थोड़ी देर बाद ही मेरे लन्ड ने माँ की गाँड़ को अपने माल से भरना शुरू कर दिया और मैं पूरी तरह से झड़कर अपने लन्ड को माँ की गाँड़ से निकाल रहा था तो देखा चाची चुत के साथ साथ मेरा माल जो माँ की गाँड़ से बह रहा था उसे भी चूस रही है…
अब आगे
माँ अपनी गाँड़ की कुटाई के बाद उल्टी लेटकर हांफ रही थी लेकिन चाची ने मेरा निकला हुआ सारा माल चाट कर अपनी अधूरी चुदाई को पूरा करने के मकसद से मेरा लण्ड पकड़ लिया जो अभी हुई गाँड़ चुदाई के बाद ढीला पड़ गया था, चाची ने कुछ देर हिलाने के बाद लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और किसी लॉलीपॉप की तरह चूसने और चाटने लगी जिसका नतीजा जल्द ही नज़र आने लगा और सिकुड़े हुऐ लण्ड में फिर से जान आने लगी जल्दी ही वो एक लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया...
अब मैंने चाची को अपने ऊपर खिंचा और उसकी चूचियाँ चुसनी और दबानी शुरू कर दी अपने दांतो से हल्का हल्का उसके निप्पल को काट रहा था जिससे चाची की सिस्कारी निकल जा रही थी और वो अपनी चुत को मेरे लण्ड पर रगड़ने लगी उनकी चुत से बहते कामरस से भीगकर मेरा लण्ड चिकना हो गया तो चाची बार बार अपनी चुत में लेने की कोशिश कर रही थी लेकिन मै अंदर नहीं जाने दे रहा था, चाची से ज़ब बर्दास्त नहीं हुआ तो उसने अपने को हल्का सा ऊपर उठाया और लण्ड को पकड़ कर अपनी चुत के मुँह पर सेट किया और उसपर बैठते हुऐ आधा लण्ड अपनी चुत में लेकिन लिया, थोड़ी देर रुककर ऊपर होकर एक झटके में आह भरते हुए एकबार में ही पूरा लण्ड जड़ तक अपनी चुत में लेकिन लिया और अपने होंठो को दांतो में दबाकर वहीं रुक गई..
कुछ देर के बाद धीरे धीरे चाची ने अपनी कमर हिलना शुरू किया और लण्ड पर ऊपर निचे होने लगी में चाची की चूचियाँ मसलते हुऐ अपना लण्ड चुत में अंदर बाहर होते देख रहा था, अब तक चाची पुरे जोश से भर चुकी थी और पुरे ज़ोर से अपनी चुत को लण्ड पर पटककर मजे लेने लगी मै भी चाची की कमर पकडकर निचे से धक्के लगाने लगा, कुछ ही देर में हमारी ताल मिल चुकी थी और जबरदस्त चुदाई चालू थी, धीरे धीरे माँ भी पलटकर हमारी और देखने लगी थीमेरी नज़र माँ से मिली तो मैंने उन्हें पास बुला लिया और उनके होंठो पर अपने होंठ लगा दिये, हमारी चुदाई होते हुऐ करीब पंद्रह मिनट बीत चुके थे, चाची भी ऊपर कूदते हुऐ हान्फने लगी थी..
अब हमने आसन बदलने का सोचा और चाची को घोड़ी बनने को कहा मेरी बात सुनते ही चाची तुरन्त मेरे ऊपर से उतरकर घोड़ी बन गई मै भी उसके पीछे आकर अपना लोड़ा छेद पर सेट करके एक ही धक्के में पूरा चाची की चुत में उतार दिया और ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा, माँ को अपनी तरफ खिंचकर उसकी चूचियाँ पीते हुऐ चाची को चोद रहा था चाची अब धीरे धीरे अपनी मंजिल की और बढ़ रही थी तो वो भी उसी लय में अपनी गाँड़ को पीछे धकेल रही थी माँ ने अपनी चूचियाँ चुसवाते हुऐ मेरे निप्पल अपने नाखुनों से कुरेदने लगी जिसका करंट मेरे लण्ड तक पहुँच रहा था और मै भी अपनी मंजिल की तरफ बढ़ने लगा,
कुछ ही देर में चाची की चुत से झरना बहने लगा और वो बुरी तरह कंपते हुऐ झड़ने लगी मैंने भी धक्को की रफ्तार बड़ा दी और दस पंद्रह धक्को के बाद मैंने अपना लण्ड चुत से निकाल कर चाची के आगे कर दिया चाची ने उसे मुँह में भर लिया और बुरी तरह चूसने लगी कुछ ही देर में मैंने चाची का सर पकडकर पूरा लण्ड गले तक उतार दिया और एक के बाद एक कई पिचकारियां चाची के गले में उतार दी चाची भी मजे से सारा माल गटक गई पूरा माल गटकने के बाद चाची ने लण्ड मुँह से निकाला और चाट कर साफ कर दिया, मै थक कर वहीँ लेट गया, चाची भी मेरे ऊपर ही लुढ़क गई माँ हम दोनों के सर पर हाथ फेर रही थी, जाने मुझे कब नींद आप गई जो सुबह ही खुली..