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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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मेरे सभी प्यारे दुलारे मुठ्ठल मित्रों पाठकों एवं उंगलीबाजो
देर सवेर ही सही आप सभी को गैंगबैंग रूप से नए साल की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
दारू वाली गैंग के लिए
शिला बुआ की तरफ से स्पेशल ट्रीट

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आप सभी खुशहाल रहें और स्वस्थ रहें और हिलाते रहे


एक महत्वपूर्ण सूचना

इस कहानी का नया सीजन मेरे रनिंग कहानी के खत्म होने के बाद भी शुरू होगा , अब उसमें दिन लगे महीने या वर्षों ।
कृपया मेरी व्यस्तता और मजबूरी को समझे , निगेटिव कमेंट करके या मुझे निकम्मा ठहरा कर अपनी ऊर्जा व्यय ना करें
मै बहुत ही हेहर प्रकृति का प्राणी हु , आपके नकारात्मक शब्दों मुझे खीझा सकते है मगर मेरी चेतना को भ्रमित नहीं कर सकते । उसमे मैं माहिर हुं
आप सभी का प्रेम सराहनीय है और मेरे मन में उसकी बहुत इज्जत है , मगर मै अपने सिद्धांत पर चलने वाला इंसान हु ।

फिर अगर किसी को ऑफिशल डिकियलरेशन की आशा है कि मै ये कहानी बंद करने वाला हु तो ऐसा नहीं है
ये कहानी शुरू होगी मगर मेरी अपनी शर्तों और जब मुझे समय रहेगा इसके लिए।
नया साल अभी शुरू हुआ है इंजॉय करिए
अपडेट जब आयेगा इस कहानी से जुड़े हर उस व्यक्ति को मै व्यक्तिगत रूप से DM करके बुलाऊंगा ये मेरा वादा है ।



मेरे शब्दों और मुझ पर भरोसा कीजिए
मेरी दूसरी कहानी का भी मजा लीजिए
धन्यवाद 🙏
 
Last edited:

Vishalji1

I love women's @ll body part👅lick(peelover)
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UPDATE 215

अमन के घर

सुबह के 8 बज रहे थे और अमन सोकर उठा उसका मोटा खुन्टा एकदम बौराया तनमाया हुआ अंडरवियर के भीतर से ही सलामी दे रहा था
उबासी लेते हुए उसने आस पास देखा तो सोनल नही दिखी और फिर वो बाथरूम की ओर बढ़ गया ।

ठकठक!!

"जानू दरवाजा तो खोलो "
"आह्ह बेबी प्लीज आप दुसरे बाथरूम मे चले जाओ प्लीज प्लीज "
" अरे क्या हुआ , खोलो ना मुझे जोरो की पेसाब लगी है यार बेबी आह्ह "
सोनल बाथरूम से - नही बाबू अभी नही प्लीज, मै फ्रेश हो रही हु आज आह्ह प्लीज दुसरे बाथरूम मे चले जाओ ना प्लीज ।

अमन - ओह्ह ठिक है बाबू , मै भाभी वाले कमरे मे जाता हु ।
अमन ने एक पैंट डाला और लन्ड सेट कर कमरे से निकल गया और गैलरी होकर दुलारि के कमरे के दरवाजे पर हाथ रखा ही था कि वो खुद से खुल गया और आधे खुले दरवाजे पर अमन ने सामने देखा तो सामने रिन्की हाथ मे दुलारी का मोबाइल लेके देख रही थी और दुसरा उसका आगे जांघो पर था

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रिन्की को अभी तक दरवाजा खुलने की भनक नही मिली थी और अमन की नजर जैसे ही मोबाईल स्क्रीन पर चल रही पोर्न वीडियो पर गयी उसका लन्ड एकदम से सरसरा कर उफनाने लगा
लन्ड की कसावट के साथ पैंट मे हरकत करने लगी ।
अमन अपना सुपाडा भींच कर दबे पाव कमरे मे दाखिल हुआ तो पाया कि रिन्की तो सुबह सुबह ही पोर्न देख कर अपनी चुत मसल रही थी ।

अमन से रहा नही गया पहले से उस्का लन्ड अक्ड़ा हुआ था उसपे से रिन्की की हरकत ने उस्का मूड और कडक कर दिया ।

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लन्ड की नसे पहले से पेसाब के जोर से फूली हुई थी उसपे से रिन्की को अपनी बुर मसलता देख अमन से बर्दाश्त ना हुआ और अपना लन्ड बाहर निकाल कर वो सहलाने लगा ।
तभी उसकी नजर कमरे के खुले दरवाजे पर गयी और वो झट से अपना लन्ड पैंट मे डाल कर धीरे से बिल्ली सी आहट लिये कमरेका दरवाजा लगा कर चटखनी लगा दी और दबे पाव रिन्की के पास - ये क्या कर रही है तु सुबह सुबह

रिन्की एकदम से चौक गयी इतना कि उसके हाथ मोबाईल छुट कर गिरते गिरते बचा - इह्ह्ह्ह मम्मीई ,

फिर अगले ही पला उसकी नजर अमन पर गयी तो एक गहरि आह भरती हुई मुस्कुराती हुई - अह्ह्ह भैया आप हो ,मै तो डर गयी कि कौन है ।

अमन अचरज से - ये क्या कर रही है तु , अभी कल शाम को तुझे पनिश किया अकल ठिकाने नही आई तेरी और अब ये सब ?

रिन्की थोड़ी लजाती हुई - सॉरी भैया वो भाभी के मोबाइल मे था तो मैने देख रही थी , प्लीज उनको मत बताना ।

अमन आन्खे चढा कर - निचे कुछ डाल रही थी ना तु, सच सच बोल

रिन्की झट से अपनी फ्रॉक उठा कर टाँगे खोल दी और उसकी गुलाबी पैंटी पर चुत वाले हिस्से का दाग साफ साफ झलकने लगा
अमन ने भी हिम्म्त कर हाथ आगे बढा कर सिधा उसकी बुर को पैंटी के गिले वाले हिस्से से छुते हुए - फिर ये क्या है ,ये गीला क्यू है बोला

अमन के स्पर्श से रिन्की की चुत और रसाने लगी उसके जिस्म मे सरसरी सी दौड़ गयि , गरदन अकड़ गये , आंखे बन्द ही गयि और मुह से महिन कामुक सिसकीया उठने लगी - सीईईई अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह नहीईई उह्ह्ह्ह

अमन रिन्की के चेहरे के मादक भाव पढ कर अपनी उंगलियाँ उसकी बुर पर घुमाते हुए - उम्म्ंम बोल ये कैसे गीली हुई , बहुत शरारती हो गयी है तु । तेरी शिकायत करनी पड़ेगी बुआ से ।

रिन्की आंखे उलटती हुई -- अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह्ह

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रिन्की के हाथ टटोलते हुए अमन के पैंट का खुन्टा सहलाने लगे और अमन का जोश चार गुना हो गया - अह्ह्ह देखो तो बेशर्म को क्या कर रही है

रिन्की - उम्म्ंम भैयाह्ह्ह्ह कितना मोटा है आपका निकालो नह्ह्ह सीईई अह्ह्ह

अमन उसकी बातें सुन कर भितर से हिल गया और उसका लन्ड एक दम से फ़ाड कर बाहर आने को बेताब होने लगा , वो उसकी बुर सहलाते हुए उसके लिप्स चुसने लगा ।


अमन तेजी से अपना पैंट खोल्कर कर उफनाता कडक मोटा मुसल बाहल निकाल
अमन का मोटा लाल सुपाडे वाला लन्द देख कर रिन्की उसपे झपट सी पड़ी - अह्ह्ह भैयाअह्ह्ज सुउउउऊ उम्म्ंम कितना मोटा और बडा है अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं उमाअह उमाह्ह्ह

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रिन्की उसके तने और सुपाड़े को चुम्मिया दिये जा रही थी और सहला रही थी - उफ्फ्फ भैया कितना प्यारा है ये आह्ह और बहुत गर्म हैया उम्मममं
अगले ही पल वो सुपाड़े को घोट गयी - अह्ह्ह सीईईई उफफ़फ़फ रिन्कीईई अह्ह्ह गुड़ियाअह्ह्ह उम्म्ंम्ं ऐसे ही बच्चा अह्ह्ह तुझे तो ये भी आता है रे अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं

रिन्की लगातार मुह मे लन्ड लेके चुबला रही थी और अमन उसका सर सहला रहा था - अह्ह्ह गुड़िया अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्चू उम्म्ंम्ं और क्या आता है तुझे उम्म्ंम बोल न


रिन्की निचे फर्श पर बैठ गयि और बड़ा सा मुह खोल कर गले तक मुसल को ले जाने लगी - अह्ह्ह गुड़िया सच मे बड़ी हो गयि है तु अह्ह्ज कहा से सिख रही है अह्ह्ह

रिन्की मुह मे लन्ड को भरे हुए उसके आड़ो को मिजने लगी जिससे अमन के पेड़ू मे पेसाब की थैली मे जोर आया और पेसाब का प्रेसर एक बार फिर जोर पक्डने लगा - अह्ह्ह गुड़िया आराम से अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ

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रिन्की अमन का टोपा अपने नुकीली जिभ पर घिसने लगी , जिससे सुपाड़े की गांठ उसकी लन्ड के नसो की पक्ड को कमजोर करने लगी - अह्ह्ह गुड़िया नहीईई अह्ह्ह आ जायेगा उह्ह्ह्ह्ह रुक जाह्ह्ह उफ्फ़फ्फ

रिन्की प्यासी थी और भितर से जल रही , वो अमन के रस से नहाने को आतुर थी - अह्ह्ह भैयह्ह्ह निकालो ना ऊहह मुझे पिना हैया हज्ज

अमन - आह्ह नही गुड़िया वो वोहहहह नहीई रुक ना ऐसे मत कर

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रिन्की अब अमन का लन्ड पक्ड कर अपने नरम मुलायम होठो पर रगड़ने लगी जिस्से अमन की हालात पूरी तरह से खराब हो गयी , उसका अपने मुसल पर सारा नियन्त्रण खो सा गया और चिन्घाड़ते हुए उसने अपने सुपाड़े का फब्बारा खोल दिया और अगले ही पल छरछरा कर तेज गर्म जलती मूत की धार रिन्की के होठो पर टकराई - उह्ंम्ंंम भैयाअह्ह्ह्ह येह्ह्ह क्यह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह

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अमन अब चाह कर भी अपने मूत की धार नही रोक सकता था और रिन्की के लिए ये अनोखा अनुभ्व था वो अमन के मूत से नहा रही थी और खिलखिला रही थी

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अमन अपने सुपाडा साध कर उसके मुह पर किये हुए सारी धार रिन्की पर छोद रहा था और रिन्की कभी मुह खोल कर उसका पेसाब गटक तो कभी अपने नरम मुलायम मौसमीयो पर लेती - अह्ह्ह भाईयज्ज्जज उफ्फ्फ्फ्फ हिहिही मजा आ गया अह्ह्ह हिहिही उफ्फ़ग्फ्ग उम्म्ंम्म्ं

अमन भी अपनी टंकी खाली कर खुश था कि इस हरकत के लिए रिन्की जरा भी नाराज नही हुई - सॉरी बच्चा वो मुझे पेसाब लगी थी और मै रोक नही पाया

रिन्की खिलखिलाती हुई उसका लन्ड सहलाती हुई - कोई बात नही भैया मुझे आपके पानी से नहा कर मजा आया हिहिहिही लेकिन गर्म था बहुत

तभी गलियारे मे आहत होने लगी और दुलारी की आवाज सुनाई दी जो रिन्की को ही बुला रही थी ।

अमन - अब क्या होगा , भाभी आ रही है
रिन्की - आप दरवाजे के पीछे छिप जाओ मै दरवाजा खोलती हु

अमन चौक कर -क्या ऐसे ही भिगे हुए
रिन्की - रिलैक्स भैया चिल
रिन्की ने जैसा कहा अमन से वैसा किया और दरवाजे के पीछे होकर और रिन्की ने वैसे ही दरवाजा खोला ।

दुलारी- अरे तु ऐसे ,नहा रही थी क्या ?
रिन्की - हा भाभी , आपके चक्कर मे फिर से कपडे डाल कर आई हु , बोलो क्या बात है ?

दुलारी- अच्छा तु नहा कर आ निचे नाशता बनाना है । आज फिर बाजार जाने की तैयारियाँ हो रही है । कल दुलहन के ससुराल वाले आयेंगे ना

ये बदबू कैसी आ रही है", दुलारी ने अपनी नाक बन्द करते हुए बोली ।
रिन्की - पता नही भाभी ,आप चलो मै नहा कर आती हु बाय बाय

दुलारी- अरे सुन तो उफ्फ्फ ये लडकी भी ना ,
दुलारी अपना माथा पीटती हुई घूम गयी और उसकी नजर सोनल के कमरे पर गयी - हम्म्म जरा देवर जी के हाल चाल लेलू ।

अमन के कान मे दुलारी के शब्द जैसे ही पड़े वो और रिन्की इशारो मे फुसफुसाने लगे

अमन - सॉरी बच्चा अगर सोनल ने बता दिया कि मै यहा आया हु तो चोरी पकड़ी जायेगी हमारी
रिन्की उखड़ कर - तो फिर कब
अमन - आऊंगा ना गुड़िया अभी देखता हु
ये बोलकर अमन धीरे से कमरे से निकल कर जिने की सीढियो पर उपर की तरह दो सीढ़ी चढ कर उतरता हुआ तेजी से निचे आया ताकि दुलारी नोटिस करे उसे ।

दुलारी ने तुरंत पलट कर अमन को जीने से निचे आते देखा - ओहो मेरे देवर बाबू कहा सुबह सुबह उपर से

अमन - वो भाभी बस सोचा टहल लू , आप इधर ?
दुलारी- मै सोच रही थी कि मेरी देवरानी की हालत पुछ लू , सारी रात साढ़ को चढा कर सोती है बेचारी

अमन धीरे से साडी के उपर से दुलारी की गाड़ दबोच कर - अच्छा तो आप ही आजाया करो दर्द बाटने

" धत्त छोड़ो ना ", दुलारी ने झटके से अमन का हाथ अपने कुल्हे से हटाया और हस्ती हुइ कमरे मे दाखिल हुई ।
जहा सोनल नहा कर तैयार हो रही थी ।


राहुल के घर

देर सुबह की अंगड़ाई के साथ अरुण के दिन की शुरुवात हुई थी और वो उबासी लेता हुआ हाल मे आया ।
हाल मे चाय की चुस्की के जंगी नासता कर रहा था और शालिनी बालो मे तौलिया लगाये एक नाइटी मे किचन ने काम कर रही थी ।
शालिनी ने अरुण को देखा और मुस्कुरा दी और अरुण ने भी एक बदले मे एक फ्लाइंग किस्स चुपके से देकर मुस्कुराया ।
शालिनी इतराते हुए हाल मे आई और सर से तौलिया निकाल कर अपने गीले बालों को झटका और उन्हे सुखाने लगी ।

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अब उसकी चुचियों को घाटियाँ उसकी नाईटी से आधी बाहर आती नजर आने लगी ।
जंगी बीते रात शालिनी के व्यव्हार से अलग ही खुन्नस मे था और उसने शालिनी एक शब्द बात नही की और शालिनी ने भी रुचि नही दिखाई ।
चाय का प्याला खतम कर जंगी उठ कर दुकान की ओर बढ गया और मौका देख कर अरुण शालिनी की ओर बढ़ना चाह रहा था कि शालिनी ने उसे टोका - नही नही , राहुल आता होगा अभी ।

और उसके कहने की देरी थी राहुल हाल मे आ गया था । शालिनी - तुम दोनो बारि बारी नहा लो फिर नासता कर लेना

राहुल - हा पहले मै जाता हूँ
अरुण ने कोई जल्दबाजी नही दिखाई और बस राहुल को कमरे से बाथरूम मे जाने की राह निहारता और जैसे ही राहुल बाथरूम मे घुसा अरुण लपक कर किचन मे शालीनी को पीछे से दबोच लिया - उम्म्ंम्ं क्या कर रहा है छोड ना , वो आ जायेगा भाइ

अरुण पीछे से लोवर मे तना हुआ मुसल शालिनी की गाड़ पर चुभोता हुआ उसके भिगे बालों के पास कान के करीब चूमता हुआ - अह्ह्ह मामी आप बहुत खुबसूरत हो उम्म्ंम आपके जिस्म की खुस्बू उम्म्ंम्म्ं और ये नरमी अह्ह्ह्ह

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शालिनी खिलखिलाती हुई - धत्त बदमाश दुर हट गुदगुदी हो रही है मुझे

मगर अरुण उसको और कस कर बाहों मे भर लिया और उसके हाथ उपर से शालिनी के नाइटी मे घुसने लगे । शालिनी की कसमसाहट और कुनमुनाना और तेज होने लगा - अह्ह्ह बेटा उम्म्ंम रहने दे ना
अरुण शालिनी के नाइटी मे हाथ घुसा कर ब्रा के उपर से उसकी कसी हुई चूचिया मिजता हुआ - उफ्फ्फ मामी अह्ह्ह कितनी सेक्सी हो आप अह्ह्ज आपके दूध बहुत कसे हुए है अह्ह्ह और बहुत नरम है उह्ह्ह्ह

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शालिनी - अह्ह्ह बेटा हाथ बाहर निकाल उम्मममं
अरुण हाथ बाहर निकाल कर शालिनी के जिस्म पर खुद को घिसने लगा - उम्म्ंम मामी आपको देख कर ही मेरा खडा हो जाता है अह्ह्ह देखो ना कैसे फूल रहा है अह्ह्ह मामी उम्म्ं कुछ करो ना

