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आप लोगों का फिर से मेरी कहानी मैं स्वागत है पिछले अपडेट मैं आपने जो पढ़ा कि कैसे मां और भाई चुप-चुप के एक दूसरे को अपने अंगों का सहारा दे रहे हैं
आज जैसे ही मैंने उनको पकडा या मतलब चुपके देखा तो उसके बाद तो मतलब मेरे होश ही उड़ गए एक तरह से मै तो मतलब अंदर से खोखला हो चुका हूँ कि यह क्या हुआ एक मां और एक बेटा वो भी मेरे ही परिवार के मेरे और पापा से चुपके क्या कर रहे हैं इसी तरह की तरह मैं यह सोचता हुआ मैं अपने कमरे में पहुंचता हूं और भाई के आने का इंतजार करता हूं 10 से 15 मिनट के बाद भाई रूम में आता है उसकी आंखें बिल्कुल लाल थी शायद उसने गंजा फूंक रखा था वो आता है मेरी तरफ देखके सीधा लेट जाता है और उसे कब नींद आ आती पता नहीं चलता है
मैं काफी देर तक यह सोचता रहता हूं की मां और भाई की ऐसी क्या मजबूरी रही होगी जो माँ ने भाई से ही मजे लेने का मन बना लिया जैसे ही अगली सुबह होती है 7:30 के करीब मैं उठता हूं देखता हूं भाई पास में नहीं है और और करीब 15 मिनट के बाद मेरी मां चाय लेकर अंदर आती है मुझे तो मम्मी को देखते ही गुस्सा आ जाता है कि यह वही रांड औरत है जो रात को अपने ही बेटे के लंड पर उछल रही थी लेकिन मैं अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करते हुए प्यार से मां के हाथों से चाय लेता हूं और उन्हें मुस्कुरा कर देखता हूं जैसे वह पीछे चाय देकर मुड़ती है तो मैं उनके चूतड़ों को देखता हूं कि वह कैसे बाहर को फैले हुए हैं और ऊपर नीचे हो रहे हैं मैं मन में सोचता हूं कि इनको बड़े करने के पीछे मेरे भाई का ही हाथ है जैसे ही मन दरवाजे के पास पहुंचती है तो मैं मां को आवाज लगाते हुए कहता हूं माँ रुको तो वह पीछे मुड़कर मुझे देखती है मैंने कहा मैंने पूछा मां भाई कहां है तो वह कहती है कि वह अपने पापा के साथ भैंसों के तबेले में भैंसों को नहला रहा है आज रविवार है तो तेरे पापा को भी छुट्टी है तो इसलिए वह छुट्टी का फायदा उठा रहे हैं
मां कहती है चलो ठीक है बेटा तुम फ्रेश होकर नीचे आ जाओ मैं खाना लगा दूंगी तब तक तेरे पापा और भाई भी फ्री हो जाएंगे जैसे ही मैं थोड़ी देर में नीचे आता हूं पापा भी अपना काम खत्म करके अंदर आ गए थे मम्मी भी नहा के बिल्कुल रेडी हो गई थी और उन्होंने बहुत ही टाइट सफेद लेगिंग्स डाल रखी थी उसके अंदर से उनकी नीली कच्छी साफ दिखाई दे रही थी बिल्कुल माल लग रहीं थीं और मैं देख रहा था कि हम डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे खाना खाते वक्त भाई का लंड थोड़ा सा खड़ा हो रहा था मम्मी के बाहर निकले हुए चूतड़ों को देखकर.......
थोड़ी देर में मां पापा की ओर देखकर कहती है कि आज आपकी छुट्टी है तो प्लीज आप अपना ध्यान रखना थोड़ा सा क्योकि छोटू भी घर आया हुआ है तो मैं मां की और देखकर पूछता हूं माँ किस बात का ध्यान रखना आप लोग मुझसे कुछ छुपा रहे हो क्या तो माँ बोलती है बेटा ऐसी कोई बात नहीं है बस तुम्हारे पापा कभी-कभी छुट्टी वाले दिन शराब ज्यादा पी लेते हैं
तो पापा कहते हैं कि एक ही तो दिन होता है इंजॉय करने के लिए मुझे पीने दिया करो तो मम्मी कहती है आप एक दिन नहीं आप हर रोज पी के आते हो तो पापा कहते हैं चलो ठीक है लेकिन थोड़ी सी पीना तो बनता है तो माँ भाई की ओर हसते
हुए देखके कहती है आपकी थोड़ी का पता है मुझे
चलो ठीक है पर आप थोड़ी ही पीना क्योंकि हमें दोपहर को चारा लाने भी जाना होगा मैं आशीष और आप चल पड़ेंगे और छोटू घर पर रह जाएगा और माँ फिर मुस्कराते हुए भाई को देखती है मैं समझ गया कि आज भी खेल जरूर खेला जाएगा
मैं खाना खाकर वापिस अपने रूम मैं आ गया और बेड पर लेट कर मम्मी के बारे मैं सोचने लगा की साली ने क्या टाइट पाजामि
पहन रखी है और उसके अंदर की कच्छी तो और भी जादा सेक्सी लग रहीं थीं यही सब सोचते सोचते मैं कब सो गया पता नी चला ,
करीब 1 बजे मेरी नींद किसी आवाज के कारण खुली मैंने अपने कमरे की खिड़की पर्दा हटाया और नीचे बरामदे मैं देखा कि पापा मम्मी और भाई बैठे हुए थे पापा को देखकर लग रहा था कि उन्होंने बहुत ज्यादा शराब पी ली है और उनको होश बहुत कम है पापा सबसे आगे बैठे हुए थे उसके साइड में भैया और पीछे मां बैठी हुई थी
