पिछले एपिसोड में आपने देखा :
धीरज घर पर झूठ बोल कर दीपिका के परिवार वालों से मिलने निकलता है । दीपिका के परिवार में उसके मम्मी पापा के सामने धीरज दीपिका को अपने दिल की बात बताता है । दीपिका का परिवार इस रिश्ते से पूर्ण रूप से सहमत दिखते है ।
दीपिका का भाई किशोर धीरज की गाड़ी लेकर नैना दीदी के पार्लर चला जाता है । शाम को धीरज और दीपिका नैना दीदी से मिलने उसके पार्लर जाते है । लेकिन यह क्या :
पार्लर में तो नैना दीदी किशोर से चुद रही है !
अब आगे :
किशोर की आवाज़ सुन कर दीपिका और धीरज दोनो ही समझ जाते है कि अंदर चुदाई चल रही है । दीपिका धीरज को वापस चलने के लिए बोलती है पर धीरज उसे वहीं रोक देता है और अंदर झांकने की कोशिश करता है
अंदर किशोर नंगा कुर्सी पर बैठा है । नैना उसके ऊपर उछल रही है । किशोर का लण्ड नैना की चूत में है । किशोर ने नैना को कमर से पकड़ रखा है ।
बाहर खड़ी दीपिका भी ये सब देखती है । तभी धीरज टॉप के ऊपर से ही दीपिका की चूचियों पर हाथ फेरने लगता है । दीपिका अपने भाई और बहन की चुदाई का आनंद लेने लगती है । धीरज अपना हाथ नीचे ला कर दीपिका की जींस में डाल देता है और उसकी चूत मसलने लगता है ।
थोड़ी देर चूत मसलने के बाद वो अपना दूसरा हाथ दीपिका की जींस में पीछे से घुसा देता है और दीपिका के गांड के छेद को तलाशने लगता है ।
गांड का छेद मिलते ही धीरज उसमें उँगली करने लगता है दीपिका थोड़ा कसमसा जाती है । दीपिका धीरज को हैरानी से देखने लगती है । तभी अंदर किशोर और नैना दोनो झड़ जाते है ।
दीपिका भी धीरज की उँगली अपनी गांड से निकाल कर झटक देती है ।
धीरज दीपिका से चुदने की रिक्वेस्ट करता है पर दीपिका मना कर देती है । धीरज आगे बढ़ कर दीपिका के होंठ चूस लेता है । तभी पीछे से राजीव और रूपा ताली बजाते हुए आते है । धीरज और दीपिका हैरानी से उनकी तरफ़ देखते है ।
राजीव - चलो भई अच्छा है । दीपिका बिटिया का रिश्ता हमारे घर तय हो गया था अब शुहागरात अपनी दीदी के पार्लर में मना लेगी ।
दीपिका ये सुनकर शर्मा जाती है । अंदर से अपने पिता की आवाज़ सुनकर
किशोर अपने पैंट की चैन लगाता हुआ बाहर आता है ।
किशोर - अरे जी जू ! आप यहाँ ?
धीरज - साले साहब ! आप यहाँ अपने काम के चक्कर में ये भूल गए कि आप यहाँ मेरी गाड़ी लेकर आए थे ।
किशोर को एकदम से याद आता है और वो धीरज से माफ़ी माँगता है ।
धीरज - दीपिका अपनी दीदी से नही मिलाओगी मुझे !
दीपिका - हाँ सर ! अंदर आयिए । मम्मा पापा आप भी आए ।
पाँचो के पाँचो नैना के पार्लर में घुसते है । सामने नैना नीचे झुक कर अपनी कच्छी पहन रही होती है । सबको नैना की नंगी और बड़ी चुचीयों के दर्शन होते है ।
नैना की नज़र अपने पापा पर पड़ती है । उन्हें देख कर वो हंसती है । पर जैसे ही उसे धीरज दिखता है तो एकदम से पलट जाती है और सबको अपनी नंगी गांड दिखा देती है ।
नैना - पापा ये आपके साथ अनजान लड़का कौन है ?
रूपा हंसते हुए - घबराने की कोई बात नही है बेटी । ये दीपिका के नए बॉस है ।
नैना - पर मम्मा आप इन्हें अंदर क्यू ले आयी ?
