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Incest शहजादी सलमा

Xkingthakur

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Bhai ham wait kar lenge bas aap is salma ki gand maro pahle sali kuttiya hai
 

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मेनका रात भर विक्रम की बांहों में रही और अगले दिन सुबह जल्दी ही विक्रम की आंख खुली और सोती हुई मेनका के गाल को चूमकर बाहर निकल गया!

करीब आठ बजे के आस पास बिंदिया आई और मेनका उठकर नहाने के लिए चली गई! नहाकर मेनका आई तो उनका बदन अब पूरी तरह से खुल गया था और काफी तरो ताज़ा महसूस कर रही थी!

बिंदिया:" राजमाता आपके लिए हल्दी और चंदन का लेप तैयार कर दिया हैं!

मेनका मन ही मन खुश हुई लेकिन उसको बनाते हुए बोली:"

" उसकी भला क्या जरूरत हैं मुझे ?

बिंदिया:" राजमाता ये राज परंपरा का हिस्सा हैं और फिर आप तो अभी पूरी जवान हो!

मेनका उसकी बात सुनकर शर्मा को और बोली:"

" कुछ भी बोल देती हो बिंदिया! राज परंपरा है तो फिर तो करना ही पड़ेगा!

बिंदिया:" कुछ भी क्या सच ही तो बोला हैं मैंने! देखिए मोहिनी त्यौहार का मतलब औरत को अच्छे से सजना और संवरना होता हैं! ये तो वह त्यौहार हैं जिसकी हर औरत प्रतीक्षा करती हैं पूरे साल राजमाता!

मेनका:" ठीक हैं अच्छा समझा गई! और क्या क्या परंपरा हैं आज के दिन ? वो भी जरा बताओ तो हमे!

बिंदिया:" आपके बदन पर लेप लगाने के बाद आपके पूरे बदन की मालिश होगी! दोपहर के बाद आपको महंदी लगा दी जाएगी! रात में आप बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह पूरी सज संवर कर तैयार होगी!

मेनका के बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई और बोली:"

" राज परंपरा है तो करना ही पड़ेगा!

बिंदिया कुछ नही बोली और बस मुस्कुरा दी! दोनो माता और पुत्र ने अच्छे से नाश्ता किया और उसके बाद विक्रम राज्य में घूमने के लिए निकल गया! बिंदिया ने मेनका के पूरे बदन पर लेप लगाया और उसके बाद अच्छे से उसके बदन की मालिश करी जिससे मेनका के बदन का रोम रोम खिल उठा! मेनका के बदन से उठती हुई खुशबू पूरे कमरे को महका रही थी!

बिंदिया:" राजमाता सच में आप बेहद खूबसूरत हैं! मैं दावे के साथ कह सकती हु कि आपसे ज्यादा सुन्दर और कामुक शरीर की औरत आज पास के किसी राज्य में नही होगी!

मेनका :" तुम भी बिंदिया! बस मेरे मजे लेती रहती हो!

बिंदिया उसे मेहंदी लगाती हुई बोली:" मेरा विश्वास करो राजमाता! रात को अपने कक्ष को अच्छे से बंद करना कहीं कोई मर्द मदहोश होकर न घुस जाए आपके कक्ष में!!!

इतना कहकर बिंदिया जोर से हंस पड़ी तो मेनका उसका गाल पकड़कर खीचती हुई बोली:"

" आजकल तेरी जुबान बड़ी चल रही है! ऐसे कैसे कोई घुस जायेगा! ये राजमहल हैं बिंदिया!

बिंदिया अपना गाल खींचे जाने से चिहुंक सी उठी और बोली:"

" अरे तो राजमहल में भी काफी सारे मर्द रहते ही हैं न!

मेनका:" तुमसे बातो में कोई नही जीत सकता! अच्छा जल्दी से लगाओ मेहंदी!

बिंदिया ने मेनका को हाथो और पैरो पर मेहंदी लगाई और उसके बाद खाना बनाने चली गई जबकि मेनका हल्की धूप में लेटी हुई मेहंदी सूखने का इंतजार करती रही!

मेनका मेंहदी सूखने के बाद नहाने के लिए चली और अपने शरीर को पूरी तरह से साफ करके चमका दिया! मेनका ने अपनी चूत पर हाथ रखा तो उसे बालो का एहसास हुआ और मेनका बालो की सफाई में जुट गई! मेनका की मेहनत रंग लाई और करीब आधे घंटे के बाद उसकी चूत बिल्कुल चिकनी होकर चमक उठी! मेनका ने अपनी दोनो टांगो को पूरा खोल दिया और अपने चूत के होंठो को अच्छे से देखा तो एहसास हुआ कि उसकी चूत के होंठ लाल हो गए थे और स्पर्श करने से हल्के से मीठे मीठे दर्द का उसे एहसास हुआ और मेनका ने अपने दांतो तले जीभ को दबा लिया क्योंकि उसे एहसास हो रहा था कि सिर्फ सुपाड़े ने उसकी चूत को लाल करके हाल बेहाल कर दिया तो पूरे लंड को वो कैसे झेल पायेगी!

मेनका अपने विचारो में डूबी हुई बाहर निकल आई और बिंदिया बोली:"

" आप सच में बेहद आकर्षक लग रही हो राजमाता! भोजन बन गया है और अभी आप मुझे जाने की आज्ञा दीजिए!

मेनका:" बड़ी जल्दी हैं तुम्हे आज जाने की बिंदिया!

बिंदिया उसकी बात सुनकर हल्की सी शरमाई और बोली:"

" वो क्या हैं कि मेरे पति मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे!

मेनका उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी और बोली:"

" ठीक है तो फिर तुम जाओ और अपने पति की प्रतीक्षा खत्म करो!

इतना कहकर मेनका जोर से हंस पड़ी तो बिंदिया शर्म से लाल हो गई और उसके बाद अपने घर की तरफ चल पड़ी! धीरे धीरे अंधेरा पूरी तरह से घिर गया और विक्रम भी वापिस महल लौट आया था और अपने कक्ष में था!

मेनका ने अपने आपको खूब अच्छे से सजाया क्योंकि वो जानती थी कि आज के दिन उसे कोई डर नही हैं इसलिए वो लाल रंग की साड़ी में लिपटी हुई पूरी तरह से सजी संवरी किसी स्वर्ग की अप्सरा के जैसी लग रही थी!

विक्रम और मेनका की मुलाकात भोजन ग्रहण करने के समय हुई और विक्रम उसे देखते हुए बोला:"

" सच में आज तो आप कमाल लग रही हो माता! लगता हैं कि मानो चांद जमीन पर उतर आया हैं आज!

मेनका अपनी तारीफ सुनकर मंद मंद मुस्कुराते हुए खाने को मेज पर रखते हुए बोली:"

" मैं सब समझती हूं कि क्यों इतनी तारीफ कर रही हो आप आज महाराज!! चलिए पहले खाना खाइए आप!

विक्रम ने भोजन शुरू किया और बोला:" अच्छा जी लगता हैं कि हमारी राजमाता कुछ ज्यादा ही समझदार हो गई है!

मेनका ने भी भोजन शुरू किया और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:" " मोहिनी" तो आज दिन के दिन समझ ही जायेगी कि क्यों इतनी तारीफ हो रही है उसकी!!

विक्रम ने उसका एक हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर रख दिया और बोला:"

" ये देखिए! ये सब भी मोहिनी का ही कमाल हैं!

मेनका ने भी उसके लंड को सहलाया और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" अच्छा जी पुत्र! लेकिन ये इतना भयंकर पहले से ही हैं मोहिनी ने नही किया हैं समझे!

विक्रम ने एक झटके के साथ मेनका को उठाकर अपनी गोद में सीधे लंड पर बैठा लिया तो मेनका धीरे से बोली:"

" अह्ह्ह्ह क्या करते हो पुत्र! किसी ने देख लिया तो गजब हो जायेगा, ये कक्ष नही है!

मेनका ने मेनका का गाल चूम लिया और बोला:"

" महल में आज कोई नहीं है राजमाता! हमने सबको आज छुट्टी पर भेज दिया है!

विक्रम की बात सुनकर मेनका ने शर्म के मारे दोनो हाथों से अपना मुंह छुपा लिया और हल्की सी मुस्कान के साथ कनखियो से उसे देखती हुई बोली:

" हाय पुत्र! लगता हैं आज आप हमे जिंदा नही छोड़ेंगे!

विक्रम ने मेनका की बात सुनकर खड़े लंड का धक्का उसकी गांड़ पर दिया और उसके कान में बोला:"

" आपका तो कुछ नही होगा माता लेकिन आपकी चूत का आज आकार न बदल दिया तो विक्रम नाम नही हमारा!

विक्रम के मुंह से चूत सुनकर मेनका शर्म से पानी पानी हो गई और बोली

" हाय पुत्र !! ऐसे नही बोलते हैं हम आपकी माता हैं!

विक्रम ने अपने जीभ को उसकी गर्दन पर फिरा दिया और बोला:"

" माता की सेवा करना पुत्र का परम कर्त्तव्य होता है राजमाता! आपकी गर्म चूत को आज पूरा शीतल कर दूंगा!

मेनका एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर गई और रसोई के दरवाजे पर पहुंच कर खड़ी हो गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी जिससे उसकी चूचियां उछल कूद मचाने लगी और विक्रम एक झटके के साथ आगे बढ़ा और उसकी कमर में हाथ डालते हुए पेट को पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए उसकी चिकनी नंगी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए


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जैसे ही विक्रम के जलते हुए होंठ उसकी गर्दन पर पड़े तो मेनका के मुंह से एक जोरदार मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह्ह्ह्ह्ह् यूईईई माआआ आआ!!!

मेनका के मुंह से मस्ती भरी सीत्कार सुनते ही विक्रम ने जोश में आकर लंड का जोरदार झटका लगाया तो लंड ढप की आवाज के साथ मेनका की गांड़ के बीच में घुस गया और मेनका एक जोरदार झटके के साथ उसकी पकड़ से बाहर निकल गई और तेजी से भागती हुई अपने कक्ष में घुस गई!

विक्रम को क्या खबर थी कि उसकी माता उसे जान बूझकर ललचा रही है तड़पा रही है ताकि वो पूरी तरह से जोश में आकर मेनका की सालो की प्यास सिर्फ एक ही रस में बुझा दे! विक्रम मेनका के पीछे भागा लेकिन मेनका ने तेजी से उसे आंख मारते हुए उसके मुंह के ठीक सामने दरवाजा बंद किया तो विक्रम बोला:"

" दरवाजा खोलिए माता! हमे और मत तड़पाए आप!

मेनका मंद मंद मुस्कुराती हुई कामुक आवाज में बोली:"

" ठीक से रात तो होने दीजिए ना पुत्र! इतनी भी जल्दी क्या है आखिर आज आपको!

विक्रम अपने लंड को सहलाते हुए बोला:" सोच लो जितना ज्यादा हमे तड़पाएगी आप उतना ही हम भी आपसे बदला लेंगे!

मेनका ने एक हाथ को अपनी चूत पर छुआ तो वो पूरी गीली हो गई थी और मेनका की मानो चूत बोल उठी:"

" ये गीदड़ भभकी किसी और को देना पुत्र! हम ऐसी वैसी नहीं बल्कि राजमाता हैं उदयगढ़ की!

विक्रम की मर्दानगी के लिए ये सीधी सीधी चुनौती थी जिसे विक्रम के लंड ने एक झटके के साथ स्वीकार किया और विक्रम बोला:"

" आपकी कसम राजमाता अगर आज आपको छठी का दूध याद नही दिलाया तो हम मर्द कहलाने के हकदार नहीं!!

यही तो मेनका चाहती थी कि विक्रम उसे पूरी तरह से निचोड़ डाले आज और मेनका अपने प्रयास में कामयाब हुई थी और मंद मंद मुस्कुरा कर आगे बढ़ गई और विक्रम भी जानता था कि थोड़ी देर बाद ही मेनका दरवाजा खोलेगी तो वो भी अपने कक्ष में आ गया!!!

रात के करीब दस बजे विक्रम अपने कक्ष से निकला और मेनका के कक्ष के सामने पहुंचा और दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुलता चला गया और विक्रम जैसे ही अंदर घुसा तो एक तेज मादक गंध ने उसका स्वागत किया और विक्रम के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई और उसने सबसे पहले दरवाजे को अच्छे से बंद किया और उसके बाद जैसे ही परदे हटाकर आगे बढ़ा तो उसकी आंखे खुशी और हैरानी से फैलती चली गई क्योंकि मेनका ने आज अपने बेड को सुंदर सफेद रंग की चादर से सजाया हुआ था और जिस पर बिखरे हुए गुलाब के महकते फूल अपनी अदभुत छटा बिखेर रहे थे और बेड के चारो तरफ पर्दो को एक दूसरे के साथ जोड़कर बांधा गया था जिससे वो बेहद खूबसूरत लग रहे थे! बेड पर पड़े हुए चार पांच सफ़ेद तकिए बेड की सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे और विक्रम को मेनका पर अभिमान हो रहा था कि उसने कितनी मेहनत और सुंदरता के साथ ये सब व्यवस्था की थी!

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विक्रम ने इधर उधर नजर दौड़ाई लेकिन मेनका उसे कहीं नजर नहीं आई तो विक्रम आगे बढ़ा और अलमारी के आस पास देखा लेकिन मेनका उसे कहीं नजर नहीं आई तो विक्रम वापिस बेड की तरफ आया तो उसकी आंखो के सामने किसी दुल्हन की तरह सजी हुई बेड के ठीक बीचों बीच बैठी मेनका नजर आई और विक्रम उसके करीब पहुंच गया और बोला:"

" बेहद खूबसूरत लग रही हो मेरी मोहिनी आप!! सच में मैने सपने में भी नही सोचा था कि आप मेरा ऐसा स्वागत करेगी

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मेनका ने एक एक बेहद पतले लाल रंग के पल्लू से अपने चेहरे को ढका हुआ था जिससे उसका चेहरा लगभग साफ नजर आ रहा था और हल्की सी मुस्कान के साथ बोली:"

" उदयगढ़ के महाराज हैं आप! मेरा सौभाग्य है कि आप मेरे कक्ष में पधारे !

विक्रम बेड पर जैसे ही बैठा तो बेड गद्दे के मुलायम होने के कारण ऊपर नीचे हुआ तो मेनका के होंठो पर मुस्कान आ गई तो विक्रम भी मुस्कुरा कर बोला:"

" गद्दे के यूं इस तरह उछलने से आपके होंठो पर जो मुस्कान आई है उसका मतलब हम भली भांति जानते हैं राजमाता!

मेनका विक्रम की बात सुनकर शर्मा गई और दोनो हाथों में अपना चेहरा छिपा लिया तो विक्रम ने उसके मुंह पर से एक झटके के साथ पल्लू हटा दिया और मेनका का कामुक आकर्षक मुखड़ा विक्रम की आंखो के आगे आ गया!!

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मेनका के रसीले लाल सुर्ख होंठो पर हल्की सी मुस्कान थी जिससे वो बेहद ज्यादा कामुक लग रही थी ! पल्लू सरक जाने से उसकी भारी भरकम गोल मटोल चूंचियां आधे से ज्यादा नजर आ रही थी और विक्रम मेनका का हाथ थामकर बोला:"

" स्वर्ग से उतरी मेनका भी आपके सामने कुछ नहीं है माता! आप इस दुनिया ही नहीं वल्कि ब्रह्माण्ड की सबसे कामुक और रसीली नारी हो! आपके ये यौवन से भरपूर अमृत कलश हमे आपकी ओर आकर्षित करके हमारी उत्तेजना बढ़ा रहे हैं!

इतना कहकर विक्रम ने मेनका को हाथ से पकड़े हुए अपनी तरफ खींचा तो मेनका उसकी गोद में आ गिरी और विक्रम ने उसके रसगुल्ले की तरह फूले हुए गाल को मुंह में भर कर चूस लिया तो मेनका शर्म से पलटी और परदे को पकड़कर बेड पर खड़ी हो गईं और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी! विक्रम धीरे से उसके पीछे आया और उसे अपनी बांहों में भरते हुए उसकी गांड़ के बीच में अपना लंड घुसा दिया और प्यार से उसके कानो में बुदबुदाया:"

"उफ्फ आपकी ये अदाएं आज हमारी जान लेकर रहेगी माता!

इतना कहकर विक्रम ने अपने जलते हुए होंठो से उसकी गर्दन पर चूमा तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी

" अह्ह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई!! जान तो आप हमारी लेना चाहते हो उदयगढ़ के महराज तभी तो अपने इस खूंखार हथियार से हम पर हमला कर रहे हो!

इतना कहकर मेनका ने लंड पर अपनी गांड़ को हल्का सा उभार दिया तो विक्रम ने मेनका के कंधो पर बंधी हुई धागों को खींच कर एक तरफ़ कर दिया जिससे उसके दोनो कंधे एक साथ नंगे हो गए और विक्रम उसके एक कंधे को चूसते हुए बोला:"

" उदयगढ़ के महाराज से प्रेम करोगी तो इतनी हिम्मत को आपको रखनी ही पड़ेगी!

इतना कहकर विक्रम ने लंड का धक्का उसकी गांड़ के बीच में लगाया तो मेनका एक झटके से आगे को हुई और विक्रम ने उसके पेट पर हाथ बांधकर उसे अपनी तरफ खींचा जिससे मेनका की कमर बेहद जोरदार तरीके से उसकी छाती से रगड़ गई और मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी:"

" उफ्फ अह्ह्ह्ह्ह पुत्र!! इतने ज्यादा निर्दयी भी मत बनो!

विक्रम उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके पेट को दूसरे हाथ से सहलाते हुए बोला:

" बड़ी जल्दी हार मान ली आपने! थोड़ी देर पहले तो बड़ी बड़ी बाते कर रही थी! उदयगढ़ की राजमाता से ऐसी उम्मीद नहीं थी हमे!!!

