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हाय दोस्तो मै पहली बार लिख रहा हूं। मुझे लिखने की आदत नहीं है और मै कभी कोशिश भी नहीं किया। पहली बार हजारों गलतियां होंगी। कृपया मारगदर्शन करे
Pahele he post Mai galti edit Kar ki character ko 18+ karloसमय बर्बाद ना करते हुए कहानी पर चलते है। आगे जो भी कैरेक्टर आएगा उसका परिचय साथ में करा दूंगा।
बात उस समय की है जब मै पांचवीं कक्षा में पढ़ता था मेरी बहन आठवीं में पढ़ती थी। हमलोग क्लास अलग अलग था लेकिन स्कूल एक ही था। मेरे साथ रोज किसी ना किसी के साथ झगड़ा हो जाता। बात होती कि कोई मेरी बहन संजना के बारे में गलत बाते बोल देता तो मेरा दोस्त मुझे बता देते और मै उस लड़के के साथ झगड़ा कर लेता। सिकायत स्कूल से घर तक आता। एक दिन मेरे पिताजी ने मुझे हॉस्टल भेजने के लिए कहा और मै थोड़ा नानुकुर करने के बाद तैयार हो गया।
मेरा नाम गगन है, हम राजस्थानी है। लेकिन हमारे दादा जी लखनउ उत्तरप्रदेश में किराना दुकान चलाते थे। उसके साथ ही हमारे पिताजी थोक व्यापारी का धंधा शुरू कर दिया धीरे धीरे व्यापार चल गया और दादा जी वही घर बना कर पूरे परिवार के साथ लखनऊ में रहने लगे।
वैसे हमारा परिवार ज्यादा बड़ा नहीं है। महिपाल यानी महेंद्र दादाजी,
और उनके दो बेटे धर्मपाल यानी धर्मेंद्र मेरे पिताजी और शिशुपाल यानी सुरेंद्र मेरे चाचा। मेरे दादा जी के दो लड़कियां भी थी जो मेरे पापा से छोटी थी दोनों बहन की शादी दिल्ली में रहने वाले हमारे ही सहर यानी राजस्थान के एक रईश परिवार में एक ही घर में दोनों का ब्याह हुआ था
मेरी मां सरला