शालिनी ने हाथ पीछे कर अरुण का कड़क फड़फडाता मुसल पकड़ा और उसका रोम रोम सिहर उठा , उसके जिस्म मे कपकपी बढने लगी एक बार फिर उसका जी अरून के कड़क लन्ड के लिए ललचा गया ।
लेकिन जहन मे राहुल का ख्याल भी आ रहा था कि कही वो आ ना जाये
लगातार किचन के बाहर नजर बनाये हुए उसके अरुण का लोवर निचे कर उसके अंडरवियर के उपर से ही उसका कड़क मोटा लन्ड सहलाने लगी - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह आपका टच मुझेहहह उम्म्ंम अह्ह्ह

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अरुन की सासे भारी होने लगी और उसका लन्ड अंडरवियर मे और ज्यादा फुलने लगा , शालिनी उसके आड़ो को छू सहला रही थी - अह्ह्ह बेटा ना जाने क्या जादू कर रखा है तुने तेरा कसा हुआ ये मोटा खुन्टा देख कर मेरा मन डोल जाता है अह्ह्ज

अरुण उसके कंधे से नाइटी सरका कर ब्रा के उपर से उसकी मुलायम चुचिया मिजता हुआ - आह्ह मामी इतना पसंद है तो चुस लो ना आह्ह देखो कैसे फड़क रहा है

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शालिनी सरक कर घुटनो पर आकार अंडरवियर के उपर से अरुण के मोटे लन्ड को चूमने लगी और अरुण मामी की कामुक हरकतो से और पागल हुआ जा रहा था ।
उसकी कामुक्ता बढती जा रही थी लन्ड की नसे खुब फड़फ्ड़ा रही थी और सुपाडा पुरा फूल कर लाल हुआ जा रहा था ।
शालिनी ने अंडरवियर खिंच कर निचे किया और अरुण का मोटा तनमनाया मुसल उछल कर शालिनी के समाने आया


" बेटा बाहर देखना " , ये बोल कर शालिनी ने अगले ही पल अरुण का मोटा मुसल थाम कर उसके सूपाडे को चुबलाने लगी - आह्ह मामीईई ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ उम्म्ंम क्या मसत चूस्ती हो आप उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह सीईई ओह्ह्ह

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शालिनी लन्ड को मसल मसल कर मुह मे लेकर गिला कर रही थी और अरुण का लन्ड उसके हाथो मे खुब फड़क रहा था ।
अरुण का मुसल सा लन्ड शालिनी की चुसाई से एकदम रॉड के जैसे टाइट हो गया था नसे फुल कर तन गयी थी और बिना किसी सहारे अब उसका लन्ड सर उठाए नाग की तरफ फनफनाया हुआ था ।

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शालिनी ने उसके आड़ो को टटोलती हुई अपनी जीभ की टिप को उसके सुपाड़े की गांठ पर फ्लिक करती हुई नीचे तने को चाटने लगी ।
जिससे अरुण की हालत और खराब होने लगी - ओह्ह्ह मामीईई ओह्ह्ह सीईई उम्म्ंम्ं फ्क्क्क्क उम्म्ंम्ं ऐसे हीईई आह्ह आराम से ऊहह दर्द करेगा वोह्ह उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ

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शालिनी जीभ नचाती हुई अब अरुण के आड़ो तक आ पहुची थी और उसके कडक कसे हुए आड़ को मुह मे भर कर चुबलाने लगी ।
शालिनी का ये नया और अनोखा रूप देख कर अरुण हवा मे उड़ने लगा - इह्ह्ह मामी कमाल हो तुम उह्ह्ह आज तक्क्क अह्ह्ह सीई आज तक किसी ने ऐसे मेरा लण्ड नही चूसा था ।

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मामी - आज तक ऐसा कदक लन्ड भी नही मिला मुझे उम्म्ंम्म्ं सीईईई कितना टाइट है रेझ्ह्ह उम्म्ंम्म्ं
शालिनी उसके आड़ो को मिजते हुए उसके लन्ड को मुह मेभर ली
और अरुण की सासे उफनाने लगी , लगातार आड़ो पर हो रही हरकत से उस्का जोश और बढ़ने लगा - उह्ह्ह मामीईई तुम तो पोर्नस्टार से कम नही हो उम्म्ंम आह्ह खा जाओ मेरा मुसल उन्म्म्ं ओह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह
शालिनी लगातार उस्का सुपाडा सुरुकते हुए लन्ड चुस रही थी

अरुण की हालत और खराब हो रही थी उसके भीतर जोश उमड रहा था और आग सी दहकने लगी थी , वो शालिनी का सर पक्ड कर उसके मुह मे लण्ड पेलने लगा ।शालिनी उसका लन्ड गले तक लेने लगी - अह्ह्ह मेरी सेक्सी चुदक्कड़ रानी उम्म्ंम लेह्ह अह्झ उह्ह्ह्ह मेरी जान उह्ह्ह और लेह्ह्ह

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अरुण पूरे जोश मे शालिनी के मुह मे लन्ड ठुसे जा रहा था और शालिनी की सासे अब फुलनी शुरु हो गयी थी , आंखे बड़ी होनी लगी और वो लन्ड छोड़ना चाह रही थी मगर अरुण जबरन

मुह मे ठूसता हुआ तेजी से लन्ड भी हिला रहा था - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह्ह रुको नाअह्ह्ह आयेगगा उह्ह्ह माय सेक्सी उह्ह्ह माय बेबी इह्ह्ह येस्स्स येस्स आ रहा है अह्ह्ह रहा है मामी अह्ह्ह उह्ह्ह्ह लेलो लेलोह्ह्ह उम्म्ंम्ममम्ं अह्ह्ह्ह्ह्ह्ज

अरुण भरपूर चिन्घाडता हुआ तेज पिचकारी शालिनी के मुह मे ही छोड ने लगा , इतनी बड़ी मोटी धार जैसे अरुण उस्के मुह मे मूत रहा हो ऐसे वीर्य की तेज धार उसके गिर रही थी

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और उसका गला चोक करने लगा तो वो झटके से पीछे हटी मगर अरुण अपने लन्ड से वीर्य की गाढी धार अपनी मामी पर फेकता रहा , शालिनी की ब्रा छाती पर उसकी पिचकारी छुटती रही शालिनी पूरा उसके रस नहा चुकी थी ।

अरुण आखिर बूँद तक शालिनी के मुह पर झडता रहा और शालिनी का चेहरा उसके रस से पुरा सना चुका था
शालिनी अपने छाती चेहरे पर उंगलिया लगा कर उसके रस को चुबला कर उसके बड़ी मदहोश नजरो से निहार रही थी और अरून मुस्कुरा रहा था

शालिनी - अह्ह्ह इत्ना सारा रस उम्म्ंम रात मे क्यू छिपा कर रखा था रे उम्म्ंम कितना नमकीन है उम्म्ंम्म्ं

अरून- आह्ह मामी तुमने रात को ऐसे चुसा होता तो रात मे भी तुम्हे नहला दिया होता हिहिही
शालिनी उठ कर बेसिन मे अपने मुह धूलने लगी और अरुण अपने कपडे पहनने लगा इस बात से बेखबर की इनकी सारी करतुत किचन के बाहर दिवाल से लग कर खडा राहुल सब सुन रहा था ।
उसका मुसल एकदम तना खड़ा टाइट था ये देख कर कि उसकी मा सच मे रन्डी है इधर पापा से झगड कर अपने भतिजे से चुदने चली गयि ।

राहुल झट से वहा से निकल कर अपने कमरे मे चला गया और इधर शालिनी अरुण के राहुल को रंगे हाथ पक्डने की योजना बनाने लगी ।


राज के घर

नाश्ते का समय हो गया था और रात देर तक अपने भैया के साथ निशा की चुदाई कर अनुज भी आज देर से उठा ।
फ्रेश होकर निचे हाल मे उतरा और देखा तो सब नाश्ता कर रहे है ।

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रज्जो मौसी वही सोफे के पास खड़ी थी उसकी बड़ी सी गाड़ साडी मे खुब उभरी हुई थी उसपे से कसी हुई साडी मे कमर और कामुक नजर आ रही थी ।
अनुज का लन्ड फौरन झटके खाने लगा और वो मन मे बड़बडाया - उफ्फ्फ मौसी ती पीछे से और भी गदराई हुई है ।
अनुज सीधा रज्जो के पास आकर उसके उपर झोलने लगा , रज्जो ने मुस्कुरा कर उसको पकड़ा ।

राज - लो नवाब साहब आ गये हिहिहिही
रज्जो उसको डांटती हुई अनुज के बाल सहलाती हुई - तु चुप कर , मेरा बेटा कितना काम करता और कुछ कह्ता भी नही ।आजा लल्ला नाश्ता कर लें ।

अनुज अपनी मौसी से चिपक कर - हा मौसी आपको ही मेरी मम्मी होना चाहिए था , उनको देखो अपने बेटे का जरा भी ख्याल नही होता ।

रागिनी किचन मे खड़ी खड़ी हसने लगती है ।
राज - चल चल नाटक मत कर नाश्ता कर और दुकान खोल।

अनुज भुनभुनाते - क्या न्हीई मौसी प्लीज आज दुकान नही उहुहहु

रज्जो प्यार से उसका गाल सहलाती हुई -हा लल्ला मत जाना आज तु हमारे साथ बाजार चलना ठिक है ।

अनुज खुश हुआ और नासता करने लगा , अनुज की बातो पर घर मे सब हस रहे थे वही रन्गी नासता करके दुकान के लिए निकल गया ।
रज्जो भी काम मे उलझ गयी ।

मौका देख कर राज अनुज से - तु तो मौसी का बड़ा दुलारा होता जा रहा है रे उम्म्ं मेरी तो कोई सुन ही नही रहा

अनुज ने मुह बनाया - जैसे आप बुआ के दुलारे हो वैसे मै मौसी का हुउह
राज अचरज से हस कर - अरे तुझे क्या हुआ , ऐसे क्यू भडक रहा है ।

अनुज मुह बनाता हुआ - हुह छोडो जाने दो , आप तो मुझे अपना नही समझते ।
राज -अरे बोलेगा क्या बात है ?
अनुज आस पास देख कर धीरे से आंखे दिखाता हुआ - बुआ वाली बात आपने मुझसे क्यू छिपाई ।

अनुज ने भले ही साफ साफ लफजो मे ना कहा हो कुछ मगर राज उसके चेहरे के भाव पढ कर ही समझ गया कि अनुज को जरुर शिला बुआ के साथ चुदाई की भनक लग गयी है और वो थोडा मुस्कुराता हुआ सीधा बैठ गया ।
अनुज - अब हस क्यू रहे हो बोलो
राज - तुझे कैसे पता इस बारे मे ?
अनुज - कल शाम को बुआ ने बताया
राज चौक कर - तो क्या तु बुआ को कल शाम को ही
अनुज - नही उस्का मौका नही मिला वो हुआ यू कि

फिर अनुज ने शाम की सारी कहानी राज को सुनाई - ऐसे हुआ था ।
राज उसके गाल खिंच कर हसत हुआ - साले बहुत तेज हो गया है तु हिहिहिही

अनुज - हा और आप बहुत छिपाते हो मुझ्से कह रहे थे पढ़ाई पर ध्यान दे बुआ को बाद मे हुउह

राज - अरे भाई नाराज ना हो , अगर तुझे कूछ करना है अभी जा । बुआ कमरे मे तैयार हो रही है ।

राज - मै मा और मौसी सबको बिजी रखता हु जा जा

राज की बात सुनते ही अनुज की लार टपकने लगी और उसका लन्ड ठुमकने लगा ।
वो धीरे से उठा और किचन ने मा मौसी को बिजी देख कर चुपचाप गेस्ट रूम मे घुस गया ।

कमरे का दरवाजा खोला तो सामने देखा उफ्फ्च क्या नाजारा था - सामने शिला बुआ सिर्फ ब्रा और लेगी मे थी ।
आगे की ओर झुक कर खडे खड़े बिस्तर पर ही अपनी कुरती प्रेस कर रही थी ।

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झुकने की वजह से शिला की मोटी मोटी खरबजे सी भारी भरकम चुचिया ब्रा मे लटकी हुई बाहर आने को बेताब थी ।
बुआ का ये रूप देख कर अनुज का लन्ड एक पल मे ही फौलादी हो गया ।

अपना मुसल मसल्ते हुए वो कमरे मे दाखिल होकर दरवाजा भिड़काता हुआ - कही जा रहे हो क्या बुआ ?

शिला एक पल को चौकी - हाय दैयाआ उह्ह्ह तु है क्या ? मै समझी कौन आया ।

शिला - नही बेटा वो काटन की कुर्ती है ना तो बिना प्रेस किये नही पहनती मै

अनुज अपना सुपाडा मिजता हुआ शिला के पास खडा हुआ उसकी नजर अपनी बुआ के मोटे चुतड पर जमी थी

"आह्ह क्या मस्त मोटी गाड़ है बुआ की मन कर रहा है अभी घुसा कर हचक कर पेल दू " , अनुज मन मे बड़बडाया ।

वही शिला अनुज बगल मे खड़े होने का इरादा भाप चुकी थी और उसकी नजर अनुज के लोवर मे तने हुए मोटे खुन्ट पर भी जमी थी जो बडा सा तम्बू बनाये हुए थी
शिला की नजरे उसकी हरकतों पर जमी हुई थी जैसे ही अनुज के हाथ उसकी मोटे कूल्हो को दबोचने के लिए बढ़े मुस्करा - नहीईई अनुज बोला ना नहीईई

अनुज हसता हुआ अपना पुरा पन्जा खोल कर शिला की मोटी चर्बीदार चुतड को चप्प से जकड लेता है और उसको हिलाता हुआ - अह्ह्ह बुआ आपकी गाड़ बहुत मुलायम है

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शिला का जिस्म अनुज के पंजे की छाप से पुरा थरथरा जाता है - अह्ह्ह कमीने क्या कर रहा है उफ्फ्फ्फ लगा मुझे हट छोड़, छोड ना

शिला लगातार उसका हाथ हटाने की कोशिश करती मगर अनुज बेशरमी से शिला की गाड़ पर पन्जा जमाये हुए लेगी के उपर से ही अपनी उंगलिया उसके गाड़ के दरारो मे फ्साता जा रहा था - हिहिही न्हीई क्यू छोड़ू इसे देख कर तो जी करता है खा जाऊ कितनी रसिली लगती है आपकी ये गाड़

अनुज के उंगलियो की पकड़ अब उसके गाड़ के दरखतो तक जाने लगी और शिला बुर मे हरकत शुरु हो गयी - अह्ह्ह बेटा मान जा कोई आ जायेगा उह्ह्ह छोड ना

अनुज - उम्म्ं बुआ प्लीज करने दो ना , भैया को तो नही रोकती हो मुझे क्यू सीईई कितनी मुलायम गाड़ है आपकी उम्म्ंम्ं

जिस तरह से अनुज उसके चुतड़ के नरम नरम फूले हुए हिस्से मसल रहा था शिला भीतर उत्तेजित हुई जा रही थी

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वो दोनो हाथो से उसके मुलायम चुतड को आपस मे फ़्लैप कराये जा रहा था जिस्से शिला की बुर पर भी असर होने लगा था ,
अनुज - उफ्फ्फ बुआ कितना सेक्सी गाड़ है आपका उफ्फ्फ और बहुत बडा है उम्म्ंम मन कर रहा इसमे घुसा दुऊउउऊअह्ह्ह सीईई

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अगले ही पल अनुज ने लोवर के निचे से ही अपने सुपाड़े को शिला के गाड़ की नरम दरारो मे घुसेड़ने लगा
अनुज के सुपाड़े की रगड़ शिला अपने गाड़ के दरखतो मे पाकर सिस्क पड़ी- अह्ह्ह लल्ला मान जा कोई आ जायेगा अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ रहने दे बेटा

अनुज - ओह्ह्ह बुआ करने दो ना बहुत मुलायम मुलायम सा है अह्ह्ह रुको खोल कर घुसाता हु

शिला चौकी - क्याआ?? नही नही बेटा दरवाजाअह्ह खुह्ह आह्ह उफ्फ्फ कितना टाइट है रे अह्ह्ह्ह सीईई दरवाजा खुला है अनुज कोईईई आअहह जायेगा बेटा उम्म्ंमममं

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अनुज ने अपना लन्ड बाहर निकाल कर शिला के गाड़ की दरारो मे चुभो दिया था जिस्से शिला की चुत कूलबुलाने लगी थी ।


अनुज शिला की गाड़ मे अपने सुपाड़े की नोख चुभोता हुआ - अह्ह्ह बुआ कोई नही आयेगा उम्म्ंम रुको ना ऐसे ओह्ह्ह फ्क्क उम्म्ंम कितनी मस्त हो बुआ आप उह्ह्ह कितना मजा आता होगा फूफा को उह्ह्ह मन कर रहा है खोल कर घुसा दू आपकी गाड़ मेहहह

शिला - उह्ह्ह न्हीई न्हीई बेटा ऐसे ही कर ले कोई आ जयेगा जल्दी कर अह्ह्ह मेरे लाल कितना टाइट है मेरी बुर मे चोट कर रहा है अह्ह्ह मा उम्मममं रगड़ बेटा अह्ह्ह ऐसे उह्ह्ह

अनुज शिला की गाड़ के दरारो से ठिक निचे उसकी कसी टाइट जांघो मे लेगी के उपर से लन्ड पेलने लगा - ओह्ह बुआ कितना गर्म है आह्ह अह्ह्ह भीग भी गया है उम्म्ंम

शिला - ऊहह बेटा झड रही है तेरी बुआ अह्ह्ह निकाल दिया तुने रग्द रगड़ कर आह्ह उह्ह्ह
अनुज - आह्ह बुआ बहुत गर्म है अह्ह्ह सीईई मेरा लन्ड जल रहा है अह्ह्ह ओह्ह्ह फ्क्क्क्क उम्म्ं बुआआ मेरी सेक्सी बुआ मोटी मोटी गाड़ वाली बुआ अह्ह्ह

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शिला अनुज को और जोश दिलाती हुई अपनी गाड़ उसकी ओर फेकने लगी - है ना बेटा आह्ह मेरी गाड़ सेक्सी उम्म्ंम बोल ना है ना मोटी मोटी उम्म्ं बोल मजा आ रहा है

अनुज शिला की बातें सुन्कर और जोश मे कस कस कर उसकी जांघो मे अपना लन्ड पेलने लगा - हा बुआ बहुत मजा आ रहा है अह्ह्ह उह्ह्ह ओह्ह्ह बुआआआ अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह

शिला - क्या हुआ लल्ला बोल ना उम्म्ंम्ं बोल बेटा

अनुज - आह्ह बुआ मेरा आने वाला है ओह्ह्ह बुआ लेलो ना अह्ह्ह सीई ओह्ह्ह शिट शिट शिट अह्ह्ह बुआअह्ह्ह निकल रहा अह्ह्ह सीईई

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अनुज तेजी से अपना लन्ड का फब्बारा शिला की गाड़ पर छोड़ने लगा

शिला - अह्ह्ह बेटा ऊहह कितना गर्म हैया अह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह

कुछ पल मे अनुज अपना लण्ड झाड़ कर खडा हुआ और शिला के गाल चूम लिया
शिला उसको धकेलती हुई - हट कमीना कही का , कर ली ना मनमानी तुने , अब फिर मुझे कपड़ा बदलना पडेगा

अनुज उसके चुचे सामने से सहलाता हुआ - बदल ना बुआ अपने भतिजे के लिए इतना नही करोगी
शिला लाज भरि मुस्कुराहट से - हट यहा से , अब बाहर जा

अनुज मुस्कुराता हुआ अपना लन्ड सेट कर बाहर चला गया और शिला अपने कपडे बदलने लगी ।



जारी रहेगी
🤩🤩🤩 Super update
 

Deepaksoni

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UPDATE 215

अमन के घर

सुबह के 8 बज रहे थे और अमन सोकर उठा उसका मोटा खुन्टा एकदम बौराया तनमाया हुआ अंडरवियर के भीतर से ही सलामी दे रहा था
उबासी लेते हुए उसने आस पास देखा तो सोनल नही दिखी और फिर वो बाथरूम की ओर बढ़ गया ।

ठकठक!!

