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अपडेट-28
मौसी के घर से निकलने के बाद सीधे बाइक सूरज के घर तरफ मोड़ दिया। 30 मिनट बाद सूरज के घर पहुंच गए।
क्योंकि हम लोगो का मिलने का प्लान था आज का।
सूरज को घर के बाहर से आवाज़ दी। थोड़ी देर बाद सूरज निकल कर आया।
सूरज- तू तो 5 बजे आ रहा था इतनी जल्दी कैसे आ गया।
मैं- अरे यार वो भैया की शादी फिक्स हुई है उसके लिए सबको निमंत्रण देने गया था।मैं और भैया साथ ही थे. सुबह से हम लोग निकले हुए हैं।
भैया थक गए इसलिए वो तो मौसी के यहां हाय रुक गए। वो शाम को आएंगे। मेरा टाइम पास नहीं होता। मै वाहा फ्री भी था तो सोचा घूम आऊं इसलिए मैं जल्दी आ गया।
सूरज- अरे मेरे नॉनस्टॉप भाई आराम से बोल, तो चले फिर बता,
मैं- हा और आया किसके लिए।
सूरज- रुक 5 मिनट अभी आता हूं।
मैं- और हां 6 तारीख को आना है तुझे भी नहीं तो बाद में बोले कि निमंत्रण नहीं दिया।
सूरज- हां ठीक है भाई पक्का आउंगा।
थोड़ी देर बाद सूरज आया और हम लोग चल दिये।
सूरज तो आज तुझे ऐसी जगह के साथ चलता हूं जहां तू कभी नहीं जाएगा।
करीब शहर से 15 किमी दूर 25 मिनट बाद बिल्कुल सुन शान जगह पर एक वाटर पार्क+फन सिटी थी ज्यादा भीड भी नहीं होती थी।
लेकिन आज रविवार था तो हल्की सी भीड़ थी।
वाहा पर ज्यादा तर कपल्स या फिर पार्टी सेलिब्रेट करने वाले लोग।
सूरज- अरे यार आज याद ही नहीं आ रहा।
मैं- क्यू क्या हुआ।
सूरज- अरे आज रविवार हैं और ऊपर से भीड़ बहुत है।
क्योंकि दूर के कारण यहाँ पर भीड भाड कम होती है।
मैं- चलो कोई नहीं अब आई हो इतनी दूर तो फिर वापस जाने का क्या फायदा।
सूरज- ये भी तू ठीक कह रहा है.
हम लोगों ने टिकट ली जायदा महंगी नहीं थी केवल 100 रुपये की थी।
सूरज- चल अन्दर चलते है तुझे एक व्यू दिखता है क्यूँ की टाइम भी बहुत बढ़िया है।
मैं- हां चल भाई ऐसा थोड़ा गम कम होगा।
सूरज- क्या गम कैसा गम,
मैं- अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही निकल गया।
सूरज- देख रहा हूं भाई मन कहीं और ही घूम रहा है।
मैं- नहीं भाई ऐसे नहीं है।
सब लोग पार्क में टहल रहे थे कोई वाटर स्लाइडिंग कर रहा था कोई झूले पर मजे कर रहा था।
वाहा पर स्कूल के ग्रुप भी वो सब लोग भी एन्जॉय कर रहे थे।
आगे कुछ कपल वॉटर सैलिडिंग के लुफ्त उठा रहे थे।
मै सूरज तहलते बहुत आगे आ गया जहां दूर - दूर तक कोई नहीं था।
सूरज- यहाँ से थोड़ी दूर पर एक झील है वाह चले वाहा के नज़ारे भाई मजे ही आ जायेंगे।
मैं- ठीक है चलते हैं वैसे भी यहाँ घूमने ही आये हैं।
थोड़ी देर चल कर हम लोग झील के पास पहुँच गए।
वाहा का नजारा देखने लायक था क्योंकि,
सूरज अस्त हो रहा था और सूरज की किरण झील पर पड़ी थी आसमां बिल्कुल नारंगी हो गया था।
