UPDATE 214
राहुल के घर
शाम का मैटर आज कुछ ज्यादा ही सिरियस लग रहा था , राहुल और अरून की हालत खस्ता थी ।
शालिनी भी 2 घन्टे तक कमरे बन्द कर रोते हुए सो गयी ।
फिर कही 9 बजे तक उसे बच्चो की भूख का ख्याल आया तो नहा कर कपडे बदल कर एक नाइटी डाल कर वो किचन मे आई ।
इधर जन्गी का मुह अलग उतरा हुआ था , उसे समझ आ रहा था कि कमलनाथ के साथ उसकी बीवी की चुदाई उसे अभी तक भीतर से जलाये हुए है और रह रह कर उसकी गुस्से की आग को भड़का देती है ।
बच्चो के साथ अब उसके पेट मे भी चुहे कूद रहे थे , पानी की बोतल खोल कर उसे मुह से लगाया मगर छटाक भर पानी भी उसके गले तक नही पहुचा ।
दुकान मे बैठे बैठे ही पहले उसने राहुल को आवाज देने की सोची मगर फिर ये सोच कर खुद उठ गया कि पहले से ही इस घर मे बहुत शोर शराबा हो चुका था ।
खुद उठ कर वो पानी लेने किचन तक आया ।
सामने देखा तो शालिनी फटाफट सब्जी चला रही थी और सामने रोटी के लिए तवा भी चढा दिया था ।
दोनो की नजरे टकराई मगर शालिनी के आंखो से आ रही गुस्से की आंच जन्गी ने नजरे झुका कर बर्दाश्त की और चुपचाप फ्रिज से पानी की एक बोतल लेकर बाहर निकल रहा था कि- दुकान बन्द करके खाना खाने आ जाईये ।
शालिनी की बातों ने गुस्सा साफ झलक रहा था मगर जंगी के लिए ये अच्छी बात थी कि उसने खाने के लिए पूछा तो सही ।
जन्गी - हम्म्म ठिक है
जन्गी फटाफट दुकान मे गया और बन्द करते हुए उसके जहन मे चहलकदमी मची हुई थी कि आज जब शालिनी कमरे मे सोने आयेगी वो उसे किसी तरह मना कर चोद देगा और उसके भीतर कमलनाथ के लिए जो दबी बात है उसको साझा करेगा ताकी दुबारा ऐसे हालत ना हो घर मे ।
मगर उसके अरमान मे शालिनी ने पूरी की पूरी बालटी उडेल दी जब खाने के बाद घर के सारे काम निपटा कर रात के करीब 11 बजे शालिनी ने राहुल के कमरे का दरवाजा खटखटाया ।
अरुण और राहुल जो कि अरुण के मोबाइल स्टोर ब्लू फिल्म देख कर अपने लन्ड सहला रहे थे , दोनो सतर्क हुए और राहुल ने उठ कर दरवाजा खोला ।
शालिनी ने गुस्सैल मिजाज मे राहुल से - तु जा तेरे पापा के पास सो जा
राहुल मुह बना कर - क्या हुआ मम्मी?
शालिनी ने उसको घूर कर देखा और तेज आवाज मे - तु जा रहा है या नही ।
शालिनी के तमतमाये चेहरे से अरुण के पसीने अलग छूटने लगे , राहुल डरे हुए चूहे कि तरह मन मे चुचूवाता हुआ कमरे से बाहर निकल गया और शालिनी उसको गैलरी से अपने पापा के कमरे जाते हुए देखा और फिर दरवाजा बन्द कर दी ।
इधर जन्गी ने जैसे ही कमरे के दरवाजे पर राहुल को आता देखा - क्या हुआ , तेरी मा कहा है ?
राहुल खीझ कर - क्या मा कहा है , वो गुस्से मे मेरे कमरे मे सोने गयी है । क्या जरुरत थी आपको मम्मी से ऐसे बात करनी की ।
जंगी - अरे बेटा मेरी मती मारी गयी थी क्या बताऊ , छेह्ह और वो जान कर अरुण के पास सोई है ताकी मै ... .
