DEVIL MAXIMUM
"सर्वेभ्यः सर्वभावेभ्यः सर्वात्मना नमः।"
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Kya karo bhai ab ghar wapsi laut raha hoo na
Kya karo bhai ab ghar wapsi laut raha hoo na
WOW mast action chal raha tha update me lagta hai ye dono shaksh jo bhi hai bahut he khass hoge Manish ke leye#अपडेट २४
अब तक आपने पढ़ा -
अब तक हमारी गाड़ी शहर के बाहरी इलाके में आ गई थी, और इधर कुछ फॉर्महाउस थे। आगे बैठे ऑफिसर के चेहरे पर एक मुस्कान आई, और उसने पीछे मुड़ कर समर को अंगूठे का इशारा करके बताया कि उसने एग्जैक्ट लोकेशन ट्रेस कर ली है। सामने एक फॉर्महाउस था....
अब आगे -
"पुलिस नहीं आएगी। अलार्म तो बंद है।"
"अच्छा देखो शायद कुछ देर में नेटवर्क सही हो जाय।" समर के इशारे पर मैने अब फोन काट दिया। हमारी गाड़ी के पीछे एक और स्कॉर्पियो थी, जिसमें शादी ड्रेस में हथियार बंद पुलिस वाले बैठे थे। समर ने उनको, और जो ऑफिसर हमारे साथ आगे बैठा था उसको, फार्म हाउस को घेरने के इंस्ट्रक्शन दिए।
"वाल्ट का लॉक खोल दो, पुलिस पहुंच चुकी है वहां पर।" समर ने मुझे कहा, तो मैने अपने लैपटॉप से वाल्ट को खोल दिया। इधर पीछे की गाड़ी में बैठे लोग फार्म हाउस की ओर बढ़ने लगे।
वो लोग अभी कुछ ही दूर पहुंचे होंगे कि उधर से गोलियां चलने लगी, हमारी गाड़ी फार्म हाउस के गेट के आगे लगी थी, और दूसरी वाली पीछे की ओर। गोलियां आते ही जो लोग नीचे उतरे थे वो पोजीशन ले कर बैठ गए और समर ने बैकअप भी मंगवा लिया।
हम चूंकि सुरक्षित दूरी पर थे और गाड़ी में ही बैठे थे तो हमारी नजर फार्म हाउस की तरफ ही थी। तभी उस बिल्डिंग के पीछे के हिस्से में कुछ हलचल सी दिखी। २ लोग काले कपड़ों में एक मोटरसाइकिल की ओर भागते दिखे। दोनो के सर पर हेलमेट था जो काले शीशे का था, जिस कारण उनको पहचानना मुश्किल था। देखते ही देखते वो फार्म हाउस के दूसरे गेट की ओर मोटरसाइकिल से भागने लगे। ये गेट हमारी गाड़ी के थोड़ा आगे ही था। ये देखते ही समर ने अपने ड्राइव को गाड़ी उस ओर ले चलने को कहा। मगर जब तक हम उस गेट तक पहुंचते, मोटरसाइकिल गेट से निकल कर रोड पर आगे भागने लगी, रोड थोड़ी खराब थी जिस कारण बाइक तो कुछ तेजी में निकल गई, मगर गाड़ी को तेजी पकड़ने में थोड़ा समय लग गया।
ये रोड सामने दिख रही पहाड़ी पर बने किले की ओर जाती थी, और आगे जा कर रास्ता और सकरा हो जाता था, जिसपर गाड़ी जाने में दिक्कत होती। समर ने जैसे ही ये भांपा, उसने मोटर साइकिल पर निशाना ले कर अपनी रिवॉल्वर से फायर करने लगा। मगर मोटरसाइकिल चलने वाला बचने में कामयाब हो रहा था।
तभी सकरा रास्ता आ गया, ये देखते ही समर ने टायर छोड़ मोटरसाइकिल वाले को निशाने पर लिया और फायर कर दिया। गोली पीछे बैठे हुए व्यक्ति के कमर को छूती हुई निकल गई, और वो मोटरसाइकिल से छिटक कर नीचे गिरा। ये देखते ही आगे वाले ने मोटरसाइकिल रोक दी।
हमारी गाड़ी अभी भी कुछ पीछे थी। मोटरसाइकिल रोकते ही उसने गिरे हुए को हाथ से कर उठाया और ऊपर बैठा लिया। वो बैठ तो गया था मगर उसका कमर का हिस्सा खून से गीला हो चुका था। इतनी देर में हमारी गाड़ी भी वहां पर लगभग पहुंच ही गई थी। मगर आगे वाले व्यक्ति ने हमारी ओर दो तीन गोली चला दी जिससे ड्राइवर को एकदम से ब्रेक लगने पड़े, और एक गोली टायर में भी लग गई इसी बीच, और उधर उसने फिर से अपनी मोटरसाइकिल दौड़ दी।
अब गाड़ी से आगे जाना नामुमकिन था, इसीलिए समर ने ड्राइवर को गाड़ी के साथ छोड़ कर आगे जाने का फैसला किया। क्योंकि गाड़ी की जरूरत पड़ने पर उसका सही होना भी जरूरी था। चूंकि समर अकेला था, इसीलिए मैने भी उसके साथ चलने को कहा और उसने मुझे पीछे आने का इशारा किया।
