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Incest लंगड़ा घोड़ा पापी लोड़ा

Unique kameena

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इतना बड़ा अपडेट दिया और किसीने एक भी कॉमेंट नहीं किया। लगता है आप लोगों को कहानी पसंद नहीं आई।अगर आप लोगों को कहानी पसंद नहीं आई है तो लिखने का क्या मतलब।
 

Motaland2468

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इतना बड़ा अपडेट दिया और किसीने एक भी कॉमेंट नहीं किया। लगता है आप लोगों को कहानी पसंद नहीं आई।अगर आप लोगों को कहानी पसंद नहीं आई है तो लिखने का क्या मतलब।
Aisa nhi hai bs abhi kahani adultery lag rahi h jaise hi story incest ki taraf jayegi comments apne aap ayenge to bindas hokr likho
 

normal_boy

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अपडेट 8 (लाल रंग से लिख रहा हूं तो आप लोग समझ गए होंगे)

अमजद नंगा राजा की तरह पैर नीचे करके बेड पर बैठा था और दिव्या नंगी होकर घुटनों के बल कुत्तिया की तरह नीचे बैठी थी और अमजद का लंड चाट रही थी।
अमजद के लिए ये सीन एक सपने के जैसा था।वो कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था कि दिव्या जैसी खुबसूरत और घमंडी लड़की कभी उसका लंड चुसेगी।मगर यहां दिव्या उसका लंड ही नहीं चूस रही थी बल्कि उसकी रंडी बन कर उसका लंड चूस रही थी।

अमजद सोच रहा था कि अगर जैसी घमंडी और गुस्सैल लड़की उसकी रखैल बन सकती है तो दूसरी लड़कियां और औरतें भी उसकी रखैल बन सकती है।अब मै उन सभी औरतों को अपनी रंडी बनाऊंगा,जिन्होंने मेरा लंगड़े होने का मज़ाक उड़ाया था।मुझे थोड़ा लंगड़ाके चलते देख मुझपे हसती थी।उनको मैं अपने इस बड़े लौड़े से ऐसे चोदूंगा की उनकी चाल बिगड़ जाएगी। अब रंडियां मुझसे चूत मरवाके गांड मरवाके लंगड़ी चलेगी और सब लोग हसेंगे।

अब ज्यादा बकचोदी नहीं।
अब आते है कहानी पे।मेरा मतलब अब देखते है दिव्या का भोलापन(रंडीपन)और अमजद का कमीनापन।

दिव्या बड़े मजे से अमजद का लंड चूम रही थी।दिव्या ने लंड चूम चूमकर अमजद के काले लंड को गुलाबी कर दिया।अरे दिव्या के होठों पर गुलाबी लिपस्टिक लगी हुई थी।।

अमजद=मेरी रांड।
दिव्या=(लंड चूमते हुए अमजद की तरफ देख कर)जी मालिक।
अमजद=कैसा है मेरा लंड।
दिव्या=मालिक बहुत प्यारा है।
अमजद=मेरा लंड तुझे पसंद आया मेरी कुतिया।
दिव्या=मालिक बहुत पसंद आया आपका बड़ा लंड।
अमजद=तो अब ऐसे बच्चो की तरह चूमना छोड़ और एक रंडी कुत्तिया की चाट और मेरे लंड पे लगी हुई लिपस्टिक साफ कर। और हां ऐसे चाटना जैसे वो वीडियो वाली छोटी लड़की चाट रही अपने नौकर का लंड।(अमजद जानबूझकर उस वीडियो वाली लड़की का जिक्र कर रहा था)
दिव्या= जी मालिक।आपकी रखैल आपका लंड एक कुतिया की तरह चाट कर साफ करेगी। और वीडियो वाली उस पिद्दी सी लड़की से अच्छा चाटेगी आपकी ये रंडी।

ओर दिव्या अमजद के बड़े लंड को बड़े ही कामुक तरीके से एक रंडी की चाटने लगी।
अमजद=आह मेरी रखैल मेरी रंडी चाट मेरे लंड को, ऐसे ही चाट अपने मालिक के लंड को,चाट साली कुतिया।
अमजद को जिंदगी में पहली बार इतना ज्यादा मजा आ रहा था।क्योंकि उसकी नेक और पाक बीवी ने आजतक अमजद के लोड़े को हाथ भी नहीं लगाया था लंड चूसना/चाटना तो दूर की बात है।अमजद की बीवी तो बस कपड़े उतार कर टांगे फैला कर लेट जाती थी और अमजद बस उपर चढकर लंड घुसाकर चोदता था।और जब अमजद का पानी निकलता तो वो कपड़े पहन कर से जाती।अमजद को जिंदगी कभी चुदाई का असली सुख नहीं मिला।मगर आज दिव्या अमजद को चुदाई का असली सुख दे रही थी।

दिव्या को भी लंड चाटने में बहुत मजा आ रहा था।वो सारी दुनिया को भूलकर,बड़े मजे से अमजद का लंड चाट रही थी। दिव्या को लड़ चाटते हुए करीब 10 मिनट हो गए थे।

अमजद=कुतिया अब लंड चटाई बहुत हुई।अब अपने मालिक का लंड चूस और साली रंडी अगर लंड पे दांत लग गए तो तेरी चुदाई नहीं करूंगा।धक्के मारके कमरे से बाहर निकाल दूंगा,फिर तड़पते रहना इस बड़े लंड के लिए।
दिव्या=(लंड से खेलते हुए)मालिक दांत नहीं लगाऊंगी आपके इस प्यारे और मोटे लौड़े को।और थोड़ा दांत टच हो जाए तो आज के लिए माफ कर देना आपकी इस रंडी को।क्योंकि जिंदगी में पहली बार लंड चूसने वाली हूं वो भी अपने मालिक का।प्लीज माल पहली बार माफ कर देना,धीरे धीरे लंड चूसना सीख जाऊंगी।
अमजद=साली रण्डी अब बातें मत चोद,मेरा लंड चूस।
दिव्या= जी मालिक चूसती हूं आपका लंड।

दिव्या ने अमजद के लंड को दोनों हाथों में पकड़ा और लंड के सुपाड़े को अपने छोटे से मुंह में लिया।लंड का सुपाड़ा इतना बड़ा था कि दिव्या के मुंह में बड़ी मुश्किल से गया।
पहली बार किसी लड़की के मुंह में लोड़ा डालकर अमजद के मजे की कोई सीमा नहीं थी।अपनी बीवी की चूत लंड डालने से ज्यादा मजा उसे दिव्या के मुंह में लंड डालने से आ रहा था।
अमजद=आह मेरी रंडी कितना गर्म मुंह है तेरा।
दिव्या अब अमजद के लोड़े के सुपाड़े को धीरे धीरे चूसने लगी।दिव्या पहलीबार लंड चूस रही थी वो अपनी जिंदगी के सबसे नापसंद इंसान का।दिव्या कभी अपने पति या प्रेमी का लंड नहीं शायद।मगर अब हवस में अंधी होकर अपने बाप की उम्र के एक लंगड़े इंसान की रंडी बन कर उसका लंड चूस रही थी।साली हवस मर्द को दरिंदा और औरत को रंडी बना देती है। और दिव्या और अमजद के साथ वही हुआ।अमजद अपने खड़े लंड की वजह से एक नेकदिल,इज्जतदार,समझदार इंसान होकर भी एक शैतान बन गया था।अमजद को अगर ये खड़े लंड का प्रोब्लम नहीं होता तो अमजद दिव्या को रंडी बनाना तो दूर की बात उसे गलत नजर से भी नहीं देखता।दिव्या को चोदकर अपना वीर्य निकालने के बाद उसे गिल्ट फील होता है या फिर उसे नई नई चूतों को चोदने का चस्का लग जाएगा।

अमजद=साली रण्डी लंड का सिर्फ टोपा चूस रही है बाकी का लंड तेरी मां चुसेगी क्या।पूरा लंड चूस साली।और ऐसे प्यार से लंड क्यों चूस रही है।तू मेरी बीवी या माशूका नहीं है,तू मेरी रंडी है,तू मेरी रखैल है।इसलिए गंदे तरीके से एक रंडी की तरह मेरा लौड़ा चूस। कहने को तो तू मेरी रंडी बन गई है पर हरकतें अब भी मामूली लड़की वाली कर रही है।मुझे पता है तू पहली बार लंड चूस रही है,और तुझे लंड चूसने में बहुत तकलीफ होगी।मगर तुझे पता होना चाहिए कि जब एक रंडी को उसका मालिक जब दर्द देता है तो उसके मालिक को बहुत खुशी होती है।और अपने मालिक की खुशी में ही एक रंडी की खुशी होती है।तुझे अगर खुश रहना है तो अपने मालिक को खुश करना पड़ेगा।अगर एक रंडी का मालिक उसे बड़ी बेरहमी से चोदता है तो समझ लेना की मालिक अपनी रांड से बहुत खुश है।अगर उसका मालिक उससे प्यार से बात करता है तो वो रंडी कहलाने लायक नहीं है। बेइज्जत और जलील होने में ही एक रंडी की शान है।अब तू बता तुझे मेरी असली रंडी बनाना है या उस नामर्द मोहित की प्रेमिका बनाना है।साली कुत्तिया तुझे अच्छी रंडी तो वो वीडियो वाली छोटी लड़की है जो अपने नोकर को अपना मालिक बनाकर उसे कितना मजा दे रही थी।मेरी रंडी बनना तेरे बस की बात नहीं है, तू जा अपने उस नामर्द के पास, मैं किसी बेशर्म और बहदूर लड़की को अपनी रंडी बनाऊंगा। क्योंकि तू कभी बेशर्म और गंदी रंडी नहीं बन पाएगी।(और अमजद ने दिव्या को एक लात मारी और दिव्या दूर जा गिरी।)

अमजद के ऐसे धुतकारने से दिव्या बहुत डर गई थी,दिव्या को लगा उसे अब अमजद का बड़ा लंड नहीं मिलेगा,उसे बस अमजद का लंड चाहिए था अपनी चूत में क्योंकि अमजद ने उसकी चूत में हवस आग लगा दी थी। और दिव्या अमजद के पेर पकड़कर मिन्नते करने लगी।
दिव्या=मालिक ऐसा जुर्म मत कीजिए अपनी रंडी पर।आप मुझे मारो,गालियां दो,मुझे जलील करो, जितनी हो सके उतनी बेरहमी से चोदिए मुझे, मैं उफ तक नहीं करूंगी। मैं अब सारी गंदी हरकतें करूंगी जो एक रंडी करती है बल्कि एक रंडी से भी ज्यादा गंदी हरकते करूंगी।जैसा आप कहेंगे वैसा करूंगी पर आप मुझे अपनी रंडी रहने दो।आप मुझसे जितने काम करवाओगे वो सारे गंदे काम करूंगी।