ऐसे लग रहा है जैसे स्वर्ग में आ गया हो।
वही पर बेंच पड़ी हुई थी में और सूरज जाके वहां पर बैठ गए।
और उस पल को देख रहे थे।
शायद वो पल आँखो में कैद करने वाला था।
सूरज काश यहां रिया होती तो मस्त सीन को देखने का मजा ही कुछ और होता और ये पल का मजा ही कुछ और होता है।
हा भाई तेरे सही है।
सूरज ने रिया का नाम लिया मुझे एक दम पलक की याद आ गई।
मेरा मुंह उतर गया शायद ये बात सूरज ने ये बात जानबूझ कर कही।
सूरज ने मेरा उतरा हुआ चेहरा देख कर कहा बस भाई अब बहुत हुआ।
सूरज- देख 3 दिन से देख रहा हूं तू मुझसे कुछ छिपा रहा है।
सही सही बोल बात क्या नहीं मैं आज से दोस्ती तोड़ दूंगा।
मैं- नहीं भाई ऐसे कुछ नहीं है बस थोड़ी तबीयत खराब है।
सूरज- ठीक है भाई कोई नहीं चल अब घर मुझे देर हो रही.तेरी तबीयत खराब होती तू यहां मेरे साथ नहीं होता.मार्केट जाना कुछ काम है।
अब जल्दी से घर चल,
मैं- यार भाई तुम तो बुरा मान गई बात का ऐसा कुछ नहीं है।
सूरज- देख मुझे देर हो रही तू घर चल सीधे और कुछ नहीं।
इतना कहे कर सूरज वहां से उठ कर जाने लगा।
मन में अगर सूरज भी नाराज हो गया जिंदगी अकेली हो जाएगी दोस्ती में दरार पड़ जाएगी।
मैं भाग कर सूरज का हाथ पकड़ के बोला।
भाई इतनी जल्दी क्यों जा रहा है अभी तो आये हुए।
सूरज भाई मुझे घर का कुछ काम याद आ गया मुझे जाना होगा।
अच्छा सुन ठीक है बताता हूँ पर तू अपने तक ही रखना किसी को बोलना मत।
सूरज हा जल्दी बोल फ़ोन आ रहा है।
मैं- अब बैठ कर 5 मिनट मेरी सुन ले फिर तुझे जहां जाना हो वहां चले जाना।
करीब 1 घंटे तक सूरज को पलक और मेरी पूरी दास्तां सुनाई।
सूरज- हां भाई मैं जानता था कि तू मुझसे कुछ छुपा रहा है।
अच्छा तूने मुझे बताना जरूरी क्यों नहीं समझा जबकी तू रिया को सब कुछ बता चुका है।
मैं- तुझे कैसा मालूम है कि मैं रिया को कुछ बता चुका हूं।
सूरज- भाई वो मेरी बंदी है हम लोग एक दूसरे से कुछ नहीं छिपाते हैं।
मैं- सही है भाई तेरा भी अब जो था मैंने तो बता दिया।
सूरज- भाई इन सब बातों से का एक ही निष्कर्ष है कि तू चुतिया है।
मैं- क्यों भाई,
सूरज- जब लड़की तुझ पे लट्टू हुई जा रही है। तेरे पीछे पागल है जान छिड़क रही है तुझे बिल्कुल उसके इशारे समझ में ही नहीं आ रहे।
मैं- नहीं भाई वो बात नहीं है कि मुझे खुद इस रिश्ते में कोई दिलचस्पी नहीं है।
सूरज- अच्छा जब दिलचस्पी नहीं है तो फिर क्यों 3 दिन मुहु बना घूम रहा है।
तब तो हमारे दिन स्कूल का बाहर, उसका इंतजार कर रहा था।
मैं- आश्चर्य होते हुए तुझे कैसे पता कि मैं स्कूल के बाहर वेट कर रहा था।
सूरज- तुम लोगों को रिया ने देख लिया था.और रिया ने मुझे बताया.
