चाची भी मेरे ऊपर ही लुढ़क गई माँ हम दोनों के सर पर हाथ फेर रही थी, जाने मुझे कब नींद आप गई जो सुबह ही खुली..
अपडेट 84
सुबह नींद खुलते ही देखा माँ बिस्तर पर नहीं थी शायद बाथरूम गई होंगी चाची अभी भी मेरी तरफ टांगे खोलकर सोई हुई थी उसकी चुत का सुराख़ खुली टांगो से साफ नज़र आप रहा था, सुबह के कारण जो मेरे लण्ड में तनाव था वो ये नजारा देख कर बढ़ने लगा ओर लण्ड हर पल सख्त होता जा रहा था, मैंने आगे बढ़कर अपनी एक ऊँगली चाची की चुत पर फिराई तो चाची ने नींद में ही टांगे ओर खोल दी अब मैंने ऊँगली फिराते हुऐ अपनी ऊँगली धीरे से चुत के अंदर बाहर करना शुरू कर दी, कुछ ही देर में चाची की चुत उत्तेजना से गीली हो चुकी थी और चाची नींद में ही कमर उठाकर मेरी पूरी ऊँगली चुत में ले रही थी जैसे की वो कोई सपना देख रही हो अबतक मेरा लण्ड भी पूरी औकात में आप चूका था, मै धीरे से उठा ओर अपना लण्ड चाची की चुत पर सेट किया चाची जो सपने में चुदाई का मजा ले रही थी उसने लण्ड टच होते ही गाँड़ को उठाकर लण्ड का टोपा अंदर ले लिया मैंने भी हल्का सा धक्का लगाया और आधा लण्ड चुत में घुस चूका था..
[FONT=Lobster, cursive] आधा अंदर जाते ही चाची किया नींद खुल गई और वो हैरानी से मुझे देखकर समझने किया कोशिश कर रही थी किया हुआ क्या है, लेकिन मैंने उसे समझने का मौका दिये बिना एक ओर धक्का लगा कर लण्ड जड़ तक चुत में घुसा दिया चाची किया हल्की सी चीख निकल गई अब वो मुझे हटने को बोल रही थी, राज हटजा प्लीज सुबह सुबह रहने दे ना लेकिन निचे से अपनी कमर उठा रही थी मैंने बिना कुछ बोले चाची किया कमर पकड़ के धक्के लगाने शुरू कर दिये, धीरे धीरे चाची ने भी साथ देना शुरू कर दिया और मुझे अपने ऊपर खिंचकर अपने सीने से कसके चिपका लिया अब चाची कि चूचियाँ मेरे सीने के निचे पीस रही थी ओर चुत मेरे लण्ड के निचे मै अपना पूरा वजन चाची पर डाल कर धक्के लगा रहा था अब दोनों चुदाई में पूरी तरह डूब चुके थे ओर एक दूसरे में समाने कि कोशिश कर रहे थे,
हम दोनों को करीब बारह पंद्रह मिनिट हो चुके थे ओर पसीने से हमारी हालत खराब थी लेकिन दोनों सबकुछ भूलकर चुदाई में डूबे हुऐ थे, तभी सीने पर तौलिया लपेटे हुऐ नहा कर माँ कमरे में आई ओर हमें देखते ही बोली तुम दोनों को चैन नहीं है सुबह उठते ही शुरू हो गए कोरोना का टेस्ट करवाने नहीं जाना है क्या? मैंने कहा माँ बस एकबार निकल जाये तो चलते हैं ये कहते हुऐ मैंने माँ का तौलिया खिंच लिया अब माँ हमारी तरह नंगी हो चुकी थी तभी मैंने माँ का हाथ पकड़ कर अपनी ओर खिंचा उसकी चूचियाँ पकड़ ली माँ ने खुद को छुड़वाते हुऐ कहा मै अभी कुछ नहीं करुँगी मेरी रात से ही हालत खराब है तुम दोनों भी जल्दी से निबटाओ और चलने किया तैयारी करो,[/FONT]
[FONT=Lobster, cursive] मैंने चाची को उल्टा किया ओर पीछे से लण्ड चाची किया चुत में उतार दिया धक्के जोरदार तरीके से शुरू हो गए चाची भी हर धक्के का जवाब गाँड़ पीछे कर के दे रही थी तभी मैंने अपना अंगूठा थूक लगाकर चाची किया गाँड़ में उतार दिया अब चाची को दोगुना मजा मिलने लगा और कुछ ही देर में उसने मेरे लण्ड को चुत में कस लिया ओर चुत ने बेहना शरू कर दिया, जैसे ही चाची ने लण्ड थोड़ा ढीला किया मैंने फ़ौरन चुत से निकाल कर गाँड़ में घुसा दिआ चाची किया चीख निकल गई लेकिन मै नहीं रुका और ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा चाची छूटने किया पूरी कोशिश कर रही थी पर मैंने कमर कसके पकड़ रखी थी कुछ ही धक्को के बाद मेरे लण्ड ने चाची किया गाँड़ को सिंचना शुरू कर दिया जबतक आख़री बून्द नहीं गिरी मैंने लण्ड नहीं निकाला पूरी तरह झड़ने के बाद मै वहीं चाची की पीठ पर ही गिर गया ओर हाफने लगा था..[/FONT]