विक्रम ने उसके एक कंधे को सहला दिया और बोला:"
" लगता हैं आज आप हमारी जान लेकर ही रहेगी माता!
विक्रम ने खाली ग्लास मेनका की तरफ बढ़ा दिया तो मेनका बॉटल लेने के लिए आगे को हुई और उसकी साड़ी उसकी गांड़ पर से उतर गई और विक्रम ने पहली बार मेनका की नंगी गांड़ को पास से देखा और उसे एहसास हुआ कि मेनका सचमुच की मेनका है! बड़ी बड़ी गांड़ के दोनो उभारों के बीच में छोटा सा कसा हुआ गुलाबी छेद बेहद आकर्षक लग रहा था! विक्रम ने किसी तरह खुद पर काबू किया और मेनका ने फिर से ग्लास को भर लिया और इस बार खुद ही उसकी गोद में बैठ गई और उसके होंठो से ग्लास को चिपका दिया और बोली:" पुत्र आपको आपकी " मोहिनी " कैसी लगी?
विक्रम ने एक हाथ को उसके पेट पर बांध दिया और बोला:"
" मेरी "मोहिनी" ने हमे पूरी से मोह लिया है मेनका! हम आपके रूप सौंदर्य के आगे हार गए हैं!
मेनका अपनी जीत से उत्साहित हो गई और बोली:"
" बिंदिया के सामने तो आप बड़ी बड़ी बाते कर रहे थे पुत्र!
विक्रम ने मेनका का एक गाल चूम लिया और बोला:"
" हम सिर्फ आपके रूप सौंदर्य से हारे हैं माता! असली इम्तिहान तो अभी बाकी हैं आपका!
मेनका ने एक जोरदार घूंट भरी और विक्रम की आंखो में देखते हुए बोली:" कैसा इम्तिहान पुत्र? जीत तो गए ही हैं हम!
विक्रम ने मेनका को अपनी गोद में ऊपर किया और लंड को उसकी जांघो के बीच में घुसा कर जोर से धक्का लगाया और उसकी गर्दन को अपनी जीभ से चाटते हुए बोले:"
" ये वाला इम्तिहान राजमाता!
मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और एक झटके के साथ उसकी गोद से निकलकर बेड पर बैठ गई और हल्की हल्की मुस्कुराते हुए विक्रम की आंखो में देखने लगी और मेनका की मुस्कान गहरी होती चली गई
विक्रम उसकी इस अदा पर मस्ती से झूम उठा और बोला:"
" क्या हुआ माता बड़ी मुस्कुरा रही हो आप ?
मेनका अब पूरी तरह से मस्ती से आ गई थी क्योंकि मदिरा का रंग उसके उपर पूरी तरह से असर दिखा रहा था और मेनका विक्रम को जीभ निकाल कर बोली:"
" हम अब कोई इम्तिहान नही देंगे पुत्र क्योंकि हम जीत गए हैं तो इम्तिहान कैसा!
विक्रम ने मेनका की जांघ पर हाथ रख दिया और बोला:"
" मगर आपकी ये कामुक मुस्कुराहट और बहकता जिस्म तो कुछ और ही बयां कर रहा है राजमाता!
मेनका की सांसे अब तेजी से चल रही थी जिससे उसकी चूचियां आधे से ज्यादा बाहर उछल उछल पड़ रही थी और मेनका अपनी चुचियों को देखकर पल पल उत्तेजित होती जा रहीं थीं और बोली:"
" बताओ तो जरा हम भी जाने!
विक्रम ने एक झटके कर साथ ग्लास को खाली कर दिया और मेनका को फिर से अपने करीब खींच लिया और मेनका के गले में हाथ डालकर उसकी आंखों में झांकते हुए बोला
" आप हमारे साथ साथ परम आनंद महसूस करना चाहती है!
मेनका विक्रम की बात सुनकर शर्म से लाल हो गई और उसकी उसकी सांसे इतनी तेज गति से चल पड़ी मानो उसकी चुचियों में एक दूसरे से ज्यादा उछलने की जंग लग गई और मेनका उसकी गोद से निकल गई और बोली:"
" हाय पुत्र! इतनी अश्लील बाते शोभा नहीं देती आपको!
