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Thriller "विश्वरूप" ( completed )

Kala Nag

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Awesome update, विश्व के दिमाग के घोड़े भी अब तेजी से दौड़ने लगे हैं। पहला प्रयास तो विफल कर दिया है लेकिन जल्द ही अगला प्रयास होगा देखना है अब क्या दिमाग लगता है अपना हीरो।
अब प्रतीत हो रहा है कि विश्व शारीरिक और दिमागी दोनों रूप से काफी मजबूत हो गया है।

मस्त और मजेदार अपडेट।

पड़ते समय इस कदर खो जाते हैं कि अपडेट छोटे लगने लगते हैं।

अगले अपडेट के बेसब्री से इंतेजार में।
 
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पृष्ठों के शतक पूरे होने की हार्दिक बधाई।


इसी खुशी में एक दो बोनस अपडेट मिल जाये तो क्या ही कहने।
 
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Kala Nag

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Awesome update, विश्व के दिमाग के घोड़े भी अब तेजी से दौड़ने लगे हैं। पहला प्रयास तो विफल कर दिया है लेकिन जल्द ही अगला प्रयास होगा देखना है अब क्या दिमाग लगता है अपना हीरो।
अब प्रतीत हो रहा है कि विश्व शारीरिक और दिमागी दोनों रूप से काफी मजबूत हो गया है।

मस्त और मजेदार अपडेट।

पड़ते समय इस कदर खो जाते हैं कि अपडेट छोटे लगने लगते हैं।

अगले अपडेट के बेसब्री से इंतेजार में।
हाँ विश्व अब उस क़ाबिल है शारीरिक रूप से और दिमागी रूप से भीड़ सकता है...
धन्यबाद आपका और आभार आपका आपकी इस समीक्षा रूपी टिप्पणी मेरे पेज को सौवां पृष्ठा तक पहुँचाया
 

Kala Nag

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पृष्ठों के शतक पूरे होने की हार्दिक बधाई।


इसी खुशी में एक दो बोनस अपडेट मिल जाये तो क्या ही कहने।
अगला अपडेट निश्चित रूप से मेगा अपडेट होगा
 

parkas

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👉तिरपनवां अपडेट
---------------------
वैदेही से मिलवाने का वादा तो कर दिया तापस ने, पर उसकी परेशानी यह है कि, वैदेही एक महीने से विश्व से मिलने भी नहीं आई है l
तापस प्रतिभा की ओर देखता है तो उसका दिल चूर चूर हो जाता है l प्रतिभा अब बुढ़ी लगने लगी है उसके आँखों के नीचे और चेहरे पर हल्की हल्की झुर्रियाँ दिखने लगी है l चेहरा एक दम सपाट और बच्चों की बचपन की फोटो हाथ में लेकर उनमें खोई रहती है l तापस ने दास और सतपती के मदत से ड्यूटी किसी तरह मैनेज कर रहा है l कभी कभी दुख कम करने के लिए प्रतिभा को घर में बंद कर ड्यूटी पर चला जाता है l तापस प्रतिभा को देख देख कर भगवान से प्रार्थना कर रहा है
- काश वैदेही आ जाए... तो शायद प्रतिभा थोड़ी संभल जाएगी... हे भगवान प्लीज वैदेही से मिलवा दो...

तभी घर की लैंडलाइन बजने लगती है, तापस का ध्यान टूटता है l वह जा कर फोन उठाता है

तापस - हैलो...
दास - सर... दास बोल रहा हूँ...
तापस - हाँ दास बोलो...
दास - सर वैदेही आई है...
तापस - क्या.. (उम्मीद वाली खुशी से) क्या... सच में वैदेही आई है...
दास - यस सर... मैंने उसे और विश्व को लाइब्रेरी में बातेँ करने के लिए... इजाज़त दे दी है...
तापस - गुड.. वेरी गुड... एंड.. थैंक्यू... दास... थैंक्यू...
दास - सर इसमे... थैंक्स जैसी क्या बात है सर... आप बस जल्दी आ जाइए...
तापस - ठीक है दास... मैं.. मैं.. आ रहा हूँ...

फिर तापस एक नजर प्रतिभा को देखता है और फिर बाहर निकल कर घर पर ताला लगा देता है l गाड़ी में बैठ कर जैल में पहुँच कर सीधे लाइब्रेरी की ओर जाता है l लाइब्रेरी में

