे तरबूज थोड़े थोड़े गॅप मे लगा दिए हो,

बिरजू अपना लंड मसलते हुए - जा के फँसा दू क्या अपना लंड इसकी मोटी गान्ड मे, हाय रे क्या चूतड़ है रे ये तो मादरचोद हमारी जान लेने पर तुली है, यार राजू इसको हमने हमेशा हर तरह से नंगी नहाते देखा है लेकिन इसका भोसड़ा और इसकी मोटी गान्ड नंगी देखने को कभी नही मिली, यार कुछ चक्कर चला कर इसकी मोटी गान्ड और उसका छेद देखने का बड़ा दिल कर रहा है।

राजू - बिरजू एक आइडिया है मेरे दिमाग़ मे।

बिरजू - हाँ तो बता ना यार,

राजू - सुन यह रोज पुलिया के पीछे के खेत मे संडास करने जाती है बस यही एक तरीका है इसकी गान्ड देखने का वहाँ आसपास काफ़ी पेड़ भी है वही छुपकर हम इसकी गान्ड देखने कल चलते है,

बिरजू - ठीक है कल ही इसकी गान्ड का भरपूर मज़ा लेकर इसकी गान्ड देखते हुए वही पर मूठ मारेंगे,

गाँव मे अक्सर औरते अपनी चोली खोलकर वही नहा लिया करती है, सुधिया काकी ने अपने उपर अब मग से पानी डालना शुरू कर दिया और फिर अपना घाघरा ढीला करके एक दो मग पानी अपने घाघरे के अंदर चूत के उपर भी डाला तभी गाँव की एक दो औरते और आ गई और वो भी वही कपड़े धोने लगी और अपनी अपनी चोलिया उतार कर नहाने लगी, उनके दूध और गान्ड का भरपूर आनंद लेने के बाद जब हॅंडपंप पर कोई नही बचा तब राजू बोला।

राजू - अभी लंड हिला ले क्या,

बिरजू - नही यार जब तक मां को नंगी हम दोनो नही देख लेते तब तक हमारा माल निकलता ही कहाँ है

और उन दोनो ने अपनी गर्दन अपने घर के दरवाजे की ओर घुमा दी और अपने घर के आँगन मे देखने लगे।

कमला घर के आँगन मे झाड़ू मार रही थी कमला की मोटी गान्ड के मुक़ाबले पूरे गाँव मे किसी भी औरत की गान्ड नही थी, मोटी मोटी केले के तनो जैसे मसल जाँघो के उपर उसके मोटे चूतड़ ज़रूरत से ज़्यादा बाहर की ओर उठे हुए और बिल्कुल गोल आकार लिए हुए उसकी गान्ड के पाट और गान्ड के बीच की दरार इतनी ज़्यादा विपरीत दिशा मे फैली हुई थी कि खड़े खड़े लंड गान्ड मे घुस सकता था जब वह झुक कर झाड़ू मार रही थी तो उसके विशाल मोटे चूतड़ और ज़्यादा बाहर की ओर निकलकर उसके चलने के साथ थिरक रहे थे,

राजू - अपनी मा की मोटी गान्ड जैसी गान्ड तो इस दुनिया मे कही नही होगी, इन मोटे मोटे चूतड़ों को देख कर तो लगता है मेरे लंड की नशे फॅट जाएगी।

बिरजू - मुझे तो लगता है कि अभी जाकर मा का घाघरा उठा कर अपना मोटा काला लंड सीधे गान्ड मे फसा दू, यार राजू मा के ये मोटे मोटे चूतड़ देख देख कर मेरा लंड लगता है लूँगी मे छेद कर देगा,

राजू - हाँ यार बिरजू तू ठीक कहता है मुझे तो मा की मोटी गान्ड मे अपना मूह भरने का बहुत मन होता है, अगर यह नंगी होकर हमारे सामने आ जाए तो इसको दिन रात चोदते ही रहे,

बिरजू - यह नंगी कैसी दिखती होगी रे मैं तो मा को पूरी नंगी करके देखने के लिए मरा जा रहा हू।

कमला झाड़ू मार कर सीधी उनकी ओर मूह करके खड़ी हुई तो उसका पेट दोनो भाइयो के सामने आ गया कमला अपनी फूली हुई चूत से बस दो इंच उपर अपना घाघरा बाँधती थी,

क्रमशः.................
 
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doctorchodu

MILFLOVER
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गतान्क से आगे........................

उधर बिरजू हाँ मा क्या है, कमला बिरजू ज़रा मेरे पाँव दबा दे

बेटा बड़ा दर्द हो रहा है, ठीक है मा और बिरजू अपनी मा के

पैरो की ओर बैठ गया और अपनी मा का घाघरा उठाकर उसके

जाँघो तक सरका दिया घाघरे की चौड़ाई (घेर) बहुत ज़्यादा

होने के कारण कमला ने अपनी जाँघो को थोड़ा खोल दिया और

बिरजू अपनी मा की फूली हुई गदराई चूत देख कर मन ही मन

खुस हो गया और अपनी मा की मोटी मोटी गोरी गोरी पिंदलियो को

पकड़ कर सहलाने लगा और फिर अपना हाथ उपर ले जाकर उसकी

मोटी जाँघ को जब उसने अपने हाथो मे दबोचा तो बिरजू का

लंड अपनी मा की मोटी गदराई जाँघो के स्पर्श से झटके मारने

लगा, कमला चुपचाप अपनी आँखे बंद किए लेटी थी उसकी मोटी

मोटी चुचियाँ उपर नीचे हो रही थी और ऐसा लग रहा था कि

कमला ने अपनी चुचियो को खूब कस कर अपनी लाल चोली मे

बाँध रखा है, बिरजू अपनी मा की गदराई जवानी को अपनी

आँखो से पी रहा था और सोच रहा था जब यह कपड़े मे

इतनी मादक लगती है तो नंगी इसका शरीर कितना मस्ताना होगा,

ऐसी चूत मारने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए, कितनी गदराई गंद

