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Incest लंगड़ी घोड़ी

Prince Charlee

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Unique star congratulations for completing this story.
Lekin sach kaho to pahali dono stories "Parivar Bina Kuch Nahi" & "Maa Ka Deewana Beta" best thi. Dono stories me suspense bhi tha aur sex bhi khob tha.
Lekin last dono stories "Manglik Bahan" & "Langdi Ghodi" ka end bilkul bhi achcha nahi hua. Poori story padhne ke baad bhi aise he lagta hai jaise story me kuch kami rah gai ho.

Please ab jab bhi jo bhi story start kare to use time de ke likhe jaise pahali dono stories likhi thi.

Thanks.
 

Desi Man

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कामुक और गर्म अपडेट है दोस्त
बहुत शानदार लेखनशैली है तुम्हारी पर कहानी को जल्दबाजी में अंत कर दिया अभी दो चार अपडेट और आ सकते थे
 
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Mass

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Wonderful story Unique star bhai...
your last 2 stories (including this one) were very short (but hot). Hope this time, you'll come up with a long and hot story of which you are very capable of and about which many of your admirers will also look forward to.
Looking forward to the next hot story from you. Congratulations once again!!
 
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parkas

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गाड़ी जैसे ही घर के अंदर रुकी तो रजनी ने राजू को स्माइल दी और धीरे से उसकी बॉटल लेकर उतर गई। राजू ने दीदी को बॉटल लेते देखा और फिर गाड़ी खड़ी करने के लिए चला गया। रजनी अपने कमरे में चली गई और बाथरूम में घुस गई और फिर कुछ सोचते हुए अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और मेक अप करने लगी। दिन में आज उसने पार्टी के लिए हल्का सा मेक अप किया था लेकिन अभी बिलकुल गहरा मेक अप कर रही थी बिलकुल किसी दुल्हन की तरह। रजनी सॉफ्ट ड्रिंक के कारण अपने आपको हवा में उड़ता हुआ महसूस कर रही थी और उसे सब बेहद अच्छा लग रहा था।

बाहर से दरवाजा नोक हुआ तो रजनी बोली:" मैं बाथरूम में हु, बाद में आना थोड़ी तुम।

राजू:" ठीक हैं दीदी, लेकिन थोड़ी जल्दी ही बाहर आना आप।

रजनी ने बिलकुल लाल सुर्ख लिपिस्टिक उठाई और अपने होंठो पर लगाते हुए बोली:"

"क्यों बिना पिए रहा नही जा रहा है क्या ? ज्यादा दारू पीने का मन कर रहा है क्या ?

राजू:" बस दीदी ऐसे ही सोच रहा था कि एक दो पैग पीकर सो जाऊंगा आज।

रजनी ने अपने होंठो को अच्छे से सजाया और फिर शीशे में देखती हुई बोली:"

" कल तो तुमने दारू पी ही थी फिर आज फिर से ऐसा क्या हो गया तुझे ? तुम तो छोड़ रहे थे दारू धीरे धीरे।

राजू:" छोड़ दूंगा दीदी, लेकिन रात की दारू आपके हाथ से पीने के बाद थोड़ा ज्यादा अच्छा लगा। तो फिर से मन करने लगा।

रजनी:" अच्छा जी, ऐसा क्या हैं भला मेरे हाथो में ?

राजू:" दीदी आपके हाथो में जादू है, सच में दारू से ज्यादा नशा आपके हाथो में है।

रजनी:" तुम ना पता नही कैसी कैसी बाते करते हो मुझसे आज कल ? भला हाथो में भला होता हैं क्या दारू से ज्यादा ?

राजू:" होता हैं दीदी जरूर होता हैं बस आपके खूबसूरत हाथ और नशीली आंखें होनी चाहिए।

रजनी अपने भाई की बातो पर मुस्कुरा रही थी और वो जान बूझकर अपनी साड़ी के पल्लू को अंदर की तरफ दोहरा करके मोड़ रही थीं ताकि उसका पेट और कंधे ज्यादा नजर आ सके और बोली:"

" हाय भगवान, क्या करू तेरा? हाथो के साथ साथ तुझे अब मेरी आंखे भी नशीली लगने लगी ?

राजू अपनी दीदी की मस्ती भरी बातो और अदाओं पर खुश होता हुआ बोला:"

" सच में दीदी आपके खूबसूरत हाथो से बना हुआ पैग आपकी नशीली आंखों में देखकर पीने से मजा आता हैं। बोलिए न आप पिलाएगी न अपने हाथ से मुझे आज फिर ?

रजनी तो कब से खुद तड़प रही थीं उसे पिलाने के लिए लेकिन उसे तड़पाते हुए बोली:"

" ना जी ना, मैं क्यों पिलाने लगी भला ? कहीं तुझे नशा ज्यादा हो गया तो फिर क्या होगा ?

राजू उसकी बाते सुनकर तड़प सा उठा और बोला:"

" ऐसा जुल्म मत कीजिए ना दीदी, नशा ज्यादा होने से अच्छा ही होगा क्योंकि फिर आप मुझे ज्यादा खूबसूरत लगती हैं।

रजनी ने ब्लाउस को करीब दो इंच अंदर की तरफ मोड़ दिया जिससे उसकी सांसे तेज हो गई और बोली:"

" अच्छा जी, बिना दारू के मैं तुझे खूबसूरत नही लगती क्या ?

राजू:" ओह दीदी, आप तो हमेशा खूबसूरत लगती है। खोलो भी अब दरवाजा।

रजनी:" अच्छा रुक खोलती हु न, बस एक मिनट आई मैं।

रजनी ने देखा कि उसकी चूचियां ब्लाउस मोड़ने से आधी से ज्यादा छलक पड़ी थी और रजनी ने अपनी कमर पर बंधे हुए ब्लाउस को सिर्फ हल्का सा उलझा दिया ताकि उसकी चूचियां अपना आकार दिखाती रहे। रजनी को रात अपनी चूत पर लंड की रगड़ बेहद आनंद पूर्ण लगी थी इसलिए उसने जान बूझकर अपनी पेंटी को नीचे सरका कर खुद ही निकाल दिया। कल जो हुआ वो एक मजेदार हादसा था लेकिन आज कल के मुकाबले रजनी ज्यादा उत्सुक लग रही थी। मेघा के बारे में सोच सोच कर उसका पहले से ही हाल खराब था उस पर उन पियक्कड़ों की बातो ने आग में घी का काम किया जिसका असर रजनी पर साफ हुआ और वो मानसिक रूप से कल से ज्यादा मजबूत महसूस कर रही थी।

रजनी थोड़ा सा आगे बढ़ी और दरवाजा खोल दिया तो राजू दरवाजे से अंदर आया और रजनी को देखा तो उसकी आंखे खुल सी गई क्योंकि रजनी अभी दिन से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और राजू बोला:"

" वाओ दीदी, आप तो बिलकुल चांद सी सुंदर लग रही हो। क्या आप भी मेघा दीदी की तरह कही जा रही है क्या किसी पार्टी में टिकट लेने के लिए ?

राजू की बात सुनकर रजनी का पूरा बदन कांप सा और एक उत्तेजना भरी लहर उसके पूरे बदन में दौड़ती हुई चली गई और सोचने लगी कि मेघा तो असल मे चुदने गई है, उफ्फ मैं कौन सा चुदने वाली हू। चुदने की बात सोचते ही रजनी का पल्लू सरक गया और चूचियां राजू के सामने खुल गई और रजनी के गाल गुलाबी हो गए और आंखे शर्म से झुक गई और मंद मंद मुस्कुराने लगी।

राजू थोड़ा सा आगे बढ़ा और उसने शरमाई सी खड़ी कांप रही रजनी के कंधे पर अपने हाथ को टिका दिया तो रजनी का पूरा बदन एक झटके के साथ कांप उठा और राजू बोला:"

" वैसे दीदी आप बेहद खूबसूरत लग रही है। सच में आपकी सुंदरता रात में आज कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।

रजनी ने बड़ी हिम्मत करके मुंह खोला और बोली:"

" तू तो आजकल मेरी बड़ी तारीफ करता है, दारू कम पिया कर थोड़ी क्योंकि दारू पीकर तुझे ज्यादा सुंदर लगती हु।

राजू ने धीरे से उसके नंगे कंधे को छुआ तो रजनी के बदन का रोम रोम खड़ा हो गया और राजू बोला:"

" दारू पीकर आप सुंदर नही बल्कि सेक्सी लगती हो मेरी दीदी प्यारी दीदी। पिलाओ न पैग फिर देखो आपकी तारीफ करता हूं मेरी सेक्सी सी दीदी।

रजनी उसकी बात सुनकर अदा से मुस्काई और बोली:"


" चल पागल कुछ भी बोल देता है, रुक तेरे लिए पैग बना देती हु, जा तू भी क्या याद करेगा।

इतना कहकर रजनी ने दारू की बॉटल उठाई और फ्रिज से बर्फ निकालने के लिए झुकी तो उसके ब्लाउस की हल्की सी फसी हुई स्ट्रिप खुल गई और रजनी शर्म से पानी पानी हो गई क्योंकि उसका ब्लाउस खुलने से उसकी ब्रा साफ़ नजर आई और राजू की तरफ सिर्फ उसकी पीठ ही थी लेकिन लगभग पूरी से नंगी हो गई थी क्योंकि पीछे कमर पर सिर्फ एक पतला सा धागा बंधा रह गया था। राजू अपनी दीदी की चिकनी कमर देखकर मचल सा उठा और उसके लंड ने भी अपना सिर उठाना शुरू कर दिया। रजनी खड़ी होकर ब्लाउस को ठीक करने लगी लेकिन ज्यादा टाइट था तो राजू बोला:"

" दीदी मैं आपकी मदद करू क्या कुछ ?

