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Adultery लेता हूं बहू का पूरा मजा

Vivekdaware

Madhuri Aunty
156
55
28
Update 5

एक दिन सुबह को मैंने बहु के साथ नाश्ता किया और बाद में बहु ने कहा कि उसे थोड़ी देर टिव्ही देखना है। तो हम दोनों हॉल में नीचे बैठकर टिव्ही देखने लगे। आज सुजाता ने काले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था। उसे नीचे बैठे हुए देखकर मुझे रहा नही जाता। में झट से उसके गोद मे अपना सर रखके सो गया। सुजाता मेरी ये हरकत देखकर हस पड़ी। घर दरवाजा खुला ही था पर उसकी हमे कोई फिक्र नही थी। हम दोनों ऐसेही हसी मजाक कर रहे थे। अचानक से पड़ोस की सुमन घरमे आ गयी । उसने मुझे बहु के गोद मे सोते हुए देखा और सुजाता को हँसते हुए पूछा,
"क्या कर रही हो सुजाता?"
सुजाता ने भी हँसते हुए जवाब दिया ,
"ससुरजी को आदत है ऐसे लेटने की ।"
"क्या समीर अंकल ? सुबह के टाइम कौन सोता है क्या? "
"क्या करु सुमन । इतनी थकान होई है कि पूछो मत। इसलिए बहु को मुझे सुलाने कहता हूं।"
"अच्छी बात है की आपको सुजाता जैसी बहु मिली है। अच्छा मैं तो मेरे आने का कारण ही बताना भूल गयी। मैं दो दिन के लिए आपके घर सोने आनेवाली हु। मेरे पति 2 दिन बाहर जाने वाले है ना।"
सुजाता ने कहा,
"ठीक है सुमन। आ जाओ तुम ।"
"ठीक है। आज रात आती हु।"
ये कह के वो चली गयी।
सुजाता ने फिर मुझे कहा,
"देखा ससुरजी । अब आपको दूध पिला रही होती तो सुमन देख लेती। "
"अब तो चली गयी ना वो। तो अब पिला दो।"
"आप भी ना ससुरजी बहुत नादान बन गए हो। थोड़ी तो शरम करो। "
"पिला दो ना।"
"पिलाती हु।"
बहु ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाउज के निचले कुछ हुक खोल दिये। फिर मेरा सर पल्लू से ढकते हुए वो मुझे उसका अमृत पिलाने लगी।
"आह...."
में धीरे धीरे पी रहा था।
"दरवाजा बंद करना चाहिए था। कोई आ जाये तो?"
पर मैं दूध पीता रहा और फिर बहु ने भी उसका पूरा ध्यान मुझे स्तनपान करने में लगा दिया।
"मेरे बच्चे... धीरे धीरे पीते रहो। बहुत दूध बाकी है अभी।"
वो उसका एक हाथ मेरे पेट पर फेरने लगी। बहु मुझे लगभग आधे घंटे तक पिला रही थी। फिर उसने ब्लाउज के हुक लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया और मुझे हँसते हुए पूछा,
"पेट भर गया बच्चे?"
"हा बहु। अब तो नींद आ रही है।"
"आप अब आराम कर लो। मैं खाना बनाती हूं। "
मैं वही सोफे के ऊपर लेट कर आराम करने लगा। बहु रसोईघर में चली गयी।
रात को खाना खाने के बाद सुमन हमारे घर सोने के लिए आ गयी। सुजाता बहु ने हम तीनों के लिए हॉल में ही जमीन पर बिस्तर दाल दिया। हमारा ये बिस्तर देखकर सुमन ने सुजाता को पूछा,
"क्या समीर अंकल भी हमारे पास सोने वाले है?"
"हाँ सुमन। मुझे उनको सुलाना पड़ता है।"
सुमन अचंभित हो गयी,
"सच मे? उनको इतनी परेशानी होती है नींद आने में?"
"हा ना सुमन, बहुत दिक्कत होती है। पर उनको अब मेरी आदत पड़ गयी है। मेरे सिवा उनको अब ठीक से नींद नही आती है।"
"ये तो अच्छी बात है तुम उनके लिए इतना जो कर रही हो।"
घर की सारी लाइट बंद कर के हम सब सोने लगे। इतना भी अंधेरा नही होता है क्यूंकि रास्ते के पोल पर जो लाइट होती है उसका उजाला खिड़की के कांच से अंदर आ रहा था और थोड़ा दिख रहा था। मैं सुजाता के एक बाजुमें सो गया और सुमन उसके दूसरे बाजू सो गई। सुजाता बहु सुमन के तरफ मुह करके उससे बाते कर रही थी। थोड़ी देर बाद सुमन ने मेरे बहु को पूछा ,
"तुम्हारे ससुरजी सोये की नही अभीतक?"
"देखती हूं मैं अब।"
बहु मेरे तरफ पलट गई और उसने मुझे अपने करीब ले लिया और मेरे पीठ पर हाथ थपथपाने लगी।
"नही सोये अभीतक। मुझे सुलाना पड़ेगा उनको।"
"ठीक है। सुला दो तुम ।"
वो दोनों फिरसे कुछ बाते करने लगी। मैं अब बहुत उतावला हो रहा था। मैंने बहु का पल्लू थोड़ा हटा दिया और उसके एक मुम्मे को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने लगा। बहु को मेरी ये हरकत पता थी इसलिए वो बिना रुके सुमन से बातें करती रही। इससे मैं और ही उतावला हो गया और में और जोरसे चूसने लगा। सुजाता बहु मुझे डाँटते हुए बोली,
