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लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा ( बेटा माई)

Sanjay dutt

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केहू चोदे गर्लफ्रैंड, केहू चोदे लुगाई,
बेटवा हमार खाली चोदे आपन माई,
हो गइनी विधवा जब रहनी हम बत्तीस,
लांड खातिर परेशान रहनी,भइनी जब छत्तीस,

उमर संगे हमार बढ़त रहुवे चुदाई के आग,
आपन बिल खातिर, खोजत रहीं कारी नाग,
हाय ओंगरिया से कैसेहु बुर के करेली चुप हो,
चैन ना मिलत रहले, बिना बुर में घुपा घुप हो,

घर के इज़्ज़त खातिर, बर्दाश्त करत रहनी जोवन के जोश,
मने मन चाहत रहनी, कौनो मरदवा चोदे हमके खूब ठोस,
सावन के महीना, पानी खातिर जइसे पियासल रहे चातक,
Jiलांड के खातिर, पगलाइल रहनी केहू हमके चोदे बनके घातक,

जेठ के महीना रहुवे, मसलत रहनी गुलाबी बुरवा आधा रतिया,
खोलके आपन सारी साया, सिसयात रहनी उठाके दुनु लतिया,
बुझनी ना कब बेटवा आ गईल, सुनके हमार चुदासी सीत्कारी,
लांड पकड़के देखत रहले, अश्लील खेला जईसे की बलात्कारी,

देखके हमके अईसे, जाग गईल ओकर भीतर के मरद,
हमार अंखियन में पढ़ लिहले, पियासल औरत के दरद,
चढ़ के सेजिया पर, आ गईल हमार बेहद करीब हो,
लांड हिलाक़े कहले," माई तू बाड़ी बड़ बदनसीब हो,

अभी का उमर ह तहार, अईसे बिछौना पर तड़पेके,
तहार जइसन माल के, त चाही लांड करिया हड़पेके,
बुरिया के बुझी ना, एतना सालके पियास अईसे रगड़के,
देखआ लांड खोजत बारे, बुर से चूवअता रस टघड़के,

देखआ तहरा देखके कइसे ई लांड टंटनाईल बा,
बदन के सारा खून लांड के भीतरी संसनाईल बा,
चोद चोद के तहरा देब देहिया के निकाल सब दम,
का भईल की विधवा बाड़ी तू, चाहे कुमार बानि हम,

तहार जइसन औरतियन सब बन जाली छिनार हो,
बुर के शांत करिले, खोजेली घर के बाहर मिनार हो,
तू भी अगर जलबु अईसे, त लुट जाई घर के इज़्ज़त,
बनाले आपन यार तू हमके, तू बनजा हमार औरत,

घरके बात रही घर में, ना पता चली केकरो कानो कान हो,
घरके बाहर रहबु पवित्र, भीतरी लूटइहा जोवन के दोकान हो,
खोलके आपन सारा बंधन, हो जाईल करअ आज़ाद हो,
मज़ा आई तहरा के, जीवन हो जाई खुशीयन से आबाद हो,"

देखके बेटवा के लांड करिया, मन में मच गईल हलचल,
पकड़के लांड चूम लेनी, घुस गइनी दुनु वासना के दलदल,
खुश होके बेटवा सहलात रहुवे हमार कारी केसिया,
कभू चुसत रहनी सुपरवा त कभू दुनु लटकल गोलिया,

भूल गइनी सब लाज शरम, मगन रहनी लांड चूसे में,
भींचत रहले चूची पूतवा, मगन रहे लांड मूँह ठूसे में,
हाय राम बुर से बहत रहुवे धरल्ले से पनिया,
देखके बेटा कहले,” आज बोआई बुर में धनिया,

सुनके ओकर बतिया, खोल के देखौनि निम्मन बुरवा,
“ ऐ राजा बेटवा, ई माखन में घुसावा आपन छुड़वा,
ना होला बर्दाश्त अब देखिके, तहार बम पिलाट लंडवा,
बिना चुदवाअने एतना बरख, हम झेलनी बड़ा दंडवा

आहहहह घुसावा धीरे से, लांड ना गईल चार साल से,
हाय अच्छा लागअता जब लांड रगड़ाता बुर के खाल से,
का बताई लांड खातिर हम रहनी केतना परेशान हो,
एक दिन घर के ईज़्ज़त के, मिट जाइत नामो निशान हो,