अमजद= सोचले साली कुत्तिया अब भी वक्त है। मैं तुझे बहुत गंदे काम करवाऊंगा और तुझे करने पड़ेंगे।
दिव्या=(चूत के हाथों मजबूर होकर)मालिक मैं सारे गंदे काम खुशी खुशी करूंगी।
अमजद=(एक घिन्नोनी मुस्कराहट होठों पर लिए)ठीक है मेरी पालतू कुतिया दिखा अपने मुंह का जलवा और खुश कर अपने बदन के मालिक को।

इतना सुनते ही दिव्या झपट पड़ी अमजद के लंड पर।जैसे हफ्तों से भूखा इंसान खाने पर झपटता है। बड़े है डीप तरीके से लंड चूसने लगी।अमजद लोड़ा बड़ा होने की वजह से बड़ी मुश्किल से दिव्या के मुंह में जा रहा था मगर फिर भी दिव्या ने आधा लोड़ा अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी।उसके थूक से अमजद लोड़ा पूरा सन गया था।वो पूरी कोशिश कर रही थी लोड़ा पूरा मुंह में लेने की मगर लोड़ा जब गले तक जाता वो खांसने लगती।अमजद ने भी सोचा साली रण्डी का पहली बार है इसलिए ज्यादा फोर्स नहीं करूंगा,नहीं तो साली चुदाई के डर जाएगी।आज जितना करती करने देता हूं जब होशियार हो जाएगी लंड चूसने में तब बड़ी बेरहमी से इसका मुंह चोदूंगा।

अमजद=(जिंदगी का असीम मजा लेते हुए)हां ऐसे ही चूस मेरी रांड।बस इसे ही चूसती रह मेरा लौड़ा।आह साली रण्डी साली कुतिया।तू अब सीख रही हैं लंड चूसना जब सीख जाएगी तब मैं तेरा मुंह चोदूंगा।

दिव्या बहुत ही passionate तरीके से लंड चूस रही थी।
अमजद=रंडी लौड़ा चूसने के साथ साथ मेरे आंड भी चूस तुझे मेरी आंड की महक बहुत अच्छी लगेगी। आंड लंड की असली ताकत है।लंड कितना भी बड़ा क्यों न हो आंड के बिना वो खड़ा भी नहीं हो सकता है।इसलिए अपने मालिक के आंड को भी चूसकर आंड को खुश करो ये तुझे खुश करेंगे,लंड को ज्यादा देर तक खड़ा रखके।

दिव्या बिना किसी शर्म के और बिना मुंह बनाए लंड को मुंह से निकाल कर आंड चूसने लगी।
दिव्या लंड और आंड इस चूस रही हो जैसे दुनिया का सबसे स्वादिष्ट भोजन हो और वो भी आखरी।
अब दिव्या बेहतरीन लंड चुसाई से अमजद को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।मगर वो दिव्या की तारीफ करके उसको सर नहीं चढ़ाना चाहता था।
दिव्या की कामुक लंड चुसाई का असर ये हुआ कि अमजद को लगा ये ऐसे ही चूसती रही तो वो कभी झड जाएगा और अगर वो एकबार झड़ गया तो उसे दिव्या पर रहम आ जाए और शायद चोद भी ना पाए।और लंड खड़ा होने तक साली दिव्या का ह्रदय परिवर्तन ना हो जाए। और साला टाइम भी बहुत हो गया है।वैसे यहां आता तो कोई नहीं फिर भी रिस्क नहीं लेना चाहिए। इसलिए अमजद ने सोचा अब इसकी चुदाई करनी चाहिए।

अमजद=मेरी रांड चुदना है तुझे।
दिव्या तो कबसे तैयार थीं।
दिव्या=(झट से) हां मालिक चुदना है।

अमजद=तो आ जाओ बेड पे।
दिव्या खुश होकर उछलकर बेड पर आ गई।अमजद ने उसको बाहों में भर लिया।और उसके होठ चूसने लगा।दिव्या फुल साथ दे रही थी। ये सीन जो भी देखता ये ही कहता कि ये फूल और कांटे का मिलन है और आज फूल कुचला जाएगा बड़ी बेहरहमी से।
कुछ देर दिव्या के होठों को चूसता रहा फिर दिव्या को बेड पे लिटा दिया और उसकी नंगी छोटी चूचियां को पहले पहले हाथ से मसला फिर अपना मुंह लगाकर चूसने लगा।और कभी कभी अपने दांतों से काटता भी था। दिव्या तो मजे से पागल हुए जा रही थी।
दिव्या=आह मालिक और जोर से चूसिए अपनी रंडी की चुचियों को।मेरी चुचियों को खा जाइए।ओह मेरे मालिक आप मुझे कितना मजा दे रहे हैं।

अमजद दिव्या की चुचियों को बड़ी बेरहमी से चूसने के बाद उसके पेट को चाटने लगा।फिर उसकी नाभी में जीभ डालकर,अपनी जीभ से चाटने लगा।नाभी चूसने के बाद जब जब वो दिव्या की टांगों के बीच आया तो उसे मदहोश कर देने खुशबू आई।और ये खुशबू आ रहीं थी हर मर्द की सबसे पसंदीदा चीज(चूत)से। जब अमजद ने रस टपकाती दिव्या की फूल जैसी इतनी प्यारी चूत को देख कर अमजद से नहीं गया और टूट पड़ा दिव्या की चूत पर और एक कुत्ते की तरह चाटने चूसने लगा।अमजद ने आज तक अपनी बीवी चूत नहीं चाटी थी मगर दिव्या की चूत चूसने के बाद उसे अफसोस हुआ कि क्यों उसने आजतक अपनी बीवी की चूत को चूस नहीं।वैसे भी शबाना उसे चूसने भी नहीं देती क्योंकि को यह सब गंदा लगता था।

अमजद के ऐसे चूत चूसने से दिव्या सातवें आसमान पर पहुंच गई।वो गांड उठा उठा कर चूत अमजद के मुंह पर मारने लगी।उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
दिव्या=आह मालिक ऐसे ही चूसिए अपनी रंडी की चूत को।बहुत तड़पाती है ये चूत मुझे खा जाइए इसे।आह मालिक बहुत मजा आ रहा है।
ओर फिर दिव्या का शरीर अकड़ने लगा।अमजद को पता चल गया साली अब झड़ने वाली है तो अमजद ने दिव्या की चूत को चूसना छोड़ दिया।अमजद जानता था कि साली रण्डी झड गई तो ये ठंडी पड़ जाएगी और मेरा ये लंड झेल नहीं पाएगी।इसलिए इसको गर्म रखना जरूरी है।अमजद अपना लंड पकड़ कर दिव्या की टांगों के बीच बैठ गया।

और अमजद ने दिव्या को ऐसे बीच मझधार में छोड़ा तो दिव्या तड़पने लगी।
दिव्या=आह मालिक अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा है कुछ कीजिए।नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
अमजद=क्या करूं मेरी रांड।बता मेरी रखैल।
दिव्या=(बिन जल मछली की तरह तड़पते हुए)आह मालिक आप अपना ये बड़ा लंड मेरी चूत में डालकर चोदिए मुझे।प्लीज मालिक मुझपे रहम कीजिए।ये चूत की आग मुझसे बर्दास्त नहीं हो रही है।
अमजद=(अपने लंड को दिव्या की चूत पर घिसते हुए)तुझे बहुत दर्द होगा जब मेरा इतना बड़ा लंड तेरी छोटी सी चूत में जाएगा तब।
दिव्या=(अपनी गांड उठाकर चूत को अमजद के लोड़े पर रगड़ते हुए)आह मालिक मै हर दर्द बर्दास्त कर लूंगी।आप बस अपना लंड मेरी चूत डालकर मेरी प्यास बुझा दो।नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
अमजद= और तुझे ज्यादा दर्द हुआ तो मैं तुझे बेरहमी चोदता रहूं या लंड तेरी चूत से बाहर निकाल दूं।
दिव्या=नहीं मालिक आप लंड बाहर नहीं निकालेंगे।आपको मेरी कसम मुझे कितना भी दर्द हो मैं कितना भी चिल्लाऊं आप मुझे बेरहमी से चोदते रहिए।
अमजद=ये हुई ना असली रंडी वाली बात।अब सुन रंडी जब मैं ये लंड तेरी चूत में डालूंगा तो तुझे बहुत दर्द होगा।तू चिल्ला सकती है रो सकती है,मगर ये नहीं कहेगी कि मालिक मुझे दर्द हो रहा है आप अपना लंड बाहर निकाल दीजिए,बल्कि तुझे ये बोलना है कि मालिक अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दो और मुझे बेरहमी से चोदो फाड़ दो मेरी चूत को।समझी।
दिव्या=जी मालिक मैं बाहर निकालने को नहीं कहूंगी। मैं जानती हूं लड़की पहली बार चुदवाने पर बहुत दर्द होता है।मेने अपनी सहेलियों से सुना है।आप मुझे बेरहमी से चोदना पूरा लंड घुसाकर।

अमजद= अपने पापा की कसम खाकर कह कि तू लंड बाहर निकालने को नहीं कहेगी बल्कि पूरा अंदर डालकर बेरहमी से चोदने को कहेगी।

दिव्या=(अपनी चूत को लंड पर रगड़ते हुए)हां मालिक मैं अपने पूरे परिवार की कसम खाकर कहती हूं कि मैं आपको अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालने को नहीं कहूंगी बल्कि बेरहमी से चोदने को कहूंगी।
दिव्या ने हवस में अंधी होकर अपने पूरे परिवार की कसम खाली पर क्या पता था कि जब उसकी छोटी सी चूत में जब अमजद का 9 इंच लंबा और 4इंच मोटा लंड जाएगा तो उसे अपनी इस कसम पर कितना पछतावा होगा।और अमजद जानता था कि दिव्या उसका लंड झेल नहीं पाएगी।उसकी बीवी शबाना 40 साल की उम्र में भी उसका लंड नहीं झेल पाती है तो ये तो 18 साल कुंवारी लड़की है।ये कैसे झेल पाएगी।इसलिए उसने दिव्या को कसम खाने को कहा था।क्या पता साली मुकर जाएं।
अमजद=तो ठीक है मेरी रांड तैयार हो जा एक लड़की से मेरी पक्की रंडी बनने को।
दिव्या=(खुश होते हुए)मालिक आपकी रंडी तैयार है। आपका बड़ा लंड लेने के लिए।

