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घर : ची..टर कॉक
रात में डिनर के बाद सभी लिविंग रूम में बैठ कर बातें कर रहे होते है । सुमन संजय के बग़ल में सट कर बैठी होती है ।
धीरज कोमल के बग़ल में बैठा है और नीरज कोमल के ठीक सामने बैठा है ।
सभी में आपस में हंसी मज़ाक़ चल रही होती है । कोमल और नीरज में आज आँखो ही आँखो में गंदे इशारे चल रहे होते है ।
राधा - हाए राम ! सभी मिल कर पूरी जगह फैल गए ! अब मैं कहाँ बैठूँ ?
धीरज राधा की गांड पर हाथ फेर कर अपना खड़ा लण्ड राधा को दिखाते हुए कहता है :
धीरज - कोई बात नही मॉम ! आप मेरी गौद में बैठ जाओ ।
राधा - धत्त !! बेशर्म !
कोमल - भैया सुबह - सुबह तो चाची को नहलाया था हम सबने मिलके । मेरे ख़याल से अभी आपको मॉम की लेने का नही सोचना चाहिए ।
धीरज - गुड़िया ! तू बच निकली नही तो ..
कोमल हंस देती है । सामने नीरज अपना लण्ड पकड़े कोमल के पैर पर अपना पैर रख देता है ।
कोमल अपनी जीभ निकाल कर नीरज को चिड़ा देती है
राधा सभी के लिए दूध लेने रसोई में चली जाती है । दूध ला कर सभी को देने के बाद अंत में नीरज के पास जाती है ।
नीरज अपनी बहन को आज रात उससे चुदने के इशारे करते देख राधा भड़क जाती है और कहती है :
राधा - नीरज ! तुझमें इतनी भी हिम्मत नही की तू इसे उठा कर अपने कमरे में ले जा सके ! ले ये दूध पी और अपनी हिम्मत बढ़ा ।
नीरज राधा के हाथ से दूध का ग्लास ले कर एक बार में ही पी जाता है और अपना मुँह पोंछ कर कहता है :
नीरज - मेरे अंदर कितनी ताक़त है मॉम ! अभी आपको दिखाता हूँ
ये कहकर नीरज झट से उठता है और राधा को अपनी गोद में उठाकर अपने बेडरूम की तरफ़ चल पड़ता है ।
राधा चिल्लाने लगती है !
राधा - चीटिंग .. चीटिंग .. चीटिंग ..
THATS NOT FAIR ..
सभी राधा की हालत को देख कर हसने लगते है .. तभी कोमल कहती है :
कोमल - देखा जो दूसरों के लिए गड्ढे खोदता है वो खुद ही उस गड्ढे में गिरता है । अब पता चलेगा मॉम को !
धीरज - अरे ! मॉम गड्ढे में नही गिरी बल्कि वो तो नीरज को अपने गड्ढों में गिराएँगी !
सभी धीरज की बातों पर हसने लगते है ।
उधर नीरज अपने बेडरूम में राधा को नीचे उतारता है । राधा नीरज के सीने पर मुक्के मारते हुए कहती है :
राधा - चीटर .. कोमल की चुदाई करने की जगह तुम मुझे ले आए !
नीरज - मैं तो पिछली बार ही आपके मूह के साथ आपके दोनो छेदों को चोदना चाहता था लेकिन सभी घर में थे इसलिए नही चोद पाया ।
राधा - लेकिन तुम्हें ज़रा सी भी शर्म नही आयी अपनी माँ को इस तरह सबके सामने अपनी गोद में उठा कर चोदने ले आए !
नीरज - जिसकी तुम जैसी गदराई गांड वाली माँ हो उसे भला शर्म कैसी ! आपके जैसी भरे शरीर की औरत को चोदने के लिए तो कोई भी तैयार हो जाए ।
राधा - धत्त ! बेशर्म अपनी माँ को गदराई गांड कहता है ।
नीरज पीछे से राधा की गांड को अपने हाथों में भरते हुए कहता है :
नीरज - मैं बिलकुल सही कह रहा हूँ राधा डार्लिंग !