धीरज - घबराओ मत दीदी मैं किसी को कुछ नही बताऊँगा । आप आराम से अपने कपड़े पहन लीजिए ।
नैना अपने कपड़े पहन कर अपने माता पिता के पैर छूती है । राजीव और रूपा उसे आशीर्वाद देते है । रूपा सभी को बैठने के लिए बोलती है । सब वहीं बैठ जाते है ।
धीरज - तो ! आप है नैना दीदी ! दीपिका की बड़ी बहन
नैना रूपा और राजीव की तरफ़ देखती है । धीरज नैना की छाती को घूरने लगता है । किशोर धीरज को नैना के BOOBS घूरते देख हँसता हुआ बोलता है :
किशोर -
जिजु बड़े वाले बाद में पहले छोटे वालों पर ध्यान दीजिए ।
नैना - जिजु ?? इसका मतलब !
रूपा - हाँ । दीपिका को अपना हमसफ़र मिल गया है ।
नैना - ये तो बड़ी ख़ुशी की बात है । मैं दीपिका के लिए ख़ुश हूँ ।
नैना धीरज से उसका हाल चाल पूछती है । धीरज भी नैना के पार्लर के बारे में बात करता है । फिर धीरज सबसे रात होने का कहकर निकलने की अनुमति माँगता है ।
नैना - आपने कुछ खाया पिया तो नहीं . ना ही मेरा अभी पार्लर देखा है । आए मैं आपको दिखाती हूँ ।
धीरज - दीदी ! अब तो यहाँ आना जाना लगा रहेगा बाद में कभी देख लूँगा अभी मुझे लेट हो रहा है ।
रूपा - मैंने तो बेटा तुझे पहले ही कहा था
इस नालायक को चाबी मत दे ! कर दिया ना इसने सब सत्यानाश !
किशोर - घर चलो मम्मा फिर बताता हूँ ,
सत्यानाश करना किसे कहते है ।
सब हंसने लगते है । धीरज गाड़ी ले कर अपने घर निकल पड़ता है ।
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घर ! प्यारा घर !
शाम को सब बैठे थे । सुमन की चूत और गांड का नशा संजय के सिर से अब उतरा था । सुमन सबके लिए चाय बना कर लाती है । नीरज अपनी चाची को निहारे जा रहा है ये देख कर राधा नीरज से कहती है :
राधा - बेटा जा .. अपनी चाची से बाल्कनी में खड़ा हो कर उसके साथ चाय पी । उससे आज रात के लिए बात कर ।
नीरज - ठीक है मॉम लेकिन चाची मना तो नही कर देंगी ना !
राधा - क्यूँ ? मना क्यूँ करेगी वो मेरे बच्चे से ?
कोमल - क्यूँकि आज सुबह ही पापा ने सिकायी की थी सुमन चाची की । और खिल खिला उठती है ।
नीरज - रोते हुए : देखो ना मॉम दी क्या कह रही है !
राधा - ना .. ना .. मेरा बच्चा सुमन मना नही करेगी । और कोमल को आँखे दिखा देती है ।
कोमल - सॉरी !
नीरज सुमन से बाल्कनी में उसके साथ खड़ा खड़ा चाय पीते हुए कहता है :
नीरज - चाची । आज रात क्या आप मेरे साथ .... प्लीज़ चाची मना मत करना ! प्लीज़
सुमन - ठीक है ।
नीरज -
YESS !!
घर के बाहर से धीरज अंदर आते हुए राधा के पैर छू कर आशीर्वाद लेता है । और कोमल के बग़ल में बैठ कर कहता है :
धीरज - गुड़िया
अपने दूध की एक कप चाय पिला दे !
