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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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प्रिय साथियों
जैसा कि मैने बताया था कि मैं कुछ मेडिकल समस्याओं से जूझ रहा था बीते महीने
दुख की बात है कि वो व्यक्ति विशेष अब इस दुनिया में नहीं है । 🥺🥲 देर शाम शुक्रवार को वेंटीलेटर पर उन्होंने अपना शरीर त्याग दिया ।
आप सभी से क्षमा चाहूंगा कि आपका कीमती समय यहां इंतजार में गवाया मैने ... फिलहाल मुझे क्या करना चाहिए मुझे नहीं पता ।
हा ये पता है कि मुझे वक्त चाहिए 😐




आगामी अपडेट के कुछ भाग लिखे है अगर मूड हुआ तो पोस्ट कर दूंगा ,,,,, आगे पता नहीं कब लिखना हो

धन्यवाद 🙏
 
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Nice Update Bhai ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️ But very short and no photos or gifs next update we want mega update

Happy rakshabandhan to u bhai ❤️

Nice Update

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर बडा ही जबरदस्त कामोत्तेजक अपडेट है भाई मजा आ गया

Amazing update

बहुत ही शानदार लाजवाब और कामुक और रसदार शब्दांकन भरा जबरदस्त अपडेट हैं भाई मजा आ गया
ये रात रागिनी और अनुज के लिये यादगार बनने वाली हैं ये अनुज कामाग्नी में जल रहा हैं बस रागिनी को उस बात की भनक लगनी बाकी हैं फिर जो खेला होगा उसके क्या ही कहने
खैर देखते हैं आगे क्या होता है
अगले रोमांचकारी धमाकेदार और चुदाईदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजिएगा

Wow...... shandar update Bhai....


Aisa lag raha hai jaise anuj ka body main kisi reporter ka aatma ghus gayi ho.........

Hummme toh sonal ka intezar hai kab tak apne papa ...chacha ....sasur.....mousa...bhai o ke sath WWE khelegi.....

Waiting

बहुत सही जा रहा है

Good update

Nice update

Superb bhai kya Kamal ka update diya h
Maja aa gya lagta h ab sote hue ragini ko anuj ke land ka abhash ho jayega

Dreamboy40 bhai ji
Salini ko to aap bhul hi gye h uski gadrai jawani ka bhi didar krwa do bhai

Waise ragini or anuj ke bich jo conversation chal rha h usse lag rha h jaldi hi anuj bhi apni maa ki chut me ghote lgane wala h

Are bc, ye to anuj ke khade lund pe dhokha ho gya
But jo mila utna bhi bahot hi hai

Fantastic Update Bro

Bina chudai seen ke hi khada karwa diye🍌

बेसब्री से इंतजार है इरोटिक संडे का मित्र, वैसे आज मैने उल्टा सीधा में नया अपडेट दिया है समय निकाल कर अवश्य पढ़ें। बहुत बहुत धन्यवाद

Bhai, sunday kaa intezaar to hai hi...aapke update ke liye...
saath mein mere story pe bhi aapka intezaar hai. Already naya update post kiya hua hai :)

DREAMBOY40

Eagerly awaiting for update guruji

Bhai hero kon hai ?? Raj kya??


Erotic sunday vala update nhi aya kya kii btaye muje

Jee baat sahi bole miyan tum 🔥

Bhai update today jaldi de do bhai

DREAMBOY40 bhai thik to hona ?

Waiting for next update

कहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई
पढ़ कर रेवो जरूर करें
 

insotter

👑
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💥अध्याय : 02 💥
UPDATE 16 B (Mega)


रंगी - बनवारी

"कहा चले गए थे जमाई बाबू " , कम्बल ओढ़ कर अधनंगा बैठे बनवारी ने कमरे में दाखिल होते हुए अपने दामाद रंगी से सवाल किया ।

रंगी : अरे बाउजी आज मेरे एक बड़े ही खास मित्र की पत्नी का जन्मदिन था और मुझे याद नहीं रहा बस उसी के लिए अपने दोस्त से माफी मांग रहा था , शुक्र है कि पता नहीं कैसे लेकिन राज उनके यहां पहुंच गया है प्रोग्राम के हाहाहा नहीं तो मेरी खैर नहीं थी

बनवारी : अच्छा अच्छा आओ आओ
रंगी चल कर बनवारी के कम्बल के घुसता हुआ : मै तो आ गया हूं बाउजी लेकिन वो कमला ?
बनवारी मुस्कुरा कर : आई है, बगल वाले तुम्हारे कमरे के तैयार हो रही है

रंगी अचरज से : तैयार हो रही है मतलब
बनवारी मुस्कुरा कर : अरे थोड़ा सबर तो करो , लो आ गई
और तभी गेस्ट रूम का दरवाजा खुला और कमला एक शॉर्ट बिजीबल नाइटी को अपने चूतड़ों की ओर खींचती हुई कमरे में दाखिल हुई

रंगी लाल की आंखे बड़ी हो गई जब उसने कमला का ये रूप देखा , उफ्फ अब तक उसने गांव में किसी को ऐसे देखने की उम्मीद नहीं की थी।उसके लिए गांव की देसी दुधारू औरतों की एक ही तरह की छवि थी सूती ब्लाउज में ठूंसे हुए रसीले चूचे और बदन पर बेढ़ंगे से लपेटी हुई साड़ी, जिनमें उनका अंग और भी खिलता निखरता है लेकिन कमला और ये रूप देख कर रंगी चौक गया

कमला मुस्कुरा कर थोड़ी बहुत फिल्मों की हीरोइन के जैसे अदाएं दिखाते हुए चलने की कोशिश कर रही थी : अरे सेठ आप भी
कमला मुस्कुरा कर रंगी को देखी और रंगी थोड़ा लजाया तो बनवारी ने उसकी पीठ पर हाथ रख कर इंजॉय करने को कहा

वही कमला ने एकदम से अपना बदन ऐंठने लगी और रंगी की आंखे बड़ी होने लगी : ये सब क्या बाउजी ये तो
बनवारी : जमाई बाबू इसे कहते है देसी माल और विदेशी शौक हाहाहाहाहा उफ्फ देखो तो साली कैसे अपने दूध खुद मसल रही है ।


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रंगी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा जब उसने सामने कमला को अपने रस भरे मोटे चूचों को हाथ से पकड़ कर आपस में दबाते हुए दिखा रही थी

तभी रंगी की नजर एकदम से बनवारी पर गई जिसने अभी अभी कम्बल अपने ऊपर से उठा दिया और वो कम्बल के पूरा नंगा होकर बैठा था, वो अपना लंड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगा : उफ्फ साली के गाड़ तो देखो जमाई बाबू , जी कर रहा है चाट लू उम्ममम


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रंगी मुस्कुरा कर : बाउजी आप तो पूरी तैयारी से बैठे है
बनवारी हंसता हुआ : तैयार तो तुम भी जमाई बाबू , अब ये लाज शर्म छोड़ो और आजाओ
इतना बोल कर बनवारी बिस्तर से उठ कर कमला के पास चला गया और उसको अपनी बाहों में भरने लगा , उसके होठ चूसने लगा , उसके चूतड़ों को सहलाते हुए अपने करीब खींचने लगा : आजाओ जमाई बाबू
रंगी मुस्कुराया और अपने कपड़े निकलने लगा
फिर पजामे में वो कमला के दूसरी ओर खड़ा होकर अपना लंड मसलने लगा तभी एकदम से बनवारी ने उसका हाथ पकड़ कर सीधा कमला के चूतड़ों पर रख दिया : जरा इन्हें छू कर देखो कितने मुलायम है
रंगी ने जैसे अपने ससुर के आगे कमला के नंगे चूतड़ों को पकड़ा उसका लंड पजामे में झटके देने लगा और वो कमला ने चूतड़ नोचने लगा : उम्मम सच में बाउजी क्या नरम चर्बीदार चूतड़ है इसके अह्ह्ह्ह सीईईईईई
इधर कमला ने बनवारी का लंड हाथों के थाम लिया और मुंह में भरने को हुई : क्या बात है सेठ आज तुम्हारा हथियार बड़ा लग रहा है
बनवारी ने जैसे कमला के मुंह अपना लंड महसूस किया उसके टांगों की नशे फड़कने लगी उसने झट से आगे हाथ बढ़ा कर उसके मोटे मोटे चूचे मसलने लगा और वही रंगी भी अपना लंड बाहर निकाल कर उसके दूध मसलता रहा ।
बनवारी : जरा उधर भी देखो मेरी रानी अह्ह्ह्ह
कमला ने उसका लंड हाथ में हिलाते हुए रंगी का लंड पकड़ लिया : उफ्फ कबसे रगड़ रहे थे जमाई बाबू कितना लाल कर रखा है


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फिर एकदम से कमला ने उसका लंड मुंह में भर लिया रंगी उसके चूचे सहलाते हुए : अह्ह्ह्ह्ह जबसे तुम्हे देखा है ये सोया ही नहीं अह्ह्ह्ह्ह और उम्ममम बाउजी सच में बड़ी ही रसीली है ये अह्ह्ह्ह्ह

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कमला बारी बारी से दोनों का लंड चूस रही थी और दोनों अपने हाथों से उसके दोनों रसीले मम्में को भर भर कर मसल रहे थे , उनके हाथ अब उसकी नाइटी में घुस कर उसके निप्पल को खींचने लगे और रंगी कमला के गुदाज चर्बीदार चूचों को हाथ में भर कर सहलाने लगा
दोनों ने उसके रसीले मम्में को बाहर निकाल कर मसलने लगे और कमला उनके लंड को अपने लार से गिला किए जा रही थी ,


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उसके नए नए तरीके रंगी को और भी जोश से भर दे रहे है और एकदम से उसके दोनों लंड को पकड़ कर एक साथ चुबलाया, बनवारी और रंगी ने एक साथ एक दूसरे का गर्म तपता सुपाड़ा आपस में घिसता महसूस किया और दोनों सिहर उठे

बनवारी ने उसे झटके से उठा लिया यार उसकी चूचियां पीने लगा, रंगी ने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए झुक कर उसके रसीले मम्में को मुंह में भर लिया
कमला आज इस दोहरे मजे से मस्त हुई जा रही थी , दोनो लंड उसके हाथों के सरक रहे थे और उनका कड़कपन देख कर वो आने वाले रोमांच का सोच कर सिहर उठी ,


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चार चार हाथ उसके बदन को टटोल रहे थे , बनवारी ने पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को सहलाने लगा तो रंगी उसके गाड़ को पंजे में भर कर मसल रहा था , उसकी जीभ तेजी से कमला के निप्पल को फ्लिक कर रही थी जिससे कमला मचल रही थी ।

रंगी भी जोश में आकर दोनों हाथों से कमला का चेहरा पकड़ कर उसके होठ चूसने लगा और उसको अपनी ओर खींच कर खुद सोफे पर बैठ गया
कमला समझ गई कि रंगी को उसके होठों का रस भा गया और वो आगे झुक कर रंगी का लंड मुंह में ले ली
रंगी : ओह्ह्ह्ह उम्ममम क्या मस्त चुस्ती हो कमला आह्ह्ह्ह तेरी जीभ मेरे सुपाड़े को अह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम
इधर बनवारी भी मौका देखकर नीचे बैठ गया और कमला के गाड़ को सूंघने लगा, उसके गठीले पंजे कमला के चर्बीदार चूतड़ों के दरारों को फैला रहे थे और बनवारी अंदर जीभ डालने लगा ,

कमला उस अहसास से बिलबिला उठी उसकी आंखे उलटने लगी , उसने कस कर रंगी का लंड पकड़ किया : ओह्ह्ह्ह उम्ममम सेठ जी अह्ह्ह्ह खा जाओ क्या मेरी गाड़ उम्मम
बनवारी उसके चूतड़ों से पेंटी नीचे करता हुआ : इसे तो मै चाट चाट कर पूरी लाल कर दूंगा
और वापस से अपना मुंह उसके मोटे चूतड़ों के दे दिया ।
रंगी कमला का सर पकड़ कर नीचे से अपने कूल्हे उठाने लगा और कमला के मुंह में पेलने लगा कि तभी कमला चीखी और रंगी ने सामने देखा तो बनवारी ने अपना लंड उसकी बुर में उतार दिया था : अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सेठ जी आज आपका लंड बड़ा क्यों लग रहा है अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
बनवारी उसके कूल्हे पकड़ कर तेजी से लंड डालता है : इस बात के लिए तो मै जमाई बाबू को शुक्रिया कहूंगा , उनके होने से आज नई ताकत मिल रही है अह्ह्ह्ह तेजी भी बुर आज कुछ ज्यादा ही बह रही है कमला अह्ह्ह्ह


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रंगी : सच कहा बाउजी , आज तक मुझे ऐसा रोमांचक कभी नहीं महसूस हुआ अह्ह्ह्ह्ह रागिनी होती तो खुश हो जाती आज मेरा लंड पकड़ कर

बनवारी ने मुस्कुरा कर रंगी को देखा और समझ गया कि उसका जमाई अभी भी अपनी बीवी के बारे में ही सोच रहा है : क्या जमाई बाबू ,इस पल में भी छोटी को याद कर रहे l
रंगी : क्या बताऊं बाउजी , आज से पहले सिर्फ उसी के साथ मै अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्मम और ओह्ह्ह्ह

बनवारी : जरा एक बार मेरे कहने से इसे भी अपने लंड पर बिठा लो जमाई बाबू
इतना बोल कर बनवारी ने कमला को छोड़ा और वो खड़ी होकर खुद से ही रंगी लाल के ऊपर चढ़ने लगी और दोनों तरफ पैर फेक कर उसका लंड अपनी बुर में ले लिया : अह्ह्ह्ह
कमला के नरम चर्बीदार बदन का स्पर्श और लंड को उसकी बजबजाई बुर में घुसता महसूस कर रंगी पूरे जोश में आ गया : उम्ममम क्या मस्त बुर है तेरी अह्ह्ह्ह उम्मम
वो उसके दूध पकड़ कर मुंह के भरते हुए खुद भी नीचे से झटके देने लगा था,जिसे देख कर बनवारी खुश हुआ : वाह जमाई बाबू ये हुई न बात और मसलिये
बनवारी खड़ा होकर अपना लंड मसलने लगा और रंगी कमला को अपनी बाहों के भर कर उसकी चुची मुंह के भरते हुए अपने पंजों से उसके बड़े चौड़े चूतड़ों को मसलते हुए उन्हें फैलाने लगा और नीचे से तेजी से अपनी कमर चलाने लगा
कमला रंगी के जोश से मचल उठी थी उसकी बुर में तेजी से रस छोड़ रही थी : ओह्ह्ह्ह जमाई बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही तुम्हारा हथियार तो बड़ा गर्म है लग रहा है असल के खूंटे पर बैठी हूं उफ्फ कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह चोदो मुझे अह्ह्ह्ह्ह जमाई बाबू


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रंगी कमला के मुंह से बार बार जमाई बाबू सुनकर और जोश में आ जाता है उसे ऐसा महसूस होता है कि वो रज्जो को अपने ससुर के सामने पेल रहा है
रंगी उसको अपनी बाहों में कसते हुए उसके नरम चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर अपने लंड पर खींचने लगा : लो मेरी जान अह्ह्ह्ह और लो उफ्फ तूने तो मेरी सारी अकड़न निकाल दी उम्मम आज तुझे ऐसा सुख दूंगा जो तुम कभी नहीं लिया होगा और रंगी उसको कस कर पकड़े हुए लेकर खड़ा होगा
रंगी के लंड पर सवार कमला और सोफे पर बैठा हुआ बनवारी दोनों एकदम से चौक गए जब रंगी ने उसे अपने लंड पर बिठाए हुए लेकर खड़ा हो गया
बनवारी को समझ आ गया अधेड़ उम्र की बढ़ता ही सही लेकिन उसके छोटे दामाद के लंड में दम तो भरपूर है और उसने देखा रंगी कमला को चूतड़ों से पकड़ हवा में उठाता और लंड पर छोड़ देता ,


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गच्च से कमला की बुर वापस लौट कर रंगी के लंड को भर लेती
ये क्रम चलता रहा रंगी उसको हवा में उठा कर उसको पेलने लगा कमला उसको कंधे से पकड़ ली और सिसकने लगी : ओह्ह्ह्ह उम्ममम जमाई बाबू ओह्ह्ह्ह उम्ममम रुकिए दर्द हो रहा अह्ह्ह्ह गिर जाऊंगी मै
रंगी की हालात कम खराब नहीं थी लेकिन उसे अपने ससुर को अपना जोश दिखाना था और उसने कमला को बिस्तर पर पटक कर आगे से वापस बीमा रुके तेजी से पेलने लगा : क्यों मजा आया मेरी जान उम्मम
कमला मुस्कुरा रही और रंगी के लंड से उसकी बुर छिल गई थी और वो सिसकियां ले रही थी , सच में आज उसने एक अनोखा अनुभव किया था और वो तेजी से झड़ रही थी


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रंगी के लंड को उसने कस लिया था: अह्ह्ह्ह बड़ी चालाक हो रानी उम्मम तुम्हे भी निचोड़ने की कला आती है अह्ह्ह्ह लेकिन इतना आसान नहीं है
रंगी उसके ऊपर आकर तेजी से अपनी कमर चलाने लगा और हच्च हच्च पेलने लगा उसके निप्पल मुंह में भर कर चोदने लगा
और आखिर वो भी अपना लंड निकाल आकर उसके बुर और पेडू के पास झड़ गया और सुस्त होकर बिस्तर पर लुढ़क गया ।

वही किनारे सोफे पर बैठा हुआ बनवारी अपने छोटे जमाई के जोश को देख कर हैरान था और उसका लंड अभी भी एकदम अकड़ा हुआ था तैयार
कुछ देर बाद रंगी की नजर पड़ी तो वो मुस्कुराता हुआ उठ कर बनवारी के पास आया : माफ कीजियेगा बाउजी , वो मै कुछ ज्यादा ही जोश मे.... हाहाहाहाहा

बनवारी उसकी ओर देखते हुए: कमाल कर दिया जमाई बाबू और वो आपने उसको हवा में जो उठाया वो मतलब, कमला इतनी भी हल्की नहीं है
रंगी मुस्कुराने लगा और थोड़ा सा लजा भी रहा था जिस तरह से बनवारी उसकी तारीफ कर रहा था : अरे बाउजी वो सब हो जाता है , जब 2 रोज से चूत न मिले और फिर ये जब मुझे जमाई बाबू कह कर बुला रही थी तो...
बनवारी का लंड फड़का और उसके जहन में एक ख्याल सा उभरा : तो ?
रंगी : मुझे लगा खुद रज्जो दीदी मेरी गोद में उछल रही है तो मै ... हाहाहा ( रंगी ने बनवारी की ओर देखा जो अवाक होकर उसे देख रहा था ) ...सॉरी बाबूजी बस उस समय जो मेरे दिल में आया वही बता रहा हूं वरना आप तो मेरा नेचर जानते है

बनवारी मुस्कुरा कर : पहले तो नहीं लेकिन अब समझ गया हूं बड़े छिपा रुस्तम हो जमाई बाबू हाहाहाहाहा

रंगी हसने लगा और तभी उसने देखा कि कमला उठ कर उनकी ओर आ रही थी : अब आपकी बारी बाउजी हाहाहाहाहा
बनवारी मुस्कुरा कर: साथ में करें तो
रंगी हंसते हुए : ये भी सही है हाहाहाहाहा

सरोजा के घर

राज बाथरूम में जाकर अपनी पेंट खोलकर अपने लंड की अकड़न को शांत कर रहा था और वही कमरे में वसु आई और उसने दरवाजा भिड़का कर गुनगुनाते हुए अपने कपड़े उतारने लगी ।
तभी राज ने फ्लश चलाया और वसु को लगा संजीव अंदर है तो वो ब्रा पैंटी में बाथरूम के बाहर से आवाज देती : जान , थोड़ी जल्दी करना मुझे भी फ्रेस होना है

राज वसु की आवाज सुनकर मुस्कुराया और अपना पेंट सही कर हाथ धूल कर बाथरूम से बाहर निकलने वाला था मगर
वसु को शायद जल्दी थी वो दरवाजे को थपथपाने लगी : जानू निकलो न प्लीज
राज मुस्कुराता हुआ मस्ती में दरवाजा खोल कर : बस गया जानू , अब जाओ
वसु एकदम से चौकी और झट से अपने हाथों से क्रास कर अपने ब्लाउज के क्लीवेज को छुपाती हुई : अरे राज तू
राज मुस्कुराता हुआ दरवाजे पर टेक लेकर खड़ा होता हुआ : हा जानू मै
वसु को अपनी गलती समझ आ गई थी और वो शर्म से लाल हो गई और मुस्कुराती हुई राज को दरवाजे से हटाती हुई : हटो बदमाश कही के

राज खिलखिला कर हंसता हुआ कमरे में आ गया और वसु धड़ से दरवाजा लगाती हुई बाथरूम में चली गई । वही राज इस बात पर खुश होने लगा कि उसने सही समय पर फायदा उठाया मौके का ।

