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अध्याय: 02
UPDATE 002
" ओह येस बेबी उम्ममम कितनी सेक्सी सा चूस रही हो अह्ह्ह्ह्ह बाबू उम्ममम कितनी बड़ी गाड़ है तुम दोनों की एकदम गोरी गोरी दूधिया गाड़ अह्ह्ह्ह पागल कर दे रहे हो ओह्ह्ह्ह " , अमन बेड के किनारे अपना लंड बाहर किए खड़ा था और बिस्तर पर बेट के बल लेट कर सोनल और निशा बारी बारी उसका लंड चूस रही थी ।
" लुक हियर बेबी अह्ह्ह्ह्ह सेक्सी लग रही हो उम्ममम अह्ह्ह्ह " , अमन सोनल को कैमरे की ओर देखने को कहता है जिसमें वो दोनों की लंड चूसते हुए वीडियो बना रहा था ।
दोनो ने मैचिंग सेक्सी सी ब्रा पैंटी सेट पहनी थी और होटल के बेड पर लेती हुई अमन का लंड साझा करने लगी
निशा : उम्ममम जीजू कितना गर्म है उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह लोहे जैसा लंड है तुम्हारा
सोनल अमन से मोबाइल लेकर फ्रंट कैमरे से निशा के साथ वीडियो बनाने लगी : निशा इधर देख अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
निशा कैमरे में देखते हुए अमन का टोपा चुबला रही थी और उसकी आंखो में खुमारी उतर चुकी थी वो मदहोश नजरों से खुद को ही निहार रही थी ।
तभी अमन के मोबाइल पर रिंग हुआ
अमन : किसका है ?
सोनल : पापा जी का है !!
अमन समझ गया कि जरूर कुछ जरूरी बात होगी
अमन मोबाइल लेकर : मै बात करके आता हु
फिर वो वैसे हो कमरे निकल कर बालकनी में नंगा खड़ा होकर बात करने लगा
फोन पर
: नमस्ते पापा , कैसे हो ?
: मै ठीक हूं बेटा , तुम कैसे हो ? ( मुरारी की आवाज आई )
: मै तो एकदम मस्त हु पापा हीही ( अमन ने चहक कर जवाब दिया )
: हा हा भाई तेरी तो डबल मस्ती चल रही होगी क्यों ( मुरारी ने अंदाजा लगाया )
: उफ्फ पापा क्या बताऊं , आपकी बहु और उसकी बहन पूरा दिन मुझे कपड़े नहीं पहनने देते , अभी भी नंगा हु बालकनी में हीही
: ऐसी किस्मत सबको नहीं मिलती बेटा , मै तो 2 रोज से तड़प रहा हूं। शहर के शहर भटक रहा था अब तक आज कही पाव रुके है मेरे
: मतलब चाची मिल गई ( अमन खुश होकर )
: हा बेटा मिल गई , अभी उसके घर पर रुका हु कल सुबह हम लोग निकलेंगे घर के लिए
: वाव पापा फिर तो मै भी जल्दी आता हूं हीही मजा आएगा ( अमन एकदम से खुश हो गया )
: नहीं नहीं बेटा तुम आराम से अपनी ट्रिप इंजॉय करके आना , तबतक मै तैयारिया देख लूंगा , ठीक है (मुरारी बोला )
: पापा?
: हा बोल न बेटा ?
: पापा चाची कैसी दिखती है , मतलब sexy है या नहीं हीही ( अमन कमरे में झाक कर अंदर का माहौल देख कर अपना लंड सहलाते हुए मुरारी से सवाल किया )
: बदमाश कही का , आकर देख लेना न कैसी है ? हाहाहाहा ( मुरारी हंसा)
: पापा बताओ न प्लीज
: अब क्या बताओ बेटे , एकदम कड़क गदराया पीस है उफ्फ तेरी बुआ संगीता के जैसी कसी हुई मोटी मोटी छातियां है और कूल्हे उठे हुए है उसके जैसे ही । उम्मम अब क्या बोलूं , मेरा तो सोच कर ही मूड बन गया अह्ह्ह्ह
: वाव सच में फिर तो चाचू के भाग्य खुल गए हीही ( अमन बोला )
: किस्मत तेरी भी कम बुलंद नहीं है बेटा , बीवी के साथ साली को भी चोद रहा है उम्मम हाहाहा ( मुरारी ने अमन को छेड़ा )
: पापा एक गजब की चीज दिखाऊं, कलेजा थाम के देखना ओके ( अमन कमरे में झांकता हुआ बोला )
फिर वो मुरारी को वीडियो काल उठाने की रिक्वेस्ट भेजता है
: ऐसा क्या दिखाने वाला है तू ( मुरारी अंधेरे में वीडियो काल उठाता है
: श्शशश, चुप रहिएगा (अमन ने मुरारी को टोका और वीडियो काल पर बैक कैमरा से कमरे के अंदर का माहौल दिखाय
अंदर दोनो बहने सोनल और निशा 69 पोजिशन में एकदूसरे के बुर और गाड़ चाट रही थी और सोनल तो अपनी एक उंगली निशा की गाड़ में गुब्ब गुब्ब पेलते हुए उसकी झड़ती चूत चाट रही थी )
इधर मुरारी की आंखे फटी की फटी रह गई और लंड एकदम उफान पर था
कमरे से बाहर निकल कर
: क्या हुआ पापा होश उड़ गए न
: बेटा ये तो मैने पहली बार देखा , बहु अपनी बहन के साथ , अह्ह्ह्ह बेटा तेरे तो मजे ही मजे है । ( मुरारी पजामे में अपना लंड मसल कर बोला )
: पापा जल्द ही आपकी बहु को आपके आगे लिटाऊनंगा फिर आप भी मजे लेना , चलो मै चलता हु बाय
: हा बेटा मजे करे ( मुरारी फोन काटकर ) मेरे नसीब में तो अभी दो रात चूत का कोई ठिकाना नहीं है ।
मुरारी छत से नीचे आया और वो मोबाईल का टार्च जला कर नीचे आ रहा था कि उसके जहन में अमन के सवाल कौंधी " चाची कैसी है ? "
मुरारी कमरे में आया और उसकी नजर जमीन पर सोई हुई अपने भाई की प्रेमिका पर गई , जो इस वक्त साड़ी बदल कर नाइटी में सोई थी ।
उसके घुटने फोल्ड थे और पैर की ओर से नाइटी में पूरा गैप बना हुआ था ।
मुरारी का जी ललचा गया
वो दबे पाव दूसरी तरफ आया और मंजू के चेहरे पर टार्च जलाई , वो गहरी नीद में थी और उसने झुक कर हौले से मंजू की खुली नाइटी में टॉर्च दिखाई
आहे क्या नजारा था , हल्की फुल्की झुरमुट में झांकी एक रसीली फांक
देखते ही मुरारी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा मगर वो ज्यादा देर तक ऐसे नहीं रुक सकता था इसीलिए वो उठ कर बिस्तर पर आ गया ।
वही दूसरी ओर अमन कॉल काट कर वापस आया कमरे में तो सोनल निशा की जांघें फाड़े हुए उसकी बुर में अपना मुंह दिए हुए थी
सोनल : अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है तेरी चूत रे अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह , इसको खा जाऊंगी आज उम्ममम
निशा उसके गाड़ के सुराख को गिला कर रही थी वो पागलों के जैसे सिसकने लगी जब सोनल इसके चूत में जीभ घुमाने लगी
निशा : ओह्ह्ह्ह मम्मीईईई उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम मै पागल हो जाऊंगी
अमन अपना लंड सोनल के मुंह पर लाता हुआ : हाय बेबी इसे नहीं चूसोगी उम्मम
सोनल ने नजरे उठा कर देखा और मुस्कुराते हुए अमन का लंड पकड़ कर मुंह में भर ली
अमन : ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम माय डर्टी बीच सेक्सी डॉल उम्ममम सक इट बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह
अमन सिसकने लगा और सोनल उसका लंड गले तक ले जाने लगी उसकी उंगलियां अभी भी निशा के बुर को मसल रही थी
निशा तड़पती हुई : डालो न जीजू उम्ममम प्लीज अह्ह्ह्ह
अगले ही पल सोनल ने लंड को मुंह से निकाल कर अमन का सुपाड़ा निशा के बुर के फांके पर रगड़ने लगा
निशा : अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न कामिनी अह्ह्ह्ह बहनचोद अह्ह्ह्ह्ह जाने दे न अह्ह्ह्ह
अगले ही पल अमन ने हचक से लंड को झटका दिया और वो निशा के बुर के फाकों को चौड़ी करता हुआ अंदर घुसता चला गया
निशा : ओह्ह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह जीजू पेलो मुझे उम्मम कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह रुकना नहीं उम्ममम यस्स जीजू उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् फ़क्कक्क फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी
अमन निशा की जांघें उठा कर तेजी से उसकी बुर में पेलने लगा : अह्ह्ह्ह ले मेरी जान कितनी गर्मी है तेरी बुर में अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है ओह बहिनचोद सपना था तुझे पेलने का जबसे तेरे चौड़े कूल्हे देखे थे उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह हा जीजू मै भी पागल हु आपके लिए अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम ममममाआ अह्ह्ह्ह्ह
वही सोनल निशा के निप्पल चूस रही थी और उन्हें मिंज रही थी कि उसकी नजर वापस से अमन के मोबाइल पर गई और लपक कर वो निशा के बगल में अपनी टांगे खोलकर भी लेट गई और सेल्फी कैमरे पर वीडियो बनाने लगी
निशा : अह्ह्ह्ह्ह कामिनी किसको दिखाएगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह जीजू और तेज अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो ताकत नहीं है क्या अह्ह्ह्ह
अमन जोश में उसकी जांघें पकड़ कर फचर फचर पेलने लगा : साली मादरचोद फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह
निशा तेजी से चीख रही थी
और सोनल हस्ते हुए सेल्फी कैमरे पर वीडियो ब्लॉग बना रही थी : हाय गाइज वी आर ऑन हनीमून , माय बिग डिक्की हब्बी फकिंग माय सिस्टर हाहा , देखो गाइज मेरी चूत अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है मुझे भी लंड चाहिए कोई चोदेगा मुझे हाहाहा
सोनल मस्ती कर रही थी और उसकी बातें सुनकर उसका लंड और फड़कने लगा कि क्या हो अगर ये वीडियो अपने पापा को दिखाएगा
अमन निशा को छोड़ कर लपक कर सोनल को अपनी ओर खींचा और गपक से लंड उसकी चूत में उतार दिया ।
सोनल : ओह्ह्ह्ह बेबी कितना टाइट है आह्ह्ह्ह मम्मा उम्मम्म फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अमन उसके हाथ से मोबाईल लेकर बैक कैमरा से वीडियो रिकार्ड करने लगा सोनल को चोदते हुए
सोनल अपनी जांघें खोलते हुए : अच्छे से बनाओ न बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम
निशा ने उसके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए और चूत सहलाने लगी , सोनल ने बदन और जोश बढ़ने लगा । निशा झुक कर सोनल के बड़े बड़े रसीले मम्में मुंह में भरने लगी अपनी गाड़ फैला कर
अमन उसकी भी सारी हरकते रिकॉर्ड करता है सोनल को पूरे जोश ने पेले जा रहा : ओह्ह्ह्ह्ह बेबी कितनी मुलायम चूत है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बाबू
सोनल : उम्ममम यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अगले ही पल निशा लपक कर अमन के हाथ से मोबाइल लेते हुए : जीजू मुझे दो न हिही
निशा ने सेम सेल्फी कैमरे से वीडियो चालू की और अपनी बुर सोनल के मुंह पर ले जाती हुई : देखो गाइज मेरी ये मेरी बहन है , ये मै हु और ये मेरी चूत चाट रही है , अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम और डाल ने जीभ ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम, अह्ह्ह्ह्ह गाइज देखो मेरी बहन को जीजू मेरे चोद रहे है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
सोनल ने निशा की दोनो जांघों को कस लिया और उसकी बुर के फांके चुंबलाने लगी
वही दूसरी ओर अमन सटासट उसकी बुर पेले जा रहा था , सोनल के बाद अब निशा की हरकते उसको और पागल किए जा रही थी , उसके पैर थक रहे थे ।
वो उठा और बिस्तर पर आ गया
लंड आसमान की ओर उठाए : आजाओ बेब्स
निशा : मेरी टर्न मेरी टर्न अह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा दोनों पैर फेक कर अमन की ओर अपना गाड़ करके उसका लंड अपनी बुर में लेकर बैठ गई : अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा कस कर अपने चूतड़ अमन के कड़क लंड पर पटक रहे थी और सोनल अमन के बाहों के लेती हुई उसके लिप्स चूसने लगी
सोनल : मजा आ रहा है मेरी जान उम्मम
अमन उसके नंगे चूतड़ नोचता हुआ : बहुत ज्यादा मेरी जान अह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू पेलो मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू आयेगा अह्ह्ह्ह
अमन निशा की बातें सुनकर उसके चूतड़ पकड़ कर नीचे से झटके देने लगा : अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ले साली रंडी अह्ह्ह्ह मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह झड़ जा अह्ह्ह्ह
अमन कस कस कर नीचे से कमर उछाल कर पेलने लगा और निशा अपनी आँखें उलटती हुई झड़ने लगी ,
अमन : ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी ओह्ह्ह्ह
निशा झट से उसके लंड से उठ गई और सोनल ने लपक कर अमन का लंड मुंह में ले लिया और अमन उसक सर पकड़ कर झटके खाते हुए झड़ने लगा : अह्ह्ह्ह मेरी जान पी ले अह्ह्ह्ह्ह ममीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बेबी अह्ह्ह्ह्ह
सोनल अमन के फड़कते लंड को पकड़े हुए आखिर से सारा पानी पीती रही और फिर उसका सुपाड़ा निशा के बहती चूत पर लगा कर वापस से चूसने लगी जिसे देखकर अमन के लंड में फिर से हरकत होने लगी
मगर सुबह से ये चौथी बार था जब वो इतने जोरदार तरीके से झड़ा था और सुस्ती उसके जिस्म पर हावी हो रही थी
फिर वो दोनों के साथ ही सो गया ।
अगली सुबह
मुरारी अंगड़ाई लेता हुआ उठा, उसको आंखों में हल्की फुल्की जलन महसूस हो रही थी और पता चला घर में धुआं उठ रहा था कही ।
मुरारी मच्छरदानी से निकल कर खड़ा हुआ और पजामे में उसके लंड एकदम कड़क उठा था सुबह सुबह । नीचे देखा तो मंजू उठ चुकी थी और पीछे हाते के पास चूल्हे से गर्मागर्म खाने की खुशबू आ रही थी। मुरारी ने घड़ी देखी तो 8 बजने वाले थे ।
अचरज नहीं हुआ मुरारी को मंजू इतनी सुबह क्यों खाना बना रही होगी ।
मुरारी अपना लंड पजामे में सेट करता हुआ हाते में चूल्हे के पास आया जहा मंजू रोटियां बेल कर सेक रही थी
मंजू मुरारी को अपने ओर आते देख मुस्कुरा उठी और झट से अपना दुपट्टा सर पर ले लिया । वो अभी भी रात वाली नाइटी में थी , जाहिर था अभी तक वो नहाई नहीं थी ।
मगर मुरारी को इससे फर्क नहीं पड़ने वाला था उसकी नजर तो मंजू को नाइटी की आधी खुली चैन पर थी जिसमें से मंजू के दो बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे और रोटियां बेलते समय मंजू के दोनों मम्मे खूब उछल रहे थे ।
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मुरारी का लंड एक बार फिर से सर उठाने लगा ।
मुरारी : अरे मंजू सुबह सुबह खाना
मंजू मुस्कुरा कर : हा भाईसाहब वो मुझे ऑफिस जाना है न
मुरारी : ऑफिस जाना है मतलब
मुरारी का हलक सूखने लगा कि कही उसने साथ चलने का प्लान कैंसिल तो नहीं कर दिया ।
मंजू : अरे मुझे मेरे सर को बताना पड़ेगा न कि मै अब काम पर नहीं आऊंगी और फिर हिसाब भी कराना पड़ेगा न
मुरारी की जान में जान आई : ओह ऐसा , मै सोचा कि
मंजू उसकी बात समझ कर मुस्कुराने लगी ।
मुरारी : बाथरूम में पानी आ रहा है क्या
मंजू : जी नहीं वो मैं पानी रख दी हूं आप जा सकते है
मंजू थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
फिर वो उठ कर झाड़ू लगाई और इधर मुरारी पाखाने में चला गया ।
मंजू ने सोचा कि जबतक मुरारी पाखाने में है क्यों न तबतक वो नहा ले , नहीं तो कपड़े बदलने की दिक्कत हो जाएगी ।
मंजू फटाफट से नल चला कर पानी भरने लगी और मुरारी को आवाज आने लगी नल चलने की
उसके भी जहन भी यही चल रहा था कि मंजू कैसे नहाएगी । क्या उसे देखना चाहिए ।
मुरारी खुद से बड़बड़ाया: वैसे कसे हुए रसभरे मम्मे है उसके एकदम टाइट ओह्ह्ह्ह लंड खड़ा कर दिया साली ने
तभी बाहर से पानी गिराने की आवाज आने लगी तो मुरारी की झटका लगा उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी ये सोचकर कि कही मंजू बहार नहाने तो नहीं बैठ गई । हड़बड़ी में वो बिना गाड़ धोए ही खड़ा होकर पाखाने के किवाड़ की जाली से बाहर नल की ओर झांका
तो देखा मंजू नाइटी में ही नल के पास बैठ कर अपने बदन पर पानी डाल रही थी ।
उसने नाइटी को जांघों तक उठा रखा था जिससे उसकी चिकनी नंगी सुडौल जांघें देख कर मुरारी का लंड ऐंठने लगा । उसकी नजर मंजू के भीगती नाइटी पर भी थी जिसमें से मंजू के चूचे शेप में आ रहे थे धीरे धीरे भीगकर
मुरारी : अह्ह्ह्ह बहनचोद बवाल चीज है यार मदन क्या किस्मत है साले तेरी , मस्त माल है आह्ह्ह्ह
मुरारी को फिर से प्रेशर आने लगा तो वो वापस हगने बैठ गया और उधर मंजू झटपट से नहा कर कमरे में चली गई और कड़ी लगा दिया ।
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुरारी तबतक बाहर आ चुका था । फिर वो भी नहाने बैठ गया और इधर तबतक मंजू ने पैकिंग के लिए ढेर सारे कपड़े बिस्तर पर फैला दिए थे ।
ब्लाउज पेटीकोट सारी नाइटी ब्रा पैंटी दुपट्टे जींस सूट सब कुछ ।
मुरारी नहा कर आया तो उसने बिस्तर पर बिखरे हुए कपड़े देखे , ज्यादातर पुराने थे । मुरारी को देख मंजू ने झट से दुपट्टे ब्रा पैंटी धक दिए ।
मुरारी ने भी थोड़ी नजरे फेरी मगर भीतर से तो वो पूरा जिज्ञासु हुआ जा रहा था कि मंजू की असल साइज क्या होगी ।
मुरारी : अरे इतने सारे समान लेकर कैसे जायेगे हम लोग , बस जरूरी समान और कपड़े रखो बाकी छोड़ दो
मंजू : तो ये सब सामान
मुरारी : देखो ये सब सामान आप पास जो भी तुम्हे खास लगे उसे देदो , वहां किसी चीज की कमी नहीं है ।
मंजू : जी ठीक है भाई साहब
मुरारी की बातों ने मंजू को सोच में डाल दिया था कि क्या करे वो , फिर उसे ये भी समझ नहीं आ रहा था कि उतने बड़े घराने में वो किन कपड़ो में जाएगी । ये सब पुराने कपड़े और अंडर गारमेंट किसी ने देख किया तो क्या सोचेंगे उसके बारे में । मंजू के जहन में झिझक हो रही थी । उसके जहन में कुछ योजना चल रही थी जिससे उसकी सारी झंझट ठीक हो सकती थी मगर वो मुरारी से साझा करने से कतरा रही थी
मुरारी : क्या हुआ , क्या सोच रही हो
मंजू : जी ? कुछ नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता कि हम लोग कल चलें ?
