अपडेट 11
अमजद अपनी सोचों में गुम था।शबाना ने अमजद को फिर कहा=फ्रेश हो जाइए मैं खाना लगाती हूं।
तो अमजद अपनी माल बेटियों के बारे में सोचते हुए वाशरूम में गया और फ्रेश होकर बाहर आया और डाइनिंग टेबल पर बैठ गया,अमजद की तीनों माल बेटियां पहले से टेबल पर आ गई थी और अमजद का इंतजार कर रही थी,शबाना ने खाना लगाया और सब खाना खाने लगे।
सारा=वाह अम्मी क्या खाना बनाया है आपने मजा आ गया।क्या खुशबू है और कितना स्वादिष्ट है खाना। मैं तो तरस गई थी आपके हाथ का खाना खाने के लिए।
शबाना=हर ओलाद को अपने मां के हाथों का खाना अच्छा लगता है।और तुझे किसने कहा था तरसने के लिए,तू ही जिद करके गई थी नाना नानी के पास।हम सब भी तरस गए थे तुझे देखने के लिए,पूरे दो साल बाद लौटी है।
हीना=हां सारा,अम्मी बिलकुल सही कह रही बहुत याद आती है तुम्हारी।
जिया=सारा तुझे हमारी याद नहीं आती क्या।
सारा=बहुत याद आती है आपी।आप सब को बहुत मिस करती हूं।
सब लोग थोड़े इमोसनल हो गए थे।सबकी आंखों में आसूं भी आ गए थे।
शबाना और अमजद अपने बच्चों से बहुत प्यार करते है इसलिए उनकी आंखों में आसूं नहीं देख सकते।अपने बच्चों का आपस में प्यार देखकर शबाना की भी आंखों में आसूं आ गए,अमजद भी भावुक हो गया था।(माना कि अमजद का खड़ा लंड अमजद के काबू में नहीं है।खड़े लंड की वजह से अमजद के दिमाग में अपनी बेटियों को चोदने का ख्याल आता है,उसके दिमाग में हवस है।मगर इसका मतलब ये नहीं कि अमजद अपनी बेटियों से प्यार नहीं करता।जैसे उसके पास खड़ा लंड है वैसे ही उसके पास एक दिल भी है और उस दिल में बहुत प्यार है अपनी बेटियों के लिए।)
शबाना ने अमजद की तरफ देखा तो अमजद ने माहौल को शांत करने का इशारा किया।
शबाना=(सारा से) अगर तुम्हें हम सब की इतनी ही याद आती है तो अब नाना नानी के पास जाना नहीं, यही रहना हमारे साथ।
हीना=(सारा)हां गुड़िया तू अगर हमसे इतना ही प्यार करती है तो नहीं रह अपने घर में हमारे साथ।
जिया=(हीना से)आपी मुझे नहीं लगता यह हमसे प्यार करती हैं, सिर्फ हम ही इसे प्यार करते हैं। यह जिद करके गई थी नाना नानी के पास अब यह वही रहेगी हमारी तो इसे याद ही नहीं आती है।
अब माहौल थोड़ा खुशनुमा हो गया था।
सारा=(नखरा करते हुए) हेलो मैडम मैं भी आप सब से बहुत प्यार करती हूं बहुत याद आती है तुम सबकी।
सब=(एक साथ) तो इसका मतलब अब हमारी गुड़िया हमारे साथ रहेगी।
सारा=साथ तो रहूंगी मगर मेरी एक शर्त है पहले तुम सबका एक टेस्ट लूंगी।
शबाना=कैसी शर्त और कैसा टेस्ट।
सारा=(ड्रामा करते हुए)शर्त यह है कि मैं यहां एक महीना रहूंगी और टेस्ट लूंगी कि आप लोग मुझसे कितना प्यार करते हो अगर मेरी उम्मीदों पर खरे उतरे, मुझे सच में प्यार करते हो तो मैं हमेशा आपके साथ रहूंगी कभी छोड़कर नहीं जाऊंगी।