फिर वो मोबाइल चलाते हुए बिस्तर पर एक किनारे टेक ले लिया
5 मिनट बाद वसु बाहर आई हाथों में तौलिया लेकर और कमरे में राज को उसके बिस्तर पर फैला देख कर तौलिया अपने आगे कर ब्लाउज धक लिया: हम्ममम तुम क्या कर रहे थे मेरे बाथरूम में
राज : आपके ? लेकिन अंकल तो बोल कर गए कि ये मेरा रूम है मुझे यही सोना है आज रात , आपके साथ ( आखिर के शब्दों को लगभग राज पी ही गया और वो वसु के कानों तक नहीं गई )
वसु खीझ कर मुस्कुराती हुई : बदमाश कही के , बहुत बाते बनानी आती है तुम्हे और तुम मुझे क्या बोले अभी
राज मुस्कुराने लगा : कब
वसु : अरे
राज : क्या ? बोलो न क्या बोला
वसु शर्माने लगी : कुछ नहीं पागल कही के
राज : अरे अब कोई मुझे इतने प्यार से जानू कहेगा तो मै भला क्यों मना करूंगा
वसु : अच्छा जी , बड़े आए
राज : मै तो सोच रहा हु अपना नाम बदल लूं, राज की जगह जानू रख लू, कैसा रहेगा
वसु : वेरी फनी
राज : फन्नी? इसमें फनी जैसा क्या है
वसु : कुछ नहीं बाबा, अच्छा ठीक तुम थोड़ा बाहर जाओ मुझे चेंज करना है ।
राज : नहीं पहले बताओ मेरा नाम क्या बुलाओगी अब से
वसु मुस्करा कर : राज !!!
राज खड़ा होकर उसके पास आ गया : लेकिन मेरा नाम अब से जानू है न
वसु शर्माने लगी लेकिन उसे फिलहाल कपड़े बदलने थे क्योंकि उसका बदन अब और ये पॉलिस्टर ब्लाउज की खुजली बरदाश्त भी कर सकता था ।
वसु : अच्छा ठीक है , जानू ! खुश ? अब जाओ
ये बोलकर वो अलमारी से अपने लिए एक काटन की नाइटी निकाल रही थी
राज : अरे ये पहनोगे आप ? उम्हू बिल्कुल नहीं
वसु : क्यों ?
राज : मै आपका फैशन डिजाइनर हूं न
वसु मुस्कुराने लगी : अच्छा तो मेरे फैशन डिजाइनर साहब क्या पहनूं मै ,बताइए
राज : उम्मम , आज इतने खास पल पर इतना सिंपल नहीं । आपके पास साटिन नाइटी या दूसरी कोई फैंसी नाइटी नहीं है ।
वसु शर्माने लगी और हसने लगी : क्या मतलब तुम चाहते हो कि मै रात में ना सोऊं
राज : क्या ?
वसु मुस्कुरा कर : कुछ नहीं , हा है लेकिन साटिन नहीं है थोड़ी फैंसी है ।
राज : दिखाओ जरा
वसु थोड़ी पकने लगी थी अब मगर राज से पीछा छुड़ाने का यही तरीका था कि उसकी बातें मानी जाए
तो उसने आलमारी से एक फैंसी शॉर्ट नाइट गाउन निकाला जो लगभग ट्रांसपेरेंट था ।
राज : वाव ये हुआ न कुछ आपके लायक , यही पहनो
वसु : लेकिन पहले बाहर तो जाओ
राज : ऐसे नहीं ..
वसु : फिर ( वसु ने राज को देखा और वो मुस्कुराने लगा तो वसु समझ गई )
वसु हार कर मुस्कुराती हुई : जानू प्लीज बाहर जाओ न
राज हंसता हुआ उसके गाल छू कर : ओके मेरी जानू
वसु राज के इस हरकत से हस पड़ी और राज के जाते ही : कितना पागल है ये लड़का , लेकिन कितना खुश दिल है हिही
तभी उसकी नजर हाथ में लिए कपड़े पर गई : और बहुत ज्यादा शरारती भी
फिर वसु ने अपने कपड़े निकाल कर चेंज करने लगी
वही राज कमरे से बाहर आया और सोचने लगा कि संजीव ठाकुर एकदम से कहा गायब हो गया ।
पूरे घर में सन्नाटा हो गया था । घड़ी की सुई 11 बजे का कांटा पार कर गई । तभी उसे सरोजा का ख्याल आया और वो उसके कमरे की ओर गया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था ।
उसपे से राज अपना मोबाइल कमरे में बिस्तर पर ही छोड़ आया था । ऐसे इतनी रात में सरोजा का दरवाजा बजाने का मतलब था रिस्क ।

कुछ देर बाद कमरे से आवाज आई जो वसु की थी : आ जाओ बेटा
राज खुश हुआ और कमरे में दाखिल हुआ
उफ्फ क्या नजारा था , ठाकुराइन की शॉर्ट ट्रांसपेरेंट नाइट गाउन उसके घुटने तक ही थी , गोरी दूधिया जांघों और टांगे देख कर राज का हलक सूखने लगा । गाउन ने अंदर से झांकती उसकी मैचिंग ब्रा पैंटी सेट और गोरा बदन , नरम चर्बीदार पेट और गुदाज नाभि। सुंदर चेहरा और पीछे चौड़े चूतड़

वसु ने गला खराश कर : hows I'm looking
राज मुंह खोलकर : woow so sex...
वसु चौकी : क्या ?
राज हड़बड़ा कर खुद को संभालता हुआ : बहुत सुंदर लग रही हो आंटी , अंकल के होश उड़ जाएंगे
ठकुराइन खिलखिलाती हुई : और तुम्हारे
राज मुस्कुराने लगा और शर्मा कर बिस्तर की ओर आता हुआ : मेरा तो फ्यूज ही उड़ गया है उफ्फ
वसु इतरा कर बिस्तर तक आई और कम्बल में घुस गई , राज भी वही बिस्तर के किनारे बैठ गया दूसरी तरफ ।मगर वसु के बदन से आती मादक खुशबू उसे रिझा रही थी और कामोत्तेजित कर रही थी ।

वसु : तुम्हारे अंकल बाहर दिखे क्या
राज : नहीं , बाहर सब बंद है एकदम शांत
वसु : फिर कहा चले गए ये
फिर वो संजीव को फोन लगाने लगी
राज : हो सकता है वो कही दूसरे कमरे में सो गए हो
वसु को हंसी आई : अच्छा , मुझे अकेला छोड़ कर
राज : अरे मै हूं न
वसु हस कर : पागल हो तुम , यार वो अपना रूम छोड़ कर कही और क्यों सोएंगे
राज : क्योंकि उन्होंने ही मुझे यहां सोने को कहा था, अब इस बेड पर वैसे भी तीन लोग कहा आयेंगे
वसु हसने लगी : अरे यार , क्या सच में
राज : आपको कोई दिक्कत है तो मै सोफे पर सो जाऊंगा
वसु : मार खाओगे अब , सोफे पर क्यों सोओगे , ठंड लग जाएगी
राज मुस्कुराने लगा
वसु थोड़ी उलझी थी कि क्या सच राज की बात सही है लेकिन राज को मुस्कुराता देख : हस क्यों रहे हो
राज : देख रहा हूं आप अपने जानू की कितनी फिकर करती है ।
वसु की एकदम से हंसी फुट पड़ी : धत्त बदमाश, चलो सो जाओ मै दरवाजा लगा देती हूं
राज वापस से बिस्तर में आ गया और जैसे ही वसु बिस्तर से निकल कर दरवाजे की ओर गई , उफ्फ उसके बड़े बड़े मटके जैसे चौड़े गोल मटोल चूतड़ उसकी ट्रांसपेरेंस नाइटी से साफ झलक रही थी लगभग पूरी नंगी सी , क्योंकि ठाकुराइन ने जो नाइटी के साथ सेट वाली पैंटी पहनी थी वो थांग वाली थी जो उसके गाड़ के दरारों में घुस गई थी
राज ये हसीन नजारा देख कर अपने लंड को पकड़ने लगा , जो अब बेकाबू हुआ जा रहा था । वसु ने कमरे का दरवाजा बंद किया और जैसे ही घूमी तो उसकी नजर राज पर गई , जिसमें अभी अभी अपनी नजरे उससे फेर कर मोबाइल में कर लिया था ।
वो समझ गई कि अभी अभी राज ने क्या देखा और उसे थोड़ी शर्म आई लेकिन उससे ज्यादा खुद पर नाज हो रहा था कि जवान लड़के भी उसके हुस्न के दीवाने हो रहे थे अब ।उसने कमरे की बत्ती बुझाई और बिस्तर में आ गई ।
कुछ देर की चुप्पी के बाद
राज : सॉरी आंटी
वसु : अरे क्या हुआ , सॉरी क्यों
राज : मेरी वजह से अंकल नहीं आए और आपकी स्पेशल नाइट बेकार हो गई , सॉरी
वसु मुस्कुरा कर : ओहो तुम फिक्र न करो , हमारी सभी नाइट स्पेशल ही होती है
राज : हा लेकिन आज का दिन आपके लिए खास था और आप कितनी अच्छे से रेडी होकर उनका वेट कर रही थी
वसु शर्माती हुई हस कर : अब बस करो , मुझे शर्म आ रही है बाबा
राज : नहीं सच में मुझे अफसोस हो रहा है अंकल के लिए
वसु : हम्म्म तो तुम ही बताओ अब क्या करूं मैं तुम्हारे अंकल के लिए वो कल सुबह जब उठे तो दुखी न हो
राज कुछ सोचता हुआ : एक तरीका है , लेकिन पता नहीं आपको पसंद आयेगा या नहीं
वसु : अब बताओगे भी , या खुद से जज कर लोगे
राज : क्यों न मै आपकी तस्वीरें निकालू इस ड्रेस में और आप सुबह में अंकल को दिखा देना
वसु कुछ सोच कर : वैसे ये सही है, उनकी यही सजा होनी चाहिए मुझे अकेला छोड़ कर जाने की । देखेंगे तो समझ आयेगा बच्चू को हिहीही चलो करते है ।
वसु एकदम से खड़ी हो गई और कमरे की बत्ती जला दी
राज भी फुर्ती से खड़ा हो गया ।
राज चतुराई दिखाते हुए जल्दी जल्दी अपने मोबाइल का कैमरा खोलने लगा और तभी वसु की नजर उसके ऊपर गई तो वो मुस्कुराती हुई : बदमाश कही के , अपने मोबाइल से नहीं मेरे मोबाइल से निकालो
राज मुस्कुराने लगा और वसु के हाथ से उसका मोबाइल लेकर कैमरा खोलने लगा और सामने वसु बड़े ही कामुक अंदाज में खड़ी हो गई


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राज का लंड उसके पैंट के फनकार मारने लगा और सामने वसु अपने शोख अदा से राज की देखती हुई पोज दे रही थी , उसने बड़ी अदा से अपने पारदर्शी नाइटी के सिरे जांघें के पकड़ कर ऊपर सरकाने लगी ,जिससे उसकी दूधिया वैक्स हुई जांघें दिखने लगी
राज का मूड बन रहा था और उसका लंड पेंट में अकड़ा जा रहा था और फूलने लगा उसने अपनी वासना को टालने के लिए बात करते रहना उचित समझा : वीडियो भी बना दु क्या

वसु मुस्कुरा कर मदहोश नजरो से उसे देख कर : हा क्यों नहीं


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वसु के कहने की देरी थी कि राज उसका वीडियो शूट करने लगा और उसने नीचे बैठ कर उसकी गदराई जांघों और मटके जैसे चूतड़ों को फोकस रखते हुए ऊपर खड़े होते हुए वीडियो बनाने कहा उसने वसु के बड़े बड़े रसीले मम्में को भी फोकस किया , वसु पूरे कमरे में टहलते हुए सोफे की ओर गई और एकदम से घूम कर अपनी टांगे उठा कर सोफे पर रख दी और बड़ी मादक नजरो से राज की ओर देखा

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वसु राज को वीडियो लेता हुआ देख : थोड़ा करीब से ले न
राज मुस्कुराने लगा और वापस से वसु के पास जाकर करीब से उसके पारदर्शी नाइटी के बीच झांकते हुए नंगे चूतड़ों और दरारों में फंसी हुई पेंटी को फूल फोकस्ड तस्वीरें निकाली


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फिर वो थोड़ा नीचे की ओर जाने लगा जिससे वसु के मोटे चूतड़ों पर उठी हुई नाइटी के नीचे से उसके नंगे चूतड़ के उभार नजर आने लगे थे कि वसु ने उसे टोकते हुए झट से अपने चूतड़ छुपाने लगी नाइटी से : धत्त बदमाश इतने भी करीब से नहीं लेना है हीही
राज मुस्कुरा कर पीछे होते हुए: सॉरी
वसु मुस्कुरा कर अब दूसरे पोज देने लगी थीं कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई

राज : लगता है अंकल आ गए
वसु एकदम से घबराई , हालांकि मस्ती मजाक में उसने राज के साथ थोड़ी घुल मिल गई थी लेकिन पति के सामने ? : तू तू सो जा
राज : क्या ?
वसु : हा तू जल्दी से बिस्तर में सो जा
राज : अरे अंकल ही होंगे न तो उनसे क्या डर
वसु : ओहो , अगर अंकल की जगह कोई और हुआ तो इसीलिए बोल रही हूं जा अब
राज को ठाकुराइन की बात सही लगी और वो झट से मोबाइल लिए हुए तेजी से कम्बल में घूस गया ।
इधर वसु गहरी सांस लेती हुई दरवाजे की ओट में छिप कर दरवाजा खोला और एकदम से संजीव कमरे में आ गया।
संजीव पहले तो वसु को डांटने वाला था लेकिन जैसे ही उसकी नजर वसु पर गई वो एकदम रुक गया : डार्लिंग तुम , वाऊव सो सेक्सी यार
वसु एकदम से इतराई : हूह , अब आ रहे हो
संजीव उसके पास जाके उसको एकदम से अपनी बाहों में भर लिया : सॉरी जान , बस घर के ही काम देख रहा था
संजीव ने जैसे ही वसु को अपने करीब किया , वसु को एकदम से राज का ख्याल आया और उसने उसकी ओर देखा जो कम्बल के मुंह डाले था । उसकी बेचैनी बढ़ने लगी : ऊहू छोड़ो न क्या करते हो
संजीव उसने नरम चर्बीदार चूतड़ों को सहलाते हुए उसके खुले गर्दन और सीने को चूमने लगा : अपनी जान को प्यार और क्या

वसु उसको अपने से दूर करने की कोशिश कर रही थी लेकिन नाकाम थी : उम्मम छोड़ो न , पागल हो राज कमरे में ही सोया है
संजीव ने उसको झटके से घुमाया और पीछे से पकड़ कर उसके रसीले मम्में हाथों के भरने लगा : जो सो गया है उसकी क्या फिक्र मेरी जान , मुझे तो तुम्हारी रस भरी कटोरी चाटनी है
वसु के बदन में आज एक अलग ही तरह का उमंग मचलने लगा था ,उसके जिस्म में अजीब सी कंपकंपी हो रही थी , पूरे बदन पर उसके पति का कब्जा था और मन में बस राज , कि कही वो कम्बल से निकल कर झांके नहीं
इधर संजीव ने पीछे से उसकी नंगी पीठ पर जीभ चलाने लगा , नीचे उसका लंड पेंट में अकड़ा हुए वसु के चूतड़ों में चुभने लगा , संजीव के दोनों हाथ वसु के चूचों को पकड़े हुए थे : सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज मान जाओ न , अह्ह्ह्ह्ह
संजीव : सुबह से तड़पा रही हो अह्ह्ह्ह और पार्टी के अपने इन चूतड़ों को मटका मटका कर मुझे पागल कर दिया तुमने ( सजीव ने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए कहा )
वसु एकदम से मदहोश होने लगी थी और धीरे धीरे उसके मन से राज के कमरे में होने का ख्याल धुंधलाता जा रहा था , लेकिन वही इतनी देर में राज ने वसु के मोबाइल से कुछ ऐसा करने में व्यस्त था जिसकी भनक फिलहाल वसु को नहीं हो रही थी । जैसे ही राज का काम पूरा हुआ उसने कम्बल से मुंह निकाला और उसके कानो के मादक सिसकियां उठने लगी और जैसे ही उसने दरवाजे के पास देखा उसकी आंखे बड़ी हो गई लंड पेंट में अकड़ने लगा
सामने संजीव ने वसु को दरवाजे से लगा कर घुमा कर खड़ा किया था और खुद नीचे बैठ कर उनकी नाइटी उठाए गाड़ चाट रहे थे


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वसु दोनों हाथों से दरवाजे का सहारा लेकर अपनी एड़ियां उठाए दरवाजे से चिपकी थी , उसके पैर थरथरा रहे और बुर बजबजा रही थी , जिसके फांकों को मुंह में लेकर संजीव चुबला रहा था : उम्मम मेरी जान कितनी मुलायम और चिकनी चूत है तेरी अह्ह्ह्ह कितनी रसीली है अह्ह्ह्ह उम्मम
वसु : आपको पसंद है न मेरे राजा ओह्ह्ह्ह आपके लिए ही की है अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम खा जाओ उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
संजीव ने एकदम से उसे घुमाया और सामने से उसकी बुर पर मुंह लगा दिया , जैसे ही वसु घूमी पल भर के लिए उसने राज की ओर देखा और पाया कि वो कम्बल के ही है , अगले ही पल फिर उसकी फ़ाको रस से भर आई और संजीव उसके फांकों को मुंह लेकर चूसने लगा और


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वसु के सर को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा कर सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्मम यश जान उम्मम अह्ह्ह्ह्ह और चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
वसु पूरी तरह से कांपने लगी और भलभला कर झड़ने लगी , गर्म गर्म लावा उसकी बुर से बहने लगा और उसने संजीव का सर अपने बुर के आखिर तक फड़कने तक चिपकाए रखा और फिर हल्की होकर हांफने लगी , नीचे उसके पैर में बैठा संजीव उसकी चिकनी जांघें सहला रहा और चूम रहा था । पल भर के लिए सही लेकिन वसु की चेतना लौट आई थी और वो इससे पहले कि संजीव और आगे बढ़े झट से बिस्तर की ओर भागी : कर लिए है मन की , अब सो जाओ चुपचाप
संजीव एकदम से हैरान हो गया कि ये क्या उसके साथ खड़े लंड पर धोखा : ये ये तो चिटिंग है
वसु कम्बल के जाती हु : चुप रहो यार राज यही सोया है
संजीव एकदम से रुक गया और भिनकते हुए अपने कपड़े निकालने लगा और वही राज वसु का मोबाइल किनारे रख चुका था और सोने का नाटक का रहा था ।
इधर संजीव अपने कपड़े निकाल कर सिर्फ बनियान और अंडरवियर में दूसरी तरफ से वसु के बगल में सो गया
वसु मुस्कुरा लगी कि आज उसने कुछ डेयरिंग बाजी की और राज को भनक तक नहीं हुई । कमरे की बत्ती बंद हुई और राज ने अपना मुंह कम्बल से बाहर निकाला हांफते हुए , अभी भी उसका लंड अकड़ा हुआ था अंडरवियर में , वसु की बुर चुसाई देखते हुए ही उसने अपना पेंट घुटनों तक कर लिया था और उसका हाथ अभी भी अपने लंड को सहला रहा था कि तभी उसे एक हल्की फुसफुसाहट आई जो वसु की थी : क्या करते हो , नहीं , बोल न कल करेंगे
तभी संजीव ने हल्के से वसु के कान में बोला: बस डाल लेने दो , वो शांत हो जाएगा , पक्का कुछ नहीं करूंगा
वसु भुनभुनाकर संजीव की ओर पीठ कर दी और संजीव ने हौले से अपना लंड बाहर निकाला और वसु की पैंटी खींच कर उसके चूतड़ों पर चढ़ाने लगा : ये भी ढीली कर दोगे क्या ?
संजीव अपना टोपा उसके रस भरे बुर के फांके पर लगाता हुआ : दूसरी दिला दूंगा मेरी जान अह्ह्ह्ह
वसु संजीव के गर्म लंड के स्पर्श से कसमसाने लगी : तुम कुछ दिलाओगे? मुझे ही लेना पड़ेगा फिर से , पता है कितनी मुश्किल होती है ऑनलाइन ब्रा पैंटी मंगवाना अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम आराम से जान उम्मम
संजीव : बस हो गया एक दो धक्का दूंगा संभाल लेना
वसु अपने मुंह पर हाथ रखे हुए अपनी सांसे और सिसकिया रोकने का प्रयास करती हुई : हम्ममम
और अगले ही पल संजीव ने नीचे से झटके देने लगा , वसु अपना मुंह पर हाथ रखे हुए सिसकियां पीने लगी
बिस्तर के दूसरी तरफ हलचल मच गई थी , राज को साफ साफ पता चल रहा था कि ठाकुराइन की पेलाई शुरू है , उसका भी लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था , उसमें भी करवट लेकर अपना लंड निकाल दिया और खुली हवा में हिलाने लगा , गजब का सुख मिल था उसे


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इधर संजीव ने अंधेरे में वसु के चूचे नंगे कर दिए और उन्हें मसलने लगा, नीचे से उसका लंड तेजी से वसु की रस छोड़ती बुर में जा रहा
वसु का ध्यान पूरी तरह से राज पर था उसे पता था राज जैसा शरारती और चालाक लड़का इतनी जल्दी सोने वाला नहीं , लेकिन वो बेबस थी
अपने पति के बाहों में कसमसाती हुई उसके ताबड़तोड़ झटके ले रही और कुछ ही देर में संजीव उसकी बुर में झटके खाने लगा और आखिरी बूंद तक वसु के बुर में भर दिया । दोनों हाफ रहे और समय देखकर राज ने भी अपना लंड अंडरवियर के डालना सही समझा ।
क्योंकि अगले ही पल वसु उठ कर बाथरूम चली गई और कुछ देर बाद वापस आई तो देखा संजीव सो रहा था ।
धीरे से वो वापस दोनों के बीच में आई और बिस्तर में घुस गई , अभी भी उसका दिल जोरो से धड़क रहा था और उसने हल्का सा राज की ओर मुंह करके पूछा : सो गए क्या राज ?