मुरारी : क्या हुआ , बताओ न ?
मंजू : जी वो मुझे कुछ कपड़े लेने है और ऑफिस भी जाना है । पूरा दिन लग जाएगा फिर पैकिंग भी बाकी है और ये सब सामान किसी को सौंपना है ।
मुरारी कुछ सोच कर : अच्छा ठीक है हम कल ही जाएंगे । पहले तुम खाना खा कर ऑफिस जाओ और निकल कर फोन करना मै आ जाऊंगा तो साथ में शॉपिंग पर चलेंगे
मंजू खुश होकर : जी ठीक है
फिर मंजू सारे कपड़े बिस्तर पर एक किनारे बटोर दी और मुरारी के लिए खाना लेने चली गई ।
अरुण के घर
सुबह का नाश्ता कर अरुण कालेज के लिए निकल गया था और रज्जो जो शिला के साथ उसके कमरे में थी वो नहाने चली गई और नहाने के बाद वो तैयार हो गई ।
रज्जो : अरे दीदी कब आयेंगे वो लोग , 9 बज गए है
शिला : रुको यार फोन करती हुं
फिर शिला ने अपने पति को फोन घुमा दिया
फोन पर
शिला : हैलो
मानसिंह : हा शीलू कहो
शिला : कहूं क्या कहू ?आपको तो मेरी फिकर ही नहीं है , सुबह आने वाले थे 9 बज गए है
मानसिंह : बस मेरी जान आधे घंटे में आ रहा हूं
शिला मस्ती भरे लहजे में : जल्दी आओ न मेरे राजा , कबसे तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह
मानसिंह : ओहो मेरी जान मूड में है क्या
शिला रज्जो को देख कर मुस्कुराई और अपनी हसी रोक : अह्ह्ह्ह्ह हा बहुत ज्यादा , कितने दिन से मै तड़प रही हूं उम्मम जल्दी से आओ न
मानसिंह : बस मेरी आ ही गया हू रखो मै गाड़ी चला रहा हूं
फोन कट जाता है
रज्जो और शिला खिलखिला कर हस दिए
रज्जो - ये बढ़िया तरीका है जल्दी बुलाने का हीही उम्मम
शिला - अरे जब तड़पकर आयेंगे तभी तो और मजा आएगा हीही
कुछ देर मानसिंह की गाड़ी उसके घर के दरवाजे पर खड़ी थी ।
मानसिंह झट से उतरा और उसके साथ रामसिंह और कम्मो भी ।
कम्मो हस कर : अरे भाई साहब दीदी कही भाई नहीं रही है हाहा
रामसिंह : भाभी ने हड्डी फेक दी है कम्मो , अब भैया कहा किसी की सुनने वाले है हीही
मानसिंह अपना पजामा सेट करता हुआ : तुम दोनों चुप रहो , तुम्हारे आउटडोर क्विकी के चक्कर में लेट हो गया हमें
कम्मो : कॉम डाउन मेरी जान , मजा नहीं आया क्या आपको उम्मम खुले ने मुझे पेल कर
कम्मो पार्किंग में पजामे के ऊपर से ही मानसिंह का खड़ा लंड पकड़ते हुए बोली ।
मानसिंह सिहर उठा : अह्ह्ह्ह्ह कम्मो जाने दे न मुझे अह्ह्ह्ह
और मानसिंह झटके से घर में चला गया । वही कम्मो खिलखिलाने लगी
रामसिंह : भैया को तंग करने में तुम दोनों बहने एक सी हो हीही
कम्मो : क्यों जलन हो रही है
रामसिंह हस कर अपने लंड की ओर इशारा कर : मुझे नहीं इसे जरूर हो रही है
कम्मो ने हाथ बढ़ा कर रामसिंह का लंड पकड़ लिया : चलो इसको थोड़ा दुलार देती हूं मान जायेगा
और रामसिंह ने वही पार्किंग में ही कार पास खड़े हुए कम्मो के लिप्स चूसने लगा ।
कम्मो की सांसे चढ़ने लगी : जान ऊपर चलते है न
रामसिंह साड़ी के ऊपर से उसकी गाड़ दबोचता हुआ : यही कर लेते है न मेरी जान एक और आउटडोर क्विकी
कम्मो लजाई: धत्त
और निकल गई घर में ।
वही मानसिंह बड़े तेजी से हाल में घुसा और किचन में मीरा को काम करता देख शांत हुआ
मानसिंह : मीरा , नीलू की मां कहा है ?
मीरा : जी नमस्ते साहिब वो अपने कमरे में ही होगी
मानसिंह बिना कुछ बोले तेजी से अपने कमरे के पास चला गया ।
कमरे में कोई नहीं दिखा उसे जोरो की पेशाब लगी थी तो वो पहले फ्रेश होने लगा और जैसे ही बाहर आया और सोफे पर बैठ कर अपने जूते निकालने लगा
शिला हाथ में नाश्ते का ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुई , उसने आज नए तरीके से साड़ी पहनी हुई थी
शिला के चुस्त ब्लाउज के उसकी छातियां मुश्किल से बिना ब्रा के समा पाई थी । ज्यादातर तो बाहर निकल आई थी । उसने सीधा पल्ला का साड़ी पहन करअपना चेहरा पल्लू से पूरा ढक रखा था और आगे से उसका ब्लाउज से मोटी चूचियां और नंगा बड़ा पेट साफ साफ नजर आ रहा था ।
मानसिंह ने जैसे ही शिला को साड़ी में ऐसे कामुक अवतार में देखा तो उसकी हलक सूखने लगी
मानसिंह : आहा मेरी जान क्या मस्त लग रही हो , अह्ह्ह्ह्ह ये पर्दा क्यों , आओ न बैठो
शिला ने ट्रे टेबल पर रखा और पीछे होकर खड़ी हो गई
मानसिंह : आओ न मेरी जान
शिला ने बिना कुछ बोले न में सर हिलाया
मानसिंह की नजर शिला के गदराई हुई मोटी मोटी चूचियो पर थी जो उसे ललचा रही थी और उसकी गुदाज गहरी नाभि देख मानसिंह का गला सुख रहा था ।
मानसिंह : अह्ह्ह्ह जान अभी भी नाराज हो क्या
शिला ने घूंघट में ही बिना कुछ बोले हा में सर हिलाया तो मानसिंह हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कलाई पकड़ ली तो शिला एकदम से चौक गई और कुनमुना कर अपनी कलाई छुड़ाने लगी और उससे दूर होने के लगी कि मानसिंह ने एक बार फिर से उसकी कलाई पकड़ते हुए उसको अपनी ओर खींचा और अपनी गोदी में बिठा लिया
शिला सिसकी और मानसिंह उसके बड़े चौड़े कूल्हे को मसलता हुआ अपने हाथ उसके नंगे पेट कर सहलाने लगा: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान क्यों नाराज है, अब तो आ गया न तेरे पास , जरा एक अपने मीठे होठों का रस तो पिला
जैसे ही मानसिंह ने शिला ने सर से पल्लू हटाया उसको जोर का झटका लगा वो उछल कर फर्श पर खड़ा हो गया और कमरे में एक तेज खिलखिलाहट गूंजने लगी
मानसिंह ने दरवाजे की ओर देखा तो वहां शिला लेगी कुर्ती में हस रही थी और अब तक जिसे मानसिंह शिला समझ रहा था वो रज्जो थी ।
रज्जो थोड़ी लजा शर्मा रही थी क्योंकि उसे ये उम्मीद नहीं थी कि मानसिंह एकदम से उसके जिस्म को मिजने लगेगा ।
मानसिंह : आ दादा , माफ कीजिएगा भाभी जी , मुझे लगा शिला है और आप कब आई तुमने बताया नहीं
मानसिंह जितना हो सकता था माहौल को बदलने की कोशिश कर रहा था मगर शिला ने रज्जो के सामने उसका मजा लेने से बाज नहीं आई और जमकर अपने पति को छेड़ा ।
शिला मजे लेते हुए : वैसे अब पता चल गया कि आप मुझसे जरा भी प्यार नहीं करते हूंह
Mansingh looking at Shila and sometimes at the smiling and shy Rajjo, gives an explanation: Hey, how would I know that Bhabhiji would be under the veil, please Bhabhiji, please forgive me.
Rajjo laughed: It doesn't matter, it was just a mischief of both of us
Mansingh looking at the rock: look here,
Shila: What do you see, even if it was our mischief, you should have recognized me, right?
Rajjo started laughing: yes this too.. heehee
Mansingh embarrassed: Bhabhi, do you also mean it?
Shila: Come on Bhabhi, we are leaving now you stay alone huh
Mansingh: Oh sorry Neelu's mother, please
Shila makes a face: Haha, it's okay, you take a bath and have breakfast, I'll come
Mansingh: hey where are you going
Shila: Hey, I went to the village yesterday to give some clothes to Rajjo Bhabhi, so I have to go to get them.
Mansingh: Oh okay, please come soon
Shila makes a face and shows her thumb: I will come soon, otherwise
And both of them walked out of the room laughing and giggling.
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Apart from all these, in Chamanpura
Rangilal's bag was packed and he was ready after having breakfast
Rangi: Raj son, take care of the house along with the shop and you, young Seth, don't stop studying, there is board exams this time.
Anuj : yes papa
Rangi: Raj, if you don't understand anything at the shop, then call me.
Raj: It’s ok papa.
Rangi: Raj's mother, you should also take care of yourself
Ragini said something and Anuj interrupted her: Papa, I am here, you can always go to mummy without any worry
Everyone started laughing at Anuj's words
Ragini smilingly: Your bag is ready, you also have to go to college
Anuj: From tomorrow onwards mummy please
Raj: No drama, go to college quietly
Anuj kept quiet and
Rangi too smiled and bid farewell to everyone and left for his in-laws' house.
The same Raj was going to sit at his father's shop from today and Ragini at the cosmetic shop. Anuj had also got his bag ready and left for college.
will continue
बहुत ही शानदार और मदमस्त अपडेट है भाई मजा आ गयाUPDATE 116
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
पिछ्ले अपडेट मे आपने पढा जहा एक ओर जानिपुर मे रज्जो और कमलनाथ अपनी योजनाये बना रहे है वही ,, चमनपुरा मे राज काजल भाभी को लपेटे मे ले रहा है ।देखते है उसकी ये कोशिस क्या रंग लाती है ।
अब आगे
राज की जुबानी
मै खाना खाने के बाद पापा को टिफ़िन देके वापस आ गया और वापस दुकान के कामो मे लग गया ।
शाम को 5 बजे तक मा चौराहे वाले घर के लिए निकल गयी ।
इधर मै भी ग्राहको मे व्यस्त था तो काफी समय से मोबाईल चेक नही किया था ।
इसी दौरान काजल भाभी का मुझे फोन आने लगा ।
मुझे खुशी तो बहुत हुई लेकिन ग्राहको की भीड़ की वजह से मै थोडा परेशान भी था ।
इसिलिए मैने उनका कॉल रिसीव करके बोला कि मै दुकान मे व्यस्त हू अभी बात करता हू । उन्होने भी ओके कहा ।
करीब आधे घण्टे बाद मै दुकान से फ्री हुआ और हिसाब किताब मे लगा था कि एक ग्राहक का फोन आया तो मुझे काजल भाभी का काल जहन मे आया ।
उस ग्राहक से बात करके मै फौरन काजल भाभी को फोन घुमा दी ।
फोन पर
मै - हा भाभी जी कहिये
काजल - अरे हा वो तुम अपना whatsaap चेक किये
मै अचरज से - क्यू क्या हुआ ???
काजल मुस्कुरा कर - अरे पहले देखो तो
मै - अच्छा आप लाईन पर रहिये मै देख लेता हू ।
फिर मै फटाफट डाटा ऑन करते हुए whatsaap खोलता हू तो काफी सारे मैसेज मे काजल भाभी का मैसेज सबसे उपर था ।
निचे सोनल के मिस्स यू वाले मैसेज देख कर मै मुस्कुराया और फिर काजलभाभी का चैट ओपन किया ।
उन्होने दो न्यू लेस्स वाली ब्रा पैंटी सेट मे कलर और दाम के बारे मे पुछा था । मै खुशी से मुस्कराया और वापस मोबाइल को कान के पास लगाते हुए
मै - हा भाभी देख लिया
मेरी बातो मे हसी की एक खनक सी थी जिसे पकड़ते हुए काजल भाभी इतरा के बोली - ज्यादा हसो मत दुकानदार हो ना ,,,दाम और कलर बताओ हिहिहिही
मै हस कर - ये दोनो सेम रेंज की है और दोनो मॉडल मे 6 कलर का सेट है ,,रुकिये मै भेजता है तस्वीर उसकी , जो पसंद हो बताओ ,,,ऐसे ही रहिये लाईन पर
काजल - ओके
मै वापस उन्ही ब्रा-पैंटी सेट्स के सभी कलर की दो तसवीर ली और उनको whatsaap कर दिया ।
मै वापस मोबाइल कान पर लगाते हुए - हा भाभी देखो और बताओ
थोडी देर बाद काजल -
हा वो मैने कलर बता दिया है तुम कल दोपहर मे लेके आना , मै पैसे दे दूँगी ।
मै अचरज से - कल दोपहर मे क्यू?? अभी थोडी देर मे आ ही रहा हू चौराहे पर ना ।
काजल हस कर- ज्यादा तहकीकात नही समझे हिहिही ,,, कल दोपहर को ही
मै समझ गया कि शायद कल दोपहर मे शकुन्तला ताई घर पर नही हो और इसिलिए उनसे छिप कर काजल भाभी मे ऑर्डर दिया है ।
खैर मुझे क्या ,,मुझे तो ऐसा ही मौका चाहिये अकेले मे मिलने का , ताकि मुझे अपना काम करने मे कोई दिक्कत न हो ।
मै फोन रख कर वापस दुकान के कामो मे लग गया , मुझे आगे की प्लानिंग करनी थी कि कैसे क्या करना है ।
शाम को 7 बजे मै दुकान बन्द किया और निकल गया चंदू के घर की ओर ,,,
उसके घर पर उसके मम्मी पापा आ गये थे ।
मैने दोनो को नमस्ते किया ,,हाल मे सारे समान और बैग खुले हुए थे। रजनी दीदी और चंदू समान निकाल कर इधर उधर कर रहे थे ।
मै रजनी से - दीदी ,, इस चंदू को आप काम पर क्यू नही भेजती ,दिन भर बैठा रहता है और पढाई भी बंद है इस समय
रामवीर - अरे बाबू किसी काम लायाक नही है ये ,,बस मुफ्त का रोटी तोड रहा है ।
मै इसी मौके की तालाश मे था और तुरंत रामबीर से मुखातिब होकर - अरे जीजा जी फिर आप इसको अपने साथ ही काम पर ले जाया करो ना ,,बोरिया गिनेगा हिहिहिही
रजनी मेरी बातो से प्रभावित हुई -हा जी सही तो कह रहा है राज ,,, जब तक इसकी पढाई नही शुरु होती अपने साथ ही रखिये कुछ काम सिख ही लेगा ।
रामवीर - ठिक है फिर मै कल ठाकुर साहब से बात करता हू ,
मैने चंदू को आंख मारी और वो भी स्माइल किया ।
थोडी देर बाद चाय नासता करके मै निकल गया चौराहे वाले घर के लिए,,
लेखक की जुबानीएक तरफ जहा चमनपुरा मे राज और अपने दोस्त चंदू की गोटियाँ सेट करने मे लगा था वही जानिपुर मे भी कुछ लोग अपनी अपनी गोटिया सेट करने मे लगे थे।
शाम 4 बजे तक सारे लोग वापस घर आ गये थे ।
सब हाल मे बैठे हुए थे ,,पल्लवि और सोनल सबको ठंडा पानी दे रही थी ।
इधर रज्जो और राजन की आंख मिचौली चालू थी जिसपर कमलनाथ की नजरे बखूबी बनी हुई थी ।
वही अनुज जो कि पल्लवि से जितना दुर जाने की सोचता पल्ल्वी उसके उतने की नजदीक आने के बारे सोच रही थी ।
लगभग सारे लोग थक गये थे । मगन रमन जो की काफी समय से किसी सोच मे था ।
रमन - मम्मी मै दुकान पर जा रहा हू अभी समय बहुत है तो देख लू थोडा
रज्जो - बेटा वहा काम करने वाले है ना फिर तू क्यू
रमन - हा मा लेकिन शादियो का सीजन है और ऐसे खाली बैठना भी सही नही लग रहा
कमलनाथ - अरे जाने दो रज्जो उसको ,, भाई दुकान भी तो जरुरी है ना
अनुज मानो इसी मौके की तालाश मे था - रमन भैया मै भी चलूंगा
अनुज की बात सुनते ही पल्लवि का मुह लटक गया और वही अनुज बेरहम होकर रमन के साथ उसके दुकान की ओर निकल गया ।
सोनल - चल पल्लवी ,,मै सोने जा रही हू ,,तुझे आना है
पल्लवि अकेले क्या ही करती वो भो सोनल के साथ चली गयी ।
राजन भी अंगड़ाई लेते हुए - उम्म्ंम्ं भाईसाहब मै सोच रहा हू थोडा आराम कर लू , और ये तंग कपडे बदल लू
कमलनाथ - हा राजन ठिक कह रहे हो ,,चलो चलते है ।
फिर सारे लोग उपर जाने लगे और अपने कमरे मे पहुच कर कपडे निकाल कर बेड पर लेट गये ।
रज्जो सिर्फ ब्लाउज पेतिकोट मे कमलनाथ के बगल मे लेटते हुए चिपककर - आजकल बहुत अपने नंदोई के साथ मिलकर मेरा पिछवाड़ा निहार रहे ह्म्म्ं
कमलनाथ रज्जो को अपनी ओर खिचकर - अरे मेरी रज्जो जान तेरा पिछवाडा है ही ऐसा की मै चाहू या ना चाहू ,,,सबकी नजरे अटक ही जाती है ।
रज्जो कमलनाथ की बातो से थोडा शरमाने लगती है ।
कमलनाथ - तो आगे के लिए क्या सोचा है तुने
रज्जो आंखे उपर करके कमलनाथ को देखते हुए हस पडी - अभी बुला दू ममता को क्या हिहिहिही
कमलनाथ - क्यू तू नही रहेगी साथ मे
रज्जो इतरा कर - अरे नंदोई जी को भी तो कोई सम्भालने वाला होना चाहिए ना हिहिहिही
कमलनाथ ह्स कर - धत्त बता ना ,,आगे का क्या सोचा है । मुझे पता है तेरी कुछ योजना जरुर होगी ।
रज्जो मुस्कुरा कर - आप आम खाओ ना , गुठलियों के पीछे क्यू हो हिहिहिही । मुझे जो करना है मै कर लूंगी ।
कमलनाथ - मतलब मुझसे चोरी छिपे ही सब करेगी क्या,, हम्म्म बोल
रज्जो धीरे से हाथ बढा कर कमलनाथ के खडे लंड को उपर से जकड़ लिया और इतरा कर बोली - क्यू आप भी ममता को अपने नंदोई के सामने चोदोगे क्या?? हम्म्म्म
कमलनाथ रज्जो की इस हरकत से सिहर गया और उसने फौरान रज्जो के होठ को मुह मे भर लिया ।
इधर इनकी उत्तेजक भरी काम कीड़ा की शुरुवात हुई थी ,,वही बगल के कमरे मे राजन रज्जो की सुबह से दो बार गाड़ देख कर बहुत उत्तेजित था ,, उसने कपडे निकालने के बाद ममता को मौका ही नही दिया की वो कुछ पहने और ध्क्कम पेल चुदाई चल रही थी ।
वही निचे सोनल के कमरे मे पल्लवि भी एक टीशर्ट लोवर मे उदास बेड पर बैठी हुई थी । कारण था कि अनुज उससे दुर था ,,उसने क्या क्या सपने सजाये थे वो सब दुर होता नजर आ रहा था ।
बगल मे सोनल खर्राटे भर रही थी । तुनक कर पल्लवि उठी और कमरे से बाहर निकल गयी ।
उसे लण्ड की बहुत तलब मच रही थी और जब से वो घर से आई थी उसे एक बार भी मौका नही मिला कि वो अपने पापा के साथ भी समय बिता सके । हर समय सोनल उसके साथ ही होती थी ।
उसने तय किया और उपर छत पर चल दी ।
उसने जैसे ही अपने पापा के कमरे का दरवाजा खटखटाया उपर के दोनो कमरो मे अचानक शान्ति छा गयी ।
एक ओर जहा राजन ममता की गाड़ मे आधा लण्ड रोक दिया वही रज्जो के मुह में कमलनाथ का लण्ड रुक गया ।
तभी पल्लवि ने राजन को आवाज लगाई - पापा खोलो मै हू
पल्लवि की आवाज सुनकर कमलनाथ का धडकता दिल थमा और वो मुस्कुरा कर रज्जो के बालो मे हाथ फेरता है जिसको रज्जो एक इशारा समझ कर वापस के लण्ड को गले मे उतारने लगती है ।
वही राजन और ममता के भी तेज धडकते दिल शान्त होते है ।
राजन ममता की गाड़ से लण्ड निकाल अपना गम्छा लपेटे दरवाजे की ओर जाता है ।
वही ममता फौरन एक चादर अपने उपर ले लेती है ।
राजन दरवाजे की कुंडी खोल्कर हल्का सा बाहर झाकता है और पल्लवि को अकेला पाकर पुरा दरवाजा खोल देता है ।
पल्लवी अन्दर आते ही चहक उठती है - ओह्ह मतलब आप लोग अकेले अकेले मजे ले रहे ,,मुझे तो भूल ही गये पापा आप हुउउउह्ह
राजन दरवाजा बंद करके प्लल्वी के कंधे पर हाथ रख कर - ऐसी बात नही है रे पल्ली ,,, ये चोदमपुर थोडी ना है कि हम सब ....
