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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी भाइयो और मेरे पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
💥💐💥
उम्मीद करता हूँ ये दीवालि आपके जिवन खुशियो से भरपूर और मस्त रही हो

एक अनुरोध है सभी से ये कहानी का अगला भाग नये साल यानी 2025 से ही शुरु हो पाना संभव है
तो मेरी दुसरी कहानी अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया को तब तक पढे

जब ये कहानी शुरु होगी
सभी को सूचित किया जायेगा

एक बार फिर सभी का धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 113
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE
[ MEGA ]

अब तक
इनकी खरीदारी तो हो गयी थी मगर सबके मन में अपनी अपनी प्लानिंग थी घर जाकर
रमन और सोनल तो अपने अपने हमसफर से संपर्क बनाने मे व्यस्त थे ।
वही रज्जो और राजन की रात मे एक और धमाकेदार चुदाई की तलब हो रही थी ।
पल्लवि अनुज को छेड़ कर मजे लेने की योजना बना रही थी वही अनुज फिर से पल्लवि के होठो से जुड़ने को परेशान हुआ जा रहा था और उसके मन में काफी सारे सवाल थे ।
इधर ममता ने तय कर रखा था कि अब वो जबतक अपने भैया के साथ चुदवा न ले उसे चेन नही पडेगा तो वो भी नयी योजनाये बना रही थी कि कैसे कम्ल्नाथ से नजदीकिया बड़ाई जाये ।
फिर कमलनाथ की हालत कम खराब नही थी वो भी अपनी बहन के साथ समय बिताने को उतावला था और उसे अंडरगरमेंट्स वाले सेक्सन मे हुए वक्तव्यो पर चर्चा करनी थी जो बार बार उसे उत्तेजित किये जा रही थी ।

अब आगे
शाम 4 बजे तक सारे लोग रेस्तरां से खाना खाने के बाद घर आ गये फिर अपने अपने समानो के साथ अपने अपने कमरो मे चले गये आराम करने के लिए और थकान के कारण लगभग सभी लोग सो जाते है।

शाम को 6 बजे के करीब रज्जो उठती है तो पहले खुद फ्रेश होकर कमलनाथ को जगाती है । फिर शाम के नास्ते की तैयारी करने निचे किचन मे जाती है ,,जहा ममता पहले से चूल्हे पर चाय चढा कर , दुसरे चुल्हे पर चिप्स निकाल रही होती है ।


रज्जो - अरे ममता क्या तू भी अकेले अकेले लग गयी ,, मुझे जगा देती ना

ममता - भाभी ये मेरा भी घर है ना ,, आप सिर्फ अपना हक ना जताया करो

रज्जो हस कर ममता को छेड़ते हुए - हा हा क्यू नही यहा का सब तेरा ही तो है यहा तक कि मेरे पति भी तेरे है हिहिहिहिही

ममता तुनकते हुए - हा तो , वो मेरे भैया मेरे ही रहेंगे ना

रज्जो हस कर ममता के करीब जाकर - हा तो अपने भैया का लण्ड भी लेले फिर हिहिहिही

ममता शर्मा कर - धत्त भाभी आप भी ना , हटिये मै भैया को चाय देके आती हू

रज्जो ह्स कर - एक बार उनको अपना दुध पिला के तो देख ,,,, हिहिहिही

ममता बिना कुछ बोले ह्स्ते हुए उपर निकल गयी और कमलनाथ के कमरे मे घुसती है ।

कमलनाथ सोफे पर बैठा टीवी पर न्यूज़ देख रहा था और ममता को कमरे मे आते देख आवाज स्लो कर दिया

कमलनाथ - अरे ममता आज तू लाई है चाय ,,

ममता हस कर - क्यू भाभी को ही भेजू क्या हिहिहिही

कमलनाथ ह्स कर - अरे नही ऐसी बात नही ,,, आ बैठ बताता हू

ममता ह्स कर ट्रे टेबल पर रख सोफे पर कमलनाथ के बगल मे बैठ गयी - हा बोलो अब हिहिहिही