जन्गी - उसके पास नही जाऊ
राहुल - और आपको अचानक से क्या हो गया , आपको तभी रोकना था मम्मी जब बाजार जा रही थी ।
जन्गी - अरे बेटा वो अरुण था साथ मे इसीलिए मै चुप था
राहुल - लेकिन क्या फायदा शाम को सारा कलेश देखा और सुना भी उसने
जन्गी - अह छोड़ ना बेटा मेरा माथा दर्द होने लगा है , चल सो जाते है ।
कमरे की बत्ती बूझ गयि मगर नींद दोनो बाप बेटों की आंखो से अभी दूर थी ।
जंगी अभी उलझन मे अटका हुआ कभी खुद को कोसता तो कभी शालिनी से आगे कैसे बात हो उस बारे मे विचार करता ।
वही राहुल के जहन मे अलग ही सर दर्द मचा हुआ था कि कही अरुण जोश मे उसकी मम्मी के साथ कोई बेवकूफी ना कर दे ।
मगर उसके कमरे मे अरुण को शालिनी शाबासी ने नवाज रही थी - अह्ह्ह सुउईई उम्म्ंम्म्ं ऐसे ही उफ्फ्फ्च अरुण हा बेटा उम्म्ंम ऐसे ही चाट अह्ह्ह सीईई
कमरे मे शालिनी नाइटी पेट तक उठाये जान्घे फ़ोल्ड कर लेटी हुई थी और उसके नरम नरम पाव सी फूली हुई बुर की कसी लकीरों को अरुण निचे से उपर जीभ फिरा कर उसकी टपकती बजब्जाती मलाई चाट रहा था ।
शालिनी कभी उसके सर पकड़ कर उसकी थूथन अपनी बुर के दाने पर रगड़ती तो कभी खुद अपनी गाड़ उठा कर उसकी नाक को बुर मे डुबो देती ।
अरुण उसकी रसाती बुर को अपनी लार से मिला कर खुब चुस चाट रहा था उसका मुसल जबरजस्त तरीके से फौलादी हुआ जा रहा था - ऊहह बेटा उम्म्ंम अह्ह्ह चाट और चुस अपनी मामी की बुर उम्म्ंम्ं कितना मस्त चुस्ता है रे तु उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह उफ्फ्फ कहा से सिखा है तुने जीभ चलाना उम्म्ंम
अरुण उसके जोशिले शब्द से और भी कामोत्तेजित हो जीभ घुसा कर भीतर नचाने लगाता
जल्द ही शालिनी के कमर ने झटके खाना बन्द कर दिया और अरुण ने भी अपना मुह हटा कर हाफने लगा ।
शालिनी ने उसे देखा और मुस्कुराई - बदमाश कही का , तु बस दिखता सीधा है उम्म्ंम
अरुण हस कर - मामी सीधा तो मेरा ये भी नही है हिहिही
अरुण ने लोवर के उपर से अपना खड़ा कडक तना हुआ मुसल मिजा और शालिनी मुस्कुराते हुए बिस्तर पर बैठ गयी पैर लटका कर उसके लोवर की डोरी खिंच कर उसे निचे किया और अंडरवियर के उपर से उसका मुसतन्ड मुसल को हाथो से सहलाने लगी - अह्ह्ह मामीईई उफ्फ्फ आपका टच मुझे पागल कर देता है उह्ह्ह लगता है कि अभी निकल जायेगा ।
शालिनी ने गुस्से ने आंखे महिन कर उसे घुरा - क्या बोला , अगर ये जल्दी निकला तो तुझे भी धक्के मार कर कमरे से निकाल दूँगी समझा
अरुण मुस्कुरा कर अपनी मामी के गाल छू कर - आह्ह मामी ऐसे देखोगी तो सच मे निकल जायेगा
शालिनी अगले ही पल मुस्कुरा दी और उसका अंडरवियर खिंच कर उसका मोटा कड़क एकदम से तनमनाया गर्म लन्ड हाथ मे लिया - उह्ह्ह कितना तप रहा है रे उम्म्ंम्ं
अरुण - अह्ह्ह मामी चुस कर ठण्डा कर दो नह्ह्ह उम्म्ंम्ं सीईई
शालिनी उसके लन्ड को आड़ो सहित हाथो मे सहला रही थी और वो उसके हथेली मे फड़क रहा था - उम्म्ंम्ं पहले किसी ने चुसा है इसे
शालिनी ने हौले से मुह खोल कर उसका सुपाडा चुबलाया और फिर अपने नरम मुलायम होठो पर रगड़ने लगी ।