"जानू दरवाजा तो खोलो "
"आह्ह बेबी प्लीज आप दुसरे बाथरूम मे चले जाओ प्लीज प्लीज "
" अरे क्या हुआ , खोलो ना मुझे जोरो की पेसाब लगी है यार बेबी आह्ह "
सोनल बाथरूम से - नही बाबू अभी नही प्लीज, मै फ्रेश हो रही हु आज आह्ह प्लीज दुसरे बाथरूम मे चले जाओ ना प्लीज ।

अमन - ओह्ह ठिक है बाबू , मै भाभी वाले कमरे मे जाता हु ।
अमन ने एक पैंट डाला और लन्ड सेट कर कमरे से निकल गया और गैलरी होकर दुलारि के कमरे के दरवाजे पर हाथ रखा ही था कि वो खुद से खुल गया और आधे खुले दरवाजे पर अमन ने सामने देखा तो सामने रिन्की हाथ मे दुलारी का मोबाइल लेके देख रही थी और दुसरा उसका आगे जांघो पर था

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रिन्की को अभी तक दरवाजा खुलने की भनक नही मिली थी और अमन की नजर जैसे ही मोबाईल स्क्रीन पर चल रही पोर्न वीडियो पर गयी उसका लन्ड एकदम से सरसरा कर उफनाने लगा
लन्ड की कसावट के साथ पैंट मे हरकत करने लगी ।
अमन अपना सुपाडा भींच कर दबे पाव कमरे मे दाखिल हुआ तो पाया कि रिन्की तो सुबह सुबह ही पोर्न देख कर अपनी चुत मसल रही थी ।

अमन से रहा नही गया पहले से उस्का लन्ड अक्ड़ा हुआ था उसपे से रिन्की की हरकत ने उस्का मूड और कडक कर दिया ।

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लन्ड की नसे पहले से पेसाब के जोर से फूली हुई थी उसपे से रिन्की को अपनी बुर मसलता देख अमन से बर्दाश्त ना हुआ और अपना लन्ड बाहर निकाल कर वो सहलाने लगा ।
तभी उसकी नजर कमरे के खुले दरवाजे पर गयी और वो झट से अपना लन्ड पैंट मे डाल कर धीरे से बिल्ली सी आहट लिये कमरेका दरवाजा लगा कर चटखनी लगा दी और दबे पाव रिन्की के पास - ये क्या कर रही है तु सुबह सुबह

रिन्की एकदम से चौक गयी इतना कि उसके हाथ मोबाईल छुट कर गिरते गिरते बचा - इह्ह्ह्ह मम्मीई ,

फिर अगले ही पला उसकी नजर अमन पर गयी तो एक गहरि आह भरती हुई मुस्कुराती हुई - अह्ह्ह भैया आप हो ,मै तो डर गयी कि कौन है ।

अमन अचरज से - ये क्या कर रही है तु , अभी कल शाम को तुझे पनिश किया अकल ठिकाने नही आई तेरी और अब ये सब ?

रिन्की थोड़ी लजाती हुई - सॉरी भैया वो भाभी के मोबाइल मे था तो मैने देख रही थी , प्लीज उनको मत बताना ।

अमन आन्खे चढा कर - निचे कुछ डाल रही थी ना तु, सच सच बोल

रिन्की झट से अपनी फ्रॉक उठा कर टाँगे खोल दी और उसकी गुलाबी पैंटी पर चुत वाले हिस्से का दाग साफ साफ झलकने लगा
अमन ने भी हिम्म्त कर हाथ आगे बढा कर सिधा उसकी बुर को पैंटी के गिले वाले हिस्से से छुते हुए - फिर ये क्या है ,ये गीला क्यू है बोला

अमन के स्पर्श से रिन्की की चुत और रसाने लगी उसके जिस्म मे सरसरी सी दौड़ गयि , गरदन अकड़ गये , आंखे बन्द ही गयि और मुह से महिन कामुक सिसकीया उठने लगी - सीईईई अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह नहीईई उह्ह्ह्ह

अमन रिन्की के चेहरे के मादक भाव पढ कर अपनी उंगलियाँ उसकी बुर पर घुमाते हुए - उम्म्ंम बोल ये कैसे गीली हुई , बहुत शरारती हो गयी है तु । तेरी शिकायत करनी पड़ेगी बुआ से ।

रिन्की आंखे उलटती हुई -- अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह्ह

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रिन्की के हाथ टटोलते हुए अमन के पैंट का खुन्टा सहलाने लगे और अमन का जोश चार गुना हो गया - अह्ह्ह देखो तो बेशर्म को क्या कर रही है

रिन्की - उम्म्ंम भैयाह्ह्ह्ह कितना मोटा है आपका निकालो नह्ह्ह सीईई अह्ह्ह

अमन उसकी बातें सुन कर भितर से हिल गया और उसका लन्ड एक दम से फ़ाड कर बाहर आने को बेताब होने लगा , वो उसकी बुर सहलाते हुए उसके लिप्स चुसने लगा ।


अमन तेजी से अपना पैंट खोल्कर कर उफनाता कडक मोटा मुसल बाहल निकाल
अमन का मोटा लाल सुपाडे वाला लन्द देख कर रिन्की उसपे झपट सी पड़ी - अह्ह्ह भैयाअह्ह्ज सुउउउऊ उम्म्ंम कितना मोटा और बडा है अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं उमाअह उमाह्ह्ह

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रिन्की उसके तने और सुपाड़े को चुम्मिया दिये जा रही थी और सहला रही थी - उफ्फ्फ भैया कितना प्यारा है ये आह्ह और बहुत गर्म हैया उम्मममं
अगले ही पल वो सुपाड़े को घोट गयी - अह्ह्ह सीईईई उफफ़फ़फ रिन्कीईई अह्ह्ह गुड़ियाअह्ह्ह उम्म्ंम्ं ऐसे ही बच्चा अह्ह्ह तुझे तो ये भी आता है रे अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं

रिन्की लगातार मुह मे लन्ड लेके चुबला रही थी और अमन उसका सर सहला रहा था - अह्ह्ह गुड़िया अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्चू उम्म्ंम्ं और क्या आता है तुझे उम्म्ंम बोल न


रिन्की निचे फर्श पर बैठ गयि और बड़ा सा मुह खोल कर गले तक मुसल को ले जाने लगी - अह्ह्ह गुड़िया सच मे बड़ी हो गयि है तु अह्ह्ज कहा से सिख रही है अह्ह्ह

रिन्की मुह मे लन्ड को भरे हुए उसके आड़ो को मिजने लगी जिससे अमन के पेड़ू मे पेसाब की थैली मे जोर आया और पेसाब का प्रेसर एक बार फिर जोर पक्डने लगा - अह्ह्ह गुड़िया आराम से अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ

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रिन्की अमन का टोपा अपने नुकीली जिभ पर घिसने लगी , जिससे सुपाड़े की गांठ उसकी लन्ड के नसो की पक्ड को कमजोर करने लगी - अह्ह्ह गुड़िया नहीईई अह्ह्ह आ जायेगा उह्ह्ह्ह्ह रुक जाह्ह्ह उफ्फ़फ्फ

रिन्की प्यासी थी और भितर से जल रही , वो अमन के रस से नहाने को आतुर थी - अह्ह्ह भैयह्ह्ह निकालो ना ऊहह मुझे पिना हैया हज्ज

अमन - आह्ह नही गुड़िया वो वोहहहह नहीई रुक ना ऐसे मत कर

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रिन्की अब अमन का लन्ड पक्ड कर अपने नरम मुलायम होठो पर रगड़ने लगी जिस्से अमन की हालात पूरी तरह से खराब हो गयी , उसका अपने मुसल पर सारा नियन्त्रण खो सा गया और चिन्घाड़ते हुए उसने अपने सुपाड़े का फब्बारा खोल दिया और अगले ही पल छरछरा कर तेज गर्म जलती मूत की धार रिन्की के होठो पर टकराई - उह्ंम्ंंम भैयाअह्ह्ह्ह येह्ह्ह क्यह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह

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अमन अब चाह कर भी अपने मूत की धार नही रोक सकता था और रिन्की के लिए ये अनोखा अनुभ्व था वो अमन के मूत से नहा रही थी और खिलखिला रही थी

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अमन अपने सुपाडा साध कर उसके मुह पर किये हुए सारी धार रिन्की पर छोद रहा था और रिन्की कभी मुह खोल कर उसका पेसाब गटक तो कभी अपने नरम मुलायम मौसमीयो पर लेती - अह्ह्ह भाईयज्ज्जज उफ्फ्फ्फ्फ हिहिही मजा आ गया अह्ह्ह हिहिही उफ्फ़ग्फ्ग उम्म्ंम्म्ं

अमन भी अपनी टंकी खाली कर खुश था कि इस हरकत के लिए रिन्की जरा भी नाराज नही हुई - सॉरी बच्चा वो मुझे पेसाब लगी थी और मै रोक नही पाया

रिन्की खिलखिलाती हुई उसका लन्ड सहलाती हुई - कोई बात नही भैया मुझे आपके पानी से नहा कर मजा आया हिहिहिही लेकिन गर्म था बहुत

तभी गलियारे मे आहत होने लगी और दुलारी की आवाज सुनाई दी जो रिन्की को ही बुला रही थी ।

अमन - अब क्या होगा , भाभी आ रही है
रिन्की - आप दरवाजे के पीछे छिप जाओ मै दरवाजा खोलती हु

अमन चौक कर -क्या ऐसे ही भिगे हुए
रिन्की - रिलैक्स भैया चिल
रिन्की ने जैसा कहा अमन से वैसा किया और दरवाजे के पीछे होकर और रिन्की ने वैसे ही दरवाजा खोला ।

दुलारी- अरे तु ऐसे ,नहा रही थी क्या ?
रिन्की - हा भाभी , आपके चक्कर मे फिर से कपडे डाल कर आई हु , बोलो क्या बात है ?

दुलारी- अच्छा तु नहा कर आ निचे नाशता बनाना है । आज फिर बाजार जाने की तैयारियाँ हो रही है । कल दुलहन के ससुराल वाले आयेंगे ना

ये बदबू कैसी आ रही है", दुलारी ने अपनी नाक बन्द करते हुए बोली ।
रिन्की - पता नही भाभी ,आप चलो मै नहा कर आती हु बाय बाय

दुलारी- अरे सुन तो उफ्फ्फ ये लडकी भी ना ,
दुलारी अपना माथा पीटती हुई घूम गयी और उसकी नजर सोनल के कमरे पर गयी - हम्म्म जरा देवर जी के हाल चाल लेलू ।

अमन के कान मे दुलारी के शब्द जैसे ही पड़े वो और रिन्की इशारो मे फुसफुसाने लगे

अमन - सॉरी बच्चा अगर सोनल ने बता दिया कि मै यहा आया हु तो चोरी पकड़ी जायेगी हमारी
रिन्की उखड़ कर - तो फिर कब
अमन - आऊंगा ना गुड़िया अभी देखता हु
ये बोलकर अमन धीरे से कमरे से निकल कर जिने की सीढियो पर उपर की तरह दो सीढ़ी चढ कर उतरता हुआ तेजी से निचे आया ताकि दुलारी नोटिस करे उसे ।

दुलारी ने तुरंत पलट कर अमन को जीने से निचे आते देखा - ओहो मेरे देवर बाबू कहा सुबह सुबह उपर से

अमन - वो भाभी बस सोचा टहल लू , आप इधर ?
दुलारी- मै सोच रही थी कि मेरी देवरानी की हालत पुछ लू , सारी रात साढ़ को चढा कर सोती है बेचारी

अमन धीरे से साडी के उपर से दुलारी की गाड़ दबोच कर - अच्छा तो आप ही आजाया करो दर्द बाटने

" धत्त छोड़ो ना ", दुलारी ने झटके से अमन का हाथ अपने कुल्हे से हटाया और हस्ती हुइ कमरे मे दाखिल हुई ।
जहा सोनल नहा कर तैयार हो रही थी ।


राहुल के घर

देर सुबह की अंगड़ाई के साथ अरुण के दिन की शुरुवात हुई थी और वो उबासी लेता हुआ हाल मे आया ।
हाल मे चाय की चुस्की के जंगी नासता कर रहा था और शालिनी बालो मे तौलिया लगाये एक नाइटी मे किचन ने काम कर रही थी ।
शालिनी ने अरुण को देखा और मुस्कुरा दी और अरुण ने भी एक बदले मे एक फ्लाइंग किस्स चुपके से देकर मुस्कुराया ।
शालिनी इतराते हुए हाल मे आई और सर से तौलिया निकाल कर अपने गीले बालों को झटका और उन्हे सुखाने लगी ।

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अब उसकी चुचियों को घाटियाँ उसकी नाईटी से आधी बाहर आती नजर आने लगी ।
जंगी बीते रात शालिनी के व्यव्हार से अलग ही खुन्नस मे था और उसने शालिनी एक शब्द बात नही की और शालिनी ने भी रुचि नही दिखाई ।
चाय का प्याला खतम कर जंगी उठ कर दुकान की ओर बढ गया और मौका देख कर अरुण शालिनी की ओर बढ़ना चाह रहा था कि शालिनी ने उसे टोका - नही नही , राहुल आता होगा अभी ।

और उसके कहने की देरी थी राहुल हाल मे आ गया था । शालिनी - तुम दोनो बारि बारी नहा लो फिर नासता कर लेना

राहुल - हा पहले मै जाता हूँ
अरुण ने कोई जल्दबाजी नही दिखाई और बस राहुल को कमरे से बाथरूम मे जाने की राह निहारता और जैसे ही राहुल बाथरूम मे घुसा अरुण लपक कर किचन मे शालीनी को पीछे से दबोच लिया - उम्म्ंम्ं क्या कर रहा है छोड ना , वो आ जायेगा भाइ

अरुण पीछे से लोवर मे तना हुआ मुसल शालिनी की गाड़ पर चुभोता हुआ उसके भिगे बालों के पास कान के करीब चूमता हुआ - अह्ह्ह मामी आप बहुत खुबसूरत हो उम्म्ंम आपके जिस्म की खुस्बू उम्म्ंम्म्ं और ये नरमी अह्ह्ह्ह

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शालिनी खिलखिलाती हुई - धत्त बदमाश दुर हट गुदगुदी हो रही है मुझे

मगर अरुण उसको और कस कर बाहों मे भर लिया और उसके हाथ उपर से शालिनी के नाइटी मे घुसने लगे । शालिनी की कसमसाहट और कुनमुनाना और तेज होने लगा - अह्ह्ह बेटा उम्म्ंम रहने दे ना
अरुण शालिनी के नाइटी मे हाथ घुसा कर ब्रा के उपर से उसकी कसी हुई चूचिया मिजता हुआ - उफ्फ्फ मामी अह्ह्ह कितनी सेक्सी हो आप अह्ह्ज आपके दूध बहुत कसे हुए है अह्ह्ह और बहुत नरम है उह्ह्ह्ह

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शालिनी - अह्ह्ह बेटा हाथ बाहर निकाल उम्मममं
अरुण हाथ बाहर निकाल कर शालिनी के जिस्म पर खुद को घिसने लगा - उम्म्ंम मामी आपको देख कर ही मेरा खडा हो जाता है अह्ह्ह देखो ना कैसे फूल रहा है अह्ह्ह मामी उम्म्ं कुछ करो ना

शालिनी ने हाथ पीछे कर अरुण का कड़क फड़फडाता मुसल पकड़ा और उसका रोम रोम सिहर उठा , उसके जिस्म मे कपकपी बढने लगी एक बार फिर उसका जी अरून के कड़क लन्ड के लिए ललचा गया ।
लेकिन जहन मे राहुल का ख्याल भी आ रहा था कि कही वो आ ना जाये
लगातार किचन के बाहर नजर बनाये हुए उसके अरुण का लोवर निचे कर उसके अंडरवियर के उपर से ही उसका कड़क मोटा लन्ड सहलाने लगी - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह आपका टच मुझेहहह उम्म्ंम अह्ह्ह

