संभोग से भागो नही बल्कि पूर्णता से भोगो क्योंकि भोगे बिना तुम उससे मुक्त न हो सकोगे। जिस प्रकार भूख भोजन से ही पूर्ण होती है। प्यास, पानी पीने से ही तृप्त होती है उसी तरह सेक्स(संभोग) नर और नारी की कुदरती जरूरत है।