अरुण हवा मे उठने लगा और उसका लन्ड पुरा फुल कर फौलादी होने लगा, नसे उभरने लगी , शालिनी की जीभ उस्जे होठ जैसे जैसे उसके सुपाड़े को चाट चुबलाते अरुण की सासे अटकने उखड़ने लगती -अह्ह्ह सीई आह्हुह्ह्ह उन्म्मम्म मामी उफ्फ्फ सच कहू मामी चुसवाया तो बहुत है मगर उह्ह्ह
शालिनी उसके सुपाड़े की नीचली गांठ को अंगूठे से रगड़ती हुई आधा मुसल मुह मे डाल कर उसे सुरकती हुई लन्ड बाहर निकाल कर हिलाने लगी - मगर क्या बोल ना
अरुण - अह्ह्ह मामी क्या बोलू उम्म्ंम आपकी स्टाइल सबसे हट कर है अह्ह्ह उह्ह्ह
शालिनी - सबसे ? कितनो को चुसवाया है
अरुण मुस्कुरा कर सिसकिता हुआ - अह्ह्ह मामी वो मेरे यहा एक नौकरानी है , अह्ह्ह साली का मर्द बाहर रहता है उह्ह्ह उम्म्ंम बहुत गर्म माल है उह्ह्ह आपके जैसी उफ्फ्फ आह्ह्ह मामीईई ओह्ह्ह ऐसे ही आह्ह और लोह्ह्ह ऊहह मजा आ रहा है आह्ह्ह
शालिनी उस्का लन्ड गले तक लेने घोंटने लगी और अनुज उसका सर पक्ड कर आगे ठेलने लगा - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह ऐसे उह्ह्ह खा जाओ ऊहह बहुत खुजली हो रही उम्म्ंम अह्ह्ह्ह उम्म्ंम निकाल दो सारा रस उम्म्ंम
शालिनी ने आँखे उठा कर फिर से अरुण को घुरा और उठ गयी -
अरुण उसके नाइटी निकाल कर उसके चुचियो पर टुट पड़ा एक चुसता तो एक मसलता - अह्ह्ह बेटा अराम्म से उह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह उफ्फ्फ बड़ा जोशील है रे तु य्ह्ह्ह्ह सीई कभी चोदा है किसी को या बस सबसे चुसवाया है
अरुण मुस्कुरा कर अपनी मामी के रसिले होठ चुबलाता हुआ - आह्ह मामी जिन जिन को पेला है , आज भी याद रखती है मुझे , अपना स्टाइल ही अलग है
शालिनी मतवाली आंखो से उसकी आंखो मे निहारती हुई उसका खुन्टा पक्ड कर भींचने लगी - अह्ह्ह जरा मुझे भी दिखा ना तेरा जलवा उह्ह्ह
अगले ही पल अरुण ने शालिनी को घोड़ी बना कर बिस्तर पर सेट किया और अपना मुसल उसके चुत के दरवाजे पर लगाते हुए हचाक से एक ही जोर मे पुरा का पुरा मुसल उस्के बुर की जड़ मे उतार दिया - अह्ह्ह मैयाअह्ह्ह मर गयीईई रेह्ह्ह उह्ह्ह साले हरामी ऊहह रन्डी की औलाद अह्ह्ह फाड़ देगा क्या आह्ह
अरुण मुस्कुरा कर उसके नंगे चुतड पर थ्पेड़ता हुआ बिना रुके सटासट पेलने लगा - उफ्फ्फ मामी आपकी बुर एकदम रसिली है एक ही बार मे चली गयी उह्ह्ह कितनी गर्मी है अह्ह्ह
शालिनी भी धिरे धिरे मस्ती मे रमने लगी - आह्ह एकदम भाले जैसे लगा ऊहह कितना टाइट है तेरा ह्ह जैसे लाठी ले रही उह्ह्ह अह्ह्ह और चोद उन्म्ंम्ं
अरुण भी जोस मे शालिनी की दोनो चुतड़ पिटता हचक ह्चक कर उसकी बुर मे लन्ड डाल रहा था -आह्ह मामी जबसे आपको मुतते देखा है आह्ह इस गाड़ के लिए पागल सा हो गया हु मै उह्ह्ह कितनी सेक्सी है अह्ह्ह
शालिनी - कमिने तो उस रोज तु था तो मुझे बाथरूम मे देखा था उम्म्ंम सच है ना
अरुण खिलखिलाता हुआ आगे झुक कर शालिनी की लटकी हुई चुची को मसलता हुआ ह्चर ह्चर उसकी बुर मे लन्ड पेल रहा है- अह्ह्ग हा मामीईई सच मे आपकी गाड़ ने मुझे पागल कर दिया था और आज बजार मे आपने जो कहर मचाया उफ्फ्फ
शालिनी को खुद पर नाज हुआ - उफ्फ्फ कितना जोर की चोद रहा है अह्ह्ह उफ्फ्फ माअह्ह्ह उघ्ह्ह उतर जा उतर जा मेरे घुटने छील जायेन्गे अह्ह्ह