है मेरी मा की इसको तो नंगी करके खूब कस कस कर चोदने का

मन हो रहा है, तभी कमला ने बिरजू से कहा बेटा मैं सोने

की कोशिश करती हू अगर तुझे नीद आए तो यही लेट जाना

कमला वही राजू के साथ सो जाएगी, जी मा ठीक है और कमला

अपनी आँखे बंद कर लेती है, बिरजू अपनी मा के उठे हुए पेट

और गहरी नाभि को देख देख कर अपनी मा की चूत मारने को

तड़प रहा था और सोच रहा था इसकी चूत की गंद इतनी मादक

है कि इतनी दूर से भी इसकी चूत की कैसी मादक गंध आ रही

है, और बिरजू अपनी मा की मोटी गदराई गोरी गोरी जाँघो को अपनी

हथेलियो मे भर भर कर उसके गदराए योवन का मज़ा ले

रहा था, कभी कभी बिरजू अपनी मा की जाँघो के जोड़ तक भी

अपना हाथ फेर देता था, थोड़ी देर बाद बिरजू ने अपनी मा के

दोनो पैरो को अच्छे से फैला दिया और फिर अपनी मा की चूत को

बड़े प्यार से देखने लगा इतना बड़ा भोसड़ा तो सुधिया काकी

का भी नही था कैसी गदराई चूत है मेरी मा की, और बिरजू अपनी

मा के जाँघो को अपने दोनो हाथो मे भर भर कर उसकी

गदराई जवानी का मज़ा ले रहा था, कमला अपने बेटे द्वारा

अपनी मसल जाँघो को सहलाए जाने से उन्माद से भरी हुई थी

और आँखे बंद किए हुए उसे अपने बेटे के मोटे मोटे काले

लंड झूलते हुए नज़र आ रहे थे, उसकी बुर रसीले पानी से

चिचिपा गई थी बिरजू पूरी लगन से अपनी मा की मोटी जाँघो को

अपने दोनो हाथो मे भरने की कोशिश कर रहा था लेकिन

उसकी मा की जंघे इतनी गुदाज और मोटी थी की उसके दोनो हाथो

मे भी समा नही पा रही थी, उसका लंड लूँगी उठाए बार बार

झटके मार रहा था, बिरजू ने अपनी मा की दोनो जाँघो को थोड़ा

और फैला दिया जिससे उसकी मा की चूत पूरी खुल कर उसके सामने

आ गई वह अपनी मा की मस्तानी भोसड़ी को देख कर पागल हुआ जा

रहा था उसका बस नही चलता नही तो अभी के अभी अपने मोटे

डंडे को अपनी मा की भोसड़ी मे फसा कर उसकी चूत को पूरी

फाड़ कर रख दे किंतु वह भीतर ही भीतर डर भी रहा था कि

कही मा नाराज़ हो गई तो फिर क्या होगा, उधर कमला अपनी

जाँघो को और फैलाकर अपनी मस्तानी चूत के दर्शन अपने

बेटे को पूरी तरह खोल कर करवा रही थी और मन ही मन

सोच रही थी कि मेरे बेटे का मोटा लंड अगर मेरी चूत मे

घुस जाए तो सारी गर्मी शांत हो जाएगी, दोनो को काफ़ी देर हो

चुकी थी और दोनो की आँखो मे नीद नही थी, बिरजू ने

अचानक अपनी मा के मासल गदराए पेट पर हाथ फेरते हुए

धीरे से मा सो गई क्या, कमला जाग रही थी लेकिन कुच्छ बोली

नही तब बिरजू की हिम्मत थोड़ी बढ़ गई और उसने अपनी मा की

गुदाज फूली हुई चूत के उपर हल्के से अपने हाथो को रख

दिया उसकी इस हरकत से कमला सिहर उठी वह अपने आप को रोक

नही पा रही थी लेकिन हिम्मत करके चुपचाप पड़ी हुई थी,

बिरजू ने जब अपनी मा की फूली चूत का एहसास किया तो उसके रोंगटे

खड़े हो गये इतनी गदराई और फूली हुई चूत का स्पर्श इतना

मादक था कि उसके हाथ अपनी मा की बुर के उपर स्थिर रखे

होने की कोशिश के बावजूद कांप रहे थे, फिर बिरजू ने अपनी

मा की फूली हुई चूत पर अपने हाथ का थोड़ा सा दबाव बढ़ाते

हुए उसकी चूत को पूरी तरह महसूस करने की कोशिश की उसका

हाथ लरज रहा था लेकिन चूत के कोमल और फूले पन का

एहसास उसे बहुत उत्तेजित और रोमांचित कर रहा था उसने अपनी

मा की चूत को थोड़ा और दबाते हुए एक बार और कहा मा सो

गई क्या लेकिन कमला के मूह से एक बोल तक नही फूटा वह

हिम्मत बाँधे पड़ी रही लेकिन उसकी सांसो पर उसका बस नही

चल रहा था और उसकी मोटी मोटी छातियाँ उपर नीचे हो रही

थी और उसका प्यासा दिल बुरी तरह धड़क रहा था, अब बिरजू को

काफ़ी हिम्मत आ चुकी थी और उसने धीरे धीरे अपनी मा की

फूली हुई चूत पर हाथ फेरना शुरू कर दिया और उसकी फूली

चूत के मादक एहसास को महसूस करने लगा, जब बिरजू अपना

हाथ अपनी मा की चूत के छेद पर ले गया तो उसे एक झटका

लगा क्यो कि उसकी मा की चूत पूरी गीली थी ऐसा लग रहा था

जैसे उसकी मा मूत चुकी हो, और उसने मन मे सोचा कही मा

जाग तो नही रही है, फिर उसने सोचा अगर जाग रही है तो

मतलब उसको भी मज़ा आ रहा है और उसे मेरी इस हरकत पर

कोई आपत्ति नही है, और उसने अपना हाथ हटाकर अपनी मा के

घाघरे मे अपना मूह घुसा कर अपनी मा की फूली हुई बुर के

उपर अपने होठ रख कर अपने मूह को अपनी मा की फूली हुई बुर

पर दबाने लगा

उसे इतना मज़ा आ रहा था कि वह उस मज़े को

बयान नही कर सकता था, उसे उसकी मा की चूत से उठती गंध

पागल बना रही थी कुच्छ देर वह अपनी मा की चूत को अपने

बंद होंठो से चूमता रहा दबाता रहा फिर अपना मूह बाहर

निकाल लिया वह कोई रिस्क लेना नही चाहता था, लेकिन उसका मन

अभी भरा नही था और उसने अपना हाथ फिर से अपनी मा की

फूली हुई चूत पर रख दिया और हल्के हल्के सहलाने लगा,

कमला की साँसे रुकी हुई थी और फिर एक दम से साँसे छ्चोड़ती

उसकी हालत खराब हो रही थी तभी बिरजू ने अपनी मा के गुदाज

पेट के उपर मूह रख दिया और अपने मूह को अपनी मा के गुदाज

पेट पर दबा दबा कर उसके उठे हुए पेट को महसूस करने

लगा अब वह उपर की ओर बढ़ा और अपनी मा के दूध के उपर

अपना हाथ रख कर अपनी मा के दूध को हल्के हल्के दबाने

लगा, कभी कभी अपनी मा की मोटी मोटी चुचियो को थोड़ा ज़ोर

से दबा देता, कमला को अब बर्दास्त करना मुश्किल हो गया और

उसने नीद का बहाना करते हुए करवट ले ली और बिरजू एक दम

से हट गया लेकिन जल्दी ही उसने फिर से अपनी मा के पैरो को

अपने हाथ मे लेकर दबाने लगा थो डी देर बाद उसने धीरे

धीरे अपनी मा के घाघरे को उसकी गंद की तरफ से उपर उठाना

शुरू कर दिया अब उसका मन अपनी मा की मोटी गंद को देखने

का कर रहा था, उसने बहुत आराम आराम से अपनी मा के घाघरे

को काफ़ी उपर तक सरका दिया जब उसने अपनी मा की मोटी गंद

देखी तो उसका मूह खुला का खुला रह गया क्योकि वह अपनी मा

की गंद की गंद के गोल शेप और उसके उभरे हुए चूतादो के

पाटो को देखकर मस्त हो गया और जब उसकी नज़र अपनी मा के

गंद के छेद पर पड़ी तो वह अपने आप को रोक नही पाया और

अपने दोनो हाथो से अपनी मा की गंद को दबोचने लगा वह

ज़्यादा ज़ोर नही लगा रहा था लेकिन इतना ज़ोर से ज़रूर अपनी मा की

गंद को दबा रहा था कि उसे फुल मज़ा मिल रहा था फिर उसने

धीरे से अपनी मा की गंद के छेद पर हाथ फेरा और नीचे

तक हाथ ले गया तो उसे अपनी मा की चूत की फूली हुई फांको का

मस्त एहसास पागल कर गया. उसने अपने दोनो हाथो से अपनी मा

की मोटी गंद के छेद को फैलाकर उसकी गंद के छेद मे

अपनी नाक लगाकर उसकी गंद की मादक गंध को जब शुंघने

लगा तो कमला उसकी इस हरकत से पागल हो गई उसे लग रहा था कि

अभी अपने बेटे को अपनी बाहो मे कस कर दबोच ले और उसके

मोटे लंड को इतना चूसे की वह उसके मूह मे ही पानी छ्चोड़

दे, कुछ देर बिरजू ने अपनी मा की गंद को सहलाया उसके बाद

बिरजू ने अपना मोटा और काला लंड बाहर निकाला और अपनी मा की

गंद से अपने लंड को चिपका कर उसकी गंद से चिपक कर लेट

गया और धीरे धीरे अपनी मा के मस्ताने चूतादो पर अपना

हाथ फेरता रहा उसे ऐसा लग रहा था कि एक धक्का मारे और

अपना मोटा लंड अपनी मा की मतवाली गंद मे भर दे, लेकिन

वह चुपचाप पड़ा रहा, उधर राजू अपनी बहन की चूत मारने

के बाद उसकी गंद मे सरसो का तेल भर भर कर उसकी गंद मे

अपना लंड पेलने लगा और करीब सुबह 4 बजे तक राजू अपनी

बहन को हर आसन मे चोद्ता रहा, सुबह सुबह कमला जल्दी

उठ गई और उसने जब बिरजू के लंड को देखा जो लूँगी बाहर से

झाँक रहा था तो उससे रहा नही गया उसके लंड के मोटे

सूपदे को कमला ने अपनी मुट्ठी मे भर लिया तभी बिरजू का

लंड कड़क होने लगा तो कमला ने जल्दी से उसका लंड छ्चोड़ा

और बाहर आकर काम धाम मे लग गई,

क्रमशः....................
 

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गतान्क से आगे........................

