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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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रागिनी अनुज स्पेशल
EROTIC SUNDAY

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इस हफ्ते के अंत में होने जा रहा है
इरोटिका का धमाका

Be ready for Erotic Sunday of this journey
:jerker:




:listen: ( चूतिया बना रहा है राइटर अपडेट लेट कर देगा :D )
 
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Terimaakachodu

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लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

राहुल अब काफी हद तक अपनी मा से खुल चुका था लेकिन शब्दो की मर्यादा दोनो मा बेटे ने अभी तक नही लान्घी थी ।
वासना मे घिरे हुए ही सही लेकिन दोनो मे किसी ने भी खुले शब्दो ये इच्छा जाहिर नही होने दीया कि वो दोनो एक दूसरे से क्या चाहते है ।

मौके का फायदा उठाते हुए राहुल ने दो बार अपनी मा से अपना मुसल चुसवा चुका था लेकिन उसकी बेचैनी घटने का नाम नही ले रही थी ।
वही शालिनी के उपर बेटे के साथ साथ बाप की हवस का बोझ बढ़ रहा था ।
जन्गीलाल ने भी दो तीन बार मौका देखकर शालिनी के अंगो के साथ खेला और लण्ड शान्त किया ।

हालत ये थी कि शालिनी की चुत बहुत ही पानी बहा रही थी लेकिन उसकी गर्मी नही मिट पाई थी वही आज राहुल भी पूरी जिद थी कि उसे मम्मी पापा वाला खेल देखना है ।

वही शालिनी भी चाह रही थी कि राहुल के साथ ये खेल जल्द ही खतम हो जाये क्योकि सोनल की शादी को ज्यादा दिन बाकी भी नही थे और कब उसकी जेठानी के यहा से उसका बुलावा आ जाये कोई पता नही था ।
अभी रात के 9 बज रहे थे ।
घर मे सभी लोग खाना पीना कर चुके थे ।
शालिनी किचन मे बर्तन खंगाल रही थी कि पीछे से राहुल ने एक बार फिर अपने तने हुए लण्ड से शालिनी के गाड़ की दरारो मे दस्तक थी और शालिनी गनगना गयी ।


राहुल अपना लण्ड अपनी मा के गाड़ पर घुमाता हुआ घिस रहा था - मम्मी प्लीज ना सिर्फ आज के लिए

शालिनी कसमसाहत भरी आवाज मे - तुझे क्यू देखना है वो सब
राहुल - बस ऐसे ही मन कर रहा है

शालिनी चिंतित भाव मे - कही तेरे पापा ने देख लिया तो
राहुल - पक्का मै छिप कर रहूंगा , वो नही देख पायेंगे

शालिनी अपने हाथ साफ करके राहुल के लण्ड को पकड कर उससे अलग होते हुए - अच्छा ठिक है लेकिन बस कुछ मिण्ट के लिए ही देखना और फिर वापस कमरे मे ठिक है

राहुल चहक कर - ठिक है मम्मी उम्म्म्माह

शालिनी मुस्कुरा कर - धत्त शैतान कही का अब कमरे मे जा मै बाहर की सारी लाईट बुझाकर ही कमरे मे जाऊंगी

राहुल चहकता हुआ कमरे मे चला गया और शालिनी ने बाहर की सारी लाईट बुझा कर कमरे को हल्का भिड़काते हुए कमरे मे चली गयी ।
अन्दर कमरे मे जंगीलाल ने जैसे ही शालिनी की आहट पाई उसे इस बात की फ़िकर ही नही थी कि कमरे का दरवाजा किस हालत मे है ।
शालिनी जिस तरह से अपने जिस्म को कामुक अदाओ से बल्खाते हुए अपने पति की ओर बढ रही थी वैसे वैसे ही जन्गीलाल के जान्घिये मे लण्ड ने बडी तेजी से तम्बू बनाना शुरु कर दिया था ।
जंगीलाल - ओह्ह्ह जान तुम हर बार मुझे पागल कर देती हो , इतनी नशीली क्यू हो तुम

ये बोलकर जंगीलाल ने लपक कर शालिनी को का हाथ खीच कर उसे अपनी गोद मे बिठा लिया ।

अपने पति के नंगे जिस्मो का स्पर्श पाकर शालिनी सिहर गयी और उसकी धडकनें तो बस राहुल के बारे मे सोच कर ही तेजी से धडक रही थी जिससे उसके चूचे जंगीलाल के सीने पर दबाव बना रहे थे और जन्गीलल भी इसको महसूस कर पा रहा था ।

शालिनी तोड़ा इतराते हुए खुद को छुड़ाने की कोसिस करती हुई - अह्ह्ह छोडिए ना जी ,, आपको तो बस वही सब करना है

जंगीलाल अपनी बिबी के गालो को चूमता हुआ - उम्म्ंम जान तुझे देखने के बाद कुछ सूझता ही नही

शालिनी ने नजरे उठा कर अपने पति को देखा और आंखे दिखाते हुए पुछा- समझ क्या रखा है आपने मुझे उम्म्ं

जंगीलाल शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ उसके कूल्हो को मसलते हुए बोला - अपनी रंडी

अपने पति के मुह से ऐसे शब्द सुन कर शलिनी का दिल ध्क्क करके रह गया और वो ये सोच रही थी कि कही राहुल ने सुन तो नही लिया ना ,,,

वही कमरे के बाहर खड़ा राहुल ने जब अपने बाप के मुह से ऐसे शब्द सुने तो उसका लण्ड फड़फडा गया ।

राहुल मन मे - अह्ह्ह पापा सही कह रहे हो मम्मी किसी रन्डी से कम नही है उह्ह्ह कुछ करो ना खोलो ना मम्मी की चुचिया उम्म्ं

शालिनी अपने पति की ओर पीठ करती हुई एक नजर दरवाजे पर देखती हुई - धत्त क्या जी आप ऐसे उलटा सीधा बोल रहे हो

जन्गीलाल ने मौका पाया और पीछे से शालिनी के चुचे टीशर्ट के उपर से मसलते हुए - सही तो कह रहा हू मेरी रन्डी है तू


शालिनी अपने चुचो पर पति के हथेली का स्पर्श पाते ही मचल उठी और सिस्कने लगी उसकी आंखे बंद हो गयी थी और वही राहुल के चेहरे के भाव बदलने लगे थे ।

उसे लगने लगा था कि खेल शुरु हो गया है और वो अपना लण्ड भी बाहर निकाल चुका था ।

कमरे मे जंगीलाल ने शालिनी की चुचिया मिजते हुए अपने हाथ उसके टीशर्ट मे घुसा दिये और नंगी नंगी चुचियो को टीशर्ट के अन्दर से मसलने लगा ।

शालिनी अपने पति के सीने पर लोटने लगी थी और उसकी एडिया ऐठने लगी थी ।
शालिनी का जोश आज राहुल की उपस्थिति मे बढ गया था वो पूरी तरह अकड़ रही थी इस कलपना मे कि राहुल के मन मे उसके लिये क्या चल रहा होगा ।

क्या वो अपना लण्ड मसल रहा होगा ये सब देख कर ।
वही जंगीलाल अपनी बिवी की गर्मी से और भी जोश मे आ गया और उसने शलिनि की सरकती जान्घो को पकडते हुए अपनी ओर खिच लिया और सीधा चुत के उपर हाथ रख कर उसकी बुर टटोलने लगा ।

राहुल की हालत भी खराब हो रही थी , वो चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसकी मा नंगी हो जाये
लेकिन जंगीलाल के विचार तो कुछ और ही थे क्योकि वो भी सुबह से तडप रहा था और उसका लण्ड भी चुदाई के लिए बेचैन हुआ जा रहा था ।

वही शालिनी की बेताबी देख कर उसे लगा की पहले उसे शालिनी की चुदाई करनी चहिये

बस फिर क्या था
अगले ही पल मे वो और शालिनी खड़े थे ।
फिर जंगीलाल ने उसे बिस्तर पर झुका दिया और उसका लोवर पीछे खिच कर निचे कर दिया ।

इतना सब होने के बाद भी राहुल को शालीनी के गोरे जिस्म की एक भी झलक नही मिल पाई थी ।
शालिनी उसकी ओर मुह करके ही बिस्तर पर झुकी हुई थी और जन्गीलाल पीछे खड़ा अपना जांघिया निकाले लण्ड को उसको गाड की दिवारो मे ठोकरे लगा रहा था ।


राहुल को बस सामने झुकी अपनी मा के टीशर्ट से झाकती चुचियो की झलक मिल पा रही थी वही उसका बाप निचे बैठ कर अपना मुह उसकी मा के गाड मे दे चुका था ।

जंगीलाल के मोटी गीली जीभ को अपनी बुर और गाड़ के छेदो पर नाचता पाकर शालिनी के चेहरे के भाव बदल गये थे ।
जंगीलाल बडी हवस से उसके चुत के फाको को चाट कर खड़ा हुआ और अपना मुसल उसके मुहाने पर सेट करते हुए

अगले ही पल शालिनी की आंखे फैल गयी और उसके चेहरे पे आये भावो को पढ कर राहुल समझ गया कि उसके बाप ने लण्ड घुसा दिया है ।

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शालिनी दर्द भरी सिसकिया लेते हुए दरवाजे पर देखती है तो हल्की परछाई मे उसे राहुल के सलेटी लोवर की झलक मिलाती है और उसे फिर से नशा होने लगता है ।

उसकी चुत भलभला कर झड़ना शुरु कर देती है ।
जंगीलाल पीछे से उसको चोद रहा था और उसने भी अपने लण्ड पर गरम गर्म पानी मह्सूस करते ही बोला - ओह्ह जान तुम तो बहुत गरम हो आज ,,,इतना मन था क्या पेलवाने का उम्म्ं बोलो

शालिनी को राहुल के सामने अपने पति से ऐसे बाते करने मे झिझक कर हो रही थी इसिलिए वो चुप रही और आंखे भिचे हुए सिसकिया लेती रही ।

जंगीलाल अपनी बीवी से जवाब ना पाकर अपने चोदने की गति बढा दिया और कमरे मे थप थप थप थप थप की आवाजे होने लगी ।

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शालिनी की भी चिखे तेज हो गयी और राहुल भी तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था ।

जन्गीलाल उसके कूल्हो को पकडे हुए कस कस के चोदते हुए - बोलो ना जानू चुप क्यू हो

शालिनी - अह्ह्ह क्या बोलू उम्मममं सीईई उफ्फ्फ
जन्गीलाल - यही की मेरी जान को चुदवाने का आज बहुत मन था क्य्स अह्ह्ह

शालिनी फिर से चुप हो गयी तो जंगीलाल थोडा खीझा और कस कस कर शालिनी की चुत मे 8 10 बार लण्ड गहराई मे घुसेडा जिस्से शालिनी की हालात खराब हो गयी और जन्गीलाल गुस्से मे - बोल ना मादरचोद ,ये मेरी रन्डी बोल ना उम्म्ं आज चुदने का बहुत मन था क्या उम्म्ं

शालिनी दर्द से अक्दी हुई दरवाजे पर नजरे गडाये थी कि दरारो से एक तेज पिचकरी आधे कमरे म आ कर गिरी और शालिनी समझ गयी कि अब राहुल चला जायेगा ।

कुछ पल तक जंगीलाल कस कस के शालिनी के चुत मे बक बक करते हुए पेलता रहा और गालिया देता रहा लेकिन शालिनी ने चू तक नही बोला

फिर आखिर मे जब उसे मह्सूस हुआ कि उसका पति अब झड़ जायेगा तो - मुझे मुह मे चाहिये

जंगीलाल - पहले बोल जो मैने पुछा है

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शालिनी झटके से उठकर दरवाजे की ओर पीठ करके खड़ी हो जाती है और उसके नंगी फैली हुई गाड़ को राहुल देख कर पागल हो जाता है और उसका लण्ड फिर से सिर उठाने लगता है

शालिनी जो कि इस शक मे थी कि राहुल चला गया होगा वो बडी अदा से अपने पति के लण्ड को मसल्ते हुए धीमी आवाज मे - बेटीचोद !! शान्ति से चोद नही सकता

ये बोलकर शालिनी वही बैठ गयी और अपने पति का लण्ड मुह मे भर लिया
शलिनि की बाते सुन कर जंगीलाल की हालत खराब हो गयी और थोडी ही चुसाई मे वो अपना सारा माल अपने बीवी के मुह मे गिराने लगता है ।

शालिनी मुह मे लण्ड को भरे हुए उसे निचोड रही थी कि दरवाजे पर हल्की सी चूँ की आवाज हुई और शालिनी फौरन अलर्ट हुई । वो समझ गयी कि राहुल अभी गया नही है ।

राहुल वही कमरे मे झाकता हुआ अपना लण्ड मसल रहा था ।

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शालिनी ने अपने गालो को पिचकाते हुए लण्ड को सुरक रही थी और उसकी निगाहे अभी भी दरवाजे पर टिकी रही ।

फिर अच्छी तरह से लण्ड को निचोड़ कर वो खड़ी हूई और वापस से दरवाजे की पीठ कर लिया जिससे राहुल को फिर उसकी मा की नंगी गाड़ दिखने लगी ।

शालिनी अपनी उंगलिया चाटती हुई खड़ी हुई और मुस्कुराते- मै जरा साफ करके आती हू

ये बोलते हुए वो उसी हालत मे अपने नंगे चुतडो को हिलाती हुई दरवाजे की ओर बढ़ी कि जन्गिलाल अचरज से - अरे लोवर तो चढा लो , ऐसे ही बाहर जाओगी क्या ?


शालिनी आंख मारते हुए - हा , आपकी रंडी हू ना हिहिही

बस इतना कहने की देरी थी कि जन्गिलाल खुश हो गया और अपना अंडरवियर चढाते बिस्तर की ओर चला गया

और वही राहुल सतर्क होकर दरवाजे से हटकर दिवाल से लग गया
अगले ही पल दरवाजा खुला और शालिनी अपनी लोवर को उपर चढाते हुए बाहर निकली

राहुल उसके बगल मे खड़ा गहरी सासे ले रहा था ।
शालिनी ने फुसफुसाकर से उसको किचन की ओर चलने को कहा

राहुल खुश हुआ और लेकिन जब वो किचन मे पहुचा और बत्ती चालू हुई तो उसका चेहरा उतर गया क्योकि उसकी निगाहे अपनी मा के चुतडो पर ही टिकी हुई थी ।

शालिनी उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर मुस्कुराई और उसको छेड़ती हुई बोली - सब ले लिया ना अब क्यू मुह लटका है तेरा

राहुल ने आंखे उठा कर अपनी मा का हस्ता हुआ चेहरा देखा तो उसकी भुनभुनाहट भरि हसी छुट गयी और वो जिद दिखाते हुए - आप इसको उपर क्यू कर ली हो ,, हा नही तो

शालिनी - क्या उपर कर ली हू
राहुल - ये लोवर

शालिनी आंखे नचा कर मुस्कुराती हुई - हा तो क्या वैसे ही खोल कर घुमू क्या

राहुल उखड़े हुए स्वर मे - लेकिन आप तो ऐसे ही खोल कर बाहर आ रही थी ना

शालिनी इतरा कर सिंक की ओर घूम गयी और अपने मुह हाथ धुलने लगी - मेरी मर्जी मै जैसे चाहू रहू , तुने ही कहा था कि मै जो चाहू कर सकती हू

राहुल - हा लेकिन

शालिनी - हा तो अगर मै जो चाहू कर सकती हू तो तु भी जो चाहे नही कर सकता क्या ?

राहुल अपनी मा की बाते सुन कर समझ गया कि ये एक खुला ऑफ़र था उसके लिए और एक ही पल मे उसका लण्ड फौलादी हो गया ।


अगले ही पल वो झट से घुटने के बल हुआ और अपनी मा के कूल्हो से लोवर खीच कर नंगी करता हुआ सीधा अपना मुह अपनी मे गाड़ के दरारो मे घुसा दिया

सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि हड़बड़ाहट मे सिंक की टोटी तेज हो गयी और पानी के छीटे शालिनी के हाथो से टकरा कर उसके टीशर्ट पर पड़ने लगे और

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राहुल की लपलपाती जीभ अपने गाड़ के सुराख पर रेंगता हुआ पाकर शालिनी अपने चुतडो को सख्त करते हुए आगे की ओर झुकने लगी ।

जिससे पानी उसके चुचो पर को भिगोने लगा
जल्दीबाजी मे किसी तरह शालिनी ने टोटी बन्द की लेकिन तब तक देर हो गयी थी ।
उसकी चुचिया भीग चुकी थी और निप्प्ल उसके जिस्म से चिपकी हुई टीशर्ट से बाहर झाक रही थी ।

शालिनी कसमसाई और अगले ही पल उसने राहुल के सर को झटक कर अलग किया
दोनो की सासे तेजी से बढ रही थी ।
राहुल उठकर खड़ा हुआ और हस रहा था उसके नथुने लाल हो चुके थे जैसे वो पुरा जोर देके अपनी मा के सख्त दरारो मे बिना आक्सीजन के फसा हुआ हो ।
शालिनी तेजी से उसकी ओर घूमी और अपना लोवर उपर खिचती हुई और मुस्कुराते हुए- शैतान नही का , तो यही सब तु चाह रहा था

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शालिनी के घुमने पर राहुल की निगाहे उसके तने चुचो पर गयी जो भिगे हुए टीशर्ट मे चिपके हुए थे
राहुल की ललचाती निगाहे शालिनी अच्छे से देख रही थी और उसके चेहरे के कामुक भावो को भी वो पढ सकती थी ।

शालिनी - हो गया ना तेरा अब जा सो जा
राहुल थुक गटक कर मुस्कुरा रहा था और कभी अपनी मा तो कभी उसके नुकीले चुचे देख रहा था । बहुत सारी भावनाये एक साथ उसके जहन मे आ रही थी लेकिन वो क्या बोले उसे समझ नही आ रहा था और शालिनी को टेनसन था कि कही उसका पति आवाज ने दे दे उसको ।

क्योकि राहुल के साथ उसको कल क्या करना था उसने उसकी तैयारी कर ली थी इसिलिए आज की रात भर वो उसे और तड़पने के लिए छोड रही थी

शालिनी मुस्कुराती हुई घूमी और किचन से बाहर जाती हुई - चल अब बत्ती बुझा और सोने जा

राहुल ने कुछ नही किया बस मुस्कुरा वही खड़ा देखता रहा तो परेशान होकर शालिनी ने बत्ती बुझाइ और बोली - तुझे यही रहना है यही रह मै दरवाजा बन्द करके सोने जा रही हू

शालिनी अपने दरवाजे तक गयी लेकिन जब उसे राहुल के आने की आहट नही मिली तो वो किचन की ओर घूमी थी कि राहुल से टकरा गयी ।

राहुल दबे पाव उसके पीछे आकर खड़ा हो गया था
शालिनी ने कुछ बोलना चाहा उससे पहले राहुल ने अपने होठ उसके होठो से चिपका दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया ।

शालिनी चौकी की राहुल दरवाजे पर ही ये क्या हरकत कर रहा है कही उस्का पति ना आ जाये

शालिनी कसमसाती हुई अपने होठ छुड़ा कर धीमी आवाज मे - क्या कर रहा है छोड मुझे ,तेरे पापा कमरे मे जाग रहे है अभी

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी मा के गरदन को चुमते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर लोवर की लास्टीक को फैलाते हुए नंगी गाड़ को मसलने ल्गा

शालिनी अपने बेटे का दोहरा प्रहार झेल ना सकी और उसकी सासे भारी होने लगी और उसके आवाज मे खुमारि सी बढने लगी । मदहोस लहजे मे धीरे से वो राहुल के पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए बोली - उम्म्ंम बेटा रुक जा ना , यहा नही तेरा पापा अह्ह्ह उम्म्ंम

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी ऊँगली को अपनी मा के गाड़ की दरारो मे रगड़ता हुआ उसकी गाड़ के सुराख को भेदने लगा जिससे शालिनी चिहुक कर अपने गाड़ सख्त करते हुए उंगलियो को छेद से दुर करने लगी तो राहुल ने अपनी उंगली को जोर देते हुए आगे बढाया और अपनी मा के कान के पास एक चुंबन किया

चुंबन का अह्सास पाते ही शालिनी ने अपना पुरा शारिर ढीला छोड दिया वही राहुल की ऊँगली कच्च से उसके गाड़ मे चली गयी

सीईई अह्ह्ह बेटा धीरे , सुखा है वो उम्म्ंं , शालिनी ने अपने बेटे की हरकत पर प्रतिक्रिया दी और फिर उसके कलाई को पकड कर अपने गाड़ से उसके हाथो की दुरी बनाते हुए - बस कर बेटा,, यहा नही


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राहुल ने एक भी नही सुना और इस बार सीधा हाथ अपनी मा के भिगे हुए चुचो पर रखा और उन्हे मस्लते हुए अपने होठ वापस से अपनी मा से जोड लिये

शालिनी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और राहुल के तपते होठो की गर्मी ने उसे भी परेशान कर दीया और वप उसके होठो को खिचते हुए चुबलाने लगी

राहुल भिगे हुए टीशर्ट के उपर से एक हाथ अपनी मा की चुचिया मसल रहा था और दुसरे हाथ से अब भी उसने अपनी मा के कूल्हो को जकड़ रखा था ।

फिर अगले ही पल बिना कोई हैरानी ने राहुल ने अपनी मम्मी से दुरी बनाई और कुल्हे को नचाते हुए उसको पीछे से जकड़ लिया ।

