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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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मेरे सभी प्यारे दुलारे मुठ्ठल मित्रों पाठकों एवं उंगलीबाजो
देर सवेर ही सही आप सभी को गैंगबैंग रूप से नए साल की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
दारू वाली गैंग के लिए
शिला बुआ की तरफ से स्पेशल ट्रीट

Ggco-M1o-Ww-AAevx-P

आप सभी खुशहाल रहें और स्वस्थ रहें और हिलाते रहे


एक महत्वपूर्ण सूचना

इस कहानी का नया सीजन मेरे रनिंग कहानी के खत्म होने के बाद भी शुरू होगा , अब उसमें दिन लगे महीने या वर्षों ।
कृपया मेरी व्यस्तता और मजबूरी को समझे , निगेटिव कमेंट करके या मुझे निकम्मा ठहरा कर अपनी ऊर्जा व्यय ना करें
मै बहुत ही हेहर प्रकृति का प्राणी हु , आपके नकारात्मक शब्दों मुझे खीझा सकते है मगर मेरी चेतना को भ्रमित नहीं कर सकते । उसमे मैं माहिर हुं
आप सभी का प्रेम सराहनीय है और मेरे मन में उसकी बहुत इज्जत है , मगर मै अपने सिद्धांत पर चलने वाला इंसान हु ।

फिर अगर किसी को ऑफिशल डिकियलरेशन की आशा है कि मै ये कहानी बंद करने वाला हु तो ऐसा नहीं है
ये कहानी शुरू होगी मगर मेरी अपनी शर्तों और जब मुझे समय रहेगा इसके लिए।
नया साल अभी शुरू हुआ है इंजॉय करिए
अपडेट जब आयेगा इस कहानी से जुड़े हर उस व्यक्ति को मै व्यक्तिगत रूप से DM करके बुलाऊंगा ये मेरा वादा है ।



मेरे शब्दों और मुझ पर भरोसा कीजिए
मेरी दूसरी कहानी का भी मजा लीजिए
धन्यवाद 🙏
 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 199

अमन के घर

मुहल्ले की औरते अपना गीत संगीत गा कर , सोनल की मुह देखाई कर वापस लौट चुकी थी
किचन के लिये ममता ने शादी के पहले जो रसोइया रखी थी अभी कुछ दिन और रुकने वाली थी ।

घर के सभी लोग फ्रि थे , मुरारी मदन हिसाब किताब कर रहे थे हाल मे
ममता और संगीता मे हसी ठिलौली चल रही थी और भोला भी उसका हिस्सा बन रहा था ।

ममता के इशारे पर भोला ने मदन के मजे लेते हुए - मुरारी भैया , अब ले दे इस घर मे एक ही रडूआ आदमी रह गया है , इस बैल को भी किसी खूँटे से बान्ध ही दो ।

भोला की बात पर मुरारी को हसी आई और वो उसके फब्बारे होठों मे दबा कर मुह दुसरी ओर कर लेता है और मदन अपने जीजा का मजाक समझ कर शर्माते हुए लाल गालो के साथ हस कर - क्या जीजा , भला अब मेरी उम्र है शादी करने की ।

संगीता - अरे मदन भईया हमारे इधर एक मौलवी साहब ने 75 की उम्र मे शादी की है हिहिहिहिही

संगीता की बात पर मुरारी उसे देखता है और वापस हस्ते हुए अपने कापी मे हिसाब देखने लगता है

वहॉ संगीता की बात पर ममता उस्का पक्ष लेते हुए - और क्या हमारे देवर जी कौन सा 75 पार कर गये है , स्माइल कर दे तो मेरी समधन फीदा हो जाये

संगीता और ममता ने खिलखिलाते हुए एक दुसरे को ताली दी और महौल खुशनुमा हो गया ।

संगीता हस्ती हुई - मै तो कह ही रही हु मेरी छोटी ननद इधर उधर भटक रही है , पूंछ मे लपेट ही लो उसे और फेरे लेलो

संगीता की बात सुनकर मुरारी की दिलचसपी बढ़ी मगर जिस तरह इस बात को हवा मे उड़ा जा रहा था मुरारी ने ये सब भूलकर हिसाब किताब मे लग गया ।

वही उपर अमन के कमरे मे सोनल अपनी चीजे सेट कर रही थी और अमन उसको इधर उधर छू कर परेशान कर रहा था और सोनल जो कि रात की दोहरी चुदाई से इतना थकी थी उसपे से सुबह से 3 घन्टे तक औरतो के बीच बैठना और फिर अपना सारा समान सेट करना , उसपे अमन की छेड़खानी उसका चिडचिडापन बढा रही थी ।
अमन ने देखा कि यही सही मौका है अपनी मा को बुलाने का और उसने पापा के मोबाइल पर फोन कर अपनी मा से बात की ।

फोन पर बात करते ही ममता अमन का इशारा समझ गयी उसकी दिल की धड़कने तेज होने लगी और वो उठ कर जीने से उपर चली गयी ।

वही अमन शॉर्ट्स मे अपना मुसल रगड़ कर उसे खड़ा कर रहा था और उसकी नजरें दरवाजे के गैप पर थी कि कब उसकी मा उपर आये ,
सोनल बिस्तर पर समान बिखरा कर उनको अलग अलग छंटाई करने व्यस्त थी उसे अमन की छ्टपटाहट का जरा भी ध्यान नही दिया वो अपने काम मे व्यस्त थी ।
इधर ममता दरवाजे तक पहुची , थोड़ी सी दोनो मा बेटे मे इशारे बाजी और अमन खुश होकर अपना मुसल रगड़ते हुए सोनल के करीब खड़ा हो गया
ममता की नजरे दरवाजे और पर्दे की ओट से भीतर की मस्ती देखने लगी ।

अमन सोनल के पास बैठ कर उसको बाहों मे भरने लगा तो सोनल खीझ कर - प्लीज बाबू देखो ना कितना काम पडा है , प्लीज परेशान ना करो ऊहह हटो!!
ममता ने बिस्तर पर फैले हुए समान को देखा और समझ गयी कि उसकी बहू गलत नही है ये लड़का ही गलत समय पर जिद दिखा रहा है ।

अमन उसके गाल चुमते हुए कान के पास गर्म सासे छोड कर अपना लन्ड मुठीयाते हुर - आह्ह जानू प्लीज थोडा सा चुस दो ना
सोनल आंखे उठा कर - सिरियली बेबी , आप यारर

सोनल की ये प्रतिक्रिया ममता को अखर गयी कि सोनल को आये अभी एक दिन नही हुआ और वो ऐसे कैसे लहजे मे अमन पर भडक रही है । नयी नयी शादी है मेरा लाडले का मन मार कर रखेगी क्या ये हुह

इससे पहले अमन और गुजारिशे करता ममता ने दरवाजा खटखटा कर अमन को आवाज दी
सोनल ने झट से अमन को दुर करते हुए साडी का पल्लू सर पर रखते हुए अमन को आन्ख दिखाओ कि वो अपना तना हुआ मुसल छिपाये ।
अमन लपक कर एक कुसीन उठा कफ उसको गोद मे लेके बैठ गया ।

ममता कमरे मे आई और जायजा लेकर अमन को किसी काम के बहाने से कमरे से बाहर लेकर आ गयी ।

राज की जुबानी

अनुज के आते ही मै बिना समय गवाये पापा की दुकान पर पहुच गया
बबलू काका से बात हुई तो पता चला कि पापा छत पर आराम कर रहे है और बुआ खाना लेकर उपर ही गयी है ।

मै समझ ही गया कि वहा कौन और कैसे आराम कर रहा होगा ।
मै भी उपर निकल गया और जीने के पास ही अपनी चप्पल उतार कर सरपट सीढिया फांद्ता उपर आ गया ।
उपर बरतन के गोदाम थे और ये दुसरी मर्तबा था कि मुझे गलियारे मे बिखरे बर्तन से बच कर अपने बाप को किसी की ठुकाई करते हुए देखने का मौका मिल रहा था ।

जैसे ही कमरे के पास पहुचा कामुक सिसकियाँ और तेज थपथप की आवाज और गर्म आहे उठ रही थी , मगर दरवाजा बन्द

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नजर मेरी की होल पर गयी और आंखो का फोकस बढा कर कमरे का नजारा देखा तो मजा ही आ गया ।
सामने बिस्तर पर बुआ घोडी बनी हुई थी और पापा खड़े होकर तेज झटके से उनकी गाड़ फ़ाड रहे थे ।

तेज पंखे ही हवा मे उनकी बाते मुझे साफ नही सुनाई दे रही थी मगर बुआ की दर्द भरी आहे मेरे लन्ड को फौलादी किये जा रही थी ।

हालांकि भले ही मैने पापा से आग्रह कर रखा था बुआ को साथ मे मिल कर पेलने का मगर बुआ की चुदाई छिपा कर असल मे मैने खुद के पैर पर कुल्हाडी मार रखी थी ।
मुझे अब लग रहा था कि काश मैने पापा को पहले बता रखा होता तो आज उनके साथ मिल कर बुआ को पेलता ।
खुद पर गुस्सा आ रहा और मैने दरवाजे पर हाथ रखकर खड़ा होने को हुआ तो मेरे दबाव से दरवाजा अपने आप खुलने लगा

मतलब दरवाजा बस भिड़काया गया था , मेरे चेहरे की बूझती रौनक लौट आई और मै पीछे हट गया ।

कमरे का दरवाजा खुलता देख बुआ चौकी - कड़ी नही लगाई थी क्या भैया

पापा उनके कुल्हे मसलते हुए - ऊहह दीदी आपको चोदने के जोश मे रह ही गया ।

बुआ थोड़ा मुस्कुराई मगर पापा के करारे तेज झटके से लन्ड की उन्की गाड़ की सुराख को और मोटा कर रहा था और वो दर्द भरी सिसकियाँ ले रही थी ।

मेरा लन्ड फौलादी होने लगा था मैं उसे निकालने लगा कि तभी पापा की आवाज सुनाई दी- ओह्ह दीदी मै सच कर रहा हु जंगी जिस तरह से आपको देखता है पक्का वो भी आपको चोदना चाहता है ।

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पापा की बात पर मैं अपना मुसल मसल कर मुस्कुरा और बड़बड़ाया - हिहिही पापा चाचू तो आपसे पहले ही बुआ को चोद चुके है ,

इसपे बुआ कसम्साती हुई पापा के झटके का जवाब देती हुई - तो तुम क्या चाहते भैया अह्ह्ह सीई ओह्ह्ह

पापा रुक गये और लन्ड बाहर निकाल लिया और मै वापस दिवाल की ओट मे छिप गया

कुछ सेकेंड बाद वापस कमरे ने झाका तो नजारा बदल चुका था और बुआ की सिस्किया तेज हो गयी
पापा बुआ को पीठ के बल लिटा कर उनकी बुर मे लन्ड दे रहे थे

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बुआ - ओह्ह बताओ ना उह्ह्ह फ्क्क्क ऊहह
पापा मुस्कुरा कर लन्ड को बड़े आराम से उन्की बुर मे रगड़ते हुए - आह्ह दीदी छोटे को भी मौका दो ना उम्म्ंम और

बुआ अपनी थन जैसी मोटी हिल्कोरे खाती चुचिया थाम कर - अह्ह्ह आऔरर क्याअह्ह्ह उम्म्ं बोलो ना भैयाआह्ह

पापा - फिर हम दोनो भाई मिलकर
बुआ रोमांच से भर गयी और उनकी गाड़ खुद से ही उछलने लगी - आह्ह सच मे भैया उह्ह्ह दो दो लन्ड एक साथ

पापा तेज झटके से लन्ड घुसाते हुए -हा जीजी सोचो ना तुम्हारी गाड़ और बुर हम दोनो भाइयो का लन्ड साथ मे घुसा होगा ।

बुआ मचल उठी और अपनी चुत मसलते हुए - आह्ह सच मे भैयाह्ह्ह ऊहह मै तो पागल ही हो जाउंगी उह्ह्ह लेकिन ये होगा कैसे और दो लन्ड एक साथ उह्ह्ह भैयाअह्ह्ह ये क्या कह दिया आपने , मेरी दबी हुई आरजू को फिर से जगा दिया अह्ह्ह भैया चोदो मूझे और कस के उह्ह्ह फक्क मीईई भैहाह्ह्ह्ह ऊहह

पापा मुस्कुराए और बोले - अगर आप कहो से अभी आपको दो दो लन्ड का मजा दिला दू उम्म्ंम बोलो चाहिये

बुआ अपनी चुचिया मिजती हुई तडप कर - क्या सच मे जंगी भी आ रहा है क्या ?

पापा मुस्कुराए - उंहू नही
बुआ - फिर ?

तभी पापा की आवाज आई और मै बुआ दोनो चौक गये ।

पापा - राज बेटा अन्दर आजा
बुआ - क्या राज ?
मेरी फट सी गयी और मै हाथो मे लन्ड लिये हिलात हुआ कमरे मे हाजिर हुआ

बुआ गरदन उपर कर मुझे देख रही थि और मै बतिसी दिखा रहा था ।
बुआ - भैया ये राज के साथ आपका कुछ समझ नही आया

पापा हस कर - आप आम खाओ ना दीदी गुठली के पीछे क्यू
मै मुस्कुरा कर - पापा आम नही लन्ड हीहिहिही

और मै बुआ के सर के पास बैठ कर उनकी नंगी चुचिया हाथों मे भरता हुआ मसलने लगा ।
बुआ अभी भी असमंजस मे थी और कामुकता उनके चेहरे से उतर सी चुकी थी ।
चुत मे रेंगते पापा के लन्ड मा असर भी नही दिख रहा था ।

मै - बुआ वो मेरी और पापा की जोड़ी कुछ समय पुरानी है

बुआ - जोड़ी? मतलब तुम दोनो पहले भी किसी के साथ

पापा मुस्कराये - हा दीदी
बुआ - किसके ?
मै - मम्मी !!
पापा - रुब....।।
मेरे जवाब पर पापा की बात मुह मे ही रह गयी ।
शिला चौककर नजरे उठा कर मेरी ओर निहारते हुए - कब कैसे , मतलब मै समझी नही , भाभी इनसब के लिए कैसे ?

