• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest शक का अंजाम

आप कैसा अंत चाहते हैं इस कहानी का ?

  • सुखद

    Votes: 12 100.0%
  • दुखद

    Votes: 0 0.0%
  • अन्य और क्या और कारण

    Votes: 0 0.0%

  • Total voters
    12
  • Poll closed .

aamirhydkhan

Active Member
822
1,640
124
शक का अंजाम - by pratima kavi

यह कहानी हैं एक लड़के प्रशांत की। आप उसी के नज़रिये से यह कहानी पढिये।
दोस्तो ये कहानी मैंने अन्यत्र पढ़ी अच्छी लगी इसीलिए इस कहानी को मैं यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ असली लेखक के बारे में पता नहीं चला .. किसी को पता हो तो जरूर कमेंट कीजियेगा ..

परिचय
प्रशांत २३ साल का नौजवांन माँ बाप का इक्लौता लड़का और गर्ल फ्रेंड बनाने के चक्कर में कभी नहीं पड़ा क्योंकि बहुत शर्मीला है । कॉलेज ख़त्म होते ही पास के बड़े शहर में जॉब लग गयी और माँ बाप का घर छोड़ कर नए शहर में रहने लगा।

नीरू- प्रशांत की पत्नी खूबसूरत फिगर एकदम पेरफ़ेक्ट। चुलबुली, बब्बली सी लड़की अपनी शरारत और नटखटपन नहीं भूली थी

ऋतु नीरू की बड़ी दीदी है। ऋतु दीदी निरु से ७ साल बड़ी हैं और उनकी शादी करीब ६-७ साल पहले नीरज जी से हुयी थी।

नीरज ऋतु दीदी के पति है।


INDEX




Update 1update 2update 3update 4update 5
update 6update 7update 8update 9update 10
Update 11update 12update 13update 14update 15
update 16update 17update 18update 19update 20

Update 21update 2 2update 23update 24update 25
update 26update 27update 28update 29update 30
Update 31update 32update 33update 34update 35
update 36
PART III
update 37
update 38
page 17
update 39
page 19
update 40



Update 41update 42update 43update 44update 45
update 46update 47update 48update 49update 50
Update 51update 52update 53update 54update 55
 
Last edited:

aamirhydkhan

Active Member
822
1,640
124
शक का अंजाम

PART 3

UPDATE 47

मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 47. ( New-11).

कुछ देर बाद ऋतू फिर नीरू को फ़ोन करती है ..

नीरू : हां दीदी कैसे फोन किया।

ऋतु : अभी तू क्या कर रही है।

नीरू : कुछ नहीं दीदी आफिस निकली हूं। निशंक को क्रेच में छोडूंगी और फिर आफिस जाउगी।

ऋतु : एक काम कर मैं तेरे घर पहुंच रही हूं। तू मुझे अपने ही घर मिल और छोटू को भी तू घर ही ले आ।

नीरू: क्या बात है आफिस के लिए फिर लेट हो जाउंगी।

ऋतु : तू आफिस बोल दे कि तेरी तबियत ठीक नहीं हैं। तू आज नहीं आ पाएगी।

नीरू : इतनी जरूरी क्या बात है दीदी जो आप मुझसे आफिस की छुटï्टी की बात कर रही है।

ऋतु : देख नीरू तेरी जिंदगी के बारे में ही ये बात है और बहुत बडी बात है इसलिए तुझसे कह रही हूं तू घर पहुंच मैं भी आ रही हूं। और ऋतु फोन काट देती है।

नीरू : ऐसी क्या बात है जो दीदी मुझसे आज आफिस जाने के लिए मना कर रही है। आज तक तो ऐसा नहीं हुआ था। वो मेरे घर पर भी आ रही है जरूर कोई बहुत बडी बात होगी। और नीरू अपने घर वापस आ जाती है। थोडी ही देर बाद ऋतु भी आ जाती है।

नीरू : क्या बात है दीदी कोई बुरी खबर तो नहीं है।

ऋतु : लम्बी सांस भरते हुए, बुरी नहीं बहुत बुरी खबर है।

नीरू : चिंतित होते हुए, क्या बात है दीदी

ऋतु : मैं नीरज को जितना कमीना समझती थी वो उससे भी ज्यादा कमीना है। वो तेरी जिंदगी को बर्बाद करने पर तुला है।

नीरू : अब वो क्या मेरी जिंदगी बर्बाद करेंगे मैं अब न तो उन पर भरोसा करती हूं और न ही उनसे बात ही करती हूं।

ऋतु : लेकिन नीरज तेरे लिए पागल है,

नीरू : क्या आप क्या कह रही हैं।

ऋतु : नीरज अभी भी चाहता है कि तुम उसके साथ संबंध फिर से बना लो।

नीरू : आप पागल तो नहीं हो गई दीदी जो इस तरह की बातें कर रही हैं। प्रशांत भी इसी तरह की बातें करता था।

ऋतु : प्रशांत जो बोलता था उसके पीछे कोई कारण होता था।

नीरू : क्या बोल रही हो आप मतलब वो मुझ पर शक करता था और आप कह रही हैं कि प्रशांत के पास इसके कारण थे।

ऋतु : हां, मैं सही कह रही हूं। प्रशांत तुझ पर शक करता था तो इसके पीछे कारण भी था।

नीरू ऋतु को गुस्से से देखते हुए अब आप भी मुझ पर शक कर रही हैं।

ऋतु : नहीं मैं तुझ पर कोई शक नहीं कर रही। मुझे मालूम है एक घटना को छोड दिया जाए जो स्टेप तूने नीरज के भरोसे और गुस्से में उठाया था। उसके अलावा तूने कभी भी कोई गलत काम नहीं किया है। और मुझे ये भी मालूम है तुझे अपनी उस गलती का आज भी पछतावा है।

नीरू : तो फिर आप प्रशांत की तरफदारी क्यो कर रही हैं।

ऋतु : यदि तू सुनेगी तो तू भी कहेंगी कि शायद प्रशांत गलत नहीं था।

नीरू : क्या, ऐस क्या है जो आप मुझे बताना चाहती है।

ऋतु : एक बात बता तेरा फोन जब खराब हुआ था तो उसमें तेरी सिम भी लगी थी ना।

नीरू : हां लगी थी लेकिन वो खराब हो गई थी। मैं खुद उसे बदलवाने गई थी। लेकिन आईडी प्रशांत की थी इसलिए मुझे सिम बदलना पडी थी।

ऋतु : तेरी सिम कहीं भी खराब नहीं हुई थी। वो बिल्कुल सही थी।

नीरू : आप कैसी बातें कर रही हैं। मैने खुद अपने हाथों से उस सिम को बदलवाने की कोशिश की थी। उसे दो तीन फोन में भी लगाके देखा था वो किसी फोन में काम नहीं कर रही थी। और आप कह रही हैं वो सिम सही थी।