संभालअ घर के इज्जत अब, बनजा घर के मरदवा,
चढ़के हमराके ऊपर बिस्तर में, देद मीठ मीठ दरदवा,
लांड घुसाके बुरवा में, चूसआ भींचके दुनु चूची कड़कवा,
बेटवा से पेलवावे माई, चल दिहनि दुनु वासना के सड़कवा,

ई रस्ता से ना अब लौट सकेनी, अब ना तू ना हम,
खुल गईल हो मस्ती के चौखट, अब रोज़ होई धमा धम,
आह खूब पेलवाईब आपन बुर, अब देखम तहार दम खम,
लगाके दरवाज़ा सांझे से, अब होई खेला चुदाई के हर दम,

“सही कहलु माई, अब तू हो गईलु हमार औरत,
तहरे पर लुटाइब हम आपन जोवन के दौलत,
देखके तहार ई छिनार वाला रूप हो,
पेलब तहके चाहे छाँह हवे चाहे धूप हो,

बुर लागतआ टाइट जइसे की तू बारू कुमार हो,
देखके घुंघराला झाँठिया, चढेला हम पर खुमार हो,
आज देखाएब तहार दूध में केतना दम बा,
पता चली तोहके, हमार लांड ना कोनो कम बा,

हाय तहार गुलाबी बुरिया में समाइल हमार नाग हो,
उहे बुर चोदतानि जेमे से निकलनी, खुल गईल भाग हो,
एहवे तोके पेलके बाबूजी, दिहनि हमके तहरा कोख में,
हमहुँ ई बुर चोदत बानि, तू लेले हमार बच्चा कोख में

“ हाय राजा गिरा द आपन लांड के पनिया बुर में,
कइसन बात कहले तू, उठतआ लहर हमार बुर में,
ना रुकआ राजा, असही पेलआ हमके जोर जोर से,
बना द हमके माई, गूंजी आंगनवा फेन बच्चा के शोर से,
एक दिन एह गीत सुपर hit होइए
 

maakaLover

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दम धरअ ए बबुआ, केतना पेलवा आपन माई,
धके सुतल बाड़ सांझी से भोरे तक ओढ़ेके रजाई,
आवात बड़ि ज़ोर से परेसर, जाई द ना मूते,
फेन चलि आइब, हम तोहरा संगे लंगटे सूते,
निकल जाई मूत ऐजे, निकल जाई मूत ऐजे
देखा ना बाहर बेटवा, हो गइले बड़ इजोरवा,
लेते लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा,

जोशमें खो जाला होश, देखावे गंदा फिलमवा,
पनियाईल बुर खोजे लांड़े, होखे बड़ सितमवा,
चुस चुस पनिया, सुखा देताअ माई के बुरवा,
भीजा देता थुकवा से दुनूके, लगावे बड़ लुड़वा,
अजब सुख मिलीले, अजब सुख मिलिले,
घुसात लंडवा जब, उठाइके अपन कोरवा,
लेत लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा,

समझ में आवत नइखे, खुश होई की पछताई,
बेटवा जइसन मानी,कि करि तोहरा संग सगाई,
अलता लगाई पैरवा में कि, हाथे मेंहदी रचाई,
रतिया खातिर बतावा, बिछाई खटिया की चटाई,
अब कौनो परदा नइखे, अब कौनो परदा नइखे,
हम तोहर घोड़ी हवे, तू हमार हो गइले घोड़वा,
लेत लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा।

कभू चोदेले चढिके, त कभू पाछे से कुतिया बनाके,
चोदत बाड़े हमके घरमें, बाबूजी के चुतिया बनाके,
मुंह में जीभ घुसावत बारे,चुसत बारअ हमार ठोरवा,
जबो मिलेले मौका, छोड़े ना हमरा चोदे बर जोरवा,
मुंह में राखेले पैंटी, मुंह में राखेले पैंटी,
घुसाके लंडवा मुंह में, चुसावे गोल सुपड़वा,
लेत लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा।

पीके हमार दूध, तू हो गइल पूरा जवान मरदवा,
लंडवा कड़क तोहर, घुसे बुरवा त होखे बड़ा दरदवा,
बाबूजी तोहार फ़ेल बारे, जब तू करे अईसे चोदाई,
कभू ना चुसले बूर के, ना करवैले लण्ड के चुसाई,
हम तोहर रानी बानि, हम तोहर रानी बानि,
चोदआ असही बहइँया में लेके, तू ह हमार राजवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा,