मैने मुस्कुरा कर पापा को देखा और पापा का चेहरा अब पहले जैसा खिला नही था, शायद वो मा के बारे मे नही बता कर किसी और का नाम लेना चाह रहे थे ।
पापा ने आँखो ही आंखो मे मुझे घूरा और मानो पुछ रहे हो कि इसको कैसे समझायेगा हमारे सारे भेद खुल जायेगे ।

मैने आंख मारी और हस कर - क्यू बुआ भूल गयी हिहिहिही
बुआ - क्या ?
मै - जब आप राखी पर आई थी और खुली छत पर आप पापा के लन्ड पर उछल रही थी फिर मा को तड़पता देख कर आपने औरपापा ने जोश मे आकर मा को मेरे लन्ड पर बिठा दिया था कि मै सोया हु हिहिहिही याद आया ।

ये बात तो पापा के लिए भी चौकाने वाली थी और शिला बुआ के लिए भी ।
शिला - तो क्या तु उस रात जाग रहा था ?

पापा ने भी आंखो से वही सवाल दुहराया तो मै खिलखिलाकर - बगल मे इत्नी मोटी चुचियो वाली बुआ की गाड़ मारी जा रही हो और मै सो जाऊ हिहिहिही

शिला हस कर - धत्त बदमाश कही का , लेकिन तु और तेरे पापा कैसे ?

"आपके जाने के बाद एक रात पापा ने फिर मम्मी को मुझे सोया हुआ जानकर मेरे लन्ड पर बिठाया था " , मै मुस्कुरा कर पापा को आंख मारी ।

बुआ के चुचिया अब वापस से खड़ी होने लगी थी , उनकी चुत के मासपेशियाँ एक बार फिर से पापा के लन्ड पर कसनी शुरु हो गयी थी , मतल्ब साफ था कि बुआ की कामोत्तेजना वापस आ रही थी और उनकी उत्सुकता बढ़ रही थी ।

मैने उनकी खरबजे जैसी मोटी चुचिया दोनो हाथो से पकड कर उन्हे सहलाता हुआ - फिर क्या मै लेटा हुआ था और मम्मी मेरे लन्ड पर कूद रही थी और पापा उन्के मुह मे लन्ड डाले हुए थे , ऐसा एक बार नही दो तीन रातों से हो रहा था ।

बुआ ने पापा की ओर देख कर - क्या सच मे ?
मैने पापा को हा मे सर हिलाने का इशारा किया - मुझसे रहा नही जा रहा था और उस रात मैने अपनी जान्घे फ़ोल्ड करके मुम्मी की कमर पकड कर निचे से लन्ड उनकी चुत मे पेलने लगा

बुआ के हाथ खुद ब खुब उनकी चुत के दाने पर पहुचने लगे और शरीर मे मस्ती बढने लगी ।
मै - पहले मा चौकी मगर कुछ बातचित के बाद हम तिनो साथ से मजे किये और तब से हिहिही
बुआ चेहरे पर कामुकता फिर से चढ़ आई थी और वो पापा का लन्ड टटोलकर उसे भितर घुसाते हुए - क्या भैया इतनी बड़ी बात मुझसे छिपाई उम्म्ंम

पापा अपना लन्ड वापस से बुआ के बुर मे रेंगाते हुए - आह्ह दीदी सॉरी मुझे लगा कही राज को शामिल करने से आपको गुस्सा ना आये

बुआ ने लपक कर मेरा लन्ड पकड कर - आह्ह इतना बड़ा लन्ड देख कर कोई पागल ही होगी जो गुस्साअह्ह्ह उम्म्ंम उम्म्ं उग्ग्ग्ग उग्ग अह्ह्ह सीईईई

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पापा के तेज धक्को से बुआ का मुह लन्ड को आकर भी हट गया और मै झूक कर उनकी रसदार चुचियां पीने लगा ।

बुआ - हा अब भले ही गुस्सा आ रहा है
पापा - क्यू दीदी
बुआ - घर मे जवान लन्ड रहते हुए भी मुझे तरसाते रहे उह्ह्ह ऊहह

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मै मुस्कुरा कर अपना लन्ड उन्के मुह मे भरता हुआ - अब नही होगा आगे से , क्यू पापा
पापा - आह्ह हा बेटा, हा दीदी उह्ह्ह लो अब दो दो लन्ड का मजा
पापा ने बुआ की जान्घे पकड कर कस कस के उनकी बुर मे पेलने लगे और मै भी उन्के मुह मे लन्ड भरते हुए उनकी रसदार मोटी चुचिया मसलने लगा - ओह्ह बुआ कितना मस्त चुस रही हो आह्ह लोह और भर लो उह्ह्ह

मैने लन्ड को उनके गले तक चोक करते हुए कहा ।
बुआ मुह से लन्ड बाहर निकाल कर खास्ती हुई मेरा लन्ड हिलाने लगी - आह्ह बाप बेटेहहह ऊहह फक्क्क उम्मममं सीई दोनो का लन्ड एक सा है उह्ह्ह

पापा - आखिर बेटा किसका है दिदीईई ऊहह इतने दिन से आपको चोदने का मन था लेकिन शादी मे ना आपको समय मिला ना मुझे

बुआ - हा भैया मेरी भी बुर बिना लन्ड के खुजाती रही बस
मै - आह्ह बुआ अब तो मेरे लन्ड की खुजली बढ़ रही है प्लीज कुछ करो ना

पापा - अह हा बेटा , दीदी यहा आजाअओ
पापा पीछे हट कर बिस्तर पर टेक लेकर बैठ गये और बुआ घोड़ी बनती हुई उनका लन्ड मुह मे भर लिया

पापा - ऊहह दीदी आह्ह चुसो उम्म्ंं उफ्फ्फ क्या मस्त चुस्ती हो
इधर मै बाकी कपडे उतार कर अपना मुसल मसल रहा था , सामने बुआ की बड़ी सी गाड़ का छेद और खुली हुई भोसडी की फाके दिख रही थी जिसे पापा पकड कर फैलाये हुए थे ।

पापा - आजा बेटा डाल ले उह्ह्ह दीदी ऊहह कितनी मुलायम गाड़ है

मै अपने लन्ड को मसलता हुआ बिस्तर पर आकर लन्ड को उनकी बुर के फाको मे फसाते हुए एक जोर का झटका दिया और लन्ड जड़ तक बुआ के चुत मे चली गयी
बुआ पापा का लन्ड कस कर हाथो मे भर सिसकी और पापा की भी आह निकल गयी
बुआ - ओफ्फ्फ लल्ला उह्ह्ह आराआम्म्ं से बेटा उह्ह्ह फ्क्क्क उम्मममं कितना कड़ा है तेरा मुसल उफ्फ्फ फ्क्क्क उम्म्ं

मै बुआ की गाड पकड कर उनको चोदता हुआ - ऊहह बुआ आपकी चुत भी तो भट्टी जैसे तप रही है ऊहह कितनी नरम गाड है

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बुआ पापा का लन्ड मुह मे भर घोन्ट रही थी और पापा उनका सर पकड कर मुह मे पेल्ते हुए - ऊहह दीदी मजा आ गया आज तो ऊहह और लो उम्म्ंम

मै भी जोश मे कस कस के करारे झटके दे रहा था और बुआ के चुत मेरे लन्ड को भितर से चुस रही थी ।

उनकी चर्बीदार बड़ी गाड़ को मसलकर लम्बे लम्बे शॉट लगाने का मजा ही और था उसपे से पापा के साथ मजा दुगना हो गया था

पापा लन्ड एक बार फिर तैयार और तनमना गया था
पापा - बेटा थोड़ा जगह बदली की जाये

मै मुस्कुरा कर - हा हा क्यू नही लेकिन मै क्या सोच रहा हु

पापा - क्या
फिर मैने उन्हे अपनी तरकिब बताई और अलग ही पल पापा निचे से बुआ की चुत के परख्चे उड़ाने लगे
उन्की तेज जोशीली कमर उछ्लाने की गति बुआ की गाड़ बुरी तरह से झटके खा रही थी और मेरी नजर बुआ के उस गुलाबी सुराख पर थी जो खुल बन्द हो रही थी ।बुआ की चिखे चरम पर थी

सुपाड़े को चिकना कर मै भी अपना पोजिसन लेकर लन्ड को बुआ के गाड़ की सुराख पर रखा और बुआ की सासे चढने लगी
थोडा सा दबाव और प्चक कर सुपाडा गाड़ के छल्ले को भेद्ता 2 इंच अंदर

बुआ की आंखे उलट गयि - आह्ह लल्ला आराम से बाबू उह्ह्ह ओफ्फ्फ

पापा बुआ की रसदार चुचियो को चुबलाते हुए लन्ड को समान्य गति से बुर मे पेल रहे थे
उनके लन्ड बुर मे गतिविधियों का अनुमान मुझे सुपाड़े की गाठ पर स्पष्ट मह्सूस हो रहा था और मेरे लन्ड की फड़क तेज हो रही थी
आगे झुक कर लन्ड को एक करारे झटके के साथ आधे से ज्यादा बुआ की गाड़ मे उतार दिया और मेरी भी हालत खराब ही हो गयी समझो

बुआ बुरी तरह हाफ रही थी गाड़ मे मची हलचल से जिस्म पुरा पसिना पसीना हुआ पड़ा था और दोनो लन्ड अब अपनी जगह बनाते हुए धिरे धिरे रेन्ग रहे थे ।

बुआ - ऊहह लल्ला अह्ह्ह अब रुका क्यू है
मै मुस्कुराया और एक करारे झटके के साथ लण्ड को उनकी गाड़ मे पेलने लगा , बुआ के जिस्म की अकड़ना उनकी बहटी चुत का सन्देस दे रही थी और उसी बहती चुत मे पापा के लन्ड की तेज रफ़्तार से अन्दर बाहर हो रहा था

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थप्प थप्प के साथ अब फच्च फच्च की आवाजे उठने लगी थी
पापा और मै दोनो तेजी से लन्ड गाड़ और चुत मे भर रहे थे
बुआ - अह्ह्ह भैया ऊहह लल्ला तुम्हारे लन्ड उह्ह्ह और तेज ऊहह मेरा हो रहा है अह्ह्ह उह्ह्ह सीईई फ्क्क मीईई ओफ्फ्फ्फ भैयाअह्ह्ह ऐसे ही ऐसे ही उह्ह्ह रुकना मत

मै - आह्ह बुआ रुकना क्यू है आज फ़ाड कर रहेंगे
बुआ - हा फ़ाड दो ऊहह फ्क्क्क मीईई

बुआ झड़ने के बाद अपने गाड़ और चुत के छल्ले कसने शुरु कर दिये और पहले पापा कसमाये - आह्ह दीदी आ रहा है मेरा उह्ह्ह
फिर मुझे भी वैसा ही कुछ मह्सुस हुआ
झटके उठकर मै अलग हुआ और पापा भी खड़े हुए
बुआ घुटने के बल हमारे लन्ड के निचे

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तेज गाढी पिचकारियां एक एक कर दोनो तरफ से बुआ के चेहरे पर गिरी और वो मुह खोले वीर्य की खुराख गटकने लगी

चेहरे पर फैले वीर्य को उंगलियो मे भर कर चाटने के बाद बुआ ने हमारे लन्ड की सफाइ की और कुछ पल हम नन्गे ही पन्खे की हवा मे लेटे रहे ।

थोड़ी देर बाद हमने कपडे पहने और मैने बुआ से पूछा - तो बुआ घर चलना है या चाचा के यहा

बुआ शर्मा कर हसने लगी
पापा - क्या बात है भाई तुम लोग हस क्यू रहे हो ।

मै - पापा वो क्या है मै टिफ़िन लेके आ रहा था तो बुआ ने खास मम्मी से बोल कर आई थी कि उन्हे चाचा के यहा जाना , वो तो यहा आने के बाद पता चला कि हिहिहिही

बुआ - चुप कर बदमाश
पापा मुस्कुरा कर - चले जाओ ना दीदी जन्गी अकेला होगा

बुआ ने पापा को आंखे दिखाने लगी तो मै हस कर - कोई फायदा नही पापा , चाची और राहुल भी घर चले गये है हिहिहिही
बुआ ने हस कर मेरे कंधे पर चपत लगाई और फिर मै बुआ के साथ निकल गए चौराहे वाले घर के लिए

रास्ते मे
बुआ - तु बडा चालाक है रे , भइया भाभी को भी तुने लपेट लिया और मुझे बताया तक नही उम्म्ं
मै हस कर - अभी तो बहुत कुछ नही जानती हो आप बुआ हिहिही
बुआ - जैसे ?
राज - ऐसे कैसे सब मेरा ही जान लोगी , घर चलो मुझ पहले आपसे बहुत कुछ जानना है ।

फिर हम दोनो घर के लिए निकल गये ।


***************************************

उधर शालिनी को वापस देख कर जन्गी की भुनभुनाहट अलग बनी हुई थी , परेशान चिडचिडा होकर वो राहुल को दुकान पर बिठा कर खुद निकल जाता है रंगी से मिलने ।

इधर सोनल वाले कमरे मे निशा और रज्जो सफाई के लिए आलमारियां खाली कर रहे थे , रागिनी अनुज के कमरे मे भिड़ी थी ।
रज्जो आलमारि से सोनल के पुराने कपडे निशा से पुछ कर बाहर कर नीचे फर्श पर गिरा रही थी और निचे बैठी निशा उसे फ़ोल्ड कर एक बैग मे रख रही थी , तभी कपडो के बिच से शिला का 10 इंच वाला डील्डो भी गिरा और रबर की डिलडो फर्श पर आते ही दो फीट हवा मे उछल कर वापस फर्श पर चिपकर खड़ा हो कर हिलने लगा

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निशा और रज्जो दोनो की आंखे फैली हुई थी , वो कभी एक दूसरे को चौक कर देखती तो कभी उस बड़े से लन्ड वाले डिल्डो को ।


जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Ab toh sab Apne Apne Ghar aa chuke hai ab anuj ragini aur Rahul k family foursome karao

Ab to shadi khatam ab aage kya dekhne milta hai aage dekhte hai

Bidai bhi Gamgin hoti hai. masti ke din pure hue. Pratiksha agle rasprad update ki

Jabardast bhai ji kya kamuk or garam kr dene wala update diya maja aa gya

Aakir kamalnath ne bhi apni manmani kar hi li salini ko chod kr bechare janggi ko kya pta ki salini ne uski harkat ko chupane k liye hi kamalnath ke sath ye sab kiya h

Ab dekhte h salini janggi ki kya bat hoti h or aman or Raj anuj or rahul ke ghar me aage kya kya hota h iska intjar rahega kyu ki arunko bhi rahul apne ghar le jane wala h bhai

Mast kammuk update

Enjoy your vacation and have a good time …

Thanks For Update Bhai ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ Keep It Up 💯 💯💯💯💯💯💯❤️❤️❤️❤️❤️ Waiting For Next Update Please Give Update Soon

Mast Update Brother :booby2: :booby2: :booby2: :booby2: :booby2: :booby2:

jhakkas update Bhai.....

