जयंत सर की मौत हार्ट अटैक आने से हुई थी और इस की वजह यश चेट्टी द्वारा किया गया साजिश था । उनके इमोशन्स पर प्रहार करके ।
उनकी अंतिम चिठ्ठी वाकई दिल को द्रवित करने वाली थी । उनके भाइयों ने सही नहीं किया । वो अकेला जान थे । उनके मृत्यु के पश्चात सब कुछ यहां तक की पुस्तैनी मकान भी उन्हें ही मिलता । फिर ऐसी घटिया हरकतें किस लिए !
यदि कोई बाल बच्चे वाले होते जयंत सर तो फिर भी समझा जा सकता था पर वो....!
उनके इस क्वोट से मैं पुरी तरह सहमत हूं । सरस्वती सदैव आप का साथ देती है पर लक्ष्मी आज इस घर तो कल किसी और के घर ।
विश्वा ने बढ़िया ही किया जो फिर से किसी दूसरे वकील को अपने पैरवी करने के लिए नहीं चुना । रिजल्ट कोई आशा अनुरूप नहीं निकलना था ।
जज साहब ने दोनों पक्षों को और गवाहों को बड़े ध्यान से सुना होगा । सरकारी वकील के गवाहों ने कोर्ट में सिर्फ झूठ का पुलिंदा ही बखान किया था । अब देखते हैं उनका डिसिजन क्या होता है !
विश्व ने जयंत सर के इशारों को समझा और आगे वकालत पढ़ने के लिए कोशिशें जारी कर दी । और यह भी समझा कि अब भैरव सिंह से कोई भी सवाल नहीं पूछा जायेगा बल्कि अब जबाव देने का वक्त आ गया है ।
दोनों अपडेट्स बेहद ही शानदार थे भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग ।
डायलॉग हो या इमोशन्स , लाजवाब पकड़ बना रखी है आपने कहानी में ।