- 462
- 782
- 94
Update 7
सुबह वाणी उठ कर चली गयी। मैं देर तक सोता रहा। काफी थकान सी लग रही थी। पत्नी का फोन आने पर ही जगा, वह बोली कि अभी तक सो रहे हो? मैनें कहा हां तो वह बोली कि अब उठ जाओं और दूध लेने चले जाओं नहीं तो दूध नहीं मिलेगा। पत्नी की बात सुन कर जल्दी से उठ कर कपड़ें पहने और दूध लेने के लिये निकल गया। जब दूकान पर पहुंचा तो दूध खत्म होने ही वाला था, ब्रेड ले कर वापस चल दिया, रास्तें में पड़ने वाली मेडीसन की दूकान पर जा कर कुछ चीजें खरीदीं और वापस घर आ गया। नहा धो कर पूजा करने के बाद नाश्ता बनाने की सोच रहा था तभी वाणी जी आ गयी, बोली कि आज कुछ बनाया नहीं है, अभी सो कर उठी हूँ आप का क्या प्रोग्राम हैं मैनें उन्हें बताया कि मैं भी देर से उठा था सो दूध ही ला पाया हूँ सोच रहा हूं कि ब्रेड सैंक कर नाश्ता कर लेता हूँ तो वह बोली कि यही सही रहेगा लाइयें मैं ब्रेड सेंक कर लाती हूँ यह कह कर वह किचन में चली गयी, मैं भी पीछे-पीछे गया और बोला कि मक्खन नहीं है घी लगा लिजियेगा। वह बोली कि यही कर लेती हूं वह ब्रेड सेंकने लगी और मैनें चाय बनाने रख दी। वह बोली कि आज तो बहुत थकान हो रही है। उठा ही नहीं जा रहा था। मैनें उन्हें कहा कि मेरा भी थकान के कारण बुरा हाल है। इस का कुछ करना पड़ेगा तो वह बोली कि रात को जो किया था शायद वही इस थकान का कारण है।
मैनें तो कभी इतनी देर प्यार नहीं किया है। शादी के समय भी इतना समय नहीं लगता था, अब तो ज्यादा से ज्यादा 4-5 मिनट में सब खत्म हो जाता है। हम लोग तो 30 से 40 मिनट तक प्यार कर रहे है। कुछ ज्यादा तो नहीं हो रहा है या आप कुछ दवाई तो नहीं खा रहे जिस का असर हो? मैनें ना में सिर हिलाया और कहा कि मुझे भी आश्चर्य हो रहा है कि संभोग इतना लम्बा कैसे चल रहा है। मैं भी ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट में स्खलित हो जाता हूं, लेकिन आप के साथ तो 3 से 4 गुना समय लग रहा है, कुछ समझ नहीं आ रहा है। एक दो दिन रुक कर देखते है। ज्यादा थकान गलत है। वाणी नें कहा कि जैसा आप सही समझें वही करें। मैं तो आप के साथ हूँ। वैसे भी एक या दो दिन में मेरा महीना शुरु हो जायेगा तो कुछ हो नहीं सकेगा। मैनें मन ही मन सोचा कि मैं तो आज ही इस का इंतजाम करके आया था। लेकिन कहा कुछ नही। चुपचाप चाय ले कर ड्राइगरुम में आ गया वह ब्रेड ले कर मेरे पीछे आ गयी। हम दोनों नाश्ता करने लगे।
मैनें पुछा कि आज कुछ हुआ? तो वह बोली कि नहीं अभी तक तो कुछ नहीं दिखा है। मैनें कहा कि पति जी के क्या हाल है? वह बोली कि खाने की परेशानी हो रही है। लेकिन पुलिस बाहर नहीं जाने दे रही है, शायद खुद ही खाने का इंतजाम करेगी। नाश्ते के बाद वह बोली कि दोपहर को कुछ खास खाना है? मैनें मजाक में कहा कि आप मेजबान है जैसा आप खिलायेगी हम खा लेगे। वह मेरी बात सुन कर हंस पड़ी फिर बोली कि रात में तो आप ने सब कुछ चख ही लिया है, कुछ रह तो नहीं गया? मैनें कहा कि आप को पता होगा क्या रह गया है तो वह बोली कि पहली बार किसी ने मेरे शरीर को इस तरह से छुआ है। मज़ा आ गया था लगा कि आप से कहूं कि यही सब करते रहें। मैनें कहां कि हम लोग कुछ नया करने में डरते है खास तौर पर पत्नियां, पति को हाथ ही नहीं लगाने देती तो वह बोली कि आज कल की औरतें बदल गयी है। मैनें कहा हां बदली तो है लेकिन फिर भी खुल कर नहीं करती तो वह बोली कि ज्यादा बोल्डनैस को गलत समझा जाता है। यहीं मुख्य कारण है।
मैनें वाणी से कहा कि मैनें तो कुछ नया नहीं किया फिर उन्हें कैसे लगा कि कुछ नया है तो वह बोली कि जिस तरह से आप नें मेरे शरीर को चुमा ऐसा पहले कभी नहीं हुआ,
इतना चुमना तो होना ही चाहिये नहीं तो औरतें तैयार नहीं होती है।
लगता है कि आप ने बहुत औरतों को भोगा है
गलत आरोप है, आप दूसरी है, माने या ना माने
लगता तो नहीं है
कैसे?