पल्लवि - हा तो क्या हुआ बंद कमरे मे कौन आ रहा है हिहिहिहिही
ममता फटी हुई आंखो से राजन को देखती है और फिर पल्लवी से - अगर सोनल तुझे खोजती हुई आ गई तो
पल्लवि चहक के अपनी मा के चादर के घुसते हुए -वो तो सो गयी है हिहिहिही
ममता हस कर - तू बडी बदमाश है ह्म्म्ं
पल्लवी अपनी मा के मुलायम चुचो को छुते हुए - और आप लोग ये लोग बदमाशी कर रहे हो उसका क्या हिहिहिही
ममता पल्लवी के मुलायम हाथो का स्पर्श अपने चुची पर पाते ही सिहर उठी ।
इधर राजन ने अपना गम्छा हटा दिया और वो भी पल्लवि के बगल मे आकर चादर मे घुस गया ।
पल्लवि - हिहिहिही मा देखो मै अब पापा के साथ बदमाशी करने जा रही हू ।
ये बोलकर पल्लवि ने अपने पापा का खड़ा मोटा लण्ड चादर के निचे से ही थाम लिया ।
राजन पल्लवि के मुलायम हाथो का स्पर्श पाकर बहुत उत्तेज्जीत हो गया ,,,उसे घर पर बिताये वो पल याद आ गये जब आखिरी बार उसने अपने बडे भाई साहब के साथ मिल कर पल्लवि और ममता को चोदा था ।
[ UPDATE 127-ABC KATHA CHODAMPUR KI ]
ममता - तू कर ले बदमाशी फिर तेरे पापा तुझे सजा भी देंगे हिहिहिही
पल्लवी अपने पापा का लण्ड सहलाते हुए उन्की आँखो मे बडी मदहोसी से देखते हुए - क्या सच मे पापा आप मुझे सजा दोगे ।
राजन कसमसा कर - उम्म्ंम हा तू शरारत करेगि तो तुझे सजा मिलेगी ।
पल्लवि राजन के लण्ड को निचे आड़ो से उपर की ओर सहलाते हुए - इसी डंडे से मारोगे क्या आप मुझे हम्म्म्म्ं बोलो
राजन सिहर के - उम्म्ंम हा इसी मोटे डंडे से मारुंगा
पल्लवि अपने पापा की चमडी खिच कर सुपाडे पर अंगूठे को फिराती हुई - अगर मै इस डंडे को खा जाऊ तो
इधर राजन पहले ही ममता की गाड़ चोद कर अपने आड़ो को बीर्य से भर रखा था । पल्ल्बी के कामुक स्पर्श और उसकी जोश भड़का देने वाली बातो ने उसे इतना उत्तेजित कर दिया कि पल्ल्वी के निचे जाने के पहले ही राजन के लण्ड ने चादर के अन्दर ही पिचकारी मारनि चालू कर दी ।
पल्लवि को लण्ड के झटके का अहसास तब हुआ जब राजन के लण्ड का गरम लावा उसके हथेली को छुने लगा और गीलेपन का अह्सास पाते ही पल्लवि फौरन चादर हटा कर अपने पापा के आड़ो को सहलाना शुरु कर दिया और अगली पिचकारी उसके मुह मे जाने लगी
क्योकि पल्लवि ने अपने पापा का सुपाडा झुक के मुह मे भर लिया था ।
राजन अपनी गाड़ उचका कर लण्ड हिलात हुआ - ओह्ह्ह पल्ली ओह्ह्ह उम्म्म्म्फ और निचोड ले इसे अह्ह्ह उम्म्ंम
इधर पल्लवि ने सब चाटने के बाद सुपाडे के सुराख को भी सिरक कर अच्छे से लण्ड को चाट कर साफ किया ।
वही राजन थक कर दिवाल से टेक लगाये हाफे जा रहा था ।
पल्लवी अपना मुह साफ कर दिवाल से टेक लगा कर बैठ गयी ।
ममता - तुने तो सारा मजा ले लिया ,,, आधे घंटे से खट मै रही थी ।
पल्लवि हस के - अभी पापा जब मुझे सजा देंगे तब आप ले लेना मजे हिहिहुही
राजन अपने उपर से चादर हटा के - नही भाई कोई सजा और मजा नही होगा
पल्लवि चौकी - क्या मतलब आप मुझे ???।
राजन पल्लवि को उदास देख कर - माफ कर दे बेटा वो तेरे आने से पहले ही एक बार मेरा हो गया था और फिर अभी ।
राजन - मै थक गया हू बाद मे कभी ,,,
पल्लवी उदास होके - हम्म्म ठीक है ।
फिर थोडी देर बाद सारे लोग उसी बिस्तर पे लेते थे ।
वही पल्लवि आंखे उपर छत पर चलते पंखे को देख कर कुछ तय कर रही थी ।
वही बगल के कमरे मे भी रज्जो और कमलनाथ एक राउंड चुदाई करके आपस मे चिपके हुए लेते थे ।
कमलनाथ - तो फिल्म वाला ही प्रोग्राम रखा जाये
रज्जो - हा इसी कमरे मे ही
कमलनाथ - लेकिन बच्चे भी होगे
रज्जो - अरे मै मैनेज कर लूंगी ,,बस आप ना कतराना अपनी बहन के नजदीक जाने मे हिहिह्ही
कमलनाथ - मै तो तैयार ही हू मेरी जान बहनचोद बनने के लिए हिहिहिह
खैर समय बिता और शाम के 7 बजे तक रज्जो की आंख खुली ।
वो उठकर अपने कपडे सही करती है और कमलनाथ को आवाज देके बाथरूम मे चली जाती है फ्रेश होने । वही कमलनाथ अपने कपडे पहन कर उपर चल देता है फ्रेश होने ।
इधर ममता की नीद भी जीने का दरवाजा खुलने की आवाज से टुट जाती है ।
वो उबासी लेके कर पल्लवि और राजन को जगाती है ।
फिर पल्लवि को लेके निचे चली जाती है ,,,जबकि राजन थोड़ा रुक कर आराम से उठता है और कमरे से बाहर निकल रहा होता है कि उसकी नजर रज्जो के कमरे की ओर जाती है ।
जहा रज्जो कमरे मे साडी पहन रही होती है ।
राजन लण्ड भी अभी अंगड़ाई ले रहा होता है और रज्जो की उभरी गाड देख के वो एक बार अपने सर उठाते लण्ड को दबाता है ।
इधर ऐन मौके पर कमलनाथ जीने से निचे उतर रहा होता है कि उसकी नजर राजन पर पडती है जो कमरे मे रज्जो को साड़ी पहनते देख कुर्ते के उपर से अपना लण्ड भीच रहा था ।
कमलनाथ मुस्कुराता है और दबे पाव राजन के पास जाकर - अरे राजन खडे क्यू हो अन्दर चलो ।
ये बोल कर कमलनाथ राजन के कन्धे पर हाथ रख कर उसे अन्दर घुसा देता है ।
वही राजन का कालेज धक्क कर जाता है कि कमलनाथ कब उसके पीछे आ गया और कही उसने ये सब करते देखा तो नही ।
उधर रज्जो अचानक से कमरे मे राजन और कमलनाथ को एक साथ आते देख हड़ब्डा गयी और उसकी साडी का पल्लू जिसे वो सहज रही तो सरक कर निचे आ गयी ।
रज्जो ने फौरन झुक कर साड़ी उठाई और सादा पल्लू अपने खुले सीने पर लपेटते हुए - क्या जी आप नंदोई जी से कोई डील किये है क्या ???
कमलनाथ हस कर - मतलब
रज्जो - कही आप लोग बीवी के बदले बीवी दिखाने का सट्टा तो नही लगा लिये ना ।
राजन की आंखे चौड़हिया गयी कि ये क्या बोल रही है रज्जो ।
कमलनाथ हस कर - क्या तुम भी रज्जो , राजन तो बेचारा निचे जा रहा था तो मै ही इसे अन्दर ले आया ,,,वो तो आज संयोग ही ऐसे बन गये कि
कमलनाथ राजन के कन्धे दबात हुआ - क्यू राजन सही है ना
राजन हड़ब्डा कर - अ ब ब हा हा भाभी आज ये तीसरी बार हुआ मेरे साथ ,,
रज्जो जानबुझ कर - तीसरी बार ??? कब कब जी
कमलनाथ राजन को उकसाते हुए -हा भाई राजन 3 बार कब
राजन हिचक कर - वो सुबह मे मे एक बार और एक बार अभी और
रज्जो चौकने का नाटक करते हुए - और एक बार
राजन अटकते हुए - माफ की की किजियेगा भाभी जी वो वो वो एक बार वहा पार्क मे भी अचानक से आप उस हालत मे सामने पड गयी थी ।
रज्जो शर्माने का नाटक करते हुए - क्या आप भी जीजा जी ,,, अगर ऐसी बात थी तो आपको वहा से हट जाना चाहिए था ना ,,आप भी इनकी तरह आंखे सेकने लगे ।
रज्जो की प्रतिक्रिया पर राजन थोडा अट्टाहस करता हुआ - ह ह ह ह नही भाभी मै घूम गया था तुरंत ,,आप भाईसाहब से पुछ लिजिए
रज्जो एक नजर कमलनाथ को देख कर - क्यो जी सही कह रहे है
कमलनाथ स्वार्थ वश बेशर्मो की तरह हस्ता हुआ हा मे सर हिलाया ।
रज्जो राजन को देखते हुए - तो मतलब आपने कुछ नही देखा था
राजन अटकते हुए - न्हीई हा मतलब थोडी देर के लिए,,वो अचानक से सामने आ गया था तो नजर नही फेर पाया मै ,माफ करियेगा भाभी जी
रज्जो इतरा कर - हा पहले आंखे सेक लो फिर माफी माग लो हुउउह्ह
राजन अब बेबस होकर उम्मीद भरी नजरो से कमलनाथ को देखता है कि भाई तेरी बीवी है कुछ कर जुगाड ।
कमलनाथ हस कर आगे बढ कर रज्जो के कन्धे पकड कर - अरे रज्जो , राजन कोई गैर थोडी है जो इतनी छोटी बातो के लिए नाराज हो रही है ।
रज्जो तुनकते हुए - आपको ये छोटी बात लग रही है ।
कमलनाथ - अरे भई उसने माफी माग ली ना ,,अब क्या तु भी उसका पिछवाडा देख कर ही मागेगी हिहिहिहिह
कमलनाथ की बाते सुन कर राजन की सासे अटक गयी कि ये उसका साला क्या बके जा रहा है ।
वही रज्जो अपने नंदोई की खिचाई का बहाना पाकर चहकी और हस्ते हुए - हा मुझे भी बदला लेना है हिहिहिही
कमलनाथ - चलो भाई राजन छुट्टा कर लो अभी
राजन की हालत खराब - ये ये ये क क क्या कह रहे आप भाई साहब,,,,भाभी आप भी ???
रज्जो खिलखिलाते हुए- मुझे तो बदला लेना है बस हिहिहिही
कमलनाथ हस कर - अरे भाई इसमे क्या शर्माना ,,गाव के मर्द मे खेतो मे जाते होगे कितनो ने नजर मारी होगी हिहिहिही
राजन की गाड की सुराख कमलनाथ के वक्तव्य से सिकुडी जा रही थी और उसका गल सुखा जा रहा था ।
राजन समझ रहा था कि ये सब कमलनाथ की चाल है उसने जरुर बदला लेने के लिए ये सब स्वांग रचा है । उसने मुझे कमरे के बाहर रज्जो को कपडे बदलते देख लिया होगा और अब मौका पाकर मजे ले रहा है ।
रज्जो - ओह्ह्हो जी आप बाहर जाओ , जीजा जी आपके सामने शर्मा रहे है ,क्यू जीजा जी
रज्जो के वक्तव्य से राजन के आंखे चमक उठी और मन ही मन वो गदगद हो गया ।
वो अपनी भावनाये छिपाता हुआ - अ ब ब हा भाभी ,, जब बदला आपको लेना है तो भाईसाहब की क्या जरुरत
कमलनाथ - कोई बात नही भाई मै बाहर चला जा रहा हू ,,
ये बोल कर कमलनाथ दरवाजे से बाहर चला गया इस उम्मीद मे की अन्दर रज्जो अपना जादू जरुर चलाएगी ।
वही कमलनाथ के बाहर जाते ही राजन ने दरवाजा बन्द करके रज्जो को पीछे से दबोच लिया ।
राजन - शुक्रिया भाभी जी आपने तो आज मेरी इज्जत बचा ली
रज्जो अपने चुतड़ पर राजन के खडे लण्ड की चुभन को मह्सूस करते हुए - उम्म्ंम जीजा जी आप भी कम नही हो ,,, मेरे पति के सामने ही मेरे माल पर नजर गाड़े हुए थे ।
राजन अपने हाथ रज्जो की चुचीयो पर फेरत हुआ - आप कहो तो उन्के सामने ही चोद दू आपको
रज्जो राजन के शब्दो को सुन कर सिहर गयी ।
रज्जो - अब छोडो हमे नाटक करना है ,,वो दरवाजे पर कान लगा कर सून रहे होगे ।
राजन रज्जो की बात से सहमत होकर उससे अलग हुआ और उसने तय किया कि क्यू जब ये सब चल रहा है तो आगे इसी चीज़ को बढ़ाया जाये क्या पता वो सच मे कमलनाथ के सामने रज्जो को चोद पाये ।
थोडी देर बाद राजन ने हस्ते हुए दरवाज खोला और वापस रज्जो से - ये गलत बात है भाभी जी ,,, बात सिर्फ़ पीछे से ही देखने की हुई थी ।
कमलनाथ राजन के शब्द सुन कर गदगद हो गया कि रज्जो ने मौका ले कर राजन का लण्ड भी देख लिया ।
वही रज्जो भी समझ रही थी राजन जरुर कुछ योजना बना रहा है तभी वो इतना खुल कर कमलनाथ के सामने बोल रहा है ।
रज्जो ह्स्कर - कुछ गलत नही है जीजा जी हिहिहिबी ,,मौका मिला था जाने कैसे देती ।
कमलनाथ हस कर - अच्छा ठिक है अब तो हिसाब बराबर हुआ ना
रज्जो हस कर - अभी कहा
राजन चौकने नाटक करते हुए - मतलब
रज्जो - अभी एक बार बाकी है हिहिहिही
कमलनाथ हस के - हा ठिक है भाइ कर लेना अपने मन की ह,,,,राजन भाई थोडा कोम्प्रोमाईज कर लेना
राजन कमल्नाथ की बात सुन कर मुस्कुरा कर रज्जो को देखता है तो रज्जो उसे आंख मार कर हस देती है ।
कमलनाथ को अपनी नैतिकता भी दिखाणी थी तो वो बात को घुमाते हुए - अरे रज्जो बस कर भई,,,चलो कुछ चाय नसता तैयार करवाओ भूख लग रही है ।
रज्जो हस्कर - हमम ठिक है मै जाती हू ।
रज्जो के जाते ही कमलनाथ हस के - देखा संत बनने के नतिजा ,,,, जिक्र नही करते तो इज्जत बची रहती हिहिही
राजन - हा लेकिन भाईसाहब क्या करु ,,मन मे अपराधि सा मह्सूस हो रहा था
कमलनाथ - हहह्हा तो मिल गयी ना अपराधी को सजा ,,, अब चलो निचे चलते है
राजन हस कर - हहहाहा जी भाईसाहब चलिये
जारी रहेगी
Nice update broअध्याय: 02
UPDATE 002
" ओह येस बेबी उम्ममम कितनी सेक्सी सा चूस रही हो अह्ह्ह्ह्ह बाबू उम्ममम कितनी बड़ी गाड़ है तुम दोनों की एकदम गोरी गोरी दूधिया गाड़ अह्ह्ह्ह पागल कर दे रहे हो ओह्ह्ह्ह " , अमन बेड के किनारे अपना लंड बाहर किए खड़ा था और बिस्तर पर बेट के बल लेट कर सोनल और निशा बारी बारी उसका लंड चूस रही थी ।
" लुक हियर बेबी अह्ह्ह्ह्ह सेक्सी लग रही हो उम्ममम अह्ह्ह्ह " , अमन सोनल को कैमरे की ओर देखने को कहता है जिसमें वो दोनों की लंड चूसते हुए वीडियो बना रहा था ।
दोनो ने मैचिंग सेक्सी सी ब्रा पैंटी सेट पहनी थी और होटल के बेड पर लेती हुई अमन का लंड साझा करने लगी
निशा : उम्ममम जीजू कितना गर्म है उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह लोहे जैसा लंड है तुम्हारा
सोनल अमन से मोबाइल लेकर फ्रंट कैमरे से निशा के साथ वीडियो बनाने लगी : निशा इधर देख अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
निशा कैमरे में देखते हुए अमन का टोपा चुबला रही थी और उसकी आंखो में खुमारी उतर चुकी थी वो मदहोश नजरों से खुद को ही निहार रही थी ।
तभी अमन के मोबाइल पर रिंग हुआ
अमन : किसका है ?
सोनल : पापा जी का है !!
अमन समझ गया कि जरूर कुछ जरूरी बात होगी
अमन मोबाइल लेकर : मै बात करके आता हु
फिर वो वैसे हो कमरे निकल कर बालकनी में नंगा खड़ा होकर बात करने लगा
फोन पर
: नमस्ते पापा , कैसे हो ?
