• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest वो तो है अलबेला (incest + adultery)

क्या संध्या की गलती माफी लायक है??


  • Total voters
    291

chandu2

Banned
39
294
53
रमन --"वो सिर्फ मेरी है, एक दिन मैं उसे अपना जरूर अपना बनाऊंगा, और उसके लिए मैं क्या क्या कर सकता हूं, ये बात तू अच्छी तरह से जानती है।
Abhay ke pita ko bhi jarur Raman ne hi mara hoga Sandhya ko pane ke liye
 

kamdev99008

FoX - Federation of Xossipians
9,028
35,912
219
बहुत कुछ साफ हो गया....
हमारे सामने ही नहीं... संध्या के सामने भी
अब उसे अहसास हो गया है कि उसने क्या गलती की...
लेकिन अभय से संबन्ध सुधारने की शुरुआत केवल माफी मांगने या रमन, मुनीम को धमकाकर नहीं होगी
इन्होंने जो गलत किया... उसको सुधारकर और गलतियों की सजा देकर ही वो अभय की नजर में दोबारा जिन्दा मौजूद होने का एहसास करा पायेगी

Hemantstar111 भाई अपडेट की गति अगर बढ़ा सकते हो तो ज्यादा बेहतर है
आपकी कहानी और लेखन कला दोनों जबर्दस्त हैं......
बढ़िया सन्तुलन बना रहे हो, सन्ध्या के अतीत और वर्तमान में घटित घटनाओं और मनोस्थिति के बीच
 
560
1,293
124
अंदर का नजारा देखते ही, अभय के हाथ की मीठी में पड़ा वो अमरूद अचानक ही नीचे गिर जाता है।

ना जाने अभय ने अंदर क्या देखा की ....

अभय हड़बड़ा गया, और झट से वो उस दीवार से इतनी तेजी से दूर हुआ, मानो उस दीवार में हजार वॉट का करंट दौड़ रहा हो।
purane update me ye hata kar sahi kiya bhai apne
 

Rekha rani

Well-Known Member
2,452
10,390
159
Nice update,

संध्या ने इस अपडेट में दिखा दिया कि क्यो उसे चुतिया समझा जा रहा है, कमरा बदल कर रोने से, पुरानी बाते याद करने से क्या अभय के दिल पर लगे जख्म भर जाएंगे। सन्ध्या ये सोचने की कोशिस ही नही कर रही अगर वो गलत है तो अब कैसे वो खुद को सही साबित करे । अपने बेटे की नजर में।
रमन और संध्या के बीच जो भी बातचीत हुई उससे सिर्फ ये लगा कि ये दिखाने के लिए हुई कि संध्या ज्यादा नही चूदी है बस एक बार चुदी वो भी निरोध लगाकर।
अब यहाँ भी तीन बाते असमंजस वाली है, जो कहानी में आई है,
रमन और संध्या के अनुसार रमन संध्या के पीछे लंबे संमय से था लेकिन संध्या नही दे रही थी उसे अपनी। फिर कैसे विसवास के साथ रमन ने अभय को समय जगह बिल्कुल ठीक बताया।
कैसे उसे यकीन था कि आज शाम को संध्या मान जाएगी।
संध्या अपने बेटे को भूखा रख कर उस दिन कैसे रमन से चुदने उस कमरे में पहुच गयी वो भी पहली बार जबकि वो तो तैयार ही नही हो रही थी, और हुई भी तो एक इतनी बड़ी ठकुराइन अपने देवर से पहली बार बाहर एक पम्पसेट के कमरे में।
फिर वो खुद कमरे के दरवाजे को लोक कर रही है मुस्कुरा कर। कोनसे एंगल से लगा कि वो सिर्फ रमन का मन रखने को वहाँ आयी है।
अब संध्या जो दिन याद कर रही है अभय ने उसे अपने पास सोने को कहा और वो नही सोई उसके लिए अभय ने जो कारण बताया कि संध्या को किसी और के साथ सोना था, उसका मतलब भी यही होता है अभय ने बहुत बार दोनो को साथ सोते हुए देखा है।
अब हकीकत क्या है या तो संध्या जाने या लेखक महोदय।
 
560
1,293
124
संध्या जेड2"मेरी जिंदगी जहन्नुम बन चुकी है, कुछ भी नही रहा, मैं कुछ भी कर सकती हूं।"
रहा की मैं उसको करने के बाद
संध्या --"अभय कोरे और तेरे रिश्ते के बारे में कैसा पता चला?"
KItne typoo karoge bhai, bahoot typoo dikha aaj ke update mein flow bigadta hai apna