विश्व - तुम इतने दिनों से आई क्यूँ नहीं दीदी...
वैदेही - (दुख भरे आवाज में) मैं ख़ुद से नाराज़ थी मेरे भाई... हर पल मुझे यह लग रहा था... जैसे मुझसे कोई अनर्थ हो गया है... मैं.. मैं उसकी प्रायश्चित के लिए... उपाय ढूंढ रही थी...
विश्व - यह क्या अनाप सनाप बोल रही हो... और किस अनर्थ की बात कर रही हो...
वैदेही - जब मैं तेरे लिए... वकील ढूंढ रही थी... तब एक दिन सेनापति सर जी के घर गई थी... चूँकि उनकी पत्नी एक वकील थी... तो उनसे किसी जान पहचान वकील के बारे में पूछा... तो उन्होंने मना कर दिया था... क्यूंकि वह अपने कर्तव्य से... अपनी नौकरी से बंधे हुए थे.... पर (सिसकते हुए) बात बात में... मेरे मुहँ से निकल गया... "भगवान ना करे... कभी आपके घर पर इंसाफ़ की बिजली गिरे..." (रो देती है) मेरे भाई वह मेरे मुहँ से वैसे ही... निकल गया था... मैंने कैसे उनको बद दुआ दे सकती थी... विशु... पर वह शब्द मेरे बद दुआ बन कर गिरी उनके परिवार पर... उस घर का चिराग बुझ गया विशु... वह भी (आँखों के भाव बदल जाते हैं और गुस्से भरे लहजे में) उस कमीने यश वर्धन के हाथों... (फ़िर सिसकते हुए) मेरे भाई मैंने कोई श्राप नहीं दिआ था... बस मेरे मुहँ से निकल गया था... और देखो उनके जैसे अच्छे लोग... इंसाफ़ की लड़ाई... लड़ते लड़ते हार गए...
विश्व - दीदी.. इस बात के लिए... आप खुद को दोषी क्यूँ मान रही हो...
वैदेही - मैं... मैं... सेनापति सर जी से मिली... उनको सब बताया... मैं... मैंने तो उनकी पत्नी को मासी कहा था... फिर मैं कैसे उनको श्राप दे सकती हूँ बोलो...
विश्व - दीदी तुम बहुत ही अच्छी हो... अब सब भाग्य पर छोड़ दो... जो होना होगा... वही होगा...
वैदेही - जानते हो विशु... जब भी... मैं नींद से जागती हूँ... तब से... तब से लेकर सोने तक... मैं हर रोज... हर पल... क्षेत्रपाल और यश चेट्टी को श्राप देती रहती हूँ... उनका कुछ नहीं हो रहा है... पर बेचारे सेनापति सर... कितने अच्छे लोग हैं... कितना बुरा हुआ है... उनके साथ...

विश्व कुछ कह पाता तभी तापस अंदर आते हुए वैदेही से कहता है

तापस - मुझे माफ कर दो वैदेही... मुझे माफ कर दो..
वैदेही - यह... यह आप क्या कह रहे हैं... मुझसे माफी... क्यूँ...
तापस - माफी मांग इसलिए रहा हूँ... की तुम मुझे अभी भी अच्छा समझ रहे हो... माफी इसलिए मांग रहा हूँ... के बेटे को खोने के बाद भी... सोचने समझने की क्षमता.. मेरी पत्नी में तो है... पर मुझमें नहीं रही.... (हाथ जोड़ कर) प्रतिभा से एक बार मिल लो... वह तुमसे मिलना चाहती है.... प्लीज...
वैदेही - सर प्लीज... आप यूँ हाथ ना जोड़ीये... पाप लगेगा मुझे...
तापस - ठीक है... चलो प्लीज...
वैदेही - ठीक है... चलिए... अच्छा विशु.... मैं... बाद में मिलती हूँ...
विश्व - ठीक है दीदी.. आप जाओ...

वैदेही को लेकर तापस चला जाता है l

अगले दिन
सेंट्रल जैल

विश्व एक पेपर हाथ में लिए तापस की ऑफिस की कैबिन के बाहर पहुँचता है l बाहर उसे जगन मिलता है

विश्व - जगन भाई... क्या सर अंदर हैं...
जगन - नहीं... अभी तक... आए नहीं हैं... क्यूँ कुछ काम था क्या...
विश्व - हाँ था तो...
जगन - तो एक काम कीजिए ना... आप सतपती सर जी के कैबिन में जाइए... और उन्हें बताइए... वह शायद आपका काम कर दें...
विश्व - ठीक है जगन...

विश्व सतपती के कैबिन की ओर जाने को मुड़ा ही था कि उसे तापस आवाज़ देता है

तापस - विश्व... तुम मेरे पास ही... आए थे ना...
विश्व - (तापस को देख कर) जी...
तापस - (जगन से) जाओ... सतपती और दास को बुलाओ...(विश्व से) अंदर आओ विश्व... (दोनों तापस के कैबिन में आते हैं) हम्म... अब कहो... क्या काम है...
विश्व - सर... वकील साहिबा जी... कैसी हैं...
तापस - वैदेही से मिलकर... उसकी हालत थोड़ी सुधरी है... इसलिए आज हिम्मत कर पाया हूँ... यहाँ आने के लिए... खैर तुम उसकी खबर जानने के लिए तो नहीं ढूंढ रहे थे मुझे.... कहो क्या बात है...
विश्व - सर पता नहीं... इस वक्त.. यह कहना सही रहेगा या नहीं...
तापस - पहले कहो... सही गलत का निर्णय हम बाद में करेंगे...