: मै ठीक हूं बेटा , तुम कैसे हो ? ( मुरारी की आवाज आई )
: मै तो एकदम मस्त हु पापा हीही ( अमन ने चहक कर जवाब दिया )
: हा हा भाई तेरी तो डबल मस्ती चल रही होगी क्यों ( मुरारी ने अंदाजा लगाया )
: उफ्फ पापा क्या बताऊं , आपकी बहु और उसकी बहन पूरा दिन मुझे कपड़े नहीं पहनने देते , अभी भी नंगा हु बालकनी में हीही
: ऐसी किस्मत सबको नहीं मिलती बेटा , मै तो 2 रोज से तड़प रहा हूं। शहर के शहर भटक रहा था अब तक आज कही पाव रुके है मेरे
: मतलब चाची मिल गई ( अमन खुश होकर )
: हा बेटा मिल गई , अभी उसके घर पर रुका हु कल सुबह हम लोग निकलेंगे घर के लिए
: वाव पापा फिर तो मै भी जल्दी आता हूं हीही मजा आएगा ( अमन एकदम से खुश हो गया )
: नहीं नहीं बेटा तुम आराम से अपनी ट्रिप इंजॉय करके आना , तबतक मै तैयारिया देख लूंगा , ठीक है (मुरारी बोला )
: पापा?
: हा बोल न बेटा ?
: पापा चाची कैसी दिखती है , मतलब sexy है या नहीं हीही ( अमन कमरे में झाक कर अंदर का माहौल देख कर अपना लंड सहलाते हुए मुरारी से सवाल किया )
: बदमाश कही का , आकर देख लेना न कैसी है ? हाहाहाहा ( मुरारी हंसा)
: पापा बताओ न प्लीज
: अब क्या बताओ बेटे , एकदम कड़क गदराया पीस है उफ्फ तेरी बुआ संगीता के जैसी कसी हुई मोटी मोटी छातियां है और कूल्हे उठे हुए है उसके जैसे ही । उम्मम अब क्या बोलूं , मेरा तो सोच कर ही मूड बन गया अह्ह्ह्ह
: वाव सच में फिर तो चाचू के भाग्य खुल गए हीही ( अमन बोला )
: किस्मत तेरी भी कम बुलंद नहीं है बेटा , बीवी के साथ साली को भी चोद रहा है उम्मम हाहाहा ( मुरारी ने अमन को छेड़ा )
: पापा एक गजब की चीज दिखाऊं, कलेजा थाम के देखना ओके ( अमन कमरे में झांकता हुआ बोला )
फिर वो मुरारी को वीडियो काल उठाने की रिक्वेस्ट भेजता है
: ऐसा क्या दिखाने वाला है तू ( मुरारी अंधेरे में वीडियो काल उठाता है
: श्शशश, चुप रहिएगा (अमन ने मुरारी को टोका और वीडियो काल पर बैक कैमरा से कमरे के अंदर का माहौल दिखाय
अंदर दोनो बहने सोनल और निशा 69 पोजिशन में एकदूसरे के बुर और गाड़ चाट रही थी और सोनल तो अपनी एक उंगली निशा की गाड़ में गुब्ब गुब्ब पेलते हुए उसकी झड़ती चूत चाट रही थी )
इधर मुरारी की आंखे फटी की फटी रह गई और लंड एकदम उफान पर था
कमरे से बाहर निकल कर
: क्या हुआ पापा होश उड़ गए न
: बेटा ये तो मैने पहली बार देखा , बहु अपनी बहन के साथ , अह्ह्ह्ह बेटा तेरे तो मजे ही मजे है । ( मुरारी पजामे में अपना लंड मसल कर बोला )
: पापा जल्द ही आपकी बहु को आपके आगे लिटाऊनंगा फिर आप भी मजे लेना , चलो मै चलता हु बाय
: हा बेटा मजे करे ( मुरारी फोन काटकर ) मेरे नसीब में तो अभी दो रात चूत का कोई ठिकाना नहीं है ।
मुरारी छत से नीचे आया और वो मोबाईल का टार्च जला कर नीचे आ रहा था कि उसके जहन में अमन के सवाल कौंधी " चाची कैसी है ? "
मुरारी कमरे में आया और उसकी नजर जमीन पर सोई हुई अपने भाई की प्रेमिका पर गई , जो इस वक्त साड़ी बदल कर नाइटी में सोई थी ।
उसके घुटने फोल्ड थे और पैर की ओर से नाइटी में पूरा गैप बना हुआ था ।
मुरारी का जी ललचा गया
वो दबे पाव दूसरी तरफ आया और मंजू के चेहरे पर टार्च जलाई , वो गहरी नीद में थी और उसने झुक कर हौले से मंजू की खुली नाइटी में टॉर्च दिखाई
आहे क्या नजारा था , हल्की फुल्की झुरमुट में झांकी एक रसीली फांक
देखते ही मुरारी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा मगर वो ज्यादा देर तक ऐसे नहीं रुक सकता था इसीलिए वो उठ कर बिस्तर पर आ गया ।
वही दूसरी ओर अमन कॉल काट कर वापस आया कमरे में तो सोनल निशा की जांघें फाड़े हुए उसकी बुर में अपना मुंह दिए हुए थी
सोनल : अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है तेरी चूत रे अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह , इसको खा जाऊंगी आज उम्ममम
निशा उसके गाड़ के सुराख को गिला कर रही थी वो पागलों के जैसे सिसकने लगी जब सोनल इसके चूत में जीभ घुमाने लगी
निशा : ओह्ह्ह्ह मम्मीईईई उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम मै पागल हो जाऊंगी
अमन अपना लंड सोनल के मुंह पर लाता हुआ : हाय बेबी इसे नहीं चूसोगी उम्मम
सोनल ने नजरे उठा कर देखा और मुस्कुराते हुए अमन का लंड पकड़ कर मुंह में भर ली
अमन : ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम माय डर्टी बीच सेक्सी डॉल उम्ममम सक इट बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह
अमन सिसकने लगा और सोनल उसका लंड गले तक ले जाने लगी उसकी उंगलियां अभी भी निशा के बुर को मसल रही थी
निशा तड़पती हुई : डालो न जीजू उम्ममम प्लीज अह्ह्ह्ह
अगले ही पल सोनल ने लंड को मुंह से निकाल कर अमन का सुपाड़ा निशा के बुर के फांके पर रगड़ने लगा
निशा : अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न कामिनी अह्ह्ह्ह बहनचोद अह्ह्ह्ह्ह जाने दे न अह्ह्ह्ह
अगले ही पल अमन ने हचक से लंड को झटका दिया और वो निशा के बुर के फाकों को चौड़ी करता हुआ अंदर घुसता चला गया
निशा : ओह्ह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह जीजू पेलो मुझे उम्मम कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह रुकना नहीं उम्ममम यस्स जीजू उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् फ़क्कक्क फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी
अमन निशा की जांघें उठा कर तेजी से उसकी बुर में पेलने लगा : अह्ह्ह्ह ले मेरी जान कितनी गर्मी है तेरी बुर में अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है ओह बहिनचोद सपना था तुझे पेलने का जबसे तेरे चौड़े कूल्हे देखे थे उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह हा जीजू मै भी पागल हु आपके लिए अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम ममममाआ अह्ह्ह्ह्ह
वही सोनल निशा के निप्पल चूस रही थी और उन्हें मिंज रही थी कि उसकी नजर वापस से अमन के मोबाइल पर गई और लपक कर वो निशा के बगल में अपनी टांगे खोलकर भी लेट गई और सेल्फी कैमरे पर वीडियो बनाने लगी
निशा : अह्ह्ह्ह्ह कामिनी किसको दिखाएगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह जीजू और तेज अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो ताकत नहीं है क्या अह्ह्ह्ह
अमन जोश में उसकी जांघें पकड़ कर फचर फचर पेलने लगा : साली मादरचोद फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह
निशा तेजी से चीख रही थी
और सोनल हस्ते हुए सेल्फी कैमरे पर वीडियो ब्लॉग बना रही थी : हाय गाइज वी आर ऑन हनीमून , माय बिग डिक्की हब्बी फकिंग माय सिस्टर हाहा , देखो गाइज मेरी चूत अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है मुझे भी लंड चाहिए कोई चोदेगा मुझे हाहाहा
सोनल मस्ती कर रही थी और उसकी बातें सुनकर उसका लंड और फड़कने लगा कि क्या हो अगर ये वीडियो अपने पापा को दिखाएगा
अमन निशा को छोड़ कर लपक कर सोनल को अपनी ओर खींचा और गपक से लंड उसकी चूत में उतार दिया ।
सोनल : ओह्ह्ह्ह बेबी कितना टाइट है आह्ह्ह्ह मम्मा उम्मम्म फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अमन उसके हाथ से मोबाईल लेकर बैक कैमरा से वीडियो रिकार्ड करने लगा सोनल को चोदते हुए
सोनल अपनी जांघें खोलते हुए : अच्छे से बनाओ न बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम
निशा ने उसके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए और चूत सहलाने लगी , सोनल ने बदन और जोश बढ़ने लगा । निशा झुक कर सोनल के बड़े बड़े रसीले मम्में मुंह में भरने लगी अपनी गाड़ फैला कर
अमन उसकी भी सारी हरकते रिकॉर्ड करता है सोनल को पूरे जोश ने पेले जा रहा : ओह्ह्ह्ह्ह बेबी कितनी मुलायम चूत है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बाबू
सोनल : उम्ममम यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अगले ही पल निशा लपक कर अमन के हाथ से मोबाइल लेते हुए : जीजू मुझे दो न हिही
निशा ने सेम सेल्फी कैमरे से वीडियो चालू की और अपनी बुर सोनल के मुंह पर ले जाती हुई : देखो गाइज मेरी ये मेरी बहन है , ये मै हु और ये मेरी चूत चाट रही है , अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम और डाल ने जीभ ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम, अह्ह्ह्ह्ह गाइज देखो मेरी बहन को जीजू मेरे चोद रहे है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
सोनल ने निशा की दोनो जांघों को कस लिया और उसकी बुर के फांके चुंबलाने लगी
वही दूसरी ओर अमन सटासट उसकी बुर पेले जा रहा था , सोनल के बाद अब निशा की हरकते उसको और पागल किए जा रही थी , उसके पैर थक रहे थे ।
वो उठा और बिस्तर पर आ गया
लंड आसमान की ओर उठाए : आजाओ बेब्स
निशा : मेरी टर्न मेरी टर्न अह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा दोनों पैर फेक कर अमन की ओर अपना गाड़ करके उसका लंड अपनी बुर में लेकर बैठ गई : अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा कस कर अपने चूतड़ अमन के कड़क लंड पर पटक रहे थी और सोनल अमन के बाहों के लेती हुई उसके लिप्स चूसने लगी
सोनल : मजा आ रहा है मेरी जान उम्मम
अमन उसके नंगे चूतड़ नोचता हुआ : बहुत ज्यादा मेरी जान अह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू पेलो मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू आयेगा अह्ह्ह्ह
अमन निशा की बातें सुनकर उसके चूतड़ पकड़ कर नीचे से झटके देने लगा : अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ले साली रंडी अह्ह्ह्ह मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह झड़ जा अह्ह्ह्ह
अमन कस कस कर नीचे से कमर उछाल कर पेलने लगा और निशा अपनी आँखें उलटती हुई झड़ने लगी ,
अमन : ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी ओह्ह्ह्ह
निशा झट से उसके लंड से उठ गई और सोनल ने लपक कर अमन का लंड मुंह में ले लिया और अमन उसक सर पकड़ कर झटके खाते हुए झड़ने लगा : अह्ह्ह्ह मेरी जान पी ले अह्ह्ह्ह्ह ममीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बेबी अह्ह्ह्ह्ह
सोनल अमन के फड़कते लंड को पकड़े हुए आखिर से सारा पानी पीती रही और फिर उसका सुपाड़ा निशा के बहती चूत पर लगा कर वापस से चूसने लगी जिसे देखकर अमन के लंड में फिर से हरकत होने लगी
मगर सुबह से ये चौथी बार था जब वो इतने जोरदार तरीके से झड़ा था और सुस्ती उसके जिस्म पर हावी हो रही थी
फिर वो दोनों के साथ ही सो गया ।
अगली सुबह
मुरारी अंगड़ाई लेता हुआ उठा, उसको आंखों में हल्की फुल्की जलन महसूस हो रही थी और पता चला घर में धुआं उठ रहा था कही ।
मुरारी मच्छरदानी से निकल कर खड़ा हुआ और पजामे में उसके लंड एकदम कड़क उठा था सुबह सुबह । नीचे देखा तो मंजू उठ चुकी थी और पीछे हाते के पास चूल्हे से गर्मागर्म खाने की खुशबू आ रही थी। मुरारी ने घड़ी देखी तो 8 बजने वाले थे ।
अचरज नहीं हुआ मुरारी को मंजू इतनी सुबह क्यों खाना बना रही होगी ।
मुरारी अपना लंड पजामे में सेट करता हुआ हाते में चूल्हे के पास आया जहा मंजू रोटियां बेल कर सेक रही थी
मंजू मुरारी को अपने ओर आते देख मुस्कुरा उठी और झट से अपना दुपट्टा सर पर ले लिया । वो अभी भी रात वाली नाइटी में थी , जाहिर था अभी तक वो नहाई नहीं थी ।
मगर मुरारी को इससे फर्क नहीं पड़ने वाला था उसकी नजर तो मंजू को नाइटी की आधी खुली चैन पर थी जिसमें से मंजू के दो बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे और रोटियां बेलते समय मंजू के दोनों मम्मे खूब उछल रहे थे ।
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मुरारी का लंड एक बार फिर से सर उठाने लगा ।
मुरारी : अरे मंजू सुबह सुबह खाना
मंजू मुस्कुरा कर : हा भाईसाहब वो मुझे ऑफिस जाना है न
मुरारी : ऑफिस जाना है मतलब
मुरारी का हलक सूखने लगा कि कही उसने साथ चलने का प्लान कैंसिल तो नहीं कर दिया ।
मंजू : अरे मुझे मेरे सर को बताना पड़ेगा न कि मै अब काम पर नहीं आऊंगी और फिर हिसाब भी कराना पड़ेगा न
मुरारी की जान में जान आई : ओह ऐसा , मै सोचा कि
मंजू उसकी बात समझ कर मुस्कुराने लगी ।
मुरारी : बाथरूम में पानी आ रहा है क्या
मंजू : जी नहीं वो मैं पानी रख दी हूं आप जा सकते है
मंजू थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
फिर वो उठ कर झाड़ू लगाई और इधर मुरारी पाखाने में चला गया ।
मंजू ने सोचा कि जबतक मुरारी पाखाने में है क्यों न तबतक वो नहा ले , नहीं तो कपड़े बदलने की दिक्कत हो जाएगी ।
मंजू फटाफट से नल चला कर पानी भरने लगी और मुरारी को आवाज आने लगी नल चलने की
उसके भी जहन भी यही चल रहा था कि मंजू कैसे नहाएगी । क्या उसे देखना चाहिए ।
मुरारी खुद से बड़बड़ाया: वैसे कसे हुए रसभरे मम्मे है उसके एकदम टाइट ओह्ह्ह्ह लंड खड़ा कर दिया साली ने
तभी बाहर से पानी गिराने की आवाज आने लगी तो मुरारी की झटका लगा उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी ये सोचकर कि कही मंजू बहार नहाने तो नहीं बैठ गई । हड़बड़ी में वो बिना गाड़ धोए ही खड़ा होकर पाखाने के किवाड़ की जाली से बाहर नल की ओर झांका
तो देखा मंजू नाइटी में ही नल के पास बैठ कर अपने बदन पर पानी डाल रही थी ।
उसने नाइटी को जांघों तक उठा रखा था जिससे उसकी चिकनी नंगी सुडौल जांघें देख कर मुरारी का लंड ऐंठने लगा । उसकी नजर मंजू के भीगती नाइटी पर भी थी जिसमें से मंजू के चूचे शेप में आ रहे थे धीरे धीरे भीगकर
मुरारी : अह्ह्ह्ह बहनचोद बवाल चीज है यार मदन क्या किस्मत है साले तेरी , मस्त माल है आह्ह्ह्ह
मुरारी को फिर से प्रेशर आने लगा तो वो वापस हगने बैठ गया और उधर मंजू झटपट से नहा कर कमरे में चली गई और कड़ी लगा दिया ।
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुरारी तबतक बाहर आ चुका था । फिर वो भी नहाने बैठ गया और इधर तबतक मंजू ने पैकिंग के लिए ढेर सारे कपड़े बिस्तर पर फैला दिए थे ।
ब्लाउज पेटीकोट सारी नाइटी ब्रा पैंटी दुपट्टे जींस सूट सब कुछ ।
मुरारी नहा कर आया तो उसने बिस्तर पर बिखरे हुए कपड़े देखे , ज्यादातर पुराने थे । मुरारी को देख मंजू ने झट से दुपट्टे ब्रा पैंटी धक दिए ।
मुरारी ने भी थोड़ी नजरे फेरी मगर भीतर से तो वो पूरा जिज्ञासु हुआ जा रहा था कि मंजू की असल साइज क्या होगी ।
मुरारी : अरे इतने सारे समान लेकर कैसे जायेगे हम लोग , बस जरूरी समान और कपड़े रखो बाकी छोड़ दो
मंजू : तो ये सब सामान
मुरारी : देखो ये सब सामान आप पास जो भी तुम्हे खास लगे उसे देदो , वहां किसी चीज की कमी नहीं है ।
मंजू : जी ठीक है भाई साहब
मुरारी की बातों ने मंजू को सोच में डाल दिया था कि क्या करे वो , फिर उसे ये भी समझ नहीं आ रहा था कि उतने बड़े घराने में वो किन कपड़ो में जाएगी । ये सब पुराने कपड़े और अंडर गारमेंट किसी ने देख किया तो क्या सोचेंगे उसके बारे में । मंजू के जहन में झिझक हो रही थी । उसके जहन में कुछ योजना चल रही थी जिससे उसकी सारी झंझट ठीक हो सकती थी मगर वो मुरारी से साझा करने से कतरा रही थी
मुरारी : क्या हुआ , क्या सोच रही हो
मंजू : जी ? कुछ नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता कि हम लोग कल चलें ?
मुरारी : क्या हुआ , बताओ न ?