शाम को दोनो भाई संध्या का खेतो के पास आम के पेड़ के

पीछे इंतजार करने लगे तभी उन्हे संध्या आती हुई दिखाई दी

संध्या ने इधर उधर देखा और फिर अपना घाघरा उठा कर

संडास के लिए बैठ गई दोनो भाई उसके मोटे मोटे कसे हुए

चूतड़ देख देख कर अपना लंड मसलने लगे कुछ देर इंतजार

के बाद संध्या उठ कर जैसे ही जाने के लिए पलटी दोनो भाई

उसके सामने खड़े थे संध्या उन्हे देख कर डर गई तुम

दोनो यहाँ क्या कर रहे हो, अरे भाभी हम दोनो आप की मोटी

गंद देख रहे थे जब आप संडास कर रही थी संध्या तुम्हे

शरम नही आती ऐसा करते हुए मैं अभी सुधिया काकी से

जाकर तुम दोनो के बारे मे बताती हू, तभी बिरजू ने उसका हाथ

पकड़ लिया अरे मेरी रानी जाती कहाँ हो अभी तो हम दोनो भाई

तुम्हे चोदेगे, संध्या कमिनो छ्चोड़ दो मुझे नही तो

तुम्हारी खेर नही, बिरजू ने संध्या के एक दूध को दबोच

लिया तो संध्या कसमसा गई लेकिन वह ज़्यादा विरोध नही कर

रही थी देखो तुम दोनो अच्छा नही कर रहे हो तभी राजू ने

संध्या की चूत को उसके घाघरे के उपर से अपनी मुट्ठी मे

भर लिया अरे भाभी अब ज़्यादा नखरा मत करो, संध्या आह

छ्चोड़ो मुझे नही तो मई चिल्लाउन्गि, बिरजू देखो भाभी हम

भी जानते हैकि तुम्हारी चूत को लंड चाहिए फिर नखरा क्यो

कर रही हो ऐसा मोका बार बार नही मिलता है और जो तुम

सुधिया काकी की धमकी हमे दे रही हो तो वो क्या करेगी वो तो

खुद हमसे अपनी चूत और गंद तबीयत से मरवा चुकी है,

संध्या ने जब यह सुना तो शरम करो कामीनो एक बूढ़ी

औरत के बारे मे ऐसी झूठी बात कह रहे हो, अच्छा भाभी

आप को यकीन नही आता तो फिर बताओ सुधिया काकी जब खेत मे

दोपहर को गई थी तो वहाँ से शाम को लगदाती हुई आई थी यह तो

तुमने भी देखा था और तुम जो सुधिया काकी को बुढ़िया कह

रही हो वह इतनी तबीयत से अपनी गंद उठा उठा कर चुदवा

रही थी तुम देखती तो कहती, और एक बार तुम भी हम से अपनी

चूत मरवा लो फिर तुम देखना तुम्हारे घर मे ही सुधिया

काकी की चूत और गंद ना मारी तो कहना तब तक थोड़ा अंधेरा

होने लगा था और दोनो भाइयो ने अपनी अपनी लूँगी उतार कर

अपना अपना काला लंड जब संध्या को दिखाया तो वह सिहर गई

अब दोनो भाइयो ने उसे आगे से और पीछे से दबोच लिया और

उसके गाल गले होंठ सभी जगह चूमने लगे, संध्या की चूत

भी गीली होने लगी और उसका विरोध ना के बराबर हो गया,

देखो बिरजू यह ठीक नही है कोई देख लेगा तो, अरे भाभी तुम

कहे फिकर करती हो हम सब संभाल लेंगे और फिर यहाँ अब

रात को कॉन मा चुदवाने आएगा और संध्या का घाघरा उठा

देते है राजू संध्या की चुचिया को तबीयत से मसल्ने लग

जाता है और बिरजू संधा की मोटी गंद को दबोचने लगता है

अब संध्या अपने शरीर को उनके उपर ढीला छ्चोड़ देती है, और

दोनो संध्या को पकड़ कर आम के बगीचे मे ले जाते है,

राजू धीरे दबा कमिने बहुत दर्द हो रहा है अरे भाभी

तुम्हारी चुचियो और चूत को लगता है तुम्हारे पति ने कस

कर मसला नही है इसीलिए इतनी कठोर है हमे तो ऐसा लग रहा

है जैसे किसी कुवारि लोंड़िया की चुचि मसल रहे है, ऐसी

कठोर चुचिया तो शीला की भी नही है, संध्या आश्चर्या से

क्या तुमने शीला की चुचिया दबाई है, बिरजू संध्या की चूत

मे अपनी एक उंगली पेलते हुए अरे भाभी आप तो चुचिया

दबाने की बात करती है हम दोनो भाई तो शीला को दिन रात

चोद्ते रहते है उसकी गंद और चूत मार मार कर हम फाड़

चुके है और शीला भी दिन भर बस हमारे लंड से चुद्ती

रहना चाहती है, संध्या तुम दोनो तो बड़े कमिने हो रे अपनी

सग़ी बहन को भी नही छ्चोड़ा, राजू अरे भाभी शीला इतनी मस्त

तरीके से चुदवाती है कि क्या बताऊ और उन दोनो ने संध्या

को वही खड़ी करके एक उसकी गंद फैला फैला कर चाटने लगा

दूसरा उसकी बुर को फैला फैला कर चाटने लगा संध्या पागल

होने लगी थोड़ी ही देर मे संध्या कामुक सिसकारिया निकालने

लगी, आह आह बिरजू राजू जल्दी से चोद लो ज़्यादा देर मत लगाओ

शुधिया काकी इंतजार कर रही होगी, तभी बिरजू ने संध्या के

हाथ मे अपना लंड पकड़ा दिया संध्या उसके मोटे लंड को

अपने हाथो मे लेकर ज़ोर ज़ोर से भिचने लगी

राजू ने संध्या

को वही ज़मीन पर लेटा दिया और उसकी चूत मे अपना लंड लगा

कर एक कस के धक्का मारा तो उसका लंड संध्या की चूत मे

आधा फस गया और संध्या के मूह से हल्की सी चीख निकल

गई, राजू भाभी तेरी चूत तो बहुत टाइट है रे क्या भैया ने

तेरी चूत नही मारी, और फिर एक करारा धक्का मारा कि राजू का

पूरा लंड संध्या की चूत मे समा गया और संध्या

तड़पने लगी आह आह ओह ओह मार दिया रे कितना मोटा लंड है

तेरा हाय मैं तो मर गई रे आह आह राजू अब धीरे धीरे मगर

गहरे धक्के संध्या की चूत मे मारने लगा तभी बिरजू

संध्या के मूह के पास उकड़ू बैठ गया और उसके दूध

दबाने लगा संध्या ने बिरजू का लंड अपने हाथो मे पकड़

लिया और उसको कस कस कर दबाने लगी बिरजू ने अपने लंड को

संध्या के मूह मे दे दिया और संध्या उसे चाटने लगी,

संध्या राजू धीरे चोद रे मेरी पीठ मे और कमर मे

पत्थर चुभ रहे है, राजू के घुटनो मे भी दर्द होने लगा

तब उसने संध्या को उठा कर खुद लेट गया और आजा मेरी रानी

आज तुझे अपने लंड की सवारी करवाता हू और संध्या को अपने

लंड पर बैठा दिया संध्या पूरी मस्त होकर उसके लंड पर

कूदने लगी, बिरजू संध्या के पीछे बैठ कर उसके दूध को

दबाने लगा थोड़ी देर बाद राजू ने जल्दी जल्दी अपनी कमर

उच्छाल उच्छाल कर संध्या की चूत मे अपना पानी निकाल दिया

फिर बिरजू ने संध्या को घोड़ी बनाकर पीछे से उसकी छूट

मई अपना लॅंड एक झटके मे अंदर कर दिया और संध्या को

हचक हचक कर चोदने लगा, लगभग 20 मिनिट तक

संध्या की चूत मारने के बाद संध्या की चूत मे ही झाड़

गया और फिर दोनो भाइयो ने अपनी अपनी लूँगी जल्दी से पहनी और

संध्या ने अपना घाघरा नीचे करते हुए कहा मैं जा रही

हू तभी बिरजू ने उसका हाथ पकड़ लिया और क्यो मेरी प्यारी

भाभी मज़ा आया की नही संध्या मुस्कुराते हुए चल छ्चोड़

अब मुझे जाने दे, बिरजू भाभी अब कब देगी, संध्या जब तुझे

चाहिए ले लेना अब हट और जाने दे मुझे और फिर संध्या

जल्दी जल्दी अपने घर की ओर आ गई, संध्या के चेहरे पर एक

अलग ही रोनक नज़र आ रही थी, फिर दोनो भाई दारू की दुकान

से एक देसी की बोतल लेकर पुलिया पर आकर बैठ गये और उनके

जाम चलने लगे,

रोज की तरह कमला ने रोटिया बाँधी और बिरजू और राजू को लेकर जंगल की ओर चल दी और शीला को घर पर रहने को कहा, शीला बोली मा तुम कहो तो मैं भी चलती हू, कमला नही बेटी ना जाने कब तेरा बाप घर आजाए तो उसे रोटिया भी देना होगी, वैसे तो वह दारू के ठेके पर ही मर रहा होगा पर कभी आ गया तो इसलिए तू यही रह और वैसे भी 4 दिन के लिए आई है कहाँ जंगल की ठोकर खाती फ़िरेगी और इतना कह कर कमला चल दी और उसकी मोटी गंद के पीछे दोनो भाई भी चल दिए, कमला चलते हुए अपने चूतड़ मतकती जा रही थी और दोनो भाइयो के लंड हरकत करने लगे थे, कमला चलते चलते उनसे बाते भी करती जा रही थी, अब लगता है तुम दोनो की शादिया करना पड़ेगी, अब तुम दोनो भी जवान हो चुके हो, क्यो रे बिरजू कुच्छ बोलता क्यो नही केसी बीबी लाना है तेरे लिए बिरजू अपनी मा के मोटे मोटे चूतादो के पाटो को देखता हुआ मा मुझे तो बिल्कुल तेरे जैसी बीबी चाहिए, और तभी राजू मा मुझे भी तेरे जैसी ही बीबी चाहिए, कमला मेरे जैसी वो भला क्यो, बिरजू मा हमे तो सारी गाँव की औरतो मे सबसे अच्छी तू ही लगती है इसलिए हमे तेरे जैसी बीबी ही चाहिए, कमला अच्छा ठीक है पर तुम्हारी बीबी आने के बाद तुम अपनी मा को घर से मत निकाल देना, राजू अरे कैसी बाते करती है मा हम तो तेरी दिन रात सेवा करेगे, भला घर से तुझे क्यो निकालेगे, कमला मुस्कुरा कर पीछे देखती हुई क्यो इतना चाहते हो अपनी मा को, हाँ मा दुनिया मे सबसे ज़्यादा, तीनो बाते करते करते जंगल पहुच गये और दोनो भाई लकड़िया काटने लगे और कमला उन लकड़ियो को उठा उठा कर एक जगह रखने लगी, थोड़ी देर बात कमला ने कहा चलो अब खाना खा लो फिर थोड़ी देर आराम करके फिर काम पर लग जाएगे, तभी बिरजू ने कहा मा वहाँ पास मे कुछ आम पके दिख रहे है मैं तोड़ कर लाता हू खाने के साथ खाएगे और बिरजू उठ कर आम के पेड़ की ओर चला गया, कमला एक पेड़ से टिक कर बैठी थी और राजू उसकी मोटी जाँघो पर अपना हाथ रख कर बैठा था, कमला क्यो रे राजू रात को शीला तेरे साथ ही सोई थी तूने उसे तंग तो नही किया, अभी वह पेट से है, क्या बात कर रही है मा हमे तो मालूम ही नही था कि वह मा बनने वाली है, कब मा बनेगी मा अरे बुद्धू अभी तो उसका तीसरा महीना शुरू हुआ है, अभी तो उसे काफ़ी समय लगेगा, बुद्धू कही का राजू की लूँगी मे बने तंबू को देखते हुए इतना बड़ा हो गया है पर इसे कुछ भी पता नही है, राजू अपनी मा की छातियो से चिपकता हुआ मा मुझे कैसे पता होगा अभी तो मेरी बीबी भी नही है, कमला बड़ा बीबी के लिए मरा जा रहा है क्या करेगा बीबी के साथ, राजू शरमाते हुए मा अब मैं इतना छ्होटा भी नही हू, कमला उसको अपने बाँहो मे लेकर चूमते हुए बेटा अब तू सचमुच का जवान हो गया है, इसी लिए तो मैं अपने बेटे से इतना प्यार करती हू, राजू नही मा तुम बिरजू से ज़्यादा प्यार करती हो और अपनी मा की मोटी जाँघो को सहलाने लगा, कमला भला वो क्यो इसलिए कि कल तूने बिरजू को अपने साथ सुलाया था मुझे तू कभी अपने साथ सुला कर प्यार नही करती, कमला देख रही थी कि राजू का लंड अब पूरी तरह लूँगी फाड़ने की पोज़िशन मे आगेया है, और राजू भी देख रहा था कि उसकी मा बार बार उसके मोटे लंड को देख रही है, कमला तो इतना बड़ा हो गया है फिर भी अपनी मा के साथ सोना चाहता है, मा बिरजू तो मुझसे भी बड़ा है फिर उसे तो तूने कल अपने साथ ही सुलाया त, कमला अरे बेटे उसे तो मैने अपने पैर दबाने के लिए बुलाया था फिर मैने उससे कह दिया था कि नींद आए तो यही सो जाना, मा तू मुझसे भी कह सकती थी मैं तो बिरजू से भी अच्छी मालिश करता हू, चाहे तो देख ले और राजू ने अपनी मा के घाघरे को उसके घुटनो तक सरकाकर उसकी गोरी पिंदलिया दबाने लगा, कमला बस बस अब अभी रहने दे आज रात को मैं तुझसे अपने पैरो की मालिश करवा लूँगी बस अब तो खुश , राजू हाँ मा लेकिन मैं आपके साथ सोउँगा भी, कमला बड़ा मरा जा रहा है अपनी मा के साथ सोने को क्या मैं तेरी बीबी हू, राजू मा तो क्या बीबी के साथ ही सो सकते है, मा के साथ नही सो सकते, कमला उसके गालो को खिचते हुए उसके लंड की ओर देख कर बेटा अब तू बड़ा हो गया है मेर साथ सोकर तू कुच्छ उल्टा सुलटा मत कर देना, राजू भोला बनते हुए उल्टा सीधा क्या मा, कमला मन ही मन बेटे तेरा लंड तो अपनी मा को देख कर खड़ा हो रहा है और फिर भोला बन रहा है, बहुत चूत मारने को मचल रहा है तेरा लंड, अरे बेटे उल्टा सीधा मतलब कही तू नींद मे अपने हाथ पैर मत मार देना अपनी मा को, राजू अरे नही मा मैं हाथ पैर नही मारता हू चाहे तो शीला से पुंछ लेना वह भी तो कल मेरे साथ सोई थी, कमला हाँ रे शीला तो सुबह सुबह बहुत खुश दिख रही थी ऐसा क्या कर दिया तूने, राजू मा रात को मैने शीला की अच्छी मालिश करदी थी ना इसलिए वह खुश लग रही थी, कमला तो बेटा जैसी मालिश तूने कल शीला की की थी वैसी ही मालिश मेरी भी आज कर देना, राजू अपना लंड मसल्ते हुए जिसे कमला देख रही थी और उसकी चूत मे ढेर सारा पानी बहने लगा था और उससे अब सहन नही हो रहा था और वह अपनी चूत का पानी अपने घाघरे से पोछ रही थी, मा तू फिकर मत कर मैं तेरी ऐसी मालिश करूँगा कि तू खुस हो जाएगी, तभी कमला बेटे ज़रा हट तो मुझे बहुत तेज पेशाब लगी है तू ज़रा अपना मूह उधर घुमा ले मैं पेशाब कर लू राजू ठीक है मा और कमला ने वही पास मे ही अपना घाघरा उठाया और थोड़ी देर नंगी ही राजू की ओर गंद कर के खड़ी रही, कमला आज पूरी चुदास से भरी हुई थी और उसने पूरा मन बना लिया था अपने बेटे को अपनी मोटी गंद दिखा कर उससे अपनी चूत मरवाने का, राजू अपनी मा के गदराए चूतादो को एक टक देखने लगा तभी कमाल ने अपना मूह राजू की ओर करके उसे पकड़ लिया क्यो रे मना किया था ना मैने क्या देख रहा है, अभी भी कमला ने अपना घाघरा नीचे नही किया था और पूरी राजू की ओर घूम गई उसकी नंगी चूत देख कर राजू का मूह खुला का खुला रह गया और कमला मंद मंद मुस्कुराते हुए अपना घाघरा आराम से नीचे करती हुई, राजू के पास आकर बैठते हुए क्यो रे मैने मना किया था ना फिर तूने क्यो देखा, वो मा वो, वो वो क्या कर रहा है क्यो देखा जब मैने मना किया तो मुझे तू मूतने भी नही दिया, मा माफ़ कर दे अब नही देखूँगा तू पेशाब करले, कमला उसके लंड को देख रही थी जो झटके मार रहा था लेकिन उसका मूह सफेद पड़ा हुआ था, कमला फिर उठी और जैसे ही वह खड़ी हुई राजू ने अपना मूह दूसरी ओर घुमा लिया तब कमला दो कदम चल कर राजू की ओर मूह करके अपना घाघरा उठाकर बैठ गई, तभी राजू से नही रहा गया और उसने सोचा मा दूसरी ओर मूह करके अपनी गंद मेरी तरफ करके मूत रही होगी तो उसने फिर से अपना मूह घुमाया और पहले उसकी नज़र अपनी मा की चूत पर पड़ी फिर अपनी मा से उसकी नज़र मिल गई कमला के चेहरे पर मुस्कान आगाई, क्यो रे शैतान कही का मेरे दुबारा मना करने के बाद भी क्यो देखा, राजू दूसरी ओर मूह घुमा कर वो मा मुझे लगा तुमने पेशाब कर लिया होगा, कमला अच्छा एक पल मे ही पेशाब निकल जाएगा क्या, और उठ कर राजू के पास आकर सच्सच बता क्या देख रहा था, राजू वो कुच्छ भी नही मा, कमला ने राजू के खड़े लंड को पकड़ लिया और ये क्या है और यह ऐसे क्यो खड़ा है, राजू एक दम झेप गया, कुच्छ नही मा , सच सच बता मुझे नंगी देखने का मन कर रहा है ना, राजू नही मा वो तो मैं ऐसे ही, कमला उसके लंड को दबाती हुई, ये तेरा लंड मुझे नंगी देख कर ही खड़ा हुआ है ना, राजू नही मा ये तो पहले से ही, कमला हाय राम मतलब तू मुझसे चिपक कर बैठा था तभी ये खड़ा हो गया था, राजू अपना सर नीचे झुका लेता है, उसका लंड अभी भी कमला के हाथ मे था, मतलब तेरा लंड अपनी मा को देख कर खड़ा होता है, और कमला ने राजू के लंड को एक बार दबा कर महसूस किया तो उसकी आँखे बंद हो गई, राजू समझ गया कि उसकी मा अब उससे फँस चुकी है और अपनी चूत उसे ज़रूर देगी, राजू मा क्या करू ये तो तब से खड़ा है जब से तू हमारे आगे चल रही थी, कमला हाय राम मतलब तेरा लंड अपनी मा के चूतादो को देख देख कर खड़ा होता है, और राजू का लंड मसल्ने लगी, राजू मा मेरा अकेले का नही बिरजू का लंड भी तेरे चूतादो को देख कर खड़ा हो जाता है, और मैने तो आज ही तेरे चूतादो को देखा बिरजू तो घर पर भी तेरे चूतादो को दिन भर देखता रहता है, कमला की चूत राजू के लन्ड़ को मसल मसल के पानी छ्चोड़ने लगी थी, कमला तो क्या तुझे मेरे चूतड़ इतने अच्छे लगते है कि तुम दोनो भाई मेरे चूतादो को घर पर भी दिन भर देखते हो, राजू कुछ नही बोला और कमला की उठी हुई छातियो को देख रहा था, कमला, अच्छा ज़रा दिखा तो तेरा लंड कितना बड़ा है और उसकी लूँगी हटा देती है अपने बेटे का काला और मोटा डंडे जैसा लंड देख कर कमला की आँखे फैल जाती है, तेरा लंड तो बहुत बड़ा है रे, राजू मा तेरी गंद भी तो पूरे गाँव मे सबसे बड़ी है