हमारा घर चार दिवारी में है तो बाहर किसी को कुछ नहीं दिखता मैंने देखा कि भैया मम्मी को बोलते हैं की मां आज बैंगन की सब्जी बनाओ और ऐसा बोलते ही उन्होंने अपनी पेंट नीचे करके अपना लौड़ा बाहर निकाल दिया और उसे मम्मी को दिखाने लगे यह देखकर मम्मी के मुंह में पानी आ गया तो मम्मी बोली हां बेटा मुझे भी बड़े-बड़े बैगन बहुत पसंद है आज तो बैंगन की सब्जी बनाना बनती है और मम्मी ने चारों तरफ देखकर अपनी पजामी नीचे करी और अपनी लाल कच्छी साइड मैं करके अपनी चुत को भैया को दिखाने लगी

भैया हल्का सा करीब आके माँ की लाल चुत देखकर पागल हो गए और बोले हां मां बैंगन की सब्जी में लाल लाल टमाटर हो तो और ज्यादा मजा आता है और धीरे-धीरे अपना लौड़ा हिलने लगे पापा को इस बात की कोई खबर नहीं थी कि उनकी पीठ पीछे क्या हो रहा है
मम्मी बहुत जादा गर्म हो गयी और मां ने मेरे छत वाले रूम की ओर देखते हुए कहा सुनिए जी और पापा को आवाज़ लगाई लेकिन पापा की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया तुम भैया ने मां को आंख मेरी और कुछ दोबारा बोलने को कहा तो मम्मी ने पापा को दोबारा आवाज़ लगाई सुनिए जी तो पापा शराब के नशे में हड़बड़ाते हुए बोले हां बोलो क्या बोल रही है
तो मम्मी बोली कि चलो जी मैं आप और आशीष भैंसों के लिए जंगल वाले खेतों से चार ले आते हैं तो यह सुनकर पापा बोलते हैं कि मेरे से नहीं जाया जाएगा तुम चली जाओ और साथ में आशीष और छोटू को भी ले जाओ तो माँ थोड़ा घबराई और बोली छोटू जंगल में जाकर क्या करेगा और भाई की तरफ आंख मारते हुए हल्का सा मुस्कुराने लगी तो भाई ने मां को दोबारा इशारा किया कि कुछ बोलो तो मां बोलती है कि चलिए ना जी आप चलिए और आशीष भी तो चल रहा है यह सुनकर पापा दोबारा बोलते हैं कि अरे चली जाओ ना क्यों दिमाग खराब कर रही हो तू और आशीष ले आओ मेरे से नहीं जाया जाएगा तो यह सब सुनकर मन और भाई बहुत ज्यादा खुश होते हैं लेकिन अपने आपको कंट्रोल करते हैं और बोलते हैं आपका हर रोज का यही हो गया है चलो कोई बात नहीं आशीष बेटा तुम चलो हम भैंसों के लिए चारा ले आते हैं मुझे पता लग गया था कि दोनों के अंदर आज बहुत आग ज्यादा लगी हुई है यह बिना चुदाई के रह नी सकते
और और मम्मी ने उठते हुए भाई का लौड़ा सला दिया तो भाई ने भी मम्मी के पीछे से गोल-गोल बड़ी गांड मसल दी माँ ने हंसते हुए पापा की ओर इशारा करते हुए मुझे चुप रहने का इशारा

उसके बाद मम्मी मेरे कमरे में आई मुझे बोली की छोटू मैं और आशीष को घास लाने जंगल वाले खेत जा रहे हैं तुम पापा का क्या रखना मैंने कहा ठीक है आप जाओ जल्दी आ जाना साथ में बैठकर शाम की चाय पियेंगे और मैं भी मम्मी के साथ कमरे से बाहर आ गया आंगन में और तब तक पिताजी उठकर अपने कमरे में अंदर जा चुके थे और मां और भाई ने घास बांधने के लिए रस्सी उठाते हुए दोनों आगे पीछे होकर घर से जंगल की ओर निकल गए लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं हालांकि मुझे जंगल वाले खेत का पता तो था लेकिन घर को अकेला छोड़कर भी नहीं जा सकता था क्योंकि पिता जी अगर वह कहीं और निकल गए तो दिक्कत हो जाएगी लेकिन मुझे मां और भाई का खेल भी तो देखना था तो इसलिए मैंने पिता जी के कमरे को कुंडी बाहर से लगाकर मैं मां और भाई जहां गए थे वहां उसी रास्ते की ओर चल पड़ा 15 मिनट बाद में उसे जगह पर पहुंच गया जहां मम्मी और भाई गए थे
मैंने एक पत्थर की चट्टान के पीछे से देखा की मां और भाई क्या कर रहे हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं था भाई दोनों घास काटने लगे हुए थे तो मैंने कहा आज चुदाई का कोई प्रोग्राम नहीं है मैं ही फालतू में शक कर रहा था इसलिए मैंने अपने जेब से सिगरेट निकाली और थोड़ा दूर जाकर पीने लगा कि इन्हें कोई स्मेल ना आए मैंने 5 मिनट मैं सिगरेट पी और एक बार दोबारा उनकी तरफ देखने लगा तो मैंने देखा की मां और का भाई का घास काटने का काम लगभग पूरा हो चुका था और वह सभी घास को एक साथ रख रहे थे