मंजू : जी वो मुझे कुछ कपड़े लेने है और ऑफिस भी जाना है । पूरा दिन लग जाएगा फिर पैकिंग भी बाकी है और ये सब सामान किसी को सौंपना है ।
मुरारी कुछ सोच कर : अच्छा ठीक है हम कल ही जाएंगे । पहले तुम खाना खा कर ऑफिस जाओ और निकल कर फोन करना मै आ जाऊंगा तो साथ में शॉपिंग पर चलेंगे
मंजू खुश होकर : जी ठीक है
फिर मंजू सारे कपड़े बिस्तर पर एक किनारे बटोर दी और मुरारी के लिए खाना लेने चली गई ।
अरुण के घर
सुबह का नाश्ता कर अरुण कालेज के लिए निकल गया था और रज्जो जो शिला के साथ उसके कमरे में थी वो नहाने चली गई और नहाने के बाद वो तैयार हो गई ।
रज्जो : अरे दीदी कब आयेंगे वो लोग , 9 बज गए है
शिला : रुको यार फोन करती हुं
फिर शिला ने अपने पति को फोन घुमा दिया
फोन पर
शिला : हैलो
मानसिंह : हा शीलू कहो
शिला : कहूं क्या कहू ?आपको तो मेरी फिकर ही नहीं है , सुबह आने वाले थे 9 बज गए है
मानसिंह : बस मेरी जान आधे घंटे में आ रहा हूं
शिला मस्ती भरे लहजे में : जल्दी आओ न मेरे राजा , कबसे तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह
मानसिंह : ओहो मेरी जान मूड में है क्या
शिला रज्जो को देख कर मुस्कुराई और अपनी हसी रोक : अह्ह्ह्ह्ह हा बहुत ज्यादा , कितने दिन से मै तड़प रही हूं उम्मम जल्दी से आओ न
मानसिंह : बस मेरी आ ही गया हू रखो मै गाड़ी चला रहा हूं
फोन कट जाता है
रज्जो और शिला खिलखिला कर हस दिए
रज्जो - ये बढ़िया तरीका है जल्दी बुलाने का हीही उम्मम
शिला - अरे जब तड़पकर आयेंगे तभी तो और मजा आएगा हीही
कुछ देर मानसिंह की गाड़ी उसके घर के दरवाजे पर खड़ी थी ।
मानसिंह झट से उतरा और उसके साथ रामसिंह और कम्मो भी ।
कम्मो हस कर : अरे भाई साहब दीदी कही भाई नहीं रही है हाहा
रामसिंह : भाभी ने हड्डी फेक दी है कम्मो , अब भैया कहा किसी की सुनने वाले है हीही
मानसिंह अपना पजामा सेट करता हुआ : तुम दोनों चुप रहो , तुम्हारे आउटडोर क्विकी के चक्कर में लेट हो गया हमें
कम्मो : कॉम डाउन मेरी जान , मजा नहीं आया क्या आपको उम्मम खुले ने मुझे पेल कर
कम्मो पार्किंग में पजामे के ऊपर से ही मानसिंह का खड़ा लंड पकड़ते हुए बोली ।
मानसिंह सिहर उठा : अह्ह्ह्ह्ह कम्मो जाने दे न मुझे अह्ह्ह्ह
और मानसिंह झटके से घर में चला गया । वही कम्मो खिलखिलाने लगी
रामसिंह : भैया को तंग करने में तुम दोनों बहने एक सी हो हीही
कम्मो : क्यों जलन हो रही है
रामसिंह हस कर अपने लंड की ओर इशारा कर : मुझे नहीं इसे जरूर हो रही है
कम्मो ने हाथ बढ़ा कर रामसिंह का लंड पकड़ लिया : चलो इसको थोड़ा दुलार देती हूं मान जायेगा
और रामसिंह ने वही पार्किंग में ही कार पास खड़े हुए कम्मो के लिप्स चूसने लगा ।
कम्मो की सांसे चढ़ने लगी : जान ऊपर चलते है न
रामसिंह साड़ी के ऊपर से उसकी गाड़ दबोचता हुआ : यही कर लेते है न मेरी जान एक और आउटडोर क्विकी
कम्मो लजाई: धत्त
और निकल गई घर में ।
वही मानसिंह बड़े तेजी से हाल में घुसा और किचन में मीरा को काम करता देख शांत हुआ
मानसिंह : मीरा , नीलू की मां कहा है ?
मीरा : जी नमस्ते साहिब वो अपने कमरे में ही होगी
मानसिंह बिना कुछ बोले तेजी से अपने कमरे के पास चला गया ।
कमरे में कोई नहीं दिखा उसे जोरो की पेशाब लगी थी तो वो पहले फ्रेश होने लगा और जैसे ही बाहर आया और सोफे पर बैठ कर अपने जूते निकालने लगा
शिला हाथ में नाश्ते का ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुई , उसने आज नए तरीके से साड़ी पहनी हुई थी
शिला के चुस्त ब्लाउज के उसकी छातियां मुश्किल से बिना ब्रा के समा पाई थी । ज्यादातर तो बाहर निकल आई थी । उसने सीधा पल्ला का साड़ी पहन करअपना चेहरा पल्लू से पूरा ढक रखा था और आगे से उसका ब्लाउज से मोटी चूचियां और नंगा बड़ा पेट साफ साफ नजर आ रहा था ।
मानसिंह ने जैसे ही शिला को साड़ी में ऐसे कामुक अवतार में देखा तो उसकी हलक सूखने लगी
मानसिंह : आहा मेरी जान क्या मस्त लग रही हो , अह्ह्ह्ह्ह ये पर्दा क्यों , आओ न बैठो
शिला ने ट्रे टेबल पर रखा और पीछे होकर खड़ी हो गई
मानसिंह : आओ न मेरी जान
शिला ने बिना कुछ बोले न में सर हिलाया
मानसिंह की नजर शिला के गदराई हुई मोटी मोटी चूचियो पर थी जो उसे ललचा रही थी और उसकी गुदाज गहरी नाभि देख मानसिंह का गला सुख रहा था ।
मानसिंह : अह्ह्ह्ह जान अभी भी नाराज हो क्या
शिला ने घूंघट में ही बिना कुछ बोले हा में सर हिलाया तो मानसिंह हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कलाई पकड़ ली तो शिला एकदम से चौक गई और कुनमुना कर अपनी कलाई छुड़ाने लगी और उससे दूर होने के लगी कि मानसिंह ने एक बार फिर से उसकी कलाई पकड़ते हुए उसको अपनी ओर खींचा और अपनी गोदी में बिठा लिया
शिला सिसकी और मानसिंह उसके बड़े चौड़े कूल्हे को मसलता हुआ अपने हाथ उसके नंगे पेट कर सहलाने लगा: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान क्यों नाराज है, अब तो आ गया न तेरे पास , जरा एक अपने मीठे होठों का रस तो पिला
जैसे ही मानसिंह ने शिला ने सर से पल्लू हटाया उसको जोर का झटका लगा वो उछल कर फर्श पर खड़ा हो गया और कमरे में एक तेज खिलखिलाहट गूंजने लगी
मानसिंह ने दरवाजे की ओर देखा तो वहां शिला लेगी कुर्ती में हस रही थी और अब तक जिसे मानसिंह शिला समझ रहा था वो रज्जो थी ।
रज्जो थोड़ी लजा शर्मा रही थी क्योंकि उसे ये उम्मीद नहीं थी कि मानसिंह एकदम से उसके जिस्म को मिजने लगेगा ।
मानसिंह : आ दादा , माफ कीजिएगा भाभी जी , मुझे लगा शिला है और आप कब आई तुमने बताया नहीं
मानसिंह जितना हो सकता था माहौल को बदलने की कोशिश कर रहा था मगर शिला ने रज्जो के सामने उसका मजा लेने से बाज नहीं आई और जमकर अपने पति को छेड़ा ।
शिला मजे लेते हुए : वैसे अब पता चल गया कि आप मुझसे जरा भी प्यार नहीं करते हूंह
मानसिंह कभी शिला को तो कभी मुस्कुराती लजाती रज्जो को देख कर सफाई देता हुआ : अरे मुझे कैसे पता कि घूंघट के नीचे भाभीजी होंगी , प्लीज भाभी जी मुझे माफ कीजिएगा प्लीज
रज्जो हस्ती हुई : कोई बात नहीं ये हम दोनो की ही शरारत थी
मानसिंह शिला की ओर देखकर : लो देखो ,
शिला : क्या देखो , भले ही ये हमारी शरारत थी मगर आपको तो मुझे पहचानना चाहिए था न हूह
रज्जो हसने लगी : हा ये भी .. हीही
मानसिंह शर्म से झेप कर : क्या भाभी आप भी मतलब
शिला : चलो भाभी , हम चलते है अब रहिए आप अकेले हूह
मानसिंह : अरे सॉरी न नीलू की मां , प्लीज
शिला मुंह बना कर : हा हा ठीक है , आप नहा धो कर नाश्ता कर लो हम आते है
मानसिंह : अरे कहा जा रहे हो
शिला : अरे रज्जो भाभी के कुछ कपड़े कल देने गई थी गांव में , तो वही लेने जाना है
मानसिंह : ओह ठीक है , जल्दी आना प्लीज
शिला मुंह बनाते ही अंगूठा दिखा कर : ठेंगा आऊंगी जल्दी हा नहीं तो
और दोनों कमरे से बाहर हस्ती खिलखिलाती निकल गई ।
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वही इन सब के अलग चमनपुरा में
रंगीलाल का बैग पैक हो चुका था और नाश्ता करके वो तैयार था
रंगी : राज बेटा दुकान के साथ घर का भी ध्यान रखना और तुम छोटे सेठ पढ़ाई न रुके बोर्ड है न इस बार
अनुज : जी पापा
रंगी : राज दुकान पर कुछ न समझ आए तो फोन कर लेना
राज : ठीक है पापा
रंगी : राज की मां तुम भी ख्याल रखना अपना
रागिनी कुछ बोले अनुज बीच में टपका : पापा मै हु न , मम्मी के पास हमेशा आप बेफिक्र जाओ
अनुज की बात पर सब हसने लगे
रागिनी मुस्कुरा कर : तेरा बैग रेडी हुआ , कालेज जाना है न तुझे भी
अनुज : कल से न मम्मी प्लीज
राज : कोई ड्रामा नहीं , चुप चाप कालेज जा
अनुज मन मारकर चुप हो गया और
रंगी भी मुस्कुरा कर सबसे विदा लेकर निकल गया आपने ससुराल के लिए।
वही राज आज से अपने पापा वाले दुकान पर बैठने वाला था और रागिनी कास्मेटिक वाले दुकान पर । अनुज भी अपने बैग रेडी कर निकल चुका था कालेज के लिए ।
जारी रहेगी
बहुत ही जबरदस्त और लाजवाब अपडेट है भाई मजा आ गयाUPDATE 117
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
पिछ्ले अपडेट मे आपने पढा कि एक तरफ जहा राज काजल के मामले काफी हद तक सफल हो रहा था ,,वही राजन की इज्जत बाल बाल बच गयी और इनसब से अलग पल्लवि अपने पापा चुद ना पाने के कारण अनुज के लिए फिर से बेताब होने लगी है ।
अब आगे
सारे लोग निचे हाल मे एकजूट थे सिवाय अनुज और रमन के ।
किचन मे सोनल और पल्लवि आपस मे बाते कर रही थी ।
वही हाल मे पंखे के निचे बैठे हुए चारो लोग भी सादी की आगे की तैयारियो के बारे मे चर्चाये कर रहे थे ।
वही रज्जो अब खुल कर कमलनाथ के सामने राजन से आन्ख मिचौली किये जा रही थी ।
ममता भी अपने भैया कमलनाथ के साथ इशारे बाजी कर रही थी क्योकि ढलती रात मे वो आज भी अपने भैया के साथ चुदने को उतावाली हुई जा रही थी ।
कमलनाथ - अरे रज्जो आज ममता हमारे साथ रहेगी , उसे टीवी पे फिल्म देखनी है
रज्जो मुस्कुरा कर राजन को देखते हुए - अरे तो फिर सिर्फ ममता ही क्यू , जीजा जी भी रहेंगे ।
राजन रज्जो का आमंत्रन सुन कर गदगद हो गया ।
इतने मे सोनल चाय नास्ते का ट्रे लेकर हाल मे आते हुए - ये क्या बात हुई मौसी ,, हम लोग को नही दिखाईंगी क्या
रज्जो - अरे सारे लोग रहेंगे बेटा ,,,
इधर रज्जो की बाते सुन कर पल्लवि मन ही मन कुछ सोच कर खुश हुई कि उसकी योजना शायद अब काम कर जाये ।
सारे लोग चाय का लुफ्त उठाते है , वही रज्जो धीरे से राजन को आंख मारती जिसको कमलनाथ देख लेता है और जब राजन की नजरे कमलनाथ से टकराती है तो इधर उधर नजर फेर कर अटपटा सा मह्सूस करता है ।
खैर चाय नास्ते का समय खतम होता है और फिर सोनल पल्लवि को लेके किचन मे रात के खाने के लिए तैयारी करने चली जाती है ।
रज्जो - ममता आ चल उपर चलते है कुछ काम है थोडा
रज्जो की बात पर राजन - अगर कोई जरुरी काम हो तो हम भी चले भाभी जी
रज्जो ह्स के राजन को छेड़ने के अंदाज मे - आप तो ऐसे परेशान हो रहे है जैसे आपकी बीबी को मै नही मेरे पति कही अकेले मे ले जा रहे हिहिहिहिह
राजन थोडा असहज होकर - हिहिहिहिह क्या आप भी भाभी जी मुझे लगा कोई काम होगा तो मै भी मदद कर दूँगा ,,,क्यो भाईसाहब
राजन अपनी तर्क को कमलनाथ मथ्थे चढाते हुए बोला ।
कमलनाथ भी राजन का साथ देते हुए - हा रज्जो राजन सही कर रहा है ।
रज्जो हस कर - तो आओ आप लोग भी , हमारे ब्लाउज मे हुक टाँक दो हिहिहिही
कमलनाथ अचरज से - मतलब
रज्जो हस कर - अरे भई शादी मे पहनने के लिए जो ब्लाउज सिली है सोनल, उसमे हुक टाकने है ,,,तो चलो आप लोग भी मदद कर देना
ममता रज्जो के बात पर खिलखिला दी ।
कमलनाथ हस कर - क्या तू भी रज्जो हिहिहिही
रज्जो ने अब कमलनाथ का हाथ पकड कर खिच्ते हुए - नही नही आओ आओ चलो अब
रज्जो - ये ममता खिच अपने भैया को मै जरा नंदोई जी को लेके चल्ती हू हिहिही
ममता भी थी चंच्ल और अपने भैया के साथ ऐसी हरकतो से बाज कहा आती उसने भी कमलनाथ का हाथ पकड कर लेके सीढियो की ओर जाने लगी ,,,और कमलनाथ अपनी बहन का स्पर्श पाते ही खुद को ढिला छोड दिया ।
वही रज्जो राजन का हाथ पकड कर - चलिये आप भी अब हिहिही
हालांकि राजन का पुरा मन था उपर जाकर थोडे गप्पे मारने का फिर भी वो थोडा नाटक करके हाथ छुड़ाने की कोसिस करता हुआ - हिहिहिही क्या भाभी,,भाईसाहब जा रहे है ना तो मेरी क्या जरुरत
रज्जो राजन को खिचते हुए - अरे आप चलिये मेरे पेतिकोट मे नाड़ा डाल दिजियेगा हिहिही
राजन रज्जो की बात पर हस पडा और रज्जो इतने मे भी उसपे भारी हुई और उसे खिचकर सीढिओ की ओर ले गयी ।
थोडी देर बाद चारो लोग ममता के कमरे मे थे ।
रज्जो ने अपनी आल्मारि से करिब 6 ब्लाउज और 6 पेतिकोट निकाले ।
रज्जो ने एक ब्लाऊज कमलनाथ को तो एक ब्लाऊज दिया और फिर सुई धागा भी थामा दिया ।
और खुद दोनो भी एक एक ब्लाउज लेके बैठ गयी ।
इधर दोनो ननद भौजाई ब्लाउज मे हुक की टकाई शुरु भी कर दी थी । तभी ममता की नजर अपने भैया पर गयी जो अपनी आन्खो को महीन करके कबसे सुई मे धागा डालने की कोशिश कर रहा था
ममता हस्कर - अरे भैया थुक लगा के डालो ना उसमे हिहिही
रज्जो ने जैसे ही ममता के इस वक्तव्य को सुना वो हस कर - अरे तू ही एक बार थुक लगा के दिखा दे ना अपने भैया को ,,,,
रज्जो की बात सुन कर ममता समझ गयी और मुस्कुरा कर अपने भैया के हाथ से सुई धागा लेके
उसमे डाल के देदी ।
ममता - भाभी मै जरा मेरे कमरे से और ब्लाउज लाती हू उन्के भी हुक ढीले हो गये हैं ।
रज्जो मुस्कुरा कर - हा हा जा लेके आ ,,आज सारे हुक अपने भैया से टाइट करवा ले हिहिहिह
ममता हस्कर उठती हुई - हिहिही क्या भाभी आप भी
इधर ममता अपने कमरे मे गयी और मौका देख कर रज्जो राजन को हुक टाँकते देख हस कर बोली - लग रहा है ममता ने बहुत हुक लगवाये है नंदोई जी से हिहिहिही
राजन -हिहिहिही अरे नही ऐसी कोई बात नही है भाभी जी ,,,ये तो आसान ही है देखीये लग गया है एक ब्लाउज का
राजन ने वो ब्लाऊज रज्जो को देते हुए कहा ।
रज्जो ने जब वो ब्लाउज को देखा तो खिलखिला पडी क्योकि सारे हुक निचे ही लगे थे और उपर चार उंगल खाली ही छोड रखा था । जहा पर दो हुक और लगते
रज्जो हस कर - ये क्या जीजा जी बदला लेने का विचार कर रहे है क्या हिहिहिही
कमलनाथ - मतलब
रज्जो कमलनाथ को ब्लाउज दिखाते हुए - ये देखिये ,,,उपर के दो हुक जानबुझ कर छोड़ दिये इन्होने
राजन सकपका कर - अरे रे रे नही नही भाभी आप गलत समझ रहे ,,,वो मुझे लगा कि चार हुक ही लगते है ब्लाउज मे तो उतने मैने टाक दिये ।
रज्जो- अरे कम से कम साइज़ तो देख लेते एक बार
कमलनाथ - ये क्या भई अरे खुद देख लो चलेगा तूम तो हमारी बीवी को सबको दिखाने की फिराक मे हो ।
रज्जो शर्माने का नाटक करते हुए - क्या जी ये क्या बोल रहे है आप ,,, क्या मतलब नंदोई जी देख सकते है तो चलेगा हम्म्म्म
कमलनाथ पर रज्जो को बरसता देख राजन मुह दबाए हसे जा रहा था ।
रज्जो - और आप क्यू मुह मे ही हसे जा रहे हैं,,, आप भी कोई ऐसा खयाली पुलाव ना पका लिजिएगा जिजाजी, इनके कहने पर ...
राजन हस कर - अरे नही भाभी जी ,,,भला मै क्यू ऐसा कुछ ...