कुछ ही आगे जा कर सीढ़ियां शुरू हो गई, वहीं पर वो मोटरसाइकिल पार्क दिखी। ऊपर देखा तो वो दोनों सीढ़ी चढ़ रहे थे, मगर शायद दूसरे वाले को सही से चला नहीं जा रहा था तो उनकी चाल कुछ धीमी थी। मगर हमारे बीच दूरी काफी थी, इसीलिए हम भी तेजी से सीढ़ियां चढ़ने लगे।
वो दोनों सीढ़ी के अंत तक पहुंच चुके थे, इसके बाद किले की दिवाल शुरू हो जाती है और कोई 100 मीटर बाद उसका दरवाजा था। अभी यह पर कोई भी नहीं दिख रहा था। वैसे भी जल्दी कोई इस ओर आता नहीं था।
हम भी लगभग आधी सीढ़ियों चढ़ चुके थे और वो ऊपर पहुंच गए थे। मगर तभी जिसे गोली लगी थी, वो गिर पड़ा। उसके गिरने से एक चीख सुनाई दी, जो एक लड़की की लग रही थी। ये देख दूसरा उसे अपनी गोद में उठा कर दौड़ पड़ा। हालांकि घायल व्यक्ति उसको शायद अकेले भागने को कह रहा था, मगर फिर भी वो उसको अपने कंधे पर उठा कर भाग निकला।
हम भी फौरन ही ऊपर पहुंच गए, मगर वो लोग शायद किले के अंदर जा चुके थे। हम जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचे, एक फायर हमारी ओर आया। मैं तो झोंक में अंदर ही जा रहा था। मगर समर ने पहले ही ये भांपते हुए, मुझे पीछे खींच लिया।
अब हम सावधानी से अंदर घुसे। सामने एक छोटा सा बगीचा जैसा था जिसमें कुछ बड़े दरख़्त भी लगे हुए थे। अंदर जाते ही हम एक दरख़्त के पीछे छिप गए और आस पास देखने लगे। तभी आगे के एक दरख़्त के पीछे हमें कुछ हलचल देखी। वो दोनों ही वहां छुपे थे। जिसे गोली लगी थी वो जमीन पर था और दूसरा खड़ा हो कर हमारी हरकतें देख रहा था। जमीन पर बैठ हुए व्यक्ति ने हेलमेट उतर दिया था, और उसके लंबे बाल हमें दिख रहे थे, जो उसके लड़की होने की गवाही दे रहे थे। शायद दोनो में कोई बहस चल रही थी, दूरी ज्यादा होने से हमे कुछ सुनाई तो नहीं पड़ रहा था मगर ऐसा लग रहा था जैसे घायल हुआ व्यक्ति दूसरे को वहां से जाने को कह रहा था।
समर उनको उलझा देख, मुझे वहीं छोड़ कर छिप कर आगे बढ़ने लगा। इधर शायद नीचे बैठे हुए को ये अहसास हो गया और उसने अपने साथी को उसकी ओर इशारा कर दिया और उसने समर की ओर गोली चला दी। लेकिन समर भी तब तक एक पेड़ की ओट में ही गया था।
समर को आगे बढ़ता देख इस बार शायद खड़ा हुआ व्यक्ति भागने को तैयार हो गया। उसने अपनी पिस्तौल उस लड़की को थमा दी और पीछे की ओर जाने लगा, वो लड़की लगभग घसीटते हुए आगे को आई और समर को कवर करने लगी।
इसी समय मेरी नजर उसके चेहरे पर पड़ी और
यह मानव स्वभाव है कि दूसरों की बीवी और खुद का बच्चा उसे अधिक प्यारा लगता है ।
Sahi kaha sir aapneयह मानव स्वभाव है कि दूसरों की बीवी और खुद का बच्चा उसे अधिक प्यारा लगता है ।
डेविल मैक्सिमम भाई की कोई गलती नही है । नजर खुबसूरत चीज पर ही अधिक देर तक टिकती है ।
पर अभी तो हनीमून भी खत्म नहीं हुआयह मानव स्वभाव है कि दूसरों की बीवी और खुद का बच्चा उसे अधिक प्यारा लगता है ।
डेविल मैक्सिमम भाई की कोई गलती नही है । नजर खुबसूरत चीज पर ही अधिक देर तक टिकती है ।
मै खुद अपनी शादी मे अगल-बगल की कुँवारी लड़कियों को देख रहा था और आहें भर रहा था कि इनमे कोई लड़की मेरी पत्नी क्यों नही बनी !पर अभी तो हनीमून भी खत्म नहीं हुआ
अरे वो तो पुरुष का स्वभाव है, लेकिन लव शव से अभी से भरोसा उठ गयामै खुद अपनी शादी मे अगल-बगल की कुँवारी लड़कियों को देख रहा था और आहें भर रहा था कि इनमे कोई लड़की मेरी पत्नी क्यों नही बनी !