"सो जाओ ना ससुरजी। कितनी हलचल करते हो। आप अब बच्चे हो क्या?"
मुझे क्या चाहिए ये बहु को अच्छी तरह से पता था। उसने मेरे मुह से उसका मुम्मा निकाल लिया। फिर उसने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और मुझे वो स्तनपान करने लगी। में अब शांत होकर दूध पीने लगा। बहु अब मेरे पीठ पर हलके से थपथपाने लगी।
सुमन ने फिरसे पूछा,
"सो गए की नही?"
असल मे बहु बात करने की हालत ने नही थी। एकतरफ में धीरे धीरे उसका दूध पी रहा था और उसने एक हाथ से उसका स्तन मेरे मुह में पकड़ रखा था और बीच बीच मे वो मेरी पीठ भी थपथपा रही थी। फिर भी उसने सुमन को जवाब दिया,
"अब पूरी तरह से सो नाही गये वो। सुला रही हु।"
"मुझे नींद आ रही है अब । गुड नाईट। "
सुमन सो गई । फिर बहु मुझे और कुछ टाइम तक पिलाती रही।
सुमन सुबह सबसे पहले उठ गई थी। उसने देखा की सुजाता मुझे बहुत करीब लेकर सोई हुई थी। हँसते हँसते ही वो उठ गई और मुह धो कर वापस हॉल में आ गयी और सोफे पर बैठ गयी। वैसे अभी भी थोड़ा अंधेरा था। फिर सुजाता भी उठकर बैठ गयी और उसने सुमन के सामने ही खुद के ब्लाउज के बटन लगा लिए और पल्लू भी ठीक कर लिया। ये देखकर सुमन उसे चिढ़ाती हुए बोली,
"ब्लाउज क्यों खोल दिया तुमने? "
सुजाता भी अब मुस्कुराते हुए बोली,
"क्या बताऊँ तुझे सुमन? ससुरजी इतने बड़े होकर भी मेरा दूध पीते है।"
"क्या कह रही हो सुजाता? ये तो बहुत ही अजीब आदत है उनकी।"
"हा पर । मुझे अच्छा लगता है उनको पिलाने में। बिलकुल छोटे बच्चे की तरह पीते रहते है।"
सुमन हँसते हुए बोली,
"तुम्हे अच्छा लगता है ना तो ठीक है।"
मुह धोकर सुमन अपने घर चली गयी। मैं भी उठ गया और फ्रेश हो गया। बहु ने मुझे नाश्ता दिया। उसने नहा लिया था। फिर में नहाने चला गया। नहाकर आते ही मैं थोड़ी देर हॉल में सोफे पर बैठ गया। सुजाता भी मेरे बाजू में बैठ गयी। उसने आज पिले रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था। उसका एक मुम्मा पल्लू के बाहर था और में उसको देखकर मेरा मन भर रहा था। बहु मुझे बोली,
"चलो मेरे बच्चे तुझे दूध पिलाती हु। "
मैं खुश हो गया। घर का दरवाजा खुला रखके ही मैं बहु के साथ रसोईघर में चला गया। बहु जमीन पर बैठ गयी और मैं उसकी गोद मे लेट गया। बहु अपने बाल ठीक करके उनको बांध रही थी। मै उसके पल्लू के नीचे अपना हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मो को हलके से दबाने लगा।
"दे रही हु ना बच्चे। इतनी भूख लगी है ? "
उसने बाल ठीक कर लिए और मेरा हाथ उसके पल्लू के पीछे से निकाल दिया। उसने ब्लाउज के निचले कुछ बटन खोल दिये । फिर वो मेरा सर पल्लू से ढकते हुए मुझे दूध पिलाने लगी।
"धीरे धीरे पीओ अब। बहुत टाइम है। "
मैं पीने लगा । मैं लगभग 20 मिनिट पी रहा था। फिर बहु ने मेरा मुह पल्लू से पोछ लिया और अपने ब्लाउज के बटन लगा लिए।
"आज आपको सुमन भी दूध पिलाएगी।"
"वा। मेरा तो काम ही बन गया। "
What's going to happen next in the story
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
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28
मैं स्टोरी की सुरुवात में बदलाव करने वाला हु। मैं ऐसे दिखाऊंगा की ससुर ने अपने लड़के को बीवी से स्तनपान करते पकड़ लिया। इस हरकत के कारण ससुर को अपने बेटे की शरम आती है और वो उसे सबक सिखाने के लिए 2 साल अब्रॉड भेज देता है। फिर ससुर को बहु के साथ अकेले रहने से उसका दूध पीने का मन करता है। वो उसकी तरफ आकर्षित हो जाता है। और बीमार पड़ने का कारण आगे करके को उसके बगल में रोज सोता है। फिर बहु उनकी देखभाल करती है रोज। दोनों के बीच माँ बेटे जैसा रिश्ता बन जाता है । वो उनको रोज करीब लेकर सोती हैं । फिर एक रात को ससुर उसके मुम्मो को कपड़े के ऊपर से ही चूसने लगता है। बहु उसकी हरकत को बचकानी समझती है। और ससुर के बहुत मनाने के बाद उसको दूध पिलाती है। शुरुवात में ये कभी कभी होता है। फिर ससुर को ये आदत लग जाती है। फिर बहु को भी ये अच्छा लगता है।