जिस तरह से आप प्यार करते है, बड़े अनुभवी लगते है।
अपने पार्टनर को प्यार करने से पहले पुरी तरह से तैयार करना जरुरी है
आप को यह कैसे बता है।
बस पता है
कैसे
अब यह कैसे बताऊं?
पुरे शरीर में ऐसी आग पहले कभी नहीं लगी, और ऐसी बुझी भी नही, कुछ तो खास है आप में
कुछ खास नही है, बस थोड़े धैर्य की आवश्यकता होती है, जो शायद आज कल कम होती जा रही है
अभी तो मुझे लगता है कुछ तो आप ने अगली बार के लिये छोड़ ही दिया होगा
हो सकता है लेकिन जानबुझ कर ऐसा नहीं किया है।
थकान का क्या करें
इस का हल भी सोचते है, नहीं तो कुछ कर नहीं पायेगे
हां यह तो है
आज आराम करते है। केवल सोयेगे
देखते है क्या ऐसा हो सकेगा?
हो सकता है अगर हम दोनों चाहेगें तो
यही करना पडे़गा।
वैसे भी महीने के दौरान तो करना ही पड़ता
मैनें उस के कुछ सोचा था
मैनें भी सोचा था लेकिन अभी उसे भुल जाते है।
कहे तो आज अकेली सो कर देखूं
नहीं, आज तक की गयी सारी मेहनत बेकार हो जायेगी
हां यह तो है।
रात की रात को देखेगें, अभी तो दोपहर के खाने की बात करते है। राय दिजिये।
जो आप को सही लगे, कोई दाल बना ले उस के साथ रोटी
आटा ही तो नहीं है।
यहां होगा
आप ने देखा है
नहीं तो, लेकिन मेरा ख्याल है दो तीन दिन चल जायेगा
मैं देखती हूँ, क्या कर सकती हूँ कुछ नहीं मिला तो दाल चावल तो है ही।
आज मैं भी चैक करता हूँ कि वह भी कहीं खत्म ना हो रहे हो? पत्नी से पुछ कर देखता हूँ वही बतायेगी।
पुछ कर के मुझे फोन कर दिजियेगा। यह कह कर वाणी चली गयी। मैं भी पत्नी को फोन करने लगा। फोन पर पत्नी ने बताया कि दाल चावल का स्टाक काफी है, चिन्ता मत करो, हो सके तो आटे की एक थैली खरीद लाना। मैनें यह बात नोट कर ली। आज और कोई काम नहीं था सो घर साफ करने लगा और उसके बाद कपड़ें धोने में लग गया। फिर ध्यान आया तो वाणी को फोन करके बताया कि दाल चावल की कमी नहीं है आटा भी अभी है। वह बोली कि छोले चावल बनाते है मैं छोले बना रही हूँ आप चावल बना ले। मैनें हामी भर दी।
दोपहर के खाने का इंतजाम तो हो गया। दोपहर के खाने के बाद मैं तो काम में लग गया और वाणी वापस चली गयी। रात को हम दोनों नें दोपहर के छोले-चावल खा कर काम चला लिया। रात को वाणी जब सोने आयी तो जैसा पहले ही तय किया था कि आज सेक्स नहीं करेगें इस लिये हम दोनों चुपचाप सो गये। लेटने के बाद वाणी नें मेरे पास आने की कोशिश की लेकिन मैनें उस के इन प्रयासों को हवा नहीं दी। कुछ देर बाद हम दोनों सो गये। रात को नींद नहीं खुली। सुबह उठ कर वाणी तो अपने घर चली गयी।
सुबह वाणी उठ कर चली गयी। मैं देर तक सोता रहा। काफी थकान सी लग रही थी। पत्नी का फोन आने पर ही जगा, वह बोली कि अभी तक सो रहे हो? मैनें कहा हां तो वह बोली कि अब उठ जाओं और दूध लेने चले जाओं नहीं तो दूध नहीं मिलेगा। पत्नी की बात सुन कर जल्दी से उठ कर कपड़ें पहने और दूध लेने के लिये निकल गया। जब दूकान पर पहुंचा तो दूध खत्म होने ही वाला था, ब्रेड ले कर वापस चल दिया, रास्तें में पड़ने वाली मेडीसन की दूकान पर जा कर कुछ चीजें खरीदीं और वापस घर आ गया। नहा धो कर पूजा करने के बाद नाश्ता बनाने की सोच रहा था तभी वाणी जी आ गयी, बोली कि आज