मैक्सिमम भाई एकलौते नही है , मै भी इस सफर का पथिक रह चुका हूं ।
#अपडेट २४
अब तक आपने पढ़ा -
अब तक हमारी गाड़ी शहर के बाहरी इलाके में आ गई थी, और इधर कुछ फॉर्महाउस थे। आगे बैठे ऑफिसर के चेहरे पर एक मुस्कान आई, और उसने पीछे मुड़ कर समर को अंगूठे का इशारा करके बताया कि उसने एग्जैक्ट लोकेशन ट्रेस कर ली है। सामने एक फॉर्महाउस था....
अब आगे -
"पुलिस नहीं आएगी। अलार्म तो बंद है।"
"अच्छा देखो शायद कुछ देर में नेटवर्क सही हो जाय।" समर के इशारे पर मैने अब फोन काट दिया। हमारी गाड़ी के पीछे एक और स्कॉर्पियो थी, जिसमें शादी ड्रेस में हथियार बंद पुलिस वाले बैठे थे। समर ने उनको, और जो ऑफिसर हमारे साथ आगे बैठा था उसको, फार्म हाउस को घेरने के इंस्ट्रक्शन दिए।
"वाल्ट का लॉक खोल दो, पुलिस पहुंच चुकी है वहां पर।" समर ने मुझे कहा, तो मैने अपने लैपटॉप से वाल्ट को खोल दिया। इधर पीछे की गाड़ी में बैठे लोग फार्म हाउस की ओर बढ़ने लगे।
वो लोग अभी कुछ ही दूर पहुंचे होंगे कि उधर से गोलियां चलने लगी, हमारी गाड़ी फार्म हाउस के गेट के आगे लगी थी, और दूसरी वाली पीछे की ओर। गोलियां आते ही जो लोग नीचे उतरे थे वो पोजीशन ले कर बैठ गए और समर ने बैकअप भी मंगवा लिया।
हम चूंकि सुरक्षित दूरी पर थे और गाड़ी में ही बैठे थे तो हमारी नजर फार्म हाउस की तरफ ही थी। तभी उस बिल्डिंग के पीछे के हिस्से में कुछ हलचल सी दिखी। २ लोग काले कपड़ों में एक मोटरसाइकिल की ओर भागते दिखे। दोनो के सर पर हेलमेट था जो काले शीशे का था, जिस कारण उनको पहचानना मुश्किल था। देखते ही देखते वो फार्म हाउस के दूसरे गेट की ओर मोटरसाइकिल से भागने लगे। ये गेट हमारी गाड़ी के थोड़ा आगे ही था। ये देखते ही समर ने अपने ड्राइव को गाड़ी उस ओर ले चलने को कहा। मगर जब तक हम उस गेट तक पहुंचते, मोटरसाइकिल गेट से निकल कर रोड पर आगे भागने लगी, रोड थोड़ी खराब थी जिस कारण बाइक तो कुछ तेजी में निकल गई, मगर गाड़ी को तेजी पकड़ने में थोड़ा समय लग गया।
ये रोड सामने दिख रही पहाड़ी पर बने किले की ओर जाती थी, और आगे जा कर रास्ता और सकरा हो जाता था, जिसपर गाड़ी जाने में दिक्कत होती। समर ने जैसे ही ये भांपा, उसने मोटर साइकिल पर निशाना ले कर अपनी रिवॉल्वर से फायर करने लगा। मगर मोटरसाइकिल चलने वाला बचने में कामयाब हो रहा था।
तभी सकरा रास्ता आ गया, ये देखते ही समर ने टायर छोड़ मोटरसाइकिल वाले को निशाने पर लिया और फायर कर दिया। गोली पीछे बैठे हुए व्यक्ति के कमर को छूती हुई निकल गई, और वो मोटरसाइकिल से छिटक कर नीचे गिरा। ये देखते ही आगे वाले ने मोटरसाइकिल रोक दी।
हमारी गाड़ी अभी भी कुछ पीछे थी। मोटरसाइकिल रोकते ही उसने गिरे हुए को हाथ से कर उठाया और ऊपर बैठा लिया। वो बैठ तो गया था मगर उसका कमर का हिस्सा खून से गीला हो चुका था। इतनी देर में हमारी गाड़ी भी वहां पर लगभग पहुंच ही गई थी। मगर आगे वाले व्यक्ति ने हमारी ओर दो तीन गोली चला दी जिससे ड्राइवर को एकदम से ब्रेक लगने पड़े, और एक गोली टायर में भी लग गई इसी बीच, और उधर उसने फिर से अपनी मोटरसाइकिल दौड़ दी।