इनता सब बाते में इमोशनल हो गया था बहुत थोड़ी और बात करता तो सीधे रो ही देता।
सूरज- गलती तो तेरी है इसमें उसकी कोई नहीं और सुन एक बार लड़की रूठ जाए तो फिर भाई मन बहुत मुश्किल हो जाता है।
भाई रिया के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े तुझे बता नहीं भाई चॉकलेट, गिफ्ट ड्रेस पता नहीं भाई कितना खर्चा किया था। तब जाके कुछ बात बानी।
सच्ची भाई बहुत नखरे थे उसके पहले दोस्त को मनाया फिर जाके कहीं थोड़ी बहुत बात बनी और तुझे तो पाकी पकाई रोटी मिल रही है फिर भी तेरे नखरे है।
मैं थोडा रोते हुए बोला,
मैं- भाई अब लेक्चर मत दे वैसे भी उसके बिन अब अच्छा नहीं लग रहा है. दिन तो जैसे तैसे कट जाता है लेकिन रात भाई बहुत भारी पड़ती है।
अब करू क्या अब वो मेरा चेहरा भी नहीं देखना चाहती है। सामने से मिलो तो इग्नोर कर देती है लेकिन क्या करु।ना कॉल रिप्लाई ना मैसेज रिप्लाई पूरी तरह से इग्नोर।
सूरज- रोने से कुछ काम नहीं होगा पहले अपने आंसू पोंछ फिर मेरी बात ध्यान से सुन, ऐसे कर भाई कुछ चॉकलेट खरीद और सॉरी ग्रीटिंग कार्ड खरीद अभी तू वैसे भी मौसी के घर जाएगा। जाके पलक के रूम में रख देना।
अगर वो एक्सेप्ट करेगी तो तुझे कॉल आएगी और तू उसे कहीं मिलाने के लिए बुला लेना और,
सुनो जो कुछ भी है तेरे मन में उसके लिए अब तू उसे बता दे क्यू कि इसके अलावा कोई और बिकलप नहीं है।
नहीं तो उसे कोई और उड़ा के ले जाएगा तू बस देखता ही रहियो।
मैं- हां यार इस आइडिया में कुछ तो दम लग रही है तेरे।
सूरज- वैसे अच्छा है कौन वो मुझे तो बता दे.जिसके इतने नखरे हैं।
मैं- रिया की क्लास है तुझे मिला दूंगा किसी दिन (सूरज की मैंने नहीं बताया था कि मेरी मौसी की लड़की है)
शायद अब मेरे दिल का बोझ भी कम हो गया था।
सूरज- भाई तूने मुझे पराया कर दिया पर,
मैं- क्यू भाई क्या हुआ अब,
सूरज- जब तुझे कोई समस्या थी तो तूने मुझे क्यों नहीं बताया और रिया को सब कुछ बता दिया जब मैंने पहले मिला था रिया बाद में।
मैं- भाई ऐसा कुछ नहीं है बस मैंने रिया से थोड़ी मदद मांगी थी और फिर उसके ये कोई भी बात नहीं पता है।
सूरज- अच्छा ऐसा है ठीक है देख ये ट्राई कर नहीं तो फिर कोई दूसरा आइडिया निकालूंगा।
और सुन अगर कोई समस्या हुई तो भाई मेरे साथ शेयर कर कोई ना कोई आइडिया जरूर बताता अगर तूने पहले मुझे बताया होता तो आज ये नौबत ना अति।
मैं- हां यार सही कहा मे चुतिया ही हूं।
सूरज- तो भाई घर चलने का टाइम हो गया है।
मैं- हां भाई चल अब रात भी हो रही है।
6 बज गए थे हम पार्क लोग पार्क से निकल आए क्योंकि 7 बजे पार्क बंद हो जाता है।
पार्क से निकलने के बाद सूरज को छोड़ कर गिफ्ट्स शॉप से चॉकलेट्स खरीदे और मौसी के घर पहुंच गया।
मौसी ने गेट खोला,
मौसी- बहुत देर लागा दी कहा चला गया था।
मैं - दोस्त के यहां रुक गया था तभी देर हो गई।
मौसी- भैया तेरे काफी देर से इंतजार कर रहे है।
मैं - भैया है की चले गय।
मौसी- अभी कमरे में ही लेटे है।
तू ऐसा कर हाथ मुहूं धो लें फिर खाना लगा देती हूं भैया तो खा चुका है तू भी खा ले। सुबह से निकले हो तुम दोनो लोग।
मैं - हां मौसी भूख भी लगाने लगीं है। अच्छा मौसी पलक लौट कर नही आई क्या?
