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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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मेरे सभी प्यारे दुलारे मुठ्ठल मित्रों पाठकों एवं उंगलीबाजो
देर सवेर ही सही आप सभी को गैंगबैंग रूप से नए साल की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
दारू वाली गैंग के लिए
शिला बुआ की तरफ से स्पेशल ट्रीट

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आप सभी खुशहाल रहें और स्वस्थ रहें और हिलाते रहे


एक महत्वपूर्ण सूचना

इस कहानी का नया सीजन मेरे रनिंग कहानी के खत्म होने के बाद भी शुरू होगा , अब उसमें दिन लगे महीने या वर्षों ।
कृपया मेरी व्यस्तता और मजबूरी को समझे , निगेटिव कमेंट करके या मुझे निकम्मा ठहरा कर अपनी ऊर्जा व्यय ना करें
मै बहुत ही हेहर प्रकृति का प्राणी हु , आपके नकारात्मक शब्दों मुझे खीझा सकते है मगर मेरी चेतना को भ्रमित नहीं कर सकते । उसमे मैं माहिर हुं
आप सभी का प्रेम सराहनीय है और मेरे मन में उसकी बहुत इज्जत है , मगर मै अपने सिद्धांत पर चलने वाला इंसान हु ।

फिर अगर किसी को ऑफिशल डिकियलरेशन की आशा है कि मै ये कहानी बंद करने वाला हु तो ऐसा नहीं है
ये कहानी शुरू होगी मगर मेरी अपनी शर्तों और जब मुझे समय रहेगा इसके लिए।
नया साल अभी शुरू हुआ है इंजॉय करिए
अपडेट जब आयेगा इस कहानी से जुड़े हर उस व्यक्ति को मै व्यक्तिगत रूप से DM करके बुलाऊंगा ये मेरा वादा है ।



मेरे शब्दों और मुझ पर भरोसा कीजिए
मेरी दूसरी कहानी का भी मजा लीजिए
धन्यवाद 🙏
 
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divsr88

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लेखक की जुबानी

राज के घर

इधर हल्दी की रस्मो मे रागिनी और रज्जो ने मिलकर अपनी दोस्ती मे शिला के साथ कुछ ज्यादा ही मस्ती कर दी थी , पेट और गरदन पर रगडाई से उबटन सुख गयी थी जो बिना नहाये नही छुटने वाली थी ।

शिला गेस्ट रूम से जाकर अपने कपडे लेके पहले रागिनी के कमरे मे गयी तो वहा पहले से ही औरते भरी पड़ी थी
अगर वहा वो नहाने जाती तो उसके मायके उसकी जितनी भी भौजाईया रहती , उसकी जम कर खिचाई करती और शरारते होती अलग से ।

शिला ये रिस्क नही लेना चाहती थी इसीलिए वो राज के कमरे मे घुस गयी ।

औचक उसकी नजरे बिस्तर पर करवट लेके लेटे राज के नाना पर गयी और वो ठहर गयी ।
फिर उसने सोचा एक बार को कि उपर वाले बाथरूम मे चले जाये मगर फिर वहा मर्दो का जमघट था ।

वो कपडे लेके बाथरूम मे घुस गयि तो पता चला कि वहा तो बाथरूम की टाइलस वाली दिवालो पर सिर्फ सिर्फ दो स्टीकर वाली खूंटी चिपकायि गयि है जिसपे पहले से ही राज और कमलनाथ के जान्घिये सूख रहे थे और कोई हैंगर नही लगा बाथरूम मे ।

शिला के लिए समस्या बढ़ने लगी वो उलझन मे थी कि क्या करे
फिर उसने तय किया कि वो राज के नाना तो दवा खा कर सो रहे हैं तो गहरी नींद मे ही होंगे इसी भ्रम मे वो कपडे बाथरूम के बाहर एक चेयर पर ही रख दिये और दरवाजा बस भिड़का दिया

ताकि दरवाजे को बार बार खोलना या बन्द ना करना पड़े।
इधर पानी का शॉवर चालू हुआ नही कि बनवारी की आंखे झट से खुल गयी
बनवारी ने दरवाजे पर नजर मारी वो भीतर से चटखनि चढ़ी हुई थी , तभी उसके कान मे बाथरूम से पानी की आवाज आई तो उसने उठ कर बाथ रूम की ओर देखा कि बाथरूम के बाहर एक चेयर पर किसी महिला के कपडे रखे हुए है और सबसे उपर तौलिया रखा हुआ है ।
बाथरूम का दरवाजा हल्का भिड़का हुआ है ।

बन्द कमरे मे ना जाने कौन सी औरत ऐसे दरवाजा खोल कर नहा रही होगी ये सोच कर बनवारि का मुसल तन गया और उससे बेचैनी बर्दाश्त ना हुई

वो हौले से बिना कोई आहट के अपना मुसल खुजाता हुआ बाथरूम के दरवाजे के पास आया और भीतर का नजारा देखकर उसकी आंखे फैल गयी ।

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सामने तो राज की बुआ शिला थी तो पूरी नंगी होकर अपने जिस्म पर साबुन मल रही थी ।
ये नजारा देख कर बनवारी का मुसल सर उठाने लगा और उसे मसलते हुए बनवारी के मुह से एक ही शब्द आये - आह्ह शिला तेरी जवानी उम्म्ंम्ं

तभी बनवारी के पाव से प्लास्टिक की चेयर को दबाव बना और आवाज करती हुई थोड़ी सी अपनी जगह से खसक गयी ।

चेयर खसकने की आवाज पर दोनो सतर्क हुए और इससे पहले शिला चौक कर दरवाजे की ओर देखती , बनवारी दरवाजे से हट गया था ।

शिला को समझते देर नही लगी कि राज के नाना उठ गये थे उसे ये आशाम्का भी हो रही थी कि कही वो उसे झाक कर निहार ना रहे हो ।

तभी बनवारी ने बाथरूम का दरवाजा ठोक कर आवाज दी - अरे कोई नहा रहा है क्या भीतर

शिला की तन्द्रा टूटी और वो अपने जिस्म पर साबुन रगड़ने की गति को रोकती हुई आवाज दी - जी बाऊजी हम है शिला , नहा रहे हैं । कुछ चाहिये क्या बाऊजी


बनवारी एक अनुभवी इन्सान था जमींदार और ग्राम प्रधान रहने के नाते वो बहुत मझा हुआ खिलाड़ी, उसने गाव मे पहले ही ऐसे कईयो औरतो को अपने झासे मे ले रखा था ।

बनवारी ने नाटक किया - अह हा बिटिया वो हमे जोरो की पेसाब आई थी , क्या तुम नहा चुकी हो

शिला की हड़बडी बढ़ गयि और वो जल्दी जल्दी शॉवर चालू करके नहाते हुए - हा बाऊजी बस दो मिंट रुकिये

जल्दी से उसने नहाया और हाथ बढा कर उसने तौलिया लेने के लिए अपना पुरा जिस्म छिपाती हुई गरदन बाहर निकाला तो देखा कि बनवारी अपना मुसल मसल रहा है धोती के उपर से

उसे लगा कि शायद राज के नाना को जोरो की पेसाब ही लगी हो
उसने झट से बिना अपना जिस्म पोछे तौलिया लपेट लिया बाथरूम का दरवाजा पुरा खोलते हुए बोली - हम्म्म बाऊजी आ जायिये आप , मुझे अभी कपडे धूलने है तो मै बाहर !!!