क्रमशः.........
 

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गतान्क से आगे........................

कमला राजू का लंड मुठियाते हुए आह कितना मोटा डंडा लेकर घूमता है रे तू, मा तू भी तो इतनी मोटी गंद लेकर मटका मटका कर चलती है तेरी मोटी गंद देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो जाएगा, कमला तुझे इतनी पसंद है मेरी गंद, और देखेगा राजू हाँ मा एक बार और दिखा दे ना, कमला वही झुक जाती है और अपना घाघरा उँचा करके अपनी कमर पर टांग देती है अपनी मा की इतनी बड़ी नगी गंद और पीछे से खुली हुई चूत की मोटी मोटी फांके देख कर राजू अपने आपको रोक नही पता है और अपना हाथ अपनी मा की मोटी गंद और चूत मे फेरता है जिससे कमला सिहर जाती है, आह बेटे क्या कर रहा है, तभी राजू अपना मूह अपनी मा की उठी हुई मस्तानी गंद पर लगा कर पागलो की तरह उसकी गंद और फूली हुई चूत की फांको को अपनी लंबी लंबी जीभ निकाल कर चाटने लगता है, कमला की चूत पानी पानी हो जाती है और वह सीसियती हुई घोड़ी बनी अपने बेटे से अपनी मोटी गंद और चूत को चटवाने लगती है राजू अपने दोनो हाथो से अपनी मा की गंद और चूत की मोटी मोटी फांके फैला फैलाकर चूत के छेद जो कि बिल्कुल गुलाबी नज़र आ रहा था को कस कस कर चाटने लगता है, तभी उधर से बिरजू आता है और वह दूर से ही ये नज़ारा देख लेता है और दबे पाँव उनके पास आकर धीरे से राजू के कंधे पर हाथ रखता है राजू पीछे पलटकर बिरजू को अपने होंठो पर उंगली रख कर चुप रहने का इशारा करता हुआ हटता है और बिरजू को चाटने को कहता है बिरजू अपनी मा की मोटी गंद और फैली हुई मोटी मोटी चूत की गदराई फांके देख कर झट से अपना मूह अपनी मा की मोटी गंद और मस्तानी चूत मे लगाकर चाटने लगता है, कमला घोड़ी बनी सिसकिया लेती हुई ओह ओह ओह बेटा ऐसे ही ओह ओह आह आह, करीब आधे घंटे तक अपनी मा की मोटी गंद और चूत को चॅटा, कमला कम से दो बार मूत चुकी थी और अब उसके पैर दर्द करने लगे थे तभी वह सीधी हो गई और जब उसने बिरजू को देखा तो तू कब आया बेटे, अरे मा तेरी चूत और गंद मैं भी 20 मिनिट से चाट रहा हू, मेरा लंड देखेगी और फिर दोनो भाई ने अपने अपने लंड अपनी लूँगी से बाहर निकाल लिए, अपने दोनो बेटो के मोटे लंड देख कर कमला की चूत फिर से पानी छ्चोड़ने लगी, और उसने दोनो के लंड को अपने हाथो से पकड़ कर अपने मूह से पीने लगी और दोनो भाई कराहने लगे, कमला बारी बारी से दोनो का लंड चूसने लगी लगभग 20 मिनिट तक कमला दोनो का लंड चूस चूस कर लाल कर चुकी थी, दोनो भाई मा बस कर तेरे मूह मे निकल जाएगा, कमला निकाल दे बेटे मेरे मूह मे ही निकाल दे और फिर दोनो भाई अपना माल अपनी मा के मूह मे ही निकालने लगे और कमला दोनो का रस चाट चाट कर पूरा पी गई, दोनो भाई एक दम सुस्त होकर वही बैठ गये, फिर कमला ने कहा चलो अब तुम दोनो खाना खा लो फिर तीनो ने मिलकर खाना खाया, खाना खाने के बाद बिरजू ने कहा मा अपनी चूत खोल कर हमे दिखा ना, कमला अरे बेटा अभी काम कर लेते है फिर घर चल कर तुझे मैं पूरी नंगी होकर अच्छे से अपनी चूत और गंद दोनो दिखाउन्गि, फिर तीनो ने फटाफट कुच्छ और लकड़िया काटी और फिर गत्था बना कर अपने सर पर लाद कर घर आ गये,

शाम को दोनो भाई पुलिया पर बैठे दारू पीते हुए बीड़ी के

कस लगा रहे थे, यार राजू आज हम मा को चोदेन्गे कैसे,

घर पर शीला भी है, राजू एक काम करते है आज शीला के साथ

तू सो जा आज मैं मा को चोद लेता हू कल मैं शीला के साथ सो

जाउन्गा और तू मा को चोद लेना, बिरजू हाँ ये ठीक रहेगा पर

मैं चाहता था कि हम दोनो मा को एक साथ चोदे तभी तो मा

को मज़ा आएगा एक लंड से तो उसकी पूर्ति संभव नही है मा

को तो जब तक हम दोनो तरफ से नही ठोकेगे तब तक उसे

मस्ती ही नही आएगी, तभी उन्हे दूर से कोई आता हुआ दिखाई

दिया, पर थोड़ा अंधेरा होने की वजह से साफ साफ नही दिख

रहा था और फिर दोनो उसे आते हुए देखने लगे जब वह

कुछ पास आई तो दोनो उसे देख कर चौक गये वह कोई और

नही सुधिया काकी थी,

क्यो रे कामीनो एक बार चूत मे आग लगा

दी अब क्या अपनी मा पे चढ़ते हो जो सुधिया की याद नही आती,

मैं आमो के पीछे जा रही हू जल्दी से तुम दोनो अपनी दारू

ख़तम करके उसी तरफ़ आ जाओ, बिरजू क्यो काकी आज ज़्यादा खुजली हो

रही है क्या, कमिने खुजली वाला कीड़ा अंदर डाल चुका है तो

अब खुजली नही होगी तो क्या होगा चल जल्दी आ मैं जा रही हू और

सुधिया काकी अपनी मोटी मोटी गंद मतकते हुए पुलिया के

पीछे की ओर के आम के पेड़ की ओर चल दी.