और अमजद ने अपने लंड को दिव्या की छोटी सी नाजुक चूत पर रखा और लंड दिव्या की चूत में घुसाने लगा।मगर दिव्या की चूत इतनी टाईट थी कि लंड का सुपाड़ा भी अंदर नहीं जा रहा था।अमजद जानता था ऐसे नहीं जाएगा।तो अमजद दिव्या के उपर चढ़ गया और एक हाथ से दिव्या के बाल पकड़कर होठ चूसने लगा और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़कर दिव्या की गुलाबी चूत पर रखा और पूरा जोर लगाकर एक करारा धक्का लगाया। लंड का सुपाड़ा दिव्या की चूत में चला गया।दिव्या दर्द से सटपटाने लगी। मगर वो चिल्ला नहीं पा रही थी क्योंकि अमजद ने पहले से ही अपने मुंह को दिव्या के मुंह से लगा रखा था।दिव्या को बहुत हो रहा था तो हाथ पैर इधर उधर मारने लगी।अमजद से सोचा ये साली रण्डी ज्यादा हिली तो लंड इसकी चूत से बाहर निकल जाएगा और फिर दोबारा नहीं डालने देगी।तो अमजद ने अपने बदन का दवाब दिव्या के जिस्म पे डालकर अपनी पूरी ताकत लगाकर एक जोरदार धक्का मारा और अमजद का 6 इंच लंड दिव्या की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और अमजद को ये भी एहसास हो गया की उसने दिव्या की सील तोड़ दी है।दिव्या का बुरा हाल था वो चिल्लाना चाहती थी मगर अमजद उसके सर को पकड़कर अपने होठ दिव्या के होठों से लगा रखे थी।दिव्या की आवाज अंदर ही दब गई थी वो गूं गूं करने लगी पहले उसकी चूत से पानी निकल रहा था मगर अब उसकी आंखों से पानी निकल रहा था।जो लड़की थोड़ी देर पहले लंड अंदर लेने के लिए तड़प रही थी अब वो लड़की लंड बाहर निकालने के लिए तड़प रही थी।कितनी गर्म और चुदासी थी मगर थी तो एक वर्जिन लड़की पहली बार लंड अंदर जाएगा तो दर्द तो होगा ही और लंड अगर अमजद के जैसा होतो आप लोग समझ ही सकते हो(आप लोग मतलब इस फोरम की लड़कियां)अमजद जानता था दिव्या को बहुत दर्द हो रहा है क्योंकि दिव्या की चूत इतनी टाईट थी कि अमजद का लंड भी दर्द कर रहा था।

कुछ देर तक अमजद ऐसे ही अपना लंड दिव्या की चूत में घुसाए पड़ा रहा फिर उसे लगा दिव्या थोड़ी शांत हो गई है तो अमजद दिव्या के होठ चूसने लगा।5 मिनट तक दिव्या के होठों को चूसता रहा।फिर दिव्या को थोड़ा दर्द कम हुआ तो वो किस्स का रिस्पॉन्स देने लगी वो भी अमजद को किस्स करने लगी।
अमजद ने जब देखा अब दिव्या का दर्द थोड़ा कम हुआ है तो उसने थोड़ा लंड बाहर खिंचा और धीरे से अंदर धक्का मारा।दिव्या फिर थोड़ा हिली किस्स करते हुए उसकी आंखें बंद थी जब अमजद ने लंड को आगे पीछे किया तो उसने आंखे खोल दी।अमजद फिर उसे किस करने लगा। आंसू दिव्या की आंख से अब कम निकल रहे थे।जब अमजद और दिव्या का दम घुटने लगा तो अमजद ने किस्स तोड़ा।
दिव्या जोर जोर से सांसे लेने लगी।जैसे ही वो सांस ले रही थी उसकी चूत में दर्द हो रहा था।और वो दांत पीसकर दर्द को बर्दास्त कर रही थी।
अमजद=बोल रंडी दर्द हो रहा है लंड निकाल दूं बाहर।
दिव्या=(सुबकते हुए)मालिक आप मेरे दर्द की परवाह मत कीजिए,आप अपना लंड बाहर मत निकालिए।आप चोदते रहिए मुझे।
अमजद=बोल रंडी कुत्तिया कैसे चोदूं तुझे प्यार या....(अमजद ने बात अधूरी छोड़ दी)
दिव्या=(दर्द से) नहीं मालिक प्यार से नहीं। मैं आपकी बीवी नहीं आपकी रखैल हूं आपकी रंडी हूं,इसलिए आप बेरहमी से चोदना मुझे मेरे दर्द की मेरे चीखों की परवाह मत कीजिए।
अमजद भी सोचने लगा साली रण्डी है तो बहादुर।
अमजद=वाह मेरी रंडी मान तू मेरी रखैल बनने के लायक है,तू तो उस वीडियो वाली छोटी सी लड़की से भी बहादुर है।वो लड़की पहले चुदवा चुकी थी छोटे लंड से मगर तू तो सील पैक है फिर इतना बड़ा लंड ले रही है।और चोदने को कह रही है।अब अगर चुदवाते टाइम तुझे दर्द हुआ तो तू चिल्लाना रोना मगर फिर भी और जोर से चोदने को बोलना।तू ऐसा करेगी तो तुझे में रोज चोदूंगा और तुझे जिंदगी भर अपनी रंडी बनाकर चोदूंगा।
दिव्या=जी मालिक।अब आप चोदिए अपनी रखैल को।

और अमजद ने आव देखा ना ताव लंड थोड़ा बाहर निकालके एक जोरदार धक्का लगाया। पूरा 9 इंच का लंड दिव्या की छोटी सी चूत के अंदर।और दिव्या इतनी जोर से चिल्लाई की पूरा कमरा उसकी चीख से गूंज उठा।
अमजद ने उसकी चीख की परवाह किए बिना अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर एक धक्का मारा।दिव्या अपने मुंह पर हाथ रखकर रोने लगी। जब अमजद ने चूत तरफ देखा तो उससे खून निकल रहा था।

अमजद=देख मेरी रांड देख अपनी चूत को।तेरी सील टूट गई,तू एक मामूली लड़की से एक लौड़ों की रानी बन गई है मेरा इतना बड़ा लौड़ा अपनी अनोखी चूत में लेकर।(अमजद ने खून से सना हुआ लंड चूत से थोड़ा बाहर निकाला)देख मेरी रांड देख इधर,ये मेरे लंड पर लगा खून तेरी चूत का है,देख इसे ये दोबारा कभी देखने को नहीं मिलेगा।ये खून पहली बार और आखिरी बार है।और देख मेरे लौड़े को, तेरी चूत भी अब किस्मतवाली हो गई,क्योंकि तेरी चूत का उदघाटन एक असली मर्द के असली लोड़े से हुआ है। तुझे खुश होना चाहिए रंडी और तू रो रही है। अब बोल साली रण्डी ऐसे ही लंड घुसाए पड़ा रहूं या चोदूं अपनी रंडी को।
दिव्या=(करहाते हुए)आप चोदिए मालिक।मुझे चोदकर अपनी पक्की रंडी बना लीजिए।
फिर क्या था अमजद धीरे धीरे लंड दिव्या की चूत में आगे पीछे करने लगा।मगर दिव्या अब चिला रही थी।
5 मिनट तक ऐसे ही धीरे चोदने के बाद अमजद बोला।
अमजद=बोल मेरी रखैल।ऐसे चोदूं या जबरदस्त तरीके से जोर जोर से धक्के लगाकर।
दिव्या को दर्द तो अभी भी हो रहा था मगर फिर भी उसने कसम खाई थी।जोर से चोदने को कहने की।
दिव्या=मालिक ऐसे धीरे धीरे नहीं।जोर से चोदो अपनी इस रखैल को फाड़ दो मेरी चूत को।बहुत तड़पाया है इसने मुझे ।
अमजद तो यही चाहता था।फिर क्या अमजद दिव्या को बड़ी बेरहमी से चोदने लगा।
और दिव्या दर्द से जोर जोर से चिल्लाने लगी।
अमजद=और चिल्ला मेरी रांड और जोर से चिल्ला मेरी कुत्तिया।मुझे तेरी चीखे सुननी है।तेरी चीखे सुनकर तेरे मालिक को बहुत मजा आ रहा है,चिल्ला साली रण्डी चिल्ला।

10 मिनट तक अमजद दिव्या को जानवरों की तरह चोदता रहा,साथ में उसकी चूचियां दबाने लगा और चूसता रहा उसके होठ चूसता रहा।
अब दिव्या चीखों की जगह दिव्या की सिसकारियां ने ले ली थी।अब दिव्या को दर्द के साथ मजा भी आने लगा था।
और फिर अमजद दिव्या के उपर से उठा और घुटनों के बल बैठकर चोदने लगा।अब दिव्या दर्द कम पड़ चुका था।अब दर्द पे मजा हावी हो गया था।पहले दिव्या दर्द से चिल्ला रही थी मगर अब वो मजे से चिल्ला रही थी।
दिव्या =ओह मालिक बहुत मजा आ रहा है।और जोर से चोदो अपनी इस रखैल को।जमकर चोदो अपनी रंडी को फाड़ मेरी चूत।ओह मालिक ऐसे चोदते रहो।आपने पहले मुझे अपनी रंडी क्यों नहीं बनाया,पहले क्यों नहीं चोदा मुझे अपनी रखैल बनाकर। मैं जिंदगी भर आपकी गुलाम बनके रहूंगी बस आप मुझे जिंदगी भर चोदते रहिए।
अमजद=(दिव्या के गाल पे और चुचियों पे थप्पड़ मारते हुए)ओह मेरी कुत्तिया,मेरी रंडी क्या चूत है तेरी, मेरे लंड को जकड़ रखा है कितनी टाइट है तेरी चूत,तेरी इस टाइट चूत को में चोद चोदकर इसका भोसड़ा बना दूंगा। और तुझे मैं जिंदगी भर अपनी रंडी बनाकर चोदूंगा।
और अमजद दिव्या बड़ी बेरहमी से चोदने लगा।दिव्या पिछले दो घंटो से गर्म थी तो अब उससे बरदस्त नहीं और चिल्लाते।
दिव्या=आह मालिक मुझे कुछ हो रहा।आह मालिक सभालो मुझे।मेरी चूत में तूफान आ रहा है। मालिक और जोर से धक्के मारो।और बेरहमी से चोदो।
अमजद=आने मेरी रंडी उस तूफान को।उसी तूफान के लिए ही तो तू मेरी बनकर चुदवा रही मुझसे।और तुझे अपनी रंडी बनाकर चोद रहा हूं।तू झड रही मेरी रांड।तेरा पानी छूट रहा है कुत्तिया। रोक मत अपने आपको झड़ जा कुत्तिया, भिगो दे मेरे लंड को अपने रस से।
और दिव्या का शरीर अकड़ने लगा और उसने अमजद को अपनी बाहों में जकड़ लिया और चिल्लाते हुए झड़ने लगी।
दिव्या=ओह मालीईईक मैं गई।में आ रही हूं संभालो मुझे।

