शक का अंजाम
PART 3
UPDATE 41
मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 41. ) ( New-5)
2000 हजार रुपए देखकर काजल खुश हो जाती है। और कहती है कि बताओ क्या करना है। नीरज काजल को उसका रोल समझा देता है और काजल को वॉशरूम भेज देता है दूसरी ओर नीरज प्रशांत को नीरू के नम्बर से फोन लगता है।
नीरू का फोन देखकर प्रशांत की दिल की धडकने बढ़ जाती है। उसे नीरू के साथ उसने जो सलूक किया था उसका अफसोस भी हो रहा था;
प्रशांत : हैलो नीरू, वो जो तुमसे कहा था उसके लिए सॉरी
नीरज : यार मैं नीरज बोल रहा हूं वो नीरू ने कहा था कि तुमसे बात कर ले;
प्रशांत : क्या नीरू आपके घर पर है।
नीरज : हां नीरू मेरे ही साथ है। ऋतु की तबियत आज सही नहीं थी बडी मुश्किल से वो सोई है। इसलिए मैंने नीरू को रोक लिया था। वैसे नीरू ने खुद ही मुझसे कहा था रूकने के लिए। मुझे मालूम है कि तू मेरी बात पर भरोसा नहीं करेगा। इसलिए इसीलिए नीरू के फोन से तुझसे बात कर रहा हूं। अब तुझे कुछ और सुनाता हूं तो फोन पर ही बने रहना। इसके बाद नीरज नीरू हकीकत में जो काजल थी उसे आवाज लगता है। नीरू नीरू यार कितना टाइम लगाओगी जल्दी आओ।
काजल : जी आई जीजाजी काजल की आवाज नीरू से बहुत मिलती थी जिसे सुनकर प्रशांत भी चौक जाता है।
नीरज : यार जल्दी आ मुझसे अब सब्र नहीं हो रहा है।
काजल : लो आ गई, यहां से काजल को नीरू ही लिखूंगा क्योंकि इस समय प्रशांत नीरज को नीरू के साथ इमेजिन कर रहा है प्रशांत सोचता हैै कि इस समय नीरज और नीरू रूम में अकेले हैं। ऋतु दूसरे कमरे में सो रही है।
नीरज: यार नीरू अब सहन नहीं होता एक बार तेरी चुदाई की थी अब मन नहीं मान रहा आज तो तेरी चुदाई करने का बहुत मन हो रहा है।
नीरू : जीजाजी मन तो मेरा भी हो रहा है लेकिन क्या करूं पेट में बच्चा है और यदि हमारी चुदाई के चलते उसे कुछ हो गया तो बहुत गडबड हो जाएगी।
नीरज : यार बच्चा बच्चा एक काम कर तू ये बच्चा गिरा दे मैं तुझे फिर पेट से कर दूंगा।
नीरू : नहीं जीजाजी ये प्रशांत के प्यार की निशानी है और फिर मेरा सातवां महीना चल रहा है अब तो इसे गिरा भी नहीं सकते।
नीरज : यानी अभी दो तीन महीने मुझे और रूकना पडेगा। तब तक क्या करूं?
नीरू : जीजाजी आपका काम मैं जैसे चला रही हूं वैसे ही चला देती हूं।
नीरज : यार खाली लंड चुसाई से मजा नहीं आता;
नीरू : तो क्या करूं जीजाजी जिससे आपको मजा आए और आपकी तस्सली हो जाए ?