कमलनाथ - अरे वो मुझे याद आ गया ना शादी के पहले तो तू ही मेरा ख्याल रखती थी और आज कितने सालो बाद तेरे हाथ की चाय मिल रही है इसिलिए बोला

ममता हस कर - ओह्ह्ह ये बात ,मै समझी आपको भाभी की याद आ रही है हिहिहिहिही

कमलनाथ हस कर - हाहहह्हा तू ना बिल्कुल नही बदली ,,अब भी उतनी चंचल है

ममता बस शर्मायी
कमलनाथ थोडा रुका और ममता को निहारा , ममता अपने भैया द्वारा खुद को ऐसे निहारे जाने पर थोडा अटपटा महसूस कर रही थी ,उसकी दिल की तरंगे तेजी से अपनी साइकिल बनाये जा रही थी ।

कमलनाथ ने उसकी ओर से नजर हटा कर चाय का सिप लेते हुए थोड़ा झिझक भरे लहजे मे बोला - ममता वो कपडे तुने नापे , साइज़ सही है ना

ममता की सासे अटक गयी कि भैया ये क्या पुछ रहे है - न न नही भैया क्यू

कमलनाथ चाय की सिप लेते हुए - वो अगर साइज़ छोटा ब्डा हुआ तो बदल सकते है 2 दिन का समय रहता है उसमे

ममता थोडा नजरे नीची करके- नही भैया मैने पहना नही अब तक
कमलनाथ - ठीक है ट्राई करके बताना

ममता हस कर धीरे से फुसफुसाती है जिसे कमल्नाथ सही से सुन नही पाता - क्यू आप देखोगे क्या हिहिहिही

कमलनाथ थोडा अनुमान लगाते हुए - मतलब, मै सुना नही फिर से कहो

ममता इस बार शर्मा कर लेकिन हस्ते हुए -वो वहा दुकान पर क़ो औरत कह रही थी ना कि मै वो पहन कर आपको दिखाऊ ,,,कही आप अब भी तो वही नही सोच रहे है ना हिहिहिही

कमलनाथ ममता की बात सुन कर धक्क सा रहगया लेकिन ममता का खिलखिलाता चेहरा देख कर वो मुस्काराया - क्या तू भी ,,,, मजे ले रही है मेरे हा ,,उसने तो तेरे पति यानी राजन के लिए कहा था ना हिहिहिही

ममता शर्मा कर - हा लेकिन तब उस वक़्त मेरे पति आप थे ना हिहिहिहिही

कमलनाथ के दिल की धड़कने ममता के इस वक्तव्य से और तेज हो गयी औए उस्का लण्ड मे उठाव होने लगा । उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले वही एक ओर अच्छे से ये भी जान रहा था कि ममता उसकी खिचाई कर रही है क्योकि ये उसकी बचपन की आदत थी । मगर कमलनाथ के मन मे कुछ और भी ख्याल थे जो वो ममता से खुले शब्दो मे कह नही सकता था ।
कमलनाथ कुछ विचार किया और सोचा कि अभी फिल्हाल के लिए अपनी भाव्नाओ को किनारे कर थोडा बहुत ममता से हसी मजाक ही कर लिया जाये

कमलनाथ - ह्म्म्ं बात तो सही है ,,, इसका मतलब तुम मेरे सामने

ममता कमलनाथ की बाते पूरी करने से पहले ही ह्स्ते हुए - छीईई भैया क्या आप भी ,, मै कैसे आपके सामने ,,,मतलब सम्झिये ना मुझे शर्म आयेगी ना


कमलनाथ ममता के मुह ऐसे बाते सुन कर उसे मह्सूस हुआ कि मानो एक तल पर ममता उस बात के तैयार है जो वो खुद चाहता है ,,मतलब ममता उसके सामने वो ब्रा पैंटी पहन के आना चाहती है और उसे दिखाना चाहती है मगर रिश्ते की मर्यादा और लाज वस वो ऐसा करने से कतरा रही है ।