ओर दिव्या की चूत सैलाब फूटा जिससे अमजद के लंड के साथ उसके आंड और चादर भी भीग गई।दिव्या की लाइफ का पहला orgasm था।इसलिए वो बेजान सी होकर पड़ी। आंखे बंद करके लंबी लम्बी सांसे ले रही थी।उसके चेहरे पर एक अजीब सा सुकून था।अमजद ने में धक्के लगाने बंद कर दिए थे।क्योंकि अमजद एक तजुर्बेदार मर्द था,इसलिए उसने दिव्या को इस पल का आनंद लेने दिया।अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर दिव्या के बगल में लेट गया।
कोई 5 मिनट बाद जब दिव्या की सांस नॉर्मल हुई उसे होश आया और उसने महसूस किया कि उसकी चूत कोई हलचल नहीं हो रही है।तो उसने आंखे को अमजद उसे चोद नही रहा था।उसने का गर्दन घुमाई तो अमजद उसकी बगल में लेटा हुआ था और हस रहा था।तो वो हैरान हो गई।और अमजद से बोली।
दिव्या=(मासूमियत से)मालिक आप यहां क्यों लेटे हुए है।और आपने अपना लंड बाहर क्यों निकाला मेरी चूत से।क्या आप भी झड़ गए मेरी तरह।
अमजद=(मुस्कराते हुए}नहीं में अभी तक नही झड़ा।
दिव्या=तो फिर आपने चोदना क्यों छोड़ा।मुझे चोदकर आप भी झड़ जाइए।क्योंकि झड़ते हुए बहुत मजा आता है और झड़ने के बाद बहुत सुकून मिलता है। जल्दी कीजिए अपना लंड मेरी चूत में डालिए।

दिव्या की मासूमियत देखकर अमजद मुस्कराने लगा।
दिव्या=क्या हुआ आप मुस्करा क्यूं रहे हैं। चोदिए ना मुझे देखो आपका लंड केसे खड़ा है अंदर घुसने के लिए।

अमजद=अभी मैं तुझे नहीं चोदूंगा।थोड़ी देर बाद चोदूंगा।
दिव्या=(हैरान होते हुए)थोड़ी देर बाद क्यों अभी क्यों नहीं चोदेंगे।
अमजद=क्योंकि अभी तुझे बहुत दर्द होगा और मजा भी नहीं आएगा।
दिव्या=मालिक दर्द तो पहले भी हुआ था तब तो आप चोद रहे थे,अब क्यों नहीं।आपने मुझे इतना मजा दिया है तो मैं भी आपके मजे के लिए दर्द बर्दाश्त कर लूंगी।
अमजद=(दिव्या को समझाते हुए)देखो दिव्या वो एक लड़की को जिंदगी में सिर्फ एक बार होता।और उस दर्द में मजा भी है।एक सुकून भी है।और अभी मैं अगर तुझे चोदूंगा तो तुम्हे दर्द होगा तो उसमें मजा बिलकुल नहीं होगा।क्योंकि पहले तुमने अपने मजे के लिए दर्द बर्दाश्त किया।मगर अब तुम मेरे लिए दर्द बर्दाश्त करोगी।क्योंकि तुम अभी झड़ी हो तो तुम्हे फिर से मजा आने में थोड़ा वक्त लगेगा। अब मै तुझे चोदूंगा तो मुझे भी मजा नहीं आएगा तुम्हारी सूखी हुई चूत चोदकर। मैं जानता हूं अभी तुम्हारी चुदवाने की बिलकुल भी इच्छा नहीं।मगर मेरी खुशी के लिए और मेरे मजे के लिए तू मुझसे चुदवाएगी।ये सच है की तू मेरी रंडी है, तुझे दर्द देकर और बड़ी बेरहमी से चोदूंगा।तुझे गालियां दूंगा,तुझे जलील करूंगा,तुझे गंदे काम करने को कहूंगा।मगर उस दर्द में उस बेरहमी में।उन गालियां में,और गंदे काम करने में तुझे भी मजा आयेगा। समझी।कुछ। एक बात और आज पहली बार है इसलिए तुझे छोड़ रहा हूं आज के तुझे जब चोदूंगा तब तू चुदाई के वक्त चाहे कितनी बार झड़ चुकी हो,जब तक मैं नहीं झडूंगा तेरी चुदाई बंद नहीं होगी।

दिव्या=जी मालिक समझ गई।की आप एक अच्छे इंसान है।और मैं आपकी रखैल बन कर बहुत खुश हूं।
अमजद=ठीक है तो जबतक तेरी चूत गीली नही हो जाती तब तक मेरे इस लंड को खुश कर जिसने तुझे खुश किया है।

दिव्या समझ गई कि क्या करना है और वो झुककर अमजद के लंड से खेलने लगी।फिर लंड पर लगे अपने माल को चाटने लगी।सारा माल चाटने के बाद लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।अमजद भी उसकी चूचियों से खेलने लगा और उसकी गांड पे भी हाथ फेरने लगा।

10 मिनट तक लंड चुसाई और अमजद की छेड़खानी की वजह से दिव्या फिर से गर्म हो गई।ये बात अमजद को दिव्या के लंड चूसने के अंदाज से पता चल गया।क्योंकि दिव्या पहले प्यार से लंड चूस रही मगर अब मजे से और जबरदस्त तरीके से लंड चूस रही थी।

अमजद= चल मेरी रंडी अब लंड चूसना छोड़ और उठकर कुतिया बन जा।अब मै तुझे कुतिया बनाकर चोदूंगा। और अब तुझे अपने से चुदने में मज़ा आएगा और मुझे चोदने में।
दिव्या लंड चूसना छोड़ कर मुस्करा कर उठी और कुतिया बन गई।अमजद दिव्या के पीछे आया और उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए।
अमजद=साली रण्डी तेरी गांड भी मस्त है।तेरी गांड में लंड डाल दूं क्या।
दिव्या=(पीछे पलटकर)जैसी आपकी इच्छा मालिक।आप मन अगर मेरी गांड मारने का है तो मेरी गांड मार लो।मुझे अच्छा लगेगा आपसे गांड मरवाकर।(अब दिव्या को क्या पता जब ये 9 इंच लंबा और 4इंच मोटा लंड उसकी गांड में जाएगा तो उसे चूत चुदवाने से कई गुना ज्यादा दर्द पहली बार गांड मरवाने में होगा)
अमजद=अरे नहीं मेरी रंडी आज नहीं,आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा।जब तू चलने लायक हो जाएगी तब तेरी ये मखमली गांड फाडूंगा। आज तो चोदते समय तेरी गांड पे थप्पड़ मार मार के तेरी सफेद गांड को लाल कर दूंगा।
दिव्या=जैसी आप की इच्छा मालिक।

फिर अमजद ने अपने लंड पे ठीक लगाया ओर अपने लंड को दिव्या की चूत पर रखा और दिव्या की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का लगाया।लंड दिव्या की चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया।

दिव्या जोर से चिल्लाने लगी। दिव्या की अभी अभी फटी चूत में बहुत दर्द हो रहा था।मगर अमजद दिव्या के चीखों की ओर दर्द की परवाह किए बगैर उसे बेरहमी से चोदने लगा।
धीरे धीरे दिव्या की दर्द भरी चीखे अब मजे में बदल चुकी थी।
अमजद दिव्या के बाल पकड़कर जोर जोर से चोदने लगा और साथ में उसकी गांड पे थप्पड़ मारने लगा।
आधे घंटे तक दिव्या को कुतिया बनाकर चोदने के बाद अब अमजद झड़ने वाला था उसका दो दिन से खड़ा लंड अब अपना लावा उगलने वाला था।और साथ में दिव्या भी अब झड़ने वाली थी।
दिव्या=आह मालिक में फिर से झड़ने वाली हूं मेरा पानी निकलने वाला है।आप चोदते रहिए रुकना मत जब तक आपका पानी ना निकले।मेरे दर्द की परवाह मत करना।
(और दिव्या झड़ने लगी )
अमजद=मेरी रंडी मैं भी झड़ने वाला हूं मेरा माल निकलने वाला है।बोल मेरी रांड मेरा माल पायेगी।
दिव्या=हां मालिक मैं आपका माल पीना चाहती हूं।आप मेरे मुंह में झड़ जाइए।

अमजद ने अपना लंड दिव्या की चूत से निकाला और दिव्या के बाल पकड़कर अपनी ओर घुमाया और लौड़ा दिव्या के मुंह डाल दिया और दिव्या के मुंह को चोदने लगा।
अमजद=ओह मेरी रांड क्या मुंह है तेरा, तेरा मुंह चोदकर बहुत मजा आ रहा है।अब मेरा माल निकलने वाला है मेरा सारा माल पी लेना कुतिया।

अमजद दिव्या के मुंह को बड़ी बेरहमी से चोद रहा था।दिव्या को बहुत तकलीफ हो रही थी।उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।मगर अमजद अब झड़ने के करीब था तो उसे दिव्या पर कोई तरस नहीं आ रहा था। और जोर दार धक्के लगाते हुए झड़ने लगा।
अमजद=ये ले मेरी रखैल मेरी रंडी माल पी अपने मालिक का।
और सारा वीर्य दिव्या के मुंह में उड़ेल दिया।दो दिन से खड़े लंड से बहुत ज्यादा गर्म गर्म वीर्य निकलने से थोड़ा वीर्य दिव्या मुंह से निकल कर उसकी चूचियों पर और उसकी टांगों पर गिर गया,दिव्या उस माल को अपनी उंगलियां में लेकर चाटने लगी।
अमजद= अब लग रही है तू मेरी रंडी।

अमजद दो दिन से खड़े अपने लंड से माल निकालकर बहुत खुश था।और सुकून से बेड पर लेट गया।दिव्या ने अमजद के लंड पर लगे माल को चाट कर साफ़ किया।और अमजद के बगल में बैठ गई।अमजद ने लेटने का इशारा किया और दिव्या अमजद से चिपककर लेट गई।दिव्या भी थक गई थी।अमजद ने उसे बड़ी बेरहमी से चोदा था।उसका अंग अंग दर्द कर रहा था।और साथ में चेहरे पे एक अजीब सा सुकून भी था।


तो दोस्तों इस कहानी की पहली चुदाई यहीं समाप्त होती है। ओर आगे चलकर अमजद क्या क्या करता है दिव्या के साथ और बाकी सबके साथ।तो जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ।
कहानी कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बताएं।ये मेरी पहली कहानी है अगर कोई लिखने में भूल हो जाए तो(भूल हो जाती है, अब उसे सुधार थोड़ी सकते है।हो गई तो हो गई।इसमें मैं और आप लोग क्या कर सकते है)

मिलते है अगले कामुक और धमाकेदार के साथ। तब तक के लिए ये अपडेट पढ़कर अपने लंड को हिलाए।और हां हिलाकर माल जरूर निकाल देना,क्योंकि खड़ा लंड बहुत कांड करवाता है।(मुफ्त का ज्ञान मेरा मतलब बकचोदी)

Thanks.
keep supporting.