जैसे ही माँ घास बांधने लगी तो भाई ने मां की गांड को पीछे से रगड़ना शुरू कर दिया तो माँ भाई को कहने लगी अरे आशु रुक जा एक बार घास को बांधने दे दो उसके बाद सब कुछ तेरा ही तू भी याद रखेगा की तेरी मां बहुत बड़ी रंडी बन चुकी है वह भी सिर्फ तेरे लिए दुनिया वालों के लिए एक बहुत ही शरीफ औरत है जैसे ही माँ का घास इकट्ठा करने का काम पूरा हुआ तो भाई एकदम से किसी पेड़ के पत्तों को नीचे बिछाने लगा फिर मां ने अपना दुपट्टा भाई की ओर फेंक दिया और भाई ने पत्तों के ऊपर अपनी मां के दुपट्टे को बिछाया और जेब से एक गंजा की पुड़िया, एक पेपर और एक लाइटर निकला और पेपर भरने बैठ गया 2 मिनट में उसने गंजा तैयार कर दिया और लाइटर से उसे जलने लगा मां भी उसके साथ बैठ गई और भैया गंजा पीने लग पड़े मैं थोड़ी देर में ही मैं यह देखकर चौंक गया की मां भी भैया से लेकर गांजा पी रही थी दोनों गांजे के नशे में पूरी तरह लीन हो गए
गंजा पीने के बाद मम्मी एकदम से खड़ी हुई और अपनी कमीज उतारने के बाद अपनी पजामी उतरी और सिर्फ अपनी ब्रा और कच्छी में भैया के सामने खड़ी हो गई भाई पहले से ही बहुत नशे में चूर थे और उन्होंने माँ को देखकर अपना लौड़ा सहलाना शुरू कर दिया और बोले है मेरी रांड क्या जिस्म दिया है मेरे बाप ने मेरे लिए तो मां बोलती है बहन के लौड़ा अपने कपड़े उतार और अपना लौड़ा निकाल मैं उसे चूसना चाहती हूं यह सब देखकर मुझे तो पता चल गया कि यह दोनों आज पूरे मजे लेने के मूड में है तब तक लौड़ा भी बाहर निकाल दिया था थोड़ी देर बाद भैया नीचे लेट गए और मां को उल्टा लेटा दिया और माँ की काली कच्छी साइड में करके चूतड़ों को चूसने लगे
दूसरी साइड मां भैया के लोड़े को मुंह में लेकर पूरा मजा दे रही थी भैया मां की चूत और गांड चाटते चाटते माँ से पूछने लगे मम्मी तुम्हारी चूत बेटी से भी टाइट होगी पापा करते क्या थे क्या उनके पास इतना बड़ा लौड़ा नहीं था या आपने अपनी चूत टाइट करने के लिए कोई दवाई ली है तो मां बोलती है बेटे के बाद तुम्हारे पापा महीने या 2 महीने में सिर्फ एक बार ही चुदाई की थी इसलिए मेरी चूत टाइट होते होते और टाइट हो गई क्योंकि की बाद में मेरे बेटे का ही लौड़ा जो इसमें जाएगा ये सुनते ही भैया और ज्यादा मूड में आ गए और उन्होंने मां की गांड को खाना शुरू कर दिया वह मां की गांड को मुंह से ही काट रहे थे दुनिया से बेखबर क्योंकि गंजा का नशा दुगना मजा दे रहा था भैया ने मां के चूतड़ों को कस कस के चूस के लाल कर दिया था करीब 10 मिनट के बाद चुसुम चुसाई करने के बाद मां बोली बेटा अब वह कम करो जो हम इतने दूर से करने आए हैं तुम भैया कहते हैं रुको मां अभी तुम्हारे चूचू को भी चूसना है उसमें तो सबसे ज्यादा मजा है उन बड़े-बड़े दूसरों को चूचू को चूसने के बाद भैया ने मां को मानो दुनिया के सारे ग़म भुला दिए
आजा बेटे जहां से तू निकला है उसमें अपने लौड़ा को डाल फिर मम्मी एकदम से अपनी टांगे बिछा के नीचे लेट गई और भैया ने अपने लैंड पर थूक लगाया गया अपने लंड को मां की चूत के अंदर डाल दिया मम्मी खुशी के मारे दर्द से गहरा उठी और बोली अरे बहन के लोड़े मेरे बेटे इसी के लिए तो दिन-रात मां के पीछे घूमता रहता है ना यही चाहिए था ना तुझे मां का छेद ले मार ले जितना मारना है इसमें अपना लौड़ा फाड़ अपनी मां की चूत अब
ओह आशु आआ बहुत मजा आया … आआह थोड़ी देर ऐसे ही रुका रह … ऐसे ही चुत में लंड घुसा रहने दे … आआ बहुत अच्छा महसूस हो रहा है … आह मस्त है तेरा लंड … आह चुत में जाते ही मजा आने लगता है!
भैया माँ को बोलते हुए आहह मॉम बहुत मजा आ रहा है मेरी रंडी ऊह्ह्ह आआह आओह्ह्ह … साली तुझको तो अब रोज ही चोदूंगा आआह्ह्ह … आआह्ह्ह … मेरी रंडी, मस्त है तेरी चुत बहन की लौड़ी आआ ऊह्ह्ह आज के बाद बस तू मेरा लौड़ा ही चुत में लेना आआह्ह्ह
तभी फोन की घंटी बजी.
मॉम- ओह साला कौन की गांड में कीड़े ने काटा … इस मादरचोद फोन को भी अभी ही आना था!
फोन की घंटी लगातार बज रही थी और भाई मॉम को दे दनादन चोद रहा था.
मैं- आह हिल मत यार … चोदने में मजा आ रहा है … कोई जरूरी होगा तो दुबारा से फोन कर लेगा.
तभी दुबारा से फोन बजा
मॉम- ओह आशु, अब तो छोड़ मुझे कहीं छोटू का ना हो,साले फोन उठाने दे कहीं वो इधर ना आ जाए.
तब मॉम ने मुझे दूसरी तरफ किया और खड़ी हो गईं.
वे थोड़ी हांफ भी रही थीं … यह मेरी दीदी का फोन था जो 2 महीने के लिए मामा के घर गयी थी
दीदी-क्या बात है माँ, फोन नहीं उठाया?
मॉम- हां, फोन साइड मैं पड़ा था ना!मैं घास काटने आई हूं आशु के साथ
दीदी- ओके तुम हांफ क्यों रही हो, क्या हुआ?
मॉम- बस घास काटने बजह से , ऊपर से आपका फोन उठाने लिए जल्दी से आना पड़ा !
