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पहले पेज पर फर्स्ट पार्ट का लिंक दिया गया हैFirst part kaha hey bhai
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राजन भाई आपकी कहानी बहुत बढिया चल रही हे और मेने इससे मिलती जुलती किसी कहानी में भी आपके लिखे हिंदी में अपडेट देखे , अच्छे लगेमैंने अपने हाथ बढ़ा कर माँ की दोनों चुचियों को थाम लिया और उनके निप्पलों को मसलने लगा जिससे माँ ने अपनी आंखें खोल दी और मुझसे नज़र मिलते ही झुककर मेरे होंठ चूसने लगी…
अपडेट 80
मैंने भी अपनी जीभ माँ के मुंह में घुसा दी और अपने हाथ माँ की गाँड़ पर ले गया अब माँ मेरी जीभ चूसते हुए ऊपर से चुद रही थी और मैं उसकी गाँड़ दबा रहा था चाची हमारे पास ही नीँद का मजा ले रही थी, तभी माँ ने सीधे होकर मेरे हाथ पकड़कर अपने चुचों पर रख दिये और अपनी चुचियाँ दबवाने लगी मैं भी जोर से उनका रस निचोड़ने की कोशिश करने लगा लेकिन अब उनमें रस नहीं था…
हमें इसतरह चुदाई करते हुए पन्द्रह मिनिट हो गए थे लेकिन मैं अभी झडने से दूर था, मैं आसन बदलने की सोच ही रहा था कि माँ ने झड़ना शुरू कर दिया और काँपते हुए झड़ने लगी कुछ झटकों के बाद माँ निढाल होकर मेरे सीने पर लेट गई मैं कुछ समय माँ के नॉर्मल होने का इंतजार करने लगा लेकिन जब देर हो गई तो मैंने माँ को हिलाया लेकिन माँ तो सो चुकी थी और एक दिन में ये मेरा दूसरी बार KLPD हुआ था पहले तो सोचा की चाची को जगाकर लन्ड को शान्त कर लूं लेकिन फिर टाल दिया और ऐसे ही अपना लन्ड माँ की चुत में रखे हुए माँ को अपने सीने से लगाए सोने लगा…
चार बजे के करीब मेरी नींद खुली तो मैंने देखा माँ नन्गे बदन मेरे साथ ही सो रही है और उसके पास चाची गाउन पहनकर सोई हुई है, मैने उठकर चाय बनाई फिर माँ और चाची को जगाया माँ चाय देखकर ख़ुश हो गई लेकिन चाची माँ को नन्गे देखकर बोली दीदी तुम बिना कपड़ों के क्यों सोई हुई थी तो माँ ने हमारी चुदाई की बात छुपाते हुए कहा कि कोमल गर्मी बहुत ज्यादा लग रही थी तो मैंने कपड़े उतार दिए, चाय खत्म करके मैंने कहा कि मैं कोविड टेस्ट के बारे में पता लगाकर आता हूँ ताकि चाचा को फोन पर जानकारी दे सके और ये बोलकर मैं बाहर निकल गया…
बाज़ार जाकर पता लगाया कि टेस्ट सरकारी अस्पताल में ही होता है और फिर वहाँ जाकर मालूम हुआ कि सुबह दस बजे से एक बजे तक ही टेस्ट होगा तो मै घर की ओर चल पड़ा, रास्ते मे बेला के घर के पास से निकला तो मन हुआ कि बेला को चोद के दोपहर से रुका हुआ माल निकाल लूँ लेकिन फ़िर सोचा कि आज रात को माँ और चाची की गाँड़ फाड़ चुदाई करके वहीं हल्का होऊंगा ताकि उनको भी पता चल जाए कि किसी के खड़े लन्ड पे धोखा करने का क्या हश्र होता है, तो मैने बेला की चुदाई सुबह तक टाल दी और वापिस घर की ओर जाने लगा…
भाई वो कहानी लेखक द्वारा अधूरी छोड़ दी गई थी कुछ अपडेट उसमें देने के बाद ही मैने ये शुरू किया ताकि वो कहानी पूरी हो सकेराजन भाई आपकी कहानी बहुत बढिया चल रही हे और मेने इससे मिलती जुलती किसी कहानी में भी आपके लिखे हिंदी में अपडेट देखे , अच्छे लगे
भाई अपडेट जल्दी जल्दी दिया करेंभाई वो कहानी लेखक द्वारा अधूरी छोड़ दी गई थी कुछ अपडेट उसमें देने के बाद ही मैने ये शुरू किया ताकि वो कहानी पूरी हो सके
राजन जी आपकी कहानी मजेदार हे पर अपडेट काफी देर से आते हें , उम्मीद करेंगे की आप अपडेट जल्दी दिया करेंगे एक और रिकवेस्ट हे की पहले के भाग भी आप हिंदी में ही करदे , क्यूंकि हिंदी की कहानी हिंदी में ही ज्यादा अच्छे तरीके से हम कह सकते हें , मेरी सबसे अपील यही हे और जबसे किसी और रोमन कहानी के कुछ अपडेट आपके द्वारा लिखे गए हिंदी में देखे तो, सुखद लगा और कमेन्ट करके आपको धन्यवाद देने से नही रोक पाया उम्मीद करता हूँ , आगे भी आपकी कहानी हिंदी में ही पढने को मिलेगी धन्यवादताकि उनको भी पता चल जाए कि किसी के खड़े लन्ड पे धोखा करने का क्या हश्र होता है, तो मैने बेला की चुदाई सुबह तक टाल दी और वापिस घर की ओर जाने लगा…