Bahut badhiya bahut dhasu bahut Khatarnak maja a Gaya Aisi chudai mein bhai Kisi Ki bhai maja a Gaya Sab Ko chodo Sab Ko chudwao land Khada Hai chut bhi hai maja Sabko chahie chut ka maja land ko Milana chahie
 

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अपडेट 8 (लाल रंग से लिख रहा हूं तो आप लोग समझ गए होंगे)

अमजद नंगा राजा की तरह पैर नीचे करके बेड पर बैठा था और दिव्या नंगी होकर घुटनों के बल कुत्तिया की तरह नीचे बैठी थी और अमजद का लंड चाट रही थी।
अमजद के लिए ये सीन एक सपने के जैसा था।वो कभी सपने में भी नहीं सोच सकता था कि दिव्या जैसी खुबसूरत और घमंडी लड़की कभी उसका लंड चुसेगी।मगर यहां दिव्या उसका लंड ही नहीं चूस रही थी बल्कि उसकी रंडी बन कर उसका लंड चूस रही थी।

अमजद सोच रहा था कि अगर जैसी घमंडी और गुस्सैल लड़की उसकी रखैल बन सकती है तो दूसरी लड़कियां और औरतें भी उसकी रखैल बन सकती है।अब मै उन सभी औरतों को अपनी रंडी बनाऊंगा,जिन्होंने मेरा लंगड़े होने का मज़ाक उड़ाया था।मुझे थोड़ा लंगड़ाके चलते देख मुझपे हसती थी।उनको मैं अपने इस बड़े लौड़े से ऐसे चोदूंगा की उनकी चाल बिगड़ जाएगी। अब रंडियां मुझसे चूत मरवाके गांड मरवाके लंगड़ी चलेगी और सब लोग हसेंगे।

अब ज्यादा बकचोदी नहीं।
अब आते है कहानी पे।मेरा मतलब अब देखते है दिव्या का भोलापन(रंडीपन)और अमजद का कमीनापन।

दिव्या बड़े मजे से अमजद का लंड चूम रही थी।दिव्या ने लंड चूम चूमकर अमजद के काले लंड को गुलाबी कर दिया।अरे दिव्या के होठों पर गुलाबी लिपस्टिक लगी हुई थी।।

अमजद=मेरी रांड।
दिव्या=(लंड चूमते हुए अमजद की तरफ देख कर)जी मालिक।
अमजद=कैसा है मेरा लंड।
दिव्या=मालिक बहुत प्यारा है।
अमजद=मेरा लंड तुझे पसंद आया मेरी कुतिया।
दिव्या=मालिक बहुत पसंद आया आपका बड़ा लंड।
अमजद=तो अब ऐसे बच्चो की तरह चूमना छोड़ और एक रंडी कुत्तिया की चाट और मेरे लंड पे लगी हुई लिपस्टिक साफ कर। और हां ऐसे चाटना जैसे वो वीडियो वाली छोटी लड़की चाट रही अपने नौकर का लंड।(अमजद जानबूझकर उस वीडियो वाली लड़की का जिक्र कर रहा था)
दिव्या= जी मालिक।आपकी रखैल आपका लंड एक कुतिया की तरह चाट कर साफ करेगी। और वीडियो वाली उस पिद्दी सी लड़की से अच्छा चाटेगी आपकी ये रंडी।

ओर दिव्या अमजद के बड़े लंड को बड़े ही कामुक तरीके से एक रंडी की चाटने लगी।
अमजद=आह मेरी रखैल मेरी रंडी चाट मेरे लंड को, ऐसे ही चाट अपने मालिक के लंड को,चाट साली कुतिया।
अमजद को जिंदगी में पहली बार इतना ज्यादा मजा आ रहा था।क्योंकि उसकी नेक और पाक बीवी ने आजतक अमजद के लोड़े को हाथ भी नहीं लगाया था लंड चूसना/चाटना तो दूर की बात है।अमजद की बीवी तो बस कपड़े उतार कर टांगे फैला कर लेट जाती थी और अमजद बस उपर चढकर लंड घुसाकर चोदता था।और जब अमजद का पानी निकलता तो वो कपड़े पहन कर से जाती।अमजद को जिंदगी कभी चुदाई का असली सुख नहीं मिला।मगर आज दिव्या अमजद को चुदाई का असली सुख दे रही थी।

दिव्या को भी लंड चाटने में बहुत मजा आ रहा था।वो सारी दुनिया को भूलकर,बड़े मजे से अमजद का लंड चाट रही थी। दिव्या को लड़ चाटते हुए करीब 10 मिनट हो गए थे।

अमजद=कुतिया अब लंड चटाई बहुत हुई।अब अपने मालिक का लंड चूस और साली रंडी अगर लंड पे दांत लग गए तो तेरी चुदाई नहीं करूंगा।धक्के मारके कमरे से बाहर निकाल दूंगा,फिर तड़पते रहना इस बड़े लंड के लिए।
दिव्या=(लंड से खेलते हुए)मालिक दांत नहीं लगाऊंगी आपके इस प्यारे और मोटे लौड़े को।और थोड़ा दांत टच हो जाए तो आज के लिए माफ कर देना आपकी इस रंडी को।क्योंकि जिंदगी में पहली बार लंड चूसने वाली हूं वो भी अपने मालिक का।प्लीज माल पहली बार माफ कर देना,धीरे धीरे लंड चूसना सीख जाऊंगी।
अमजद=साली रण्डी अब बातें मत चोद,मेरा लंड चूस।
दिव्या= जी मालिक चूसती हूं आपका लंड।

दिव्या ने अमजद के लंड को दोनों हाथों में पकड़ा और लंड के सुपाड़े को अपने छोटे से मुंह में लिया।लंड का सुपाड़ा इतना बड़ा था कि दिव्या के मुंह में बड़ी मुश्किल से गया।
पहली बार किसी लड़की के मुंह में लोड़ा डालकर अमजद के मजे की कोई सीमा नहीं थी।अपनी बीवी की चूत लंड डालने से ज्यादा मजा उसे दिव्या के मुंह में लंड डालने से आ रहा था।
अमजद=आह मेरी रंडी कितना गर्म मुंह है तेरा।
दिव्या अब अमजद के लोड़े के सुपाड़े को धीरे धीरे चूसने लगी।दिव्या पहलीबार लंड चूस रही थी वो अपनी जिंदगी के सबसे नापसंद इंसान का।दिव्या कभी अपने पति या प्रेमी का लंड नहीं शायद।मगर अब हवस में अंधी होकर अपने बाप की उम्र के एक लंगड़े इंसान की रंडी बन कर उसका लंड चूस रही थी।साली हवस मर्द को दरिंदा और औरत को रंडी बना देती है। और दिव्या और अमजद के साथ वही हुआ।अमजद अपने खड़े लंड की वजह से एक नेकदिल,इज्जतदार,समझदार इंसान होकर भी एक शैतान बन गया था।अमजद को अगर ये खड़े लंड का प्रोब्लम नहीं होता तो अमजद दिव्या को रंडी बनाना तो दूर की बात उसे गलत नजर से भी नहीं देखता।दिव्या को चोदकर अपना वीर्य निकालने के बाद उसे गिल्ट फील होता है या फिर उसे नई नई चूतों को चोदने का चस्का लग जाएगा।

अमजद=साली रण्डी लंड का सिर्फ टोपा चूस रही है बाकी का लंड तेरी मां चुसेगी क्या।पूरा लंड चूस साली।और ऐसे प्यार से लंड क्यों चूस रही है।तू मेरी बीवी या माशूका नहीं है,तू मेरी रंडी है,तू मेरी रखैल है।इसलिए गंदे तरीके से एक रंडी की तरह मेरा लौड़ा चूस। कहने को तो तू मेरी रंडी बन गई है पर हरकतें अब भी मामूली लड़की वाली कर रही है।मुझे पता है तू पहली बार लंड चूस रही है,और तुझे लंड चूसने में बहुत तकलीफ होगी।मगर तुझे पता होना चाहिए कि जब एक रंडी को उसका मालिक जब दर्द देता है तो उसके मालिक को बहुत खुशी होती है।और अपने मालिक की खुशी में ही एक रंडी की खुशी होती है।तुझे अगर खुश रहना है तो अपने मालिक को खुश करना पड़ेगा।अगर एक रंडी का मालिक उसे बड़ी बेरहमी से चोदता है तो समझ लेना की मालिक अपनी रांड से बहुत खुश है।अगर उसका मालिक उससे प्यार से बात करता है तो वो रंडी कहलाने लायक नहीं है। बेइज्जत और जलील होने में ही एक रंडी की शान है।अब तू बता तुझे मेरी असली रंडी बनाना है या उस नामर्द मोहित की प्रेमिका बनाना है।साली कुत्तिया तुझे अच्छी रंडी तो वो वीडियो वाली छोटी लड़की है जो अपने नोकर को अपना मालिक बनाकर उसे कितना मजा दे रही थी।मेरी रंडी बनना तेरे बस की बात नहीं है, तू जा अपने उस नामर्द के पास, मैं किसी बेशर्म और बहदूर लड़की को अपनी रंडी बनाऊंगा। क्योंकि तू कभी बेशर्म और गंदी रंडी नहीं बन पाएगी।(और अमजद ने दिव्या को एक लात मारी और दिव्या दूर जा गिरी।)

अमजद के ऐसे धुतकारने से दिव्या बहुत डर गई थी,दिव्या को लगा उसे अब अमजद का बड़ा लंड नहीं मिलेगा,उसे बस अमजद का लंड चाहिए था अपनी चूत में क्योंकि अमजद ने उसकी चूत में हवस आग लगा दी थी। और दिव्या अमजद के पेर पकड़कर मिन्नते करने लगी।
दिव्या=मालिक ऐसा जुर्म मत कीजिए अपनी रंडी पर।आप मुझे मारो,गालियां दो,मुझे जलील करो, जितनी हो सके उतनी बेरहमी से चोदिए मुझे, मैं उफ तक नहीं करूंगी। मैं अब सारी गंदी हरकतें करूंगी जो एक रंडी करती है बल्कि एक रंडी से भी ज्यादा गंदी हरकते करूंगी।जैसा आप कहेंगे वैसा करूंगी पर आप मुझे अपनी रंडी रहने दो।आप मुझसे जितने काम करवाओगे वो सारे गंदे काम करूंगी।

अमजद= सोचले साली कुत्तिया अब भी वक्त है। मैं तुझे बहुत गंदे काम करवाऊंगा और तुझे करने पड़ेंगे।
दिव्या=(चूत के हाथों मजबूर होकर)मालिक मैं सारे गंदे काम खुशी खुशी करूंगी।
अमजद=(एक घिन्नोनी मुस्कराहट होठों पर लिए)ठीक है मेरी पालतू कुतिया दिखा अपने मुंह का जलवा और खुश कर अपने बदन के मालिक को।