शालिनी को समझ नही आ रहा थ कि राहुल क्या करने की सोच रहा था उसके मन मे अपने पति को लेके डर बना हुआ था लेकिन वो राहुल की कामुक हरकतो से गर्म हुई जा रही थी ।

अभी शालिनी अपनी अवस्था जान्च रही थी कि इतने मे

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राहुल ने फिर से उसकी चुचिया पीछे से दबोच ली और उन्हे मसलने लगा । उस्का तना हुआ लण्ड गाड़ पर सास ले रहा था ।

शालिनी की कसमसाहट बढ रही थी और वो अपने जिस्म को राहुल के उपर ही ढीला छोड चुकी थी । कि तभी राहुल ने उसका टीशर्ट खिच कर उपर कर दिया और उसकी नंगी चुचिया उसके हाथो मे आ गयी ।

अपनी मा के रसिले पपीते जैसी भारी चुचिया राहुल के हाथो मे नही समा रही थी

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उसने अपनी दोनो हथेली एक साथ अपने मा के तने हुए निप्प्लो पर घुमाई की शालिनी उपर से निचे तक मचल उठी और राहुल वापस से उसकी दोनो चुचिया पकड के मस्लते हुए वापस से शालिनी को अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके निप्प्ल को चुबलाता हुआ दुसरे हाथ से अपना लण्ड भी बाहर निकाल दिया


शालिनी ने जैसे ही अपनी जान्घो पर राहुल के सख्त लण्ड के स्पर्श को मह्सूस किया तो वो टटोलते हुए उसके तने को जकड़ ली औए भीचने लगी ।

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अपनी मा के हाथो का स्पर्श पाते ही राहुल तन कर खड़ा हो गया और उसकी आंखे बंद हो गयी , भले ही उसके हाथो मे 36DD की दोनो भारि भारी खर्बुजे जैसी चुचिया लटक रही थी लेकिन उसकी मा के एक स्पर्श ने राहुल को मूरत कर दिया था ।


शालिनी ने जैसे ही ये मह्सुस किया वो खिल उठी और जैसे उसे इस खेल मे अब अपनी चाल चलाने का मौका मिल गया हो
उसने अपनी कामुकता पर जोर देते हुए अपने नुकीले नाखुनो से राहुल के लण्ड की निचली नसो को खरोचा तो राहुल पूरी तरह कापने लगा

उसके पैर जवाब देने लगे थे वो हिल रहा था जैसे किसी अपाहिज की बैशाखी छिन ली गयी हो

राहुल ने हाथ आगे बढा कर अपने मा के कन्धे थाम लिये और शालिनी उसके लण्ड को आगे की ओर भीचने लगी

अब सारा खेल शालिनी के काबू मे आ चुका था
राहुल तेज सासे लेता हुआ अपने एड़ियो के बल खड़ा हुआ जा रहा था और लण्ड की नसे और फुल रही थी

अपनी कपकपाती आवाज मे राहुल बस इतना ही बोल पाया - आह्ह मम्मी चुसो ना उम्म्ंम

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शालिनी समझ गयी कि आज के लिए इसको इतना ही चाहिये और अगले ही पल शालिनी वही बैठ गयी और अपना मुह खोलते ही राहुल का आधा लण्ड मुह मे भर लिया ।

राहुल के जैसे ही अपने मा के ठंडे नाजुक होठो का स्पर्श मिला वो निचे से उपर तक सिहर उठा और लड़खड़ा कर उसने अपनी मा के सर को थाम लिया


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राहुल की बेताबी ज्यादा देर तक रुक ना पाई और कुछ ही देर मे वो अपनी मा के मुह झड़ने लगा

उसने अपना पुरा लण्ड मा के गले मे उतारते हुए एड़ियो के बल खड़ा हो गया और आखिरी झटके तक लण्ड को घुसाये रखा
शालिनी ने भी अच्छे से अपने बेटे के लण्ड को निचोड़ा और फिर वो खडी हुई ।

राहुल वही दिवाल से लग कर सासे भरने लगा और शालिनी ने मुस्कुरा कर उसके गालो को चूमते हुए - अब सो जायेगा ना

राहुल हाफते हुए स्वर मे - हा थैंक यू मम्मी

शालिनी - जा अब सो जा
ये बोलकर शालिनी ने अपना टीशर्ट निचे किया और कमरे मे चली गयी ।

दरवाजे बंद होने की आहट से झप्किया लेता जन्गीलाल चौक गया और उसकी निगाहे शालिनी के भिगे हुए टीशर्ट पर गयी और उसने मुस्कुरा कर इशारे से कारण पूछा तो शालिनी ने बिना कोई जवाब दिये अपनी भीगी हुई टीशर्ट निकाल दी

अपनी बीवी के नंगी चुचिया देख कर जंगीलाल सारे सवाल भुल गया और दोनो एक बार भी चुदाई के खेल मे शामिल हो गये ।


जारी रहेगी
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Terimaakachodu

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UPDATE 165 (B)


रात के खाने के बाद मै अरुण के कमरे मे गया ।
वहा वो कम्प्यूटर पर बैठा हुआ था और मै उसका ही मोबाईल लेके चेक कर रहा था ।


अरुण ने एक पल को मेरे हाथ अप्ना मोबाईल देखा तो लपक कर मेरे पास गया ।

अरुण चहक कर - मिल गया भैया मोबाईल क्या ?

मै उसको आंखे दिखाता हुआ - हम्म्म लेकिन तुझे ये मोबाइल नही मिलेगा ।

अरुण चेहरा बनाते हुआ - क्यू

मै - तुने मुझसे झूठ क्यू बोला उम्म्ं
अरुण हकला कर - क् क्या झ झूठ बोला मैने

मैने मोबाईल के hide files खोल्कर कर कम्मो बुआ की तस्वीरे उसे दिखाते हुए - ये सब क्या है हम्म्म ? तो यही सब करना है तुझे

अरुण शर्म से नजरे झुका कर बैठ गया
मै - कहा से सीख रहा है ये सब तु बोल ।
अरुण चुप रहा ।
मै जान रहा था कि अरुण की इन हरकतो के बारे मे घर के मर्दो को कोई जानकारी नही थी इसिलिए मै उसे धमकाते हुए - तु सच बता रहा है कि मै फूफा जी ये सब दिखाऊ

अरुण गिडगिडा कर - नही नही भैया प्लीज पापा मारेंगे प्लीज

मै - तो बता सब कुछ कहा से सीखा ये सब

अरुण अटकते हुए - ये सब मा की वजह से ही हुआ है

ये बोलके अरुण रोने लगा ।

मै भौहे सिकोड़ते हुए - तो तु अपनी गलती भी अब बुआ के उपर थोप रहा है ।

अरुण सिस्कते हुए - मै सच कह रहा हू भैया ।

मै - अच्छा ठिक है , बता क्या बात है और इसमे बुआ कैसे शामिल है ।

अरुण हिचक कर - पहले मै ये सब कुछ नहीं जानता था । बस आम लोगो की तरह ही सेक्स के बारे मे मुझे जानकारी थी । लेकिन एक रात मेरी पेसाब के कारन नीद खुल गयी तो मैने पेसाब करने और थोडी हवा खाने के लिए कमरे के बजाय बाहर चला गया क्योकि गर्मी का मौसम था ।

मै पीछे आँगन की ओर चला गया था और वहा मैने पेसाब की । उसी दौरान मुझे कुछ मा के खिलखिलाने की आवाज आई ।

वो आवाज सबसे उपर की टेरिस से आ रही थी ।
चुकि मेरी नीद खुल गयी थी और बाहर हवा भी अच्छी चल रही थी तो मैने सोचा कि क्यू ना मै भी उपर जाकर टहल लू ।


फिर मै अन्धेरे मे ही जीने से होकर उपर जाने लगा ।
जैसे ही मै जीने के आखिरी कुछ सीढियो पर पहुचा मुझे सामने का नजारा देख के यकीन ही नही हुआ कि मेरी मा भी ऐसा कुछ कर सकती है


मै - क्या क्या हो रहा था वहा


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अरुण कापते हुए स्वर मे - वहा उपर मेरे पापा और बड़े पापा अपना पैंट खोले खडे थे और मेरी मा वही निचे बैठी हुई उनके पेनिस को पकड़ी हुई हिला रही थी और मेरे बड़े पापा मोबाइल मे फ्लैश जला कर मेरी नंगी मा की लण्ड चूसने की वीडियो बना रहे थे ।


मै चौक कर - क्या तुने ये सब सच मे देखा था
अरुन निराश होकर - हा भैया और उसी के बाद से मै मा को एक पोर्नस्टार समझने लगा । क्योकि इसके बाद मै दो तीन बाद मा को बडे पापा के केबिन मे देखा था , जहा वो लोग रोलप्ले करके सेक्स करते थे । कभी मा उनको जीजा बुलाती तो कभी उनको जेठजी बुलाती और कभी उनको पति बुलाती थी ।


मै - हम्म्म फिर
अरुण - फिर मै धीरे धीरे कब मा के लिए परेशान होने लगा पता ही नही चला और एक रात जब मै चुपके से छत पर मा और बड़े पापा की चुदाई देख रहा था तो मीना ने मुझे पकड लिया और


मै आंखे बडी करके - और क्या ?
अरुण नजरे नीची करके - उसने मेरी चोरी पकड़ी थी तो मुझे धमकी दी और जबरदस्ती मुझसे वो सब करवाया । फिर तबसे जब भी उसका मन होता है वो और मै सेक्स करते है ।

मै उसकी बाते सुन कर एक गहरी आह भरता हूआ - आह्ह ठिक है और कुछ बाकी है तो बता दे

अरुण - नही भैया ,,मम्मी की कसम बस यही बात है । अब देदो ना मोबाईल मेरा

मै - हा ठिक है लेकिन पहले इसमे से सारे वीडियो और बुआ की सारी गंदी तस्वीरे डिलीट कर और वादा कर अब से तू इन्हे नही देखेगा

अरुण उखड़ कर - हा ठिक है भैया
फिर मैने उसे मोबाइल दे दिया और वही लेट कर आगे सोचने लगा । कि अब बुआ से कैसे बात की जाये और इस मीना का कुछ कर पडेगा ।



इसी उधेड़बुन मे मुझे कब नीद आ गयी मुझे पता ही नही चला ।


लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

रात के खाने के बाद जंगीलाल अपने कमरे मे जा चुका था और शालिनी किचन मे काम निपटा रही थी । लेकिन राहुल की बेचैनी कम नही हो पा रही थी ।
उसका लंड बैठने का नाम नही ले रहा था ।
ऐसे मे वो अपनी मा को फिर मनाने के लिए किचन मे घुस गया और अपना लण्ड उसकी गाड़ मे चुभोता हुआ उसकी कमर को पकड कर काँधे पर सर रखते हुए बडी ही उदासी से - मम्मीईई सुनो ना

शालिनी राहुल के स्पर्श से सिहर गयी और अगले ही जब उसने राहुल का नाटक देखा तो उसको हसी आई लेकिन वो खुद को सामान्य रखते हुए - हम्म्म्म बोल

राहुल अपनी मा के टीशर्ट मे हाथ बढा कर उसकी नरम नरम पेट पर अपने पंजे कसता हुआ - मम्मी प्लीज मान जाओ ना

शालिनी इतरा कर मुस्कुराते हुए - लेकिन तु आखिर क्यू देखना चाहता है वो सब उम्म्ं

अपनी मा की बात सुन्कर राहुल का लंड थोडा सा फडका जिसे शालिनी ने भी अपनी चुतडो पर मह्सूस किया ।
राहुल अटक कर - वो मुझे अच्छा लगता है

शालिनी उससे अलग होकर उसकी ओर घूम जाती है और इस बार सीधा राहुल के तने हुए लंड को हाथो मे भरते हुए बडी शरारती मुस्कान से - तुझे अच्छा लगता है या इसे

राहुल अपनी मा की हरकत से सिहर जाता है और शर्म से हस देता है ।

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वही शालिनी इस आये हुए मौके को बिल्कुल भी नही गवाती और हाथो से मसल कर लोवर के उपर से ही राहुल के लण्ड का जायजा लेती है ।

राहुल सिस्क कर - उम्म्ंम मम्मीईई अह्ह्ह्ह

शालिनी उसके लण्ड को भीचते हुए - आज तुने दो बार मुझे नंगा किया उम्म्ं बोल मै भी कर दू तुझे हा

राहुल अपनी मा की आंखो ने मुस्कुरा कर - हम्म्म कर लो ना मम्मीई

शालिनी मुस्कुराते हुए - खुब समझ रही हू तेरी बदमाशिया ,,, तुझे क्या लगता है मुझे कुछ पता नही चलेगा


राहुल - प्लीज ना मम्मी अह्ह्ह
शालिनी राहुल को परेशान करते हुए उसका लण्ड लोवर के उपर से ही पकड के - अगर इसको शान्त किया तो कमरे मे नही देखने दूँगी ,,,


राहुल के लण्ड उसकी मा के शरारती हरकतो और शब्दों से फड़क रहा था और वो बस आन्खे बंद करके सिसिकिया लिये जा रहा था ।

शालिनी ने एक नजर किचन से बाहर अपने कमरे की देखा और वही बैठ गयी ।

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फिर उसने राहुल का लोवर पकड कर निचे खीचा तो उसका मोटा 7 इंच का लण्ड हवा मे झूलने लगा
एक पल को शालिनी भी चौक गयी और फिर मुस्कुरा कर अपने बेटे के लण्ड को हाथो से छुने लगी ।
राहुल को यकीन नहीं हो पा रहा था कि ये सब सच मे हो रहा था
राहुल के लण्ड की नसे पल पल कसती जा रही थी और सुपाडा पुरा फुल चुका था ।
उसके दिल की धडकनें और तेज सासे शालिनी मह्सूस कर पा रही थी ।

राहुल के पुरे बदन का खुन उसके लण्ड मे भरने लगा था और उसका सुपाडा लाल होकर तपने लगा था ।
सुपाड़े की जलन से सिसकता हुआ राहुल ने अपनी मा के सर को पकड कर हल्का सा दबाव बनाते हुए अपने लण्ड को तानता हुआ आगे बढा ।

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शालिनी ने शरारत भरी नजरो से मुस्कुराते हुए र जीभ निकाल लण्ड से थोडी ही दुर से उसको चाटने का इशारा किया तो राहुल की तडप पहले से ज्यादा बढ गयी । उसने अपने लण्ड को आगे ले जाकर खुद अपनी मा के होठो को लगा दिया ।


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शालिनी उसके लण्ड को थामा और अपने पास करके उसके सुपाड़े पर अपनी ठंडी जीभ फिराई
राहुल उछल पड़ा- ओह्ह्ह मम्मीई चुसो ना उम्म्ंम आह्ह्ह

शालिनी मुस्कुराई और हौले से मुह खोलते हुए आधे से ज्यादा लण्ड गटक गयी ।
इसी के साथ राहुल ने भी एक ठंडी आअहह भरी और अपने मा के बालो मे हाथ फेरने लगा ।

शालिनी अब अपने बेटे के लण्ड को चूसना शुरू कर दिया था और वो उसके आडो को छेड़ते हुए मुह मे लण्ड को घोट रही थी ।

अपनी मा से अपनी मन की करा कर राहुल को गजब का सुख मिल रहा था और वो एडिया उचका कर, अपने गाड़ पिचका कर , अपने नथुने फुला कर आखिर तक जोर लगा कर अपने लण्ड की नसो पर दबाब बनाये हुए था ।

जल्द ही उसकी नसे उसके गरमा गरम वीर्य से भर गयी , सुपाड़े का छेद अब और दबाब झेल पाने के लिए तैयार नही था ।

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ऐसे मे राहुल ने अपनी मा के सर को पकड कर दबाव ब्नाया और पुरा का पुरा लण्ड उसके गले मे उतार दिया ।

शालिनी अपनी आंखे फैलाये गुउउऊ गुउऊ करती रही लेकिन राहुल अपने लण्ड आखिरी झटके तक उसके मुह मे रोके रहा


और जब हाथ हटाया तो शालिनी ने जरा भी परेशान हुए वापस से अपने बटे के तने लण्ड को तेजी से मुठियाते हुए चुसने लगी ।


फिर उसने अच्छे से राहुल के लण्ड को साफ किया और खडे होकर सिंक मे अपना मुह धुलने लगी


राहुल जो बहुत खुश था वो अपना लोवर चढा कर अपनी मा को पीछे से अपनी बाहो मे भर लिया और उसके गाल चूमते हुए - थैंक यू मम्मी उम्म्ंम्माआह

शालिनी हस कर अपने गाल पोछते हुए - हो गया ना तेरा अब जा सो जा

राहुल ने थोडा रोना सा मुह बनाया तो शालिनी हस कर - मैने पहले ही बोला था एक ही चीज़ हो पायेगी हिहिही चल जा अब

इतना बोलकर शालिनी अपने कुल्हे मटकाती हुई अपने कमरे मे चली गयी
जाने को तो राहुल भी उसके पिछे पीछे कमरे तक गया लेकिन शालिनी ने फिर वही शरारती हसी के साथ दरवाजा बंद कर दिया और राहुल मुस्कुराता हुआ अपने कमरे मे आ गया ।

भले ही आज भी उसे अपने मम्मी पापा का शो नही देखने को मिला लेकिन आज उसकी मा ने उसे बहुत बडी खुसी दी थी और राहुल अब आगे बढने की कलपनाओ मे खो जाना चाहता था ।
इसिलिए वो अपने बिस्तर पर आकर सोचते सोचते नीद मे खो गया ।
 
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अरुण से बात चीत के बाद मै नीचे चला आया ।
देखा किचन मे शिला बुआ और मीना रात के खाने की तैयारी कर रही थी ।
और कोई हाल मे दिखा ही नही । अरुण अपने कमरे मे जा चुका था ।
मै किचन मे चला गया
मै बुआ के पास खड़ा होकर मीना की चिकनी कमर और उभरी हुई गाड़ की गोलाई पर नजर मारते हुए - बुआ ये छोटी बुआ कहा गयी ।
शिला - अरे बेटा वो उपर अपने कमरे मे होगी ।

" ठीक है तो मै उपर ही जा रहा हू " , ये बोल कर मै जैसे किचन से बाहर निकलने को हुआ कि शिला बुआ ने मुझे टोका

शिला - अह बेटा तु परेशान ना हो , मै मीना को भेज कर बुला देती हू ।

मुझे थोडा अजीब लगा लेकिन मैने कुछ कहा नही वही डायनिंग चेयर पर बैठ गया ।
और मीना अपने चुतड मटकाते हुए उपर चली गयी ।
उसके जाते ही मै बुआ के पास वापस खड़ा होकर धीमी आवाज मे - बुआ आपको अरुण के आज की शरारत के बारे मे पता है ?

फिर मैने अरुण से हुई बात चीत के बारे मे बताया ।

शिला उखड़ कर - हा सब जान रही हू और अभी उसकी ये सब करने की उम्र नही है ।

मै - तो आपको उसे समझाना चाहिए ना बुआ , छोटी बुआ ना सही आप समझाओ ना ।
शिला बुआ - ओह्ह कैसी बाते कर रहा है , मै उसकी मौसी हू और मै कैसे इनसब पर बाते कर सकती हू ।
मै शरारत भरी मुस्कराहट के साथ बुआ के भारी चुतडो को मसलता हुआ - अच्छा और मेरे साथ सब कर सकती हो उम्म्ंम , जितना हक मेरा है उतना ही हक अरुण का भी है बुआ

शिला ने मुस्कुराहट भरी नजरो से बडे ताज्जुब होकर मुझे देखा और बोली - तो तु चाह रहा है कि मै उसके साथ .....।

मै शरारत भरी मुस्कुराहट से - वो आपकी मर्जी है बुआ लेकिन कम से कम उसकी आदते तो सुधारो । उसकी इच्छा को परखो ।

शिला मुस्कुरा कर - इतनी ही फ़िकर है तो तु खुद क्यू नही कर लेता ये सब

मै बुआ के कन्धे पकड़ कर - बुआ मै कल या परसो मे घर चला जाउन्गा लेकिन आप तो रोज उसके साथ हो ना ।

बुआ मेरे हाथ अपने कन्धे से हटाकर - मुझे सारा पता है वो क्या चाहता है ।

मै चौक कर - वो क्या ?