इधर ये सब विचार आते ही कमलनाथ का लंड अंगड़ाई लेने लगा ।

कमलनाथ ह्स कर - धत्त पगली , तू ऐसे कह रही है मानो मै कोई गैर हू ,,,याद है बचपन में मा से ज्यादा तू मेरे हाथो से नहाना पसंद करती थी और तुझे मै ही कपडे पहनाता था , स्कूल के लिए तैयार करता था ।

ममता बचपन की उन यादो का अह्सास पाते ही उन्हे अब के समय के हिसाब से जोड कर कल्पना करने लगी कि अगर अभी उस्के भैया उसे नहलाते और तैयार करते तो,,,ममता उस कल्पना मात्र से ही गनगना गयी और उसके दिल की धडकनें तेज हो गयी ।

ममता नजरे नीची किये शर्मा कर - हा लेकिन भैया तब मै छोटी थी और अब मै

कमलनाथ - अब क्या ???
ममता झिझक कर - अब मै बडी हो गयी हू भैया तो कैसे ??
कमलनाथ हस कर - माना कि तू बडी हो गयी , तेरी शादी भी हो गयी और तेरे बच्चे भी है मगर इनसब के बाद भी हम दोनो का रिश्ता तो वही ही है ना जो तब था । मेरे लिए तू तो आज भी मेरी छोटी बहन है गुड़िया जैसी

ममता अपने भैया के मुह से इतनी गहरी बाते सुन के एक बार नजरे उठा कर उनको देखती है तो वो उसे ही देख रहा था ।
ममता शर्मा कर वापस नजरे निचे करते हुए - आपकी बात ठीक है भैया लेकिन

कमलनाथ हौले से ममत की ठुडी को उठाके उसकी आंखो मे देखता हुआ - लेकिन क्या ममता , माना कि आज तेरे कपड़ो के साइज़ बदल गये है , तू पहले से और सुन्दर दिखने लगी है , मगर इनसब से मेरी वो प्यारी चंचल गुड़िया बदल तो नही गयी ,,,तू तो आज भी वैसी ही है जैसे तब थी ।

ममता कमलनाथ की बातो पर शर्मायी
कमलनाथ उससे कबूलवाते हुए -बोल मै कुछ गलत कह रहा हू
ममता मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाती है
कमलनाथ ने मौका देख के अपनी जुठी चाय का कप उसकी ओर देख कर - ले चल तू भी पि ,,याद है तेरी शादी होने तक हम दोनो एक ही ग्लास मे चाय पीते थी और एक ही थाली मे खाते थे

ममता हस कर कमलनाथ के हाथ से चाय का प्याला लेके सिप लेती है - हिहिहिही हा भैया याद है

फिर ममता थोडा सोचते हुए - पर !!!!
कमलनाथ अचरज से - पर क्या ??
ममता शर्मा कर ह्सते हुए - वो आप अपना मोबाईल दे दीजिये मै वो कपडे पहन के फ़ोटो निकाल के दे दूँगी आपको ,,मगर ऐसे आपके सामने नही

कमलनाथ की आंखे चमक गयी मगर वो अपनी भावणाए छिपात हुआ - हाहहाहा तू अब भी उसके बारे सोच रही है ,,, पागल कही की मै यहा हमारे बचपन की बाते कर रहा हु।

ममता को लगा उसने उस्ताह मे कही जल्दी तो नही कर दी ।मगर कमलनाथ के अगले वक्तव्य से उसकी गलतफहमी दुर हो गयी ।