इतना कहकर विक्रम ने उसके ब्लाउस को एक झटके के साथ खोल दिया और मेनका अब ऊपर से पूरी नंगी हो गई क्योंकि उसने नीचे ब्रा नही पहनी हुई थीं और मेनका ने अपनी गर्दन को पर्दे पर टिकाते हुए एक झटके के साथ दोनो हाथो से अपनी चुचियों को थाम लिया और बोली:

" आआह्ह्हह्ह् पुत्र!! वो तो हम बस ऐसे ही मजाक कर रहे थे और आप हमे सच में नंगी करना चाहते हो!!

विक्रम एक पल के लिए मेनका से अलग हुआ और जल्दी से दूसरे हाथ से अपने कुर्ते को धीरे से निकाल दिया और जैसे ही उसने फिर से मेनका को अपनी बांहों में भरा तो उसकी नंगी चौड़ी छाती मेनका की नंगी चिकनी कमर से टकरा गई और मेनका के मुंह आह निकल पड़ी और विक्रम ने अपने दोनो हाथो को उसके हाथो पर रखते हुए उसकी चुचियों पर कब्जा कर लिया और धीरे धीरे दबाते हुए मधुर कामुक आवाज में बोला

" सिर्फ नंगी ही नहीं बल्कि नंगी करके चोदना चाहते हैं हम आपको माता! और हम जानते हैं कि आप भी हमसे चुदना चाहती हो!

इतना कहकर विक्रम ने उसकी तरफ देखा तो मेनका उसकी आंखो में देखते हुए कामुक अंदाज में मुस्कुराई और अगले ही पल अपने हाथो से अपने चेहरे को छुपा लिया!!

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विक्रम के लिए मेनका की तरफ से ये खुला समर्पण था और विक्रम ने बिना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके लहंगे का नाडा खोल दिया और जैसे ही मेनका ने दोनो हाथो से अपने लहंगे को थामा तो विक्रम ने बिना देर किए उसकी दोनो चूचियों को एक साथ थाम लिया और मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी:"

" अह्ह्ह्ह्ह मेरे वीर पुत्र!

विक्रम ने जोर से उसकी दोनो चूचियों को मसला तो मेनका मोम की तरह पिघल गई और एक झटके के साथ पलट गई और विक्रम ने बिना देर किए उसकी गर्दन में अपनी बांहों को कसते हुए उसके होंठो को अपने होठों में भर कर चूसने लगा! मेनका भी उसका भरपूर साथ दे रही थीं और दोनो बारी बारी से एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे!!


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विक्रम ने धीरे से अपने पायजामे को खोल दिया और मेनका का लहंगा तो कबसे नीचे गिरा पड़ा था! जैसे ही विक्रम ने दूसरे हाथ को उसकी गांड़ पर रखकर उसे अपनी तरफ खींचा तो लंड सीधे मेनका की चूत से टकराया और एक झटके के साथ उसका मुंह खुल गया और विक्रम ने मौके का फायदा उठाते हुए अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया और मेनका अब सारी शर्म लिहाज छोड़कर विक्रम की जीभ से अपनी जीभ लड़ाने लगी! जैसे ही दोनो की सांसे उखड़ गई तो दोनो के होंठ अलग हुए और मेनका ने एक पर्दे को खींचकर अपनी जांघो पर लपेट लिया और विक्रम की तरफ देखा तो विक्रम ने उसकी चुचियों की तरफ अपना मुंह बढ़ाया तो मेनका ने बेड पर दोनो हाथों को टिकाते हुए अपनी चुचियों को पूरी तरह से उभार दिया और विक्रम ने बिना देर किए उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो मेनका जोर से सिसक उठी!!


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विक्रम ने उसकी दूसरी चूची पर भी कब्जा कर लिया और अपनी हथेली में भर कर जोर जोर से मसलने लगा! विक्रम मेनका की के निप्पल को कभी जोर से दांतो से काटता तो कभी प्यार से उन पर जीभ फेर देता!! मेनका विक्रम की आंखो में देखती हुई अपनी चुचियों को ताने हुए कामुक सीत्कार भरती हुई उसे उकसा रही थीं और विक्रम ने उसकी चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने मुंह को पूरा खोलते हुए उसकी आधे से ज्यादा चूची को मुंह से भर लिया और जैसे ही जोर से चूसा तो मेनका के मुंह से आह्ह्ह्ह्ह निकल पड़ी

"" आआह्ह्हह यूईईईईईईईई सीईईईईईईई विक्रम!!!!

मेनका के हाथ जवाब दे गए तो वो बेड पर गिर पड़ी और विक्रम ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चुचियों को जोर जोर से मसलने लगा तो मेनका दर्द से कराहती उसकी गोद में उछलने लगी और विक्रम ने अपने हाथो को नीचे लाते हुए उसकी कमर पर बंधे हुए सफेद कपड़े की गांठ को खोल कर एक तरफ़ फेंकते हुए उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया!!


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विक्रम ने उसकी दोनो चुचियों को फिर से मसलना शुरू कर दिया और मेनका मस्ती और दर्द से कराहती हुई उसकी बांहों में सिसकती रही और विक्रम ने एक बार फिर से अपनी गर्म तपती हुई जीभ को उसकी गर्दन पर टिका कर और किसी जंगली जानवर की तरह चाटने लगा तो मेनका के मुंह से मादक सिसकियां निकलने लगी और विक्रम ने बिना देर किए अपने दूसरे हाथ को नीचे लाते हुए मेनका की चिकनी रसीली भीगी हुई चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया और मेनका एक जोरदार आह भरती हुई सिसक उठी!!

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विक्रम के चौड़े सख्त मर्दाना हाथ में अपनी चूत जाते ही मेनका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और विक्रम ने जोर से उसकी चूत को कस लिया तो मेनका की चूत किसी भट्टी की तरह गर्म हो कर भाप छोड़ रही थी और चूत से बह रहे मधुर रस से विक्रम की उंगलियां भीग गई थी और विक्रम मस्ती में बोला:"

" हाय मेरी माता आपकी चूत तो बेहद रसीली हो गई है!!

मेनका चूत मसले जाने से जोर से मस्ती से सिसक उठी:

" आह्ह्ह्ह्ह थोड़ा प्यार से उफ्फ!! कितनी ज्यादा बाते करते हो आप पुत्र!!

विक्रम ने उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी तो मेनका जोर से सिसक उठी औरमेनका से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और एक झटके के साथ विक्रम को बेड पर गिराते हुए उसके ऊपर चढ़ गई और उसके होंठो को चूसने लगीं तो विक्रम ने दोनो हाथो में उसकी भारी भरकम गांड़ को भर दिया और जैसे ही जोर से मसला तो मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम के होंठो को अपने दांतो से जोर से काटा तो विक्रम ने एक जोरदार पलटा खाया और मेनका के ऊपर पूरी तरह से चढ़ गया तो मेनका ने भी उसे अपनी बांहों में जोर से कस लिया और उसकी चूचियां विक्रम की छाती में घुस गई और लंड अपने आप चूत के होंठो से टकरा गया तो विक्रम ने बिना देर किए मेनका के होंठो को अपने होठों में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो मेनका मस्ती से सिसकती हुई अपनी दोनो टांगो को पूरा खोलते हुए चूत को लंड पर रगड़ने लगी तो विक्रम ने उसके होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया तो मेनका ने बिना देर किए अपनी जीभ को उसकी जीभ के हवाले कर दिया और विक्रम किसी आइस क्रीम की तरह उसकी जीभ को चूसने लगा और लंड के हल्के हल्के धक्के उसकी चूत पर लगाने लगा तो मेनका का मजा दोगुना हो गया! जैसे ही लंड चूत के होंठो से टकराता तो मेनका अपनी गांड़ उठाते हुए लंड अन्दर लेने की कोशिश करती!

विक्रम ने उसकी चुचियों को अपने दोनो हाथों में भर लिया और कसकर मसलने लगा जिससे मेनका के मुंह से मस्ती भरी सीत्कार फूट पड़ी

" अह्ह्ह्ह्ह्ह पुत्र!! ये क्या कर दिया है हमे!! मार डालो हमे!

विक्रम ने मेनका की एक चूची को दबाते हुए दूसरी को मुंह में भर कर चूस लिया और लंड को उसकी चूत के छेद पर टिकाते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्हह मेरी जान मेनका!!आपको नही आपकी चूत को मारूंगा!

इतना कहकर विक्रम ने एक जोरदार धक्का लगाया तो लंड का मोटा सुपाड़ा मेनका की कसी हुई चूत में घुस गया और मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम से कसकर लिपट गई

" अअह्ह्ह्हह विक्रम!!

चूत के होंठो ने लंड को पूरी सख्ती से कस लिया था और विक्रम ने उसकी चुचियों के निप्पल को काट लिया तो मेनका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी तो विक्रम ने सुपाड़े को उसकी चूत में ही फंसाए रखा और अपनी जीभ को उसके निप्पल के चारो और जोर जोर से रगड़ने लगा तो मेनका मस्ती से उछल पड़ी और लंड का सुपाड़ा चूत से बाहर निकल आया तो विक्रम ने दोनो हाथो से उसकी टांगो को पूरी तरह से फैला दिया और पहली बार उसने मेनका की चूत को देखा तो मेनका ने शर्म के मारे आंखे बंद करते हुए अपने हाथो से चूत को ढक लिया तो विक्रम उसके हाथो को एक तरफ कर दिया और जैसे ही उसने मेनका की गुलाबी चूत को देखा तो उसे एहसास हुआ कि मेनका की चूत बेहद चिकनी और खूबसूरत हैं! मोटी मजबूत जांघो के बीच में पाव रोटी की तरह फूली हुई कसी हुई गुलाबी चूत के रसीले होंठ आपस में चिपक हुए थे जिनसे रस बाहर टपक रहा था और विक्रम से अब बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने बिना देर किए अपने जलते हुए होंठो को मेनका की चूत पर रख दिया!


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मेनका जोर से सिसक उठी और बेडशीट को अपने हाथों में भर लिया और जोर जोर से मसलते हुए सिसक उठी

" अअह्ह्ह्ह सीईईईईए!! आईईईई!

विक्रम ने बिना देर किए अपनी जीभ को उसकी चूत पर फिरा दिया तो विक्रम ने अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने विक्रम को अपने ऊपर खींच लिया और उससे कसकर लिपट गई! लंड का सुपाड़ा चूत के छेद पर आया तो चूत उसके नीचे छुप सी गई और जैसे ही दोनो की आंखे टकराई तो मेनका ने विक्रम के होंठो को चूम लिया और विक्रम ने लंड का धक्का लगाया तो सुपाड़ा फिर से घुस गया और मेनका मस्ती से कराह कर उससे लिपट गई

" अअह्ह्ह्हह मार डालो हमे!!

विक्रम ने मेनका के दोनो कंधो में हाथ डाल कर उसे अपने कब्जे में ले लिया और उसकी आंखो में देखते हुए उसके होंठो को अपने होठों में भर लिया और लंड को बाहर खींचा और और जोरदार धक्का उसकी चूत में लगाया तो आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और मेनका की आंखे दर्द से फैल गई और वो जोर से तड़प उठी और अपने नाखूनों से बेड शीट को फाड़ दिया! चूत के होंठ पूरी तरह से फटकार लंड के चारो तरफ कस गए थे और विक्रम ने पूरी ताकत से अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्के के साथ करीब छह इंच लंड घुसा दिया जिससे दर्द के कारण मेनका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और उसके होंठ विक्रम के होंठो से निकल गए और मेनका दर्द से कराह उठी लेकिन छूट नही पाई

" अअह्ह्ह्ह्ह विक्रम!!! हम नही झेल पायेंगे आपको महराज!

मेनका की आंखो से आंसू छलक आए जिन्हे विक्रम ने चूस लिया और उसकी चुचियों को प्यार से सहलाते हुए उसके मुंह को चूमने लगा और बोला:"

" अह्ह्ह्ह्ह मेरी मेनका , कितनी कसी हुई और गर्म चूत है आपकी , आआआह्हह!!!

विक्रम ने लंड को उसकी चूत में घुसाए हुए हल्का सा अंदर बाहर करना शुरू किया तो मेनका को दर्द हुआ और हल्का हल्का कराहने लगी! विक्रम ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो मेनका को मजा आया और उसने विक्रम के सिर को अपनी चूची पर दबा दिया तो विक्रम उसकी दूसरी चूची की हल्के हल्के सहलाने लगा और लंड को करीब दो से तीन इंच बाहर की तरफ खींचता और फिर से घुसा देता ! मेनका के मुंह से दर्द भरी सिसकियां निकल रही थी लेकिन अब एक बार फिर से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी तो उसने गांड़ को हिलाना शुरू कर दिया तो विक्रम ने उसकी आंखो मे देखा तो मेनका दर्द में भी मुस्कुरा उठी और विक्रम ने लंड को सुपाड़े तक बाहर निकाला और धीरे से घुसा दिया तो मेनका दर्द और मस्ती से कराह उठी

" अअह्ह्ह्हह विक्रम!! मेरे पुत्र उफ्फ हाय कितने अच्छे हो आप!!!

मेनका की मधुर सिसकियां इस बात की गवाही दे रही थी कि उसकी चूत अब उसे दर्द से ज्यादा मजा दे रही थी और विक्रम ने लंड को एक ही झटके में फिर से छह इंच घुसा दिया तो मेनका ने मस्ती में आकर उसके होंठो को चूम लिया मानो उसे ईनाम दे रही हो!!

विक्रम ने मेनका का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा तो मेनका को एहसास हुआ कि करीब चार इंच लंड अभी भी बाहर ही था तो मेनका की आंखे हैरानी से फैल गई और सिसकते हुए बोली:"

" हाय दैय्या री दैय्या! हम नही झेल पायेंगे इससे ज्यादा!

विक्रम ने उसकी चुचियों को मसलना शुरू कर दिया और उसके होंठो को चूमकर उसकी चूत में हल्के हल्के धक्के लगाते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्हह माता!! आप उदयगढ़ की राजमाता हो और हमे आप पर पूरा यकीन है कि आप झेल जायेगी!!!!

मेनका ने अपने दोनो हाथों को उसकी कमर पर बांध दिया और नीचे से अपनी गांड़ उठाकर धक्के झेलती हुई सिसकी

"अअह्ह्ह्ह!!! हाय मेरे उदयगढ़ के महाराज कितना आनंद प्रदान कर रहे हो आप!!

विक्रम ने अब धक्कों की गति बढ़ानी शुरू कर दी और यूरी आंखो में देखते हुए बोला

" आह्ह्ह्हह् मेरी मस्त मेनका!! पूरा लंड और ज्यादा मजा देगा आपको!!

मेनका धक्कों की गति बढ़ने से मस्ती से भर उठी और जोर जोर से सिसक उठी:"

"" अअह्ह्ह्ह सीईईईईईईई यूईईईईईईईई मां! हमारी चूत पूरी फट जाएगी !!

विक्रम ने मेनका की आंखो में देखते हुए उसके दोनो कंधो को थाम लिया और इससे पहले की मेनका कुछ समझ पाती विक्रम ने पूरी ताकत से लंड को पूरा बाहर खींचा और एक पूरी ताकत से जोरदार धक्का उसकी चूत में जड़ दिया और दोनो की जांघो आपस मे मिल गई और विक्रम के आलू जैसे आंड मेनका की गांड़ से जा लगे!

मेनका एक बार फिर से गला फाड़कर चींख उठी क्योंकि लंड ने उसकी बच्चेदानी में टक्कर मारते हुए उसे पीछे की तरफ धकेल दिया था और मेनका ने अपने नाखूनों को उसकी पीठ में घुसा दिया! पूरे कक्ष में मेनका की जोरदार दर्द भरी आह गूंज उठी

" अअह्हिह्ह मर गई " मोहिनी"!!
उफ्फ पुत्र!!

विक्रम ने बिना देर किए उसकी चूत में धक्के लगाने शुरु किए और मेनका दर्द से कराहती हुई सिसकती रही!!


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करीब पांच मिनट की चुदाई के बाद लंड ने अपनी जगह बना ली तो मेनका का दर्द कम हुआ और उसे थोड़ा अच्छा महसूस होने लगा और उसने विक्रम का मुंह चूम लिया और बोली

" अअह्ह्ह्हह पुत्र! कितने निर्दई हो आप! जरा भी दया नही आई हम पर आपको,!!

विक्रम ने बिना कुछ बोले लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से एक ही झटके में पूरा घुसा दिया तो लंड उसकी चूत की दीवारों की जोर से रगड़ते हुए बच्चेदानी से जा टकराया और मेनका दर्द और मस्ती से कराह उठी

" अअह्ह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या!! थोड़ा प्यार से करो ना मेरे राजा!!

विक्रम ने उसकी चूत को अब मस्ती से चोदना शुरु कर दिया और मेनका भी उसकी गले में बांहे डालकर चुदने लगी और नीचे से अपनी चूत उठा उठाकर लंड लेने लगी जिससे चुदाई में आनंद दोगुना हो गया!!