शिला ने शरारत भरी नजरो से मुस्कुरा कर मुझे देखा - हम्म्म्म तुझे सच मे उसकी फिकर है या बस तू यहा मुझसे बाते उगलवा रहा है उम्म्ं बोल

मै हस कर - वो मै हिहिहिही

मै अपनी बात रखता की तब कम्मो बुआ की आवाज आई ।

कम्मो - हा राज बेटा क्या बात है , तु मुझे बुला रहा था ।

मै पलट कर किचन के दरवाजे के पास देखा तो मेरी आंखे फटी रह गयी । क्योकि अभी तक तो मैने कम्मो बुआ को अच्छे से निहारा ही नही था ।

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उफ्फ़ क्या कयामत लग रही थी बुआ एक satin silk की नाइटी मे , देखते ही आंखे उनके जबरदस्त ठोस और नुकीले जोबनो पर अटक गयी ।
कम्मो बुआ के चुचे उनकी हल्की ट्रांसपायरेन्ट नाइटी के निचे बिल्कुल नंगे थे और उसमे उनका जिस्म की सारे उतार चढ़ाव साफ साफ झलक रहे थे ।

" क्या हुआ बोल ना बेटा ", कम्मो अपने हाथ में अरुण का मोबाइल चेक करते हुए बोली ।

मै सकपका कर - वो बुआ मै ये कह रहा था कि आप अरुण को मोबाइल देदो ,,, मैने उसे समझाया है और वो बोला कि अब वो ऐसी हरकत नही करेगा ।


कम्मो - ओफो तो तु भी उसके झांसे मे आ गया ना , तुझे पता भी है वो स्कूल मे क्या हरकते करता है और कैसी कैसी चीजे देखता है ।

मै हिचक कर - अब हा उसने बताया मुझे सब

कम्मो बुआ थोडी झिझ्की और मोबाईल मेरे हाथ मे देते हुए - तो तुझे ये सब गलत नही लगता ,

मै हस कर - क्या हुआ बुआ अभी बड़ा हो रहा है और कालेज वाले लड़को की संगत मे ये सब हो जाता है । आप उसे वक़्त दो वो खुद ही समझ जायेगा कि क्या सही है क्या नही ।

ये बोलकर मै बुआ के गालो को छु कर मुस्कुरा दिया और हाल मे आ गया ।

कम्मो बुआ अभी भी चकित थी औए वो मेरे पीछे आते हुए - देख सुन बेटा,,मुझे नही लगता कि उसने सब तुझे बताया होगा । पक्का तेरे हिसाब से ये कोई बडी बात नही है । मुझे तो बडी चिंता है उसकी ।

मै मुस्कुरा कर कम्मो बुआ के कान मे - ओहो बुआ मैने भी दोस्तो के साथ स्कूल मे ऐसी वीडियो देखी है ।

कम्मो बुआ आंखे बडी करके मुझे देखने लगी जैसे उन्हे कितना बड़ा झटका लगा हो और थुक गटकते हुए - तो क्या तु भी अरुण की तरह मेरे साथ मेरा मतलब अपनी मा के साथ वो सब करना चाहता है ।

मै चौक कर - क्याआ न न नही तो मै क्यू ऐसा ,,,,तो क्या अरुण आपके साथ !!

कम्मो बुआ निराश होकर वही सोफे पर बैठ गयी और मै वही खडे खडे अरुण के मोबाईल मे उसके फ़ोल्डर चेक करने लगा ।

जिसमे मॉम सन के काफी सारी पोर्न वीडियो भरी हुई थी और लास्ट वीडियो जो प्ले हुई थी वो थी MY MOM IS A PORNSTAR .

मैने गैलरी चेक की तो वहा अरुण ने कम्मो बुआ के काफी सारे चोरी छिपे तस्वीरे निकाले हुए थे । एक दो ब्रा भी थी ।


मेरी आंखे फटी की फटी रह गयी और मैने मोबाइल बन्द करके जेब मे रखा और बुआ के पास बैठ कर उन्के जांघो पर हाथ रखते हुए - सॉरी बुआ इतना सब मुझे नही पता था और अरुण ये सब कबसे ।

कम्मो बुआ - यही कोई साल भर से बेटा
इतने मे शिला बुआ भी आकर कम्मो बुआ के बगल मे बैठ गयी ।

शिला बुआ - अब समझा तु कि बात कितनी बडी है ।
मै हुन्कारि भरके उनकी बातो से सहमती जताई ।

मै - अच्छा ठिक है आप लोग परेशान ना हो , मै बात करुंगा उससे

मेरी दोनो बुआ उम्मीद भरी नजरो से मुझे देखती है और कम्मो बुआ मेरे गालो को छू कर मुस्कराते हुए - सच कह रही थी दीदी ,, तु सच मे बहुत होनहार है ।


शिला - होनहार ही नही बहुत शैतान भी है और एक नम्बर का बदमाश भी है ।
मै खिलखिला कर - हिहिहिही वो क्यू

शिला - अच्छा वो क्यू ? जो बाते आज तक तेरे फुफा लोगो को पता नही चली तुने एक ही दिन मे हमसे सब उगलवा लिया ,,,

कम्मो बुआ मुझे अपने सीने से लगाते हुए - आखिर मेरा लाडला भतीजा है ,,क्यू बेटा

मै कम्मो बुआ के मखमली जिस्म की नरम नरम अह्सास से सिहरकर उनको पेट से पकडता हुआ - हा बुआ हिहिहीही


लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

पुरा दिन शादी की तैयारियो मे व्यस्त होने बाद शाम को कही दोनो बहने फुर्सत मे हुई थी ।
चुकि आज मेहनत ज्यादा हुई थी तो रागिनी ने निशा को आराम करने को कहा और सोनल और वो खाना बनाने मे लग गये ।

खाली चुलबुली निशा आखिर कब तक इधर-उधर भटकती तो उसने सोचा क्यू ना अमन को ही परेशान किया जाये ।

तो उसने सोनल के मोबाइल मे उसका व्हाट्सअप खोला और अमन को मैसेज भेजना शुरु किया ।
मानो अमन भी सोनल के मैसेज की राह देख रहा था

सोनल ( निशा ) : hyy mere saiyan . Kaise ho 😘
अमन : Bas apni suhaagraat ki taiyari kar raha hu 🤩
सोनल ( निशा) : hmmm etne betaab ho gaye the kya kal 🤭
अमन : aahh jaan pucho mat ... aaj bhi dikha do na
सोनल ( निशा ) : huh 😏 bilkul bhi nahi
अमन : kyu 🥺
सोनल ( निशा ) : mera dekh lete ho apna nahi dikhaate 😌🙈
अमन : 😄 kya dekhna hai meri jaaan ko
अमन : ye


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अमन अपने लोवर मे तने हुए लंड की वीडियो बना के भेजता है जिसे देखकर निशा की चुत कुलबुलाने लगती है ।

अमन : kya hua 🤩
सोनल (निशा) : dhtt badmaash sidha wahi thodi na dekhna tha 😌🙈
अमन : ops sorry 😛
सोनल (निशा) : koi baat nahi mujhe bura nahi lga
अमन : toh open karke bheju du 😉


अमन की बात सुन कर निशा की धड़कने तेज हो गयी और वो मैसेज टाइप कर कर के cancel कर दे रही थी । उसको तलब सी हो रही थी कि वो अमन का लण्ड देखे ।

अमन : kya hua baby bolo na . Kaho to video call karu
सोनल(निशा) : nahi nahi nisha hai yahi par 😅
अमन : Lo aise hi dekh lo chupke se 🤩


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अमन फिर से अपने लंड का फुल तस्वीर भेजता है जिसमे उसके काले तने हुए लंड की नसे तक साफ साफ दिख रही थी और उसका आलू जैसा लाल सुपाडे की मोटाई को निशा ने अपने चुत के मुहाने पर मह्सूस कर लिया था ।
उसकी चुत बहने लगी थी ।

काफी टाईम तक कोई जवाब ना आने पर
अमन : kya hua baby, tum bhi dikha do n ab thoda sa plzz

निशा क्या करे उसे समझ नही आ रहा था, उसे अमन से ऐसे बाते करने मे बहुत मजा आ रहा था और अमन मैसेज से बार बार उसे चुचे दिखाने के लिए मनाये जा रहा था ।

अमन की बेताबी और उसके मोटे लंड को देखकर निशा की चुचिया भी तन गयी थी । उसके निप्प्ल भी उसकी टीशर्ट को फाड कर बाहर आने को बेताब थे ।

निशा ने एक गहरी आह भरी और अपने जोबनो को मसलते हुए उसने अपने कड़े निप्प्ल वाले चुचे जो उसके टीशर्ट को भेद रहे थे उनकी तस्वीर निकाली और अमन को भेज दी । जिसमे उसका चेहरा नही दिख रहा था ।

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चुकि सोनल और निशा की कदकाठी एकदम से एक जैसी ही थी तो अमन को जरा भी शक नही हुआ कि इस तस्वीर मे सोनल की जगह निशा है ।

तस्बीर देखते ही
अमन : 🤤 ummm baby t-shirt bhi uthaao na

अमन की डिमांड सुन कर निशा के चुचे और कड़े होने लगे और चुत रसने लगी ।

निशा अपने चुत की फलकों की उंगलियों से दबाकर एक गहरी सास ली और अपनी टीशर्ट उठा कर अपनी नंगी चुचियो की सेल्फी अमन को भेज दी ।

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उधर अमन आंखे फाडे निशा के रसीले चुचो के काले घेरे देख कर सोनल के नाम की मूठ लगा रहा था ।

कुछ मिंट बाद ---

सोनल (निशा) : kya hua achcha nahi hai kya 😥
अमन : ohh baby you are so sexy ummm kya boobs hai tumhaare . Mai to inhe roj chusunga ummm 🤤
सोनल (निशा) : chalo bye mujhe niche jana hai . Nisha bula rahi hai
अमन : Are nisha to tumhare sath thi na 🤨
अमन : Toh kya tumne uske samne hi 😱😱


निशा को एक पल को लगा कि वो पकड़ी ना जाये लेकिन जल्द ही उसने अपनी स्थिति पर काबू पाया

सोनल (निशा) : dhtt nahi wo baahar gayi thi us time . Aap bhi na
सोनल (निशा ): chalo bye 😘
अमन : ok baby 😘



उसके बाद निशा लण्ड की तालाश मे अनुज को खोजती है और मौके से अनुज दुकान से वाप्स आ चुका था ।
फिर निशा उसे इशारे से छत पर जाने को कहती है ।
अनुज जो काफी दिनो से जिस्म का भूखा लण्ड की कसावट से परेशान था वो निशा के प्रपोजल को नजरअंदाज नहीं कर सकता था और दोनो के बीच एक गरमागर्म चुदाई का राउंड शुरु होता है ।


JAANIPUR

रात के खाने के बाद रज्जो और कमलनाथ अपने कमरे मे सोने की तैयारी कर रहे थे ।

कमलनाथ अपने कपडे निकाल कर जांघिया और बनियान मे बिस्तर पर आ चुका था कि दरवाजे पर खटखट होती है ।

कमलनाथ उठ कर तौलिये को अपनी कमर मे लपेटते हुए दरवाजा खोलता है तो सामने रीना हाथ मे सेकाई और मालिश के समान लेके खड़ी थी ।

कमलनाथ समझ जाता है और दरवाजे से हट कर कमरे मे आ जाता है । उसके पीछे रीना भी आ जाती है ।

रीना - वो मा जी आज शाम की मालिश नही ही पाई थी आपकी तो सोचा इस टाईम कर दू !

रज्जो - ओहो ये लड़की भी ना ,,अरे मै ठीक हू अब क्यू तु परेशान हो रही है ।

रीना - आप जिद ना करो मा जी ,, पापा जी समझाओ ना इनको

कमलनाथ - अब मै क्या बोलू ,,, करवा लो ना रमन की मा बहु कह रही है तो , जल्दी अच्छी हो जाओगी तो ठीक ही है ना

रज्जो तुनक कर - हा आपके लिए ठीक ही रहेगा ना हुह

अपनी सास की बात सुन कर रीना मुह फेर कर हस दी और कमलनाथ भी रीना को देख कर खुद को हसने से रोक नही पाया ।

कमलनाथ - अच्छा ठिक है मै थोडा बाहर हू
रीना कमलनाथ को टोकते हुर - पापा जी वो तौलिया !! वो सेकाई के बाद साफ करना होता है ना

कमलनाथ - ओह्ह फिर ऐसे मै बाहर कैसे जा पाऊन्गा

रज्जो खीझ कर - क्या जी आप भी यही बैठ जाओ ना चुप चाप वैसे भी ज्यादा टाईम नही लगेगा ।


"हा ठिक है पर ", कमलनाथ रीना की ओर देख कर बोला ।

रज्जो - बहु तुझे कोई दिक्कत तो नही है ना

रीना अब क्या ही बोल सकती थी तो उसने भी शर्म भरे लहजे मे मुस्कुराते हुए - नही मा जी ,

फिर कमलनाथ सोफे पर बैठ गया और रीना ने रज्जो की गाड़ से मैकसी उपर करते हुए इसके मखमली चुतडो की बर्फ से सेकाई शुरु कर दी ।

रीना शर्म से बिना कमलनाथ की ओर देखे बस अपने काम मे लगी थी और अच्छे से अपनी सास के चुतडो को सेका ।

इस दौरान कमलनाथ का लण्ड इस अजीबोगरीब स्थिति मे भी तन चुका था और अपनी बीवी की गदराई बीवी के चुतड देख कर उसके लण्ड की नसे फुल रही थी ।

ऐसे मे अचानक से रीना ने उसकी ओर देखा और बोली - पापा जी वो तौलिया ।

कमलनाथ थोडा झिझक के साथ खड़ा हुआ और जैसे ही उसने तौलिया खोल कर रीना को पकड़ाया उसे अपने जान्घिये मे तने हुए लण्ड का ख्याल आया और वो फौरन उसे ढकते हुए सोफे पे आ गया ।

रीना ने ये सब देखा और मुस्कुराती रही ।
कमलनाथ के साथ साथ अब रज्जो भी मुस्कुरा रही थी ।

रज्जो हस कर - बहु अब और कितने टाईम की मालिश बाकी है उम्म्ं
रीना मुस्कुरा कर - बस मा जी अब ठिक हो गया है अब आप ....।

इत्ना बोलकर रीना चुप हो गयी और मुस्कुराते लोशन को अपनी सास के चुतडो मे मलने लगी ।

कमलनाथ जो कि छिप छिपकर अपने खड़े लण्ड के सुपाड़े खुजाये जा रहा था और रज्जो को देख कर इशारा करता है कि आज रात वो चुदाई करवा ले ।

रज्जो तुनकते हुए - मुझसे नही बहु से पूछिये

रीना चौकी और आंखे बडी करके - क्या हुआ मा जी

रज्जो शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ अपने पति को छेड़ते हुए - अब क्या बताऊ बहु , सांड जैसा पति मिला है मुझे जो एक भी पल चैन से बैठने नही देता ,,,आज थोडी ठिक हो रही हू तो फिर से इनकी डिमांड शुरु हो गयी ।

रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ रीना से नजरे और लण्ड दोनो छिपाने लगा ।
वही रीना ने एक नजर अपने ससुर को देखा तो उसकी हसी छुट गयी ।
कमलनाथ समझ रहा था कि ऐसे मस्ती करने की रज्जो की पुरानी आदत है लेकिन अपनी बहु के सामने वो थोडा शर्मिंदा मह्सूस कर रहा था और उसका चेहरा उतर चुका था ।

रीना ने भी अपने ससुर का उतरा हुआ चेहरा देख कर थोडा चुप हो गयी ।

रीना उखड़े हुए स्वर मे - सॉरी पापा जी , मै समझ रही हू आपकी परेशानी । लेकिन आपको भी मा जी के बारे थोडा सोचना चाहिए


कमलनाथ चुप रहा और वैसे ही नजरे नीची करके बैठा रहा ।

रीना - देखिये आप प्लीज नाराज ना होयिये । आप लोग ही अब मेरे मम्मी पापा है और मै नही चाहती कि मेरे वजह से मेरे पापा को कुछ तकलिफ हो ।

रीना की भावुक बाते सुन के रज्जो को लगा कि शायद उसने बहु के सामने अपने पति को कुछ ज्यादा ही छेड़ दिया ।
इसिलिए वो भी उठके कमलनाथ के पास आ गयी ।

रज्जो - क्या जी नाराज हो गये मुझ्से उम्म्ंम

कमलनाथ - बात वो नही है रमन की मा । तुम्हारी बात सुनकर बहु मेरे बारे मे यही सोचेगी ना कि मै ...।

रीना अपने ससुर की बात सुनकर उसके पास गयी और उसके पैरो के पास बैठ के उसके नंगे घुटने को छुते हुए - नही नही पापा जी । मैने ऐसा कुछ कभी नही सोचा ।

रीना शर्म से नजरे नीची करके मुस्कुराते हुए - मै तो खुश हू की इस उम्र मे भी आप दोनो मे कितना प्यार है


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रिना के स्पर्श और उसकी मीठी बाते सुनके कमलनाथ का लण्ड जान्घिये मे फिर से फुकार मारने लगा । जिसे रीना ने बड़े ही करीब से देखा ।

कमलनाथ प्यार से अपनी बहु के सर पर हाथ फेरते हुए - तु सच मे बहुत प्यारी है मेरी बेटी

रीना चहक के - तो आप मानते है कि मै आपकी ही बेटी हू और मुझे आपकी खुशी का ख्याल रखना चाहिए

कमलनाथ रज्जो को मुस्कुरा कर देखता है फिर रीना से - हा उसमे मानने जैसा क्या है !

रीना शर्म से नजरे निचे करके - तो आपने मुझे मौका क्यू नही दिया कि मै आपको खुश रख सकू ।

रीना की बाते सुन के कमलनाथ और रज्जो दोनो के कान खड़े हो गये और वो भौचके होकर एक दुसरे को देखने लगे ।

कमलनाथ थुक गटक कर अपना लण्ड फुलाते हुए - क्या मतलब मै समझा नही बहु ।

रीना मुस्कुरा कर कमलनाथ की आंखो मे देखते हुए - यही कि जब आपका इतना मन है तो एक बार मुझसे क्यू नही कहा । क्या इतना भी हक नही मेरा कि मै आपको खुश रख सकू ।

कमलनाथ हिचक कर - ये ये तु क्या कह रही है बहु ,, मै तुझसे ये कैसे ?

रज्जो भी चौक कर - हा बहु तू ये क्या बोल रही है ।

रीना - सही तो कह रही हू मा जी । आप मेरी मा जैसी हो और पापा जी मेरे पापा जैसे ।
अगर मा की तबीयत नही ठिक है तो क्या पापा ख्याल रखना उसकी बेटी का फर्ज नही है ।

कमलनाथ झिझकते हुए - वो ठीक है बेटी लेकिन तु जो कह रही है वो मै कैसे ! तु रमन की पत्नी है ।

रीना आंखे नचाकर - और आपकी बहु भी हू । तो क्या बहु का ये फर्ज नही कि वो अपने सास ससुर के तकलीफ़ को समझे उनकी मदद करे ।

रज्जो - तेरी बात ठीक है बेटा लेकिन तु मेरे लिए क्यू ?

रीना मुस्कुरा कर - आप ही के लिए तो कर सकती हू ना

इधर रीना और रज्जो की संस्कारो को लेके अपने अपने मतभेद चल रहे थे और वही कमलनाथ इस कल्पना मे उत्तेजीत हुआ जा रहा था कि रीना उससे खुद से चुदाई करने वाली है ।
इधर इन्की बाते चल रही थी दरवाजे खटखट हुई और सब एक साथ चुप हो गये ।
रज्जो थोडा शान्त होकर - ऐसा है बहु तू अपने कमरे मे जा , रमन इन्तेजार कर रहा होगा ।

रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ का सारा नशा ही उतर गया और वो बहुत ही उम्मिद भरी नजरो से रज्जो को देखता है तो रज्जो हस कर - और आप परेशान ना होवो , हिहीहिही

रज्जो रीना से - और बहु तु जा हम फिर कभी इसपे बात करेंगे ।
रीना अपनी सास की बात सुनकर थोडा उदास थी क्योकि दिल ही दिल मे उसने भी कुछ अरमान रखे हुए थे तो आज टुटने जैसे हो रहे थे । तो बेबस होकर कभी अपने ससुर को तो कभी उसके खड़े लण्ड को निहार रही थी इस उम्मिद मे कि शायाद आगे उसे मौका दे ।


जारी है ....
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UPDATE 166

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

सुबह की अंगड़ाई के साथ राहुल के लण्ड ने भी अपनी करवट बदली और दोनो एक साथ जाग गये ।

रात मे किचन की मस्ती याद करके राहुल ने अपने लण्ड का तना पकड़ा कर गाड़ पिचकाते हुए उसकी नसो भरपुर फैलाते हुए अपनी कमर को मरोडा ,, जिससे उसके लण्ड की सभी नसे अच्छे से खुल गयी ।

राहुल मन मे - अब बस बहुत हो गया ,, आज तो मै मम्मी को चोद कर रहूंगा

वो जल्दी से नहाने गया और नहा कर रोज की तरह अपनी मा को खोजते किचन मे घुस गया ।

बिना कोई आहट के दबे पाव राहुल ने हौले से पीछे से ही अपनी मा के कमर मे हाथ डाला और उससे चिपकते हुए उसके खुली गरदन को चुम लिया

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शालिनी ने जैसे ही ये कामुक स्पर्श अपने जिस्म पर मह्सूस हुए वो पूरी तरह से कपकपा गयी और उसकी सासे तेज हो गयी ।
वही राहुल बिना कुछ बोले अपने मुसल को मा की गाड़ मे चुभोता हुआ उसके खुले कन्घे और गरदन के साथ कान के हिस्से मे भी चुम रहा था

शालिनी ने बडी मादकता भरे स्वर मे कहा- उम्म्ंम राहुल बेटा उफ्फ्फ छोड ना काम करना है बहुत सारा

राहुल ने कुनमुनाकर - उहू ना
शालिनी मुस्कुरा के अपने हाथ से अपने बेटे के गाल छुते हुए - बेटा मुझे सच मे बहुत काम है ,, आज मै भी देर से उठी हू ना

राहुल शरारत भरी मुस्कुराहत के साथ - क्यू

राहुल की खिसकी भरी मुस्कुराहट शालिनी के कानो में पडी तो वो हस दी ।
शालिनी - तेरे पापा की वजह से और क्यू ?