तभी कैबिन के बाहर दास और सतपती पहुँचते हैं उन्हें देखते ही

तापस - नो फॉर्मालिटीस... कॉम इन... हाँ विश्व कहो...
विश्व - सर यह देखिए... (पेपर दिखाते हुए)
तापस - (पेपर को देख कर) हम्म.. तुम क्या चाहते हो विश्व...
दास - (तापस से) वह क्या है सर...
तापस - विश्व बताओ...
विश्व - सर यह एक एनजीओ है डी आई डी... मतलब ड्यूटी इज़ डीवाइंन... जो जैल में इच्छुक कैदियों को... स्किल ट्रेनिंग देते हैं... और जैल में उनके कमाई के लिए... बाहर से ऑर्डर लाकर देते हैं... जिसकी सजा खत्म हो जाती है... उसकी दुकान लगाने में सहायता करते हैं....
दास - तो तुम चाहते हो... हम इनसे कंटाक्ट करें... (तापस से) सर इस एनजीओ को... अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेकों पुरस्कार मिले हैं... इनका मुख्य मिशन... जैल में कैदी सुधार कार्यक्रम है....
तापस - हूँ ... यह अच्छा आइडिया है... जैल में सजायाफ्ता कैदी सुधार कार्यक्रम... ओके विश्व तुम जाओ... मैं देखता हूँ... क्या किया जा सकता है...
विश्व - ठीक है सर... (विश्व बाहर चला जाता है)
दास - सर यह बंदा... सुधार के बारे में सोच रहा है... और कुछ लोग हैं... इंसान और इंसानियत को जहन्नुम बनाने के लिए... किसी भी हद तक जा रहे हैं....
तापस - क्या बात है दास... इमर्जेंसी है कह कर बुलाए हो... क्या खबर है...
सतपती - सर ख़बर सीरियस है... हमें... थोड़ा सिक्रेसी मेंटेन करना होगा...
तापस - एनी थिंग प्रॉब्लम...
सतपती - यस सर... बिग... वेरी बिग प्रॉब्लम...

कह कर सतपती दास को इशारा करता है l दास तापस के कैबिन को अंदर से बंद कर देता है l फ़िर उन तीनों में गुप्त मीटिंग होती है l विश्व बाहर निकालते वक्त सिर्फ इतना ही सुन पाया कि

"कुछ लोग हैं... इंसान और इंसानियत को जहन्नुम बनाने के लिए... किसी भी हद तक जा सकते हैं.."

विश्व अनुमान लगाने की कोशिश करता है, दास के कहे इस बात का क्या मतलब हो सकता है l वह सोचते सोचते जा रहा है के उसे आवाज़ आती है "विश्वा भाई..." विश्व मुड़ कर देखता है तो सीलु है

विश्व - क्या है सीलु...
सीलु - (पास आकर) तुम सुपरिटेंडेंट के ऑफिस में क्यूँ गए थे..
विश्व - उनकी मानसिक हालत को समझने के लिए... कल जब आए थे.. तो बिखरे हुए लग रहे थे....
सीलु - क्यूँ...
विश्व - ऐसे ही... अच्छा... क्या कुछ खबर है....
सीलु - किस बात का...
विश्व - मुझे लगता है... इस जैल में कुछ होने वाला है...
सीलु - अच्छा... तो ठीक है... पता करने की कोशिश करता हूँ....

तभी अचानक हुटर बजता है l सभी कैदी अपना अपना काम छोड़ कर ग्राउंड पर जमा होते हैं l थोड़ी देर बाद तापस दास और सतपती के साथ पहुँचता है l

तापस - दोस्तों... यहाँ उपस्थित होने के लिए धन्यबाद.... एक विशेष सुचना देने के लिए... आप सबको यहाँ बुलाया गया है.... जैसा कि आप सबने हमेशा... हर तीसरे महीने में रूटीन मॉकड्रिल में साथ दिया है... वैसे ही आने वाले सात दिनों में... तरह तरह से मॉकड्रिल की जाएगी... यह आप सबकी और इस जैल की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है.... क्यूंकि सात दिन के बाद... इस जैल में... तीन खतरनाक कैदीयों को लाया जाएगा... वह असल में... अंतर्राज्यीय डकैत हैं.... पेशेवर हत्यारे हैं... उनको छुड़ाने के लिए कोशिश हो सकता है... तभी यहाँ पर इमर्जेंसी डिक्लेर किया जाएगा... आप लोग तब खुद को सुरक्षित करने के लिए कोशिश करेंगे... तो अब आप लोग... सहयोग करें... और मॉकड्रिल में हिस्सा लें...
एक कैदी - क्या वह खतरनाक डकैत... हमारे साथ रहेंगे....
दास - नहीं... उनके लिए स्पेशल सेल में व्यवस्था किया जा रहा है... स्पेशल सेल में... एक सीमेंट की पानी की टंकी है.... उसे ईगलु सेल में कन्वर्ट किया जा रहा है... उन तीनों को वहाँ पर रखा जाएगा.... पर आप सबको अनुरोध है... उन लोगों से मिलने की कोशिश भी मत करना...
सारे कैदी - ठीक है...