बुझावा, हम बानि बहुत दिन से लण्ड के पियासल,
तोहार लंडवा देखके, हमार बुरवा हो जावेला पनियायल,
का करि राजा बेटा, अब रतिया ना कटेला तोहरा बिन,
चोदावे के मौका देखतानी, जब बूर करेला बिन बिन,
असही माई चोदल करअ, असही माई चोदल करअ,
मौका जब भी लागे, रातिया होखे चाहे दुपहरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा बूर हो जाई भोंसरवा,

जब तू चोदेले हमके, अंखियन से आँखिया मिलाके,
कइके पूरे लंगटे हमके, हमार खटिया पर सुताके,
भूल जातानि की तू हमार बेटवा ह, हम तोर माई,
तू बुझावेले हमर भतार, हम हो जानी तोर लुगाई,
छितराई बूर के हम, छितराई बूर के हम,
तोके भतार बुझके चोदाई में आवे आनंद अपरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा,

घर में चोदअ, चाहे ले चलअ बाड़ी जउन खेतवा,
उठाके साड़ी, बेझिजक बुर में घुसावअ अपन बेंतवा,
पेलअ हमके के अईसे, जइसे गाय के कोनो सांडवा,
अईसे चोदआ चुच्ची भींचके, बूर से टकरावे दुनु आँडवा,
कउनु रहम ना करिहा, कउनु रहम ना करिहा,
लूटआ हमार खजनवा, जइसे की कोनो लुटेरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा,

जब जब पेलबु हमके, बुलाके आपन माई ऐ राजा,
तब तब चुई बूर से ढेर पनिया, बजाई खूब बाजा,
जाने अब कइसे तोहरा बिन ई जिनगी कटाई,
ले चलअ हमके, जहां तोहरे पर जिनगी लुटाई,
चुवाके बुरवा में पानी, चुवाके बुरवा में पानी,
कअ द गाभिन, इमे ना होई ककरो कसुरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा
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Yug Purush
Kya baat hai yrrr,,, 😍😍
 

Raja jani

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पूरी कहानी है मस्त कविता भी।
 
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rajeev13

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इस गाने पर भी एक तड़कती-भड़कती कविता होनी चाहिए।

 

Ravonejii

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दम धरअ ए बबुआ, केतना पेलवा आपन माई,
धके सुतल बाड़ सांझी से भोरे तक ओढ़ेके रजाई,
आवात बड़ि ज़ोर से परेसर, जाई द ना मूते,
फेन चलि आइब, हम तोहरा संगे लंगटे सूते,
निकल जाई मूत ऐजे, निकल जाई मूत ऐजे
देखा ना बाहर बेटवा, हो गइले बड़ इजोरवा,
लेते लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा,

जोशमें खो जाला होश, देखावे गंदा फिलमवा,
पनियाईल बुर खोजे लांड़े, होखे बड़ सितमवा,
चुस चुस पनिया, सुखा देताअ माई के बुरवा,
भीजा देता थुकवा से दुनूके, लगावे बड़ लुड़वा,
अजब सुख मिलीले, अजब सुख मिलिले,
घुसात लंडवा जब, उठाइके अपन कोरवा,
लेत लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा,

समझ में आवत नइखे, खुश होई की पछताई,
बेटवा जइसन मानी,कि करि तोहरा संग सगाई,
अलता लगाई पैरवा में कि, हाथे मेंहदी रचाई,
रतिया खातिर बतावा, बिछाई खटिया की चटाई,
अब कौनो परदा नइखे, अब कौनो परदा नइखे,
हम तोहर घोड़ी हवे, तू हमार हो गइले घोड़वा,
लेत लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा।

कभू चोदेले चढिके, त कभू पाछे से कुतिया बनाके,
चोदत बाड़े हमके घरमें, बाबूजी के चुतिया बनाके,
मुंह में जीभ घुसावत बारे,चुसत बारअ हमार ठोरवा,
जबो मिलेले मौका, छोड़े ना हमरा चोदे बर जोरवा,
मुंह में राखेले पैंटी, मुंह में राखेले पैंटी,
घुसाके लंडवा मुंह में, चुसावे गोल सुपड़वा,
लेत लेत तोर लंडवा, बुर हो जाई भोंसरवा।