रजनी उसकी बात सुनकर मन ही मन मुसकाई और बोली:"

" ना तू तो रहने ही दे। मैं कुछ ही बांध लेती हू। वैसे भी आजकल मैं तुझे कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही हु तो तेरे से बचना ही ठीक है।

राजू:" क्या दीदी, आप भी ना, चलो खुद ही कर लो फिर।


रजनी ने एक दो बार बांधने को नाकाम कोशिश करी और फिर बोली:"

" राजू देख ना तुम कितना ज्यादा टाइट लेकर आए थे, बंध ही नहीं रहा है। क्या करू बता।

राजू:" ओह दीदी, मुझसे आप बांधवायगे नही , गर्मी बहुत हैं एक काम करो तो ऐसे ही रहने दो बस।

रजनी को खुद ही ऐसे रहना चाहती थीं वो तो बस राजू के मुंह से सुनना चाहती थीं इसलिए उसने बिना देर किए ब्लाउस को एक तरफ फेंक दिया और फिर से नीचे बर्फ निकालने के लिए झुक गई और जान बूझकर अपनी साड़ी को जांघो तक उठा दिया जिससे राजू को उसकी नंगी गोरी चिकनी जांघें नजर आई और राजू का लंड पूरी तरह से अकडकर खड़ा हो गया। राजू ने देखा कि रजनी की जांघें अच्छे से खुल रही है तो इसका मतलब आज दीदी ने कच्छी भी नहीं पहनी हैं। रात में आकर इतना गहरा मेक अप इसका मतलब दीदी आज खुद ही मस्ती करना चाहती है।

रजनी ने बर्फ निकाला और खड़ी होने और जान बूझकर अपनी साड़ी को उठा दिया जिससे उसकी पूरी नंगी गांड राजू के सामने नजर आई और राजू पागल सा हो गया। रजनी की गांड नही कयामत थी और राजू को अब पूरा यकीन हो गया था कि उसकी दीदी उसे अपनी और जान बूझकर आकर्षित कर रही है तो राजू की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

रजनी आगे आई और बेड पर बैठ गई और पैग बनाने लगी। रजनी राजू के बिलकुल सामने बैठी हुई थी जिससे उसकी ब्रा में कैद चूचियां इधर उधर हिल कर राजू पर जुल्म कर रही थी।

रजनी ने पैग बना कर राजू की तरफ दिया तो राजू ने एक घुट भरा और बोला:"

" दीदी आप भी पीकर देखिए न,आपके हाथ से बने पैग में कितना ज्यादा नशा होता हैं।

रजनी तो खुद पीने के लिए मरी जा रही थी और राजू के बोलते ही उसने पैग को हाथ में लेकर पकड़ लिया और बोली:"

" राजू मुझे ज्यादा नशा हो गया तो कोई दिक्कत तो नही होगी?

राजू:"ओह दीदी, डरो मत मैं हु न आपको संभालने के लिए, दारू पीकर आप एक दम सेक्सी लगती हो।

रजनी ने घूंट भरा और हल्का सा बुरा मुंह बनाया और फिर एक के बाद एक कई घूट भरे और राजू की आंखो मे देखते हुए ग्लास पर अपने होंठ फेरने लगी जिससे ग्लास पर लिपिस्टिक लग गई और उसने स्माइल करते हुए राजू की तरफ बढ़ा दिया तो रा जू बोला:" दीदी क्या मैं आपकी गोद मे लेट जाऊ ? आपकी नशीली आंखों में देखकर दारू पीने का मजा ही कुछ और आयेगा।

रजनी को ये दारू एकदम से चढ़ी और उसने अपनी बांहों को फैला दिया और राजू उसकी गोद में लेट गया और हाथ में ग्लास लेकर एक बार रजनी की आंखो में देखा और फिर नजरे उसकी चूचियों पर टिका दी। रजनी जान बूझकर अपनी चुचियों को हिलाती हुई बोली:"

ये गलत बात है राजू, सिर्फ आंखो मे देखते हुए पियो ना तुम, उधर इधर मत देखो समझे।

रजनी अपनी चुचियों की तरफ इशारा करती हुई बोली तो राजू ने जान बूझकर ग्लास पर लगी हुई लिपिस्टिक पर होंठ टिका दिए और जीभ फेरते हुए बोला:"

" देखता तो आंखो में ही हु दीदी लेकिन ये बीच में आ जाती हैं खुद ही उछलती हुई सी।

इतना कहकर उसने रजनी की चुचियों की तरफ इशारा किया तो रजनी ने जान बूझकर अपनी चुचियों को झटका सा दिया जिससे उसकी चूंचियां आधे से ज्यादा ही छलक पड़ी और रजनी अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"

" बेशर्म कहीं के तुम। वो तुम्हे कुछ कह रही है क्या!!

राजू ने अपने एक हाथ को हिम्मत करके रजनी की जांघ पर रख दिया और उसकी गोद मे करवट ली तो उसका खड़ा लंड उसकी जांघ से टकरा गया और रजनी के मुंह से आह निकल पड़ी तो राजू ने उसकी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया और रजनी की चुचियों में कड़ापन आने लगा और निप्पल पूरी तरह से तनने लगे। रजनी के चेहरे पर मस्ती छा गई तो राजू ने एक हाथ उसकी कमर पर लपेट लिया और उसकी कमर सहलाने लगा। रजनी का पूरा बदन कांप रहा था और उसकी चूत से रस निकल रहा था, राजू जांघ सहलाने के साथ साथ उसकी साड़ी भी धीरे धीरे खींच रहा था जिससे रजनी की चूत पानी पानी हो गई थी। पैग खत्म हुआ तो रजनी दूसरा बनाने लगी और राजू को देने लगी तो राजू ने पैग को उसके होंठो से लगा दिया और बोला:"


" दीदी आपके सेक्सी रसभरे होंठो का रस तो मिला दीजिए, कसम से मजा आ जायेगा।

रजनी भी अब पूरी तरह से बहक गई थीं और अपनी जीभ निकाल कर उसने सीधे ग्लास में घुसा दी तो राजू पागल सा हो गया और उसने अपने हाथ को उसकी ब्रा की स्ट्रिप पर सहला दिया तो रजनी मस्ती से सिसक सी गई और राजू ने ग्लास के बाहर अपनी जीभ टिका दी और रजनी की जांघ में हाथ डाला तो उसकी उंगलियां रस से भीग गई और राजू बेकाबू सा होकर ग्लास के बाहर अपनी जीभ फेरने लगा और रजनी ग्लास के अंदर अपनी जीभ फेर रही थी। तभी राजू ने अपनी जीभ को उपर की तरफ बढ़ाया और रजनी की जीभ के करीब कर दिया और रजनी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद कर ली तो राजू ने एक झटके से उसकी ब्रा का हुक तोड़ा और अपने जीभ रजनी की जीभ से मिला दी। ग्लास अपने आप बीच से निकल गया और राजू ने रजनी को अपनी गोद मे गिरा लिया और दोनो की जीभ एक दूसरे के मुंह में घुस गई।राजू के हाथ अपने आप उसकी चुचियों पर कस गए और रजनी पागल सी होकर उसकी जीभ चूसने लगी। रुजनी ने खुद ही अपनी साड़ी को सरका दिया और खुद पूरी नंगी हो गई। राजू उसकी जीभ चूसते हुए उसकी चूचियों को मसल रहा था और रजनी की चूत पानी पानी हो गई थी। रजनी से बर्दाश्त नही हुआ और खुद ही राजू की पेंट को खोलकर उसके लंड को अपनी चूत पर टिका दिया और जोर से सिसक उठी। चूत की गर्मी महसूस करते ही राजू पागल सा हो गया और रजनी की टांगो को खोल कर उसकी चूत के छेद पर सुपाड़ा रखा और रजनी की तरफ देखा तो रजनी ने उसका मुंह चूम लिया और राजू ने एक तगड़ा धक्का मारा और लंड जड़ तक चूत के अंदर। रजनी दर्द से कराह उठी, तड़प सी गई और राजू ने लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया। कुछ धक्के के बाद रजनी का दर्द कम हुआ तो उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लग और उसने राजू के दो हाथ अपनी चूचियों पर रख दिए और राजू उसकी चूचियों को मसलते हुए धक्के लगाने लगा तो रजनी भी अपनी गांड हिलाने लगी और दोनो के से मस्ती भरी सिसकियां निकल रही थी। दोनो भाई बहन पसीने पसीने हो गए और तेज तेज धक्के लगाने लगे और रजनी का पूरा बदन अकड़ता चला गया और उसकी चूत से रस बह चला तो राजू भी ज्यादा देर नहीं टिक पाया और कुछ ही धक्कों में उसने भी अपनी बहन को जोर से कसते हुए उसकी चूत को भर दिया।

रजनी की चूत मिलने के बाद राजू पूरी तरह से सुधर गया और दोनो भाई बहन खुशी खुशी रहने लगे। रजनी जितना चाहती राजू उससे कहीं ज्यादा उसे चोद रहा था। थोड़े दिन के बाद रजनी गर्भवती हो गई तो राजू ने उससे शादी कर ली। इससे तरह से दोनो भाई बहन खुशी खुशी जीने लगे रजनी अब लंगड़ी सिर्फ दिन में होती थी जबकि रात को चुद्द्कड घोड़ी बनती थी।

समाप्त
Bahut hi badhiya update diya hai @uniquestar bhai....
Nice and lovely update....
 