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अरुन की सासे भारी होने लगी और उसका लन्ड अंडरवियर मे और ज्यादा फुलने लगा , शालिनी उसके आड़ो को छू सहला रही थी - अह्ह्ह बेटा ना जाने क्या जादू कर रखा है तुने तेरा कसा हुआ ये मोटा खुन्टा देख कर मेरा मन डोल जाता है अह्ह्ज

अरुण उसके कंधे से नाइटी सरका कर ब्रा के उपर से उसकी मुलायम चुचिया मिजता हुआ - आह्ह मामी इतना पसंद है तो चुस लो ना आह्ह देखो कैसे फड़क रहा है

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शालिनी सरक कर घुटनो पर आकार अंडरवियर के उपर से अरुण के मोटे लन्ड को चूमने लगी और अरुण मामी की कामुक हरकतो से और पागल हुआ जा रहा था ।
उसकी कामुक्ता बढती जा रही थी लन्ड की नसे खुब फड़फ्ड़ा रही थी और सुपाडा पुरा फूल कर लाल हुआ जा रहा था ।
शालिनी ने अंडरवियर खिंच कर निचे किया और अरुण का मोटा तनमनाया मुसल उछल कर शालिनी के समाने आया


" बेटा बाहर देखना " , ये बोल कर शालिनी ने अगले ही पल अरुण का मोटा मुसल थाम कर उसके सूपाडे को चुबलाने लगी - आह्ह मामीईई ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ उम्म्ंम क्या मसत चूस्ती हो आप उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह सीईई ओह्ह्ह

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शालिनी लन्ड को मसल मसल कर मुह मे लेकर गिला कर रही थी और अरुण का लन्ड उसके हाथो मे खुब फड़क रहा था ।
अरुण का मुसल सा लन्ड शालिनी की चुसाई से एकदम रॉड के जैसे टाइट हो गया था नसे फुल कर तन गयी थी और बिना किसी सहारे अब उसका लन्ड सर उठाए नाग की तरफ फनफनाया हुआ था ।

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शालिनी ने उसके आड़ो को टटोलती हुई अपनी जीभ की टिप को उसके सुपाड़े की गांठ पर फ्लिक करती हुई नीचे तने को चाटने लगी ।
जिससे अरुण की हालत और खराब होने लगी - ओह्ह्ह मामीईई ओह्ह्ह सीईई उम्म्ंम्ं फ्क्क्क्क उम्म्ंम्ं ऐसे हीईई आह्ह आराम से ऊहह दर्द करेगा वोह्ह उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ

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शालिनी जीभ नचाती हुई अब अरुण के आड़ो तक आ पहुची थी और उसके कडक कसे हुए आड़ को मुह मे भर कर चुबलाने लगी ।
शालिनी का ये नया और अनोखा रूप देख कर अरुण हवा मे उड़ने लगा - इह्ह्ह मामी कमाल हो तुम उह्ह्ह आज तक्क्क अह्ह्ह सीई आज तक किसी ने ऐसे मेरा लण्ड नही चूसा था ।

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मामी - आज तक ऐसा कदक लन्ड भी नही मिला मुझे उम्म्ंम्म्ं सीईईई कितना टाइट है रेझ्ह्ह उम्म्ंम्म्ं
शालिनी उसके आड़ो को मिजते हुए उसके लन्ड को मुह मेभर ली
और अरुण की सासे उफनाने लगी , लगातार आड़ो पर हो रही हरकत से उस्का जोश और बढ़ने लगा - उह्ह्ह मामीईई तुम तो पोर्नस्टार से कम नही हो उम्म्ंम आह्ह खा जाओ मेरा मुसल उन्म्म्ं ओह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह
शालिनी लगातार उस्का सुपाडा सुरुकते हुए लन्ड चुस रही थी

अरुण की हालत और खराब हो रही थी उसके भीतर जोश उमड रहा था और आग सी दहकने लगी थी , वो शालिनी का सर पक्ड कर उसके मुह मे लण्ड पेलने लगा ।शालिनी उसका लन्ड गले तक लेने लगी - अह्ह्ह मेरी सेक्सी चुदक्कड़ रानी उम्म्ंम लेह्ह अह्झ उह्ह्ह्ह मेरी जान उह्ह्ह और लेह्ह्ह

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अरुण पूरे जोश मे शालिनी के मुह मे लन्ड ठुसे जा रहा था और शालिनी की सासे अब फुलनी शुरु हो गयी थी , आंखे बड़ी होनी लगी और वो लन्ड छोड़ना चाह रही थी मगर अरुण जबरन

मुह मे ठूसता हुआ तेजी से लन्ड भी हिला रहा था - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह्ह रुको नाअह्ह्ह आयेगगा उह्ह्ह माय सेक्सी उह्ह्ह माय बेबी इह्ह्ह येस्स्स येस्स आ रहा है अह्ह्ह रहा है मामी अह्ह्ह उह्ह्ह्ह लेलो लेलोह्ह्ह उम्म्ंम्ममम्ं अह्ह्ह्ह्ह्ह्ज

अरुण भरपूर चिन्घाडता हुआ तेज पिचकारी शालिनी के मुह मे ही छोड ने लगा , इतनी बड़ी मोटी धार जैसे अरुण उस्के मुह मे मूत रहा हो ऐसे वीर्य की तेज धार उसके गिर रही थी

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और उसका गला चोक करने लगा तो वो झटके से पीछे हटी मगर अरुण अपने लन्ड से वीर्य की गाढी धार अपनी मामी पर फेकता रहा , शालिनी की ब्रा छाती पर उसकी पिचकारी छुटती रही शालिनी पूरा उसके रस नहा चुकी थी ।

अरुण आखिर बूँद तक शालिनी के मुह पर झडता रहा और शालिनी का चेहरा उसके रस से पुरा सना चुका था
शालिनी अपने छाती चेहरे पर उंगलिया लगा कर उसके रस को चुबला कर उसके बड़ी मदहोश नजरो से निहार रही थी और अरून मुस्कुरा रहा था

शालिनी - अह्ह्ह इत्ना सारा रस उम्म्ंम रात मे क्यू छिपा कर रखा था रे उम्म्ंम कितना नमकीन है उम्म्ंम्म्ं

अरून- आह्ह मामी तुमने रात को ऐसे चुसा होता तो रात मे भी तुम्हे नहला दिया होता हिहिही
शालिनी उठ कर बेसिन मे अपने मुह धूलने लगी और अरुण अपने कपडे पहनने लगा इस बात से बेखबर की इनकी सारी करतुत किचन के बाहर दिवाल से लग कर खडा राहुल सब सुन रहा था ।
उसका मुसल एकदम तना खड़ा टाइट था ये देख कर कि उसकी मा सच मे रन्डी है इधर पापा से झगड कर अपने भतिजे से चुदने चली गयि ।

राहुल झट से वहा से निकल कर अपने कमरे मे चला गया और इधर शालिनी अरुण के राहुल को रंगे हाथ पक्डने की योजना बनाने लगी ।


राज के घर

नाश्ते का समय हो गया था और रात देर तक अपने भैया के साथ निशा की चुदाई कर अनुज भी आज देर से उठा ।
फ्रेश होकर निचे हाल मे उतरा और देखा तो सब नाश्ता कर रहे है ।

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रज्जो मौसी वही सोफे के पास खड़ी थी उसकी बड़ी सी गाड़ साडी मे खुब उभरी हुई थी उसपे से कसी हुई साडी मे कमर और कामुक नजर आ रही थी ।
अनुज का लन्ड फौरन झटके खाने लगा और वो मन मे बड़बडाया - उफ्फ्फ मौसी ती पीछे से और भी गदराई हुई है ।
अनुज सीधा रज्जो के पास आकर उसके उपर झोलने लगा , रज्जो ने मुस्कुरा कर उसको पकड़ा ।

राज - लो नवाब साहब आ गये हिहिहिही
रज्जो उसको डांटती हुई अनुज के बाल सहलाती हुई - तु चुप कर , मेरा बेटा कितना काम करता और कुछ कह्ता भी नही ।आजा लल्ला नाश्ता कर लें ।

अनुज अपनी मौसी से चिपक कर - हा मौसी आपको ही मेरी मम्मी होना चाहिए था , उनको देखो अपने बेटे का जरा भी ख्याल नही होता ।

रागिनी किचन मे खड़ी खड़ी हसने लगती है ।
राज - चल चल नाटक मत कर नाश्ता कर और दुकान खोल।

अनुज भुनभुनाते - क्या न्हीई मौसी प्लीज आज दुकान नही उहुहहु

रज्जो प्यार से उसका गाल सहलाती हुई -हा लल्ला मत जाना आज तु हमारे साथ बाजार चलना ठिक है ।

अनुज खुश हुआ और नासता करने लगा , अनुज की बातो पर घर मे सब हस रहे थे वही रन्गी नासता करके दुकान के लिए निकल गया ।
रज्जो भी काम मे उलझ गयी ।

मौका देख कर राज अनुज से - तु तो मौसी का बड़ा दुलारा होता जा रहा है रे उम्म्ं मेरी तो कोई सुन ही नही रहा

अनुज ने मुह बनाया - जैसे आप बुआ के दुलारे हो वैसे मै मौसी का हुउह
राज अचरज से हस कर - अरे तुझे क्या हुआ , ऐसे क्यू भडक रहा है ।

अनुज मुह बनाता हुआ - हुह छोडो जाने दो , आप तो मुझे अपना नही समझते ।
राज -अरे बोलेगा क्या बात है ?
अनुज आस पास देख कर धीरे से आंखे दिखाता हुआ - बुआ वाली बात आपने मुझसे क्यू छिपाई ।

अनुज ने भले ही साफ साफ लफजो मे ना कहा हो कुछ मगर राज उसके चेहरे के भाव पढ कर ही समझ गया कि अनुज को जरुर शिला बुआ के साथ चुदाई की भनक लग गयी है और वो थोडा मुस्कुराता हुआ सीधा बैठ गया ।
अनुज - अब हस क्यू रहे हो बोलो
राज - तुझे कैसे पता इस बारे मे ?
अनुज - कल शाम को बुआ ने बताया
राज चौक कर - तो क्या तु बुआ को कल शाम को ही
अनुज - नही उस्का मौका नही मिला वो हुआ यू कि

फिर अनुज ने शाम की सारी कहानी राज को सुनाई - ऐसे हुआ था ।
राज उसके गाल खिंच कर हसत हुआ - साले बहुत तेज हो गया है तु हिहिहिही

अनुज - हा और आप बहुत छिपाते हो मुझ्से कह रहे थे पढ़ाई पर ध्यान दे बुआ को बाद मे हुउह

राज - अरे भाई नाराज ना हो , अगर तुझे कूछ करना है अभी जा । बुआ कमरे मे तैयार हो रही है ।

राज - मै मा और मौसी सबको बिजी रखता हु जा जा

राज की बात सुनते ही अनुज की लार टपकने लगी और उसका लन्ड ठुमकने लगा ।
वो धीरे से उठा और किचन ने मा मौसी को बिजी देख कर चुपचाप गेस्ट रूम मे घुस गया ।

कमरे का दरवाजा खोला तो सामने देखा उफ्फ्च क्या नाजारा था - सामने शिला बुआ सिर्फ ब्रा और लेगी मे थी ।
आगे की ओर झुक कर खडे खड़े बिस्तर पर ही अपनी कुरती प्रेस कर रही थी ।

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झुकने की वजह से शिला की मोटी मोटी खरबजे सी भारी भरकम चुचिया ब्रा मे लटकी हुई बाहर आने को बेताब थी ।
बुआ का ये रूप देख कर अनुज का लन्ड एक पल मे ही फौलादी हो गया ।

अपना मुसल मसल्ते हुए वो कमरे मे दाखिल होकर दरवाजा भिड़काता हुआ - कही जा रहे हो क्या बुआ ?

शिला एक पल को चौकी - हाय दैयाआ उह्ह्ह तु है क्या ? मै समझी कौन आया ।

शिला - नही बेटा वो काटन की कुर्ती है ना तो बिना प्रेस किये नही पहनती मै

अनुज अपना सुपाडा मिजता हुआ शिला के पास खडा हुआ उसकी नजर अपनी बुआ के मोटे चुतड पर जमी थी

"आह्ह क्या मस्त मोटी गाड़ है बुआ की मन कर रहा है अभी घुसा कर हचक कर पेल दू " , अनुज मन मे बड़बडाया ।

वही शिला अनुज बगल मे खड़े होने का इरादा भाप चुकी थी और उसकी नजर अनुज के लोवर मे तने हुए मोटे खुन्ट पर भी जमी थी जो बडा सा तम्बू बनाये हुए थी
शिला की नजरे उसकी हरकतों पर जमी हुई थी जैसे ही अनुज के हाथ उसकी मोटे कूल्हो को दबोचने के लिए बढ़े मुस्करा - नहीईई अनुज बोला ना नहीईई

अनुज हसता हुआ अपना पुरा पन्जा खोल कर शिला की मोटी चर्बीदार चुतड को चप्प से जकड लेता है और उसको हिलाता हुआ - अह्ह्ह बुआ आपकी गाड़ बहुत मुलायम है

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शिला का जिस्म अनुज के पंजे की छाप से पुरा थरथरा जाता है - अह्ह्ह कमीने क्या कर रहा है उफ्फ्फ्फ लगा मुझे हट छोड़, छोड ना

शिला लगातार उसका हाथ हटाने की कोशिश करती मगर अनुज बेशरमी से शिला की गाड़ पर पन्जा जमाये हुए लेगी के उपर से ही अपनी उंगलिया उसके गाड़ के दरारो मे फ्साता जा रहा था - हिहिही न्हीई क्यू छोड़ू इसे देख कर तो जी करता है खा जाऊ कितनी रसिली लगती है आपकी ये गाड़

अनुज के उंगलियो की पकड़ अब उसके गाड़ के दरखतो तक जाने लगी और शिला बुर मे हरकत शुरु हो गयी - अह्ह्ह बेटा मान जा कोई आ जायेगा उह्ह्ह छोड ना

अनुज - उम्म्ं बुआ प्लीज करने दो ना , भैया को तो नही रोकती हो मुझे क्यू सीईई कितनी मुलायम गाड़ है आपकी उम्म्ंम्ं

जिस तरह से अनुज उसके चुतड़ के नरम नरम फूले हुए हिस्से मसल रहा था शिला भीतर उत्तेजित हुई जा रही थी

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वो दोनो हाथो से उसके मुलायम चुतड को आपस मे फ़्लैप कराये जा रहा था जिस्से शिला की बुर पर भी असर होने लगा था ,
अनुज - उफ्फ्फ बुआ कितना सेक्सी गाड़ है आपका उफ्फ्फ और बहुत बडा है उम्म्ंम मन कर रहा इसमे घुसा दुऊउउऊअह्ह्ह सीईई

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अगले ही पल अनुज ने लोवर के निचे से ही अपने सुपाड़े को शिला के गाड़ की नरम दरारो मे घुसेड़ने लगा
अनुज के सुपाड़े की रगड़ शिला अपने गाड़ के दरखतो मे पाकर सिस्क पड़ी- अह्ह्ह लल्ला मान जा कोई आ जायेगा अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ रहने दे बेटा

अनुज - ओह्ह्ह बुआ करने दो ना बहुत मुलायम मुलायम सा है अह्ह्ह रुको खोल कर घुसाता हु

शिला चौकी - क्याआ?? नही नही बेटा दरवाजाअह्ह खुह्ह आह्ह उफ्फ्फ कितना टाइट है रे अह्ह्ह्ह सीईई दरवाजा खुला है अनुज कोईईई आअहह जायेगा बेटा उम्म्ंमममं

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अनुज ने अपना लन्ड बाहर निकाल कर शिला के गाड़ की दरारो मे चुभो दिया था जिस्से शिला की चुत कूलबुलाने लगी थी ।


अनुज शिला की गाड़ मे अपने सुपाड़े की नोख चुभोता हुआ - अह्ह्ह बुआ कोई नही आयेगा उम्म्ंम रुको ना ऐसे ओह्ह्ह फ्क्क उम्म्ंम कितनी मस्त हो बुआ आप उह्ह्ह कितना मजा आता होगा फूफा को उह्ह्ह मन कर रहा है खोल कर घुसा दू आपकी गाड़ मेहहह

शिला - उह्ह्ह न्हीई न्हीई बेटा ऐसे ही कर ले कोई आ जयेगा जल्दी कर अह्ह्ह मेरे लाल कितना टाइट है मेरी बुर मे चोट कर रहा है अह्ह्ह मा उम्मममं रगड़ बेटा अह्ह्ह ऐसे उह्ह्ह

अनुज शिला की गाड़ के दरारो से ठिक निचे उसकी कसी टाइट जांघो मे लेगी के उपर से लन्ड पेलने लगा - ओह्ह बुआ कितना गर्म है आह्ह अह्ह्ह भीग भी गया है उम्म्ंम

शिला - ऊहह बेटा झड रही है तेरी बुआ अह्ह्ह निकाल दिया तुने रग्द रगड़ कर आह्ह उह्ह्ह
अनुज - आह्ह बुआ बहुत गर्म है अह्ह्ह सीईई मेरा लन्ड जल रहा है अह्ह्ह ओह्ह्ह फ्क्क्क्क उम्म्ं बुआआ मेरी सेक्सी बुआ मोटी मोटी गाड़ वाली बुआ अह्ह्ह

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शिला अनुज को और जोश दिलाती हुई अपनी गाड़ उसकी ओर फेकने लगी - है ना बेटा आह्ह मेरी गाड़ सेक्सी उम्म्ंम बोल ना है ना मोटी मोटी उम्म्ं बोल मजा आ रहा है

अनुज शिला की बातें सुन्कर और जोश मे कस कस कर उसकी जांघो मे अपना लन्ड पेलने लगा - हा बुआ बहुत मजा आ रहा है अह्ह्ह उह्ह्ह ओह्ह्ह बुआआआ अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह

शिला - क्या हुआ लल्ला बोल ना उम्म्ंम्ं बोल बेटा

अनुज - आह्ह बुआ मेरा आने वाला है ओह्ह्ह बुआ लेलो ना अह्ह्ह सीई ओह्ह्ह शिट शिट शिट अह्ह्ह बुआअह्ह्ह निकल रहा अह्ह्ह सीईई

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अनुज तेजी से अपना लन्ड का फब्बारा शिला की गाड़ पर छोड़ने लगा

शिला - अह्ह्ह बेटा ऊहह कितना गर्म हैया अह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह

कुछ पल मे अनुज अपना लण्ड झाड़ कर खडा हुआ और शिला के गाल चूम लिया
शिला उसको धकेलती हुई - हट कमीना कही का , कर ली ना मनमानी तुने , अब फिर मुझे कपड़ा बदलना पडेगा

अनुज उसके चुचे सामने से सहलाता हुआ - बदल ना बुआ अपने भतिजे के लिए इतना नही करोगी
शिला लाज भरि मुस्कुराहट से - हट यहा से , अब बाहर जा

अनुज मुस्कुराता हुआ अपना लन्ड सेट कर बाहर चला गया और शिला अपने कपडे बदलने लगी ।



जारी रहेगी
Bhai ji kya jabardast update diya h aap ne maine pehle bhi kha h ki aap ke jaisa update koi nhi de sakta h super and exilant update bhai ji

Yha aman rinki ki chut me ghusme ke liya lalait h to rinki aman ke land ki dar ne nha kr bht khus ho rahi h dekhte h aage kya hota h aman pehle rinki ki leta h ki anuj

Or yha par subah subah salini ki chuachi dek kr arun se rha nhi jata or wo to apni mami ke khobsurat chuchiyo or gand ka diwana ho kar usko misate hue salini ko apna land chuswa rha h or yha par rahul ne sari kriya dek li h dekhte aage kya hota h

Or ek trf anuj apne bhai ki bat man kr apni bua ki gand or chut me land ragad kr apni bua ko chudne ke liye taiyar kr rha h but bechare ka pani chut jata h nhi to aaj hi apni bua ka sara kajana lute leta anuj dekhte h aage kya hota h

Bhai ji sunday ko ek naye or kamuk update ke sath jarur milna thanks for your update
 

insotter

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UPDATE 215

अमन के घर

सुबह के 8 बज रहे थे और अमन सोकर उठा उसका मोटा खुन्टा एकदम बौराया तनमाया हुआ अंडरवियर के भीतर से ही सलामी दे रहा था
उबासी लेते हुए उसने आस पास देखा तो सोनल नही दिखी और फिर वो बाथरूम की ओर बढ़ गया ।

ठकठक!!