दोनो भाई जल्दी से अपनी दारू ख़तम करके सुधिया काकी के पास

जा पहुचे और दोनो ने उसे अपनी बाँहो मे आगे और पीछे

से दबोच लिया, एक उसकी मोटी गंद और चूत को अपने हाथो मे

भर रहा था तो दूसरा उसके मोटे मोटे दूध को दबोच रहा

था, हाय काकी तेरी गंद बड़ी मोटी है, काकी मुझसे मोटी तो तेरी

मा की गंद है तो क्या उसे भी ऐसे ही अपने हाथो से मसलेगा,

बिरजू अरे काकी मेरी मा अगर अपनी गंद हमसे मसळवती है तो

हमे मसल्ने मे क्या लगेगा हम तो उसकी भी चूत और गंद

फाड़ देंगे जैसे तेरी फाडी थी,

अरे लोडो जब तक किसी भोसड़ी की गंद दस बीस बार फाड़ ना दो उसे मज़ा नही आता तुम दोनो मेरी गंद फाड़ फाड़ कर लाल कर दो वैसे तुम दोनो बहुत अच्छा चोद्ते हो कही तुम घर पर अपनी मा पर तो नही चढ़ते हो एक बार उस पर चढ़ कर देखो बड़ा मज़ा देगी बहुत कसी कसाई गंद है साली की

बिरजू काकी का घाघरा उठा

कर उसकी चूत और गंद को दबोचता हुआ अरे काकी हमारी एसी

किस्मत कहाँ कि हमे गंद और चूत घर मे ही चोदने को मिल

जाए आ अबे उंगली मत कर अब सीधे लंड डाल दे, तभी बिरजू

काकी को थोड़ा झुका कर उसकी चूत मे पीछे से अपना लंड एक

ही झटके मे अंदर तक पेल देता है, सुधिया काकी आह

शाबाश बेटा राजू तू मेरी चुचिया कस के दबा रे, राजू काकी

की चुचिया को कस कस कर मसल्ने लगता है, और बिरजू उसकी

चूत कूटने लगता है, आह आह ओह ओह और तेज मार बिरजू फाड़ दे

बेटा अपनी काकी की चूत और मार आह आह और दे कस के दे और

तेज हाँ हाँ ऐसे ही आह आह, सुधिया काकी आम के पेड़ के तने को

पकड़े हुए झुकी झुकी बिरजू का लंड कस कस कर अपनी चूत मे

लेने लगती है, करीब 10 मिनिट के लगातार तगड़े धक्को के

साथ ही बिरजू झाड़ जाता है और जैसे ही अपना लंड काकी की चूत

से बाहर निकालता है, राजू अपना लंड उसकी चूत मे फसा कर

एक तगड़ा झटका मारता हैऔर सुधिया काकी अकड़ जाती है, राजू

एक उंगली सुधिया काकी की गंद मे डाल कर उसे चोदने लगता है

राजू धीरे धीरे लेकिन गहरे धक्के मारने लगता है और

सुधिया काकी अपना पानी रोके चुद्ती रहती है, और फिर जब

सुधिया काकी ज़ोर ज़ोर से कराहने लगती है तो राजू अपने लंड की

स्पीड बढ़ा देता है उसकी जंघे सुधिया काकी की मोटी जाँघो

से टकराती है और एक भयानक साउंड जंगल मे गूंजने

लगता है, और फिर बिरजू सुधिया काकी की चूत मे अपनी पिचकारी

मारने लगता है और सुधिया काकी की चूत भी पानी पानी हो जाती

है. तीनो थकान के मारे वही बैठ जाते है, दोनो

सुधिया काकी से लिपटे हुए उसके गदराए बदन को सहलाते

हुए बिरजू काकी तुझे चोद कर तो सचमुच मज़ा आ जाता है,

बेटा तुम दोनो बहुत मस्त चुदाई करते हो जो भी तुमसे एक बार

चुदवा लेगी वह बार बार तुम्हारा ही लंड चाहेगी, एक बार अपनी

मा को अपना अपना लंड खोल के दिखा दो वह तुम्हारे लंड को

खाने के लिए पागल हो जाएगी, उसकी चूत और गंद भी काफ़ी

मस्त है तुम दोनो मस्त हो जाओगे, पर काकी अपनी मा को कैसे

चोदे कही नाराज़ हो गई तो, सुधिया अरे कमिनो जैसे मुझे

बाँध के चोदा था वैसे ही अपनी मा को बाँध के पूरी नंगी

कर दो और फिर उसकी खूब कस के चूत मारो अगले दिन से वह

खुद ही तुम्हारा लंड अपनी चूत मे लेने को मचल जाएगी,

तभी उन्हे अपनी मा की आवाज़ सुनाई दी जो खाना खाने के लिए

दोनो भाइयो को आवाज़ लगा रही थी, बिरजू और राजू खड़े हो

गये और फिर सुधिया भी अपना घाघरा ठीक करती हुई जाओ

तुम्हारी रंडी तुम दोनो का लंड लेने के लिए आवाज़ लगा रही है

और फिर तीनो घर की ओर चल दिए.

राजू और बिरजू खाना खाकर बैठे रहते है और अपनी मा जो कि

घर की साफ सफाई कर रही होती है उसकी मोटी मोटी गंद को

घूरते रहते है और बीच मे अपना लंड मसल्ते रहते है,

लेकिन उन्हे पता नही होता है कि शीला दूसरे कमरे के खुले

हुए दरवाजे की आड़ से दोनो की इस हरकत को देख लेती है, शीला

मन मे सोचती है कि उसके दोनो भाई चूत के कितने भूखे

है अपनी मा को भी नही छ्चोड़ रहे है वह सोचने लगती है कि

ये दोनो मा को भी चोदना चाहते है, यह सोच कर उसका दिल

भी धड़कने लगता है कि मा इतनी गदराई हुई है कैसे कूद कूद

के अपनी मोटी गंद मरवाएगी और कैसी लगेगी चुद्ते हुए,

और फिर बाहर आकर बिरजू को इशारे से दूसरे रूम मे बुलाती

है, जैसे ही बिरजू उठ कर जाता है राजू अपनी मा के पास जाकर

उसकी झुकी हुई मोटी गंद पर हाथ फेरने लगता है, कमला

बेटे थोड़ा इंतजार कर अभी शीला देख लेगी, राजू अपनी मा के

मोटे मोटे दूध को दबोच कर अरे मा देख लेने दो शीला को

हम दोनो भाइयो ने उसकी चूत और गंद खूब मारी है अगर

वह देख भी लेगी तो कोई फ़र्क नही पड़ेगा, कमला अच्छा चल

मैं जल्दी से बिस्तेर लगा देती हू, ठीक है मा मैं शीला और बिरजू

से कह देता हू कि मैं मा के पास ही उनके पैर दबाने के लिए जा

रहा हू शीला तू बिरजू के साथ ही सो जाना और राजू दूसरे कमरे

मे जाकर देखता है कि शीला बिरजू की गोद मे बैठी थी और

बिरजू उसकी मोटी मोटी चुचियो को कस कस दबा रहा था, राजू

अरे तुम दोनो मज़े करो मैं मा के पैर दबाने जा रहा हू और

वही सो जाउन्गा शीला तू यही सो जाना, शीला ठीक है भैया, और

फिर राजू बाहर आ जाता है, बिरजू शीला के रसीले होंठो को

चूस्ता हुआ उसकी कठोर बड़ी बड़ी चुचियो को दबाने लगता है

तब शीला पानी जंघे खोल कर अपना घाघरा कमर तक चढ़ा

लेती है और बिरजू उसकी मोटी मोटी जाँघो और उसकी फूली हुई चूत

को सहलाने लगता है, शीला अच्छा भैया एक बात पुंच्छू, बिरजू

हाँ बोल, शीला भैया आपको औरतो मे सबसे ज़्यादा क्या अच्छा

लगता है, बिरजू शीला की मोटी मोटी गंद को अपने हाथो मे

भरता हुआ बोलता है मोटी मोटी गंद मुझे बहुत अच्छी लगती

है, शीला तुम्हे सबसे अच्छी गंद अपने गाँव मे किसकी

लगती है बिरजू शीला की चूत मे दो उंगलिया डाल देता है और एक

उंगली उसकी गंद के छेद मे डालता हुआ, मुझे सबसे अच्छी

गंद अपनी बहन की लगती है, शीला और किसकी अच्छी लगती है,

बिरजू अपनी सुधिया काकी की गंद भी मुझे बहुत पसंद है,

शीला तो फिर तुम्हे अपनी मा की गंद भी बहुत अच्छी लगती

होगी ना, बिरजू शीला की ओर देखते हुए, ऐसा क्यो पुंछ रही है

तू, शीला क्यो की मैने तुम दोनो को मा की गंद को घूर घूर

कर अपना लंड मसल्ते देखा था, बिरजू शीला के पेट को अपनी

ओर करके उसको अपनी छाती से चिपकाते हुए हाँ शीला मा की

गंद बहुत जबरदौस्त है मैं क्या करू जब मा की मोटी गंद

देखता हू तो मेरा लंड अपनी लूँगी फाड़ कर बाहर आने की

कोशिश करने लगता है, शीला तो क्या तुम मा को भी चोदना

चाहते हो, बिरजू शीला की दोनो मोटी जाँघो को फैला कर उसकी

चूत मे अपना लंड सेट करके उसकी चूत मे अपना मोटा लंड

फसा देता है शीला आह करते हुए बिरजू से पूरी चिपक जाती

है, और उसके मोटे लंड को अपनी चूत मे पूरा उतारते हुए उसे

अड्जस्ट करने लगती है, बिरजू शीला के रसीले होंठो को अपने

मूह मे भर के चूस्ता है और उसकी मोटी गंद दबाते हुए

शीला मा को पूरी नंगी करके चोदने का मेरा बड़ा मन करता

है, मा इतनी गदराई चूत है की उसको पूरी नंगी जो भी द्देख ले

उसका देखते ही पानी च्छुत जाए, शीला तुमने मा की छूट देखी

है, बिरजू अरे देखी क्या उसकी चूत को सूँघा भी है और बिरजू

खड़ा होकर शीला को खड़े खड़े अपने लंड पर टांग लेता है,

शीला भैया कैसी है मा की चूत, बिरजू एक दम कचोड़ी जैसी

फूली हुई और उसकी चूत की फांके का कटाव और फैलाव इतना

मस्त है कि देखते से ही उसकी गुलाबी बुर मे अपना मूह डालने

का करने लगता है, शीला और मा की गंद कैसी है, बिरजू मा की

गंद देख कर सीधे मन करता है कि इसको कुतिया बना कर

इसकी मोटी गंद मे इतने तगड़े शॉट अपने लंड के मारू कि पूरी

गंद मार मार के लाल कर डू, शीला बिरजू के जिस्म से चिपकी हुई

थी तभी बिरजू शीला को नीचे उतारता है और उसको पूरी नंगी

कर देता है और उसको झुका कर उसकी चूत को पीछे से चोदने

लगता है और उसकी मोटी गंद को सहलाते हुए उसकी गंद के

छेद मे उंगली डालने लगता है, शीला आह आह हाँ भैया ऐसे

ही थोड़ा और तेज से चोदो भैया, भैया तुम मा को कैसे

चोदोगे क्या वह तुमसे चुदवा लेगी, बिरजू अरे मा की चूत तो

मेरा लंड खाने के लिए तड़प रही है, और बिरजू अपनी मा की

फूली हुई चूत याद करके शीला की ताबड़तोड़ चुदाई शुरू कर

देता है, शीला आह आह ओह ओह हाँ हाँ ऐसे ही हाँ भैया और ज़ोर

से और तेज खूब चोदो खूब चोदो अपनी बहन को और अभी

तुम्हे अपनी मा को भी चोदना है, खूब कस्के चोदना भैया

मा को उसकी चूत और गंद फाड़ देना खूब नंगी करके उसकी

गंद मारना भैया, और फिर शीला झाड़ जाती है बिरजू भी उसकी

चूत तेज तेज चोद्ता हुआ झाड़ जाता है, और दोनो बिस्तेर पर लेट

जाते है और एक दूसरे से चिपक जाते है,

क्रमशः..............
 