मौसी - आई थी बेटा पर किसी दोस्त का फोन आया और चली गई।
मैं- ठीक है मौसी आप खाना दो लेट हो रहा है मै तब तक अपना मोबाईल ले आता हूं चार्जिंग पर लगा हुआ है।
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मौसी के घर से निकलने के बाद सीधे बाइक सूरज के घर तरफ मोड़ दिया। 30 मिनट बाद सूरज के घर पहुंच गए।
क्योंकि हम लोगो का मिलने का प्लान था आज का।
सूरज को घर के बाहर से आवाज़ दी। थोड़ी देर बाद सूरज निकल कर आया।
सूरज- तू तो 5 बजे आ रहा था इतनी जल्दी कैसे आ गया।
मैं- अरे यार वो भैया की शादी फिक्स हुई है उसके लिए सबको निमंत्रण देने गया था।मैं और भैया साथ ही थे. सुबह से हम लोग निकले हुए हैं।
भैया थक गए इसलिए वो तो मौसी के यहां हाय रुक गए। वो शाम को आएंगे। मेरा टाइम पास नहीं होता। मै वाहा फ्री भी था तो सोचा घूम आऊं इसलिए मैं जल्दी आ गया।
सूरज- अरे मेरे नॉनस्टॉप भाई आराम से बोल, तो चले फिर बता,
मैं- हा और आया किसके लिए।
सूरज- रुक 5 मिनट अभी आता हूं।
मैं- और हां 6 तारीख को आना है तुझे भी नहीं तो बाद में बोले कि निमंत्रण नहीं दिया।
सूरज- हां ठीक है भाई पक्का आउंगा।
थोड़ी देर बाद सूरज आया और हम लोग चल दिये।
सूरज तो आज तुझे ऐसी जगह के साथ चलता हूं जहां तू कभी नहीं जाएगा।
करीब शहर से 15 किमी दूर 25 मिनट बाद बिल्कुल सुन शान जगह पर एक वाटर पार्क+फन सिटी थी ज्यादा भीड भी नहीं होती थी।
लेकिन आज रविवार था तो हल्की सी भीड़ थी।
वाहा पर ज्यादा तर कपल्स या फिर पार्टी सेलिब्रेट करने वाले लोग।
सूरज- अरे यार आज याद ही नहीं आ रहा।
मैं- क्यू क्या हुआ।
सूरज- अरे आज रविवार हैं और ऊपर से भीड़ बहुत है।
क्योंकि दूर के कारण यहाँ पर भीड भाड कम होती है।
मैं- चलो कोई नहीं अब आई हो इतनी दूर तो फिर वापस जाने का क्या फायदा।
सूरज- ये भी तू ठीक कह रहा है.
हम लोगों ने टिकट ली जायदा महंगी नहीं थी केवल 100 रुपये की थी।
सूरज- चल अन्दर चलते है तुझे एक व्यू दिखता है क्यूँ की टाइम भी बहुत बढ़िया है।
मैं- हां चल भाई ऐसा थोड़ा गम कम होगा।
सूरज- क्या गम कैसा गम,
मैं- अरे कुछ नहीं बस ऐसे ही निकल गया।
सूरज- देख रहा हूं भाई मन कहीं और ही घूम रहा है।
मैं- नहीं भाई ऐसे नहीं है।
सब लोग पार्क में टहल रहे थे कोई वाटर स्लाइडिंग कर रहा था कोई झूले पर मजे कर रहा था।
वाहा पर स्कूल के ग्रुप भी वो सब लोग भी एन्जॉय कर रहे थे।
आगे कुछ कपल वॉटर सैलिडिंग के लुफ्त उठा रहे थे।
मै सूरज तहलते बहुत आगे आ गया जहां दूर - दूर तक कोई नहीं था।
सूरज- यहाँ से थोड़ी दूर पर एक झील है वाह चले वाहा के नज़ारे भाई मजे ही आ जायेंगे।
मैं- ठीक है चलते हैं वैसे भी यहाँ घूमने ही आये हैं।
थोड़ी देर चल कर हम लोग झील के पास पहुँच गए।
वाहा का नजारा देखने लायक था क्योंकि,