उसके बाद सात दिनों तक मॉकड्रिल होता रहा और सारे कैदियों को सुरक्षित स्थानों पर खुद को पहुँचाने और खुद को छुपाने की ट्रेनिंग लेते रहे l इन सात दिनों में विश्व लाइब्रेरी में न्यूज पेपरों को छानता रहता है l ठीक सात दिनों बाद जैल का ईगलु सेल तैयार हो जाता है l उस दिन रात के पौने दो बजे एक वैन सुरक्षा के घेरे में आ पहुँचती है l उनमें से तीन कैदियों को बेड़ियों के साथ ईगलु सेल में बंद कर दिया जाता है l
इस बात को, सारे कैदी सुबह तक जान भी जाते हैं कि उनके बगल वाले सेल में वही खतरनाक मुज़रिमों को ठहराया गया है l इस विषय को लेकर जैल में हर कैदी आपस में खुसुर-पुसुर कर रहे हैं l
लंच के समय
अपनी आदत के मुताबिक विश्व डायनिंग हॉल में एक कोने वाली टेबल पर विश्व खाना खा रहा है और उसके साथ सीलु और टीलु भी बैठे हुए हैं l

विश्व - सुनो... अपने साथियों से कहो... और साथ में तुम भी... कल जो नए कैदी आए हैं... उनसे मिलने जाने वाले हर आदमी पर नजर रखो... चाहे जैल स्टाफ हो... या कोई आम कैदी या फिर कोई और... कुछ भी गड़बड़ लगे... या किसी पर शक हो... तो तुरंत मुझे खबर करो...
सीलु - क्यूँ भाई... कुछ गड़बड़ वाली बात है क्या...
विश्व - हाँ... उस स्पेशल सेल से संबंधित... सब पर... पैनी नजर रखो...
टीलु - भाई... आपकी बातों से लगता है... बात बहुत सीरियस है...
विश्व - हो सकता है... मैं गलत हो जाऊँ... पर तुम लोग.... अपनी आँख, कान, नाक और मुहँ को अलर्ट मोड़ पर रखो...
(सीलु और टीलु एक दुसरे को हैरान हो कर देखते हैं) अगर... मैं सही हूँ... तो तुम सोच भी नहीं सकते... हम कितनी बड़ी खतरे के बीच में हैं...
सीलु और टीलु - ठीक है भाई....

विश्व ने सीलु और टीलु को काम पर लगा दिया और खुद जैल की अच्छी तरह से रेकी करता रहा l जब भी टाइम मिलता वह लाइब्रेरी में जा कर पेपर खंगालता रहता और कभी कभी लाइब्रेरी के खिड़की से झांकते हुए सब पर अपनी नजर से स्कैन करने की कोशिश करता रहता है l

दस दिनों के बाद डायनिंग हॉल में विश्व खाना खा रहा है कि सीलु विश्व से अपना हाथ जोड़ते हुए उपर उठा कर कहता है
"नमस्कार विश्वा भाई जी"
नमस्कार शब्द सुन कर विश्व की भवैं तन जाते हैं और वह सीलु को देखता है और ज़वाब में नमस्कार कहता है l सीलु अपनी आँखे चौड़ी कर सर को हल्का सा हाँ में हिलाता है, और हाथ धोने वॉश रूम में चला जाता है l विश्व खाना खतम कर वॉश रूम में थाली धोने चला जाता है l वॉश रूम में सीलु से इंफॉर्मेशन लेने के बाद वह सीधे अपने सेल में जाकर काग़ज़ पर बार बार लिख कर फिर मिटाता रहा l ऐसे करते करते शाम हो जाता है l फिर अचानक से उसकी आँखे चमकने लगती हैं l वह अपनी सेल से निकल कर तापस की कैबिन की ओर जल्दी जल्दी जाने लगता है l जैसे ही तापस के कैबिन के पास पहुँचता है, इधर उधर देख कर बिना दरवाज खटखटाये वह तापस के कैबिन में घुस जाता है l

तापस - (चौंक कर) यह क्या है विश्व... तुम ऐसे कैसे घुस गए...
विश्व - सर बहुत ही इंपोर्टेंट बात है... वह आपके स्पेशल सेल वाले टेररीस्ट भागने वाले हैं...
तापस - क्या...(हकलाने लगता है) यह त.. तुम.. क.. क्या... कह रहे हो...
विश्व - सर... मुझ पर विश्वास कीजिए... वह लोग टेररीस्ट हैं... यह बात जो भी जानते हैं... उन सबको यहां... इसी वक़्त बुलाइये... वह कमीने अपने प्लान को लेकर तैयार हैं... कहीं हमसे देरी ना हो जाये ...
तापस - ओके... रुको... पांच मिनट...

तापस जल्दी से अपने इंटरकॉम से दास और सतपती को अपने कैबिन में बुलाता है l जब दोनों आ जाते हैं

तापस - गॉय्स... विश्व के पास... एक इंफॉर्मेशन है... विश्व... प्लीज इन्हें बताओ...
विश्व - सर आपके ईगलु सेल के मेहमान... बहुत जल्द... भागने वाले हैं...