राहुल अपने हाथ अपनी मा के नरम पेट पर घुमात हुआ - क्यू उन्होने सोने नही दिया क्या रात भर

शालिनी शर्म से मुस्कुरा कर - हम्म्म

अपनी मा की बात सुनके राहुल का लण्ड और तन गया । जिसको शालिनी ने अच्छे से अपने जांघो के बीच मह्सूस किया ।

अपनी मा से ऐसे गर्म गर्म बाते करके राहुल का लण्ड बहुत तन गया था तो उसने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया और
उसको अपनी मा की जांघो के बीच घुसेड़ दिया

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जो उसकी चुत के फलको को रगड़ते हुए सामने की ओर बाहर निकल गया ।

शालिनी ने जैसे ही अपनी चुत की फलको को फैल्ते हुए मह्सूस किया तो चौककर निचे देखा तो उसके लोवर के सामने से उसकी चुत के मुहाने पर राहुल के सुपाडा की टिप दिख रही थी और उसका गर्म मोटा तना उसकी चुत के होठो पर लोवर के उपर से चिपकी हुई थी ।

शालिनी - आह्ह बेटा ये क्याआ कर रहा है उमम्म सीईई तेरे पाआ अह्ह्ह तेरे पापा आ जायेन्गे उन्मममं हटा ना इसे

राहुल पीछे से अपनी मा के जांघो मे अपना लण्ड घिसते हुए - वो दुकान छोड कर नही आयेन्गे मम्मी प्लीज करने दो ना उम्म्ंम

राहुल की इस हरकत से शालिनी चुत की खुजली बढ रही थी ये सोच कर कि जिस लण्ड को शालिनी अपने चुत मे लेने का ख्याल कर रही थी वही लण्ड उसके चुत के उपर घिस रहा था

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जिससे उसकी चुत अपना पानी छोडने लगी थी ।
बिना पैंटी के उसका लोवर निचे से गीला होने लगा था और जब राहुल ने अपनी लंड के सतह पर चिपचिपाहट महसूस की तो वो समझ गया कि उसकी मा झड़ रही है इसिलिए उसने अपनी मा कूल्हो को थामते हुए कस कस लंड को उसकी जांघों मे पेलने लगा

शालिनी की चुत अब बुरी तरह से घिसी जा रही थी और वो राहुल के लंड को जांघो मे कस्ते हुए अकड़ने लगी थी इधर लण्ड पर जोर पडने से राहुल का सुपाडा भी फूल चुका था और अब वो कभी भी झड़ सकता था इसिलिए उसने फौरन लण्ड बाहर निकाला और उसे मुथियाते हुए अपनी मा चुतडो पर गिराने लगा

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अपने बेटे के वीर्य की गरमी पाकर शालिनी भी अकड़ते हुए अपनी चुत निचोड रही थी ।
राहुल ने अच्छे से लंड को अपनी मा के चुतडो पर पटक पटक कर झाडा

शालिनी कामुकता भरी मुस्कुराहट से - गन्दा कही का , मुझे कपडे बदलने पड़ेगे अब ना

राहुल अपनी मा के कमर मे हाथ डाल कर उसके गाल चुमता हुआ - चलो मै बदल देता हू ना मम्मी

शालिनी तुन्ककर मुस्कुराते हुए - हुह रहने दे मै कर लूंगी ।

ये बोलकर शालिनी अपने कमरे मे चली गयी और राहुल मुस्कुरा कर अपना लण्ड अन्दर करके हाथ धोने लगा ।


JAANIPUR

देर रात तक रज्जो कमलनाथ की आपस मे रीना को लेके बाते चली और सोने से पहले रज्जो ने कमलनाथ से चुदाई कर ली ।

अगली सुबह रीना रोज की दिन चर्या के बाद किचन मे भिड़ी हुई थी और रज्जो निचे आई

रीना ने जैसे ही अपनी सास को देखा - बैठीये मा जी चाय हो गया है ।

रज्जो ने देखा कि रिना के व्यव्हार मे जर भी बदलाव नही है कल रात की बात को लेके , जबकि वो खुद रीना से झिझक मह्सूस कर रही थी ।

रीना की ओर सब सामान्य देख कर रज्जो ने भी अपने व्यव्हार मे कोई नयापन नही दिखाया और वो पहले के जैसे ही रही ।

फिर कुछ समय मे घर के दोनो मर्द भी निचे उतरने लगे ।
फिर रीना ने उन्हे भी चाय नास्ता दिया ।
रीना जैसे ही कमलनाथ के आगे झुकी तो एक बार फिर उसको अपनी बहु के 34D के मोटे चुचो की घाटिया देखने को मिली और उसका लण्ड अकड़ गया ।
वही रीना ने जब अपने ससुर को अपनी चुचिय झांकते देखा वो मुस्कुरा दी और इतराते हुए किचन मे चली गयी ।


नास्ते के बाद रमन दुकान के लिए निकल गया
नास्ते के बाद कमलनाथ वही हाल मे बैठा रज्जो से बाते करने लगा । रज्जो जो रात की चुदाई के बाद से काफी खिली खिली लग रही थी ।

रज्जो - तो ठिक है कल सुबह ही मै चमनपुरा के लिए निकल जाती हू ,

रीना भी वही पास खड़ी सब सुन रही थी ।

कमलनाथ - ठिक है फिर दो दिन बाद मै और बहू सारा समान एक गाड़ी बुक करके चले आयेंगे

रज्जो रीना से - तुझे कोई दिक्कत नही है ना बहु , वैसे रागिनी ने तो हम दोनो को साथ आने को कहा था । लेकिन अगर हम दोनो गये तो इन दोनो के खाने पीने का ख्याल कौन करेगा

रिना मुस्कुरा के - आप बेफिकर होकर जाईए मा जी , मै पापा जी का ख्याल रखुन्गी

रज्जो रीना की बात सुन कर उसे रात की घटना याद आई और वो हस कर - और हा बस खाने पीने का ही ध्यान रखना है ये नही कि ...तु समझ रही है ना

रज्जो की बात पर रीना शर्मा कर नजरे चराते हुए - जी मा जी समझ गयी और प्लीज आप वो बात को भुला दीजिये ना

रीना कमलनाथ को देखकर - वो तो मै पापा जी की तकलिफ के वजह से कहा था ।

रज्जो कमलनाथ का मजा लेते हुए - अरे तु इनकी बातो मे ना आना ये एक नम्बर के चालू आदमी है ।

कमलनाथ हस कर - क्या रमन की मा तुम भी ,,,बस भी करो

और फिर कमलनाथ अपने पजामे मे सर उठाते लण्ड का टोपा खुजाने लगता है जिसको रीना देख लेती है ।


फिर रज्जो उठती है और कमलनाथ को अपने साथ पैकिंग मे मदद के बहाने मे चुदाई करवाने ले कर घुस जाती है ।



राज को जुबानी

अरुण की बाते सुनने के बाद मै समझ गया था कि बात सच मे बहुत बडी थी । इसको सुलझाने के लिए मुझे समय के साथ साथ कुछ जरुरी बाते भी जाननी जरुरी थी जो अभी तक एक परछाई के रूप मे मेरे जहन मे घूम रही थी ।
इसी उधेड़बुन मे मै काफी रात तक जगा रहा और जब सुबह मेरी आंखे खुली थी 9 बज रहे थे ।

मै टीशर्ट और अंडरवियर मे लेटा हुआ था और लण्ड पुरे उफान पर तन कर तम्बू बनाये हुए था । तभी मेरे कानो मे गानो की गुनगुनाहट आई और मैने गरदन उठा कर देखा तो सामने मीना थी जो कमरे मे झाडू पोछा करने आई थी ।

मै लपक कर उठा और बिस्तर पर खड़ा होकर अपना पैंट खोजने लगा ।

तभी मीना मुस्कुराती हुई - क्या खोज रहे है बाबू
मै सकपका कर उसकी ओर देखा जो मेरी नंगी जान्घे निहार रही थी ।

मै - वो वो मेरा ... मिल गया
मैने लपक कर अपना पैन्ट सोफे से उठाया और जल्दी जल्दी पहनने लगा , हड़बड़ी मे मैने ध्यान ही नही दिया कि मैने गलत गलत हिस्से मे पैर डाल दिये और पूरी जीन्स उल्टी हो गयी ।

जिसे देख कर मीना जोर की ठहाक लेके हस दी
मै भी शर्म से लाल होता हुआ वापस से पैंट उतारने लगा ।

वही मीना झाडू लगाते हुए तिरछी नजरो से मुझे देखती रही और जब मै पैंट पहना तो फ्रेश होने के लिए बाथरूम मे चला गया ।
मै जब बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि मीना अभी भी कमरे मे ही अरुण के कपडो मे तह लगाते हुए बेड पर झुकी थी और मै अब मीना के इरादो से भरपुर वाकिफ हो चुका था ।

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इसिलिए मै भी मस्ती उसके पास से गुजरते हुए अपनी कलाई को उसके झुके हुए कूल्हो पर घिसते हुए कमरे से बाहर निकल गया और वो चौक कर मुझे देखती रही ।
कुछ देर बाद मै नास्ते के बाद बुआ के पास बैठा रहा और उनसे थोडी बाते की ।

मै - बुआ आप भी मेरे साथ ही चलो ना
बुआ - अरे बेटा ऐसे खाली हाथ नही जा सकती , अभी तो सारी खरीदारी करनी है और कम्मो को तो स्कूल से फुर्सत नहीं है ।

मै उखड़ के - तो क्या आप भी शादी के दिन ही आओगे क्या ?

शिला बुआ मुस्कुरा कर - अरे नही रे , बस एक दो बाद मै आ जाऊंगी

मै - पक्का
शिला - हा पक्का

फिर मै बुआ को कस के हग कर लिया ।
और हौले से बुआ के कुल्हे को सहला दिया जिसको कीचन मे खड़ी मीना ने बड़े ही गौर से देखा और मुस्कुराते अपने काम मे लग गयी ।

मै भी मुस्कुराने के सिवा कुछ कर नही सका और फिर बुआ के साथ उनके कमरे मे चला गया ।



लेखक की जुबानी

रात की बेचैनी से सब ही परेशान थे तो अमन कैसे पीछे रह जाता ।
निशा की शरारत के बाद से उसकी तलब और इच्छाये बढ रही थी ।
नास्ते के दौरान रागिनी के सामने ही अमन ने सोनल को 3 4 बार फोन किया तो सोनल ने झिझक कर इशारे से निशा को कहा कि वो बात कर ले ।

निशा खिलखिलाती हुई फोन उठा ली और किचन से बाहर निकल कर फोन उठा कर बाते करते हुए उपर चली गयी

फोन पर

अमन - क्या यार फोन क्यू नही उठा रही हो
निशा खिलखिला कर - उफ्फ्फ मुझे नही पता था जीजू कि आप मुझसे बाते करने के लिए इतने बेताब हो ।

निशा की आवाज सुन कर अमन का प्यार का पैमाना 100 से 10 पर आ गिरा ।
अमन उखड़े हुए स्वर मे - ओह्ह निशा तुम हो ,, सोनल कहा है

निशा - हा हा आपको तो आपकी सोनल जी ही प्यारि लगेगि ना , इतने हसिन हसिन तस्वीरे जो शेयर कर रही है आजकल हिहिहिही

अमन ने जैसे ही निशा की बाते सुनी उसके कान खड़े हो गये कि कही निशा ने कल रात के उसके और सोनल के चैट्स तो नही ना पढ लिये ।

अमन हड़बड़ा कर - क क्या बात कर रही हो तुम निशा उम्म्ं

निशा तुनक कर अमन को छेड़ती हुई - वही जो आपने सुना । हुउह
निशा - अगर वही सब दिखाकर आपसे बात करने को मिल सकता है तो एक बार मुझसे कह कर देखते

अमन हस्ता हुआ - क्या निशा तुम भी ना , तुमको शर्म नही आती हमारी प्राइवेट बाते पढते हुए । गंदी कही की

निशा तुनक कर - हुह गंदी गंदी बाते खुद करो और मुझे गन्दी बना रहे हो , मै तो चल रही हू बडी मम्मी को बताउंगी

अमन की तो अब फट गयी थी कि कहा फस गया - अरे नही नही ये क्या बोल रही हो तुम

निशा - देखिये जीजू अगर आप चाहते है ये सब बाते बडी मम्मी को ना पता चले तो मेरी एक शर्त है ।

अमन जल्दीबाजी भरे लहजे मे - हा हा बोलो बाबा सब मन्जुर है बोलो तुम

निशा - ऐसे नही पहले अपनी होने वाली बीवी की कसम खाओ हिहिहिही

अमन - हे भगवान !!!
निशा खिलखिला कर - भगवान नही भाग्यवान की हाहाहहाहा

अमन हस्ता हुआ - अच्छा बाबा मै अपनी जान सोनल की कसम खा के कह रहा हू तुम्हारी सारी शर्ते मानूँगा । खुश , अब बोलो

निशा मुस्कुरा कर - हम्म्म्म तो पहली शर्त ये है कि आप अपनी सुहागरात का लाइव वीडियो मुझे दिखाओगे हिहिहिही और दुसरी

अमन की आंखे फैल गयी और मन ही मन सोचने लगा कि ये कितनी शैतान है - क्या निशा तुम ये .... अच्छा और दुसरी शर्त क्या है ।

निशा - हिहिहिही और दुसरी शर्त ये है कि कल आप मुझे मूवी दिखाने लिवा चलो सरोजा कॉमप्लेक्स मे

अमन खुश होके - ठिक है सोनल को भी लिवा लेना

निशा तुनककर - नही सिर्फ मै और आप । ये जीजा साली वाला ही शो रहेगा हिहिहिही

अमन हस कर -ठीक है बाबा और कुछ

निशा सोचते हुए और अचानक से - अरे हा मेन बात तो भुल ही गयी

अमन - क्या !
निशा - आप रोज मुझसे सोनल से छिप कर बाते करेंगे हिहिहिही और उसे बिल्कुल भी नही बतायेंगे आपको सोनल की कसम

अमन - क्या यार इसमे भी कसम

निशा - बस बस हो गया ।मै जा रही हू बाय जीजू

हिहिहिही

फिर चहकते हुए निशा ने फोन काट दिया और अमन बेचारा बुरी तरह से फस चुका था ।
इस हवस के जंगल मे वो खुद को उस कबुतर के जैसा मह्सुस के रहा था जो दाने की लालच मे अनजाने मे शिकारी के जाल मे फस गया हो ।

अमन पहले से ही समझ रहा था कि निशा एक चंचल लडकी है लेकिन वो उसकी शरारत के इस चेहरे से वाकिफ नही था ।

उसके जहन मे वो पल आ रहा थे कि जब वो अपनी सुहागरात को वीडियो काल के जरिये निशा को दिखायेगा तो निशा उसके लण्ड को निहारेगी और उसके चुदाई करने के तरीके को भी देखेगी । लेकिन अगले ही उसे याद आता है कि निशा तो पहले ही उसका लण्ड सोनल के मोबाइल मे देख चुकी है ।

ये सब बाते सोच कर अमन का लण्ड बैथने का नाम नही ले रहा था । मस्ती मे ही सही लेकिन निशा की शरारत ने अमन को बेईमान बना दिया था और वो निशा से कल की मुलाकात के लिए बेताब हुआ जा रहा था ।



जारी रहेगी
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UPDATE 167 (A)

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

राहुल अब काफी हद तक अपनी मा से खुल चुका था लेकिन शब्दो की मर्यादा दोनो मा बेटे ने अभी तक नही लान्घी थी ।
वासना मे घिरे हुए ही सही लेकिन दोनो मे किसी ने भी खुले शब्दो ये इच्छा जाहिर नही होने दीया कि वो दोनो एक दूसरे से क्या चाहते है ।

मौके का फायदा उठाते हुए राहुल ने दो बार अपनी मा से अपना मुसल चुसवा चुका था लेकिन उसकी बेचैनी घटने का नाम नही ले रही थी ।
वही शालिनी के उपर बेटे के साथ साथ बाप की हवस का बोझ बढ़ रहा था ।
जन्गीलाल ने भी दो तीन बार मौका देखकर शालिनी के अंगो के साथ खेला और लण्ड शान्त किया ।

हालत ये थी कि शालिनी की चुत बहुत ही पानी बहा रही थी लेकिन उसकी गर्मी नही मिट पाई थी वही आज राहुल भी पूरी जिद थी कि उसे मम्मी पापा वाला खेल देखना है ।

वही शालिनी भी चाह रही थी कि राहुल के साथ ये खेल जल्द ही खतम हो जाये क्योकि सोनल की शादी को ज्यादा दिन बाकी भी नही थे और कब उसकी जेठानी के यहा से उसका बुलावा आ जाये कोई पता नही था ।
अभी रात के 9 बज रहे थे ।
घर मे सभी लोग खाना पीना कर चुके थे ।
शालिनी किचन मे बर्तन खंगाल रही थी कि पीछे से राहुल ने एक बार फिर अपने तने हुए लण्ड से शालिनी के गाड़ की दरारो मे दस्तक थी और शालिनी गनगना गयी ।


राहुल अपना लण्ड अपनी मा के गाड़ पर घुमाता हुआ घिस रहा था - मम्मी प्लीज ना सिर्फ आज के लिए

शालिनी कसमसाहत भरी आवाज मे - तुझे क्यू देखना है वो सब
राहुल - बस ऐसे ही मन कर रहा है

शालिनी चिंतित भाव मे - कही तेरे पापा ने देख लिया तो
राहुल - पक्का मै छिप कर रहूंगा , वो नही देख पायेंगे

शालिनी अपने हाथ साफ करके राहुल के लण्ड को पकड कर उससे अलग होते हुए - अच्छा ठिक है लेकिन बस कुछ मिण्ट के लिए ही देखना और फिर वापस कमरे मे ठिक है

राहुल चहक कर - ठिक है मम्मी उम्म्म्माह

शालिनी मुस्कुरा कर - धत्त शैतान कही का अब कमरे मे जा मै बाहर की सारी लाईट बुझाकर ही कमरे मे जाऊंगी

राहुल चहकता हुआ कमरे मे चला गया और शालिनी ने बाहर की सारी लाईट बुझा कर कमरे को हल्का भिड़काते हुए कमरे मे चली गयी ।
अन्दर कमरे मे जंगीलाल ने जैसे ही शालिनी की आहट पाई उसे इस बात की फ़िकर ही नही थी कि कमरे का दरवाजा किस हालत मे है ।
शालिनी जिस तरह से अपने जिस्म को कामुक अदाओ से बल्खाते हुए अपने पति की ओर बढ रही थी वैसे वैसे ही जन्गीलाल के जान्घिये मे लण्ड ने बडी तेजी से तम्बू बनाना शुरु कर दिया था ।
जंगीलाल - ओह्ह्ह जान तुम हर बार मुझे पागल कर देती हो , इतनी नशीली क्यू हो तुम

ये बोलकर जंगीलाल ने लपक कर शालिनी को का हाथ खीच कर उसे अपनी गोद मे बिठा लिया ।

अपने पति के नंगे जिस्मो का स्पर्श पाकर शालिनी सिहर गयी और उसकी धडकनें तो बस राहुल के बारे मे सोच कर ही तेजी से धडक रही थी जिससे उसके चूचे जंगीलाल के सीने पर दबाव बना रहे थे और जन्गीलल भी इसको महसूस कर पा रहा था ।

शालिनी तोड़ा इतराते हुए खुद को छुड़ाने की कोसिस करती हुई - अह्ह्ह छोडिए ना जी ,, आपको तो बस वही सब करना है

जंगीलाल अपनी बिबी के गालो को चूमता हुआ - उम्म्ंम जान तुझे देखने के बाद कुछ सूझता ही नही

शालिनी ने नजरे उठा कर अपने पति को देखा और आंखे दिखाते हुए पुछा- समझ क्या रखा है आपने मुझे उम्म्ं

जंगीलाल शरारत भरी मुस्कुराह्ट के साथ उसके कूल्हो को मसलते हुए बोला - अपनी रंडी

अपने पति के मुह से ऐसे शब्द सुन कर शलिनी का दिल ध्क्क करके रह गया और वो ये सोच रही थी कि कही राहुल ने सुन तो नही लिया ना ,,,

वही कमरे के बाहर खड़ा राहुल ने जब अपने बाप के मुह से ऐसे शब्द सुने तो उसका लण्ड फड़फडा गया ।

राहुल मन मे - अह्ह्ह पापा सही कह रहे हो मम्मी किसी रन्डी से कम नही है उह्ह्ह कुछ करो ना खोलो ना मम्मी की चुचिया उम्म्ं

शालिनी अपने पति की ओर पीठ करती हुई एक नजर दरवाजे पर देखती हुई - धत्त क्या जी आप ऐसे उलटा सीधा बोल रहे हो

जन्गीलाल ने मौका पाया और पीछे से शालिनी के चुचे टीशर्ट के उपर से मसलते हुए - सही तो कह रहा हू मेरी रन्डी है तू


शालिनी अपने चुचो पर पति के हथेली का स्पर्श पाते ही मचल उठी और सिस्कने लगी उसकी आंखे बंद हो गयी थी और वही राहुल के चेहरे के भाव बदलने लगे थे ।

उसे लगने लगा था कि खेल शुरु हो गया है और वो अपना लण्ड भी बाहर निकाल चुका था ।

कमरे मे जंगीलाल ने शालिनी की चुचिया मिजते हुए अपने हाथ उसके टीशर्ट मे घुसा दिये और नंगी नंगी चुचियो को टीशर्ट के अन्दर से मसलने लगा ।

शालिनी अपने पति के सीने पर लोटने लगी थी और उसकी एडिया ऐठने लगी थी ।
शालिनी का जोश आज राहुल की उपस्थिति मे बढ गया था वो पूरी तरह अकड़ रही थी इस कलपना मे कि राहुल के मन मे उसके लिये क्या चल रहा होगा ।