सूरज अस्त हो रहा था और सूरज की किरण झील पर पड़ी थी आसमां बिल्कुल नारंगी हो गया था।
ऐसे लग रहा है जैसे स्वर्ग में आ गया हो।
वही पर बेंच पड़ी हुई थी में और सूरज जाके वहां पर बैठ गए।
और उस पल को देख रहे थे।
शायद वो पल आँखो में कैद करने वाला था।
सूरज काश यहां रिया होती तो मस्त सीन को देखने का मजा ही कुछ और होता और ये पल का मजा ही कुछ और होता है।
हा भाई तेरे सही है।
सूरज ने रिया का नाम लिया मुझे एक दम पलक की याद आ गई।
मेरा मुंह उतर गया शायद ये बात सूरज ने ये बात जानबूझ कर कही।
सूरज ने मेरा उतरा हुआ चेहरा देख कर कहा बस भाई अब बहुत हुआ।
सूरज- देख 3 दिन से देख रहा हूं तू मुझसे कुछ छिपा रहा है।
सही सही बोल बात क्या नहीं मैं आज से दोस्ती तोड़ दूंगा।
मैं- नहीं भाई ऐसे कुछ नहीं है बस थोड़ी तबीयत खराब है।
सूरज- ठीक है भाई कोई नहीं चल अब घर मुझे देर हो रही.तेरी तबीयत खराब होती तू यहां मेरे साथ नहीं होता.मार्केट जाना कुछ काम है।
अब जल्दी से घर चल,
मैं- यार भाई तुम तो बुरा मान गई बात का ऐसा कुछ नहीं है।
सूरज- देख मुझे देर हो रही तू घर चल सीधे और कुछ नहीं।
इतना कहे कर सूरज वहां से उठ कर जाने लगा।
मन में अगर सूरज भी नाराज हो गया जिंदगी अकेली हो जाएगी दोस्ती में दरार पड़ जाएगी।
मैं भाग कर सूरज का हाथ पकड़ के बोला।
भाई इतनी जल्दी क्यों जा रहा है अभी तो आये हुए।
सूरज भाई मुझे घर का कुछ काम याद आ गया मुझे जाना होगा।
अच्छा सुन ठीक है बताता हूँ पर तू अपने तक ही रखना किसी को बोलना मत।
सूरज हा जल्दी बोल फ़ोन आ रहा है।
मैं- अब बैठ कर 5 मिनट मेरी सुन ले फिर तुझे जहां जाना हो वहां चले जाना।
करीब 1 घंटे तक सूरज को पलक और मेरी पूरी दास्तां सुनाई।
सूरज- हां भाई मैं जानता था कि तू मुझसे कुछ छुपा रहा है।
अच्छा तूने मुझे बताना जरूरी क्यों नहीं समझा जबकी तू रिया को सब कुछ बता चुका है।
मैं- तुझे कैसा मालूम है कि मैं रिया को कुछ बता चुका हूं।
सूरज- भाई वो मेरी बंदी है हम लोग एक दूसरे से कुछ नहीं छिपाते हैं।
मैं- सही है भाई तेरा भी अब जो था मैंने तो बता दिया।
सूरज- भाई इन सब बातों से का एक ही निष्कर्ष है कि तू चुतिया है।
मैं- क्यों भाई,
सूरज- जब लड़की तुझ पे लट्टू हुई जा रही है। तेरे पीछे पागल है जान छिड़क रही है तुझे बिल्कुल उसके इशारे समझ में ही नहीं आ रहे।
मैं- नहीं भाई वो बात नहीं है कि मुझे खुद इस रिश्ते में कोई दिलचस्पी नहीं है।
सूरज- अच्छा जब दिलचस्पी नहीं है तो फिर क्यों 3 दिन मुहु बना घूम रहा है।
तब तो हमारे दिन स्कूल का बाहर, उसका इंतजार कर रहा था।
मैं- आश्चर्य होते हुए तुझे कैसे पता कि मैं स्कूल के बाहर वेट कर रहा था।
सूरज- तुम लोगों को रिया ने देख लिया था.और रिया ने मुझे बताया.