सबको पता चल गया था कि सारा ड्रामा कर रही है। सारा हिना और जिया के बीच में बैठी थी, जिया और हीना ने सारा के दोनों कान पकड़ लिए और दोनों साथ में बोली=अच्छा, मैडम अब इतनी बड़ी हो गई है जो हमारा टेस्ट लेंगी।अब बता यहां रुकेगी या वापस जाएगी।
सारा=आपी बहुत दर्द हो रहा है कान छोड़ दो प्लीज, मैं अब यही रहूंगी कभी नहीं जाऊंगी आपको छोड़कर।
शबाना=जिया, हिना कान छोड़ो मेरी बच्ची के। अब यह कहीं नहीं जाएगी आज सुबह ही अम्मी-अब्बू का फोन आया था कह रहे थे सारा अब आपके साथ ही रहेगी। और कह रहे थे उनसे सारा ने खुद ही कहा कि अब वह अपनी बहनों और अपने अम्मी-अब्बू के साथ रहेगी और वह अपना TC भी लेकर आ गई है अब इसी स्कूल में पड़ेगी।
जिया=(सारा) यह बात सीधी सीधी भी बता सकती थी इतना ड्रामा करने की क्या जरूरत थी ड्रामा क्वीन।
सारा=(धीरे से) यह तो सबको पता है कि ड्रामा क्वीन कौन है।
जिया=क्या बोली फिर से बोल कौन है ड्रामा क्वीन। नाना नानी के पास रहकर उनके लाड प्यार से तु बहुत बिगड़ गई हैं, तुझे यहां मै तुझे सुधारूंगी अपने पुलिस वाले अंदाज में।
हीना=अब तुम दोनो चुपचाप खाना खाओ ज्यादा ड्रामा मत करो।
और सब हंसने लगे।खाना खाने लगे।शबाना अपने बच्चों का आपस में इतना प्यार देखकर बहुत खुश हो जाती है।ये ऊपरवाले से दुआ करती है कि इनमें हमेशा ऐसे ही प्यार रहे।
और इधर अमजद को फिर से उसका खड़ा पापी लौड़ा परेशान करने लगा।करता भी क्यों नहीं उसके सामने तीन तीन sexbomb बैठी थी।अमजद का ध्यान अब बार बार सारा की टाइट टी शर्ट में कसी हुई बड़ी बड़ी चूचियों पर जा रहा था।और उसका लंड झटके मार रहा था।थोड़ी देर पहले अमजद को अपनी बेटियों पर एक बाप वाला प्यार आ रहा था,मगर अब फिर से उसका खड़ा लंड उसपे हावी हो गया था और उसके मन हवस जाग गई थी अपनी बेटियों के लिए।
अमजद=(मन में) अब तो यह सारा कहीं नहीं जाएगी ,मेरे ही स्कूल में पढ़ेगी और इसका अंदाज देखकर लगता है कि यह आसानी से पट जाएगी। और फिर में इसका मजा लूंगा। हाय मेरी किस्मत
सब ने खाना खा लिया और हीना और शबाना ने बर्तन उठाए और किचन में चली गई जिया थोड़ी देर बैठी और वह भी अपने बेडरूम में चली गई।
सारा=अब्बू मैं बहुत थक गई हूं और मुझे अब नींद आ रही है अब कल बात करेंगे।
अमजद=हां सो जाओ मेरी गुड़िया, कल स्कूल भी चलना है मेरे साथ।
और सारा भी चली गई सोने के लिए थोड़ी देर बाद हीना और सबाना भी किचन का काम निपटाके आ गई।
हिना भी चली गई सोने के लिए, शबाना भी चली गई। अमजद ने थोड़ी देर टीवी देखा और वह भी चला गया सोने के लिए।
बेड पे सोने के बाद शबाना ने अमजद से कहा= एक बात कहूं आपसे।
अमजद=हां कहो।
शबाना=ये सारा आपको थोड़ी बदली बदली सी नहीं लग रही।
अमजद=हां सही कहा तुमने बेगम।सारा पहले कितनी गुमसुम रहती थी,किसी से कुछ वास्ता नहीं बस अपने में ही रहती थी,मगर अब सबसे से खुलके बात करती है।कितनी खुश लग रही थी। मैं तो अपनी बेटी को हमेशा ऐसे ही देखना चाहता था।