विक्रम पहली बार चुदाई कर रहा था और मेनका की कसी हुई चूत उसे बेहद आनंद प्रदान कर रही थी और मेनका की मधुर सिसकियां उसके जोश को और बढ़ा रही थी! मेनका की चूचियां उत्तेजना सा पूरी तरह से फूल गई थी और विक्रम अब पूरी ताकत से उन्हे कस कसकर दबा रहा था और मेनका अपनी चुचियों को उभारते हुए उसे और ज्यादा दबाने के लिए उकसा रही थीं और विक्रम ने उसे चोदते चोदते घुमा दिया जिससे लंड एक झटके में बाहर निकाल आया तो मेनका तड़प उठी और विक्रम ने उसे दोनो हाथो को बेड पर टिकाने का इशारा किया तो मेनका ने अपने दोनो हाथों को बेड पर टिका दिया और विक्रम उसके ऊपर सवार हो गया और पीछे से लंड को उसकी चूत में घुसा दिया तो मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम ने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरु किए तो मेनका का पूरा बदन हिलने लगा और वो नीचे से अपनी गांड़ उठाकर चुदने लगी! विक्रम के भारी भरकम शरीर को मेनका ने अपने ऊपर थामा हुआ था और उसके शक्ति शाली धक्के अपने कसी हुई चूत में झेल रही थी!


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विक्रम उसकी गर्दन पर पड़े हुए उसके बालो को हटाते हुए उसकी गर्दन चूमते हुए बोला:"

" अह्ह्ह्ह मेरी माता! आप सच में बेहद शक्तिशाली है और उदयगढ़ की सच्ची राजमाता हो!

विक्रम की बात सुनकर मेनका के जोश में संचार हुआ जिससे वो जोर से अपनी चूत को ऊपर उठाने लगी तो चुदाई की गति बढ़ गई और विक्रम लंड को चूत में घुसे हुए ही उसे अपनी बांहों में उठा लिया और प्यार से बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी आंखो में देखते हुए चोदने लगा तो मेनका ने खुशी से उसका मुंह चूम लिया! दोनो ही एक दूसरे को चूम रहे थे चाट रहे थे और धक्कों की गति बढ़ती जा रही थी जिससे मेनका का आनंद हर पल बढ़ता जा रहा था और वो जोर से सिसक उठी"

" अअह्ह्ह्हह विक्रम मेरे पुत्र!! हम बस आपकी राजमाता हैं!!

इतना कहकर मेनका ने विक्रम को जोर से अपनी बांहों में कस लिया तो विक्रम भी उसके मुंह को चूमते धक्के लगाने लगा और उसे जोश दिलाने के लिए प्यार से बोला:"

" उफ्फ मेनका कितनी कसी हुई चूत है लंड घुसना भी मुश्किल हो रहा है हर धक्के पर !!

मेनका अपनी चुचियों को उसके सीने से रगड़ती हुई सिसकी:"

" अह्ह्ह्ह सीईईईईईए मेरे महाराज पुत्र!! 15 साल के बाद लंड घुसा हैं तो वो भी उदयगढ़ के महाराज का जो पूरी तरह से फस रहा है!!

मेनका ने भी विक्रम को उसके लंड की तारीफ करके उकसाया तो विक्रम ने पूरे लंड को बाहर निकाला और एक ही झटके में जड़ तक ठोक दिया तो मेनका दर्द और मस्ती से सिसक उठी


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" अअह्ह्ह्हह महाराज!!!!

विक्रम उसके गालों को चूसते हुए मस्ती से सिसका

" अअह्ह्ह्हह माता अभी भी दर्द हो रहा है क्या !!

इतना कहकर विक्रम ने लंड के धक्के मारते हुए अपनी छाती को जोर से उसकी चूचियों पर रगड़ दिया तो मेनका मस्ती से कराह उठी:"

" अह्ह्ह्ह्ह यूईईईईईई होता हैं पुत्र लेकिन आनंद बहुत मिल रहा है हमे!! जिंदगी में पहली बार ऐसा अद्भुत आनंद महसूस हुआ है पुत्र हमे !!

मेनका की मधुर सिसकियां सुनकर विक्रम ने अब ज्यादा ताकत लगाते हुए मेनका की चूत को फाड़ना शुरू कर दिया और कमरे में फच फच फच की मधुर आवाज गूंज उठी! विक्रम जितनी जोर से धक्का मरता मेनका भी उतनी ही ताकत से अपनी गांड़ ऊपर उठा रही थी जिससे उसकी चूत में कम्पन होना शुरू हो गया और मेनका पागल सी हो गई और जोर जोर से कराहती हुई बोली

" अअह्ह्ह्ह सीईईईईईईई अअह्ह्ह्ह्ह पुत्र!!! हमारी चूत इतना आनंद दे सकती है आज एहसास हुआ! चोदिए हमे जी भरकर चोदिये!!

विक्रम मेनका की सिसकियां सुनकर पूरी रफ्तार से उसे चोद रहा था और मेनका की चूड़ियां और पायल मधुर आवाज करते हुए उसे और ज्यादा उकसा रही थीं जिससे विक्रम के लंड में उबाल आना शुरू हो गया और वो भी मजे से सिसक उठा


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" अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान! आआआह्ह्ह्हह मुझे ये चूत रोज चाहिए!! उदयगढ़ की महारानी बना दूंगा आपको!!

इतना कहकर वो पागल सांड की तरह धक्के लगाने लगा और देखते ही देखते दोनो माता पुत्र की गति बेहद बढ़ गई और दोनो एक दूसरे की चूमते हुए सिसकियां ले रहे थे ! कमरे में चुदाई की मधुर सिसकियां गूंज रही थी और दोनो ही अपने चरम आनंद के करीब थे और एक दूसरे को जोर से चूम रहे थे चाट रहे थे और गद्दे के मुलायम होने के कारण अब मेनका का जिस्म हर धक्के पर एक एक फुट उछल रहा था जिससे लंड हर बार उसकी बच्चेदानी को हिला रहा था जिससे मेनका पूरी तरह से चुदासी हो गई थी और उसने ऊपर को झुकते हुए अपनी जीभ को विक्रम के मुंह में डाल दिया और जैसे ही दोनो की जीभ आपस मे टकराई तो विक्रम ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर एक ही झटके में पूरा घुसा दिया और मेनका की चूत से रस की धार फूट पड़ी और उसकी चूत के साथ साथ उसका मुंह भी खुल गया और विक्रम दनादन उसकी चूत में लंड पेलने लगा! हर धक्के पर मेनका दर्द से कराह रही थी लेकिन मजा भरपूर आ रहा था


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" अअह्ह्ह्ह सीईईई आईईईई आह्ह्ह्ह विक्रम!!

जैसे ही मेनका की चूत से निकले गर्म रस की धार विक्रम के लंड पर पड़ी तो लंड ने भी अपना मुंह खोल दिया और सैलाब की तरह विक्रम के वीर्य की पिचकारी मेनका की चूत को भरने लगी जिससे विक्रम सिसक उठा

" अह्ह्ह्ह मेरी मस्त मेनका!!
कितना आनंद है आपकी चूत में!

दोनो ने एक दूसरे को पूरी ताकत से कस लिया था और हवा भी उनके बीच से नही निकल सकती थी! हालाकि अभी दोनो ही धक्के नही लग रहे थे लेकिन गद्दे के कारण अभी भी दोनो के जिस्म उछल उछल पड़ रहे थे और विक्रम का लंड मेनका की चूत में अपनी आखिरी सांसे लेते हुए पिचकारी मार रहा था और मेनका भी अपनी बच्चेदानी को खोले हुए एक एक बूंद को अपने अंदर समेट रही थी!

जैसे ही दोनो का स्खलन बंद हुआ था तो मेनका ने आनंद से अभिभूत होकर विक्रम के मुंह को चूम लिया और उसकी लालची चूत ने अपनी गिरफ्त ढीली करते हुए मुरझा रहे लंड को धीरे धीरे बाहर की तरह फेंकना शुरू कर दिया और विक्रम ने भी मेनका का मुंह चूम लिया और बोला:"

" आप सच में अदभुत हो, लाजवाब हो !! कामरस से परिपूर्ण आनन्दायक हो! आपने हमें झेल लिया राजमाता आप सच में जीत गई!!

मेनका ने भी उसके मुंह को चूम लिया और उसकी आंखो मे देखते हुए बोली:"

" अह्ह्ह्ह विक्रम!! आप दुनिया के सबसे शक्तिशाली पुरुष हो! आपने हमारे शरीर का ऐसा मर्दन किया जिसकी हम कल्पना भी नही कर सकती थी! आप एक संपूर्ण पुरुष हो! आपने हमारे मन के साथ साथ आज तन को भी मोह लिया!! आपसे हम तो क्या दुनिया की कोई भी नारी नही जीत सकती!

विक्रम का लंड अब पूरी तरह से चूत से बाहर निकल आया तो दोनो मुस्कुरा दिए और विक्रम ने उसे अपने सीने से लगा लिया और बोला:"

" नही राजमाता !! इस जीत की असली हकदार आप ही है! देखिए ना कैसे अधमरा करके आपने मुझे छोड़ दिया है!

विक्रम का इशारा अपने लंड की तरफ था और मेनका भी उसका मतलब समझ गई और प्यार से उसके गाल को चूम कर बोली

" आपकों एहसास नहीं है कि अधमरा होने से पहले आपने हमारे हाल बेहाल किया है पुत्र!

विक्रम ने उसके गले में हाथ डालकर उसे खुद से चिपका लिया और बोला:"

" अभी तो रात बाकी है मेरी माता! अभी तो मुझे कोमल आपके हाथो से मदिरा का आनंद लेना है!

मेनका भी उससे लिपटी हुई बोली:" जैसी आपकी इच्छा महराज!

इतना कहकर मेनका ने उसके होंठो को चूम लिया और उससे अलग हुई तो उसकी नजर बेड पर पड़ी तो विक्रम को इशारा करती हुई बोली

" देखिए ना आपने क्या हाल कर दिया है महराज!

विक्रम ने देखा कि बेड पर खून की बूंदे पड़ी हुई थी और सफेद चादर मेनका की चूत के से निकले खून से लाल हो गई थी तो विक्रम ने आगे बढ़कर मेनका को एक बार फिर से अपनी बांहों में भर लिया और उसका मुंह चूम लिया तो मेनका बोली:"

" हमारी चूदी चुदाई चूत का आपने ऐसा हाल कर दिया है!!

विक्रम ने मेनका को बेड पर सीधे लिटाया और उसकी टांगो को पूरा फैला दिया तो मेनका ने शर्म से अपनी आंखे बंद कर ली और विक्रम ने उसकी चूत को ध्यान से देखा तो एहसास हुआ कि उसकी चूत के चुदाई से पहले कसे हुए गुलाबी होंठ अब खुल गए थे और चूत हल्की सी सूजकर ज्यादा लाल हो गई थी जिससे पहले से ज्यादा कामुक और आकर्षक लग रही थी!

विक्रम ने प्यार से उसकी चूत को चूम लिया और मेनका ने मुंह से एक मधुर आह निकल पड़ी और अपनी टांगो को बंद लिया तो विक्रम ने उसके करीब आते हुए उसे अपनी बांहों में फिर से भर लिया और उसके होंठो को चूम कर बोला:"

" चुदने के बाद आपकी चूत पहले से ज्यादा लाल और आकर्षक हो गई है माता!

मेनका शर्म के मारे उसकी बांहों से निकल गई और बेड से उतर कर अलमारी की तरफ चल पड़ी तो उसे अपनी टांगो के बीच में हल्के दर्द का एहसास हुआ तो उसके होंठो पर मधुर मुस्कान आ गई और वो हल्की सी लंगड़ा कर चल रही थी तो विक्रम उसे पीछे से छेड़ते हुए बोला

" क्या हुआ राजमाता ! आप ऐसे क्यों चल रही हो ?

मेनका ने उसे मुड़कर देखा और एक कामुक मुस्कान देती हुई अलमारी के करीब पहुंच गई और विक्रम की पसंदीदा मदिरा निकालने लगी!!!



"
 
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मेनका रात भर विक्रम की बांहों में रही और अगले दिन सुबह जल्दी ही विक्रम की आंख खुली और सोती हुई मेनका के गाल को चूमकर बाहर निकल गया!

करीब आठ बजे के आस पास बिंदिया आई और मेनका उठकर नहाने के लिए चली गई! नहाकर मेनका आई तो उनका बदन अब पूरी तरह से खुल गया था और काफी तरो ताज़ा महसूस कर रही थी!

बिंदिया:" राजमाता आपके लिए हल्दी और चंदन का लेप तैयार कर दिया हैं!

मेनका मन ही मन खुश हुई लेकिन उसको बनाते हुए बोली:"

" उसकी भला क्या जरूरत हैं मुझे ?

बिंदिया:" राजमाता ये राज परंपरा का हिस्सा हैं और फिर आप तो अभी पूरी जवान हो!

मेनका उसकी बात सुनकर शर्मा को और बोली:"

" कुछ भी बोल देती हो बिंदिया! राज परंपरा है तो फिर तो करना ही पड़ेगा!

बिंदिया:" कुछ भी क्या सच ही तो बोला हैं मैंने! देखिए मोहिनी त्यौहार का मतलब औरत को अच्छे से सजना और संवरना होता हैं! ये तो वह त्यौहार हैं जिसकी हर औरत प्रतीक्षा करती हैं पूरे साल राजमाता!

मेनका:" ठीक हैं अच्छा समझा गई! और क्या क्या परंपरा हैं आज के दिन ? वो भी जरा बताओ तो हमे!

बिंदिया:" आपके बदन पर लेप लगाने के बाद आपके पूरे बदन की मालिश होगी! दोपहर के बाद आपको महंदी लगा दी जाएगी! रात में आप बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह पूरी सज संवर कर तैयार होगी!

मेनका के बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई और बोली:"

" राज परंपरा है तो करना ही पड़ेगा!

बिंदिया कुछ नही बोली और बस मुस्कुरा दी! दोनो माता और पुत्र ने अच्छे से नाश्ता किया और उसके बाद विक्रम राज्य में घूमने के लिए निकल गया! बिंदिया ने मेनका के पूरे बदन पर लेप लगाया और उसके बाद अच्छे से उसके बदन की मालिश करी जिससे मेनका के बदन का रोम रोम खिल उठा! मेनका के बदन से उठती हुई खुशबू पूरे कमरे को महका रही थी!

बिंदिया:" राजमाता सच में आप बेहद खूबसूरत हैं! मैं दावे के साथ कह सकती हु कि आपसे ज्यादा सुन्दर और कामुक शरीर की औरत आज पास के किसी राज्य में नही होगी!

मेनका :" तुम भी बिंदिया! बस मेरे मजे लेती रहती हो!

बिंदिया उसे मेहंदी लगाती हुई बोली:" मेरा विश्वास करो राजमाता! रात को अपने कक्ष को अच्छे से बंद करना कहीं कोई मर्द मदहोश होकर न घुस जाए आपके कक्ष में!!!

इतना कहकर बिंदिया जोर से हंस पड़ी तो मेनका उसका गाल पकड़कर खीचती हुई बोली:"

" आजकल तेरी जुबान बड़ी चल रही है! ऐसे कैसे कोई घुस जायेगा! ये राजमहल हैं बिंदिया!

बिंदिया अपना गाल खींचे जाने से चिहुंक सी उठी और बोली:"

" अरे तो राजमहल में भी काफी सारे मर्द रहते ही हैं न!

मेनका:" तुमसे बातो में कोई नही जीत सकता! अच्छा जल्दी से लगाओ मेहंदी!

बिंदिया ने मेनका को हाथो और पैरो पर मेहंदी लगाई और उसके बाद खाना बनाने चली गई जबकि मेनका हल्की धूप में लेटी हुई मेहंदी सूखने का इंतजार करती रही!

मेनका मेंहदी सूखने के बाद नहाने के लिए चली और अपने शरीर को पूरी तरह से साफ करके चमका दिया! मेनका ने अपनी चूत पर हाथ रखा तो उसे बालो का एहसास हुआ और मेनका बालो की सफाई में जुट गई! मेनका की मेहनत रंग लाई और करीब आधे घंटे के बाद उसकी चूत बिल्कुल चिकनी होकर चमक उठी! मेनका ने अपनी दोनो टांगो को पूरा खोल दिया और अपने चूत के होंठो को अच्छे से देखा तो एहसास हुआ कि उसकी चूत के होंठ लाल हो गए थे और स्पर्श करने से हल्के से मीठे मीठे दर्द का उसे एहसास हुआ और मेनका ने अपने दांतो तले जीभ को दबा लिया क्योंकि उसे एहसास हो रहा था कि सिर्फ सुपाड़े ने उसकी चूत को लाल करके हाल बेहाल कर दिया तो पूरे लंड को वो कैसे झेल पायेगी!

मेनका अपने विचारो में डूबी हुई बाहर निकल आई और बिंदिया बोली:"

" आप सच में बेहद आकर्षक लग रही हो राजमाता! भोजन बन गया है और अभी आप मुझे जाने की आज्ञा दीजिए!

मेनका:" बड़ी जल्दी हैं तुम्हे आज जाने की बिंदिया!

बिंदिया उसकी बात सुनकर हल्की सी शरमाई और बोली:"

" वो क्या हैं कि मेरे पति मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे!

मेनका उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी और बोली:"

" ठीक है तो फिर तुम जाओ और अपने पति की प्रतीक्षा खत्म करो!

इतना कहकर मेनका जोर से हंस पड़ी तो बिंदिया शर्म से लाल हो गई और उसके बाद अपने घर की तरफ चल पड़ी! धीरे धीरे अंधेरा पूरी तरह से घिर गया और विक्रम भी वापिस महल लौट आया था और अपने कक्ष में था!

मेनका ने अपने आपको खूब अच्छे से सजाया क्योंकि वो जानती थी कि आज के दिन उसे कोई डर नही हैं इसलिए वो लाल रंग की साड़ी में लिपटी हुई पूरी तरह से सजी संवरी किसी स्वर्ग की अप्सरा के जैसी लग रही थी!

विक्रम और मेनका की मुलाकात भोजन ग्रहण करने के समय हुई और विक्रम उसे देखते हुए बोला:"

" सच में आज तो आप कमाल लग रही हो माता! लगता हैं कि मानो चांद जमीन पर उतर आया हैं आज!