दीदी- हां और सब ठीक है माँ
मॉम- हां सब ठीक है.
मॉम खड़ी खड़ी बात कर रही थीं, भाई से रहा नहीं गया.
उसने सोचा मॉम बात करती हुई ही आधा घंटा लगा देंगी.
भाई मॉम के पास गया और उन्हें पीछे से पकड़ लिया.
मॉम थोड़ी सी चौंक गईं. वो मॉम की चूत मे लंड घुसेड़ने लगा.
मॉम की हल्की हल्की आह निकलने लगी.
मॉम- ऊँह आह!
दीदी- अरे यार तुम तो ऐसे आह आह कर रही हो मानो कोई चोट लगी हो तुमको!
मॉम एकदम से चौंक गईं, फिर हंसती हुई बोलीं- अरे वो मच्छर काट रहे है
भैया ने मॉम को इशारा किया कि वह पेड़ के पास आ जाएं, पर वे बात कर रही थीं.
भाई ने मॉम का हाथ पकड़ कर उन्हें पेड़ की ओर खींचा.
भईया ने उन्हें डॉगी स्टाइल में होने का इशारा किया.
वे बात करती हुई डॉगी स्टाइल में हो गईं और आराम से चोदने का इशारा किया.
बड़े आराम से भईया ने उनकी चुत पर लंड रखा और कमर पकड़ कर आहिस्ता से लंड को उनकी चुत में उतार दिया.
भाई ने इतनी नजाकत से लंड पेला था मानो कोई डॉक्टर आराम से इंजेक्शन लगा रहा हो वो मॉम की चुत में चुपचाप लंड पेल रहा था.और मॉम की आवाज मदहोश कर रही थीं.
भाई ने मॉम को इशारा किया कि फ़ोन काट दें.
मॉम- आआहह चलो ठीक हैं बेटा सुबह बात करेंगे … यहां मच्छर बहुत हैं, रखती हूँ
दीदी- बाय माँ
मॉम भाई से चुदती हुई दीदी के साथ फोन पर बात कर रही थीं और उसे असली चुदाई का मजा दे रही थीं.
उसने अब मॉम के दूध पकड़ लिए और जोर जोर से चोदने लगा. उनकी चूत में से फचक फचक की आवाज आने लगीं.
भाई की जांघें मॉम के चूतड़ों से टकरा रही थीं, तो फट फट की आवाज आने लगी थी.
मॉम- आआह आआह्ह्ह … उउइइइ मॉम बहुत मज़ा आ रहा है … चोद अपनी मॉम को … आअ ह्ह्ह … साले दूध पकड़ ले मादरचोद … आआ तेज तेज चोद साले!
मॉम जोर जोर से चिल्ला रही थीं, उन्हें परम मजा आने वाला था. चारों तरफ कोई नहीं था इसलिए मॉम की आवाज सुनने वाला कोई नहीं था.
तेज शॉट लगने से मां बार बार आगे को खिसकती जा रही थीं.
भाई बोला अरे यार, आगे क्यों भाग रही है?
मॉम- बहुत जोर से धक्का मार रहा है तू आह!
भाई ने अब मॉम के दोनों दूध अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए.
अब वे उसकी मर्जी के बिना हिल भी नहीं सकती थीं.
मॉम- आह्ह्ह … अब ठीक है बेटे, चोद अपनी मॉम को … आआ मर गई … साले ने मारा डाला … आआह बहुत मज़ा आ रहा है यार … उउइ मर गई रे आह!
भाई का लंड अब सारा का सारा अन्दर जा रहा था.
मॉम की चूत से फ़च फ़च की आवाज आ रही थी, चूत का कुछ पानी भी बाहर निकल गया था.
मॉम के चूतड़ लाल हो गए थे. उनको बहुत मज़ा आ रहा था- आह्ह्ह … आशु चोद दे मेरी चूत … आह मर गई यार … फाड़ डाली तूने ऊहहह … मर गई रे आशु आआह … छोड़ दे भोसड़ी के मादरचोद!
वे कुछ देर तक चिल्लाती रहीं, भाई उनको चोदता रहा.
तभी भाई मॉम की चूत में ही झड़ गया.
भाई उनको झड़ने के बाद भी चोद रहा था.
उस वजह से चूत वीर्य से भरने लगी और उसी समय मॉम भी झड़ गईं.
भाई ने मॉम की चूत में कई शॉट मारे और अपना माल उनकी चूत में भर दिया.
वे भाई ke आगे आगे झुकी हुई पेड़ के सहारे खड़ी थीं.
भाई भी उनके ऊपर झुक गया और कुछ देर तक अपना लंड मॉम की चूत में ही डाले रखा.
मॉम कुछ भी नहीं बोल रही थीं.
फिर भाई ने मॉम को छोड़ दिया.
मॉम और वे दोनों खड़े हो गए.
मॉम ने भाई की तरफ देखा और मुस्कान दे दी.
मैंने देखा उनकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मॉम ने भाई को पकड़ा और बोलीं- सच में तू बहुत बड़ा मादरचोद है. इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया आशु … आई लव यू बेटा … तू जब चाहे मुझे चोद लिया कर … आई लव यू राजा.
भाई- आई लव यू मॉम, तुम बहुत अच्छी हो … आज बहुत मजा दिया!