अरुन उसके उपर से उठ गया और शालिनी सीधा लेट गयि ।
अरुण उसकी एक टांग उठा अपने कन्धे पर रखा और अपना लन्ड एक बार फिर उसकी बुर मे उतार दिया ।
भर पुर जोश मे वो शालिनी को चोदने लगा ।
शालिनी - उफ्फ्फ अह्ह्ह ऐस एही उफ्फ्फ क्या मस्त चोदता है रे तुह्ह्ह उम्म्ं तेरे जैसे कसे लन्ड की दिवानी हो गयी है अह्ह्ह ऐसे ही मेरे राजहा उह्ह्ह उफ्फ्फ ऐसे लन्ड के लिए कुछ भी कर जाऊ उफ्फ्फ्च् और पेल ऊहह
अरुण शालीनी की जोशिली बाते सुन कर उसकी झुका और उसकी गरदन पक्ड कर और हचर हचर पेलने लगा , शालिनी की चुत मे उस्का लन्ड अब बच्चेदानी तक मह्सूस होने लगा ।
शालिनी की आंखे उलटने लगी और चिखे दुगनी - अह्ह्ह उफ्फ्फ ऐसेही औह्ह सच मे तु अलग है रे हहह माह्ह्ह फ़ाड और फाड़ ऐसे हो उफ्फ्फ माह्ह रुकना मत अह्ह्ह्ह
अरुन - आह्ह मामी फाड़ तो तूम्हारी बिच बजार मे ही देता मगर लोगो का सोच कर नही कुछ किया
शालिनी - आह्ह सच तुझे इतनी जोश दिला रही थी मुझे
अरुण उसकी बुर मे लन्ड उतारता हुआ - आह्ह सिर्फ मुझे उह्ह्ह वहा तो सबकी नजर आपकी इस रसिली गाड़ पर अटकी थी उह्ह्ह
शालिनी - अह्ह्ह सच मे और उह्ह्ह उम्म्ं और बता ना
अरुण आगे झुक कर उसके निप्प्ल मुह मे भरता हुआ - अह्ह्ह मामी उह्ह्ह आपकी ये दुधारू चुचियॉ आह्ह ऐसे छलक रही थी मानो उछल कर बाहर आ जायेगी उफ्फ्फ
शालिनी - अह्ह्ह लेकिन क्या फाय्दा इन सब का , देखा नही शाम को तेरे मामा कैसे भड़क गये उह्ह्ह उम्म्ंम
अरुण कसमसाता हुआ अपना लंड तेजी से उसकी बुर मे पेलता हुआ - आह्ह लेकिन आपने राहुल की ओर नही ध्यान दिया
शालिनी - राहुल ! क्या हुआ उसे ?
अरुण - आह्ह मामी , पूरे बाजार भर वो आपके चुतड निहार रहा था , उसकी जीभ खुब ल्सा रही थी
शालीनी भीतर से राहुल के नाम से और भी जोशिली हो रही थी - अह्ह्ह क्या कह रहा है तु उह्ह्ह मै उसकी मा हु वो मुझे ऐसे क्यू अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ मह्ह्ह
अरुण - क्या मामी अब झुठ मत बोलो , आपने भी कभी न कभी उसे नोटिस किया ही होगा , जब वो आपके इन नरम नरम रसिली चुचियो को निहारता होगा
शालिनी - अह्ह्ह कैसी बात कर रहा तु उम्म्ंम उफ्फ्फ्फ अह्ह्ह
अरुण मुस्कुरा कर - उफ्फ़ मामी देखो ना कैसे आपकी बुर कस रही है राहुल के नाम से और ये निप्प्ल अह्ह्ह सीईई कितने कड़क हो रहे है अम्म्म्ंम्ं सीई कितने मुलायम है उम्म्ंम
शालिनी - ओह्ह्ह बेटा अह्ह्ह क्या जादू कर रहा है रे तु अह्ह्ह मह्ह कितना कड़क उह्ह्ह सीईई
अरुण - आह्ह मामी वो मेरा नही राहुल का जादू है उह्ह्ह मैने देखा है उसे आपकी गाड़ देख कर अपना मुसल मसलते हुए
शालिनी - क्या सच मे उफ्फ्फ ये लड़का बहुत बिगड़ गया है अह्ह्ह्ह सीईई
अरुण - आप ही इतनी सेक्सी उह्ह्ह्ह मै भी तो बिगड़ गया ना उम्म्ंम्ं
शालिनी - अह्ह्ह उफ्फ्फ तो तु क्या चाहता है मै आह्ह आह्ह उफ्फ्फ रुकना न्ही नही अह्ह्ह अह्ह्ह
अरुण - हा मामी लेके देखो ना उसका लन्ड मजाअयेगा आपको उह्ह्ह लोगि ना उम्म्ं बोलो बोलो ना