शबाना=नहीं मैं वो बात नहीं कर रही थी।
मैं तो उसके.....[इतना कह के रुक गई}
अमजद=ये बात नहीं तो कौनसी बात,बोलो क्या बात है।
शबाना=वो उसके पहनावे की बात कर रही थी।हमारी बेटियां हमेशा ढीले सलवार सूट पहनने वाली रही है।और ये सारा जींस और टीशर्ट पहनकर आई है।हीना ने भी मुझसे कहा कि अम्मी सारा को बोलो ऐसे कपड़े ना पहने उसको बोलो कपड़े चेंज करके अब्बू आयेंगे तो बहुत डांटेगे।मगर मैने ये सोचकर सारा को कुछ नहीं बोला कि वो आज ही आई है दो साल बाद,उसका दिल नहीं दुखाना चाहती थी।मुझे बस आपका डर था कहीं आप उसके कपड़े देख कर उसको डांटेगे,पर आपने डांटा नहीं,उसके लिए शुक्रिया।
अमजद=अरे तुम पागल हो क्या,सारा तुम्हारी अकेली की बेटी है क्या, मेरी भी सगी बेटी है।और रही बात पहनावे की तो देखो बेगम माना कि मैं थोड़ा कठोर स्वभाव का हूं, मैं एक टीचर हूं,सबको सही बात सिखाता हूं।रही बात हमारी बेटियों की तो वो हमारी बात कभी नहीं टालेगी,जो हम कहेंगे वो करेगी।आज कपड़ों को लेकर कहेंगे,वो मान जाएगी,कल बाहर जाने से मना करेगी वो मान जाएगी।हमारी हर बात मानेगी। अब बताओ बेगम कि तुम्हे बेटियां चाहिए या गुलाम।
शबाना=ये आप क्या कह रहे हैं।हम हमारी बेटियों को गुलाम क्यों बनाएंगे। आप भी ना।
अमजद=वो ही तो मैं कह रहा हूं।हमारी बेटियां हमेशा हमारे हिसाब से कपड़े पहनेगी,हमारे हिसाब से खायेगी,हमारे हिसाब से बाहर जाएगी,हमारे हिसाब से नोकरी करेगी,हमारे हिसाब से शादी करेगी। after all वो अपनी जिंदगी हमारे हिसाब से जियेगी।और जो इंसान अपनी जिंदगी अपने हिसाब से नहीं जी सकता,दूसरों के हिसाब से जियेगा वो गुलाम ही कहलाएगा।
शबाना= अरे आप छोटी सी बात को कहां से कहां ले जा रहे। मैं तो बस कपड़ों की बात कर रही थी।और आप तो कहां पहुंच गए।
अमजद = शबाना हर बड़ी बात की शुरुआत छोटी बात से ही होती है।तुम भी एक ओरत हो,और ये बात तुम भी जानती हो कि एक ओरत या लड़की रेत की तरह होती है,जितनी मुट्ठी टाइट करोगे वो फिसलती जाएगी।
शबाना =ठीक है बाबा। मैं कुछ नहीं कहूंगी सारा को।वो तो हीना ने कहा था इसलिए।
अमजद=बेगम हीना को इस बात का बुरा नहीं लगा कि सारा ने जिंस पहनी है,बल्कि हीना को इस बात डर लगा था कि कहीं मैं बुरा ना मानूं। बेगम हमारा जमाना अलग था,अब अलग है।हमें अपने बच्चों को अपने हिसाब जीने देंगे,उनपर कोई पाबंदी नहीं लगाएंगे।जिया तो वैसे भी पुलिस वाली बनने वाली हैं,वो पेंट शर्ट पहनेंगी ही।(मुस्कराते हुए} वैसे जिंस टी शर्ट तुम भी ट्राई करो,मस्त लगोगी।
शबाना=(शर्माते हुए)आप भी ना,कुछ भी बोलते रहते हो।अब इस उम्र में मै पेंट शर्ट पहनूंगी।
अमजद=अरे मेरी जान तुम तो अब जवान हो। बूढ़ा तो मैं हो गया हूं।(झूठा कहीं का, हर वक्त लंड खड़ा रहता है और खुद को बूढ़ा बोलता है।)