मेनका अपनी तारीफ सुनकर मंद मंद मुस्कुराते हुए खाने को मेज पर रखते हुए बोली:"

" मैं सब समझती हूं कि क्यों इतनी तारीफ कर रही हो आप आज महाराज!! चलिए पहले खाना खाइए आप!

विक्रम ने भोजन शुरू किया और बोला:" अच्छा जी लगता हैं कि हमारी राजमाता कुछ ज्यादा ही समझदार हो गई है!

मेनका ने भी भोजन शुरू किया और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:" " मोहिनी" तो आज दिन के दिन समझ ही जायेगी कि क्यों इतनी तारीफ हो रही है उसकी!!

विक्रम ने उसका एक हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर रख दिया और बोला:"

" ये देखिए! ये सब भी मोहिनी का ही कमाल हैं!

मेनका ने भी उसके लंड को सहलाया और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" अच्छा जी पुत्र! लेकिन ये इतना भयंकर पहले से ही हैं मोहिनी ने नही किया हैं समझे!

विक्रम ने एक झटके के साथ मेनका को उठाकर अपनी गोद में सीधे लंड पर बैठा लिया तो मेनका धीरे से बोली:"

" अह्ह्ह्ह क्या करते हो पुत्र! किसी ने देख लिया तो गजब हो जायेगा, ये कक्ष नही है!

मेनका ने मेनका का गाल चूम लिया और बोला:"

" महल में आज कोई नहीं है राजमाता! हमने सबको आज छुट्टी पर भेज दिया है!

विक्रम की बात सुनकर मेनका ने शर्म के मारे दोनो हाथों से अपना मुंह छुपा लिया और हल्की सी मुस्कान के साथ कनखियो से उसे देखती हुई बोली:

" हाय पुत्र! लगता हैं आज आप हमे जिंदा नही छोड़ेंगे!

विक्रम ने मेनका की बात सुनकर खड़े लंड का धक्का उसकी गांड़ पर दिया और उसके कान में बोला:"

" आपका तो कुछ नही होगा माता लेकिन आपकी चूत का आज आकार न बदल दिया तो विक्रम नाम नही हमारा!

विक्रम के मुंह से चूत सुनकर मेनका शर्म से पानी पानी हो गई और बोली

" हाय पुत्र !! ऐसे नही बोलते हैं हम आपकी माता हैं!

विक्रम ने अपने जीभ को उसकी गर्दन पर फिरा दिया और बोला:"

" माता की सेवा करना पुत्र का परम कर्त्तव्य होता है राजमाता! आपकी गर्म चूत को आज पूरा शीतल कर दूंगा!

मेनका एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर गई और रसोई के दरवाजे पर पहुंच कर खड़ी हो गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी जिससे उसकी चूचियां उछल कूद मचाने लगी और विक्रम एक झटके के साथ आगे बढ़ा और उसकी कमर में हाथ डालते हुए पेट को पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए उसकी चिकनी नंगी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए


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जैसे ही विक्रम के जलते हुए होंठ उसकी गर्दन पर पड़े तो मेनका के मुंह से एक जोरदार मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह्ह्ह्ह्ह् यूईईई माआआ आआ!!!

मेनका के मुंह से मस्ती भरी सीत्कार सुनते ही विक्रम ने जोश में आकर लंड का जोरदार झटका लगाया तो लंड ढप की आवाज के साथ मेनका की गांड़ के बीच में घुस गया और मेनका एक जोरदार झटके के साथ उसकी पकड़ से बाहर निकल गई और तेजी से भागती हुई अपने कक्ष में घुस गई!

विक्रम को क्या खबर थी कि उसकी माता उसे जान बूझकर ललचा रही है तड़पा रही है ताकि वो पूरी तरह से जोश में आकर मेनका की सालो की प्यास सिर्फ एक ही रस में बुझा दे! विक्रम मेनका के पीछे भागा लेकिन मेनका ने तेजी से उसे आंख मारते हुए उसके मुंह के ठीक सामने दरवाजा बंद किया तो विक्रम बोला:"

" दरवाजा खोलिए माता! हमे और मत तड़पाए आप!

मेनका मंद मंद मुस्कुराती हुई कामुक आवाज में बोली:"

" ठीक से रात तो होने दीजिए ना पुत्र! इतनी भी जल्दी क्या है आखिर आज आपको!

विक्रम अपने लंड को सहलाते हुए बोला:" सोच लो जितना ज्यादा हमे तड़पाएगी आप उतना ही हम भी आपसे बदला लेंगे!

मेनका ने एक हाथ को अपनी चूत पर छुआ तो वो पूरी गीली हो गई थी और मेनका की मानो चूत बोल उठी:"

" ये गीदड़ भभकी किसी और को देना पुत्र! हम ऐसी वैसी नहीं बल्कि राजमाता हैं उदयगढ़ की!

विक्रम की मर्दानगी के लिए ये सीधी सीधी चुनौती थी जिसे विक्रम के लंड ने एक झटके के साथ स्वीकार किया और विक्रम बोला:"

" आपकी कसम राजमाता अगर आज आपको छठी का दूध याद नही दिलाया तो हम मर्द कहलाने के हकदार नहीं!!

यही तो मेनका चाहती थी कि विक्रम उसे पूरी तरह से निचोड़ डाले आज और मेनका अपने प्रयास में कामयाब हुई थी और मंद मंद मुस्कुरा कर आगे बढ़ गई और विक्रम भी जानता था कि थोड़ी देर बाद ही मेनका दरवाजा खोलेगी तो वो भी अपने कक्ष में आ गया!!!

रात के करीब दस बजे विक्रम अपने कक्ष से निकला और मेनका के कक्ष के सामने पहुंचा और दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुलता चला गया और विक्रम जैसे ही अंदर घुसा तो एक तेज मादक गंध ने उसका स्वागत किया और विक्रम के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई और उसने सबसे पहले दरवाजे को अच्छे से बंद किया और उसके बाद जैसे ही परदे हटाकर आगे बढ़ा तो उसकी आंखे खुशी और हैरानी से फैलती चली गई क्योंकि मेनका ने आज अपने बेड को सुंदर सफेद रंग की चादर से सजाया हुआ था और जिस पर बिखरे हुए गुलाब के महकते फूल अपनी अदभुत छटा बिखेर रहे थे और बेड के चारो तरफ पर्दो को एक दूसरे के साथ जोड़कर बांधा गया था जिससे वो बेहद खूबसूरत लग रहे थे! बेड पर पड़े हुए चार पांच सफ़ेद तकिए बेड की सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे और विक्रम को मेनका पर अभिमान हो रहा था कि उसने कितनी मेहनत और सुंदरता के साथ ये सब व्यवस्था की थी!

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विक्रम ने इधर उधर नजर दौड़ाई लेकिन मेनका उसे कहीं नजर नहीं आई तो विक्रम आगे बढ़ा और अलमारी के आस पास देखा लेकिन मेनका उसे कहीं नजर नहीं आई तो विक्रम वापिस बेड की तरफ आया तो उसकी आंखो के सामने किसी दुल्हन की तरह सजी हुई बेड के ठीक बीचों बीच बैठी मेनका नजर आई और विक्रम उसके करीब पहुंच गया और बोला:"

" बेहद खूबसूरत लग रही हो मेरी मोहिनी आप!! सच में मैने सपने में भी नही सोचा था कि आप मेरा ऐसा स्वागत करेगी

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मेनका ने एक एक बेहद पतले लाल रंग के पल्लू से अपने चेहरे को ढका हुआ था जिससे उसका चेहरा लगभग साफ नजर आ रहा था और हल्की सी मुस्कान के साथ बोली:"

" उदयगढ़ के महाराज हैं आप! मेरा सौभाग्य है कि आप मेरे कक्ष में पधारे !

विक्रम बेड पर जैसे ही बैठा तो बेड गद्दे के मुलायम होने के कारण ऊपर नीचे हुआ तो मेनका के होंठो पर मुस्कान आ गई तो विक्रम भी मुस्कुरा कर बोला:"

" गद्दे के यूं इस तरह उछलने से आपके होंठो पर जो मुस्कान आई है उसका मतलब हम भली भांति जानते हैं राजमाता!

मेनका विक्रम की बात सुनकर शर्मा गई और दोनो हाथों में अपना चेहरा छिपा लिया तो विक्रम ने उसके मुंह पर से एक झटके के साथ पल्लू हटा दिया और मेनका का कामुक आकर्षक मुखड़ा विक्रम की आंखो के आगे आ गया!!

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मेनका के रसीले लाल सुर्ख होंठो पर हल्की सी मुस्कान थी जिससे वो बेहद ज्यादा कामुक लग रही थी ! पल्लू सरक जाने से उसकी भारी भरकम गोल मटोल चूंचियां आधे से ज्यादा नजर आ रही थी और विक्रम मेनका का हाथ थामकर बोला:"

" स्वर्ग से उतरी मेनका भी आपके सामने कुछ नहीं है माता! आप इस दुनिया ही नहीं वल्कि ब्रह्माण्ड की सबसे कामुक और रसीली नारी हो! आपके ये यौवन से भरपूर अमृत कलश हमे आपकी ओर आकर्षित करके हमारी उत्तेजना बढ़ा रहे हैं!

इतना कहकर विक्रम ने मेनका को हाथ से पकड़े हुए अपनी तरफ खींचा तो मेनका उसकी गोद में आ गिरी और विक्रम ने उसके रसगुल्ले की तरह फूले हुए गाल को मुंह में भर कर चूस लिया तो मेनका शर्म से पलटी और परदे को पकड़कर बेड पर खड़ी हो गईं और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी! विक्रम धीरे से उसके पीछे आया और उसे अपनी बांहों में भरते हुए उसकी गांड़ के बीच में अपना लंड घुसा दिया और प्यार से उसके कानो में बुदबुदाया:"

"उफ्फ आपकी ये अदाएं आज हमारी जान लेकर रहेगी माता!

इतना कहकर विक्रम ने अपने जलते हुए होंठो से उसकी गर्दन पर चूमा तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी

" अह्ह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई!! जान तो आप हमारी लेना चाहते हो उदयगढ़ के महराज तभी तो अपने इस खूंखार हथियार से हम पर हमला कर रहे हो!

इतना कहकर मेनका ने लंड पर अपनी गांड़ को हल्का सा उभार दिया तो विक्रम ने मेनका के कंधो पर बंधी हुई धागों को खींच कर एक तरफ़ कर दिया जिससे उसके दोनो कंधे एक साथ नंगे हो गए और विक्रम उसके एक कंधे को चूसते हुए बोला:"

" उदयगढ़ के महाराज से प्रेम करोगी तो इतनी हिम्मत को आपको रखनी ही पड़ेगी!

इतना कहकर विक्रम ने लंड का धक्का उसकी गांड़ के बीच में लगाया तो मेनका एक झटके से आगे को हुई और विक्रम ने उसके पेट पर हाथ बांधकर उसे अपनी तरफ खींचा जिससे मेनका की कमर बेहद जोरदार तरीके से उसकी छाती से रगड़ गई और मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी:"

" उफ्फ अह्ह्ह्ह्ह पुत्र!! इतने ज्यादा निर्दयी भी मत बनो!

विक्रम उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके पेट को दूसरे हाथ से सहलाते हुए बोला:

" बड़ी जल्दी हार मान ली आपने! थोड़ी देर पहले तो बड़ी बड़ी बाते कर रही थी! उदयगढ़ की राजमाता से ऐसी उम्मीद नहीं थी हमे!!!

इतना कहकर विक्रम ने उसके ब्लाउस को एक झटके के साथ खोल दिया और मेनका अब ऊपर से पूरी नंगी हो गई क्योंकि उसने नीचे ब्रा नही पहनी हुई थीं और मेनका ने अपनी गर्दन को पर्दे पर टिकाते हुए एक झटके के साथ दोनो हाथो से अपनी चुचियों को थाम लिया और बोली:

" आआह्ह्हह्ह् पुत्र!! वो तो हम बस ऐसे ही मजाक कर रहे थे और आप हमे सच में नंगी करना चाहते हो!!

विक्रम एक पल के लिए मेनका से अलग हुआ और जल्दी से दूसरे हाथ से अपने कुर्ते को धीरे से निकाल दिया और जैसे ही उसने फिर से मेनका को अपनी बांहों में भरा तो उसकी नंगी चौड़ी छाती मेनका की नंगी चिकनी कमर से टकरा गई और मेनका के मुंह आह निकल पड़ी और विक्रम ने अपने दोनो हाथो को उसके हाथो पर रखते हुए उसकी चुचियों पर कब्जा कर लिया और धीरे धीरे दबाते हुए मधुर कामुक आवाज में बोला

" सिर्फ नंगी ही नहीं बल्कि नंगी करके चोदना चाहते हैं हम आपको माता! और हम जानते हैं कि आप भी हमसे चुदना चाहती हो!

इतना कहकर विक्रम ने उसकी तरफ देखा तो मेनका उसकी आंखो में देखते हुए कामुक अंदाज में मुस्कुराई और अगले ही पल अपने हाथो से अपने चेहरे को छुपा लिया!!

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विक्रम के लिए मेनका की तरफ से ये खुला समर्पण था और विक्रम ने बिना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके लहंगे का नाडा खोल दिया और जैसे ही मेनका ने दोनो हाथो से अपने लहंगे को थामा तो विक्रम ने बिना देर किए उसकी दोनो चूचियों को एक साथ थाम लिया और मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी:"

" अह्ह्ह्ह्ह मेरे वीर पुत्र!

विक्रम ने जोर से उसकी दोनो चूचियों को मसला तो मेनका मोम की तरह पिघल गई और एक झटके के साथ पलट गई और विक्रम ने बिना देर किए उसकी गर्दन में अपनी बांहों को कसते हुए उसके होंठो को अपने होठों में भर कर चूसने लगा! मेनका भी उसका भरपूर साथ दे रही थीं और दोनो बारी बारी से एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे!!


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विक्रम ने धीरे से अपने पायजामे को खोल दिया और मेनका का लहंगा तो कबसे नीचे गिरा पड़ा था! जैसे ही विक्रम ने दूसरे हाथ को उसकी गांड़ पर रखकर उसे अपनी तरफ खींचा तो लंड सीधे मेनका की चूत से टकराया और एक झटके के साथ उसका मुंह खुल गया और विक्रम ने मौके का फायदा उठाते हुए अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया और मेनका अब सारी शर्म लिहाज छोड़कर विक्रम की जीभ से अपनी जीभ लड़ाने लगी! जैसे ही दोनो की सांसे उखड़ गई तो दोनो के होंठ अलग हुए और मेनका ने एक पर्दे को खींचकर अपनी जांघो पर लपेट लिया और विक्रम की तरफ देखा तो विक्रम ने उसकी चुचियों की तरफ अपना मुंह बढ़ाया तो मेनका ने बेड पर दोनो हाथों को टिकाते हुए अपनी चुचियों को पूरी तरह से उभार दिया और विक्रम ने बिना देर किए उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो मेनका जोर से सिसक उठी!!


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विक्रम ने उसकी दूसरी चूची पर भी कब्जा कर लिया और अपनी हथेली में भर कर जोर जोर से मसलने लगा! विक्रम मेनका की के निप्पल को कभी जोर से दांतो से काटता तो कभी प्यार से उन पर जीभ फेर देता!! मेनका विक्रम की आंखो में देखती हुई अपनी चुचियों को ताने हुए कामुक सीत्कार भरती हुई उसे उकसा रही थीं और विक्रम ने उसकी चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने मुंह को पूरा खोलते हुए उसकी आधे से ज्यादा चूची को मुंह से भर लिया और जैसे ही जोर से चूसा तो मेनका के मुंह से आह्ह्ह्ह्ह निकल पड़ी

"" आआह्ह्हह यूईईईईईईईई सीईईईईईईई विक्रम!!!!

मेनका के हाथ जवाब दे गए तो वो बेड पर गिर पड़ी और विक्रम ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चुचियों को जोर जोर से मसलने लगा तो मेनका दर्द से कराहती उसकी गोद में उछलने लगी और विक्रम ने अपने हाथो को नीचे लाते हुए उसकी कमर पर बंधे हुए सफेद कपड़े की गांठ को खोल कर एक तरफ़ फेंकते हुए उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया!!


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विक्रम ने उसकी दोनो चुचियों को फिर से मसलना शुरू कर दिया और मेनका मस्ती और दर्द से कराहती हुई उसकी बांहों में सिसकती रही और विक्रम ने एक बार फिर से अपनी गर्म तपती हुई जीभ को उसकी गर्दन पर टिका कर और किसी जंगली जानवर की तरह चाटने लगा तो मेनका के मुंह से मादक सिसकियां निकलने लगी और विक्रम ने बिना देर किए अपने दूसरे हाथ को नीचे लाते हुए मेनका की चिकनी रसीली भीगी हुई चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया और मेनका एक जोरदार आह भरती हुई सिसक उठी!!

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विक्रम के चौड़े सख्त मर्दाना हाथ में अपनी चूत जाते ही मेनका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और विक्रम ने जोर से उसकी चूत को कस लिया तो मेनका की चूत किसी भट्टी की तरह गर्म हो कर भाप छोड़ रही थी और चूत से बह रहे मधुर रस से विक्रम की उंगलियां भीग गई थी और विक्रम मस्ती में बोला:"

" हाय मेरी माता आपकी चूत तो बेहद रसीली हो गई है!!

मेनका चूत मसले जाने से जोर से मस्ती से सिसक उठी:

" आह्ह्ह्ह्ह थोड़ा प्यार से उफ्फ!! कितनी ज्यादा बाते करते हो आप पुत्र!!