सतपती और दास दोनों हैरान हो जाते हैं l वह कभी तापस को, कभी विश्व को तो कभी एक दुसरे को देखने लगते हैं l

सतपती - य... यह... तुम कैसे कह सकते हो... मम्म... मेरा मतलब है... तुमको कैसे पता चला...
तापस - सतपती... इसे... सब मालुम है... उन तीनों के बारे में... प्लीज अब सब बैठ जाओ... (और विश्व को) सुनो... (वे दोनों बैठ जाते हैं) विश्व तुम भी बैठो...
विश्व - नहीं... सर... मैं ठीक.. हूँ...
दास - विश्व... सर कह रहे हैं... तुम सब जानते हो... कैसे...
विश्व - सर मैं भले ही... टीवी पर न्यूज नहीं देखता हूँ... पर लाइब्रेरी में न्यूज पढ़ता रहता हूँ... मुझे मालुम है... ओड़िशा में पहली बार... आतंकवादी गतिविधि देखने को मिली है... महीने भर पहले.... जगतपुर मस्जिद में छुपे हुए... दो बांग्लादेशी और एक केरल से ताल्लुक़ रखने वाला... तीन आतंकवादी गिरफ्तार हुए थे... तीनों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था और उन्हें एसटीएफ के ऑफिस में ही रखा गया था... उस दिन असल में मैं... सुपरिटेंडेंट सर की मानसिक स्थिति जानने आया था... और मैं यूँ ही... बात बात में... उस एनजीओ की बात कही थी... उस वक़्त आप लोग वहाँ पहुँच गए और मुझे जाना पड़ा... पर जाते जाते मैंने यह सुना... कुछ लोग हैं इंसान और इंसानियत को जहन्नुम बनाने के लिए...
मेरे कानों में यह गूँजती रही... यह बात आपने दार्शनिक आधार पर कहा था या फिर... यूँही.. मैं ऐसा सोच रहा था कि.... आपने मॉकड्रील की बात कही और ईगलु सेल बनाने की बात कही... तभी मुझे अंदाजा हो गया था... जैल में आने वाले... कोई मामूली अपराधी नहीं हैं... इसलिए मैंने अपने तरफ से पता लगाया है कि यह तीनों वही आतंकवादी हैं...

तापस, दास और सतपती तीनों आँखे फाड़ कर विश्व को सुन रहे हैं l विश्व देखता है उनके आँखों में अभी भी हैरानी है l

सतपती - अच्छा... तुमने अंदाजा लगाया है... तुम यह भुल रहे हो... एसटीएफ के पास अपना सेल है... वह क्यूँ अपना अपराधी को... यहाँ रखेंगे... इस बात का तुम्हारे पास कोई लॉजिक है...
विश्व - है...
तीनों - अच्छा... क्या है..
विश्व - आपकी मॉकड्रील ने मुझे बताया...
दास - क्या मतलब...
विश्व - मतलब यह कि... यह लोग तब भागेंगे... जब उनके पास बाहरी मदत जब पहुंचेगी... एसटीएफ यह दिखाना चाहती है कि... यह आतंकवादी उनके सेल में हैं... यानी यह खबर उनको छुड़ाने वालों के लिए है... की अगर वह कोशिश करेंगे तो उनको एसटीएफ के ऑफिस पर अटैक करना होगा... इसलिए उनको यहाँ पर... आधी रात को शिफ्ट करा दिया गया... पर फ़िर भी.... किसी प्रकार की संभावना से आँखे नहीं फेरा जा सकता है... जैल में अगर हमला हो... तो उस हालत के लिए... सारे कैदियों को तैयार किया गया.... क्यूंकि आप लोगों को भी कहीं ना कहीं अंदेशा है... जैल पर हमला हो सकता है...

तीनों चुप रहते हैं और विश्व के दिए लॉजिक को मूक समर्थन देते हैं l

तापस - ठीक है... तुमने अच्छा दिमाग़ लगाया है... पर तुम्हें कैसे पता चला वह लोग भागने वाले हैं... कब और कैसे...
विश्व - सर... वह लोग बिना किसी खुन खराबा के भागने के फ़िराक़ में हैं... बुरा मत मानिए... आज सुबह ही... आपके जैल के स्टाफ के सामने... उन्होंने अपने वकील को.. भागने का प्लान बताया है...
तापस - (जबड़े भींच कर) क्या बक रहे हो... इट्स इंपसीबल..
विश्व - सर... यह हुआ है... उनका लीडर कोड लैंग्वेज में मैसेज दिया है... वकील के जरिए... अपने लोगों के पास...
दास - कोड लैंग्वेज... क्या तुम श्योर हो... उनके भागने को लेकर... पर कैसे.... क्यूंकि उसने जो भी बात की... हमारा संत्री वहाँ मौजूद था....
विश्व - ठीक है सर... क्या आपके पास डिटेल्स है... क्या बात हुई...
दास - हाँ केस की सुनवाई पर...
विश्व - और...
दास - और क्या...
सतपती - हाँ... और... वकील ने उनसे पुछा... और क्या चाहिए...
विश्व - (एक हल्की सी मुस्कान लिए) तो उन्होंने अपने वकील से क्या मांगा...
सतपती - यही... एक गुलाब का फूल... जुते... पीतल का घोड़ा... कॉफी ताला... ऐसा कुछ...