"जानू दरवाजा तो खोलो "
"आह्ह बेबी प्लीज आप दुसरे बाथरूम मे चले जाओ प्लीज प्लीज "
" अरे क्या हुआ , खोलो ना मुझे जोरो की पेसाब लगी है यार बेबी आह्ह "
सोनल बाथरूम से - नही बाबू अभी नही प्लीज, मै फ्रेश हो रही हु आज आह्ह प्लीज दुसरे बाथरूम मे चले जाओ ना प्लीज ।

अमन - ओह्ह ठिक है बाबू , मै भाभी वाले कमरे मे जाता हु ।
अमन ने एक पैंट डाला और लन्ड सेट कर कमरे से निकल गया और गैलरी होकर दुलारि के कमरे के दरवाजे पर हाथ रखा ही था कि वो खुद से खुल गया और आधे खुले दरवाजे पर अमन ने सामने देखा तो सामने रिन्की हाथ मे दुलारी का मोबाइल लेके देख रही थी और दुसरा उसका आगे जांघो पर था

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रिन्की को अभी तक दरवाजा खुलने की भनक नही मिली थी और अमन की नजर जैसे ही मोबाईल स्क्रीन पर चल रही पोर्न वीडियो पर गयी उसका लन्ड एकदम से सरसरा कर उफनाने लगा
लन्ड की कसावट के साथ पैंट मे हरकत करने लगी ।
अमन अपना सुपाडा भींच कर दबे पाव कमरे मे दाखिल हुआ तो पाया कि रिन्की तो सुबह सुबह ही पोर्न देख कर अपनी चुत मसल रही थी ।

अमन से रहा नही गया पहले से उस्का लन्ड अक्ड़ा हुआ था उसपे से रिन्की की हरकत ने उस्का मूड और कडक कर दिया ।

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लन्ड की नसे पहले से पेसाब के जोर से फूली हुई थी उसपे से रिन्की को अपनी बुर मसलता देख अमन से बर्दाश्त ना हुआ और अपना लन्ड बाहर निकाल कर वो सहलाने लगा ।
तभी उसकी नजर कमरे के खुले दरवाजे पर गयी और वो झट से अपना लन्ड पैंट मे डाल कर धीरे से बिल्ली सी आहट लिये कमरेका दरवाजा लगा कर चटखनी लगा दी और दबे पाव रिन्की के पास - ये क्या कर रही है तु सुबह सुबह

रिन्की एकदम से चौक गयी इतना कि उसके हाथ मोबाईल छुट कर गिरते गिरते बचा - इह्ह्ह्ह मम्मीई ,

फिर अगले ही पला उसकी नजर अमन पर गयी तो एक गहरि आह भरती हुई मुस्कुराती हुई - अह्ह्ह भैया आप हो ,मै तो डर गयी कि कौन है ।

अमन अचरज से - ये क्या कर रही है तु , अभी कल शाम को तुझे पनिश किया अकल ठिकाने नही आई तेरी और अब ये सब ?

रिन्की थोड़ी लजाती हुई - सॉरी भैया वो भाभी के मोबाइल मे था तो मैने देख रही थी , प्लीज उनको मत बताना ।

अमन आन्खे चढा कर - निचे कुछ डाल रही थी ना तु, सच सच बोल

रिन्की झट से अपनी फ्रॉक उठा कर टाँगे खोल दी और उसकी गुलाबी पैंटी पर चुत वाले हिस्से का दाग साफ साफ झलकने लगा
अमन ने भी हिम्म्त कर हाथ आगे बढा कर सिधा उसकी बुर को पैंटी के गिले वाले हिस्से से छुते हुए - फिर ये क्या है ,ये गीला क्यू है बोला

अमन के स्पर्श से रिन्की की चुत और रसाने लगी उसके जिस्म मे सरसरी सी दौड़ गयि , गरदन अकड़ गये , आंखे बन्द ही गयि और मुह से महिन कामुक सिसकीया उठने लगी - सीईईई अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह नहीईई उह्ह्ह्ह

अमन रिन्की के चेहरे के मादक भाव पढ कर अपनी उंगलियाँ उसकी बुर पर घुमाते हुए - उम्म्ंम बोल ये कैसे गीली हुई , बहुत शरारती हो गयी है तु । तेरी शिकायत करनी पड़ेगी बुआ से ।

रिन्की आंखे उलटती हुई -- अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह्ह

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रिन्की के हाथ टटोलते हुए अमन के पैंट का खुन्टा सहलाने लगे और अमन का जोश चार गुना हो गया - अह्ह्ह देखो तो बेशर्म को क्या कर रही है

रिन्की - उम्म्ंम भैयाह्ह्ह्ह कितना मोटा है आपका निकालो नह्ह्ह सीईई अह्ह्ह

अमन उसकी बातें सुन कर भितर से हिल गया और उसका लन्ड एक दम से फ़ाड कर बाहर आने को बेताब होने लगा , वो उसकी बुर सहलाते हुए उसके लिप्स चुसने लगा ।


अमन तेजी से अपना पैंट खोल्कर कर उफनाता कडक मोटा मुसल बाहल निकाल
अमन का मोटा लाल सुपाडे वाला लन्द देख कर रिन्की उसपे झपट सी पड़ी - अह्ह्ह भैयाअह्ह्ज सुउउउऊ उम्म्ंम कितना मोटा और बडा है अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं उमाअह उमाह्ह्ह

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रिन्की उसके तने और सुपाड़े को चुम्मिया दिये जा रही थी और सहला रही थी - उफ्फ्फ भैया कितना प्यारा है ये आह्ह और बहुत गर्म हैया उम्मममं
अगले ही पल वो सुपाड़े को घोट गयी - अह्ह्ह सीईईई उफफ़फ़फ रिन्कीईई अह्ह्ह गुड़ियाअह्ह्ह उम्म्ंम्ं ऐसे ही बच्चा अह्ह्ह तुझे तो ये भी आता है रे अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं

रिन्की लगातार मुह मे लन्ड लेके चुबला रही थी और अमन उसका सर सहला रहा था - अह्ह्ह गुड़िया अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्चू उम्म्ंम्ं और क्या आता है तुझे उम्म्ंम बोल न


रिन्की निचे फर्श पर बैठ गयि और बड़ा सा मुह खोल कर गले तक मुसल को ले जाने लगी - अह्ह्ह गुड़िया सच मे बड़ी हो गयि है तु अह्ह्ज कहा से सिख रही है अह्ह्ह

रिन्की मुह मे लन्ड को भरे हुए उसके आड़ो को मिजने लगी जिससे अमन के पेड़ू मे पेसाब की थैली मे जोर आया और पेसाब का प्रेसर एक बार फिर जोर पक्डने लगा - अह्ह्ह गुड़िया आराम से अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ

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रिन्की अमन का टोपा अपने नुकीली जिभ पर घिसने लगी , जिससे सुपाड़े की गांठ उसकी लन्ड के नसो की पक्ड को कमजोर करने लगी - अह्ह्ह गुड़िया नहीईई अह्ह्ह आ जायेगा उह्ह्ह्ह्ह रुक जाह्ह्ह उफ्फ़फ्फ

रिन्की प्यासी थी और भितर से जल रही , वो अमन के रस से नहाने को आतुर थी - अह्ह्ह भैयह्ह्ह निकालो ना ऊहह मुझे पिना हैया हज्ज

अमन - आह्ह नही गुड़िया वो वोहहहह नहीई रुक ना ऐसे मत कर

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रिन्की अब अमन का लन्ड पक्ड कर अपने नरम मुलायम होठो पर रगड़ने लगी जिस्से अमन की हालात पूरी तरह से खराब हो गयी , उसका अपने मुसल पर सारा नियन्त्रण खो सा गया और चिन्घाड़ते हुए उसने अपने सुपाड़े का फब्बारा खोल दिया और अगले ही पल छरछरा कर तेज गर्म जलती मूत की धार रिन्की के होठो पर टकराई - उह्ंम्ंंम भैयाअह्ह्ह्ह येह्ह्ह क्यह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह

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अमन अब चाह कर भी अपने मूत की धार नही रोक सकता था और रिन्की के लिए ये अनोखा अनुभ्व था वो अमन के मूत से नहा रही थी और खिलखिला रही थी

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अमन अपने सुपाडा साध कर उसके मुह पर किये हुए सारी धार रिन्की पर छोद रहा था और रिन्की कभी मुह खोल कर उसका पेसाब गटक तो कभी अपने नरम मुलायम मौसमीयो पर लेती - अह्ह्ह भाईयज्ज्जज उफ्फ्फ्फ्फ हिहिही मजा आ गया अह्ह्ह हिहिही उफ्फ़ग्फ्ग उम्म्ंम्म्ं

अमन भी अपनी टंकी खाली कर खुश था कि इस हरकत के लिए रिन्की जरा भी नाराज नही हुई - सॉरी बच्चा वो मुझे पेसाब लगी थी और मै रोक नही पाया

रिन्की खिलखिलाती हुई उसका लन्ड सहलाती हुई - कोई बात नही भैया मुझे आपके पानी से नहा कर मजा आया हिहिहिही लेकिन गर्म था बहुत

तभी गलियारे मे आहत होने लगी और दुलारी की आवाज सुनाई दी जो रिन्की को ही बुला रही थी ।

अमन - अब क्या होगा , भाभी आ रही है
रिन्की - आप दरवाजे के पीछे छिप जाओ मै दरवाजा खोलती हु

अमन चौक कर -क्या ऐसे ही भिगे हुए
रिन्की - रिलैक्स भैया चिल
रिन्की ने जैसा कहा अमन से वैसा किया और दरवाजे के पीछे होकर और रिन्की ने वैसे ही दरवाजा खोला ।

दुलारी- अरे तु ऐसे ,नहा रही थी क्या ?
रिन्की - हा भाभी , आपके चक्कर मे फिर से कपडे डाल कर आई हु , बोलो क्या बात है ?

दुलारी- अच्छा तु नहा कर आ निचे नाशता बनाना है । आज फिर बाजार जाने की तैयारियाँ हो रही है । कल दुलहन के ससुराल वाले आयेंगे ना

ये बदबू कैसी आ रही है", दुलारी ने अपनी नाक बन्द करते हुए बोली ।
रिन्की - पता नही भाभी ,आप चलो मै नहा कर आती हु बाय बाय

दुलारी- अरे सुन तो उफ्फ्फ ये लडकी भी ना ,
दुलारी अपना माथा पीटती हुई घूम गयी और उसकी नजर सोनल के कमरे पर गयी - हम्म्म जरा देवर जी के हाल चाल लेलू ।

अमन के कान मे दुलारी के शब्द जैसे ही पड़े वो और रिन्की इशारो मे फुसफुसाने लगे

अमन - सॉरी बच्चा अगर सोनल ने बता दिया कि मै यहा आया हु तो चोरी पकड़ी जायेगी हमारी
रिन्की उखड़ कर - तो फिर कब
अमन - आऊंगा ना गुड़िया अभी देखता हु
ये बोलकर अमन धीरे से कमरे से निकल कर जिने की सीढियो पर उपर की तरह दो सीढ़ी चढ कर उतरता हुआ तेजी से निचे आया ताकि दुलारी नोटिस करे उसे ।

दुलारी ने तुरंत पलट कर अमन को जीने से निचे आते देखा - ओहो मेरे देवर बाबू कहा सुबह सुबह उपर से

अमन - वो भाभी बस सोचा टहल लू , आप इधर ?
दुलारी- मै सोच रही थी कि मेरी देवरानी की हालत पुछ लू , सारी रात साढ़ को चढा कर सोती है बेचारी

अमन धीरे से साडी के उपर से दुलारी की गाड़ दबोच कर - अच्छा तो आप ही आजाया करो दर्द बाटने

" धत्त छोड़ो ना ", दुलारी ने झटके से अमन का हाथ अपने कुल्हे से हटाया और हस्ती हुइ कमरे मे दाखिल हुई ।
जहा सोनल नहा कर तैयार हो रही थी ।


राहुल के घर

देर सुबह की अंगड़ाई के साथ अरुण के दिन की शुरुवात हुई थी और वो उबासी लेता हुआ हाल मे आया ।
हाल मे चाय की चुस्की के जंगी नासता कर रहा था और शालिनी बालो मे तौलिया लगाये एक नाइटी मे किचन ने काम कर रही थी ।
शालिनी ने अरुण को देखा और मुस्कुरा दी और अरुण ने भी एक बदले मे एक फ्लाइंग किस्स चुपके से देकर मुस्कुराया ।
शालिनी इतराते हुए हाल मे आई और सर से तौलिया निकाल कर अपने गीले बालों को झटका और उन्हे सुखाने लगी ।

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अब उसकी चुचियों को घाटियाँ उसकी नाईटी से आधी बाहर आती नजर आने लगी ।
जंगी बीते रात शालिनी के व्यव्हार से अलग ही खुन्नस मे था और उसने शालिनी एक शब्द बात नही की और शालिनी ने भी रुचि नही दिखाई ।
चाय का प्याला खतम कर जंगी उठ कर दुकान की ओर बढ गया और मौका देख कर अरुण शालिनी की ओर बढ़ना चाह रहा था कि शालिनी ने उसे टोका - नही नही , राहुल आता होगा अभी ।

और उसके कहने की देरी थी राहुल हाल मे आ गया था । शालिनी - तुम दोनो बारि बारी नहा लो फिर नासता कर लेना

राहुल - हा पहले मै जाता हूँ
अरुण ने कोई जल्दबाजी नही दिखाई और बस राहुल को कमरे से बाथरूम मे जाने की राह निहारता और जैसे ही राहुल बाथरूम मे घुसा अरुण लपक कर किचन मे शालीनी को पीछे से दबोच लिया - उम्म्ंम्ं क्या कर रहा है छोड ना , वो आ जायेगा भाइ

अरुण पीछे से लोवर मे तना हुआ मुसल शालिनी की गाड़ पर चुभोता हुआ उसके भिगे बालों के पास कान के करीब चूमता हुआ - अह्ह्ह मामी आप बहुत खुबसूरत हो उम्म्ंम आपके जिस्म की खुस्बू उम्म्ंम्म्ं और ये नरमी अह्ह्ह्ह

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शालिनी खिलखिलाती हुई - धत्त बदमाश दुर हट गुदगुदी हो रही है मुझे

मगर अरुण उसको और कस कर बाहों मे भर लिया और उसके हाथ उपर से शालिनी के नाइटी मे घुसने लगे । शालिनी की कसमसाहट और कुनमुनाना और तेज होने लगा - अह्ह्ह बेटा उम्म्ंम रहने दे ना
अरुण शालिनी के नाइटी मे हाथ घुसा कर ब्रा के उपर से उसकी कसी हुई चूचिया मिजता हुआ - उफ्फ्फ मामी अह्ह्ह कितनी सेक्सी हो आप अह्ह्ज आपके दूध बहुत कसे हुए है अह्ह्ह और बहुत नरम है उह्ह्ह्ह

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शालिनी - अह्ह्ह बेटा हाथ बाहर निकाल उम्मममं
अरुण हाथ बाहर निकाल कर शालिनी के जिस्म पर खुद को घिसने लगा - उम्म्ंम मामी आपको देख कर ही मेरा खडा हो जाता है अह्ह्ह देखो ना कैसे फूल रहा है अह्ह्ह मामी उम्म्ं कुछ करो ना