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बनवारी ने घूम कर शिला की ओर देखा उसकी आंखे फैल गयी , शिला के गदराये जिस्म को तौलिया बडी मुश्किल से ढ़क रहा था

बनवारी ने नजरे फेरने का नाटक किया - अरे बिटिया तुमम ऐसे , नही नही , कपडे पहन लो तूम , हम रुके हुए है ।

शिला मुस्कुरा कर - क्या नही नही , इतनी जोर से लगी है आपको फिर भी

बनवारी मुह फेरे हुए अपने मुसल- नही नही बेटी तुम कपडे पहन लो , किसी ने देख लिया तो गजब हो जायेगा ,

शिला हस कर - एक तो खुद मुझे अपनी बेटी भी मान रहे हो और मेरे सामने लजा रहे हो , और बन्द कमरे मे कौन देखने आयेगा हिहिही आप भी ना

बनवारी ने नजरे उठा कर शिला को मुस्कुराते देखा और बोला - तुम तो सच मे मेरी रज्जो जैसी ही हो

शिला हस कर - क्यू रज्जो भाभी भी आपके सामने ऐसे ही आ जाती थी क्या

बनवारी शिला के मजाक पर हस कर बाथरूम के घुसता हुआ - नही , वो भी तुम जैसी शरारती और जिद्दी है ।

शिला - बेटिया बाप से ही तो जिद करती है ना बाऊजी

बनवारी ने अपना तना हुआ मुसल निकाला और इंग्लिश टॉयलेट मे खडे होकर पेसाब करने के बजाय बाथरूम के एक कोने लगी फर्श की कटोरी मे करने के लिए बैठ गया ,,जहा से बाथरूम का पानी पाइप से होकर जाता है ।

वही बाजू मे शिला के निकाले हुए कपडे हाथ भर की दुरी पर थे ,
शिला की नजर जैसे ही उनपे गयि वो लपक कर अपना कपड़ा उठाने गयी - अरे बाऊजी नीचे क्यू कर रहे है ये है तो

शिला की आवाज इतने करीब पाकर बनवारी चौका और घूम कर पीछे देखा तो शिला उसके बगल मे खडी थी और उसका मोटा काला बैगन जैसा लम्बा मुसल निहार रही थी ।

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बनवारी की पेसाब अटक गयी - बेटा तू यह

शिला ने नजरे फेरते हुए - वो बाऊजी यही निचे मेरे कपडे थे ,उसपे लग जाता तो इसीलिए मै , सॉरी बाऊजी

ये बोलते हुए अपनी तेज सांसो को थामते हुए घूम गयी उसके जहन मे बनवारी के तने मुसल को देखकर ये ख्याल आने लगा कि मर्द हर उम्र मे कामुक हो सकता है और वही बनवारी मुस्कुराने लगा ।

बनवारी पेसाब करता हुआ - अरे बेटा मुझे ऐसे ही करने की आदत है खड़े होकर हमसे ना हो पाती है इसीलिए

शिला शर्मा कर अपने होठ चबाती हुई - जी

बनवारी
उठ खड़ा हुआ और अपनी धोती कसते हुए टोटी चालू करके हाथ मुह धूलने लगा ।

हाथ धूलने के बाद वो नजर घुमाते हुए इधर उधर बाथरूम मे कुछ खोजने लगा

शिला - क्या खोज रहे है बाऊजी

बनवारी- बेटा वो कोई तौलिया नही दिख रहा है हाथ पोछने थे

शिला थोडी मुस्कुरा कर - तौलिया तो यही है जो मैने लपेट रखा है

बनवारी- बेटा अगर तुझे ऐतराज ना हो तो मै निचे से पोछ लू , ऐसे ना जाने हाथ कब सूखे

शिला ने हामी मे सर हिलाया
और बनवारि झुक कर शिला के सामने से उसका तौलिये की एक परत उठाई और हाथ पोछने लगा ,

तौलिया उठाते उसकी नजरे शिला की गुदाज जांघो और उसके पैंटी लाईन पर गयी ,

इधर बनवारी जैसे जैसे तौलिये मे अपना हाथ रगड़ र रहा था शिला का जिस्म काप रहा था मानो बनवारी उसके जिस्म पर अपना हाथ पोछ रहा हो

तभी ऐसा कुछ हुआ जिसकी उम्मीद नही थी , बनवारि ने आगे झुक कर तौलिये का कोना थोडा का खिच कर मुह पोछने ल्गा

शिला के पाव पूरे कापने लगे और उस्की चुत पनियाने लगी ,
वही बनवारी ने तौलिया उठा कर शिला के फूली हुई बुर के फाके देखने लगा और उसकी जीभ से लार टपकने लगी ।

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हल्की झान्टो से भरी बुर की भूरी फाके बनवारी का मुसल तान चुकी थी । उसे शिला की जिस्म की कपकपी मह्सुस हो रही थी और उसने नजरे उठाकर शिला के चेहरे पर देखा जो अपने आंखे मुंदे और होठो को दबाए गहरी सासे ले रही


बनवारी ने मुस्कुराया नथुने भर कर एक बार गहरी सास लेते हुए शिला के बुर की मादक गन्ध को अपनी सासो मे भरते हुए खड़ा हो गया
बनवारी- आह्ह शुक्रिया बेटी अब तु अपना काम कर ले । मै भी बाहर जा रहा हु

शिला दबी हुई आवाज मे - जी !