ऋतु : मैं ये नहीं कर रही कि जो सिम तेरे पास थी वो सही थी। मैं ये कह रही हूं कि तेरी सिम सही थी।

नीरू : आप पहेलिया बुझा रही हो।

ऋतु : एक काम कर अपने फोन से उस नम्बर को डायल कर तेरी सारी गलत फहमिया दूर हो जाएंगी।

नीरू : ठीक है अभी करती हूं और नीरू अपना ही पुराना नम्बर डायल करती है। उसे ये देखकर झटका लगता है जब फोन रिंग होने लगता है और आवाज ऋतु के बैग के अंदर से आ रही थी।

ऋतु : चौंक क्यो रही है, ये ही बात मैं तुझे बता रही हूं तुझे जो सिम दी गई थी वो खराब थी और वो सिम तेरी थी भी नहीं। बल्कि तेरी सिम को बदल दिया गया था।

नीरू : लेकिन ये किया किसने

ऋतु : सिर झुकाते हुए नीरज ने

नीरू : क्या जीजाजी ने लेकिन क्यो

ऋतु : ताकि प्रशांत तुझसे बात न कर पाए।

नीरू : जीजाजी ऐसा भी कर सकते हैं !

ऋतु : तो तू ही बता तेरे सिम कार्ड का इस्तेमाल वो क्यो कर रहे थे। और ये फोन वो हमेशा स्विच आफ क्यो रखते हैं। यदि इसकी जरूरत नहीं है तो ये आज भी क्यो चल रहा है। और सबसे बडी बात ये कि इस फोन से सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया जाता है।

नीरू : धबराते हुए किसको दीदी

ऋतु : प्रशांत को

नीरू : क्या

ऋतु : हां, और उसे ये बताया जाता है कि तू नीरज के पास हैं क्योकि इस फोन से प्रशांत से बात नीरज ही करता होगा।

नीरू लेकिन आप ये दावा कैसे कर सकती हैं कि नीरज प्रशांत से ही बात करता होगा।

ऋतु : मुझे भी पहले इस पर डाउट था। तो मैंने अविनाश से बात की। वैसे वो इस समय इंग्लैंड में हैं।

नीरू : अविनाश कौन वो जीजाजी का दोस्त

ऋतु : नीरज का दोस्त नहीं बल्कि मतलब का यार

नीरू : कुछ भी समझ लो लेकिन वो था तो जीजाजी का दोस्त ही। मुझे भी वो बहुत ही गंदा आदमी लगता था। आप कैसे उसे अपने घर आने देती थीं। मुझे तो वो बहुत गलत आदमी लगता था।

ऋतु : हां वो आदमी ही गलत था।

नीरू : तो फिर आपने उससे क्यो बात की।

ऋतु : क्योंकि उसके रिश्तेदार यहां फोन कंपनी में थे। उसकी मदद से मैं इस फोन की डिटेल निकलवाई थी। और जानती हो फोन की डिटेल में क्या आया।

नीरू : घबराते हुए क्या

ऋतु : नीरज ने सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया था और वो भी महीने में दो तीन बार वो और व्यक्ति था प्रशांत। अब तू खुद समझ सकती है तेरे नम्बर से नीरज यदि प्रशांत से बात कर रहा होगा तो वो प्रशांत से क्या बात कर रहा होगा।

नीरू : दीदी वो कुछ और भी तो बात कर सकते हैं। लेकिन अब नीरू भी समझ रही थी कि उसके साथ बहुत बडृा खेल हो चुका है।

ऋतु : मुझे भी ये लगा शायद नीरज तुम दोनों को मिलाने की कोशिश कर रहा हो। लेकिन जिस तरह से प्रशांत तुझ पर भडका था उससे साफ लग रहा था नीरज प्रशांत को समझा नहीं रहा था उसे भडका रहा था। और इसका भी मेरे पास सबूत है।

नीरू की आंखों में अब आंसू आ जाते हैं और वो कहती है क्या

ऋतु: मैने अविनाश से कहकर तेरा ये नम्बर टेप करवाया था। और अब जो रिकार्डिग मिली है। वो तू खुद सुन ले। और फिर ऋतु अपने फोन में से एक ओडियो स्टार्ट कर देती हैं। ये ऑडियो नीरज और काजल की चुदाई का था। जिसमें काजल नीरू का रोल प्ले कर रही थी। ओडियो सुनकर नीरू का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस ओडिया को सुनकर ये ही समझेगा कि नीरज और नीरू चुदाई कर रहे हैं।

ऋतु : अब तू बता प्रशांत पर क्या बीतती होगी। डेढ साल से वो इसी को झेल रहा है और इसका सबूत है तेरे फोन की पिछले एक साल की ये डिटेल और प्रशांत के फोन की भी मैने डिटेल निकलवाई हैं। अपने फोन से भी उसने कई बार प्रशांत से बात की है। प्रशांत ने सब कुछ किया लेकिन एक काम नहीं किया।

नीरू : रोते हुए क्या

ऋतु : तू खुद ही प्रशांत की व्हाटऐप चेट पढ कर देख ले। प्रशांत ने ही मुझे ये सब रिकॉर्डिंग भेजी है और मैंने अविनाश की मदद से इसकी पुष्टि भी करवा ली है..

नीरू : ये कब ही है

ऋतू : नीरू कब तुम्हारी प्रैगनेंसी अंतिम समय पर चल रही थी ये उसी समय की रिकॉर्डिंग है । मुझे बार बार शक होता था क्योंकि जब नीरू की डिलेवरी का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा था वैसे वैसे प्रशांत नीरज को बहुत बहुत ज्यादा करने लगा था । नीरज प्रशांत से बात मुझ से छिपकर करता था इसलिए जब भी प्रशांत का फोन आता तो वो फोन लेकर कभी छत पर तो कभी लॉबी में चला जाता था। फोन में पासवर्ड लगाकर लॉक करने लगा था।

इससे पहले तो मुझे लगा कि नीरज की जिंदगी में कोई दूसरी लडकी आ गई है। मैं नीरज के फोन तक पहुंचना चाहती थी इसलिए मैंने नीरज के फोन को अविनाश की सहायता से ट्रैक करवाया । लेकिन अविनाश ने बताया की किसी लड़की के साथ ऐसे कोई ख़ास चककर नहीं है तो उस समय मैं उसे भूल गयी और रिकार्डिंग अविनाश से नहीं ली । लेकिन जब प्रशांत ने मुझे नीरज की सभी रिकर्डिंग भेजी तो मुझे भी याद आया की मैंने भी उसका फ़ोन टेप करवाया था और फिर जब मुझे ये पता चला कि नीरू का पुराणा फोन नम्बर भी एक्टिव है तो मैंने नीरू तुम्हारे पुराने के फोन की भी डिटेल निकलवा ली। और फिर ऋतू रोने लगती है ..