शालिनी ने हाथ पीछे कर अरुण का कड़क फड़फडाता मुसल पकड़ा और उसका रोम रोम सिहर उठा , उसके जिस्म मे कपकपी बढने लगी एक बार फिर उसका जी अरून के कड़क लन्ड के लिए ललचा गया ।
लेकिन जहन मे राहुल का ख्याल भी आ रहा था कि कही वो आ ना जाये
लगातार किचन के बाहर नजर बनाये हुए उसके अरुण का लोवर निचे कर उसके अंडरवियर के उपर से ही उसका कड़क मोटा लन्ड सहलाने लगी - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह आपका टच मुझेहहह उम्म्ंम अह्ह्ह

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अरुन की सासे भारी होने लगी और उसका लन्ड अंडरवियर मे और ज्यादा फुलने लगा , शालिनी उसके आड़ो को छू सहला रही थी - अह्ह्ह बेटा ना जाने क्या जादू कर रखा है तुने तेरा कसा हुआ ये मोटा खुन्टा देख कर मेरा मन डोल जाता है अह्ह्ज

अरुण उसके कंधे से नाइटी सरका कर ब्रा के उपर से उसकी मुलायम चुचिया मिजता हुआ - आह्ह मामी इतना पसंद है तो चुस लो ना आह्ह देखो कैसे फड़क रहा है

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शालिनी सरक कर घुटनो पर आकार अंडरवियर के उपर से अरुण के मोटे लन्ड को चूमने लगी और अरुण मामी की कामुक हरकतो से और पागल हुआ जा रहा था ।
उसकी कामुक्ता बढती जा रही थी लन्ड की नसे खुब फड़फ्ड़ा रही थी और सुपाडा पुरा फूल कर लाल हुआ जा रहा था ।
शालिनी ने अंडरवियर खिंच कर निचे किया और अरुण का मोटा तनमनाया मुसल उछल कर शालिनी के समाने आया


" बेटा बाहर देखना " , ये बोल कर शालिनी ने अगले ही पल अरुण का मोटा मुसल थाम कर उसके सूपाडे को चुबलाने लगी - आह्ह मामीईई ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ उम्म्ंम क्या मसत चूस्ती हो आप उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह सीईई ओह्ह्ह

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शालिनी लन्ड को मसल मसल कर मुह मे लेकर गिला कर रही थी और अरुण का लन्ड उसके हाथो मे खुब फड़क रहा था ।
अरुण का मुसल सा लन्ड शालिनी की चुसाई से एकदम रॉड के जैसे टाइट हो गया था नसे फुल कर तन गयी थी और बिना किसी सहारे अब उसका लन्ड सर उठाए नाग की तरफ फनफनाया हुआ था ।

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शालिनी ने उसके आड़ो को टटोलती हुई अपनी जीभ की टिप को उसके सुपाड़े की गांठ पर फ्लिक करती हुई नीचे तने को चाटने लगी ।
जिससे अरुण की हालत और खराब होने लगी - ओह्ह्ह मामीईई ओह्ह्ह सीईई उम्म्ंम्ं फ्क्क्क्क उम्म्ंम्ं ऐसे हीईई आह्ह आराम से ऊहह दर्द करेगा वोह्ह उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ

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शालिनी जीभ नचाती हुई अब अरुण के आड़ो तक आ पहुची थी और उसके कडक कसे हुए आड़ को मुह मे भर कर चुबलाने लगी ।
शालिनी का ये नया और अनोखा रूप देख कर अरुण हवा मे उड़ने लगा - इह्ह्ह मामी कमाल हो तुम उह्ह्ह आज तक्क्क अह्ह्ह सीई आज तक किसी ने ऐसे मेरा लण्ड नही चूसा था ।

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मामी - आज तक ऐसा कदक लन्ड भी नही मिला मुझे उम्म्ंम्म्ं सीईईई कितना टाइट है रेझ्ह्ह उम्म्ंम्म्ं
शालिनी उसके आड़ो को मिजते हुए उसके लन्ड को मुह मेभर ली
और अरुण की सासे उफनाने लगी , लगातार आड़ो पर हो रही हरकत से उस्का जोश और बढ़ने लगा - उह्ह्ह मामीईई तुम तो पोर्नस्टार से कम नही हो उम्म्ंम आह्ह खा जाओ मेरा मुसल उन्म्म्ं ओह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह
शालिनी लगातार उस्का सुपाडा सुरुकते हुए लन्ड चुस रही थी

अरुण की हालत और खराब हो रही थी उसके भीतर जोश उमड रहा था और आग सी दहकने लगी थी , वो शालिनी का सर पक्ड कर उसके मुह मे लण्ड पेलने लगा ।शालिनी उसका लन्ड गले तक लेने लगी - अह्ह्ह मेरी सेक्सी चुदक्कड़ रानी उम्म्ंम लेह्ह अह्झ उह्ह्ह्ह मेरी जान उह्ह्ह और लेह्ह्ह

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अरुण पूरे जोश मे शालिनी के मुह मे लन्ड ठुसे जा रहा था और शालिनी की सासे अब फुलनी शुरु हो गयी थी , आंखे बड़ी होनी लगी और वो लन्ड छोड़ना चाह रही थी मगर अरुण जबरन

मुह मे ठूसता हुआ तेजी से लन्ड भी हिला रहा था - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह्ह रुको नाअह्ह्ह आयेगगा उह्ह्ह माय सेक्सी उह्ह्ह माय बेबी इह्ह्ह येस्स्स येस्स आ रहा है अह्ह्ह रहा है मामी अह्ह्ह उह्ह्ह्ह लेलो लेलोह्ह्ह उम्म्ंम्ममम्ं अह्ह्ह्ह्ह्ह्ज

अरुण भरपूर चिन्घाडता हुआ तेज पिचकारी शालिनी के मुह मे ही छोड ने लगा , इतनी बड़ी मोटी धार जैसे अरुण उस्के मुह मे मूत रहा हो ऐसे वीर्य की तेज धार उसके गिर रही थी

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और उसका गला चोक करने लगा तो वो झटके से पीछे हटी मगर अरुण अपने लन्ड से वीर्य की गाढी धार अपनी मामी पर फेकता रहा , शालिनी की ब्रा छाती पर उसकी पिचकारी छुटती रही शालिनी पूरा उसके रस नहा चुकी थी ।

अरुण आखिर बूँद तक शालिनी के मुह पर झडता रहा और शालिनी का चेहरा उसके रस से पुरा सना चुका था
शालिनी अपने छाती चेहरे पर उंगलिया लगा कर उसके रस को चुबला कर उसके बड़ी मदहोश नजरो से निहार रही थी और अरून मुस्कुरा रहा था

शालिनी - अह्ह्ह इत्ना सारा रस उम्म्ंम रात मे क्यू छिपा कर रखा था रे उम्म्ंम कितना नमकीन है उम्म्ंम्म्ं

अरून- आह्ह मामी तुमने रात को ऐसे चुसा होता तो रात मे भी तुम्हे नहला दिया होता हिहिही
शालिनी उठ कर बेसिन मे अपने मुह धूलने लगी और अरुण अपने कपडे पहनने लगा इस बात से बेखबर की इनकी सारी करतुत किचन के बाहर दिवाल से लग कर खडा राहुल सब सुन रहा था ।
उसका मुसल एकदम तना खड़ा टाइट था ये देख कर कि उसकी मा सच मे रन्डी है इधर पापा से झगड कर अपने भतिजे से चुदने चली गयि ।

राहुल झट से वहा से निकल कर अपने कमरे मे चला गया और इधर शालिनी अरुण के राहुल को रंगे हाथ पक्डने की योजना बनाने लगी ।


राज के घर

नाश्ते का समय हो गया था और रात देर तक अपने भैया के साथ निशा की चुदाई कर अनुज भी आज देर से उठा ।
फ्रेश होकर निचे हाल मे उतरा और देखा तो सब नाश्ता कर रहे है ।

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रज्जो मौसी वही सोफे के पास खड़ी थी उसकी बड़ी सी गाड़ साडी मे खुब उभरी हुई थी उसपे से कसी हुई साडी मे कमर और कामुक नजर आ रही थी ।
अनुज का लन्ड फौरन झटके खाने लगा और वो मन मे बड़बडाया - उफ्फ्फ मौसी ती पीछे से और भी गदराई हुई है ।
अनुज सीधा रज्जो के पास आकर उसके उपर झोलने लगा , रज्जो ने मुस्कुरा कर उसको पकड़ा ।

राज - लो नवाब साहब आ गये हिहिहिही
रज्जो उसको डांटती हुई अनुज के बाल सहलाती हुई - तु चुप कर , मेरा बेटा कितना काम करता और कुछ कह्ता भी नही ।आजा लल्ला नाश्ता कर लें ।

अनुज अपनी मौसी से चिपक कर - हा मौसी आपको ही मेरी मम्मी होना चाहिए था , उनको देखो अपने बेटे का जरा भी ख्याल नही होता ।

रागिनी किचन मे खड़ी खड़ी हसने लगती है ।
राज - चल चल नाटक मत कर नाश्ता कर और दुकान खोल।

अनुज भुनभुनाते - क्या न्हीई मौसी प्लीज आज दुकान नही उहुहहु

रज्जो प्यार से उसका गाल सहलाती हुई -हा लल्ला मत जाना आज तु हमारे साथ बाजार चलना ठिक है ।

अनुज खुश हुआ और नासता करने लगा , अनुज की बातो पर घर मे सब हस रहे थे वही रन्गी नासता करके दुकान के लिए निकल गया ।
रज्जो भी काम मे उलझ गयी ।

मौका देख कर राज अनुज से - तु तो मौसी का बड़ा दुलारा होता जा रहा है रे उम्म्ं मेरी तो कोई सुन ही नही रहा

अनुज ने मुह बनाया - जैसे आप बुआ के दुलारे हो वैसे मै मौसी का हुउह
राज अचरज से हस कर - अरे तुझे क्या हुआ , ऐसे क्यू भडक रहा है ।

अनुज मुह बनाता हुआ - हुह छोडो जाने दो , आप तो मुझे अपना नही समझते ।
राज -अरे बोलेगा क्या बात है ?
अनुज आस पास देख कर धीरे से आंखे दिखाता हुआ - बुआ वाली बात आपने मुझसे क्यू छिपाई ।

अनुज ने भले ही साफ साफ लफजो मे ना कहा हो कुछ मगर राज उसके चेहरे के भाव पढ कर ही समझ गया कि अनुज को जरुर शिला बुआ के साथ चुदाई की भनक लग गयी है और वो थोडा मुस्कुराता हुआ सीधा बैठ गया ।
अनुज - अब हस क्यू रहे हो बोलो
राज - तुझे कैसे पता इस बारे मे ?
अनुज - कल शाम को बुआ ने बताया
राज चौक कर - तो क्या तु बुआ को कल शाम को ही
अनुज - नही उस्का मौका नही मिला वो हुआ यू कि

फिर अनुज ने शाम की सारी कहानी राज को सुनाई - ऐसे हुआ था ।
राज उसके गाल खिंच कर हसत हुआ - साले बहुत तेज हो गया है तु हिहिहिही

अनुज - हा और आप बहुत छिपाते हो मुझ्से कह रहे थे पढ़ाई पर ध्यान दे बुआ को बाद मे हुउह

राज - अरे भाई नाराज ना हो , अगर तुझे कूछ करना है अभी जा । बुआ कमरे मे तैयार हो रही है ।

राज - मै मा और मौसी सबको बिजी रखता हु जा जा

राज की बात सुनते ही अनुज की लार टपकने लगी और उसका लन्ड ठुमकने लगा ।
वो धीरे से उठा और किचन ने मा मौसी को बिजी देख कर चुपचाप गेस्ट रूम मे घुस गया ।

कमरे का दरवाजा खोला तो सामने देखा उफ्फ्च क्या नाजारा था - सामने शिला बुआ सिर्फ ब्रा और लेगी मे थी ।
आगे की ओर झुक कर खडे खड़े बिस्तर पर ही अपनी कुरती प्रेस कर रही थी ।

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झुकने की वजह से शिला की मोटी मोटी खरबजे सी भारी भरकम चुचिया ब्रा मे लटकी हुई बाहर आने को बेताब थी ।
बुआ का ये रूप देख कर अनुज का लन्ड एक पल मे ही फौलादी हो गया ।

अपना मुसल मसल्ते हुए वो कमरे मे दाखिल होकर दरवाजा भिड़काता हुआ - कही जा रहे हो क्या बुआ ?

शिला एक पल को चौकी - हाय दैयाआ उह्ह्ह तु है क्या ? मै समझी कौन आया ।

शिला - नही बेटा वो काटन की कुर्ती है ना तो बिना प्रेस किये नही पहनती मै

अनुज अपना सुपाडा मिजता हुआ शिला के पास खडा हुआ उसकी नजर अपनी बुआ के मोटे चुतड पर जमी थी

"आह्ह क्या मस्त मोटी गाड़ है बुआ की मन कर रहा है अभी घुसा कर हचक कर पेल दू " , अनुज मन मे बड़बडाया ।

वही शिला अनुज बगल मे खड़े होने का इरादा भाप चुकी थी और उसकी नजर अनुज के लोवर मे तने हुए मोटे खुन्ट पर भी जमी थी जो बडा सा तम्बू बनाये हुए थी
शिला की नजरे उसकी हरकतों पर जमी हुई थी जैसे ही अनुज के हाथ उसकी मोटे कूल्हो को दबोचने के लिए बढ़े मुस्करा - नहीईई अनुज बोला ना नहीईई

अनुज हसता हुआ अपना पुरा पन्जा खोल कर शिला की मोटी चर्बीदार चुतड को चप्प से जकड लेता है और उसको हिलाता हुआ - अह्ह्ह बुआ आपकी गाड़ बहुत मुलायम है

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शिला का जिस्म अनुज के पंजे की छाप से पुरा थरथरा जाता है - अह्ह्ह कमीने क्या कर रहा है उफ्फ्फ्फ लगा मुझे हट छोड़, छोड ना

शिला लगातार उसका हाथ हटाने की कोशिश करती मगर अनुज बेशरमी से शिला की गाड़ पर पन्जा जमाये हुए लेगी के उपर से ही अपनी उंगलिया उसके गाड़ के दरारो मे फ्साता जा रहा था - हिहिही न्हीई क्यू छोड़ू इसे देख कर तो जी करता है खा जाऊ कितनी रसिली लगती है आपकी ये गाड़

अनुज के उंगलियो की पकड़ अब उसके गाड़ के दरखतो तक जाने लगी और शिला बुर मे हरकत शुरु हो गयी - अह्ह्ह बेटा मान जा कोई आ जायेगा उह्ह्ह छोड ना

अनुज - उम्म्ं बुआ प्लीज करने दो ना , भैया को तो नही रोकती हो मुझे क्यू सीईई कितनी मुलायम गाड़ है आपकी उम्म्ंम्ं

जिस तरह से अनुज उसके चुतड़ के नरम नरम फूले हुए हिस्से मसल रहा था शिला भीतर उत्तेजित हुई जा रही थी

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वो दोनो हाथो से उसके मुलायम चुतड को आपस मे फ़्लैप कराये जा रहा था जिस्से शिला की बुर पर भी असर होने लगा था ,
अनुज - उफ्फ्फ बुआ कितना सेक्सी गाड़ है आपका उफ्फ्फ और बहुत बडा है उम्म्ंम मन कर रहा इसमे घुसा दुऊउउऊअह्ह्ह सीईई

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अगले ही पल अनुज ने लोवर के निचे से ही अपने सुपाड़े को शिला के गाड़ की नरम दरारो मे घुसेड़ने लगा
अनुज के सुपाड़े की रगड़ शिला अपने गाड़ के दरखतो मे पाकर सिस्क पड़ी- अह्ह्ह लल्ला मान जा कोई आ जायेगा अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ रहने दे बेटा

अनुज - ओह्ह्ह बुआ करने दो ना बहुत मुलायम मुलायम सा है अह्ह्ह रुको खोल कर घुसाता हु

शिला चौकी - क्याआ?? नही नही बेटा दरवाजाअह्ह खुह्ह आह्ह उफ्फ्फ कितना टाइट है रे अह्ह्ह्ह सीईई दरवाजा खुला है अनुज कोईईई आअहह जायेगा बेटा उम्म्ंमममं

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अनुज ने अपना लन्ड बाहर निकाल कर शिला के गाड़ की दरारो मे चुभो दिया था जिस्से शिला की चुत कूलबुलाने लगी थी ।


अनुज शिला की गाड़ मे अपने सुपाड़े की नोख चुभोता हुआ - अह्ह्ह बुआ कोई नही आयेगा उम्म्ंम रुको ना ऐसे ओह्ह्ह फ्क्क उम्म्ंम कितनी मस्त हो बुआ आप उह्ह्ह कितना मजा आता होगा फूफा को उह्ह्ह मन कर रहा है खोल कर घुसा दू आपकी गाड़ मेहहह

शिला - उह्ह्ह न्हीई न्हीई बेटा ऐसे ही कर ले कोई आ जयेगा जल्दी कर अह्ह्ह मेरे लाल कितना टाइट है मेरी बुर मे चोट कर रहा है अह्ह्ह मा उम्मममं रगड़ बेटा अह्ह्ह ऐसे उह्ह्ह

अनुज शिला की गाड़ के दरारो से ठिक निचे उसकी कसी टाइट जांघो मे लेगी के उपर से लन्ड पेलने लगा - ओह्ह बुआ कितना गर्म है आह्ह अह्ह्ह भीग भी गया है उम्म्ंम

शिला - ऊहह बेटा झड रही है तेरी बुआ अह्ह्ह निकाल दिया तुने रग्द रगड़ कर आह्ह उह्ह्ह
अनुज - आह्ह बुआ बहुत गर्म है अह्ह्ह सीईई मेरा लन्ड जल रहा है अह्ह्ह ओह्ह्ह फ्क्क्क्क उम्म्ं बुआआ मेरी सेक्सी बुआ मोटी मोटी गाड़ वाली बुआ अह्ह्ह

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शिला अनुज को और जोश दिलाती हुई अपनी गाड़ उसकी ओर फेकने लगी - है ना बेटा आह्ह मेरी गाड़ सेक्सी उम्म्ंम बोल ना है ना मोटी मोटी उम्म्ं बोल मजा आ रहा है

अनुज शिला की बातें सुन्कर और जोश मे कस कस कर उसकी जांघो मे अपना लन्ड पेलने लगा - हा बुआ बहुत मजा आ रहा है अह्ह्ह उह्ह्ह ओह्ह्ह बुआआआ अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह

शिला - क्या हुआ लल्ला बोल ना उम्म्ंम्ं बोल बेटा

अनुज - आह्ह बुआ मेरा आने वाला है ओह्ह्ह बुआ लेलो ना अह्ह्ह सीई ओह्ह्ह शिट शिट शिट अह्ह्ह बुआअह्ह्ह निकल रहा अह्ह्ह सीईई

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अनुज तेजी से अपना लन्ड का फब्बारा शिला की गाड़ पर छोड़ने लगा

शिला - अह्ह्ह बेटा ऊहह कितना गर्म हैया अह्ह्ह उम्म्ंम अह्ह्ह

कुछ पल मे अनुज अपना लण्ड झाड़ कर खडा हुआ और शिला के गाल चूम लिया
शिला उसको धकेलती हुई - हट कमीना कही का , कर ली ना मनमानी तुने , अब फिर मुझे कपड़ा बदलना पडेगा

अनुज उसके चुचे सामने से सहलाता हुआ - बदल ना बुआ अपने भतिजे के लिए इतना नही करोगी
शिला लाज भरि मुस्कुराहट से - हट यहा से , अब बाहर जा

अनुज मुस्कुराता हुआ अपना लन्ड सेट कर बाहर चला गया और शिला अपने कपडे बदलने लगी ।



जारी रहेगी
Nice update bro 😁
 

Rony 1

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UPDATE 215

अमन के घर

सुबह के 8 बज रहे थे और अमन सोकर उठा उसका मोटा खुन्टा एकदम बौराया तनमाया हुआ अंडरवियर के भीतर से ही सलामी दे रहा था
उबासी लेते हुए उसने आस पास देखा तो सोनल नही दिखी और फिर वो बाथरूम की ओर बढ़ गया ।

ठकठक!!