बनवारी बिना कुछ जाहिर किये चुपचाप अपनी जीत पर सीना फुलाता हुआ कमरे से बाहर चला गया ।
शिला ने कमरे का दरवजा भीतर से बन्द किया और अभी जो हुआ उसपे विचार करने लगी कि कैसे एक बूढ़े ने आपनी समान्य हरकतो से ही उसकी कामोत्तेजना भड़का दी ,

शिला मुस्कुराई कि राज के नाना कम चालू चीज नही है इसीलिए उसने तय किया - बाऊजी आपने शिला को परेशान किया , इसका जवाब शिला आपको ऐसे देगी कि याद करोगे आप भी हिहुहिही
निचे के हाल मे मर्दो का जमावड़ा अलग ही लगा था ,
राहुल , राज की बुआ के बेटे अरुण के मोबाइल को लेके नये नये गेम्स मे भिड़ा था , वही अनुज का चेहरा उदास था।

राज की नजर अपने भाई अनुज पर गयि और शादी के घर मे ऐसे छोटे भाई का उतरा हुआ चेहरा देख कर उससे रहा नही गया और वो अनुज को बहाने से बुलाके उपर ले गया ।

धीरे धीरे शाम हो रही थी और निचे सड़क और आस पास काफी चहल के बाद भी बाल्किनी मे एक चुप्पी सी थी ।

राज - अब बोल क्या हुआ है तुझे , क्यू ऐसे मुह बना रखा है ??

अनुज बहाना करते हुए - अरे नही भैया कुछ नही ऐसा नही है , बस कल दीदी चली जायेगी इसीलिए

राज उसके चेहरे पर छाये झुठ के साए पढता हुआ - क्यू झूठ बोल रहा है मुझसे , सच सच बता बात क्या है?
अनुज का दिल अब जोरो से धडकने लगा था , उसे समझ नही आ रहा था कि कैसे वो बात करे अपने भैया से और क्या ?
राज थोड़ा कड़े रुख मे भौहे चढा कर- बोल!!
अनुज डरता हुआ असल बात को छिपात हुआ - भैया वो कल रात गलती से मैने चाची का बम्म देख लिया


राज उलझे हुए स्वर मे - क्या देख लिया ??

अनुज धीरे से दबे हुए स्वर मे - गाड़ !!

राज के कान तन गये और वो थोडा ठहरा - तो चाची को पता है इस बारे मे

अनुज - हम्म्म
राज - तो क्या चाची ने कुछ बोला तुझे , डाँटा या फिर और कुछ कहा ।

अनुज - नही नही भैया , वो तो कुछ नही बोली । बस मुझे अच्छा नही लगा ।

राज - बस इत्नी सी बात !!
अनुज - हम्म्म
राज - अरे तो इसमे परेशान क्यू है , गाड़ ही देखी है ना वो मै ऐसे ही कईयो की देख चुका हु हिहिही उसमे क्या है ?


अनुज - वो बात नही है भैया बस मुझे चाची से नजर मिलाने मे झिझक हो रही है ।

राज - अरे तु ऐसे रहेगा तो कैसे आगे बढ़ेगा और जब चाची ने कुछ बोला नही तुझसे बोल बात कर रही है तो तु भी ध्यान मत दे

अनुज - जी भैया

राज - और कुछ बात तो नही है ना

अनुज - नही भैया
राज - हम्म ठिक है अब मुस्कुरा दे भाई और चल मजे कर शादी का घर है ऐसे उदास अच्छा नही लगता ना ।

अनुज मुस्कुराता हुआ - जी भैया ।

फिर दोनो भाई निचे आ गये ।
इस छोटी सी बात चीत से अनुज का मन काफी हद तक साफ हो गया ।
इस पल मे ही सही मगर अनुज के जहन मे फिल्हाल के निशा के साथ किये गये सेक्स को लेके भी थोड़ी ग्लानि सी हो रही थी ।

उसने तय किया कि राहुल के बहकावे मे आकर उसे अपनी और परिवार प्रतिष्ठा से समझौता नही करने देगा ।
शादी के घर जहा उसपे इतनी जिम्मेदारीया है वो उससे मुह मोड कर स्वार्थी होकर सेक्स की राह नही चुन सकता है ।

" ऐसा अक्सर होता ही है कि जब हम उलझे हुए होते है और ऐसे में कोई सुझला हुआ इन्सान मदद कर दे , तो यकायक हम सब मे भीतर क्षणिक भर के लिए ही सही मगर एक संकल्प भरा भाव जरुर आता है कि अब ऐसा कुछ नही करना है कि ये सब दिक्कतें आगे आये ।
मगर जैसा मैने कहा ये संकल्प क्षणिक ही होता है , हम अहंकारवश वापस अपनी कामनाओ मे लिपट हो ही जाते है ।"

वही हाल अनुज का होने वाला है , फिल्हाल तो उसने राहुल की संगति ना करने की प्रतिज्ञा ले ली है और साथ ही ये भी तय किया कि वो सेक्स को लेके सावधान रहेगा इनसब पर ध्यान नही देगा ।
मगर देखते है कि अनुज का ये संकल्प कितने क्षणो तक बना रहता है ।


अमन के घर

शाम ढल रही थी और मेहमानो की चहल पहल , औरतो के लोकगीतों से घर का माहौल खुशनुमा हो गया था ।

ऐसे मे अमन की मा को ध्यान आया कि ढलते सूरज की रोशनी खतम हो उससे पहले वो अमन को उबटन लगा दे । फिर नाच गाना का प्रोग्राम भी होना है ।

ममता ने उबटन की कटोरी और तेल की शीशी लेके अमन के कमरे मे दाखिल हुई
अमन सोफे पर पाव फैला कर वैसे ही बनियान और बॉक्सर मे सोया था ।

ममता अपने लाड़ले को सोया देख मुस्कुराई और कमरे का दरवाजा भीतर से बन्द करते हुए उसके पाव के पास बैठकर सोटे हुए अमन का मासूम सा चेहरा देखा

ममता मन मे - देखो कितने सुकून से सोया है मेरा बेटा हम्म्म

" हिहिहिही और इसको जगा रखा है " , ममता ने अमन के बॉक्सर मे तने हुए मुसल को देखकर हस्ती हुई बड़ब्डाई ।

तभी ममता को कल रात मे भोला की बात याद आई जब उसने बताया था कि कैसे उन्की नादानी का फायदा अमन ने लिया था और ममता की नंगी फैली हुई गाड के दरशन अमन ने किये थे ।

वो पल याद करते ही ममता का बहन सिहर उठा उसके रोए खडे हो गये ।

ममता मन मे - उस वक़्त ना जाने अमन ने मेरे बारे मे क्या सोचा होगा कि मै क्यू वहा ऐसे खड़ी हु और नंदोई जी कह रहे थे कि मेरी जैसी औरत को देख कर घर वालो के अरमान तो जाग ही जाने चाहिये ,तो क्या कभी अमन ने भी मुझे उस नजर से देखा होगा ।