नीरू जैसे ही उसे खोलकर देखती है उसके आंखों से भी आंसू और तेजी से बहने लगते हैं। क्योंकि प्रशांत ने नीरज से कई बार रिक्वेस्ट की थी कि उसे उसके बच्चे का फोटो भेज दे। नीरज ने एक फोटो भेजा भी था लेकिन वो किसी और के बच्चे का था। नीरू की समझ में पूरी पिक्चर क्लीयर होती चली जाती है। लेकिन फिर वो ऋतु से पूछती है। दीदी ये अविनाश तो जीजा का दोस्त है फिर आपकी इतनी मदद क्यो कर रहा है।

ऋतु : वो मैंने उससे कई बार रिक्वेस्ट की तो ।

नीरू : सच सच बताईए दीदी कुछ तो गडबड है। आप मुझसे छिपा रही है। मैं अविनाश की फितरत से बाकिफ हूं। उसके बारे में मैंने बहुत कुछ सुना था।

जारी रहेगी
 
Last edited:

Shetan

Well-Known Member
14,403
38,171
259
शक का अंजाम

PART 3

UPDATE 47

मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 47. ( New-11).

कुछ देर बाद ऋतू फिर नीरू को फ़ोन करती है ..

नीरू : हां दीदी कैसे फोन किया।

ऋतु : अभी तू क्या कर रही है।

नीरू : कुछ नहीं दीदी आफिस निकली हूं। निशंक को क्रेच में छोडूंगी और फिर आफिस जाउगी।

ऋतु : एक काम कर मैं तेरे घर पहुंच रही हूं। तू मुझे अपने ही घर मिल और छोटू को भी तू घर ही ले आ।

नीरू: क्या बात है आफिस के लिए फिर लेट हो जाउंगी।

ऋतु : तू आफिस बोल दे कि तेरी तबियत ठीक नहीं हैं। तू आज नहीं आ पाएगी।

नीरू : इतनी जरूरी क्या बात है दीदी जो आप मुझसे आफिस की छुटï्टी की बात कर रही है।

ऋतु : देख नीरू तेरी जिंदगी के बारे में ही ये बात है और बहुत बडी बात है इसलिए तुझसे कह रही हूं तू घर पहुंच मैं भी आ रही हूं। और ऋतु फोन काट देती है।

नीरू : ऐसी क्या बात है जो दीदी मुझसे आज आफिस जाने के लिए मना कर रही है। आज तक तो ऐसा नहीं हुआ था। वो मेरे घर पर भी आ रही है जरूर कोई बहुत बडी बात होगी। और नीरू अपने घर वापस आ जाती है। थोडी ही देर बाद ऋतु भी आ जाती है।

नीरू : क्या बात है दीदी कोई बुरी खबर तो नहीं है।

ऋतु : लम्बी सांस भरते हुए, बुरी नहीं बहुत बुरी खबर है।

नीरू : चिंतित होते हुए, क्या बात है दीदी

ऋतु : मैं नीरज को जितना कमीना समझती थी वो उससे भी ज्यादा कमीना है। वो तेरी जिंदगी को बर्बाद करने पर तुला है।

नीरू : अब वो क्या मेरी जिंदगी बर्बाद करेंगे मैं अब न तो उन पर भरोसा करती हूं और न ही उनसे बात ही करती हूं।

ऋतु : लेकिन नीरज तेरे लिए पागल है,

नीरू : क्या आप क्या कह रही हैं।

ऋतु : नीरज अभी भी चाहता है कि तुम उसके साथ संबंध फिर से बना लो।

नीरू : आप पागल तो नहीं हो गई दीदी जो इस तरह की बातें कर रही हैं। प्रशांत भी इसी तरह की बातें करता था।

ऋतु : प्रशांत जो बोलता था उसके पीछे कोई कारण होता था।

नीरू : क्या बोल रही हो आप मतलब वो मुझ पर शक करता था और आप कह रही हैं कि प्रशांत के पास इसके कारण थे।

ऋतु : हां, मैं सही कह रही हूं। प्रशांत तुझ पर शक करता था तो इसके पीछे कारण भी था।

नीरू ऋतु को गुस्से से देखते हुए अब आप भी मुझ पर शक कर रही हैं।

ऋतु : नहीं मैं तुझ पर कोई शक नहीं कर रही। मुझे मालूम है एक घटना को छोड दिया जाए जो स्टेप तूने नीरज के भरोसे और गुस्से में उठाया था। उसके अलावा तूने कभी भी कोई गलत काम नहीं किया है। और मुझे ये भी मालूम है तुझे अपनी उस गलती का आज भी पछतावा है।

नीरू : तो फिर आप प्रशांत की तरफदारी क्यो कर रही हैं।

ऋतु : यदि तू सुनेगी तो तू भी कहेंगी कि शायद प्रशांत गलत नहीं था।

नीरू : क्या, ऐस क्या है जो आप मुझे बताना चाहती है।

ऋतु : एक बात बता तेरा फोन जब खराब हुआ था तो उसमें तेरी सिम भी लगी थी ना।

नीरू : हां लगी थी लेकिन वो खराब हो गई थी। मैं खुद उसे बदलवाने गई थी। लेकिन आईडी प्रशांत की थी इसलिए मुझे सिम बदलना पडी थी।

ऋतु : तेरी सिम कहीं भी खराब नहीं हुई थी। वो बिल्कुल सही थी।

नीरू : आप कैसी बातें कर रही हैं। मैने खुद अपने हाथों से उस सिम को बदलवाने की कोशिश की थी। उसे दो तीन फोन में भी लगाके देखा था वो किसी फोन में काम नहीं कर रही थी। और आप कह रही हैं वो सिम सही थी।

ऋतु : मैं ये नहीं कर रही कि जो सिम तेरे पास थी वो सही थी। मैं ये कह रही हूं कि तेरी सिम सही थी।

नीरू : आप पहेलिया बुझा रही हो।

ऋतु : एक काम कर अपने फोन से उस नम्बर को डायल कर तेरी सारी गलत फहमिया दूर हो जाएंगी।

नीरू : ठीक है अभी करती हूं और नीरू अपना ही पुराना नम्बर डायल करती है। उसे ये देखकर झटका लगता है जब फोन रिंग होने लगता है और आवाज ऋतु के बैग के अंदर से आ रही थी।

ऋतु : चौंक क्यो रही है, ये ही बात मैं तुझे बता रही हूं तुझे जो सिम दी गई थी वो खराब थी और वो सिम तेरी थी भी नहीं। बल्कि तेरी सिम को बदल दिया गया था।

नीरू : लेकिन ये किया किसने

ऋतु : सिर झुकाते हुए नीरज ने

नीरू : क्या जीजाजी ने लेकिन क्यो

ऋतु : ताकि प्रशांत तुझसे बात न कर पाए।

नीरू : जीजाजी ऐसा भी कर सकते हैं !