कैसी लगी ये स्टोरी।
स्टोरी मै बदलाव कब करेंगे?
नई स्टोरी की प्रतीक्षा है.
 

The Immortal

Live Life In Process.
Staff member
Sr. Moderator
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43,722
354
Hello Everyone :hello:

We are Happy to present to you The annual story contest of Xforum "The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maalum hai abhi pichle hafte he humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time Pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit chat thread toh pehle se he Hind section mein khulla hai.

Iske baare Mein thoda aapko btaadun ye ek short story contest hai jisme aap kissi bhi prefix ki short story post kar shaktey ho jo minimum 700 words and maximum 7000 words takk ho shakti hai. Isliye main aapko invitation deta hun ki aap Iss contest Mein apne khayaalon ko shabdon kaa Rupp dekar isme apni stories daalein jisko pura Xforum dekhega ye ek bahot acha kadam hoga aapke or aapki stories k liye kyunki USC Ki stories ko pure Xforum k readers read kartey hain.. Or jo readers likhna nahi caahtey woh bhi Iss contest Mein participate kar shaktey hain "Best Readers Award" k liye aapko bus karna ye hoga ki contest Mein posted stories ko read karke unke Uppar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske aalwa aapko apna thread apne section mein sticky karne kaa mouka bhi milega Taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab k liye ye ek behtareen mouka hai Xforum k sabhi readers k Uppar apni chaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna suru kar shaktey hain or woh thread 21st February takk open rahega Iss dauraan aap apni story daal shakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna suru kardein toh aapke liye better rahega.

Koi bhi issue ho toh aap kissi bhi staff member ko Message kar shaktey hain..


Rules Check karne k liye Iss thread kaa use karein :- Rules And Queries Thread.

Contest k regarding Chit chat karne k liye Iss thread kaa use karein :- Chit Chat Thread.


Regards : XForum Staff.
 