अगले ही ममता ने अपना माथा पीटा और खुद को कोसा कि वो क्या फालतू सोच रही है ।

फिर उसने अमन के पाव हिलाते हुए उसे जगाने लगी
अमन उठ कर बैठ - जी मम्मी

ममता - अरे तु अभी तक सो रहा है ये उबटन नही लगवानी

अमन को उसकी मा बात सुनते ही उसके लन्ड की नसे और फड़क उठी कि उसकी मा उसके लन्ड पर हल्दी लगाने आयी है ।

अमन - हा मा वो मै लेटे लेटे सो गया था

ममता मुस्कुरा कर - ठिक है कोई बात है , लेकिन अब चल निकाल ये कच्छा, जल्दी से लगा दू और फिर मुझे भी बहुत काम है भाई

अमन थोडा झिझका की मा ने सीधे निकालने को बोल दिया

ममता मुस्कुराते हुए - सोच क्या रहा है निकाल ना

अमन वही सोफे पर बैठे हुए अपना बॉक्सर सरकाते हुए निकाल दिया और अपनी टाँगे खोलकर सोफे पर ही बैठ गया ।

ममता की नजर जैसे ही अमन के फौलादी मुसल पर गयी उसकी चुत फड़क उठी और गला सुखने लगा , तभी उसकी नजर क्रीम कलर के सोफे पर गयि ।

ममता - अरे सोफे पर नही , तु निचे फर्श पर लेट जा

अमन - ऐसे फर्श पे चुबेगा नही !!

तभी ममता का दिमाग ठनका और उसने अपनी पीले रंग की चुन्नी को अपने सीने से उतारते हुए निचे फर्श पर फैला दिया

ममता - हम्म अब लेट जा
अमन खड़ा हुआ और अपना तना हुआ मुसल हवा मे लहराता हुआ फर्श पर लेट गग
ममता का कलेजा भी काप रहा था कि वो आज अपने बेटे का मुसल अपने हाथो मे भरेगी और उसे सहलायेगी ।

ममता अमन के पाव के पास बैठ गयि और पास मे ही उबर को कटोरी और तेल की शिसी रख दिया ।

ममता ने उंगलियो मे च्भोड़ते हुए उबटन लिया और उसने कुछ बूंद तेल के मिलाते हुए ठंडी ठंडी उबटन को दोनो पंजो की उंगलियो से अमन के लन्ड के हल्के झान्टो वाले हिस्से पर लगाया और लंड की गोलाई मे उसके बेस के आस पास उंगलियो से मसाज करने लगी ।

अपनी मा के कोमल हाथो का अपने लण्ड के पास स्पर्श से अमन के दिल की धड़कन तेज होने लगी औए उस्क लन्ड और फुलने लगा ।
धीरे धीरे उसके लण्ड की सतहों पर नसे जाहिर होने लगी ।
ममता ने फिर से उबटन और तेल का मिश्रण लिया और इस बार उसने अमन के गर्म तपते आड़ो को पोतने लगी

अमन सिस्का और फिर खिलखिला दिया - उम्म्ंम्ं सीईईई हिहिहिही मा गुदगुदी हो रही है ठंडी ठंडी

ममता मुस्कुरा कर उसके आड़ो को अपने हथेली मे भर कर सहलाती हुई - हम्म्म तो होने दे ,

अमन - आह्ह आउच्च मम्मीईई जोर से नहीईई

ममता ने सावधानी से अमन के आड़ो से हथेली की कसावट ढीली करती हुई सहलाते लगी ,

ममता के मादक स्पर्श से अमन के सुपाड़े की टिप से उसका प्री-कम आ टपका ।

ममता की नजर उस झलकते मोती समान पानी पर गयी तो पल को लजा सी
गयी और मुह मे घुलती लार को घोंटती हुई चोर नजरो से निहारने लगी ।

अमन बीच बीच मे कभी कभी गरदन उठा कर अपनी मा की क्रिया देखता और मारे उत्तेजना के लेट जाता ।
हर बार उसका लन्ड और कसने लगता ।

अमन को ये चुप्पी खल रही थी और उसने बात छेद दी - तब मा कल ट्राई किया था पापा पर हिहिहिही


ममता - क्या ??
अमन - वही जो मैने सिखाया था आपको , समूच हिहिही

ममता शर्माती हुई - धत्त , वो कहा करने वाले ये सब उनको नही पसंद

ममता ने उबटन ली और इस बार अमन का मुसल पकडती हुई उसपे अच्छे से लिपने लगी , लन्ड की सतहो पर अपने मा के हाथो का स्पर्श पाकर अमन गनगना गया और सिस्क पड़ा

ममता - क्या हुआ दर्द हो रहा है क्या ??

अमन अपने होठ दबाते हुए मुस्कुराते हुए ना मे सर हिलाया और एक बार फिर से सिस्का

ममता हस कर - धत्त नौटंकी कितना नाटक करता है रे तु

अमन अपने भींचे हुए चेहरे के साथ - आह्ह्ह नाटक नही कर रहा हु मा , वो कुछ अलग सा फील हो रहा है इसीलिए

ममता अमन की बात पर मुस्कुराई और समझ गयी कि उसका बेटा कैसा मह्सूस कर रहा है इस वक़्त

ममता टटोलते हुए - कैसा मह्सूस हो रहा है बोल

अमन लजाता हुआ मुस्कुरा कर - कुछ नही आप करो

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फिर ममता ने हाथ मे तेल लेके अब उबटन छुड़ाने लगी और धीरे धीरे रगड़ रगड़ कर जहा से शुरुवात हुई वहा से लेकर लन्ड के सतहो पर अच्छे से तेल से मल मल कर उबटन छुड़ाने लगी, जल्द ही अमन का लन्ड चमक उठा , उसकी काया की उज्ली हो गयी , सुपाडा पहले ही पानी छोड कर चमक रहा था

फिर ममता ने अपनी चुन्नी के छोर से अमन का जांघ पेड़ू और आड़ सहित लन्ड को साफ किया और फिर तेल लेके थपथपा हुए सब जगह तेल लगाया
फिर उसने अमन के लन्ड की चमडी खोली सुपाडा बाहर आया

अमन फिर सिसका - सीईई अह्ह्ह मम्मीईई

ममता ने उसको हस्ते हुए उसको आंख दिखाई तो अमन हसता हुआ बोला - सच मे फील हो रहा है मा

फिर ममता ने उसको नजरअंदाज किया और लण्ड के सतह पर तेल चभोड़ कर उसको अच्छे से मसलने लगी ।