क्या वो अपना लण्ड मसल रहा होगा ये सब देख कर ।
वही जंगीलाल अपनी बिवी की गर्मी से और भी जोश मे आ गया और उसने शलिनि की सरकती जान्घो को पकडते हुए अपनी ओर खिच लिया और सीधा चुत के उपर हाथ रख कर उसकी बुर टटोलने लगा ।

राहुल की हालत भी खराब हो रही थी , वो चाह रहा था कि जल्द से जल्द उसकी मा नंगी हो जाये
लेकिन जंगीलाल के विचार तो कुछ और ही थे क्योकि वो भी सुबह से तडप रहा था और उसका लण्ड भी चुदाई के लिए बेचैन हुआ जा रहा था ।

वही शालिनी की बेताबी देख कर उसे लगा की पहले उसे शालिनी की चुदाई करनी चहिये

बस फिर क्या था
अगले ही पल मे वो और शालिनी खड़े थे ।
फिर जंगीलाल ने उसे बिस्तर पर झुका दिया और उसका लोवर पीछे खिच कर निचे कर दिया ।

इतना सब होने के बाद भी राहुल को शालीनी के गोरे जिस्म की एक भी झलक नही मिल पाई थी ।
शालिनी उसकी ओर मुह करके ही बिस्तर पर झुकी हुई थी और जन्गीलाल पीछे खड़ा अपना जांघिया निकाले लण्ड को उसको गाड की दिवारो मे ठोकरे लगा रहा था ।


राहुल को बस सामने झुकी अपनी मा के टीशर्ट से झाकती चुचियो की झलक मिल पा रही थी वही उसका बाप निचे बैठ कर अपना मुह उसकी मा के गाड मे दे चुका था ।

जंगीलाल के मोटी गीली जीभ को अपनी बुर और गाड़ के छेदो पर नाचता पाकर शालिनी के चेहरे के भाव बदल गये थे ।
जंगीलाल बडी हवस से उसके चुत के फाको को चाट कर खड़ा हुआ और अपना मुसल उसके मुहाने पर सेट करते हुए

अगले ही पल शालिनी की आंखे फैल गयी और उसके चेहरे पे आये भावो को पढ कर राहुल समझ गया कि उसके बाप ने लण्ड घुसा दिया है ।

20230129-125749
शालिनी दर्द भरी सिसकिया लेते हुए दरवाजे पर देखती है तो हल्की परछाई मे उसे राहुल के सलेटी लोवर की झलक मिलाती है और उसे फिर से नशा होने लगता है ।

उसकी चुत भलभला कर झड़ना शुरु कर देती है ।
जंगीलाल पीछे से उसको चोद रहा था और उसने भी अपने लण्ड पर गरम गर्म पानी मह्सूस करते ही बोला - ओह्ह जान तुम तो बहुत गरम हो आज ,,,इतना मन था क्या पेलवाने का उम्म्ं बोलो

शालिनी को राहुल के सामने अपने पति से ऐसे बाते करने मे झिझक कर हो रही थी इसिलिए वो चुप रही और आंखे भिचे हुए सिसकिया लेती रही ।

जंगीलाल अपनी बीवी से जवाब ना पाकर अपने चोदने की गति बढा दिया और कमरे मे थप थप थप थप थप की आवाजे होने लगी ।

20230111-110054
शालिनी की भी चिखे तेज हो गयी और राहुल भी तेजी से अपना लण्ड हिला रहा था ।

जन्गीलाल उसके कूल्हो को पकडे हुए कस कस के चोदते हुए - बोलो ना जानू चुप क्यू हो

शालिनी - अह्ह्ह क्या बोलू उम्मममं सीईई उफ्फ्फ
जन्गीलाल - यही की मेरी जान को चुदवाने का आज बहुत मन था क्य्स अह्ह्ह

शालिनी फिर से चुप हो गयी तो जंगीलाल थोडा खीझा और कस कस कर शालिनी की चुत मे 8 10 बार लण्ड गहराई मे घुसेडा जिस्से शालिनी की हालात खराब हो गयी और जन्गीलाल गुस्से मे - बोल ना मादरचोद ,ये मेरी रन्डी बोल ना उम्म्ं आज चुदने का बहुत मन था क्या उम्म्ं

शालिनी दर्द से अक्दी हुई दरवाजे पर नजरे गडाये थी कि दरारो से एक तेज पिचकरी आधे कमरे म आ कर गिरी और शालिनी समझ गयी कि अब राहुल चला जायेगा ।

कुछ पल तक जंगीलाल कस कस के शालिनी के चुत मे बक बक करते हुए पेलता रहा और गालिया देता रहा लेकिन शालिनी ने चू तक नही बोला

फिर आखिर मे जब उसे मह्सूस हुआ कि उसका पति अब झड़ जायेगा तो - मुझे मुह मे चाहिये

जंगीलाल - पहले बोल जो मैने पुछा है

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शालिनी झटके से उठकर दरवाजे की ओर पीठ करके खड़ी हो जाती है और उसके नंगी फैली हुई गाड़ को राहुल देख कर पागल हो जाता है और उसका लण्ड फिर से सिर उठाने लगता है

शालिनी जो कि इस शक मे थी कि राहुल चला गया होगा वो बडी अदा से अपने पति के लण्ड को मसल्ते हुए धीमी आवाज मे - बेटीचोद !! शान्ति से चोद नही सकता

ये बोलकर शालिनी वही बैठ गयी और अपने पति का लण्ड मुह मे भर लिया
शलिनि की बाते सुन कर जंगीलाल की हालत खराब हो गयी और थोडी ही चुसाई मे वो अपना सारा माल अपने बीवी के मुह मे गिराने लगता है ।

शालिनी मुह मे लण्ड को भरे हुए उसे निचोड रही थी कि दरवाजे पर हल्की सी चूँ की आवाज हुई और शालिनी फौरन अलर्ट हुई । वो समझ गयी कि राहुल अभी गया नही है ।

राहुल वही कमरे मे झाकता हुआ अपना लण्ड मसल रहा था ।

20230129-125846
शालिनी ने अपने गालो को पिचकाते हुए लण्ड को सुरक रही थी और उसकी निगाहे अभी भी दरवाजे पर टिकी रही ।

फिर अच्छी तरह से लण्ड को निचोड़ कर वो खड़ी हूई और वापस से दरवाजे की पीठ कर लिया जिससे राहुल को फिर उसकी मा की नंगी गाड़ दिखने लगी ।

शालिनी अपनी उंगलिया चाटती हुई खड़ी हुई और मुस्कुराते- मै जरा साफ करके आती हू

ये बोलते हुए वो उसी हालत मे अपने नंगे चुतडो को हिलाती हुई दरवाजे की ओर बढ़ी कि जन्गिलाल अचरज से - अरे लोवर तो चढा लो , ऐसे ही बाहर जाओगी क्या ?


शालिनी आंख मारते हुए - हा , आपकी रंडी हू ना हिहिही

बस इतना कहने की देरी थी कि जन्गिलाल खुश हो गया और अपना अंडरवियर चढाते बिस्तर की ओर चला गया

और वही राहुल सतर्क होकर दरवाजे से हटकर दिवाल से लग गया
अगले ही पल दरवाजा खुला और शालिनी अपनी लोवर को उपर चढाते हुए बाहर निकली

राहुल उसके बगल मे खड़ा गहरी सासे ले रहा था ।
शालिनी ने फुसफुसाकर से उसको किचन की ओर चलने को कहा

राहुल खुश हुआ और लेकिन जब वो किचन मे पहुचा और बत्ती चालू हुई तो उसका चेहरा उतर गया क्योकि उसकी निगाहे अपनी मा के चुतडो पर ही टिकी हुई थी ।

शालिनी उसका उतरा हुआ चेहरा देख कर मुस्कुराई और उसको छेड़ती हुई बोली - सब ले लिया ना अब क्यू मुह लटका है तेरा

राहुल ने आंखे उठा कर अपनी मा का हस्ता हुआ चेहरा देखा तो उसकी भुनभुनाहट भरि हसी छुट गयी और वो जिद दिखाते हुए - आप इसको उपर क्यू कर ली हो ,, हा नही तो

शालिनी - क्या उपर कर ली हू
राहुल - ये लोवर

शालिनी आंखे नचा कर मुस्कुराती हुई - हा तो क्या वैसे ही खोल कर घुमू क्या

राहुल उखड़े हुए स्वर मे - लेकिन आप तो ऐसे ही खोल कर बाहर आ रही थी ना

शालिनी इतरा कर सिंक की ओर घूम गयी और अपने मुह हाथ धुलने लगी - मेरी मर्जी मै जैसे चाहू रहू , तुने ही कहा था कि मै जो चाहू कर सकती हू

राहुल - हा लेकिन

शालिनी - हा तो अगर मै जो चाहू कर सकती हू तो तु भी जो चाहे नही कर सकता क्या ?

राहुल अपनी मा की बाते सुन कर समझ गया कि ये एक खुला ऑफ़र था उसके लिए और एक ही पल मे उसका लण्ड फौलादी हो गया ।


अगले ही पल वो झट से घुटने के बल हुआ और अपनी मा के कूल्हो से लोवर खीच कर नंगी करता हुआ सीधा अपना मुह अपनी मे गाड़ के दरारो मे घुसा दिया

सब कुछ इतना तेजी से हुआ कि हड़बड़ाहट मे सिंक की टोटी तेज हो गयी और पानी के छीटे शालिनी के हाथो से टकरा कर उसके टीशर्ट पर पड़ने लगे और

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राहुल की लपलपाती जीभ अपने गाड़ के सुराख पर रेंगता हुआ पाकर शालिनी अपने चुतडो को सख्त करते हुए आगे की ओर झुकने लगी ।

जिससे पानी उसके चुचो पर को भिगोने लगा
जल्दीबाजी मे किसी तरह शालिनी ने टोटी बन्द की लेकिन तब तक देर हो गयी थी ।
उसकी चुचिया भीग चुकी थी और निप्प्ल उसके जिस्म से चिपकी हुई टीशर्ट से बाहर झाक रही थी ।

शालिनी कसमसाई और अगले ही पल उसने राहुल के सर को झटक कर अलग किया
दोनो की सासे तेजी से बढ रही थी ।
राहुल उठकर खड़ा हुआ और हस रहा था उसके नथुने लाल हो चुके थे जैसे वो पुरा जोर देके अपनी मा के सख्त दरारो मे बिना आक्सीजन के फसा हुआ हो ।
शालिनी तेजी से उसकी ओर घूमी और अपना लोवर उपर खिचती हुई और मुस्कुराते हुए- शैतान नही का , तो यही सब तु चाह रहा था

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शालिनी के घुमने पर राहुल की निगाहे उसके तने चुचो पर गयी जो भिगे हुए टीशर्ट मे चिपके हुए थे
राहुल की ललचाती निगाहे शालिनी अच्छे से देख रही थी और उसके चेहरे के कामुक भावो को भी वो पढ सकती थी ।

शालिनी - हो गया ना तेरा अब जा सो जा
राहुल थुक गटक कर मुस्कुरा रहा था और कभी अपनी मा तो कभी उसके नुकीले चुचे देख रहा था । बहुत सारी भावनाये एक साथ उसके जहन मे आ रही थी लेकिन वो क्या बोले उसे समझ नही आ रहा था और शालिनी को टेनसन था कि कही उसका पति आवाज ने दे दे उसको ।

क्योकि राहुल के साथ उसको कल क्या करना था उसने उसकी तैयारी कर ली थी इसिलिए आज की रात भर वो उसे और तड़पने के लिए छोड रही थी

शालिनी मुस्कुराती हुई घूमी और किचन से बाहर जाती हुई - चल अब बत्ती बुझा और सोने जा

राहुल ने कुछ नही किया बस मुस्कुरा वही खड़ा देखता रहा तो परेशान होकर शालिनी ने बत्ती बुझाइ और बोली - तुझे यही रहना है यही रह मै दरवाजा बन्द करके सोने जा रही हू

शालिनी अपने दरवाजे तक गयी लेकिन जब उसे राहुल के आने की आहट नही मिली तो वो किचन की ओर घूमी थी कि राहुल से टकरा गयी ।

राहुल दबे पाव उसके पीछे आकर खड़ा हो गया था
शालिनी ने कुछ बोलना चाहा उससे पहले राहुल ने अपने होठ उसके होठो से चिपका दिया और उसको अपनी बाहो मे भर लिया ।

शालिनी चौकी की राहुल दरवाजे पर ही ये क्या हरकत कर रहा है कही उस्का पति ना आ जाये

शालिनी कसमसाती हुई अपने होठ छुड़ा कर धीमी आवाज मे - क्या कर रहा है छोड मुझे ,तेरे पापा कमरे मे जाग रहे है अभी

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी मा के गरदन को चुमते हुए अपने हाथ पीछे ले जाकर लोवर की लास्टीक को फैलाते हुए नंगी गाड़ को मसलने ल्गा

शालिनी अपने बेटे का दोहरा प्रहार झेल ना सकी और उसकी सासे भारी होने लगी और उसके आवाज मे खुमारि सी बढने लगी । मदहोस लहजे मे धीरे से वो राहुल के पीठ पर अपने हाथ घुमाते हुए बोली - उम्म्ंम बेटा रुक जा ना , यहा नही तेरा पापा अह्ह्ह उम्म्ंम

राहुल ने बिना कुछ बोले अपनी ऊँगली को अपनी मा के गाड़ की दरारो मे रगड़ता हुआ उसकी गाड़ के सुराख को भेदने लगा जिससे शालिनी चिहुक कर अपने गाड़ सख्त करते हुए उंगलियो को छेद से दुर करने लगी तो राहुल ने अपनी उंगली को जोर देते हुए आगे बढाया और अपनी मा के कान के पास एक चुंबन किया

चुंबन का अह्सास पाते ही शालिनी ने अपना पुरा शारिर ढीला छोड दिया वही राहुल की ऊँगली कच्च से उसके गाड़ मे चली गयी

सीईई अह्ह्ह बेटा धीरे , सुखा है वो उम्म्ंं , शालिनी ने अपने बेटे की हरकत पर प्रतिक्रिया दी और फिर उसके कलाई को पकड कर अपने गाड़ से उसके हाथो की दुरी बनाते हुए - बस कर बेटा,, यहा नही


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राहुल ने एक भी नही सुना और इस बार सीधा हाथ अपनी मा के भिगे हुए चुचो पर रखा और उन्हे मस्लते हुए अपने होठ वापस से अपनी मा से जोड लिये

शालिनी अब तक बहुत गर्म हो चुकी थी और राहुल के तपते होठो की गर्मी ने उसे भी परेशान कर दीया और वप उसके होठो को खिचते हुए चुबलाने लगी

राहुल भिगे हुए टीशर्ट के उपर से एक हाथ अपनी मा की चुचिया मसल रहा था और दुसरे हाथ से अब भी उसने अपनी मा के कूल्हो को जकड़ रखा था ।

फिर अगले ही पल बिना कोई हैरानी ने राहुल ने अपनी मम्मी से दुरी बनाई और कुल्हे को नचाते हुए उसको पीछे से जकड़ लिया ।

शालिनी को समझ नही आ रहा थ कि राहुल क्या करने की सोच रहा था उसके मन मे अपने पति को लेके डर बना हुआ था लेकिन वो राहुल की कामुक हरकतो से गर्म हुई जा रही थी ।

अभी शालिनी अपनी अवस्था जान्च रही थी कि इतने मे

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राहुल ने फिर से उसकी चुचिया पीछे से दबोच ली और उन्हे मसलने लगा । उस्का तना हुआ लण्ड गाड़ पर सास ले रहा था ।

शालिनी की कसमसाहट बढ रही थी और वो अपने जिस्म को राहुल के उपर ही ढीला छोड चुकी थी । कि तभी राहुल ने उसका टीशर्ट खिच कर उपर कर दिया और उसकी नंगी चुचिया उसके हाथो मे आ गयी ।

अपनी मा के रसिले पपीते जैसी भारी चुचिया राहुल के हाथो मे नही समा रही थी

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उसने अपनी दोनो हथेली एक साथ अपने मा के तने हुए निप्प्लो पर घुमाई की शालिनी उपर से निचे तक मचल उठी और राहुल वापस से उसकी दोनो चुचिया पकड के मस्लते हुए वापस से शालिनी को अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके निप्प्ल को चुबलाता हुआ दुसरे हाथ से अपना लण्ड भी बाहर निकाल दिया


शालिनी ने जैसे ही अपनी जान्घो पर राहुल के सख्त लण्ड के स्पर्श को मह्सूस किया तो वो टटोलते हुए उसके तने को जकड़ ली औए भीचने लगी ।

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अपनी मा के हाथो का स्पर्श पाते ही राहुल तन कर खड़ा हो गया और उसकी आंखे बंद हो गयी , भले ही उसके हाथो मे 36DD की दोनो भारि भारी खर्बुजे जैसी चुचिया लटक रही थी लेकिन उसकी मा के एक स्पर्श ने राहुल को मूरत कर दिया था ।


शालिनी ने जैसे ही ये मह्सुस किया वो खिल उठी और जैसे उसे इस खेल मे अब अपनी चाल चलाने का मौका मिल गया हो
उसने अपनी कामुकता पर जोर देते हुए अपने नुकीले नाखुनो से राहुल के लण्ड की निचली नसो को खरोचा तो राहुल पूरी तरह कापने लगा

उसके पैर जवाब देने लगे थे वो हिल रहा था जैसे किसी अपाहिज की बैशाखी छिन ली गयी हो

राहुल ने हाथ आगे बढा कर अपने मा के कन्धे थाम लिये और शालिनी उसके लण्ड को आगे की ओर भीचने लगी

अब सारा खेल शालिनी के काबू मे आ चुका था
राहुल तेज सासे लेता हुआ अपने एड़ियो के बल खड़ा हुआ जा रहा था और लण्ड की नसे और फुल रही थी

अपनी कपकपाती आवाज मे राहुल बस इतना ही बोल पाया - आह्ह मम्मी चुसो ना उम्म्ंम

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शालिनी समझ गयी कि आज के लिए इसको इतना ही चाहिये और अगले ही पल शालिनी वही बैठ गयी और अपना मुह खोलते ही राहुल का आधा लण्ड मुह मे भर लिया ।

राहुल के जैसे ही अपने मा के ठंडे नाजुक होठो का स्पर्श मिला वो निचे से उपर तक सिहर उठा और लड़खड़ा कर उसने अपनी मा के सर को थाम लिया


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राहुल की बेताबी ज्यादा देर तक रुक ना पाई और कुछ ही देर मे वो अपनी मा के मुह झड़ने लगा

उसने अपना पुरा लण्ड मा के गले मे उतारते हुए एड़ियो के बल खड़ा हो गया और आखिरी झटके तक लण्ड को घुसाये रखा
शालिनी ने भी अच्छे से अपने बेटे के लण्ड को निचोड़ा और फिर वो खडी हुई ।

राहुल वही दिवाल से लग कर सासे भरने लगा और शालिनी ने मुस्कुरा कर उसके गालो को चूमते हुए - अब सो जायेगा ना

राहुल हाफते हुए स्वर मे - हा थैंक यू मम्मी

शालिनी - जा अब सो जा
ये बोलकर शालिनी ने अपना टीशर्ट निचे किया और कमरे मे चली गयी ।

दरवाजे बंद होने की आहट से झप्किया लेता जन्गीलाल चौक गया और उसकी निगाहे शालिनी के भिगे हुए टीशर्ट पर गयी और उसने मुस्कुरा कर इशारे से कारण पूछा तो शालिनी ने बिना कोई जवाब दिये अपनी भीगी हुई टीशर्ट निकाल दी

अपनी बीवी के नंगी चुचिया देख कर जंगीलाल सारे सवाल भुल गया और दोनो एक बार भी चुदाई के खेल मे शामिल हो गये ।


जारी रहेगी
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लेखक की जुबानी

JAANIPUR

आने वाली सुबह सभी के लिए एक नया जोश और एक नये अह्सास के साथ शुरु होने वाली थी ।

वो चाहे कमलनाथ हो या रीना
शालिनी हो या राहुल
निशा हो या अमन
या फिर अपना राज ही क्यू ना हो ।

सब अपने अपने सपनो को हकिकत बनाने की आश लिये अपनी अपनी दिन चर्या मे भीड़ चुके थे ।

कमलनाथ का लण्ड आज सुबह से ही फड़के जा रहा था । लण्ड की नसे इतनी कसावट ले चुकी थी कि आज उसका पेसाब उतरना दुभर हो चुका था । तीन चार गहरी सासे लेने और सुपाडे तेज जलन भरी ऐठन के साथ उसकी पिचकारी छूटी तब कही उसे चैन आया ।

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पेसाब के दौरान उसने अपने लण्ड के बुनियादी हिस्सो पर हाथ फेरा तो छोटे छोटे झाटो की चुभन ने उसे थोड़ा संकुचित किया और उसे फौरन अपनी नाजुक और कोमल बहु रीना का ख्याल आया


कमलनाथ मन मे - ओह्ह नही नही ऐसे तो मेरे बहु के हाथो मे चुब जायेंगे , इनको साफ कर लेना चाहिए ।

इसी सोच के साथ कमलनाथ फौरन बाथरूम से बाहर आया और ड्रावर के बक्से खोल खोल कर अपना सेविंग किट खोजने लगा ।

उसने रज्जो से पुछना चाहा लेकिन उसे ख्याल आया कि वो तो नहाने के लिए छत पर जा चुकी है क्योकि उसे कपडे भी धोने होते है सुबह ने ही ।