मॉम ने एक कपड़े से अपनी गांड और साफ चूत की और फिर अपने हाथो से भाई का लंड साफ़ किया ओर फिर उन्होंने कपड़े पहने और माँ ने नीचे से अपना दुपट्टा उठाया
तभी भाई बोला माँ साहिल को जल्दी से वापिस भेजने की कोई स्कीम बनाओ
बरना हमें बार बार छुप छुप के ही चुदना पढ़ना
माँ- कोई बात नि बेटे वो भी मेरा ही बच्चा है उसे भी मेरा प्यार
चाहिए होता है और एक दूसरे को देखते हुए बहुत जोर जोर से हंसने लगे
आज जैसे ही मैंने उनको पकडा या मतलब चुपके देखा तो उसके बाद तो मतलब मेरे होश ही उड़ गए एक तरह से मै तो मतलब अंदर से खोखला हो चुका हूँ कि यह क्या हुआ एक मां और एक बेटा वो भी मेरे ही परिवार के मेरे और पापा से चुपके क्या कर रहे हैं इसी तरह की तरह मैं यह सोचता हुआ मैं अपने कमरे में पहुंचता हूं और भाई के आने का इंतजार करता हूं 10 से 15 मिनट के बाद भाई रूम में आता है उसकी आंखें बिल्कुल लाल थी शायद उसने गंजा फूंक रखा था वो आता है मेरी तरफ देखके सीधा लेट जाता है और उसे कब नींद आ आती पता नहीं चलता है
मैं काफी देर तक यह सोचता रहता हूं की मां और भाई की ऐसी क्या मजबूरी रही होगी जो माँ ने भाई से ही मजे लेने का मन बना लिया जैसे ही अगली सुबह होती है 7:30 के करीब मैं उठता हूं देखता हूं भाई पास में नहीं है और और करीब 15 मिनट के बाद मेरी मां चाय लेकर अंदर आती है मुझे तो मम्मी को देखते ही गुस्सा आ जाता है कि यह वही रांड औरत है जो रात को अपने ही बेटे के लंड पर उछल रही थी लेकिन मैं अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करते हुए प्यार से मां के हाथों से चाय लेता हूं और उन्हें मुस्कुरा कर देखता हूं जैसे वह पीछे चाय देकर मुड़ती है तो मैं उनके चूतड़ों को देखता हूं कि वह कैसे बाहर को फैले हुए हैं और ऊपर नीचे हो रहे हैं मैं मन में सोचता हूं कि इनको बड़े करने के पीछे मेरे भाई का ही हाथ है जैसे ही मन दरवाजे के पास पहुंचती है तो मैं मां को आवाज लगाते हुए कहता हूं माँ रुको तो वह पीछे मुड़कर मुझे देखती है मैंने कहा मैंने पूछा मां भाई कहां है तो वह कहती है कि वह अपने पापा के साथ भैंसों के तबेले में भैंसों को नहला रहा है आज रविवार है तो तेरे पापा को भी छुट्टी है तो इसलिए वह छुट्टी का फायदा उठा रहे हैं
मां कहती है चलो ठीक है बेटा तुम फ्रेश होकर नीचे आ जाओ मैं खाना लगा दूंगी तब तक तेरे पापा और भाई भी फ्री हो जाएंगे जैसे ही मैं थोड़ी देर में नीचे आता हूं पापा भी अपना काम खत्म करके अंदर आ गए थे मम्मी भी नहा के बिल्कुल रेडी हो गई थी और उन्होंने बहुत ही टाइट सफेद लेगिंग्स डाल रखी थी उसके अंदर से उनकी नीली कच्छी साफ दिखाई दे रही थी बिल्कुल माल लग रहीं थीं और मैं देख रहा था कि हम डाइनिंग टेबल पर बैठे हुए थे खाना खाते वक्त भाई का लंड थोड़ा सा खड़ा हो रहा था मम्मी के बाहर निकले हुए चूतड़ों को देखकर.......
थोड़ी देर में मां पापा की ओर देखकर कहती है कि आज आपकी छुट्टी है तो प्लीज आप अपना ध्यान रखना थोड़ा सा क्योकि छोटू भी घर आया हुआ है तो मैं मां की और देखकर पूछता हूं माँ किस बात का ध्यान रखना आप लोग मुझसे कुछ छुपा रहे हो क्या तो माँ बोलती है बेटा ऐसी कोई बात नहीं है बस तुम्हारे पापा कभी-कभी छुट्टी वाले दिन शराब ज्यादा पी लेते हैं
तो पापा कहते हैं कि एक ही तो दिन होता है इंजॉय करने के लिए मुझे पीने दिया करो तो मम्मी कहती है आप एक दिन नहीं आप हर रोज पी के आते हो तो पापा कहते हैं चलो ठीक है लेकिन थोड़ी सी पीना तो बनता है तो माँ भाई की ओर हसते
हुए देखके कहती है आपकी थोड़ी का पता है मुझे
चलो ठीक है पर आप थोड़ी ही पीना क्योंकि हमें दोपहर को चारा लाने भी जाना होगा मैं आशीष और आप चल पड़ेंगे और छोटू घर पर रह जाएगा और माँ फिर मुस्कराते हुए भाई को देखती है मैं समझ गया कि आज भी खेल जरूर खेला जाएगा
मैं खाना खाकर वापिस अपने रूम मैं आ गया और बेड पर लेट कर मम्मी के बारे मैं सोचने लगा की साली ने क्या टाइट पाजामि
पहन रखी है और उसके अंदर की कच्छी तो और भी जादा सेक्सी लग रहीं थीं यही सब सोचते सोचते मैं कब सो गया पता नी चला ,
करीब 1 बजे मेरी नींद किसी आवाज के कारण खुली मैंने अपने कमरे की खिड़की पर्दा हटाया और नीचे बरामदे मैं देखा कि पापा मम्मी और भाई बैठे हुए थे पापा को देखकर लग रहा था कि उन्होंने बहुत ज्यादा शराब पी ली है और उनको होश बहुत कम है पापा सबसे आगे बैठे हुए थे उसके साइड में भैया और पीछे मां बैठी हुई थी