इतना कहकर मेनका ने ग्लास और बॉटल को नीचे रख दिया जिससे उसकी साड़ी उसकी कमर पर से उतर गई और मेनका ने ढकने की कोशिश की नही की तो विक्रम उसकी कमर को देखते हुए बोला:"
" आपका जिस्म इतना ज्यादा चिकना हैं कि साड़ी भी उतर उतर पड़ रही है आपकी!
मेनका अब फिर से बिस्तर पर चढ़ गई और पर्दो को ठीक से बंद करने लगी जिससे उसकी साड़ी पूरी तरह से उसके जिस्म से खिसक गई और मेनका ने पर्दो को ठीक करने लगी तो विक्रम बोला
" हाय मेरी मेनका! इतनी बेताबी कि परदे भी खुद ही बंद कर रही हो मेरी जान!
मेनका कुछ नहीं बोली और विक्रम की आंखो में देखते हुए एक जोरदार अंगड़ाई ली और मानो बिस्तर पर जलजला आ गया क्योंकि मेनका की एक चूची बाहर निकल आई और मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी
" अह्ह्ह्हह उफ्फ ये क्या हो गया पुत्र!!
इतना कहकर मेनका ने अपनी चूची को अपने हाथ से ढक लिया तो विक्रम ने मेनका को अपनी बांहों में भर लिया और बिस्तर पर गिर पडा और उसकी कमर पर हाथ ले जाकर उसकी ब्रा को खोल दिया तो मेनका उससे कसकर लिपट गई और बोली:"
" अह्ह्ह्ह पुत्र!
विक्रम ने उसकी चुचियों को अपने दोनो हाथों में भरते हुए उसके होंठो को अपने होंठो में भर लिया और मेनका भी उसके होंठो पर टूट पड़ी! विक्रम कस कस कर उसकी चूचियों को मसल रहा था जिससे मेनका का मुंह खुला और विक्रम की जीभ उसके मुंह से घुस गई और मेनका का रहा सहा धैर्य भी जवाब दे गया और वो खुद अपनी जीभ को विक्रम की जीभ से चूसने लगीं! मेनका विक्रम को पूरी ताकत से अपनी बांहों कस रही थी जिससे कभी मेनका उपर आती तो कभी विक्रम ऊपर! नतीजा मेनका की साडी उसके जिस्म से पूरी तरह से उतर गई और विक्रम ने मेनका की चुचियों को छोड़ते हुए उसे पकड़ कर अपने नीचे दबा लिया और उसके होंठो को पूरी ताकत से चूसने लगा! मेनका ने अपने दोनो हाथो को उसकी कमर में लपेट दिया और उससे कसकर लिपट गई!एक जोरदार किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए तो मेनका आंखे बंद किए हुए लंबी लंबी सांसे लेने लगी और विक्रम ने अपने पकड़े उतारते हुएऊपर से नीचे तक मेनका के नंगे जिस्म को देखा हल्की लाल रोशनी में मेनका का बदन बेहद कामुक लग रहा था! मेनका की खूबसूरत चूचियां मस्ती से हल्की हल्की उछल रही थी!
विक्रम ने अपने हाथ को मेनका की जांघो के बीच में रखा तो एक झटके से मेनका की आंखे खुल गई और मेनका अपनी चूत के आस पास पूरे नंगे विक्रम की उंगलियां पाकर शर्म से दोहरी हो गई और एक झटके के साथ पलट गई
मेनका के पलटते ही जैसे कमाल हो गया क्योंकि उसकी नंगी कमर और गांड़ विक्रम के सामने आ गई और विक्रम ने मेनका की कमर को चूम लिया और उसकी गांड़ को हाथो से सहलाने लगा तो मेनका के मुंह से आह निकल गई! विक्रम ने जैसे ही अपनी जीभ को उसकी कमर पर पूरी लंबाई में रगड़ा तो मेनका की टांगे खुलती चली गई और विक्रम ने अपने दोनो हाथों को मेनका की गांड़ के बीच में घुसा दिया और मेनका जोर से सिसक उठी और अपनी टांगो को कसती हुई बोली:"
" हाय विक्रम! अह्ह्ह्ह मत कीजिए पुत्र! हमारी जान लेकर रहोगे क्या आज!!