ऋतु : तो तू ही बता तेरे सिम कार्ड का इस्तेमाल वो क्यो कर रहे थे। और ये फोन वो हमेशा स्विच आफ क्यो रखते हैं। यदि इसकी जरूरत नहीं है तो ये आज भी क्यो चल रहा है। और सबसे बडी बात ये कि इस फोन से सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया जाता है।

नीरू : धबराते हुए किसको दीदी

ऋतु : प्रशांत को

नीरू : क्या

ऋतु : हां, और उसे ये बताया जाता है कि तू नीरज के पास हैं क्योकि इस फोन से प्रशांत से बात नीरज ही करता होगा।

नीरू लेकिन आप ये दावा कैसे कर सकती हैं कि नीरज प्रशांत से ही बात करता होगा।

ऋतु : मुझे भी पहले इस पर डाउट था। तो मैंने अविनाश से बात की। वैसे वो इस समय इंग्लैंड में हैं।

नीरू : अविनाश कौन वो जीजाजी का दोस्त

ऋतु : नीरज का दोस्त नहीं बल्कि मतलब का यार

नीरू : कुछ भी समझ लो लेकिन वो था तो जीजाजी का दोस्त ही। मुझे भी वो बहुत ही गंदा आदमी लगता था। आप कैसे उसे अपने घर आने देती थीं। मुझे तो वो बहुत गलत आदमी लगता था।

ऋतु : हां वो आदमी ही गलत था।

नीरू : तो फिर आपने उससे क्यो बात की।

ऋतु : क्योंकि उसके रिश्तेदार यहां फोन कंपनी में थे। उसकी मदद से मैं इस फोन की डिटेल निकलवाई थी। और जानती हो फोन की डिटेल में क्या आया।

नीरू : घबराते हुए क्या

ऋतु : नीरज ने सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया था और वो भी महीने में दो तीन बार वो और व्यक्ति था प्रशांत। अब तू खुद समझ सकती है तेरे नम्बर से नीरज यदि प्रशांत से बात कर रहा होगा तो वो प्रशांत से क्या बात कर रहा होगा।

नीरू : दीदी वो कुछ और भी तो बात कर सकते हैं। लेकिन अब नीरू भी समझ रही थी कि उसके साथ बहुत बडृा खेल हो चुका है।

ऋतु : मुझे भी ये लगा शायद नीरज तुम दोनों को मिलाने की कोशिश कर रहा हो। लेकिन जिस तरह से प्रशांत तुझ पर भडका था उससे साफ लग रहा था नीरज प्रशांत को समझा नहीं रहा था उसे भडका रहा था। और इसका भी मेरे पास सबूत है।

नीरू की आंखों में अब आंसू आ जाते हैं और वो कहती है क्या

ऋतु: मैने अविनाश से कहकर तेरा ये नम्बर टेप करवाया था। और अब जो रिकार्डिग मिली है। वो तू खुद सुन ले। और फिर ऋतु अपने फोन में से एक ओडियो स्टार्ट कर देती हैं। ये ऑडियो नीरज और काजल की चुदाई का था। जिसमें काजल नीरू का रोल प्ले कर रही थी। ओडियो सुनकर नीरू का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस ओडिया को सुनकर ये ही समझेगा कि नीरज और नीरू चुदाई कर रहे हैं।

ऋतु : अब तू बता प्रशांत पर क्या बीतती होगी। डेढ साल से वो इसी को झेल रहा है और इसका सबूत है तेरे फोन की पिछले एक साल की ये डिटेल और प्रशांत के फोन की भी मैने डिटेल निकलवाई हैं। अपने फोन से भी उसने कई बार प्रशांत से बात की है। प्रशांत ने सब कुछ किया लेकिन एक काम नहीं किया।

नीरू : रोते हुए क्या

ऋतु : तू खुद ही प्रशांत की व्हाटऐप चेट पढ कर देख ले। प्रशांत ने ही मुझे ये सब रिकॉर्डिंग भेजी है और मैंने अविनाश की मदद से इसकी पुष्टि भी करवा ली है..

नीरू : ये कब ही है

ऋतू : नीरू कब तुम्हारी प्रैगनेंसी अंतिम समय पर चल रही थी ये उसी समय की रिकॉर्डिंग है । मुझे बार बार शक होता था क्योंकि जब नीरू की डिलेवरी का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा था वैसे वैसे प्रशांत नीरज को बहुत बहुत ज्यादा करने लगा था । नीरज प्रशांत से बात मुझ से छिपकर करता था इसलिए जब भी प्रशांत का फोन आता तो वो फोन लेकर कभी छत पर तो कभी लॉबी में चला जाता था। फोन में पासवर्ड लगाकर लॉक करने लगा था।

इससे पहले तो मुझे लगा कि नीरज की जिंदगी में कोई दूसरी लडकी आ गई है। मैं नीरज के फोन तक पहुंचना चाहती थी इसलिए मैंने नीरज के फोन को अविनाश की सहायता से ट्रैक करवाया । लेकिन अविनाश ने बताया की किसी लड़की के साथ ऐसे कोई ख़ास चककर नहीं है तो उस समय मैं उसे भूल गयी और रिकार्डिंग अविनाश से नहीं ली । लेकिन जब प्रशांत ने मुझे नीरज की सभी रिकर्डिंग भेजी तो मुझे भी याद आया की मैंने भी उसका फ़ोन टेप करवाया था और फिर जब मुझे ये पता चला कि नीरू का पुराणा फोन नम्बर भी एक्टिव है तो मैंने नीरू तुम्हारे पुराने के फोन की भी डिटेल निकलवा ली। और फिर ऋतू रोने लगती है ..

नीरू जैसे ही उसे खोलकर देखती है उसके आंखों से भी आंसू और तेजी से बहने लगते हैं। क्योंकि प्रशांत ने नीरज से कई बार रिक्वेस्ट की थी कि उसे उसके बच्चे का फोटो भेज दे। नीरज ने एक फोटो भेजा भी था लेकिन वो किसी और के बच्चे का था। नीरू की समझ में पूरी पिक्चर क्लीयर होती चली जाती है। लेकिन फिर वो ऋतु से पूछती है। दीदी ये अविनाश तो जीजा का दोस्त है फिर आपकी इतनी मदद क्यो कर रहा है।

ऋतु : वो मैंने उससे कई बार रिक्वेस्ट की तो ।

नीरू : सच सच बताईए दीदी कुछ तो गडबड है। आप मुझसे छिपा रही है। मैं अविनाश की फितरत से बाकिफ हूं। उसके बारे में मैंने बहुत कुछ सुना था।

जारी रहेगी
Dhum macha dali. Bahot jabardast update
 

Raj_Singh

Banned
709
1,656
123
शक का अंजाम

PART 3

UPDATE 47

मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 47. ( New-11).