Vivekdaware

Madhuri Aunty
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मैं स्टोरी की सुरुवात में बदलाव करने वाला हु। मैं ऐसे दिखाऊंगा की ससुर ने अपने लड़के को बीवी से स्तनपान करते पकड़ लिया। इस हरकत के कारण ससुर को अपने बेटे की शरम आती है और वो उसे सबक सिखाने के लिए 2 साल अब्रॉड भेज देता है। फिर ससुर को बहु के साथ अकेले रहने से उसका दूध पीने का मन करता है। वो उसकी तरफ आकर्षित हो जाता है। और बीमार पड़ने का कारण आगे करके को उसके बगल में रोज सोता है। फिर बहु उनकी देखभाल करती है रोज। दोनों के बीच माँ बेटे जैसा रिश्ता बन जाता है । वो उनको रोज करीब लेकर सोती हैं । फिर एक रात को ससुर उसके मुम्मो को कपड़े के ऊपर से ही चूसने लगता है। बहु उसकी हरकत को बचकानी समझती है। और ससुर के बहुत मनाने के बाद उसको दूध पिलाती है। शुरुवात में ये कभी कभी होता है। फिर ससुर को ये आदत लग जाती है। फिर बहु को भी ये अच्छा लगता है।

कैसी लगी ये स्टोरी।
Kya huaa ye wali story ka?
 

Anoop

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Hand mrane gyi
 

Lord Mutthal

Lac puer
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नमस्कार। मेरा नाम है समीर दुबे। मेरी उम्र अब 65 साल है। में एक गाव में रहता हूं। मुझे एक 30 साल का बेटा है। अफसोस से मेरे पत्नी की मृत्यु 30 साल पहिले ही हो चुकी है। तबसे मैंने है मेरे बेटे का पालन पोषण किया। 30 साल का होते ही उसका ब्याह कर दिया। नहीं तो आज कल के लड़के बुरी आदतों से बर्बाद हो जाते है। मेरा यह भाग्य है कि वो ऐसे चंगुल नहीं फसा। उसकी शादी 25 साल के युवती से कर दी। एक ही साल में उसे संतान भी हो गया ।

मैंने शादी तो नहीं कि । इसका मतलब यह नहीं कि मेरी कोई सेक्स करने की इच्छा नहीं ही होती थी। मै तो सिर्फ हमारे गाव की औरतों को देखकर ही अपना समाधान कर लेता था। मुझे अफैर करने का बहुत डर लगता था। मेरे बेटे का नाम संजय है और बहू का नाम है सुजाता। सुजाता एक बहुत ही अच्छी बहू है। सबसे प्यार से बरताव करती है। पर वो सबसे खुले से बात करती है। मुझसे भी वो बहुत अलग अलग विषयो पर बाते करती रहती है। शादी के बाद वो और भी आकर्षक दिखने लगी थी। मेरे बेटे को अब शहर में अच्छी नौकरी लग गई थी। पर वो बहू को साथ नहीं लेकर जा सकता था। जाते टाइम वो बहू को बोला," अपने ससुर जी का खयाल रखना। " बहू ने कहा था ,"कोई चिंता मत करो । मै उनका बहुत अच्छा खयाल रखूंगी। "
Very good and useful indeed.om
 