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सभी लोग धीरे धीरे चल रही रजनी को देख रहे थे क्योंकि सच में रजनी सच में बेहद खूबसूरत लग रही थी। रजनी इधर उधर मेघा को खोज रही थी और
मेघा को देखते ही रजनी खुश हुई और उसकी तरफ तेजी से बढ़ी जिससे सभी लोगो को एहसास हो गया कि रजनी के पैर में दिक्कत हैं और कुछ लोगो का उसको देखने का नजरिया ही बदल गया। वहीं मेघा आई और उसके गले लग गई और बोली:"

" वाओ रजनी तुम तो बेहद खुबसूरत लग रही हो। सच में ये ड्रेस तुम पर बहुत अच्छी लग रही है। सच में अच्छी ड्रेस।

रजनी:" ओह थैंक्स मेघा, मैं तो शर्मा ही रही थीं कि लोग क्या सोचेंगे लेकिन यहां तो सब एक से बढ़कर एक छोटी ड्रेस पहनी हुई है सभी।

मेघा: हान रजनी, आजकल तो ये सब आम बात है। शहर में कुछ नही सोचता कोई, राजू नही आया क्या ?

रजनी:" आया हैं न, वो गाड़ी खड़ी करने गया है। आता ही होगा बस।

तभी राजू अंदर आ गया और उसने रजनी के साथ मिलकर मेघा को गिफ्ट दिया और उसके बाद दूसरे कुछ मेहमान आ गए तो मेघा उनके साथ बाते करने लगी और रजनी राजू से बोली:"

" भाई बहुत तेज प्यास लगी है मुझे, थोड़ा पानी देखो ना किधर हैं यहां।

राजू इधर उधर देखने लगा और तभी एक वेटर उधर से ट्रे लिए गुजरा तो राजू ने दो ग्लास उठा लिए और एक रजनी को दिया और दूसरा कुछ पीने लगा। पानी सच में बेहद स्वादिष्ट था और रजनी को बेहद पसंद आया और उसके एक के बाद एक कई ग्लास पी लिए। दरअसल ये एक सॉफ्ट ड्रिंक थी जिसका टेस्ट बेहद अच्छा था और दोनो भाई बहन पानी समझ कर पी गए। पानी पीने के बाद रजनी और राजू दोनो पार्टी मे सबको देखने लगे और यहां ज्यादातर लोग शहर के ही थे और वो मेघा और उसके पति के अलावा और किसी को नहीं जानते थे।

करीब आधे से तक सभी लोग पार्टी का लुत्फ उठाते रहे और धीरे धीरे सॉफ्ट ड्रिंक अपना असर दिखाने लगी और रजनी को हल्का हल्का सुरूर होना शुरू हो गया और उसकी चाल अपने आप मादक होने लगी जिससे लोगों की नजरे उधर की उठने लगी। शुरू में तो रजनी ने अपना पल्लू संभाले रखा लेकिन धीरे धीरे वो भी सबके रंग में रंग गई और सब औरतों की तरह उसका पल्लू कब सरक गया उसे पता ही नही चला। राजू की नजरे जैसे ही उसके खूबसूरत पेट और ब्लाउस से उभरी हुई चूचियों पर पड़ी तो उसकी आंखे खुशी से चमक उठी और बोला:"

"दीदी देखो ना आप कितनी खूबसूरत लग रही हो, पार्टी मे आए सभी लोग आपके ही दीदार कर रहे है।

रजनी ने इधर उधर देखा और अपने सरके हुए पल्लू को ठीक करने लगी तो राजू बोला:"

" रहने दीजिए न दीदी, ऐसे ही ज्यादा खूबसूरत लग रही हैं आप। सच में आप यहां सबसे खूबसूरत हैं मेरी दीदी।

हल्के नशे के कारण रजनी को लोगो का अपनी तरफ देखना और आकृषित होना अच्छा लग रहा था और उसने राजू को एक स्माइल देते हुए अपनी साड़ी के पल्लू को ब्लाउस में फांसते हुए एक तरफ कर दिया और उसकी खुबसूरती पूरी तरह से निखर गई और सबकी नजरें उस पर ही टिक गई। भरे भरे बदन की हल्की सी मोटी रजनी काफी लंबी और खूबसूरत थी और मर्द तो क्या औरते भी उसे तारीफ की नजरो से देख रहे थी।

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रजनी बेहद खुश थी और खुलकर अपनी जिंदगी जी रही थी। रजनी से कहीं ज्यादा खुश राजू नजर आ रहा था क्योंकि उसकी दीदी की खुशी उसके लिए बहुत मायने रखती थी एआई राजू जानता था और उसकी बहन ने उसके लिए कितना कुछ किया है।

तभी डिनर का समय हो गया और सभी लोग डाइनिंग टेबल पर बैठ गए और वेटर खाना लगाने लगे तो मेघा उनके पास ही आ गई और उनके साथ बैठके खाना खाने लगी तो दोनो को बेहद खुशी हुई और मेघा बोली:"

" रजनी देखो ना आज तुम सच में कितनी सुंदर लग रही हो। अच्छा किया जो तुमने अपने लिए मॉडर्न कपड़े ले लिए हैं।

रजनी:" बस दीदी ऐसे ही पहन लिए मैने। राजू लेकर आया था मेरे लिए कपड़े, मुझे तो अच्छे ही नहीं लगे थे। लेकिन अब सच मे बेहद अच्छा लग रहा हैं।

मेघा:" अरे यहां शहर में पार्टियों में इंसान की पहचान उसके कपड़ो से होती है। मैं तो डर ही रही थीं कि कहीं देसी कपड़े पहन कर आई तो लोग क्या सोचेंगे। अच्छा किया राजू तुमने जो अपनी दीदी के लिए इतने अच्छे कपड़े लाए। एक दम बिलकुल फिट

राजू:" बस दीदी ऐसे ही ले आया था अपनी पसंद से और दीदी तो सच में कमाल ही लग रही है। देखो ना सब कैसे देख कर जल रहे है दीदी को !!

मेघा हल्की सी हंसी और बोली:" सच कहूं तो रजनी से तो मुझे भी जलन हो रही है। कितना अच्छा भाई मिला जो इसका इतना ध्यान रखता है।

राजू अपनी तारीफ सुनकर खुश हुआ और बोला:"

" नही दीदी, मैं तो कुछ भी नही, सच में रजनी दीदी मिली तो मेरी किस्मत है। मेरी दीदी दुनिया की सबसे अच्छी दीदी है।

रजनी:" अरे बस करो तुम, जब देखो तारीफ करते रहते हो मेरी, तुम भी बहुत अच्छे हो भाई। मेरा कितना ध्यान रखते हो।

तभी किसी ने मेघा को आवाज दी और मेघा बोली:"

" अच्छा लड़ो मत, तुम दोनो ही अच्छे हो, मैं बाद में आती हु। तुम खाना खाओ।


दोनो ने खाना खाया और उसके बाद सभी लोग फिर से घूमने लगे और एक हल्का हल्का संगीत बजने लगा जो काफी मधुर और जोशीला था और मेहमान एक एक करके एक दूसरे के साथ नाचने लगे और देखते ही देखते पूरा हॉल स्टेज सा बन गया।
रजनी को फिर से प्यास लगने लगी तो उसने फिर से सॉफ्ट ड्रिंक का ग्लास उठाया और पीने लगी।
रजनी देख रही थी कि किस तरह से लोग इस दूसरे से लिपट लिपट कर नाच रहें थे और उसे भी ये सब अच्छा लग रहा था। तभी रजनी को पेशाब आया तो वो राजू को इशारा करके बाथरूम की तरफ चली गई और जैसे ही बाथरूम में घुसी तो उसे बराबर वाले बाथरूम से कुछ सिसकियां सुनाई दी तो रजनी के कान खड़े हो गए और वो कान लगाकर सुनने लगी तो उसे अपने कानो पर यकीन ही नही हुआ

" आह मेघा, उफ्फ तेरी चूत चाट लूं क्या हाय्य

कोई मर्द था और मेघा की सिसकियां निकलने लगी और रजनी समझ गई कि कोई उसकी सहेली मेघा की चूत चूस रहा है तो उसे यकीन सा नही हो रहा था क्योंकि उसका पति वो बाहर पार्टी में था तो फिर मेघा किसके साथ ये सब कर रही है। रजनी कमोड के उपर खड़ी हुई तो उसे साफ दिखाई दिया कि एक अधेड़ व्यक्ति मेघा की चूत में घुसा हुआ था और मेघा मस्ती से सिसक रही थी और आदमी बोला:"

" आह्ह्ह्ह्ह मेघा, उफ्फ कितनी गर्म हैं तेरी चूत, उफ्फ मेरी जान

मेघा मस्ती से सिसकते हुई बोली :" आह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही माथुर साहब, जल्दी करो, उफ्फ कितना अच्छा लग रहा है।

माथुर ने मेघा को कमोड के सहारे झुका दिया और उसकी चूत मे पीछे से लंड पेल दिया तो मेघा मस्ती से सिसक उठी और माथुर धक्के लगाते हुए बोला

