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रंगतें मासूम चेहरों की बुझा दी जाएँगी।
तितलियाँ आँधी के झोंकों से उड़ा दी जाएँगी।।
हसरत-ए-नज़्ज़ारगी भटकेगी हर हर गाम पर,
ख़्वाब होंगे और ताबीरें छुपा दी जाएँगी।।
आहटें गूँजेंगी और कोई न आएगा नज़र,
प्यार की आबादियाँ सहरा बना दी जाएँगी।।
इस क़दर धुँदलाएँगे नक़्श-ओ-निगार-ए-आरज़ू,
देखते ही देखते आँखें गँवा दी जाएँगी।।
फ़ुर्सतें होंगी मगर ऐसी बढ़ेंगी तल्ख़ियाँ,
सिर्फ़ यादें ही नहीं शक्लें भुला दी जाएँगी।।
इस क़दर रोएँगी आँखें देख कर पिछले ख़ुतूत,
आँसुओं से सारी तहरीरें मिटा दी जाएँगी।।
रात के जुगनू पे होगा चढ़ते सूरज का गुमाँ,
ज़ुल्मतें माहौल की इतनी बढ़ा दी जाएँगी।।
______अज़हर इनायती
तितलियाँ आँधी के झोंकों से उड़ा दी जाएँगी।।
हसरत-ए-नज़्ज़ारगी भटकेगी हर हर गाम पर,
ख़्वाब होंगे और ताबीरें छुपा दी जाएँगी।।
आहटें गूँजेंगी और कोई न आएगा नज़र,
प्यार की आबादियाँ सहरा बना दी जाएँगी।।
इस क़दर धुँदलाएँगे नक़्श-ओ-निगार-ए-आरज़ू,
देखते ही देखते आँखें गँवा दी जाएँगी।।
फ़ुर्सतें होंगी मगर ऐसी बढ़ेंगी तल्ख़ियाँ,
सिर्फ़ यादें ही नहीं शक्लें भुला दी जाएँगी।।
इस क़दर रोएँगी आँखें देख कर पिछले ख़ुतूत,
आँसुओं से सारी तहरीरें मिटा दी जाएँगी।।
रात के जुगनू पे होगा चढ़ते सूरज का गुमाँ,
ज़ुल्मतें माहौल की इतनी बढ़ा दी जाएँगी।।
______अज़हर इनायती