Humme toh sonal ka intezar hai kab Tak apne papa, chacha, sasur se wwe khelegi...
Waiting

Ab Raha nahi j Raha hai Bhai update do anuj ragini rangi Rahul k family foursome Wala aur Bhai itne update ho chuke par abhi tak koi orgy program nahi bana

Bhai, latest update post kiya hai. Dekh le ek baar. Will wait for your comments. Thanks.

DREAMBOY40

Shandar update

Waiting for more update

Kamal nath ne to sahi morcha maar lia, jane se pahle Shalini ko bhi baja daala ab sirf sagi saali Ragini rah gayi hai, bechare Jangi ke liye bura lag raha hai, Lekhak se nivedan hai uske liye bhi muawaze ka intezaam kiya jaye.

Congratulations 🎊 for 1000 pages

jangi aur ragini ka kuch nokjhok dalo yrr ragini ke lie to aankhe tadap rhi h

Congratulations for completing 1000 pages with the Superb Writing Skills and fantastic Story/Dream. Keep it up.

Congratulations on 1000 pages nd many more to come

Congratulations for 1000 page

Super Hot Bhai 🔥

Kamalnath badha ghatiya character hai , koi pariwar ki aurat iska murder kar de to maza aa jaye !! iska naam padh ke mood kharab ho jata hai .
ya to kamalnath ke saamne rajo ka gangbang kiya jaye

बहुत ही गर्मागर्म अपडेट भाई

New update is posted
 

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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Shandar update
 

Deepaksoni

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अमन के घर

मुहल्ले की औरते अपना गीत संगीत गा कर , सोनल की मुह देखाई कर वापस लौट चुकी थी
किचन के लिये ममता ने शादी के पहले जो रसोइया रखी थी अभी कुछ दिन और रुकने वाली थी ।

घर के सभी लोग फ्रि थे , मुरारी मदन हिसाब किताब कर रहे थे हाल मे
ममता और संगीता मे हसी ठिलौली चल रही थी और भोला भी उसका हिस्सा बन रहा था ।

ममता के इशारे पर भोला ने मदन के मजे लेते हुए - मुरारी भैया , अब ले दे इस घर मे एक ही रडूआ आदमी रह गया है , इस बैल को भी किसी खूँटे से बान्ध ही दो ।

भोला की बात पर मुरारी को हसी आई और वो उसके फब्बारे होठों मे दबा कर मुह दुसरी ओर कर लेता है और मदन अपने जीजा का मजाक समझ कर शर्माते हुए लाल गालो के साथ हस कर - क्या जीजा , भला अब मेरी उम्र है शादी करने की ।

संगीता - अरे मदन भईया हमारे इधर एक मौलवी साहब ने 75 की उम्र मे शादी की है हिहिहिहिही

संगीता की बात पर मुरारी उसे देखता है और वापस हस्ते हुए अपने कापी मे हिसाब देखने लगता है

वहॉ संगीता की बात पर ममता उस्का पक्ष लेते हुए - और क्या हमारे देवर जी कौन सा 75 पार कर गये है , स्माइल कर दे तो मेरी समधन फीदा हो जाये

संगीता और ममता ने खिलखिलाते हुए एक दुसरे को ताली दी और महौल खुशनुमा हो गया ।

संगीता हस्ती हुई - मै तो कह ही रही हु मेरी छोटी ननद इधर उधर भटक रही है , पूंछ मे लपेट ही लो उसे और फेरे लेलो

संगीता की बात सुनकर मुरारी की दिलचसपी बढ़ी मगर जिस तरह इस बात को हवा मे उड़ा जा रहा था मुरारी ने ये सब भूलकर हिसाब किताब मे लग गया ।

वही उपर अमन के कमरे मे सोनल अपनी चीजे सेट कर रही थी और अमन उसको इधर उधर छू कर परेशान कर रहा था और सोनल जो कि रात की दोहरी चुदाई से इतना थकी थी उसपे से सुबह से 3 घन्टे तक औरतो के बीच बैठना और फिर अपना सारा समान सेट करना , उसपे अमन की छेड़खानी उसका चिडचिडापन बढा रही थी ।
अमन ने देखा कि यही सही मौका है अपनी मा को बुलाने का और उसने पापा के मोबाइल पर फोन कर अपनी मा से बात की ।

फोन पर बात करते ही ममता अमन का इशारा समझ गयी उसकी दिल की धड़कने तेज होने लगी और वो उठ कर जीने से उपर चली गयी ।

वही अमन शॉर्ट्स मे अपना मुसल रगड़ कर उसे खड़ा कर रहा था और उसकी नजरें दरवाजे के गैप पर थी कि कब उसकी मा उपर आये ,
सोनल बिस्तर पर समान बिखरा कर उनको अलग अलग छंटाई करने व्यस्त थी उसे अमन की छ्टपटाहट का जरा भी ध्यान नही दिया वो अपने काम मे व्यस्त थी ।
इधर ममता दरवाजे तक पहुची , थोड़ी सी दोनो मा बेटे मे इशारे बाजी और अमन खुश होकर अपना मुसल रगड़ते हुए सोनल के करीब खड़ा हो गया
ममता की नजरे दरवाजे और पर्दे की ओट से भीतर की मस्ती देखने लगी ।

अमन सोनल के पास बैठ कर उसको बाहों मे भरने लगा तो सोनल खीझ कर - प्लीज बाबू देखो ना कितना काम पडा है , प्लीज परेशान ना करो ऊहह हटो!!
ममता ने बिस्तर पर फैले हुए समान को देखा और समझ गयी कि उसकी बहू गलत नही है ये लड़का ही गलत समय पर जिद दिखा रहा है ।

अमन उसके गाल चुमते हुए कान के पास गर्म सासे छोड कर अपना लन्ड मुठीयाते हुर - आह्ह जानू प्लीज थोडा सा चुस दो ना
सोनल आंखे उठा कर - सिरियली बेबी , आप यारर

सोनल की ये प्रतिक्रिया ममता को अखर गयी कि सोनल को आये अभी एक दिन नही हुआ और वो ऐसे कैसे लहजे मे अमन पर भडक रही है । नयी नयी शादी है मेरा लाडले का मन मार कर रखेगी क्या ये हुह

इससे पहले अमन और गुजारिशे करता ममता ने दरवाजा खटखटा कर अमन को आवाज दी
सोनल ने झट से अमन को दुर करते हुए साडी का पल्लू सर पर रखते हुए अमन को आन्ख दिखाओ कि वो अपना तना हुआ मुसल छिपाये ।
अमन लपक कर एक कुसीन उठा कफ उसको गोद मे लेके बैठ गया ।

ममता कमरे मे आई और जायजा लेकर अमन को किसी काम के बहाने से कमरे से बाहर लेकर आ गयी ।

राज की जुबानी

अनुज के आते ही मै बिना समय गवाये पापा की दुकान पर पहुच गया
बबलू काका से बात हुई तो पता चला कि पापा छत पर आराम कर रहे है और बुआ खाना लेकर उपर ही गयी है ।

मै समझ ही गया कि वहा कौन और कैसे आराम कर रहा होगा ।
मै भी उपर निकल गया और जीने के पास ही अपनी चप्पल उतार कर सरपट सीढिया फांद्ता उपर आ गया ।
उपर बरतन के गोदाम थे और ये दुसरी मर्तबा था कि मुझे गलियारे मे बिखरे बर्तन से बच कर अपने बाप को किसी की ठुकाई करते हुए देखने का मौका मिल रहा था ।

जैसे ही कमरे के पास पहुचा कामुक सिसकियाँ और तेज थपथप की आवाज और गर्म आहे उठ रही थी , मगर दरवाजा बन्द

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नजर मेरी की होल पर गयी और आंखो का फोकस बढा कर कमरे का नजारा देखा तो मजा ही आ गया ।
सामने बिस्तर पर बुआ घोडी बनी हुई थी और पापा खड़े होकर तेज झटके से उनकी गाड़ फ़ाड रहे थे ।

तेज पंखे ही हवा मे उनकी बाते मुझे साफ नही सुनाई दे रही थी मगर बुआ की दर्द भरी आहे मेरे लन्ड को फौलादी किये जा रही थी ।

हालांकि भले ही मैने पापा से आग्रह कर रखा था बुआ को साथ मे मिल कर पेलने का मगर बुआ की चुदाई छिपा कर असल मे मैने खुद के पैर पर कुल्हाडी मार रखी थी ।
मुझे अब लग रहा था कि काश मैने पापा को पहले बता रखा होता तो आज उनके साथ मिल कर बुआ को पेलता ।
खुद पर गुस्सा आ रहा और मैने दरवाजे पर हाथ रखकर खड़ा होने को हुआ तो मेरे दबाव से दरवाजा अपने आप खुलने लगा

मतलब दरवाजा बस भिड़काया गया था , मेरे चेहरे की बूझती रौनक लौट आई और मै पीछे हट गया ।

कमरे का दरवाजा खुलता देख बुआ चौकी - कड़ी नही लगाई थी क्या भैया

पापा उनके कुल्हे मसलते हुए - ऊहह दीदी आपको चोदने के जोश मे रह ही गया ।

बुआ थोड़ा मुस्कुराई मगर पापा के करारे तेज झटके से लन्ड की उन्की गाड़ की सुराख को और मोटा कर रहा था और वो दर्द भरी सिसकियाँ ले रही थी ।

मेरा लन्ड फौलादी होने लगा था मैं उसे निकालने लगा कि तभी पापा की आवाज सुनाई दी- ओह्ह दीदी मै सच कर रहा हु जंगी जिस तरह से आपको देखता है पक्का वो भी आपको चोदना चाहता है ।

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पापा की बात पर मैं अपना मुसल मसल कर मुस्कुरा और बड़बड़ाया - हिहिही पापा चाचू तो आपसे पहले ही बुआ को चोद चुके है ,

इसपे बुआ कसम्साती हुई पापा के झटके का जवाब देती हुई - तो तुम क्या चाहते भैया अह्ह्ह सीई ओह्ह्ह

पापा रुक गये और लन्ड बाहर निकाल लिया और मै वापस दिवाल की ओट मे छिप गया

कुछ सेकेंड बाद वापस कमरे ने झाका तो नजारा बदल चुका था और बुआ की सिस्किया तेज हो गयी
पापा बुआ को पीठ के बल लिटा कर उनकी बुर मे लन्ड दे रहे थे

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बुआ - ओह्ह बताओ ना उह्ह्ह फ्क्क्क ऊहह
पापा मुस्कुरा कर लन्ड को बड़े आराम से उन्की बुर मे रगड़ते हुए - आह्ह दीदी छोटे को भी मौका दो ना उम्म्ंम और

बुआ अपनी थन जैसी मोटी हिल्कोरे खाती चुचिया थाम कर - अह्ह्ह आऔरर क्याअह्ह्ह उम्म्ं बोलो ना भैयाआह्ह

पापा - फिर हम दोनो भाई मिलकर
बुआ रोमांच से भर गयी और उनकी गाड़ खुद से ही उछलने लगी - आह्ह सच मे भैया उह्ह्ह दो दो लन्ड एक साथ

पापा तेज झटके से लन्ड घुसाते हुए -हा जीजी सोचो ना तुम्हारी गाड़ और बुर हम दोनो भाइयो का लन्ड साथ मे घुसा होगा ।

बुआ मचल उठी और अपनी चुत मसलते हुए - आह्ह सच मे भैयाह्ह्ह ऊहह मै तो पागल ही हो जाउंगी उह्ह्ह लेकिन ये होगा कैसे और दो लन्ड एक साथ उह्ह्ह भैयाअह्ह्ह ये क्या कह दिया आपने , मेरी दबी हुई आरजू को फिर से जगा दिया अह्ह्ह भैया चोदो मूझे और कस के उह्ह्ह फक्क मीईई भैहाह्ह्ह्ह ऊहह

पापा मुस्कुराए और बोले - अगर आप कहो से अभी आपको दो दो लन्ड का मजा दिला दू उम्म्ंम बोलो चाहिये

बुआ अपनी चुचिया मिजती हुई तडप कर - क्या सच मे जंगी भी आ रहा है क्या ?

