Curiousbull
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Beti to shaitan hai par baap shareef nahi lagta.
Hot update
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Beti to shaitan hai par baap shareef nahi lagta.
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Behtreen update bhaiपापा कमरे से चले गए थे और जा कर सो गए, पर मेरी तो हालत ही खराब हो चुकी थी. मेरी चूत ने चाहे अपन पानी छोड़ भी दिया था पर फिर भी मेरी चूत इतनी जल रही थी की क्या बताऊं.
लगता था की अब तो जब तक मेरी चूत में मेरे पापा का मोटा सा लौड़ा अंदर नहीं जाता मेरी हवस ख़तम होने वाली नहीं थी.
मेरे को भी अब पेशाब आ रहा था तो मैं बाथरूम में पेशाब करने गयी. अंदर जा कर मैंने अपनी स्कर्ट ऊपर उठा कर पेशाब करना शुरू किया (पैंटी तो मैंने आज पहनी ही नहीं थी ). पेशाब ख़तम होने के बाद भी मेरा उठने का मन नहीं कर रहा था.
मैंने अपनी चूत को पानी से धोया और उस की दरार में ऊँगली रगड़ने लगी,
मेरी चूत हवस के मारे जल रही थी पर उधर पापा आराम से सो रहे थे.
मेरा मन कर रहा था की पापा के कमरे में चली जाऊ और नंगी ही पापा से लिपट कर उनकी मिन्नत करूँ की पापा प्लीज भगवान् के लिए अपनी बेटी को चोद दीजिये , अब आपकी बेटी बिना आपसे चुदवाये नहीं रह सकती,
हवस में में अपनी चूत में ऊँगली घुमाते हुए बोल रही थी।
पापा देख रहे हो मुझे , क्या हाल हो गया है मेरा आपके बिना! मेरे पापा! देखो तुम्हारी सुमन की जवानी केसे बर्बाद हो रही है तुम्हारे लण्ड के बिना।
तुम ही बताओ मैं क्या करू। मेरी तड़प बढ़ती जा रही है। मेरा जिस्म अब तपने लगा है मुझे आप क्यों नहीं चोद देते ?
क्या करूं अब और बर्दाश्त नहीं होता पापा।
ये कहते कहते मैं अपनी चूत को रगड़ने लगती हूँ , जेसे ही मैं अपनी चूत पर हाथ रखती हूँ , मेरे हवस की चिंगारी खराब जाती है। मेरी आह्ह्ह्ह्ह निकल जाती है जब मैं अपनी टांगे चौड़ी करके नीचे देखती हूँ तो मेरी चूत से मेरा पानी निकल रहा था।
एक हाथ से मैंअपने स्तन की मसाज करने लगती हूँ ।
और फिर एक उंगली अपनी चूत में डाल देती हूँ ऊँगली चूत में जाते ही मुझे एहसास होता है की मेरी चूत अंदर से बहुत गर्म हो गयी है.
अपनी गर्मी को निकालने के लिए मैं अपनी चूत को रगड़ने लगती हूँ । अपनी मस्ती में मस्त होकर अपनी चूत में उंगली करने लगती हूँ ।
मेरी सांस तेजी से चलने लगती है , मेरे से खड़ा भी नहीं रहा गया तो मैं दीवार का सहारा लेकर नीचे बैठ जाती हूँ और जोर जोर से चूत को रगड़ने लगती हूँ।
जब मैं अपने चरम पर पहुँची मेरी आँख बंद हो चुकी थी वो बस अह्ह्ह्हह सस्शह आआम्म्म्म अपने होठों को दबा कर अपनी आवाज रोकती हूँ ।
कहीं आवाज कमरे से बाहर ना निकल जाए। लेकिन फिर भी स्खलन के कारण फिर भी मेरी आंखें निकल ही जाती हैं
आआहहह अम्ममाआआ प प पापा आअहह हाँ मेरे प्यारे पापा आआआहह हाआआ इइस्स्स्स हाँ आआहहहह.. ऐसे ही ममम उउउन्नाआआ हाँ मेरी जान जान मेरे पापा अचानक हीमेरे मुँह से निकल गया।
आज मैं इतनी ज्यादा गरम थी थोड़ी देर ही चूत को रगड़ा था कि मैं झड़ने के करीब पहुंच गई और फिर मैं झटके खाते हुए झड़ने लगी।
15 से 20 सेकंड मैं झटके खाती रही और मेरी चूत से पानी निकलता रहा। काफ़ी दिनों बाद मैं ऐसे झड़ी थी।
मैं इतनी थक गयी थी कि मेरे अंदर उठ कर कमरे में अपने बेड पर जाने तक की भी हिम्मत नहीं बची थी और मैं दीवार के पास ही निधाल होकर पड़ी रही। मेरे को कोई होश भी नहीं था. बस मैं ऐसे ही नंगी ही लेटी हुए लंबी लंबी सांस लेती रही.