कुछ देर बाद ऋतू फिर नीरू को फ़ोन करती है ..

नीरू : हां दीदी कैसे फोन किया।

ऋतु : अभी तू क्या कर रही है।

नीरू : कुछ नहीं दीदी आफिस निकली हूं। निशंक को क्रेच में छोडूंगी और फिर आफिस जाउगी।

ऋतु : एक काम कर मैं तेरे घर पहुंच रही हूं। तू मुझे अपने ही घर मिल और छोटू को भी तू घर ही ले आ।

नीरू: क्या बात है आफिस के लिए फिर लेट हो जाउंगी।

ऋतु : तू आफिस बोल दे कि तेरी तबियत ठीक नहीं हैं। तू आज नहीं आ पाएगी।

नीरू : इतनी जरूरी क्या बात है दीदी जो आप मुझसे आफिस की छुटï्टी की बात कर रही है।

ऋतु : देख नीरू तेरी जिंदगी के बारे में ही ये बात है और बहुत बडी बात है इसलिए तुझसे कह रही हूं तू घर पहुंच मैं भी आ रही हूं। और ऋतु फोन काट देती है।

नीरू : ऐसी क्या बात है जो दीदी मुझसे आज आफिस जाने के लिए मना कर रही है। आज तक तो ऐसा नहीं हुआ था। वो मेरे घर पर भी आ रही है जरूर कोई बहुत बडी बात होगी। और नीरू अपने घर वापस आ जाती है। थोडी ही देर बाद ऋतु भी आ जाती है।

नीरू : क्या बात है दीदी कोई बुरी खबर तो नहीं है।

ऋतु : लम्बी सांस भरते हुए, बुरी नहीं बहुत बुरी खबर है।

नीरू : चिंतित होते हुए, क्या बात है दीदी

ऋतु : मैं नीरज को जितना कमीना समझती थी वो उससे भी ज्यादा कमीना है। वो तेरी जिंदगी को बर्बाद करने पर तुला है।

नीरू : अब वो क्या मेरी जिंदगी बर्बाद करेंगे मैं अब न तो उन पर भरोसा करती हूं और न ही उनसे बात ही करती हूं।

ऋतु : लेकिन नीरज तेरे लिए पागल है,

नीरू : क्या आप क्या कह रही हैं।

ऋतु : नीरज अभी भी चाहता है कि तुम उसके साथ संबंध फिर से बना लो।

नीरू : आप पागल तो नहीं हो गई दीदी जो इस तरह की बातें कर रही हैं। प्रशांत भी इसी तरह की बातें करता था।

ऋतु : प्रशांत जो बोलता था उसके पीछे कोई कारण होता था।

नीरू : क्या बोल रही हो आप मतलब वो मुझ पर शक करता था और आप कह रही हैं कि प्रशांत के पास इसके कारण थे।

ऋतु : हां, मैं सही कह रही हूं। प्रशांत तुझ पर शक करता था तो इसके पीछे कारण भी था।

नीरू ऋतु को गुस्से से देखते हुए अब आप भी मुझ पर शक कर रही हैं।

ऋतु : नहीं मैं तुझ पर कोई शक नहीं कर रही। मुझे मालूम है एक घटना को छोड दिया जाए जो स्टेप तूने नीरज के भरोसे और गुस्से में उठाया था। उसके अलावा तूने कभी भी कोई गलत काम नहीं किया है। और मुझे ये भी मालूम है तुझे अपनी उस गलती का आज भी पछतावा है।

नीरू : तो फिर आप प्रशांत की तरफदारी क्यो कर रही हैं।

ऋतु : यदि तू सुनेगी तो तू भी कहेंगी कि शायद प्रशांत गलत नहीं था।

नीरू : क्या, ऐस क्या है जो आप मुझे बताना चाहती है।

ऋतु : एक बात बता तेरा फोन जब खराब हुआ था तो उसमें तेरी सिम भी लगी थी ना।

नीरू : हां लगी थी लेकिन वो खराब हो गई थी। मैं खुद उसे बदलवाने गई थी। लेकिन आईडी प्रशांत की थी इसलिए मुझे सिम बदलना पडी थी।

ऋतु : तेरी सिम कहीं भी खराब नहीं हुई थी। वो बिल्कुल सही थी।

नीरू : आप कैसी बातें कर रही हैं। मैने खुद अपने हाथों से उस सिम को बदलवाने की कोशिश की थी। उसे दो तीन फोन में भी लगाके देखा था वो किसी फोन में काम नहीं कर रही थी। और आप कह रही हैं वो सिम सही थी।

ऋतु : मैं ये नहीं कर रही कि जो सिम तेरे पास थी वो सही थी। मैं ये कह रही हूं कि तेरी सिम सही थी।

नीरू : आप पहेलिया बुझा रही हो।

ऋतु : एक काम कर अपने फोन से उस नम्बर को डायल कर तेरी सारी गलत फहमिया दूर हो जाएंगी।

नीरू : ठीक है अभी करती हूं और नीरू अपना ही पुराना नम्बर डायल करती है। उसे ये देखकर झटका लगता है जब फोन रिंग होने लगता है और आवाज ऋतु के बैग के अंदर से आ रही थी।

ऋतु : चौंक क्यो रही है, ये ही बात मैं तुझे बता रही हूं तुझे जो सिम दी गई थी वो खराब थी और वो सिम तेरी थी भी नहीं। बल्कि तेरी सिम को बदल दिया गया था।

नीरू : लेकिन ये किया किसने

ऋतु : सिर झुकाते हुए नीरज ने

नीरू : क्या जीजाजी ने लेकिन क्यो

ऋतु : ताकि प्रशांत तुझसे बात न कर पाए।

नीरू : जीजाजी ऐसा भी कर सकते हैं !