कुछ बनाया नहीं है, अभी सो कर उठी हूँ आप का क्या प्रोग्राम हैं मैनें उन्हें बताया कि मैं भी देर से उठा था सो दूध ही ला पाया हूँ सोच रहा हूं कि ब्रेड सैंक कर नाश्ता कर लेता हूँ तो वह बोली कि यही सही रहेगा लाइयें मैं ब्रेड सेंक कर लाती हूँ यह कह कर वह किचन में चली गयी, मैं भी पीछे-पीछे गया और बोला कि मक्खन नहीं है घी लगा लिजियेगा। वह बोली कि यही कर लेती हूं वह ब्रेड सेंकने लगी और मैनें चाय बनाने रख दी। वह बोली कि आज तो बहुत थकान हो रही है। उठा ही नहीं जा रहा था। मैनें उन्हें कहा कि मेरा भी थकान के कारण बुरा हाल है। इस का कुछ करना पड़ेगा तो वह बोली कि रात को जो किया था शायद वही इस थकान का कारण है।
मैनें तो कभी इतनी देर प्यार नहीं किया है। शादी के समय भी इतना समय नहीं लगता था, अब तो ज्यादा से ज्यादा 4-5 मिनट में सब खत्म हो जाता है। हम लोग तो 30 से 40 मिनट तक प्यार कर रहे है। कुछ ज्यादा तो नहीं हो रहा है या आप कुछ दवाई तो नहीं खा रहे जिस का असर हो? मैनें ना में सिर हिलाया और कहा कि मुझे भी आश्चर्य हो रहा है कि संभोग इतना लम्बा कैसे चल रहा है। मैं भी ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट में स्खलित हो जाता हूं, लेकिन आप के साथ तो 3 से 4 गुना समय लग रहा है, कुछ समझ नहीं आ रहा है। एक दो दिन रुक कर देखते है। ज्यादा थकान गलत है। वाणी नें कहा कि जैसा आप सही समझें वही करें। मैं तो आप के साथ हूँ। वैसे भी एक या दो दिन में मेरा महीना शुरु हो जायेगा तो कुछ हो नहीं सकेगा। मैनें मन ही मन सोचा कि मैं तो आज ही इस का इंतजाम करके आया था। लेकिन कहा कुछ नही। चुपचाप चाय ले कर ड्राइगरुम में आ गया वह ब्रेड ले कर मेरे पीछे आ गयी। हम दोनों नाश्ता करने लगे।
मैनें पुछा कि आज कुछ हुआ? तो वह बोली कि नहीं अभी तक तो कुछ नहीं दिखा है। मैनें कहा कि पति जी के क्या हाल है? वह बोली कि खाने की परेशानी हो रही है। लेकिन पुलिस बाहर नहीं जाने दे रही है, शायद खुद ही खाने का इंतजाम करेगी। नाश्ते के बाद वह बोली कि दोपहर को कुछ खास खाना है? मैनें मजाक में कहा कि आप मेजबान है जैसा आप खिलायेगी हम खा लेगे। वह मेरी बात सुन कर हंस पड़ी फिर बोली कि रात में तो आप ने सब कुछ चख ही लिया है, कुछ रह तो नहीं गया? मैनें कहा कि आप को पता होगा क्या रह गया है तो वह बोली कि पहली बार किसी ने मेरे शरीर को इस तरह से छुआ है। मज़ा आ गया था लगा कि आप से कहूं कि यही सब करते रहें। मैनें कहां कि हम लोग कुछ नया करने में डरते है खास तौर पर पत्नियां, पति को हाथ ही नहीं लगाने देती तो वह बोली कि आज कल की औरतें बदल गयी है। मैनें कहा हां बदली तो है लेकिन फिर भी खुल कर नहीं करती तो वह बोली कि ज्यादा बोल्डनैस को गलत समझा जाता है। यहीं मुख्य कारण है।
मैनें वाणी से कहा कि मैनें तो कुछ नया नहीं किया फिर उन्हें कैसे लगा कि कुछ नया है तो वह बोली कि जिस तरह से आप नें मेरे शरीर को चुमा ऐसा पहले कभी नहीं हुआ,
इतना चुमना तो होना ही चाहिये नहीं तो औरतें तैयार नहीं होती है।
लगता है कि आप ने बहुत औरतों को भोगा है
गलत आरोप है, आप दूसरी है, माने या ना माने
लगता तो नहीं है
कैसे?