पापा मुस्कुराए - उंहू नही
बुआ - फिर ?

तभी पापा की आवाज आई और मै बुआ दोनो चौक गये ।

पापा - राज बेटा अन्दर आजा
बुआ - क्या राज ?
मेरी फट सी गयी और मै हाथो मे लन्ड लिये हिलात हुआ कमरे मे हाजिर हुआ

बुआ गरदन उपर कर मुझे देख रही थि और मै बतिसी दिखा रहा था ।
बुआ - भैया ये राज के साथ आपका कुछ समझ नही आया

पापा हस कर - आप आम खाओ ना दीदी गुठली के पीछे क्यू
मै मुस्कुरा कर - पापा आम नही लन्ड हीहिहिही

और मै बुआ के सर के पास बैठ कर उनकी नंगी चुचिया हाथों मे भरता हुआ मसलने लगा ।
बुआ अभी भी असमंजस मे थी और कामुकता उनके चेहरे से उतर सी चुकी थी ।
चुत मे रेंगते पापा के लन्ड मा असर भी नही दिख रहा था ।

मै - बुआ वो मेरी और पापा की जोड़ी कुछ समय पुरानी है

बुआ - जोड़ी? मतलब तुम दोनो पहले भी किसी के साथ

पापा मुस्कराये - हा दीदी
बुआ - किसके ?
मै - मम्मी !!
पापा - रुब....।।
मेरे जवाब पर पापा की बात मुह मे ही रह गयी ।
शिला चौककर नजरे उठा कर मेरी ओर निहारते हुए - कब कैसे , मतलब मै समझी नही , भाभी इनसब के लिए कैसे ?

मैने मुस्कुरा कर पापा को देखा और पापा का चेहरा अब पहले जैसा खिला नही था, शायद वो मा के बारे मे नही बता कर किसी और का नाम लेना चाह रहे थे ।
पापा ने आँखो ही आंखो मे मुझे घूरा और मानो पुछ रहे हो कि इसको कैसे समझायेगा हमारे सारे भेद खुल जायेगे ।

मैने आंख मारी और हस कर - क्यू बुआ भूल गयी हिहिहिही
बुआ - क्या ?
मै - जब आप राखी पर आई थी और खुली छत पर आप पापा के लन्ड पर उछल रही थी फिर मा को तड़पता देख कर आपने औरपापा ने जोश मे आकर मा को मेरे लन्ड पर बिठा दिया था कि मै सोया हु हिहिहिही याद आया ।

ये बात तो पापा के लिए भी चौकाने वाली थी और शिला बुआ के लिए भी ।
शिला - तो क्या तु उस रात जाग रहा था ?

पापा ने भी आंखो से वही सवाल दुहराया तो मै खिलखिलाकर - बगल मे इत्नी मोटी चुचियो वाली बुआ की गाड़ मारी जा रही हो और मै सो जाऊ हिहिहिही

शिला हस कर - धत्त बदमाश कही का , लेकिन तु और तेरे पापा कैसे ?

"आपके जाने के बाद एक रात पापा ने फिर मम्मी को मुझे सोया हुआ जानकर मेरे लन्ड पर बिठाया था " , मै मुस्कुरा कर पापा को आंख मारी ।

बुआ के चुचिया अब वापस से खड़ी होने लगी थी , उनकी चुत के मासपेशियाँ एक बार फिर से पापा के लन्ड पर कसनी शुरु हो गयी थी , मतल्ब साफ था कि बुआ की कामोत्तेजना वापस आ रही थी और उनकी उत्सुकता बढ़ रही थी ।

मैने उनकी खरबजे जैसी मोटी चुचिया दोनो हाथो से पकड कर उन्हे सहलाता हुआ - फिर क्या मै लेटा हुआ था और मम्मी मेरे लन्ड पर कूद रही थी और पापा उन्के मुह मे लन्ड डाले हुए थे , ऐसा एक बार नही दो तीन रातों से हो रहा था ।

बुआ ने पापा की ओर देख कर - क्या सच मे ?
मैने पापा को हा मे सर हिलाने का इशारा किया - मुझसे रहा नही जा रहा था और उस रात मैने अपनी जान्घे फ़ोल्ड करके मुम्मी की कमर पकड कर निचे से लन्ड उनकी चुत मे पेलने लगा

बुआ के हाथ खुद ब खुब उनकी चुत के दाने पर पहुचने लगे और शरीर मे मस्ती बढने लगी ।
मै - पहले मा चौकी मगर कुछ बातचित के बाद हम तिनो साथ से मजे किये और तब से हिहिही
बुआ चेहरे पर कामुकता फिर से चढ़ आई थी और वो पापा का लन्ड टटोलकर उसे भितर घुसाते हुए - क्या भैया इतनी बड़ी बात मुझसे छिपाई उम्म्ंम

पापा अपना लन्ड वापस से बुआ के बुर मे रेंगाते हुए - आह्ह दीदी सॉरी मुझे लगा कही राज को शामिल करने से आपको गुस्सा ना आये

बुआ ने लपक कर मेरा लन्ड पकड कर - आह्ह इतना बड़ा लन्ड देख कर कोई पागल ही होगी जो गुस्साअह्ह्ह उम्म्ंम उम्म्ं उग्ग्ग्ग उग्ग अह्ह्ह सीईईई

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पापा के तेज धक्को से बुआ का मुह लन्ड को आकर भी हट गया और मै झूक कर उनकी रसदार चुचियां पीने लगा ।

बुआ - हा अब भले ही गुस्सा आ रहा है
पापा - क्यू दीदी
बुआ - घर मे जवान लन्ड रहते हुए भी मुझे तरसाते रहे उह्ह्ह ऊहह

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मै मुस्कुरा कर अपना लन्ड उन्के मुह मे भरता हुआ - अब नही होगा आगे से , क्यू पापा
पापा - आह्ह हा बेटा, हा दीदी उह्ह्ह लो अब दो दो लन्ड का मजा
पापा ने बुआ की जान्घे पकड कर कस कस के उनकी बुर मे पेलने लगे और मै भी उन्के मुह मे लन्ड भरते हुए उनकी रसदार मोटी चुचिया मसलने लगा - ओह्ह बुआ कितना मस्त चुस रही हो आह्ह लोह और भर लो उह्ह्ह

मैने लन्ड को उनके गले तक चोक करते हुए कहा ।
बुआ मुह से लन्ड बाहर निकाल कर खास्ती हुई मेरा लन्ड हिलाने लगी - आह्ह बाप बेटेहहह ऊहह फक्क्क उम्मममं सीई दोनो का लन्ड एक सा है उह्ह्ह

पापा - आखिर बेटा किसका है दिदीईई ऊहह इतने दिन से आपको चोदने का मन था लेकिन शादी मे ना आपको समय मिला ना मुझे

बुआ - हा भैया मेरी भी बुर बिना लन्ड के खुजाती रही बस
मै - आह्ह बुआ अब तो मेरे लन्ड की खुजली बढ़ रही है प्लीज कुछ करो ना

पापा - अह हा बेटा , दीदी यहा आजाअओ
पापा पीछे हट कर बिस्तर पर टेक लेकर बैठ गये और बुआ घोड़ी बनती हुई उनका लन्ड मुह मे भर लिया

पापा - ऊहह दीदी आह्ह चुसो उम्म्ंं उफ्फ्फ क्या मस्त चुस्ती हो
इधर मै बाकी कपडे उतार कर अपना मुसल मसल रहा था , सामने बुआ की बड़ी सी गाड़ का छेद और खुली हुई भोसडी की फाके दिख रही थी जिसे पापा पकड कर फैलाये हुए थे ।

पापा - आजा बेटा डाल ले उह्ह्ह दीदी ऊहह कितनी मुलायम गाड़ है

मै अपने लन्ड को मसलता हुआ बिस्तर पर आकर लन्ड को उनकी बुर के फाको मे फसाते हुए एक जोर का झटका दिया और लन्ड जड़ तक बुआ के चुत मे चली गयी
बुआ पापा का लन्ड कस कर हाथो मे भर सिसकी और पापा की भी आह निकल गयी
बुआ - ओफ्फ्फ लल्ला उह्ह्ह आराआम्म्ं से बेटा उह्ह्ह फ्क्क्क उम्मममं कितना कड़ा है तेरा मुसल उफ्फ्फ फ्क्क्क उम्म्ं

मै बुआ की गाड पकड कर उनको चोदता हुआ - ऊहह बुआ आपकी चुत भी तो भट्टी जैसे तप रही है ऊहह कितनी नरम गाड है

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बुआ पापा का लन्ड मुह मे भर घोन्ट रही थी और पापा उनका सर पकड कर मुह मे पेल्ते हुए - ऊहह दीदी मजा आ गया आज तो ऊहह और लो उम्म्ंम

मै भी जोश मे कस कस के करारे झटके दे रहा था और बुआ के चुत मेरे लन्ड को भितर से चुस रही थी ।

उनकी चर्बीदार बड़ी गाड़ को मसलकर लम्बे लम्बे शॉट लगाने का मजा ही और था उसपे से पापा के साथ मजा दुगना हो गया था

पापा लन्ड एक बार फिर तैयार और तनमना गया था
पापा - बेटा थोड़ा जगह बदली की जाये

मै मुस्कुरा कर - हा हा क्यू नही लेकिन मै क्या सोच रहा हु

पापा - क्या
फिर मैने उन्हे अपनी तरकिब बताई और अलग ही पल पापा निचे से बुआ की चुत के परख्चे उड़ाने लगे
उन्की तेज जोशीली कमर उछ्लाने की गति बुआ की गाड़ बुरी तरह से झटके खा रही थी और मेरी नजर बुआ के उस गुलाबी सुराख पर थी जो खुल बन्द हो रही थी ।बुआ की चिखे चरम पर थी

सुपाड़े को चिकना कर मै भी अपना पोजिसन लेकर लन्ड को बुआ के गाड़ की सुराख पर रखा और बुआ की सासे चढने लगी
थोडा सा दबाव और प्चक कर सुपाडा गाड़ के छल्ले को भेद्ता 2 इंच अंदर

बुआ की आंखे उलट गयि - आह्ह लल्ला आराम से बाबू उह्ह्ह ओफ्फ्फ

पापा बुआ की रसदार चुचियो को चुबलाते हुए लन्ड को समान्य गति से बुर मे पेल रहे थे
उनके लन्ड बुर मे गतिविधियों का अनुमान मुझे सुपाड़े की गाठ पर स्पष्ट मह्सूस हो रहा था और मेरे लन्ड की फड़क तेज हो रही थी
आगे झुक कर लन्ड को एक करारे झटके के साथ आधे से ज्यादा बुआ की गाड़ मे उतार दिया और मेरी भी हालत खराब ही हो गयी समझो

बुआ बुरी तरह हाफ रही थी गाड़ मे मची हलचल से जिस्म पुरा पसिना पसीना हुआ पड़ा था और दोनो लन्ड अब अपनी जगह बनाते हुए धिरे धिरे रेन्ग रहे थे ।

बुआ - ऊहह लल्ला अह्ह्ह अब रुका क्यू है
मै मुस्कुराया और एक करारे झटके के साथ लण्ड को उनकी गाड़ मे पेलने लगा , बुआ के जिस्म की अकड़ना उनकी बहटी चुत का सन्देस दे रही थी और उसी बहती चुत मे पापा के लन्ड की तेज रफ़्तार से अन्दर बाहर हो रहा था

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थप्प थप्प के साथ अब फच्च फच्च की आवाजे उठने लगी थी
पापा और मै दोनो तेजी से लन्ड गाड़ और चुत मे भर रहे थे
बुआ - अह्ह्ह भैया ऊहह लल्ला तुम्हारे लन्ड उह्ह्ह और तेज ऊहह मेरा हो रहा है अह्ह्ह उह्ह्ह सीईई फ्क्क मीईई ओफ्फ्फ्फ भैयाअह्ह्ह ऐसे ही ऐसे ही उह्ह्ह रुकना मत

मै - आह्ह बुआ रुकना क्यू है आज फ़ाड कर रहेंगे
बुआ - हा फ़ाड दो ऊहह फ्क्क्क मीईई

बुआ झड़ने के बाद अपने गाड़ और चुत के छल्ले कसने शुरु कर दिये और पहले पापा कसमाये - आह्ह दीदी आ रहा है मेरा उह्ह्ह
फिर मुझे भी वैसा ही कुछ मह्सुस हुआ
झटके उठकर मै अलग हुआ और पापा भी खड़े हुए
बुआ घुटने के बल हमारे लन्ड के निचे

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तेज गाढी पिचकारियां एक एक कर दोनो तरफ से बुआ के चेहरे पर गिरी और वो मुह खोले वीर्य की खुराख गटकने लगी

चेहरे पर फैले वीर्य को उंगलियो मे भर कर चाटने के बाद बुआ ने हमारे लन्ड की सफाइ की और कुछ पल हम नन्गे ही पन्खे की हवा मे लेटे रहे ।

थोड़ी देर बाद हमने कपडे पहने और मैने बुआ से पूछा - तो बुआ घर चलना है या चाचा के यहा

बुआ शर्मा कर हसने लगी
पापा - क्या बात है भाई तुम लोग हस क्यू रहे हो ।

मै - पापा वो क्या है मै टिफ़िन लेके आ रहा था तो बुआ ने खास मम्मी से बोल कर आई थी कि उन्हे चाचा के यहा जाना , वो तो यहा आने के बाद पता चला कि हिहिहिही