हमारा घर चार दिवारी में है तो बाहर किसी को कुछ नहीं दिखता मैंने देखा कि भैया मम्मी को बोलते हैं की मां आज बैंगन की सब्जी बनाओ और ऐसा बोलते ही उन्होंने अपनी पेंट नीचे करके अपना लौड़ा बाहर निकाल दिया और उसे मम्मी को दिखाने लगे यह देखकर मम्मी के मुंह में पानी आ गया तो मम्मी बोली हां बेटा मुझे भी बड़े-बड़े बैगन बहुत पसंद है आज तो बैंगन की सब्जी बनाना बनती है और मम्मी ने चारों तरफ देखकर अपनी पजामी नीचे करी और अपनी लाल कच्छी साइड मैं करके अपनी चुत को भैया को दिखाने लगी

भैया हल्का सा करीब आके माँ की लाल चुत देखकर पागल हो गए और बोले हां मां बैंगन की सब्जी में लाल लाल टमाटर हो तो और ज्यादा मजा आता है और धीरे-धीरे अपना लौड़ा हिलने लगे पापा को इस बात की कोई खबर नहीं थी कि उनकी पीठ पीछे क्या हो रहा है
मम्मी बहुत जादा गर्म हो गयी और मां ने मेरे छत वाले रूम की ओर देखते हुए कहा सुनिए जी और पापा को आवाज़ लगाई लेकिन पापा की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया तुम भैया ने मां को आंख मेरी और कुछ दोबारा बोलने को कहा तो मम्मी ने पापा को दोबारा आवाज़ लगाई सुनिए जी तो पापा शराब के नशे में हड़बड़ाते हुए बोले हां बोलो क्या बोल रही है
तो मम्मी बोली कि चलो जी मैं आप और आशीष भैंसों के लिए जंगल वाले खेतों से चार ले आते हैं तो यह सुनकर पापा बोलते हैं कि मेरे से नहीं जाया जाएगा तुम चली जाओ और साथ में आशीष और छोटू को भी ले जाओ तो माँ थोड़ा घबराई और बोली छोटू जंगल में जाकर क्या करेगा और भाई की तरफ आंख मारते हुए हल्का सा मुस्कुराने लगी तो भाई ने मां को दोबारा इशारा किया कि कुछ बोलो तो मां बोलती है कि चलिए ना जी आप चलिए और आशीष भी तो चल रहा है यह सुनकर पापा दोबारा बोलते हैं कि अरे चली जाओ ना क्यों दिमाग खराब कर रही हो तू और आशीष ले आओ मेरे से नहीं जाया जाएगा तो यह सब सुनकर मन और भाई बहुत ज्यादा खुश होते हैं लेकिन अपने आपको कंट्रोल करते हैं और बोलते हैं आपका हर रोज का यही हो गया है चलो कोई बात नहीं आशीष बेटा तुम चलो हम भैंसों के लिए चारा ले आते हैं मुझे पता लग गया था कि दोनों के अंदर आज बहुत आग ज्यादा लगी हुई है यह बिना चुदाई के रह नी सकते
और और मम्मी ने उठते हुए भाई का लौड़ा सला दिया तो भाई ने भी मम्मी के पीछे से गोल-गोल बड़ी गांड मसल दी माँ ने हंसते हुए पापा की ओर इशारा करते हुए मुझे चुप रहने का इशारा

उसके बाद मम्मी मेरे कमरे में आई मुझे बोली की छोटू मैं और आशीष को घास लाने जंगल वाले खेत जा रहे हैं तुम पापा का क्या रखना मैंने कहा ठीक है आप जाओ जल्दी आ जाना साथ में बैठकर शाम की चाय पियेंगे और मैं भी मम्मी के साथ कमरे से बाहर आ गया आंगन में और तब तक पिताजी उठकर अपने कमरे में अंदर जा चुके थे और मां और भाई ने घास बांधने के लिए रस्सी उठाते हुए दोनों आगे पीछे होकर घर से जंगल की ओर निकल गए लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करूं हालांकि मुझे जंगल वाले खेत का पता तो था लेकिन घर को अकेला छोड़कर भी नहीं जा सकता था क्योंकि पिता जी अगर वह कहीं और निकल गए तो दिक्कत हो जाएगी लेकिन मुझे मां और भाई का खेल भी तो देखना था तो इसलिए मैंने पिता जी के कमरे को कुंडी बाहर से लगाकर मैं मां और भाई जहां गए थे वहां उसी रास्ते की ओर चल पड़ा 15 मिनट बाद में उसे जगह पर पहुंच गया जहां मम्मी और भाई गए थे
मैंने एक पत्थर की चट्टान के पीछे से देखा की मां और भाई क्या कर रहे हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं था भाई दोनों घास काटने लगे हुए थे तो मैंने कहा आज चुदाई का कोई प्रोग्राम नहीं है मैं ही फालतू में शक कर रहा था इसलिए मैंने अपने जेब से सिगरेट निकाली और थोड़ा दूर जाकर पीने लगा कि इन्हें कोई स्मेल ना आए मैंने 5 मिनट मैं सिगरेट पी और एक बार दोबारा उनकी तरफ देखने लगा तो मैंने देखा की मां और का भाई का घास काटने का काम लगभग पूरा हो चुका था और वह सभी घास को एक साथ रख रहे थे