कमलनाथ - ले ये मेरा मोबाइल,,, निकालना हो तो अच्छी तस्वीरे निकालना ,पगली कही की

ममता भी कमलनाथ के साथ हसने लगती है ।

फिर ममता वहा से मोबाईल लेके अपने कमरे मे चली जाती है जहा राजन अभी तक सो रहा होता है ।
वही इनसब के अलग निचे के हाल मे पल्लवि चाय की चुस्कियां लेते हुए बार बार अपने रसिले होठो को कभी दाँतो से चबा कर तो कभी उन्पे अपनी गुलाबी नुकीली जीभ फिरा कर अनुज को उत्तेजित कर रही थी ।

अनुज की हालत खराब हो रही थी और उसे बहुत डर लग रहा था कि कही कोई पल्लवी को ऐसे सब करते हुए देख ना ले
मगर पल्लवी इनसब साव्धानियो के लिए बहुत ही चालाक थी वो सारे पैतरे सोच समझ कर ही चलाती थी ।

थोडी देर मे सारे लोग हाल मे एकजुट हुए और फिर खाने की प्लानिंग होने लगी ।

ऐसे मे कमलनाथ थोडा मूड बनाने की फिराक मे था मगर ममता नही चाह रही थी कि आज उसके भैया कोई नशा करे क्योकि वो आज उन्हे अपनी जवानी का नशा कराणे के मूड मे थी ,,,लेकिन दिक्कत ये थी कि रज्जो और राजन के रहते वो अपने भैया के साथ रात मे कैसे रुके ।

वही रज्जो और राजन इसी फिराक मे थे कि कमलनाथ और ममता के रहते कैसे कोई काम हो ।
इनसब के अलग पल्लवि और अनुज की अपनी बेचैनी थी , वो दोनो भी इस गहरी रात का फाय्दा लेके अपने विचारो और भावानाओ का आदान प्रदान करने की फिराक मे थे लेकिन सोनल जोकि देर रात तक अपने होने वाले पति से बाते करती थी , बिना उस्के सोये उन दोनो का काम अधूरा था
कमलनाथ - चलो राजन छत पर चलते हैं, थोडा टहल लिया जाये
कमलनाथ की बात पर ममता गुस्सा कर बोली - नही भैया आप लोग यही बैठो कही जाने की जरुरत नही है

राजन - क्या बात है तू ऐसे नाराज क्यू हो रही है
राजन के वक्तव्य से ममता को समझ आया कि वो ओवररियेक्शन दे रही है ।

कमलनाथ - हा ममता क्या हुआ बता तो
ममता कुछ सोच कर - क्या भैया आपको तो कुछ पडी ही नही है मेरी ,,,ये नही इतने साल बाद आयी हू कुछ बाते मेरे साथ भी करे ,बस रोज पीकर सो जाते है आप

ये बोलते हुए ममता थोडी रुआसी हो जाती है
कमलनाथ को कुछ समझ नही आता है कि अचानक से क्या हुआ इसको ,,फिर वो ममता को भावुक होता देख उसके पास गया और बोला - ओह्ह्ह सॉरी ना ममता ,, आज से पीना बंद , जबतक तू है हम रोज बाते करेंगे ठीक है

ममता थोडा खुश होते हुए - और सिनेमा
कमलनाथ अचरज से - सिनेमा मतलब
ममता फिर से मुह बनाते हुए - भूल गये ना , जब मै गाव थी तो आप ही बोले थे हम सबको सिनेमा ले जाने के लिए , आपको तो कुछ याद भी नही रहता

पल्लवि - हा मामा , आप बोले , जबसे आये हैं हम लोग बस काम काम काम

कमलनाथ हस कर - अच्छा ठीक है भई, कल हम सब लोग सिनेमा जायेन्गे खुश ।

पल्लवि चहक कर - हिहिहिही जी मामा

कमलनाथ - और ममता तू
ममता इतरा कर - हा वो ठीक है लेकिन बाकी का अभी खाने के बाद बताउन्गी आपसे बाते करते हुए


सारे लोग ममता की मासूमियत और भोलेपन हस रहे थे ,,वही ममता मे ब्ड़ी चालाकी से आज रात अपने भैया के साथ बिताने का प्लान बना चुकी थी ।

