अध्याय 4
अब पूनम कॉल पर बात करने के बाद राहत की सास लेती है कि ये ठरकी रोहन गया। फिर पूनम अपने काम में लग जाती है और उसको ध्यान आता है कि उसकी काम वाली अभी तक नहीं आई। वो अपने फोन से कामवाली को फोन करती है पर कामवाली का फोन बिजी आता है। तभी नीचे से किसी के भीख मांगने की आवाज आती है। ये आवाज सुन कर पूनम को या आवाज जानी पहचानी लगती है पूनम अपनी बालकनी में जाती है और देखती है कि वही कल वाला कुबड़ा भिखारी था जो आज उसके घर के सामने आ कर भीख मांग रहा था।
अब पूनम जैसे हे बालकनी में आती ही वो भिखारी जिस आदमी से भीख मांग रहा होता है उसके पीछे जाना छोड़ देता है और वो कल जहां पर बैठा था वही जाकर बैठ जाता है और पूनम को देखने लगता है। शाम के 4 बज रहे थे और पूनम का मन भी नहीं था आज इस गंदे भिखारी को देखने का। पूनम घर के अंदर आ जाती है पर वो भिखारी वही बैठा रहता है।
अब पूनम अपने लिए कॉफी बनती है और उसको पीना शुरू करती है कि तभी उसके फोन पर इसकी कामवाली का कॉल आता है पूनम उसकी कामवाली को डांटती है कि वो अभी तक आई नहीं। पर उसकी कामवाली थी एक नंबर की चालूबाज औरत उसको कुछ फर्क नहीं पड़ता था। दअरसल उसकी कामवाली अभी तक नहीं आई थी और वो कोल पर भी सही से जवाब नहीं दे रही थी कि वो आएगी या नहीं। कामवाली से बात करते करते पूनम बालकनी में आ गई। और जैसे हे उसने अपन कॉल कट किया तो वो कुबड़ा भिखारी अभी भी वही बैठा था।
पूनम उसको देखती है वो कुबड़ा वहां बैठा बैठा एक लकड़ी की छड़ी से अपनी कूबड़ को खुजा रहा था जिसको देख पूनम को गिन सी आई। पर अब पूनम अंदर नहीं गई वही खड़े खड़े अपनी काफी पीने लगी। उस कूबड़े की निगाहें अब वापस अब पूनम को बालकनी पर गई तो वो पूनम को देख कर खुश हो गया।
अब नजारा ये था कि पूनम अपनी कॉफी पिते पीते इधर उधर देख रही थी पर वो कुबड़ा पुनम को देखे जा रहा था। पर पूनम ने सोचा क्यों न कल का गेम आज कंटिन्यू किया जाए। अब अपने दोनों हाथ बालकनी की रेलिंग पर रख देती है और हल्का सा झुक जाती है और काफी पीती है। ऐसा करने से उसकी दो बूब्स के बीच क्लीवेज साफ दिख रहे थे। कुछ इस तरह से
वो भिखारी तो ये सब देख कर पागल हे हो जाता है। कुबड़ा भिखारी का लन्ड अब उसकी लूंगी मे तम्बू बना रहा था जो साफ दिख रहा था पूनम को। पर आज पूनम ने भी उस भिखारी के मजे लेने का सोच लिया था।
अब दूसरी ओर देख कॉफी को पीकर अपनी जीभ अपने होठों पर घुमाती है जिसे देख वो कुबड़ा तो आज पागल हे हो गया वो पूनम की इस हरकत से कुबड़ा भिखारी अपना एक हाथ से अपने लन्ड को मसलना शुरू कर देता है। पूनम भी दूसरी ओर देखते हुए उस भिखारी की ओर ही देख रही थी। पूनम नहीं चाहती थी कि उस भिखारी को पता चले कि वो उसको देख रही है।
उस कूबड़े भिखारी से तो रहा नहीं जा रहा था उसका हाथ अब तेजी से उसके लन्ड पर गुम रहा था पूनम को देखकर अब एहसास हो रहा था कि उस कूबड़े भिखारी का काफी ज्यादा बड़ा है लन्ड। पर अब पूनम चारों और देख लेती है कि कॉलोनी में कोई नहीं है इसलिए अब इस गेम को वो एक कदम ओर आगे ले जाने का सोचती है।
अब पूनम बालकनी में उल्टा गुम जाती है और अपने खुल्ले बालों को आगे ले लेती है जिससे उसकी मस्त चिकनी बैक दिखती है जो दिखने में एक दम सेक्सी सीन था। अब तो वो कुबड़ा भिखारी पागल ही हो जाता है उसका मन तो करता है कि अभी पूनम के घर का दरवाजा तोड़ दे और उसको कुतिया बनाकर तेजी से चोदे पर वो ऐसा नहीं कर सकता था इसलिए अब अपना लन्ड लूंगी के अंदर में अपने हाथों से ओर भी तेजी से घूमता है।
तभी पूनम जानबूझ आगे से थोड़ा झुकती उस भिखारी को ओर सेड्यूस करने के लिए जिससे उसकी कर्वी पूरे शेप वाली भरी हुई गोल गान्ड उसकी लॉन्ग स्कर्ट में एक दम मादक सेक्सी दिखती है
पूनम मिश्रा की कर्वी गोल गान्ड और गोरी बैक साइड को देख और कूबड़े भिखारी के काले हाथों में पकड़ा हुआ उसका जाटों से भरा कला लन्ड जिसे वो तेज….तेज….हिलाकर जैसे ही वो झड़ने वाला होता है वैसे ही उसको एक तेज लात पड़ती है जिससे वो जोर से नीचे गिर जाता है। कुबड़ा भिखारी जैसे ही रोड पर गिरता है और गुस्से में बोलता है – कौन है मादरचोद।