कमलनाथ रज्जो के साथ मिलकर राजन को घेरता हुआ - हा भाई ,,, अरे पहले ही दो बार खुले खजाने पर नजर मार चुके हो ,,,,एक ही दिन मे कितनी बाजी मारना चाहते हो
रज्जो - दो कहा जी , पुरे 3 बार ,,वो अभी थोडी देर पहले जब मै कपडे बदल रही थी तब
राजन सफाई देता हुआ - अरे नही नही भाभी जी तब तो मै कुछ देख ही नही पाया था
रज्जो - देख नही पाया था मतलब,,,हम्म्म
राजन अपनी बात पर उलझ कर रह गया और उसके पास रज्जो की हाजिर जवाब का कोई तर्क ही नही रह गया तो वो हस कर - अ ब ब मतलब हिहिहिही अब मै मै क्या बोलू ,,, माना कि मैने देखा था थोडा लेकिन पुरा नही ,
राजन की बात पर रज्जो आंखे उठा कर देखती है तो राजन सकपका जाता है और वो पहले कमलनाथ को अपनी ओर घुरता हुआ पाता है फिर रज्जो को देखकर हडबड़ा कर - म मे मे मेरा मतलब, मेरी कोई व्यक्तिगत इच्छा नही थी इसमे ,,,ये तो बस इत्तेफाकन हो गया और तो और भाई साहब थे ही ना साथ मे
राजन की गाज कमलनाथ अपने सर आते देख सकपकाया मगर ऐन मौके पर ममता अपनी कुछ ब्लाउज लेके कमरे मे आती हुई - अरे क्या हो गया जी इत्तिफाकन हमे भी बताओ
अचानक ममता के आने से कमरे से सबसे ज्यादा राजन की हालत खराब होने लगी वही रज्जो हसते हुए कुछ बोलने वाली थी तो राजन ने ना मे सर हिलाया तो रज्जो ने इशारे मे हामी भरते हुए एक नजर कमलनाथ को देखा और मुस्कुराने लगी ।
ममता अपने भैया के बगल मे बैठते हुए- अरे क्या हुआ ,,आप ही बताओ न भैया
कमलनाथ हस कर - यही कि आज ये इत्तिफाकन ही है कि हमे ब्लाउज मे हुक लगाने पड रहे है ।
कमलनाथ की बात पर सब हसने लगे
रज्जो भी माहौल का मजा लेते हुए - हा लेकिन इस इत्तेफ़ाक़ मे आपकी चान्दी हो गयी ,,, बहन के ब्लाउज मे हुक लगाने का मौका जो मिल गया हिहिहिही
रज्जो की बात पर कमलनाथ थोडा राजन के सामने झिझका तो वही ममता ने मौका देख कर बोला - और आप जो अपने नंदोई से अपनी पेतिकोट मे नाड़ा डलवा रही है उस्का क्या हिहिहिह्हिही
ममता की बात पर सब के सब मुह मे अपनी हसी दबा और एक दोहरे अर्थ वाले संवाद से जोड कर मजे लेने लगे ।
मगर इनसब के बिच के सबको एक दुसरे के प्रति औपचारिक रूप से नैतिकता भी दिखानी थी तो कोई खास बात आगे नही बढ़ी और थोडी देर बाद सारे काम खतम होने तक ऐसे ही तंज कसने और हसी ठीठौली का मौहोल बना रहा ।
फिर थोडी देर बाद रज्जो ममता को लेके निचे चली जाती है और जाने से रज्जो कमलनाथ को DVD set लगाने के बाद निचे खाना खाने के लिए आने का फरमान सुना के चली जाती है ।
हालाकि रज्जो के कमरे मे पहले से ही केबल वाली टीवी का बन्दोबस्त था लेकिन कभी कभी रज्जो और कमलनाथ का मूड कुछ खास फिल्मो को देखने का होता तो वो उसके लिए बाकायदा पंजाब से एक DVD सेट और कुछ कैसेट रिकॉर्डिंग लाये थे । जिन्हे वो कुछ खास अवसरो पर ही चलाते जब रमन कही बाहर गया होता था। हालाकी उन कैसेटस मे कुछ बेहतरिन और अच्छी फिल्मे भी थी ।
मगर रज्जो जान्बुझ कर रमन के रहते कभी भी उन कैसेट को नही चलने देती क्योकि उसका कारण ये था कि उन कैसेट के बारे मे रमन को पहले से ही पता था और ना जाने कितनी बार रज्जो ने खुद रमन के साथ उन खास कैसेट को प्ले करके कुछ खास पल बिताये थे ।
इधर रज्जो के जाते ही कमलनाथ राजन को लेके स्टोर रूम मे चला जाता है और वहा DVD सेट का बॉक्स लेके अपने कमरे मे आता है ।
इधर कमलनाथ अपने dishTv का कनेक्सन निकाल कर उसकी जगह DvD player सेट करता है ।
इधर राजन की नजर उस dvd बॉक्स मे रखे कैसेटस पर जाती है जिनमे हिन्दी फिल्मो से ज्यादा कूछ ऐडल्ट फिल्मो के कैसेट थे ।
राजन बडे गौर से उन DVD कैसेट के नाम और उस छ्पी नंगी तस्वीरो को निहारता है और उसका लण्ड अन्गडाई लेने लगता है और वही जब कमलनाथ की नजर राजन पर जाती है तो वो मुस्कुराने लगता है ।
कमलनाथ हस्कर -क्यू भाई आज यही देखने का मन है क्या
राजन चौक कर - नही नही भाईसाहब वो तो मै बस देख रहा था ,,,
इतना बोल कर राजन दूसरी अलग अलग फिल्मो की कैसेट निकालने लगा ,,,जिनमे ज्यादातर सेक्स वाली ही भरी पडी थी ।
राजन को बहानेबाजी करता देख कमलनाथ हस कर- अरे भाई इतना परेशान क्यू हो रहे हो , इसमे एक दो को छोड कर सारी कैसेट वही वाली है ।
राजन आंखे चौडी करके कमलनाथ को देखता है ।
कमलनाथ हस कर - अरे इसमे चौक क्यू रहे भाई ,,,, कभी देखी नही क्या
राजन पहले से ही गाव मे रहता था तो कभी कभी त्योहारो या कोई मेले पर ही गाव में कभी कभी पर्दा पर कुछ फिल्मो को देखा था ।
हालाकी उसने काफी बार अपने मित्रो और जानने
वालो से सुना था कि शहर मे कयी सिनेमा घरो मे गन्दी फिल्मे चलती है
मगर उसकी कभी किस्मत नही हुई की वो ऐसी फिल्मे देख पाये। तो उसने कमलनाथ के स्वाल पर बडी सादगी से ना मे सर हिला देता है ।
कमलनाथ राजन की भावना समझ गया तो उसने मुस्कुरा कर एक नजर बाहर देखा और फिर राजन से बोला - देखनी है क्या
राजन कमलनाथ के प्रस्ताव से गदगद हो गया लेकिन फिर भी उसमे हिचक थी कि कैसे वो अपनी भावना अपने ही साले के सामने रखे ।
कमलनाथ राजन को हिचकता देख हस कर - मुझे पता है तुम्हारा मन है ,,रुको मै लगाता हू ,बस दरवाजे पर नजर रखना
राजन बिना कुछ बोले शांत रहा और वो दरवाजे पर नजर रखने लगा । उसका दिल बहुत जोरो से धडक रहा था । एक रोमांच भी कपकपी सी राजन के दिल मे उठ रही थी और उसका लण्ड पाजामे मे टाइट हो रहा था ।
इधर कमलनाथ ने प्यारी भाभी
नाम से एक DVD निकाली और उसे लगा दिया,,, शुरुवाती म्यूज़िक आते ही कमलनाथ और राजन तेज आवाज से चौके ,,,मगर कमलनाथ ने फौरान रेमोट से mute का बटन दबा दिया ।
राजन की सास मे सास आई और वो कमलनाथ को देख कर मुस्कुराने लगा ।
इधर दोनो वही टीवी के सामने खडे खडे ही उस फिल्म को देखने लगे ,,,इधर कमलनाथ ने रेमोट से शुरुवात के क्रेडिट सीन को भगाके एक सिन पर रोक दिया जहा एक मोटी गदराई औरत लाल पेतिकोट ब्लाउज मे खड़ी कमरे मे साडी सहेज रही थी और वही कमरे के बाहर दरवाजे के पास एक आदमी कमरे मे झाकता हुआ जान्घिये के उपर से अपना लण्ड मसल रहा था ।
इस सीन को देख कर कमलनाथ और राजन को सुबह का दृश्य याद आ गया जहा राजन कमरे मे रज्जो को कपडे पहनते देख्कर अपना लण्ड मसला था । वही कमलनाथ ने उसे ये सब करते जीने पर से देख लिया था ।
दोनो आपस एक बार नजरे उठा कर देखते है और मुस्कुरा कर वापस टीवी मे लग जाते है । इधर कमलनाथ फिर से फिल्म को रेमोट के माध्यम से आगे बढाता है जहा वो औरत अपने पति से नंगी होकर चुदवा रही थी और उन दोनो की चुदाई वो
दुसरा आदमी खिडकी के रास्ते देखकर अपना लण्ड हिला रहा होता है ।
आगे की स्टोरी मे पता चलता है कि वो दुसरा आदमी उस औरत के पती का दोस्त है ।
कमलनाथ हर 2 या 3 मिंट के बाद फिम्ल को आगे बढा देता था और जहा सेक्स सीन आते वहा टीवी mute कर देता ।
राजन और कमलनाथ दोनो के दिलो की धडकनें तब और तेज हो जाती है जब वो औरत अपने पति के दोस्त के साथ चुदवाने के लिए राजी हो जाती है और फिर कमलनाथ कहानि को आगे भगा देता है जहा उस औरत का पति उसे अपने दोस्त के साथ चुदते हुए पकड लेता है और फिर भाव्नात्मक दृश्य चल रहे होते है जिनहे देख कर राजन और कमलनाथ दोनो के लण्ड वापस सिकुड़ने लगते है ।
तो राजन मुस्कुरा कर कमलनाथ से आंखो से इशारा करके कहानी आगे बढ़ाने को कहता तो कमलनाथ मुस्कुरा कर फिर से mute बटन दबा कर कहानी को आगे बढाता है और एक सेक्स सीन पर रोक देता है जहा वो औरत अपने पति और उसके दोस्त दोनो के साथ होती है ।
इधर दोनो फिल्म की गतिविधियों मे इतने खो गये थे कि उन्हे दरवाजे का ध्यान ही नही और ऐन मौके पर रज्जो की आवाज सीढियो से आती हुई सुनाई देती है । दोनो की हवा टाइट हो जाती है और उन्हे समझ नही आता है कि क्या करे
तो कमलनाथ तुरंत लपक कर मेन स्विच ऑफ कर देता है जिससे राजन को थोडी तस्ल्ली तो होती है लेकिन फिर उस्का दिल तेजी से धडक रहा होता है ।
रज्जो कमरे मे आते हुए - क्या जी कितना समय लगेगा आपको सेट करने मे ,,,खाना तैयार हो गया है ।
रज्जो की बात पर कमलनाथ हडबडी दिखाते हुए - हा हा बस हो ही गया है ,,, तुम चलो मै आता हू
रज्जो को कमलनाथ की हडबडी और उन्दोनो के पसीने से भिगे चेहरे देख कर कुछ शक होता है और तभी उसकी नजर उस कैसेट के कवर पर जाती है , जिसे कमलनाथ ने DVD मे लगा रखा था ।
रज्जो समझ जाती है कि यहा क्या चल रहा था तो उसे इससे अच्छा मौका नहीं मिलने वाला अपने प्लान के लिए ।
तो वो हस कर - अरे तो चालू किजीए मै भी देखू कौन सी फिल्म लगेगी आज
रज्जो की इस वक्तव्य से सबसे ज्यादा परेशानी राजन को होने लगी
वही कमलनाथ बार बार सफाई देने लगा तो रज्जो का शक यकीन मे बदलने लगा ।
रज्जो ने फौरन लपक कर मेन स्विच ऑन कर दिया और सामने सीधा वही सीन चालू मिला जिस पर कमलनाथ ने स्विच ऑफ़ किया था ।
रज्जो की आंखे चौडी हो गयी और क्योकि टीवी मे वो औरत को उसके पति का दोस्त पीछे चोदे जा रहा था और उसका पति उसके मुह मे पेले जा रहा था ।
रज्जो वो सीन देखा और फौरन वापस से मेन स्विच गिरा दिया ।
राजन शर्मिदा होने के भाव मे - माफ कीजिएगा भाभी जी ,,,वो इसिलिए हम लोग मना कर रहे थे ।
कमलनाथ भी मन गिरा कर - अब हा रज्जो सॉरी ,
रज्जो सब समझ रही थी की क्यू ये फिल्म ही कमलनाथ ने चलाई क्योकि ये फिल्म वो और कमलनाथ कयी बार देख चुके थे ।
रज्जो तुनक कर कमलनाथ झूठ कर गुस्सा दिखा कर - हम्म्म तो आज यही सबको दिखाएँगे आप हा
राजन को यहा थोडा बुरा लगने लगा कि रज्जो बेवजह कमलनाथ को डाट लगा रही थी क्योकि फिल्म देखने की इच्छा उसकी ही थी ।
राजन रज्जो को रोकते हुए - अरे नही भाभी जी आप भाईसाहब पर क्यू नाराज हो रही है ,,,वो तो मेरी इच्छा थी कि बस एक बार इसे चला कर देखू ,,क्योकि ...
ये बोल कर राजन चुप हो गया और एक अपराधी के भाव मे सर निचे झुका लिया
रज्जो थोडा आवेश दिखाकर- क्या ,,,,आगे भी बोलिए
राजन सच्चाई बताते हुए - वो मैने कभी ऐसी कोई फिल्म नही देखी तो बस एक बार के लिए मेरा मन हुआ ,,,यकीन मानिये इसमे भाईसाहब की कोई गलती नही है ।
रज्जो राजन की हालत पर मुस्कुराई और फिर खुद को सामन्य करते हुए - अरे तो कम से कम आप लोगो को दरवाज बंद कर लेना चाहिए ना ,,, मान लो मेरी जगह कोई बच्चे आ गये होते या ममता ही आ गयी होती तो
रज्जो की बात पर कमलनाथ और राजन दोनो स्कते मे आ गये ।
रज्जो उन दोनो के उडे हुए चेहरे के भावो को देख कर अपनी हसी रोक ना पाई - और उपर से ये सीन ,,, किसके साथ आजमाने वाले थे ये सब आप लोग हम्म्म्म
रज्जो के रवैये मे अचानक हुए परिवर्तन से दोनो को थोडी राहत हुई और वो दोनो पहले एक दुसरे को देखते है फिर रज्जो पर नजर डालते है और वापस एक दुसरे को देख कर मन ही मन मुस्कुरा कर नजरे चुराने लगते है ,,,जैसे दोनो ने रज्जो के सवाल का जवाब पा लिया हो ।
रज्जो भी उनकी भावनाए भाप लेती है और आन्खे बडी करती हुई हसकर पीछे होने लगती है - नही नही ये नही हो सकता ,,,आप लोगो का दिमाग ठिकाने तो है ना
रज्जो के इस हरकत पर
कमलनाथ थोडी नैतिकता दिखाते हुए आगे बढता है कि वो रज्जो को समझाए कि जो वो सोच रही है वैसा कुछ नही है,,,मगर उसके पहले ही रज्जो हसकर कमरे से बाहर निकल गयी ।
रज्जो के जाते ही कमलनाथ हस कर - ये रज्जो भी ना कितनी पागल है हिहिही
राजन अभी भी हिचक रहा था और वो थुक गटक कर अप्र्त्क्ष्य रुप से अपनी बात कमलनाथ के साम्ने रखा - वो तो ठिक है भाईसाहब लेकिन भाभी जी का ये सोचना उचित नही है कि हम दोनो उनके साथ उस फिल्म जैसा कुछ करने का सोच रहे ।
राजन की बात पर कमलनाथ गदगद हो गया कि चलो कम मे कम राजन के मन मे उस मनमोहक पल का दृश्य को बैठ गया है बस उसकी भावनाओ पर काम करने की जरुरत है ।
कमलनाथ - हा भाई ये बात तो तुम्हारी ठिक है लेकिन अब क्या करे ,,,तुम ही बताओ । मुझे कुछ समझ ही नही आ रहा है ।
राजन थोडा गम्भीर होकर - ऐसा करते है पहले ये कैसेट निकाल कर इसको सुरक्षित रख देते है और फिर एकानत मे हम दोनो भाभी जी से बात करते है ।
राजन - क्योकि मै नही चाहता कि किसी गलतफहमी से हमारे सम्ब्न्धो मे दरार आये ।
कमलनाथ राजन की बातो से सहमत हुआ और उसे भी थोडा डर सा लगा कि कही वो और रज्जो सच मे जल्दीबाजी मे काम ना बिगाड़ दे ,,,पता नही राजन मन से किस मिजाज का आदमी है ।
खैर कमलनाथ ने उस कैसेट को निकाला और 2 3 हिन्दी फिल्मो की DVD निकाल कर वही टेबल पर रख दिया और बाकी का सामान वापस स्टोर रूम मे रख कर निचे खाना खाने के लिए चला गया ।
अब तक निचे अनुज और रमन भी दुकान से वापस आ गये थे ।
सारे लोग साथ मे बैठ कर खाना खा रहे थे । रज्जो और ममता ही खाना परोस रही थी ।
वही राजन थोडा हिचक मह्सूस करके कमलनाथ के सामने रज्जो से नजरे चुरा रहा था तो रज्जो ने मौका देख कर कमलनाथ को एक स्माइल पास की ।
हालांकि कमलनाथ भीतर से गदगद था लेकिन उसने अपनी मनोभावना को भीतर ही रहने दिया ।
वही डायनिंग टेबल पर अनुज के बगल मे बैथी पल्लवि एक हाथ से खाना खाते हुए दुसरे हाथ को निचे ले जाकर अनुज के जांघो पर घूमा रही थी मगर अनुज को बहुत डर सा लग रहा था क्योकि उसके बगल मे ही राजन बैठा हुआ था ।
तभी पल्लवि ने अपनी योजना के हिसाब से अनुज को बताने के बहाने रज्जो से पुछती है ।
पल्लवि - मामी !!!! वैसे कौन सी फिल्म दिखा रही हो हिहिहिही
पल्लवि की बात पर रज्जो कमलनाथ और राजन तीनो चौके और आपस मे एक दुसरे को देखा तो मौका देख कर रज्जो ने तंज कस्ते हुए बोला - अपने मामा से पुछ ले वही सब वयवस्था कर रहे है ।
रज्जो ने तंज से राजन और कमलनाथ आपस मे देखते है और मन ही मन सवाल जवाब देने लगते है कि रज्जो को मनाना ही पडेगा नही तो ना जाने कितने बम फोडेगी ये ।
पल्लवि - हा मामा सच मे ,,,तो बताओ ना कौन सी मूवी है
कमलनाथ खाना खाते हुए - वो अच्छी मूवी है हमारे समय की है , पसंद आयेगी
इधर पल्लवि के सम्वाद से अनुज समझ गया कि रात आज फिल्म वाला प्रोग्राम है लेकिन वो इस झमेले से बचना चाह रहा था मगर कैसे ???