अरुण हचर हचर पूरे जोश मे तेजी से उसकी चुत मे लन्ड पेले जा रहा था और शालिनी अपनी गर्दन झटकते हुए झड रही थी - अह्ह्ह मै क्या बोलू अह्ह्ह उफ्फ़फ्फ उम्म्ंम्म्ं सीई उफ्फ्फ्फ मेरा हो रहा है अह्ह्ह ओह्ह्ह्ग उम्म्ंम अरुण अह्ह्ह कितना मजा आ रहा हौ आह्ह उफ्फ्फ
अरुण - आह्ह मामी मेरा भी आयेगाह्ह्ह उउह्ह्ह मामी मेरी सेक्सी चुदक्कड़ मामी उह्ह्ह अफ्फ्फ
अरुण अपना लन्द बाहर निकाल कर तेजी से मुठियाने लगा और शालिनी उसके आगे अपना चेहरा कर देती है
अरुण चिखते सिस्क्ते हुए अपना जोर लगाकर शालिनी के मुह पर जीभ कर झडने लगता है - ओह्ह्ह मामीईई लोह्ह मेरी सेक्सी मामीईई अह्ह्ह आह्ह लो पी जाओ उह्ह्ह्ह उम्म्ंम
शालिनी उस्का लन्ड मुह मे लेके चुसने चाटने लगी और फिर दोनो बिस्तर पर आगये ।
शालिनी - हम्म्म ये अच्छा था मेरी चुदक्कड़ मामी उम्म्ं
अरुण हल्का सा लजाया - हिहिही वो तो जोश जोश मे , सॉरी मेरी प्यारी मामी
शालिनी उसकी ओर करवत लेके उसका लन्ड सहलाती हुई - लेकिन मुझे तो अच्छा लगा मेरे चोदूराजा उम्म्ंम
शालिनी के स्पर्श से एक बार फिर उस्का लन्ड हल्का हल्का कसने लगा - आह्ह मामी सच मे आप बहुत सेक्सी हो
शालिनी - हा तभी तो मेरा बेटा भी मुझ पर फीदा है हिहिहिही वैसे तुने कब देखा उसे
अरुण - कई बार हमेशा उसकी नजर आप पर ही होती है और ये देखो
ये बोल कर अरुण उठा और झट से आलमारी से उसने शालिनी के पैंटी उसके दिखाई - ये देखो , ना जाने कितनी बार वो इसमे हिलाया होगा । अभी भी दागा है ।
शालिनी - अरे ये तो महिनो पहले गायब हुई थी , ये चोर था उम्म्ंम
अरुण- अब बोलो अब भी कोई शक है उम्म्ं
शालिनी - ये तो बड़ा बदमाश निकला उम्म्ंम, कल इसकी खबर लेती हूँ और भी कुछ छिपा रखा है क्या ?
अरूण- नही लेकिन आपने जरुर छिपा रखा है ?
शालिनी - मैने ? क्या ?
अरुण उसके करीब गया और उसके ननगे चुतड़ सहलाता हुआ - ये पीछे वाला छेद , अपनी दरारो मे हिहिहिही
शालिनी - धत्त बदमाश कही का हिहिहिही
अमन के घर
"उफ्फ्फ अह्ह्ह मेरे राजाह्ह्ह उफ्फ्फ कितना मोटा उह्ह्ह लग्ग्ग रहा है ऊहह आज फाड़ डालोगे क्या जी उह्ह्ह्ह ", ममता कस कस मुरारी के लन्ड पर उछल रही थी और dotted condom का असर आज उसकी चुत को भीतर से छील रहा था ।
मुरारी- क्यू जान ये नया तरीका पसंद नही आया उम्म्ंम अह्ह्ह मेरी जान ऐसे ही उफ्फ्फ कितनी जोश मे हो आज तुम अह्ह्ह सीईई
ममता उसके कसे मोटे लण्ड पर हुमचती हुई - आह्ह मेरे राजा आह्ह तो मै पागल हो जाउंगी उह्ह्ह सीई जी कर रहा है आह्ह ऐसे हुमुच हुमुच कर फ़ाड दू इस छिल्ली हो अह्ह्ह सीईई
मुरारी- उफ्फ्फ मेरी जान अह्ह्ह्ह और और नही रुका जायेगा अह्ह्ह उम्म्ंम्ं
ममता - अह्ह्ह रुको ऐसे नही
मुरारी ने देखा ममता ने टाँगे उठाई और उसके सुपाड़े की टिप से कोंडोम को पकड़ कर उंगलियो मे लपेटती हुई बाहर खिंचने लगी ।
जिससे उसके लन्ड की चमडी भी खिंचने लगी - आह्ह जान आराम से खिंच रहा है अह्ह्ह सीईईई ओह्ह
ममता ने कंडोम निकाल कर उसका मोटा लन्ड पकड कर अपनी बुर मे डाल दिया- अह्ह्ह मेरे राजहा उफ्फ्फ ये मजा उस छिल्ल्ली मे नही आता उह्ह्ह अह्ह्ह अब चोदीये ना उह्ह्ह ऐसे ही अह्ह्ह और और उम्मममं
मुरारी - अह्ह्ह मेरी जान कितनी गर्म है तु आह्ह क्या कारण है अह्ह्ह