राधा - हट बदमाश ! अपनी माँ को नाम लेता है ! मैं क्या तेरी बीवी हूँ ।
नीरज - अभी तो नाम के साथ साथ आपका बोहोत कुछ लेने वाला हूँ ।
राधा - हस्ते हुए - बेशर्म !
नीरज राधा के कपड़े निकाल कर उसे नंगी कर देता है । राधा शर्म से घूम कर से मूह छिपा लेती है । नीरज राधा की गांड पर २ थप्पड़ मारता है ।
राधा पीछे मुड़ कर बोलती है ।
राधा - आउच !
फिर धीरे धीरे अपनी भारी भरकम गांड हिलाए राधा नीरज के पास आती है और नीरज के बालों में हाथ घुसा कर उसके होंठ चूसती है । नीरज भी राधा के होंठ मूह में भरके चूसता है ।
नीरज अपने दोनो हाथ पीछे ले जाकर राधा की गांड दबाता है । राधा अपने हाथ नीचे ले जाकर नीरज की जीप खोलती है तभी उसकी नज़र कमरे के खुले दरवाज़े पर पड़ती है । बाहर संजय अंदर झांकने की कोशिश कर रहा होता है ।
राधा - आप ! आप यहाँ क्या कर रहे है ?
संजय - घबराते हुए - मैं ! मैं तो अपने कमरे में जा रहा था लेकिन ये दरवाज़ा खुला देख कर देखने आ गया कि पता नही माँ - बेटे अंदर क्या कर रहे है ?
राधा - छि.. ! आप हमें टोक नही सकते थे ! अब आप जाइए यहाँ से !
संजय - ठीक है जा रहा हूँ ! नीरज बेटा ! अच्छे से ख़ातिरदारी करना अपनी माँ की । हाहा
नीरज - राधा ! जा कर दरवाज़ा बंद कर दो वरना इस घर में प्यार के दुश्मनो की कमी नही है ।
राधा - नीरज के लण्ड को भींच कर - मारूँगी अगर फिर से मेरा नाम लेकर मुझे बुलाया तो !
नीरज - आह !! राधा डार्लिंग नाम लेकर तुम्हें चोदने में बड़ा मज़ा आता है ।
राधा अपनी नंगी गांड अपने बेटे के सामने हिलाते हुए जा कर दरवाज़ा बंद कर देती है । नीरज राधा की डोलती गांड को घूरे जाता है ।
राधा - ऐसा क्या देख रहे हो इस गांड में ?
नीरज - हाए ! राधा मेरी रंडी माँ ! क्या गांड है तेरी ! मन करता है इसमें लण्ड डाल कर सो जाऊँ ।
राधा - नीरज को चाँटा दिखाते हुए - मार खाएगा तू !
ये कहते हुए राधा जा कर नीरज के सामने घुटनो पर बैठ जाती है । अपने सामने लहराते नीरज के लण्ड को राधा मूह खोल कर निगल जाती है ।
राधा नीरज के लण्ड को चूसने लगती है । अगले ३-४ मिनट तक मुखमैथुन की आवाज़ों से कमरा भर जाता है । नीरज भी लम्बे और तकड़े शॉट मार मार कर राधा का मूह चोदने लगता है ।
नीरज - आऽऽऽऽऽऽह ! राधा मेरी राँड ! चूस मेरा लण्ड ! खा जा मेरे लोडे को ! आऽऽऽऽऽऽह !