जिस तरह से आप प्यार करते है, बड़े अनुभवी लगते है।
अपने पार्टनर को प्यार करने से पहले पुरी तरह से तैयार करना जरुरी है
आप को यह कैसे बता है।
बस पता है
कैसे
अब यह कैसे बताऊं?
पुरे शरीर में ऐसी आग पहले कभी नहीं लगी, और ऐसी बुझी भी नही, कुछ तो खास है आप में
कुछ खास नही है, बस थोड़े धैर्य की आवश्यकता होती है, जो शायद आज कल कम होती जा रही है
अभी तो मुझे लगता है कुछ तो आप ने अगली बार के लिये छोड़ ही दिया होगा
हो सकता है लेकिन जानबुझ कर ऐसा नहीं किया है।
थकान का क्या करें
इस का हल भी सोचते है, नहीं तो कुछ कर नहीं पायेगे
हां यह तो है
आज आराम करते है। केवल सोयेगे
देखते है क्या ऐसा हो सकेगा?
हो सकता है अगर हम दोनों चाहेगें तो
यही करना पडे़गा।
वैसे भी महीने के दौरान तो करना ही पड़ता
मैनें उस के कुछ सोचा था
मैनें भी सोचा था लेकिन अभी उसे भुल जाते है।
कहे तो आज अकेली सो कर देखूं
नहीं, आज तक की गयी सारी मेहनत बेकार हो जायेगी
हां यह तो है।
रात की रात को देखेगें, अभी तो दोपहर के खाने की बात करते है। राय दिजिये।
जो आप को सही लगे, कोई दाल बना ले उस के साथ रोटी
आटा ही तो नहीं है।
यहां होगा
आप ने देखा है
नहीं तो, लेकिन मेरा ख्याल है दो तीन दिन चल जायेगा
मैं देखती हूँ, क्या कर सकती हूँ कुछ नहीं मिला तो दाल चावल तो है ही।
आज मैं भी चैक करता हूँ कि वह भी कहीं खत्म ना हो रहे हो? पत्नी से पुछ कर देखता हूँ वही बतायेगी।
पुछ कर के मुझे फोन कर दिजियेगा। यह कह कर वाणी चली गयी। मैं भी पत्नी को फोन करने लगा। फोन पर पत्नी ने बताया कि दाल चावल का स्टाक काफी है, चिन्ता मत करो, हो सके तो आटे की एक थैली खरीद लाना। मैनें यह बात नोट कर ली। आज और कोई काम नहीं था सो घर साफ करने लगा और उसके बाद कपड़ें धोने में लग गया। फिर ध्यान आया तो वाणी को फोन करके बताया कि दाल चावल की कमी नहीं है आटा भी अभी है। वह बोली कि छोले चावल बनाते है मैं छोले बना रही हूँ आप चावल बना ले। मैनें हामी भर दी।
दोपहर के खाने का इंतजाम तो हो गया। दोपहर के खाने के बाद मैं तो काम में लग गया और वाणी वापस चली गयी। रात को हम दोनों नें दोपहर के छोले-चावल खा कर काम चला लिया। रात को वाणी जब सोने आयी तो जैसा पहले ही तय किया था कि आज सेक्स नहीं करेगें इस लिये हम दोनों चुपचाप सो गये। लेटने के बाद वाणी नें मेरे पास आने की कोशिश की लेकिन मैनें उस के इन प्रयासों को हवा नहीं दी। कुछ देर बाद हम दोनों सो गये। रात को नींद नहीं खुली। सुबह उठ कर वाणी तो अपने घर चली गयी।