" आह्ह्ह्ह आज तू गांड दे दे अपनी शादी की सालगिरह पर मुझे, तुझे मेयर बनवा दूंगा शहर की मेरी जान।

मेघा जोर से सिसक पड़ी और बोली:" हय्यय्य सच में क्या!! दूंगी गांड तुझे आज तुझे, उफ्फ जल्दी कर ।

माथुर जोर जोर से धक्के मारने लगा और मेघा की सिसकियां तेज होने लगी। माथुर कुछ ही मिनटों में पसीने पसीने हो गया और झटके के साथ मेघा को चूत को अपने माल से भर दिया। रजनी उनकी चुदाई देख कर बहक सी गई थी और तन बदन में आग सी लग गई और रजनी उनका काम खत्म होते देखकर बाहर की तरफ चल पड़ी और उसे राजू दिखाई दिया तो उसने सुकून की सांस ली और तभी कुछ मिनट बाद ही उसे किसी का हाथ अपने कंधे पर महसूस हुआ तो रजनी ने देखा कि ये एक अधेड़ व्यक्ति वही माथुर जो उसके साथ नाचना चाहता था तो रजनी ने उसे मना कर दिया और उसे जलाने के लिए राजू की तरफ अपना हाथ बढ़ाते हुए बोली:"

" आओ राजू मेरे साथ डांस करो तुम।

राजू ने खुशी खुशी अपनी बहन का हाथ थाम लिया और दोनो एक दूसरे की आंखो में देखते हुए नाच रहे लोगो के बीच पहुंच गए और माथुर ये देखकर जल उठा और रजनी को इससे बेहद खुशी हुई और उसने अपने हाथ हाथ राजू में कंधो पर टिका दिए और और उसे स्माइल दी तो राजू ने बिना देर किए अपनी दीदी के कंधो को पकड़ लिया और दोनो धीरे धीरे नाचने लगे। राजू धीरे धीरे रजनी के कंधे सहलाते हुए बोला:"

" दीदी आपको अचानक से नाचने का मन कैसे कर गया !!

रजनी उसकी छुवन से सिहर सी गई और बोली:"

" क्यों तुझे अच्छा नहीं लग रहा क्या ? किसी और के साथ नाचना चाहता था क्या तू ?

राजू का एक हाथ धीरे धीरे रजनी की गर्दन की तरफ बढ़ने लगा और राजू रजनी की चुचियों को देखते हुए बोला:"

" बहुत अच्छा लग रहा है दीदी, आपके सिवा और किसी के साथ कभी नही सोच सकता। आप बहुत ही खूबसूरत हैं दीदी और आज कितनी कामुक लग रही हो आप दीदी !!

रजनी एक पहले से ही शुरूर में थी और ऊपर से उसने मेघा को माथुर को जबसे देखा था बेचैन थी और अब राजू के हाथो की छुुवन ने आग में घी का काम किया और रजनी बहकती हुई सी बोली:"

" तुम भी ना राजू, अब मैं तुझे कामुक भी लगने लगी, कुछ तो शर्म कर मेरी।

इतना कहकर रजनी उसके और करीना और उसकी चूचियों ने राजू के सीने पर अपना जोर दिखाया तो राजू का एक हाथ अपने आप उसके कंधे से होते हुए उसकी कमर पर सरक गया और रजनी उसके स्पर्श से मचल उठी और उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई। अब राजू बिलकुल उसके करीब हो गया और उसका खड़ा होता हुआ लंड रजनी की जांघो में लगा तो उसकी आंखे खुल गई और राजू की तरफ देखा और दोनो एक दूसरे की ऐसे ही देखते रहे और लंड पूरी तरह से अकड़ एक पूरा जोर उसकी जांघो पर देने लगा तो रजनी ने अपनी आंखे झुका ली और अपना सिर उसके कंधे पर टिका दिया। राजू ने हिम्मत करके उसकी कमर को अपनी हथेली में भरा तो रजनी के मुंह से आह निकल पड़ी और वो राजू से पूरी ताकत से लिपट गई।

तभी संगीत बंद हो गया और एक एक करके सभी अलग होने लगे तो रजनी ने राजू को देखा और स्माइल देते हुए अलग हो गई। थोड़ी देर के बाद लोग अपने घर की तरफ चल पड़े और अभी बस रजनी और राजू ही बचे हुए थे। तभी मेघा अपने पति से बोली:"

" अच्छा बात सुनो ना, मुझे आज किसी से जरूरी मिलना मिलना होगा। चुनाव के चक्कर में, मै भी राजू के साथ चली जाती हु क्योंकि हमारी कार खराब है।

पति:" क्या यार मेघा, आज तो मेरे साथ ही रुक जाती।

मेघा:" रुकना तो चाहती हू, लेकिन मेरी सारी मेहनत खराब हो जायेगी और फिर कल सुबह आ ही जाऊंगी।


अंत में उसके पति ने हान कर दिया और मेघा उनके साथ ही कार में बैठ गई और गाड़ी चल पड़ी। रजनी को मेघा के बारे में सोच कर अजीब सा लग रहा था क्योंकि वो जानती थीं कि मेघा माथुर से अपनी गांड मराने जा रही है। मेघा को उसने ध्यान से देखा कि कितनी खुश लग रही थी और उसका चेहरा चमक सा रहा था। मेघा उसे बोली:"

" रजनी तुम्हारे पास मेक अप किट हैं क्या ?

रजनी सब समझ रही थी इसलिए मेक अप किट को उसे दे दिया और मेघा मेक अप करने लगी और राजू भी बड़े ध्यान से उसे देख रहा था। रजनी सोच रही थी कि मेघा कितनी तेज हैं और खुलकर अपनी जिंदगी जी रही है, जरूर ये आज माथुर के साथ पूरे मजे करेगी। लेकिन गांड में कैसे लेगी उफ्फ इसका क्या हाल होगा ये सोच सोच कर रजनी गर्म होने लगी और उसकी चूत में गीलापन उतर आया। मेघा ने नीचे से अपनी साड़ी को उठाया और अंदर परफ्यूम छिड़क दिया तो रजनी तड़प उठी।

थोड़ी दूर आगे बढ़ने के बाद जैसे ही गाड़ी मोड़ से मुड़ी तो मेघा ने रुकने का इशारा किया और रजनी को वहीं माथुर कार में दिखाई दिया। रजनी की सांसे तेज हो गई और उसने उतरती हुई मेघा को देखा और मेघा उतरने के बाद उसके पास आई और उसका गाल चूम कर बोली:"

" अच्छा ठीक हैं रजनी, अपना ध्यान रखना।

इतना कहकर मेघा माथुर की कार की तरफ बढ़ गई। रजनी भी आगे राजू के पास बैठने के लिए कार से उतर गई और मेघा की सड़क पर मटकती हुई गांड देखकर रजनी का पूरा बदन सिहर सा उठा और देखते ही देखते मेघा माथुर की कार में घुस गई और लाल सुर्ख आंखे लिए रजनी आगे राजू के पास बैठ गई। राजू ने कार आगे बढ़ा दी और रजनी की हालत देखकर उसे अजीब सा लगा और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोला;"

" क्या हुआ दीदी? सब ठीक तो हैं ना।

रजनी उसकी उंगलियों के स्पर्श से फिर मचल उठी और बोली:"

" हान हान सब ठीक ही तो हैं भाई।

राजू समझ रहा था कि उसकी दीदी बेचैन सी है तो जाने माहौल को मस्त करने के लिए रोमाटिक गाने लगा दिए और गाड़ी को ठीक स्पीड से चलाने लगा। रजनी अब काफी उत्तेजना महसूस कर रही थी और उसकी चूचियों में तनाव आने लगा और पूरा बदन मस्ती में हिल सा रहा था। अगले मोड़ से दोनो गांव के रास्ते की तरफ मुड़ गए और आगे रास्ते में दारू की दुकान देख कर राजू का मन पिघल गया और उसने गाड़ी को धीमा बिलकुल धीमा कर दिया तो रजनी दारू की दुकान देख कर समझ गई कि राजू दारू खरीदना चाहता है क्योंकि घर में तो कल रात ही बिलकुल खत्म हो गई थी। रजनी खुद बेचैन थी क्योंकि वो अभी तक मेघा के बारे में सोच सोच कर गर्म हो रही थी। रजनी खुद ही राजू को किसी चीजके लिए मना नही करना चाहती थी तो रजनी उसकी मजाक लेते हुए बोली:"

" तेरी गाड़ी को क्या हो गया यहां आकर ? क्या ये भी पेट्रोल की जगह दारू से चलती है!!

राजू:" नही दीदी बस वो मैं सोच रहा था कि अगर आपकी आज्ञा हो तो मैं..