नीरज राधा के सिर को पकड़ कर उसे अपने लण्ड पर मारने लगता है और अपने लण्ड को राधा के गले में ठूँसने लगता है ।
राधा छटपटाते हुए नीरज का पूरा लण्ड गले में लेती है ।
राधा लण्ड बाहर निकाल कर उसपे थूकती है और वापस मूह में लेती है ।
नीरज राधा के गाल को ज़ोर से दबाते हुए उसका मूह खोलता है और उसमें थूक देता है ।
राधा नीरज के थूक को पी लेती है और फिर से नीरज के लण्ड को चूसने लगती है ।
१० मिनट तक ऐसे ही लण्ड चूसने के बाद राधा कुतिया की तरह अपने दोनो हाथों और पैरो पर बैठ जाती है । अपनी गांड को मटकाते हुए बेड की तरफ़ जाने लगती है । राधा उठते हुए अपनी एक टांग उठा कर बेड पर रख देती है ।
आगे की ओर झुक कर पीछे खड़े नीरज को देखती है । उँगलियों से इशारे कर नीरज को अपने पास बुलाती है और अपने हाथ में थूक लगा कर पीछे से अपनी गांड के छेद पर मलती है ।
नीरज वहाँ आता है और झुक कर राधा के पिछवाड़े में अपना मूह घुसा देता है ।
नीरज धीरे - धीरे चूत से होता हुआ गांड के छेद तक अपनी जीभ फिराता है और अंत में गांड में ठूँस देता है ।
अपनी गांड में जीभ महसूस करके राधा सिसकारी लेने लगती है ।
राधा - चाट बेटा ! अपनी माँ की गांड चाट ! आऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽह !
नीरज गांड चाटते हुए राधा की चूत में उँगली घुसेड़ देता है । उँगली अंदर बाहर करते हुए राधा की चूत चोदने लगता है ।
राधा - आऽऽऽऽह ! बेटा ! ऐसे ही उँगली कर अपनी माँ की चूत में ! आऽऽऽऽह !
चूत में उँगली और गांड में जीभ से चोदने के बाद नीरज खड़ा होता है और अपने लण्ड पर थूक लगाता हुआ राधा से कहता है :
नीरज - राधा डार्लिंग ! क्या तू मेरी रंडी बनेगी ?
राधा - हाँ ! बेटा बन जाऊँगी ! चोद डाल मुझे ! बजा दे !
नीरज अपने हाथ से लण्ड पकड़ कर राधा की चूत पर सैट करता है और अपने हाथों से राधा के बाल समेटता हुआ ज़ोर के धक्के के साथ अपना लण्ड एक ही झटके में राधा की गिली चूत में घुसा देता है ।
राधा दर्द से बिलबिला जाती है और चिल्लाने लगती है ।
राधा - आऽऽऽऽऽह ! धीरे चोद बेटा ! मेरी चूत ना फाड़ !
नीरज राधा की एक ना सुनते हुए तेज और वज़नदार धक्के मार कर राधा की चूत फाड़ देता है ।
राधा की चींखे थोड़ी देर बाद सिसकारियों में बदल जाती है तभी नीरज राधा के बाल खींच कर उसके मूह पर थूक कर कहता है :
नीरज - राधा ! मेरी रंडी ! मैं तुझे लिविंग रूम में चोदना चाहता हूँ जैसे चाचू जाने से पहले चोद कर गए थे बिलकुल वैसे ही ।
ये सुनकर राधा नीरज को धक्का दे कर खड़ी हो जाती है और नीरज को घूरते हुए कहती है :
राधा - तुझे कैसे पता की संतोष मुंबई जाने से पहले मुझे लिविंग रूम में चोद कर गया था । नालायक छुप कर देख रहा था ना तू । तुझमें कुछ शर्म बची भी है या नही ।
नीरज - मॉम ! बिना सोचे समझे आपने मुझ पर इतने आरोप लगा दिए ये भी नही सोचा मुझ पर क्या बीतेगी ये सब सुनकर !
राधा - ग़ुस्से में - तो फिर तुझे कैसे पता कि तेरे चाचा मुझे ठोक कर गए थे ?