इतना सुनते ही दिव्या झपट पड़ी अमजद के लंड पर।जैसे हफ्तों से भूखा इंसान खाने पर झपटता है। बड़े है डीप तरीके से लंड चूसने लगी।अमजद लोड़ा बड़ा होने की वजह से बड़ी मुश्किल से दिव्या के मुंह में जा रहा था मगर फिर भी दिव्या ने आधा लोड़ा अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी।उसके थूक से अमजद लोड़ा पूरा सन गया था।वो पूरी कोशिश कर रही थी लोड़ा पूरा मुंह में लेने की मगर लोड़ा जब गले तक जाता वो खांसने लगती।अमजद ने भी सोचा साली रण्डी का पहली बार है इसलिए ज्यादा फोर्स नहीं करूंगा,नहीं तो साली चुदाई के डर जाएगी।आज जितना करती करने देता हूं जब होशियार हो जाएगी लंड चूसने में तब बड़ी बेरहमी से इसका मुंह चोदूंगा।

अमजद=(जिंदगी का असीम मजा लेते हुए)हां ऐसे ही चूस मेरी रांड।बस इसे ही चूसती रह मेरा लौड़ा।आह साली रण्डी साली कुतिया।तू अब सीख रही हैं लंड चूसना जब सीख जाएगी तब मैं तेरा मुंह चोदूंगा।

दिव्या बहुत ही passionate तरीके से लंड चूस रही थी।
अमजद=रंडी लौड़ा चूसने के साथ साथ मेरे आंड भी चूस तुझे मेरी आंड की महक बहुत अच्छी लगेगी। आंड लंड की असली ताकत है।लंड कितना भी बड़ा क्यों न हो आंड के बिना वो खड़ा भी नहीं हो सकता है।इसलिए अपने मालिक के आंड को भी चूसकर आंड को खुश करो ये तुझे खुश करेंगे,लंड को ज्यादा देर तक खड़ा रखके।

दिव्या बिना किसी शर्म के और बिना मुंह बनाए लंड को मुंह से निकाल कर आंड चूसने लगी।
दिव्या लंड और आंड इस चूस रही हो जैसे दुनिया का सबसे स्वादिष्ट भोजन हो और वो भी आखरी।
अब दिव्या बेहतरीन लंड चुसाई से अमजद को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था।मगर वो दिव्या की तारीफ करके उसको सर नहीं चढ़ाना चाहता था।
दिव्या की कामुक लंड चुसाई का असर ये हुआ कि अमजद को लगा ये ऐसे ही चूसती रही तो वो कभी झड जाएगा और अगर वो एकबार झड़ गया तो उसे दिव्या पर रहम आ जाए और शायद चोद भी ना पाए।और लंड खड़ा होने तक साली दिव्या का ह्रदय परिवर्तन ना हो जाए। और साला टाइम भी बहुत हो गया है।वैसे यहां आता तो कोई नहीं फिर भी रिस्क नहीं लेना चाहिए। इसलिए अमजद ने सोचा अब इसकी चुदाई करनी चाहिए।

अमजद=मेरी रांड चुदना है तुझे।
दिव्या तो कबसे तैयार थीं।
दिव्या=(झट से) हां मालिक चुदना है।

अमजद=तो आ जाओ बेड पे।
दिव्या खुश होकर उछलकर बेड पर आ गई।अमजद ने उसको बाहों में भर लिया।और उसके होठ चूसने लगा।दिव्या फुल साथ दे रही थी। ये सीन जो भी देखता ये ही कहता कि ये फूल और कांटे का मिलन है और आज फूल कुचला जाएगा बड़ी बेहरहमी से।
कुछ देर दिव्या के होठों को चूसता रहा फिर दिव्या को बेड पे लिटा दिया और उसकी नंगी छोटी चूचियां को पहले पहले हाथ से मसला फिर अपना मुंह लगाकर चूसने लगा।और कभी कभी अपने दांतों से काटता भी था। दिव्या तो मजे से पागल हुए जा रही थी।
दिव्या=आह मालिक और जोर से चूसिए अपनी रंडी की चुचियों को।मेरी चुचियों को खा जाइए।ओह मेरे मालिक आप मुझे कितना मजा दे रहे हैं।

अमजद दिव्या की चुचियों को बड़ी बेरहमी से चूसने के बाद उसके पेट को चाटने लगा।फिर उसकी नाभी में जीभ डालकर,अपनी जीभ से चाटने लगा।नाभी चूसने के बाद जब जब वो दिव्या की टांगों के बीच आया तो उसे मदहोश कर देने खुशबू आई।और ये खुशबू आ रहीं थी हर मर्द की सबसे पसंदीदा चीज(चूत)से। जब अमजद ने रस टपकाती दिव्या की फूल जैसी इतनी प्यारी चूत को देख कर अमजद से नहीं गया और टूट पड़ा दिव्या की चूत पर और एक कुत्ते की तरह चाटने चूसने लगा।अमजद ने आज तक अपनी बीवी चूत नहीं चाटी थी मगर दिव्या की चूत चूसने के बाद उसे अफसोस हुआ कि क्यों उसने आजतक अपनी बीवी की चूत को चूस नहीं।वैसे भी शबाना उसे चूसने भी नहीं देती क्योंकि को यह सब गंदा लगता था।

अमजद के ऐसे चूत चूसने से दिव्या सातवें आसमान पर पहुंच गई।वो गांड उठा उठा कर चूत अमजद के मुंह पर मारने लगी।उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
दिव्या=आह मालिक ऐसे ही चूसिए अपनी रंडी की चूत को।बहुत तड़पाती है ये चूत मुझे खा जाइए इसे।आह मालिक बहुत मजा आ रहा है।
ओर फिर दिव्या का शरीर अकड़ने लगा।अमजद को पता चल गया साली अब झड़ने वाली है तो अमजद ने दिव्या की चूत को चूसना छोड़ दिया।अमजद जानता था कि साली रण्डी झड गई तो ये ठंडी पड़ जाएगी और मेरा ये लंड झेल नहीं पाएगी।इसलिए इसको गर्म रखना जरूरी है।अमजद अपना लंड पकड़ कर दिव्या की टांगों के बीच बैठ गया।

और अमजद ने दिव्या को ऐसे बीच मझधार में छोड़ा तो दिव्या तड़पने लगी।
दिव्या=आह मालिक अब मुझसे बर्दास्त नहीं हो रहा है कुछ कीजिए।नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
अमजद=क्या करूं मेरी रांड।बता मेरी रखैल।
दिव्या=(बिन जल मछली की तरह तड़पते हुए)आह मालिक आप अपना ये बड़ा लंड मेरी चूत में डालकर चोदिए मुझे।प्लीज मालिक मुझपे रहम कीजिए।ये चूत की आग मुझसे बर्दास्त नहीं हो रही है।
अमजद=(अपने लंड को दिव्या की चूत पर घिसते हुए)तुझे बहुत दर्द होगा जब मेरा इतना बड़ा लंड तेरी छोटी सी चूत में जाएगा तब।
दिव्या=(अपनी गांड उठाकर चूत को अमजद के लोड़े पर रगड़ते हुए)आह मालिक मै हर दर्द बर्दास्त कर लूंगी।आप बस अपना लंड मेरी चूत डालकर मेरी प्यास बुझा दो।नहीं तो मैं मर जाऊंगी।
अमजद= और तुझे ज्यादा दर्द हुआ तो मैं तुझे बेरहमी चोदता रहूं या लंड तेरी चूत से बाहर निकाल दूं।
दिव्या=नहीं मालिक आप लंड बाहर नहीं निकालेंगे।आपको मेरी कसम मुझे कितना भी दर्द हो मैं कितना भी चिल्लाऊं आप मुझे बेरहमी से चोदते रहिए।
अमजद=ये हुई ना असली रंडी वाली बात।अब सुन रंडी जब मैं ये लंड तेरी चूत में डालूंगा तो तुझे बहुत दर्द होगा।तू चिल्ला सकती है रो सकती है,मगर ये नहीं कहेगी कि मालिक मुझे दर्द हो रहा है आप अपना लंड बाहर निकाल दीजिए,बल्कि तुझे ये बोलना है कि मालिक अपना पूरा लंड मेरी चूत में डाल दो और मुझे बेरहमी से चोदो फाड़ दो मेरी चूत को।समझी।
दिव्या=जी मालिक मैं बाहर निकालने को नहीं कहूंगी। मैं जानती हूं लड़की पहली बार चुदवाने पर बहुत दर्द होता है।मेने अपनी सहेलियों से सुना है।आप मुझे बेरहमी से चोदना पूरा लंड घुसाकर।

अमजद= अपने पापा की कसम खाकर कह कि तू लंड बाहर निकालने को नहीं कहेगी बल्कि पूरा अंदर डालकर बेरहमी से चोदने को कहेगी।

दिव्या=(अपनी चूत को लंड पर रगड़ते हुए)हां मालिक मैं अपने पूरे परिवार की कसम खाकर कहती हूं कि मैं आपको अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकालने को नहीं कहूंगी बल्कि बेरहमी से चोदने को कहूंगी।
दिव्या ने हवस में अंधी होकर अपने पूरे परिवार की कसम खाली पर क्या पता था कि जब उसकी छोटी सी चूत में जब अमजद का 9 इंच लंबा और 4इंच मोटा लंड जाएगा तो उसे अपनी इस कसम पर कितना पछतावा होगा।और अमजद जानता था कि दिव्या उसका लंड झेल नहीं पाएगी।उसकी बीवी शबाना 40 साल की उम्र में भी उसका लंड नहीं झेल पाती है तो ये तो 18 साल कुंवारी लड़की है।ये कैसे झेल पाएगी।इसलिए उसने दिव्या को कसम खाने को कहा था।क्या पता साली मुकर जाएं।
अमजद=तो ठीक है मेरी रांड तैयार हो जा एक लड़की से मेरी पक्की रंडी बनने को।
दिव्या=(खुश होते हुए)मालिक आपकी रंडी तैयार है। आपका बड़ा लंड लेने के लिए।