राजू ने पूरी बात नही बोली और रजनी उसका हाथ पकड़ कर दारू की दुकान की तरफ देखते हुए बोली:"

" जा ले आ, तू भी क्या याद करेगा मुझे भाई।

राजू गाड़ी से बाहर निकला और दारू लेने चला गया। रजनी उसे जाते हुए देख कर मुस्कुरा रही थी और अपने होंठो पर जीभ फेरने लगी। पास ही खड़ी हुई गाड़ी में कुछ पियक्कड़ बैठे हुए थे और एक उनमें से रजनी को देखकर कॉमेंट करते हुए बोला:

" देख तो साली को कैसे तड़प रही है अपने यार की दारू खरीदते हुए देख कर।

रजनी ने जैसे ही सुना तो उसके कान खड़े हो गए और मचल सी उठी। तभी दूसरा बोला:"

" देख ना साले क्या मस्त माल है, आज तो टांग उठा उठा कर चुदेगी पूरी रात ये अपने यार से।

रजनी पागल सी हो गई और पता नहीं क्यों उसे उनकी बाते अच्छी लग रही थी और उसकी चूत फड़क उठी। फिर से पहले वाला बोला:"

" काश मुझे चोदने के लिए मिल जाती, साली को घोड़ी बनाकर चोदता सारी रात।

दूसरा:" चुप साले, कहां तू सूखा सा मरा हुआ और कहां वो घोड़ी की घोड़ी, लंबी चौड़ी, उसे तो उसका यार ही चोदेगा अच्छे से।

पहला:" साली ये तो दारू पी पीकर चुदती होगी मजे से, काश इसकी चूत मैं भी चोद सकता।

रजनी उनकी बाते सुनकर शर्म और मस्ती से पानी पानी हो गई थी और उसकी चूचिया जोर जोर से उछल उछल पड़ रही थी। रजनी पूरी तरह से मस्ती में आ गई थी और उसकी चूत उसके काबू से बाहर हो गई थी। तभी राजू सामने से आया और रजनी उसे देखकर मस्त हो गई। राजू गाड़ी में बैठा और घर की तरफ चल पड़े। रजनी खुद ही अपने एक पैर से दूसरे को सहला रही थी और घर तक जाते जाते उसकी चूत पूरी तरह से भीग गई।
Superb update
 

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गाड़ी जैसे ही घर के अंदर रुकी तो रजनी ने राजू को स्माइल दी और धीरे से उसकी बॉटल लेकर उतर गई। राजू ने दीदी को बॉटल लेते देखा और फिर गाड़ी खड़ी करने के लिए चला गया। रजनी अपने कमरे में चली गई और बाथरूम में घुस गई और फिर कुछ सोचते हुए अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और मेक अप करने लगी। दिन में आज उसने पार्टी के लिए हल्का सा मेक अप किया था लेकिन अभी बिलकुल गहरा मेक अप कर रही थी बिलकुल किसी दुल्हन की तरह। रजनी सॉफ्ट ड्रिंक के कारण अपने आपको हवा में उड़ता हुआ महसूस कर रही थी और उसे सब बेहद अच्छा लग रहा था।

बाहर से दरवाजा नोक हुआ तो रजनी बोली:" मैं बाथरूम में हु, बाद में आना थोड़ी तुम।

राजू:" ठीक हैं दीदी, लेकिन थोड़ी जल्दी ही बाहर आना आप।

रजनी ने बिलकुल लाल सुर्ख लिपिस्टिक उठाई और अपने होंठो पर लगाते हुए बोली:"

"क्यों बिना पिए रहा नही जा रहा है क्या ? ज्यादा दारू पीने का मन कर रहा है क्या ?

राजू:" बस दीदी ऐसे ही सोच रहा था कि एक दो पैग पीकर सो जाऊंगा आज।

रजनी ने अपने होंठो को अच्छे से सजाया और फिर शीशे में देखती हुई बोली:"

" कल तो तुमने दारू पी ही थी फिर आज फिर से ऐसा क्या हो गया तुझे ? तुम तो छोड़ रहे थे दारू धीरे धीरे।

राजू:" छोड़ दूंगा दीदी, लेकिन रात की दारू आपके हाथ से पीने के बाद थोड़ा ज्यादा अच्छा लगा। तो फिर से मन करने लगा।

रजनी:" अच्छा जी, ऐसा क्या हैं भला मेरे हाथो में ?

राजू:" दीदी आपके हाथो में जादू है, सच में दारू से ज्यादा नशा आपके हाथो में है।

रजनी:" तुम ना पता नही कैसी कैसी बाते करते हो मुझसे आज कल ? भला हाथो में भला होता हैं क्या दारू से ज्यादा ?

राजू:" होता हैं दीदी जरूर होता हैं बस आपके खूबसूरत हाथ और नशीली आंखें होनी चाहिए।

रजनी अपने भाई की बातो पर मुस्कुरा रही थी और वो जान बूझकर अपनी साड़ी के पल्लू को अंदर की तरफ दोहरा करके मोड़ रही थीं ताकि उसका पेट और कंधे ज्यादा नजर आ सके और बोली:"

" हाय भगवान, क्या करू तेरा? हाथो के साथ साथ तुझे अब मेरी आंखे भी नशीली लगने लगी ?

राजू अपनी दीदी की मस्ती भरी बातो और अदाओं पर खुश होता हुआ बोला:"

" सच में दीदी आपके खूबसूरत हाथो से बना हुआ पैग आपकी नशीली आंखों में देखकर पीने से मजा आता हैं। बोलिए न आप पिलाएगी न अपने हाथ से मुझे आज फिर ?

रजनी तो कब से खुद तड़प रही थीं उसे पिलाने के लिए लेकिन उसे तड़पाते हुए बोली:"

" ना जी ना, मैं क्यों पिलाने लगी भला ? कहीं तुझे नशा ज्यादा हो गया तो फिर क्या होगा ?

राजू उसकी बाते सुनकर तड़प सा उठा और बोला:"

" ऐसा जुल्म मत कीजिए ना दीदी, नशा ज्यादा होने से अच्छा ही होगा क्योंकि फिर आप मुझे ज्यादा खूबसूरत लगती हैं।

रजनी ने ब्लाउस को करीब दो इंच अंदर की तरफ मोड़ दिया जिससे उसकी सांसे तेज हो गई और बोली:"

" अच्छा जी, बिना दारू के मैं तुझे खूबसूरत नही लगती क्या ?

राजू:" ओह दीदी, आप तो हमेशा खूबसूरत लगती है। खोलो भी अब दरवाजा।

रजनी:" अच्छा रुक खोलती हु न, बस एक मिनट आई मैं।

रजनी ने देखा कि उसकी चूचियां ब्लाउस मोड़ने से आधी से ज्यादा छलक पड़ी थी और रजनी ने अपनी कमर पर बंधे हुए ब्लाउस को सिर्फ हल्का सा उलझा दिया ताकि उसकी चूचियां अपना आकार दिखाती रहे। रजनी को रात अपनी चूत पर लंड की रगड़ बेहद आनंद पूर्ण लगी थी इसलिए उसने जान बूझकर अपनी पेंटी को नीचे सरका कर खुद ही निकाल दिया। कल जो हुआ वो एक मजेदार हादसा था लेकिन आज कल के मुकाबले रजनी ज्यादा उत्सुक लग रही थी। मेघा के बारे में सोच सोच कर उसका पहले से ही हाल खराब था उस पर उन पियक्कड़ों की बातो ने आग में घी का काम किया जिसका असर रजनी पर साफ हुआ और वो मानसिक रूप से कल से ज्यादा मजबूत महसूस कर रही थी।

रजनी थोड़ा सा आगे बढ़ी और दरवाजा खोल दिया तो राजू दरवाजे से अंदर आया और रजनी को देखा तो उसकी आंखे खुल सी गई क्योंकि रजनी अभी दिन से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और राजू बोला:"

" वाओ दीदी, आप तो बिलकुल चांद सी सुंदर लग रही हो। क्या आप भी मेघा दीदी की तरह कही जा रही है क्या किसी पार्टी में टिकट लेने के लिए ?

राजू की बात सुनकर रजनी का पूरा बदन कांप सा और एक उत्तेजना भरी लहर उसके पूरे बदन में दौड़ती हुई चली गई और सोचने लगी कि मेघा तो असल मे चुदने गई है, उफ्फ मैं कौन सा चुदने वाली हू। चुदने की बात सोचते ही रजनी का पल्लू सरक गया और चूचियां राजू के सामने खुल गई और रजनी के गाल गुलाबी हो गए और आंखे शर्म से झुक गई और मंद मंद मुस्कुराने लगी।

राजू थोड़ा सा आगे बढ़ा और उसने शरमाई सी खड़ी कांप रही रजनी के कंधे पर अपने हाथ को टिका दिया तो रजनी का पूरा बदन एक झटके के साथ कांप उठा और राजू बोला:"

" वैसे दीदी आप बेहद खूबसूरत लग रही है। सच में आपकी सुंदरता रात में आज कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।

रजनी ने बड़ी हिम्मत करके मुंह खोला और बोली:"

" तू तो आजकल मेरी बड़ी तारीफ करता है, दारू कम पिया कर थोड़ी क्योंकि दारू पीकर तुझे ज्यादा सुंदर लगती हु।

राजू ने धीरे से उसके नंगे कंधे को छुआ तो रजनी के बदन का रोम रोम खड़ा हो गया और राजू बोला:"

" दारू पीकर आप सुंदर नही बल्कि सेक्सी लगती हो मेरी दीदी प्यारी दीदी। पिलाओ न पैग फिर देखो आपकी तारीफ करता हूं मेरी सेक्सी सी दीदी।

रजनी उसकी बात सुनकर अदा से मुस्काई और बोली:"


" चल पागल कुछ भी बोल देता है, रुक तेरे लिए पैग बना देती हु, जा तू भी क्या याद करेगा।

इतना कहकर रजनी ने दारू की बॉटल उठाई और फ्रिज से बर्फ निकालने के लिए झुकी तो उसके ब्लाउस की हल्की सी फसी हुई स्ट्रिप खुल गई और रजनी शर्म से पानी पानी हो गई क्योंकि उसका ब्लाउस खुलने से उसकी ब्रा साफ़ नजर आई और राजू की तरफ सिर्फ उसकी पीठ ही थी लेकिन लगभग पूरी से नंगी हो गई थी क्योंकि पीछे कमर पर सिर्फ एक पतला सा धागा बंधा रह गया था। राजू अपनी दीदी की चिकनी कमर देखकर मचल सा उठा और उसके लंड ने भी अपना सिर उठाना शुरू कर दिया। रजनी खड़ी होकर ब्लाउस को ठीक करने लगी लेकिन ज्यादा टाइट था तो राजू बोला:"

" दीदी मैं आपकी मदद करू क्या कुछ ?