"जानू दरवाजा तो खोलो "
"आह्ह बेबी प्लीज आप दुसरे बाथरूम मे चले जाओ प्लीज प्लीज "
" अरे क्या हुआ , खोलो ना मुझे जोरो की पेसाब लगी है यार बेबी आह्ह "
सोनल बाथरूम से - नही बाबू अभी नही प्लीज, मै फ्रेश हो रही हु आज आह्ह प्लीज दुसरे बाथरूम मे चले जाओ ना प्लीज ।

अमन - ओह्ह ठिक है बाबू , मै भाभी वाले कमरे मे जाता हु ।
अमन ने एक पैंट डाला और लन्ड सेट कर कमरे से निकल गया और गैलरी होकर दुलारि के कमरे के दरवाजे पर हाथ रखा ही था कि वो खुद से खुल गया और आधे खुले दरवाजे पर अमन ने सामने देखा तो सामने रिन्की हाथ मे दुलारी का मोबाइल लेके देख रही थी और दुसरा उसका आगे जांघो पर था

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रिन्की को अभी तक दरवाजा खुलने की भनक नही मिली थी और अमन की नजर जैसे ही मोबाईल स्क्रीन पर चल रही पोर्न वीडियो पर गयी उसका लन्ड एकदम से सरसरा कर उफनाने लगा
लन्ड की कसावट के साथ पैंट मे हरकत करने लगी ।
अमन अपना सुपाडा भींच कर दबे पाव कमरे मे दाखिल हुआ तो पाया कि रिन्की तो सुबह सुबह ही पोर्न देख कर अपनी चुत मसल रही थी ।

अमन से रहा नही गया पहले से उस्का लन्ड अक्ड़ा हुआ था उसपे से रिन्की की हरकत ने उस्का मूड और कडक कर दिया ।

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लन्ड की नसे पहले से पेसाब के जोर से फूली हुई थी उसपे से रिन्की को अपनी बुर मसलता देख अमन से बर्दाश्त ना हुआ और अपना लन्ड बाहर निकाल कर वो सहलाने लगा ।
तभी उसकी नजर कमरे के खुले दरवाजे पर गयी और वो झट से अपना लन्ड पैंट मे डाल कर धीरे से बिल्ली सी आहट लिये कमरेका दरवाजा लगा कर चटखनी लगा दी और दबे पाव रिन्की के पास - ये क्या कर रही है तु सुबह सुबह

रिन्की एकदम से चौक गयी इतना कि उसके हाथ मोबाईल छुट कर गिरते गिरते बचा - इह्ह्ह्ह मम्मीई ,

फिर अगले ही पला उसकी नजर अमन पर गयी तो एक गहरि आह भरती हुई मुस्कुराती हुई - अह्ह्ह भैया आप हो ,मै तो डर गयी कि कौन है ।

अमन अचरज से - ये क्या कर रही है तु , अभी कल शाम को तुझे पनिश किया अकल ठिकाने नही आई तेरी और अब ये सब ?

रिन्की थोड़ी लजाती हुई - सॉरी भैया वो भाभी के मोबाइल मे था तो मैने देख रही थी , प्लीज उनको मत बताना ।

अमन आन्खे चढा कर - निचे कुछ डाल रही थी ना तु, सच सच बोल

रिन्की झट से अपनी फ्रॉक उठा कर टाँगे खोल दी और उसकी गुलाबी पैंटी पर चुत वाले हिस्से का दाग साफ साफ झलकने लगा
अमन ने भी हिम्म्त कर हाथ आगे बढा कर सिधा उसकी बुर को पैंटी के गिले वाले हिस्से से छुते हुए - फिर ये क्या है ,ये गीला क्यू है बोला

अमन के स्पर्श से रिन्की की चुत और रसाने लगी उसके जिस्म मे सरसरी सी दौड़ गयि , गरदन अकड़ गये , आंखे बन्द ही गयि और मुह से महिन कामुक सिसकीया उठने लगी - सीईईई अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह नहीईई उह्ह्ह्ह

अमन रिन्की के चेहरे के मादक भाव पढ कर अपनी उंगलियाँ उसकी बुर पर घुमाते हुए - उम्म्ंम बोल ये कैसे गीली हुई , बहुत शरारती हो गयी है तु । तेरी शिकायत करनी पड़ेगी बुआ से ।

रिन्की आंखे उलटती हुई -- अह्ह्ह भैयाह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं ओह्ह्ह्ह

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रिन्की के हाथ टटोलते हुए अमन के पैंट का खुन्टा सहलाने लगे और अमन का जोश चार गुना हो गया - अह्ह्ह देखो तो बेशर्म को क्या कर रही है

रिन्की - उम्म्ंम भैयाह्ह्ह्ह कितना मोटा है आपका निकालो नह्ह्ह सीईई अह्ह्ह

अमन उसकी बातें सुन कर भितर से हिल गया और उसका लन्ड एक दम से फ़ाड कर बाहर आने को बेताब होने लगा , वो उसकी बुर सहलाते हुए उसके लिप्स चुसने लगा ।


अमन तेजी से अपना पैंट खोल्कर कर उफनाता कडक मोटा मुसल बाहल निकाल
अमन का मोटा लाल सुपाडे वाला लन्द देख कर रिन्की उसपे झपट सी पड़ी - अह्ह्ह भैयाअह्ह्ज सुउउउऊ उम्म्ंम कितना मोटा और बडा है अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ उम्म्ंम्ं उमाअह उमाह्ह्ह

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रिन्की उसके तने और सुपाड़े को चुम्मिया दिये जा रही थी और सहला रही थी - उफ्फ्फ भैया कितना प्यारा है ये आह्ह और बहुत गर्म हैया उम्मममं
अगले ही पल वो सुपाड़े को घोट गयी - अह्ह्ह सीईईई उफफ़फ़फ रिन्कीईई अह्ह्ह गुड़ियाअह्ह्ह उम्म्ंम्ं ऐसे ही बच्चा अह्ह्ह तुझे तो ये भी आता है रे अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं

रिन्की लगातार मुह मे लन्ड लेके चुबला रही थी और अमन उसका सर सहला रहा था - अह्ह्ह गुड़िया अह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्चू उम्म्ंम्ं और क्या आता है तुझे उम्म्ंम बोल न


रिन्की निचे फर्श पर बैठ गयि और बड़ा सा मुह खोल कर गले तक मुसल को ले जाने लगी - अह्ह्ह गुड़िया सच मे बड़ी हो गयि है तु अह्ह्ज कहा से सिख रही है अह्ह्ह

रिन्की मुह मे लन्ड को भरे हुए उसके आड़ो को मिजने लगी जिससे अमन के पेड़ू मे पेसाब की थैली मे जोर आया और पेसाब का प्रेसर एक बार फिर जोर पक्डने लगा - अह्ह्ह गुड़िया आराम से अह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ्फ

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रिन्की अमन का टोपा अपने नुकीली जिभ पर घिसने लगी , जिससे सुपाड़े की गांठ उसकी लन्ड के नसो की पक्ड को कमजोर करने लगी - अह्ह्ह गुड़िया नहीईई अह्ह्ह आ जायेगा उह्ह्ह्ह्ह रुक जाह्ह्ह उफ्फ़फ्फ

रिन्की प्यासी थी और भितर से जल रही , वो अमन के रस से नहाने को आतुर थी - अह्ह्ह भैयह्ह्ह निकालो ना ऊहह मुझे पिना हैया हज्ज

अमन - आह्ह नही गुड़िया वो वोहहहह नहीई रुक ना ऐसे मत कर

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रिन्की अब अमन का लन्ड पक्ड कर अपने नरम मुलायम होठो पर रगड़ने लगी जिस्से अमन की हालात पूरी तरह से खराब हो गयी , उसका अपने मुसल पर सारा नियन्त्रण खो सा गया और चिन्घाड़ते हुए उसने अपने सुपाड़े का फब्बारा खोल दिया और अगले ही पल छरछरा कर तेज गर्म जलती मूत की धार रिन्की के होठो पर टकराई - उह्ंम्ंंम भैयाअह्ह्ह्ह येह्ह्ह क्यह्ह्ह अह्ह्ह उह्ह्ह

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अमन अब चाह कर भी अपने मूत की धार नही रोक सकता था और रिन्की के लिए ये अनोखा अनुभ्व था वो अमन के मूत से नहा रही थी और खिलखिला रही थी

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अमन अपने सुपाडा साध कर उसके मुह पर किये हुए सारी धार रिन्की पर छोद रहा था और रिन्की कभी मुह खोल कर उसका पेसाब गटक तो कभी अपने नरम मुलायम मौसमीयो पर लेती - अह्ह्ह भाईयज्ज्जज उफ्फ्फ्फ्फ हिहिही मजा आ गया अह्ह्ह हिहिही उफ्फ़ग्फ्ग उम्म्ंम्म्ं

अमन भी अपनी टंकी खाली कर खुश था कि इस हरकत के लिए रिन्की जरा भी नाराज नही हुई - सॉरी बच्चा वो मुझे पेसाब लगी थी और मै रोक नही पाया

रिन्की खिलखिलाती हुई उसका लन्ड सहलाती हुई - कोई बात नही भैया मुझे आपके पानी से नहा कर मजा आया हिहिहिही लेकिन गर्म था बहुत

तभी गलियारे मे आहत होने लगी और दुलारी की आवाज सुनाई दी जो रिन्की को ही बुला रही थी ।

अमन - अब क्या होगा , भाभी आ रही है
रिन्की - आप दरवाजे के पीछे छिप जाओ मै दरवाजा खोलती हु

अमन चौक कर -क्या ऐसे ही भिगे हुए
रिन्की - रिलैक्स भैया चिल
रिन्की ने जैसा कहा अमन से वैसा किया और दरवाजे के पीछे होकर और रिन्की ने वैसे ही दरवाजा खोला ।

दुलारी- अरे तु ऐसे ,नहा रही थी क्या ?
रिन्की - हा भाभी , आपके चक्कर मे फिर से कपडे डाल कर आई हु , बोलो क्या बात है ?

दुलारी- अच्छा तु नहा कर आ निचे नाशता बनाना है । आज फिर बाजार जाने की तैयारियाँ हो रही है । कल दुलहन के ससुराल वाले आयेंगे ना

ये बदबू कैसी आ रही है", दुलारी ने अपनी नाक बन्द करते हुए बोली ।
रिन्की - पता नही भाभी ,आप चलो मै नहा कर आती हु बाय बाय

दुलारी- अरे सुन तो उफ्फ्फ ये लडकी भी ना ,
दुलारी अपना माथा पीटती हुई घूम गयी और उसकी नजर सोनल के कमरे पर गयी - हम्म्म जरा देवर जी के हाल चाल लेलू ।

अमन के कान मे दुलारी के शब्द जैसे ही पड़े वो और रिन्की इशारो मे फुसफुसाने लगे

अमन - सॉरी बच्चा अगर सोनल ने बता दिया कि मै यहा आया हु तो चोरी पकड़ी जायेगी हमारी
रिन्की उखड़ कर - तो फिर कब
अमन - आऊंगा ना गुड़िया अभी देखता हु
ये बोलकर अमन धीरे से कमरे से निकल कर जिने की सीढियो पर उपर की तरह दो सीढ़ी चढ कर उतरता हुआ तेजी से निचे आया ताकि दुलारी नोटिस करे उसे ।

दुलारी ने तुरंत पलट कर अमन को जीने से निचे आते देखा - ओहो मेरे देवर बाबू कहा सुबह सुबह उपर से

अमन - वो भाभी बस सोचा टहल लू , आप इधर ?
दुलारी- मै सोच रही थी कि मेरी देवरानी की हालत पुछ लू , सारी रात साढ़ को चढा कर सोती है बेचारी

अमन धीरे से साडी के उपर से दुलारी की गाड़ दबोच कर - अच्छा तो आप ही आजाया करो दर्द बाटने

" धत्त छोड़ो ना ", दुलारी ने झटके से अमन का हाथ अपने कुल्हे से हटाया और हस्ती हुइ कमरे मे दाखिल हुई ।
जहा सोनल नहा कर तैयार हो रही थी ।


राहुल के घर

देर सुबह की अंगड़ाई के साथ अरुण के दिन की शुरुवात हुई थी और वो उबासी लेता हुआ हाल मे आया ।
हाल मे चाय की चुस्की के जंगी नासता कर रहा था और शालिनी बालो मे तौलिया लगाये एक नाइटी मे किचन ने काम कर रही थी ।
शालिनी ने अरुण को देखा और मुस्कुरा दी और अरुण ने भी एक बदले मे एक फ्लाइंग किस्स चुपके से देकर मुस्कुराया ।
शालिनी इतराते हुए हाल मे आई और सर से तौलिया निकाल कर अपने गीले बालों को झटका और उन्हे सुखाने लगी ।

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अब उसकी चुचियों को घाटियाँ उसकी नाईटी से आधी बाहर आती नजर आने लगी ।
जंगी बीते रात शालिनी के व्यव्हार से अलग ही खुन्नस मे था और उसने शालिनी एक शब्द बात नही की और शालिनी ने भी रुचि नही दिखाई ।
चाय का प्याला खतम कर जंगी उठ कर दुकान की ओर बढ गया और मौका देख कर अरुण शालिनी की ओर बढ़ना चाह रहा था कि शालिनी ने उसे टोका - नही नही , राहुल आता होगा अभी ।

और उसके कहने की देरी थी राहुल हाल मे आ गया था । शालिनी - तुम दोनो बारि बारी नहा लो फिर नासता कर लेना

राहुल - हा पहले मै जाता हूँ
अरुण ने कोई जल्दबाजी नही दिखाई और बस राहुल को कमरे से बाथरूम मे जाने की राह निहारता और जैसे ही राहुल बाथरूम मे घुसा अरुण लपक कर किचन मे शालीनी को पीछे से दबोच लिया - उम्म्ंम्ं क्या कर रहा है छोड ना , वो आ जायेगा भाइ

अरुण पीछे से लोवर मे तना हुआ मुसल शालिनी की गाड़ पर चुभोता हुआ उसके भिगे बालों के पास कान के करीब चूमता हुआ - अह्ह्ह मामी आप बहुत खुबसूरत हो उम्म्ंम आपके जिस्म की खुस्बू उम्म्ंम्म्ं और ये नरमी अह्ह्ह्ह

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शालिनी खिलखिलाती हुई - धत्त बदमाश दुर हट गुदगुदी हो रही है मुझे

मगर अरुण उसको और कस कर बाहों मे भर लिया और उसके हाथ उपर से शालिनी के नाइटी मे घुसने लगे । शालिनी की कसमसाहट और कुनमुनाना और तेज होने लगा - अह्ह्ह बेटा उम्म्ंम रहने दे ना
अरुण शालिनी के नाइटी मे हाथ घुसा कर ब्रा के उपर से उसकी कसी हुई चूचिया मिजता हुआ - उफ्फ्फ मामी अह्ह्ह कितनी सेक्सी हो आप अह्ह्ज आपके दूध बहुत कसे हुए है अह्ह्ह और बहुत नरम है उह्ह्ह्ह

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शालिनी - अह्ह्ह बेटा हाथ बाहर निकाल उम्मममं
अरुण हाथ बाहर निकाल कर शालिनी के जिस्म पर खुद को घिसने लगा - उम्म्ंम मामी आपको देख कर ही मेरा खडा हो जाता है अह्ह्ह देखो ना कैसे फूल रहा है अह्ह्ह मामी उम्म्ं कुछ करो ना

शालिनी ने हाथ पीछे कर अरुण का कड़क फड़फडाता मुसल पकड़ा और उसका रोम रोम सिहर उठा , उसके जिस्म मे कपकपी बढने लगी एक बार फिर उसका जी अरून के कड़क लन्ड के लिए ललचा गया ।
लेकिन जहन मे राहुल का ख्याल भी आ रहा था कि कही वो आ ना जाये
लगातार किचन के बाहर नजर बनाये हुए उसके अरुण का लोवर निचे कर उसके अंडरवियर के उपर से ही उसका कड़क मोटा लन्ड सहलाने लगी - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह आपका टच मुझेहहह उम्म्ंम अह्ह्ह