फिर कमलनाथ वही हाल मे बैठ कर आगे की तैयारियो के बारे मे बाते करने लगे ।

थोडी देर बाद किचन मे सारी महिला मंडली जमा हुई और खाना बनाने की तैयारियो मे सब लग गये ।

पल्लवि जो कि सिनेमा जाने को काफी आतुर हुए जा रही थी वो सोनल से बोली - दीदी कल आप क्या पहनोगे

सोनल - मै सोच रही हूँ कल जीन्स डाल लू ,,काफी समय से नही पहना हिहिहिही

पल्लवि चहक कर - फिर तो मै भी आज जो नयी जीन्स ली है वही पहन के चलूंगी हिहिहिही

सोनल ममता से - तो बुआ आप लोग क्या पहन मे जाओगे

ममता हस कर - हमारी किस्मत मे जीन्स कहा बेटी हिहिहिहिही ,, कुल्हे चौडे हो गये हैं हमारे , क्यू भाभी

रज्जो हस कर - अरे ऐसी कोई बात नही है, मेरे पास मेरे नाप के जीन्स है हिहिहिही

रज्जो की बात पर पल्लवि सोनल और ममता चौके

सोनल - सच मे मौसी , लेकिन आपको देखा नही कभी ऐसे हिहिहिही

रज्जो हस कर - वो तेरे मौसा लाते रहते है मेरे लिए कभी कभी कुर्ती के साथ डाल लेती हू

सोनल चहक कर - फिर कल आप भी जीन्स ही पहनना मौसी

पल्लवि - लेकिन फिर मम्मी अकेले साड़ी मे रहेगी क्या

रज्जो - अरे ऐसे कैसे ,,,मेरे पास कुछ पुराने जीन्स है वो ममता को फिट आयेन्गे

ममता एक पल को खुश हुई फिर भी अपने दिल की भावनाओ पर नियंत्रण करते हुए - धत्त भाभी क्या आप भी ,,,इस उम्र मे जीन्स पहनूँगी हिहिहिही

रज्जो हस कर - अरे एक बार पहन के निकलो तो मेरी ननद रानी ,,,,, जवाँ लौंडे भी पागल होकर इन कसे चुतडो को घुरेन्गे हिहिहिही

रज्जो की बात पर सोनल और पल्लवि मुह दबा कर हसने लगे ।

ममता रज्जो की बातो का जवाब देते हुए - आपके सामने मेरे कुल्हे को निहारेगा भाभी हिहिहिहिही

रज्जो हस कर - कोई निहारे या ना निहारे तेरे भैया जरुर निहारेंगे हिहिहिहिही

ममता अपने भैया के सामने जीन्स मे जाने के अह्सास से ही सिहर गयी और हस कर बोली - क्या भाभी चूप करो , बच्चे है हिहिहिही

फिर सारे लोग ऐसी ही मस्तिया करते हुए खाना बनाने मे लगे रहे । वही हाल मे जेन्स लोग बैठे हुए आप्स मे बाते कर रहे थे लेकिन सब के सब मानसिक रूप से कही और ही खोये हुए थे ।
थोडी देर बाद सारे बच्चे लोग खाना खाकर अपने अपने कमरो की ओर निकल गये ,,,सोनल के साथ जाते वक़्त पल्लवी ने अनुज को आंख मारी और मुस्कुरा कर उसके साथ निकल गयी । अनुज भी कुछ सोचते हुए अपने कमरे मे गया
फिर रमन भी अपने कमरे मे चला गया ।

स्बके जाने के बाद हाल मे राजन रज्जो ममता और कमलनाथ बैठे हुए थे ।

राजन आज ममता के साथ नही बल्कि रज्जो के साथ थकने के मूड मे था तो वो सोचा कि क्यू ना नीद आने का बहाना किया जाये ताकि ममता सो जाये जल्दी फिर वो और रज्जो