इधर कमलनाथ बाथरूम आलमारी और कमरे को उतेने जा रहा था और वही उपर के बंद बाथरूम मे रज्जो एक प्लासिक सीट पर मैकसी को पेट तक उठाए निचे से पूरी नंगी होकर अपनी जान्घे फैलाये बैठी हुई अपने पति के ही सेविंग कीट का यूज़ करके अपने भोस्ड़े के बाल साफ कर रही थी ।

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अच्छे से अपनी चर्बीदर बुर को साफ करने के बाद दो बार रज्जो ने साबुन से अपने चुत को मल मल के चिकना करके सामने सीसे को अपनी बुर पर फोकस करके देखते हुए - उम्म्ंम अब ठिक है

"जमाई जी को मेरी ये गुलाबी होठ चूसने मे कितना मजा आता है मै ही जानती हूँ " , रज्जो ने अपनी दो उंगलियो से अपने बुर के फाको को फैलाते हुए बड़बड़ाइ और वही उंगलियाँ वापस से चुत मे घोप दिया ।

रज्जो सिस्कती हुई - अह्ह्ह जमाई जी की याद आते ही उह्ह्ह उम्म्ंम ना जाने मुझे क्या होने लगता है उम्म्ं

और अगले कुछ ही देर मे वो अपनी बुर मे उंगलिया पेलती हुई कमर उठा उठा कर झड़ने लगती है ।

इस दौरान वो अपनी ढ़्चकति चुत को सीसे मे देख रही थी और अपनी रसमय हुई उंगलियाँ अपने बुर पर पोछती हुई - उम्म्ंम आज तो ऐसे ही अपनी गीली चुत जमाई जी के मुह पर रखुंगी , अह्ह्ह

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फिर रज्जो ने अपनी कलपना मे खोये हुए अपने जांघो को कसते हुए अपनी बुर को निचोड़ा और सामने सीने मे उसकी टपकती हुई बुर चमक रही थी ।


वही कमलनाथ पुरा कमरा उथल पुथल कर उपर के बाथरूम तक आ गया और दरवाजा पिटते हुए - रमन की मा , मेरा सेविंग किट है या यहा उपर

अपने पति की आवाज से पहले तो रज्जो चौक सी गयी लेकिन फिर उसे ध्यान आया कि उसका पति ही तो है हिहिही

रज्जो - हा मै यूज़ कर रही हू

कमलनाथ - तुम क्यू कर रही हो उसको
रज्जो अपने पति का सेविंग कीट धुल कर उठी और अपनी मैक्सि गिरा कर दरवाजा खोलती हुई - ये लो हो गया

कमलनाथ - लेकिन तु क्यू यूज़ कर रही थी इसे

रज्जो हस कर - तो आप क्या चाह रहे हो वहा शादी वाले माहौल मे भी मेरे ये रेशमी बाल मेरी पेतिकोट से झांकते रहे हिहिहिही

रज्जो की बात सुन कर कमलनाथ झेप कर हस दिया - तुमसे तो कुछ पुछना भी बेकार है, अच्छा नहा ली हो तुम

रज्जो - नही बस जा रही हू , क्यू आपको भी आना है क्या हिहिहिही

कमलनाथ - नही मुझे दाढ़ी बनानी है और इसे धुल दी हो ना

रज्जो शरारत भरी मुसकुराहत से - नही , आज तो मैने इसे अपने भोस्ड़े ने बोर दिया है तो अब ब्ताओ ब्नाओगे दाढ़ी इससे हिहिही

कमलनाथ रेजर के हैंडल को मुह मे लेके चुसता हुआ - किधर इधर से डाला था ना

रज्जो अपने पति की बेशरमी भरी हरकत से शर्मा गयी और उसे दरवाजे से हट कर नहाने के लिए बाथरूम का दरवाजा भिड्का दिया और कमलनाथ भी मुस्कुराता हुआ निचे आ गया ।
और बाथरूम मे जाकर अपना जांघिया निकालते हुए कमोड पर बैठ कर अच्छे से अपना लण्ड चिकना किया और फिर नहा धो कर नास्ते के लिए निचे हाल म आ गया ।


अखबार पढते हुए उसकी निगाहे किचन मे खड़ी अपनी बहु रीना के कूल्हो पर जमी थी । जिसपे कसी हुई साड़ी की सीलवटे उसके चुतडो को और भी उभारे हुए थी ।

कुल्हे से उपर रीना की गोरी चिकनी कमर मे फसा हुआ साड़ी का पल्लु कमलनाथ को और भी आकर्षित कर रहा था । खुली कमर से ज्यादा वो रीना के साड़ी से छिपा हिस्सा देखने को व्याकुल था ।

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पीछे ब्लाउज की डोरी की लटकन रीना के उभरे हुए चुतडो को छू रही थी ।
बालो के जुड़े से उसकी सुराही दार गरदन की कामुकता साफ झलक रही थी जिस को चुमने को कमलनाथ परेशान हुआ जा रहा था ।

कमलनाथ अपने सपनो की दुनिया मे खोया हुआ था कि तभी सीढियो से खट खट की आवाज के साथ रज्जो ने निचे उतरते हुए रीना को आवाज दी - अरे बहु नासता बन गया कि नही ,, बस छुट जायेगी मेरी ।

रज्जो की आवाज सुनकर पहले कमलनाथ ने फैली हुई आंखो से अपनी बीवी को देखा जिसके मोटे मोटे चुचे सीढियो से निचे आते वक़्त उछल रहे थे और उसके नेवी ब्लू रंग की चन्देरी साडी से बाहर झांकती चर्बीदार नाभि के छेद पर भी बदलाव हो रहे थे ।

कमलनाथ ने थुक गटक कर रज्जो को निहारे जा रहा था कि वही रीना ने भी अपनी सास को जवाब देते हुए दौड़ कर किचन से बाहर निकाली - जी मा जी आईईई

अपनी बहु की आवाज सुनकर कमलनाथ की सतर्क नजरो ने उसकी ओर देखा तो कमलनाथ की हालत खराब हो गयी ।

बिना ब्रा सूती ब्लाउज मे उपर निचे होती रीना की चुचिया और साड़ी के अन्दर से झांकता उसका नंगा गोरा पेट उफफ़फ़फ कमलनाथ उत्तेजना से अपनी जगह पर खड़ा हो गया ।

लण्ड मे तेज कप्ंन हुआ और सुपाड़े मे सुरसूरी सी होने लगी । वो सामने खड़ी दो हसिनाओ को आपस मे बाते करते हुए देखने लगा ।

रज्जो आज जिस तरह से तैयार हुई थी उसको देख कर कमलनाथ की इच्छा थी कि जाने से पहले एक बार उसे चोद कर निकले और वही वो ये भी चाह रहा था कि रज्जो जलड जल्द निकल जाये ताकी वो अपनी कमसिन सी बहु के नाजुक जिस्मो को भोग पाये ।

कमलनाथ आवाक होकर खड़ा था और उसे अपनी स्थिति का जरा भी भान ना था कि उसके पैंट मे लण्ड पुरा तम्बू बना चुका है।


रज्जो ने जैसे ही ये नोटिस किया वो इतराते हुए अपने पति के पास गयी और शरारत भरी मुस्कुराहत के साथ रीना को बोली - बहु जरा अपने पापा को ठण्डा पानी पीने को दे ,,,, बहुत गरमी सी हो रही है इन्हे क्यू ?

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ये बोलते हुए रज्जो ने हौले से अपने पति के तने हुए लण्ड को पैंट के उपर से दबोच लिया और रीना खिखियाती हुई अपने हसी को होठो मे दबा कर किचन मे चली गयी ।

कमलनाथ ने जैसे ही अपने तने हुए मुसल पर अपने बीवी के नरम गुदाज हाथो का स्पर्श पाया वो सिहर उठा - आह्ह जान जाने से पहले एक बार उम्म्ंम


रज्जो तुन्ककर हाथ झटकते हुए- बहुत मुश्किल से तैयार हुई हू और अब मै ये सब नही उतारने वाली हु । समझे

तब तक रीना पानी का ग्लास लेके उन दोनो के पास आ गयी - क्या हुआ मम्मी , कुछ दिक्कत है ?

रज्जो शरारती मुस्कान से कमलनाथ को देखा और तो कमलनाथ ना ने सर हिलाने लगा ।

रीना मुस्कुरा कर - अरे बोलो ना क्या हुआ ,,लिजिए पापा जी पानी पीजिए

रज्जो - कुछ नही बहू ,,,ये कह रहे है कि आज मै बहुत हॉट लग रही हू तो बस से ना जाकर कोई प्राइवेट गाड़ी कर लू

अपनी बीवी की शरारत भरी बाते सुन्कर कर कमलनाथ - हा तो सही तो कह रहा हू मै , तुम ही बताओ बहु क्या आज तुम्हारी मा सेक्सी नही लग रही है ।

अपने ससुर के मुह से सेक्सी वर्ड सुन्कर रीना होठो मे ही हस्ती हुई एक नजर रज्जो के कूल्हो और छाती पर कसी हुई चंदेरी साडी को देखा जो सामने नाभि से 5 अंगुल निचे बांधी हुई थी ।

जिससे रज्जो के गाड़ और भी उभरी हुई नजर आ रही थी । वही स्लिव्लेस ब्लाउज और सामने डीप नेक ने उसके 42 साइज़ के चुचो की दरारो को भरपुर झलकाये जा रही थी ।
अपनी सास को अच्छे से ताडने के बाद रीना ने मुस्की लेते हुए कमलनाथ को देखा और फिर रज्जो से - हा मा जी आप बहुत सुन्दर दिख रही है ,, मेरी मानिये तो आप एक गाड़ी कर लिजिए नही तो आजकल के बस ड्राईवर बड़े वो है हिहिहिबी

रीना - कही आपको लेके भाग गये तो पापा जी का क्या होगा हिहिहिही

रज्जो - धत्त तु भी कम नही है ,,इनके साथ रह रह के तु भी इनके जैसी ही हो जा रही है ।

रज्जो की बाते सुन कर दोनो ससुर बहु ने नजरे उठा कर एक दुसरे को देखा और उस बात का दोहरा अर्थ लेके मूसकरा दिये ।
फिर रीना ने अपने सास ससुर के लिए नासता लगाया ।

नासते के बाद कमलनाथ रज्जो को लेके बस स्टैंड के लिये घर से निकलने लगा और रीना भी दरवाजे तक उनके साथ गयी ।

दरवाजे पर खड़ी होकर रीना ने अपनी सास को हाथ दिखा कर बाय किया और तभी बाहर चल रही हल्की हवा के छोके से उसकी साडी उसके गोरे पेट से पल भर के हट गयी और कमलनाथ को अपनी बहु के नरम गुदाज गोरा पेट और निचे उसकी चर्बीदार नाभि की झलक की ।

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रीना ने जैसे ही हवा के ठंडे झोके को अपने पेट पर महसूस की वो सिहर उठी और उसने वापस से अपनी साड़ी को खिच कर पेट को धक लिया और मुस्कुराते हुए कमलनाथ को देखने लगी । जो आतुर होकर लालची भाव से उसे ही निहारे जा रहा था ।

फिर रीना ने दरवाजा बन्द कर दिया और दोनो पति पत्नी बस स्टैंड के लिए निकल पड़े ।


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सुबह की अन्गडाई के साथ ही राहुल के लण्ड ने भी उबासी भरी और वो अपने लण्ड की नसो को स्ट्रेच करता हुआ खड़ा हुआ और फ्रेश होने के लिए उपर चला गया ।

रोज की तरह शालिनी की दिनचर्य मे कोई बदलाव नही था लेकिन आज दोनो मा बेटे के मन मे एक अलग ही कसक थी ।
दोनो एक दुसरे के बारे मे सोच कर बेचैन थे ।
बीती राते दोनो ने अपनी सारी मर्यादे लाँघ दी थी ।
शालिनी अब खुल कर राहुल के सामने नंगी होकर उसका लण्ड लेने को आतुर हुई थी । इसिलिए आज उसने अपने जिस्म पर सिर्फ एक satin की मैकसी डाल रखी थी ।

वो बस इस इन्तेजार मे थी कि कब उसका बेटा उठे और कब वो उसके साथ एक सार हो जाये ।

वही राहुल के पेट मे भी तितलियाँ उड़ रही थी । उस्का दिल जोरो से धडक रहा था और लण्ड इतना सख्त हो गया था कि उसपे अंडरवियर चढा पाना उसके बस का नही थी ।
बडी मुश्किल से से उसने अपने लोवर की लास्तिक फैला कर लण्ड को उसने घुसाया और एक बड़ा सा तम्बू लेके वो निचे आया ।


हाल मे आते ही उसकी नजर सोफे पर पड़े हुए अपने पापा के फोन पे गयी पहले तो उसने इन्कार किया लेकिन जब उसकी नजरे किचन मे खड़ी हुई मा पर गयी जो एक मैक्सि मे खड़ी थी तो राहुल के जहन मे एक शरारत सुझी ।


उसने अपने लण्ड को दबाते हुए अपने पापा का फोन उठाया और उसका video recording ऑन करके

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हौले से बिना कोई आहट के अपने मा के पीछे गया और निचे झुकते हुए उसने मोबाइल को अपनी मा के मैकसी निचे से अन्दर किया ।

अभी रिकार्डिंग चल ही रही थी कि राहुल के पापा के फोन पर किसी का काल आने लगा और तेज रिंग की आवाज सुन कर शालिनी ने अपनी चुचियो से उभरे हुए मैकसी के गैप मे से निचे झाका तो चौक गयी ।

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वो फौरन अलग हुई और राहुल भी हड़बड़ा के खड़ा हो गया

शालिनी मुस्कुराते हुए - ये क्या कर रहा था तु

राहुल हसता हुआ - वो मै हिहिहिही

शालिनी - तुझे मैने देखने से मना किया है क्या उम्म्ं बोल और ये तेरे पापा का फोन है कही उन्होने देख लिया तो

शालिनी की बाते राहुल को समझ नही आ रही थी उसको बस सेक्स की च्सक लगी हुई थी और उसके झटके से अपनी मा को घुमाया और पीछे से दोनो चुचिय पकड कर मिजने लगा


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शालिनी कसम्सा के - ऊहह राहुल छोड मुझे तेरे पाआह्ह्पाअह उम्म्ंम बस कर ना उह्ंम्ंं बेटा उम्म

राहुल - उम्म्ं मम्मी कितनी सेक्सी हो आप उम्म्ंम क्या मस्त दूध है आपके नरम नरम

राहुल - प्लीज करने दो ना उम्म्ं
शालिनी - अभी नही बेटाहहह मै बोला था दोपहर मे उह्ह्ह मान जा ना सीईई छोड मुझे

शालिनी राहुल से अलग हुई और मुस्कुराते- जा जल्दी से नास्ता करके अपने पापा को भेज और ये वीडियो डिलीट कर देना ,,,बदमाश कही का हिहिहिहिही

राहुल हस्ता हुआ नासता करके दुकान मे चला गया और दोपहर के लिए इन्तजार करने लगा ।

*******************************************

राज के घर भी सुबह से अलग ही तैयारिया चालू थी ।
रंगीलाल के पास सुबह ही राज ने फोन करके बता दिया था कि वो आज घर आने के लिए निकलने वाला है और वही कमलनाथ ने भी बीती रात को ही बता दिया था कि रज्जो भी दोपहर तक चमनपुरा पहुच जायेगी ।


मेहमानो की आने की खुशी मे घर के सभी लोगो के अपना अपना उत्साह था

रंगीलाल को खुशी थी कि रज्जो आ रही है तो उस्की तबियत से चुदाई करने को मिलेगी
वही निशा और सोनल भी राज के सन्ग थ्रीसम की प्लानिंग कर ली ।
अनुज भी राज के आ जाने से थोडा फ्री होकर आज राहुल की खोज खबर लेने की सोच रहा था ।
वही रागिनी भी अपने बेटे के लण्ड के तरस रही थी और अपनी बहन के जिस्मो की मिठास भरी याद ने उसके गले को गीला करना शुरु कर दिया ।


इनसब के बीच सोनल और निशा की अपनी योजना थी आज अमन को तंग करने की और आज दोनो के तय किया था कि सिनेमा जाने से पहले क्यू ना एक बार अमन की हवस को जगा दिया जाये और बाकि का काम निशा खुद करने वाली थी ।

इधर साढ़े गयारह बजने वाले थे । अमन और निशा ने 12 बजे का शो फिक्स किया हुआ था ।
लेकिन निकलने से पहले सोनल ने एक पहले से ही निशा की रिकार्ड की हुई वीडियो अमन के व्हाट्सअप पर भेज दी ।

जिसमे निशा सोनल की एक टीशर्ट को बिना ब्रा के पहने हुई थी जो अमन ने गिफ्ट की हुई थी और उसने अपने चुचो को पुरा भिगो रखा था । जिस्से उसके मोटे मोटे गहरे भूरे रंग के निप्प्ल साफ साफ नजर आ रहे थे ।

उस वीडियो मे निशा अपने चुचो को टीशर्ट मे कसे हुए उससे पानी को बडी कामुकता से गार रही थी । लेकिन उसका चेहरा उसने नही दिख रहा था


वीडियो भेजने के बाद फटाफट सोनल ने अमन को दो बार फोन किया और ऑन लाइन आने को कहा ।

इधर अमन ने जैसे ही व्हाट्सअप खोला उस्का लण्ड उछल पड़ा ।

वीडियो के साथ निचे कैपसन भी गजब का था

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सोनल - dekho na babu aapki di hui tishrt me daag lg gaya hai chhut nhi rhaa hai kya karu 🥹😥😥
सोनल - kabse dhul rahi hu isko

घर के बाहर सड़क पर खड़े होकर उसे बहुत ही कामुकता सी मह्सूस होने लगी और लण्ड की अकड़न उसे थोडा असहज भी महसुस होने लगा ।
उसने आस पास देखा और मैसेज टाइप करना शुरु कर दिया

अमन - ahh koi baat nhi jaan mai dusara dila dunga

सोनल - to mai isko nikaal du kya 🥺

अमन ने जैसे ही वो मैसेज पढे उस्का दिल ध्क्क कर गया और लण्ड पुरे जोश मे अकड़ गया और मन ही मन सोनल की नन्गी चुचियो का ख्याल आया

अमन - ha baby nikaal do aur nikal ke foto bhejo

इधर दोनो बहने मैसेज पढ कर खिलखिला पड़ी और निशा हस्ती हुई - देखा एक नम्बर का ठरकी है ,,,अब इसको बिना टीशर्ट वाली मेरी फ़ोटो भेज दे

सोनल भी खिलखिलाई और निशा की नंगे चुचो वाली एक सेल्फी भेज दी और फोटो के कैपशन भी डाल दिया

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सोनल - ab thik hai na baabu 🙈😌

इधर अमन ने जैसे ही मोबाइल सोनल का फिर से मैसेज देखा तो वो अपनी जगह खड़ा भी नही रह सका । सबकी नजरो से छिपते हुए तेज धडकते दिल के साथ अपना लण्ड भीचते हुए मन मे बड़बड़ाया - अह्ह्ह सोनल क्या मस्त चुचे है तेरे कितने मोटे और सॉफ़्ट है उम्म्ंम ,,,, क्या करू यारर ये निशा के साथ आज का प्रोग्राम कैन्सिल कर दू । हा यही सही रहेगा । आज तो वीडियो काल पर अपनी सोनल को पुरा नंगा करवाउँगा ।

अमन अभी ये सब सोच रहा था कि उधर से सोनल ने एक और मैसेज भेजा - ummm jaan abhi nisha market ja rahi hai .. mere paas time hai kya aaj tum mujhe 😘❤️

इधर अमन ने फिर से सोनल का मैसेज पढा तो उसकी हालत और खराब हो गयी ।
पैन्त मे उसका लण्ड दर्द हो रहा था और आखिर कार उसने सोनल को हामी कर दी

अमन - haa jaan aj sirf mai aur tum

उधर सोनल और निशा ने जैसे ही मैसेज पढा वो दोनो खिलखिला उठी और निशा ने फौरन अमन को फोन कर दिया ।

निशा का काल आते ही अमन की हड़बड़ाहट और बढ गयी , इससे पहले अमन अपनी सफाई मे कुछ बोल पाता निशा बोल पड़ी - हा जीजू मै निकल गयी हू ,, कहा मिलना है ।

अमन अटकते हुए स्वर मे - अह निशा एक प्रोब्लम है यार मुझे एक जरुरी काम करना है क्या हम फिर कभी नही जा सकते

निशा झ्ल्लती हुई - क्या जीजू मै आपके लिये 2 घन्टे से तैयार हो कर घर से निकल गयी हू और क्या बोलकर वापस जाऊंगी । बोलो

अमन अब धर्मसंकट मे था और मन मारकर - अच्छा ठिक है आओ देखता हू मै क्या हो सकता है

निशा - हा नही तो एक बार आओ एक बार नही आओ, अच्छा बताओ कहा रिसीव करेंगे आप मुझे

अमन - तुम डिरेक्ट सरोजा कॉमप्लेक्स पहुचो ना मै भी वही मिलता हू ,, किसी ने देख लिया तो अच्छा नही लगेगा ना

निशा अमन की बेबसी पर हसती हुई - अच्छा हा सोनल को पता नही लगाना है ना

अमन - हा वही ना , तु पहुचो मै आता हू

इधर अमन का फोन कट हुआ और उसका मैसेज सोनल के मोबाइल पर बिप हुआ

अमन - sorry jaan , wo kya hai na aaj mehmaan bahut aaye hue hai.. thoda busy hu. Raat me karate h n

सोनल - kya yaar , mera bahut man hai aaj to tum jaao rahane do haa nhi to . Massage se bhi to kar skate ho na