बुआ - चुप कर बदमाश
पापा मुस्कुरा कर - चले जाओ ना दीदी जन्गी अकेला होगा

बुआ ने पापा को आंखे दिखाने लगी तो मै हस कर - कोई फायदा नही पापा , चाची और राहुल भी घर चले गये है हिहिहिही
बुआ ने हस कर मेरे कंधे पर चपत लगाई और फिर मै बुआ के साथ निकल गए चौराहे वाले घर के लिए

रास्ते मे
बुआ - तु बडा चालाक है रे , भइया भाभी को भी तुने लपेट लिया और मुझे बताया तक नही उम्म्ं
मै हस कर - अभी तो बहुत कुछ नही जानती हो आप बुआ हिहिही
बुआ - जैसे ?
राज - ऐसे कैसे सब मेरा ही जान लोगी , घर चलो मुझ पहले आपसे बहुत कुछ जानना है ।

फिर हम दोनो घर के लिए निकल गये ।


***************************************

उधर शालिनी को वापस देख कर जन्गी की भुनभुनाहट अलग बनी हुई थी , परेशान चिडचिडा होकर वो राहुल को दुकान पर बिठा कर खुद निकल जाता है रंगी से मिलने ।

इधर सोनल वाले कमरे मे निशा और रज्जो सफाई के लिए आलमारियां खाली कर रहे थे , रागिनी अनुज के कमरे मे भिड़ी थी ।
रज्जो आलमारि से सोनल के पुराने कपडे निशा से पुछ कर बाहर कर नीचे फर्श पर गिरा रही थी और निचे बैठी निशा उसे फ़ोल्ड कर एक बैग मे रख रही थी , तभी कपडो के बिच से शिला का 10 इंच वाला डील्डो भी गिरा और रबर की डिलडो फर्श पर आते ही दो फीट हवा मे उछल कर वापस फर्श पर चिपकर खड़ा हो कर हिलने लगा

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निशा और रज्जो दोनो की आंखे फैली हुई थी , वो कभी एक दूसरे को चौक कर देखती तो कभी उस बड़े से लन्ड वाले डिल्डो को ।


जारी रहेगी
Superb update bro....
 

Tri2010

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UPDATE 199

अमन के घर

मुहल्ले की औरते अपना गीत संगीत गा कर , सोनल की मुह देखाई कर वापस लौट चुकी थी
किचन के लिये ममता ने शादी के पहले जो रसोइया रखी थी अभी कुछ दिन और रुकने वाली थी ।

घर के सभी लोग फ्रि थे , मुरारी मदन हिसाब किताब कर रहे थे हाल मे
ममता और संगीता मे हसी ठिलौली चल रही थी और भोला भी उसका हिस्सा बन रहा था ।

ममता के इशारे पर भोला ने मदन के मजे लेते हुए - मुरारी भैया , अब ले दे इस घर मे एक ही रडूआ आदमी रह गया है , इस बैल को भी किसी खूँटे से बान्ध ही दो ।

भोला की बात पर मुरारी को हसी आई और वो उसके फब्बारे होठों मे दबा कर मुह दुसरी ओर कर लेता है और मदन अपने जीजा का मजाक समझ कर शर्माते हुए लाल गालो के साथ हस कर - क्या जीजा , भला अब मेरी उम्र है शादी करने की ।

संगीता - अरे मदन भईया हमारे इधर एक मौलवी साहब ने 75 की उम्र मे शादी की है हिहिहिहिही

संगीता की बात पर मुरारी उसे देखता है और वापस हस्ते हुए अपने कापी मे हिसाब देखने लगता है

वहॉ संगीता की बात पर ममता उस्का पक्ष लेते हुए - और क्या हमारे देवर जी कौन सा 75 पार कर गये है , स्माइल कर दे तो मेरी समधन फीदा हो जाये

संगीता और ममता ने खिलखिलाते हुए एक दुसरे को ताली दी और महौल खुशनुमा हो गया ।

संगीता हस्ती हुई - मै तो कह ही रही हु मेरी छोटी ननद इधर उधर भटक रही है , पूंछ मे लपेट ही लो उसे और फेरे लेलो

संगीता की बात सुनकर मुरारी की दिलचसपी बढ़ी मगर जिस तरह इस बात को हवा मे उड़ा जा रहा था मुरारी ने ये सब भूलकर हिसाब किताब मे लग गया ।

वही उपर अमन के कमरे मे सोनल अपनी चीजे सेट कर रही थी और अमन उसको इधर उधर छू कर परेशान कर रहा था और सोनल जो कि रात की दोहरी चुदाई से इतना थकी थी उसपे से सुबह से 3 घन्टे तक औरतो के बीच बैठना और फिर अपना सारा समान सेट करना , उसपे अमन की छेड़खानी उसका चिडचिडापन बढा रही थी ।
अमन ने देखा कि यही सही मौका है अपनी मा को बुलाने का और उसने पापा के मोबाइल पर फोन कर अपनी मा से बात की ।

फोन पर बात करते ही ममता अमन का इशारा समझ गयी उसकी दिल की धड़कने तेज होने लगी और वो उठ कर जीने से उपर चली गयी ।

वही अमन शॉर्ट्स मे अपना मुसल रगड़ कर उसे खड़ा कर रहा था और उसकी नजरें दरवाजे के गैप पर थी कि कब उसकी मा उपर आये ,
सोनल बिस्तर पर समान बिखरा कर उनको अलग अलग छंटाई करने व्यस्त थी उसे अमन की छ्टपटाहट का जरा भी ध्यान नही दिया वो अपने काम मे व्यस्त थी ।
इधर ममता दरवाजे तक पहुची , थोड़ी सी दोनो मा बेटे मे इशारे बाजी और अमन खुश होकर अपना मुसल रगड़ते हुए सोनल के करीब खड़ा हो गया
ममता की नजरे दरवाजे और पर्दे की ओट से भीतर की मस्ती देखने लगी ।

अमन सोनल के पास बैठ कर उसको बाहों मे भरने लगा तो सोनल खीझ कर - प्लीज बाबू देखो ना कितना काम पडा है , प्लीज परेशान ना करो ऊहह हटो!!
ममता ने बिस्तर पर फैले हुए समान को देखा और समझ गयी कि उसकी बहू गलत नही है ये लड़का ही गलत समय पर जिद दिखा रहा है ।

अमन उसके गाल चुमते हुए कान के पास गर्म सासे छोड कर अपना लन्ड मुठीयाते हुर - आह्ह जानू प्लीज थोडा सा चुस दो ना
सोनल आंखे उठा कर - सिरियली बेबी , आप यारर

सोनल की ये प्रतिक्रिया ममता को अखर गयी कि सोनल को आये अभी एक दिन नही हुआ और वो ऐसे कैसे लहजे मे अमन पर भडक रही है । नयी नयी शादी है मेरा लाडले का मन मार कर रखेगी क्या ये हुह

इससे पहले अमन और गुजारिशे करता ममता ने दरवाजा खटखटा कर अमन को आवाज दी
सोनल ने झट से अमन को दुर करते हुए साडी का पल्लू सर पर रखते हुए अमन को आन्ख दिखाओ कि वो अपना तना हुआ मुसल छिपाये ।
अमन लपक कर एक कुसीन उठा कफ उसको गोद मे लेके बैठ गया ।

ममता कमरे मे आई और जायजा लेकर अमन को किसी काम के बहाने से कमरे से बाहर लेकर आ गयी ।

राज की जुबानी

अनुज के आते ही मै बिना समय गवाये पापा की दुकान पर पहुच गया
बबलू काका से बात हुई तो पता चला कि पापा छत पर आराम कर रहे है और बुआ खाना लेकर उपर ही गयी है ।

मै समझ ही गया कि वहा कौन और कैसे आराम कर रहा होगा ।
मै भी उपर निकल गया और जीने के पास ही अपनी चप्पल उतार कर सरपट सीढिया फांद्ता उपर आ गया ।
उपर बरतन के गोदाम थे और ये दुसरी मर्तबा था कि मुझे गलियारे मे बिखरे बर्तन से बच कर अपने बाप को किसी की ठुकाई करते हुए देखने का मौका मिल रहा था ।

जैसे ही कमरे के पास पहुचा कामुक सिसकियाँ और तेज थपथप की आवाज और गर्म आहे उठ रही थी , मगर दरवाजा बन्द

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नजर मेरी की होल पर गयी और आंखो का फोकस बढा कर कमरे का नजारा देखा तो मजा ही आ गया ।
सामने बिस्तर पर बुआ घोडी बनी हुई थी और पापा खड़े होकर तेज झटके से उनकी गाड़ फ़ाड रहे थे ।

तेज पंखे ही हवा मे उनकी बाते मुझे साफ नही सुनाई दे रही थी मगर बुआ की दर्द भरी आहे मेरे लन्ड को फौलादी किये जा रही थी ।

हालांकि भले ही मैने पापा से आग्रह कर रखा था बुआ को साथ मे मिल कर पेलने का मगर बुआ की चुदाई छिपा कर असल मे मैने खुद के पैर पर कुल्हाडी मार रखी थी ।
मुझे अब लग रहा था कि काश मैने पापा को पहले बता रखा होता तो आज उनके साथ मिल कर बुआ को पेलता ।
खुद पर गुस्सा आ रहा और मैने दरवाजे पर हाथ रखकर खड़ा होने को हुआ तो मेरे दबाव से दरवाजा अपने आप खुलने लगा

मतलब दरवाजा बस भिड़काया गया था , मेरे चेहरे की बूझती रौनक लौट आई और मै पीछे हट गया ।

कमरे का दरवाजा खुलता देख बुआ चौकी - कड़ी नही लगाई थी क्या भैया

पापा उनके कुल्हे मसलते हुए - ऊहह दीदी आपको चोदने के जोश मे रह ही गया ।

बुआ थोड़ा मुस्कुराई मगर पापा के करारे तेज झटके से लन्ड की उन्की गाड़ की सुराख को और मोटा कर रहा था और वो दर्द भरी सिसकियाँ ले रही थी ।

मेरा लन्ड फौलादी होने लगा था मैं उसे निकालने लगा कि तभी पापा की आवाज सुनाई दी- ओह्ह दीदी मै सच कर रहा हु जंगी जिस तरह से आपको देखता है पक्का वो भी आपको चोदना चाहता है ।

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पापा की बात पर मैं अपना मुसल मसल कर मुस्कुरा और बड़बड़ाया - हिहिही पापा चाचू तो आपसे पहले ही बुआ को चोद चुके है ,

इसपे बुआ कसम्साती हुई पापा के झटके का जवाब देती हुई - तो तुम क्या चाहते भैया अह्ह्ह सीई ओह्ह्ह

पापा रुक गये और लन्ड बाहर निकाल लिया और मै वापस दिवाल की ओट मे छिप गया

कुछ सेकेंड बाद वापस कमरे ने झाका तो नजारा बदल चुका था और बुआ की सिस्किया तेज हो गयी
पापा बुआ को पीठ के बल लिटा कर उनकी बुर मे लन्ड दे रहे थे

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बुआ - ओह्ह बताओ ना उह्ह्ह फ्क्क्क ऊहह
पापा मुस्कुरा कर लन्ड को बड़े आराम से उन्की बुर मे रगड़ते हुए - आह्ह दीदी छोटे को भी मौका दो ना उम्म्ंम और

बुआ अपनी थन जैसी मोटी हिल्कोरे खाती चुचिया थाम कर - अह्ह्ह आऔरर क्याअह्ह्ह उम्म्ं बोलो ना भैयाआह्ह

पापा - फिर हम दोनो भाई मिलकर
बुआ रोमांच से भर गयी और उनकी गाड़ खुद से ही उछलने लगी - आह्ह सच मे भैया उह्ह्ह दो दो लन्ड एक साथ

पापा तेज झटके से लन्ड घुसाते हुए -हा जीजी सोचो ना तुम्हारी गाड़ और बुर हम दोनो भाइयो का लन्ड साथ मे घुसा होगा ।

बुआ मचल उठी और अपनी चुत मसलते हुए - आह्ह सच मे भैयाह्ह्ह ऊहह मै तो पागल ही हो जाउंगी उह्ह्ह लेकिन ये होगा कैसे और दो लन्ड एक साथ उह्ह्ह भैयाअह्ह्ह ये क्या कह दिया आपने , मेरी दबी हुई आरजू को फिर से जगा दिया अह्ह्ह भैया चोदो मूझे और कस के उह्ह्ह फक्क मीईई भैहाह्ह्ह्ह ऊहह

पापा मुस्कुराए और बोले - अगर आप कहो से अभी आपको दो दो लन्ड का मजा दिला दू उम्म्ंम बोलो चाहिये

बुआ अपनी चुचिया मिजती हुई तडप कर - क्या सच मे जंगी भी आ रहा है क्या ?

पापा मुस्कुराए - उंहू नही
बुआ - फिर ?

तभी पापा की आवाज आई और मै बुआ दोनो चौक गये ।

पापा - राज बेटा अन्दर आजा
बुआ - क्या राज ?
मेरी फट सी गयी और मै हाथो मे लन्ड लिये हिलात हुआ कमरे मे हाजिर हुआ

बुआ गरदन उपर कर मुझे देख रही थि और मै बतिसी दिखा रहा था ।
बुआ - भैया ये राज के साथ आपका कुछ समझ नही आया

पापा हस कर - आप आम खाओ ना दीदी गुठली के पीछे क्यू
मै मुस्कुरा कर - पापा आम नही लन्ड हीहिहिही

और मै बुआ के सर के पास बैठ कर उनकी नंगी चुचिया हाथों मे भरता हुआ मसलने लगा ।
बुआ अभी भी असमंजस मे थी और कामुकता उनके चेहरे से उतर सी चुकी थी ।
चुत मे रेंगते पापा के लन्ड मा असर भी नही दिख रहा था ।

मै - बुआ वो मेरी और पापा की जोड़ी कुछ समय पुरानी है

बुआ - जोड़ी? मतलब तुम दोनो पहले भी किसी के साथ

पापा मुस्कराये - हा दीदी
बुआ - किसके ?
मै - मम्मी !!
पापा - रुब....।।
मेरे जवाब पर पापा की बात मुह मे ही रह गयी ।
शिला चौककर नजरे उठा कर मेरी ओर निहारते हुए - कब कैसे , मतलब मै समझी नही , भाभी इनसब के लिए कैसे ?