Lord Mutthal

Lac puer
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Update 3

अच्छी नींद के बाद में सुबह थोड़ा लेट उठ गया। बहू पहिले ही उठ गई थी । मैंने रसोईघर में जाकर देखा तो सुजाता बहू नहा कर आ गई थी। उसने पीले रंग कि साडी और ब्लाऊज पहना था। बहुत ही सेक्सी लग रही थी। मैंने भी नहा लिया और चाई पीने रसोईघर में आ गया। उस टाइम बहू का चाई बिस्कुट खा कर हो चुका था । उसने खाली कप बाजू में रख दिया। वो जमीन पर बैठी थी। "जल्दी चाई पी लो ससुरजी । "
"चाई नहीं चाहिए मुझे। "
"तो क्या दू आपको? "
मै तुरंत उसकी गोद मै अपना सर रखकर सो गया। वो डर गई ।
"कोई देख लेगा। दरवाजा खुला है। "
"कोई नहीं आता। मुझे दूध पिलाओ अब।"
बहू डर के मारे बोली,"पर किसीने देखा तो क्या बोलेंगे? "
"कोई नहीं आता ।"
मैंने उसका पल्लू थोड़ा बाजू करके उसका एक भरा हुआ स्तन मेरे मुंह में ले लिया और उसे ब्लाऊज के ऊपर से ही चूसने लगा। थोड़ी देर चूसने के बाद बहू का डर हलके से कम हो गया ।
"छोड़ो अब। पिलाती हूं आपको। "
मैंने उसका स्तन छोड़ दिया।
उसने ब्लाऊज के निचले हूक खोल दिए।
"आप भी ना ससुरजी । बहुत नादान हो। "
फिर वो मुझे किसी बच्चे की तरह अपना दूध पिलाने लगी।
"क्या ससुरजी है ! इतने बड़े होकर भी स्तनपान करते है। "
मै तो आराम से उसका स्वादिष्ठ दूध पी रहा था ।
एक स्तन खाली होने के बाद बहू ने पूछा,
"और चाहिए आपको? "
"हा तो। पूरा पीना है। "
"बहुत भूक लगी है लगता है आपको।"
वो मुझे दूसरे स्तन से पिलाने लगी।
मै 10 मिनिट उसके दूध का स्वाद लेता रहा ।
दूध ख़तम होने के बाद उसने मेरा मुंह पल्लू से पोछ लिया और ब्लाऊज के हूक लगा लिए।
"कब पिलाओगी मुझे फिर से ? "
वो मुस्कुराके बोली ,"खाना खाने के बाद । ठीक है। अब उठ जाओ। बहुत काम है मुझे। "
वो घर के काम करने लगी। मै ऐसेहिं हॉल में देखने लगा। बहू को रसोईघर में काम करते देख मेरा लवडा भी गरम हो रहा था। एक तो मैंने कई साल तक मूथ भी नहीं मारी थी। कई साल का वीर्य बचा हुआ था।
दोपहर को हम दोनों खाना खाने बैठे तो मेरी नजर बहुत बार बहू के स्तनों के ऊपर टिक जाती थी । अब उसे इसकी आदत ही पड़ चुकी थी। मैंने बहुत ही कम खाना खाया। बहू ने चिंतित हो कर पूछा,
"क्या हुआ ससुरजी? भुक नहीं है क्या ?"
"नहीं है भूख इतनी मुझे।"
पर बहू ने बहुत खाना खा लिया।

दोपहर को हम हॉल में सो रहे थे । घर का दरवाजा थोड़ा लगा लिया । थोड़ा खुला रखा था। बहू ने बच्चे को सुला दिया फिर वो मेरी तरफ पलट गई। अब बहू की पीठ दरवाजे की तरफ थी। इतने दूध से भरे हुए स्तन पास से देख कर मेरे मुंह से पानी आने लगा। मै तुरंत उसका पल्लू थोड़ा बाजू करके उसके ब्लाऊज के ऊपरी हूक खोलने की कोशिश करने लगा। पर मुझे कुछ जमा नहीं। बहू हस पड़ी।
"ब्लाऊज के हूक भी खोलने नहीं आते आपको। और दूध पीना है। "
मैंने बहुत कोशिश की पर मुझे कामयाबी नहीं मिली।
"पिलाओ ना..." मैंने व्याकुल होके कहा।
बहू मेरी हरकत थोड़ी देर देखती रही। फिर वो ब्लाऊज के ऊपरी हूक खोलकर मुझे पिलाने लगी।
"पी जाओ मेरे बच्चे। मेरा सारा दूध पी जाओ।"
वो मेरे पीठ पर अपना हाथ फेर रही थी।
हम दोनों भी दंग थे। अचानक से घर का दरवाजा खोल के एक पड़ोसी औरत हमारे घर में आ गई।
बहू ने उसका स्तन मेरे मुंह से निकाल लिया और बैठते हुए अपना ब्लाऊज और पल्लू ठीक कर लिया । वो ब्लाऊज के हूक नहीं लगा पाई । नसीब से उसकी पीठ दरवाजे की तरफ थी। बहू खड़ी हो गई और औरत से बोलने लगी। वो औरत हमें पकोड़े देने आई थी।
"सो रही थी ना तुम ? "
"नहीं बहन जी। "
उस औरत की नजर बहू के स्तनों पर गई। बहू ने पहिले ही पल्लू ठीक कर लिया था। पर उसकी साड़ी थोड़ी ट्रांसपेरेंट थी और उस औरत को बहू के ब्लाऊज के ऊपरी खुले हुए हूक दिख रहे थे। उसने देखा कि मै भी जगा हुए था। उसके गाल पर थोड़ी मुस्कुराहट आ गई।
"अच्छा तो निंद नहीं आ रही ?"
"हा बहन जी। " औरत बहू से थोड़ी बड़ी थी।
"अच्छा तो मै चलती हूं। आप सो जाओ। "
औरत जाने के बाद बहू ने दरवाजे को कड़ी लगा ली। उसने रसोईघर में जाकर पकोड़े रख दिए । फिर मेरे बगल में सो गई।
"उसने आपको स्तनपान करते देखा होता तो क्या होता?"
"आज से दोपहर को दरवाजा पूरा बंद रखते है। "
"हा मेरे बच्चे। अब दूदू पी लो । काफी बाकी है अभी।"
फिर वो मुझे वापस पिलाने लगी। मै बहुत देर तक उसके अमृत का आनंद ले रहा था।
Bahut badhiya, dhanyavaad aapko.om
 