इनता सब बाते में इमोशनल हो गया था बहुत थोड़ी और बात करता तो सीधे रो ही देता।
सूरज- गलती तो तेरी है इसमें उसकी कोई नहीं और सुन एक बार लड़की रूठ जाए तो फिर भाई मन बहुत मुश्किल हो जाता है।
भाई रिया के लिए कितने पापड़ बेलने पड़े तुझे बता नहीं भाई चॉकलेट, गिफ्ट ड्रेस पता नहीं भाई कितना खर्चा किया था। तब जाके कुछ बात बानी।
सच्ची भाई बहुत नखरे थे उसके पहले दोस्त को मनाया फिर जाके कहीं थोड़ी बहुत बात बनी और तुझे तो पाकी पकाई रोटी मिल रही है फिर भी तेरे नखरे है।
मैं थोडा रोते हुए बोला,
मैं- भाई अब लेक्चर मत दे वैसे भी उसके बिन अब अच्छा नहीं लग रहा है. दिन तो जैसे तैसे कट जाता है लेकिन रात भाई बहुत भारी पड़ती है।
अब करू क्या अब वो मेरा चेहरा भी नहीं देखना चाहती है। सामने से मिलो तो इग्नोर कर देती है लेकिन क्या करु।ना कॉल रिप्लाई ना मैसेज रिप्लाई पूरी तरह से इग्नोर।
सूरज- रोने से कुछ काम नहीं होगा पहले अपने आंसू पोंछ फिर मेरी बात ध्यान से सुन, ऐसे कर भाई कुछ चॉकलेट खरीद और सॉरी ग्रीटिंग कार्ड खरीद अभी तू वैसे भी मौसी के घर जाएगा। जाके पलक के रूम में रख देना।
अगर वो एक्सेप्ट करेगी तो तुझे कॉल आएगी और तू उसे कहीं मिलाने के लिए बुला लेना और,
सुनो जो कुछ भी है तेरे मन में उसके लिए अब तू उसे बता दे क्यू कि इसके अलावा कोई और बिकलप नहीं है।
नहीं तो उसे कोई और उड़ा के ले जाएगा तू बस देखता ही रहियो।
मैं- हां यार इस आइडिया में कुछ तो दम लग रही है तेरे।
सूरज- वैसे अच्छा है कौन वो मुझे तो बता दे.जिसके इतने नखरे हैं।
मैं- रिया की क्लास है तुझे मिला दूंगा किसी दिन (सूरज की मैंने नहीं बताया था कि मेरी मौसी की लड़की है)
शायद अब मेरे दिल का बोझ भी कम हो गया था।
सूरज- भाई तूने मुझे पराया कर दिया पर,
मैं- क्यू भाई क्या हुआ अब,
सूरज- जब तुझे कोई समस्या थी तो तूने मुझे क्यों नहीं बताया और रिया को सब कुछ बता दिया जब मैंने पहले मिला था रिया बाद में।
मैं- भाई ऐसा कुछ नहीं है बस मैंने रिया से थोड़ी मदद मांगी थी और फिर उसके ये कोई भी बात नहीं पता है।
सूरज- अच्छा ऐसा है ठीक है देख ये ट्राई कर नहीं तो फिर कोई दूसरा आइडिया निकालूंगा।
और सुन अगर कोई समस्या हुई तो भाई मेरे साथ शेयर कर कोई ना कोई आइडिया जरूर बताता अगर तूने पहले मुझे बताया होता तो आज ये नौबत ना अति।
मैं- हां यार सही कहा मे चुतिया ही हूं।
सूरज- तो भाई घर चलने का टाइम हो गया है।
मैं- हां भाई चल अब रात भी हो रही है।
6 बज गए थे हम पार्क लोग पार्क से निकल आए क्योंकि 7 बजे पार्क बंद हो जाता है।
पार्क से निकलने के बाद सूरज को छोड़ कर गिफ्ट्स शॉप से चॉकलेट्स खरीदे और मौसी के घर पहुंच गया।
मौसी ने गेट खोला,
मौसी- बहुत देर लागा दी कहा चला गया था।
मैं - दोस्त के यहां रुक गया था तभी देर हो गई।
मौसी- भैया तेरे काफी देर से इंतजार कर रहे है।
मैं - भैया है की चले गय।
मौसी- अभी कमरे में ही लेटे है।
तू ऐसा कर हाथ मुहूं धो लें फिर खाना लगा देती हूं भैया तो खा चुका है तू भी खा ले। सुबह से निकले हो तुम दोनो लोग।
मैं - हां मौसी भूख भी लगाने लगीं है। अच्छा मौसी पलक लौट कर नही आई क्या?
मौसी - आई थी बेटा पर किसी दोस्त का फोन आया और चली गई।
मैं- ठीक है मौसी आप खाना दो लेट हो रहा है मै तब तक अपना मोबाईल ले आता हूं चार्जिंग पर लगा हुआ है।
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