रजनी उसकी बात सुनकर मन ही मन मुसकाई और बोली:"

" ना तू तो रहने ही दे। मैं कुछ ही बांध लेती हू। वैसे भी आजकल मैं तुझे कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही हु तो तेरे से बचना ही ठीक है।

राजू:" क्या दीदी, आप भी ना, चलो खुद ही कर लो फिर।


रजनी ने एक दो बार बांधने को नाकाम कोशिश करी और फिर बोली:"

" राजू देख ना तुम कितना ज्यादा टाइट लेकर आए थे, बंध ही नहीं रहा है। क्या करू बता।

राजू:" ओह दीदी, मुझसे आप बांधवायगे नही , गर्मी बहुत हैं एक काम करो तो ऐसे ही रहने दो बस।

रजनी को खुद ही ऐसे रहना चाहती थीं वो तो बस राजू के मुंह से सुनना चाहती थीं इसलिए उसने बिना देर किए ब्लाउस को एक तरफ फेंक दिया और फिर से नीचे बर्फ निकालने के लिए झुक गई और जान बूझकर अपनी साड़ी को जांघो तक उठा दिया जिससे राजू को उसकी नंगी गोरी चिकनी जांघें नजर आई और राजू का लंड पूरी तरह से अकडकर खड़ा हो गया। राजू ने देखा कि रजनी की जांघें अच्छे से खुल रही है तो इसका मतलब आज दीदी ने कच्छी भी नहीं पहनी हैं। रात में आकर इतना गहरा मेक अप इसका मतलब दीदी आज खुद ही मस्ती करना चाहती है।

रजनी ने बर्फ निकाला और खड़ी होने और जान बूझकर अपनी साड़ी को उठा दिया जिससे उसकी पूरी नंगी गांड राजू के सामने नजर आई और राजू पागल सा हो गया। रजनी की गांड नही कयामत थी और राजू को अब पूरा यकीन हो गया था कि उसकी दीदी उसे अपनी और जान बूझकर आकर्षित कर रही है तो राजू की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

रजनी आगे आई और बेड पर बैठ गई और पैग बनाने लगी। रजनी राजू के बिलकुल सामने बैठी हुई थी जिससे उसकी ब्रा में कैद चूचियां इधर उधर हिल कर राजू पर जुल्म कर रही थी।

रजनी ने पैग बना कर राजू की तरफ दिया तो राजू ने एक घुट भरा और बोला:"

" दीदी आप भी पीकर देखिए न,आपके हाथ से बने पैग में कितना ज्यादा नशा होता हैं।

रजनी तो खुद पीने के लिए मरी जा रही थी और राजू के बोलते ही उसने पैग को हाथ में लेकर पकड़ लिया और बोली:"

" राजू मुझे ज्यादा नशा हो गया तो कोई दिक्कत तो नही होगी?

राजू:"ओह दीदी, डरो मत मैं हु न आपको संभालने के लिए, दारू पीकर आप एक दम सेक्सी लगती हो।

रजनी ने घूंट भरा और हल्का सा बुरा मुंह बनाया और फिर एक के बाद एक कई घूट भरे और राजू की आंखो मे देखते हुए ग्लास पर अपने होंठ फेरने लगी जिससे ग्लास पर लिपिस्टिक लग गई और उसने स्माइल करते हुए राजू की तरफ बढ़ा दिया तो रा जू बोला:" दीदी क्या मैं आपकी गोद मे लेट जाऊ ? आपकी नशीली आंखों में देखकर दारू पीने का मजा ही कुछ और आयेगा।

रजनी को ये दारू एकदम से चढ़ी और उसने अपनी बांहों को फैला दिया और राजू उसकी गोद में लेट गया और हाथ में ग्लास लेकर एक बार रजनी की आंखो में देखा और फिर नजरे उसकी चूचियों पर टिका दी। रजनी जान बूझकर अपनी चुचियों को हिलाती हुई बोली:"

ये गलत बात है राजू, सिर्फ आंखो मे देखते हुए पियो ना तुम, उधर इधर मत देखो समझे।

रजनी अपनी चुचियों की तरफ इशारा करती हुई बोली तो राजू ने जान बूझकर ग्लास पर लगी हुई लिपिस्टिक पर होंठ टिका दिए और जीभ फेरते हुए बोला:"

" देखता तो आंखो में ही हु दीदी लेकिन ये बीच में आ जाती हैं खुद ही उछलती हुई सी।

इतना कहकर उसने रजनी की चुचियों की तरफ इशारा किया तो रजनी ने जान बूझकर अपनी चुचियों को झटका सा दिया जिससे उसकी चूंचियां आधे से ज्यादा ही छलक पड़ी और रजनी अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"

" बेशर्म कहीं के तुम। वो तुम्हे कुछ कह रही है क्या!!

राजू ने अपने एक हाथ को हिम्मत करके रजनी की जांघ पर रख दिया और उसकी गोद मे करवट ली तो उसका खड़ा लंड उसकी जांघ से टकरा गया और रजनी के मुंह से आह निकल पड़ी तो राजू ने उसकी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया और रजनी की चुचियों में कड़ापन आने लगा और निप्पल पूरी तरह से तनने लगे। रजनी के चेहरे पर मस्ती छा गई तो राजू ने एक हाथ उसकी कमर पर लपेट लिया और उसकी कमर सहलाने लगा। रजनी का पूरा बदन कांप रहा था और उसकी चूत से रस निकल रहा था, राजू जांघ सहलाने के साथ साथ उसकी साड़ी भी धीरे धीरे खींच रहा था जिससे रजनी की चूत पानी पानी हो गई थी। पैग खत्म हुआ तो रजनी दूसरा बनाने लगी और राजू को देने लगी तो राजू ने पैग को उसके होंठो से लगा दिया और बोला:"


" दीदी आपके सेक्सी रसभरे होंठो का रस तो मिला दीजिए, कसम से मजा आ जायेगा।

रजनी भी अब पूरी तरह से बहक गई थीं और अपनी जीभ निकाल कर उसने सीधे ग्लास में घुसा दी तो राजू पागल सा हो गया और उसने अपने हाथ को उसकी ब्रा की स्ट्रिप पर सहला दिया तो रजनी मस्ती से सिसक सी गई और राजू ने ग्लास के बाहर अपनी जीभ टिका दी और रजनी की जांघ में हाथ डाला तो उसकी उंगलियां रस से भीग गई और राजू बेकाबू सा होकर ग्लास के बाहर अपनी जीभ फेरने लगा और रजनी ग्लास के अंदर अपनी जीभ फेर रही थी। तभी राजू ने अपनी जीभ को उपर की तरफ बढ़ाया और रजनी की जीभ के करीब कर दिया और रजनी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद कर ली तो राजू ने एक झटके से उसकी ब्रा का हुक तोड़ा और अपने जीभ रजनी की जीभ से मिला दी। ग्लास अपने आप बीच से निकल गया और राजू ने रजनी को अपनी गोद मे गिरा लिया और दोनो की जीभ एक दूसरे के मुंह में घुस गई।राजू के हाथ अपने आप उसकी चुचियों पर कस गए और रजनी पागल सी होकर उसकी जीभ चूसने लगी। रुजनी ने खुद ही अपनी साड़ी को सरका दिया और खुद पूरी नंगी हो गई। राजू उसकी जीभ चूसते हुए उसकी चूचियों को मसल रहा था और रजनी की चूत पानी पानी हो गई थी। रजनी से बर्दाश्त नही हुआ और खुद ही राजू की पेंट को खोलकर उसके लंड को अपनी चूत पर टिका दिया और जोर से सिसक उठी। चूत की गर्मी महसूस करते ही राजू पागल सा हो गया और रजनी की टांगो को खोल कर उसकी चूत के छेद पर सुपाड़ा रखा और रजनी की तरफ देखा तो रजनी ने उसका मुंह चूम लिया और राजू ने एक तगड़ा धक्का मारा और लंड जड़ तक चूत के अंदर। रजनी दर्द से कराह उठी, तड़प सी गई और राजू ने लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया। कुछ धक्के के बाद रजनी का दर्द कम हुआ तो उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लग और उसने राजू के दो हाथ अपनी चूचियों पर रख दिए और राजू उसकी चूचियों को मसलते हुए धक्के लगाने लगा तो रजनी भी अपनी गांड हिलाने लगी और दोनो के से मस्ती भरी सिसकियां निकल रही थी। दोनो भाई बहन पसीने पसीने हो गए और तेज तेज धक्के लगाने लगे और रजनी का पूरा बदन अकड़ता चला गया और उसकी चूत से रस बह चला तो राजू भी ज्यादा देर नहीं टिक पाया और कुछ ही धक्कों में उसने भी अपनी बहन को जोर से कसते हुए उसकी चूत को भर दिया।