जब से अभय घर छोड़ कर भाग था, उसके बाद से शायद आज संध्या पहेली बार अभय के कमरे में आई थी
Ye line to clear hi kar diya ki "Writer sahab sahi mein chutiya dikha rahe hai maa ke character ko"
अब तक तो मै समझाती थी की, वो मुझसे इसलिए नाराज था या घर छोड़ कर भाग था की, मैं उसे पिटती थी। मगर आज उसके आखिरी शब्द ने वो असलियत बयान कर दी की, वो मुझसे दूर क्यूं भागा ? मेरी जिस्म की आग ने मेरा सब कुछ डूबो दिया। काश मैं उसे समझा पाती की कुछ समय के लिए मैं बहक गई थी। खुद में नही थी। कैसे समझाऊंगी उसे, घिनौना काम तो घिनौना ही होता है चाहे लंबे अरसे का हो या कुछ समय का। हे भगवान.....अब तो मैं उसे अपना मुंह भी दिखाने के लायक नही रही । क्या करूं.... कहां जाऊं।"
Ok ye Sandhya ki soch hai par Writer ki soch nahi honi chahiye kyunki kahani ke hisab se Abhay ke ghar chhod ke jaane ka sabse bada reason hai uske maa ka kam pyaar aur uske parivaar ka galat vyavhaar uske prati, na ki apne devar ke saath sona, Update 20 mein Raman ne Abhay ke dimag apni baaton se bhara tha jisse wo bhaga hai ghar chhod ke
Update 20 - रमन --"देख बेटा, मैं तेरी भलाई के लिए ही बोल रहा हूं। क्यूंकि तू मेरा भतीजा है?तेरी मां ने खुद मुझसे कहा है की, तू उसकी औलाद है जिसे वो पसंद नही करती थी, इसीलिए वो तुझे भी पसंद नही करती। अब देख तू ही बता वो मुझसे प्यार करती है इसीलिए मेरे बेटे अमन को भी खूब प्यार करती है। अगर तुझे फिर भी यकीन नही है तो। 1 घंटे बाद, वो अमरूद वाले बगीचे में अपना जो पंपसेट का कमरा है ना, उसमे आ जाना। फिर तू देख पाएगा की तेरी मां मुझसे कितना प्यार करती है??

रमन --"अरे कैसा संबंध, तुम तो ऐसी बात कर रही हो जैसे हमारा बरसो पुराना प्यार चल रहा हो,। कुत्ते की तरह तुम्हारे पीछे लगा रहता था। कर तुम्हे नही पता की हमारा कितने दिन का संबंध था? बगीचे का वो दिन याद है, क्या बोली थी तुम? निरोध नही है तो नही करेंगे, इसको तुम संबंध कहती हो। फिर उसके बाद उस रात किसी तरह मैंने तुम्हे एक बार फिर मनाया, सोचा रात भर प्यार करूंगा इसके लिए निरोध का पूरा डब्बा ले आया। पर फिर तुमने क्या बोला? हो गया तेरा...अब जा यह से, और थोड़ा बच बचा कर जाना कही अभय ना देख ले। एक पल के अहसास को तुम संबंध कहती हो, साला वो निरोध का डिब्बा आज भी वैसे ही पड़ा है। और तुम संबंध की बात करती हो।"
ललीता --"एक बार किस्मत मेहरबान हुई थी तुम पर, पर क्या हुआ ?? तुम्हारे लंड पर चढ़े उस निरोध ने तुम्हारी भाभी की गर्म और रसभरी चूत का मजा चख लिया, और अब तो तुम्हे उस चूत का मूत भी नसीब होने रहा।"
Raman wale line se kuch baatein clear hoti hai jaise Raman ka aur Sandhya ka SEX jyada hua nahi ya ho sakta hai HUA HI NAHI, aur Laita wale line se baat samajh mein ati hai ki Raman ka sex hua hai lekin wo bhi ek baar, isme dilchasp baat ye janni hogi ki kya Sandhya apne Pati ke rahte huye ye sab karti thi? i dont think ki aisa kuch hoga aur shayad kuch hint bhi us papa wale flashback me ho par aisa to kuch yaad nahi aa raha hai
संध्या --"मैं यहां तुम्हारा बकवास सुनने नही बैठी हूं, और एक बात। उस रात तो अभय घर आया ही नहीं, मतलब उसने हम्बदोनो को बगीचे में ही देखा था।"
Sandhya ki character ko chutiya banaya gaya hai iska matlab Sandhya abhi bhi Abhay ke bachpan ke dard ko samajh nahi paa rahi hai usko lagta hai Abhay uske galat rishte ko leke ghar chhod ke gaya hai, jabki dusre taraf Abhay ke pass bahoot reason hai ghar chhod ke jaane ke, Uska bachpan barbaad hua tha, itne torture jhelne ke baad bhi wo ek baat dil me basaaye the ki uski Maa usse bahoot pyaar karti hai lekin Raman ke baaton mein aane ke baad use aisa lagne lagaki uski ek apni maa bhi jo thi wo ab nahi hai is duniya mein....

Ye to ho gaya Sandhya aur Raman ki bakchodi jo ki jyada khass nahi hai kahani mein bas readers ka man bichlit karne ke liye aise angle bana ke update me diye ja rahe hai :D asli mamla to Jaydaat ka hai maine to pahle bhi bola tha review mein, ghuma fira kar baat jaydaat mein hi ayegi, sawal bahoot se hai dekhna rahega kahani ko aur kis kis angle mein modte hai hamare writer sahab
 

Lucky..

“ɪ ᴋɴᴏᴡ ᴡʜᴏ ɪ ᴀᴍ, ᴀɴᴅ ɪ ᴀᴍ ᴅᴀᴍɴ ᴘʀᴏᴜᴅ ᴏꜰ ɪᴛ.”
6,653
25,317
204
Ohh! Good..chalo achha hai ab sandhya ko pata chala ki uska bete ne uski kartut dekh li hai.. Sandhya ko ab thoda dimang ka upyog kar ke pata lagana chahiye ki woh abhay par itna gussa,marpit, kyu karti thi.

Or uss chutiye aman ki baate chun kar abhay ko harbar marne kyu lagti thi..khana bhi nahi deti thi.. itna julm kyu karti thi..? Aise har sawal khud se kar ke unka jawab dhudhna hoga.. usse sab pata lagana chahiye ki woh kitni galat hai. Abhay ki baat bina chune hi use saza deti rehti thi.

Ye sab clear hoga tab kahi jake abhay ko manane ka rasta mile sandhya ko.

Super update.
 
Top