Lord Mutthal

Lac puer
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Update 4

रात को खाना खाने के बाद हम लाइट बंद कर के हॉल में सो गए। हम ऐसेहि बातें कर रहे थे। सुजाता बहु को रात में सोते समय मेरे साथ बातें करना बहुत अच्छा लगता था। थोड़ी देर बात मैंने उससे बातें करते करते उसके कंधे पर हाथ रखकर मेरी तरफ पलट लिया। फिर में उसका पल्लू बाजु करके उसके भरे हुए मुम्मों को बारीबारी से ब्लाउज के ऊपर से ही चूमने लगा।
"भूख लगी है क्या?"
मैंने कुछ कहा नहीं। मै तो बारीबारी से उसके मुम्मों को मुँह में लेकर चूस रहा था।
"आह...मुझे आप जो मेरे स्तनों के साथ खेलते रहते हो ना उससे बहुत अच्छा लगता है। "
मै थोड़ी देर रुक गया।
"मुझे खेलना पसंद है। बहुत मजा आता है तुम्हारे भरे हुए स्तन दबाने में । "
"पिने में तो और भी मजा आता होगा। "
"हा। बिलकुल सही कहा तुने सुजाता बहुरानी। "
मै फिरसे उसके मुम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने लगा। मै थोड़ी देर एक मुम्मे को मुँह में लेकर चूसता रहता था। फिर थोड़ी देर बाद दूसरे मुम्मे को मुँह में लेता था। एक स्तन चूसते वक्त दूसरा मुम्मा मै एक हाथ से हलके से दबा भी रहा था।
"आह..."
और थोड़ी देर बाद वो बोली ,
"चलो बस करो अब ये खेलना। अब दूध पिलो। "
मै रुक गया। फिर उसने उसके ब्लाउज के ऊपरी हूक खोल दिए और एक भरा हुआ मुम्मा बाहर निकालकर वो मुझे उसका दूध पिलाने लगी। में उसके स्तन का एरोला पूरी तरह से अपने मुँह में लेकर उसे धीरे धीरे
चूसने लगा। बहु ने एक हाथ से उसका मुम्मा मेरे मुँह में पकड़कर रखा था। मेरे चूसने से उसे भी बहुत आनंद मिल रहा था। उसका मुम्मा तो बहुत ही मुलायम था। और उसका दूध तो मानो अमृत ही था !
"आह...सब पी जा मेरे बच्चे।"
मैं आधे घंटे तक स्तनपान कर रहा था। हम दोनों भी थक गए थे। बहु ने ब्लाउज के बटन फिरसे लगा दिए और मैं उसके स्तनों के बीच मेरा चेहरा रखते हुए उसके बाहों में सो गया।
Welcome my dear good n wise friends.om
 