कोमल - मेरे दूध की क्यूँ ? आज तो सब सुमन चाची के दूध की चाय पी रहे है । पापा ने आज सुबह सुबह खूब मेहनत की है । और हसने लगती है ।
राधा - बेटा तुम नहा लो जब तक मैं सुमन को चाय लेकर भेजती हूँ ।
धीरज उठ कर अपने कमरे में चला जाता है । राधा सुमन से धीरज के लिए चाय बनाने के लिए बोलती है ।
राधा - छोटी ! धीरज को चाय दे कर आज रात नीरज के साथ गुज़ार ।
सुमन ठीक है कहकर धीरज को चाय देने चली जाती है धीरज का लण्ड नैना दीदी की गांड को सोचकर पहले से ही खड़ा था । सुमन को देख कर उसने सुमन को गपच लिया और दरवाज़ा झटके से बंद कर दिया ।
धड़ाम ..
दरवाज़ा लगते ही बाहर बैठे लोग सब समझ जाते है । नीरज मन ही मन में बोलता है :
बहनचोद :
राधा - हे ! भगवान ! हर बार ऐसा मेरे बच्चे के साथ ही क्यूँ होता है । और अपने सिर पर हाथ रख लेती है ।
कोमल - पापा के बाद तो नीरज भाई चाची को चोद सकते थे लेकिन अब धीरज भाई के बाद तो कोई
CHANCE ही नही लगता । और फिर से हंसने लगती है
संजय - गुड़िया ! बेटा ऐसे नही बोलते ।
कोमल - सॉरी
नीरज उदास होकर अपने कमरे में जाने वाला होता है कि राधा उसके सामने जा कर नीचे घुटनो पर बैठ जाती है ।
राधा - नीरज बेटा मुझे माफ़ कर दे ! मैं अपना वादा पूरा नही कर पाई ! मैं तेरी गुनहगार हूँ । और नीरज की जीप खोल कर उसका लण्ड बाहर निकाल लेती है ।
कोमल और संजय ये देख कर हैरान हो जाते है । संजय को तो झटका सा लगता है । वो राधा से कहता है ।
संजय - राधा ! तुम ये क्या करने जा रही हो ? कोमल और मैं यहीं बैठे है ।
राधा - मुझे मत रोकिए ! कोमल के पापा ! मैंने नीरज से वादा किया था कि अगर आज रात सुमन नीरज से नही चुदी तो
मेरा कोई सा भी एक छेद सबके सामने नीरज ले लेगा ।
कोमल - पर मॉम इस घर के
संस्कारों का क्या होगा !
संजय - हाँ ! राधा कोमल सही कह रही है ।
अपने बच्चों को ग़लत शिक्षा देना तुम्हें सोभा नही देता ।
राधा - और वादा करके तोड़ना ! ये अच्छी बात है क्या कोमल के पापा ! बताइए
दोनो चुप हो जाते है ।
राधा - बोल बेटा कौन सा छेद चाहिए तुझे ?
नीरज कोमल और संजय के वहाँ होने से थोड़ा शर्मा रहा था इसलिए उसने राधा के चेहरे का छेद माँगा ।
राधा - ठीक है बेटा ! आ जा चोद ले अपनी मम्मी का मुँह !
नीरज आगे बढ़ कर अपना फँफनाता लण्ड राधा के मुँह में दे देता है और
राधा के बाल पकड़ कर मूह चोदने लग जाता है ।
संजय और कोमल नीरज का लण्ड राधा के मुँह में आता जाता देखते रेहते है । संजय कोमल से कहता है :
संजय - बेटा माँ बेटे ने आज सारी हदें पार कर दी है । संस्कारो की बत्ती बना कर राधा ने पता नही कहाँ घुसा ली आज ।
इतना सुनकर राधा नीरज का लण्ड मुँह से निकाल कर कहती है :
राधा - संस्कारो की बत्ती बना कर गांड में डाल ली है और हसने वाली होती है इतने में ही नीरज राधा के गाल दबा कर कहता है :
नीरज - आप कुछ मत बोलिए मॉम बस मुँह खोलिए और अपना लण्ड राधा के गले तक घुसा देता है । और
जल्दी जल्दी तेज धक्के मार कर चोदने लगता है ।
१० मिनट बाद नीरज
राधा के मुँह पर मूठ मार देता है ।
कोमल उठ कर राधा के पास जाती है और राधा के मुँह में पड़ा मूठ उँगली से लेकर चाट लेती है और कहती है :
कोमल - म्म्म्म्म टेस्टी !!
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