विश्व अपने जेब से एक काग़ज़ निकाल कर टेबल पर रख देता है l उस काग़ज़ पर कुछ विश्व कुछ लिख कर दिखाता है l
जुता, गुलाब दिन की चिड़िया.
कॉफी ताला घोड़ा पीतल का

विश्व - यही कहा था ना...
सतपती और दास - हाँ... यही कहा था...
विश्व - अब इसे... सिक्वेंश में समझने की कोशिश कीजिए...

विश्व की लेख देख कर तीनों को समझ में कुछ नहीं आता l

विश्व - मैंने उन कहे गए शब्दों को समझने के लिए.... आधा दिन लगा दिया.... तब जाकर मुझे सब समझ में आया... आपके चौबीस घंटे के सर्विलांस में... वह कैदी.. किसी को कुछ भी लिख कर नहीं भेज सकते हैं... तो उनके पास एक ही चारा बचता है... अपने वकील के जरिए... अपने लोगों के पास संदेशा भेजें... उन्होंने यही किया है... यह देखिए... जुता... यानी इंग्लिश में शु... गुलाब यानी इंग्लिश में रोज... दिन... की पंछी...
शुरोज... मतलब सुरज दिन... मतलब रविवार के दिन... पंछी मतलब उड़ जाना है...
तापस - व्हाट द फक... ठीक है... तुमने कहा कि.. बिना खुन खराबे के... कैसे... और कहाँ से.... क्या इस जैल से...
विश्व - नहीं जैल से नहीं...
दास - तो फिर....
विश्व - अभी कोड पुरा कर लेने दीजिए... आपको समझमें आ जाएगा...
तापस - ठीक है... पुरा करो...
विश्व - कॉफी... ताला... मतलब कैपिटल और घोड़ा... पीतल का... मतलब... हॉर्स पीतल... यानी हॉस्पिटल...
पुरा कोड का मतलब... रविवार के दिन उड़ जाना है.... कैपिटल हॉस्पिटल से...
तापस - क्या... उस आदमी ने यह मेसेज... बाहर भेजा है... यह मेसेज हम जानते थे... पर तुम्हें कैसे मालूम हुआ...
विश्व - सर... यह एक सीक्रेट है... सॉरी... मैं यह नहीं कह सकता... बस आप समझ लीजिए... यह रहा वह मैसेज... जो बाहर चला गया है...

तापस, दास और सतपती तीनों एक दूसरे के मुहँ को ताकते हैं फिर उस काग़ज़ को जिसमें विश्व ने उन टेररीस्टों का भागने का पूरा प्लान के कोड क्रैक कर लिखा दिया है l

तापस - ओह माय गॉड... यह क्या हो रहा है... ठीक है... पर वह लोग हॉस्पिटल जाएंगे कैसे...
विश्व - सर दो तरह से जा सकते हैं... पहला फुड पॉयजनींग...
दास - दुसरा... सेल्फ हार्मींग... मतलब खुद को चोट पहुंचा कर...
विश्व - बिल्कुल... पर पहले वाले पर अमल करने के लिए उनको किसी अंदर की आदमी की सहायता चाहए.... पर दुसरे वाले पर अमल करने के लिए... उन्हें किसी की सहायता नहीं चाहिए...
दास - यस... यु आर राइट.. बिल्कुल सही...
विश्व - सर... (तापस से) उन लोगों के भागने में... और चार दिन है... वह जरूर अपने प्लान को एक्जीक्यूट करेंगे... पर हम उनके प्लान को फैल कर सकते हैं...
तापस - कैसे....

फिर विश्व उन तीनों को अपना प्लान बताता है, तीनों विश्व के प्लान से सहमत होते हैं l

चार दिन बाद

तापस प्रतिभा को गाड़ी में लेकर राम मंदिर की ओर जा रहा है l तापस वैदेही से हफ्ते में एक दो दिन के लिए आने को कहा है, क्यूंकि प्रतिभा जितनी देर वैदेही के साथ रहती है उतना समय प्रतिभा अपने ग़मों से दूर हो जाती है l इसलिए तापस प्रतिभा को वैदेही से मिलवाने राम मंदिर को ले जा रहा है l रविवार को वैसे आम तौर पर तापस छुट्टी में रहता है पर आज वह हर हाल में जैल जाना चाहता है l इसलिए राम मंदिर में पहुंचते ही प्रतिभा को वैदेही के पास छोड़ कर जैल की तरफ गाड़ी मोड़ देता है l वह गाड़ी चला रहा होता है कि तभी उसकी मोबाइल बजने लगता है l तापस कार किट के जरिए फोन ऑन करता है l

तापस - हाँ दास.. क्या हुआ...
दास - सर... सेल्फ हार्म... उन तीनों ने खुद को ज़ख्मी कर लीआ है...
तापस - ह्म्म्म्म... कैसे...
दास - सर... अपने सर को... लॉकअप के ग्रिल से... फोड़ा है...
तापस - ह्म्म्म्म... मैं पहुँच रहा हूँ... तुम डॉक्टर को कॉल करो...
दास - कर दिया है सर... आपकी आने की देरी है...
तापस - ओके... कॉमींग...