नीरज एक काम कर तो अपने पूरे कपडे उतार कर नंगी हो जा उसके बाद तू मेरा लंड चूसकर उसका पानी निकाल दे।
नीरू : अरे कपडे उतारने की क्या जरूरत है मैं आपका लंड वैसे ही चूस देती हूं।
नीरज : नहीं यार तुझे नंगा कर तुझसे लंड चुसवाने में मजा ही अलग है।
नीरू : आप भी ना जीजाजी अपनी ही चलाते हैं।
नीरज : यार अपनी कहां चला पाया। यदि अपनी चलाता तो तेरे पेट में प्रशांत का नहीं मेरा बच्चा होता।
नीरू : ये तो किस्मत वाली बात है। जिसने मुझे धोखा दिया और जो मेरे चरित्र पर शक करता है आज मेरे पेट में उसी का बच्चा है। और जो मुझे प्यार करता है वो बेचारा मुंह लटकाए बैठा है।
नीरज : चिंता मत कर प्रशांत का बच्चा तू पैदा कर लें उसके बाद मैं तुझे फिर से प्रेंगनेंट कर दूंगा। मेरा बच्चा पैदा करेगी ना।
नीरू : जीजाजी आप मुझे चाहे जब प्रेगनेंट कर देना लेकिन बच्चा तभी पैदा करूंगी जब किसी से शादी हो जाएगी।
नीरज : तो बता कब शादी करनी है।
नीरू : नहीं जीजाजी एक बार शादी करके देख लिया है अभी कुछ साल तो आजादी की जिंदगी जिउंगी उसके बाद देखूंगी;
नीरज : इसका मतलब मैं तुझे तभी प्रेंगनेट कर पांउंगा।
नीरू : जीजाजी प्रेगनेंट तो आप मुझे चाहें जब कर देना लेकिन मैं बच्चा पैदा तभी करूंगा जब मेरी किसी से शादी होगी यदि आप प्रेगनेंट कर भी देते हैं तभी भी मैंअबॉर्शन करवा लूंगी।
नीरज : चल अब बात बहुत हो गई अपनी साडी उतार
नीरू सबसे पहले अपनी साडी उतारती है, फिर अपने ब्लाउज के बटन खोलती है और ब्लाउज उतार देती है। फिर वो अपने पेटेकोट का नाडा खींचकर खेाल देती है और पेटीकोट जमीन पर गिर जाता है।
नीरज : यार प्रेग्नेट होने से तेरा पेट फूला हुआ है और तू इसमें और भी सेक्सी लग रही है और तू ब्रा पेंटी में भी बहुत खूबसूरत लगती है।
नीरू : ठीक है तो इसे रहने देते हैं;
नीरज : नहीं जल्दी से इसे भी उतार
नीरू : आप मानेंगे नहीं लो मैंने ब्रा उतार दी . और हुक खुलने की आवाज आती है और नीरू फिर अपना हाथ लेकर जाकर ब्रा की हुक खेाल देती है और ब्रा आगे से निकाल देती है। अब नीरू की चूचियां हवा में उछलने लगती है।
नीरज : यार तेरे बूब्स तो अब पहले से बहुत बड़े हो गए हैं ..
नीरू : हाँ बेबी के लिए दूध त्यार हो रहा है
नीरज : और मुझे कब मिलेगा
नीरू : आप को मैंने कब रोका है ,, जब तक बेबी नहीं आता तब तक आप ही पी लो
और नीरज उसकी बूब सहलाने लगता है और साथ साथ नीरू कराहती है . आह पफ ''आआआआअहहssssssssssssssssssssssssssssss .......... उम्म्म्मममममम...''
उसकी सुलगती हुई सी आवाज़ ने प्रशांत पागल हो गया .. उसका मन किया वो फोन बंद कर दे पर वो फिर भी चुप चाप सुनता रहा ..और उधर नीरज ने अपना मुँह सीधा उसके मुम्मों पर रख दिया और उसकी निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा.. और चपड़ चपड़ की आवाजे आने लगती हैं
''ऊऊऊऊऊऊओह मैं ................ माई डार्लिंग .................. उम्म्म्मममममममम......''
उसकी जीभ जैसे चुभ सी रही थी नीरू को....उसने ज़बरदस्ती अपना एक मुम्मा नीरज के मुँह में ठूसा और ज़ोर से चिल्लाई .. : आअह्हह्ह्ह्ह .... जीजा जी बाईट मत करो ...... चूसो इनको ...............'' कुछ देर ऐसे ही नीरू की कराहे फ़ोन पर गूंजती रही और फिर नीरज की आवाज आयी
नीरज: नीरू तुम्हारी पेंटी कौन उतारेगा .. काहलो मैं ही आगे आ में ही उतार देता हूँ और नीरज नीरू की पेंटी में दोनों तरह अपनी उंगली डालता है और उसे उतार देता है। और जोर से योनि के ऊपर चूमता है ।
नीरू : आराम से उतारो जीजा जी मैं कहीं गिर न जाऊ जीजाजी आप बहुत बदमाश हो। मुझे नंगा कर दिया और अभी आप नंगे नहीं हुए हैं;
नीरज : अरे सिर्फ अंडरवियर ही तो है वो भी उतार देता हूं लो उतार दिया। ठीक है अब जरा पहले अपने होठों का जाम तो पिला दो