थोडी देर बाद खाने का काम खतम हुआ और सारे लोग हाल मे एक्थ्था हुए
अनुज ने मौका देख कर - मै सोने जा रहा हू बहुत थकान सी लग रही है ।
अनुज के इस हरकत पर पल्लवि का पारा चढ़ गए और अगले ही पल वो मायुश हो गयी मगर वही सोनल ने ऐसा कुछ बोला कि पल्लवि का चेहरा फिर से खिल गया ।
सोनल अनुज को डाटते हुए - क्या करेगा सोके इतना तु,,,ना कोई काम धाम बस अकेले कमरो मे पडा रहता है । ये नही कि यहा आये है तो लोगो से बात करे , चार लोगो मे रहे
सोनल की डांट पर रज्जो उसे रोकती हुई - अरे क्यू डाट रही है इसे ,, चल अनुज तू भी देख लेना फिल्म और निद आये तो सोने आ जाना
अनुज ने हा मे सर हिलाया मगर उसे अपनी दीदी की डांट का असर हो गया था , आज तक ऐसे लहजे मे घर के किसी ने भी उस्से बात नही की थी कि क्यो वो अकेले रहता है और गुमसुम रहता है । हालकि अनुज ने खुद कभी अपनी इस स्थिति पर ध्यान नही दिया और उसकी दीदी के डांटने पर वो एक गम्भीर मसले को लेके सोच मे खोने लगा ।
इधर सारे लोग उपर के कमरे मे गये और बेड के सामने टीवी रखी हुई थी ।
चारो बच्चे बेड के निचे बैठ गये और पल्लवी ने मौका देख कर अनुज के बगल मे जगह बना की हालकी उसके दुसरी ओर सोनल थी ।
वही बेड पर दिवाल के कोने मे सिरहाने से टेक लगाये राजन पाव खोल कर एक फुल बनियान और पाजामे बैठा था और बेड के बिच मे रज्जो साडी पहने पैर पर पैर रख कर बैथी थी ।
वही ममता और कमलनाथ टीवी के पास फिल्म सेलेक्ट कर रहे थे और काफी सोच विचार के बाद ,,, ममता ने सदी के मशहूर महानायक अमिताभ बच्चन जी की फिल्म मर्द को चुना और उसे प्ले कर दिया ।
फिर कमलनाथ रेमोट लेके बेड की ओर आया और मौका देख कर रज्जो से राजन की ओर खिसकने को बोला
रज्जो पहले राजन को देखती है और फिर बिना कुछ बोले उसकी ओर खसक जाती है तो रज्जो के बगल मे कमलनाथ और फिर उसके बगल मे ममता बैठ जाती है ।
फिल्म शुरु हो चुकी ,,कमरे की बत्ती बंद थी बस टीवी की ही रौशनी से हल्का हल्का देखा जा सकता था ।
एक तरफ जहा उपर बेड पर चारो के मन मे हवस अब धीरे धीरे गुप्त रूप से घुसना शुरु कर दिया था ,,,वही बेड के निचे पल्लवि भी अनुज के चिपकने का मौका नही छोड रही थी ।
उसने तो पीछे से हाथ ले जाकर अनुज के कमर मे डाल दिया था ,,जिससे अनुज की हालत खराब थी । हालकी उसके बगल मे कोई नही था क्योकि वो दिवाल से सट कर बैठा था जिसका फायदा पल्लवि बखूबी उठा रही थी ।
वही सोनल और रमन आजू बाजू बैठ कर फिल्म देखते हुए कभी कभी अपने होने वाले पति पत्नीयो को मैसेज किये जा रहे थे ।
धीरे धीरे करीब आधा घंटा बिता और उपर बेड पर लगभग सभी की हाथे हरकत कर रही थी सिवाय राजन के क्योकि वो बस कमल्नाथ के सामने खुद की छवि धूमिल नही करना चाहता था मगर पाजामे के उपर से उसकी जांघो को सहलाते रज्जो के हाथ उसकी बेताबी बढा रहे थे ।
वही कमलनाथ अपना एक हाथ अपनी बहन ममता के कमर मे डाल कर उस्से चिपका हुआ था और वही ममता के हाथ कमलनाथ के लण्ड के उपरी सिरो को छू रहे थे ।
बेड के निचे पल्लवि के हाथो की हरकते काफी आगे बढ़ गयी थी ,,,वो अब तक अनुज के लण्ड पर नाजाने कितनी मरतबा हाथ घुमा चुकी थी और अनुज के हाथो को पकड कर अपनी जांघ पर रखवा दिया था मगर अनुज सोनल के डर से हाथ वापस खिच लेता था ।
इधर रात गहरी होने लगी , लगभग आधी से ज्यादा फिल्म खतम हो चुकी थी और सबसे पहले रमन और फिर सोनल सोने के लिए निकल गये । मगर जो सोने की जिद किये था वो अभी तक वही बैठा फिल्म के बहाने पल्लवि के मुलायम स्पर्श के मजे किये जा रहा था ।
इधर सोनल के जाते ही पल्लवि को मौका मिल गया और उसने तुरंत अप्ना हाथ अनुज के लोवर मे घुसा कर उसका खड़ा लण्ड थाम लिया
अनुज की हवा टाइट हो गयी कि पल्लवि ये सब कैसे कर सकती है ।
वही जब पल्लवि ने अपने हाथो का जादू जब अनुज के लण्ड पर चलने लगा तो वो मदहोश होने लगा और उसकी आंखे बंद होने लगी साथ ही एक मीठी सी सिस्क भरी आह्ह आने लगी जो टीवी के फुल आवाज पर दब गई थी ,,,मगर पल्लवि को अनुज के एक एक सास की खबर थी ।
मौका देख कर पल्लवि ने एक बार फिर अनुज का हाथ अपनी जांघ पर रखा और इस बार अनुज ने वापस नही हटाया बल्कि उसकी अंगुलिया लोवर के उपर से पल्लवि की जांघ पर भरसक ही हिलाने लगी थी ।
पल्लवि भी अनुज के स्पर्श से सिहर उठी और वो उसके आड़ो तक को छुने लगी ,,ये सब अनुज के लिए पहली बार था और वो गुदगुदी भी मह्सूस कर रहा था ,,,मगर उस्से कही ज्यादा वो उत्त्जीत हुआ जा रहा था ।
इधर इन दोनो का रोमांच चरम पर जाने को था कि फिल्म ही खतम हो गयी और वो लोग फौरन अलग हो गये ।
अनुज ने जैसे ही होश सम्भाला उसे समझ आया कि वो बेहोशी मे फिर से वही गलती दुहरा रहा था इसिलिए वो उठा और सोने का बोल कर निचे जाने लगा तो पल्लवि भी उसके पीछे चली गयी ।
वही उपर बेड पर बैठे चारो ने अपनी कमर तोड़ कर अन्गडाई ली और तब तक टीवी पर दुसरी फिलम चल पडी ।
ममता उबासी ली और बिस्तर से उतरते हुए - आह्ह मै जरा पानी लेके आती हू
फिर ममता निचे किचन की ओर चली गयी
ममता के कमरे से बाहर जाते ही रज्जो बोल पडी - मुझे आप लोगो से कुछ बाते करनी है
रज्जो की इस आग्रह पर कमलनाथ और राजन धक्क रहे गये और उन्हे पता था कि क्या बात करने वाली थी रज्जो ।
मगर फिर भी औपचारिकता के तौर पर कमलनाथ बोला - हा हा बोलो क्या बात है ।
रज्जो टीवी देखते हुए - देखीये आप लोग भी जान रहे है मै किस बारे मे बात कर रही हू ,,मगर आप लोग जो चाह रहे वो मै नही कर सकती ।
रज्जो की इस बात पर राजन और कमलनाथ आपस मे आंखे फैलाये देखते है और इस पर राजन जोकि सफाई देने की कोशिस करत है ।
राजन - लेकिन भाभी मेरी बात तो सुनिये ...
रज्जो राजन को टोकते हुए - मै समझ रही हू जीजाजी आप दोनो की बाते ,,मगर आप लोग भी समझिये ये सब मेरे लिए आसान नही है ।
कमलनाथ रज्जो के करीब होकर - ओह्ह तूम तो अपनी ही जिद की हो,,,एक बार हमारी बात भी तो समझने की कोसिस करो ।
रज्जो उदास होने के भाव मे - मै सब समझ रही हू रमन के पापा ,,,लेकिन एक आम औरत के लिए ये आसान नही है ।
रज्जो के वक्तव्य पर कमलनाथ और राजन एक दुसरे के सामने ऐसे दिखा रहे थे , मानो वो बहुत ही अजीब दुविधा मे थे कि रज्जो कितनी बडी गलतफहमी मे है ।
मगर अन्दर ही अन्दर दोनो जान रहे थे कि ये रज्जो की ही चाल है आपस मे मजे लेने के लिये ।
कमलनाथ फिर से दिखावे के तौर पर रज्जो की नासम्झी पर थोडा हस कर उसके कन्धे पर हाथ रखता हुआ - अरे मेरी जान ,,पहले
रज्जो कमलनाथ की बात काटते हुए - देखीये आप मेरे पति है और मै आपके लिए सब कुछ कर सकती हू और अगर आपकी इच्छा है कि मै जीजा जी के साथ वो सब ...... तो मेरी भी एक शर्त है
रज्जो के नये पैतरे से दोनो चौक गये और कमलनाथ हिचक कर - क क क्याआ
रज्जो अटकते हुए सर निचे करके - मेरी शर्त ये है कि वो मै इनके साथ एकान्त मे कर लुन्गी लेकिन आपके सामने नही ।
रज्जो की इस प्रतिक्रिया से दोनो जीजा साले की आन्खे चमक गयी मगर वो दोनो अपनी भावनाये मन मे दबाए खुद को बेबस दिखाते रहे ।
इतने मे ममता कमरे मे पानी लेके आ गयी और वो बातचित वही अटक गयी ।
जारी रहेगी
Jabardast updateअध्याय: 02
UPDATE 002
" ओह येस बेबी उम्ममम कितनी सेक्सी सा चूस रही हो अह्ह्ह्ह्ह बाबू उम्ममम कितनी बड़ी गाड़ है तुम दोनों की एकदम गोरी गोरी दूधिया गाड़ अह्ह्ह्ह पागल कर दे रहे हो ओह्ह्ह्ह " , अमन बेड के किनारे अपना लंड बाहर किए खड़ा था और बिस्तर पर बेट के बल लेट कर सोनल और निशा बारी बारी उसका लंड चूस रही थी ।
" लुक हियर बेबी अह्ह्ह्ह्ह सेक्सी लग रही हो उम्ममम अह्ह्ह्ह " , अमन सोनल को कैमरे की ओर देखने को कहता है जिसमें वो दोनों की लंड चूसते हुए वीडियो बना रहा था ।
दोनो ने मैचिंग सेक्सी सी ब्रा पैंटी सेट पहनी थी और होटल के बेड पर लेती हुई अमन का लंड साझा करने लगी
निशा : उम्ममम जीजू कितना गर्म है उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह लोहे जैसा लंड है तुम्हारा
सोनल अमन से मोबाइल लेकर फ्रंट कैमरे से निशा के साथ वीडियो बनाने लगी : निशा इधर देख अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
निशा कैमरे में देखते हुए अमन का टोपा चुबला रही थी और उसकी आंखो में खुमारी उतर चुकी थी वो मदहोश नजरों से खुद को ही निहार रही थी ।
तभी अमन के मोबाइल पर रिंग हुआ
अमन : किसका है ?
सोनल : पापा जी का है !!
अमन समझ गया कि जरूर कुछ जरूरी बात होगी
अमन मोबाइल लेकर : मै बात करके आता हु
फिर वो वैसे हो कमरे निकल कर बालकनी में नंगा खड़ा होकर बात करने लगा
फोन पर
: नमस्ते पापा , कैसे हो ?
: मै ठीक हूं बेटा , तुम कैसे हो ? ( मुरारी की आवाज आई )
: मै तो एकदम मस्त हु पापा हीही ( अमन ने चहक कर जवाब दिया )
: हा हा भाई तेरी तो डबल मस्ती चल रही होगी क्यों ( मुरारी ने अंदाजा लगाया )
: उफ्फ पापा क्या बताऊं , आपकी बहु और उसकी बहन पूरा दिन मुझे कपड़े नहीं पहनने देते , अभी भी नंगा हु बालकनी में हीही
: ऐसी किस्मत सबको नहीं मिलती बेटा , मै तो 2 रोज से तड़प रहा हूं। शहर के शहर भटक रहा था अब तक आज कही पाव रुके है मेरे
: मतलब चाची मिल गई ( अमन खुश होकर )
: हा बेटा मिल गई , अभी उसके घर पर रुका हु कल सुबह हम लोग निकलेंगे घर के लिए
: वाव पापा फिर तो मै भी जल्दी आता हूं हीही मजा आएगा ( अमन एकदम से खुश हो गया )
: नहीं नहीं बेटा तुम आराम से अपनी ट्रिप इंजॉय करके आना , तबतक मै तैयारिया देख लूंगा , ठीक है (मुरारी बोला )
: पापा?
: हा बोल न बेटा ?
: पापा चाची कैसी दिखती है , मतलब sexy है या नहीं हीही ( अमन कमरे में झाक कर अंदर का माहौल देख कर अपना लंड सहलाते हुए मुरारी से सवाल किया )
: बदमाश कही का , आकर देख लेना न कैसी है ? हाहाहाहा ( मुरारी हंसा)
: पापा बताओ न प्लीज
: अब क्या बताओ बेटे , एकदम कड़क गदराया पीस है उफ्फ तेरी बुआ संगीता के जैसी कसी हुई मोटी मोटी छातियां है और कूल्हे उठे हुए है उसके जैसे ही । उम्मम अब क्या बोलूं , मेरा तो सोच कर ही मूड बन गया अह्ह्ह्ह
: वाव सच में फिर तो चाचू के भाग्य खुल गए हीही ( अमन बोला )
: किस्मत तेरी भी कम बुलंद नहीं है बेटा , बीवी के साथ साली को भी चोद रहा है उम्मम हाहाहा ( मुरारी ने अमन को छेड़ा )
: पापा एक गजब की चीज दिखाऊं, कलेजा थाम के देखना ओके ( अमन कमरे में झांकता हुआ बोला )
फिर वो मुरारी को वीडियो काल उठाने की रिक्वेस्ट भेजता है
: ऐसा क्या दिखाने वाला है तू ( मुरारी अंधेरे में वीडियो काल उठाता है
: श्शशश, चुप रहिएगा (अमन ने मुरारी को टोका और वीडियो काल पर बैक कैमरा से कमरे के अंदर का माहौल दिखाय
अंदर दोनो बहने सोनल और निशा 69 पोजिशन में एकदूसरे के बुर और गाड़ चाट रही थी और सोनल तो अपनी एक उंगली निशा की गाड़ में गुब्ब गुब्ब पेलते हुए उसकी झड़ती चूत चाट रही थी )
इधर मुरारी की आंखे फटी की फटी रह गई और लंड एकदम उफान पर था
कमरे से बाहर निकल कर
: क्या हुआ पापा होश उड़ गए न
: बेटा ये तो मैने पहली बार देखा , बहु अपनी बहन के साथ , अह्ह्ह्ह बेटा तेरे तो मजे ही मजे है । ( मुरारी पजामे में अपना लंड मसल कर बोला )
: पापा जल्द ही आपकी बहु को आपके आगे लिटाऊनंगा फिर आप भी मजे लेना , चलो मै चलता हु बाय
: हा बेटा मजे करे ( मुरारी फोन काटकर ) मेरे नसीब में तो अभी दो रात चूत का कोई ठिकाना नहीं है ।
मुरारी छत से नीचे आया और वो मोबाईल का टार्च जला कर नीचे आ रहा था कि उसके जहन में अमन के सवाल कौंधी " चाची कैसी है ? "
मुरारी कमरे में आया और उसकी नजर जमीन पर सोई हुई अपने भाई की प्रेमिका पर गई , जो इस वक्त साड़ी बदल कर नाइटी में सोई थी ।
उसके घुटने फोल्ड थे और पैर की ओर से नाइटी में पूरा गैप बना हुआ था ।
मुरारी का जी ललचा गया
वो दबे पाव दूसरी तरफ आया और मंजू के चेहरे पर टार्च जलाई , वो गहरी नीद में थी और उसने झुक कर हौले से मंजू की खुली नाइटी में टॉर्च दिखाई
आहे क्या नजारा था , हल्की फुल्की झुरमुट में झांकी एक रसीली फांक
देखते ही मुरारी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा मगर वो ज्यादा देर तक ऐसे नहीं रुक सकता था इसीलिए वो उठ कर बिस्तर पर आ गया ।
वही दूसरी ओर अमन कॉल काट कर वापस आया कमरे में तो सोनल निशा की जांघें फाड़े हुए उसकी बुर में अपना मुंह दिए हुए थी
सोनल : अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है तेरी चूत रे अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह , इसको खा जाऊंगी आज उम्ममम
निशा उसके गाड़ के सुराख को गिला कर रही थी वो पागलों के जैसे सिसकने लगी जब सोनल इसके चूत में जीभ घुमाने लगी
निशा : ओह्ह्ह्ह मम्मीईईई उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम मै पागल हो जाऊंगी
अमन अपना लंड सोनल के मुंह पर लाता हुआ : हाय बेबी इसे नहीं चूसोगी उम्मम
सोनल ने नजरे उठा कर देखा और मुस्कुराते हुए अमन का लंड पकड़ कर मुंह में भर ली
अमन : ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम माय डर्टी बीच सेक्सी डॉल उम्ममम सक इट बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् यूयू ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह
अमन सिसकने लगा और सोनल उसका लंड गले तक ले जाने लगी उसकी उंगलियां अभी भी निशा के बुर को मसल रही थी
निशा तड़पती हुई : डालो न जीजू उम्ममम प्लीज अह्ह्ह्ह
अगले ही पल सोनल ने लंड को मुंह से निकाल कर अमन का सुपाड़ा निशा के बुर के फांके पर रगड़ने लगा
निशा : अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह डाल दे न कामिनी अह्ह्ह्ह बहनचोद अह्ह्ह्ह्ह जाने दे न अह्ह्ह्ह
अगले ही पल अमन ने हचक से लंड को झटका दिया और वो निशा के बुर के फाकों को चौड़ी करता हुआ अंदर घुसता चला गया
निशा : ओह्ह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह जीजू पेलो मुझे उम्मम कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह रुकना नहीं उम्ममम यस्स जीजू उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् फ़क्कक्क फक्क्क् ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी
अमन निशा की जांघें उठा कर तेजी से उसकी बुर में पेलने लगा : अह्ह्ह्ह ले मेरी जान कितनी गर्मी है तेरी बुर में अह्ह्ह्ह्ह मजा आ रहा है ओह बहिनचोद सपना था तुझे पेलने का जबसे तेरे चौड़े कूल्हे देखे थे उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह हा जीजू मै भी पागल हु आपके लिए अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह गॉड अह्ह्ह्ह सोनल उम्ममम ममममाआ अह्ह्ह्ह्ह
वही सोनल निशा के निप्पल चूस रही थी और उन्हें मिंज रही थी कि उसकी नजर वापस से अमन के मोबाइल पर गई और लपक कर वो निशा के बगल में अपनी टांगे खोलकर भी लेट गई और सेल्फी कैमरे पर वीडियो बनाने लगी
निशा : अह्ह्ह्ह्ह कामिनी किसको दिखाएगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह जीजू और तेज अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् बहिनचो ताकत नहीं है क्या अह्ह्ह्ह
अमन जोश में उसकी जांघें पकड़ कर फचर फचर पेलने लगा : साली मादरचोद फाड़ दूंगा अह्ह्ह्ह लह्ह्ह ओह्ह्ह्ह कितनी गरम है चूत अह्ह्ह्ह
निशा तेजी से चीख रही थी
और सोनल हस्ते हुए सेल्फी कैमरे पर वीडियो ब्लॉग बना रही थी : हाय गाइज वी आर ऑन हनीमून , माय बिग डिक्की हब्बी फकिंग माय सिस्टर हाहा , देखो गाइज मेरी चूत अह्ह्ह्ह कितनी गर्म है मुझे भी लंड चाहिए कोई चोदेगा मुझे हाहाहा
सोनल मस्ती कर रही थी और उसकी बातें सुनकर उसका लंड और फड़कने लगा कि क्या हो अगर ये वीडियो अपने पापा को दिखाएगा
अमन निशा को छोड़ कर लपक कर सोनल को अपनी ओर खींचा और गपक से लंड उसकी चूत में उतार दिया ।
सोनल : ओह्ह्ह्ह बेबी कितना टाइट है आह्ह्ह्ह मम्मा उम्मम्म फक्क्क् मीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अमन उसके हाथ से मोबाईल लेकर बैक कैमरा से वीडियो रिकार्ड करने लगा सोनल को चोदते हुए