नीरज - आप शायद भूल गयी पर मैं आपकी इस उछलती हुई गांड को नही भूल सकता । आपको याद नही कि उस दिन मैं जल्दी आ गया था । आप रसोई में नंगी ही चाय बना रही थी और नंगी ही चाय ले कर मेरे सामने आ गयी थी ।
कुछ याद आया !
राधा - हाँ ! आ गया ! सॉरी बेटा ! मैंने वैसे ही तेरे ऊपर लाच्छ्न लगा दिया जबकि उस दिन मेरी ही गलती थी । मैंने ही कुछ नही पहना था और नंगी ही तेरे सामने आ गयी थी ।
नीरज - नाराज़ होते हुए - आप हमेशा से ही मेरे साथ यही करती हो ! मुझे और नही चोदना अब आपको ! जाओ यहाँ से !
राधा - नीरज के पैर पकड़ते हुए और उसका लण्ड मूह में भरते हुए - प्लीज़ बेटा ! मुझे माफ़ कर दे ! अच्छा अब जैसा तू कहेगा मैं वैसा ही करूँगी ।
नीरज - राधा का सिर अपने लण्ड पे दबाते हुए - पक्का !
राधा - ख़ुश होते हुए - हाँ ! बोल क्या करना चाहता है मेरा बेटा मेरे साथ !
नीरज - लिविंग रूम में सबके सामने मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ ।
राधा - तू पागल है ! वहाँ कोई देखेगा तो क्या कहेगा !
नीरज - फिर से नाराज़ हो कर - मॉम ! अभी आपने प्रोमिस किया था ।
राधा को नीरज पर दया आ जाती है । वो कहती है :
राधा - नीरज के सिर पर हाथ फेरते हुए - ठीक है ! अब जो होगा देखा जाएगा ! तू लिविंग रूम में मेरी गांड ज़रूर मारेगा ।
नंगी राधा चल कर बाहर जाने को होती है कि नीरज बोलता है :
नीरज - राधा ! मैं चाहता हूँ कि तुम वहाँ तक कुतिया बन कर जाओ ।
ये सुनकर राधा अपना लण्ड हिलाते नीरज को हैरानी से देख कर मुस्कुराती है और झट से अपने दोनो हाथों और टांगो के बल पर बैठ कर कुतिया बन जाती है ।
कुतिया बन्ने के बाद वो नीरज के सामने अपनी गांड को ज़ोर ज़ोर से हिलाते हुए चलने लगती है । नीरज जा कर अपने कमरे का दरवाज़ा खोलता है ।
राधा कुतिया की तरह अपनी गांड हिलाकर चलने लगती है । नीरज उसके पीछे पीछे अपनी माँ की हिलती गांड को देखता हुआ लण्ड हिलाते हुए लिविंग रूम की तरफ़ चलने लगता है ।
अदाओं से अपनी गांड मटकाते हुए राधा धीरे धीरे चल कर लिविंग रूम में पहुँची । सबको लिविंग रूम में देखकर राधा वापस कमरे की तरफ़ मुड़ती है लेकिन नीरज राधा को आँखे दिखा देता है ।
पीछे मुड़ने की वजह से धीरज की नज़र राधा को मोटी गांड पर पड़ती है । अपनी माँ की गांड देख कर उसका लण्ड खड़ा हो जाता है । कोमल की नज़र धीरज के लण्ड पर ही गड़ी होती है । अचानक से इतना बड़ा तनाव देख कर उसकी भी नज़र पहले धीरज फिर अपनी माँ की गांड पर जाती है ।
संजय चुपके से मेज़ के नीचे से सुमन की चूत मसल रहा था लेकिन दोनो बच्चों को सामने देखते ही उसने सुमन को छोड़ दिया और नंगी राधा को सामने देख कर हैरान हो गया ।
संजय - राधा ये तुमने अपना क्या हाल बना रखा है ?
कोमल - मॉम ! आप कुतिया क्यूँ बनी हुई हो ?
सुमन - और दीदी ! आप नंगी क्यूँ हो !
राधा -
भों .. भों .. भों ..