रजनी की चूत मिलने के बाद राजू पूरी तरह से सुधर गया और दोनो भाई बहन खुशी खुशी रहने लगे। रजनी जितना चाहती राजू उससे कहीं ज्यादा उसे चोद रहा था। थोड़े दिन के बाद रजनी गर्भवती हो गई तो राजू ने उससे शादी कर ली। इससे तरह से दोनो भाई बहन खुशी खुशी जीने लगे रजनी अब लंगड़ी सिर्फ दिन में होती थी जबकि रात को चुद्द्कड घोड़ी बनती थी।

समाप्त
Behtreen storie👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 

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गाड़ी जैसे ही घर के अंदर रुकी तो रजनी ने राजू को स्माइल दी और धीरे से उसकी बॉटल लेकर उतर गई। राजू ने दीदी को बॉटल लेते देखा और फिर गाड़ी खड़ी करने के लिए चला गया। रजनी अपने कमरे में चली गई और बाथरूम में घुस गई और फिर कुछ सोचते हुए अपने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और मेक अप करने लगी। दिन में आज उसने पार्टी के लिए हल्का सा मेक अप किया था लेकिन अभी बिलकुल गहरा मेक अप कर रही थी बिलकुल किसी दुल्हन की तरह। रजनी सॉफ्ट ड्रिंक के कारण अपने आपको हवा में उड़ता हुआ महसूस कर रही थी और उसे सब बेहद अच्छा लग रहा था।

बाहर से दरवाजा नोक हुआ तो रजनी बोली:" मैं बाथरूम में हु, बाद में आना थोड़ी तुम।

राजू:" ठीक हैं दीदी, लेकिन थोड़ी जल्दी ही बाहर आना आप।

रजनी ने बिलकुल लाल सुर्ख लिपिस्टिक उठाई और अपने होंठो पर लगाते हुए बोली:"

"क्यों बिना पिए रहा नही जा रहा है क्या ? ज्यादा दारू पीने का मन कर रहा है क्या ?

राजू:" बस दीदी ऐसे ही सोच रहा था कि एक दो पैग पीकर सो जाऊंगा आज।

रजनी ने अपने होंठो को अच्छे से सजाया और फिर शीशे में देखती हुई बोली:"

" कल तो तुमने दारू पी ही थी फिर आज फिर से ऐसा क्या हो गया तुझे ? तुम तो छोड़ रहे थे दारू धीरे धीरे।

राजू:" छोड़ दूंगा दीदी, लेकिन रात की दारू आपके हाथ से पीने के बाद थोड़ा ज्यादा अच्छा लगा। तो फिर से मन करने लगा।

रजनी:" अच्छा जी, ऐसा क्या हैं भला मेरे हाथो में ?

राजू:" दीदी आपके हाथो में जादू है, सच में दारू से ज्यादा नशा आपके हाथो में है।

रजनी:" तुम ना पता नही कैसी कैसी बाते करते हो मुझसे आज कल ? भला हाथो में भला होता हैं क्या दारू से ज्यादा ?

राजू:" होता हैं दीदी जरूर होता हैं बस आपके खूबसूरत हाथ और नशीली आंखें होनी चाहिए।

रजनी अपने भाई की बातो पर मुस्कुरा रही थी और वो जान बूझकर अपनी साड़ी के पल्लू को अंदर की तरफ दोहरा करके मोड़ रही थीं ताकि उसका पेट और कंधे ज्यादा नजर आ सके और बोली:"

" हाय भगवान, क्या करू तेरा? हाथो के साथ साथ तुझे अब मेरी आंखे भी नशीली लगने लगी ?

राजू अपनी दीदी की मस्ती भरी बातो और अदाओं पर खुश होता हुआ बोला:"

" सच में दीदी आपके खूबसूरत हाथो से बना हुआ पैग आपकी नशीली आंखों में देखकर पीने से मजा आता हैं। बोलिए न आप पिलाएगी न अपने हाथ से मुझे आज फिर ?

रजनी तो कब से खुद तड़प रही थीं उसे पिलाने के लिए लेकिन उसे तड़पाते हुए बोली:"

" ना जी ना, मैं क्यों पिलाने लगी भला ? कहीं तुझे नशा ज्यादा हो गया तो फिर क्या होगा ?

राजू उसकी बाते सुनकर तड़प सा उठा और बोला:"

" ऐसा जुल्म मत कीजिए ना दीदी, नशा ज्यादा होने से अच्छा ही होगा क्योंकि फिर आप मुझे ज्यादा खूबसूरत लगती हैं।

रजनी ने ब्लाउस को करीब दो इंच अंदर की तरफ मोड़ दिया जिससे उसकी सांसे तेज हो गई और बोली:"

" अच्छा जी, बिना दारू के मैं तुझे खूबसूरत नही लगती क्या ?

राजू:" ओह दीदी, आप तो हमेशा खूबसूरत लगती है। खोलो भी अब दरवाजा।

रजनी:" अच्छा रुक खोलती हु न, बस एक मिनट आई मैं।

रजनी ने देखा कि उसकी चूचियां ब्लाउस मोड़ने से आधी से ज्यादा छलक पड़ी थी और रजनी ने अपनी कमर पर बंधे हुए ब्लाउस को सिर्फ हल्का सा उलझा दिया ताकि उसकी चूचियां अपना आकार दिखाती रहे। रजनी को रात अपनी चूत पर लंड की रगड़ बेहद आनंद पूर्ण लगी थी इसलिए उसने जान बूझकर अपनी पेंटी को नीचे सरका कर खुद ही निकाल दिया। कल जो हुआ वो एक मजेदार हादसा था लेकिन आज कल के मुकाबले रजनी ज्यादा उत्सुक लग रही थी। मेघा के बारे में सोच सोच कर उसका पहले से ही हाल खराब था उस पर उन पियक्कड़ों की बातो ने आग में घी का काम किया जिसका असर रजनी पर साफ हुआ और वो मानसिक रूप से कल से ज्यादा मजबूत महसूस कर रही थी।

रजनी थोड़ा सा आगे बढ़ी और दरवाजा खोल दिया तो राजू दरवाजे से अंदर आया और रजनी को देखा तो उसकी आंखे खुल सी गई क्योंकि रजनी अभी दिन से भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी और राजू बोला:"

" वाओ दीदी, आप तो बिलकुल चांद सी सुंदर लग रही हो। क्या आप भी मेघा दीदी की तरह कही जा रही है क्या किसी पार्टी में टिकट लेने के लिए ?

राजू की बात सुनकर रजनी का पूरा बदन कांप सा और एक उत्तेजना भरी लहर उसके पूरे बदन में दौड़ती हुई चली गई और सोचने लगी कि मेघा तो असल मे चुदने गई है, उफ्फ मैं कौन सा चुदने वाली हू। चुदने की बात सोचते ही रजनी का पल्लू सरक गया और चूचियां राजू के सामने खुल गई और रजनी के गाल गुलाबी हो गए और आंखे शर्म से झुक गई और मंद मंद मुस्कुराने लगी।

राजू थोड़ा सा आगे बढ़ा और उसने शरमाई सी खड़ी कांप रही रजनी के कंधे पर अपने हाथ को टिका दिया तो रजनी का पूरा बदन एक झटके के साथ कांप उठा और राजू बोला:"

" वैसे दीदी आप बेहद खूबसूरत लग रही है। सच में आपकी सुंदरता रात में आज कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है।

रजनी ने बड़ी हिम्मत करके मुंह खोला और बोली:"

" तू तो आजकल मेरी बड़ी तारीफ करता है, दारू कम पिया कर थोड़ी क्योंकि दारू पीकर तुझे ज्यादा सुंदर लगती हु।

राजू ने धीरे से उसके नंगे कंधे को छुआ तो रजनी के बदन का रोम रोम खड़ा हो गया और राजू बोला:"

" दारू पीकर आप सुंदर नही बल्कि सेक्सी लगती हो मेरी दीदी प्यारी दीदी। पिलाओ न पैग फिर देखो आपकी तारीफ करता हूं मेरी सेक्सी सी दीदी।

रजनी उसकी बात सुनकर अदा से मुस्काई और बोली:"


" चल पागल कुछ भी बोल देता है, रुक तेरे लिए पैग बना देती हु, जा तू भी क्या याद करेगा।

इतना कहकर रजनी ने दारू की बॉटल उठाई और फ्रिज से बर्फ निकालने के लिए झुकी तो उसके ब्लाउस की हल्की सी फसी हुई स्ट्रिप खुल गई और रजनी शर्म से पानी पानी हो गई क्योंकि उसका ब्लाउस खुलने से उसकी ब्रा साफ़ नजर आई और राजू की तरफ सिर्फ उसकी पीठ ही थी लेकिन लगभग पूरी से नंगी हो गई थी क्योंकि पीछे कमर पर सिर्फ एक पतला सा धागा बंधा रह गया था। राजू अपनी दीदी की चिकनी कमर देखकर मचल सा उठा और उसके लंड ने भी अपना सिर उठाना शुरू कर दिया। रजनी खड़ी होकर ब्लाउस को ठीक करने लगी लेकिन ज्यादा टाइट था तो राजू बोला:"

" दीदी मैं आपकी मदद करू क्या कुछ ?