विक्रम ने मेनका की दोनो टांगो को फैला दिया और उसकी जांघो के ऊपर बैठ गया जिससे मेनका अब चाहकर भी अपनी टांगे बंद नहीं कर सकती थी! विक्रम ने मेनका को गांड़ के दोनो हिस्सो को जोर से मसला तो मेनका सिसक उठी और विक्रम ने उसकी चौड़ी चिकनी गांड़ को अब जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया तो मेनका जोर जोर से सिसकने लगी और उसकी चूत से रस की धार फूट गई तो मेनका ने एक हाथ को अपने चूत के नीचे रख लिया जिससे उसकी टांगे पूरी तरह से खुल गई और विक्रम ने अब उसकी गांड़ के बीच में अपनी नजर डाली तो उसे मेनका की गांड़ का बेहद गुलाबी रंगत लिए कसा हुआ खुलता बंद होता छेद नजर आया और विक्रम ने अपनी उंगली को मेनका की गांड़ के बीच में घुसा दिया और जैसे ही उसकी उंगली गांड़ के छेद के करीब आई तो मेनका ने जोर से अपनी गांड़ के छेद को कस लिया और उसकी आंखो मे देखते हुए इंकार में अपनी गर्दन को हिलाया और विक्रम ने मेनका की आंखो में देखते हुए जैसे ही अपनी उंगली से उसकी गांड़ के छेद को छुआ तो मेनका के मुंह से जोरदार मस्ती भरी आह निकल पड़ी
" अअह्ह्ह पुत्र! उफ्फ सीईईईईआईआई वहां मत छुईए हमे!!;
मेनका विक्रम की मोटी उंगली को अपनी गांड़ के छेद पर महसूस करते ही अपने छेद को जोर से अंदर की तरफ कस लिया और विक्रम छेद पर पूरी गोलाई में उंगली फेरते हुए सिसक पड़ा:"
" हाय मेरी मेनका! आपकी गांड़ का छेद सच मे बेहद खूबसूरत हैं! हाय माता देखो तो कितना ज्यादा कसा हुआ है!!
मेनका उत्तेजना से कांपती हुई जोर जोर से सांसे ले रही थी और जैसे ही उसने विक्रम की सांसे अपनी गांड़ पर महसूस करी तो उसके रोंगटे खड़े हो गए और उसकी मंशा समझते हुए विक्रम को अपने ऊपर से धकेलने का प्रयास करने लगी लेकिन विक्रम ने मेनका की गांड़ के दोनो उभारों पर अपनी पर अपनी अपने होंठ टिका दिए और मेनका जोर से सीत्कार कर उठी
" अअह्ह्ह्हह सीईईईईईईई यूईईईआईआई आह्ह्ह्ह्ह मत कीजिए महाराज!
विक्रम मेनका की सिसकी से जोश मे आ गया और जीभ निकालकर उसकी गांड़ के उभारों को चाटने लगा तो मेनका अपने जिस्म को बेड पर पटकने लगी और जैसे ही विक्रम की जीभ गांड़ के छेद की तरफ बढ़ने लगी तो मेनका की सांसे जैसे रुकने को हो गई और मेनका से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अपनी सारी शक्ति समेटते हुए विक्रम को पलट दिया और एक झटके के साथ सीधी कमर के बल लेट गई और विक्रम बिना देर किए उसके ऊपर फिर से चढ़ गया और उसकी दोनो चूचियों को पूरी ताकत से मसलने लगा तो मेनका के मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी और जोर से सिसकते हुए बोली:"
" अह्ह्ह्ह्ह थोड़ा प्यार से पुत्र! मार ही डालोगे क्या हूं हमे आज!
विक्रम का नंगा लंड मेनका की गीली चूत के होंठो को चूम रहा था और मेनका भी अपनी गांड़ उठाकर अपनी चूत को लंड से मिला रही थी और विक्रम मेनका की गर्दन चाटते हुए उसके कानो में धीरे से बोला:"
" आपकी गांड़ हमें बेहद पसंद आई माता! देखने दीजिए न फिर से हमे एक बार!
मेनका ने उसकी पीठ में मुक्का मारते हुए बोली:"
" कितने गंदे हो आप पुत्र! वहां गंदा होता हैं!! उधर नही देखते!
विक्रम
विक्रम उसकी आंखो में देखते हुए कामुक तरीके से अपनी जीभ बाहर निकाल कर मोड़ते हुए बोला:"
" अह्ह्ह्ह्ह हम आपकी गांड़ को छोड़ेंगे नहीं! आज नही तो कल वो हमारी होगी!!!