मैने मुस्कुरा कर पापा को देखा और पापा का चेहरा अब पहले जैसा खिला नही था, शायद वो मा के बारे मे नही बता कर किसी और का नाम लेना चाह रहे थे ।
पापा ने आँखो ही आंखो मे मुझे घूरा और मानो पुछ रहे हो कि इसको कैसे समझायेगा हमारे सारे भेद खुल जायेगे ।

मैने आंख मारी और हस कर - क्यू बुआ भूल गयी हिहिहिही
बुआ - क्या ?
मै - जब आप राखी पर आई थी और खुली छत पर आप पापा के लन्ड पर उछल रही थी फिर मा को तड़पता देख कर आपने औरपापा ने जोश मे आकर मा को मेरे लन्ड पर बिठा दिया था कि मै सोया हु हिहिहिही याद आया ।

ये बात तो पापा के लिए भी चौकाने वाली थी और शिला बुआ के लिए भी ।
शिला - तो क्या तु उस रात जाग रहा था ?

पापा ने भी आंखो से वही सवाल दुहराया तो मै खिलखिलाकर - बगल मे इत्नी मोटी चुचियो वाली बुआ की गाड़ मारी जा रही हो और मै सो जाऊ हिहिहिही

शिला हस कर - धत्त बदमाश कही का , लेकिन तु और तेरे पापा कैसे ?

"आपके जाने के बाद एक रात पापा ने फिर मम्मी को मुझे सोया हुआ जानकर मेरे लन्ड पर बिठाया था " , मै मुस्कुरा कर पापा को आंख मारी ।

बुआ के चुचिया अब वापस से खड़ी होने लगी थी , उनकी चुत के मासपेशियाँ एक बार फिर से पापा के लन्ड पर कसनी शुरु हो गयी थी , मतल्ब साफ था कि बुआ की कामोत्तेजना वापस आ रही थी और उनकी उत्सुकता बढ़ रही थी ।

मैने उनकी खरबजे जैसी मोटी चुचिया दोनो हाथो से पकड कर उन्हे सहलाता हुआ - फिर क्या मै लेटा हुआ था और मम्मी मेरे लन्ड पर कूद रही थी और पापा उन्के मुह मे लन्ड डाले हुए थे , ऐसा एक बार नही दो तीन रातों से हो रहा था ।

बुआ ने पापा की ओर देख कर - क्या सच मे ?
मैने पापा को हा मे सर हिलाने का इशारा किया - मुझसे रहा नही जा रहा था और उस रात मैने अपनी जान्घे फ़ोल्ड करके मुम्मी की कमर पकड कर निचे से लन्ड उनकी चुत मे पेलने लगा

बुआ के हाथ खुद ब खुब उनकी चुत के दाने पर पहुचने लगे और शरीर मे मस्ती बढने लगी ।
मै - पहले मा चौकी मगर कुछ बातचित के बाद हम तिनो साथ से मजे किये और तब से हिहिही
बुआ चेहरे पर कामुकता फिर से चढ़ आई थी और वो पापा का लन्ड टटोलकर उसे भितर घुसाते हुए - क्या भैया इतनी बड़ी बात मुझसे छिपाई उम्म्ंम

पापा अपना लन्ड वापस से बुआ के बुर मे रेंगाते हुए - आह्ह दीदी सॉरी मुझे लगा कही राज को शामिल करने से आपको गुस्सा ना आये

बुआ ने लपक कर मेरा लन्ड पकड कर - आह्ह इतना बड़ा लन्ड देख कर कोई पागल ही होगी जो गुस्साअह्ह्ह उम्म्ंम उम्म्ं उग्ग्ग्ग उग्ग अह्ह्ह सीईईई

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पापा के तेज धक्को से बुआ का मुह लन्ड को आकर भी हट गया और मै झूक कर उनकी रसदार चुचियां पीने लगा ।

बुआ - हा अब भले ही गुस्सा आ रहा है
पापा - क्यू दीदी
बुआ - घर मे जवान लन्ड रहते हुए भी मुझे तरसाते रहे उह्ह्ह ऊहह

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मै मुस्कुरा कर अपना लन्ड उन्के मुह मे भरता हुआ - अब नही होगा आगे से , क्यू पापा
पापा - आह्ह हा बेटा, हा दीदी उह्ह्ह लो अब दो दो लन्ड का मजा
पापा ने बुआ की जान्घे पकड कर कस कस के उनकी बुर मे पेलने लगे और मै भी उन्के मुह मे लन्ड भरते हुए उनकी रसदार मोटी चुचिया मसलने लगा - ओह्ह बुआ कितना मस्त चुस रही हो आह्ह लोह और भर लो उह्ह्ह

मैने लन्ड को उनके गले तक चोक करते हुए कहा ।
बुआ मुह से लन्ड बाहर निकाल कर खास्ती हुई मेरा लन्ड हिलाने लगी - आह्ह बाप बेटेहहह ऊहह फक्क्क उम्मममं सीई दोनो का लन्ड एक सा है उह्ह्ह

पापा - आखिर बेटा किसका है दिदीईई ऊहह इतने दिन से आपको चोदने का मन था लेकिन शादी मे ना आपको समय मिला ना मुझे

बुआ - हा भैया मेरी भी बुर बिना लन्ड के खुजाती रही बस
मै - आह्ह बुआ अब तो मेरे लन्ड की खुजली बढ़ रही है प्लीज कुछ करो ना

पापा - अह हा बेटा , दीदी यहा आजाअओ
पापा पीछे हट कर बिस्तर पर टेक लेकर बैठ गये और बुआ घोड़ी बनती हुई उनका लन्ड मुह मे भर लिया

पापा - ऊहह दीदी आह्ह चुसो उम्म्ंं उफ्फ्फ क्या मस्त चुस्ती हो
इधर मै बाकी कपडे उतार कर अपना मुसल मसल रहा था , सामने बुआ की बड़ी सी गाड़ का छेद और खुली हुई भोसडी की फाके दिख रही थी जिसे पापा पकड कर फैलाये हुए थे ।

पापा - आजा बेटा डाल ले उह्ह्ह दीदी ऊहह कितनी मुलायम गाड़ है

मै अपने लन्ड को मसलता हुआ बिस्तर पर आकर लन्ड को उनकी बुर के फाको मे फसाते हुए एक जोर का झटका दिया और लन्ड जड़ तक बुआ के चुत मे चली गयी
बुआ पापा का लन्ड कस कर हाथो मे भर सिसकी और पापा की भी आह निकल गयी
बुआ - ओफ्फ्फ लल्ला उह्ह्ह आराआम्म्ं से बेटा उह्ह्ह फ्क्क्क उम्मममं कितना कड़ा है तेरा मुसल उफ्फ्फ फ्क्क्क उम्म्ं

मै बुआ की गाड पकड कर उनको चोदता हुआ - ऊहह बुआ आपकी चुत भी तो भट्टी जैसे तप रही है ऊहह कितनी नरम गाड है

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बुआ पापा का लन्ड मुह मे भर घोन्ट रही थी और पापा उनका सर पकड कर मुह मे पेल्ते हुए - ऊहह दीदी मजा आ गया आज तो ऊहह और लो उम्म्ंम

मै भी जोश मे कस कस के करारे झटके दे रहा था और बुआ के चुत मेरे लन्ड को भितर से चुस रही थी ।

उनकी चर्बीदार बड़ी गाड़ को मसलकर लम्बे लम्बे शॉट लगाने का मजा ही और था उसपे से पापा के साथ मजा दुगना हो गया था

पापा लन्ड एक बार फिर तैयार और तनमना गया था
पापा - बेटा थोड़ा जगह बदली की जाये

मै मुस्कुरा कर - हा हा क्यू नही लेकिन मै क्या सोच रहा हु

पापा - क्या
फिर मैने उन्हे अपनी तरकिब बताई और अलग ही पल पापा निचे से बुआ की चुत के परख्चे उड़ाने लगे
उन्की तेज जोशीली कमर उछ्लाने की गति बुआ की गाड़ बुरी तरह से झटके खा रही थी और मेरी नजर बुआ के उस गुलाबी सुराख पर थी जो खुल बन्द हो रही थी ।बुआ की चिखे चरम पर थी

सुपाड़े को चिकना कर मै भी अपना पोजिसन लेकर लन्ड को बुआ के गाड़ की सुराख पर रखा और बुआ की सासे चढने लगी
थोडा सा दबाव और प्चक कर सुपाडा गाड़ के छल्ले को भेद्ता 2 इंच अंदर

बुआ की आंखे उलट गयि - आह्ह लल्ला आराम से बाबू उह्ह्ह ओफ्फ्फ

पापा बुआ की रसदार चुचियो को चुबलाते हुए लन्ड को समान्य गति से बुर मे पेल रहे थे
उनके लन्ड बुर मे गतिविधियों का अनुमान मुझे सुपाड़े की गाठ पर स्पष्ट मह्सूस हो रहा था और मेरे लन्ड की फड़क तेज हो रही थी
आगे झुक कर लन्ड को एक करारे झटके के साथ आधे से ज्यादा बुआ की गाड़ मे उतार दिया और मेरी भी हालत खराब ही हो गयी समझो

बुआ बुरी तरह हाफ रही थी गाड़ मे मची हलचल से जिस्म पुरा पसिना पसीना हुआ पड़ा था और दोनो लन्ड अब अपनी जगह बनाते हुए धिरे धिरे रेन्ग रहे थे ।

बुआ - ऊहह लल्ला अह्ह्ह अब रुका क्यू है
मै मुस्कुराया और एक करारे झटके के साथ लण्ड को उनकी गाड़ मे पेलने लगा , बुआ के जिस्म की अकड़ना उनकी बहटी चुत का सन्देस दे रही थी और उसी बहती चुत मे पापा के लन्ड की तेज रफ़्तार से अन्दर बाहर हो रहा था

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थप्प थप्प के साथ अब फच्च फच्च की आवाजे उठने लगी थी
पापा और मै दोनो तेजी से लन्ड गाड़ और चुत मे भर रहे थे
बुआ - अह्ह्ह भैया ऊहह लल्ला तुम्हारे लन्ड उह्ह्ह और तेज ऊहह मेरा हो रहा है अह्ह्ह उह्ह्ह सीईई फ्क्क मीईई ओफ्फ्फ्फ भैयाअह्ह्ह ऐसे ही ऐसे ही उह्ह्ह रुकना मत

मै - आह्ह बुआ रुकना क्यू है आज फ़ाड कर रहेंगे
बुआ - हा फ़ाड दो ऊहह फ्क्क्क मीईई

बुआ झड़ने के बाद अपने गाड़ और चुत के छल्ले कसने शुरु कर दिये और पहले पापा कसमाये - आह्ह दीदी आ रहा है मेरा उह्ह्ह
फिर मुझे भी वैसा ही कुछ मह्सुस हुआ
झटके उठकर मै अलग हुआ और पापा भी खड़े हुए
बुआ घुटने के बल हमारे लन्ड के निचे

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तेज गाढी पिचकारियां एक एक कर दोनो तरफ से बुआ के चेहरे पर गिरी और वो मुह खोले वीर्य की खुराख गटकने लगी

चेहरे पर फैले वीर्य को उंगलियो मे भर कर चाटने के बाद बुआ ने हमारे लन्ड की सफाइ की और कुछ पल हम नन्गे ही पन्खे की हवा मे लेटे रहे ।

थोड़ी देर बाद हमने कपडे पहने और मैने बुआ से पूछा - तो बुआ घर चलना है या चाचा के यहा

बुआ शर्मा कर हसने लगी
पापा - क्या बात है भाई तुम लोग हस क्यू रहे हो ।

मै - पापा वो क्या है मै टिफ़िन लेके आ रहा था तो बुआ ने खास मम्मी से बोल कर आई थी कि उन्हे चाचा के यहा जाना , वो तो यहा आने के बाद पता चला कि हिहिहिही

बुआ - चुप कर बदमाश
पापा मुस्कुरा कर - चले जाओ ना दीदी जन्गी अकेला होगा

बुआ ने पापा को आंखे दिखाने लगी तो मै हस कर - कोई फायदा नही पापा , चाची और राहुल भी घर चले गये है हिहिहिही
बुआ ने हस कर मेरे कंधे पर चपत लगाई और फिर मै बुआ के साथ निकल गए चौराहे वाले घर के लिए

रास्ते मे
बुआ - तु बडा चालाक है रे , भइया भाभी को भी तुने लपेट लिया और मुझे बताया तक नही उम्म्ं
मै हस कर - अभी तो बहुत कुछ नही जानती हो आप बुआ हिहिही
बुआ - जैसे ?
राज - ऐसे कैसे सब मेरा ही जान लोगी , घर चलो मुझ पहले आपसे बहुत कुछ जानना है ।

फिर हम दोनो घर के लिए निकल गये ।


***************************************

उधर शालिनी को वापस देख कर जन्गी की भुनभुनाहट अलग बनी हुई थी , परेशान चिडचिडा होकर वो राहुल को दुकान पर बिठा कर खुद निकल जाता है रंगी से मिलने ।