कह कर तापस फोन काट देता है l फोन के कटते ही तापस को चार दिन पहले विश्व की कही बातें याद आती है

विश्व - सर... रविवार को... वह लोग खुद को इंज्योर्ड करेंगे... पर इतना नहीं के भागने में तकलीफ़ हो... पर इतना ज़रूर करेंगे... के डॉक्टर उनको एडमिट करने को कहे...
तापस - पर उन्हें कैसे मालुम हुआ... के हमारे जैल के कैदियों की सभी ट्रीटमेंट कैपिटल हॉस्पिटल में होती है... वे आखिर विदेशी हैं...
विश्व - पर उनको सपोर्ट तो देशी मिल रहा है... मतलब लोकल...
दास - हाँ.. पर आगे...
विश्व - सर आपको प्राइमरी ट्रीटमेंट के लिए... एक डॉक्टर को बुलाना पड़ेगा...
दास - वह तो बुलाना ही पड़ेगा... कैपिटल हॉस्पिटल से...
विश्व - पर डॉक्टर अपनी पार्टी का होना चाहिए...
दास - (तापस) सर... डॉक्टर विजय तो... छुट्टी पर हैं... हमें किसी और से काम चलाना पड़ेगा...
विश्व - वह छुट्टी पर हैं...
तापस - हाँ.. वह... छोड़ो... हमें.. कोई और डाक्टर को ढूंढना पड़ेगा...
सतपती - सर... कोई और...
विश्व - हाँ... क्यूंकि अगर उनका प्लान... कैपिटल हॉस्पिटल से भागने की है... तो वह लोग हस्पताल में... ऑलरेडी घुस पैठ कर चुके होंगे...
तापस - विश्व ठीक कह रहा है...
दास - तो हम किसे बुलाएं...
तापस - कोई बात नहीं... मेरा और एक दोस्त है... फायर स्टेशन हॉस्पिटल में... वह मेरा बहुत अच्छा दोस्त है... मैं उसे समझा दूँगा... वह हमारी मदत करेगा...
विश्व - हाँ सर... यह बढ़िया रहेगा...

तापस अपनी गाड़ी को जैल के पास रोकता है और गाड़ी से उतर कर अंदर जाता है l अंदर डॉक्टर तीनों ज़ख्मीयों की मरहम पट्टी कर रहा है l वह तीनों ज़ख्मी, दर्द से कराह रहे हैं l

तापस - कैसी हालत है इनकी... डॉक्टर साहब..
डॉक्टर - नट मच सीरियस... बट... अगर इन्हें हस्पताल में एडमिट कर दिया जाए... तो इट विल बेटर...
तापस - ओके देन.. गो अहेड... सर बेहतर होगा... आप ही एम्बुलेंस बुलाईये...
डॉक्टर - ठीक है... मैं कॉल कर देता हूँ...

कह कर डॉक्टर फोन लगा देता है, फोन पर तीनों की हालत के बारे में जानकारी देता है और एम्बुलेंस भेजने को कहता है l उसके बाद वह अपने बैग से इंजेक्शन निकालता है l

डॉक्टर - जब तक एम्बुलेंस नहीं आ जाती... मैं इन सबको... टीटी का इंजेक्शन... आई मिन टिटनेस टक्साड इंजेक्शन दे देता हूँ...
तापस - श्योर... जैसा आप ठीक समझे...

डॉक्टर उनको एक एक कर इंजेक्शन लगा देता है l उन्हें इंजेक्शन लगता देख दास के चेहरे पर हल्का मुस्कान आ कर गायब हो जाता है l उसे विश्व की बातेँ याद आने लगती है

चार दिन पहले

दास - ठीक है... डॉक्टर प्राइमरी ट्रीटमेंट के बाद अगर... हास्पिटल रेफर ना किया तो.... वह तीनों ऑन स्पॉट... वायलेंट हो सकते हैं...
विश्व - नहीं... उनको रेफर करना पड़ेगा...
दास - अगर यह तीन हॉस्पिटल गए... तो हॉस्पिटल बैटल ग्राउंड बन जाएगा... शायद बहुत बड़ा एक्शन हो जाएगा... कैजुअलटी भी हो सकती है...
विश्व - डॉक्टर रेफर के लिए कहेंगे... और वह कैदी... रेफर से पहले उठेंगे नहीं...
दास - क्या मतलब...
विश्व - रेफर से पहले... डॉक्टर उनको टीटी के इंजेक्शन देंगे... पर असल में वह इंजेक्शन नींद की होगी... डायजे़पाम या मेज़ोलैम इंजेक्शन... उनको वह इंजेक्शन दे दिया जाएगा... जिससे वह लोग कमसे कम छह घंटे बेहोश रहेंगे...
दास - और उन छह घंटे में करेंगे क्या...