ऋतु : तो तू ही बता तेरे सिम कार्ड का इस्तेमाल वो क्यो कर रहे थे। और ये फोन वो हमेशा स्विच आफ क्यो रखते हैं। यदि इसकी जरूरत नहीं है तो ये आज भी क्यो चल रहा है। और सबसे बडी बात ये कि इस फोन से सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया जाता है।

नीरू : धबराते हुए किसको दीदी

ऋतु : प्रशांत को

नीरू : क्या

ऋतु : हां, और उसे ये बताया जाता है कि तू नीरज के पास हैं क्योकि इस फोन से प्रशांत से बात नीरज ही करता होगा।

नीरू लेकिन आप ये दावा कैसे कर सकती हैं कि नीरज प्रशांत से ही बात करता होगा।

ऋतु : मुझे भी पहले इस पर डाउट था। तो मैंने अविनाश से बात की। वैसे वो इस समय इंग्लैंड में हैं।

नीरू : अविनाश कौन वो जीजाजी का दोस्त

ऋतु : नीरज का दोस्त नहीं बल्कि मतलब का यार

नीरू : कुछ भी समझ लो लेकिन वो था तो जीजाजी का दोस्त ही। मुझे भी वो बहुत ही गंदा आदमी लगता था। आप कैसे उसे अपने घर आने देती थीं। मुझे तो वो बहुत गलत आदमी लगता था।

ऋतु : हां वो आदमी ही गलत था।

नीरू : तो फिर आपने उससे क्यो बात की।

ऋतु : क्योंकि उसके रिश्तेदार यहां फोन कंपनी में थे। उसकी मदद से मैं इस फोन की डिटेल निकलवाई थी। और जानती हो फोन की डिटेल में क्या आया।

नीरू : घबराते हुए क्या

ऋतु : नीरज ने सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया था और वो भी महीने में दो तीन बार वो और व्यक्ति था प्रशांत। अब तू खुद समझ सकती है तेरे नम्बर से नीरज यदि प्रशांत से बात कर रहा होगा तो वो प्रशांत से क्या बात कर रहा होगा।

नीरू : दीदी वो कुछ और भी तो बात कर सकते हैं। लेकिन अब नीरू भी समझ रही थी कि उसके साथ बहुत बडृा खेल हो चुका है।

ऋतु : मुझे भी ये लगा शायद नीरज तुम दोनों को मिलाने की कोशिश कर रहा हो। लेकिन जिस तरह से प्रशांत तुझ पर भडका था उससे साफ लग रहा था नीरज प्रशांत को समझा नहीं रहा था उसे भडका रहा था। और इसका भी मेरे पास सबूत है।

नीरू की आंखों में अब आंसू आ जाते हैं और वो कहती है क्या

ऋतु: मैने अविनाश से कहकर तेरा ये नम्बर टेप करवाया था। और अब जो रिकार्डिग मिली है। वो तू खुद सुन ले। और फिर ऋतु अपने फोन में से एक ओडियो स्टार्ट कर देती हैं। ये ऑडियो नीरज और काजल की चुदाई का था। जिसमें काजल नीरू का रोल प्ले कर रही थी। ओडियो सुनकर नीरू का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस ओडिया को सुनकर ये ही समझेगा कि नीरज और नीरू चुदाई कर रहे हैं।

ऋतु : अब तू बता प्रशांत पर क्या बीतती होगी। डेढ साल से वो इसी को झेल रहा है और इसका सबूत है तेरे फोन की पिछले एक साल की ये डिटेल और प्रशांत के फोन की भी मैने डिटेल निकलवाई हैं। अपने फोन से भी उसने कई बार प्रशांत से बात की है। प्रशांत ने सब कुछ किया लेकिन एक काम नहीं किया।

नीरू : रोते हुए क्या

ऋतु : तू खुद ही प्रशांत की व्हाटऐप चेट पढ कर देख ले। प्रशांत ने ही मुझे ये सब रिकॉर्डिंग भेजी है और मैंने अविनाश की मदद से इसकी पुष्टि भी करवा ली है..

नीरू : ये कब ही है

ऋतू : नीरू कब तुम्हारी प्रैगनेंसी अंतिम समय पर चल रही थी ये उसी समय की रिकॉर्डिंग है । मुझे बार बार शक होता था क्योंकि जब नीरू की डिलेवरी का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा था वैसे वैसे प्रशांत नीरज को बहुत बहुत ज्यादा करने लगा था । नीरज प्रशांत से बात मुझ से छिपकर करता था इसलिए जब भी प्रशांत का फोन आता तो वो फोन लेकर कभी छत पर तो कभी लॉबी में चला जाता था। फोन में पासवर्ड लगाकर लॉक करने लगा था।

इससे पहले तो मुझे लगा कि नीरज की जिंदगी में कोई दूसरी लडकी आ गई है। मैं नीरज के फोन तक पहुंचना चाहती थी इसलिए मैंने नीरज के फोन को अविनाश की सहायता से ट्रैक करवाया । लेकिन अविनाश ने बताया की किसी लड़की के साथ ऐसे कोई ख़ास चककर नहीं है तो उस समय मैं उसे भूल गयी और रिकार्डिंग अविनाश से नहीं ली । लेकिन जब प्रशांत ने मुझे नीरज की सभी रिकर्डिंग भेजी तो मुझे भी याद आया की मैंने भी उसका फ़ोन टेप करवाया था और फिर जब मुझे ये पता चला कि नीरू का पुराणा फोन नम्बर भी एक्टिव है तो मैंने नीरू तुम्हारे पुराने के फोन की भी डिटेल निकलवा ली। और फिर ऋतू रोने लगती है ..

नीरू जैसे ही उसे खोलकर देखती है उसके आंखों से भी आंसू और तेजी से बहने लगते हैं। क्योंकि प्रशांत ने नीरज से कई बार रिक्वेस्ट की थी कि उसे उसके बच्चे का फोटो भेज दे। नीरज ने एक फोटो भेजा भी था लेकिन वो किसी और के बच्चे का था। नीरू की समझ में पूरी पिक्चर क्लीयर होती चली जाती है। लेकिन फिर वो ऋतु से पूछती है। दीदी ये अविनाश तो जीजा का दोस्त है फिर आपकी इतनी मदद क्यो कर रहा है।

ऋतु : वो मैंने उससे कई बार रिक्वेस्ट की तो ।

नीरू : सच सच बताईए दीदी कुछ तो गडबड है। आप मुझसे छिपा रही है। मैं अविनाश की फितरत से बाकिफ हूं। उसके बारे में मैंने बहुत कुछ सुना था।

जारी रहेगी

बढ़िया अपडेट :applause:

निरु के सामने सारी सच्चाई आ गयी, अब शायद प्रशांत से माफ़ी मांगने जाये।

ऋतु दीदी ने सच्चाई को जाँचने के लिए अविनाश को बहुत रिक्वेस्ट :sex: किया।

हाँ, रिक्वेस्ट करने का तरीका थोड़ा अलग था। :lotpot:
 

Amitjadhav12

New Member
60
58
18
Mast update Bhai , aisehi update Diya Karo jaldi jaldi. Abhi story bohot dilchasp ho gayi hai intejar Nahi ho Raha aage kya Hoga
 

aalu

Well-Known Member
3,073
13,048
158
ritu yeh sachhai bahut pehle se hi janti thee lekin phir bhi wo neeru ko prashant kee galatfehmi ka sach nahin bata rahi thee.... uss wakt tak bhi usne nahin bola jab shaadi kee baat ho rahi thee.... agar usse apni behen ki chinta hee hoti toh wo pehle na bata shakti thee... neeru kee najar mein toh prashant hi shaadi kar raha hain... shayad neeru samay rahte uski galatfehmi door kar deta.....