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गतान्क से आगे........................

कुछ देर बाद बिरजू शीला के उठे हुए पेट पर हाथ फेरता हुआ

अपने हाथ को उसकी चूत के फूले हुए भाग पर ले जाता है और

शीला तेरा पेट और तेरी चूत लंड ले ले कर कितना उठ गया है,

शीला हाँ भैया तुमने कुछ ही दिन मे मुझे चोद चोद कर

अपनी मा जैसी चूत और गंद लाल कर दी है, बिरजू शीला सच सच

बता तुझे अपने भाइयो से चुदने मे मज़ा आता है कि नही,

शीला भैया तुम दोनो जब एक साथ मुझे चोद्ते हो ना तो

मुझे ऐसा लगता है कि मैं स्वर्ग की सेर कर रही हू मुझे

अपनी चूत और गंद मे इतना मज़ा आता है की ऐसा लगता है की

तुम दोनो दिन भर मेरी चूत और गंद मारते रहो, देखना

भैया जिस दिन तुम दोनो भाई ने मिल कर मा की चूत और गंद

मार दी उस दिन से मा तुम दोनो के सामने घर मे दिन भर

नंगी ही रहेगी बस एक बार तुम मा की बुर और गंद को कस कस

कर चोद दो, देखना तुम्हारा लंड खा कर मा की गंद और

मोटी हो जाएगी, मुझे तो अपने ससुराल जाना पड़ेगा पर तुम

दोनो भाई मा को दिन रात घर मे नंगी ही रखना और दिन रात

उसकी चूत और गंद को अपने इस मोटे लोदे से कूटना, बिरजू शीला

की बुर को चूमते हुए मेरी रानी तू फिकर क्यो करती है हम

दोनो भाई तेरे सामने ही मा को नंगी करके खूब चोदेगे बस

तू एक दो दिन रुक जा, फिर देखना हम दोनो भाई मा को बिल्कुल

रंडी की तरह चोद चोद कर उसकी चूत और गंद को लाल कर

देंगे वह खड़ी खड़ी ना मूतने लगे तो कहना और बिरजू शीला

की बुर के उठे हुए भज्नाशे को अपने मूह मे भर कर

चूसने लगता है और शीला अपनी चूत को पूरा फैला कर अपने

भाई के मूह पर लगा देती है,

उधर राजू जाते ही मा के गदराए बदन से चिपक जाता है और

जब अपनी मा के रसीले होंठो और फूले हुए गुलाबी गोरे गाल को

चूमता है तो उसका लंड झटके मारने लगता है, अपनी मा के

बदन से उठती भीनी भीनी खुश्बू उसे पागल करने लगती है

और वह खड़े खड़े ही अपनी मा की चोली को खोल देता है जैसे

ही उसके सामने उसकी मा के मोटे दो-दो किलो के पपितो जैसे

दूध सामने आते है तो वह अपना मूह अपनी मा के दूध मे

भर देता है और अपना हाथ अपनी मा की मोटी गंद पर लेजा कर

अपने दोनो हाथो से अपनी मा की गंद को पूरी ताक़त से भींच

भींच कर दबाने लगता है और उसकी गुदा मे अपनी उंगलियो का

दबाव देने लगता है, कमला की चूत पानी छ्चोड़ने लगती है और

वह राजू की लूँगी हटा देती है और राजू के काले मोटे लंड की

चॅम्डी को पीछे करके उसके सूपदे को बाहर निकालकर उसे

अपनी मुट्ठी मे भर कर आँखे बंद करके अपने बेटे के

मोटे लंड का एहसास करने लगती है, राजू अपनी मा के हाथो को

उपर उठाकर उसकी बालो से भरी कांख को सूंघने लगता है

उसकी मा की कांख की मादक गंध उसे पागल करने लगती है

और वह मा के मोटे दूध के निप्पल को मूह मे भर कर

उन्हे खूब चूस्ता है और अपने एक हाथ को घाघरे के उपर

ले जाकर अपनी मा की फूली हुई पूरी बुर को अपने हाथो मे भर

कर कस कर दबोचता है, कमला सीसियते हुए आह बेटा तेरा

लंड बहुत मोटा है और राजू के लंड को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए

उसे अपनी बाँहो मे भर लेती है, राजू अपनी मा के घाघरे का

नाडा खोल देता है और उसका घाघरा सरर से सरकता हुआ कमला

के पैरो मे गिर जाता है और कमला पूरी नंगी हो जाती है, राजू

कमला को अपने से थोड़ा दूर हटा कर अपनी मा को पूरी नंगी

खड़े हुए उसके गदराए बदन को देखने लगता है उसने इतनी

गदराई और मस्त नंगी औरत अपने जीवन मे कभी नही देखी

थी और वह सीधे जाकर अपनी नंगी मा से चिपक जाता है, मा

तू बहुत मस्तानी चूत है तेरी जैसी चूत देख कर दुनिया का

हर आदमी तुझे चोदने के लिए मरने लगे तेरे जैसी गदराई

मा जिसकी भी होगी वह कम से कम 4 बार रोज अपनी मा को नंगी

करके चोदेगा, तेरा पूरा बदन इतना भरा हुआ है कि हम दोनो

भाई तुझे अपने लंड पर उठा ही नही पाएगे तुझे को लिटा कर

या फिर घोड़ी बना कर ही तेरी चुदाई की जा सकती है, और अपनी

नंगी मा के बदन को पागलो की तरह चूमने लगता है

मा जब

तू हम दोनो भाई का लंड एक साथ लेगी तो तुझे मज़ा आजाएगा,

कमला बेटे अब मुझसे रहा नही जा रहा है जल्दी से मेरी चूत

मे अपना ये मोटा डंडा डाल कर इसकी चुदाई कर्दे, राजू अपनी

मा को पीठ के बल लिटा कर उसकी मोटी मोटी जाँघो को चूमने

लगता है कभी वह अपनी मा के गदराए पेट नाभि को चूमता

है कभी अपनी मा के उठे हुए पेडू और फूली हुई बुर को

अपने मूह से दबा दबा कर सुन्घ्ता है फिर अपनी लंबी जीभ

निकाल कर अपनी मा की फूली हुई बुर की मोटी मोटी फांको को

फैला कर उसके गुलाबी चूत के छेद मे अपनी जीभ डाल कर

अपनी मा के चूत का रस चूस चूस कर पीने लगता है और

कमला सीसियती हुई अपने बेटे के सर पर हाथ फेरने लगती है,

कमला --बेटे खूब चूस और ज़ोर से चूस अपनी मा की बुर सारा रस

पी जा बेटे मैं बरसो से तड़प रही हू आज सारा रस पी ले बेटा

अपनी मा की चूत का आह आह ओह ओह ऐसे ही आह आह और राजू अपनी

मा के भोस्डे को फैला फैला कर दबोच दबोच कर कभी

उसकी गंद के छेद को कभी उसकी चूत के छेद को चाटता है

और कमला पूरी मुस्ती मे अपनी कमर हिला हिला कर अपनी चूत को

उठा उठा कर अपने बेटे के मूह पर मारने लगती है, करीब

आधा घंटे की चुसाइ के बाद राजू अपना मूह हटा कर अपनी

मा की चूत को देखता है जो की उसकी चुसाइ से लाल हो जाती है

और वह अपनी मा की चूत मे एक झटके मे अपना मोटा लंड

ठोक देता है और अपनी मा के नंगे बदन पर लेट कर उसे

पागलो की तरह चूमते हुए अपने लंड के झटके अपनी मा की

चूत पर मारने लगता है, कमला अपनी पूरी टांग उठा उठा कर

अपने बेटे के लंड के झटको का जवाब देने लगती है और

सिस्याने लगती हैितभी राजू अपने पंजो के बल बैठ कर अपनी मा

की चूत मे तगड़े झटके मारने लगता है और फ़चा फ़च की

अव्वाज से पूरा कमरा गूंजने लगता है तभी राजू अपने दोनो

हाथो मे अपनी मा के दूध पकड़ कर उन्हे दबाते हुए

अपनी मा की चूत खूब कस कस कर मारने लगता है, कमला आह

आह करती हुई अपनी चूत को उसके लंड पर मारने लगती है उसकी

चूत के पानी से राजू का लंड पूरा गीला हो जाता है और अपनी मा

की चूत मई सतसट अंदर बाहर होने लगता है, फिर राजू अपनी

मा को घोड़ी बना कर उसकी चूत को पीछे से मारने लगता है

और अपनी मा की गंद को अपने हाथो से दबोचने लगता है,

उसका मोटा लंड अपनी मा की चूत मे सतसट अंदर बाहर होने

लगता है उसकी चूत का छेद बिल्कुल फैला हुआ दिखाई देता है

और राजू का काला मोटा लंड उसकी चूत को तबीयत से चोदने

लगता है, लगभग 20 मिनिट तक राजू अपनी मा को घोड़ी बना

कर उसकी चूत को बिल्कुल फाड़ देने के अंदाज मे चोद्ता है और

फिर दोनो मा बेटे एक साथ झाड़ जाते है

उधर बिरजू अपनी बहन की चूत चाट चाट कर उसे फिर से गरम

कर देता है और उसकी चूत और गंद को बारी बारी से ठोंकने

लगता है, उधर राजू अपनी मा के नंगे बदन को सहलाता हुआ

उसके होंठो को चूसने लगता है, कमला अपनी आँखे बंद किए

हुए गहरी गहरी साँसे लेती रहती है, तभी राजू अपनी मा से

कहता है मा मैं लेट जाता हू तुम जैसे मूतने बैठती हो वैसे

मेरे मूह पर अपनी चूत रख कर बैठो, और कमला अपनी चूत

खोल कर अपने बेटे के मूह पर रख देती है और राजू अपनी मा

की फांको को खूब फैलाकर उसकी चूत के छेद मे अपनी

जीभ डाल कर घुमाने लगता है और कमला सिसकने लगती है,

करीब 10 मिनिट तक राजू अपनी मा की चूत को चाट चाट कर लाल

कर देता है और कमला आह आह अब नही बेटा मेरा निकल

जाएगा आह आह सी सी राजू मा मेरे मूह मे ही निकाल दे अपना

पानी और अपनी मा की मस्तानी भोसड़ी को खोल खोल कर खूब कस

कस कर चूसने लगता है और अगले ही पल कमला ढेर सारा रस

अपने बेटे के मूह मे छ्चोड़ देती है, राजू उठ कर अपनी मा को

ओंधी कर के उसके मोटे मोटे चूतादो पर थप्पड़ मारता है

और उसकी गंद के छेद को फैला फैला कर चाटने लगता है

कमला घोड़ी बनी अपने बेटे की जीभ का आनंद लेती रहती है

अब राजू पास ही रखा सरसो के तेल को अपने लंड पर लगा कर

अपनी मा की मोटी गंद के भूरे छेद मे उंगलियो से तेल अंदर

घुसेड़ने लगता है वह अपनी मा की गंद को दो उंगलियो से तेल

लगा लगा कर पूरी चिकनी कर देता है फिर अपने लंड के मोटे

सूपदे को अपनी मा की गंद मे लगाकर एक तेज धक्का मारता

है और उसका लंड लगभग आधा उसकी मा की गंद को फैलाता

हुआ घुस जाता है और कमला आह करके दबी आवाज़ मे चिल्लाति

है तभी राजू अपनी मा की मोटी कमर को पकड़ के एक जबर्दुस्त

धक्का अपनी मा की मोटी गंद के छेद पर मारता है और उसका

काला मोटा लंड पूरा उसकी मा की गंद मे समा जाता है और

कमला ओह आह मार दिया रे आह आह करती हुई सीसियती है, अब

राजू अपने लंड को धीरे धीरे अपनी मा की गंद मे आगे

पीछे करता हुआ अपनी मा की मोटी गंद को चोदने लगता है,

पहले धीरे धीरे फिर खूब तेज़ी से अपनी मा की गंद मारने

लगता है और उसकी मा आह आ आह आह करते हुए ज़ोर ज़ोर से

सिसकिया मारने लगती है, एक तरफ बिरजू अपनी बहन की मोटी गंद

मारता रहता है तो दूसरी तरफ राजू अपनी मा के मोटे मोटे

चूतादो को कुटता रहता है दोनो भाई अपनी मा और बहन की

गंद मार मार के लाल कर देते है और दोनो मा बेटियाँ तबीयत

से अपनी गंद मरवाती है, राजू अपनी मा से कहता है मा तुझे

चोदने मे मुझे सबसे ज़्यादा मज़ा आ रहा है तेरी मस्तानी

गंद और चूत दुनिया मे सबसे मस्त है, तुझे अब मैं दिन रात

नंगी करके चोदुन्गा और दिन रात तेरी मस्त गंद को मारता

रहूँगा और तेरी फूली हुई बुर को दिनभर चुसूंगा तू बहुत

मस्त चोदने लायक माल है तेरे जैसी मा जिसकी भी होगी वह अपनी

मा को दिनभर नंगी करके चोद्ता रहेगा वाकई अपनी मा को

चोदने मे सबसे ज़्यादा मज़ा आता है, कमला कराहते हुए

बेटे तेरे जैसा मोटा लंड जिस किसी बेटे का होगा उसकी मा की चूत

एसे मोटे लंड से चुदने के लिए दिन रात पानी छ्चोड़ती रहेगी,

आह आह बेटे खूब चोद अपनी मा को चोद चोद के फाड़ दे बेटे

मेरी गंद को जिस दिन से मैने देखा कि मेरे दोनो बेटे मेरी

मोटी गंद को देख देख कर अपना मोटा लंड मसल्ते है उस

दिन से मैं समझ गई कि मेरे बेटे अपनी मा की मोटी गंद को

खूब रगड़ रगड़ कर चोदना चाहते है, तब से मैं भी तुम

दोनो से अपनी गंद मरवाने के लिए तड़प रही हू, तुझे मेरी

गंद बहुत अच्छी लगती है ना, हाँ मा मुझे क्या दुनिया के

हर बेटे को जिसकी मा की गंद इतनी मोटी होगी वह उसे चोदने के

बारे मे सोच सोच के अपना लंड ज़रूर हिलाता होगा, मैं तो

तुझे नंगी कर कर के चोदने का सोच सोच के कई बार झाड़

चुका हू अपनी मा को अपनी कल्पना मे नंगी कर के चोदते

हुए सोच सोच कर लंड हिलाने मे भी बहुत मज़ा आता है,

यही सब बाते करते हुए दोनो मा बेटे एक दूसरे के उपर आकर

गुटम गुथ होकर एक दूसरे से चिपक जाते है और एक दूसरे की

चूत और लंड को पूरी ताक़त से रगड़ते हुए खूब गहरे तरीके

से झाड़ते है, राजू को ऐसा लगता है जैसे सारा रस आज ही निकल

जाएगा और कमला की चूत ऐसे फड़कती है जैसे अपने बेटे के

लंड को दबोच दबोच कर उसका सारा रस निकाल लेगी और वह फिर

जोरदार तरीके से झाड़ जाती है, इधर बिरजू अपनी बहन की मोटी

गंद मार मार कर उसे अधमरी कर देता है उसकी बहन से अब

सहन नही होता है और वह उसी अवस्था मे पेट के बल लेट

जाती है और बिरजू उसकी गंद के मोटे च्छेद मे अपना लंड

फसाए हुए उसकी गंद और पीठ के उपर लेटे लेटे उसे पूरी

तरह दबोचे हुए अपनी बहन की गंद को सतसट चोदने

लगता है उसका रस निकलने वाला होता है तो वह ताबड़तोड़

धक्के अपनी बहन की गंद मे मारना शुरू कर देता है और

शीला नीचे पड़ी पड़ी आह आह करते हुए इतनी तेज आवाज़

निकालने लगती है कि कमला राजू से कहती है बेटे ये कैसी आवाज़

आ रही है ये तो शीला के करहने की आवाज़ आ रही है तब राजू

अपनी मा की चूत को अपनी मुट्ठी मे भरकर कहता है मा बिरजू

शीला की गंद मार रहा होगा इसीलिए शीला इस तरह से सीस्या रही

है. जब हम दोनो भाई मिलकर तुझे चोदेगे तब तू भी ऐसे ही

सीसियाएगी, और अपनी मा को नंगी ही अपने नंगे बदन से

चिपका लेता है, उधर शीला भी झाड़ जाती है और अपने नंगे

बदन को अपने भाई के नंगे बदन से चिपका लेती है और फिर

एक गहरी खामोशी च्छा जाती है लेकिन दोनो भाइयो को अपनी

नंगी मा बहन के नंगे बदन का एहसास महसूस होता रहता

है और दोनो मा बेटियो को उनके मोटे मोटे लंड उनके बदन

पर चुभते रहते है, अब चारो मन मे पड़े पड़े एक साथ

चोदने की कल्पना के साथ सो जाते है.

क्रमशः............
 

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गतान्क से आगे........................