राज ने शरारत भरे जवाब में कहा : आप लोग सोने दो तब न
वसु मुस्कुरा उठी उसकी हसी निकल पड़ी : धत्त बदमाश, चलो सो जाओ
राज हंसता हुआ : ओके गुड नाइट आंटी
वसु : गुड नाइट हीही,

मदन ममता

रात जैसे जैसे गहरा रही थी , अमन के घर में वासना ने अपने पाव पसारने लगी थी । बेचैन मदन ममता के कमरे में चक्कर लगा रहा था बाथरूम के पास
अभी अभी ममता उसको कमरे में इंतजार करने का बोल कर बाथरूम में गई थी । मदन अपना लंड भींच रहा और उसे थोड़ा डर भी था क्योंकि ममता जैसी चतुर औरत कही उसका पोपट न कर दे ।

मदन तपड़ कर अपना लंड जांघिया में मसलते हुए : भाभी आओ न और कितनी देर
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और ममता इतराती हुई अपने एक हाथ से दरवाजे पर टेक लेकर दूसरे हाथ को अपने बदन पर लहराती हुई : कमिंग बेबी

मदन ने जैसे ही की ममता को बाहर आते देखा उसका मुरझाता उम्मीद छोड़ता लंड एक बार फिर से फड़क उठा , सामने ममता उसी ब्रा पैंटी सेट में खड़ी थी जिसे मदन ने उसके बाथरूम के लटकी हुई देखा था । जब वो ममता को टॉवल देने गया ।
बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे उस पारदर्शी ब्रा में ,जिसमें में ममता के मोटे दाने वाले दोनों निप्पल पूरी तरह बिजीबल थे । गदराया बदन चर्बीदार पेट और हल्के झूलते पेडू के नीचे मैचिंग पैंटी जो उसकी फूली हुई चूत को ढकने में पूरी तरह से नाकाम
चौड़े कूल्हे बाहर की ओर निकले हुए और पीछे से पैंटी पूरी उसके मोटे चूतड़ों के बीच दरारों में घुसी हुई थी

मदन उसको देखता हुआ आगे बढ़ा : क्या ये वही है
ममता ने मुस्कुरा कर हा में सर हिलाया तो एकदम से मदन ने उसकी कमर में हाथ डालते हुए अपनी ओर खींच लिया : उफ्फ कितनी सेक्सी लग रही हो भाभी उम्मम


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मदन ने उसके लिप्स चूसने लगा और ममता एकदम से चौकी लेकिन फिर मदन की बाहों के खुद को ढीला छोड़ दिया , दोनो एक दूसरे के होठ चूसने लगे और मदन के हाथ ममता के चौड़े चूतड़ों पर रेंगने लगे
कभी वो उन्हें अपने पंजों से फाड़ता तो कभी उनपर हाथ फेरकर नीचे से उन्हें ऊपर खींचता और कभी कभी दोनों पंजे से जोरदार थप्पड़ एक साथ ममता ने गोरे मोटे चूतड़ों पर जड़ता जिससे ममता झन्ना जाती : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम देवर जी मार क्यों रहे हो अह्ह्ह्ह्ह
मदन : भाभी तुम्हारी गाड़ , क्या मस्त चीज है उफ्फ
ममता मुस्कुरा कर मदन की आंखों में देखते हुए : और भी बहुत सी मस्त चीजें है मेरे पास



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मदन समझ गया और झटके से उसे घुमाते हुए ब्रा के ऊपर से उसके रसीले मम्में हाथों में भर लिए और मसलने लगा : उफ्फ भाभी सच कहा , ये भी कितनी रसीली है उम्मम कितनी बड़ी है आपकी छाती उम्मम
ममता मदन की बाहों में कसमसाती हुई अपने गाड़ को उसके लंड पर धकेलती हुई सिसक कर : उम्ममम सम्भाल तो लोगे न देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मदन अपना लंड जांघिये के नीचे से ममता के गाड़ के दरारों में पेलता हुआ उसके दोनों छातियों को हाथ में भर कर मसलता हुआ : कोई शक है क्या
ममता : उम्ममम वो तो आपका खूंटा देख कर पाता चलेगा कि कितना देर तक बांध पाओगे मुझे उम्मम
एकदम से ममता घूम गई और मदन को अपने आगे कर लिया और उसके जांघिया को खोल कर लंड बाहर निकालने लगी
एकदम से ममता की आंखे चमक उठी , सामने आठ का मोटा लंबा तना हुआ लन्ड हवा में झूल रहा था , घंटों से मदन ने मिज मिज कर उसको लाल कर दिया
ममता समझ गई कि इस घर के मर्दों को मर्दानगी आशिर्वाद में मिली है सब एक से बढ़ कर एक है
ममता ने आगे बढ़ कर तुरंत मदन का लंड हाथ में ले लिया और मदन सिहर उठा : उफ्फ भाभी कितने मुलायम हाथ है आपके उम्ममम
ममता मुस्कुराई और उसके आड़ को टटोल कर उसके सुपाड़े की टिप पर किस करते हुए ऊपर देखा , मदन के बदन में कंपकपी सी मची थी वो आगामी रोमांचक सफर की राह देख रहा और जैसे ही उसने ममता को अपने सुपाड़े को मुंह में भरते देखा , जैसे ही ममता के नरम होठ उसके संवेदनशील सूखे सुपाड़े को खरोचने लगे वो आंखे बंद कर हवा में उड़ने लगा और तभी मुंह में एक जादू हुआ ममता ने उसके सुपाड़े को मुंह में थोड़ा देर होल्ड रखे हुए मुंह लार बटोरने लगी और फिर उसे अंदर जीभ से सुपाड़े पर लगाने लगी , इस अहसास से मदन अकड़ गया और उसकी एड़ी तन गई, गाड़ पिचक कर अंदर हो गए और पीठ पूरी टाइट हाथों से उसने ममता का सर पकड़ लिया।


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ममता ने उसको रिलीफ देते हुए लंड बाहर निकाला और लंड को चूमने लगी और वापस से मुंह में भरने लगी : ओह्ह्ह भाभी क्या मस्त चीज हो तुम, इतनी परफेक्ट चुस्ती हो ओह्ह्ह गॉड उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह भाभी हा और लो

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ममता चूसते हुए गले तक लंड ले जाती और बाहर निकाल देती , मदन के बेचैनी अब उसके हाथों के उतरने लगी उसके हाथ आगे बढ़ कर ममता के मम्मो को ब्रा में घुस कर उन्हें मसलने लगे और वो उन्हें बाहर निकाल कर मिजने लगा

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: उफ्फ भाभी भैया तो रोज इनमें झड़ते होंगे न , रोज इनमें पेलते होंगे न
ममता मुस्कुराई और अपने देवर के दिल के अरमानों को पूरा करते हुए उसका लंड पकड़ कर अपने दोनों छातियों में रखते हुए : आप भी देख लो देवर जी , लेकिन झड़ना मत हीही

मदन ने जैसे ही अपना लंड ममता की गर्म छातियों के महसूस किया एकदम से उसका जोश दुगना हो गया और वो अपना गिला लंड ममता ने रसदार मोटे मम्मे में घिसने लगा : ओह्ह्ह भाभी ये तो मेरी उम्मीद से भी ज्यादा नरम जगह है अह्ह्ह्ह सीईईईईई



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ममता की हालत भी कम खराब नहीं थी जैसे जैसे मदन अपना लंड उसकी चूचियों में पेलता उसके दोनों निप्पल और फड़कने लगते : अभी असल नर्माहट तक आप पहुंचे कहा देवर जी ओह्ह्ह्ह हा ऐसे ही रगड़ो मेरी छातियों को ओह्ह्ह्ह तुम्हारे लंड की गर्मी मुझे पागल कर रही है
मदन पूरे जोश में पेलने लगा : ओह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह कितनी मस्त औरत हो तुम , काश तुम मेरी बीवी होती तो रोज तुम्हारे चूचों को अपने लंड से नहलाता
ममता उसे छेड़ते हुए : बस इन्हें ही और कही नहीं
मदन : सच कहूं तो भाभी मुझे तुम्हारी बड़ी मोटी गाड़ बहुत पसंद है और मैं भैया कि जगह होता तो तुम्हारी मोटी गाड़ को फैला कर सूंघता और चाटता
ममता मुस्कुराई और उठकर बिस्तर पर घोड़ी बनती हुई पूरी पेट के बल हो गई : आजो देवर जी, आज की रात मै आपकी हूं , जैसे चाहो मुझे प्यार करो
मदन उसके चूतड़ों को सहलाता हुआ आगे बढ़ा और झुक कर सीधा अपने नथुनों को उसके बड़े चौड़े चूतड़ों के दरारों ले गया जो झुकने की वजह से खुल गई थी ,


वहा ममता के गाड़ सूंघते हुए उसका सुपाड़ा मुंह खोलने लगा

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उसने पैंटी के ऊपर से ममता के बहती चूत के निचले हिस्से पर जीभ फिराई और ममता के गाड़ के सुराख से आती गंध को नथुनों में भरने लगा
और उससे यही रुका न गया तो उसने ममता की पैंटी वही साइड कर जीभ से उसे गाड़ के लाल सुराख को कुरेदने लगा , एकदम से मदन की जीभ को अपने गाड़ के सुराख को छेड़ता पाकर ममता सिसक उठी और बिस्तर पकड़ने लगी , इधर मदन उसके चूतड़ों को पंजों से फाड़े हुए अपनी थूक से उसके गाड़ को गिला किए जा रहा था
ममता : ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई खा जाओ उम्मम क्या मस्त चाट रहे हो ओह्ह्ह मै तो पागल हो जाऊंगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
ममता की सिसकिया सुनते ही मदन अपनी जीभ से उसके गाड़ के छेद में घुसने लगा और मदन एकदम से तड़प उठी उसके अपनी गाड़ की सुराख को कस लिया : ओह्ह्ह देवर जी अंदर घुसाओगे तो झड़ जाऊंगी मैं अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह, मेरी बुर बह रही है उसका भी ख्याल करो न मेरे राजा अह्ह्ह्ह्ह


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मदन समझ गया कि ममता को अब लंड चाहिए और उसने ममता की पैंटी खींच कर उसके निकालने लगा और फिर ममता पीठ के बल हो गई , मदन की नजर उसकी बहती हुई बुर पर गई और बिना एक पल गवाए वो उनपर टूट पड़ा


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: ओह ये हुई न बात मेरे राजा अह्ह्ह्ह खा जाओ उम्मम अह्ह्ह्ह्ह कबसे गीली हो कर मुझे तंग कर रही थी ओह्ह्ह्ह उम्ममम उम्मम जीभ डालो न अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई अह्ह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह
मदन अब समझ गया कि यही सही समय है आर उसने अपनी पोजीशन बनाते हुए ममता के पैर हवा में उठाए और लंड को उसकी बुर में लगाते हुए हचक से उतार दिया । उसका मोटा लंबा तना हुआ लन्ड ममता की चिपकी हुई बुर को चीरता हुआ अंदर जाने लगा और मदन ने शुरू से ही अपनी स्पीड पकड़ ली




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ममता अपनी बुर को भरा हुआ महसूस कर रही थी , मदन का लंड उसके चूत में रगड़ रहा था और वो सिसकियां लेने लगी , मस्ती में हाथ पीछे कर मस्त हुई जा रही थी : ओह्ह्ह्ह देवर जी बस ऐसे ही रुकना मत

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मदन : अह्ह्ह्ह भाभी इतनी चर्बीदार चूत मिले तो रुकना क्यों , अह्ह्ह्ह तुम्हारी बुर कितनी गहरी है भाभी ओह्ह्ह्ह
मदन पूरा हमच कर ममत की बुर की गहराई के लंड उतार रहा था
ममता : आपका लंड भी कम नहीं है अंदर तक जाने में उफ्फ आप तो मेरी बुर और गहरी कर दोगे अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह फिर आपके भैया
मदन : क्यों भैया अंदर तक नहीं पहुंचे पाते
ममता ने ना में सर हिलाया मुस्कुरा कर : उम्हू पेट ज्यादा निकला है न उनका
मदन थोड़ा घबराया : फिर आप कैसे रहते हो
ममत मुस्कुराई और थोड़ा उठ कर बोली : बताऊं कैसे

मदन पीछे हो गया और ममता ने उसे बिस्तर पर लिटाते हुए उसके ऊपर आ गई और लंड को अपनी बुर में भरते हुए बैठ गई : ओह्ह्ह्ह भाभीईइाई उम्मम ये तो बहुत ही मस्त अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म


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ममता : फिर मुझे ऐसे ऊपर आकर लेना पड़ता है अपना हक , फिर मै उन्हें ऐसे निचोड़ लेती हु
ममता अपनी गाड़ फेंकते हुए उसका लंड बुर में सुरकने लगी : ओह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह क्या मस्त ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई, ओह लग रहा है ये आपका फेवरेट पोजीशन है तभी तो आप इतने अच्छे से ओह्ह्ह्ह


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अपनी तारीफ सुन कर ममता और जोश में आ गई और उसने आगे झुक कर अपने चूचे मदन के मुंह पर झुलाने लगी : आपके भैया भी ऐसे पागल हो जाते है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म काटते क्यों हो उम्मम निशान पड़ जायेंगे अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मदन उसकी चुचीया मुंह में भर कर पीने लगा


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ममता उसको अलग कर उसके ऊपर हो गई और तेजी से अपनी गाड़ फेंकते हुए मदन के सुपाड़े पर पूरा जोर देने लगी
मदन की हालत खराब होने लगी ,उसे समझ आ गया कि अब समय आ गया और उसने कमान अपने हाथों में लेते हुए खुद भी नीचे से अपनी कमर उछालने लगा
ममता की बुर अब बजबजा उठी और मदन उसको अपने ऊपर खींच कर उसको एकदम से कस लिया और तेजी से नीचे अपनी गाड़ उठा कर उसकी रसाई बुर के पेलने लगा
ममता इस अहसास के लिए बरसो तरसी थी कि कब उसका पति उसको अपने ऊपर लेकर नीचे से ऐसे लंबे तेज झटके देकर अपने मोटे लंड को उसकी लंबी गहरी चूत में घुसाएगा , बार बार मदन का लंड नीचे से उसके बच्चेदानी के मुंह को चोट कर रहा था और ममता ने एकदम से अकड़ने लगी और उसकी जांघें कसने लगी उसने मदन का लंड एकदम से अपनी बुर के छल्ले के कस लिया और चीखती हुई झड़ने लगी : अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह रुकना मत उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
मदन को अपने लंड पर एक नया अहसास होने लगा , ममता ने इस कदर अपनी बुर में उसका लंड पकड़ रखा था कि बुर में उसकी रस रुकने लगी और गर्म गर्म लावा मदन के सुपाड़े को जलाने लगा , मदन इस अहसास से पागल हो उठा और पूरी ताकत से वो नीचे से झटके देते हुए चिंघाड़ने लगा: ओह्ह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह बस ऐसे ही टाइट रखो अह्ह्ह्ह आयेगा मेरा अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी मस्त चूत है तुम्हारी भाभी

ममता उसको और जोश दिलाने लगी : हम्ममम पेलो और चोदो मुझे अह्ह्ह्ह भर दो मेरी बुर , और गहरी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह
मदन : ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम भाभीइई अह्ह्ह्ह आ रहा है अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह


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मदन एक के बाद एक तेज पिचकारी ममता के बुर के देता रहा और फिर ममता ने अपनी बुर ढीली कर दी और मदन के साथ साथ उसकी बुर का पानी भी बाहर निकलने लगा और मदन अंत तक जबतक कि उसके लंड की नशे पंप होती रही वो अपने झटके जारी रखे रहा ।
फिर दोनों सुस्त होकर एक दूसरे से लिपट गए हांफते हुए मुस्कुराते हुए।

जारी रहेगी
Behtarin update DREAMBOY40
 

Raj Kumar Kannada

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कहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई
पढ़ कर रेवो जरूर करें
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Raj Kumar Kannada

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💥अध्याय : 02 💥
UPDATE 16 B (Mega)


रंगी - बनवारी


"कहा चले गए थे जमाई बाबू " , कम्बल ओढ़ कर अधनंगा बैठे बनवारी ने कमरे में दाखिल होते हुए अपने दामाद रंगी से सवाल किया ।

रंगी : अरे बाउजी आज मेरे एक बड़े ही खास मित्र की पत्नी का जन्मदिन था और मुझे याद नहीं रहा बस उसी के लिए अपने दोस्त से माफी मांग रहा था , शुक्र है कि पता नहीं कैसे लेकिन राज उनके यहां पहुंच गया है प्रोग्राम के हाहाहा नहीं तो मेरी खैर नहीं थी

बनवारी : अच्छा अच्छा आओ आओ
रंगी चल कर बनवारी के कम्बल के घुसता हुआ : मै तो आ गया हूं बाउजी लेकिन वो कमला ?
बनवारी मुस्कुरा कर : आई है, बगल वाले तुम्हारे कमरे के तैयार हो रही है

रंगी अचरज से : तैयार हो रही है मतलब
बनवारी मुस्कुरा कर : अरे थोड़ा सबर तो करो , लो आ गई
और तभी गेस्ट रूम का दरवाजा खुला और कमला एक शॉर्ट बिजीबल नाइटी को अपने चूतड़ों की ओर खींचती हुई कमरे में दाखिल हुई

रंगी लाल की आंखे बड़ी हो गई जब उसने कमला का ये रूप देखा , उफ्फ अब तक उसने गांव में किसी को ऐसे देखने की उम्मीद नहीं की थी।उसके लिए गांव की देसी दुधारू औरतों की एक ही तरह की छवि थी सूती ब्लाउज में ठूंसे हुए रसीले चूचे और बदन पर बेढ़ंगे से लपेटी हुई साड़ी, जिनमें उनका अंग और भी खिलता निखरता है लेकिन कमला और ये रूप देख कर रंगी चौक गया

कमला मुस्कुरा कर थोड़ी बहुत फिल्मों की हीरोइन के जैसे अदाएं दिखाते हुए चलने की कोशिश कर रही थी : अरे सेठ आप भी
कमला मुस्कुरा कर रंगी को देखी और रंगी थोड़ा लजाया तो बनवारी ने उसकी पीठ पर हाथ रख कर इंजॉय करने को कहा

वही कमला ने एकदम से अपना बदन ऐंठने लगी और रंगी की आंखे बड़ी होने लगी : ये सब क्या बाउजी ये तो
बनवारी : जमाई बाबू इसे कहते है देसी माल और विदेशी शौक हाहाहाहाहा उफ्फ देखो तो साली कैसे अपने दूध खुद मसल रही है ।


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रंगी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा जब उसने सामने कमला को अपने रस भरे मोटे चूचों को हाथ से पकड़ कर आपस में दबाते हुए दिखा रही थी

तभी रंगी की नजर एकदम से बनवारी पर गई जिसने अभी अभी कम्बल अपने ऊपर से उठा दिया और वो कम्बल के पूरा नंगा होकर बैठा था, वो अपना लंड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगा : उफ्फ साली के गाड़ तो देखो जमाई बाबू , जी कर रहा है चाट लू उम्ममम


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रंगी मुस्कुरा कर : बाउजी आप तो पूरी तैयारी से बैठे है
बनवारी हंसता हुआ : तैयार तो तुम भी जमाई बाबू , अब ये लाज शर्म छोड़ो और आजाओ
इतना बोल कर बनवारी बिस्तर से उठ कर कमला के पास चला गया और उसको अपनी बाहों में भरने लगा , उसके होठ चूसने लगा , उसके चूतड़ों को सहलाते हुए अपने करीब खींचने लगा : आजाओ जमाई बाबू
रंगी मुस्कुराया और अपने कपड़े निकलने लगा
फिर पजामे में वो कमला के दूसरी ओर खड़ा होकर अपना लंड मसलने लगा तभी एकदम से बनवारी ने उसका हाथ पकड़ कर सीधा कमला के चूतड़ों पर रख दिया : जरा इन्हें छू कर देखो कितने मुलायम है
रंगी ने जैसे अपने ससुर के आगे कमला के नंगे चूतड़ों को पकड़ा उसका लंड पजामे में झटके देने लगा और वो कमला ने चूतड़ नोचने लगा : उम्मम सच में बाउजी क्या नरम चर्बीदार चूतड़ है इसके अह्ह्ह्ह सीईईईईई
इधर कमला ने बनवारी का लंड हाथों के थाम लिया और मुंह में भरने को हुई : क्या बात है सेठ आज तुम्हारा हथियार बड़ा लग रहा है
बनवारी ने जैसे कमला के मुंह अपना लंड महसूस किया उसके टांगों की नशे फड़कने लगी उसने झट से आगे हाथ बढ़ा कर उसके मोटे मोटे चूचे मसलने लगा और वही रंगी भी अपना लंड बाहर निकाल कर उसके दूध मसलता रहा ।
बनवारी : जरा उधर भी देखो मेरी रानी अह्ह्ह्ह
कमला ने उसका लंड हाथ में हिलाते हुए रंगी का लंड पकड़ लिया : उफ्फ कबसे रगड़ रहे थे जमाई बाबू कितना लाल कर रखा है