राधा को कुतिया की तरह भोंकता हुआ देख कर सबकी हंसी निकल जाती है ।
पीछे नीरज राधा की गांड पर पैर मार कर उसे आगे चलने के लिए कहता है ।
राधा आगे चल कर मेज़ पर उछल कर बैठ जाती है । धीरज और कोमल को अपनी माँ के मोटे मोटे चूच्चे दिखते है ।
धीरज मेज़ के नीचे से कोमल का हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख देता है । कोमल धीरज के पेंट की जीप खोल कर लण्ड बाहर निकाल लेती है ।
संजय भी नंगी राधा को कुतिया बना देख कर सुमन का हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रख देता है । सुमन भी जीप खोल कर संजय का लण्ड बाहर निकाल लेती है ।
मेज़ पर कुतिया बनी राधा अपनी गांड दाँए बाँए हिलाकर नीरज को अपने पास बुलाती है ।
नीरज अपनी माँ की थिरकती गांड को देख कर अपना टनटनाता लण्ड एक हाथ से पकड़े उसके पीछे जा कर खड़ा हो जाता है ।
सुमन नीरज के फुँकारते लण्ड को देख कर संजय की ज़ोर ज़ोर से मेज़ के नीचे मूठ मारने लगती है । कोमल भी धीरज के लण्ड को पकड़ कर उसकी मूठ मारने लगती है ।
नीरज अब बिना डरे आगे बढ़ कर अपनी माँ के पाटो को खोलता है । राधा की गांड का छेद एकदम से निकल कर हाज़िरी देता है । नीरज अपना लण्ड राधा की गांड पर सैट करके हल्का सा ज़ोर लगाता है ।
लण्ड छेद को चीरता हुआ पहले थोड़ा सा फिर थोड़ी सी रुकावट के बाद पूरा राधा की गांड में घुस जाता है । सामने धीरज अपनी माँ की फटती गांड का उसके चेहरे पर भाव देखता है ।
राधा की धीरे धीरे बड़ी होती आँखे उसकी फटती गांड की गवाही दे रही थी । धीरज के लण्ड पर चलते कोमल के हाथ भी इस दृश्य को देखकर धीरज को कम पद रहे थे । वो अपना हाथ कोमल के हाथ पर रख कर उससे मूठ मरवाने लगता है ।
बग़ल में अपने बेटे से अपनी धर्मपत्नी की फटती गांड देख कर संजय भी सुमन के हाथ पर हाथ रख कर जल्दी जल्दी मूठ मरवाने लगता है ।
नीरज कुतिया बनी अपनी माँ की गांड मारते मारते चिल्ला पड़ता है ।
नीरज - आऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽह ! राधा !! मेरी रंडी !!!
राधा - आऽऽऽऽऽऽह ! मेरा मादरचोद बेटा ! फाड़ दे अपनी माँ की गांड !
ये सब सुनकर सभी हैरानी से राधा और नीरज को देखने लगते है । संजय सुमन के और धीरज कोमल के हाथ पर झड़ जाते है ।
नीरज - मॉम ! मैं झड़ने वाला हूँ ।
ये कहकर नीरज राधा की गांड भर देता है । थोड़ी देर बाद नीरज राधा की गांड में से लण्ड निकालता है ।
संजय थोड़ा हिल डुल कर राधा की गांड देखने की कोशिश करता है । राधा की गांड एक रुपए के सिक्के जितनी खुल गयी थी ।
ये संजय देख रहा होता है तभी राधा की गांड से नीरज के मूठ की छींटे संजय के मूह पर आकर गिरती है । ये देख कर सब हंसने लगते है । राधा बेसुध कुतिया बनी वही लेट जाती है ।
नीरज राधा को पीछे से उठा कर उसकी गांड का खुला छेद अपने लण्ड पर वापस सैट करके अपने कमरे में ले जाता है और कमरे को झटके से बंद कर लेता है ।
धडाऽऽऽऽऽऽऽम !
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