विक्रम ने उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी तो मेनका जोर से सिसक उठी औरमेनका से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और एक झटके के साथ विक्रम को बेड पर गिराते हुए उसके ऊपर चढ़ गई और उसके होंठो को चूसने लगीं तो विक्रम ने दोनो हाथो में उसकी भारी भरकम गांड़ को भर दिया और जैसे ही जोर से मसला तो मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम के होंठो को अपने दांतो से जोर से काटा तो विक्रम ने एक जोरदार पलटा खाया और मेनका के ऊपर पूरी तरह से चढ़ गया तो मेनका ने भी उसे अपनी बांहों में जोर से कस लिया और उसकी चूचियां विक्रम की छाती में घुस गई और लंड अपने आप चूत के होंठो से टकरा गया तो विक्रम ने बिना देर किए मेनका के होंठो को अपने होठों में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो मेनका मस्ती से सिसकती हुई अपनी दोनो टांगो को पूरा खोलते हुए चूत को लंड पर रगड़ने लगी तो विक्रम ने उसके होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया तो मेनका ने बिना देर किए अपनी जीभ को उसकी जीभ के हवाले कर दिया और विक्रम किसी आइस क्रीम की तरह उसकी जीभ को चूसने लगा और लंड के हल्के हल्के धक्के उसकी चूत पर लगाने लगा तो मेनका का मजा दोगुना हो गया! जैसे ही लंड चूत के होंठो से टकराता तो मेनका अपनी गांड़ उठाते हुए लंड अन्दर लेने की कोशिश करती!

विक्रम ने उसकी चुचियों को अपने दोनो हाथों में भर लिया और कसकर मसलने लगा जिससे मेनका के मुंह से मस्ती भरी सीत्कार फूट पड़ी

" अह्ह्ह्ह्ह्ह पुत्र!! ये क्या कर दिया है हमे!! मार डालो हमे!

विक्रम ने मेनका की एक चूची को दबाते हुए दूसरी को मुंह में भर कर चूस लिया और लंड को उसकी चूत के छेद पर टिकाते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्हह मेरी जान मेनका!!आपको नही आपकी चूत को मारूंगा!

इतना कहकर विक्रम ने एक जोरदार धक्का लगाया तो लंड का मोटा सुपाड़ा मेनका की कसी हुई चूत में घुस गया और मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम से कसकर लिपट गई

" अअह्ह्ह्हह विक्रम!!

चूत के होंठो ने लंड को पूरी सख्ती से कस लिया था और विक्रम ने उसकी चुचियों के निप्पल को काट लिया तो मेनका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी तो विक्रम ने सुपाड़े को उसकी चूत में ही फंसाए रखा और अपनी जीभ को उसके निप्पल के चारो और जोर जोर से रगड़ने लगा तो मेनका मस्ती से उछल पड़ी और लंड का सुपाड़ा चूत से बाहर निकल आया तो विक्रम ने दोनो हाथो से उसकी टांगो को पूरी तरह से फैला दिया और पहली बार उसने मेनका की चूत को देखा तो मेनका ने शर्म के मारे आंखे बंद करते हुए अपने हाथो से चूत को ढक लिया तो विक्रम उसके हाथो को एक तरफ कर दिया और जैसे ही उसने मेनका की गुलाबी चूत को देखा तो उसे एहसास हुआ कि मेनका की चूत बेहद चिकनी और खूबसूरत हैं! मोटी मजबूत जांघो के बीच में पाव रोटी की तरह फूली हुई कसी हुई गुलाबी चूत के रसीले होंठ आपस में चिपक हुए थे जिनसे रस बाहर टपक रहा था और विक्रम से अब बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने बिना देर किए अपने जलते हुए होंठो को मेनका की चूत पर रख दिया!


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मेनका जोर से सिसक उठी और बेडशीट को अपने हाथों में भर लिया और जोर जोर से मसलते हुए सिसक उठी

" अअह्ह्ह्ह सीईईईईए!! आईईईई!

विक्रम ने बिना देर किए अपनी जीभ को उसकी चूत पर फिरा दिया तो विक्रम ने अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने विक्रम को अपने ऊपर खींच लिया और उससे कसकर लिपट गई! लंड का सुपाड़ा चूत के छेद पर आया तो चूत उसके नीचे छुप सी गई और जैसे ही दोनो की आंखे टकराई तो मेनका ने विक्रम के होंठो को चूम लिया और विक्रम ने लंड का धक्का लगाया तो सुपाड़ा फिर से घुस गया और मेनका मस्ती से कराह कर उससे लिपट गई

" अअह्ह्ह्हह मार डालो हमे!!

विक्रम ने मेनका के दोनो कंधो में हाथ डाल कर उसे अपने कब्जे में ले लिया और उसकी आंखो में देखते हुए उसके होंठो को अपने होठों में भर लिया और लंड को बाहर खींचा और और जोरदार धक्का उसकी चूत में लगाया तो आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और मेनका की आंखे दर्द से फैल गई और वो जोर से तड़प उठी और अपने नाखूनों से बेड शीट को फाड़ दिया! चूत के होंठ पूरी तरह से फटकार लंड के चारो तरफ कस गए थे और विक्रम ने पूरी ताकत से अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्के के साथ करीब छह इंच लंड घुसा दिया जिससे दर्द के कारण मेनका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और उसके होंठ विक्रम के होंठो से निकल गए और मेनका दर्द से कराह उठी लेकिन छूट नही पाई

" अअह्ह्ह्ह्ह विक्रम!!! हम नही झेल पायेंगे आपको महराज!

मेनका की आंखो से आंसू छलक आए जिन्हे विक्रम ने चूस लिया और उसकी चुचियों को प्यार से सहलाते हुए उसके मुंह को चूमने लगा और बोला:"

" अह्ह्ह्ह्ह मेरी मेनका , कितनी कसी हुई और गर्म चूत है आपकी , आआआह्हह!!!

विक्रम ने लंड को उसकी चूत में घुसाए हुए हल्का सा अंदर बाहर करना शुरू किया तो मेनका को दर्द हुआ और हल्का हल्का कराहने लगी! विक्रम ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो मेनका को मजा आया और उसने विक्रम के सिर को अपनी चूची पर दबा दिया तो विक्रम उसकी दूसरी चूची की हल्के हल्के सहलाने लगा और लंड को करीब दो से तीन इंच बाहर की तरफ खींचता और फिर से घुसा देता ! मेनका के मुंह से दर्द भरी सिसकियां निकल रही थी लेकिन अब एक बार फिर से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी तो उसने गांड़ को हिलाना शुरू कर दिया तो विक्रम ने उसकी आंखो मे देखा तो मेनका दर्द में भी मुस्कुरा उठी और विक्रम ने लंड को सुपाड़े तक बाहर निकाला और धीरे से घुसा दिया तो मेनका दर्द और मस्ती से कराह उठी

" अअह्ह्ह्हह विक्रम!! मेरे पुत्र उफ्फ हाय कितने अच्छे हो आप!!!

मेनका की मधुर सिसकियां इस बात की गवाही दे रही थी कि उसकी चूत अब उसे दर्द से ज्यादा मजा दे रही थी और विक्रम ने लंड को एक ही झटके में फिर से छह इंच घुसा दिया तो मेनका ने मस्ती में आकर उसके होंठो को चूम लिया मानो उसे ईनाम दे रही हो!!

विक्रम ने मेनका का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा तो मेनका को एहसास हुआ कि करीब चार इंच लंड अभी भी बाहर ही था तो मेनका की आंखे हैरानी से फैल गई और सिसकते हुए बोली:"

" हाय दैय्या री दैय्या! हम नही झेल पायेंगे इससे ज्यादा!

विक्रम ने उसकी चुचियों को मसलना शुरू कर दिया और उसके होंठो को चूमकर उसकी चूत में हल्के हल्के धक्के लगाते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्हह माता!! आप उदयगढ़ की राजमाता हो और हमे आप पर पूरा यकीन है कि आप झेल जायेगी!!!!

मेनका ने अपने दोनो हाथों को उसकी कमर पर बांध दिया और नीचे से अपनी गांड़ उठाकर धक्के झेलती हुई सिसकी

"अअह्ह्ह्ह!!! हाय मेरे उदयगढ़ के महाराज कितना आनंद प्रदान कर रहे हो आप!!

विक्रम ने अब धक्कों की गति बढ़ानी शुरू कर दी और यूरी आंखो में देखते हुए बोला

" आह्ह्ह्हह् मेरी मस्त मेनका!! पूरा लंड और ज्यादा मजा देगा आपको!!

मेनका धक्कों की गति बढ़ने से मस्ती से भर उठी और जोर जोर से सिसक उठी:"

"" अअह्ह्ह्ह सीईईईईईईई यूईईईईईईईई मां! हमारी चूत पूरी फट जाएगी !!

विक्रम ने मेनका की आंखो में देखते हुए उसके दोनो कंधो को थाम लिया और इससे पहले की मेनका कुछ समझ पाती विक्रम ने पूरी ताकत से लंड को पूरा बाहर खींचा और एक पूरी ताकत से जोरदार धक्का उसकी चूत में जड़ दिया और दोनो की जांघो आपस मे मिल गई और विक्रम के आलू जैसे आंड मेनका की गांड़ से जा लगे!

मेनका एक बार फिर से गला फाड़कर चींख उठी क्योंकि लंड ने उसकी बच्चेदानी में टक्कर मारते हुए उसे पीछे की तरफ धकेल दिया था और मेनका ने अपने नाखूनों को उसकी पीठ में घुसा दिया! पूरे कक्ष में मेनका की जोरदार दर्द भरी आह गूंज उठी

" अअह्हिह्ह मर गई " मोहिनी"!!
उफ्फ पुत्र!!

विक्रम ने बिना देर किए उसकी चूत में धक्के लगाने शुरु किए और मेनका दर्द से कराहती हुई सिसकती रही!!


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करीब पांच मिनट की चुदाई के बाद लंड ने अपनी जगह बना ली तो मेनका का दर्द कम हुआ और उसे थोड़ा अच्छा महसूस होने लगा और उसने विक्रम का मुंह चूम लिया और बोली

" अअह्ह्ह्हह पुत्र! कितने निर्दई हो आप! जरा भी दया नही आई हम पर आपको,!!

विक्रम ने बिना कुछ बोले लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से एक ही झटके में पूरा घुसा दिया तो लंड उसकी चूत की दीवारों की जोर से रगड़ते हुए बच्चेदानी से जा टकराया और मेनका दर्द और मस्ती से कराह उठी

" अअह्ह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या!! थोड़ा प्यार से करो ना मेरे राजा!!

विक्रम ने उसकी चूत को अब मस्ती से चोदना शुरु कर दिया और मेनका भी उसकी गले में बांहे डालकर चुदने लगी और नीचे से अपनी चूत उठा उठाकर लंड लेने लगी जिससे चुदाई में आनंद दोगुना हो गया!!

विक्रम पहली बार चुदाई कर रहा था और मेनका की कसी हुई चूत उसे बेहद आनंद प्रदान कर रही थी और मेनका की मधुर सिसकियां उसके जोश को और बढ़ा रही थी! मेनका की चूचियां उत्तेजना सा पूरी तरह से फूल गई थी और विक्रम अब पूरी ताकत से उन्हे कस कसकर दबा रहा था और मेनका अपनी चुचियों को उभारते हुए उसे और ज्यादा दबाने के लिए उकसा रही थीं और विक्रम ने उसे चोदते चोदते घुमा दिया जिससे लंड एक झटके में बाहर निकाल आया तो मेनका तड़प उठी और विक्रम ने उसे दोनो हाथो को बेड पर टिकाने का इशारा किया तो मेनका ने अपने दोनो हाथों को बेड पर टिका दिया और विक्रम उसके ऊपर सवार हो गया और पीछे से लंड को उसकी चूत में घुसा दिया तो मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम ने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरु किए तो मेनका का पूरा बदन हिलने लगा और वो नीचे से अपनी गांड़ उठाकर चुदने लगी! विक्रम के भारी भरकम शरीर को मेनका ने अपने ऊपर थामा हुआ था और उसके शक्ति शाली धक्के अपने कसी हुई चूत में झेल रही थी!


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विक्रम उसकी गर्दन पर पड़े हुए उसके बालो को हटाते हुए उसकी गर्दन चूमते हुए बोला:"

" अह्ह्ह्ह मेरी माता! आप सच में बेहद शक्तिशाली है और उदयगढ़ की सच्ची राजमाता हो!

विक्रम की बात सुनकर मेनका के जोश में संचार हुआ जिससे वो जोर से अपनी चूत को ऊपर उठाने लगी तो चुदाई की गति बढ़ गई और विक्रम लंड को चूत में घुसे हुए ही उसे अपनी बांहों में उठा लिया और प्यार से बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी आंखो में देखते हुए चोदने लगा तो मेनका ने खुशी से उसका मुंह चूम लिया! दोनो ही एक दूसरे को चूम रहे थे चाट रहे थे और धक्कों की गति बढ़ती जा रही थी जिससे मेनका का आनंद हर पल बढ़ता जा रहा था और वो जोर से सिसक उठी"

" अअह्ह्ह्हह विक्रम मेरे पुत्र!! हम बस आपकी राजमाता हैं!!

इतना कहकर मेनका ने विक्रम को जोर से अपनी बांहों में कस लिया तो विक्रम भी उसके मुंह को चूमते धक्के लगाने लगा और उसे जोश दिलाने के लिए प्यार से बोला:"

" उफ्फ मेनका कितनी कसी हुई चूत है लंड घुसना भी मुश्किल हो रहा है हर धक्के पर !!

मेनका अपनी चुचियों को उसके सीने से रगड़ती हुई सिसकी:"

" अह्ह्ह्ह सीईईईईईए मेरे महाराज पुत्र!! 15 साल के बाद लंड घुसा हैं तो वो भी उदयगढ़ के महाराज का जो पूरी तरह से फस रहा है!!

मेनका ने भी विक्रम को उसके लंड की तारीफ करके उकसाया तो विक्रम ने पूरे लंड को बाहर निकाला और एक ही झटके में जड़ तक ठोक दिया तो मेनका दर्द और मस्ती से सिसक उठी


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" अअह्ह्ह्हह महाराज!!!!

विक्रम उसके गालों को चूसते हुए मस्ती से सिसका

" अअह्ह्ह्हह माता अभी भी दर्द हो रहा है क्या !!

इतना कहकर विक्रम ने लंड के धक्के मारते हुए अपनी छाती को जोर से उसकी चूचियों पर रगड़ दिया तो मेनका मस्ती से कराह उठी:"

" अह्ह्ह्ह्ह यूईईईईईई होता हैं पुत्र लेकिन आनंद बहुत मिल रहा है हमे!! जिंदगी में पहली बार ऐसा अद्भुत आनंद महसूस हुआ है पुत्र हमे !!

मेनका की मधुर सिसकियां सुनकर विक्रम ने अब ज्यादा ताकत लगाते हुए मेनका की चूत को फाड़ना शुरू कर दिया और कमरे में फच फच फच की मधुर आवाज गूंज उठी! विक्रम जितनी जोर से धक्का मरता मेनका भी उतनी ही ताकत से अपनी गांड़ ऊपर उठा रही थी जिससे उसकी चूत में कम्पन होना शुरू हो गया और मेनका पागल सी हो गई और जोर जोर से कराहती हुई बोली

" अअह्ह्ह्ह सीईईईईईईई अअह्ह्ह्ह्ह पुत्र!!! हमारी चूत इतना आनंद दे सकती है आज एहसास हुआ! चोदिए हमे जी भरकर चोदिये!!

विक्रम मेनका की सिसकियां सुनकर पूरी रफ्तार से उसे चोद रहा था और मेनका की चूड़ियां और पायल मधुर आवाज करते हुए उसे और ज्यादा उकसा रही थीं जिससे विक्रम के लंड में उबाल आना शुरू हो गया और वो भी मजे से सिसक उठा


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" अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान! आआआह्ह्ह्हह मुझे ये चूत रोज चाहिए!! उदयगढ़ की महारानी बना दूंगा आपको!!

इतना कहकर वो पागल सांड की तरह धक्के लगाने लगा और देखते ही देखते दोनो माता पुत्र की गति बेहद बढ़ गई और दोनो एक दूसरे की चूमते हुए सिसकियां ले रहे थे ! कमरे में चुदाई की मधुर सिसकियां गूंज रही थी और दोनो ही अपने चरम आनंद के करीब थे और एक दूसरे को जोर से चूम रहे थे चाट रहे थे और गद्दे के मुलायम होने के कारण अब मेनका का जिस्म हर धक्के पर एक एक फुट उछल रहा था जिससे लंड हर बार उसकी बच्चेदानी को हिला रहा था जिससे मेनका पूरी तरह से चुदासी हो गई थी और उसने ऊपर को झुकते हुए अपनी जीभ को विक्रम के मुंह में डाल दिया और जैसे ही दोनो की जीभ आपस मे टकराई तो विक्रम ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर एक ही झटके में पूरा घुसा दिया और मेनका की चूत से रस की धार फूट पड़ी और उसकी चूत के साथ साथ उसका मुंह भी खुल गया और विक्रम दनादन उसकी चूत में लंड पेलने लगा! हर धक्के पर मेनका दर्द से कराह रही थी लेकिन मजा भरपूर आ रहा था


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" अअह्ह्ह्ह सीईईई आईईईई आह्ह्ह्ह विक्रम!!

जैसे ही मेनका की चूत से निकले गर्म रस की धार विक्रम के लंड पर पड़ी तो लंड ने भी अपना मुंह खोल दिया और सैलाब की तरह विक्रम के वीर्य की पिचकारी मेनका की चूत को भरने लगी जिससे विक्रम सिसक उठा

" अह्ह्ह्ह मेरी मस्त मेनका!!
कितना आनंद है आपकी चूत में!