ममता - आह्ह मेरे सईया मेरे बालम उह्ह्ह आपकी नयी नयी तरकिबे मुझे जोश भर देती है और मन करता है ऐसे ही कस कस के अपना सारा रस निचोड लू उह्ह्ह्ह उफ्फ्फ हा ऐस्र ही प्लीज रुकना नही अमन के पापाअह्ह्ह उफ्फ्फ अह्ह्ह आ रहा है अह्ह्ह अह्ह्ह माअह्ह्ह ओफ्फ्फ्फ्फ
ममता भलभल कर उस्के लन्ड पर झड़ रही थी और मठ रही थी ।
फिर उसने अपनी बुर से मुरारी का लाल हुआ तपता लन्ड बाहर निकाल और चुत के मुहाने पर सुपाड़े को घिसने लगी
भीतर की आंच से उबला हुआ मुरारी का लन्ड बाहर की मुलायम फाको का स्पर्श सह ना सका और भलभला कर झडने लगा - अह्ह्ह ममता मेरी जान ओह्ह्ह अह्ह्ह्ह कितनी कामुक है तु ओह्ह्ह आह्ह्ह
ममता मुस्कुराती हुई उसकी पिचकारी अपनी बुर के होथो से पीती रही और उसका मुसल रगड़ती सहलाती रही ।
कुछ देर बाद
ममता मुरारी की बाहो मे थी - आपको लगता है वो आज करेंगे
मुरारी- मुझे पुरा यकिन है अमन की मा !
ममता मुस्कुरा कर - अच्छा अमन को भी यही वाला दिया क्या ?
मुरारी हस कर - नही उसको सादा वाला दिया , कही बहू को दिक्कत ना हो ।
ममता मुस्कुराती हुई - ह्म्म्ं देखो तो बहू के चुत की फिकर है मेरी नही
मुरारी- आह्ह मेरी जान तुम्हारी बुर तो अब भोस्डा हो गयी है इसकी क्या फिकर , और जी करता है इसमे पेलता रहू
ममता शर्मा कर - धत्त गन्दे छीईई कितना गन्दा बोलते हो आप
मुरारी- क्या गन्द बोला मैने
ममता शर्माती मुस्कुराती - वो भोस... छीई कैसा अजीब लगता है सुनने मे
मुरारी- आह्ह जान अच्छा तुम बताओ तुम्हे क्या पसंद है सुनना क्या बुलाऊ उसे कह कर
ममता - हिहिही सच मे बोल दू
मुरारी- हा बोल दो , जो कहोगी वही बुलाउन्गा उसे
ममता खिलखिलाती हुई - प्कका ना , पलट तो नही जाओगे
मुरारी ना मे सर हिलाया
ममता - खाओ मेरी कसम
मुरारी थोड़ा झेपा मगर हामी भर दी ।
ममता - आप ना इसे सन्गित कह कर बुलाओ मुझे अच्छा लगेगा
मुरारी एक पल को हसा और फिर ममता का मजाक समझ कर मुह बनाता हुआ - सच मे ? मतलब तु क्या बोल रही है पता है ?
ममता - मै नही जानती आपने कसम ली है तो बुलाना पडेगा ही हिहिहिही
मुरारी- अच्छा ठिक है खुश ना तु
ममता - हिहिहिही हा हा
अभी मुरारी ममता की शरारत के बारे मे सोच रहा था कि ममता उसकी छाती पर उंगलिया घुमाती हुई - ए जी सुनिये ना
मुरारी- क्या मेरी जान कहो
ममता - सीईई थोड़ा संगीता को प्यार करो ना ऊहह मन हो रहा है
मुरारी थोडा झेपा मगर ममता की शरारत समझ गया - तु ना बड़ी हरामन है हाहाहा
फिर अगले ही पल वो ममता की जांघो के बीच चुत के पास था
उसकी मादक गन्ध के मदमस्त होकर एक बार प्यार से उसे चमा है - आह्ह ममता कितना मुलायम चुत के होठ है तेरे
ममता हसती हुई - धत्त सही नाम लो ना , मेरी चुत के या संगीता के होठ
मुरारी समझ रहा था जानबूझ कर ममता उसे उसकी बहन को लेके छेड़ रही है - हम्म्म्म संगीता के होठ
ममता भीतर से कामुक हुए जा रही थी जिसका असर उसकी आंखो मे झलक रहा था - रसिले है ना संगीता के होठ
मुरारी भी ममता की कामुक जन्जाल मे फस कर कामोत्तेजक हुआ जा रहा था और उसे इसमे मजा भी आ रहा था - आह्ह हा मेरी जान बहुत ज्यादा रसिली है ।
ममता अपने कुल्हे उचका कर - चूसना चाहोगे संगीता के होठ उम्म्ंम्ं