रजनी उसकी बात सुनकर मन ही मन मुसकाई और बोली:"

" ना तू तो रहने ही दे। मैं कुछ ही बांध लेती हू। वैसे भी आजकल मैं तुझे कुछ ज्यादा ही सुंदर लग रही हु तो तेरे से बचना ही ठीक है।

राजू:" क्या दीदी, आप भी ना, चलो खुद ही कर लो फिर।


रजनी ने एक दो बार बांधने को नाकाम कोशिश करी और फिर बोली:"

" राजू देख ना तुम कितना ज्यादा टाइट लेकर आए थे, बंध ही नहीं रहा है। क्या करू बता।

राजू:" ओह दीदी, मुझसे आप बांधवायगे नही , गर्मी बहुत हैं एक काम करो तो ऐसे ही रहने दो बस।

रजनी को खुद ही ऐसे रहना चाहती थीं वो तो बस राजू के मुंह से सुनना चाहती थीं इसलिए उसने बिना देर किए ब्लाउस को एक तरफ फेंक दिया और फिर से नीचे बर्फ निकालने के लिए झुक गई और जान बूझकर अपनी साड़ी को जांघो तक उठा दिया जिससे राजू को उसकी नंगी गोरी चिकनी जांघें नजर आई और राजू का लंड पूरी तरह से अकडकर खड़ा हो गया। राजू ने देखा कि रजनी की जांघें अच्छे से खुल रही है तो इसका मतलब आज दीदी ने कच्छी भी नहीं पहनी हैं। रात में आकर इतना गहरा मेक अप इसका मतलब दीदी आज खुद ही मस्ती करना चाहती है।

रजनी ने बर्फ निकाला और खड़ी होने और जान बूझकर अपनी साड़ी को उठा दिया जिससे उसकी पूरी नंगी गांड राजू के सामने नजर आई और राजू पागल सा हो गया। रजनी की गांड नही कयामत थी और राजू को अब पूरा यकीन हो गया था कि उसकी दीदी उसे अपनी और जान बूझकर आकर्षित कर रही है तो राजू की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

रजनी आगे आई और बेड पर बैठ गई और पैग बनाने लगी। रजनी राजू के बिलकुल सामने बैठी हुई थी जिससे उसकी ब्रा में कैद चूचियां इधर उधर हिल कर राजू पर जुल्म कर रही थी।

रजनी ने पैग बना कर राजू की तरफ दिया तो राजू ने एक घुट भरा और बोला:"

" दीदी आप भी पीकर देखिए न,आपके हाथ से बने पैग में कितना ज्यादा नशा होता हैं।

रजनी तो खुद पीने के लिए मरी जा रही थी और राजू के बोलते ही उसने पैग को हाथ में लेकर पकड़ लिया और बोली:"

" राजू मुझे ज्यादा नशा हो गया तो कोई दिक्कत तो नही होगी?

राजू:"ओह दीदी, डरो मत मैं हु न आपको संभालने के लिए, दारू पीकर आप एक दम सेक्सी लगती हो।

रजनी ने घूंट भरा और हल्का सा बुरा मुंह बनाया और फिर एक के बाद एक कई घूट भरे और राजू की आंखो मे देखते हुए ग्लास पर अपने होंठ फेरने लगी जिससे ग्लास पर लिपिस्टिक लग गई और उसने स्माइल करते हुए राजू की तरफ बढ़ा दिया तो रा जू बोला:" दीदी क्या मैं आपकी गोद मे लेट जाऊ ? आपकी नशीली आंखों में देखकर दारू पीने का मजा ही कुछ और आयेगा।

रजनी को ये दारू एकदम से चढ़ी और उसने अपनी बांहों को फैला दिया और राजू उसकी गोद में लेट गया और हाथ में ग्लास लेकर एक बार रजनी की आंखो में देखा और फिर नजरे उसकी चूचियों पर टिका दी। रजनी जान बूझकर अपनी चुचियों को हिलाती हुई बोली:"

ये गलत बात है राजू, सिर्फ आंखो मे देखते हुए पियो ना तुम, उधर इधर मत देखो समझे।

रजनी अपनी चुचियों की तरफ इशारा करती हुई बोली तो राजू ने जान बूझकर ग्लास पर लगी हुई लिपिस्टिक पर होंठ टिका दिए और जीभ फेरते हुए बोला:"

" देखता तो आंखो में ही हु दीदी लेकिन ये बीच में आ जाती हैं खुद ही उछलती हुई सी।

इतना कहकर उसने रजनी की चुचियों की तरफ इशारा किया तो रजनी ने जान बूझकर अपनी चुचियों को झटका सा दिया जिससे उसकी चूंचियां आधे से ज्यादा ही छलक पड़ी और रजनी अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोली:"

" बेशर्म कहीं के तुम। वो तुम्हे कुछ कह रही है क्या!!

राजू ने अपने एक हाथ को हिम्मत करके रजनी की जांघ पर रख दिया और उसकी गोद मे करवट ली तो उसका खड़ा लंड उसकी जांघ से टकरा गया और रजनी के मुंह से आह निकल पड़ी तो राजू ने उसकी जांघ को सहलाना शुरू कर दिया और रजनी की चुचियों में कड़ापन आने लगा और निप्पल पूरी तरह से तनने लगे। रजनी के चेहरे पर मस्ती छा गई तो राजू ने एक हाथ उसकी कमर पर लपेट लिया और उसकी कमर सहलाने लगा। रजनी का पूरा बदन कांप रहा था और उसकी चूत से रस निकल रहा था, राजू जांघ सहलाने के साथ साथ उसकी साड़ी भी धीरे धीरे खींच रहा था जिससे रजनी की चूत पानी पानी हो गई थी। पैग खत्म हुआ तो रजनी दूसरा बनाने लगी और राजू को देने लगी तो राजू ने पैग को उसके होंठो से लगा दिया और बोला:"


" दीदी आपके सेक्सी रसभरे होंठो का रस तो मिला दीजिए, कसम से मजा आ जायेगा।

रजनी भी अब पूरी तरह से बहक गई थीं और अपनी जीभ निकाल कर उसने सीधे ग्लास में घुसा दी तो राजू पागल सा हो गया और उसने अपने हाथ को उसकी ब्रा की स्ट्रिप पर सहला दिया तो रजनी मस्ती से सिसक सी गई और राजू ने ग्लास के बाहर अपनी जीभ टिका दी और रजनी की जांघ में हाथ डाला तो उसकी उंगलियां रस से भीग गई और राजू बेकाबू सा होकर ग्लास के बाहर अपनी जीभ फेरने लगा और रजनी ग्लास के अंदर अपनी जीभ फेर रही थी। तभी राजू ने अपनी जीभ को उपर की तरफ बढ़ाया और रजनी की जीभ के करीब कर दिया और रजनी ने मस्ती से अपनी आंखे बंद कर ली तो राजू ने एक झटके से उसकी ब्रा का हुक तोड़ा और अपने जीभ रजनी की जीभ से मिला दी। ग्लास अपने आप बीच से निकल गया और राजू ने रजनी को अपनी गोद मे गिरा लिया और दोनो की जीभ एक दूसरे के मुंह में घुस गई।राजू के हाथ अपने आप उसकी चुचियों पर कस गए और रजनी पागल सी होकर उसकी जीभ चूसने लगी। रुजनी ने खुद ही अपनी साड़ी को सरका दिया और खुद पूरी नंगी हो गई। राजू उसकी जीभ चूसते हुए उसकी चूचियों को मसल रहा था और रजनी की चूत पानी पानी हो गई थी। रजनी से बर्दाश्त नही हुआ और खुद ही राजू की पेंट को खोलकर उसके लंड को अपनी चूत पर टिका दिया और जोर से सिसक उठी। चूत की गर्मी महसूस करते ही राजू पागल सा हो गया और रजनी की टांगो को खोल कर उसकी चूत के छेद पर सुपाड़ा रखा और रजनी की तरफ देखा तो रजनी ने उसका मुंह चूम लिया और राजू ने एक तगड़ा धक्का मारा और लंड जड़ तक चूत के अंदर। रजनी दर्द से कराह उठी, तड़प सी गई और राजू ने लंड को बाहर निकाला और फिर से घुसा दिया। कुछ धक्के के बाद रजनी का दर्द कम हुआ तो उसके मुंह से मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लग और उसने राजू के दो हाथ अपनी चूचियों पर रख दिए और राजू उसकी चूचियों को मसलते हुए धक्के लगाने लगा तो रजनी भी अपनी गांड हिलाने लगी और दोनो के से मस्ती भरी सिसकियां निकल रही थी। दोनो भाई बहन पसीने पसीने हो गए और तेज तेज धक्के लगाने लगे और रजनी का पूरा बदन अकड़ता चला गया और उसकी चूत से रस बह चला तो राजू भी ज्यादा देर नहीं टिक पाया और कुछ ही धक्कों में उसने भी अपनी बहन को जोर से कसते हुए उसकी चूत को भर दिया।

रजनी की चूत मिलने के बाद राजू पूरी तरह से सुधर गया और दोनो भाई बहन खुशी खुशी रहने लगे। रजनी जितना चाहती राजू उससे कहीं ज्यादा उसे चोद रहा था। थोड़े दिन के बाद रजनी गर्भवती हो गई तो राजू ने उससे शादी कर ली। इससे तरह से दोनो भाई बहन खुशी खुशी जीने लगे रजनी अब लंगड़ी सिर्फ दिन में होती थी जबकि रात को चुद्द्कड घोड़ी बनती थी।

समाप्त
Behtreen storie👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
 
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