शबाना = चलो ठीक अब सो जाते मुझे बहुत नींद आ रही हैं।(वैसे एक बात बता दूं कि शबाना को नींद ना आने की प्रोब्लम है इसलिए वो नींद की गोलियां खाती है,और गोलियां खाने के बाद चाहे तूफान आए या भूकंप आया वो सुबह 6 बजे ही जागती है,{वैसे कुछ कमीने रीडर जान ही गए होंगे कि ये नींद की गोलियां वाला ट्विस्ट क्यूं डाला है,और जो नहीं समझे उनको कहानी में आगे पता चल जाएगा।}
शबाना तो सो गई और नींद की आगोश में चली गई,पर अमजद को नींद नहीं आ रही थी।आती भी कैसे,उसका लौड़ा जो खड़ा था जवान लड़कियां की चूत फाड़ने के लिए।
अमजद 11 बजे तक ऐसे ही अपने लंड को मसलता रहा,मगर उसे चैन नहीं मिल रहा था।उसे बार बार दिव्या की चुदाई याद आ रही थी।जब उससे बर्दास्त नहीं हुआ तो उसने मुठ मारने का सोचा।और वो बाथरूम में घुस गया।अपना लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने लगा।मुठ मारते हुए दिव्या को गालियां देने लगा = साली रण्डी,तुझे मेने अपनी रखैल तो बना लिया है अब तुझे कल अपने ऑफिस में चोदूंगा पूरी नंगी करके।साली कुतिया को उसके बाप गोविंद के सामने चोदूंगा।
अमजद मजे से मुठ मार रहा था कि तभी उसे किसी चीज की गिरने की आवाज आई।शायद कोई बर्तन गिरा था।अमजद को लगा साला कोई चोर नहीं आ गया।अमजद ने लंड को एंडरवियर में डाला और धोती लपेट कर बाथरूम से बाहर निकला किचन की तरफ भागा।
जब वो किचन के पास गया तो उसने देखा किचन की लाइट ऑफ थी।जब उसने किचन के पास जाकर अंदर देखा तो उसे किचन में कुछ हलचल दिखी उसने गौर से देखा तो उसे एक इंसान दिखा।अमजद को यकीन हो गया कि साला कोई चोर ही है,क्योंकि अगर कोई फैमिली मेम्बर किचन में आता तो लाइट जरूर और करता।
वो चोर जैसे ही किचन से बाहर निकलने को हुआ अमजद ने उसे दबोच लिया और किचन किचन से बाहर नहीं निकलने दिया,और इत्तेफाक से अमजद का एक हाथ उस चोर के मुंह पर था,इसलिए इस चोर की आवाज नहीं निकल रही थी।वो चोर छूटने के लिए छटपटाने लगा।
अमजद का एक पैर कमजोर था,अमजद के हाथ तो पहलवानों जैसे थे, अमजद की पकड़ से वो चोर सिर्फ हिल रहा था अपने आप को छुड़ा नहीं पा रहा था।
अमजद=(गुस्से में)साले हरामजादे मेरे घर में चोरी करता है,तुझे तो मैं छोडूंगा नहीं।साले आज तेरी मां चोद दूंगा।तेरी बहन की चूत मारूं, भोसड़ीके तेरी ही हिम्मत कैसे हुई मेरे घर में चोरी करने की।साले तेरा मैं आज वो हाल करूंगा कि तू फिर कभी चोरी नहीं करेगा। मादरचोद तेरी बहन को अपनी रंडी बनाकर चोदूं मेरे बड़े लंड से।बहनचोद तेरी बहन को तेरे सामने चोदूं।अपनी रखैल बनाकर चोदूं।
वो चोर पहले छूटने के लिए तड़प रहा था, मगर अमजद की गालियां से वो एकदम शांत हो गया था।
ये बात अमजद को भी अजीब लगी।अमजद भी सोचने लगा ये साला चोर छुड़वाने की कोशिश क्यूं नहीं कर रहा हैं।
अगले ही पल उसे एहसास हुआ कि उसका एक हाथ उस चोर के मुंह पर रखा हुआ है और दूसरा हाथ.......।