अमन बेचारा क्या ही करता । एक ओर वो निशा के जाल मे फसा हुआ था तो दुसरी ओर अपने बीवी के जाल मे भी ऐसे मे उसे सोनल का विचार सही लगा कि खुद ना सही लेकिन सोनल को तो खुश कर सकता हू ना ।

अमन ने हामी भर दी और फिर वो कम्प्लेक्स के लिए निकल गया और वही निशा भी घर से निकल गयी ।


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लेखक की जुबानी

CHAMANPURA (A)

दोपहर का समय चल रहा था और जंगीलाल अन्दर खाना खाने जा चुका था ।
राहुल दुकान मे बैठा बोर होते हुए अपने बाप के मोबाईल मे गेम खेल रहा था

तभी उसे ध्यान आया कि सुबह वाली रिकार्डिंग उसने डिलीट की ही नही और फौरन वो जल्दी जल्दी फ़ोल्डर खोलने लगा ।

जैसे ही वो वीडियो रिकॉर्डिंग वाले फ़ोल्डर पे क्लिक किया वहा पर पासवर्ड मागने लगा ।

राहुल की तो फटने लगी कि अब क्या करे वो और बेन्चोद उसके बाप ने पुरे मोबाइल मे सिर्फ इस फोल्डर पर क्यू पासवर्ड लगा रखा है ।

राहुल जो अब तक अपने बाप को हवस का चोदा ही समझ रहा था उसके जहन मे अपने बाप के लिए एक अलग ही छवि उभरने लगी थी ।
एक आशंका सी उभर रही थी एक पल को तो वो ये भी सोच रहा था कि शायद गलती से उसका बाप यहा पासवर्ड ल्गा दिया होगा ।
लेकिन अगले ही पल वो इस बात के लिए शंका मे आने लगा कि कुछ तो जरुर है इसमे जो उसका बाप छिपा रहा है ।

राहुल ने सोचा - बात अगर गुप्त है तो इसका मतलब है कि ये फोल्डर रोज रोज नही खुलता होगा और अगर उसे एक दो दिन का समय मिल जाये तो वो इसको अनुज के लैपटाप मे खोल लेगा बडी आसानी से ।

राहुल अपने विचार से चहका और वापस से गेम खेलने मे मस्त हो गया ।

CHAMANPURA (B)

सरोजा कॉम्प्लेक्स के पार्किंग एरिया मे एक आइसक्रीम वाले ठेले के पास खड़ी हुई निशा अपने आस पास के माहौल से थोडा परेशान होकर अमन का इन्तजार कर रही थी ।

अमन को तंग करने के जिस इरादे से उसने आज तंग कपडे पहन हुए थी । वही चुस्त कपडे बाकियों के हवस को जगाने के लिए काफी थी ।

चोर नजरो से जवाँ लड़के क्या लड़किया भी निशा के कूल्हे पर कसी हुई चुस्त लेगी को निहारे जा रही थी ।

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पार्किग के चौडे गलियारो मे आती सरसराती हवा निशा के शार्ट कुर्ती को उसकी लेगी की लास्टीक तक उठा दे रही थी जिसे निशा बार बार पकड के अपने उभरे गए गुदाज चुतडो को ढक रही थी ।


उसने उपर से एक नेट वाला दुपट्टा ले रखा था जो उसके गले से चिपकी हुई पीछे उसके चुतडो पर अटकी हुई थी।
और सामने सिने पर कसे हुए उसके चुचे की दरारे उसके गहरे गले वाली कुर्ती से झाक रही थी ।


बेचैन परेशान निशा बार बार मोबाइल का टाईम देखे जा रही थी और मेन गेट पर उसकी निगाहे जमी हुई थी ।

एक दो लड़के उसके अगल बगल उसके पीछे लगभग सटे हुए खडे थे और कोसिस मे थे कि बस एक बार उसके गुदाज गाड़ की चर्बी पर अपने उंगलियाँ घुमा सके ।

निशा अपने पीछे खड़े एक लड़के से थोडी दुरी बना रही थी जो उसकी ओर भी पीठ करके खड़ा था लेकिन दोनो के चुतड आपस मे स्पर्श हो रहे थे ।
निशा ने जैसे ही अपने नरम चुतडो पर उस लड़के की बेल्ट की चुबन मह्सूस की वो चिहुक कर आगे बढ गयी ।

इससे पहले वो उस लडके को कुछ जवाब देती सामने से बुलेट को तड़तड़ाता हुआ अमन पार्किंग मे आ चुका था ।

निशा अमन को देख के बहुत खुश हुई और तेज कदमो से चलती हुई उसके पास गयी ।

अमन ने जैसे ही निशा का कातिलाना रूप देखा वो और भी पागल सा हो गया । पहले से ही वो सोनल से गरमागर्म बाते करके परेशान था और अब निशा की झाकती मोटी चुचियो ने उसके गले मे लार बनाना शुरु कर दिया था ।

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निचे से उपर तक अमन से निशा को ताड़ा और उसके शार्ट कुर्ती मे उभरी हुई चुस्त जाघे देख कर अमन मदहोश हो गया ।

निशा - हाय जीजू , कितनी देर लगा दी , मै कबसे अकेली हू यहा

अमन उसके उदास चेहरे पर मुस्कुराया और बाइक पार्क लगाते हुए - अच्छा तुम्हे डर लग रहा था हिहिहिही शैतान कही की । मुझे धमका कर यहा बुलाई हो

निशा चहक कर - हिहिहिही साली हू हक बनता है

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अमन उसके थिरकते हुए चर्बीदार गाड़ को देखके अपने मन मे - आह्ह साली हो तो थोडा हक मेरा भी बनता है ना उम्म्ं क्या मस्त गाड़ है इसकी ।

निशा माल की सीढिया चढ़ती हुई पलट कर निचे अमन को देख कर उसके हालत पर हस्ती हुई - आओ ना जीजू , नही तो पसंद वाली सीट नही मिलेगी

अमन - अच्छा ठिक है बाबा चल रहा हू
फिर दोनो सीनेमा वाले साइड की ओर निकल गये और 12 बजे के शो के दो टिकट निकलवाये । निशा ने जिद करके कॉर्नर वाली सीट ली

अमन - कॉर्नर वाली क्यू ली निशा
निशा धीमी आवाज मे हस्ती हुई - स्स्स्स हम दोनो bfgf है ना हिहिहिही
अमन हस्ता हुआ - क्या तुम भी निशा

फिर दोनो अपने सीट पर बैठ गये और वही अमन को सोनल का मैसेज बिप हूआ..

JAANIPUR

अपनी बीवी को बस मे हिफाजत से बिठा कर विदा करने के बाद कमलनाथ घर की ओर निकल पड़ा ।

रास्ते भर उसके जहन मे अपनी बहु के ख्याल आ रहे थे ।
वो आखिरी क्षण जब उसने रीना के साडी से झांकती हुई उसकी गुदाज नाभि देखी ।
वो सोच कर कमलनाथ मे मुह मे लार अभी से भरने लगा था और उसका लण्ड तो आज शान्त होना जान ही नही रहा था ।

तंग जान्घिये मे उसका लण्ड ऐंठ रहा था और उसकी बेचैनी बढ रही थी और बार बार अपना लण्ड भीचने से उसका थोडा सा प्रीकम निकल गया था । लेकिन उसको अभी तक इसका भान ना था । जैसे ही वो अपने मुहल्ले की गली के सामने उरता बाई जांघ के तरफ उसका लण्ड उभर गया ।

कमलनाथ ने आस पास देखा और शर्ट को पैंट से निकाल कर भरसक उसको छिपाना चाहा । मगर पैसे देते समय ई-रिक्से वाले की नजर भी कमलनाथ ने के पैंट पर गयी और वो उस छिपे हुए आलू और उसके छोड़े हुए रस को देख कर मुस्कुरा दिया ।

कमलनाथ ने हड़बड़ी मे पैसे दिये और तेज कदमो से घर की ओर बढ रहा था ।
मेन रोड से 40- 50 मीटर अन्दर था घर उस्का और सड़क पर पुरा आवाजाही लगी हुई थी ।

इतने तनाव पुर्ण माहौल मे भी कमलनाथ के लण्ड के तनाव मे कोई कमी नही आई ।
वो हाफ्ता हुआ तेज कदमो से आगे बढ रहा था और घर के दरवाजे पर बस पहुचने वाला था , अभी तक तो खुद किस्मती थी कि किसी ने उसे टोका नही और ना ही उसके पैंट पर नजर मारी थी ।

लेकिन जैसे ही वो दरवाजे पर खड़ा होकर बेल बजाता है कि रीना आके दरवाजा खोले कि तभी पीछे से एक औरत की आवाज सुन्कर कमलनाथ के पसीने छुट जाते है

महिला - अरे भाईसाहब सुनिएगा
कमलनाथ वो आवाज बखूबी जान रहा था , वो आवाज उसी मुहल्ले की एक खातुन की थी , जो रज्जो की सहेली के साथ साथ उसके कपडे भी सीला करती थी ।

कमलनाथ बिना उसकी ओर घुमे बस गरदन टेढी करके - हा भाभी बोलिए
फातिमा हस कर - अरे सुनिये तो , ये रीना बहु का एक ब्लाउज है उसे दे देंगे क्या आप

रीना की बात सुनते ही कमलनाथ का दिमाग और लण्ड दोनो एक साथ ठुमका ।
वो फौरन उसकी ओर घुमा और अनहोनी हो गयी ।

उस खातुन की निगाहे सीधा कमलनाथ के पैंट मे उभरे हुए उसके सुपाड़े से बहे हुए दाग पर गयी ।

कमलनाथ ने उसकी निगाहो का पीछा किया और उसका लण्ड पैंट मे और तन गया ।
इस्से पहले दोनो के बीच कुछ असहजता भरा संवाद हो पाता कि रीना ने दरवाजा खोला और कमलनाथ को यही सही मौका दिखा

वो लपक कर दरवाजे की ओर घुमा और रीना से उसकी नजरे टकराई
अपने ससुर की हड़बड़ाहट से रीना की नजरे भी अनायास उसके पैंट पर गयी ।

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लण्ड का उभार और पैंट पर लगे दाग से रीना को हसी तो आई लेकिन उसने अपने होठ भीच लिये ।

कमलनाथ भी समझ गया कि उसकी बहू ने भी देखा , अगर वो बंद कमरे मे होता तो बेशर्मी दिखा सकता था लेकिन अभी वो घर के मेन दरवाजे पर खड़ा था और उसके पिछे एक महीला भी थी ।

कमलनाथ बिना कुछ बोले तेज कदमो से छत पर चला गया और वो खातुन हस्ते हुए - लग रहा है भाईसाहब को जोरो की आई है हिहिहिजिही


रीना मुस्कुरा कर - क्या काकी आप भी
खातुन रज्जो के साथ काफी समय से रह कर उसके ही जैसे बाचाल हो गयी थी ।
खातुन - अरे देखी नही तुमने कैसे मूतने के लिए उनका वो फड़फडा रहा था

रीना शर्मा कर - धत्त काकी तुम भी ना ,

रीना ब्लाउज खोलाती हुई - अच्छा ये बताओ नाप बराबर है ना इसका , ज्यादा तंग तो नही ना आयेगा । क्योकि हम लोग भो दो दिन बाद चले जायेंगे

खातुन - अरे नाप लेले और मुझे बता देना , कुछ कमी बेसि हुआ तो ठिक कर दूँगी

रीना - ठिक है काकी , मै जरा पापा जी को खाना लगा दू ।

फिर वो खातुन हस्ती हुई अपने घर चली गयी और रीना भी दरवाजा भीड़का कर हाल मे आती है ।

उसने ब्लाउज को हाल के टेबल पर रख कर किचन मे अपने ससुर के लिए खाना परोसना शुरु कर दिया ।

कमलनाथ भी अपने कपडे बदल कर एक बाहदार सैंडो और पाजामा पहने निचे आ गया ।

उसकी नजर टेबल पर रखे ब्लाउज पर गयी और ब्लाउज के बने हुए कप को देख कर उसको दुकान पर रीना के साथ की हुई शॉपिंग याद आने लगी ,

तभी उसने रीना को खोजते हुए आस पास नजरे दौडाई और किचन पर वो खाना परोसती हुई नजर आई

अपनी बहु का तंदुरुस्त पिछवाडा देख कर कमलनाथ का लण्ड फिर से उछल पडा कि तभी रीना खाने की थाली लेके घूमी

रीना ने एक नजर अपने ससुर को देखा और मुस्कुराते हुए - आईये पापा जी खाना लग गया है ।

खाने के बाद कमलनाथ हाथ पोछता हुआ हाल मे आया - वो भाभी जी किस लिये आई थी बहु

रीना - वो पापा मैने ब्लाउज सिलने के लिए दिया था तो वही देने के लिए आई थी

कमलनाथ - तो नाप लिया ना तुमने , साइज़ ठीक है ना

रिना थोडा शर्मा कर - अभी कहा , मै तो निचे ही थी ना

कमलनाथ सोफे पर बैठता हुआ - अरे तो नाप लो ना , कुछ कम ज्यादा हो तो ब्ताना मुझे मै दे आऊंगा फिर से

रीना शर्माती हुई - हममं ठीक है पापा जी , अच्छा आप वो अपना पैंट मुझे दे दीजिये मै धुल देती हू

कमलनाथ असहज होकर - अर रे नही मै धुल दूँगा, उसमे जरा सा दाग लगा है ।

रीना - तो क्या हुआ उसमे , मै धुल दूँगी ना पेसाब का ही दाग है ना ,

कमलनाथ अटक कर नजरे फिराते हुए - अ नही बहु वो पेसाब का नही वो ....

रीना थोडा चुप्पी लेकर - ओह मुझे लगा आपको जोर की लगी थी इसिलिए आप ....


कमलनाथ चुप रहा
रिना - तो क्या आपको अभी भी दिक्कत महसूस हो रही है , रात मे तो मा जी ने ..??

कमलनाथ - अब मै तुमसे क्या कहू बहु इस बारे मे । जब भी रमन की मा कही दुर होती है या हम दोनो का मिलन नही हो पाता , मेरी तलब पता नही कैसे बढ जाती है । मेरा संयम कही खो सा जाता है ।


रीना नजरे झुका - ओह्ह तो फिर क्या आप ऐसे ही परेशान रहेंगे

कमलनाथ खड़ा होकर अपना तना हुआ मुसल पजामे मे सेट करता हुआ - अरे तु परेशान ना हो बहु , ये तो मेरा ह्मेशा का रहा है हाहहहहा , तु भी जा खा ले

ये बोलकर कमलनाथ मुस्कुरा हुआ रीना को क्रॉस करके आगे बढा , उसका दिल जोरो से धडक रहा था और चेहरा पुरा लाल हुआ जा रहा था । जिससे उसकी मुस्कान फीकी सी पड़ गई थी ।

रीना ने जब अपने ससुर को देखा तो उसे लगा कि उस्का ससुर बस दिखावे का मुस्कुरा रहा लेकिन उसको कही न कही सासु माँ के जाने का दुख है ।
बस यही वो पल था जहा कमलनाथ की नियती ने उसका हाथ फिर से थाम लिया और रीना ने झिझक भरे लहजे मे कहा - पापा जी मै कुछ मदद करू !!!


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CHAMANPURA

सिनेमा मे सीट पर बैठते ही अमन के मोबाइल पर सोनल का मैसेज बिप होता है ।

करीब 15 20 मिंट तक अमन ने उसको इग्नोर किया लेकिन थोडी देर बाद फिर सोनल का मैसेज बिप हुआ
वो मोबाईल खोलकर पॉपअप हुआ सोनल का मैसेज देखता है और पूरी तरह से सिहर जाता है । उसके लण्ड की नसे फड़कने लग जाती है और दिल जोरो से धडकनें लगता है


वो निशा से छिपा कर मोबाईल को सामने करके फटाफट मैसेज टाइप करता है और निशा की ओर देखता है जो उसे ही मुस्कुराते हुए निहार रही थी
निशा अपनी भौहे उठाकर हस्ती हुई - क्या हुआ जीजू उम्म्ं

अमन थुक गटकता हुआ - अह कू कुछ नही ,

निशा सब समझ रही यही कि क्या चल रहा है अभी फिर भी उस ने इग्नोर करते हुए चहकति हुई अमन के बाजू के हाथ डाल कर उसको पकड लिया और उससे सटकर बैठते हुए पर्दे की ओर देखने लगी ।


निशा के यू चिपकने से अमन के पाव कापने लगे । वो अगल बगल देखने लगा कि कोई उसके जान पहचान वाला ना देख ले उनको ऐसे ।

मगर हाल के जिस साइड वो लोग बैठे थे वहा पर्दे की लाईट भी नही आ रही थी ,, फिल्म कोई खास थी नही तो ज्यादा भीड़ नही थी ।

पीछे की सीट पूरी खाली थी , दो सीट बाद एक कपल बैठे हुए वो भी शायद अपनी प्राईवसी चाहते थे इसिलिए अमन से दो सीट दुर थे ।
निशा अमन के बाहो मे बाहे डाले हुए उसके कन्धे पर सर रख कर चिपकी हुई थी ।
अमन किसी तरह खुद के जजबात काबू मे किये हुए पर्दे पर निहारे जा रहा था ।
जेब मे उसका मोबाइल घुऊ घुउऊ करके वाईब्रेट हो रहा था ,, कुछ पल अमन ने इग्नोर किया तो सोनल कॉल करने लगी


निशा - अब किसका फोन आ रहा है जीजू
अमन - वो सोनल फोन कर रही है
निशा - क्यू ?
अमन - अरे तुम बाहर गयी हो और वो फ्री है तो उसे मुझसे बाते करनी है ना
निशा हस कर - अरे तो मैसेज से बाते करते रहिये , अब हाल मे काल से कहा बात कर पायेगे ।

अमन हिचक कर - न नही नही , यहा नही कर सकता
निशा आंखे उठा कर मुस्कुराती हुई - कही कुछ प्राईवेट बात तो नही है जो मेरे सामने नही कर सकते हिहिहिही या फिर परसो रात के जैसे नॉनबेज बाते करनी है उम्म्ं

निशा की बाते सुन कर अमन झेप सा गया और हस्ता हुआ - क्या तुम भी निशा , ऐसी कोई बात नही है ।

निशा अमन के हाथ से मोबाइल झपटती हुई - लाओ मै भी तो देखू फिर क्या बाते हो रही है हिहिहिही

अपने हाथ से मोबाइल जाता देख अमन निशा की ओर लपका और निशा अपने हाथ दुर करने लगी ,,,लेकिन वो पहले से ही कोने पर थी तो कही जा नही सकती थी सिवाय हाथ इधर उधर घुमाने के

और अमन उसके ओर लपक कर उससे मोबाइल लेना चाह रहा था
निशा उसको चिढाती हुई - हिहिही लेलो आओ हीही

अमन और निशा के बीच की सीटो हाथ रखने वाला लगा था जिससे अमन निशा की ओर ज्यादा लपक नही पा रहा था और वो नही चाह रहा था कि ज्यादा हसी ठिठौली से वो लोगो की नजर मे आये ।

इसी मौके का फायदा लेकर निशा ने मोबाइल को किनारे पर ले जाकर मैसेज देखने लगी और जैसे ही निशा को मैसेज पढते अमन ने देखा तो वो शर्म और निराशा से भरकर अपनी कुरसी पर बैठ गया ।
निशा अमन के सामने ही उसके और सोनल के मैसेज पढते हुए हसने लगी ।

निशा आखिरी मैसेज पढकर हस्ते हुए - ओह्हो देखो ना बेचारी कित्नी परेशान है और आप हो की उसको तरसा रहे हो

अमन उसके हाथ से मोबाइल लेता हुआ - तु ना एक नम्बर की शैतान लडकी हो ,,

निशा हस्ते हुए - तो भेज दो ना जो माग रही है आपकी होने वाली बीवी

अमन निशा की शरारत भरी कामुक बाते सुन कर हस्ता हुआ - क्या तुम भी , अब यहा कैसे और तुम्हारे सामने कैसे ?