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अरुन की सासे भारी होने लगी और उसका लन्ड अंडरवियर मे और ज्यादा फुलने लगा , शालिनी उसके आड़ो को छू सहला रही थी - अह्ह्ह बेटा ना जाने क्या जादू कर रखा है तुने तेरा कसा हुआ ये मोटा खुन्टा देख कर मेरा मन डोल जाता है अह्ह्ज

अरुण उसके कंधे से नाइटी सरका कर ब्रा के उपर से उसकी मुलायम चुचिया मिजता हुआ - आह्ह मामी इतना पसंद है तो चुस लो ना आह्ह देखो कैसे फड़क रहा है

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शालिनी सरक कर घुटनो पर आकार अंडरवियर के उपर से अरुण के मोटे लन्ड को चूमने लगी और अरुण मामी की कामुक हरकतो से और पागल हुआ जा रहा था ।
उसकी कामुक्ता बढती जा रही थी लन्ड की नसे खुब फड़फ्ड़ा रही थी और सुपाडा पुरा फूल कर लाल हुआ जा रहा था ।
शालिनी ने अंडरवियर खिंच कर निचे किया और अरुण का मोटा तनमनाया मुसल उछल कर शालिनी के समाने आया


" बेटा बाहर देखना " , ये बोल कर शालिनी ने अगले ही पल अरुण का मोटा मुसल थाम कर उसके सूपाडे को चुबलाने लगी - आह्ह मामीईई ओफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ उम्म्ंम क्या मसत चूस्ती हो आप उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह सीईई ओह्ह्ह

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शालिनी लन्ड को मसल मसल कर मुह मे लेकर गिला कर रही थी और अरुण का लन्ड उसके हाथो मे खुब फड़क रहा था ।
अरुण का मुसल सा लन्ड शालिनी की चुसाई से एकदम रॉड के जैसे टाइट हो गया था नसे फुल कर तन गयी थी और बिना किसी सहारे अब उसका लन्ड सर उठाए नाग की तरफ फनफनाया हुआ था ।

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शालिनी ने उसके आड़ो को टटोलती हुई अपनी जीभ की टिप को उसके सुपाड़े की गांठ पर फ्लिक करती हुई नीचे तने को चाटने लगी ।
जिससे अरुण की हालत और खराब होने लगी - ओह्ह्ह मामीईई ओह्ह्ह सीईई उम्म्ंम्ं फ्क्क्क्क उम्म्ंम्ं ऐसे हीईई आह्ह आराम से ऊहह दर्द करेगा वोह्ह उम्म्ंम्ं उफ्फ्फ

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शालिनी जीभ नचाती हुई अब अरुण के आड़ो तक आ पहुची थी और उसके कडक कसे हुए आड़ को मुह मे भर कर चुबलाने लगी ।
शालिनी का ये नया और अनोखा रूप देख कर अरुण हवा मे उड़ने लगा - इह्ह्ह मामी कमाल हो तुम उह्ह्ह आज तक्क्क अह्ह्ह सीई आज तक किसी ने ऐसे मेरा लण्ड नही चूसा था ।

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मामी - आज तक ऐसा कदक लन्ड भी नही मिला मुझे उम्म्ंम्म्ं सीईईई कितना टाइट है रेझ्ह्ह उम्म्ंम्म्ं
शालिनी उसके आड़ो को मिजते हुए उसके लन्ड को मुह मेभर ली
और अरुण की सासे उफनाने लगी , लगातार आड़ो पर हो रही हरकत से उस्का जोश और बढ़ने लगा - उह्ह्ह मामीईई तुम तो पोर्नस्टार से कम नही हो उम्म्ंम आह्ह खा जाओ मेरा मुसल उन्म्म्ं ओह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह
शालिनी लगातार उस्का सुपाडा सुरुकते हुए लन्ड चुस रही थी

अरुण की हालत और खराब हो रही थी उसके भीतर जोश उमड रहा था और आग सी दहकने लगी थी , वो शालिनी का सर पक्ड कर उसके मुह मे लण्ड पेलने लगा ।शालिनी उसका लन्ड गले तक लेने लगी - अह्ह्ह मेरी सेक्सी चुदक्कड़ रानी उम्म्ंम लेह्ह अह्झ उह्ह्ह्ह मेरी जान उह्ह्ह और लेह्ह्ह

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अरुण पूरे जोश मे शालिनी के मुह मे लन्ड ठुसे जा रहा था और शालिनी की सासे अब फुलनी शुरु हो गयी थी , आंखे बड़ी होनी लगी और वो लन्ड छोड़ना चाह रही थी मगर अरुण जबरन

मुह मे ठूसता हुआ तेजी से लन्ड भी हिला रहा था - अह्ह्ह मामीईई उह्ह्ह्ह रुको नाअह्ह्ह आयेगगा उह्ह्ह माय सेक्सी उह्ह्ह माय बेबी इह्ह्ह येस्स्स येस्स आ रहा है अह्ह्ह रहा है मामी अह्ह्ह उह्ह्ह्ह लेलो लेलोह्ह्ह उम्म्ंम्ममम्ं अह्ह्ह्ह्ह्ह्ज

अरुण भरपूर चिन्घाडता हुआ तेज पिचकारी शालिनी के मुह मे ही छोड ने लगा , इतनी बड़ी मोटी धार जैसे अरुण उस्के मुह मे मूत रहा हो ऐसे वीर्य की तेज धार उसके गिर रही थी

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और उसका गला चोक करने लगा तो वो झटके से पीछे हटी मगर अरुण अपने लन्ड से वीर्य की गाढी धार अपनी मामी पर फेकता रहा , शालिनी की ब्रा छाती पर उसकी पिचकारी छुटती रही शालिनी पूरा उसके रस नहा चुकी थी ।

अरुण आखिर बूँद तक शालिनी के मुह पर झडता रहा और शालिनी का चेहरा उसके रस से पुरा सना चुका था
शालिनी अपने छाती चेहरे पर उंगलिया लगा कर उसके रस को चुबला कर उसके बड़ी मदहोश नजरो से निहार रही थी और अरून मुस्कुरा रहा था

शालिनी - अह्ह्ह इत्ना सारा रस उम्म्ंम रात मे क्यू छिपा कर रखा था रे उम्म्ंम कितना नमकीन है उम्म्ंम्म्ं

अरून- आह्ह मामी तुमने रात को ऐसे चुसा होता तो रात मे भी तुम्हे नहला दिया होता हिहिही
शालिनी उठ कर बेसिन मे अपने मुह धूलने लगी और अरुण अपने कपडे पहनने लगा इस बात से बेखबर की इनकी सारी करतुत किचन के बाहर दिवाल से लग कर खडा राहुल सब सुन रहा था ।
उसका मुसल एकदम तना खड़ा टाइट था ये देख कर कि उसकी मा सच मे रन्डी है इधर पापा से झगड कर अपने भतिजे से चुदने चली गयि ।

राहुल झट से वहा से निकल कर अपने कमरे मे चला गया और इधर शालिनी अरुण के राहुल को रंगे हाथ पक्डने की योजना बनाने लगी ।


राज के घर

नाश्ते का समय हो गया था और रात देर तक अपने भैया के साथ निशा की चुदाई कर अनुज भी आज देर से उठा ।
फ्रेश होकर निचे हाल मे उतरा और देखा तो सब नाश्ता कर रहे है ।

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रज्जो मौसी वही सोफे के पास खड़ी थी उसकी बड़ी सी गाड़ साडी मे खुब उभरी हुई थी उसपे से कसी हुई साडी मे कमर और कामुक नजर आ रही थी ।
अनुज का लन्ड फौरन झटके खाने लगा और वो मन मे बड़बडाया - उफ्फ्फ मौसी ती पीछे से और भी गदराई हुई है ।
अनुज सीधा रज्जो के पास आकर उसके उपर झोलने लगा , रज्जो ने मुस्कुरा कर उसको पकड़ा ।

राज - लो नवाब साहब आ गये हिहिहिही
रज्जो उसको डांटती हुई अनुज के बाल सहलाती हुई - तु चुप कर , मेरा बेटा कितना काम करता और कुछ कह्ता भी नही ।आजा लल्ला नाश्ता कर लें ।

अनुज अपनी मौसी से चिपक कर - हा मौसी आपको ही मेरी मम्मी होना चाहिए था , उनको देखो अपने बेटे का जरा भी ख्याल नही होता ।

रागिनी किचन मे खड़ी खड़ी हसने लगती है ।
राज - चल चल नाटक मत कर नाश्ता कर और दुकान खोल।

अनुज भुनभुनाते - क्या न्हीई मौसी प्लीज आज दुकान नही उहुहहु

रज्जो प्यार से उसका गाल सहलाती हुई -हा लल्ला मत जाना आज तु हमारे साथ बाजार चलना ठिक है ।

अनुज खुश हुआ और नासता करने लगा , अनुज की बातो पर घर मे सब हस रहे थे वही रन्गी नासता करके दुकान के लिए निकल गया ।
रज्जो भी काम मे उलझ गयी ।

मौका देख कर राज अनुज से - तु तो मौसी का बड़ा दुलारा होता जा रहा है रे उम्म्ं मेरी तो कोई सुन ही नही रहा

अनुज ने मुह बनाया - जैसे आप बुआ के दुलारे हो वैसे मै मौसी का हुउह
राज अचरज से हस कर - अरे तुझे क्या हुआ , ऐसे क्यू भडक रहा है ।

अनुज मुह बनाता हुआ - हुह छोडो जाने दो , आप तो मुझे अपना नही समझते ।
राज -अरे बोलेगा क्या बात है ?
अनुज आस पास देख कर धीरे से आंखे दिखाता हुआ - बुआ वाली बात आपने मुझसे क्यू छिपाई ।

अनुज ने भले ही साफ साफ लफजो मे ना कहा हो कुछ मगर राज उसके चेहरे के भाव पढ कर ही समझ गया कि अनुज को जरुर शिला बुआ के साथ चुदाई की भनक लग गयी है और वो थोडा मुस्कुराता हुआ सीधा बैठ गया ।
अनुज - अब हस क्यू रहे हो बोलो
राज - तुझे कैसे पता इस बारे मे ?
अनुज - कल शाम को बुआ ने बताया
राज चौक कर - तो क्या तु बुआ को कल शाम को ही
अनुज - नही उस्का मौका नही मिला वो हुआ यू कि

फिर अनुज ने शाम की सारी कहानी राज को सुनाई - ऐसे हुआ था ।
राज उसके गाल खिंच कर हसत हुआ - साले बहुत तेज हो गया है तु हिहिहिही

अनुज - हा और आप बहुत छिपाते हो मुझ्से कह रहे थे पढ़ाई पर ध्यान दे बुआ को बाद मे हुउह

राज - अरे भाई नाराज ना हो , अगर तुझे कूछ करना है अभी जा । बुआ कमरे मे तैयार हो रही है ।

राज - मै मा और मौसी सबको बिजी रखता हु जा जा

राज की बात सुनते ही अनुज की लार टपकने लगी और उसका लन्ड ठुमकने लगा ।
वो धीरे से उठा और किचन ने मा मौसी को बिजी देख कर चुपचाप गेस्ट रूम मे घुस गया ।

कमरे का दरवाजा खोला तो सामने देखा उफ्फ्च क्या नाजारा था - सामने शिला बुआ सिर्फ ब्रा और लेगी मे थी ।
आगे की ओर झुक कर खडे खड़े बिस्तर पर ही अपनी कुरती प्रेस कर रही थी ।

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झुकने की वजह से शिला की मोटी मोटी खरबजे सी भारी भरकम चुचिया ब्रा मे लटकी हुई बाहर आने को बेताब थी ।
बुआ का ये रूप देख कर अनुज का लन्ड एक पल मे ही फौलादी हो गया ।

अपना मुसल मसल्ते हुए वो कमरे मे दाखिल होकर दरवाजा भिड़काता हुआ - कही जा रहे हो क्या बुआ ?

शिला एक पल को चौकी - हाय दैयाआ उह्ह्ह तु है क्या ? मै समझी कौन आया ।

शिला - नही बेटा वो काटन की कुर्ती है ना तो बिना प्रेस किये नही पहनती मै

अनुज अपना सुपाडा मिजता हुआ शिला के पास खडा हुआ उसकी नजर अपनी बुआ के मोटे चुतड पर जमी थी

"आह्ह क्या मस्त मोटी गाड़ है बुआ की मन कर रहा है अभी घुसा कर हचक कर पेल दू " , अनुज मन मे बड़बडाया ।

वही शिला अनुज बगल मे खड़े होने का इरादा भाप चुकी थी और उसकी नजर अनुज के लोवर मे तने हुए मोटे खुन्ट पर भी जमी थी जो बडा सा तम्बू बनाये हुए थी
शिला की नजरे उसकी हरकतों पर जमी हुई थी जैसे ही अनुज के हाथ उसकी मोटे कूल्हो को दबोचने के लिए बढ़े मुस्करा - नहीईई अनुज बोला ना नहीईई

अनुज हसता हुआ अपना पुरा पन्जा खोल कर शिला की मोटी चर्बीदार चुतड को चप्प से जकड लेता है और उसको हिलाता हुआ - अह्ह्ह बुआ आपकी गाड़ बहुत मुलायम है

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शिला का जिस्म अनुज के पंजे की छाप से पुरा थरथरा जाता है - अह्ह्ह कमीने क्या कर रहा है उफ्फ्फ्फ लगा मुझे हट छोड़, छोड ना

शिला लगातार उसका हाथ हटाने की कोशिश करती मगर अनुज बेशरमी से शिला की गाड़ पर पन्जा जमाये हुए लेगी के उपर से ही अपनी उंगलिया उसके गाड़ के दरारो मे फ्साता जा रहा था - हिहिही न्हीई क्यू छोड़ू इसे देख कर तो जी करता है खा जाऊ कितनी रसिली लगती है आपकी ये गाड़

अनुज के उंगलियो की पकड़ अब उसके गाड़ के दरखतो तक जाने लगी और शिला बुर मे हरकत शुरु हो गयी - अह्ह्ह बेटा मान जा कोई आ जायेगा उह्ह्ह छोड ना

अनुज - उम्म्ं बुआ प्लीज करने दो ना , भैया को तो नही रोकती हो मुझे क्यू सीईई कितनी मुलायम गाड़ है आपकी उम्म्ंम्ं

जिस तरह से अनुज उसके चुतड़ के नरम नरम फूले हुए हिस्से मसल रहा था शिला भीतर उत्तेजित हुई जा रही थी

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वो दोनो हाथो से उसके मुलायम चुतड को आपस मे फ़्लैप कराये जा रहा था जिस्से शिला की बुर पर भी असर होने लगा था ,
Anuj - Ufff aunty, what a sexy ass you have, ufff and it is very big, ummm, I feel like entering it duuuuuuhhhh siiii

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The very next moment, Anuj started pushing his penis head into the soft crevices of Shila's ass from under his lowers.
Feeling the friction of Anuj's glans on her ass, Shila moaned - Ahhhh Lalla, agree, someone will come, ahhh ummmmm, uff, let it be, son

Anuj – ohhh aunty let me do it, it is very soft, ahhh wait, I will open it and insert it.

Shila Chowki - what?? No no son the door ahh khhhh ahh ufff it is so tight ahhhhh the door is open Anuj someone ahh will go son ummmmmmm

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Anuj took out his penis and inserted it in the crevice of Shila's ass, due to which Shila's pussy started tingling.


Anuj poking the tip of his penis into Shila's ass - Ahhhh aunty no one will come ummm wait like this ohh fuck ummm aunty you are so amazing uhhh uncle must be enjoying it so much uhhh I feel like opening your ass and inserting it in it mehahah

Shila - Uhhhh no no son do it like this, someone will come, do it quickly ahhh my dear, it is so tight, it is hitting my cunt ahhh ma ummmm rub it son ahhh like this uhhh

Anuj started thrusting his penis just below the crevice of Shila's ass, over her tight thighs and leggings - Oh aunty it is so hot, ahhh ahhh it has become wet too, ummm

Shila - Oohh son, your aunt is cumming ahhh you took it out by rubbing it ahhh uhhh
Anuj - ahh aunty it is very hot ahhh seeee my dick is burning ahhh ohhh fuck ummm aunty my sexy aunty the aunty with big ass ahhh

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Shila started throwing her ass towards Anuj, encouraging him further - isn't it son, ahh my ass is sexy, ummm, tell me isn't it thick, ummm, tell me, are you enjoying it?

Anuj after listening to Shila's words started thrusting his penis tightly into her thighs with more enthusiasm - yes bua I am enjoying it a lot ahhh uhhh ohhh buaaa ahhhh ceeee ahhhh

Shila - what happened Lalla, tell me ummm, tell me son

Anuj – ahh aunty I am about to come ohhh aunty take it ahhh see ohhh shit shit shit ahhh aunty it is coming out ahhh see

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Anuj started releasing his penis's fountain on Shila's ass rapidly

Shila – Ahhhh son oooh it is so hot ahhhh ummm ahhhh

In a few moments, Anuj stood up after jerking his penis and kissed Shila on the cheek
Shila pushing him - Go away you bastard, you did as you pleased, now I will have to change my clothes again

Anuj fondling her breasts from the front - Aunty, you won't change this much for your nephew
Shila said with a shy smile - Get away from here, go out now

Smiling, Anuj set his penis and went out and Shila started changing her clothes.



will continue

Bhai update Zara regular dene ki koshis karo aur jaldi anuj ragini ka Milan karwao aur shila k Ghar rehte rehte hi Raj anuj ragini rangi rajjo k orgy karwana aur future k update jab Sonal ayegi toh jaisa shila ne nind mein anuj ko raj samja tha waise Kuch scene Karna JAISE Sonal andehere mein raj ko samjhengi par wo anuj ya rangi niklega
 
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