new charachter avinash lekin yeh toh london mein rahta hain toh phir ritu se milne kab aata tha.... khair ch##t kee khoosboo saat samandar paar se bhi kheench laati hogi... lekin kya ab prashatn neeru pe biswas karega... uski najro mein toh neeru ek giri hui aurat ho chuki hain.... ab yeh biswas kaise dilati hain yeh dekhne waali baat hain....

aur phir neeraj ka bhi toh hissab hoga.... khair pehli baar kisi charachter ne neeraj ke alawa samajhdari dikhai hain....
 

vickyrock

Active Member
607
1,575
139
शक का अंजाम

PART 3

UPDATE 47

मूल लेखक ने ये स्टोरी जिस जगह समाप्त की है. मेरा प्रयास है कहानी वही से को आगे बढ़ाने का और नए मौलिक अपडेट देने की । एक पाठक (जिन्हो अपना नाम नहीं बताने के लिए अनुरोध किया है) और मेरा मिलजुल कर प्रयास रहेगा, इस कहानी को और आगे ले कर जाने का . लीजिये पेश है भाग 3 Update 47. ( New-11).

कुछ देर बाद ऋतू फिर नीरू को फ़ोन करती है ..

नीरू : हां दीदी कैसे फोन किया।

ऋतु : अभी तू क्या कर रही है।

नीरू : कुछ नहीं दीदी आफिस निकली हूं। निशंक को क्रेच में छोडूंगी और फिर आफिस जाउगी।

ऋतु : एक काम कर मैं तेरे घर पहुंच रही हूं। तू मुझे अपने ही घर मिल और छोटू को भी तू घर ही ले आ।

नीरू: क्या बात है आफिस के लिए फिर लेट हो जाउंगी।

ऋतु : तू आफिस बोल दे कि तेरी तबियत ठीक नहीं हैं। तू आज नहीं आ पाएगी।

नीरू : इतनी जरूरी क्या बात है दीदी जो आप मुझसे आफिस की छुटï्टी की बात कर रही है।

ऋतु : देख नीरू तेरी जिंदगी के बारे में ही ये बात है और बहुत बडी बात है इसलिए तुझसे कह रही हूं तू घर पहुंच मैं भी आ रही हूं। और ऋतु फोन काट देती है।

नीरू : ऐसी क्या बात है जो दीदी मुझसे आज आफिस जाने के लिए मना कर रही है। आज तक तो ऐसा नहीं हुआ था। वो मेरे घर पर भी आ रही है जरूर कोई बहुत बडी बात होगी। और नीरू अपने घर वापस आ जाती है। थोडी ही देर बाद ऋतु भी आ जाती है।

नीरू : क्या बात है दीदी कोई बुरी खबर तो नहीं है।

ऋतु : लम्बी सांस भरते हुए, बुरी नहीं बहुत बुरी खबर है।

नीरू : चिंतित होते हुए, क्या बात है दीदी

ऋतु : मैं नीरज को जितना कमीना समझती थी वो उससे भी ज्यादा कमीना है। वो तेरी जिंदगी को बर्बाद करने पर तुला है।

नीरू : अब वो क्या मेरी जिंदगी बर्बाद करेंगे मैं अब न तो उन पर भरोसा करती हूं और न ही उनसे बात ही करती हूं।

ऋतु : लेकिन नीरज तेरे लिए पागल है,

नीरू : क्या आप क्या कह रही हैं।

ऋतु : नीरज अभी भी चाहता है कि तुम उसके साथ संबंध फिर से बना लो।

नीरू : आप पागल तो नहीं हो गई दीदी जो इस तरह की बातें कर रही हैं। प्रशांत भी इसी तरह की बातें करता था।

ऋतु : प्रशांत जो बोलता था उसके पीछे कोई कारण होता था।

नीरू : क्या बोल रही हो आप मतलब वो मुझ पर शक करता था और आप कह रही हैं कि प्रशांत के पास इसके कारण थे।

ऋतु : हां, मैं सही कह रही हूं। प्रशांत तुझ पर शक करता था तो इसके पीछे कारण भी था।

नीरू ऋतु को गुस्से से देखते हुए अब आप भी मुझ पर शक कर रही हैं।

ऋतु : नहीं मैं तुझ पर कोई शक नहीं कर रही। मुझे मालूम है एक घटना को छोड दिया जाए जो स्टेप तूने नीरज के भरोसे और गुस्से में उठाया था। उसके अलावा तूने कभी भी कोई गलत काम नहीं किया है। और मुझे ये भी मालूम है तुझे अपनी उस गलती का आज भी पछतावा है।

नीरू : तो फिर आप प्रशांत की तरफदारी क्यो कर रही हैं।

ऋतु : यदि तू सुनेगी तो तू भी कहेंगी कि शायद प्रशांत गलत नहीं था।

नीरू : क्या, ऐस क्या है जो आप मुझे बताना चाहती है।

ऋतु : एक बात बता तेरा फोन जब खराब हुआ था तो उसमें तेरी सिम भी लगी थी ना।

नीरू : हां लगी थी लेकिन वो खराब हो गई थी। मैं खुद उसे बदलवाने गई थी। लेकिन आईडी प्रशांत की थी इसलिए मुझे सिम बदलना पडी थी।

ऋतु : तेरी सिम कहीं भी खराब नहीं हुई थी। वो बिल्कुल सही थी।

नीरू : आप कैसी बातें कर रही हैं। मैने खुद अपने हाथों से उस सिम को बदलवाने की कोशिश की थी। उसे दो तीन फोन में भी लगाके देखा था वो किसी फोन में काम नहीं कर रही थी। और आप कह रही हैं वो सिम सही थी।

ऋतु : मैं ये नहीं कर रही कि जो सिम तेरे पास थी वो सही थी। मैं ये कह रही हूं कि तेरी सिम सही थी।

नीरू : आप पहेलिया बुझा रही हो।

ऋतु : एक काम कर अपने फोन से उस नम्बर को डायल कर तेरी सारी गलत फहमिया दूर हो जाएंगी।

नीरू : ठीक है अभी करती हूं और नीरू अपना ही पुराना नम्बर डायल करती है। उसे ये देखकर झटका लगता है जब फोन रिंग होने लगता है और आवाज ऋतु के बैग के अंदर से आ रही थी।

ऋतु : चौंक क्यो रही है, ये ही बात मैं तुझे बता रही हूं तुझे जो सिम दी गई थी वो खराब थी और वो सिम तेरी थी भी नहीं। बल्कि तेरी सिम को बदल दिया गया था।

नीरू : लेकिन ये किया किसने

ऋतु : सिर झुकाते हुए नीरज ने

नीरू : क्या जीजाजी ने लेकिन क्यो

ऋतु : ताकि प्रशांत तुझसे बात न कर पाए।

नीरू : जीजाजी ऐसा भी कर सकते हैं !

