इस एक अपडेट के अंदर कई रंग देखने को मिला ।
क्रूर और निरंकुश भैरव सिंह अपने पंच रत्नों के साथ विश्वा के जोड़ का तोड़ निकालने मे व्यस्त था वहीं विश्वा उनकी पुत्री रूप नंदिनी के साथ हल्के फुल्के मुड मे इश्क के पिंगे बढ़ाने मे लगा था । बल्कि यूं कहें ' इलू इलू ' करने मे लगा था ।
ऐसी सीरियस सिचुएशन मे रूप और विश्वा का यह अवतार वाकई टेंशन से मुक्त करने वाला था ।
लेकिन भैरव सिंह के पंच रत्न हैं कौन ? वल्लभ प्रधान , रंगा और राॅय का जिक्र तो हुआ लेकिन अन्य दो महानुभाव कौन ?
कमलकांत अपने विवाह के अवसर पर ऐसे गायब हुआ जैसे एक बार हमारे महान जादूगर गोगिया पाशा जी ने अमेरिका के एक एयरपोर्ट को अदृश्य कर दिया था । लेकिन वह सब एक जादू था पर यहां हकीकत मे ऐसा कुछ हुआ ।
हो न हो यह रूप नंदिनी के छठी गैंग का कमाल है । ये छठी गैंग आई हैं भैरव सिंह के निमंत्रण पर लेकिन काम वह विश्वा का कर रही हैं ।
एक सहेली का साथ अच्छी सहेली न दे यह हो नही सकता । लेकिन हमारे दुल्हे राजा आखिर अंतर्ध्यान हुए तो कहां हुए ? जैसी सेक्योरिटीज भैरव सिंह ने कर रखी है उससे यह तो श्योर है वह महल से बाहर जा नही सकता ।
या तो वह छठी गैंग के कक्ष मे है या रंग महल के मगरमच्छ का शिकार हो चुका है ।
लेकिन इस मौके पर वैदेही ने जिस तरह भैरव सिंह का सामना किया और जैसा उन्हे जबाव दिया वह इस अपडेट का सबसे खुबसूरत लम्हात था । इसीलिए तो वैदेही इस कहानी का नायक न होकर भी शोले फिल्म की संजीव कुमार साहब लगती है ।
बहुत ही खूबसूरत अपडेट बुज्जी भाई ।
जगमग जगमग अपडेट ।