पीके हमार दूध, तू हो गइल पूरा जवान मरदवा,
लंडवा कड़क तोहर, घुसे बुरवा त होखे बड़ा दरदवा,
बाबूजी तोहार फ़ेल बारे, जब तू करे अईसे चोदाई,
कभू ना चुसले बूर के, ना करवैले लण्ड के चुसाई,
हम तोहर रानी बानि, हम तोहर रानी बानि,
चोदआ असही बहइँया में लेके, तू ह हमार राजवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा,

बुझावा, हम बानि बहुत दिन से लण्ड के पियासल,
तोहार लंडवा देखके, हमार बुरवा हो जावेला पनियायल,
का करि राजा बेटा, अब रतिया ना कटेला तोहरा बिन,
चोदावे के मौका देखतानी, जब बूर करेला बिन बिन,
असही माई चोदल करअ, असही माई चोदल करअ,
मौका जब भी लागे, रातिया होखे चाहे दुपहरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा बूर हो जाई भोंसरवा,

जब तू चोदेले हमके, अंखियन से आँखिया मिलाके,
कइके पूरे लंगटे हमके, हमार खटिया पर सुताके,
भूल जातानि की तू हमार बेटवा ह, हम तोर माई,
तू बुझावेले हमर भतार, हम हो जानी तोर लुगाई,
छितराई बूर के हम, छितराई बूर के हम,
तोके भतार बुझके चोदाई में आवे आनंद अपरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा,

घर में चोदअ, चाहे ले चलअ बाड़ी जउन खेतवा,
उठाके साड़ी, बेझिजक बुर में घुसावअ अपन बेंतवा,
पेलअ हमके के अईसे, जइसे गाय के कोनो सांडवा,
अईसे चोदआ चुच्ची भींचके, बूर से टकरावे दुनु आँडवा,
कउनु रहम ना करिहा, कउनु रहम ना करिहा,
लूटआ हमार खजनवा, जइसे की कोनो लुटेरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा,

जब जब पेलबु हमके, बुलाके आपन माई ऐ राजा,
तब तब चुई बूर से ढेर पनिया, बजाई खूब बाजा,
जाने अब कइसे तोहरा बिन ई जिनगी कटाई,
ले चलअ हमके, जहां तोहरे पर जिनगी लुटाई,
चुवाके बुरवा में पानी, चुवाके बुरवा में पानी,
कअ द गाभिन, इमे ना होई ककरो कसुरवा,
लेत लेत तोहर लंडवा, बूर हो जाई भोंसरवा
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Yug Purush
Nice
 

Ravonejii

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सारा रात चोदौनी बुर भाई से,
मन ना भरल एतना चुदाई से,
बुर से चुवतआ लांड के पनिया,
का कही बो देलेबा गाँड़ में धनिया,

लांड ह ओकर जइसे कोनो बंदूक,
लूट लेवेले जौवन से भरल संदूक,
देखके देहिया में समा जाला छिनार,
पनिया जाला, गिराके मान के मिनार,

बा हमनी से छोटा, हवे बड़ा आवारा,
बियाह हमार ना ह, ओकरा गवारा,
चाहेला हमके जइसे मेहरारू, ना बहिनिया,
लिटाके बिछौना पर, लूटे हमार जवनिया,

केतना बार पेलले बा, बन्द करके घरवा,
लांड भी घुसावे अईसे, अंदर तक जरवा,
केतना चिचयात बानि, ना करे रहमवा,
थप थप मारे जुल्मी, करे बर सितमवा,

अलगे आनंद बा, जब बुर में घुसे लांड,
होई भाई के ते, और मजेदार होई कांड,
जब चोदेले घर में, बनके बिगड़ल सांड,
बुर सूज जाला, फटअता फूलल गांड,

देखे हमके हरदम, अइसन गंदा नज़र से,
की कबहु खुल जाई खुद कपड़वा, डर से,
चाटेला बुर, औ चुसावे अपन कड़ा लांड,
पकड़के झोंटा हमार, चटावे झुलल आंड,

चुदैय्या होई जब दिन-रतिया अइसन रेट से,
होई ना कनियो अचरज, हो जाई हम पेट से,
बानि अभी कुंवारे, कइसे समझाइब ई जग के,
पली पेट में भाई के बच्चा, सुतनि जे लग के,