इधर सोनल वाले कमरे मे निशा और रज्जो सफाई के लिए आलमारियां खाली कर रहे थे , रागिनी अनुज के कमरे मे भिड़ी थी ।
रज्जो आलमारि से सोनल के पुराने कपडे निशा से पुछ कर बाहर कर नीचे फर्श पर गिरा रही थी और निचे बैठी निशा उसे फ़ोल्ड कर एक बैग मे रख रही थी , तभी कपडो के बिच से शिला का 10 इंच वाला डील्डो भी गिरा और रबर की डिलडो फर्श पर आते ही दो फीट हवा मे उछल कर वापस फर्श पर चिपकर खड़ा हो कर हिलने लगा

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निशा और रज्जो दोनो की आंखे फैली हुई थी , वो कभी एक दूसरे को चौक कर देखती तो कभी उस बड़े से लन्ड वाले डिल्डो को ।


जारी रहेगी
Beautiful update
 
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UPDATE 199

अमन के घर

मुहल्ले की औरते अपना गीत संगीत गा कर , सोनल की मुह देखाई कर वापस लौट चुकी थी
किचन के लिये ममता ने शादी के पहले जो रसोइया रखी थी अभी कुछ दिन और रुकने वाली थी ।

घर के सभी लोग फ्रि थे , मुरारी मदन हिसाब किताब कर रहे थे हाल मे
ममता और संगीता मे हसी ठिलौली चल रही थी और भोला भी उसका हिस्सा बन रहा था ।

ममता के इशारे पर भोला ने मदन के मजे लेते हुए - मुरारी भैया , अब ले दे इस घर मे एक ही रडूआ आदमी रह गया है , इस बैल को भी किसी खूँटे से बान्ध ही दो ।

भोला की बात पर मुरारी को हसी आई और वो उसके फब्बारे होठों मे दबा कर मुह दुसरी ओर कर लेता है और मदन अपने जीजा का मजाक समझ कर शर्माते हुए लाल गालो के साथ हस कर - क्या जीजा , भला अब मेरी उम्र है शादी करने की ।

संगीता - अरे मदन भईया हमारे इधर एक मौलवी साहब ने 75 की उम्र मे शादी की है हिहिहिहिही

संगीता की बात पर मुरारी उसे देखता है और वापस हस्ते हुए अपने कापी मे हिसाब देखने लगता है

वहॉ संगीता की बात पर ममता उस्का पक्ष लेते हुए - और क्या हमारे देवर जी कौन सा 75 पार कर गये है , स्माइल कर दे तो मेरी समधन फीदा हो जाये

संगीता और ममता ने खिलखिलाते हुए एक दुसरे को ताली दी और महौल खुशनुमा हो गया ।

संगीता हस्ती हुई - मै तो कह ही रही हु मेरी छोटी ननद इधर उधर भटक रही है , पूंछ मे लपेट ही लो उसे और फेरे लेलो

संगीता की बात सुनकर मुरारी की दिलचसपी बढ़ी मगर जिस तरह इस बात को हवा मे उड़ा जा रहा था मुरारी ने ये सब भूलकर हिसाब किताब मे लग गया ।

वही उपर अमन के कमरे मे सोनल अपनी चीजे सेट कर रही थी और अमन उसको इधर उधर छू कर परेशान कर रहा था और सोनल जो कि रात की दोहरी चुदाई से इतना थकी थी उसपे से सुबह से 3 घन्टे तक औरतो के बीच बैठना और फिर अपना सारा समान सेट करना , उसपे अमन की छेड़खानी उसका चिडचिडापन बढा रही थी ।
अमन ने देखा कि यही सही मौका है अपनी मा को बुलाने का और उसने पापा के मोबाइल पर फोन कर अपनी मा से बात की ।

फोन पर बात करते ही ममता अमन का इशारा समझ गयी उसकी दिल की धड़कने तेज होने लगी और वो उठ कर जीने से उपर चली गयी ।

वही अमन शॉर्ट्स मे अपना मुसल रगड़ कर उसे खड़ा कर रहा था और उसकी नजरें दरवाजे के गैप पर थी कि कब उसकी मा उपर आये ,
सोनल बिस्तर पर समान बिखरा कर उनको अलग अलग छंटाई करने व्यस्त थी उसे अमन की छ्टपटाहट का जरा भी ध्यान नही दिया वो अपने काम मे व्यस्त थी ।
इधर ममता दरवाजे तक पहुची , थोड़ी सी दोनो मा बेटे मे इशारे बाजी और अमन खुश होकर अपना मुसल रगड़ते हुए सोनल के करीब खड़ा हो गया
ममता की नजरे दरवाजे और पर्दे की ओट से भीतर की मस्ती देखने लगी ।

अमन सोनल के पास बैठ कर उसको बाहों मे भरने लगा तो सोनल खीझ कर - प्लीज बाबू देखो ना कितना काम पडा है , प्लीज परेशान ना करो ऊहह हटो!!
ममता ने बिस्तर पर फैले हुए समान को देखा और समझ गयी कि उसकी बहू गलत नही है ये लड़का ही गलत समय पर जिद दिखा रहा है ।

अमन उसके गाल चुमते हुए कान के पास गर्म सासे छोड कर अपना लन्ड मुठीयाते हुर - आह्ह जानू प्लीज थोडा सा चुस दो ना
सोनल आंखे उठा कर - सिरियली बेबी , आप यारर

सोनल की ये प्रतिक्रिया ममता को अखर गयी कि सोनल को आये अभी एक दिन नही हुआ और वो ऐसे कैसे लहजे मे अमन पर भडक रही है । नयी नयी शादी है मेरा लाडले का मन मार कर रखेगी क्या ये हुह

इससे पहले अमन और गुजारिशे करता ममता ने दरवाजा खटखटा कर अमन को आवाज दी
सोनल ने झट से अमन को दुर करते हुए साडी का पल्लू सर पर रखते हुए अमन को आन्ख दिखाओ कि वो अपना तना हुआ मुसल छिपाये ।
अमन लपक कर एक कुसीन उठा कफ उसको गोद मे लेके बैठ गया ।

ममता कमरे मे आई और जायजा लेकर अमन को किसी काम के बहाने से कमरे से बाहर लेकर आ गयी ।


राज की जुबानी

अनुज के आते ही मै बिना समय गवाये पापा की दुकान पर पहुच गया
बबलू काका से बात हुई तो पता चला कि पापा छत पर आराम कर रहे है और बुआ खाना लेकर उपर ही गयी है ।

मै समझ ही गया कि वहा कौन और कैसे आराम कर रहा होगा ।
मै भी उपर निकल गया और जीने के पास ही अपनी चप्पल उतार कर सरपट सीढिया फांद्ता उपर आ गया ।
उपर बरतन के गोदाम थे और ये दुसरी मर्तबा था कि मुझे गलियारे मे बिखरे बर्तन से बच कर अपने बाप को किसी की ठुकाई करते हुए देखने का मौका मिल रहा था ।

जैसे ही कमरे के पास पहुचा कामुक सिसकियाँ और तेज थपथप की आवाज और गर्म आहे उठ रही थी , मगर दरवाजा बन्द

cuckold-watching-2
नजर मेरी की होल पर गयी और आंखो का फोकस बढा कर कमरे का नजारा देखा तो मजा ही आ गया ।
सामने बिस्तर पर बुआ घोडी बनी हुई थी और पापा खड़े होकर तेज झटके से उनकी गाड़ फ़ाड रहे थे ।

तेज पंखे ही हवा मे उनकी बाते मुझे साफ नही सुनाई दे रही थी मगर बुआ की दर्द भरी आहे मेरे लन्ड को फौलादी किये जा रही थी ।

हालांकि भले ही मैने पापा से आग्रह कर रखा था बुआ को साथ मे मिल कर पेलने का मगर बुआ की चुदाई छिपा कर असल मे मैने खुद के पैर पर कुल्हाडी मार रखी थी ।
मुझे अब लग रहा था कि काश मैने पापा को पहले बता रखा होता तो आज उनके साथ मिल कर बुआ को पेलता ।
खुद पर गुस्सा आ रहा और मैने दरवाजे पर हाथ रखकर खड़ा होने को हुआ तो मेरे दबाव से दरवाजा अपने आप खुलने लगा

मतलब दरवाजा बस भिड़काया गया था , मेरे चेहरे की बूझती रौनक लौट आई और मै पीछे हट गया ।

कमरे का दरवाजा खुलता देख बुआ चौकी - कड़ी नही लगाई थी क्या भैया

पापा उनके कुल्हे मसलते हुए - ऊहह दीदी आपको चोदने के जोश मे रह ही गया ।

बुआ थोड़ा मुस्कुराई मगर पापा के करारे तेज झटके से लन्ड की उन्की गाड़ की सुराख को और मोटा कर रहा था और वो दर्द भरी सिसकियाँ ले रही थी ।

मेरा लन्ड फौलादी होने लगा था मैं उसे निकालने लगा कि तभी पापा की आवाज सुनाई दी- ओह्ह दीदी मै सच कर रहा हु जंगी जिस तरह से आपको देखता है पक्का वो भी आपको चोदना चाहता है ।

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पापा की बात पर मैं अपना मुसल मसल कर मुस्कुरा और बड़बड़ाया - हिहिही पापा चाचू तो आपसे पहले ही बुआ को चोद चुके है ,

इसपे बुआ कसम्साती हुई पापा के झटके का जवाब देती हुई - तो तुम क्या चाहते भैया अह्ह्ह सीई ओह्ह्ह

पापा रुक गये और लन्ड बाहर निकाल लिया और मै वापस दिवाल की ओट मे छिप गया

कुछ सेकेंड बाद वापस कमरे ने झाका तो नजारा बदल चुका था और बुआ की सिस्किया तेज हो गयी
पापा बुआ को पीठ के बल लिटा कर उनकी बुर मे लन्ड दे रहे थे

20230218-234947

बुआ - ओह्ह बताओ ना उह्ह्ह फ्क्क्क ऊहह
पापा मुस्कुरा कर लन्ड को बड़े आराम से उन्की बुर मे रगड़ते हुए - आह्ह दीदी छोटे को भी मौका दो ना उम्म्ंम और

बुआ अपनी थन जैसी मोटी हिल्कोरे खाती चुचिया थाम कर - अह्ह्ह आऔरर क्याअह्ह्ह उम्म्ं बोलो ना भैयाआह्ह

पापा - फिर हम दोनो भाई मिलकर
बुआ रोमांच से भर गयी और उनकी गाड़ खुद से ही उछलने लगी - आह्ह सच मे भैया उह्ह्ह दो दो लन्ड एक साथ

पापा तेज झटके से लन्ड घुसाते हुए -हा जीजी सोचो ना तुम्हारी गाड़ और बुर हम दोनो भाइयो का लन्ड साथ मे घुसा होगा ।

बुआ मचल उठी और अपनी चुत मसलते हुए - आह्ह सच मे भैयाह्ह्ह ऊहह मै तो पागल ही हो जाउंगी उह्ह्ह लेकिन ये होगा कैसे और दो लन्ड एक साथ उह्ह्ह भैयाअह्ह्ह ये क्या कह दिया आपने , मेरी दबी हुई आरजू को फिर से जगा दिया अह्ह्ह भैया चोदो मूझे और कस के उह्ह्ह फक्क मीईई भैहाह्ह्ह्ह ऊहह

पापा मुस्कुराए और बोले - अगर आप कहो से अभी आपको दो दो लन्ड का मजा दिला दू उम्म्ंम बोलो चाहिये

बुआ अपनी चुचिया मिजती हुई तडप कर - क्या सच मे जंगी भी आ रहा है क्या ?

पापा मुस्कुराए - उंहू नही
बुआ - फिर ?

तभी पापा की आवाज आई और मै बुआ दोनो चौक गये ।

पापा - राज बेटा अन्दर आजा
बुआ - क्या राज ?
मेरी फट सी गयी और मै हाथो मे लन्ड लिये हिलात हुआ कमरे मे हाजिर हुआ

बुआ गरदन उपर कर मुझे देख रही थि और मै बतिसी दिखा रहा था ।
बुआ - भैया ये राज के साथ आपका कुछ समझ नही आया

पापा हस कर - आप आम खाओ ना दीदी गुठली के पीछे क्यू
मै मुस्कुरा कर - पापा आम नही लन्ड हीहिहिही

और मै बुआ के सर के पास बैठ कर उनकी नंगी चुचिया हाथों मे भरता हुआ मसलने लगा ।
बुआ अभी भी असमंजस मे थी और कामुकता उनके चेहरे से उतर सी चुकी थी ।
चुत मे रेंगते पापा के लन्ड मा असर भी नही दिख रहा था ।

मै - बुआ वो मेरी और पापा की जोड़ी कुछ समय पुरानी है

बुआ - जोड़ी? मतलब तुम दोनो पहले भी किसी के साथ

पापा मुस्कराये - हा दीदी
बुआ - किसके ?
मै - मम्मी !!
पापा - रुब....।।
मेरे जवाब पर पापा की बात मुह मे ही रह गयी ।
शिला चौककर नजरे उठा कर मेरी ओर निहारते हुए - कब कैसे , मतलब मै समझी नही , भाभी इनसब के लिए कैसे ?

