kamdev99008
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आखरी कॉल मनीष का किसने उठाया और कैसे?#अपडेट ३१
अब तक आपने पढ़ा -
फिर यही तय हुआ, और अगले दिन शाम में उसको निकलना था। अगला दिन भी होटल में रह कर ही बिताया मैने, समर ने मुझे ज्यादा बाहर न घूमने की सलाह दी थी। शाम को जाने से पहले वो मुझसे मिलने आया, और जाते जाते उसने मुझे एक चिट्ठी पकड़ाई....
अब आगे -
मैने उसे सवालिया नजरों से देखा।
"ये शिविका की है।"
"तुमने बताया उससे कि मैं.."
"तुम्हारे जाने के बाद जब वो मुझसे मिलने आई थी तब ही दी थी उसने, कहा था कि मैं पक्का तुम्हारे टच में हूं तो ये चिट्ठी कभी न कभी तुमको मिल जाएगी। इसीलिए मैने दे दी तुम्हे।"
मैने उसे खोल कर पढ़ना शुरू किया।
मनीष,
कैसे कहूं ये समझ नहीं आ रहा, इसीलिए इस चिट्ठी का सहारा ले रही हूं।
मनीष हमारे घर में शादी ब्याह के मामले में बड़ों की राय ही सबसे महत्वपूर्ण है। मगर मुझे बड़े होते ही ये बताया गया कि मेरी और तुम्हारी शादी होगी, पहले तो मैं इसके खिलाफ थी, मगर जब तुम यहां आए और मैने तुमको जाना, तुम्हारे लिए मेरे मन में प्यार अंकुरित होने लगा था। याद है एक बार मैने तुमको कहा था कि सबसे पहले मुझे बताना अगर जो तुम्हे कोई पसंद आए तो। मगर शायद तुम समझे नहीं।
खैर, प्यार पर किसका जोर चलता है। तुम्हारे जीवन में नेहा आई और तुम उससे प्यार बैठे। सच कहती हूं जब मुझे ये पता चला, मेरा दिल बहुत बुरी तरह से टूट गया था। मगर तुम्हारी खुशी अगर जो नेहा में थी, तो मैं कौन होती हूं बीच में आने वाली। श्रेय ने मुझे कई बार अपनी बात बताने के लिए कहा, मगर मैने तुम्हारी खुशी को देखते हुए कभी ये बात तुमसे कहने की हिम्मत नहीं जुटाई।
ये चिट्ठी भी अभी मैने तुमको ये बताने के लिए नहीं, बल्कि ये कहने के लिए लिखी है कि भले ही दुनिया तुमको गलत समझ रही हो, मगर मैं तुमको बिल्कुल गलत नहीं मानती, और मैं हर समय तुम्हारे साथ खड़ी हूं। इस सबके पीछे जो कोई भी है, कोई हमारी कंपनी का ही है। याद है तुम्हे उस दिन चाचा ने फोन करके तुमको बुलाया था और कहा था कि तुम्हे फंसाया जा रहा है इन सब में, और उसके बाद जैसे ही तुम आए उनके ऊपर हमला हो चुका था।
उस समय मैं चाची से किसी काम से मिलने आई थी, और वो तुमसे बात कर रहे थे। मैं पूछना चाहती थी कि क्या हुआ है, मगर तब तक मां ने मुझे अपने कमरे में बुला लिया, और मैं पूछ भी नहीं पाई और चाचा जी इस हालत में आ गए। इस बात का मैं खुद को गुनाहगार मानती हूं मनीष। इसीलिए तुम मुझे बताओ, जो होगा मैं करूंगी उसको बेनकाब करने के लिए।
मुझे पता है कि नेहा ने जो तुम्हारे साथ किया उससे शायद मुझ पर क्या किसी पर भी तुम्हारा विश्वास करना कठिन है, लेकिन मैं आज भी तुम्हे एक दोस्त के रूप में देखती हूं और तुम्हारी हर संभव मदद करना चाहती हूं।
तुम्हारी हमेशा
शिविका
चिट्ठी पढ़ कर मुझे एक और झटका लगा, मित्तल सर ने मुझे फोन किया था?
मैने फौरन समर से पूछा, "मित्तल सर का फोन रिकॉर्ड चेक किया था तुमने?"
"हां, मगर क्यों?"
"उनका लास्ट कॉल किसे था?"
"तुमको।"
"मगर मैने तो उनका कोई कॉल रिसीव नहीं किया?"
"क्या?" अब चौंकने की बारी समर की थी। "अच्छा रुक दो मिनिट।" ये बोल कर वो किसी को फोन लगाने लगा।
पांच मिनिट बाद उसने मुझे एक रिकॉर्डिंग सुनवाई।
"हेलो मनीष?" मित्तल सर
"ह्म्म्म"
"बेटा जल्दी घर आओ, तुमको इन सब में फंसाया जा रहा है बेटा, यहां आओ मैं सब बताता हूं तुमको।
"ह्म्म्म"
इतनी ही रिकॉर्डिंग थी।
समर, "ये ही आखिरी कॉल थी तुम्हारे फोन पर, और मित्तल सर के फोन से भी। तुम्हारा फोन जो रिकॉर्डिंग पर डाला था उसमें आखिरी रिकॉर्डिंग यही हुई थी, फिर मैने बंद करवा दिया था। वैसे भी ये अनऑफिशियल था।"
"मगर मैने ये कॉल नहीं ली।"
"अच्छा चलो अभी फिलहाल तो मुझे उज्जैन से आने दो, पहले इस बिट्टू का पता लगाना जरूरी है। फिर इस कॉल का रहस्य भी सुलझाया जाएगा। और हां अपना ख्याल रखना, और बाहर कम से कम निकलना, मैं आता हूं 2 3 दिन में।" ये बोल कर समर निकल गया। जाते जाते उसने मुझे फिलहाल शिविका से मिलने को मना किया था।
अगले दिन मैं बैठा बोर हो रहा था तो दोपहर में फिर एक बार हॉस्पिटल के लिए निकल गया। और वहीं उसी वेटिंग रूम में शाम तक बैठ कर देखता रहा। आज मित्तल सर को देखने महेश अंकल और दोनो आंटी आईं थी।
अगले दिन मैं फिर से वहां चला गया। आज फिर शिविका आई थी, और फिर वो किसी को ढूंढ रही थी। उसकी नजर एक बार फिर मुझ पर टिकी, और वो कुछ देर ध्यान से मुझे देखती रही। तभी श्रेय ने उसके कंधे पर हाथ रखा, और वो दोनों फिर मित्तल सर के कमरे में चले गए।
थोड़ी देर बाद शिविका बदहवास सी कमरे से निकल कर नर्स को अंदर बुला ले गई, और नर्स ने भी फौरन किसी को कॉल किया....
शिविका के पत्र से इस ओर ध्यान तो गया
अब मित्तल साहब को क्या हुआ जो शिविका घबराई हुई डॉक्टर को बुलाने गई
एक बात तो पक्की है कि जो कहावत है Once a Slut, Always a Slut वो बेवकूफों पर भी लागू होती है
Once a Fool, Always a Fool
![BIg Grin :D :D](/uploads/smilies/icon10.gif)
जिसको मारने की कोशिश के आरोप में फरार है, हॉस्पिटल में उसी के पास भेष बदले मौजूद है.....
अब अगर मित्तल साहब टपके और मनीष पहचान में आया तो हो गया काम तमाम, फिर किसी गवाह सबूत की भी जरूरत नहीं