और अमजद ने अपने लंड को दिव्या की छोटी सी नाजुक चूत पर रखा और लंड दिव्या की चूत में घुसाने लगा।मगर दिव्या की चूत इतनी टाईट थी कि लंड का सुपाड़ा भी अंदर नहीं जा रहा था।अमजद जानता था ऐसे नहीं जाएगा।तो अमजद दिव्या के उपर चढ़ गया और एक हाथ से दिव्या के बाल पकड़कर होठ चूसने लगा और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़कर दिव्या की गुलाबी चूत पर रखा और पूरा जोर लगाकर एक करारा धक्का लगाया। लंड का सुपाड़ा दिव्या की चूत में चला गया।दिव्या दर्द से सटपटाने लगी। मगर वो चिल्ला नहीं पा रही थी क्योंकि अमजद ने पहले से ही अपने मुंह को दिव्या के मुंह से लगा रखा था।दिव्या को बहुत हो रहा था तो हाथ पैर इधर उधर मारने लगी।अमजद से सोचा ये साली रण्डी ज्यादा हिली तो लंड इसकी चूत से बाहर निकल जाएगा और फिर दोबारा नहीं डालने देगी।तो अमजद ने अपने बदन का दवाब दिव्या के जिस्म पे डालकर अपनी पूरी ताकत लगाकर एक जोरदार धक्का मारा और अमजद का 6 इंच लंड दिव्या की चूत को चीरता हुआ अंदर चला गया और अमजद को ये भी एहसास हो गया की उसने दिव्या की सील तोड़ दी है।दिव्या का बुरा हाल था वो चिल्लाना चाहती थी मगर अमजद उसके सर को पकड़कर अपने होठ दिव्या के होठों से लगा रखे थी।दिव्या की आवाज अंदर ही दब गई थी वो गूं गूं करने लगी पहले उसकी चूत से पानी निकल रहा था मगर अब उसकी आंखों से पानी निकल रहा था।जो लड़की थोड़ी देर पहले लंड अंदर लेने के लिए तड़प रही थी अब वो लड़की लंड बाहर निकालने के लिए तड़प रही थी।कितनी गर्म और चुदासी थी मगर थी तो एक वर्जिन लड़की पहली बार लंड अंदर जाएगा तो दर्द तो होगा ही और लंड अगर अमजद के जैसा होतो आप लोग समझ ही सकते हो(आप लोग मतलब इस फोरम की लड़कियां)अमजद जानता था दिव्या को बहुत दर्द हो रहा है क्योंकि दिव्या की चूत इतनी टाईट थी कि अमजद का लंड भी दर्द कर रहा था।

कुछ देर तक अमजद ऐसे ही अपना लंड दिव्या की चूत में घुसाए पड़ा रहा फिर उसे लगा दिव्या थोड़ी शांत हो गई है तो अमजद दिव्या के होठ चूसने लगा।5 मिनट तक दिव्या के होठों को चूसता रहा।फिर दिव्या को थोड़ा दर्द कम हुआ तो वो किस्स का रिस्पॉन्स देने लगी वो भी अमजद को किस्स करने लगी।
अमजद ने जब देखा अब दिव्या का दर्द थोड़ा कम हुआ है तो उसने थोड़ा लंड बाहर खिंचा और धीरे से अंदर धक्का मारा।दिव्या फिर थोड़ा हिली किस्स करते हुए उसकी आंखें बंद थी जब अमजद ने लंड को आगे पीछे किया तो उसने आंखे खोल दी।अमजद फिर उसे किस करने लगा। आंसू दिव्या की आंख से अब कम निकल रहे थे।जब अमजद और दिव्या का दम घुटने लगा तो अमजद ने किस्स तोड़ा।
दिव्या जोर जोर से सांसे लेने लगी।जैसे ही वो सांस ले रही थी उसकी चूत में दर्द हो रहा था।और वो दांत पीसकर दर्द को बर्दास्त कर रही थी।
अमजद=बोल रंडी दर्द हो रहा है लंड निकाल दूं बाहर।
दिव्या=(सुबकते हुए)मालिक आप मेरे दर्द की परवाह मत कीजिए,आप अपना लंड बाहर मत निकालिए।आप चोदते रहिए मुझे।
अमजद=बोल रंडी कुत्तिया कैसे चोदूं तुझे प्यार या....(अमजद ने बात अधूरी छोड़ दी)
दिव्या=(दर्द से) नहीं मालिक प्यार से नहीं। मैं आपकी बीवी नहीं आपकी रखैल हूं आपकी रंडी हूं,इसलिए आप बेरहमी से चोदना मुझे मेरे दर्द की मेरे चीखों की परवाह मत कीजिए।
अमजद भी सोचने लगा साली रण्डी है तो बहादुर।
अमजद=वाह मेरी रंडी मान तू मेरी रखैल बनने के लायक है,तू तो उस वीडियो वाली छोटी सी लड़की से भी बहादुर है।वो लड़की पहले चुदवा चुकी थी छोटे लंड से मगर तू तो सील पैक है फिर इतना बड़ा लंड ले रही है।और चोदने को कह रही है।अब अगर चुदवाते टाइम तुझे दर्द हुआ तो तू चिल्लाना रोना मगर फिर भी और जोर से चोदने को बोलना।तू ऐसा करेगी तो तुझे में रोज चोदूंगा और तुझे जिंदगी भर अपनी रंडी बनाकर चोदूंगा।
दिव्या=जी मालिक।अब आप चोदिए अपनी रखैल को।

और अमजद ने आव देखा ना ताव लंड थोड़ा बाहर निकालके एक जोरदार धक्का लगाया। पूरा 9 इंच का लंड दिव्या की छोटी सी चूत के अंदर।और दिव्या इतनी जोर से चिल्लाई की पूरा कमरा उसकी चीख से गूंज उठा।
अमजद ने उसकी चीख की परवाह किए बिना अपना लंड थोड़ा बाहर निकाला और फिर एक धक्का मारा।दिव्या अपने मुंह पर हाथ रखकर रोने लगी। जब अमजद ने चूत तरफ देखा तो उससे खून निकल रहा था।

अमजद=देख मेरी रांड देख अपनी चूत को।तेरी सील टूट गई,तू एक मामूली लड़की से एक लौड़ों की रानी बन गई है मेरा इतना बड़ा लौड़ा अपनी अनोखी चूत में लेकर।(अमजद ने खून से सना हुआ लंड चूत से थोड़ा बाहर निकाला)देख मेरी रांड देख इधर,ये मेरे लंड पर लगा खून तेरी चूत का है,देख इसे ये दोबारा कभी देखने को नहीं मिलेगा।ये खून पहली बार और आखिरी बार है।और देख मेरे लौड़े को, तेरी चूत भी अब किस्मतवाली हो गई,क्योंकि तेरी चूत का उदघाटन एक असली मर्द के असली लोड़े से हुआ है। तुझे खुश होना चाहिए रंडी और तू रो रही है। अब बोल साली रण्डी ऐसे ही लंड घुसाए पड़ा रहूं या चोदूं अपनी रंडी को।
दिव्या=(करहाते हुए)आप चोदिए मालिक।मुझे चोदकर अपनी पक्की रंडी बना लीजिए।
फिर क्या था अमजद धीरे धीरे लंड दिव्या की चूत में आगे पीछे करने लगा।मगर दिव्या अब चिला रही थी।
5 मिनट तक ऐसे ही धीरे चोदने के बाद अमजद बोला।
अमजद=बोल मेरी रखैल।ऐसे चोदूं या जबरदस्त तरीके से जोर जोर से धक्के लगाकर।
दिव्या को दर्द तो अभी भी हो रहा था मगर फिर भी उसने कसम खाई थी।जोर से चोदने को कहने की।
दिव्या=मालिक ऐसे धीरे धीरे नहीं।जोर से चोदो अपनी इस रखैल को फाड़ दो मेरी चूत को।बहुत तड़पाया है इसने मुझे ।
अमजद तो यही चाहता था।फिर क्या अमजद दिव्या को बड़ी बेरहमी से चोदने लगा।
और दिव्या दर्द से जोर जोर से चिल्लाने लगी।
अमजद=और चिल्ला मेरी रांड और जोर से चिल्ला मेरी कुत्तिया।मुझे तेरी चीखे सुननी है।तेरी चीखे सुनकर तेरे मालिक को बहुत मजा आ रहा है,चिल्ला साली रण्डी चिल्ला।

10 मिनट तक अमजद दिव्या को जानवरों की तरह चोदता रहा,साथ में उसकी चूचियां दबाने लगा और चूसता रहा उसके होठ चूसता रहा।
अब दिव्या चीखों की जगह दिव्या की सिसकारियां ने ले ली थी।अब दिव्या को दर्द के साथ मजा भी आने लगा था।
और फिर अमजद दिव्या के उपर से उठा और घुटनों के बल बैठकर चोदने लगा।अब दिव्या दर्द कम पड़ चुका था।अब दर्द पे मजा हावी हो गया था।पहले दिव्या दर्द से चिल्ला रही थी मगर अब वो मजे से चिल्ला रही थी।
दिव्या =ओह मालिक बहुत मजा आ रहा है।और जोर से चोदो अपनी इस रखैल को।जमकर चोदो अपनी रंडी को फाड़ मेरी चूत।ओह मालिक ऐसे चोदते रहो।आपने पहले मुझे अपनी रंडी क्यों नहीं बनाया,पहले क्यों नहीं चोदा मुझे अपनी रखैल बनाकर। मैं जिंदगी भर आपकी गुलाम बनके रहूंगी बस आप मुझे जिंदगी भर चोदते रहिए।
अमजद=(दिव्या के गाल पे और चुचियों पे थप्पड़ मारते हुए)ओह मेरी कुत्तिया,मेरी रंडी क्या चूत है तेरी, मेरे लंड को जकड़ रखा है कितनी टाइट है तेरी चूत,तेरी इस टाइट चूत को में चोद चोदकर इसका भोसड़ा बना दूंगा। और तुझे मैं जिंदगी भर अपनी रंडी बनाकर चोदूंगा।
और अमजद दिव्या बड़ी बेरहमी से चोदने लगा।दिव्या पिछले दो घंटो से गर्म थी तो अब उससे बरदस्त नहीं और चिल्लाते।
दिव्या=आह मालिक मुझे कुछ हो रहा।आह मालिक सभालो मुझे।मेरी चूत में तूफान आ रहा है। मालिक और जोर से धक्के मारो।और बेरहमी से चोदो।
अमजद=आने मेरी रंडी उस तूफान को।उसी तूफान के लिए ही तो तू मेरी बनकर चुदवा रही मुझसे।और तुझे अपनी रंडी बनाकर चोद रहा हूं।तू झड रही मेरी रांड।तेरा पानी छूट रहा है कुत्तिया। रोक मत अपने आपको झड़ जा कुत्तिया, भिगो दे मेरे लंड को अपने रस से।
और दिव्या का शरीर अकड़ने लगा और उसने अमजद को अपनी बाहों में जकड़ लिया और चिल्लाते हुए झड़ने लगी।
दिव्या=ओह मालीईईक मैं गई।में आ रही हूं संभालो मुझे।