दोनो ने एक दूसरे को पूरी ताकत से कस लिया था और हवा भी उनके बीच से नही निकल सकती थी! हालाकि अभी दोनो ही धक्के नही लग रहे थे लेकिन गद्दे के कारण अभी भी दोनो के जिस्म उछल उछल पड़ रहे थे और विक्रम का लंड मेनका की चूत में अपनी आखिरी सांसे लेते हुए पिचकारी मार रहा था और मेनका भी अपनी बच्चेदानी को खोले हुए एक एक बूंद को अपने अंदर समेट रही थी!

जैसे ही दोनो का स्खलन बंद हुआ था तो मेनका ने आनंद से अभिभूत होकर विक्रम के मुंह को चूम लिया और उसकी लालची चूत ने अपनी गिरफ्त ढीली करते हुए मुरझा रहे लंड को धीरे धीरे बाहर की तरह फेंकना शुरू कर दिया और विक्रम ने भी मेनका का मुंह चूम लिया और बोला:"

" आप सच में अदभुत हो, लाजवाब हो !! कामरस से परिपूर्ण आनन्दायक हो! आपने हमें झेल लिया राजमाता आप सच में जीत गई!!

मेनका ने भी उसके मुंह को चूम लिया और उसकी आंखो मे देखते हुए बोली:"

" अह्ह्ह्ह विक्रम!! आप दुनिया के सबसे शक्तिशाली पुरुष हो! आपने हमारे शरीर का ऐसा मर्दन किया जिसकी हम कल्पना भी नही कर सकती थी! आप एक संपूर्ण पुरुष हो! आपने हमारे मन के साथ साथ आज तन को भी मोह लिया!! आपसे हम तो क्या दुनिया की कोई भी नारी नही जीत सकती!

विक्रम का लंड अब पूरी तरह से चूत से बाहर निकल आया तो दोनो मुस्कुरा दिए और विक्रम ने उसे अपने सीने से लगा लिया और बोला:"

" नही राजमाता !! इस जीत की असली हकदार आप ही है! देखिए ना कैसे अधमरा करके आपने मुझे छोड़ दिया है!

विक्रम का इशारा अपने लंड की तरफ था और मेनका भी उसका मतलब समझ गई और प्यार से उसके गाल को चूम कर बोली

" आपकों एहसास नहीं है कि अधमरा होने से पहले आपने हमारे हाल बेहाल किया है पुत्र!

विक्रम ने उसके गले में हाथ डालकर उसे खुद से चिपका लिया और बोला:"

" अभी तो रात बाकी है मेरी माता! अभी तो मुझे कोमल आपके हाथो से मदिरा का आनंद लेना है!

मेनका भी उससे लिपटी हुई बोली:" जैसी आपकी इच्छा महराज!

इतना कहकर मेनका ने उसके होंठो को चूम लिया और उससे अलग हुई तो उसकी नजर बेड पर पड़ी तो विक्रम को इशारा करती हुई बोली

" देखिए ना आपने क्या हाल कर दिया है महराज!

विक्रम ने देखा कि बेड पर खून की बूंदे पड़ी हुई थी और सफेद चादर मेनका की चूत के से निकले खून से लाल हो गई थी तो विक्रम ने आगे बढ़कर मेनका को एक बार फिर से अपनी बांहों में भर लिया और उसका मुंह चूम लिया तो मेनका बोली:"

" हमारी चूदी चुदाई चूत का आपने ऐसा हाल कर दिया है!!

विक्रम ने मेनका को बेड पर सीधे लिटाया और उसकी टांगो को पूरा फैला दिया तो मेनका ने शर्म से अपनी आंखे बंद कर ली और विक्रम ने उसकी चूत को ध्यान से देखा तो एहसास हुआ कि उसकी चूत के चुदाई से पहले कसे हुए गुलाबी होंठ अब खुल गए थे और चूत हल्की सी सूजकर ज्यादा लाल हो गई थी जिससे पहले से ज्यादा कामुक और आकर्षक लग रही थी!

विक्रम ने प्यार से उसकी चूत को चूम लिया और मेनका ने मुंह से एक मधुर आह निकल पड़ी और अपनी टांगो को बंद लिया तो विक्रम ने उसके करीब आते हुए उसे अपनी बांहों में फिर से भर लिया और उसके होंठो को चूम कर बोला:"

" चुदने के बाद आपकी चूत पहले से ज्यादा लाल और आकर्षक हो गई है माता!

मेनका शर्म के मारे उसकी बांहों से निकल गई और बेड से उतर कर अलमारी की तरफ चल पड़ी तो उसे अपनी टांगो के बीच में हल्के दर्द का एहसास हुआ तो उसके होंठो पर मधुर मुस्कान आ गई और वो हल्की सी लंगड़ा कर चल रही थी तो विक्रम उसे पीछे से छेड़ते हुए बोला

" क्या हुआ राजमाता ! आप ऐसे क्यों चल रही हो ?

मेनका ने उसे मुड़कर देखा और एक कामुक मुस्कान देती हुई अलमारी के करीब पहुंच गई और विक्रम की पसंदीदा मदिरा निकालने लगी!!!



"
Mast jabarjast lajabab update Bhai asha hai next update mai menka ki hardcore chudai karega Vikram gand or gala fad chudai
 

Maddieation

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Erotic update
 
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Nice bhai
 

Umakant007

चरित्रं विचित्रं..
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मेनका रात भर विक्रम की बांहों में रही और अगले दिन सुबह जल्दी ही विक्रम की आंख खुली और सोती हुई मेनका के गाल को चूमकर बाहर निकल गया!

करीब आठ बजे के आस पास बिंदिया आई और मेनका उठकर नहाने के लिए चली गई! नहाकर मेनका आई तो उनका बदन अब पूरी तरह से खुल गया था और काफी तरो ताज़ा महसूस कर रही थी!

बिंदिया:" राजमाता आपके लिए हल्दी और चंदन का लेप तैयार कर दिया हैं!

मेनका मन ही मन खुश हुई लेकिन उसको बनाते हुए बोली:"

" उसकी भला क्या जरूरत हैं मुझे ?

बिंदिया:" राजमाता ये राज परंपरा का हिस्सा हैं और फिर आप तो अभी पूरी जवान हो!

मेनका उसकी बात सुनकर शर्मा को और बोली:"

" कुछ भी बोल देती हो बिंदिया! राज परंपरा है तो फिर तो करना ही पड़ेगा!

बिंदिया:" कुछ भी क्या सच ही तो बोला हैं मैंने! देखिए मोहिनी त्यौहार का मतलब औरत को अच्छे से सजना और संवरना होता हैं! ये तो वह त्यौहार हैं जिसकी हर औरत प्रतीक्षा करती हैं पूरे साल राजमाता!

मेनका:" ठीक हैं अच्छा समझा गई! और क्या क्या परंपरा हैं आज के दिन ? वो भी जरा बताओ तो हमे!

बिंदिया:" आपके बदन पर लेप लगाने के बाद आपके पूरे बदन की मालिश होगी! दोपहर के बाद आपको महंदी लगा दी जाएगी! रात में आप बिल्कुल किसी दुल्हन की तरह पूरी सज संवर कर तैयार होगी!

मेनका के बदन में झुरझुरी सी दौड़ गई और बोली:"

" राज परंपरा है तो करना ही पड़ेगा!

बिंदिया कुछ नही बोली और बस मुस्कुरा दी! दोनो माता और पुत्र ने अच्छे से नाश्ता किया और उसके बाद विक्रम राज्य में घूमने के लिए निकल गया! बिंदिया ने मेनका के पूरे बदन पर लेप लगाया और उसके बाद अच्छे से उसके बदन की मालिश करी जिससे मेनका के बदन का रोम रोम खिल उठा! मेनका के बदन से उठती हुई खुशबू पूरे कमरे को महका रही थी!

बिंदिया:" राजमाता सच में आप बेहद खूबसूरत हैं! मैं दावे के साथ कह सकती हु कि आपसे ज्यादा सुन्दर और कामुक शरीर की औरत आज पास के किसी राज्य में नही होगी!

मेनका :" तुम भी बिंदिया! बस मेरे मजे लेती रहती हो!

बिंदिया उसे मेहंदी लगाती हुई बोली:" मेरा विश्वास करो राजमाता! रात को अपने कक्ष को अच्छे से बंद करना कहीं कोई मर्द मदहोश होकर न घुस जाए आपके कक्ष में!!!

इतना कहकर बिंदिया जोर से हंस पड़ी तो मेनका उसका गाल पकड़कर खीचती हुई बोली:"

" आजकल तेरी जुबान बड़ी चल रही है! ऐसे कैसे कोई घुस जायेगा! ये राजमहल हैं बिंदिया!

बिंदिया अपना गाल खींचे जाने से चिहुंक सी उठी और बोली:"

" अरे तो राजमहल में भी काफी सारे मर्द रहते ही हैं न!

मेनका:" तुमसे बातो में कोई नही जीत सकता! अच्छा जल्दी से लगाओ मेहंदी!

बिंदिया ने मेनका को हाथो और पैरो पर मेहंदी लगाई और उसके बाद खाना बनाने चली गई जबकि मेनका हल्की धूप में लेटी हुई मेहंदी सूखने का इंतजार करती रही!

मेनका मेंहदी सूखने के बाद नहाने के लिए चली और अपने शरीर को पूरी तरह से साफ करके चमका दिया! मेनका ने अपनी चूत पर हाथ रखा तो उसे बालो का एहसास हुआ और मेनका बालो की सफाई में जुट गई! मेनका की मेहनत रंग लाई और करीब आधे घंटे के बाद उसकी चूत बिल्कुल चिकनी होकर चमक उठी! मेनका ने अपनी दोनो टांगो को पूरा खोल दिया और अपने चूत के होंठो को अच्छे से देखा तो एहसास हुआ कि उसकी चूत के होंठ लाल हो गए थे और स्पर्श करने से हल्के से मीठे मीठे दर्द का उसे एहसास हुआ और मेनका ने अपने दांतो तले जीभ को दबा लिया क्योंकि उसे एहसास हो रहा था कि सिर्फ सुपाड़े ने उसकी चूत को लाल करके हाल बेहाल कर दिया तो पूरे लंड को वो कैसे झेल पायेगी!

मेनका अपने विचारो में डूबी हुई बाहर निकल आई और बिंदिया बोली:"

" आप सच में बेहद आकर्षक लग रही हो राजमाता! भोजन बन गया है और अभी आप मुझे जाने की आज्ञा दीजिए!

मेनका:" बड़ी जल्दी हैं तुम्हे आज जाने की बिंदिया!

बिंदिया उसकी बात सुनकर हल्की सी शरमाई और बोली:"

" वो क्या हैं कि मेरे पति मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे!

मेनका उसकी बात सुनकर मुस्कुरा उठी और बोली:"

" ठीक है तो फिर तुम जाओ और अपने पति की प्रतीक्षा खत्म करो!

इतना कहकर मेनका जोर से हंस पड़ी तो बिंदिया शर्म से लाल हो गई और उसके बाद अपने घर की तरफ चल पड़ी! धीरे धीरे अंधेरा पूरी तरह से घिर गया और विक्रम भी वापिस महल लौट आया था और अपने कक्ष में था!

मेनका ने अपने आपको खूब अच्छे से सजाया क्योंकि वो जानती थी कि आज के दिन उसे कोई डर नही हैं इसलिए वो लाल रंग की साड़ी में लिपटी हुई पूरी तरह से सजी संवरी किसी स्वर्ग की अप्सरा के जैसी लग रही थी!

विक्रम और मेनका की मुलाकात भोजन ग्रहण करने के समय हुई और विक्रम उसे देखते हुए बोला:"

" सच में आज तो आप कमाल लग रही हो माता! लगता हैं कि मानो चांद जमीन पर उतर आया हैं आज!

मेनका अपनी तारीफ सुनकर मंद मंद मुस्कुराते हुए खाने को मेज पर रखते हुए बोली:"

" मैं सब समझती हूं कि क्यों इतनी तारीफ कर रही हो आप आज महाराज!! चलिए पहले खाना खाइए आप!

विक्रम ने भोजन शुरू किया और बोला:" अच्छा जी लगता हैं कि हमारी राजमाता कुछ ज्यादा ही समझदार हो गई है!

मेनका ने भी भोजन शुरू किया और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:" " मोहिनी" तो आज दिन के दिन समझ ही जायेगी कि क्यों इतनी तारीफ हो रही है उसकी!!

विक्रम ने उसका एक हाथ पकड़ कर अपने खड़े लंड पर रख दिया और बोला:"

" ये देखिए! ये सब भी मोहिनी का ही कमाल हैं!

मेनका ने भी उसके लंड को सहलाया और उसकी आंखो में देखते हुए बोली:"

" अच्छा जी पुत्र! लेकिन ये इतना भयंकर पहले से ही हैं मोहिनी ने नही किया हैं समझे!

विक्रम ने एक झटके के साथ मेनका को उठाकर अपनी गोद में सीधे लंड पर बैठा लिया तो मेनका धीरे से बोली:"

" अह्ह्ह्ह क्या करते हो पुत्र! किसी ने देख लिया तो गजब हो जायेगा, ये कक्ष नही है!

मेनका ने मेनका का गाल चूम लिया और बोला:"

" महल में आज कोई नहीं है राजमाता! हमने सबको आज छुट्टी पर भेज दिया है!

विक्रम की बात सुनकर मेनका ने शर्म के मारे दोनो हाथों से अपना मुंह छुपा लिया और हल्की सी मुस्कान के साथ कनखियो से उसे देखती हुई बोली:

" हाय पुत्र! लगता हैं आज आप हमे जिंदा नही छोड़ेंगे!

विक्रम ने मेनका की बात सुनकर खड़े लंड का धक्का उसकी गांड़ पर दिया और उसके कान में बोला:"

" आपका तो कुछ नही होगा माता लेकिन आपकी चूत का आज आकार न बदल दिया तो विक्रम नाम नही हमारा!

विक्रम के मुंह से चूत सुनकर मेनका शर्म से पानी पानी हो गई और बोली

" हाय पुत्र !! ऐसे नही बोलते हैं हम आपकी माता हैं!

विक्रम ने अपने जीभ को उसकी गर्दन पर फिरा दिया और बोला:"

" माता की सेवा करना पुत्र का परम कर्त्तव्य होता है राजमाता! आपकी गर्म चूत को आज पूरा शीतल कर दूंगा!

मेनका एक झटके के साथ उसकी गोद से उतर गई और रसोई के दरवाजे पर पहुंच कर खड़ी हो गई और लंबी लंबी सांसे लेने लगी जिससे उसकी चूचियां उछल कूद मचाने लगी और विक्रम एक झटके के साथ आगे बढ़ा और उसकी कमर में हाथ डालते हुए पेट को पकड़कर अपनी तरफ खींचते हुए उसकी चिकनी नंगी गर्दन पर अपने होंठ टिका दिए


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जैसे ही विक्रम के जलते हुए होंठ उसकी गर्दन पर पड़े तो मेनका के मुंह से एक जोरदार मस्ती भरी आह निकल पड़ी

" आह्ह्ह्ह्ह् यूईईई माआआ आआ!!!

मेनका के मुंह से मस्ती भरी सीत्कार सुनते ही विक्रम ने जोश में आकर लंड का जोरदार झटका लगाया तो लंड ढप की आवाज के साथ मेनका की गांड़ के बीच में घुस गया और मेनका एक जोरदार झटके के साथ उसकी पकड़ से बाहर निकल गई और तेजी से भागती हुई अपने कक्ष में घुस गई!

विक्रम को क्या खबर थी कि उसकी माता उसे जान बूझकर ललचा रही है तड़पा रही है ताकि वो पूरी तरह से जोश में आकर मेनका की सालो की प्यास सिर्फ एक ही रस में बुझा दे! विक्रम मेनका के पीछे भागा लेकिन मेनका ने तेजी से उसे आंख मारते हुए उसके मुंह के ठीक सामने दरवाजा बंद किया तो विक्रम बोला:"

" दरवाजा खोलिए माता! हमे और मत तड़पाए आप!

मेनका मंद मंद मुस्कुराती हुई कामुक आवाज में बोली:"

" ठीक से रात तो होने दीजिए ना पुत्र! इतनी भी जल्दी क्या है आखिर आज आपको!

विक्रम अपने लंड को सहलाते हुए बोला:" सोच लो जितना ज्यादा हमे तड़पाएगी आप उतना ही हम भी आपसे बदला लेंगे!

मेनका ने एक हाथ को अपनी चूत पर छुआ तो वो पूरी गीली हो गई थी और मेनका की मानो चूत बोल उठी:"

" ये गीदड़ भभकी किसी और को देना पुत्र! हम ऐसी वैसी नहीं बल्कि राजमाता हैं उदयगढ़ की!

विक्रम की मर्दानगी के लिए ये सीधी सीधी चुनौती थी जिसे विक्रम के लंड ने एक झटके के साथ स्वीकार किया और विक्रम बोला:"

" आपकी कसम राजमाता अगर आज आपको छठी का दूध याद नही दिलाया तो हम मर्द कहलाने के हकदार नहीं!!

यही तो मेनका चाहती थी कि विक्रम उसे पूरी तरह से निचोड़ डाले आज और मेनका अपने प्रयास में कामयाब हुई थी और मंद मंद मुस्कुरा कर आगे बढ़ गई और विक्रम भी जानता था कि थोड़ी देर बाद ही मेनका दरवाजा खोलेगी तो वो भी अपने कक्ष में आ गया!!!