फिर नीरज अपने होठ नीरू के होठ पर रख देता है दोनों के बीच होठ किसिंग शुरू हो जाती है। नीरज जान भूझ कर जोर से आवाज करते हुए चूमता है ताकि ये आवाजे प्रशांत सुन सके .. पांच मिनिट बाद दोनों अलग होते है।
नीरज: नीरू तुम अलग क्यों हो गयी ,, अभी तो मजा आना शुरू ही हुआ था .. तेरी किस बहुत मीठी है .. नीरू अब तू सोफे पर ले जा पहले तुझे प्यार करूंगा
फिर नीरज नीरू के पूरे बदल को चूमने चाटने लगता है और फिर नीरू की चूचियों को हाथों में भरकर दबाने लगा है
नीरू : जीजाजी धीमे दबाईयें वैसे भी इसमें अभी दूध नहीं आएगा।
नीरज नीरू की चूचियां धीरे धीरे दबाना शुरू कर देता है। नीरू कसमसाने लगती हैं और ऊऊऊऊऊऊओह की सिसकारियां भरने लगी।
नीरू : प्लीज जीजाजी इसे चूसो खा जाओ इन्हें जीजू चूसो ना आज आप अपनी साली को अपनी बीबी बना लो।
नीरज भी भी जोश में आ गया और मैंने उसके एक निप्पल को मुँह में भर कर दम से उसे चूसने लगा। और नीरू कामुकता से 'उम्म्ह अहह हय याह की आवाजें निकालने लगी। चूचियों में अभी दूध नहीं आ रहा था। लेकिन नीरज एक लेफ्ट चूची को चूसता तो कभी राइट चूची को।
इसी बीच नीरू बोले जा रही थी-
नीरू: आह जीजू इन्हें चूसो, नोंचो इन्हें आह मज़ा आ रहा है। इन्हें निचोड डलो। कुछ दिन बाद इनमं से दूध भी आएगा।
नीरज नीरू के मम्मों को पीता रहा। करीब 15 मिनट बाद वो झड़ गई।
नीरज : तुम्हारा काम हो गया अब मेरा काम शुरू करो।
नीरू : बिल्कुल जीजाजी आपका पानी दस मिनिट में निकाल दूँगी ।
उसके बाद नीरू ने नीरज का लंड पकड़ लिया लंड खड़ा था और इस अवस्था में वो काफ़ी बड़ा हो गया था।
नीरज : क्यों साली साहिबा अब क्या इरादा है इसे देखती ही रहोगी कि प्यार भी करोगी।
नीरू : इसी के लिए तो आज अपके घर पर रूकी हंू जीजूजी मेरे जानू.
नीरज: तो फिर देर क्यो कर रही है : चूसो ना!
नीरू : इतना बड़ा लंड मेरे मुंह में नहीं जाएगा।
नीरज : क्यों प्रशांत का लंड चूसती नहीं थी क्या
नीरू : नहीं उसका लंड कभी नहीं चूसा, आप जबरदस्ती करते हैं इसलिए आपसे मना नहीं कर पाती।
नीरज : अच्छा जी तो आपको अच्छा नहीं लगता।
नीरू : मुस्कराकर अच्छा लगता है इसलिए तो मना नहीं करती। वैसे ये हैं भी बहुत बड़ा आसानी से मुंह में नहीं जाता।
नीरज : चूसो तो, जितना आएगा उतना चूसो फिर तो ये अपनी जगह अपने आप बना लेगा।
नीरू घुटनों के बल बैठ जाती है और नीरज का लंड चूसने लगती है। वो नीरज का लंड ऐसे चूस रही थी जैसे कोई रंडी हो।
नीरज : हां ऐसे ही नीरू और अंदर लो उम्म्ह अहह हय याह, उम्म्ह अहह हय याह, नीरू ऐसे ही और तेज, और नीरज अपना हाथ नीरू के सिर के पीछे ले जाता है और लंड को मुंह के ओर अंदर डाल देता है और तेजी से नीरू का मुंह चोदने लगता है। थेाडी देर बाद नीरज का पानी निकाल जाता है और वो अपना लंड नीरू के मुंह से बाहर खींच लेता है। नीरू जमीन पर बैठकर खांसने लगती हैं।
नीरू : जीजाजी आप भी पूरा जानवर बन जाते हैं।
नीरज : याद सब्र नहीं रहा, एक लाम क्र तू अपना मुंह साफ कर ले और आराम कर तेरे पेट में अभी बच्चा हैं।
नीरू : ठीक है आप भी दीदी के कमरे में जाईये
नीरज: दीदी के कमरे में नहीं आज तेरे साथ ही साउंगाँ
नीरू : नेवर आप अभी मेरे साथ नहीं सोएंगे
नीरज : तो कब मुझे अपने साथ सुला रही हो
नीरू : जब वक्त आएगा, लेकिन अभी आप जाइए।
नीरज : यार मैं बेडरूम में नहीं ड्राइंगरूम में हूं।
नीरू : ठीक है तो में बेडरूम में जा रही हूं। और नीरू चली जाती है।
नीरज : हैलो प्रशांत फोन पर हो
दूसरी ओर प्रशांत भी अपने सपनों की दुनिया से बाहर आता है उसकी रुलाई फूट पडती है।
प्रशांत : नीरज जी आप नीरू को क्यो बर्वाद कर रहे हैं।
नीरज : बर्वाद कहां कर रहा हूं मैं तो सिर्फ उसे प्यार कर रहा हूं। बहुत जल्दी ही उसकी चुदाई भी करूंगा। जब तक तू यहां आएंगा नीरू की किसी और से शादी भी करवा दूंगा और उसके पेट में मेरा बच्चा पल रहा होगा। उस दिन मेरा सपना पूरा हो जाएगा।
जारी रहेगी