जब चढ़े उ गोर बदन पर, कके हमके नंगा,
चाभे दुनु चुचिया कसके, बहे बुरिया से गंगा,
चूसे ओठ ललिया, जइसे रहे मीठा पान के बीड़ा,
देहिया में आग लागे, बुले लागतआ बुर में कीड़ा,

दबोचके दुनु हथिया, सूंघे दुनु पसिनायल कखियाँ,
चाट लेवेले जोश में, मताई जाता ओकर अंखिया,
हमार कामुक सिसकारी, हवे जइसे घी में अगिया,
सहलावे हाथ से चिक्कन जांघ, कारि बुर के बगिया,

बुर से चूअता पनिया, जइसे सावन में कोनो झरना,
झंठिया से भरल बुर चाटे, ओकरा होखे तनियो डरना,
जिभवा से चलावे तलवार, गुलाबी बुरिया के बीच में,
मदहोशी में खींच ले तानि केस, एहि खीचम खींच में,

सिसिया सिसियके चुसावतनि बुरिया, कभू निकल जाले चीख हो,
जब मता जा तानि, अंखियन से लांड के माँगत बानि भीख हो,
जब मचले- तरसे बुरिया त, बुझावे ना का गलत का सही हो,
लांड खोजे चुदाई खातिर, जब तलिक संतुष्ट होके ना बही हो,

अइसन में जब घुसावतआ, दहकत बुर में अपन लांड,
अजब सुख मिलतआ, जब गाँड़ से टकरावे झूलत आंड,
आह निकल जाता मुंह से, जब मारे ऊपर से धक्का,
भीतरि तक घुसावेले लांड, जइसे करीहे हमर दु फक्का,

सुपारा जब छुवता बच्चेदानी के, मस्ती चढ़अता खास,
बऔरा जातानि, लागे लांड के रख ली भितरी अपने पास,
जब रगड़ात रहे लौड़ा, बुर के भितरकी गुलाबी दिवार से,
रहनी, मुंह दबाके ताकि अवजिया ना जाई बाहर किवार से,

बुर में भाई के लांड, मुंह से उठत रहुवे सीत्कार,
लांड के थाप जब परत रहुवे, गूँजत रहुवे चित्कार,
जब होत रहुवे अइसन घर में खुला व्यभिचार,
आँखिया बंद हो गइल, देखके अपन हालत लाचार,

“ काहे शरमात बारे, आँखिया खोलके देखअ लांड के,
बुर तोर कइसे फुदकत बारे, लेके अंदर हमार लांड के,
भुलाके सब लाज शरम, खुलके मज़ा ले चुदैय्या के ,
आजु चोदत बानि घरे, काल होई निचवा मरैय्या के,

ऐ दीदी, जब तक ना होई तोहर लगनवा,
हम लांड से बुझाइब तोहर बुर के अगनवा,
चुसि चुसि बड़ हो जाई तहार दुनु चुचिया,
लगहिये अईसे, जइसे हवे तोर दुगो बुचिया,

“ऐ मोर बेशरम भैया, अईसे जे भेजवा हमरा ससुरारि,
देखके शक़ करिहै लोक, जब हिली चुच्ची गाँड़ि बरियारी,
जब रतिया में सैयां हमके चोदे खातिर करीहे कुले नंगा,
देखके साइज हमार, पुछिन्हे केकरा संगे कइले बानि पंगा,

कइसे कहम की, जोवन के सब रस चख लिहले भाई,
दूध त उबल गईल राजा, बाकी खा गईल उ कुल मलाई,
कइसे बताइब, की बुर चोदत रहिले दिन रात मोर भाई,
कभू चोदबैनी बनके कुत्ती, कभू केसिया खींच मोरके कलाई,

“देखल जाई, ई सब हवे कुल बाद के बतिया,
अभी त चोदब जब मिली मौका दिन- रतिया,”
फेनु चालू क दिहिले, उ घमासान पेलम पेलाई
मज़ा लेत रहनी हम, करत रहनी गे माई माई,

पियत रहुवे दूध हमार, लेके मुंह में चुचिया,
बुर के पेलाई चालू रहले, भाई ना ह टुचिया,
अइसन चढ़ल मस्ती, उछले लगुवे मोर कमरिया,
मन होवता अईसे पेलवाई भाई से सारा उमरिया,