निशा चहकती हुई अमन की ओर लपक कर धीमी आवाज मे - मैने तो आपका देख रखा है हिहिहिह मुझ्से क्या शरमाना
निशा की शरारत भरी बाते और उसका यू सेक्सुअ चीज़ो पर खुलके बाते करने का अंदाज अमन को भितर से कपकपा रहा था । मन ही मन वो निशा को भोगने की लालसा जगा चुका था ।
उसका लण्ड पहले से ज्यादा फुलने लगा था , पैंट मे एठन बढने लगी थी और सुपाड़े मे खुजली सी होने लगी थी ।

अमन ने अन्धेरे मे अपने पैंट के उपर से ही अपनी चुनचुनाती लिंग की चमडी को ऊँगलीयो से मसलते हुए निशा को देखा ।

निशा की आंखो मे चढता नशा अब उसे भी अपनी गिरफत मे ले चुका था और वो मुस्कुरा कर निशा को देखे जा रहा था ।
निशा एक शरारती मुस्कान के साथ - तो मै उधर आ जाऊ और आप यहा कोने मे हिहिहिही

अमन शर्माहत भरी नजरो से मुस्करा कर हामी भर दिया और निशा उठ कर खड़ी हुई और अगल बगल का माहौल देखा । सारे लोग पर्दे पे नजरे जमाये हुए थे ।

किसी ने भी निशा की क्रिया पर ध्यान नही दिया वो उठी और अपने पैर खीसकाते हुए अमन के सामने खड़ी हो गयी ,

निशा की फैली हू चर्बीदार गाड़ और उसके उभरे हुए कुल्हे अमन के चेहरे से महज कुछ इन्च ही दुर से ।

और तो और निशा के कपडो से आती भीनी मादक अत्र की खुस्बु से अमन की सासे चढ़ने लगी थी ।

निशा वही खडे होकर - अरे उठिए ना , क्या देख रहे है आप हिहिहिही

अमन फौरन उठा और निशा से चिपकता हुआ उसके गुदाज कुल्हो को छुता हुआ निशा की सिट पर बैठ गया और निशा भी फौरन अमन की सीट पर आ गयी ।

दोनो अभी थोडा चुप थे , वो अपनी निगाहे आस पास घुमा रहे थे और खासकर बगल वाले कपल पर जो उनसे महज 2 शीट बाद ही बैठा था ।

निशा ने देखा कि वो दोनो भी खुद मे ही व्यस्त है और उनके चेहरे के भाव भी निशा और अमन जैसे ही थे ।
मतलब साफ था कि निचे अंधरे हिस्से मे कुछ काण्ड चालू था ।

निशा खुश हुई और अमन की ओर पलटी फिर आंखो से इशारा करते हुए - चलो जल्दी से फ़ोटो निकाल लो ,,मै उनकी ओर पीठ करके हू हिहिहिही

अमन को अब भी हिचक हो रही थी लेकिन निशा के साथ ने उसको एक अलग ही हिम्म्त दे रखी थी
अमन निशा को देखता हुआ मुस्कुरा कर अपना बेल्ट खोलने लगता है और निशा के दिल की धडकनें तेज होने लगती है ।

बेल्ट के बाद अमन ने अपनी पैंट का बटन खोला और उसके लण्ड को थोडा आराम मिला , वो एक नजर निशा को देखा जो आंखे गडाये उसके हाथो को देख रही थी , लेकिन अन्धेरे मे कुछ भी साफ नही दिख रहा था

अमन ने निशा के चेहरे के भाव पढे और उसकी आंखो मे बढती मदहोशि और एक बेचैनी सी मह्सूस की । निशा का चेहरा फीका पडने लगा था उसकी छातिया फुलने लगी थी ।

अमन मुस्कुराता हुआ निशा के चेहरे के भावो के अनुरूप उसकी उत्सुकता बढाता हुआ अपने पैंट की जीप सरकाने लगा और उसका फूला हुआ सुपाडा ढील पाते ही अंडरबियर मे हरकत किया ।

धुधली छवि मे निशा ने भी मह्सूस किया और गरदन घुमा कर उसने अपने बगल के जोड़े को देखा और मुस्कुराते वापस अमन की ओर मुड़ी ।

इस बार निशा को एक अलग ही खुस्बु उसके नथुनो से टकराई वो समझ गयी कि य अमन ने अपना पुरा लण्ड बाहर निकाल दिया क्योकि गर्म सुपाड़े पर सनी हुई वीर्य की महक से निशा भली भांति परिचित थी ।

वो खुस्बु उसके सासो मे समाते ही उसके चेहरे पर एक अलग भी खुशी दिखाई थी । मुस्कुराहट और फैल गयी ।

निशा अपनी बेताबी छिपाकर - अब तो निकाल लो फ़ोटो , कब तक तरसाओगे बेचारी को हिहिहिही

अमन खुसफुसा कर - अरे यार फ्लैश लाईट जलेगा तो कोई देखे ना

निशा - अरे मै हू ना जीजू कोई नही देख रहा , सिवाय मेरे हिहिहिही

अमन हस कर - यार तुम भी

फिर अमन ने अपना मोबाइल उठाया और एक नजर सब ओर देख कर कैमरा ऑन करके फ्लैश ऑन करते हुए फ़ोटो निकालने के लिए क्लिक किया

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अगले ही पल फ्लैश ने अपना फोकस दिखाया और नसो से अक्ड़ा हुआ गीला लाल सुपाड़े वाला अमन का फौलादी लण्ड चमक उठा ।

निशा अमन के 8 इच मोटे और 3 इन्च की घेराब लिये कैन की बोतल जैसे मोटे तगड़े लण्ड को देख के पूरी तरह हिल गयी ।

ये उसका अब तक देखा हुआ सबसे मोटा लण्ड था ।
फ़ोटो क्लिक हो चुकी थी और लाईट भी ऑफ थी लेकिन निशा के आंखो मे फ्लैश की रोशनी मे चमकते लण्ड की छवि अभी भी बनी हुई थी ।

वो अनुमान से अभी भी सास लेते अमन के लण्ड की तपिश मह्सूस कर पा रही थी

इधर अमन ने फ़ोटो भी भेज दिया और कुछ मैसेज टाइप किया । फिर उसने निशा की ओर देखा जो अभी भी उसी अवस्था मे बुत बनकर बैठी हुई थी ।

अमन उसके हालत पर मुस्कुराया और अपना लण्ड अंडरवियर मे घुसाने लगा लेकिन उसका फौलादी लण्ड मे जर भी लचक नही हो पा रही थी ,

दो तिन प्रयास मे जब अमन अपना लण्ड वापस नही घुसा पाया तो उसकी हालत खराब होने लगी , उसकी कसमसाहट से निशा अपने ख्यालो से बाहर आई

निशा - क्या हुआ जीजू
अमन - ऊहह यार ये अन्दर नही जा रहा है उम्म्ं हह
निशा खिलखिलाई - तो क्या हुआ आज ऐसे ही घर चले जाना

अमन थोडा सिरियस होता हुआ - ओह्ह निशा मजाक नही, सच मे ये नही जा रहा है

अब तो निशा को भी थोडी चिंता हुई कि आखिर क्यू ऐसा हो रहा है

निशा ने आस पास नजर घुमाई और तभी उसकी नजर बगल वाले कप्ल पर गयी । जिसमे लडकी लड़के के गोद मे सर रख कर लेती हुई थी और उसका बॉयफ्रेंड अपने जैकेट से उसका सर छिपा रखा था ।

निशा को समझते देर नही लगी कि वहा मुह पेलाई चल रही है
निशा - जीजू , अगर आप गुस्सा ना हो तो मेरे पास एक उपाय है , लेकिन
अमन - अरे बताओ यार कुछ भी ,,इन्टर्वल भी होने वाला

अमन इतना बोला ही था कि हाल की सारी लाईट एक एक करके चालू होने लगी ।

अमन ने फौरन अपने हाथ से अपने लण्ड को छिपाने की नाकाम कोसिस करनी शुरु कर दी ।
निशा को डर था कि कही उन्हे इस हालत मे देख ना , इसलिये उसने देर ना करते हुए अपने गले से चुनरी निकाली और उसको लपेटते हुए अमन की ओर बढा दी

निशा - लो इस्से ढक लो जीजू


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अमन ने निशा के हाथ से उसकी चुनरी तो ली लेकिन उसकी आंखे रोशनी के उजाले मे चमकती उसके गोरी गोरी फूली फूली चुचियो की घाटियो मे खो गयी ।

निशा हस कर - अरे ढक लो ना
अमन हडबड़ा कर ढक लेता है और निशा सीधी बैठ जाती है । फिर वो कनअखियो से बगल मे बैठे प्रेमी जोड़े की ओर देखती है तो वो दोनो वहा से गायब थे ।

निशा समझ जाती है कि वो वाशरूम ही गये होगे ।
अमन - अब बोलो निशा क्या उपाय

निशा खड़ी हुई है और आस पास देखा तो ज्यादातर लोग इधर उधर से जा चुके थे ।

निशा - अरे देख क्या रहे है खड़े होकर अब डालिये अन्दर

अमन को भी सही लगा और वो खड़ा होकर पर्दे की ओर पीठ करते हुए निशा की चुनरी को हटाया

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बल्ब की रोश्नी मे निशा को एक बार फिर से अमन का तना हुआ मुसल दिख्ने लगा , लण्ड पर एठि हुई मोटी मोटी नसे और आलू जैसा फुला हुआ गुलाबी सुपाडा पुरा तना हुआ था ,,, लण्ड की कठोरता देख कर निशा थुक गटकने की नौबत आ गयी ।

अमन से बड़ी मुश्किल से लण्ड पर अंदरवियर तो चढा लिया लेकिन उसमे बना तम्बू जैसे उसको फ़ाड कर बाहर आ जायेगा ।

अमन अब उसपे पैंट चढाने को कोसिस मे था लेकिन चुस्त पैंट मे ऐसा होना पॉसिबल नही था ।

अमन को परेशान देख कर निशा को भी टेनसन ही रहा था कि कही सच मे दिक्कत ना बढ जाये

इसिलिए उसने हाथ आगे बढा कर अमन के लण्ड के तने को अंडरवियर के उपर से थाम लिया और पैंट को पकड कर उसमे ठूसने लगी ।

निशा के हाथो का अचान्क से स्पर्श पाकर अमन के लण्ड की नसे फड़क उठी जिसे निशा ने भी अपनी हथेली मे मह्सूस किया

निशा पुरा जोर लगा के लण्ड को मोड़ना चाह रही थी लेकिन ऐसा पॉसिबल नही
मानो अमन ने कित्नी वियग्रा खा रखी हो

निशा का हाथ भी दर्द होने लगा और वो लण्ड छोड कर - उफ्फ़ मम्मी क्या है ये , ऐसा भी होता है क्या कीसी का

अमन - पता नही यार मेरा हर बार ऐसा ही होता है ,

निशा - तो ये छोटा कब होता है
अमन - जब ये डिस्चार्ज होता है
निशा - उम्म्ंम लेकिन यहा
अमन - हा यार अब ऐसी हालत मे बाथरूम मे भी नही जा सकता ना

निशा - ऐसा करो आप बैठ जाओ अभी ऐसे खडे ना रहिये
अमन को भी निशा की बात सही लगी और वो बैठ्गया


निशा हिचकती हुई - अह जीजू अगर आप कहो तो मै मदद करु ,,यहा डिस्चार्ज होने मे

अमन चौक कर - क्या!! यहा !! अरे कोई देख लेगा पागल और तुम क्या करने वाली हो ?

निशा - अरे अभी नही ! जब लाईट ऑफ़ होगी तब

अमन - हा लेकिन
निशा - लेकिन वेकिन छोडिए और अभी थोडी देर बैठे रहिये


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रीना - पापाजी मै कुछ मदद करू ?


अपने बहु की आवाज सुनकर कमलनाथ के पाव जहा थे वही रुक गये उसका दिल जोरो से धडकने लगा ।

रीना दो कदम आगे बढती हुई - हा पापाजी , मै जानती की आपको ऐसे आराम नही आयेगा । आप कमरे मे चलिये मै आती हू

कमलनाथ - लेकिन बहु तुम , नही नही रज्जो ने साफ मना किया है

रीना मुस्कुरा कर - मा जी से मै बात कर लूंगी आप चिंता ना करिये

कमलनाथ थुक गटक कर रीना के हौसले पर ठगा सा रह गया था । उसका लण्ड अब और भी फौलादी हुआ जा रहा था ।

उसने बिना कुछ सवाल जवाब किये सीढि की ओर बढ गया और दो सीढि चढ़ते ही - बहु वो रमन ...


रीना - आप कमरे मे आराम करिये मै उनको खाना खिला कर ही आऊंगी

कमलनाथ फीकी मुस्कान दिखाता हुआ उपर चला गया और रीना भी गहरी सासे लेने गयी ।

मन ही मन वो बड़बड़ा रही थी कि आगे कैसे वो क्या करेगी ।
क्या उसे अभी ही सेक्स कर लेना चाहिए या फिर सिर्फ हिला चुस कर ही छोड देना चाहिए ।
लेकिन पापाजी बहुत मस्त चुदाई करते है उन्के मोटे लन्ड को हाथ मे लेके मै अपनी बुर को तरसा कैसे सकती हू ।

इधर रीना अपने ख्यालो मे व्यस्त थी कि दरवाजे पर घंटी बजती है और वो समझ गयी कि उसका रमन घर आ गया है


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इंटरवल खतम होने तक दोनो ज्यादा कुछ बोले बिना बस चुप्पी के साथ बैठे रहे ।
अमन निशा की चुचिया और उसकी चिकनी गदराई जांघ देख कर अभी भी उत्तेजित हुआ जा रहा था ।

और सबसे बढ कर उसे हाल की लाईट बुझने का इन्तेजार था ।
कुछ ही देर सारे लोग अपनी अपनी सीट पर वापस आ चुके थे लेकिन वो दोनो प्रेमी जोड़े नही दिखे और बत्ती भी बुझ गयी ।

निशा समझ गयी कि वो मजे करने के लिए ही आये थे और उनका काम शायद हो गया था

बत्ती बुझते ही अमन चहक कर - लो बत्ती बुझ गयी अब

निशा दबी हुई हसी मे - अरे थोडा सबर करो जीजू , अभी भी लोग आ रहे है

अमन - यार ये तो अब दर्द भी होने लगा है ,


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निशा उसकी ओर देख कर अपना हाथ उसके लण्ड को बढा कर अंडरवियर के उपर से थामती हुई उसे सहलाने लगी - बस थोडा देर जीजू , अभी सब सही हो जायेगा

अमन निशा के हाथो का स्पर्श पाकर सिहर उठा
निशा उसके सुपाडे को टटोलती हुई - क्या हुआ जीजू उम्म्ं

अमन अपनी भारी भारी सांसो से - उम्म्ं क कुछ नही कुछ नही आह्ह
करीब 10 से 12 मिंट तक निशा ने आस पास जायजा लेते हुए लगातार अमन के लण्ड के सुपाडे को टटोलती रही और वो मादक सिसकिया लेता रहा ।

फिर निशा उठी और अपना कुरती उठा कर खड़ी हो गयी ।

अमन निशा की इस हरकत से और भी जोश मे आ गया । लेकिन एक डर भी जहन मे उभरने लगा कि ये आगे क्या करने वाली है ।
निशा खड़ी होकर अपने पीछे और बगल की खाली सीटो को देखा और फिर अमन की ओर देखकर उसकी सिट के सामने चली गयी


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अब निशा की गदराई गाड़ उसकी चुस्त लेगी मे अमन के ठिक साम्ने थी । निशा ने देर ना करते हुए अपनी गुदाज गाड़ को फैलाते हुए सीधा अमन के लण्ड पर बैठ गयी ।

दोनो एक दुसरे के स्पर्श पाते ही सिहर उठे , निशा की गुदाज चर्बीदार गाड़ की दरारो मे अमन का लण्ड फस गया और निशा उसपे बैठकर अपनी गाड़ को लण्ड पर घिसने लगी ।

दोनो हल्की हल्की मादक सिसकिया लेने लगे ।

निशा ने अब अपना भार अमन के सीने पे दे दिया और हल्की सिसकी लेती हुई - अब दर्द कम हुआ ना जीजू उम्म्ं

अमन अपने सीने मे सासे भरता हुआ - आह्ह हा निशाअह्ह उम्म्ं बहुत जियाआदाअह्ह उम्म्ंम

अमन के हाथ निशा के कमर पर थे और निशा बडी अदा ए अपने चुतडो की दरारो मे अमन का लण्ड घिस रही थी ।

अमन निशा के कमर पर दबोचता हुआ - ओह्ह ऐसे तो दिक्कत और बढेगी ना उम्म्ंम

निशा ने उसके हाथ पकड कर उसे उठाते हुए सीधा अपने मोटे रसीले चुचो पर रख दिया - इसे दबाओ जीजू ,,आपको जल्दी डिस्चार्ज होने को मिलेगा

अमन को उम्मीद ही नही थी की निशा इस हद तक आगे बढ सकती थी , एक तो अमन का ये पहला जिस्मानी अनुभव था वो अपनी होने वाली साली से , उसके जिस्म की गर्मी और बढ रही थी


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वो अपने मजबूत पंजे से निशा के नाजुक चुचे कुर्ती के उपर से ही मसलने लगा और निशा उसके सीने पर लोटने लगी


निशा - आह्ह जीजू ऐसे ही उम्म्ंम सीई आह्ह

अमन - निशा धीरे बोलो ,कोई सुन लेगा ,,औए ऐसे काम नही चलेगा ,आह्ह

निशा ने अपनी गतिमान कमर को रोका और खड़ी हो गयी ।
एक पल को अमन को लगा कि कही निशा नाराज तो नही ना हो गयी

लेकिन अगले ही पल निशा उसकी ओर घूम कर किसी तरह खुद को सरकाते हुए अमन के घुटनो के बिच मे बैठ गयी और जल्दी जल्दी उसका लण्ड अंडरवियर से निकालने लगी ।


अमन ने भी उसकी मदद की और लण्ड निकालकर उसके सामने रख दिया ।
निशा आंखे फाडे हुए अपने दोनो हाथो से उसका लण्ड थाम कर अंदाजा लगा रही थी ।
लण्ड की मोटाई और लम्बाई का अंदाज लेने के बाद उसने उसकी चमडी सरकानी शुरु कर दी , उसकी लपल्पाती जीभ लार छोड रही और मन मे बहुत लालच था कि एक बार उसके सुपाड़े को मुह मे भर ले । लेकिन उस्को अप्नी बहन सोनल से किया हुआ वादा याद था ,,इसिलिए उसने उसको हिलाना शुरु कर दिया ।

निशा के हाथो का नरम स्पर्श पाकर अमन पागल हुआ जा रहा था ।
निचे अन्धेरे मे उसे कुछ नही दिख रहा था लेकिन उसकी अभिलासा था कि एक बार वो निशा की नसिली आंखो मे झाक कर उसे अपना लण्ड चुस्ते हुए देखे ।

लेकिन यहा लण्ड को मुह ल्गाना दुर उसने एक बार सुँघा भी नही ,

अमन - आह्ह निशा जल्दी करो ना कोई देख लेगा
निशा उसकी बाते सुनकर वापस से खड़ी हो गयी और इस बार वो अमन के बगल के जगह बनाते हुए किसी तरह सट कर बैठ गयी और उसका लण्ड पकड कर हिलाने लगी ।

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अमन - ओह्ह निशा ऐसे ही उम्म्ंम
निशा मुस्कुरा कर अपने आधी खुली चुचिया अमन के मुह के कारिब ले गयी और अमन बदहवास होकर निशा के सिने पर अपना मुह घिसने लगा ।

निशा तेजी से उसका लण्ड सहलाए जा रही थी कि तभी अमन - अह्ह्ह निशा आयेगा आह्ह

निशा ने फौरन अपने बैग से अपनी रुमाल को निकाला और उसको अमन के सुपाडे पर रखते हुए सुपाड़े को मुठियाने लगी

अगले ही पल मे अमन मादक सिसकिया लेते हुए झटके खाने लगा और निशा को अपनी हथेली मे गर्म चिप्चिपाह्त मह्सूस हुई
अमन के गर्म वीर्य से निशा का रुमाल भीग गया था ।

उस्ने अच्छे से अमन का लण्ड उसी रुमाल से साफ किया और उसको फ़ोल्ड करते हुए अपने बैग के एक साइड पॉकेट मे रख दिया ।


कुछ ही पलो मे अमन का लण्ड ढीला होना शुरु हुआ और उसने देर ना करते हुए फौरन उसको अन्दर करके पैंट की जीप चढा ली ।


फिर दोनो अपने अपने सीट पर बैठ गये
अमन तो खुश था लेकिन उसके लण्ड की ठोकरो से निशा की चुत अभी तक बजबजा रही थी ।


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निशा ललचाई नजरों से अमन की देख रही थी और ना जाने उसे क्या सुझा उसने लपक कर अमन के होठो से अपने होठ जोड दिये ।

अमन भी खुद को रोक ना पाया और दोनो एक गहरे चुबन कर बाद अलग हुए ।

निशा ने खुद के कपडे सही किये और मुस्कुराती हुई - अब चले जीजू

अमन - हा चलो

फिर दोनो चुपचाप चालू पर्दे को छोड कर अपना काम निपटा कर बाहर चले आये ।

फिर अमन ने निशा को एक इ-रिक्से पर बिठाया और मुस्कुराते हुए बाय किया ।
दोनो के बीच एक दबी हुई भावना ने जन्म ले लिया था ।


बस वो दोनो बिना कुछ बोले एक दुसरे को मुस्कुराते हुए देखे जा रहे थे , निशा का मन था कि अभी दौड़ कर जाये और अमन की बाहो मे खुद को भर ले । लेकिन वो ऐसा नही कर सकती थी , एक मर्यादा मे वो बन्धी हुई थी ।

कुछ पल का मजा लेने के चक्कर मे निशा के दिल को अमन ने छू लिया था ।
लेकिन निशा तो निशा थी , उसकी ना तो शरारते कम होने को थी ना ही मस्तिया ।

रिक्से मे कुछ ही दुर जाने के बाद उसने अमन की मैसेज करना शुरु कर दिया

निशा - kal fir chaloge jiju film dekhne 😁😁

अमन - saali ji kahe aur mai naa bol du

निशा - toh kal sonal ko bhi leke aau 😉

अमन - fir toh mera sandwich ban jaayega 🤣🤣

निशा उसकी बाते पढ कर हसने लग जाती है

निशा - 🤣🤣🤣
निशा - chalo jaao aap , aapki hone waali biwi aapka abhi bhi wait kar rahi hogi 😁 mai bhi ghar a gayi hu bye .. my darling jiju 😉

निशा के मैसेज पढ कर अमन मुस्कुरा कर - achcha ji ek hi din me darling ummm , thank you my sweetheart saali ji 😁


फिर निशा सोनल के घर आ जाती है और अमन अप्ने घर निकल जाता है ।


जारी रहेगी
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