Update 4
रात को खाना खाने के बाद हम लाइट बंद कर के हॉल में सो गए। हम ऐसेहि बातें कर रहे थे। सुजाता बहु को रात में सोते समय मेरे साथ बातें करना बहुत अच्छा लगता था। थोड़ी देर बात मैंने उससे बातें करते करते उसके कंधे पर हाथ रखकर मेरी तरफ पलट लिया। फिर में उसका पल्लू बाजु करके उसके भरे हुए मुम्मों को बारीबारी से ब्लाउज के ऊपर से ही चूमने लगा।
"भूख लगी है क्या?"
मैंने कुछ कहा नहीं। मै तो बारीबारी से उसके मुम्मों को मुँह में लेकर चूस रहा था।
"आह...मुझे आप जो मेरे स्तनों के साथ खेलते रहते हो ना उससे बहुत अच्छा लगता है। "
मै थोड़ी देर रुक गया।
"मुझे खेलना पसंद है। बहुत मजा आता है तुम्हारे भरे हुए स्तन दबाने में । "
"पिने में तो और भी मजा आता होगा। "
"हा। बिलकुल सही कहा तुने सुजाता बहुरानी। "
मै फिरसे उसके मुम्मों को ब्लाउज के ऊपर से ही चूसने लगा। मै थोड़ी देर एक मुम्मे को मुँह में लेकर चूसता रहता था। फिर थोड़ी देर बाद दूसरे मुम्मे को मुँह में लेता था। एक स्तन चूसते वक्त दूसरा मुम्मा मै एक हाथ से हलके से दबा भी रहा था।
"आह..."
और थोड़ी देर बाद वो बोली ,
"चलो बस करो अब ये खेलना। अब दूध पिलो। "
मै रुक गया। फिर उसने उसके ब्लाउज के ऊपरी हूक खोल दिए और एक भरा हुआ मुम्मा बाहर निकालकर वो मुझे उसका दूध पिलाने लगी। में उसके स्तन का एरोला पूरी तरह से अपने मुँह में लेकर उसे धीरे धीरे
चूसने लगा। बहु ने एक हाथ से उसका मुम्मा मेरे मुँह में पकड़कर रखा था। मेरे चूसने से उसे भी बहुत आनंद मिल रहा था। उसका मुम्मा तो बहुत ही मुलायम था। और उसका दूध तो मानो अमृत ही था !
"आह...सब पी जा मेरे बच्चे।"
मैं आधे घंटे तक स्तनपान कर रहा था। हम दोनों भी थक गए थे। बहु ने ब्लाउज के बटन फिरसे लगा दिए और मैं उसके स्तनों के बीच मेरा चेहरा रखते हुए उसके बाहों में सो गया।