जैसे ही माँ घास बांधने लगी तो भाई ने मां की गांड को पीछे से रगड़ना शुरू कर दिया तो माँ भाई को कहने लगी अरे आशु रुक जा एक बार घास को बांधने दे दो उसके बाद सब कुछ तेरा ही तू भी याद रखेगा की तेरी मां बहुत बड़ी रंडी बन चुकी है वह भी सिर्फ तेरे लिए दुनिया वालों के लिए एक बहुत ही शरीफ औरत है जैसे ही माँ का घास इकट्ठा करने का काम पूरा हुआ तो भाई एकदम से किसी पेड़ के पत्तों को नीचे बिछाने लगा फिर मां ने अपना दुपट्टा भाई की ओर फेंक दिया और भाई ने पत्तों के ऊपर अपनी मां के दुपट्टे को बिछाया और जेब से एक गंजा की पुड़िया, एक पेपर और एक लाइटर निकला और पेपर भरने बैठ गया 2 मिनट में उसने गंजा तैयार कर दिया और लाइटर से उसे जलने लगा मां भी उसके साथ बैठ गई और भैया गंजा पीने लग पड़े मैं थोड़ी देर में ही मैं यह देखकर चौंक गया की मां भी भैया से लेकर गांजा पी रही थी दोनों गांजे के नशे में पूरी तरह लीन हो गए
गंजा पीने के बाद मम्मी एकदम से खड़ी हुई और अपनी कमीज उतारने के बाद अपनी पजामी उतरी और सिर्फ अपनी ब्रा और कच्छी में भैया के सामने खड़ी हो गई भाई पहले से ही बहुत नशे में चूर थे और उन्होंने माँ को देखकर अपना लौड़ा सहलाना शुरू कर दिया और बोले है मेरी रांड क्या जिस्म दिया है मेरे बाप ने मेरे लिए तो मां बोलती है बहन के लौड़ा अपने कपड़े उतार और अपना लौड़ा निकाल मैं उसे चूसना चाहती हूं यह सब देखकर मुझे तो पता चल गया कि यह दोनों आज पूरे मजे लेने के मूड में है तब तक लौड़ा भी बाहर निकाल दिया था थोड़ी देर बाद भैया नीचे लेट गए और मां को उल्टा लेटा दिया और माँ की काली कच्छी साइड में करके चूतड़ों को चूसने लगे
दूसरी साइड मां भैया के लोड़े को मुंह में लेकर पूरा मजा दे रही थी भैया मां की चूत और गांड चाटते चाटते माँ से पूछने लगे मम्मी तुम्हारी चूत बेटी से भी टाइट होगी पापा करते क्या थे क्या उनके पास इतना बड़ा लौड़ा नहीं था या आपने अपनी चूत टाइट करने के लिए कोई दवाई ली है तो मां बोलती है बेटे के बाद तुम्हारे पापा महीने या 2 महीने में सिर्फ एक बार ही चुदाई की थी इसलिए मेरी चूत टाइट होते होते और टाइट हो गई क्योंकि की बाद में मेरे बेटे का ही लौड़ा जो इसमें जाएगा ये सुनते ही भैया और ज्यादा मूड में आ गए और उन्होंने मां की गांड को खाना शुरू कर दिया वह मां की गांड को मुंह से ही काट रहे थे दुनिया से बेखबर क्योंकि गंजा का नशा दुगना मजा दे रहा था भैया ने मां के चूतड़ों को कस कस के चूस के लाल कर दिया था करीब 10 मिनट के बाद चुसुम चुसाई करने के बाद मां बोली बेटा अब वह कम करो जो हम इतने दूर से करने आए हैं तुम भैया कहते हैं रुको मां अभी तुम्हारे चूचू को भी चूसना है उसमें तो सबसे ज्यादा मजा है उन बड़े-बड़े दूसरों को चूचू को चूसने के बाद भैया ने मां को मानो दुनिया के सारे ग़म भुला दिए
आजा बेटे जहां से तू निकला है उसमें अपने लौड़ा को डाल फिर मम्मी एकदम से अपनी टांगे बिछा के नीचे लेट गई और भैया ने अपने लैंड पर थूक लगाया गया अपने लंड को मां की चूत के अंदर डाल दिया मम्मी खुशी के मारे दर्द से गहरा उठी और बोली अरे बहन के लोड़े मेरे बेटे इसी के लिए तो दिन-रात मां के पीछे घूमता रहता है ना यही चाहिए था ना तुझे मां का छेद ले मार ले जितना मारना है इसमें अपना लौड़ा फाड़ अपनी मां की चूत अब
ओह आशु आआ बहुत मजा आया … आआह थोड़ी देर ऐसे ही रुका रह … ऐसे ही चुत में लंड घुसा रहने दे … आआ बहुत अच्छा महसूस हो रहा है … आह मस्त है तेरा लंड … आह चुत में जाते ही मजा आने लगता है!
भैया माँ को बोलते हुए आहह मॉम बहुत मजा आ रहा है मेरी रंडी ऊह्ह्ह आआह आओह्ह्ह … साली तुझको तो अब रोज ही चोदूंगा आआह्ह्ह … आआह्ह्ह … मेरी रंडी, मस्त है तेरी चुत बहन की लौड़ी आआ ऊह्ह्ह आज के बाद बस तू मेरा लौड़ा ही चुत में लेना आआह्ह्ह
तभी फोन की घंटी बजी.
मॉम- ओह साला कौन की गांड में कीड़े ने काटा … इस मादरचोद फोन को भी अभी ही आना था!
फोन की घंटी लगातार बज रही थी और भाई मॉम को दे दनादन चोद रहा था.
मैं- आह हिल मत यार … चोदने में मजा आ रहा है … कोई जरूरी होगा तो दुबारा से फोन कर लेगा.
तभी दुबारा से फोन बजा
मॉम- ओह आशु, अब तो छोड़ मुझे कहीं छोटू का ना हो,साले फोन उठाने दे कहीं वो इधर ना आ जाए.
तब मॉम ने मुझे दूसरी तरफ किया और खड़ी हो गईं.
वे थोड़ी हांफ भी रही थीं … यह मेरी दीदी का फोन था जो 2 महीने के लिए मामा के घर गयी थी
दीदी-क्या बात है माँ, फोन नहीं उठाया?
मॉम- हां, फोन साइड मैं पड़ा था ना!मैं घास काटने आई हूं आशु के साथ
दीदी- ओके तुम हांफ क्यों रही हो, क्या हुआ?
मॉम- बस घास काटने बजह से , ऊपर से आपका फोन उठाने लिए जल्दी से आना पड़ा !
दीदी- हां और सब ठीक है माँ
मॉम- हां सब ठीक है.
मॉम खड़ी खड़ी बात कर रही थीं, भाई से रहा नहीं गया.