ऋतु : तो तू ही बता तेरे सिम कार्ड का इस्तेमाल वो क्यो कर रहे थे। और ये फोन वो हमेशा स्विच आफ क्यो रखते हैं। यदि इसकी जरूरत नहीं है तो ये आज भी क्यो चल रहा है। और सबसे बडी बात ये कि इस फोन से सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया जाता है।

नीरू : धबराते हुए किसको दीदी

ऋतु : प्रशांत को

नीरू : क्या

ऋतु : हां, और उसे ये बताया जाता है कि तू नीरज के पास हैं क्योकि इस फोन से प्रशांत से बात नीरज ही करता होगा।

नीरू लेकिन आप ये दावा कैसे कर सकती हैं कि नीरज प्रशांत से ही बात करता होगा।

ऋतु : मुझे भी पहले इस पर डाउट था। तो मैंने अविनाश से बात की। वैसे वो इस समय इंग्लैंड में हैं।

नीरू : अविनाश कौन वो जीजाजी का दोस्त

ऋतु : नीरज का दोस्त नहीं बल्कि मतलब का यार

नीरू : कुछ भी समझ लो लेकिन वो था तो जीजाजी का दोस्त ही। मुझे भी वो बहुत ही गंदा आदमी लगता था। आप कैसे उसे अपने घर आने देती थीं। मुझे तो वो बहुत गलत आदमी लगता था।

ऋतु : हां वो आदमी ही गलत था।

नीरू : तो फिर आपने उससे क्यो बात की।

ऋतु : क्योंकि उसके रिश्तेदार यहां फोन कंपनी में थे। उसकी मदद से मैं इस फोन की डिटेल निकलवाई थी। और जानती हो फोन की डिटेल में क्या आया।

नीरू : घबराते हुए क्या

ऋतु : नीरज ने सिर्फ एक व्यक्ति को फोन किया था और वो भी महीने में दो तीन बार वो और व्यक्ति था प्रशांत। अब तू खुद समझ सकती है तेरे नम्बर से नीरज यदि प्रशांत से बात कर रहा होगा तो वो प्रशांत से क्या बात कर रहा होगा।

नीरू : दीदी वो कुछ और भी तो बात कर सकते हैं। लेकिन अब नीरू भी समझ रही थी कि उसके साथ बहुत बडृा खेल हो चुका है।

ऋतु : मुझे भी ये लगा शायद नीरज तुम दोनों को मिलाने की कोशिश कर रहा हो। लेकिन जिस तरह से प्रशांत तुझ पर भडका था उससे साफ लग रहा था नीरज प्रशांत को समझा नहीं रहा था उसे भडका रहा था। और इसका भी मेरे पास सबूत है।

नीरू की आंखों में अब आंसू आ जाते हैं और वो कहती है क्या

ऋतु: मैने अविनाश से कहकर तेरा ये नम्बर टेप करवाया था। और अब जो रिकार्डिग मिली है। वो तू खुद सुन ले। और फिर ऋतु अपने फोन में से एक ओडियो स्टार्ट कर देती हैं। ये ऑडियो नीरज और काजल की चुदाई का था। जिसमें काजल नीरू का रोल प्ले कर रही थी। ओडियो सुनकर नीरू का चेहरा गुस्से से लाल हो जाता है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति इस ओडिया को सुनकर ये ही समझेगा कि नीरज और नीरू चुदाई कर रहे हैं।

ऋतु : अब तू बता प्रशांत पर क्या बीतती होगी। डेढ साल से वो इसी को झेल रहा है और इसका सबूत है तेरे फोन की पिछले एक साल की ये डिटेल और प्रशांत के फोन की भी मैने डिटेल निकलवाई हैं। अपने फोन से भी उसने कई बार प्रशांत से बात की है। प्रशांत ने सब कुछ किया लेकिन एक काम नहीं किया।

नीरू : रोते हुए क्या

ऋतु : तू खुद ही प्रशांत की व्हाटऐप चेट पढ कर देख ले। प्रशांत ने ही मुझे ये सब रिकॉर्डिंग भेजी है और मैंने अविनाश की मदद से इसकी पुष्टि भी करवा ली है..

नीरू : ये कब ही है

ऋतू : नीरू कब तुम्हारी प्रैगनेंसी अंतिम समय पर चल रही थी ये उसी समय की रिकॉर्डिंग है । मुझे बार बार शक होता था क्योंकि जब नीरू की डिलेवरी का समय जैसे जैसे नजदीक आ रहा था वैसे वैसे प्रशांत नीरज को बहुत बहुत ज्यादा करने लगा था । नीरज प्रशांत से बात मुझ से छिपकर करता था इसलिए जब भी प्रशांत का फोन आता तो वो फोन लेकर कभी छत पर तो कभी लॉबी में चला जाता था। फोन में पासवर्ड लगाकर लॉक करने लगा था।

इससे पहले तो मुझे लगा कि नीरज की जिंदगी में कोई दूसरी लडकी आ गई है। मैं नीरज के फोन तक पहुंचना चाहती थी इसलिए मैंने नीरज के फोन को अविनाश की सहायता से ट्रैक करवाया । लेकिन अविनाश ने बताया की किसी लड़की के साथ ऐसे कोई ख़ास चककर नहीं है तो उस समय मैं उसे भूल गयी और रिकार्डिंग अविनाश से नहीं ली । लेकिन जब प्रशांत ने मुझे नीरज की सभी रिकर्डिंग भेजी तो मुझे भी याद आया की मैंने भी उसका फ़ोन टेप करवाया था और फिर जब मुझे ये पता चला कि नीरू का पुराणा फोन नम्बर भी एक्टिव है तो मैंने नीरू तुम्हारे पुराने के फोन की भी डिटेल निकलवा ली। और फिर ऋतू रोने लगती है ..

नीरू जैसे ही उसे खोलकर देखती है उसके आंखों से भी आंसू और तेजी से बहने लगते हैं। क्योंकि प्रशांत ने नीरज से कई बार रिक्वेस्ट की थी कि उसे उसके बच्चे का फोटो भेज दे। नीरज ने एक फोटो भेजा भी था लेकिन वो किसी और के बच्चे का था। नीरू की समझ में पूरी पिक्चर क्लीयर होती चली जाती है। लेकिन फिर वो ऋतु से पूछती है। दीदी ये अविनाश तो जीजा का दोस्त है फिर आपकी इतनी मदद क्यो कर रहा है।

ऋतु : वो मैंने उससे कई बार रिक्वेस्ट की तो ।

नीरू : सच सच बताईए दीदी कुछ तो गडबड है। आप मुझसे छिपा रही है। मैं अविनाश की फितरत से बाकिफ हूं। उसके बारे में मैंने बहुत कुछ सुना था।

जारी रहेगी
अभी तक का सबसे धासु अपडेट ब्रिलियंट
 
Top