अपडेट 81
घर पहुंचकर मैंने माँ और चाची को सारी बात बताई और फिर घर पर फोन करके चाचा को बताने के लिए फोन मिलाया फ़ोन रेखा ने उठाया बहुत दिनों बाद उसकी आवाज सुनी थी, मैंने उससे चाचा से बात करवाने के लिए कहा तो वो बोली क्यों हमसे बात करने में कोई परेशानी होती है, कितने दिन हो गए तुम्हें देखे हुए ओर तुम हो कि हमारी याद नहीं आती है, तो मैंने कहा रेखा ऐसी कोई बात नहीं है याद तो बहुत आती है लेकिन इस लॉकडाउन के कारण आ नहीं पा रहें हैं लेकिन अब हम लोग जल्दी वापिस लौट रहे हैं और उसके लिए ही मैंने फोन किया है, तो उसने मेरी बात चाचा से करवा दी मैंने सारा किस्सा सुनाया ओर बताया कि टेस्ट होते ही हम लोग घर के लिए निकल पड़ेंगे…
चाचा से बात करके माँ और चाची को बोला कि कल सुबह जल्दी जाना होगा ताकि टेस्ट समय पर हो जाएं, माँ सबके लिए चाय बनाने गई और चाची मेरे पास ही बैठी हुई थी, चाची मुझसे बोली राज अब घर जाने के बाद हमें बहुत सावधानी बरतनी होगी क्योंकि ज़रा सी भी लापरवाही बहुत बड़ा तूफ़ान खड़ा कर सकती है तो मैंने कहा चाची तूफ़ान खड़ा हो या नहीं हो लेकिन तुम दोनों को देखकर मेरा लन्ड जो खड़ा होगा तो मुझे तो बार बार हाथों का इस्तेमाल करना पड़ेगा, इसपर चाची हँसते हुए बोली राज चिंता मत करो चाहे जो भी हो हम दोनों तुम्हें तड़पने नहीं देंगी, ओर फिर अब तो हम भी तेरे इस मूसल के बिना नहीं रह पायँगी ये कहते हुए चाची ने मेरा लन्ड पकड़कर दबा दिया…
अभी हम बात कर ही रहे थे कि माँ चाय लेकर आ गई इर हम चाय पीने लगे चाय पीते हुए चाची बोली आज तो राज दोपहर में प्यासा रह गया था लेकिन अब रात को इसकी तस्सली करवानी पड़ेगी माँ चाची की बात सुनकर एकपल के लिए चौंक गई क्योंकि माँ ने दोपहर को हुई हमारी चुदाई के बारे में चाची को नहीं बताया था और उस समय भी मेरा माल नहीं निकला था तो एक बार तो माँ को लगा कि चाची उनकी चुदाई की बात ही कर रही है लेकिन अगले ही पल उन्हें याद आ गया कि दिन में मेरी ओर चाची की भी नहाते वक्त चुदाई हुई थी तो वो कुछ निश्चिंत होकर बोली कोमल रात की बात रात को देखेंगे अभी तो खाना बनाने की तैयारी कर ले ताकि रात को तसल्ली से कर सकें और ये बोलकर माँ जूठे बर्तन उठाने लगी उसके साथ ही चाची भी रसोई घर की ओर जाने लगी…
रात का खाना हमने जल्दी ही खा लिया था तो मैं खाने के बाद बाहर टहलने के लिए निकल गया, माँ ओर चाची बर्तन साफ करने में लग गई, करीब आधा घंटा घूमने के बाद मैं घर आया तब तक चाची व माँ ने सब काम खत्म कर दिया था और बिस्तर पर लेटकर आराम कर रही थीं मुझे देखकर उन्होंने मुझे अपने बीच मे लिटा लिया और मेरे बदन पर हाथ फेरते हुए अपने कपड़े उतारने लगीं चाची ने नीचे खिसक कर मेरा लोअर निकाल दिया और मेरा लन्ड पकड़ कर चूसने लगी, माँ ने मेरी टी शर्ट उतारी और मेरे निप्पलों को कुरेदते हुए चुसने लगी ये दो तरफा हमले से मेरा लन्ड जल्दी ही एक रॉड बन गया तो मैंने चाची को अपने लन्ड पर चढ़ने के लिए बोला और माँ को ऊपर लेकर उसकी चुत चुसने लगा
माँ आगे झुककर चाची की चुदती हुई चुत चाटने लगी और अपनी चुत मेरे मुँह पर रगड़ने लगी, हम तीनों अब जोश में आने लगे थे, तो मैंने दोपहर को अपने साथ हुए KLPD का बदला लेने का सोचा ओर माँ को अपने ऊपर से हटाकर चाची को उतार दिया और उसके बाद…