मुरारी थुक गटक हा मे सर हिलाया ।
ममता - आह्ह तो चुसो ना मेरे राजाह्ह्ह
मुरारी की सिस्क भरी कामुक आग्रह को थुकरा ना सका और जीभ निकाल कर उसके बुर के रसिले होठ चाट लिये ।
ममता - सीईईई अह्ह्ह मेरे राजा उफ्फ्फ मेरे बालम अह्ह्ह और चाटो ना संगिता के होठ चुस लो ना मुह मे भर कर आह्ह ऐसे ही उफ्फ्फ मेरे राजहा अह्ह्ह सीईई उह्ह्ह
मुरारी भी भरपुर जोश मे था और वो ममता की चुत को चुस चाट रहा था और उसका लन्ड खुब कडक खुब फैलादी हुआ जा रहा था - ओह्ह्ह मेरे राजा घुसाओ ना वो आह्ह लन्ड डालो ना
मुरारी- आह्ह हा मेरी जान उफ्फ्फ बहुत गर्म है अह्ह्ह
मुरारि ने थुक लगा कर उसकी चुत पर फिर से सेट किया और हचाक से लन्ड आधा उसकी बुर मे उतार दिया - ओह्ह मेरे राजा अह्ह्ह पेलो संगीता को अह्ह्ह
एक पल को मुरारी ठहर गया और संसय भरी नजरो से मुस्कुराती हुई ममता को देखा - क्या हुआ चोदीये ना मेरी संगीता को अह्ह्ह सीईई मेरे राजा रुको ना प्लीज अह्ह्ह
मुरारी मुस्कुरा कर -लेह्ह्ह मेरी जान घुसा दियाह्ह्ह्ह उह्ह्ह कितनी कसी है तेरी बुर अह्ह्ह सीई कितनी टाइट लगती है अह्ह्ह मेरी जान ऊहह
ममता - आह्ह मेरे ऐसे ही उम्म्ंम और कस के आह्ह अह्ह्ह उफ्फ़ ऐसे ही उम्म्म्ं और तेज चोदो मेरी संगीता को आह्ह सीईई उफ्फ्फ इह्ह मेरे राजा उह्ह्ह चोदो ना
मुरारी उसको चोदते चोदते हसने लगता जब ममता बिच बिच मे उसकी बहन संगीता का नाम लेती और ममता हस्ती हुई मगर कामुक अदा से - आह्ह मेरे राजा उह्ह्ह क्या हुआ पसंद नही आया नाम उन्म्म्ं बोलो अह्ह्ह बोलो ना उम्म्ं
मुरारी उसकी ओर झुक कर उसे पेलता हुआ मुस्कुरा कर - तुझे पसन्द है ना उम्म्ंम
ममता कामुक मे डूबती हुई हा मे सर हिलाई - पर ?
मुरारी बडे आहिस्ता आहिस्ता उसकी गीली बहती बुर मे लन्ड घिसता हुआ - क्या पर ?
ममता मुह बना कर - उह्ह्ह आप भी नाम लो ना उसका प्यार से उम्म्ंम प्लीज
मुरारी लन्ड एकदम से ममता की गर्म बुर मे फड़कने लगा - अह्ह्ह मेरी जान क्यू नही अभी देख मै कैसे तेरी संगीता को चोदता हु लेह्ह्ह देख आह्ह उम्म्ंम
ममता - अह्ह्ह मेरे राजहा ऐसे ही उफ्फ्फ्फ आह्ह हा और तेज्ज उफ्फ्फ अह्ह्ह
मुरारी- लेह्ह्ह मेरी जान और लेह्ह अपनी संगीता मे मेरा मोटा लन्ड उफ्फ्फ
ममता - क्या वो सिर्फ मेरी ही संगीता है आपकी नही उम्म्ंम बोलो
मुरारी झेप कर हसता हुआ और दुगने जोश मे उसे पेलता हुआ - अह्ह्ह मेरी जान क्यू नही देख पेल रहा हु ना अपनी संगीता को अह्ह्ह लेह्ह देख कैसे सटासट जा रहा है उफ्फ्फ उम्म्ंम्ं उफ्फ़ मेरी जान अह्ह्ह
ममता - हा मेरे राजा ऐसे ही और हचक के चोदो अपनी संगीता को आह्ह आह्ह रुकना नही ऊहह ऐसे ही
मुरारी पूरे जोश मे ममता की बुर के घपा घपा पेले जा रहा था - आह्ह मेरी संगीता लेह्ह्ह आज फ़ाड दून्गा तुझे अह्ह्ह सीईई अह्ह्ह मेरी जान उह्ह्ह्ह
ममता -हा मेरी जान और चोदो उह्ह्ह फाडो ऊहह आह्ह्ह पेलो और कस के आह्ह आह्ह हा ऐसे ही ऐसे ही चोदो मेरे राजा अपनी संगीता को अह्ह्ह बहुत चुद्क्क्ड है हमेशा लन्ड खोजती है आज चोद चोद के इसकी खुजली मिटा दो