चोद चोद के भाई निकाल देले बुर से झरना,
मलाई गिरा दिहले भितरी, बुझाले कोनो डर ना,
हाय दैय्या का कहीं, कइसन बुझात रही ओ घड़ी,
स्वर्ग बुझावेले, जब भाई बहिन एके संगे झड़ी,

भाई के चुमि, कन्हा पर रखनी हम अपन माथा,
सहलात रहनी छाती, याद कइके अभी के गाथा,
सहलात रहले उ हमार चूतड़ मस्त गोल गोल,
चुमत रहले कभू ठोर, गाल, देवत रहे प्रीत अनमोल,

देखके भाई के हिम्मत, हम हो गइनी कायल,
चोदे अपन बड़ बहिनिया, केतना बा पियासल,
हमहू त छिनार बानि, रोकनी ना कभू ई खेला,
बुर चियारनि लांड खातिर, रोज़ होई पेलम पेला,

घरके लईकियन के ईहे बाटे बर मजबूरी,
केकरा संगे भिराई टांका, करि जोरा जोड़ी,
जब घरके मरद से मिल जाई चुदाई के सुख,
भाई पेले माँ-बहिन, बाप चोदके बेटी के हरिहे दुख,

हमार त छोट भाई बन गईल यार,
खुलके दुनु अकेले में करिले प्यार,
रोज़ राते खोलत बानि केवार ओकरा खातिर,
मज़ा आवे होखे नंगे, बुर में लांड घुसाबे खातिर,

- व्यभिचारी
Jabarjast bhai
 

Ravonejii

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केहू चोदे गर्लफ्रैंड, केहू चोदे लुगाई,
बेटवा हमार खाली चोदे आपन माई,
हो गइनी विधवा जब रहनी हम बत्तीस,
लांड खातिर परेशान रहनी,भइनी जब छत्तीस,

उमर संगे हमार बढ़त रहुवे चुदाई के आग,
आपन बिल खातिर, खोजत रहीं कारी नाग,
हाय ओंगरिया से कैसेहु बुर के करेली चुप हो,
चैन ना मिलत रहले, बिना बुर में घुपा घुप हो,

घर के इज़्ज़त खातिर, बर्दाश्त करत रहनी जोवन के जोश,
मने मन चाहत रहनी, कौनो मरदवा चोदे हमके खूब ठोस,
सावन के महीना, पानी खातिर जइसे पियासल रहे चातक,
Jiलांड के खातिर, पगलाइल रहनी केहू हमके चोदे बनके घातक,

जेठ के महीना रहुवे, मसलत रहनी गुलाबी बुरवा आधा रतिया,
खोलके आपन सारी साया, सिसयात रहनी उठाके दुनु लतिया,
बुझनी ना कब बेटवा आ गईल, सुनके हमार चुदासी सीत्कारी,
लांड पकड़के देखत रहले, अश्लील खेला जईसे की बलात्कारी,

देखके हमके अईसे, जाग गईल ओकर भीतर के मरद,
हमार अंखियन में पढ़ लिहले, पियासल औरत के दरद,
चढ़ के सेजिया पर, आ गईल हमार बेहद करीब हो,
लांड हिलाक़े कहले," माई तू बाड़ी बड़ बदनसीब हो,

अभी का उमर ह तहार, अईसे बिछौना पर तड़पेके,
तहार जइसन माल के, त चाही लांड करिया हड़पेके,
बुरिया के बुझी ना, एतना सालके पियास अईसे रगड़के,
देखआ लांड खोजत बारे, बुर से चूवअता रस टघड़के,

देखआ तहरा देखके कइसे ई लांड टंटनाईल बा,
बदन के सारा खून लांड के भीतरी संसनाईल बा,
चोद चोद के तहरा देब देहिया के निकाल सब दम,
का भईल की विधवा बाड़ी तू, चाहे कुमार बानि हम,

तहार जइसन औरतियन सब बन जाली छिनार हो,
बुर के शांत करिले, खोजेली घर के बाहर मिनार हो,
तू भी अगर जलबु अईसे, त लुट जाई घर के इज़्ज़त,
बनाले आपन यार तू हमके, तू बनजा हमार औरत,

घरके बात रही घर में, ना पता चली केकरो कानो कान हो,
घरके बाहर रहबु पवित्र, भीतरी लूटइहा जोवन के दोकान हो,
खोलके आपन सारा बंधन, हो जाईल करअ आज़ाद हो,
मज़ा आई तहरा के, जीवन हो जाई खुशीयन से आबाद हो,"