रात के करीब दस बजे विक्रम अपने कक्ष से निकला और मेनका के कक्ष के सामने पहुंचा और दरवाजे को धक्का दिया तो वो खुलता चला गया और विक्रम जैसे ही अंदर घुसा तो एक तेज मादक गंध ने उसका स्वागत किया और विक्रम के तन बदन में उत्तेजना की लहर दौड़ गई और उसने सबसे पहले दरवाजे को अच्छे से बंद किया और उसके बाद जैसे ही परदे हटाकर आगे बढ़ा तो उसकी आंखे खुशी और हैरानी से फैलती चली गई क्योंकि मेनका ने आज अपने बेड को सुंदर सफेद रंग की चादर से सजाया हुआ था और जिस पर बिखरे हुए गुलाब के महकते फूल अपनी अदभुत छटा बिखेर रहे थे और बेड के चारो तरफ पर्दो को एक दूसरे के साथ जोड़कर बांधा गया था जिससे वो बेहद खूबसूरत लग रहे थे! बेड पर पड़े हुए चार पांच सफ़ेद तकिए बेड की सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे और विक्रम को मेनका पर अभिमान हो रहा था कि उसने कितनी मेहनत और सुंदरता के साथ ये सब व्यवस्था की थी!

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विक्रम ने इधर उधर नजर दौड़ाई लेकिन मेनका उसे कहीं नजर नहीं आई तो विक्रम आगे बढ़ा और अलमारी के आस पास देखा लेकिन मेनका उसे कहीं नजर नहीं आई तो विक्रम वापिस बेड की तरफ आया तो उसकी आंखो के सामने किसी दुल्हन की तरह सजी हुई बेड के ठीक बीचों बीच बैठी मेनका नजर आई और विक्रम उसके करीब पहुंच गया और बोला:"

" बेहद खूबसूरत लग रही हो मेरी मोहिनी आप!! सच में मैने सपने में भी नही सोचा था कि आप मेरा ऐसा स्वागत करेगी

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मेनका ने एक एक बेहद पतले लाल रंग के पल्लू से अपने चेहरे को ढका हुआ था जिससे उसका चेहरा लगभग साफ नजर आ रहा था और हल्की सी मुस्कान के साथ बोली:"

" उदयगढ़ के महाराज हैं आप! मेरा सौभाग्य है कि आप मेरे कक्ष में पधारे !

विक्रम बेड पर जैसे ही बैठा तो बेड गद्दे के मुलायम होने के कारण ऊपर नीचे हुआ तो मेनका के होंठो पर मुस्कान आ गई तो विक्रम भी मुस्कुरा कर बोला:"

" गद्दे के यूं इस तरह उछलने से आपके होंठो पर जो मुस्कान आई है उसका मतलब हम भली भांति जानते हैं राजमाता!

मेनका विक्रम की बात सुनकर शर्मा गई और दोनो हाथों में अपना चेहरा छिपा लिया तो विक्रम ने उसके मुंह पर से एक झटके के साथ पल्लू हटा दिया और मेनका का कामुक आकर्षक मुखड़ा विक्रम की आंखो के आगे आ गया!!

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मेनका के रसीले लाल सुर्ख होंठो पर हल्की सी मुस्कान थी जिससे वो बेहद ज्यादा कामुक लग रही थी ! पल्लू सरक जाने से उसकी भारी भरकम गोल मटोल चूंचियां आधे से ज्यादा नजर आ रही थी और विक्रम मेनका का हाथ थामकर बोला:"

" स्वर्ग से उतरी मेनका भी आपके सामने कुछ नहीं है माता! आप इस दुनिया ही नहीं वल्कि ब्रह्माण्ड की सबसे कामुक और रसीली नारी हो! आपके ये यौवन से भरपूर अमृत कलश हमे आपकी ओर आकर्षित करके हमारी उत्तेजना बढ़ा रहे हैं!

इतना कहकर विक्रम ने मेनका को हाथ से पकड़े हुए अपनी तरफ खींचा तो मेनका उसकी गोद में आ गिरी और विक्रम ने उसके रसगुल्ले की तरह फूले हुए गाल को मुंह में भर कर चूस लिया तो मेनका शर्म से पलटी और परदे को पकड़कर बेड पर खड़ी हो गईं और लम्बी लम्बी सांसे लेने लगी! विक्रम धीरे से उसके पीछे आया और उसे अपनी बांहों में भरते हुए उसकी गांड़ के बीच में अपना लंड घुसा दिया और प्यार से उसके कानो में बुदबुदाया:"

"उफ्फ आपकी ये अदाएं आज हमारी जान लेकर रहेगी माता!

इतना कहकर विक्रम ने अपने जलते हुए होंठो से उसकी गर्दन पर चूमा तो मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी

" अह्ह्ह्ह्ह यूईईईईईईईई!! जान तो आप हमारी लेना चाहते हो उदयगढ़ के महराज तभी तो अपने इस खूंखार हथियार से हम पर हमला कर रहे हो!

इतना कहकर मेनका ने लंड पर अपनी गांड़ को हल्का सा उभार दिया तो विक्रम ने मेनका के कंधो पर बंधी हुई धागों को खींच कर एक तरफ़ कर दिया जिससे उसके दोनो कंधे एक साथ नंगे हो गए और विक्रम उसके एक कंधे को चूसते हुए बोला:"

" उदयगढ़ के महाराज से प्रेम करोगी तो इतनी हिम्मत को आपको रखनी ही पड़ेगी!

इतना कहकर विक्रम ने लंड का धक्का उसकी गांड़ के बीच में लगाया तो मेनका एक झटके से आगे को हुई और विक्रम ने उसके पेट पर हाथ बांधकर उसे अपनी तरफ खींचा जिससे मेनका की कमर बेहद जोरदार तरीके से उसकी छाती से रगड़ गई और मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी:"

" उफ्फ अह्ह्ह्ह्ह पुत्र!! इतने ज्यादा निर्दयी भी मत बनो!

विक्रम उसकी गर्दन को चूमते हुए उसके पेट को दूसरे हाथ से सहलाते हुए बोला:

" बड़ी जल्दी हार मान ली आपने! थोड़ी देर पहले तो बड़ी बड़ी बाते कर रही थी! उदयगढ़ की राजमाता से ऐसी उम्मीद नहीं थी हमे!!!

इतना कहकर विक्रम ने उसके ब्लाउस को एक झटके के साथ खोल दिया और मेनका अब ऊपर से पूरी नंगी हो गई क्योंकि उसने नीचे ब्रा नही पहनी हुई थीं और मेनका ने अपनी गर्दन को पर्दे पर टिकाते हुए एक झटके के साथ दोनो हाथो से अपनी चुचियों को थाम लिया और बोली:

" आआह्ह्हह्ह् पुत्र!! वो तो हम बस ऐसे ही मजाक कर रहे थे और आप हमे सच में नंगी करना चाहते हो!!

विक्रम एक पल के लिए मेनका से अलग हुआ और जल्दी से दूसरे हाथ से अपने कुर्ते को धीरे से निकाल दिया और जैसे ही उसने फिर से मेनका को अपनी बांहों में भरा तो उसकी नंगी चौड़ी छाती मेनका की नंगी चिकनी कमर से टकरा गई और मेनका के मुंह आह निकल पड़ी और विक्रम ने अपने दोनो हाथो को उसके हाथो पर रखते हुए उसकी चुचियों पर कब्जा कर लिया और धीरे धीरे दबाते हुए मधुर कामुक आवाज में बोला

" सिर्फ नंगी ही नहीं बल्कि नंगी करके चोदना चाहते हैं हम आपको माता! और हम जानते हैं कि आप भी हमसे चुदना चाहती हो!

इतना कहकर विक्रम ने उसकी तरफ देखा तो मेनका उसकी आंखो में देखते हुए कामुक अंदाज में मुस्कुराई और अगले ही पल अपने हाथो से अपने चेहरे को छुपा लिया!!

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विक्रम के लिए मेनका की तरफ से ये खुला समर्पण था और विक्रम ने बिना एक हाथ नीचे ले जाकर उसके लहंगे का नाडा खोल दिया और जैसे ही मेनका ने दोनो हाथो से अपने लहंगे को थामा तो विक्रम ने बिना देर किए उसकी दोनो चूचियों को एक साथ थाम लिया और मेनका के मुंह से आह निकल पड़ी:"

" अह्ह्ह्ह्ह मेरे वीर पुत्र!

विक्रम ने जोर से उसकी दोनो चूचियों को मसला तो मेनका मोम की तरह पिघल गई और एक झटके के साथ पलट गई और विक्रम ने बिना देर किए उसकी गर्दन में अपनी बांहों को कसते हुए उसके होंठो को अपने होठों में भर कर चूसने लगा! मेनका भी उसका भरपूर साथ दे रही थीं और दोनो बारी बारी से एक दूसरे के होठों को चूस रहे थे!!


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विक्रम ने धीरे से अपने पायजामे को खोल दिया और मेनका का लहंगा तो कबसे नीचे गिरा पड़ा था! जैसे ही विक्रम ने दूसरे हाथ को उसकी गांड़ पर रखकर उसे अपनी तरफ खींचा तो लंड सीधे मेनका की चूत से टकराया और एक झटके के साथ उसका मुंह खुल गया और विक्रम ने मौके का फायदा उठाते हुए अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया और मेनका अब सारी शर्म लिहाज छोड़कर विक्रम की जीभ से अपनी जीभ लड़ाने लगी! जैसे ही दोनो की सांसे उखड़ गई तो दोनो के होंठ अलग हुए और मेनका ने एक पर्दे को खींचकर अपनी जांघो पर लपेट लिया और विक्रम की तरफ देखा तो विक्रम ने उसकी चुचियों की तरफ अपना मुंह बढ़ाया तो मेनका ने बेड पर दोनो हाथों को टिकाते हुए अपनी चुचियों को पूरी तरह से उभार दिया और विक्रम ने बिना देर किए उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो मेनका जोर से सिसक उठी!!


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विक्रम ने उसकी दूसरी चूची पर भी कब्जा कर लिया और अपनी हथेली में भर कर जोर जोर से मसलने लगा! विक्रम मेनका की के निप्पल को कभी जोर से दांतो से काटता तो कभी प्यार से उन पर जीभ फेर देता!! मेनका विक्रम की आंखो में देखती हुई अपनी चुचियों को ताने हुए कामुक सीत्कार भरती हुई उसे उकसा रही थीं और विक्रम ने उसकी चुनौती को स्वीकार करते हुए अपने मुंह को पूरा खोलते हुए उसकी आधे से ज्यादा चूची को मुंह से भर लिया और जैसे ही जोर से चूसा तो मेनका के मुंह से आह्ह्ह्ह्ह निकल पड़ी

"" आआह्ह्हह यूईईईईईईईई सीईईईईईईई विक्रम!!!!

मेनका के हाथ जवाब दे गए तो वो बेड पर गिर पड़ी और विक्रम ने उसे अपनी गोद में उठा लिया और उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चुचियों को जोर जोर से मसलने लगा तो मेनका दर्द से कराहती उसकी गोद में उछलने लगी और विक्रम ने अपने हाथो को नीचे लाते हुए उसकी कमर पर बंधे हुए सफेद कपड़े की गांठ को खोल कर एक तरफ़ फेंकते हुए उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया!!


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विक्रम ने उसकी दोनो चुचियों को फिर से मसलना शुरू कर दिया और मेनका मस्ती और दर्द से कराहती हुई उसकी बांहों में सिसकती रही और विक्रम ने एक बार फिर से अपनी गर्म तपती हुई जीभ को उसकी गर्दन पर टिका कर और किसी जंगली जानवर की तरह चाटने लगा तो मेनका के मुंह से मादक सिसकियां निकलने लगी और विक्रम ने बिना देर किए अपने दूसरे हाथ को नीचे लाते हुए मेनका की चिकनी रसीली भीगी हुई चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया और मेनका एक जोरदार आह भरती हुई सिसक उठी!!

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विक्रम के चौड़े सख्त मर्दाना हाथ में अपनी चूत जाते ही मेनका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और विक्रम ने जोर से उसकी चूत को कस लिया तो मेनका की चूत किसी भट्टी की तरह गर्म हो कर भाप छोड़ रही थी और चूत से बह रहे मधुर रस से विक्रम की उंगलियां भीग गई थी और विक्रम मस्ती में बोला:"

" हाय मेरी माता आपकी चूत तो बेहद रसीली हो गई है!!

मेनका चूत मसले जाने से जोर से मस्ती से सिसक उठी:

" आह्ह्ह्ह्ह थोड़ा प्यार से उफ्फ!! कितनी ज्यादा बाते करते हो आप पुत्र!!

विक्रम ने उसकी चूत में अपनी एक उंगली घुसा दी तो मेनका जोर से सिसक उठी औरमेनका से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और एक झटके के साथ विक्रम को बेड पर गिराते हुए उसके ऊपर चढ़ गई और उसके होंठो को चूसने लगीं तो विक्रम ने दोनो हाथो में उसकी भारी भरकम गांड़ को भर दिया और जैसे ही जोर से मसला तो मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम के होंठो को अपने दांतो से जोर से काटा तो विक्रम ने एक जोरदार पलटा खाया और मेनका के ऊपर पूरी तरह से चढ़ गया तो मेनका ने भी उसे अपनी बांहों में जोर से कस लिया और उसकी चूचियां विक्रम की छाती में घुस गई और लंड अपने आप चूत के होंठो से टकरा गया तो विक्रम ने बिना देर किए मेनका के होंठो को अपने होठों में भर लिया और जोर जोर से चूसने लगा तो मेनका मस्ती से सिसकती हुई अपनी दोनो टांगो को पूरा खोलते हुए चूत को लंड पर रगड़ने लगी तो विक्रम ने उसके होंठो को खोलते हुए अपनी जीभ को उसके मुंह में घुसा दिया तो मेनका ने बिना देर किए अपनी जीभ को उसकी जीभ के हवाले कर दिया और विक्रम किसी आइस क्रीम की तरह उसकी जीभ को चूसने लगा और लंड के हल्के हल्के धक्के उसकी चूत पर लगाने लगा तो मेनका का मजा दोगुना हो गया! जैसे ही लंड चूत के होंठो से टकराता तो मेनका अपनी गांड़ उठाते हुए लंड अन्दर लेने की कोशिश करती!

विक्रम ने उसकी चुचियों को अपने दोनो हाथों में भर लिया और कसकर मसलने लगा जिससे मेनका के मुंह से मस्ती भरी सीत्कार फूट पड़ी

" अह्ह्ह्ह्ह्ह पुत्र!! ये क्या कर दिया है हमे!! मार डालो हमे!

विक्रम ने मेनका की एक चूची को दबाते हुए दूसरी को मुंह में भर कर चूस लिया और लंड को उसकी चूत के छेद पर टिकाते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्हह मेरी जान मेनका!!आपको नही आपकी चूत को मारूंगा!

इतना कहकर विक्रम ने एक जोरदार धक्का लगाया तो लंड का मोटा सुपाड़ा मेनका की कसी हुई चूत में घुस गया और मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम से कसकर लिपट गई

" अअह्ह्ह्हह विक्रम!!

चूत के होंठो ने लंड को पूरी सख्ती से कस लिया था और विक्रम ने उसकी चुचियों के निप्पल को काट लिया तो मेनका एक बार फिर से दर्द से कराह उठी तो विक्रम ने सुपाड़े को उसकी चूत में ही फंसाए रखा और अपनी जीभ को उसके निप्पल के चारो और जोर जोर से रगड़ने लगा तो मेनका मस्ती से उछल पड़ी और लंड का सुपाड़ा चूत से बाहर निकल आया तो विक्रम ने दोनो हाथो से उसकी टांगो को पूरी तरह से फैला दिया और पहली बार उसने मेनका की चूत को देखा तो मेनका ने शर्म के मारे आंखे बंद करते हुए अपने हाथो से चूत को ढक लिया तो विक्रम उसके हाथो को एक तरफ कर दिया और जैसे ही उसने मेनका की गुलाबी चूत को देखा तो उसे एहसास हुआ कि मेनका की चूत बेहद चिकनी और खूबसूरत हैं! मोटी मजबूत जांघो के बीच में पाव रोटी की तरह फूली हुई कसी हुई गुलाबी चूत के रसीले होंठ आपस में चिपक हुए थे जिनसे रस बाहर टपक रहा था और विक्रम से अब बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने बिना देर किए अपने जलते हुए होंठो को मेनका की चूत पर रख दिया!


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मेनका जोर से सिसक उठी और बेडशीट को अपने हाथों में भर लिया और जोर जोर से मसलते हुए सिसक उठी

" अअह्ह्ह्ह सीईईईईए!! आईईईई!

विक्रम ने बिना देर किए अपनी जीभ को उसकी चूत पर फिरा दिया तो विक्रम ने अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने विक्रम को अपने ऊपर खींच लिया और उससे कसकर लिपट गई! लंड का सुपाड़ा चूत के छेद पर आया तो चूत उसके नीचे छुप सी गई और जैसे ही दोनो की आंखे टकराई तो मेनका ने विक्रम के होंठो को चूम लिया और विक्रम ने लंड का धक्का लगाया तो सुपाड़ा फिर से घुस गया और मेनका मस्ती से कराह कर उससे लिपट गई

" अअह्ह्ह्हह मार डालो हमे!!

विक्रम ने मेनका के दोनो कंधो में हाथ डाल कर उसे अपने कब्जे में ले लिया और उसकी आंखो में देखते हुए उसके होंठो को अपने होठों में भर लिया और लंड को बाहर खींचा और और जोरदार धक्का उसकी चूत में लगाया तो आधा लंड उसकी चूत में घुस गया और मेनका की आंखे दर्द से फैल गई और वो जोर से तड़प उठी और अपने नाखूनों से बेड शीट को फाड़ दिया! चूत के होंठ पूरी तरह से फटकार लंड के चारो तरफ कस गए थे और विक्रम ने पूरी ताकत से अपने लंड को बाहर निकाला और फिर से एक जोरदार धक्के के साथ करीब छह इंच लंड घुसा दिया जिससे दर्द के कारण मेनका के बदन ने एक जोरदार झटका खाया और उसके होंठ विक्रम के होंठो से निकल गए और मेनका दर्द से कराह उठी लेकिन छूट नही पाई

" अअह्ह्ह्ह्ह विक्रम!!! हम नही झेल पायेंगे आपको महराज!