मेनका ने उसकी तरफ बुरा सा मुंह बनाकर देखा और उसका हाथ पकड़कर अपनी भीगी चूत पर रख दिया और कामुक अंदाज में सिसकी
" आह्ह्ह्ह्ह यूईईईईए ये कैसी लगी पुत्र!
विक्रम ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया और उसके चूचुक को चूसते हुए बोला उसकी चूत को सहलाते हुए बोला:"
" आपकी तो चूत भी पूरी रसीली हो गई है! हाय देखो तो कैसे गर्म होकर दहक रही है राजमाता!
मेनका ने अपनी जांघो में उसका लंड कस लिया और सिसकते हुए बोली:"
" हाय महराज आपका भी तो देखो कितना सख्त हुआ है आज!
विक्रम ने मेनका के मुंह से लंड की तारीफ सुनी तो उसने लंड के सुपाड़े को उसकी चूत के छेद पर रगड़ दिया और बोला:"
" हमारा क्या माता ! नाम लेकर बताए ना मेनका!
मेनका शर्म से लाल हो गई और उसके लंड को अपनी चूत के होंठो से चिपका कर बोली:"
" अह्ह्ह्ह महाराज! हमे नही पता!
विक्रम ने मेनका की चूत के छेद पर सुपाड़े पर टिका दिया और दबाव देते हुए बोला:"
" अह्ह्ह्ह्ह बताए नही तो ये घुस जायेगा आपकी चूत में मेरी माता!
मेनका जानती थीं कि आज विक्रम लंड नही घुसा सकता क्योंकि आज के दिन " मोहिनी" को प्यार किया जाता हैं चुदाई नही तो मेनका बोली:"
" अह्ह्ह्ह पुत्र! हम मत सताओ हमे!!
विक्रम ने मेनका की चूची को मुंह में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो मेनका उसके सिर को सहलाने लगी और सिसक उठी:"
" अअह्ह्ह्हह चूसो पुत्र! अपनी माता के पपीते चूसो मेरे पुत्र!
विक्रम ने उसकी दूसरी चूची को हाथ में भर लिया और और दूसरी के चुचक को दांतो से हल्का सा काटते हुए बोला:"
" अह्ह्ह्ह्ह् मेनका मेरी जान! पपीते नही चूचियां हैं ये मेरी माता मेनका की चूचियां!!
और जैसे कमाल हो गया और मेनका पूरी तरह से मदहोश होते हुए उसके सिर को अपनी चूची पर दबाते हुए सिसक उठी:"
" आह्ह्ह्ह्ह् पुत्र! मेनका की चूचियां! चूसो मेरी चूचियां!
मेनका के मुंह से चूचियां सुनकर विक्रम ने जोर जोर से उसकी चूचियां चूसनी शुरू कर दी और मेनका जोर जोर से सिसकते हुए अपनी चूत को लंड पर रगड़ रही थीं और विक्रम अपने दूसरे हाथ को मेनका की नंगी गांड़ पर ले गया और मदहोश मेनका की गांड़ की दरार में अपनी उंगलियों को फिरा दिया तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी और उसकी चूत लंड पर लिपटती चली गई और मेनका उसकी छाती से चिपकती हुई सिसक उठी
" आह्ह्ह्ह क्या गजब करते हो विक्रम! हाय मेरे वीर पुत्र!!
मेनका अब पूरी तरह से मदहोश जोर जोर से सिसकते हुए अपनी चूत लंड के सुपाड़े पर रगड़ रही थी और मेनका की चूत से बहते हुए रस से उसकी गांड़ पूरी तरह से चिकनी हो गई! विक्रम ने अपनी एक उंगली को गांड़ के छेद पर घुमाया तो मेनका तड़प उठी और एक पल के लिए अपनी गांड़ को उचकाते हुए लंड के सुपाड़े को चूत के मुंह पर चिपकाते हुए अपनी टांगो को कस लिया और विक्रम ने जैसे ही मेनका की गांड़ के छेद पर उंगली का दबाव दिया तो मेनका ने डर के मारे अपनी गांड़ ऊपर की तरफ उठाई और नतीजा लंड का मोटा तगड़ा सुपाड़ा उसकी चूत में आधा घुस गया तो मेनका दर्द और मस्ती से कराह उठी
" आह्ह्ह्हह्ह मार डाला हमे आपने पुत्र!
