अपडेट 25
माँ ने राज मेरे बेटे कहते हुए मुझे अपने ऊपर खींच लिया और अपने से चिपका लिया मै कुछ देर ऐसे रुका रहा और फिर माँ की चुचियाँ दबानी और चुसनी शुरू की माँ आह… मेरे राज मेरे बेटे बोलती हुए अपनी गांड हिलाने लगी …तभी मैंने थोड़ा सा लण्ड बाहर निकाल लिया और एक बार में जोरदार धक्का लगा कर पूरा लण्ड माँ की चूत में उतार दिया माँ एक चीख निकल गई उसने जोर से मेरी पीठ में अपने नाखून गाड़ दिए
तभी चाची ने आगे बढ़कर माँ के सरपर हाथ फेरने लगी और बोली बस दीदी हो गया अब तो …अब आपका बेटा आपको बहुत सुख देगा क्यों राज देगा ना मै हॉ चाची में आप दोनों को खुश रखूंगा।
चाची ने माँ के सर पर हाथ फेरते हुए उनके चेहरे को चूमना शुरू कर दिया और मैने धीरे धीरे धक्का लगाना
शुरू किया मैं चुचियाँ दबाते हुए धक्के लगा रहा था और चाची माँ के मुंह को चुमते हुए होंठों पे चूमना शुरू कर दिया था
अब माँ आंखे बंद करके नीचे से गांड उछाल रही थी और हाथों से चाची का चेहरा पकड़ कर होंठ चूसने का काम कर रही थी… मैने एक हाथ माँ की चुची से हटा कर चाची की चुची पकड़ ली चाची ये देख कर चोक गई…
मैंने अब माँ को बोला माँ अपनी आंखें खोल न लेकिन माँ नही बोली अब मैने माँ को खोलने के लिए एक काम किया मैंने अचानक अपने धक्के तेज़ कर दिए इससे माँ को भी मजा आया और वो अपनी गाण्ड जोर जोर से आह आह …करते हुए तेजी से उछालने लग गई अब माँ पूरी जोश से चुद रही थीं
तभी मैने एकदम अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और चूत पर घिसने लगा माँ ने तेजी से मेरा लण्ड पकड़कर फिर से अपनी चूत में डाल दिया …माँ ने पहली बार मेरे लण्ड को छुआ था मैंने फिर से बोला माँ अब तो आंखे खोल दे… माँ नहीं मुझे शर्म आ रही है चाची की चुची दबाते हुए मैंने कहा चाची बोलो ना माँ को।
चाची: दीदी खोल दो आंखे देखो तुम्हारा बेटा तुम्हारी कितनी सेवा कर रहा है
माँ : नहीं कोमल मुझे शर्म आ रही है। चाची ओहो शर्म बेटे का मूसल उछल कर अंदर ले रही हो और शर्मा भी रही हो आंख खोलो और पूरा मज़ा लो… मै धक्के तेजी से लगाते हुए बोला चाची लगता है कि माँ को मजा नहीं आ रहा है मै रहने देता हूँ।
ये बोलकर मैंने जैसे ही लण्ड बाहर निकाला माँ ने फ़ौरन अपनी आंखें खोलके मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली नहीं मुझे मजा आ रहा है तू जल्दी से काम पूरा कर ये बोलकर माँ ने मेरा लण्ड चूत में ले लिया और अपनी कही गई बात पर गौर करके माँ शर्मा के मुंह ढक लिया
मैंने माँ के चेहरे से हाथ हटायेऔर होंठो को चूसते हुए धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी जिससे माँ को आनंद आने लगा और वो भी तेजी से अपनी गांड उछालने लगी अब माँ अपने चरम सुख की ओर बढ़ रही थी और वो जोर से आह…राज आह…मेरे बेटे…में आ रही हूँ राज आ आ आह और माँ भरभराकर झड़ने लगी उसने पहली बार टांगे उठाई और मेरी कमर पर लपेटकर मुझे कसकर जकड़ लिया और अपनी चूत में मेरे लण्ड को कस लिया।
कुछ सेकंड के बाद मैं सीधा हुआ और ताबड़तोड़ धक्के शुरू कर दिए मुझे अपना सारा वजूद सिमट कर मेरे लण्ड में जाता महसूस हुआ और कुछ जबरदस्त धक्कों के बाद एक जोरदार धक्का लगा कर अपना लण्ड माँ की बच्चेदानी से टकरा कर में भी कांप उठा और माँ की चूत में अपने लण्ड की पहली बारिश करने लगा मै माँ के ऊपर गिर कर उसके चुचियों को पीने लगा जैसे कि कोई टॉनिक हो जिससे मेरी ताकत लौट आएगी … माँ ने भी अपनी कोख में मेरे वीर्य को महसूस करके एक आह भरी और मेरा चेहरा अपने हाथों में लेकर मेरे होंठ चुम लिए।