राजन अंगड़ाई लेते हुए - उम्म्ंम्ं चलो ममता सोते है ,,आज ब्ड़ी थकान है

रज्जो राजन के बहाने को समझ कर मुस्कुराई

ममता ने जब ये सुना कि आज राजन जल्दी सोने वाला है तो वो और भी चहक उठी कि अब वो थोडा समय अपने भैया के साथ बिता सकती है ।
लेकिन रज्जो के रहते कैसे ?? कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा

कमलनाथ - हा भाई चलो आराम किया जाय
फिर सारे लोग उपर अपने कमरे मे गये ।

रज्जो औए कमलनाथ कमरे मे जाते ही अपने अपने आरामदायक कपडो मे आ गये ।
रज्जो ने अपनी साडी निकाल दी , वही कमलनाथ सिर्फ़ जांघिया और बनियान मे ।

वही बगल के कमरे मे राजन जाते ही बिस्तर पे लेट गया और सोने का नाटक करने लगा ,,वही ममता को इस्स्से कोई फर्क नहीं पडा वो तो अपने भैया के पास जाने की योजना बनाते हुए अपने गहने उतारे कर सोच रही थी कि उसे एक विचार आया । उसने तय किया कि अब वो जीन्स के बहाने कमलनाथ के पास जायेगी ।

ममता एक नजर राजन को देखी तो बोली - ए जी मै अभी भाभी के पास से आती हू थोडा कुछ काम है

राजन जोकि सोने का नाटक कर रहा था वो हम्म्म्म बोलके वैसे ही लेटा रहा ।

ममता चहकते हुए कमरे से बाहर निकली और रज्जो के कमरे मे घुस गयी ।

ममता के कमरे मे आते ही कमलनाथ स्तर्क हो गया

कमलनाथ फौरन उठ कर एक गम्छा लेके लपेट लिया और बोला - अरे ममता तू यहा ,,,कोई बात है कया

ममता थोडा अटक कर रज्जो को देखते हुए - हा वो भाभी मुझे अपनी एक जीन्स देने वाली थी ट्राई करने के लिए

कमलनाथ चौक कर ममता को देखा कि उसकी बहन इस उम्र मे जीन्स पहनेगी

रज्जो मुस्कुरा कर - अरे हा मै तो भूल ही गयी , रुक देती हू
फिर रज्जो उठ के अपनी आलमारी से कुछ जीन्स निकाल कर बिस्तर पर रखती है

रज्जो - ले इसमे से जो तुझे अच्छा लगे लेले
ममता कुछ सोच के - ये मुझे हो जायेंगे ना भाभी

कमलनाथ - क्या तू भी ममता ,,अरे यही पहन कर देख ले ना

रज्जो कमलनाथ के बात पर मुस्कुराई और ममता को छेड़ने के अंदाज मे बोली - हा क्यू नही , चल उतार साडी हिहिहिही

ममता शर्मा कर एक नजर कमलनाथ को देखा और बोली - हिहिहिही क्या भाभी आप भी

कमलनाथ - अच्छा ठीक है तुम लोग ट्राई कर लो मै उपर से फ्रेश होकर आता हू

फिर कमलनाथ कमरे से बाहर निकल कर जीने की ओर चला गया ।

कमलनाथ के जाते ही रज्जो हस कर - अरे क्या हुआ इतना अच्छा मौका था भैया के सामने नंगा होने का हिहिहिही

ममता शर्मा कर -खुद होती है ना वही काफी है हिहिहिहिही

फिर ममता ने साड़ी निकाली और फिर पेतिकोट निकाल कर सिर्फ बलाउज पैंटी मे आ गयी ।

रज्जो ने मौका देख के फौरन ममता के अधनंगे चुतडो पर चप्प से हाथ से थ्पेड़ा जिससे ममता सिहर गयी