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अमन अपने चुतड उठाता तो कभी एडिया उचका , उसके लन्ड की नशो के वीर्य भरने लगा था

अमन - ऊहह मम्मीईई रुकोह्ह्ह मुझे पेसाब लगी है , जाने दो ,

ममता - नही बस रुक जा दो मिंट बस हो गया है , फिर ममता ने तेल की सिशी से सिधा अमन के सुपाड़े पे तेल टपकाने लगी और अंगूठे को उसका गुलाबी सुपाड़े पर फिराने लगी

अमन ने अपनी कमोतेज्ना बर्दाश्त ना हुई और उसका फव्वारा फूट पड़ा,

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अमन - अह्ह्ह मम्मीईईई ओह्ह्ह्ह सीईई ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह इह्ह्ह्ह
सुपाडे की टिप पर अंगूठा होने के कारण अमन का वीर्य तेज फब्बारे जैसे हर तरह जिधर से दाव मिला तेज प्रेशर से बिखरने लगा
ममता भी सकपका गयी कि ये अचानक से क्या हो गया
उसके होठो आंख कान और गालो के साथ साथ उसके छातियों पर वीर्य की गाढी मलाई के मोटी बुन्दे आ गयी ।
वही उसका हाथ लगभग पुरा ही अमन की गाढी मलाई से सन गया , काफी ज्यादा छींटे अपने के जिस्म पर भी यहा वहा गिरे थे

ममता - छीईईई गन्दा, ये क्या किया तुने

अमन - सॉरी मा , मैने बोला तो था आपको जाने दो पेसाब लगी है

ममता वीर्य से सने हुए अपने हाथ अमन को दिखाती हुई मुस्कुराई - इसको पेसाब बोलते है ।

अमन लाज के मारे मुह फेर लिया ।

अमन उठ खड़ा हुआ और बोला - सॉरी , आओ मै आपको धूलवा देता हु ।

ममता हस्ती हुई - हम्म्म चल

फिर अमन उसी हालत मे बाथरूम मे गया और टोटी चालू करके हाथ धुलाने लगा


ममता अमन की ओर मुह करके - चेहरे पर भी लगा है ना

अमन ने हा मे सर हिलाया ।
ममता - कहा कहा है ? एक तो तेरे बाथरूम मे सीसा नही है

अमन - उंगलियो से इशारे करके बताता है आंख और गाल पर

ममता - और कहा है
अमन अपने उपरी होठ इशारा करके बताता है एक जगह पे , जिसे ममता जल्दीबाजी मे ऊँगली से चेक करने के बजाय जीभ फिरा देती है और एक छटाक भर रबड़ी उसके मुह मे

अमन होठ दबा के हस देता और ममता भी लजा जाती है कि अभी अभी उसने क्या किया

ममता - हस मत और बता कहा है

अमन - और आपके दुधू पे है ,

ममता ने गरदन निचे कर अपने छातियो के बीच रिसते अमन के वीर्य को देखा तो झटके से अपना सूट निकाल कर पास की खूंटी पर टांग दिया ।

ममता - कहा है ?
अमन मुस्कुरा कर अपनी मा की ब्रा के कैद कसी हुई खरबुजे जैसी चुचियो को निहारता हुआ उसके खाइयो के बिच मे इशारा करता है - वो बीच मे चला गया शायद

अमन की बात सुनते ही ममता बड़बड़ाई और अमन की ओर पीठ करके बोली - जल्दी से ब्रा खोल मेरी ।

अमन चौका साथ ही उस्का सोता मुसल एक बार फिर से तनने लगा ।
अमन बिना कुछ बोले पीछे खड़ा होकर ब्रा की हुक खोलने लगा , 3 से 4 प्रयास मे आखिर हुक खुल ही गया और ममता ने जल्दी से ब्रा निकालती हुई उसको पलट कर देखा तो भीतर की तरफ वीर्य लगा हुआ था , उसने उसको पास की वाल्ती मे डाल दिया ।


और बेसिन से टोटी चालू कर पानी अंजुली मे लेके अपने गोरे गोरे खरबजे जैसे 44DD के चुचे धूलने लगी , अमन की निगाहे अपनी मा के लटकते काले अंगूर जैसे मोटे निप्प्ल के दानो पर अटकी थी और उसका जीभ लार छोडने लगी ।
इधर पानी ज्यादा गिरने से ममता की आगे से सलवार भी गीली होने लगी और जैसे ही उसने अपने चुत के पास से जांघो पर पानी का गीलापन मह्सूस किया

ममता - हे भगवान हो गया गजब
अमन चौक कर - क्या हुआ मा

ममता अमन की ओर घूम कर पेट पर बन्धी हुई अपनी आधी भीगी हुई सलवार को दिखाती है - ये देख ये भीग गयी

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अमन को सामने खुली चुचिया लिये बिना पैंटी वाली भीगी हुई सलवार अपनी मा के बुर पर चिपकी हुई दिखती है तो उसकी सासे अटक जाती है ।

अमन - तो अब
ममता - ऐसा कर तु कच्छा पहन ले और चुपचाप मेरे कमरे से मेरी एक जोडी सूट सलवार लेते आ , किसी को भनक ना लगे । तब तक मै ये धूल लेती हु

अमन तेजी दिखाता हुआ - ओके मा

फिर अमन फौरन कमरे मे आया और अपना बॉक्सर पहन कर वो बिछाई हुई चुन्नी बाथरूम मे अपनी मा को देके सरपट निचे चला गया ।

लोगो से बचते बचाते वो अपनी मा के कमरे मे गया वहा से एक जोड़ी सूट सलवार लेके धीरे से उपर आ गया ।
कमरे मे आते ही उसने बिना कोई आहट के दरवाजा बन्द किया और कपडे को बेड पर रख कर बाथरूम मे झांकता है तो उसकी आंखे फैल जाती है , भीतर उसकी मा पूरी नंगी होकर एक बालटी मे झुके हुए कपडे खन्गाल रही थी और उसकी बड़ी सी नंगी सी फैली हुई 48 साइड का गाड़ एक बार फिर से अमन के सामने थी

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पल भर मे अमन का लन्ड फैलादी हो गया और उसने भी देरी नही कि और अपना बॉक्सर बनियान निकालते हुए पुरा नंगा हो गया

फिर ममता के पीछे खडे होकर उसको अपने कपडे देता हुआ - मम्मी ये भी धूल दो ,

ममता ने पहले तो कैजुअली अमन के हाथ से कपडा ले लिया मगर जब अगले ही पल उसको ध्यान आया कि वो बाथरुम मे पूरी नंगी खडी है तो वो चिहुक पड़ी ।
ममता चौकते हुए - तु यहा !!