Lord Mutthal

Lac puer
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Update 5

एक दिन सुबह को मैंने बहु के साथ नाश्ता किया और बाद में बहु ने कहा कि उसे थोड़ी देर टिव्ही देखना है। तो हम दोनों हॉल में नीचे बैठकर टिव्ही देखने लगे। आज सुजाता ने काले रंग की साड़ी और ब्लाउज पहना था। उसे नीचे बैठे हुए देखकर मुझे रहा नही जाता। में झट से उसके गोद मे अपना सर रखके सो गया। सुजाता मेरी ये हरकत देखकर हस पड़ी। घर दरवाजा खुला ही था पर उसकी हमे कोई फिक्र नही थी। हम दोनों ऐसेही हसी मजाक कर रहे थे। अचानक से पड़ोस की सुमन घरमे आ गयी । उसने मुझे बहु के गोद मे सोते हुए देखा और सुजाता को हँसते हुए पूछा,
"क्या कर रही हो सुजाता?"
सुजाता ने भी हँसते हुए जवाब दिया ,
"ससुरजी को आदत है ऐसे लेटने की ।"
"क्या समीर अंकल ? सुबह के टाइम कौन सोता है क्या? "
"क्या करु सुमन । इतनी थकान होई है कि पूछो मत। इसलिए बहु को मुझे सुलाने कहता हूं।"
"अच्छी बात है की आपको सुजाता जैसी बहु मिली है। अच्छा मैं तो मेरे आने का कारण ही बताना भूल गयी। मैं दो दिन के लिए आपके घर सोने आनेवाली हु। मेरे पति 2 दिन बाहर जाने वाले है ना।"
सुजाता ने कहा,
"ठीक है सुमन। आ जाओ तुम ।"
"ठीक है। आज रात आती हु।"
ये कह के वो चली गयी।
सुजाता ने फिर मुझे कहा,
"देखा ससुरजी । अब आपको दूध पिला रही होती तो सुमन देख लेती। "
"अब तो चली गयी ना वो। तो अब पिला दो।"
"आप भी ना ससुरजी बहुत नादान बन गए हो। थोड़ी तो शरम करो। "
"पिला दो ना।"
"पिलाती हु।"
बहु ने पल्लू के नीचे हाथ डालकर उसके ब्लाउज के निचले कुछ हुक खोल दिये। फिर मेरा सर पल्लू से ढकते हुए वो मुझे उसका अमृत पिलाने लगी।
"आह...."
में धीरे धीरे पी रहा था।
"दरवाजा बंद करना चाहिए था। कोई आ जाये तो?"
पर मैं दूध पीता रहा और फिर बहु ने भी उसका पूरा ध्यान मुझे स्तनपान करने में लगा दिया।
"मेरे बच्चे... धीरे धीरे पीते रहो। बहुत दूध बाकी है अभी।"
वो उसका एक हाथ मेरे पेट पर फेरने लगी। बहु मुझे लगभग आधे घंटे तक पिला रही थी। फिर उसने ब्लाउज के हुक लगा लिए और अपना पल्लू ठीक कर लिया और मुझे हँसते हुए पूछा,
"पेट भर गया बच्चे?"
"हा बहु। अब तो नींद आ रही है।"
"आप अब आराम कर लो। मैं खाना बनाती हूं। "
मैं वही सोफे के ऊपर लेट कर आराम करने लगा। बहु रसोईघर में चली गयी।
रात को खाना खाने के बाद सुमन हमारे घर सोने के लिए आ गयी। सुजाता बहु ने हम तीनों के लिए हॉल में ही जमीन पर बिस्तर दाल दिया। हमारा ये बिस्तर देखकर सुमन ने सुजाता को पूछा,
"क्या समीर अंकल भी हमारे पास सोने वाले है?"
"हाँ सुमन। मुझे उनको सुलाना पड़ता है।"
सुमन अचंभित हो गयी,
"सच मे? उनको इतनी परेशानी होती है नींद आने में?"
"हा ना सुमन, बहुत दिक्कत होती है। पर उनको अब मेरी आदत पड़ गयी है। मेरे सिवा उनको अब ठीक से नींद नही आती है।"
"ये तो अच्छी बात है तुम उनके लिए इतना जो कर रही हो।"
घर की सारी लाइट बंद कर के हम सब सोने लगे। इतना भी अंधेरा नही होता है क्यूंकि रास्ते के पोल पर जो लाइट होती है उसका उजाला खिड़की के कांच से अंदर आ रहा था और थोड़ा दिख रहा था। मैं सुजाता के एक बाजुमें सो गया और सुमन उसके दूसरे बाजू सो गई। सुजाता बहु सुमन के तरफ मुह करके उससे बाते कर रही थी। थोड़ी देर बाद सुमन ने मेरे बहु को पूछा ,
"तुम्हारे ससुरजी सोये की नही अभीतक?"
"देखती हूं मैं अब।"
बहु मेरे तरफ पलट गई और उसने मुझे अपने करीब ले लिया और मेरे पीठ पर हाथ थपथपाने लगी।