दर्द से कराहती हुई मेनका पीछे को हुई तो उसकी कसी हुई चूत ने लंड को छोड़ने से इंकार सा कर दिया और उल्टा विक्रम की उंगली उसकी गांड़ के छेद में घुसती चली गई और मेनका दर्द के मारे जोर से कराह उठी और विक्रम से कसकर लिपट गई
" अह्ह्ह्ह्ह यूईईईईई सीईईईईईईए हाय पुत्र! छोड़ दीजिए हमे! मर जायेंगे हम!
विक्रम ने मेनका का मुंह चूम लिया और दूसरे हाथ को उसकी कमर में लपेट कर कसकर अपने से चिपका लिया और बोला
" अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान ! मेरी कामुक माता! समझ नहीं पा रहा हूं कि आपकी चूत ज्यादा कसी हुई है या गांड़! सच में कमाल हो आप राजमाता!!
मेनका ने उसकी कमर में अपने नाखून गड़ा दिए और धीरे से उसके कान में सिसकी
" यूईईईईईई महाराज मेरे पुत्र! अह्ह्ह्हह कैसे फंसा दिया है हमे न आगे हो पा रही हूं न पीछे! दोनो तरफ दर्द होता हैं!
विक्रम ने मेनका की गांड़ के अंदर उंगली को घुमाया तो मेनका जोर से तड़प कर आगे को हुई और लंड का पूरा सुपाड़ा उसकी चूत में घुस गया और मेनका की चूत के दोनो होंठ गुब्बारे की तरह फैलकर सुपाड़े के चारो तरफ कस गए और मेनका जोर से कराह उठी
" अअह्ह्ह्हह पुत्र!!! फट गई आपकी माता की चूत!
विक्रम मेनका के मुंह से चूत सुनकर पूरे जोश में आ गया और उसने अपनी उंगली को मेनका की गांड़ में पूरे एक इंच सरका दिया तो मेनका दर्द से कराह कर उससे लिपटती चली गई और विक्रम बोला:"
" अह्ह्ह्ह्ह माता आपकी गांड़ और चूत दोनो कितनी गर्म हो रही हैं!
मेनका दर्द और मजे से कराह रही थी और विक्रम को लग रहा था मानो उसका लंड किसी तपती हुई भट्टी में डाल दिया गया हैं और विक्रम उससे लिपटे हुए जोर जोर से धक्के लगा रहा था और लंड चूत ने पूरी तरह से कसकर पकड़ रखा था जिससे विक्रम आधा इंच भी ठीक से नहीं हिला पा रहा था और मेनका की गर्म और कसी हुई चूत का असर लंड पर हुआ और विक्रम के लंड में उबाल आना शुरू हो गया और अनुभवी मेनका जानती थी कि अब विक्रम अपने चरम पर पहुंचने वाला है तो उसने अपनी गोल मटोल चुचियों को उसकी छाती से कसकर रगड़ना शुरु कर दिया और विक्रम मेनका की गांड़ मे उंगली घुसाए जोर से सिसक उठा क्योंकि उसके लंड ने एक जोरदार पिचकारी मेनका की चूत के अंदर मार दी
" आह्ह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई सीईईईईईईई हाय माता!
मेनका से भी बर्दाश्त नही हुआ और उसकी चूत भी वीर्य को महसूस करते हुए अपना रस छोड़ने लगी और मेनका विक्रम से कसकर लिपट गई तो विक्रम ने उसका मुंह चूम लिया और बोला:"
" आह्ह्ह्ह्ह मेरी मोहिनी माता! कल आपकी चूत में मेरा लंड होगा पूरे का पूरा!
मेनका भी उससे जोर से चिपक गई और उसके होंठ चूसते हुए बोली:"
" ईईई सीईईईईईईई पुत्र! पूरा नही ले पाएंगे हम!
विक्रम ने मेनका के होंठो को जोर से चूसा और बोला:"
" अअह्ह्ह्हह मेरी जान! आप ले पाएगी! पुत्र का पूरा लंड माता नही लेगी तो फिर कौन ले पायेगा!
मेनका उसकी बात सुनकर जोर से शर्मा गई और बोली:"
" कितने निर्लज्ज हो गए हो गए हो पुत्र आप!
उसके बाद दोनो खिलखिला कर हंस पड़े और एक दूसरे की बांहों में सो गए!!!!