ओर दिव्या की चूत सैलाब फूटा जिससे अमजद के लंड के साथ उसके आंड और चादर भी भीग गई।दिव्या की लाइफ का पहला orgasm था।इसलिए वो बेजान सी होकर पड़ी। आंखे बंद करके लंबी लम्बी सांसे ले रही थी।उसके चेहरे पर एक अजीब सा सुकून था।अमजद ने में धक्के लगाने बंद कर दिए थे।क्योंकि अमजद एक तजुर्बेदार मर्द था,इसलिए उसने दिव्या को इस पल का आनंद लेने दिया।अपना लंड चूत से बाहर निकाल कर दिव्या के बगल में लेट गया।
कोई 5 मिनट बाद जब दिव्या की सांस नॉर्मल हुई उसे होश आया और उसने महसूस किया कि उसकी चूत कोई हलचल नहीं हो रही है।तो उसने आंखे को अमजद उसे चोद नही रहा था।उसने का गर्दन घुमाई तो अमजद उसकी बगल में लेटा हुआ था और हस रहा था।तो वो हैरान हो गई।और अमजद से बोली।
दिव्या=(मासूमियत से)मालिक आप यहां क्यों लेटे हुए है।और आपने अपना लंड बाहर क्यों निकाला मेरी चूत से।क्या आप भी झड़ गए मेरी तरह।
अमजद=(मुस्कराते हुए}नहीं में अभी तक नही झड़ा।
दिव्या=तो फिर आपने चोदना क्यों छोड़ा।मुझे चोदकर आप भी झड़ जाइए।क्योंकि झड़ते हुए बहुत मजा आता है और झड़ने के बाद बहुत सुकून मिलता है। जल्दी कीजिए अपना लंड मेरी चूत में डालिए।

दिव्या की मासूमियत देखकर अमजद मुस्कराने लगा।
दिव्या=क्या हुआ आप मुस्करा क्यूं रहे हैं। चोदिए ना मुझे देखो आपका लंड केसे खड़ा है अंदर घुसने के लिए।

अमजद=अभी मैं तुझे नहीं चोदूंगा।थोड़ी देर बाद चोदूंगा।
दिव्या=(हैरान होते हुए)थोड़ी देर बाद क्यों अभी क्यों नहीं चोदेंगे।
अमजद=क्योंकि अभी तुझे बहुत दर्द होगा और मजा भी नहीं आएगा।
दिव्या=मालिक दर्द तो पहले भी हुआ था तब तो आप चोद रहे थे,अब क्यों नहीं।आपने मुझे इतना मजा दिया है तो मैं भी आपके मजे के लिए दर्द बर्दाश्त कर लूंगी।
अमजद=(दिव्या को समझाते हुए)देखो दिव्या वो एक लड़की को जिंदगी में सिर्फ एक बार होता।और उस दर्द में मजा भी है।एक सुकून भी है।और अभी मैं अगर तुझे चोदूंगा तो तुम्हे दर्द होगा तो उसमें मजा बिलकुल नहीं होगा।क्योंकि पहले तुमने अपने मजे के लिए दर्द बर्दाश्त किया।मगर अब तुम मेरे लिए दर्द बर्दाश्त करोगी।क्योंकि तुम अभी झड़ी हो तो तुम्हे फिर से मजा आने में थोड़ा वक्त लगेगा। अब मै तुझे चोदूंगा तो मुझे भी मजा नहीं आएगा तुम्हारी सूखी हुई चूत चोदकर। मैं जानता हूं अभी तुम्हारी चुदवाने की बिलकुल भी इच्छा नहीं।मगर मेरी खुशी के लिए और मेरे मजे के लिए तू मुझसे चुदवाएगी।ये सच है की तू मेरी रंडी है, तुझे दर्द देकर और बड़ी बेरहमी से चोदूंगा।तुझे गालियां दूंगा,तुझे जलील करूंगा,तुझे गंदे काम करने को कहूंगा।मगर उस दर्द में उस बेरहमी में।उन गालियां में,और गंदे काम करने में तुझे भी मजा आयेगा। समझी।कुछ। एक बात और आज पहली बार है इसलिए तुझे छोड़ रहा हूं आज के तुझे जब चोदूंगा तब तू चुदाई के वक्त चाहे कितनी बार झड़ चुकी हो,जब तक मैं नहीं झडूंगा तेरी चुदाई बंद नहीं होगी।

दिव्या=जी मालिक समझ गई।की आप एक अच्छे इंसान है।और मैं आपकी रखैल बन कर बहुत खुश हूं।
अमजद=ठीक है तो जबतक तेरी चूत गीली नही हो जाती तब तक मेरे इस लंड को खुश कर जिसने तुझे खुश किया है।

दिव्या समझ गई कि क्या करना है और वो झुककर अमजद के लंड से खेलने लगी।फिर लंड पर लगे अपने माल को चाटने लगी।सारा माल चाटने के बाद लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी।अमजद भी उसकी चूचियों से खेलने लगा और उसकी गांड पे भी हाथ फेरने लगा।

10 मिनट तक लंड चुसाई और अमजद की छेड़खानी की वजह से दिव्या फिर से गर्म हो गई।ये बात अमजद को दिव्या के लंड चूसने के अंदाज से पता चल गया।क्योंकि दिव्या पहले प्यार से लंड चूस रही मगर अब मजे से और जबरदस्त तरीके से लंड चूस रही थी।

अमजद= चल मेरी रंडी अब लंड चूसना छोड़ और उठकर कुतिया बन जा।अब मै तुझे कुतिया बनाकर चोदूंगा। और अब तुझे अपने से चुदने में मज़ा आएगा और मुझे चोदने में।
दिव्या लंड चूसना छोड़ कर मुस्करा कर उठी और कुतिया बन गई।अमजद दिव्या के पीछे आया और उसकी गांड पर थप्पड़ मारते हुए।
अमजद=साली रण्डी तेरी गांड भी मस्त है।तेरी गांड में लंड डाल दूं क्या।
दिव्या=(पीछे पलटकर)जैसी आपकी इच्छा मालिक।आप मन अगर मेरी गांड मारने का है तो मेरी गांड मार लो।मुझे अच्छा लगेगा आपसे गांड मरवाकर।(अब दिव्या को क्या पता जब ये 9 इंच लंबा और 4इंच मोटा लंड उसकी गांड में जाएगा तो उसे चूत चुदवाने से कई गुना ज्यादा दर्द पहली बार गांड मरवाने में होगा)
अमजद=अरे नहीं मेरी रंडी आज नहीं,आज तो तेरी चूत का भोसड़ा बनाऊंगा।जब तू चलने लायक हो जाएगी तब तेरी ये मखमली गांड फाडूंगा। आज तो चोदते समय तेरी गांड पे थप्पड़ मार मार के तेरी सफेद गांड को लाल कर दूंगा।
दिव्या=जैसी आप की इच्छा मालिक।

फिर अमजद ने अपने लंड पे ठीक लगाया ओर अपने लंड को दिव्या की चूत पर रखा और दिव्या की कमर पकड़ कर एक जोरदार धक्का लगाया।लंड दिव्या की चूत को चीरता हुआ पूरा अंदर चला गया।

दिव्या जोर से चिल्लाने लगी। दिव्या की अभी अभी फटी चूत में बहुत दर्द हो रहा था।मगर अमजद दिव्या के चीखों की ओर दर्द की परवाह किए बगैर उसे बेरहमी से चोदने लगा।
धीरे धीरे दिव्या की दर्द भरी चीखे अब मजे में बदल चुकी थी।
अमजद दिव्या के बाल पकड़कर जोर जोर से चोदने लगा और साथ में उसकी गांड पे थप्पड़ मारने लगा।
आधे घंटे तक दिव्या को कुतिया बनाकर चोदने के बाद अब अमजद झड़ने वाला था उसका दो दिन से खड़ा लंड अब अपना लावा उगलने वाला था।और साथ में दिव्या भी अब झड़ने वाली थी।
दिव्या=आह मालिक में फिर से झड़ने वाली हूं मेरा पानी निकलने वाला है।आप चोदते रहिए रुकना मत जब तक आपका पानी ना निकले।मेरे दर्द की परवाह मत करना।
(और दिव्या झड़ने लगी )
अमजद=मेरी रंडी मैं भी झड़ने वाला हूं मेरा माल निकलने वाला है।बोल मेरी रांड मेरा माल पायेगी।
दिव्या=हां मालिक मैं आपका माल पीना चाहती हूं।आप मेरे मुंह में झड़ जाइए।

अमजद ने अपना लंड दिव्या की चूत से निकाला और दिव्या के बाल पकड़कर अपनी ओर घुमाया और लौड़ा दिव्या के मुंह डाल दिया और दिव्या के मुंह को चोदने लगा।
अमजद=ओह मेरी रांड क्या मुंह है तेरा, तेरा मुंह चोदकर बहुत मजा आ रहा है।अब मेरा माल निकलने वाला है मेरा सारा माल पी लेना कुतिया।

अमजद दिव्या के मुंह को बड़ी बेरहमी से चोद रहा था।दिव्या को बहुत तकलीफ हो रही थी।उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।मगर अमजद अब झड़ने के करीब था तो उसे दिव्या पर कोई तरस नहीं आ रहा था। और जोर दार धक्के लगाते हुए झड़ने लगा।
अमजद=ये ले मेरी रखैल मेरी रंडी माल पी अपने मालिक का।
और सारा वीर्य दिव्या के मुंह में उड़ेल दिया।दो दिन से खड़े लंड से बहुत ज्यादा गर्म गर्म वीर्य निकलने से थोड़ा वीर्य दिव्या मुंह से निकल कर उसकी चूचियों पर और उसकी टांगों पर गिर गया,दिव्या उस माल को अपनी उंगलियां में लेकर चाटने लगी।
अमजद= अब लग रही है तू मेरी रंडी।

अमजद दो दिन से खड़े अपने लंड से माल निकालकर बहुत खुश था।और सुकून से बेड पर लेट गया।दिव्या ने अमजद के लंड पर लगे माल को चाट कर साफ़ किया।और अमजद के बगल में बैठ गई।अमजद ने लेटने का इशारा किया और दिव्या अमजद से चिपककर लेट गई।दिव्या भी थक गई थी।अमजद ने उसे बड़ी बेरहमी से चोदा था।उसका अंग अंग दर्द कर रहा था।और साथ में चेहरे पे एक अजीब सा सुकून भी था।


तो दोस्तों इस कहानी की पहली चुदाई यहीं समाप्त होती है। ओर आगे चलकर अमजद क्या क्या करता है दिव्या के साथ और बाकी सबके साथ।तो जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ।
कहानी कैसी लगी कॉमेंट करके जरूर बताएं।ये मेरी पहली कहानी है अगर कोई लिखने में भूल हो जाए तो(भूल हो जाती है, अब उसे सुधार थोड़ी सकते है।हो गई तो हो गई।इसमें मैं और आप लोग क्या कर सकते है)

मिलते है अगले कामुक और धमाकेदार के साथ। तब तक के लिए ये अपडेट पढ़कर अपने लंड को हिलाए।और हां हिलाकर माल जरूर निकाल देना,क्योंकि खड़ा लंड बहुत कांड करवाता है।(मुफ्त का ज्ञान मेरा मतलब बकचोदी)

Thanks.
keep supporting.
super hot update
 

sunoanuj

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इतना बड़ा अपडेट दिया और किसीने एक भी कॉमेंट नहीं किया। लगता है आप लोगों को कहानी पसंद नहीं आई।अगर आप लोगों को कहानी पसंद नहीं आई है तो लिखने का क्या मतलब।
Bilkul sahi kaha mitr…
 
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