मेनका की आंखो से आंसू छलक आए जिन्हे विक्रम ने चूस लिया और उसकी चुचियों को प्यार से सहलाते हुए उसके मुंह को चूमने लगा और बोला:"

" अह्ह्ह्ह्ह मेरी मेनका , कितनी कसी हुई और गर्म चूत है आपकी , आआआह्हह!!!

विक्रम ने लंड को उसकी चूत में घुसाए हुए हल्का सा अंदर बाहर करना शुरू किया तो मेनका को दर्द हुआ और हल्का हल्का कराहने लगी! विक्रम ने उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो मेनका को मजा आया और उसने विक्रम के सिर को अपनी चूची पर दबा दिया तो विक्रम उसकी दूसरी चूची की हल्के हल्के सहलाने लगा और लंड को करीब दो से तीन इंच बाहर की तरफ खींचता और फिर से घुसा देता ! मेनका के मुंह से दर्द भरी सिसकियां निकल रही थी लेकिन अब एक बार फिर से उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी तो उसने गांड़ को हिलाना शुरू कर दिया तो विक्रम ने उसकी आंखो मे देखा तो मेनका दर्द में भी मुस्कुरा उठी और विक्रम ने लंड को सुपाड़े तक बाहर निकाला और धीरे से घुसा दिया तो मेनका दर्द और मस्ती से कराह उठी

" अअह्ह्ह्हह विक्रम!! मेरे पुत्र उफ्फ हाय कितने अच्छे हो आप!!!

मेनका की मधुर सिसकियां इस बात की गवाही दे रही थी कि उसकी चूत अब उसे दर्द से ज्यादा मजा दे रही थी और विक्रम ने लंड को एक ही झटके में फिर से छह इंच घुसा दिया तो मेनका ने मस्ती में आकर उसके होंठो को चूम लिया मानो उसे ईनाम दे रही हो!!

विक्रम ने मेनका का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा तो मेनका को एहसास हुआ कि करीब चार इंच लंड अभी भी बाहर ही था तो मेनका की आंखे हैरानी से फैल गई और सिसकते हुए बोली:"

" हाय दैय्या री दैय्या! हम नही झेल पायेंगे इससे ज्यादा!

विक्रम ने उसकी चुचियों को मसलना शुरू कर दिया और उसके होंठो को चूमकर उसकी चूत में हल्के हल्के धक्के लगाते हुए बोला:"

" अअह्ह्ह्हह माता!! आप उदयगढ़ की राजमाता हो और हमे आप पर पूरा यकीन है कि आप झेल जायेगी!!!!

मेनका ने अपने दोनो हाथों को उसकी कमर पर बांध दिया और नीचे से अपनी गांड़ उठाकर धक्के झेलती हुई सिसकी

"अअह्ह्ह्ह!!! हाय मेरे उदयगढ़ के महाराज कितना आनंद प्रदान कर रहे हो आप!!

विक्रम ने अब धक्कों की गति बढ़ानी शुरू कर दी और यूरी आंखो में देखते हुए बोला

" आह्ह्ह्हह् मेरी मस्त मेनका!! पूरा लंड और ज्यादा मजा देगा आपको!!

मेनका धक्कों की गति बढ़ने से मस्ती से भर उठी और जोर जोर से सिसक उठी:"

"" अअह्ह्ह्ह सीईईईईईईई यूईईईईईईईई मां! हमारी चूत पूरी फट जाएगी !!

विक्रम ने मेनका की आंखो में देखते हुए उसके दोनो कंधो को थाम लिया और इससे पहले की मेनका कुछ समझ पाती विक्रम ने पूरी ताकत से लंड को पूरा बाहर खींचा और एक पूरी ताकत से जोरदार धक्का उसकी चूत में जड़ दिया और दोनो की जांघो आपस मे मिल गई और विक्रम के आलू जैसे आंड मेनका की गांड़ से जा लगे!

मेनका एक बार फिर से गला फाड़कर चींख उठी क्योंकि लंड ने उसकी बच्चेदानी में टक्कर मारते हुए उसे पीछे की तरफ धकेल दिया था और मेनका ने अपने नाखूनों को उसकी पीठ में घुसा दिया! पूरे कक्ष में मेनका की जोरदार दर्द भरी आह गूंज उठी

" अअह्हिह्ह मर गई " मोहिनी"!!
उफ्फ पुत्र!!

विक्रम ने बिना देर किए उसकी चूत में धक्के लगाने शुरु किए और मेनका दर्द से कराहती हुई सिसकती रही!!


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करीब पांच मिनट की चुदाई के बाद लंड ने अपनी जगह बना ली तो मेनका का दर्द कम हुआ और उसे थोड़ा अच्छा महसूस होने लगा और उसने विक्रम का मुंह चूम लिया और बोली

" अअह्ह्ह्हह पुत्र! कितने निर्दई हो आप! जरा भी दया नही आई हम पर आपको,!!

विक्रम ने बिना कुछ बोले लंड को पूरा बाहर निकाल कर फिर से एक ही झटके में पूरा घुसा दिया तो लंड उसकी चूत की दीवारों की जोर से रगड़ते हुए बच्चेदानी से जा टकराया और मेनका दर्द और मस्ती से कराह उठी

" अअह्ह्ह्ह्ह मार ही डालोगे क्या!! थोड़ा प्यार से करो ना मेरे राजा!!

विक्रम ने उसकी चूत को अब मस्ती से चोदना शुरु कर दिया और मेनका भी उसकी गले में बांहे डालकर चुदने लगी और नीचे से अपनी चूत उठा उठाकर लंड लेने लगी जिससे चुदाई में आनंद दोगुना हो गया!!

विक्रम पहली बार चुदाई कर रहा था और मेनका की कसी हुई चूत उसे बेहद आनंद प्रदान कर रही थी और मेनका की मधुर सिसकियां उसके जोश को और बढ़ा रही थी! मेनका की चूचियां उत्तेजना सा पूरी तरह से फूल गई थी और विक्रम अब पूरी ताकत से उन्हे कस कसकर दबा रहा था और मेनका अपनी चुचियों को उभारते हुए उसे और ज्यादा दबाने के लिए उकसा रही थीं और विक्रम ने उसे चोदते चोदते घुमा दिया जिससे लंड एक झटके में बाहर निकाल आया तो मेनका तड़प उठी और विक्रम ने उसे दोनो हाथो को बेड पर टिकाने का इशारा किया तो मेनका ने अपने दोनो हाथों को बेड पर टिका दिया और विक्रम उसके ऊपर सवार हो गया और पीछे से लंड को उसकी चूत में घुसा दिया तो मेनका दर्द से कराह उठी और विक्रम ने उसकी चूत में धक्के लगाने शुरु किए तो मेनका का पूरा बदन हिलने लगा और वो नीचे से अपनी गांड़ उठाकर चुदने लगी! विक्रम के भारी भरकम शरीर को मेनका ने अपने ऊपर थामा हुआ था और उसके शक्ति शाली धक्के अपने कसी हुई चूत में झेल रही थी!


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विक्रम उसकी गर्दन पर पड़े हुए उसके बालो को हटाते हुए उसकी गर्दन चूमते हुए बोला:"

" अह्ह्ह्ह मेरी माता! आप सच में बेहद शक्तिशाली है और उदयगढ़ की सच्ची राजमाता हो!

विक्रम की बात सुनकर मेनका के जोश में संचार हुआ जिससे वो जोर से अपनी चूत को ऊपर उठाने लगी तो चुदाई की गति बढ़ गई और विक्रम लंड को चूत में घुसे हुए ही उसे अपनी बांहों में उठा लिया और प्यार से बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी आंखो में देखते हुए चोदने लगा तो मेनका ने खुशी से उसका मुंह चूम लिया! दोनो ही एक दूसरे को चूम रहे थे चाट रहे थे और धक्कों की गति बढ़ती जा रही थी जिससे मेनका का आनंद हर पल बढ़ता जा रहा था और वो जोर से सिसक उठी"

" अअह्ह्ह्हह विक्रम मेरे पुत्र!! हम बस आपकी राजमाता हैं!!

इतना कहकर मेनका ने विक्रम को जोर से अपनी बांहों में कस लिया तो विक्रम भी उसके मुंह को चूमते धक्के लगाने लगा और उसे जोश दिलाने के लिए प्यार से बोला:"

" उफ्फ मेनका कितनी कसी हुई चूत है लंड घुसना भी मुश्किल हो रहा है हर धक्के पर !!

मेनका अपनी चुचियों को उसके सीने से रगड़ती हुई सिसकी:"

" अह्ह्ह्ह सीईईईईईए मेरे महाराज पुत्र!! 15 साल के बाद लंड घुसा हैं तो वो भी उदयगढ़ के महाराज का जो पूरी तरह से फस रहा है!!

मेनका ने भी विक्रम को उसके लंड की तारीफ करके उकसाया तो विक्रम ने पूरे लंड को बाहर निकाला और एक ही झटके में जड़ तक ठोक दिया तो मेनका दर्द और मस्ती से सिसक उठी


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" अअह्ह्ह्हह महाराज!!!!

विक्रम उसके गालों को चूसते हुए मस्ती से सिसका

" अअह्ह्ह्हह माता अभी भी दर्द हो रहा है क्या !!

इतना कहकर विक्रम ने लंड के धक्के मारते हुए अपनी छाती को जोर से उसकी चूचियों पर रगड़ दिया तो मेनका मस्ती से कराह उठी:"

" अह्ह्ह्ह्ह यूईईईईईई होता हैं पुत्र लेकिन आनंद बहुत मिल रहा है हमे!! जिंदगी में पहली बार ऐसा अद्भुत आनंद महसूस हुआ है पुत्र हमे !!

मेनका की मधुर सिसकियां सुनकर विक्रम ने अब ज्यादा ताकत लगाते हुए मेनका की चूत को फाड़ना शुरू कर दिया और कमरे में फच फच फच की मधुर आवाज गूंज उठी! विक्रम जितनी जोर से धक्का मरता मेनका भी उतनी ही ताकत से अपनी गांड़ ऊपर उठा रही थी जिससे उसकी चूत में कम्पन होना शुरू हो गया और मेनका पागल सी हो गई और जोर जोर से कराहती हुई बोली

" अअह्ह्ह्ह सीईईईईईईई अअह्ह्ह्ह्ह पुत्र!!! हमारी चूत इतना आनंद दे सकती है आज एहसास हुआ! चोदिए हमे जी भरकर चोदिये!!

विक्रम मेनका की सिसकियां सुनकर पूरी रफ्तार से उसे चोद रहा था और मेनका की चूड़ियां और पायल मधुर आवाज करते हुए उसे और ज्यादा उकसा रही थीं जिससे विक्रम के लंड में उबाल आना शुरू हो गया और वो भी मजे से सिसक उठा


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" अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान! आआआह्ह्ह्हह मुझे ये चूत रोज चाहिए!! उदयगढ़ की महारानी बना दूंगा आपको!!

इतना कहकर वो पागल सांड की तरह धक्के लगाने लगा और देखते ही देखते दोनो माता पुत्र की गति बेहद बढ़ गई और दोनो एक दूसरे की चूमते हुए सिसकियां ले रहे थे ! कमरे में चुदाई की मधुर सिसकियां गूंज रही थी और दोनो ही अपने चरम आनंद के करीब थे और एक दूसरे को जोर से चूम रहे थे चाट रहे थे और गद्दे के मुलायम होने के कारण अब मेनका का जिस्म हर धक्के पर एक एक फुट उछल रहा था जिससे लंड हर बार उसकी बच्चेदानी को हिला रहा था जिससे मेनका पूरी तरह से चुदासी हो गई थी और उसने ऊपर को झुकते हुए अपनी जीभ को विक्रम के मुंह में डाल दिया और जैसे ही दोनो की जीभ आपस मे टकराई तो विक्रम ने अपने लंड को पूरा बाहर निकाल कर एक ही झटके में पूरा घुसा दिया और मेनका की चूत से रस की धार फूट पड़ी और उसकी चूत के साथ साथ उसका मुंह भी खुल गया और विक्रम दनादन उसकी चूत में लंड पेलने लगा! हर धक्के पर मेनका दर्द से कराह रही थी लेकिन मजा भरपूर आ रहा था


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" अअह्ह्ह्ह सीईईई आईईईई आह्ह्ह्ह विक्रम!!

जैसे ही मेनका की चूत से निकले गर्म रस की धार विक्रम के लंड पर पड़ी तो लंड ने भी अपना मुंह खोल दिया और सैलाब की तरह विक्रम के वीर्य की पिचकारी मेनका की चूत को भरने लगी जिससे विक्रम सिसक उठा

" अह्ह्ह्ह मेरी मस्त मेनका!!
कितना आनंद है आपकी चूत में!

दोनो ने एक दूसरे को पूरी ताकत से कस लिया था और हवा भी उनके बीच से नही निकल सकती थी! हालाकि अभी दोनो ही धक्के नही लग रहे थे लेकिन गद्दे के कारण अभी भी दोनो के जिस्म उछल उछल पड़ रहे थे और विक्रम का लंड मेनका की चूत में अपनी आखिरी सांसे लेते हुए पिचकारी मार रहा था और मेनका भी अपनी बच्चेदानी को खोले हुए एक एक बूंद को अपने अंदर समेट रही थी!

जैसे ही दोनो का स्खलन बंद हुआ था तो मेनका ने आनंद से अभिभूत होकर विक्रम के मुंह को चूम लिया और उसकी लालची चूत ने अपनी गिरफ्त ढीली करते हुए मुरझा रहे लंड को धीरे धीरे बाहर की तरह फेंकना शुरू कर दिया और विक्रम ने भी मेनका का मुंह चूम लिया और बोला:"

" आप सच में अदभुत हो, लाजवाब हो !! कामरस से परिपूर्ण आनन्दायक हो! आपने हमें झेल लिया राजमाता आप सच में जीत गई!!

मेनका ने भी उसके मुंह को चूम लिया और उसकी आंखो मे देखते हुए बोली:"

" अह्ह्ह्ह विक्रम!! आप दुनिया के सबसे शक्तिशाली पुरुष हो! आपने हमारे शरीर का ऐसा मर्दन किया जिसकी हम कल्पना भी नही कर सकती थी! आप एक संपूर्ण पुरुष हो! आपने हमारे मन के साथ साथ आज तन को भी मोह लिया!! आपसे हम तो क्या दुनिया की कोई भी नारी नही जीत सकती!

विक्रम का लंड अब पूरी तरह से चूत से बाहर निकल आया तो दोनो मुस्कुरा दिए और विक्रम ने उसे अपने सीने से लगा लिया और बोला:"

" नही राजमाता !! इस जीत की असली हकदार आप ही है! देखिए ना कैसे अधमरा करके आपने मुझे छोड़ दिया है!

विक्रम का इशारा अपने लंड की तरफ था और मेनका भी उसका मतलब समझ गई और प्यार से उसके गाल को चूम कर बोली

" आपकों एहसास नहीं है कि अधमरा होने से पहले आपने हमारे हाल बेहाल किया है पुत्र!

विक्रम ने उसके गले में हाथ डालकर उसे खुद से चिपका लिया और बोला:"

" अभी तो रात बाकी है मेरी माता! अभी तो मुझे कोमल आपके हाथो से मदिरा का आनंद लेना है!

मेनका भी उससे लिपटी हुई बोली:" जैसी आपकी इच्छा महराज!

इतना कहकर मेनका ने उसके होंठो को चूम लिया और उससे अलग हुई तो उसकी नजर बेड पर पड़ी तो विक्रम को इशारा करती हुई बोली

" देखिए ना आपने क्या हाल कर दिया है महराज!

विक्रम ने देखा कि बेड पर खून की बूंदे पड़ी हुई थी और सफेद चादर मेनका की चूत के से निकले खून से लाल हो गई थी तो विक्रम ने आगे बढ़कर मेनका को एक बार फिर से अपनी बांहों में भर लिया और उसका मुंह चूम लिया तो मेनका बोली:"

" हमारी चूदी चुदाई चूत का आपने ऐसा हाल कर दिया है!!

विक्रम ने मेनका को बेड पर सीधे लिटाया और उसकी टांगो को पूरा फैला दिया तो मेनका ने शर्म से अपनी आंखे बंद कर ली और विक्रम ने उसकी चूत को ध्यान से देखा तो एहसास हुआ कि उसकी चूत के चुदाई से पहले कसे हुए गुलाबी होंठ अब खुल गए थे और चूत हल्की सी सूजकर ज्यादा लाल हो गई थी जिससे पहले से ज्यादा कामुक और आकर्षक लग रही थी!

विक्रम ने प्यार से उसकी चूत को चूम लिया और मेनका ने मुंह से एक मधुर आह निकल पड़ी और अपनी टांगो को बंद लिया तो विक्रम ने उसके करीब आते हुए उसे अपनी बांहों में फिर से भर लिया और उसके होंठो को चूम कर बोला:"

" चुदने के बाद आपकी चूत पहले से ज्यादा लाल और आकर्षक हो गई है माता!

मेनका शर्म के मारे उसकी बांहों से निकल गई और बेड से उतर कर अलमारी की तरफ चल पड़ी तो उसे अपनी टांगो के बीच में हल्के दर्द का एहसास हुआ तो उसके होंठो पर मधुर मुस्कान आ गई और वो हल्की सी लंगड़ा कर चल रही थी तो विक्रम उसे पीछे से छेड़ते हुए बोला

" क्या हुआ राजमाता ! आप ऐसे क्यों चल रही हो ?

मेनका ने उसे मुड़कर देखा और एक कामुक मुस्कान देती हुई अलमारी के करीब पहुंच गई और विक्रम की पसंदीदा मदिरा निकालने लगी!!!



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