लेकिन अभी भी मेरी चूत से पानी लगतार बह रहा था।
फिर से उंगली से चूत रगड़ने से मेरा थोड़ा बच्चा हुआ पानी भी निकल गया।
मैं थोड़ी देर ऐसे ही पड़ी रही. फिर मुझे याद आया केसे मैं पापा का नाम ले कर अपनी चूत रगड़ रही थी।
मैं सोच रही थी "हे भगवान कितना पागल बना दिया है मुझे इस आग ने। मैं अपने ही पापा को याद करके ये सब कर गई। मुझे माफ करना भगवान। मैं अपने हवस में बुल गई मैं क्या कर रही हूं। मुझे माफ करना"
थोड़ी देर बाद जब मैं खड़ी होती हूँ तो मेरी नज़र अपनी चूत से निकले पानी पर जाती है।
आज मेरा इतना पानी निकला था जिसे मैंने पेशाब कर दिया हो। अपनी चूत से निकले पानी को देख कर एक बार तो मैं सोच में पड़ जाती हूँ कि कहीं मैंने पेशाब तो नहीं कर दिया। तब मैंने जब वो अपने पानी को अपनी उंगली पर लगाकर अपनी नाक के पास लाकर सूंघा तो तब मुझे अहसास हुआ के ये पेशाब नहीं है बाल्की मेरी ही चूत के शंखलान से निकला मेरी चूत का अमृत है।
फिर मैं खड़ी हुई मुझे अपना शरीर काफी हल्का सा महसूस हुआ. मैंने खुद को साफ किया और फिर बाथरूम के फर्श पर फैले अपनी चूत से निकले पानी को भी साफ किया।
फिर से अपने ही मन में बदबदाने लगती हूँ .. पता नहीं ऐसा क्या होता जा रहा है मुझे? हवस मेरी तो बढ़ती ही जा रही है, पापा से चुदवाये बिना अब ये नहीं ठीक होगी,
फिर ऐसे ही सोचते सोचते मैं अपने कपडे पहन कर बेड पर लेट गयी। मैं इतना थक गयी थी की मुझे नहीं पता की मुझे कब नींद आ गयी और मैं मुर्दों की तरह सो गयी।
सुबह सब कुछ ठीक था मैंने ऐसा कुछ भी शो नहीं किया कि रात में जो कुछ भी हुआ है मुझे उस का कुछ भी मालूम हैं.
पर इस घटना का असर यह हुआ की अब पापा मुझसे अब पहले से काफी ज्यादा बात करने की कोशिश करने लगे।
यहां तक कि मेरे पापा अब कोई ना कोई बहाने मुझसे मजाक भी करने लगे।
मैं समझ गई कि पापा मेरे में इंटरेस्ट ले रहे थे।
उनको भी अब शायद लग रहा था कि घर में ही एक मस्त माल चोदने के लिए है तो उसका फायदा उठाया जाए।
उन्हें क्या पता कि यहां खुद उनकी बेटी कब से चुदने को तैयार बैठी है।
अब मैं भी पापा के पास किसी ना किसी बहाने से जाने लगी।
मैं तो इस चक्कर में थी कि किसी तरह कुछ मामला आगे बढ़ जाए।
Thanks for suggestionsAb chudayi karava bhi do fir dusro k lund se bhi chudai karavo thada age badho....