अमन - आपने ही कपडे लेने भेजा था ना
ममता झेप कर अमन की ओर पीठ किये - हा लेकिन बेटा मैने कुछ पहना नही है ना

अमन - मैने भी कुछ नही पहना देखो

ममता उसकी बात पर हसी और थोडा लजाती हुई - हा ठिक है लेकिन तु बाहर बैठ मै नहा लू

अमन - मम्मी मुझे भी नहाला दो ना ,पुरा तेल तेल लग रहा है
ममता का कलेजा काप रहा था और पहली बार वो और उसका बेटा खुले आम नन्गे बाथरूम मे खड़े थे ।

अमन ममता से कुछ प्रतिक्रिया ना मिलने पर - क्या हुआ मा !! क्या एक बेटा अपनी मा को बिना कपड़ो के नही देख सकता क्या ? मैने तो देखा है कि कई घरो मे माये अपने बेटे के सामने भी नहा लेती है , इसमे कोई बुराई तो नही !!

ममता - हा बेटा तु सही कह रहा है , मै ही पागल हु हिहिही चल तुझे नहला देती हु , क्या पता इसके बाद बहू तुझे हाथ भी नही लगाने दे

अमन खुश हुआ कि उसकी योजना सफल रही और वो शॉवर चालू करके खड़ा हो जाता है ।

शॉवर चालू होने से अमन के बदन से ठंडे पानी के छीटे ममता के जिस्म पर जाने लगे

ममता - हेईई शैतान कहि का मुझे क्यू भिगो रहा है हिहिहिही

अमन अपनी को पकड कर शॉवर के निचे खिंचता हुआ - हिहिहिही तो आप भी आजाओ मा हिहिह मजा आयेगा

ममता भी अगले ही पल शॉवर के निचे अमन के बेहद करीब आके भीगने लगी

ममता - तु बहुत बिगड़ गया है , हिहिही

अमन - वैसे भी पापा तो आपके साथ ऐसे साथ मे नहाने वाले है नही हिहिही तो मेरे साथ इंजॉय करो हिहिही

ममता लजाती हुई - चुप कर बदमाश

अमन अपनी मा के दोनो बाजू पकडता हुआ - मम्मी भीगते हुए समूच करे

अमन की बाते सुनकर ममता की सासे चढने लगी और वो शॉवर की बौछार के बीच से अमन का खिला हुआ मुस्कुरात हुआ चेहरा देख कर खुद को रोक नही पाई और उसके गालो को थामते हुए खुद ही अपने होठ अमन के होठ से जोड दिये ।

अपनी मा का पहल अमन को चौक गया और उसकी मा के रसिले होठो का स्पर्श पाकर अमन का लन्ड पुरा तन गया
जो सीधा ममता के जांघो से टकराने लगा
दोनो भूखे एक दुसरे को होठो को चबा रहे थे , अमन को यकीन नही हो रहा था कि उसकी मा ने एक ही बार मे कैसे इतना अच्छा सिख लिया ,
धीरे धीरे हिम्मत करके अमन के हाथ उसकी मा के पीठ से सरकते हुए कमर तक आ गये ,
अमन ने शॉवर की शोर एक बार अपनी मा की कमर को कसते हुए झटके से अपने औए करीब कर लिया

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ममता ने होठ जोड़े जोड़े ही मुस्कुरा कर उसको आंख दिखाई और फिर से दोनो एक दुसरे को चूमने लगे

अमन के मुसल का नोख ममता को अपनी चुत के आसपास मह्सूस हो रहा था कि तभी उसे अपनी गुदाज गाड़ पर अमन का पन्जा सरकर हुआ मह्सूस हुआ

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ममता की सासे अटक गयी और उसने अपने चुतड कड़े कर लिया और एडिया उचका ली नतिजन अमन का सुपाडा अब सीधा ममता के बुर के फाको को रगड़ रहा था ।

अमन ने चाव ने अपनी मा के होठो के रस चुस रहा था और उसके पंजे ममता की गाड़ के गुदाज मोटे फाको को भरने की कोसिस मे थे ।

निचे से चूत पर लगातार सुपाड़े की चोट से ममता की चुत बजबजाने लगी और साथ ही उसे भी तेज पेसाब मह्सूस हुई

वो अमन से अलग हुई हसते हुए
अमन ने शोवर ऑफ किया और हस्ते हुए पुछा- क्या हुआ

ममता लजाती हुई अपनी पिंक फिंगर उपर कर दी
अमन ने ओके बोलके घूम गया और ममता वही एक कोने मे बैठी हुई तेज धार से मूतने लगी

अब तक ममता की रही सही शर्म खतम हो चुकी थी जिस तरह से उसके बेटे ने आज उसको दबोचा था वो ये पल नही भूलने वाली थी ।

ममता पेसाब करके उठी - चल अब नहा लेते है लेट हो जायेगा

अमन - अच्छा मा एक बात पूछू
ममता खुश होकर - हा बोल ना बेटा

अमन हसता हुआ - मम्मी जब मै बचपन मे छोटा था और आपके गोद मे ही पेसाब कर देता था तो आपको गुस्सा नही आता था हिहिहिही

ममता - अरे उसने गुस्सा कैसा , बेटा अपनी मा के उपर पेसाब कर दे । ये पुण्य कमाने की बात है । तु ये सब क्यू पुछ रहा है

अमन हस कर - सोच रहा हु एक बार फिर आपको पुण्य कमवा दू हिहिहिही

ममता हस कर - क्या बोला ?
अमन - देखो जब मै छोटा था तो मुझे याद नही कि मै पेसाब करता था तो आप खुश हो जाती थी , अभी मै ब्डा हो गया हु तो देख सकता हु कि ....!! समझ रहे हो ना आप


ममता भीतर ही भीतर अपने लाड़ले के दुसरे धार को अपने जिस्म पर पाने के लिए पागल हुई जा रही थी मगर वो ऐसे कैसे सीधे मान जाती - वो छोटे बच्चो के लिए है बस

अमन बच्चो जैसी जिद दिखाते हुए - क्या मा , अभी कल दुधू पिलाया ना तो ये भी कर लो ना प्लीज प्लीज प्लीज

ममता हस्ती हुई - अच्छा बाबा ठिक है आजा

ममता घुटने के बल बैठ गयी और अपने चुचो को उठाते हुए निचे से दोनो हाथो को बान्ध लिया और खिले हुए चेहरे से बोली - ले कर