मैने मुस्कुरा कर पापा को देखा और पापा का चेहरा अब पहले जैसा खिला नही था, शायद वो मा के बारे मे नही बता कर किसी और का नाम लेना चाह रहे थे ।
पापा ने आँखो ही आंखो मे मुझे घूरा और मानो पुछ रहे हो कि इसको कैसे समझायेगा हमारे सारे भेद खुल जायेगे ।

मैने आंख मारी और हस कर - क्यू बुआ भूल गयी हिहिहिही
बुआ - क्या ?
मै - जब आप राखी पर आई थी और खुली छत पर आप पापा के लन्ड पर उछल रही थी फिर मा को तड़पता देख कर आपने औरपापा ने जोश मे आकर मा को मेरे लन्ड पर बिठा दिया था कि मै सोया हु हिहिहिही याद आया ।

ये बात तो पापा के लिए भी चौकाने वाली थी और शिला बुआ के लिए भी ।
शिला - तो क्या तु उस रात जाग रहा था ?

पापा ने भी आंखो से वही सवाल दुहराया तो मै खिलखिलाकर - बगल मे इत्नी मोटी चुचियो वाली बुआ की गाड़ मारी जा रही हो और मै सो जाऊ हिहिहिही

शिला हस कर - धत्त बदमाश कही का , लेकिन तु और तेरे पापा कैसे ?

"आपके जाने के बाद एक रात पापा ने फिर मम्मी को मुझे सोया हुआ जानकर मेरे लन्ड पर बिठाया था " , मै मुस्कुरा कर पापा को आंख मारी ।

बुआ के चुचिया अब वापस से खड़ी होने लगी थी , उनकी चुत के मासपेशियाँ एक बार फिर से पापा के लन्ड पर कसनी शुरु हो गयी थी , मतल्ब साफ था कि बुआ की कामोत्तेजना वापस आ रही थी और उनकी उत्सुकता बढ़ रही थी ।

मैने उनकी खरबजे जैसी मोटी चुचिया दोनो हाथो से पकड कर उन्हे सहलाता हुआ - फिर क्या मै लेटा हुआ था और मम्मी मेरे लन्ड पर कूद रही थी और पापा उन्के मुह मे लन्ड डाले हुए थे , ऐसा एक बार नही दो तीन रातों से हो रहा था ।

बुआ ने पापा की ओर देख कर - क्या सच मे ?
मैने पापा को हा मे सर हिलाने का इशारा किया - मुझसे रहा नही जा रहा था और उस रात मैने अपनी जान्घे फ़ोल्ड करके मुम्मी की कमर पकड कर निचे से लन्ड उनकी चुत मे पेलने लगा

बुआ के हाथ खुद ब खुब उनकी चुत के दाने पर पहुचने लगे और शरीर मे मस्ती बढने लगी ।
मै - पहले मा चौकी मगर कुछ बातचित के बाद हम तिनो साथ से मजे किये और तब से हिहिही
बुआ चेहरे पर कामुकता फिर से चढ़ आई थी और वो पापा का लन्ड टटोलकर उसे भितर घुसाते हुए - क्या भैया इतनी बड़ी बात मुझसे छिपाई उम्म्ंम

पापा अपना लन्ड वापस से बुआ के बुर मे रेंगाते हुए - आह्ह दीदी सॉरी मुझे लगा कही राज को शामिल करने से आपको गुस्सा ना आये

बुआ ने लपक कर मेरा लन्ड पकड कर - आह्ह इतना बड़ा लन्ड देख कर कोई पागल ही होगी जो गुस्साअह्ह्ह उम्म्ंम उम्म्ं उग्ग्ग्ग उग्ग अह्ह्ह सीईईई

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पापा के तेज धक्को से बुआ का मुह लन्ड को आकर भी हट गया और मै झूक कर उनकी रसदार चुचियां पीने लगा ।

बुआ - हा अब भले ही गुस्सा आ रहा है
पापा - क्यू दीदी
बुआ - घर मे जवान लन्ड रहते हुए भी मुझे तरसाते रहे उह्ह्ह ऊहह

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मै मुस्कुरा कर अपना लन्ड उन्के मुह मे भरता हुआ - अब नही होगा आगे से , क्यू पापा
पापा - आह्ह हा बेटा, हा दीदी उह्ह्ह लो अब दो दो लन्ड का मजा
पापा ने बुआ की जान्घे पकड कर कस कस के उनकी बुर मे पेलने लगे और मै भी उन्के मुह मे लन्ड भरते हुए उनकी रसदार मोटी चुचिया मसलने लगा - ओह्ह बुआ कितना मस्त चुस रही हो आह्ह लोह और भर लो उह्ह्ह

मैने लन्ड को उनके गले तक चोक करते हुए कहा ।
बुआ मुह से लन्ड बाहर निकाल कर खास्ती हुई मेरा लन्ड हिलाने लगी - आह्ह बाप बेटेहहह ऊहह फक्क्क उम्मममं सीई दोनो का लन्ड एक सा है उह्ह्ह

पापा - आखिर बेटा किसका है दिदीईई ऊहह इतने दिन से आपको चोदने का मन था लेकिन शादी मे ना आपको समय मिला ना मुझे

बुआ - हा भैया मेरी भी बुर बिना लन्ड के खुजाती रही बस
मै - आह्ह बुआ अब तो मेरे लन्ड की खुजली बढ़ रही है प्लीज कुछ करो ना

पापा - अह हा बेटा , दीदी यहा आजाअओ
पापा पीछे हट कर बिस्तर पर टेक लेकर बैठ गये और बुआ घोड़ी बनती हुई उनका लन्ड मुह मे भर लिया

पापा - ऊहह दीदी आह्ह चुसो उम्म्ंं उफ्फ्फ क्या मस्त चुस्ती हो
इधर मै बाकी कपडे उतार कर अपना मुसल मसल रहा था , सामने बुआ की बड़ी सी गाड़ का छेद और खुली हुई भोसडी की फाके दिख रही थी जिसे पापा पकड कर फैलाये हुए थे ।

पापा - आजा बेटा डाल ले उह्ह्ह दीदी ऊहह कितनी मुलायम गाड़ है

मै अपने लन्ड को मसलता हुआ बिस्तर पर आकर लन्ड को उनकी बुर के फाको मे फसाते हुए एक जोर का झटका दिया और लन्ड जड़ तक बुआ के चुत मे चली गयी
बुआ पापा का लन्ड कस कर हाथो मे भर सिसकी और पापा की भी आह निकल गयी
बुआ - ओफ्फ्फ लल्ला उह्ह्ह आराआम्म्ं से बेटा उह्ह्ह फ्क्क्क उम्मममं कितना कड़ा है तेरा मुसल उफ्फ्फ फ्क्क्क उम्म्ं

मै बुआ की गाड पकड कर उनको चोदता हुआ - ऊहह बुआ आपकी चुत भी तो भट्टी जैसे तप रही है ऊहह कितनी नरम गाड है

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बुआ पापा का लन्ड मुह मे भर घोन्ट रही थी और पापा उनका सर पकड कर मुह मे पेल्ते हुए - ऊहह दीदी मजा आ गया आज तो ऊहह और लो उम्म्ंम

मै भी जोश मे कस कस के करारे झटके दे रहा था और बुआ के चुत मेरे लन्ड को भितर से चुस रही थी ।

उनकी चर्बीदार बड़ी गाड़ को मसलकर लम्बे लम्बे शॉट लगाने का मजा ही और था उसपे से पापा के साथ मजा दुगना हो गया था

पापा लन्ड एक बार फिर तैयार और तनमना गया था
पापा - बेटा थोड़ा जगह बदली की जाये

मै मुस्कुरा कर - हा हा क्यू नही लेकिन मै क्या सोच रहा हु

पापा - क्या
फिर मैने उन्हे अपनी तरकिब बताई और अलग ही पल पापा निचे से बुआ की चुत के परख्चे उड़ाने लगे
उन्की तेज जोशीली कमर उछ्लाने की गति बुआ की गाड़ बुरी तरह से झटके खा रही थी और मेरी नजर बुआ के उस गुलाबी सुराख पर थी जो खुल बन्द हो रही थी ।बुआ की चिखे चरम पर थी

सुपाड़े को चिकना कर मै भी अपना पोजिसन लेकर लन्ड को बुआ के गाड़ की सुराख पर रखा और बुआ की सासे चढने लगी
थोडा सा दबाव और प्चक कर सुपाडा गाड़ के छल्ले को भेद्ता 2 इंच अंदर

बुआ की आंखे उलट गयि - आह्ह लल्ला आराम से बाबू उह्ह्ह ओफ्फ्फ

पापा बुआ की रसदार चुचियो को चुबलाते हुए लन्ड को समान्य गति से बुर मे पेल रहे थे
उनके लन्ड बुर मे गतिविधियों का अनुमान मुझे सुपाड़े की गाठ पर स्पष्ट मह्सूस हो रहा था और मेरे लन्ड की फड़क तेज हो रही थी
आगे झुक कर लन्ड को एक करारे झटके के साथ आधे से ज्यादा बुआ की गाड़ मे उतार दिया और मेरी भी हालत खराब ही हो गयी समझो

बुआ बुरी तरह हाफ रही थी गाड़ मे मची हलचल से जिस्म पुरा पसिना पसीना हुआ पड़ा था और दोनो लन्ड अब अपनी जगह बनाते हुए धिरे धिरे रेन्ग रहे थे ।

बुआ - ऊहह लल्ला अह्ह्ह अब रुका क्यू है
मै मुस्कुराया और एक करारे झटके के साथ लण्ड को उनकी गाड़ मे पेलने लगा , बुआ के जिस्म की अकड़ना उनकी बहटी चुत का सन्देस दे रही थी और उसी बहती चुत मे पापा के लन्ड की तेज रफ़्तार से अन्दर बाहर हो रहा था

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थप्प थप्प के साथ अब फच्च फच्च की आवाजे उठने लगी थी
पापा और मै दोनो तेजी से लन्ड गाड़ और चुत मे भर रहे थे
बुआ - अह्ह्ह भैया ऊहह लल्ला तुम्हारे लन्ड उह्ह्ह और तेज ऊहह मेरा हो रहा है अह्ह्ह उह्ह्ह सीईई फ्क्क मीईई ओफ्फ्फ्फ भैयाअह्ह्ह ऐसे ही ऐसे ही उह्ह्ह रुकना मत

मै - आह्ह बुआ रुकना क्यू है आज फ़ाड कर रहेंगे
बुआ - हा फ़ाड दो ऊहह फ्क्क्क मीईई

बुआ झड़ने के बाद अपने गाड़ और चुत के छल्ले कसने शुरु कर दिये और पहले पापा कसमाये - आह्ह दीदी आ रहा है मेरा उह्ह्ह
फिर मुझे भी वैसा ही कुछ मह्सुस हुआ
झटके उठकर मै अलग हुआ और पापा भी खड़े हुए
बुआ घुटने के बल हमारे लन्ड के निचे

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तेज गाढी पिचकारियां एक एक कर दोनो तरफ से बुआ के चेहरे पर गिरी और वो मुह खोले वीर्य की खुराख गटकने लगी

चेहरे पर फैले वीर्य को उंगलियो मे भर कर चाटने के बाद बुआ ने हमारे लन्ड की सफाइ की और कुछ पल हम नन्गे ही पन्खे की हवा मे लेटे रहे ।

थोड़ी देर बाद हमने कपडे पहने और मैने बुआ से पूछा - तो बुआ घर चलना है या चाचा के यहा

बुआ शर्मा कर हसने लगी
पापा - क्या बात है भाई तुम लोग हस क्यू रहे हो ।

मै - पापा वो क्या है मै टिफ़िन लेके आ रहा था तो बुआ ने खास मम्मी से बोल कर आई थी कि उन्हे चाचा के यहा जाना , वो तो यहा आने के बाद पता चला कि हिहिहिही

बुआ - चुप कर बदमाश
पापा मुस्कुरा कर - चले जाओ ना दीदी जन्गी अकेला होगा

बुआ ने पापा को आंखे दिखाने लगी तो मै हस कर - कोई फायदा नही पापा , चाची और राहुल भी घर चले गये है हिहिहिही
बुआ ने हस कर मेरे कंधे पर चपत लगाई और फिर मै बुआ के साथ निकल गए चौराहे वाले घर के लिए

रास्ते मे
बुआ - तु बडा चालाक है रे , भइया भाभी को भी तुने लपेट लिया और मुझे बताया तक नही उम्म्ं
मै हस कर - अभी तो बहुत कुछ नही जानती हो आप बुआ हिहिही
बुआ - जैसे ?
राज - ऐसे कैसे सब मेरा ही जान लोगी , घर चलो मुझ पहले आपसे बहुत कुछ जानना है ।

फिर हम दोनो घर के लिए निकल गये ।


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उधर शालिनी को वापस देख कर जन्गी की भुनभुनाहट अलग बनी हुई थी , परेशान चिडचिडा होकर वो राहुल को दुकान पर बिठा कर खुद निकल जाता है रंगी से मिलने ।

इधर सोनल वाले कमरे मे निशा और रज्जो सफाई के लिए आलमारियां खाली कर रहे थे , रागिनी अनुज के कमरे मे भिड़ी थी ।
रज्जो आलमारि से सोनल के पुराने कपडे निशा से पुछ कर बाहर कर नीचे फर्श पर गिरा रही थी और निचे बैठी निशा उसे फ़ोल्ड कर एक बैग मे रख रही थी , तभी कपडो के बिच से शिला का 10 इंच वाला डील्डो भी गिरा और रबर की डिलडो फर्श पर आते ही दो फीट हवा मे उछल कर वापस फर्श पर चिपकर खड़ा हो कर हिलने लगा

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निशा और रज्जो दोनो की आंखे फैली हुई थी , वो कभी एक दूसरे को चौक कर देखती तो कभी उस बड़े से लन्ड वाले डिल्डो को ।


जारी रहेगी
Super Update Bhai ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ ❤️ Awesome Threesome Raj Rangi Shila :smooch::smooch::smooch::smooch::smooch::smooch::smooch::smooch::smooch::smooch::smooch::smooch: Waiting For Next Update
 
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