ममता के दोहरे कामुक संवाद से मुरारी चरम पर पहुच रहा था उस्के जहन मे चल रहा था कि वो सच मे अपनी बहन चोद रहा है - अह्ह्ह संगीता अह्ह्ह्ह लेह्ह्ह और लेह्ह्ह ऊहह आज फाड़ दूँगा तेरी चुत उह्ह्ह मुझसे पहले क्यू नही चुदवाया अह्ह्ह मेरी रानी अह्ह्ह मेरी बहना अह्ह्ह आह्ह उफ्फ्फ्फ आयेगा
ममता - हा मेरे राजा भर दो भर अपनी बहना की बुर ऊहह भर दो अपनी संगीता की चुत अह्ह्ह आह्ह उफ्फ़ कितना गर्म है आह्ह मेरे राजह्ह्ह सीईई अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ उह्ह्ह्ह्ह
मुरारी ममता की बुर के लन्ड घुसाये भीतर तक संगीता के नाम पर झडता रहा और ममता उसको अपने जिस्म से कसे हुए उस्का लन्ड निचोडती रही ।
कुछ देर मे मुरारी ने अपना होश सम्भाला और मुस्कुराता हुआ शर्मिंदा नजरो से मुस्कुराती हुई ममता को देखा - धत्त तु बड़ी दुष्ट है
ममता - अरे मैने क्या किया , पता नही मुझे चोदते हुए कब अपने ख्यालो मे अपनी बहना को चोदने लगे हिहिहिही
मुरारी हसता हुआ उसके उपर से हट कर - हट जा पगलैट कही की
ममता खिलखिला रही और मुरारी अपने जगह पर आकर लेट गया ।
ममता फिर से उसके करीब आई - ए जी सुनिये ना
मुरारी मुस्कुरा कर - अब सो जा ना अमन की मा
ममता उसके गाल छू कर अपनी ओर करती हुई - ए जी सुनिये तो पहले
मुरारी को लाज आ रही थी तो वो ममता की ओर पीठ कर करवट हो गया । इसपे ममता मुस्कराती हुई उसको नंगी ही पीछे से हग करती हुई - ए मेरे बहिनचोद सईया सुनिये ना ।
मुरारि को उसकी बातो से लाज भरि हसी आ रही थी - हम्म्म बोलो
ममता - कैसा लगा आज बहिनचोद बनके हिहिहिही
मुरारी उसकी ओर घूम कर - भाइ सो जा ना चुपचाप , क्यू परेशान कर रही है ।
ममता उसको छेड़ती हुई - अच्छा कल क्या नया करने का सोचा है ।
कल की बात करते ही मुरारी के जहन मे अमन का ख्याल आया और वो ब्रा पैंटी जो उसने ओर्डर दी वो भी ।
मुरारी मुस्कुरा कर उसको अपनी बाहों ने भरता हुआ - कल का तरीका आज से बहुत ज्यादा सेक्सी होगा , कर लोगि ना
ममता जिज्ञासा से चहक कर - सच मे , बोलो ना मै सब करूंगी हिहिही मेरे बालन बहिनचोद
मुरारी हसता हुआ - वो तो कल तक सरप्राइज रहेगा
फिर दोनो मिया बीवी हस्ते खिल्खिलाते एकदुसरे से चिपक कर सो गये ।
जारी रहेगी
Wow bhai kya gajab ka update diya land khada ho kr thumke marne laga bhai ji bht jabardast likha aap ne
Yha salini or janngi ki nok jhok chal hi rahi thi ki salini ne ek or bomb fod diya janggi k liye kyu ki wo soch rha tha aaj raat salini ko chod kr sab kuch thik kr dega
but salini kamre me hi nhi gyi or to or rahul ko bhi kamre se nikal kr apne bhanje arun ko apni chut chatwai uska land chusa or to or apni chut me uska land dalwa kr chudai bhi kari or mast ho gyi or arun ko bhi mast kr diya apni jawani ka rus chakah kr
Or yha aman ke ghar me bhi mamta ne aaj murari ko behan chod bnane k liye prerit kr diya dekhte h agle update me kya dhom machti h
dreamboy40 bhai ji agla update jaldi dene ki kripa krna bhai ji kyu ki ab to tarkipo bhai ne bhi update dene band kr diye h na