देखके बेटवा के लांड करिया, मन में मच गईल हलचल,
पकड़के लांड चूम लेनी, घुस गइनी दुनु वासना के दलदल,
खुश होके बेटवा सहलात रहुवे हमार कारी केसिया,
कभू चुसत रहनी सुपरवा त कभू दुनु लटकल गोलिया,

भूल गइनी सब लाज शरम, मगन रहनी लांड चूसे में,
भींचत रहले चूची पूतवा, मगन रहे लांड मूँह ठूसे में,
हाय राम बुर से बहत रहुवे धरल्ले से पनिया,
देखके बेटा कहले,” आज बोआई बुर में धनिया,

सुनके ओकर बतिया, खोल के देखौनि निम्मन बुरवा,
“ ऐ राजा बेटवा, ई माखन में घुसावा आपन छुड़वा,
ना होला बर्दाश्त अब देखिके, तहार बम पिलाट लंडवा,
बिना चुदवाअने एतना बरख, हम झेलनी बड़ा दंडवा

आहहहह घुसावा धीरे से, लांड ना गईल चार साल से,
हाय अच्छा लागअता जब लांड रगड़ाता बुर के खाल से,
का बताई लांड खातिर हम रहनी केतना परेशान हो,
एक दिन घर के ईज़्ज़त के, मिट जाइत नामो निशान हो,


संभालअ घर के इज्जत अब, बनजा घर के मरदवा,
चढ़के हमराके ऊपर बिस्तर में, देद मीठ मीठ दरदवा,
लांड घुसाके बुरवा में, चूसआ भींचके दुनु चूची कड़कवा,
बेटवा से पेलवावे माई, चल दिहनि दुनु वासना के सड़कवा,

ई रस्ता से ना अब लौट सकेनी, अब ना तू ना हम,
खुल गईल हो मस्ती के चौखट, अब रोज़ होई धमा धम,
आह खूब पेलवाईब आपन बुर, अब देखम तहार दम खम,
लगाके दरवाज़ा सांझे से, अब होई खेला चुदाई के हर दम,

“सही कहलु माई, अब तू हो गईलु हमार औरत,
तहरे पर लुटाइब हम आपन जोवन के दौलत,
देखके तहार ई छिनार वाला रूप हो,
पेलब तहके चाहे छाँह हवे चाहे धूप हो,

बुर लागतआ टाइट जइसे की तू बारू कुमार हो,
देखके घुंघराला झाँठिया, चढेला हम पर खुमार हो,
आज देखाएब तहार दूध में केतना दम बा,
पता चली तोहके, हमार लांड ना कोनो कम बा,

हाय तहार गुलाबी बुरिया में समाइल हमार नाग हो,
उहे बुर चोदतानि जेमे से निकलनी, खुल गईल भाग हो,
एहवे तोके पेलके बाबूजी, दिहनि हमके तहरा कोख में,
हमहुँ ई बुर चोदत बानि, तू लेले हमार बच्चा कोख में

“ हाय राजा गिरा द आपन लांड के पनिया बुर में,
कइसन बात कहले तू, उठतआ लहर हमार बुर में,
ना रुकआ राजा, असही पेलआ हमके जोर जोर से,
बना द हमके माई, गूंजी आंगनवा फेन बच्चा के शोर से,
Bahut khub
 

RaviXR

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भाई एक गाना लिख सकते हो
माँ-बेटा, बाप-बेटी, भाई-बहन
लेकिन यह लोग आदिवासी है और इनकी चुदाई रस्म हैं
भोजपुरी में ही लिखना

2. आज के परिपेक्ष मे लड़का अपनी माँ को चुदाई के लिए मनाने की कोशिश कर रहा है अपनी समस्या बता कर और अपने लंड के बारे में बता कर और मम्मी भी अपने बेटे को मना कर रही है लेकिन बस उपर से (सामाजिक बंधन)
लेकिन फिर वो भी हार कर अपनी इच्छा बताएगी की कैसे वो अपने बेटे के लंड को देखकर वो अपने पति समाज सब भूल जाती थी लेकिन फिर से मन को मज़बूत करके समाजिक जीवन में लौट आती थी
फिर बेटा उसको हिम्मत देगा और दोनो ऐक-दूसरे की हिम्मत बनकर चुदाई के सफर पर निकल चलेंगे

रिप्लाई मे बताए मेरा आईडिया कैसा है?
 
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