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फिर एकदम से कमला ने उसका लंड मुंह में भर लिया रंगी उसके चूचे सहलाते हुए : अह्ह्ह्ह्ह जबसे तुम्हे देखा है ये सोया ही नहीं अह्ह्ह्ह्ह और उम्ममम बाउजी सच में बड़ी ही रसीली है ये अह्ह्ह्ह्ह

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कमला बारी बारी से दोनों का लंड चूस रही थी और दोनों अपने हाथों से उसके दोनों रसीले मम्में को भर भर कर मसल रहे थे , उनके हाथ अब उसकी नाइटी में घुस कर उसके निप्पल को खींचने लगे और रंगी कमला के गुदाज चर्बीदार चूचों को हाथ में भर कर सहलाने लगा
दोनों ने उसके रसीले मम्में को बाहर निकाल कर मसलने लगे और कमला उनके लंड को अपने लार से गिला किए जा रही थी ,


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उसके नए नए तरीके रंगी को और भी जोश से भर दे रहे है और एकदम से उसके दोनों लंड को पकड़ कर एक साथ चुबलाया, बनवारी और रंगी ने एक साथ एक दूसरे का गर्म तपता सुपाड़ा आपस में घिसता महसूस किया और दोनों सिहर उठे

बनवारी ने उसे झटके से उठा लिया यार उसकी चूचियां पीने लगा, रंगी ने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए झुक कर उसके रसीले मम्में को मुंह में भर लिया
कमला आज इस दोहरे मजे से मस्त हुई जा रही थी , दोनो लंड उसके हाथों के सरक रहे थे और उनका कड़कपन देख कर वो आने वाले रोमांच का सोच कर सिहर उठी ,


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चार चार हाथ उसके बदन को टटोल रहे थे , बनवारी ने पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को सहलाने लगा तो रंगी उसके गाड़ को पंजे में भर कर मसल रहा था , उसकी जीभ तेजी से कमला के निप्पल को फ्लिक कर रही थी जिससे कमला मचल रही थी ।

रंगी भी जोश में आकर दोनों हाथों से कमला का चेहरा पकड़ कर उसके होठ चूसने लगा और उसको अपनी ओर खींच कर खुद सोफे पर बैठ गया
कमला समझ गई कि रंगी को उसके होठों का रस भा गया और वो आगे झुक कर रंगी का लंड मुंह में ले ली
रंगी : ओह्ह्ह्ह उम्ममम क्या मस्त चुस्ती हो कमला आह्ह्ह्ह तेरी जीभ मेरे सुपाड़े को अह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम
इधर बनवारी भी मौका देखकर नीचे बैठ गया और कमला के गाड़ को सूंघने लगा, उसके गठीले पंजे कमला के चर्बीदार चूतड़ों के दरारों को फैला रहे थे और बनवारी अंदर जीभ डालने लगा ,

कमला उस अहसास से बिलबिला उठी उसकी आंखे उलटने लगी , उसने कस कर रंगी का लंड पकड़ किया : ओह्ह्ह्ह उम्ममम सेठ जी अह्ह्ह्ह खा जाओ क्या मेरी गाड़ उम्मम
बनवारी उसके चूतड़ों से पेंटी नीचे करता हुआ : इसे तो मै चाट चाट कर पूरी लाल कर दूंगा
और वापस से अपना मुंह उसके मोटे चूतड़ों के दे दिया ।
रंगी कमला का सर पकड़ कर नीचे से अपने कूल्हे उठाने लगा और कमला के मुंह में पेलने लगा कि तभी कमला चीखी और रंगी ने सामने देखा तो बनवारी ने अपना लंड उसकी बुर में उतार दिया था : अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सेठ जी आज आपका लंड बड़ा क्यों लग रहा है अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
बनवारी उसके कूल्हे पकड़ कर तेजी से लंड डालता है : इस बात के लिए तो मै जमाई बाबू को शुक्रिया कहूंगा , उनके होने से आज नई ताकत मिल रही है अह्ह्ह्ह तेजी भी बुर आज कुछ ज्यादा ही बह रही है कमला अह्ह्ह्ह


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रंगी : सच कहा बाउजी , आज तक मुझे ऐसा रोमांचक कभी नहीं महसूस हुआ अह्ह्ह्ह्ह रागिनी होती तो खुश हो जाती आज मेरा लंड पकड़ कर

बनवारी ने मुस्कुरा कर रंगी को देखा और समझ गया कि उसका जमाई अभी भी अपनी बीवी के बारे में ही सोच रहा है : क्या जमाई बाबू ,इस पल में भी छोटी को याद कर रहे l
रंगी : क्या बताऊं बाउजी , आज से पहले सिर्फ उसी के साथ मै अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्मम और ओह्ह्ह्ह

बनवारी : जरा एक बार मेरे कहने से इसे भी अपने लंड पर बिठा लो जमाई बाबू
इतना बोल कर बनवारी ने कमला को छोड़ा और वो खड़ी होकर खुद से ही रंगी लाल के ऊपर चढ़ने लगी और दोनों तरफ पैर फेक कर उसका लंड अपनी बुर में ले लिया : अह्ह्ह्ह
कमला के नरम चर्बीदार बदन का स्पर्श और लंड को उसकी बजबजाई बुर में घुसता महसूस कर रंगी पूरे जोश में आ गया : उम्ममम क्या मस्त बुर है तेरी अह्ह्ह्ह उम्मम
वो उसके दूध पकड़ कर मुंह के भरते हुए खुद भी नीचे से झटके देने लगा था,जिसे देख कर बनवारी खुश हुआ : वाह जमाई बाबू ये हुई न बात और मसलिये
बनवारी खड़ा होकर अपना लंड मसलने लगा और रंगी कमला को अपनी बाहों के भर कर उसकी चुची मुंह के भरते हुए अपने पंजों से उसके बड़े चौड़े चूतड़ों को मसलते हुए उन्हें फैलाने लगा और नीचे से तेजी से अपनी कमर चलाने लगा
कमला रंगी के जोश से मचल उठी थी उसकी बुर में तेजी से रस छोड़ रही थी : ओह्ह्ह्ह जमाई बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही तुम्हारा हथियार तो बड़ा गर्म है लग रहा है असल के खूंटे पर बैठी हूं उफ्फ कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह चोदो मुझे अह्ह्ह्ह्ह जमाई बाबू


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रंगी कमला के मुंह से बार बार जमाई बाबू सुनकर और जोश में आ जाता है उसे ऐसा महसूस होता है कि वो रज्जो को अपने ससुर के सामने पेल रहा है
रंगी उसको अपनी बाहों में कसते हुए उसके नरम चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर अपने लंड पर खींचने लगा : लो मेरी जान अह्ह्ह्ह और लो उफ्फ तूने तो मेरी सारी अकड़न निकाल दी उम्मम आज तुझे ऐसा सुख दूंगा जो तुम कभी नहीं लिया होगा और रंगी उसको कस कर पकड़े हुए लेकर खड़ा होगा
रंगी के लंड पर सवार कमला और सोफे पर बैठा हुआ बनवारी दोनों एकदम से चौक गए जब रंगी ने उसे अपने लंड पर बिठाए हुए लेकर खड़ा हो गया
बनवारी को समझ आ गया अधेड़ उम्र की बढ़ता ही सही लेकिन उसके छोटे दामाद के लंड में दम तो भरपूर है और उसने देखा रंगी कमला को चूतड़ों से पकड़ हवा में उठाता और लंड पर छोड़ देता ,


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गच्च से कमला की बुर वापस लौट कर रंगी के लंड को भर लेती
ये क्रम चलता रहा रंगी उसको हवा में उठा कर उसको पेलने लगा कमला उसको कंधे से पकड़ ली और सिसकने लगी : ओह्ह्ह्ह उम्ममम जमाई बाबू ओह्ह्ह्ह उम्ममम रुकिए दर्द हो रहा अह्ह्ह्ह गिर जाऊंगी मै
रंगी की हालात कम खराब नहीं थी लेकिन उसे अपने ससुर को अपना जोश दिखाना था और उसने कमला को बिस्तर पर पटक कर आगे से वापस बीमा रुके तेजी से पेलने लगा : क्यों मजा आया मेरी जान उम्मम
कमला मुस्कुरा रही और रंगी के लंड से उसकी बुर छिल गई थी और वो सिसकियां ले रही थी , सच में आज उसने एक अनोखा अनुभव किया था और वो तेजी से झड़ रही थी


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रंगी के लंड को उसने कस लिया था: अह्ह्ह्ह बड़ी चालाक हो रानी उम्मम तुम्हे भी निचोड़ने की कला आती है अह्ह्ह्ह लेकिन इतना आसान नहीं है
रंगी उसके ऊपर आकर तेजी से अपनी कमर चलाने लगा और हच्च हच्च पेलने लगा उसके निप्पल मुंह में भर कर चोदने लगा
और आखिर वो भी अपना लंड निकाल आकर उसके बुर और पेडू के पास झड़ गया और सुस्त होकर बिस्तर पर लुढ़क गया ।

वही किनारे सोफे पर बैठा हुआ बनवारी अपने छोटे जमाई के जोश को देख कर हैरान था और उसका लंड अभी भी एकदम अकड़ा हुआ था तैयार
कुछ देर बाद रंगी की नजर पड़ी तो वो मुस्कुराता हुआ उठ कर बनवारी के पास आया : माफ कीजियेगा बाउजी , वो मै कुछ ज्यादा ही जोश मे.... हाहाहाहाहा

बनवारी उसकी ओर देखते हुए: कमाल कर दिया जमाई बाबू और वो आपने उसको हवा में जो उठाया वो मतलब, कमला इतनी भी हल्की नहीं है
रंगी मुस्कुराने लगा और थोड़ा सा लजा भी रहा था जिस तरह से बनवारी उसकी तारीफ कर रहा था : अरे बाउजी वो सब हो जाता है , जब 2 रोज से चूत न मिले और फिर ये जब मुझे जमाई बाबू कह कर बुला रही थी तो...
बनवारी का लंड फड़का और उसके जहन में एक ख्याल सा उभरा : तो ?
रंगी : मुझे लगा खुद रज्जो दीदी मेरी गोद में उछल रही है तो मै ... हाहाहा ( रंगी ने बनवारी की ओर देखा जो अवाक होकर उसे देख रहा था ) ...सॉरी बाबूजी बस उस समय जो मेरे दिल में आया वही बता रहा हूं वरना आप तो मेरा नेचर जानते है

बनवारी मुस्कुरा कर : पहले तो नहीं लेकिन अब समझ गया हूं बड़े छिपा रुस्तम हो जमाई बाबू हाहाहाहाहा

रंगी हसने लगा और तभी उसने देखा कि कमला उठ कर उनकी ओर आ रही थी : अब आपकी बारी बाउजी हाहाहाहाहा
बनवारी मुस्कुरा कर: साथ में करें तो
रंगी हंसते हुए : ये भी सही है हाहाहाहाहा

सरोजा के घर

राज बाथरूम में जाकर अपनी पेंट खोलकर अपने लंड की अकड़न को शांत कर रहा था और वही कमरे में वसु आई और उसने दरवाजा भिड़का कर गुनगुनाते हुए अपने कपड़े उतारने लगी ।
तभी राज ने फ्लश चलाया और वसु को लगा संजीव अंदर है तो वो ब्रा पैंटी में बाथरूम के बाहर से आवाज देती : जान , थोड़ी जल्दी करना मुझे भी फ्रेस होना है

राज वसु की आवाज सुनकर मुस्कुराया और अपना पेंट सही कर हाथ धूल कर बाथरूम से बाहर निकलने वाला था मगर
वसु को शायद जल्दी थी वो दरवाजे को थपथपाने लगी : जानू निकलो न प्लीज
राज मुस्कुराता हुआ मस्ती में दरवाजा खोल कर : बस गया जानू , अब जाओ
वसु एकदम से चौकी और झट से अपने हाथों से क्रास कर अपने ब्लाउज के क्लीवेज को छुपाती हुई : अरे राज तू
राज मुस्कुराता हुआ दरवाजे पर टेक लेकर खड़ा होता हुआ : हा जानू मै
वसु को अपनी गलती समझ आ गई थी और वो शर्म से लाल हो गई और मुस्कुराती हुई राज को दरवाजे से हटाती हुई : हटो बदमाश कही के

राज खिलखिला कर हंसता हुआ कमरे में आ गया और वसु धड़ से दरवाजा लगाती हुई बाथरूम में चली गई । वही राज इस बात पर खुश होने लगा कि उसने सही समय पर फायदा उठाया मौके का ।

फिर वो मोबाइल चलाते हुए बिस्तर पर एक किनारे टेक ले लिया
5 मिनट बाद वसु बाहर आई हाथों में तौलिया लेकर और कमरे में राज को उसके बिस्तर पर फैला देख कर तौलिया अपने आगे कर ब्लाउज धक लिया: हम्ममम तुम क्या कर रहे थे मेरे बाथरूम में
राज : आपके ? लेकिन अंकल तो बोल कर गए कि ये मेरा रूम है मुझे यही सोना है आज रात , आपके साथ ( आखिर के शब्दों को लगभग राज पी ही गया और वो वसु के कानों तक नहीं गई )
वसु खीझ कर मुस्कुराती हुई : बदमाश कही के , बहुत बाते बनानी आती है तुम्हे और तुम मुझे क्या बोले अभी
राज मुस्कुराने लगा : कब
वसु : अरे
राज : क्या ? बोलो न क्या बोला
वसु शर्माने लगी : कुछ नहीं पागल कही के
राज : अरे अब कोई मुझे इतने प्यार से जानू कहेगा तो मै भला क्यों मना करूंगा
वसु : अच्छा जी , बड़े आए
राज : मै तो सोच रहा हु अपना नाम बदल लूं, राज की जगह जानू रख लू, कैसा रहेगा
वसु : वेरी फनी
राज : फन्नी? इसमें फनी जैसा क्या है
वसु : कुछ नहीं बाबा, अच्छा ठीक तुम थोड़ा बाहर जाओ मुझे चेंज करना है ।
राज : नहीं पहले बताओ मेरा नाम क्या बुलाओगी अब से
वसु मुस्करा कर : राज !!!
राज खड़ा होकर उसके पास आ गया : लेकिन मेरा नाम अब से जानू है न
वसु शर्माने लगी लेकिन उसे फिलहाल कपड़े बदलने थे क्योंकि उसका बदन अब और ये पॉलिस्टर ब्लाउज की खुजली बरदाश्त भी कर सकता था ।
वसु : अच्छा ठीक है , जानू ! खुश ? अब जाओ
ये बोलकर वो अलमारी से अपने लिए एक काटन की नाइटी निकाल रही थी
राज : अरे ये पहनोगे आप ? उम्हू बिल्कुल नहीं
वसु : क्यों ?
राज : मै आपका फैशन डिजाइनर हूं न
वसु मुस्कुराने लगी : अच्छा तो मेरे फैशन डिजाइनर साहब क्या पहनूं मै ,बताइए
राज : उम्मम , आज इतने खास पल पर इतना सिंपल नहीं । आपके पास साटिन नाइटी या दूसरी कोई फैंसी नाइटी नहीं है ।
वसु शर्माने लगी और हसने लगी : क्या मतलब तुम चाहते हो कि मै रात में ना सोऊं
राज : क्या ?
वसु मुस्कुरा कर : कुछ नहीं , हा है लेकिन साटिन नहीं है थोड़ी फैंसी है ।
राज : दिखाओ जरा
वसु थोड़ी पकने लगी थी अब मगर राज से पीछा छुड़ाने का यही तरीका था कि उसकी बातें मानी जाए
तो उसने आलमारी से एक फैंसी शॉर्ट नाइट गाउन निकाला जो लगभग ट्रांसपेरेंट था ।
राज : वाव ये हुआ न कुछ आपके लायक , यही पहनो
वसु : लेकिन पहले बाहर तो जाओ
राज : ऐसे नहीं ..
वसु : फिर ( वसु ने राज को देखा और वो मुस्कुराने लगा तो वसु समझ गई )
वसु हार कर मुस्कुराती हुई : जानू प्लीज बाहर जाओ न
राज हंसता हुआ उसके गाल छू कर : ओके मेरी जानू
वसु राज के इस हरकत से हस पड़ी और राज के जाते ही : कितना पागल है ये लड़का , लेकिन कितना खुश दिल है हिही
तभी उसकी नजर हाथ में लिए कपड़े पर गई : और बहुत ज्यादा शरारती भी
फिर वसु ने अपने कपड़े निकाल कर चेंज करने लगी
वही राज कमरे से बाहर आया और सोचने लगा कि संजीव ठाकुर एकदम से कहा गायब हो गया ।
पूरे घर में सन्नाटा हो गया था । घड़ी की सुई 11 बजे का कांटा पार कर गई । तभी उसे सरोजा का ख्याल आया और वो उसके कमरे की ओर गया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था ।
उसपे से राज अपना मोबाइल कमरे में बिस्तर पर ही छोड़ आया था । ऐसे इतनी रात में सरोजा का दरवाजा बजाने का मतलब था रिस्क ।

कुछ देर बाद कमरे से आवाज आई जो वसु की थी : आ जाओ बेटा
राज खुश हुआ और कमरे में दाखिल हुआ
उफ्फ क्या नजारा था , ठाकुराइन की शॉर्ट ट्रांसपेरेंट नाइट गाउन उसके घुटने तक ही थी , गोरी दूधिया जांघों और टांगे देख कर राज का हलक सूखने लगा । गाउन ने अंदर से झांकती उसकी मैचिंग ब्रा पैंटी सेट और गोरा बदन , नरम चर्बीदार पेट और गुदाज नाभि। सुंदर चेहरा और पीछे चौड़े चूतड़

वसु ने गला खराश कर : hows I'm looking
राज मुंह खोलकर : woow so sex...
वसु चौकी : क्या ?
राज हड़बड़ा कर खुद को संभालता हुआ : बहुत सुंदर लग रही हो आंटी , अंकल के होश उड़ जाएंगे
ठकुराइन खिलखिलाती हुई : और तुम्हारे
राज मुस्कुराने लगा और शर्मा कर बिस्तर की ओर आता हुआ : मेरा तो फ्यूज ही उड़ गया है उफ्फ
वसु इतरा कर बिस्तर तक आई और कम्बल में घुस गई , राज भी वही बिस्तर के किनारे बैठ गया दूसरी तरफ ।मगर वसु के बदन से आती मादक खुशबू उसे रिझा रही थी और कामोत्तेजित कर रही थी ।

वसु : तुम्हारे अंकल बाहर दिखे क्या
राज : नहीं , बाहर सब बंद है एकदम शांत
वसु : फिर कहा चले गए ये
फिर वो संजीव को फोन लगाने लगी
राज : हो सकता है वो कही दूसरे कमरे में सो गए हो
वसु को हंसी आई : अच्छा , मुझे अकेला छोड़ कर
राज : अरे मै हूं न
वसु हस कर : पागल हो तुम , यार वो अपना रूम छोड़ कर कही और क्यों सोएंगे
राज : क्योंकि उन्होंने ही मुझे यहां सोने को कहा था, अब इस बेड पर वैसे भी तीन लोग कहा आयेंगे
वसु हसने लगी : अरे यार , क्या सच में
राज : आपको कोई दिक्कत है तो मै सोफे पर सो जाऊंगा
वसु : मार खाओगे अब , सोफे पर क्यों सोओगे , ठंड लग जाएगी
राज मुस्कुराने लगा
वसु थोड़ी उलझी थी कि क्या सच राज की बात सही है लेकिन राज को मुस्कुराता देख : हस क्यों रहे हो
राज : देख रहा हूं आप अपने जानू की कितनी फिकर करती है ।
वसु की एकदम से हंसी फुट पड़ी : धत्त बदमाश, चलो सो जाओ मै दरवाजा लगा देती हूं
राज वापस से बिस्तर में आ गया और जैसे ही वसु बिस्तर से निकल कर दरवाजे की ओर गई , उफ्फ उसके बड़े बड़े मटके जैसे चौड़े गोल मटोल चूतड़ उसकी ट्रांसपेरेंस नाइटी से साफ झलक रही थी लगभग पूरी नंगी सी , क्योंकि ठाकुराइन ने जो नाइटी के साथ सेट वाली पैंटी पहनी थी वो थांग वाली थी जो उसके गाड़ के दरारों में घुस गई थी
राज ये हसीन नजारा देख कर अपने लंड को पकड़ने लगा , जो अब बेकाबू हुआ जा रहा था । वसु ने कमरे का दरवाजा बंद किया और जैसे ही घूमी तो उसकी नजर राज पर गई , जिसमें अभी अभी अपनी नजरे उससे फेर कर मोबाइल में कर लिया था ।
वो समझ गई कि अभी अभी राज ने क्या देखा और उसे थोड़ी शर्म आई लेकिन उससे ज्यादा खुद पर नाज हो रहा था कि जवान लड़के भी उसके हुस्न के दीवाने हो रहे थे अब ।उसने कमरे की बत्ती बुझाई और बिस्तर में आ गई ।
कुछ देर की चुप्पी के बाद
राज : सॉरी आंटी
वसु : अरे क्या हुआ , सॉरी क्यों
राज : मेरी वजह से अंकल नहीं आए और आपकी स्पेशल नाइट बेकार हो गई , सॉरी
वसु मुस्कुरा कर : ओहो तुम फिक्र न करो , हमारी सभी नाइट स्पेशल ही होती है
राज : हा लेकिन आज का दिन आपके लिए खास था और आप कितनी अच्छे से रेडी होकर उनका वेट कर रही थी
वसु शर्माती हुई हस कर : अब बस करो , मुझे शर्म आ रही है बाबा
राज : नहीं सच में मुझे अफसोस हो रहा है अंकल के लिए
वसु : हम्म्म तो तुम ही बताओ अब क्या करूं मैं तुम्हारे अंकल के लिए वो कल सुबह जब उठे तो दुखी न हो
राज कुछ सोचता हुआ : एक तरीका है , लेकिन पता नहीं आपको पसंद आयेगा या नहीं
वसु : अब बताओगे भी , या खुद से जज कर लोगे
राज : क्यों न मै आपकी तस्वीरें निकालू इस ड्रेस में और आप सुबह में अंकल को दिखा देना
वसु कुछ सोच कर : वैसे ये सही है, उनकी यही सजा होनी चाहिए मुझे अकेला छोड़ कर जाने की । देखेंगे तो समझ आयेगा बच्चू को हिहीही चलो करते है ।
वसु एकदम से खड़ी हो गई और कमरे की बत्ती जला दी
राज भी फुर्ती से खड़ा हो गया ।
राज चतुराई दिखाते हुए जल्दी जल्दी अपने मोबाइल का कैमरा खोलने लगा और तभी वसु की नजर उसके ऊपर गई तो वो मुस्कुराती हुई : बदमाश कही के , अपने मोबाइल से नहीं मेरे मोबाइल से निकालो
राज मुस्कुराने लगा और वसु के हाथ से उसका मोबाइल लेकर कैमरा खोलने लगा और सामने वसु बड़े ही कामुक अंदाज में खड़ी हो गई