अब गाड़ी से आगे जाना नामुमकिन था, इसीलिए समर ने ड्राइवर को गाड़ी के साथ छोड़ कर आगे जाने का फैसला किया। क्योंकि गाड़ी की जरूरत पड़ने पर उसका सही होना भी जरूरी था। चूंकि समर अकेला था, इसीलिए मैने भी उसके साथ चलने को कहा और उसने मुझे पीछे आने का इशारा किया।
कुछ ही आगे जा कर सीढ़ियां शुरू हो गई, वहीं पर वो मोटरसाइकिल पार्क दिखी। ऊपर देखा तो वो दोनों सीढ़ी चढ़ रहे थे, मगर शायद दूसरे वाले को सही से चला नहीं जा रहा था तो उनकी चाल कुछ धीमी थी। मगर हमारे बीच दूरी काफी थी, इसीलिए हम भी तेजी से सीढ़ियां चढ़ने लगे।
वो दोनों सीढ़ी के अंत तक पहुंच चुके थे, इसके बाद किले की दिवाल शुरू हो जाती है और कोई 100 मीटर बाद उसका दरवाजा था। अभी यह पर कोई भी नहीं दिख रहा था। वैसे भी जल्दी कोई इस ओर आता नहीं था।
हम भी लगभग आधी सीढ़ियों चढ़ चुके थे और वो ऊपर पहुंच गए थे। मगर तभी जिसे गोली लगी थी, वो गिर पड़ा। उसके गिरने से एक चीख सुनाई दी, जो एक लड़की की लग रही थी। ये देख दूसरा उसे अपनी गोद में उठा कर दौड़ पड़ा। हालांकि घायल व्यक्ति उसको शायद अकेले भागने को कह रहा था, मगर फिर भी वो उसको अपने कंधे पर उठा कर भाग निकला।
हम भी फौरन ही ऊपर पहुंच गए, मगर वो लोग शायद किले के अंदर जा चुके थे। हम जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचे, एक फायर हमारी ओर आया। मैं तो झोंक में अंदर ही जा रहा था। मगर समर ने पहले ही ये भांपते हुए, मुझे पीछे खींच लिया।
अब हम सावधानी से अंदर घुसे। सामने एक छोटा सा बगीचा जैसा था जिसमें कुछ बड़े दरख़्त भी लगे हुए थे। अंदर जाते ही हम एक दरख़्त के पीछे छिप गए और आस पास देखने लगे। तभी आगे के एक दरख़्त के पीछे हमें कुछ हलचल देखी। वो दोनों ही वहां छुपे थे। जिसे गोली लगी थी वो जमीन पर था और दूसरा खड़ा हो कर हमारी हरकतें देख रहा था। जमीन पर बैठ हुए व्यक्ति ने हेलमेट उतर दिया था, और उसके लंबे बाल हमें दिख रहे थे, जो उसके लड़की होने की गवाही दे रहे थे। शायद दोनो में कोई बहस चल रही थी, दूरी ज्यादा होने से हमे कुछ सुनाई तो नहीं पड़ रहा था मगर ऐसा लग रहा था जैसे घायल हुआ व्यक्ति दूसरे को वहां से जाने को कह रहा था।
समर उनको उलझा देख, मुझे वहीं छोड़ कर छिप कर आगे बढ़ने लगा। इधर शायद नीचे बैठे हुए को ये अहसास हो गया और उसने अपने साथी को उसकी ओर इशारा कर दिया और उसने समर की ओर गोली चला दी। लेकिन समर भी तब तक एक पेड़ की ओट में ही गया था।
समर को आगे बढ़ता देख इस बार शायद खड़ा हुआ व्यक्ति भागने को तैयार हो गया। उसने अपनी पिस्तौल उस लड़की को थमा दी और पीछे की ओर जाने लगा, वो लड़की लगभग घसीटते हुए आगे को आई और समर को कवर करने लगी।
इसी समय मेरी नजर उसके चेहरे पर पड़ी और
इन्हीं भावनाओं को काबू में रखो, वरना भावना काबू कर लेगी तुमकोSahi kaha sir aapne
Bhavnaaooo me kuch jada he beh raha hoo mai
New journey start ki hai na
Bilkul bhaiइन्हीं भावनाओं को काबू में रखो, वरना भावना काबू कर लेगी तुमको