एम्बुलेंस की आवाज सुनाई देती है l दास विश्व की खयाल से बाहर आता है l एम्बुलेंस अंदर आता है डॉक्टर उस एम्बुलेंस में बैठ जाता है l उसके बाद एक जीप्सी में बैठ कर सतपती आगे आगे जाता है उसके पीछे एम्बुलेंस और एम्बुलेंस के पीछे फोर्स से भरी एक वैन चलती है l पर उनका यह काफ़िला कैपिटल हॉस्पिटल के वजाए फायर स्टेशन हॉस्पिटल जाती है l फायर स्टेशन हॉस्पिटल को देख कर सतपती के चहरे पर एक मुस्कराहट खिल जाता है l एक गहरी सांस छोड़ते हुए कहता है - मान गए विश्व... क्या दिमाग लगाया है तुमने...

चार दिन पहले

सतपती - हाँ विश्व... वह लोग तो छह घंटे बेहोश रहेंगे... उन छह घंटों में... हम क्या करेंगे...
विश्व - प्राइमरी ट्रीटमेंट से अगर वह ठीक हो सकते हैं.... तो उनको मेडिकल ले जाना ही क्यूँ...
सतपती - क्या मतलब...
विश्व - जो एम्बुलेंस आएगा... वह फायर स्टेशन से आएगा... डॉक्टर एम्बुलेंस से चले जाएंगे... आप उन्हें एसकॉट करते हुए उनके हस्पताल में छोड़ दीजिएगा...
सतपती - ठीक है... पर उन कैदियों को अगर मालुम हुआ... के उन्हें हस्पताल नहीं लिया गया है... तो यहाँ पर भी यह लोग वायलेंट हो सकते हैं...
विश्व - उनको छह घंटे बाद जब होश आएगा... तब उनको आप ट्रॉली में ले जा कर... ईगलु सेल में डाल दीजिए.... उनको लगेगा वह लोग हस्पताल से आए हैं...
सतपती - और उनके इंतजार में जो कैपिटल हॉस्पिटल में होंगे...
विश्व - उनको खबर मिलेगा... की इन तीनों का इलाज किसी और सरकारी हस्पताल में हो गया... तब कुछ दिन के लिए शांत रहेंगे... फिर वह लोग इन्हें छुड़ाने के लिए कोई और प्लान सोचेंगे....

डॉक्टर - अच्छा... योंग मेन... ओह सॉरी... ब्रैव ऑफिसर... कुछ देर मेरे साथ बैठोगे या... वापस जाना चाहोगे...
सतपती - (विश्व की यादों से बाहर आकर) नहीं डॉक्टर साहब... मैं यह एम्बुलेंस लेकर वापस जाऊँगा... विथ योर परमिशन...
डॉक्टर - हम्म.. ठीक है... जाओ ले जाओ....
सतपती - थैंक्यू सर...

फिर खाली एम्बुलेंस लेकर सतपती लौटता है l गाड़ी में बैठ कर तापस को फोन करता है

सतपती - सर... मेडिकल इमर्जेंसी मॉकड्रील एकंप्लीश...
तापस फोन काट कर बेल बजाता है l जगन अंदर आता है


तापस - विश्व.. इस वक़्त कहाँ मिलेगा...
जगन - सर इस वक़्त... वह अपने... सेल में होगा शायद... नहीं नहीं... लाइब्रेरी में हो सकता है... बुला लाऊँ...
तापस - नहीं... मैं खुद उसके पास जाऊँगा...

कह कर तापस अपनी कैबिन से निकलता है और लाइब्रेरी के तरफ चल देता है l वहाँ पहुँच कर देखता है विश्व पेपर पढ़ रहा है l विश्व भी पेपर से अपना चेहरा उठाता है और तापस को देख कर उठ खड़ा होता है l

तापस - नहीं नहीं.. बैठे रहो...
विश्व - कोई बात नहीं सर... कुछ काम था...
तापस - हाँ... थैंक्यू... मैं तुमसे... थैंक्यू कहना चाहता था... इसलिए यहाँ आया...
विश्व - किस बात के लिए थैंक्स सर... आपके लिए मैं कुछ भी करूँ... वह कम ही है सर... आखिर आज अगर मैं अपने दो पैरों पर खड़ा हूँ... तो आपके वजह से...

तापस - नहीं विश्व... तुम नहीं जानते... आज बहुत दिनों बाद... मैं एक मज़बूर बाप और एक बेबस पति के खोल से निकला हूँ... बहुत दिनों बाद मैं... खुश हुआ हूँ... बेशक... एज अ जैल सुपरिटेंडेंट... कुछ देर के लिए तुमने मुझे मेरे बेटे के ग़म से निकाल दिया... मैं थोड़ी देर के लिए ही सही... हँस पाया... थैंक्यू... थैंक्यू.. वेरी मच....
Nice and beautiful update....
 
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