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Shayari शायरी और गजल™

Bulbul_Rani

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पढ़ती रहती हूँ मैं सारी चिट्ठियां
रात है और है तुम्हारी चिट्ठियां,

आओ तो पढ़ कर सुनाऊँगी तुम्हें
लिख रखी हैं ढेर सारी चिट्ठियां,

लिख तो रखी हैं मगर भेजी नहीं
है अभी तक वो कुवांरी चिट्ठियां,

हम नज़र आयेंगे एक एक हर्फ़ में
जब जलाओगे हमारी चिट्ठियां,

डांटते अंजुम है मुझ को घर के लोग
सब ने पढ़ ली है तुम्हारी चिट्ठियां..!!❤❤


❤Its my favourite❤
 
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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
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पढ़ती रहती हूँ मैं सारी चिट्ठियां
रात है और है तुम्हारी चिट्ठियां,

आओ तो पढ़ कर सुनाऊँगी तुम्हें
लिख रखी हैं ढेर सारी चिट्ठियां,

लिख तो रखी हैं मगर भेजी नहीं
है अभी तक वो कुवांरी चिट्ठियां,

हम नज़र आयेंगे एक एक हर्फ़ में
जब जलाओगे हमारी चिट्ठियां,

डांटते अंजुम है मुझ को घर के लोग
सब ने पढ़ ली है तुम्हारी चिट्ठियां..!!❤❤


❤Its my favourite❤
Waah! Zabardast :perfect:
 
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Bulbul_Rani

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रंग इस मौसम में भरना चाहिए
सोचती हूँ प्यार करना चाहिए

ज़िंदगी को ज़िंदगी के वास्ते
रोज़ जीना रोज़ मरना चाहिए

दोस्ती से तजरबा ये हो गया
दुश्मनों से प्यार करना चाहिए

प्यार का इक़रार दिल में हो मगर
कोई पूछे तो मुकरना चाहिए
 
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