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राज का लंड उसके पैंट के फनकार मारने लगा और सामने वसु अपने शोख अदा से राज की देखती हुई पोज दे रही थी , उसने बड़ी अदा से अपने पारदर्शी नाइटी के सिरे जांघें के पकड़ कर ऊपर सरकाने लगी ,जिससे उसकी दूधिया वैक्स हुई जांघें दिखने लगी
राज का मूड बन रहा था और उसका लंड पेंट में अकड़ा जा रहा था और फूलने लगा उसने अपनी वासना को टालने के लिए बात करते रहना उचित समझा : वीडियो भी बना दु क्या

वसु मुस्कुरा कर मदहोश नजरो से उसे देख कर : हा क्यों नहीं


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वसु के कहने की देरी थी कि राज उसका वीडियो शूट करने लगा और उसने नीचे बैठ कर उसकी गदराई जांघों और मटके जैसे चूतड़ों को फोकस रखते हुए ऊपर खड़े होते हुए वीडियो बनाने कहा उसने वसु के बड़े बड़े रसीले मम्में को भी फोकस किया , वसु पूरे कमरे में टहलते हुए सोफे की ओर गई और एकदम से घूम कर अपनी टांगे उठा कर सोफे पर रख दी और बड़ी मादक नजरो से राज की ओर देखा

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वसु राज को वीडियो लेता हुआ देख : थोड़ा करीब से ले न
राज मुस्कुराने लगा और वापस से वसु के पास जाकर करीब से उसके पारदर्शी नाइटी के बीच झांकते हुए नंगे चूतड़ों और दरारों में फंसी हुई पेंटी को फूल फोकस्ड तस्वीरें निकाली


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फिर वो थोड़ा नीचे की ओर जाने लगा जिससे वसु के मोटे चूतड़ों पर उठी हुई नाइटी के नीचे से उसके नंगे चूतड़ के उभार नजर आने लगे थे कि वसु ने उसे टोकते हुए झट से अपने चूतड़ छुपाने लगी नाइटी से : धत्त बदमाश इतने भी करीब से नहीं लेना है हीही
राज मुस्कुरा कर पीछे होते हुए: सॉरी
वसु मुस्कुरा कर अब दूसरे पोज देने लगी थीं कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई

राज : लगता है अंकल आ गए
वसु एकदम से घबराई , हालांकि मस्ती मजाक में उसने राज के साथ थोड़ी घुल मिल गई थी लेकिन पति के सामने ? : तू तू सो जा
राज : क्या ?
वसु : हा तू जल्दी से बिस्तर में सो जा
राज : अरे अंकल ही होंगे न तो उनसे क्या डर
वसु : ओहो , अगर अंकल की जगह कोई और हुआ तो इसीलिए बोल रही हूं जा अब
राज को ठाकुराइन की बात सही लगी और वो झट से मोबाइल लिए हुए तेजी से कम्बल में घूस गया ।
इधर वसु गहरी सांस लेती हुई दरवाजे की ओट में छिप कर दरवाजा खोला और एकदम से संजीव कमरे में आ गया।
संजीव पहले तो वसु को डांटने वाला था लेकिन जैसे ही उसकी नजर वसु पर गई वो एकदम रुक गया : डार्लिंग तुम , वाऊव सो सेक्सी यार
वसु एकदम से इतराई : हूह , अब आ रहे हो
संजीव उसके पास जाके उसको एकदम से अपनी बाहों में भर लिया : सॉरी जान , बस घर के ही काम देख रहा था
संजीव ने जैसे ही वसु को अपने करीब किया , वसु को एकदम से राज का ख्याल आया और उसने उसकी ओर देखा जो कम्बल के मुंह डाले था । उसकी बेचैनी बढ़ने लगी : ऊहू छोड़ो न क्या करते हो
संजीव उसने नरम चर्बीदार चूतड़ों को सहलाते हुए उसके खुले गर्दन और सीने को चूमने लगा : अपनी जान को प्यार और क्या

वसु उसको अपने से दूर करने की कोशिश कर रही थी लेकिन नाकाम थी : उम्मम छोड़ो न , पागल हो राज कमरे में ही सोया है
संजीव ने उसको झटके से घुमाया और पीछे से पकड़ कर उसके रसीले मम्में हाथों के भरने लगा : जो सो गया है उसकी क्या फिक्र मेरी जान , मुझे तो तुम्हारी रस भरी कटोरी चाटनी है
वसु के बदन में आज एक अलग ही तरह का उमंग मचलने लगा था ,उसके जिस्म में अजीब सी कंपकंपी हो रही थी , पूरे बदन पर उसके पति का कब्जा था और मन में बस राज , कि कही वो कम्बल से निकल कर झांके नहीं
इधर संजीव ने पीछे से उसकी नंगी पीठ पर जीभ चलाने लगा , नीचे उसका लंड पेंट में अकड़ा हुए वसु के चूतड़ों में चुभने लगा , संजीव के दोनों हाथ वसु के चूचों को पकड़े हुए थे : सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज मान जाओ न , अह्ह्ह्ह्ह
संजीव : सुबह से तड़पा रही हो अह्ह्ह्ह और पार्टी के अपने इन चूतड़ों को मटका मटका कर मुझे पागल कर दिया तुमने ( सजीव ने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए कहा )
वसु एकदम से मदहोश होने लगी थी और धीरे धीरे उसके मन से राज के कमरे में होने का ख्याल धुंधलाता जा रहा था , लेकिन वही इतनी देर में राज ने वसु के मोबाइल से कुछ ऐसा करने में व्यस्त था जिसकी भनक फिलहाल वसु को नहीं हो रही थी । जैसे ही राज का काम पूरा हुआ उसने कम्बल से मुंह निकाला और उसके कानो के मादक सिसकियां उठने लगी और जैसे ही उसने दरवाजे के पास देखा उसकी आंखे बड़ी हो गई लंड पेंट में अकड़ने लगा
सामने संजीव ने वसु को दरवाजे से लगा कर घुमा कर खड़ा किया था और खुद नीचे बैठ कर उनकी नाइटी उठाए गाड़ चाट रहे थे


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वसु दोनों हाथों से दरवाजे का सहारा लेकर अपनी एड़ियां उठाए दरवाजे से चिपकी थी , उसके पैर थरथरा रहे और बुर बजबजा रही थी , जिसके फांकों को मुंह में लेकर संजीव चुबला रहा था : उम्मम मेरी जान कितनी मुलायम और चिकनी चूत है तेरी अह्ह्ह्ह कितनी रसीली है अह्ह्ह्ह उम्मम
वसु : आपको पसंद है न मेरे राजा ओह्ह्ह्ह आपके लिए ही की है अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम खा जाओ उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
संजीव ने एकदम से उसे घुमाया और सामने से उसकी बुर पर मुंह लगा दिया , जैसे ही वसु घूमी पल भर के लिए उसने राज की ओर देखा और पाया कि वो कम्बल के ही है , अगले ही पल फिर उसकी फ़ाको रस से भर आई और संजीव उसके फांकों को मुंह लेकर चूसने लगा और


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वसु के सर को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा कर सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्मम यश जान उम्मम अह्ह्ह्ह्ह और चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
वसु पूरी तरह से कांपने लगी और भलभला कर झड़ने लगी , गर्म गर्म लावा उसकी बुर से बहने लगा और उसने संजीव का सर अपने बुर के आखिर तक फड़कने तक चिपकाए रखा और फिर हल्की होकर हांफने लगी , नीचे उसके पैर में बैठा संजीव उसकी चिकनी जांघें सहला रहा और चूम रहा था । पल भर के लिए सही लेकिन वसु की चेतना लौट आई थी और वो इससे पहले कि संजीव और आगे बढ़े झट से बिस्तर की ओर भागी : कर लिए है मन की , अब सो जाओ चुपचाप
संजीव एकदम से हैरान हो गया कि ये क्या उसके साथ खड़े लंड पर धोखा : ये ये तो चिटिंग है
वसु कम्बल के जाती हु : चुप रहो यार राज यही सोया है
संजीव एकदम से रुक गया और भिनकते हुए अपने कपड़े निकालने लगा और वही राज वसु का मोबाइल किनारे रख चुका था और सोने का नाटक का रहा था ।
इधर संजीव अपने कपड़े निकाल कर सिर्फ बनियान और अंडरवियर में दूसरी तरफ से वसु के बगल में सो गया
वसु मुस्कुरा लगी कि आज उसने कुछ डेयरिंग बाजी की और राज को भनक तक नहीं हुई । कमरे की बत्ती बंद हुई और राज ने अपना मुंह कम्बल से बाहर निकाला हांफते हुए , अभी भी उसका लंड अकड़ा हुआ था अंडरवियर में , वसु की बुर चुसाई देखते हुए ही उसने अपना पेंट घुटनों तक कर लिया था और उसका हाथ अभी भी अपने लंड को सहला रहा था कि तभी उसे एक हल्की फुसफुसाहट आई जो वसु की थी : क्या करते हो , नहीं , बोल न कल करेंगे
तभी संजीव ने हल्के से वसु के कान में बोला: बस डाल लेने दो , वो शांत हो जाएगा , पक्का कुछ नहीं करूंगा
वसु भुनभुनाकर संजीव की ओर पीठ कर दी और संजीव ने हौले से अपना लंड बाहर निकाला और वसु की पैंटी खींच कर उसके चूतड़ों पर चढ़ाने लगा : ये भी ढीली कर दोगे क्या ?
संजीव अपना टोपा उसके रस भरे बुर के फांके पर लगाता हुआ : दूसरी दिला दूंगा मेरी जान अह्ह्ह्ह
वसु संजीव के गर्म लंड के स्पर्श से कसमसाने लगी : तुम कुछ दिलाओगे? मुझे ही लेना पड़ेगा फिर से , पता है कितनी मुश्किल होती है ऑनलाइन ब्रा पैंटी मंगवाना अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम आराम से जान उम्मम
संजीव : बस हो गया एक दो धक्का दूंगा संभाल लेना
वसु अपने मुंह पर हाथ रखे हुए अपनी सांसे और सिसकिया रोकने का प्रयास करती हुई : हम्ममम
और अगले ही पल संजीव ने नीचे से झटके देने लगा , वसु अपना मुंह पर हाथ रखे हुए सिसकियां पीने लगी
बिस्तर के दूसरी तरफ हलचल मच गई थी , राज को साफ साफ पता चल रहा था कि ठाकुराइन की पेलाई शुरू है , उसका भी लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था , उसमें भी करवट लेकर अपना लंड निकाल दिया और खुली हवा में हिलाने लगा , गजब का सुख मिल था उसे


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इधर संजीव ने अंधेरे में वसु के चूचे नंगे कर दिए और उन्हें मसलने लगा, नीचे से उसका लंड तेजी से वसु की रस छोड़ती बुर में जा रहा
वसु का ध्यान पूरी तरह से राज पर था उसे पता था राज जैसा शरारती और चालाक लड़का इतनी जल्दी सोने वाला नहीं , लेकिन वो बेबस थी
अपने पति के बाहों में कसमसाती हुई उसके ताबड़तोड़ झटके ले रही और कुछ ही देर में संजीव उसकी बुर में झटके खाने लगा और आखिरी बूंद तक वसु के बुर में भर दिया । दोनों हाफ रहे और समय देखकर राज ने भी अपना लंड अंडरवियर के डालना सही समझा ।
क्योंकि अगले ही पल वसु उठ कर बाथरूम चली गई और कुछ देर बाद वापस आई तो देखा संजीव सो रहा था ।
धीरे से वो वापस दोनों के बीच में आई और बिस्तर में घुस गई , अभी भी उसका दिल जोरो से धड़क रहा था और उसने हल्का सा राज की ओर मुंह करके पूछा : सो गए क्या राज ?

राज ने शरारत भरे जवाब में कहा : आप लोग सोने दो तब न
वसु मुस्कुरा उठी उसकी हसी निकल पड़ी : धत्त बदमाश, चलो सो जाओ
राज हंसता हुआ : ओके गुड नाइट आंटी
वसु : गुड नाइट हीही,

मदन ममता

रात जैसे जैसे गहरा रही थी , अमन के घर में वासना ने अपने पाव पसारने लगी थी । बेचैन मदन ममता के कमरे में चक्कर लगा रहा था बाथरूम के पास
अभी अभी ममता उसको कमरे में इंतजार करने का बोल कर बाथरूम में गई थी । मदन अपना लंड भींच रहा और उसे थोड़ा डर भी था क्योंकि ममता जैसी चतुर औरत कही उसका पोपट न कर दे ।

मदन तपड़ कर अपना लंड जांघिया में मसलते हुए : भाभी आओ न और कितनी देर
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और ममता इतराती हुई अपने एक हाथ से दरवाजे पर टेक लेकर दूसरे हाथ को अपने बदन पर लहराती हुई : कमिंग बेबी

मदन ने जैसे ही की ममता को बाहर आते देखा उसका मुरझाता उम्मीद छोड़ता लंड एक बार फिर से फड़क उठा , सामने ममता उसी ब्रा पैंटी सेट में खड़ी थी जिसे मदन ने उसके बाथरूम के लटकी हुई देखा था । जब वो ममता को टॉवल देने गया ।
बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे उस पारदर्शी ब्रा में ,जिसमें में ममता के मोटे दाने वाले दोनों निप्पल पूरी तरह बिजीबल थे । गदराया बदन चर्बीदार पेट और हल्के झूलते पेडू के नीचे मैचिंग पैंटी जो उसकी फूली हुई चूत को ढकने में पूरी तरह से नाकाम
चौड़े कूल्हे बाहर की ओर निकले हुए और पीछे से पैंटी पूरी उसके मोटे चूतड़ों के बीच दरारों में घुसी हुई थी

मदन उसको देखता हुआ आगे बढ़ा : क्या ये वही है
ममता ने मुस्कुरा कर हा में सर हिलाया तो एकदम से मदन ने उसकी कमर में हाथ डालते हुए अपनी ओर खींच लिया : उफ्फ कितनी सेक्सी लग रही हो भाभी उम्मम


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मदन ने उसके लिप्स चूसने लगा और ममता एकदम से चौकी लेकिन फिर मदन की बाहों के खुद को ढीला छोड़ दिया , दोनो एक दूसरे के होठ चूसने लगे और मदन के हाथ ममता के चौड़े चूतड़ों पर रेंगने लगे
कभी वो उन्हें अपने पंजों से फाड़ता तो कभी उनपर हाथ फेरकर नीचे से उन्हें ऊपर खींचता और कभी कभी दोनों पंजे से जोरदार थप्पड़ एक साथ ममता ने गोरे मोटे चूतड़ों पर जड़ता जिससे ममता झन्ना जाती : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम देवर जी मार क्यों रहे हो अह्ह्ह्ह्ह
मदन : भाभी तुम्हारी गाड़ , क्या मस्त चीज है उफ्फ
ममता मुस्कुरा कर मदन की आंखों में देखते हुए : और भी बहुत सी मस्त चीजें है मेरे पास



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मदन समझ गया और झटके से उसे घुमाते हुए ब्रा के ऊपर से उसके रसीले मम्में हाथों में भर लिए और मसलने लगा : उफ्फ भाभी सच कहा , ये भी कितनी रसीली है उम्मम कितनी बड़ी है आपकी छाती उम्मम
ममता मदन की बाहों में कसमसाती हुई अपने गाड़ को उसके लंड पर धकेलती हुई सिसक कर : उम्ममम सम्भाल तो लोगे न देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मदन अपना लंड जांघिये के नीचे से ममता के गाड़ के दरारों में पेलता हुआ उसके दोनों छातियों को हाथ में भर कर मसलता हुआ : कोई शक है क्या
ममता : उम्ममम वो तो आपका खूंटा देख कर पाता चलेगा कि कितना देर तक बांध पाओगे मुझे उम्मम
एकदम से ममता घूम गई और मदन को अपने आगे कर लिया और उसके जांघिया को खोल कर लंड बाहर निकालने लगी
एकदम से ममता की आंखे चमक उठी , सामने आठ का मोटा लंबा तना हुआ लन्ड हवा में झूल रहा था , घंटों से मदन ने मिज मिज कर उसको लाल कर दिया
ममता समझ गई कि इस घर के मर्दों को मर्दानगी आशिर्वाद में मिली है सब एक से बढ़ कर एक है
ममता ने आगे बढ़ कर तुरंत मदन का लंड हाथ में ले लिया और मदन सिहर उठा : उफ्फ भाभी कितने मुलायम हाथ है आपके उम्ममम
ममता मुस्कुराई और उसके आड़ को टटोल कर उसके सुपाड़े की टिप पर किस करते हुए ऊपर देखा , मदन के बदन में कंपकपी सी मची थी वो आगामी रोमांचक सफर की राह देख रहा और जैसे ही उसने ममता को अपने सुपाड़े को मुंह में भरते देखा , जैसे ही ममता के नरम होठ उसके संवेदनशील सूखे सुपाड़े को खरोचने लगे वो आंखे बंद कर हवा में उड़ने लगा और तभी मुंह में एक जादू हुआ ममता ने उसके सुपाड़े को मुंह में थोड़ा देर होल्ड रखे हुए मुंह लार बटोरने लगी और फिर उसे अंदर जीभ से सुपाड़े पर लगाने लगी , इस अहसास से मदन अकड़ गया और उसकी एड़ी तन गई, गाड़ पिचक कर अंदर हो गए और पीठ पूरी टाइट हाथों से उसने ममता का सर पकड़ लिया।


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ममता ने उसको रिलीफ देते हुए लंड बाहर निकाला और लंड को चूमने लगी और वापस से मुंह में भरने लगी : ओह्ह्ह भाभी क्या मस्त चीज हो तुम, इतनी परफेक्ट चुस्ती हो ओह्ह्ह गॉड उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह भाभी हा और लो

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ममता चूसते हुए गले तक लंड ले जाती और बाहर निकाल देती , मदन के बेचैनी अब उसके हाथों के उतरने लगी उसके हाथ आगे बढ़ कर ममता के मम्मो को ब्रा में घुस कर उन्हें मसलने लगे और वो उन्हें बाहर निकाल कर मिजने लगा

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: उफ्फ भाभी भैया तो रोज इनमें झड़ते होंगे न , रोज इनमें पेलते होंगे न
ममता मुस्कुराई और अपने देवर के दिल के अरमानों को पूरा करते हुए उसका लंड पकड़ कर अपने दोनों छातियों में रखते हुए : आप भी देख लो देवर जी , लेकिन झड़ना मत हीही

मदन ने जैसे ही अपना लंड ममता की गर्म छातियों के महसूस किया एकदम से उसका जोश दुगना हो गया और वो अपना गिला लंड ममता ने रसदार मोटे मम्मे में घिसने लगा : ओह्ह्ह भाभी ये तो मेरी उम्मीद से भी ज्यादा नरम जगह है अह्ह्ह्ह सीईईईईई



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ममता की हालत भी कम खराब नहीं थी जैसे जैसे मदन अपना लंड उसकी चूचियों में पेलता उसके दोनों निप्पल और फड़कने लगते : अभी असल नर्माहट तक आप पहुंचे कहा देवर जी ओह्ह्ह्ह हा ऐसे ही रगड़ो मेरी छातियों को ओह्ह्ह्ह तुम्हारे लंड की गर्मी मुझे पागल कर रही है
मदन पूरे जोश में पेलने लगा : ओह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह कितनी मस्त औरत हो तुम , काश तुम मेरी बीवी होती तो रोज तुम्हारे चूचों को अपने लंड से नहलाता
ममता उसे छेड़ते हुए : बस इन्हें ही और कही नहीं
मदन : सच कहूं तो भाभी मुझे तुम्हारी बड़ी मोटी गाड़ बहुत पसंद है और मैं भैया कि जगह होता तो तुम्हारी मोटी गाड़ को फैला कर सूंघता और चाटता
ममता मुस्कुराई और उठकर बिस्तर पर घोड़ी बनती हुई पूरी पेट के बल हो गई : आजो देवर जी, आज की रात मै आपकी हूं , जैसे चाहो मुझे प्यार करो
मदन उसके चूतड़ों को सहलाता हुआ आगे बढ़ा और झुक कर सीधा अपने नथुनों को उसके बड़े चौड़े चूतड़ों के दरारों ले गया जो झुकने की वजह से खुल गई थी ,