सुबह सुबह दोनो बही हॅंडपंप के पास बैठे रहते है और

सुधिया काकी अपनी मोटी मोटी गंद मतकाते हुए हॅंडपंप पर

नहाने आती है और सबसे पहले अपनी चोली उतार देती है उसकी

गदराई मोटी मोटी चुचिया दोनो भाइयो के सामने आ जाती है

और उनका लंड लूँगी उठाने लगता है तभी सुधिया काकी अपने

घाघरे को अपनी जाँघो तक चढ़ा लेती है और दोनो को देखती

हुई अपनी जाँघो को थोड़ा फैला कर अपने घाघरे को अपनी

चूत से हटा कर दोनो भाइयो की ओर अपनी चूत खोल कर बैठ

जाती है और अपने उपर पानी डाल कर अपने मोटे मोटे थनो को

मसलते हुए नहाने लगती है, दोनो भाई उसका फटा हुआ

भोसड़ा देख कर अपना लंड मसलने लगते है, तभी सुधिया

काकी बैठे बैठे ही अपनी चूत को फैला कर एक मोटी धार

मारने लगती है सुधिया काकी को इस तरह मुतते देख कर दोनो

का लंड झटके मारने लगता है, फिर सुधिया काकी अपनी चूत

मे पानी के छीते मारती है और खड़ी हो जाती है उसका गदराया

पेट और नाभि देख कर दोनो के लंड से पानी की बूंदे आने

लगती है, फिर सुधिया काकी पूरी बाल्टी उठा कर अपने उपर डाल

कर नहा लेती है और फिर उनके सामने ही अपना घाघरा खोल

कर दूसरा घाघरा अपने सर से डालते हुए गीला घाघरा उतार

देती है एक पल के लिए वह पूरी कमर के नीचे तक नंगी हो

जाती है और फिर अपना घाघरा पहनकर चोली पहन लेती है

और फिर घर के भीतर चली जाती है, तभी सुधिया की बहू

घर से निकल कर संडास के लिए जाती है तभी दोनो भाई

सीधे सुधिया काकी के घर मे घुस जाते है और दरवाजा

लगा कर सुधिया काकी को पकड़कर पूरी नंगी कर देते है और

दोनो भाई अपना अपना लंड एक सुधिया की गंद मे तो दूसरा

सुधिया की चूत मे ठोकना शुरू कर देता है, और सुधिया

सीसीयाने लगती है, मादर चोदो कभी अपनी मा को भी ऐसे ही

चोदो वह भी तुम्हारे लंड के लिए तरस रही होगी, अपनी मा की

बात सुन कर दोनो सुधिया की गंद और चूत को ज़ोर ज़ोर से ठोकने

लगते है और सुधिया को दोनो और से खड़े खड़े तगड़े

झटके पड़ने लगते है सुधिया खूब सीसीया सीसीया कर आह आह

कमिनो मुझे तो लगता है तुम दोनो ने ज़रूर अपनी मा की चूत

और गंद भी मारी होगी तुम्हारे लोले दिनभर अपनी मा की मोटी

गंद देख देख कर खड़े रहते होंगे, सच सच बताओ

मदर्चोदो अपनी मा को चोदा है कि नही बिरजू सुधिया की

गंद को कस कस कर चोद्ता हुआ हाँ काकी अपनी मा पर तो हम

रोज रात को चढ़ते है, रात भर हमारी मा हमारे साथ नंगी

पड़ी रहती है, उसकी गंद और चूत मार मार कर हम लाल कर

देते है और अब तो हम दोनो भाई अपनी बहन शीला और मा

दोनो को पूरी रात नंगी करके चोद्ते है, सुधिया सीसियाते हुए

मदर्चोदो मैं तो पहले ही जानती थी तुम दोनो हरामी अपने

बाप पर ज़रूर गये होंगे आख़िर खून का असर कहा जाएगा,

अरे काकी हमने तो तेरी बहू को जंगल मे संडास जाते हुए भी

पकड़ कर चोदा है बड़ी कसी हुई चूत और गंद थी साली की

खूब कस कस कर मरवाती है हमसे अपनी चूत और कह रही

थी कि मेरी सास भी बहुत चुड़क्कड़ है उसकी चूत और गंद भी

मार दो तुम दोनो, सुधिया हरमियो मेरी बहू को भी नही

छोड़ा तुमने, राजू अरे काकी सच तो यह है कि मा वाली बात

ग़लत है अभी तक हमने उसे नही चोदा है बस तेरी बहू और

अपनी बहन शीला को ही चोदा है पर अपनी मा को चोदने के

लिए हमारा लंड दिन रात खड़ा रहता है पर समझ नही आता

कैसे चोदे अपनी मा को,

सुधिया अरे कमिनो जब रात को

तुम्हारी मा सो जाए तो उसका घाघरा उठाकर उसको पूरी नंगी

कर देना और जब उसकी मोटी गंद और चूत तुम्हे दिखे तो साली

रंडी को सोते मे ही लंड उसकी चूत मे फसा देना और कुतिया

को पूरी रात नंगी करके खूब कस कस कर चोदना साली को अभी

भी म्सी आती है, म्सी के बाद उसकी चूत खूब चुदासी हो जाती है

जब तुम दोनो अपनी मा को पूरी नंगी करके एक साथ अपने लंड

से उसको चोदोगे तो फिर वह रोज रात को तुम्हारा लंड खाए

बिना सोएगी नही वैसे भी उसका भोसड़ा और गंद इतनी मोटी है

कि उसे एक साथ दो लंड से चुदने पर ही मज़ा आएगा और

तुम्हारा लंड है भी इतना मोटा कि जैसे तुमहरि रंडी मा को

चोदने के लिए ही बना हो एक बार उसकी चूत और गंद चोद दो

फिर देखो वो दिनभर तुम्हारे आगे नंगी ही घूमेगी, और

फिर राजू और बिरजू सुधिया को कस कस कर चोदने लगते है और

सुधिया अपना पानी छ्चोड़ देती है और फिर दोनो भाई सुधिया

को पूरी ताक़त से चोद्ते हुए उसके दोनो छेदो को अपने पानी से

भर देते है,

दोनो भाई सुधिया काकी को चोद कर अपने घर आ जाते है, और

उनके आँगन मे दोनो रंडिया गंद मटका मटका कर काम

करती रहती है, और उन दोनो की मोटी मोटी गंद को देख कर

दोनो के लोदे फिर से सनसांने लगते है, उधर दोनो मा बेटियो

की चूत भी उन दोनो के लंड को देख कर पानी छ्चोड़ने लगती

है.

बिरजू मा आज जंगल नही चलना है क्या नही बेटे आज मन नही कर रहा है तब बिरजू और राजू दोनो गाँव मे घूमने चले जाते है कमला अपने बिस्तेर पर लेटी रहती है और शीला उसके पास जाकर क्या हुआ मा क्या तबीयत खराब है, लाओ मैं तुम्हारे पैर दबा देती हू और शीला अपनी मा के पैर को दबाने लगती है तभी कमला का घाघरा उसकी चूत से हट जाता है और शीला को अपनी मा की फूली हुई चूत नज़र आ जाती है, शीला अपनी मा की चूत को अपने हाथो से सहलाते हुए मा तुम्हारी चूत कितनी बड़ी और फूली हुई लग रही है, कमला हाँ बेटी मैं तुम तीन बच्चो को जन चुकी हू तो मेरी चूत बड़ी तो होगी ही ना, शीला पर मा तुम्हारी चूत से तो बहुत पानी आ रहा है, कमला बेटी मुझे वो सब करे बहुत समय हो गया है ना तेरा बापू तो दारू पी कर घूमता रहता है, और मैं तड़पति रहती हू इसीलिए कभी कभी इसमे से पानी बहने लगता है, पर मा यह तो बहुत पानी छ्चोड़ रही है लाओ मैं इसका पानी पोंछ देती हू और शीला अपनी हथेलियो से अपनी मा की चूत को पोंछने लगती है और कमला अपनी जंघे फैला कर अपनी पूरी चूत खोल देती है, शीला अच्छा मा बापू जब तुम्हे चोद्ता था तो तुम्हे बहुत मज़ा आता होगा ना हाँ बेटी लेकिन मेरी तृप्ति कभी नही हो पाती थी, शीला मा तुम्हारी चूत इतनी मस्त है कि कोई भी मर्द अगर ऐसी चूत देख ले तो अपना लंड डाले बिना नही रह सकता है, कमला तेरा पति तो तेरा पूरा ख्याल रखता है ना, शीला अरे मा उन्हे अपने काम से फुरसत मिले तब ना, तो फिर बेटी तुझे अभी उसकी याद बहुत आती होगी हाँ मा लेकिन, लेकिन क्या मा एक बात कहु हाँ बोल बेटी क्या बात है, मा मुझे उनका लंड बहुत छोटा लगता है मुझे तो बिल्कुल मज़ा नही आता है, कमला क्यो तूने किसी का बड़ा लंड देखा है जो उसका लंड तुझे छोटा लगता है, वो मा देखा तो है पर तुम्हे कैसे बताऊ, बता ना बेटी अपनी मा से क्यो शरमाती है क्या मैं तेरी भावनाओ को नही समझती हू, शीला बातो ही बातो मे अपनी मा की चूत मे अपनी दो उंगलिया डाल कर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगती है और कमला अपनी जंघे पूरी फैला कर पड़ी पड़ी मस्ता रही थी, मा मैने तो ऐसा लंड देखा है कि अगर तुम देख लो तो उसे अपनी चूत मे लिए बिना नही रह सकती हो, और तुम्हारी चूत देख कर तो ऐसा लगता है कि वह लंड तुम्हारी चूत चोदने के लिए ही बना हो, ऐसा किसका लंड देख लिया बेटी तूने, मा बहुत ही मस्त लंड है और वो भी एक नही दो दो मोटे मोटे लंड देखे है मैने, मेरी तो चूत गीली हो गई थी मा उन दो दो मोटे लंड को देख कर, शीला मा तुम्हारी चूत तो बहुत पानी छोड़ रही है और अपनी मा की चूत को खूब तेज तेज अपनी उंगलियो से रगड़ते हुए मा तुम्हारी चूत मे ऐसा ही मोटा लंड घुसेगा तब ही तुम्हे असली मज़ा आएगा, कमला कही तू उन लंडो से चुद तो नही गई बेटी, शीला अच्छा मा मेरी चूत देख के बताओ की मैं उन लंडो से चुदी होगी कि नही और अपना घाघरा उठा कर अपनी मा के मूह के सामने बैठ कर शीला अपनी फूली हुई भोसड़ी को अपनी मा को देखाती है, कमला शीला की चूत को फैलाकर देखते हुए उसकी बुर को सहलाते हुए मुझे तो लगता है बेटी तू उन मोटे मोटे लंडो को एक साथ ले चुकी है तेरी चूत भी पूरा भोसड़ा नज़र आ रही है, दोनो मा बेटी एक दूसरे की मस्तानी भोसदिया देख कर अपनी अपनी चूत से खूब पानी छोड़ने लगी थी, शीला एक दम अपनी मा के सीने से चिपक कर उसके गालो और होंठो को चूमती हुई हाँ मा मैं वो मोटे मोटे लंड से खूब कस कस कर चुदी हू और तुम अगर ऐसा मोटा लंड देख लो तो तुम्हारी चूत उनके लंड से चुदने के लिए पागल हो जाएगी, कमला अपनी बेटी की चूत को मसलते हुए अब बता भी दे किसके लॅंड की बात कर रही है, मा कोई और नही मई बिरजू भैया और राजू भैया के लॅंड की बात कर रही हू , कमला क्या बिरजू और राजू का लंड इतना बड़ा है, शीला हाँ मा उनके जैसा मोटा लंड तूने अपनी पूरी जिंदगी मे कभी नही देखा होगा, कमला तो क्या तू अपने भाइयो के लंड से चुद चुकी है, शीला मा दोनो भाई इतना मस्त तरीके से चोद्ते है कि मुझे अपने पति से ज़्यादा अपने भाइयो से अपनी चूत मरवाने मे मज़ा आता है, मा मैं तो कहती हू एक बार तू उनके मोटे लंडो से चुद कर देख तेरी सारी खुजली उनके मोटे लंड ही मिटा सकते है, और कमला की बुर को अपने हाथो मे दबोचने लगती है, कमला पर बेटी मैं उनकी मा हू मैं उनके साथ ऐसा कैसे कर सकती हू वो दोनो अपनी मा के बारे मे क्या सोचेगे, अरे मा तू तो बेकार परेशान हो रही है, तू नही जानती कि वो दोनो तुझे खूब कस कस कर पूरी नंगी करके चोदना चाहते है और अपनी मा की चूत मे दो उंगलिया डाल देती है, कमला ये तू क्या कह रही है, मैं सच कह रही हू मा जब दोनो मुझे चोद्ते है तो तेरी ही बात करते है और दोनो तुझे खूब चोदना चाहते है उन्हे तेरी मोटी मोटी गंद बहुत पसंद है, उन्होने तो तुझे कई बार नंगी भी देखा है, बिरजू तो कहता है कि शीला अपनी बहन को पूरी नंगी करके चोदने मे बहुत मज़ा आता है और उससे भी ज़्यादा मज़ा अपनी मा को पूरी नंगी करके चोदने मे आता होगा, मा तेरी गदराई गंद और चूत देख देख कर दोनो का लंड दिन रात खड़ा रहता है एक बार तू उन दोनो से एक साथ चुद कर देख मा तुझे मज़ा आ जाएगा, कमला पर बेटी यह सब होगा कैसे, शीला मा तू फिकर मत कर मैं आज उन दोनो को सब समझा दूँगी और उन्हे तेरे कमरे मे भेज दूँगी फिर तू पूरा दिन उनके लंड से चुदती रहना फिर मैं भी आ जाउन्गि और फिर हम दोनो मा बेटियाँ मिल कर उनसे खूब चुडवाएगी, कमला सीसियाते हुए बेटी अब मुझसे रहा नही जा रहा है, तभी शीला अपनी मा की चूत मे अपना मूह लगा कर उसका रस पीने लगती है तब कमला भी अपनी बेटी की चूत चूसने लगती है, दोनो मा बेटी एक दूसरे की बुर का पानी खूब कस कस कर चुस्ती है और फिर झाड़ जाती है

क्रमशः.............
 

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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है भाई
मजा आ गया
अगले धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा
 
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