उसने सोचा मॉम बात करती हुई ही आधा घंटा लगा देंगी.
भाई मॉम के पास गया और उन्हें पीछे से पकड़ लिया.
मॉम थोड़ी सी चौंक गईं. वो मॉम की चूत मे लंड घुसेड़ने लगा.
मॉम की हल्की हल्की आह निकलने लगी.
मॉम- ऊँह आह!
दीदी- अरे यार तुम तो ऐसे आह आह कर रही हो मानो कोई चोट लगी हो तुमको!
मॉम एकदम से चौंक गईं, फिर हंसती हुई बोलीं- अरे वो मच्छर काट रहे है
भैया ने मॉम को इशारा किया कि वह पेड़ के पास आ जाएं, पर वे बात कर रही थीं.
भाई ने मॉम का हाथ पकड़ कर उन्हें पेड़ की ओर खींचा.
भईया ने उन्हें डॉगी स्टाइल में होने का इशारा किया.
वे बात करती हुई डॉगी स्टाइल में हो गईं और आराम से चोदने का इशारा किया.
बड़े आराम से भईया ने उनकी चुत पर लंड रखा और कमर पकड़ कर आहिस्ता से लंड को उनकी चुत में उतार दिया.
भाई ने इतनी नजाकत से लंड पेला था मानो कोई डॉक्टर आराम से इंजेक्शन लगा रहा हो वो मॉम की चुत में चुपचाप लंड पेल रहा था.और मॉम की आवाज मदहोश कर रही थीं.
भाई ने मॉम को इशारा किया कि फ़ोन काट दें.
मॉम- आआहह चलो ठीक हैं बेटा सुबह बात करेंगे … यहां मच्छर बहुत हैं, रखती हूँ
दीदी- बाय माँ
मॉम भाई से चुदती हुई दीदी के साथ फोन पर बात कर रही थीं और उसे असली चुदाई का मजा दे रही थीं.
उसने अब मॉम के दूध पकड़ लिए और जोर जोर से चोदने लगा. उनकी चूत में से फचक फचक की आवाज आने लगीं.
भाई की जांघें मॉम के चूतड़ों से टकरा रही थीं, तो फट फट की आवाज आने लगी थी.
मॉम- आआह आआह्ह्ह … उउइइइ मॉम बहुत मज़ा आ रहा है … चोद अपनी मॉम को … आअ ह्ह्ह … साले दूध पकड़ ले मादरचोद … आआ तेज तेज चोद साले!
मॉम जोर जोर से चिल्ला रही थीं, उन्हें परम मजा आने वाला था. चारों तरफ कोई नहीं था इसलिए मॉम की आवाज सुनने वाला कोई नहीं था.
तेज शॉट लगने से मां बार बार आगे को खिसकती जा रही थीं.
भाई बोला अरे यार, आगे क्यों भाग रही है?
मॉम- बहुत जोर से धक्का मार रहा है तू आह!
भाई ने अब मॉम के दोनों दूध अपने दोनों हाथों से पकड़ लिए.
अब वे उसकी मर्जी के बिना हिल भी नहीं सकती थीं.
मॉम- आह्ह्ह … अब ठीक है बेटे, चोद अपनी मॉम को … आआ मर गई … साले ने मारा डाला … आआह बहुत मज़ा आ रहा है यार … उउइ मर गई रे आह!
भाई का लंड अब सारा का सारा अन्दर जा रहा था.
मॉम की चूत से फ़च फ़च की आवाज आ रही थी, चूत का कुछ पानी भी बाहर निकल गया था.
मॉम के चूतड़ लाल हो गए थे. उनको बहुत मज़ा आ रहा था- आह्ह्ह … आशु चोद दे मेरी चूत … आह मर गई यार … फाड़ डाली तूने ऊहहह … मर गई रे आशु आआह … छोड़ दे भोसड़ी के मादरचोद!
वे कुछ देर तक चिल्लाती रहीं, भाई उनको चोदता रहा.
तभी भाई मॉम की चूत में ही झड़ गया.
भाई उनको झड़ने के बाद भी चोद रहा था.
उस वजह से चूत वीर्य से भरने लगी और उसी समय मॉम भी झड़ गईं.
भाई ने मॉम की चूत में कई शॉट मारे और अपना माल उनकी चूत में भर दिया.
वे भाई ke आगे आगे झुकी हुई पेड़ के सहारे खड़ी थीं.
भाई भी उनके ऊपर झुक गया और कुछ देर तक अपना लंड मॉम की चूत में ही डाले रखा.
मॉम कुछ भी नहीं बोल रही थीं.
फिर भाई ने मॉम को छोड़ दिया.
मॉम और वे दोनों खड़े हो गए.
मॉम ने भाई की तरफ देखा और मुस्कान दे दी.
मैंने देखा उनकी आंखों में आंसू आ गए थे.
मॉम ने भाई को पकड़ा और बोलीं- सच में तू बहुत बड़ा मादरचोद है. इतना मज़ा मुझे कभी नहीं आया आशु … आई लव यू बेटा … तू जब चाहे मुझे चोद लिया कर … आई लव यू राजा.
भाई- आई लव यू मॉम, तुम बहुत अच्छी हो … आज बहुत मजा दिया!
मॉम ने एक कपड़े से अपनी गांड और साफ चूत की और फिर अपने हाथो से भाई का लंड साफ़ किया ओर फिर उन्होंने कपड़े पहने और माँ ने नीचे से अपना दुपट्टा उठाया
तभी भाई बोला माँ साहिल को जल्दी से वापिस भेजने की कोई स्कीम बनाओ
बरना हमें बार बार छुप छुप के ही चुदना पढ़ना
माँ- कोई बात नि बेटे वो भी मेरा ही बच्चा है उसे भी मेरा प्यार
चाहिए होता है और एक दूसरे को देखते हुए बहुत जोर जोर से हंसने लगे