वहा ममता के गाड़ सूंघते हुए उसका सुपाड़ा मुंह खोलने लगा

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उसने पैंटी के ऊपर से ममता के बहती चूत के निचले हिस्से पर जीभ फिराई और ममता के गाड़ के सुराख से आती गंध को नथुनों में भरने लगा
और उससे यही रुका न गया तो उसने ममता की पैंटी वही साइड कर जीभ से उसे गाड़ के लाल सुराख को कुरेदने लगा , एकदम से मदन की जीभ को अपने गाड़ के सुराख को छेड़ता पाकर ममता सिसक उठी और बिस्तर पकड़ने लगी , इधर मदन उसके चूतड़ों को पंजों से फाड़े हुए अपनी थूक से उसके गाड़ को गिला किए जा रहा था
ममता : ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई खा जाओ उम्मम क्या मस्त चाट रहे हो ओह्ह्ह मै तो पागल हो जाऊंगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
ममता की सिसकिया सुनते ही मदन अपनी जीभ से उसके गाड़ के छेद में घुसने लगा और मदन एकदम से तड़प उठी उसके अपनी गाड़ की सुराख को कस लिया : ओह्ह्ह देवर जी अंदर घुसाओगे तो झड़ जाऊंगी मैं अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह, मेरी बुर बह रही है उसका भी ख्याल करो न मेरे राजा अह्ह्ह्ह्ह


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मदन समझ गया कि ममता को अब लंड चाहिए और उसने ममता की पैंटी खींच कर उसके निकालने लगा और फिर ममता पीठ के बल हो गई , मदन की नजर उसकी बहती हुई बुर पर गई और बिना एक पल गवाए वो उनपर टूट पड़ा


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: ओह ये हुई न बात मेरे राजा अह्ह्ह्ह खा जाओ उम्मम अह्ह्ह्ह्ह कबसे गीली हो कर मुझे तंग कर रही थी ओह्ह्ह्ह उम्ममम उम्मम जीभ डालो न अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई अह्ह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह
मदन अब समझ गया कि यही सही समय है आर उसने अपनी पोजीशन बनाते हुए ममता के पैर हवा में उठाए और लंड को उसकी बुर में लगाते हुए हचक से उतार दिया । उसका मोटा लंबा तना हुआ लन्ड ममता की चिपकी हुई बुर को चीरता हुआ अंदर जाने लगा और मदन ने शुरू से ही अपनी स्पीड पकड़ ली




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ममता अपनी बुर को भरा हुआ महसूस कर रही थी , मदन का लंड उसके चूत में रगड़ रहा था और वो सिसकियां लेने लगी , मस्ती में हाथ पीछे कर मस्त हुई जा रही थी : ओह्ह्ह्ह देवर जी बस ऐसे ही रुकना मत

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मदन : अह्ह्ह्ह भाभी इतनी चर्बीदार चूत मिले तो रुकना क्यों , अह्ह्ह्ह तुम्हारी बुर कितनी गहरी है भाभी ओह्ह्ह्ह
मदन पूरा हमच कर ममत की बुर की गहराई के लंड उतार रहा था
ममता : आपका लंड भी कम नहीं है अंदर तक जाने में उफ्फ आप तो मेरी बुर और गहरी कर दोगे अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह फिर आपके भैया
मदन : क्यों भैया अंदर तक नहीं पहुंचे पाते
ममता ने ना में सर हिलाया मुस्कुरा कर : उम्हू पेट ज्यादा निकला है न उनका
मदन थोड़ा घबराया : फिर आप कैसे रहते हो
ममत मुस्कुराई और थोड़ा उठ कर बोली : बताऊं कैसे

मदन पीछे हो गया और ममता ने उसे बिस्तर पर लिटाते हुए उसके ऊपर आ गई और लंड को अपनी बुर में भरते हुए बैठ गई : ओह्ह्ह्ह भाभीईइाई उम्मम ये तो बहुत ही मस्त अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म


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ममता : फिर मुझे ऐसे ऊपर आकर लेना पड़ता है अपना हक , फिर मै उन्हें ऐसे निचोड़ लेती हु
ममता अपनी गाड़ फेंकते हुए उसका लंड बुर में सुरकने लगी : ओह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह क्या मस्त ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई, ओह लग रहा है ये आपका फेवरेट पोजीशन है तभी तो आप इतने अच्छे से ओह्ह्ह्ह


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अपनी तारीफ सुन कर ममता और जोश में आ गई और उसने आगे झुक कर अपने चूचे मदन के मुंह पर झुलाने लगी : आपके भैया भी ऐसे पागल हो जाते है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म काटते क्यों हो उम्मम निशान पड़ जायेंगे अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मदन उसकी चुचीया मुंह में भर कर पीने लगा


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ममता उसको अलग कर उसके ऊपर हो गई और तेजी से अपनी गाड़ फेंकते हुए मदन के सुपाड़े पर पूरा जोर देने लगी
मदन की हालत खराब होने लगी ,उसे समझ आ गया कि अब समय आ गया और उसने कमान अपने हाथों में लेते हुए खुद भी नीचे से अपनी कमर उछालने लगा
ममता की बुर अब बजबजा उठी और मदन उसको अपने ऊपर खींच कर उसको एकदम से कस लिया और तेजी से नीचे अपनी गाड़ उठा कर उसकी रसाई बुर के पेलने लगा
ममता इस अहसास के लिए बरसो तरसी थी कि कब उसका पति उसको अपने ऊपर लेकर नीचे से ऐसे लंबे तेज झटके देकर अपने मोटे लंड को उसकी लंबी गहरी चूत में घुसाएगा , बार बार मदन का लंड नीचे से उसके बच्चेदानी के मुंह को चोट कर रहा था और ममता ने एकदम से अकड़ने लगी और उसकी जांघें कसने लगी उसने मदन का लंड एकदम से अपनी बुर के छल्ले के कस लिया और चीखती हुई झड़ने लगी : अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह रुकना मत उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
मदन को अपने लंड पर एक नया अहसास होने लगा , ममता ने इस कदर अपनी बुर में उसका लंड पकड़ रखा था कि बुर में उसकी रस रुकने लगी और गर्म गर्म लावा मदन के सुपाड़े को जलाने लगा , मदन इस अहसास से पागल हो उठा और पूरी ताकत से वो नीचे से झटके देते हुए चिंघाड़ने लगा: ओह्ह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह बस ऐसे ही टाइट रखो अह्ह्ह्ह आयेगा मेरा अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी मस्त चूत है तुम्हारी भाभी

ममता उसको और जोश दिलाने लगी : हम्ममम पेलो और चोदो मुझे अह्ह्ह्ह भर दो मेरी बुर , और गहरी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह
मदन : ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम भाभीइई अह्ह्ह्ह आ रहा है अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह


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मदन एक के बाद एक तेज पिचकारी ममता के बुर के देता रहा और फिर ममता ने अपनी बुर ढीली कर दी और मदन के साथ साथ उसकी बुर का पानी भी बाहर निकलने लगा और मदन अंत तक जबतक कि उसके लंड की नशे पंप होती रही वो अपने झटके जारी रखे रहा ।
फिर दोनों सुस्त होकर एक दूसरे से लिपट गए हांफते हुए मुस्कुराते हुए।

जारी रहेगी
Awesome Update Bhai ❤️❤️❤️❤️ रंगी - बनवारी threesome and मदन ममता Totally Super ❤️❤️❤️❤️❤️❤️Keep it up ❤️❤️❤️❤️ :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker: :jerker:
 
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ajaydas241

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💥अध्याय : 02 💥
UPDATE 16 B (Mega)


रंगी - बनवारी

"कहा चले गए थे जमाई बाबू " , कम्बल ओढ़ कर अधनंगा बैठे बनवारी ने कमरे में दाखिल होते हुए अपने दामाद रंगी से सवाल किया ।

रंगी : अरे बाउजी आज मेरे एक बड़े ही खास मित्र की पत्नी का जन्मदिन था और मुझे याद नहीं रहा बस उसी के लिए अपने दोस्त से माफी मांग रहा था , शुक्र है कि पता नहीं कैसे लेकिन राज उनके यहां पहुंच गया है प्रोग्राम के हाहाहा नहीं तो मेरी खैर नहीं थी

बनवारी : अच्छा अच्छा आओ आओ
रंगी चल कर बनवारी के कम्बल के घुसता हुआ : मै तो आ गया हूं बाउजी लेकिन वो कमला ?
बनवारी मुस्कुरा कर : आई है, बगल वाले तुम्हारे कमरे के तैयार हो रही है

रंगी अचरज से : तैयार हो रही है मतलब
बनवारी मुस्कुरा कर : अरे थोड़ा सबर तो करो , लो आ गई
और तभी गेस्ट रूम का दरवाजा खुला और कमला एक शॉर्ट बिजीबल नाइटी को अपने चूतड़ों की ओर खींचती हुई कमरे में दाखिल हुई

रंगी लाल की आंखे बड़ी हो गई जब उसने कमला का ये रूप देखा , उफ्फ अब तक उसने गांव में किसी को ऐसे देखने की उम्मीद नहीं की थी।उसके लिए गांव की देसी दुधारू औरतों की एक ही तरह की छवि थी सूती ब्लाउज में ठूंसे हुए रसीले चूचे और बदन पर बेढ़ंगे से लपेटी हुई साड़ी, जिनमें उनका अंग और भी खिलता निखरता है लेकिन कमला और ये रूप देख कर रंगी चौक गया

कमला मुस्कुरा कर थोड़ी बहुत फिल्मों की हीरोइन के जैसे अदाएं दिखाते हुए चलने की कोशिश कर रही थी : अरे सेठ आप भी
कमला मुस्कुरा कर रंगी को देखी और रंगी थोड़ा लजाया तो बनवारी ने उसकी पीठ पर हाथ रख कर इंजॉय करने को कहा

वही कमला ने एकदम से अपना बदन ऐंठने लगी और रंगी की आंखे बड़ी होने लगी : ये सब क्या बाउजी ये तो
बनवारी : जमाई बाबू इसे कहते है देसी माल और विदेशी शौक हाहाहाहाहा उफ्फ देखो तो साली कैसे अपने दूध खुद मसल रही है ।


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रंगी का लंड एकदम फड़फड़ाने लगा जब उसने सामने कमला को अपने रस भरे मोटे चूचों को हाथ से पकड़ कर आपस में दबाते हुए दिखा रही थी

तभी रंगी की नजर एकदम से बनवारी पर गई जिसने अभी अभी कम्बल अपने ऊपर से उठा दिया और वो कम्बल के पूरा नंगा होकर बैठा था, वो अपना लंड हाथ में पकड़ कर सहलाने लगा : उफ्फ साली के गाड़ तो देखो जमाई बाबू , जी कर रहा है चाट लू उम्ममम


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रंगी मुस्कुरा कर : बाउजी आप तो पूरी तैयारी से बैठे है
बनवारी हंसता हुआ : तैयार तो तुम भी जमाई बाबू , अब ये लाज शर्म छोड़ो और आजाओ
इतना बोल कर बनवारी बिस्तर से उठ कर कमला के पास चला गया और उसको अपनी बाहों में भरने लगा , उसके होठ चूसने लगा , उसके चूतड़ों को सहलाते हुए अपने करीब खींचने लगा : आजाओ जमाई बाबू
रंगी मुस्कुराया और अपने कपड़े निकलने लगा
फिर पजामे में वो कमला के दूसरी ओर खड़ा होकर अपना लंड मसलने लगा तभी एकदम से बनवारी ने उसका हाथ पकड़ कर सीधा कमला के चूतड़ों पर रख दिया : जरा इन्हें छू कर देखो कितने मुलायम है
रंगी ने जैसे अपने ससुर के आगे कमला के नंगे चूतड़ों को पकड़ा उसका लंड पजामे में झटके देने लगा और वो कमला ने चूतड़ नोचने लगा : उम्मम सच में बाउजी क्या नरम चर्बीदार चूतड़ है इसके अह्ह्ह्ह सीईईईईई
इधर कमला ने बनवारी का लंड हाथों के थाम लिया और मुंह में भरने को हुई : क्या बात है सेठ आज तुम्हारा हथियार बड़ा लग रहा है
बनवारी ने जैसे कमला के मुंह अपना लंड महसूस किया उसके टांगों की नशे फड़कने लगी उसने झट से आगे हाथ बढ़ा कर उसके मोटे मोटे चूचे मसलने लगा और वही रंगी भी अपना लंड बाहर निकाल कर उसके दूध मसलता रहा ।
बनवारी : जरा उधर भी देखो मेरी रानी अह्ह्ह्ह
कमला ने उसका लंड हाथ में हिलाते हुए रंगी का लंड पकड़ लिया : उफ्फ कबसे रगड़ रहे थे जमाई बाबू कितना लाल कर रखा है


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फिर एकदम से कमला ने उसका लंड मुंह में भर लिया रंगी उसके चूचे सहलाते हुए : अह्ह्ह्ह्ह जबसे तुम्हे देखा है ये सोया ही नहीं अह्ह्ह्ह्ह और उम्ममम बाउजी सच में बड़ी ही रसीली है ये अह्ह्ह्ह्ह

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कमला बारी बारी से दोनों का लंड चूस रही थी और दोनों अपने हाथों से उसके दोनों रसीले मम्में को भर भर कर मसल रहे थे , उनके हाथ अब उसकी नाइटी में घुस कर उसके निप्पल को खींचने लगे और रंगी कमला के गुदाज चर्बीदार चूचों को हाथ में भर कर सहलाने लगा
दोनों ने उसके रसीले मम्में को बाहर निकाल कर मसलने लगे और कमला उनके लंड को अपने लार से गिला किए जा रही थी ,


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उसके नए नए तरीके रंगी को और भी जोश से भर दे रहे है और एकदम से उसके दोनों लंड को पकड़ कर एक साथ चुबलाया, बनवारी और रंगी ने एक साथ एक दूसरे का गर्म तपता सुपाड़ा आपस में घिसता महसूस किया और दोनों सिहर उठे

बनवारी ने उसे झटके से उठा लिया यार उसकी चूचियां पीने लगा, रंगी ने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए झुक कर उसके रसीले मम्में को मुंह में भर लिया
कमला आज इस दोहरे मजे से मस्त हुई जा रही थी , दोनो लंड उसके हाथों के सरक रहे थे और उनका कड़कपन देख कर वो आने वाले रोमांच का सोच कर सिहर उठी ,


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चार चार हाथ उसके बदन को टटोल रहे थे , बनवारी ने पैंटी के ऊपर से उसकी बुर को सहलाने लगा तो रंगी उसके गाड़ को पंजे में भर कर मसल रहा था , उसकी जीभ तेजी से कमला के निप्पल को फ्लिक कर रही थी जिससे कमला मचल रही थी ।

रंगी भी जोश में आकर दोनों हाथों से कमला का चेहरा पकड़ कर उसके होठ चूसने लगा और उसको अपनी ओर खींच कर खुद सोफे पर बैठ गया
कमला समझ गई कि रंगी को उसके होठों का रस भा गया और वो आगे झुक कर रंगी का लंड मुंह में ले ली
रंगी : ओह्ह्ह्ह उम्ममम क्या मस्त चुस्ती हो कमला आह्ह्ह्ह तेरी जीभ मेरे सुपाड़े को अह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम
इधर बनवारी भी मौका देखकर नीचे बैठ गया और कमला के गाड़ को सूंघने लगा, उसके गठीले पंजे कमला के चर्बीदार चूतड़ों के दरारों को फैला रहे थे और बनवारी अंदर जीभ डालने लगा ,

कमला उस अहसास से बिलबिला उठी उसकी आंखे उलटने लगी , उसने कस कर रंगी का लंड पकड़ किया : ओह्ह्ह्ह उम्ममम सेठ जी अह्ह्ह्ह खा जाओ क्या मेरी गाड़ उम्मम
बनवारी उसके चूतड़ों से पेंटी नीचे करता हुआ : इसे तो मै चाट चाट कर पूरी लाल कर दूंगा
और वापस से अपना मुंह उसके मोटे चूतड़ों के दे दिया ।
रंगी कमला का सर पकड़ कर नीचे से अपने कूल्हे उठाने लगा और कमला के मुंह में पेलने लगा कि तभी कमला चीखी और रंगी ने सामने देखा तो बनवारी ने अपना लंड उसकी बुर में उतार दिया था : अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सेठ जी आज आपका लंड बड़ा क्यों लग रहा है अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह
बनवारी उसके कूल्हे पकड़ कर तेजी से लंड डालता है : इस बात के लिए तो मै जमाई बाबू को शुक्रिया कहूंगा , उनके होने से आज नई ताकत मिल रही है अह्ह्ह्ह तेजी भी बुर आज कुछ ज्यादा ही बह रही है कमला अह्ह्ह्ह


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रंगी : सच कहा बाउजी , आज तक मुझे ऐसा रोमांचक कभी नहीं महसूस हुआ अह्ह्ह्ह्ह रागिनी होती तो खुश हो जाती आज मेरा लंड पकड़ कर

बनवारी ने मुस्कुरा कर रंगी को देखा और समझ गया कि उसका जमाई अभी भी अपनी बीवी के बारे में ही सोच रहा है : क्या जमाई बाबू ,इस पल में भी छोटी को याद कर रहे l
रंगी : क्या बताऊं बाउजी , आज से पहले सिर्फ उसी के साथ मै अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्मम और ओह्ह्ह्ह

बनवारी : जरा एक बार मेरे कहने से इसे भी अपने लंड पर बिठा लो जमाई बाबू
इतना बोल कर बनवारी ने कमला को छोड़ा और वो खड़ी होकर खुद से ही रंगी लाल के ऊपर चढ़ने लगी और दोनों तरफ पैर फेक कर उसका लंड अपनी बुर में ले लिया : अह्ह्ह्ह
कमला के नरम चर्बीदार बदन का स्पर्श और लंड को उसकी बजबजाई बुर में घुसता महसूस कर रंगी पूरे जोश में आ गया : उम्ममम क्या मस्त बुर है तेरी अह्ह्ह्ह उम्मम
वो उसके दूध पकड़ कर मुंह के भरते हुए खुद भी नीचे से झटके देने लगा था,जिसे देख कर बनवारी खुश हुआ : वाह जमाई बाबू ये हुई न बात और मसलिये
बनवारी खड़ा होकर अपना लंड मसलने लगा और रंगी कमला को अपनी बाहों के भर कर उसकी चुची मुंह के भरते हुए अपने पंजों से उसके बड़े चौड़े चूतड़ों को मसलते हुए उन्हें फैलाने लगा और नीचे से तेजी से अपनी कमर चलाने लगा
कमला रंगी के जोश से मचल उठी थी उसकी बुर में तेजी से रस छोड़ रही थी : ओह्ह्ह्ह जमाई बाबू उम्मम अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही तुम्हारा हथियार तो बड़ा गर्म है लग रहा है असल के खूंटे पर बैठी हूं उफ्फ कितना बड़ा है अह्ह्ह्ह चोदो मुझे अह्ह्ह्ह्ह जमाई बाबू


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रंगी कमला के मुंह से बार बार जमाई बाबू सुनकर और जोश में आ जाता है उसे ऐसा महसूस होता है कि वो रज्जो को अपने ससुर के सामने पेल रहा है
रंगी उसको अपनी बाहों में कसते हुए उसके नरम चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर अपने लंड पर खींचने लगा : लो मेरी जान अह्ह्ह्ह और लो उफ्फ तूने तो मेरी सारी अकड़न निकाल दी उम्मम आज तुझे ऐसा सुख दूंगा जो तुम कभी नहीं लिया होगा और रंगी उसको कस कर पकड़े हुए लेकर खड़ा होगा
रंगी के लंड पर सवार कमला और सोफे पर बैठा हुआ बनवारी दोनों एकदम से चौक गए जब रंगी ने उसे अपने लंड पर बिठाए हुए लेकर खड़ा हो गया
बनवारी को समझ आ गया अधेड़ उम्र की बढ़ता ही सही लेकिन उसके छोटे दामाद के लंड में दम तो भरपूर है और उसने देखा रंगी कमला को चूतड़ों से पकड़ हवा में उठाता और लंड पर छोड़ देता ,


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गच्च से कमला की बुर वापस लौट कर रंगी के लंड को भर लेती
ये क्रम चलता रहा रंगी उसको हवा में उठा कर उसको पेलने लगा कमला उसको कंधे से पकड़ ली और सिसकने लगी : ओह्ह्ह्ह उम्ममम जमाई बाबू ओह्ह्ह्ह उम्ममम रुकिए दर्द हो रहा अह्ह्ह्ह गिर जाऊंगी मै
रंगी की हालात कम खराब नहीं थी लेकिन उसे अपने ससुर को अपना जोश दिखाना था और उसने कमला को बिस्तर पर पटक कर आगे से वापस बीमा रुके तेजी से पेलने लगा : क्यों मजा आया मेरी जान उम्मम
कमला मुस्कुरा रही और रंगी के लंड से उसकी बुर छिल गई थी और वो सिसकियां ले रही थी , सच में आज उसने एक अनोखा अनुभव किया था और वो तेजी से झड़ रही थी