अमन ने एक गहरी सास ली और अपने लन्ड का सुपाडा खोलते हुए पेसाब की तेज धार अपनी मा की चुचियो पर मारने लगा
अमन के मूत की गर्म तेज धार से ममता की चुचिया बिलबिला उठी , उनमे खुजली सी होने लगी

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ममता अपने चुचे मसलते हुए बड़े ही मादक स्वर मे बोली - उह्ह्ह बेटा मजा आ रहा है ना अपनी मा पर मूत कर उम्म्ंम्ं

अमन - अह्ह्ह हा म्ममीईई अह्ह्ह्ह

ममता - आह्ह बेटा उम्म्ं कर लेह्ह औए कहा करेगा पीछे भी करेगा उम्म्ंम

अमन ने बस हा मे सर हिलाया और अगले ही पहल ममता घोडी बनती हुई अपनी गाड़ फैला दिया

जिससे उसकी गुलाबी छेद वाली गाड़ की सुराख के साथ उसके रसभरे आमो के नरम फाको जैसे गुलाबी बुर के मोटे मोटे फाके भी दिखने

जिसे देख कर अमन की हालत और खराब हो गयी , उसका मुसल बहुत जोर से तना हुआ था , उसकी नजरे अपनी के गुलाबी चुत और गाड़ के खुल बन्द हो रहे सुराख पर थी , अमन ने वही अपनी मा की गाड़ के सुराख पर निशाना बनाते हुए छरछरा कर पेसाब की तेज धार मारने लगा

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और वो उसके गाड़ से बुर के फाको से होकर फर्श पर गिरने लगी
ममता अपनी गाड़ की सुराख पर अपने बेटे की गर्म तेज धार पाकर गनगना गयी और अपनी गाड़ फैलाते हुए बोली- हा बेटा कर ले और कर उह्ह्ह ओह्ह्ह उम्म्ंम्ं

अमन ने अपने लन्ड से आखिरी बूँद निचोड दिया और कुछ पल को दोनो अपनी सासे बराबर करने लगे

इस्से पहले की ममता उठकर खडी होती कि अमन ने फिर से शॉवर चालू कर दिया

अमन - आओ मा मै आपका धुला देता हू

ममता समझ गयी कि उसका लाड्ला अपने जन्मस्थान की गुलाबी भूमि का स्पर्श लेना चाहता है

इसीलिए वो वैसे ही घोडी बनी हुई पीछे को घिसट कर ठिक शॉवर के निचे खडी हो गयी और पानी सीधा उसकी गाड़ पर गिरने लगा

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अमन घुटनो के बल आकर अपने दोनो हाथो से पहले अपनी मा के चर्बीदार गाड़ को रगड़ कर साफ करने लगा और फिर अपनी चारो ऊँगलीया ले जाकर सीधा अपनी मा के बुर पर रख कर रगड़ने लगा

ममता तेज सिस्किया लेने लगी और उसकी बुर बरी तरह से पनियाने लगी , अमन यही तक नही रुका उसने अपनी मा की गाड़ के सुराख पर अँगूठा रगड़ के उसको साफ करने लगा

जिससे ममता एठने लगी ।
अमन अपना लन्ड लगातार इस दौरान अपनी मा की जांघो पर घिस रहा था

फिर उसने अपनी मा को हाथ देकर शॉवर के आगे खड़ा किया और इस बार पानी सीधा उसके चुचो पर गिरने लगा

ममता ने कुछ नही बोला बस मादक सिसकिया ले रही थी और उसका बेटा बगल मे खड़ा होकर एक ही हाथ से उसकी दोनो चुचियो के उपर रगड़ रगड़ कर अपनी पेसाब के रंग छुड़ा रहा


निप्प्ल के पास रगडाई से ममता सिसकी - उह्ह्ह बेटा आराम से

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अमन मुस्कुरा और पीछे खड़ा होकर अपने हाथ आगे करता हुआ हौले हौले दोनो चुचिया सहलाने लगा
पीछे से उसका मुसल ममता बड़ी चर्बीदार गाड़ के फाको पर घिस रहा था ।

अमन ने लपक कर बाथरूम के रैक से शैम्पू की बॉटल लि उसको अपनी मा के बालो मे गिरा कर शैम्पू करने लगा

ममता हसी - तु बस नहलायेगा भी क्या हिहिहिही

अमन - क्यू , एक बेटा अपनी मा की सेवा नही कर सकता

ममता - तु ना हिहिहिही
अमन ने ममता के बालो को अच्छे से शैम्पू किया और फिर एक साबुन लेके हाथ पकड लगाने , कंधे फिर चुचे और पेट फिर पेड़ू से होके चूत के पास अच्छे से साबुन लगाया और सामने का पुरा जिस्म अच्छे से मलने लगा ।

अमन मे अपनी उंगलिया ममता के चिपकी हुई जांघो के चुत के पास घुसाता हुआ - मम्मी खोलो ना

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ममता ने हल्का सा पैर खोला और अमन ने साबुन की झाग से भर भर से ममता की चुत मे चभोड़ते हुई उंगलियाँ घुसाने लगा

ममता की हालत खराब होने लगी और वो भी जान रही थी कि उसका बेटा मजे लेने का तरीका बखूबी जानता है।

ममता सिसकी - आह्ह बेटा वहा ज्यादा साबुन नही लगाते उम्म्ंम्ं सीईई उह्ह्ह

अमन ने फौरन हाथ हटा लिया और अपनी मा को सामने बाथरूम की दिवार से लग कर झुकने को कहा और अमन ने फिर ममता की पीठ और दोनो पैरो मे साबुन लगा कर मलने के बाद अपनी के गाड़ की दरारो मे उंगलिया घुसा घुसा कर साबुन लगाया और अंगूठे से एक बार ममता की गाड़ का सुराख मलने लगा

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फिर उसने अपनी मा के जिस्म का ही साबुन अपने उपर मला कर शॉवर चालू करके खड़ा हो गया ।

अमन ने एक बार फिर से अपनी मा की चुचिया गाड़ के सुराख के साथ चुत मे भी उंगलिया दबाई और अच्छे से ममता को झाड़ते हुए उसे नहलाया
खुद भी नहा लिया ।

फिर उसने अपने हाथो से अपनी मा का जिस्म पोछा
फिर वो पीछे बैठ कर अपनी मा के चुतड पोछता हुआ बोला - पापा कितने लकि है ना मा

ममता मुस्कुरा कर - क्यू ?
अमन अपनी के ताजा नरम भीनी खुस्बु वाले चर्बीदार गाड़ पर हाथ फेरता हुआ - उनको तो रोज यहा बिना तकिये को सोने को मिलता होगा और वो रोज ही इसको किस्स करते होगे