सोनल अपनी जांघें खोलते हुए : अच्छे से बनाओ न बेबी अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह गॉड फक्क्क् मीईईईई यस्स बेबी उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम
निशा ने उसके लिप्स से लिप्स जोड़ लिए और चूत सहलाने लगी , सोनल ने बदन और जोश बढ़ने लगा । निशा झुक कर सोनल के बड़े बड़े रसीले मम्में मुंह में भरने लगी अपनी गाड़ फैला कर
अमन उसकी भी सारी हरकते रिकॉर्ड करता है सोनल को पूरे जोश ने पेले जा रहा : ओह्ह्ह्ह्ह बेबी कितनी मुलायम चूत है तुम्हारी ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बाबू
सोनल : उम्ममम यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई यस्स अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह
अगले ही पल निशा लपक कर अमन के हाथ से मोबाइल लेते हुए : जीजू मुझे दो न हिही
निशा ने सेम सेल्फी कैमरे से वीडियो चालू की और अपनी बुर सोनल के मुंह पर ले जाती हुई : देखो गाइज मेरी ये मेरी बहन है , ये मै हु और ये मेरी चूत चाट रही है , अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम और डाल ने जीभ ओह्ह्ह्ह गॉड उम्मम, अह्ह्ह्ह्ह गाइज देखो मेरी बहन को जीजू मेरे चोद रहे है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म
सोनल ने निशा की दोनो जांघों को कस लिया और उसकी बुर के फांके चुंबलाने लगी
वही दूसरी ओर अमन सटासट उसकी बुर पेले जा रहा था , सोनल के बाद अब निशा की हरकते उसको और पागल किए जा रही थी , उसके पैर थक रहे थे ।
वो उठा और बिस्तर पर आ गया
लंड आसमान की ओर उठाए : आजाओ बेब्स
निशा : मेरी टर्न मेरी टर्न अह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा दोनों पैर फेक कर अमन की ओर अपना गाड़ करके उसका लंड अपनी बुर में लेकर बैठ गई : अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह उम्ममम
निशा कस कर अपने चूतड़ अमन के कड़क लंड पर पटक रहे थी और सोनल अमन के बाहों के लेती हुई उसके लिप्स चूसने लगी
सोनल : मजा आ रहा है मेरी जान उम्मम
अमन उसके नंगे चूतड़ नोचता हुआ : बहुत ज्यादा मेरी जान अह्ह्ह्ह
निशा : अह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू पेलो मुझे अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म फक्क्क् मीईईईई अह्ह्ह्ह्हमम यशस्स जीजू आयेगा अह्ह्ह्ह
अमन निशा की बातें सुनकर उसके चूतड़ पकड़ कर नीचे से झटके देने लगा : अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ले साली रंडी अह्ह्ह्ह मेरी जान अह्ह्ह्ह्ह झड़ जा अह्ह्ह्ह
अमन कस कस कर नीचे से कमर उछाल कर पेलने लगा और निशा अपनी आँखें उलटती हुई झड़ने लगी ,
अमन : ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईईई अह्ह्ह्ह आ रहा है मेरा भी ओह्ह्ह्ह
निशा झट से उसके लंड से उठ गई और सोनल ने लपक कर अमन का लंड मुंह में ले लिया और अमन उसक सर पकड़ कर झटके खाते हुए झड़ने लगा : अह्ह्ह्ह मेरी जान पी ले अह्ह्ह्ह्ह ममीईइई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बेबी अह्ह्ह्ह्ह
सोनल अमन के फड़कते लंड को पकड़े हुए आखिर से सारा पानी पीती रही और फिर उसका सुपाड़ा निशा के बहती चूत पर लगा कर वापस से चूसने लगी जिसे देखकर अमन के लंड में फिर से हरकत होने लगी
मगर सुबह से ये चौथी बार था जब वो इतने जोरदार तरीके से झड़ा था और सुस्ती उसके जिस्म पर हावी हो रही थी
फिर वो दोनों के साथ ही सो गया ।
अगली सुबह
मुरारी अंगड़ाई लेता हुआ उठा, उसको आंखों में हल्की फुल्की जलन महसूस हो रही थी और पता चला घर में धुआं उठ रहा था कही ।
मुरारी मच्छरदानी से निकल कर खड़ा हुआ और पजामे में उसके लंड एकदम कड़क उठा था सुबह सुबह । नीचे देखा तो मंजू उठ चुकी थी और पीछे हाते के पास चूल्हे से गर्मागर्म खाने की खुशबू आ रही थी। मुरारी ने घड़ी देखी तो 8 बजने वाले थे ।
अचरज नहीं हुआ मुरारी को मंजू इतनी सुबह क्यों खाना बना रही होगी ।
मुरारी अपना लंड पजामे में सेट करता हुआ हाते में चूल्हे के पास आया जहा मंजू रोटियां बेल कर सेक रही थी
मंजू मुरारी को अपने ओर आते देख मुस्कुरा उठी और झट से अपना दुपट्टा सर पर ले लिया । वो अभी भी रात वाली नाइटी में थी , जाहिर था अभी तक वो नहाई नहीं थी ।
मगर मुरारी को इससे फर्क नहीं पड़ने वाला था उसकी नजर तो मंजू को नाइटी की आधी खुली चैन पर थी जिसमें से मंजू के दो बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे और रोटियां बेलते समय मंजू के दोनों मम्मे खूब उछल रहे थे ।
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मुरारी का लंड एक बार फिर से सर उठाने लगा ।
मुरारी : अरे मंजू सुबह सुबह खाना
मंजू मुस्कुरा कर : हा भाईसाहब वो मुझे ऑफिस जाना है न
मुरारी : ऑफिस जाना है मतलब
मुरारी का हलक सूखने लगा कि कही उसने साथ चलने का प्लान कैंसिल तो नहीं कर दिया ।
मंजू : अरे मुझे मेरे सर को बताना पड़ेगा न कि मै अब काम पर नहीं आऊंगी और फिर हिसाब भी कराना पड़ेगा न
मुरारी की जान में जान आई : ओह ऐसा , मै सोचा कि
मंजू उसकी बात समझ कर मुस्कुराने लगी ।
मुरारी : बाथरूम में पानी आ रहा है क्या
मंजू : जी नहीं वो मैं पानी रख दी हूं आप जा सकते है
मंजू थोड़ा शर्मा कर मुस्कुराने लगी ।
फिर वो उठ कर झाड़ू लगाई और इधर मुरारी पाखाने में चला गया ।
मंजू ने सोचा कि जबतक मुरारी पाखाने में है क्यों न तबतक वो नहा ले , नहीं तो कपड़े बदलने की दिक्कत हो जाएगी ।
मंजू फटाफट से नल चला कर पानी भरने लगी और मुरारी को आवाज आने लगी नल चलने की
उसके भी जहन भी यही चल रहा था कि मंजू कैसे नहाएगी । क्या उसे देखना चाहिए ।
मुरारी खुद से बड़बड़ाया: वैसे कसे हुए रसभरे मम्मे है उसके एकदम टाइट ओह्ह्ह्ह लंड खड़ा कर दिया साली ने
तभी बाहर से पानी गिराने की आवाज आने लगी तो मुरारी की झटका लगा उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी ये सोचकर कि कही मंजू बहार नहाने तो नहीं बैठ गई । हड़बड़ी में वो बिना गाड़ धोए ही खड़ा होकर पाखाने के किवाड़ की जाली से बाहर नल की ओर झांका
तो देखा मंजू नाइटी में ही नल के पास बैठ कर अपने बदन पर पानी डाल रही थी ।
उसने नाइटी को जांघों तक उठा रखा था जिससे उसकी चिकनी नंगी सुडौल जांघें देख कर मुरारी का लंड ऐंठने लगा । उसकी नजर मंजू के भीगती नाइटी पर भी थी जिसमें से मंजू के चूचे शेप में आ रहे थे धीरे धीरे भीगकर
मुरारी : अह्ह्ह्ह बहनचोद बवाल चीज है यार मदन क्या किस्मत है साले तेरी , मस्त माल है आह्ह्ह्ह
मुरारी को फिर से प्रेशर आने लगा तो वो वापस हगने बैठ गया और उधर मंजू झटपट से नहा कर कमरे में चली गई और कड़ी लगा दिया ।
कुछ देर बाद वो कपड़े पहन कर बाहर आई और मुरारी तबतक बाहर आ चुका था । फिर वो भी नहाने बैठ गया और इधर तबतक मंजू ने पैकिंग के लिए ढेर सारे कपड़े बिस्तर पर फैला दिए थे ।
ब्लाउज पेटीकोट सारी नाइटी ब्रा पैंटी दुपट्टे जींस सूट सब कुछ ।
मुरारी नहा कर आया तो उसने बिस्तर पर बिखरे हुए कपड़े देखे , ज्यादातर पुराने थे । मुरारी को देख मंजू ने झट से दुपट्टे ब्रा पैंटी धक दिए ।
मुरारी ने भी थोड़ी नजरे फेरी मगर भीतर से तो वो पूरा जिज्ञासु हुआ जा रहा था कि मंजू की असल साइज क्या होगी ।
मुरारी : अरे इतने सारे समान लेकर कैसे जायेगे हम लोग , बस जरूरी समान और कपड़े रखो बाकी छोड़ दो
मंजू : तो ये सब सामान
मुरारी : देखो ये सब सामान आप पास जो भी तुम्हे खास लगे उसे देदो , वहां किसी चीज की कमी नहीं है ।
मंजू : जी ठीक है भाई साहब
मुरारी की बातों ने मंजू को सोच में डाल दिया था कि क्या करे वो , फिर उसे ये भी समझ नहीं आ रहा था कि उतने बड़े घराने में वो किन कपड़ो में जाएगी । ये सब पुराने कपड़े और अंडर गारमेंट किसी ने देख किया तो क्या सोचेंगे उसके बारे में । मंजू के जहन में झिझक हो रही थी । उसके जहन में कुछ योजना चल रही थी जिससे उसकी सारी झंझट ठीक हो सकती थी मगर वो मुरारी से साझा करने से कतरा रही थी
मुरारी : क्या हुआ , क्या सोच रही हो
मंजू : जी ? कुछ नहीं ! ऐसा नहीं हो सकता कि हम लोग कल चलें ?
मुरारी : क्या हुआ , बताओ न ?
मंजू : जी वो मुझे कुछ कपड़े लेने है और ऑफिस भी जाना है । पूरा दिन लग जाएगा फिर पैकिंग भी बाकी है और ये सब सामान किसी को सौंपना है ।
मुरारी कुछ सोच कर : अच्छा ठीक है हम कल ही जाएंगे । पहले तुम खाना खा कर ऑफिस जाओ और निकल कर फोन करना मै आ जाऊंगा तो साथ में शॉपिंग पर चलेंगे
मंजू खुश होकर : जी ठीक है
फिर मंजू सारे कपड़े बिस्तर पर एक किनारे बटोर दी और मुरारी के लिए खाना लेने चली गई ।
अरुण के घर
सुबह का नाश्ता कर अरुण कालेज के लिए निकल गया था और रज्जो जो शिला के साथ उसके कमरे में थी वो नहाने चली गई और नहाने के बाद वो तैयार हो गई ।
रज्जो : अरे दीदी कब आयेंगे वो लोग , 9 बज गए है
शिला : रुको यार फोन करती हुं
फिर शिला ने अपने पति को फोन घुमा दिया
फोन पर
शिला : हैलो
मानसिंह : हा शीलू कहो
शिला : कहूं क्या कहू ?आपको तो मेरी फिकर ही नहीं है , सुबह आने वाले थे 9 बज गए है
मानसिंह : बस मेरी जान आधे घंटे में आ रहा हूं
शिला मस्ती भरे लहजे में : जल्दी आओ न मेरे राजा , कबसे तड़प रही हूं अह्ह्ह्ह
मानसिंह : ओहो मेरी जान मूड में है क्या
शिला रज्जो को देख कर मुस्कुराई और अपनी हसी रोक : अह्ह्ह्ह्ह हा बहुत ज्यादा , कितने दिन से मै तड़प रही हूं उम्मम जल्दी से आओ न
मानसिंह : बस मेरी आ ही गया हू रखो मै गाड़ी चला रहा हूं
फोन कट जाता है
रज्जो और शिला खिलखिला कर हस दिए
रज्जो - ये बढ़िया तरीका है जल्दी बुलाने का हीही उम्मम
शिला - अरे जब तड़पकर आयेंगे तभी तो और मजा आएगा हीही
कुछ देर मानसिंह की गाड़ी उसके घर के दरवाजे पर खड़ी थी ।
मानसिंह झट से उतरा और उसके साथ रामसिंह और कम्मो भी ।
कम्मो हस कर : अरे भाई साहब दीदी कही भाई नहीं रही है हाहा
रामसिंह : भाभी ने हड्डी फेक दी है कम्मो , अब भैया कहा किसी की सुनने वाले है हीही
मानसिंह अपना पजामा सेट करता हुआ : तुम दोनों चुप रहो , तुम्हारे आउटडोर क्विकी के चक्कर में लेट हो गया हमें
कम्मो : कॉम डाउन मेरी जान , मजा नहीं आया क्या आपको उम्मम खुले ने मुझे पेल कर
कम्मो पार्किंग में पजामे के ऊपर से ही मानसिंह का खड़ा लंड पकड़ते हुए बोली ।
मानसिंह सिहर उठा : अह्ह्ह्ह्ह कम्मो जाने दे न मुझे अह्ह्ह्ह
और मानसिंह झटके से घर में चला गया । वही कम्मो खिलखिलाने लगी
रामसिंह : भैया को तंग करने में तुम दोनों बहने एक सी हो हीही
कम्मो : क्यों जलन हो रही है
रामसिंह हस कर अपने लंड की ओर इशारा कर : मुझे नहीं इसे जरूर हो रही है
कम्मो ने हाथ बढ़ा कर रामसिंह का लंड पकड़ लिया : चलो इसको थोड़ा दुलार देती हूं मान जायेगा
और रामसिंह ने वही पार्किंग में ही कार पास खड़े हुए कम्मो के लिप्स चूसने लगा ।
कम्मो की सांसे चढ़ने लगी : जान ऊपर चलते है न
रामसिंह साड़ी के ऊपर से उसकी गाड़ दबोचता हुआ : यही कर लेते है न मेरी जान एक और आउटडोर क्विकी
कम्मो लजाई: धत्त
और निकल गई घर में ।
वही मानसिंह बड़े तेजी से हाल में घुसा और किचन में मीरा को काम करता देख शांत हुआ
मानसिंह : मीरा , नीलू की मां कहा है ?
मीरा : जी नमस्ते साहिब वो अपने कमरे में ही होगी
मानसिंह बिना कुछ बोले तेजी से अपने कमरे के पास चला गया ।
कमरे में कोई नहीं दिखा उसे जोरो की पेशाब लगी थी तो वो पहले फ्रेश होने लगा और जैसे ही बाहर आया और सोफे पर बैठ कर अपने जूते निकालने लगा
शिला हाथ में नाश्ते का ट्रे लेकर कमरे में दाखिल हुई , उसने आज नए तरीके से साड़ी पहनी हुई थी
शिला के चुस्त ब्लाउज के उसकी छातियां मुश्किल से बिना ब्रा के समा पाई थी । ज्यादातर तो बाहर निकल आई थी । उसने सीधा पल्ला का साड़ी पहन करअपना चेहरा पल्लू से पूरा ढक रखा था और आगे से उसका ब्लाउज से मोटी चूचियां और नंगा बड़ा पेट साफ साफ नजर आ रहा था ।
मानसिंह ने जैसे ही शिला को साड़ी में ऐसे कामुक अवतार में देखा तो उसकी हलक सूखने लगी
मानसिंह : आहा मेरी जान क्या मस्त लग रही हो , अह्ह्ह्ह्ह ये पर्दा क्यों , आओ न बैठो
शिला ने ट्रे टेबल पर रखा और पीछे होकर खड़ी हो गई
मानसिंह : आओ न मेरी जान
शिला ने बिना कुछ बोले न में सर हिलाया
मानसिंह की नजर शिला के गदराई हुई मोटी मोटी चूचियो पर थी जो उसे ललचा रही थी और उसकी गुदाज गहरी नाभि देख मानसिंह का गला सुख रहा था ।
मानसिंह : अह्ह्ह्ह जान अभी भी नाराज हो क्या
शिला ने घूंघट में ही बिना कुछ बोले हा में सर हिलाया तो मानसिंह हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कलाई पकड़ ली तो शिला एकदम से चौक गई और कुनमुना कर अपनी कलाई छुड़ाने लगी और उससे दूर होने के लगी कि मानसिंह ने एक बार फिर से उसकी कलाई पकड़ते हुए उसको अपनी ओर खींचा और अपनी गोदी में बिठा लिया
शिला सिसकी और मानसिंह उसके बड़े चौड़े कूल्हे को मसलता हुआ अपने हाथ उसके नंगे पेट कर सहलाने लगा: अह्ह्ह्ह्ह मेरी जान क्यों नाराज है, अब तो आ गया न तेरे पास , जरा एक अपने मीठे होठों का रस तो पिला
जैसे ही मानसिंह ने शिला ने सर से पल्लू हटाया उसको जोर का झटका लगा वो उछल कर फर्श पर खड़ा हो गया और कमरे में एक तेज खिलखिलाहट गूंजने लगी
मानसिंह ने दरवाजे की ओर देखा तो वहां शिला लेगी कुर्ती में हस रही थी और अब तक जिसे मानसिंह शिला समझ रहा था वो रज्जो थी ।
रज्जो थोड़ी लजा शर्मा रही थी क्योंकि उसे ये उम्मीद नहीं थी कि मानसिंह एकदम से उसके जिस्म को मिजने लगेगा ।
मानसिंह : आ दादा , माफ कीजिएगा भाभी जी , मुझे लगा शिला है और आप कब आई तुमने बताया नहीं
मानसिंह जितना हो सकता था माहौल को बदलने की कोशिश कर रहा था मगर शिला ने रज्जो के सामने उसका मजा लेने से बाज नहीं आई और जमकर अपने पति को छेड़ा ।
शिला मजे लेते हुए : वैसे अब पता चल गया कि आप मुझसे जरा भी प्यार नहीं करते हूंह
मानसिंह कभी शिला को तो कभी मुस्कुराती लजाती रज्जो को देख कर सफाई देता हुआ : अरे मुझे कैसे पता कि घूंघट के नीचे भाभीजी होंगी , प्लीज भाभी जी मुझे माफ कीजिएगा प्लीज
रज्जो हस्ती हुई : कोई बात नहीं ये हम दोनो की ही शरारत थी
मानसिंह शिला की ओर देखकर : लो देखो ,
शिला : क्या देखो , भले ही ये हमारी शरारत थी मगर आपको तो मुझे पहचानना चाहिए था न हूह
रज्जो हसने लगी : हा ये भी .. हीही
मानसिंह शर्म से झेप कर : क्या भाभी आप भी मतलब
शिला : चलो भाभी , हम चलते है अब रहिए आप अकेले हूह
मानसिंह : अरे सॉरी न नीलू की मां , प्लीज
शिला मुंह बना कर : हा हा ठीक है , आप नहा धो कर नाश्ता कर लो हम आते है
मानसिंह : अरे कहा जा रहे हो
शिला : अरे रज्जो भाभी के कुछ कपड़े कल देने गई थी गांव में , तो वही लेने जाना है
मानसिंह : ओह ठीक है , जल्दी आना प्लीज
शिला मुंह बनाते ही अंगूठा दिखा कर : ठेंगा आऊंगी जल्दी हा नहीं तो
और दोनों कमरे से बाहर हस्ती खिलखिलाती निकल गई ।
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वही इन सब के अलग चमनपुरा में
रंगीलाल का बैग पैक हो चुका था और नाश्ता करके वो तैयार था
रंगी : राज बेटा दुकान के साथ घर का भी ध्यान रखना और तुम छोटे सेठ पढ़ाई न रुके बोर्ड है न इस बार
अनुज : जी पापा
रंगी : राज दुकान पर कुछ न समझ आए तो फोन कर लेना
राज : ठीक है पापा
रंगी : राज की मां तुम भी ख्याल रखना अपना
रागिनी कुछ बोले अनुज बीच में टपका : पापा मै हु न , मम्मी के पास हमेशा आप बेफिक्र जाओ
अनुज की बात पर सब हसने लगे
रागिनी मुस्कुरा कर : तेरा बैग रेडी हुआ , कालेज जाना है न तुझे भी
अनुज : कल से न मम्मी प्लीज
राज : कोई ड्रामा नहीं , चुप चाप कालेज जा
अनुज मन मारकर चुप हो गया और
रंगी भी मुस्कुरा कर सबसे विदा लेकर निकल गया आपने ससुराल के लिए।
वही राज आज से अपने पापा वाले दुकान पर बैठने वाला था और रागिनी कास्मेटिक वाले दुकान पर । अनुज भी अपने बैग रेडी कर निकल चुका था कालेज के लिए ।
जारी रहेगी