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रंगी के लंड को उसने कस लिया था: अह्ह्ह्ह बड़ी चालाक हो रानी उम्मम तुम्हे भी निचोड़ने की कला आती है अह्ह्ह्ह लेकिन इतना आसान नहीं है
रंगी उसके ऊपर आकर तेजी से अपनी कमर चलाने लगा और हच्च हच्च पेलने लगा उसके निप्पल मुंह में भर कर चोदने लगा
और आखिर वो भी अपना लंड निकाल आकर उसके बुर और पेडू के पास झड़ गया और सुस्त होकर बिस्तर पर लुढ़क गया ।

वही किनारे सोफे पर बैठा हुआ बनवारी अपने छोटे जमाई के जोश को देख कर हैरान था और उसका लंड अभी भी एकदम अकड़ा हुआ था तैयार
कुछ देर बाद रंगी की नजर पड़ी तो वो मुस्कुराता हुआ उठ कर बनवारी के पास आया : माफ कीजियेगा बाउजी , वो मै कुछ ज्यादा ही जोश मे.... हाहाहाहाहा

बनवारी उसकी ओर देखते हुए: कमाल कर दिया जमाई बाबू और वो आपने उसको हवा में जो उठाया वो मतलब, कमला इतनी भी हल्की नहीं है
रंगी मुस्कुराने लगा और थोड़ा सा लजा भी रहा था जिस तरह से बनवारी उसकी तारीफ कर रहा था : अरे बाउजी वो सब हो जाता है , जब 2 रोज से चूत न मिले और फिर ये जब मुझे जमाई बाबू कह कर बुला रही थी तो...
बनवारी का लंड फड़का और उसके जहन में एक ख्याल सा उभरा : तो ?
रंगी : मुझे लगा खुद रज्जो दीदी मेरी गोद में उछल रही है तो मै ... हाहाहा ( रंगी ने बनवारी की ओर देखा जो अवाक होकर उसे देख रहा था ) ...सॉरी बाबूजी बस उस समय जो मेरे दिल में आया वही बता रहा हूं वरना आप तो मेरा नेचर जानते है

बनवारी मुस्कुरा कर : पहले तो नहीं लेकिन अब समझ गया हूं बड़े छिपा रुस्तम हो जमाई बाबू हाहाहाहाहा

रंगी हसने लगा और तभी उसने देखा कि कमला उठ कर उनकी ओर आ रही थी : अब आपकी बारी बाउजी हाहाहाहाहा
बनवारी मुस्कुरा कर: साथ में करें तो
रंगी हंसते हुए : ये भी सही है हाहाहाहाहा

सरोजा के घर

राज बाथरूम में जाकर अपनी पेंट खोलकर अपने लंड की अकड़न को शांत कर रहा था और वही कमरे में वसु आई और उसने दरवाजा भिड़का कर गुनगुनाते हुए अपने कपड़े उतारने लगी ।
तभी राज ने फ्लश चलाया और वसु को लगा संजीव अंदर है तो वो ब्रा पैंटी में बाथरूम के बाहर से आवाज देती : जान , थोड़ी जल्दी करना मुझे भी फ्रेस होना है

राज वसु की आवाज सुनकर मुस्कुराया और अपना पेंट सही कर हाथ धूल कर बाथरूम से बाहर निकलने वाला था मगर
वसु को शायद जल्दी थी वो दरवाजे को थपथपाने लगी : जानू निकलो न प्लीज
राज मुस्कुराता हुआ मस्ती में दरवाजा खोल कर : बस गया जानू , अब जाओ
वसु एकदम से चौकी और झट से अपने हाथों से क्रास कर अपने ब्लाउज के क्लीवेज को छुपाती हुई : अरे राज तू
राज मुस्कुराता हुआ दरवाजे पर टेक लेकर खड़ा होता हुआ : हा जानू मै
वसु को अपनी गलती समझ आ गई थी और वो शर्म से लाल हो गई और मुस्कुराती हुई राज को दरवाजे से हटाती हुई : हटो बदमाश कही के

राज खिलखिला कर हंसता हुआ कमरे में आ गया और वसु धड़ से दरवाजा लगाती हुई बाथरूम में चली गई । वही राज इस बात पर खुश होने लगा कि उसने सही समय पर फायदा उठाया मौके का ।

फिर वो मोबाइल चलाते हुए बिस्तर पर एक किनारे टेक ले लिया
5 मिनट बाद वसु बाहर आई हाथों में तौलिया लेकर और कमरे में राज को उसके बिस्तर पर फैला देख कर तौलिया अपने आगे कर ब्लाउज धक लिया: हम्ममम तुम क्या कर रहे थे मेरे बाथरूम में
राज : आपके ? लेकिन अंकल तो बोल कर गए कि ये मेरा रूम है मुझे यही सोना है आज रात , आपके साथ ( आखिर के शब्दों को लगभग राज पी ही गया और वो वसु के कानों तक नहीं गई )
वसु खीझ कर मुस्कुराती हुई : बदमाश कही के , बहुत बाते बनानी आती है तुम्हे और तुम मुझे क्या बोले अभी
राज मुस्कुराने लगा : कब
वसु : अरे
राज : क्या ? बोलो न क्या बोला
वसु शर्माने लगी : कुछ नहीं पागल कही के
राज : अरे अब कोई मुझे इतने प्यार से जानू कहेगा तो मै भला क्यों मना करूंगा
वसु : अच्छा जी , बड़े आए
राज : मै तो सोच रहा हु अपना नाम बदल लूं, राज की जगह जानू रख लू, कैसा रहेगा
वसु : वेरी फनी
राज : फन्नी? इसमें फनी जैसा क्या है
वसु : कुछ नहीं बाबा, अच्छा ठीक तुम थोड़ा बाहर जाओ मुझे चेंज करना है ।
राज : नहीं पहले बताओ मेरा नाम क्या बुलाओगी अब से
वसु मुस्करा कर : राज !!!
राज खड़ा होकर उसके पास आ गया : लेकिन मेरा नाम अब से जानू है न
वसु शर्माने लगी लेकिन उसे फिलहाल कपड़े बदलने थे क्योंकि उसका बदन अब और ये पॉलिस्टर ब्लाउज की खुजली बरदाश्त भी कर सकता था ।
वसु : अच्छा ठीक है , जानू ! खुश ? अब जाओ
ये बोलकर वो अलमारी से अपने लिए एक काटन की नाइटी निकाल रही थी
राज : अरे ये पहनोगे आप ? उम्हू बिल्कुल नहीं
वसु : क्यों ?
राज : मै आपका फैशन डिजाइनर हूं न
वसु मुस्कुराने लगी : अच्छा तो मेरे फैशन डिजाइनर साहब क्या पहनूं मै ,बताइए
राज : उम्मम , आज इतने खास पल पर इतना सिंपल नहीं । आपके पास साटिन नाइटी या दूसरी कोई फैंसी नाइटी नहीं है ।
वसु शर्माने लगी और हसने लगी : क्या मतलब तुम चाहते हो कि मै रात में ना सोऊं
राज : क्या ?
वसु मुस्कुरा कर : कुछ नहीं , हा है लेकिन साटिन नहीं है थोड़ी फैंसी है ।
राज : दिखाओ जरा
वसु थोड़ी पकने लगी थी अब मगर राज से पीछा छुड़ाने का यही तरीका था कि उसकी बातें मानी जाए
तो उसने आलमारी से एक फैंसी शॉर्ट नाइट गाउन निकाला जो लगभग ट्रांसपेरेंट था ।
राज : वाव ये हुआ न कुछ आपके लायक , यही पहनो
वसु : लेकिन पहले बाहर तो जाओ
राज : ऐसे नहीं ..
वसु : फिर ( वसु ने राज को देखा और वो मुस्कुराने लगा तो वसु समझ गई )
वसु हार कर मुस्कुराती हुई : जानू प्लीज बाहर जाओ न
राज हंसता हुआ उसके गाल छू कर : ओके मेरी जानू
वसु राज के इस हरकत से हस पड़ी और राज के जाते ही : कितना पागल है ये लड़का , लेकिन कितना खुश दिल है हिही
तभी उसकी नजर हाथ में लिए कपड़े पर गई : और बहुत ज्यादा शरारती भी
फिर वसु ने अपने कपड़े निकाल कर चेंज करने लगी
वही राज कमरे से बाहर आया और सोचने लगा कि संजीव ठाकुर एकदम से कहा गायब हो गया ।
पूरे घर में सन्नाटा हो गया था । घड़ी की सुई 11 बजे का कांटा पार कर गई । तभी उसे सरोजा का ख्याल आया और वो उसके कमरे की ओर गया लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था ।
उसपे से राज अपना मोबाइल कमरे में बिस्तर पर ही छोड़ आया था । ऐसे इतनी रात में सरोजा का दरवाजा बजाने का मतलब था रिस्क ।

कुछ देर बाद कमरे से आवाज आई जो वसु की थी : आ जाओ बेटा
राज खुश हुआ और कमरे में दाखिल हुआ
उफ्फ क्या नजारा था , ठाकुराइन की शॉर्ट ट्रांसपेरेंट नाइट गाउन उसके घुटने तक ही थी , गोरी दूधिया जांघों और टांगे देख कर राज का हलक सूखने लगा । गाउन ने अंदर से झांकती उसकी मैचिंग ब्रा पैंटी सेट और गोरा बदन , नरम चर्बीदार पेट और गुदाज नाभि। सुंदर चेहरा और पीछे चौड़े चूतड़

वसु ने गला खराश कर : hows I'm looking
राज मुंह खोलकर : woow so sex...
वसु चौकी : क्या ?
राज हड़बड़ा कर खुद को संभालता हुआ : बहुत सुंदर लग रही हो आंटी , अंकल के होश उड़ जाएंगे
ठकुराइन खिलखिलाती हुई : और तुम्हारे
राज मुस्कुराने लगा और शर्मा कर बिस्तर की ओर आता हुआ : मेरा तो फ्यूज ही उड़ गया है उफ्फ
वसु इतरा कर बिस्तर तक आई और कम्बल में घुस गई , राज भी वही बिस्तर के किनारे बैठ गया दूसरी तरफ ।मगर वसु के बदन से आती मादक खुशबू उसे रिझा रही थी और कामोत्तेजित कर रही थी ।

वसु : तुम्हारे अंकल बाहर दिखे क्या
राज : नहीं , बाहर सब बंद है एकदम शांत
वसु : फिर कहा चले गए ये
फिर वो संजीव को फोन लगाने लगी
राज : हो सकता है वो कही दूसरे कमरे में सो गए हो
वसु को हंसी आई : अच्छा , मुझे अकेला छोड़ कर
राज : अरे मै हूं न
वसु हस कर : पागल हो तुम , यार वो अपना रूम छोड़ कर कही और क्यों सोएंगे
राज : क्योंकि उन्होंने ही मुझे यहां सोने को कहा था, अब इस बेड पर वैसे भी तीन लोग कहा आयेंगे
वसु हसने लगी : अरे यार , क्या सच में
राज : आपको कोई दिक्कत है तो मै सोफे पर सो जाऊंगा
वसु : मार खाओगे अब , सोफे पर क्यों सोओगे , ठंड लग जाएगी
राज मुस्कुराने लगा
वसु थोड़ी उलझी थी कि क्या सच राज की बात सही है लेकिन राज को मुस्कुराता देख : हस क्यों रहे हो
राज : देख रहा हूं आप अपने जानू की कितनी फिकर करती है ।
वसु की एकदम से हंसी फुट पड़ी : धत्त बदमाश, चलो सो जाओ मै दरवाजा लगा देती हूं
राज वापस से बिस्तर में आ गया और जैसे ही वसु बिस्तर से निकल कर दरवाजे की ओर गई , उफ्फ उसके बड़े बड़े मटके जैसे चौड़े गोल मटोल चूतड़ उसकी ट्रांसपेरेंस नाइटी से साफ झलक रही थी लगभग पूरी नंगी सी , क्योंकि ठाकुराइन ने जो नाइटी के साथ सेट वाली पैंटी पहनी थी वो थांग वाली थी जो उसके गाड़ के दरारों में घुस गई थी
राज ये हसीन नजारा देख कर अपने लंड को पकड़ने लगा , जो अब बेकाबू हुआ जा रहा था । वसु ने कमरे का दरवाजा बंद किया और जैसे ही घूमी तो उसकी नजर राज पर गई , जिसमें अभी अभी अपनी नजरे उससे फेर कर मोबाइल में कर लिया था ।
वो समझ गई कि अभी अभी राज ने क्या देखा और उसे थोड़ी शर्म आई लेकिन उससे ज्यादा खुद पर नाज हो रहा था कि जवान लड़के भी उसके हुस्न के दीवाने हो रहे थे अब ।उसने कमरे की बत्ती बुझाई और बिस्तर में आ गई ।
कुछ देर की चुप्पी के बाद
राज : सॉरी आंटी
वसु : अरे क्या हुआ , सॉरी क्यों
राज : मेरी वजह से अंकल नहीं आए और आपकी स्पेशल नाइट बेकार हो गई , सॉरी
वसु मुस्कुरा कर : ओहो तुम फिक्र न करो , हमारी सभी नाइट स्पेशल ही होती है
राज : हा लेकिन आज का दिन आपके लिए खास था और आप कितनी अच्छे से रेडी होकर उनका वेट कर रही थी
वसु शर्माती हुई हस कर : अब बस करो , मुझे शर्म आ रही है बाबा
राज : नहीं सच में मुझे अफसोस हो रहा है अंकल के लिए
वसु : हम्म्म तो तुम ही बताओ अब क्या करूं मैं तुम्हारे अंकल के लिए वो कल सुबह जब उठे तो दुखी न हो
राज कुछ सोचता हुआ : एक तरीका है , लेकिन पता नहीं आपको पसंद आयेगा या नहीं
वसु : अब बताओगे भी , या खुद से जज कर लोगे
राज : क्यों न मै आपकी तस्वीरें निकालू इस ड्रेस में और आप सुबह में अंकल को दिखा देना
वसु कुछ सोच कर : वैसे ये सही है, उनकी यही सजा होनी चाहिए मुझे अकेला छोड़ कर जाने की । देखेंगे तो समझ आयेगा बच्चू को हिहीही चलो करते है ।
वसु एकदम से खड़ी हो गई और कमरे की बत्ती जला दी
राज भी फुर्ती से खड़ा हो गया ।
राज चतुराई दिखाते हुए जल्दी जल्दी अपने मोबाइल का कैमरा खोलने लगा और तभी वसु की नजर उसके ऊपर गई तो वो मुस्कुराती हुई : बदमाश कही के , अपने मोबाइल से नहीं मेरे मोबाइल से निकालो
राज मुस्कुराने लगा और वसु के हाथ से उसका मोबाइल लेकर कैमरा खोलने लगा और सामने वसु बड़े ही कामुक अंदाज में खड़ी हो गई


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राज का लंड उसके पैंट के फनकार मारने लगा और सामने वसु अपने शोख अदा से राज की देखती हुई पोज दे रही थी , उसने बड़ी अदा से अपने पारदर्शी नाइटी के सिरे जांघें के पकड़ कर ऊपर सरकाने लगी ,जिससे उसकी दूधिया वैक्स हुई जांघें दिखने लगी
राज का मूड बन रहा था और उसका लंड पेंट में अकड़ा जा रहा था और फूलने लगा उसने अपनी वासना को टालने के लिए बात करते रहना उचित समझा : वीडियो भी बना दु क्या

वसु मुस्कुरा कर मदहोश नजरो से उसे देख कर : हा क्यों नहीं


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वसु के कहने की देरी थी कि राज उसका वीडियो शूट करने लगा और उसने नीचे बैठ कर उसकी गदराई जांघों और मटके जैसे चूतड़ों को फोकस रखते हुए ऊपर खड़े होते हुए वीडियो बनाने कहा उसने वसु के बड़े बड़े रसीले मम्में को भी फोकस किया , वसु पूरे कमरे में टहलते हुए सोफे की ओर गई और एकदम से घूम कर अपनी टांगे उठा कर सोफे पर रख दी और बड़ी मादक नजरो से राज की ओर देखा

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वसु राज को वीडियो लेता हुआ देख : थोड़ा करीब से ले न
राज मुस्कुराने लगा और वापस से वसु के पास जाकर करीब से उसके पारदर्शी नाइटी के बीच झांकते हुए नंगे चूतड़ों और दरारों में फंसी हुई पेंटी को फूल फोकस्ड तस्वीरें निकाली


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फिर वो थोड़ा नीचे की ओर जाने लगा जिससे वसु के मोटे चूतड़ों पर उठी हुई नाइटी के नीचे से उसके नंगे चूतड़ के उभार नजर आने लगे थे कि वसु ने उसे टोकते हुए झट से अपने चूतड़ छुपाने लगी नाइटी से : धत्त बदमाश इतने भी करीब से नहीं लेना है हीही
राज मुस्कुरा कर पीछे होते हुए: सॉरी
वसु मुस्कुरा कर अब दूसरे पोज देने लगी थीं कि तभी दरवाजे पर दस्तक हुई

राज : लगता है अंकल आ गए
वसु एकदम से घबराई , हालांकि मस्ती मजाक में उसने राज के साथ थोड़ी घुल मिल गई थी लेकिन पति के सामने ? : तू तू सो जा
राज : क्या ?
वसु : हा तू जल्दी से बिस्तर में सो जा
राज : अरे अंकल ही होंगे न तो उनसे क्या डर
वसु : ओहो , अगर अंकल की जगह कोई और हुआ तो इसीलिए बोल रही हूं जा अब
राज को ठाकुराइन की बात सही लगी और वो झट से मोबाइल लिए हुए तेजी से कम्बल में घूस गया ।
इधर वसु गहरी सांस लेती हुई दरवाजे की ओट में छिप कर दरवाजा खोला और एकदम से संजीव कमरे में आ गया।
संजीव पहले तो वसु को डांटने वाला था लेकिन जैसे ही उसकी नजर वसु पर गई वो एकदम रुक गया : डार्लिंग तुम , वाऊव सो सेक्सी यार
वसु एकदम से इतराई : हूह , अब आ रहे हो
संजीव उसके पास जाके उसको एकदम से अपनी बाहों में भर लिया : सॉरी जान , बस घर के ही काम देख रहा था
संजीव ने जैसे ही वसु को अपने करीब किया , वसु को एकदम से राज का ख्याल आया और उसने उसकी ओर देखा जो कम्बल के मुंह डाले था । उसकी बेचैनी बढ़ने लगी : ऊहू छोड़ो न क्या करते हो
संजीव उसने नरम चर्बीदार चूतड़ों को सहलाते हुए उसके खुले गर्दन और सीने को चूमने लगा : अपनी जान को प्यार और क्या

वसु उसको अपने से दूर करने की कोशिश कर रही थी लेकिन नाकाम थी : उम्मम छोड़ो न , पागल हो राज कमरे में ही सोया है
संजीव ने उसको झटके से घुमाया और पीछे से पकड़ कर उसके रसीले मम्में हाथों के भरने लगा : जो सो गया है उसकी क्या फिक्र मेरी जान , मुझे तो तुम्हारी रस भरी कटोरी चाटनी है
वसु के बदन में आज एक अलग ही तरह का उमंग मचलने लगा था ,उसके जिस्म में अजीब सी कंपकंपी हो रही थी , पूरे बदन पर उसके पति का कब्जा था और मन में बस राज , कि कही वो कम्बल से निकल कर झांके नहीं
इधर संजीव ने पीछे से उसकी नंगी पीठ पर जीभ चलाने लगा , नीचे उसका लंड पेंट में अकड़ा हुए वसु के चूतड़ों में चुभने लगा , संजीव के दोनों हाथ वसु के चूचों को पकड़े हुए थे : सीईईई अह्ह्ह्ह जान प्लीज मान जाओ न , अह्ह्ह्ह्ह
संजीव : सुबह से तड़पा रही हो अह्ह्ह्ह और पार्टी के अपने इन चूतड़ों को मटका मटका कर मुझे पागल कर दिया तुमने ( सजीव ने उसके चूतड़ों को सहलाते हुए कहा )
वसु एकदम से मदहोश होने लगी थी और धीरे धीरे उसके मन से राज के कमरे में होने का ख्याल धुंधलाता जा रहा था , लेकिन वही इतनी देर में राज ने वसु के मोबाइल से कुछ ऐसा करने में व्यस्त था जिसकी भनक फिलहाल वसु को नहीं हो रही थी । जैसे ही राज का काम पूरा हुआ उसने कम्बल से मुंह निकाला और उसके कानो के मादक सिसकियां उठने लगी और जैसे ही उसने दरवाजे के पास देखा उसकी आंखे बड़ी हो गई लंड पेंट में अकड़ने लगा
सामने संजीव ने वसु को दरवाजे से लगा कर घुमा कर खड़ा किया था और खुद नीचे बैठ कर उनकी नाइटी उठाए गाड़ चाट रहे थे


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वसु दोनों हाथों से दरवाजे का सहारा लेकर अपनी एड़ियां उठाए दरवाजे से चिपकी थी , उसके पैर थरथरा रहे और बुर बजबजा रही थी , जिसके फांकों को मुंह में लेकर संजीव चुबला रहा था : उम्मम मेरी जान कितनी मुलायम और चिकनी चूत है तेरी अह्ह्ह्ह कितनी रसीली है अह्ह्ह्ह उम्मम
वसु : आपको पसंद है न मेरे राजा ओह्ह्ह्ह आपके लिए ही की है अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम खा जाओ उम्मम अह्ह्ह्ह्ह
संजीव ने एकदम से उसे घुमाया और सामने से उसकी बुर पर मुंह लगा दिया , जैसे ही वसु घूमी पल भर के लिए उसने राज की ओर देखा और पाया कि वो कम्बल के ही है , अगले ही पल फिर उसकी फ़ाको रस से भर आई और संजीव उसके फांकों को मुंह लेकर चूसने लगा और