ममता खिलखिलाई - किस्स्स तेरे पापा वो भी वहा हिहिही वो तो बामुश्किलन गालो पर चुम्मी ले लेते है कभी

अमन - धत्त मै होता तो रोज लेता उम्म्म्म्माआह्ह ऐसे हिहिहिही

अमन के नरम होठो के स्पर्श से ममता एक बार फिर से सिहर गयी ।

अमन का मुसल अभी भी तना हुआ था
ममता आगे बढ़ कर बाथरूम का दरवाजा खोलती हुई - चल आजा कपडे पहन ले

अमन उठा अभी भी उसके दिल के अरमान अधूरे थे , उसका खड़ा लण्ड बैठ नही रहा , ना जाने ये मौका कब मिलने वाला था ।

अमन बाहर आया
ममता - ये क्या तु मेरी ब्रा नही लाया
अमन - आपने कहा बोला था

ममता - धत्त अब क्या ऐसे हिलाती हुई जाऊ निचे हिहिहिही
अमन हस कर आगे बढा और अपनी मा के चिकनी गाड़ को सहलाता हुआ - लेकिन आपको कभी इसका ख्याल नही आया कि ये कितना हिलता है हिहिही

ममता - धत्त शैतान , तु मेरे पिछवाड़े देखता है क्या

अमन - घर मे तो सबकी नजर पड ही जाती है ना और ये है भी कितनी बडी

ममता लाज से अपना सूट उठाई और बाजू मे हाथ डाल कर उसको पहनते हुए मुस्कुराने लगी

ममता ने अब अपनी सलवार उठाने गयी
अमन का दिल बहुत तेज धडक रहा था उसे लग रहा था कि अगर ये सलवार चढ गयी तो पक्का दुबारा मौका नही आयेगा ।

अमन अपनी मा को हग करता हुआ - मम्मा
ममता अपने हाथ मे उल्टी हुई सलवार को सीधा करती हुई - हम्म्म बोल

अमन ने वापस से अपनी मा की गाड़ को सहलाया - मम्मा एक आखिर बार यहा किस्स कर लू

अमन के इस आग्रह से कि एक आखिरी बार किस कर लू ममता को भी अह्सास हुआ कि कल शादी के बाद शायद ये पल दुबारा कभी ना आये
शायद वो और उसका बेटा इसके बाद कभी ऐसे खुल कर ना मिल पाये ।

ममता ने एक गहरी सास ली और सलवार को हाथो मे बटोर कर सामने बेड पर चढती हुई वापस से घोडी बन गयी , क्योकि वो अपने बेटे के अरमान भलीभांति जान चुकी थी

अमन ने अपनी मा का सलवार उपर किया

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एक बार फिर उसका मा की गाड़ चुत के फाको सहित रसाती हुई उसके सामने थी

अमन ने अपनी मा के चुतडो को थामते हुए हौले से फैलायाऔर दरारो मे छुपी हुई ममता को गाड का गुलाबी छेद उजला हो गया ।

अमन ने ममता की गाड़ के दरारो के करीब जाकर अपने नथुनो से वहा की भीनी खुशबू ली , जिसके अह्सास से ही ममता की बुर कचोटने लगी ।

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अगले ही पल अमन ने जीभ मे ढेर सारा लार लेके अपनी मा की सुखी गाड़ की सुराख पर अपनी टिप स्पर्श की और ममता उछल पड़ी ।

ये उसके लिए पहला अह्सास था कि उसका बेटा आज उसकी गाड़ को अपनी जीभ से गीला कर रहा

ममता बिसतर को अपनी मुठ्ठिओ मे भरती अपनी जांघो को कसती अपने चुतड उचकाती सिसकने लगी - उह्ह्ह बेटा उम्म्ंम उह्ह्ह सीईईई उह्ह्म्ंंं क्याह्ह कर रहा है उह्ह्ह्ह सीई

अमन अपनी पूरी जीभ गाड़ के गुलाबी घेरे पर फिराता हुआ चाट रहा था ।
वही महज कुछ इंच पर ममता की चुत खुब रस छोड़ रही थी ।

अमन के नथुनो पर जैसे ही ममता के बुर के रसो की महक आई उसने अपनी गरदन निचे करते हुए अपनी जीभ को आगे कर अपनी मा की बुर पर फिराया

ममता काप सी गयी और अमन ने अपनी मा के चुत के मोटे मोटे गुलाबी फाको को एक साथ मुह मे भर चुबलाने लगा

ममता की हालत औए खराब थी - उह्ह्ह बेटा उह्ह्ह सीईई अह्ह्ह उम्म्ंम्ं उह्ह्ह ऐसे हु उम्मममंं उम्म्म्ं मेरा राजा बेटा उह्ह्ह मेरा लाल उम्म्ंम्ं चुससससस उम्म्फ्फ्फ ऊहह येस्स्स्स उह्ह्ह

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अपनी मा की मादक सिसकिया सुनकर अमन अपनी गरदन औए लफा कर दो इंच जीभ भीतर घुसा दिया और भीतर से मलाई निकालने लगा

ममता का पुरा जिस्म अकड़ कर रह गया और वो अपने मुह पर हाथ रख कर तडप कर रह गयी वो धक्के देके अपने लाडले के मुह पर चुत दबाने लगी और अमन के होठ लगातार अपनी मा के चुत से रस सुरक रहे थे ।

ममता अपनी गाड़ उठा कर झड़ने लगी और अमन सारा सोमरस पीने लगा
जल्द ही ममता थक के बिस्तर पर ढह गयी और अमन भी अपनी सासे बराबर करने लगा

ये चौथी मर्तबा था कि ममता झड़ चुकी थी । उसमे अब हिम्मत नही थी , उसकी सारी वासना उसके दिमाग से उतर गयी थी ।

ममता उठी और जल्दी से अपना सलवार पहन ली और अमन वही वैसे खड़ा रहा इस ताख मे कि शायद उसकी मा बदले मे उसके लिए भी कुछ करे ।

ममता हसकर - देख क्या रहा है चल कपडे पहन मुझे जाने दे हिह्हिही

ममता इठलाती हुई अपना दुपपटता लेके कमरे के बाहर निकल गयी और अमन के साथ वही एक बार फिर से खड़े लन्ड पर धोखा हो गया ।



जारी रहेगी ।

I personally want more updates like this 185B, sth similar between Anuj and Ragini!
 

Deepaksoni

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Kha busy ho gye ho bhai ji aap ne kha tha jald hi update milega but abhi tak update aya nhi please bhai ji update de do na
 

Akaash04

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Waiting for your update bro
 
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