"नही सोये अभीतक। मुझे सुलाना पड़ेगा उनको।"
"ठीक है। सुला दो तुम ।"
वो दोनों फिरसे कुछ बाते करने लगी। मैं अब बहुत उतावला हो रहा था। मैंने बहु का पल्लू थोड़ा हटा दिया और उसके एक मुम्मे को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने लगा। बहु को मेरी ये हरकत पता थी इसलिए वो बिना रुके सुमन से बातें करती रही। इससे मैं और ही उतावला हो गया और में और जोरसे चूसने लगा। सुजाता बहु मुझे डाँटते हुए बोली,
"सो जाओ ना ससुरजी। कितनी हलचल करते हो। आप अब बच्चे हो क्या?"
मुझे क्या चाहिए ये बहु को अच्छी तरह से पता था। उसने मेरे मुह से उसका मुम्मा निकाल लिया। फिर उसने ब्लाउज के कुछ बटन खोल दिये और मुझे वो स्तनपान करने लगी। में अब शांत होकर दूध पीने लगा। बहु अब मेरे पीठ पर हलके से थपथपाने लगी।
सुमन ने फिरसे पूछा,
"सो गए की नही?"
असल मे बहु बात करने की हालत ने नही थी। एकतरफ में धीरे धीरे उसका दूध पी रहा था और उसने एक हाथ से उसका स्तन मेरे मुह में पकड़ रखा था और बीच बीच मे वो मेरी पीठ भी थपथपा रही थी। फिर भी उसने सुमन को जवाब दिया,
"अब पूरी तरह से सो नाही गये वो। सुला रही हु।"
"मुझे नींद आ रही है अब । गुड नाईट। "
सुमन सो गई । फिर बहु मुझे और कुछ टाइम तक पिलाती रही।
सुमन सुबह सबसे पहले उठ गई थी। उसने देखा की सुजाता मुझे बहुत करीब लेकर सोई हुई थी। हँसते हँसते ही वो उठ गई और मुह धो कर वापस हॉल में आ गयी और सोफे पर बैठ गयी। वैसे अभी भी थोड़ा अंधेरा था। फिर सुजाता भी उठकर बैठ गयी और उसने सुमन के सामने ही खुद के ब्लाउज के बटन लगा लिए और पल्लू भी ठीक कर लिया। ये देखकर सुमन उसे चिढ़ाती हुए बोली,
"ब्लाउज क्यों खोल दिया तुमने? "
सुजाता भी अब मुस्कुराते हुए बोली,
"क्या बताऊँ तुझे सुमन? ससुरजी इतने बड़े होकर भी मेरा दूध पीते है।"
"क्या कह रही हो सुजाता? ये तो बहुत ही अजीब आदत है उनकी।"
"हा पर । मुझे अच्छा लगता है उनको पिलाने में। बिलकुल छोटे बच्चे की तरह पीते रहते है।"
सुमन हँसते हुए बोली,
"तुम्हे अच्छा लगता है ना तो ठीक है।"
मुह धोकर सुमन अपने घर चली गयी। मैं भी उठ गया और फ्रेश हो गया। बहु ने मुझे नाश्ता दिया। उसने नहा लिया था। फिर में नहाने चला गया। नहाकर आते ही मैं थोड़ी देर हॉल में सोफे पर बैठ गया। सुजाता भी मेरे बाजू में बैठ गयी। उसने आज पिले रंग की साड़ी और मैचिंग ब्लाउज पहना था। उसका एक मुम्मा पल्लू के बाहर था और में उसको देखकर मेरा मन भर रहा था। बहु मुझे बोली,
"चलो मेरे बच्चे तुझे दूध पिलाती हु। "
मैं खुश हो गया। घर का दरवाजा खुला रखके ही मैं बहु के साथ रसोईघर में चला गया। बहु जमीन पर बैठ गयी और मैं उसकी गोद मे लेट गया। बहु अपने बाल ठीक करके उनको बांध रही थी। मै उसके पल्लू के नीचे अपना हाथ डालकर उसके भरे हुए मुम्मो को हलके से दबाने लगा।
"दे रही हु ना बच्चे। इतनी भूख लगी है ? "
उसने बाल ठीक कर लिए और मेरा हाथ उसके पल्लू के पीछे से निकाल दिया। उसने ब्लाउज के निचले कुछ बटन खोल दिये । फिर वो मेरा सर पल्लू से ढकते हुए मुझे दूध पिलाने लगी।
"धीरे धीरे पीओ अब। बहुत टाइम है। "
मैं पीने लगा । मैं लगभग 20 मिनिट पी रहा था। फिर बहु ने मेरा मुह पल्लू से पोछ लिया और अपने ब्लाउज के बटन लगा लिए।
"आज आपको सुमन भी दूध पिलाएगी।"
"वा। मेरा तो काम ही बन गया। "
Very good n mind-blowing too.om
 
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