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वसु के सर को पकड़ कर अपनी चूत पर लगा कर सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्मम यश जान उम्मम अह्ह्ह्ह्ह और चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
वसु पूरी तरह से कांपने लगी और भलभला कर झड़ने लगी , गर्म गर्म लावा उसकी बुर से बहने लगा और उसने संजीव का सर अपने बुर के आखिर तक फड़कने तक चिपकाए रखा और फिर हल्की होकर हांफने लगी , नीचे उसके पैर में बैठा संजीव उसकी चिकनी जांघें सहला रहा और चूम रहा था । पल भर के लिए सही लेकिन वसु की चेतना लौट आई थी और वो इससे पहले कि संजीव और आगे बढ़े झट से बिस्तर की ओर भागी : कर लिए है मन की , अब सो जाओ चुपचाप
संजीव एकदम से हैरान हो गया कि ये क्या उसके साथ खड़े लंड पर धोखा : ये ये तो चिटिंग है
वसु कम्बल के जाती हु : चुप रहो यार राज यही सोया है
संजीव एकदम से रुक गया और भिनकते हुए अपने कपड़े निकालने लगा और वही राज वसु का मोबाइल किनारे रख चुका था और सोने का नाटक का रहा था ।
इधर संजीव अपने कपड़े निकाल कर सिर्फ बनियान और अंडरवियर में दूसरी तरफ से वसु के बगल में सो गया
वसु मुस्कुरा लगी कि आज उसने कुछ डेयरिंग बाजी की और राज को भनक तक नहीं हुई । कमरे की बत्ती बंद हुई और राज ने अपना मुंह कम्बल से बाहर निकाला हांफते हुए , अभी भी उसका लंड अकड़ा हुआ था अंडरवियर में , वसु की बुर चुसाई देखते हुए ही उसने अपना पेंट घुटनों तक कर लिया था और उसका हाथ अभी भी अपने लंड को सहला रहा था कि तभी उसे एक हल्की फुसफुसाहट आई जो वसु की थी : क्या करते हो , नहीं , बोल न कल करेंगे
तभी संजीव ने हल्के से वसु के कान में बोला: बस डाल लेने दो , वो शांत हो जाएगा , पक्का कुछ नहीं करूंगा
वसु भुनभुनाकर संजीव की ओर पीठ कर दी और संजीव ने हौले से अपना लंड बाहर निकाला और वसु की पैंटी खींच कर उसके चूतड़ों पर चढ़ाने लगा : ये भी ढीली कर दोगे क्या ?
संजीव अपना टोपा उसके रस भरे बुर के फांके पर लगाता हुआ : दूसरी दिला दूंगा मेरी जान अह्ह्ह्ह
वसु संजीव के गर्म लंड के स्पर्श से कसमसाने लगी : तुम कुछ दिलाओगे? मुझे ही लेना पड़ेगा फिर से , पता है कितनी मुश्किल होती है ऑनलाइन ब्रा पैंटी मंगवाना अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम आराम से जान उम्मम
संजीव : बस हो गया एक दो धक्का दूंगा संभाल लेना
वसु अपने मुंह पर हाथ रखे हुए अपनी सांसे और सिसकिया रोकने का प्रयास करती हुई : हम्ममम
और अगले ही पल संजीव ने नीचे से झटके देने लगा , वसु अपना मुंह पर हाथ रखे हुए सिसकियां पीने लगी
बिस्तर के दूसरी तरफ हलचल मच गई थी , राज को साफ साफ पता चल रहा था कि ठाकुराइन की पेलाई शुरू है , उसका भी लंड एकदम फड़फड़ाने लगा था , उसमें भी करवट लेकर अपना लंड निकाल दिया और खुली हवा में हिलाने लगा , गजब का सुख मिल था उसे


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इधर संजीव ने अंधेरे में वसु के चूचे नंगे कर दिए और उन्हें मसलने लगा, नीचे से उसका लंड तेजी से वसु की रस छोड़ती बुर में जा रहा
वसु का ध्यान पूरी तरह से राज पर था उसे पता था राज जैसा शरारती और चालाक लड़का इतनी जल्दी सोने वाला नहीं , लेकिन वो बेबस थी
अपने पति के बाहों में कसमसाती हुई उसके ताबड़तोड़ झटके ले रही और कुछ ही देर में संजीव उसकी बुर में झटके खाने लगा और आखिरी बूंद तक वसु के बुर में भर दिया । दोनों हाफ रहे और समय देखकर राज ने भी अपना लंड अंडरवियर के डालना सही समझा ।
क्योंकि अगले ही पल वसु उठ कर बाथरूम चली गई और कुछ देर बाद वापस आई तो देखा संजीव सो रहा था ।
धीरे से वो वापस दोनों के बीच में आई और बिस्तर में घुस गई , अभी भी उसका दिल जोरो से धड़क रहा था और उसने हल्का सा राज की ओर मुंह करके पूछा : सो गए क्या राज ?

राज ने शरारत भरे जवाब में कहा : आप लोग सोने दो तब न
वसु मुस्कुरा उठी उसकी हसी निकल पड़ी : धत्त बदमाश, चलो सो जाओ
राज हंसता हुआ : ओके गुड नाइट आंटी
वसु : गुड नाइट हीही,

मदन ममता

रात जैसे जैसे गहरा रही थी , अमन के घर में वासना ने अपने पाव पसारने लगी थी । बेचैन मदन ममता के कमरे में चक्कर लगा रहा था बाथरूम के पास
अभी अभी ममता उसको कमरे में इंतजार करने का बोल कर बाथरूम में गई थी । मदन अपना लंड भींच रहा और उसे थोड़ा डर भी था क्योंकि ममता जैसी चतुर औरत कही उसका पोपट न कर दे ।

मदन तपड़ कर अपना लंड जांघिया में मसलते हुए : भाभी आओ न और कितनी देर
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और ममता इतराती हुई अपने एक हाथ से दरवाजे पर टेक लेकर दूसरे हाथ को अपने बदन पर लहराती हुई : कमिंग बेबी

मदन ने जैसे ही की ममता को बाहर आते देखा उसका मुरझाता उम्मीद छोड़ता लंड एक बार फिर से फड़क उठा , सामने ममता उसी ब्रा पैंटी सेट में खड़ी थी जिसे मदन ने उसके बाथरूम के लटकी हुई देखा था । जब वो ममता को टॉवल देने गया ।
बड़े बड़े रसीले मम्में आपस में चिपके हुए थे उस पारदर्शी ब्रा में ,जिसमें में ममता के मोटे दाने वाले दोनों निप्पल पूरी तरह बिजीबल थे । गदराया बदन चर्बीदार पेट और हल्के झूलते पेडू के नीचे मैचिंग पैंटी जो उसकी फूली हुई चूत को ढकने में पूरी तरह से नाकाम
चौड़े कूल्हे बाहर की ओर निकले हुए और पीछे से पैंटी पूरी उसके मोटे चूतड़ों के बीच दरारों में घुसी हुई थी

मदन उसको देखता हुआ आगे बढ़ा : क्या ये वही है
ममता ने मुस्कुरा कर हा में सर हिलाया तो एकदम से मदन ने उसकी कमर में हाथ डालते हुए अपनी ओर खींच लिया : उफ्फ कितनी सेक्सी लग रही हो भाभी उम्मम


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मदन ने उसके लिप्स चूसने लगा और ममता एकदम से चौकी लेकिन फिर मदन की बाहों के खुद को ढीला छोड़ दिया , दोनो एक दूसरे के होठ चूसने लगे और मदन के हाथ ममता के चौड़े चूतड़ों पर रेंगने लगे
कभी वो उन्हें अपने पंजों से फाड़ता तो कभी उनपर हाथ फेरकर नीचे से उन्हें ऊपर खींचता और कभी कभी दोनों पंजे से जोरदार थप्पड़ एक साथ ममता ने गोरे मोटे चूतड़ों पर जड़ता जिससे ममता झन्ना जाती : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम देवर जी मार क्यों रहे हो अह्ह्ह्ह्ह
मदन : भाभी तुम्हारी गाड़ , क्या मस्त चीज है उफ्फ
ममता मुस्कुरा कर मदन की आंखों में देखते हुए : और भी बहुत सी मस्त चीजें है मेरे पास



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मदन समझ गया और झटके से उसे घुमाते हुए ब्रा के ऊपर से उसके रसीले मम्में हाथों में भर लिए और मसलने लगा : उफ्फ भाभी सच कहा , ये भी कितनी रसीली है उम्मम कितनी बड़ी है आपकी छाती उम्मम
ममता मदन की बाहों में कसमसाती हुई अपने गाड़ को उसके लंड पर धकेलती हुई सिसक कर : उम्ममम सम्भाल तो लोगे न देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मदन अपना लंड जांघिये के नीचे से ममता के गाड़ के दरारों में पेलता हुआ उसके दोनों छातियों को हाथ में भर कर मसलता हुआ : कोई शक है क्या
ममता : उम्ममम वो तो आपका खूंटा देख कर पाता चलेगा कि कितना देर तक बांध पाओगे मुझे उम्मम
एकदम से ममता घूम गई और मदन को अपने आगे कर लिया और उसके जांघिया को खोल कर लंड बाहर निकालने लगी
एकदम से ममता की आंखे चमक उठी , सामने आठ का मोटा लंबा तना हुआ लन्ड हवा में झूल रहा था , घंटों से मदन ने मिज मिज कर उसको लाल कर दिया
ममता समझ गई कि इस घर के मर्दों को मर्दानगी आशिर्वाद में मिली है सब एक से बढ़ कर एक है
ममता ने आगे बढ़ कर तुरंत मदन का लंड हाथ में ले लिया और मदन सिहर उठा : उफ्फ भाभी कितने मुलायम हाथ है आपके उम्ममम
ममता मुस्कुराई और उसके आड़ को टटोल कर उसके सुपाड़े की टिप पर किस करते हुए ऊपर देखा , मदन के बदन में कंपकपी सी मची थी वो आगामी रोमांचक सफर की राह देख रहा और जैसे ही उसने ममता को अपने सुपाड़े को मुंह में भरते देखा , जैसे ही ममता के नरम होठ उसके संवेदनशील सूखे सुपाड़े को खरोचने लगे वो आंखे बंद कर हवा में उड़ने लगा और तभी मुंह में एक जादू हुआ ममता ने उसके सुपाड़े को मुंह में थोड़ा देर होल्ड रखे हुए मुंह लार बटोरने लगी और फिर उसे अंदर जीभ से सुपाड़े पर लगाने लगी , इस अहसास से मदन अकड़ गया और उसकी एड़ी तन गई, गाड़ पिचक कर अंदर हो गए और पीठ पूरी टाइट हाथों से उसने ममता का सर पकड़ लिया।


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ममता ने उसको रिलीफ देते हुए लंड बाहर निकाला और लंड को चूमने लगी और वापस से मुंह में भरने लगी : ओह्ह्ह भाभी क्या मस्त चीज हो तुम, इतनी परफेक्ट चुस्ती हो ओह्ह्ह गॉड उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह भाभी हा और लो

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ममता चूसते हुए गले तक लंड ले जाती और बाहर निकाल देती , मदन के बेचैनी अब उसके हाथों के उतरने लगी उसके हाथ आगे बढ़ कर ममता के मम्मो को ब्रा में घुस कर उन्हें मसलने लगे और वो उन्हें बाहर निकाल कर मिजने लगा

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: उफ्फ भाभी भैया तो रोज इनमें झड़ते होंगे न , रोज इनमें पेलते होंगे न
ममता मुस्कुराई और अपने देवर के दिल के अरमानों को पूरा करते हुए उसका लंड पकड़ कर अपने दोनों छातियों में रखते हुए : आप भी देख लो देवर जी , लेकिन झड़ना मत हीही

मदन ने जैसे ही अपना लंड ममता की गर्म छातियों के महसूस किया एकदम से उसका जोश दुगना हो गया और वो अपना गिला लंड ममता ने रसदार मोटे मम्मे में घिसने लगा : ओह्ह्ह भाभी ये तो मेरी उम्मीद से भी ज्यादा नरम जगह है अह्ह्ह्ह सीईईईईई



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ममता की हालत भी कम खराब नहीं थी जैसे जैसे मदन अपना लंड उसकी चूचियों में पेलता उसके दोनों निप्पल और फड़कने लगते : अभी असल नर्माहट तक आप पहुंचे कहा देवर जी ओह्ह्ह्ह हा ऐसे ही रगड़ो मेरी छातियों को ओह्ह्ह्ह तुम्हारे लंड की गर्मी मुझे पागल कर रही है
मदन पूरे जोश में पेलने लगा : ओह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह कितनी मस्त औरत हो तुम , काश तुम मेरी बीवी होती तो रोज तुम्हारे चूचों को अपने लंड से नहलाता
ममता उसे छेड़ते हुए : बस इन्हें ही और कही नहीं
मदन : सच कहूं तो भाभी मुझे तुम्हारी बड़ी मोटी गाड़ बहुत पसंद है और मैं भैया कि जगह होता तो तुम्हारी मोटी गाड़ को फैला कर सूंघता और चाटता
ममता मुस्कुराई और उठकर बिस्तर पर घोड़ी बनती हुई पूरी पेट के बल हो गई : आजो देवर जी, आज की रात मै आपकी हूं , जैसे चाहो मुझे प्यार करो
मदन उसके चूतड़ों को सहलाता हुआ आगे बढ़ा और झुक कर सीधा अपने नथुनों को उसके बड़े चौड़े चूतड़ों के दरारों ले गया जो झुकने की वजह से खुल गई थी ,


वहा ममता के गाड़ सूंघते हुए उसका सुपाड़ा मुंह खोलने लगा

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उसने पैंटी के ऊपर से ममता के बहती चूत के निचले हिस्से पर जीभ फिराई और ममता के गाड़ के सुराख से आती गंध को नथुनों में भरने लगा
और उससे यही रुका न गया तो उसने ममता की पैंटी वही साइड कर जीभ से उसे गाड़ के लाल सुराख को कुरेदने लगा , एकदम से मदन की जीभ को अपने गाड़ के सुराख को छेड़ता पाकर ममता सिसक उठी और बिस्तर पकड़ने लगी , इधर मदन उसके चूतड़ों को पंजों से फाड़े हुए अपनी थूक से उसके गाड़ को गिला किए जा रहा था
ममता : ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई खा जाओ उम्मम क्या मस्त चाट रहे हो ओह्ह्ह मै तो पागल हो जाऊंगी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई
ममता की सिसकिया सुनते ही मदन अपनी जीभ से उसके गाड़ के छेद में घुसने लगा और मदन एकदम से तड़प उठी उसके अपनी गाड़ की सुराख को कस लिया : ओह्ह्ह देवर जी अंदर घुसाओगे तो झड़ जाऊंगी मैं अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह, मेरी बुर बह रही है उसका भी ख्याल करो न मेरे राजा अह्ह्ह्ह्ह


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मदन समझ गया कि ममता को अब लंड चाहिए और उसने ममता की पैंटी खींच कर उसके निकालने लगा और फिर ममता पीठ के बल हो गई , मदन की नजर उसकी बहती हुई बुर पर गई और बिना एक पल गवाए वो उनपर टूट पड़ा


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: ओह ये हुई न बात मेरे राजा अह्ह्ह्ह खा जाओ उम्मम अह्ह्ह्ह्ह कबसे गीली हो कर मुझे तंग कर रही थी ओह्ह्ह्ह उम्ममम उम्मम जीभ डालो न अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई अह्ह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह
मदन अब समझ गया कि यही सही समय है आर उसने अपनी पोजीशन बनाते हुए ममता के पैर हवा में उठाए और लंड को उसकी बुर में लगाते हुए हचक से उतार दिया । उसका मोटा लंबा तना हुआ लन्ड ममता की चिपकी हुई बुर को चीरता हुआ अंदर जाने लगा और मदन ने शुरू से ही अपनी स्पीड पकड़ ली




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ममता अपनी बुर को भरा हुआ महसूस कर रही थी , मदन का लंड उसके चूत में रगड़ रहा था और वो सिसकियां लेने लगी , मस्ती में हाथ पीछे कर मस्त हुई जा रही थी : ओह्ह्ह्ह देवर जी बस ऐसे ही रुकना मत

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मदन : अह्ह्ह्ह भाभी इतनी चर्बीदार चूत मिले तो रुकना क्यों , अह्ह्ह्ह तुम्हारी बुर कितनी गहरी है भाभी ओह्ह्ह्ह
मदन पूरा हमच कर ममत की बुर की गहराई के लंड उतार रहा था
ममता : आपका लंड भी कम नहीं है अंदर तक जाने में उफ्फ आप तो मेरी बुर और गहरी कर दोगे अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह फिर आपके भैया
मदन : क्यों भैया अंदर तक नहीं पहुंचे पाते
ममता ने ना में सर हिलाया मुस्कुरा कर : उम्हू पेट ज्यादा निकला है न उनका
मदन थोड़ा घबराया : फिर आप कैसे रहते हो
ममत मुस्कुराई और थोड़ा उठ कर बोली : बताऊं कैसे

मदन पीछे हो गया और ममता ने उसे बिस्तर पर लिटाते हुए उसके ऊपर आ गई और लंड को अपनी बुर में भरते हुए बैठ गई : ओह्ह्ह्ह भाभीईइाई उम्मम ये तो बहुत ही मस्त अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म


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ममता : फिर मुझे ऐसे ऊपर आकर लेना पड़ता है अपना हक , फिर मै उन्हें ऐसे निचोड़ लेती हु
ममता अपनी गाड़ फेंकते हुए उसका लंड बुर में सुरकने लगी : ओह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह क्या मस्त ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई, ओह लग रहा है ये आपका फेवरेट पोजीशन है तभी तो आप इतने अच्छे से ओह्ह्ह्ह


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अपनी तारीफ सुन कर ममता और जोश में आ गई और उसने आगे झुक कर अपने चूचे मदन के मुंह पर झुलाने लगी : आपके भैया भी ऐसे पागल हो जाते है अह्ह्ह्ह सीईईईईई उम्मम्म काटते क्यों हो उम्मम निशान पड़ जायेंगे अह्ह्ह्ह सीईईईईई
मदन उसकी चुचीया मुंह में भर कर पीने लगा


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ममता उसको अलग कर उसके ऊपर हो गई और तेजी से अपनी गाड़ फेंकते हुए मदन के सुपाड़े पर पूरा जोर देने लगी
मदन की हालत खराब होने लगी ,उसे समझ आ गया कि अब समय आ गया और उसने कमान अपने हाथों में लेते हुए खुद भी नीचे से अपनी कमर उछालने लगा
ममता की बुर अब बजबजा उठी और मदन उसको अपने ऊपर खींच कर उसको एकदम से कस लिया और तेजी से नीचे अपनी गाड़ उठा कर उसकी रसाई बुर के पेलने लगा
ममता इस अहसास के लिए बरसो तरसी थी कि कब उसका पति उसको अपने ऊपर लेकर नीचे से ऐसे लंबे तेज झटके देकर अपने मोटे लंड को उसकी लंबी गहरी चूत में घुसाएगा , बार बार मदन का लंड नीचे से उसके बच्चेदानी के मुंह को चोट कर रहा था और ममता ने एकदम से अकड़ने लगी और उसकी जांघें कसने लगी उसने मदन का लंड एकदम से अपनी बुर के छल्ले के कस लिया और चीखती हुई झड़ने लगी : अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह रुकना मत उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
मदन को अपने लंड पर एक नया अहसास होने लगा , ममता ने इस कदर अपनी बुर में उसका लंड पकड़ रखा था कि बुर में उसकी रस रुकने लगी और गर्म गर्म लावा मदन के सुपाड़े को जलाने लगा , मदन इस अहसास से पागल हो उठा और पूरी ताकत से वो नीचे से झटके देते हुए चिंघाड़ने लगा: ओह्ह्ह्ह भाभी अह्ह्ह्ह बस ऐसे ही टाइट रखो अह्ह्ह्ह आयेगा मेरा अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी मस्त चूत है तुम्हारी भाभी

ममता उसको और जोश दिलाने लगी : हम्ममम पेलो और चोदो मुझे अह्ह्ह्ह भर दो मेरी बुर , और गहरी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई ओह्ह्ह्ह
मदन : ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम भाभीइई अह्ह्ह्ह आ रहा है अह्ह्ह्ह सीईईई अह्ह्ह्ह उम्मम अह्ह्ह्ह्ह


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मदन एक के बाद एक तेज पिचकारी ममता के बुर के देता रहा और फिर ममता ने अपनी बुर ढीली कर दी और मदन के साथ साथ उसकी बुर का पानी भी बाहर निकलने लगा और मदन अंत तक जबतक कि उसके लंड की नशे पंप होती रही वो अपने झटके जारी रखे रहा ।
फिर दोनों सुस्त होकर एक दूसरे से लिपट गए हांफते हुए मुस्कुराते हुए।

जारी रहेगी
Badiya Update brother ❤️
 

Raj Kumar Kannada

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