ममता हस कर - आऔउउउच्च्च भाभी क्या कर रही है हिहिहिही लग रहा है
रज्जो - ओह्हो ये गोरे चुतड एक बार अपने भैया को दिखा तो सही पागल हो जाएंगे तुझे चोदने के लिए

ममता जीन्स मे पाव डालते हुए - क्या भाभी कितना गन्दा सोचती है आप हिहिहिही

रज्जो हस के - गन्दा कहा रही है तू ,,कभी कभी तो मै अगर चुदते वक़्त तेरा नाम ले लेती हू तो तेरे भैया दुगनी जोश से मुझे चोदते है हिहिहिही

ममता जीन्स को अपनी कमर पर च्धाते हुए - हिहिहिही क्या भाभी आप भी ना
ममता - देखो ना कैसा लग रहा है

रज्जो - अब ये तू अपने भैया को ही दिखा के पुछ हिहिहिही

ममता - अरे नही नही भैया के सामने ऐसे कैसे मुझे शरम आयेगी और दुपट्टा भी नही है

रज्जो - तू तो ऐसे बोल रही है जैसे कभी तेरे भैया ने चुचिया देखी ही नही ,,

ममता - भक्क भाभी आप भी ना ,,,अच्छा थिक है बुला लो लेकिन पहले आप भी पहनो जिंस फिर

रज्जो ह्स कर - इसमे क्या है
ये बोल कर रज्जो ने फौरन अपना पेतिकोट खोलकर निचे गिरा दिया ।

ममता की नजर रज्जो के पुरे नन्गे खुले गाड और चुत पर गयी तो वो चौककर - भाभी आप ऐसे ही रहती है क्या हिहिहिही

रज्जो जीन्स पहनते हुए - हा तो , तेरे भैया के सिवा किसी की हिम्मत है क्या जो मेर पेतिकोट उठा दे हिहिहिही

ममता ह्स कर - आपसे कोई नही जीत सकता भाभी हिहिहिही
इधर रज्जो ने कमर पर जीन्स कर बटन बंद करते हुए - चल ठीक है अब बुलाऊ तेरे भैया को

ममता थोडा हिचक कर - हम्म्म्म ठीक है
रज्जो लपक कर बाहर दरवाजे के पास आई तो कमलनाथ गलियारे मे टहल रहा था

रज्जो हस्कर - हमम्म आईए

कमलनाथ थोडा मुस्कुरा कर कमरे में घुसता है तो उसकी नजर दरवाजे की ओर पिठ करके बिस्तर के पास खड़ी हुई ममता पर गयी।

जिसके बडे बडे चुतडो के उभार और मास्ल जान्घे जीन्स मे कसे हुए थे । कमर पर चर्बी एक्थ्था हूई थी और उपर कसा हुआ ब्लाउज था ।

कमलनाथ की नजरे ममता के गुदाज गाड से हट ही नही रही थी ।
जिससे उसके मन मे एक उत्तेजना ने जन्म ले लिया था ,, आज सुबह से ही वो अपनी बहन के लिए अगल ही अनुभव महसूस कर रहा था और उसका ऐसा रूप देख कर उसका लण्ड कड़क होने लगा जिससे गमछे के उपर उसका उभार दिखने लगा ।

वही रज्जो ने जब अपने पति को व्यस्त देख कर एक नजर उसके उभरे लण्ड पर गयी तो वो मुस्कुरा उठी ।

वो इतरा कर आगे चल के ममता के बगल के खड़ी हुई और उसे घुमा कर कमलनाथ के सामने करते हुए बोली - तो बताईये जी कैसी लग रही है ननद भौजाई की जोडी हिहिहिहो

कमलनाथ की नजर जब सामने से ममता के खुले सीने और चुचियो के उभारो पर गयी और फिर उसने ममता के गुदाज पेट के गहरी नाभि को देखकर थुक गटकते हुए जीन्स पर चुत वाले जिससे पर नजर मारी तो गनगना गया ।

फिर उसकी नजर रज्जो पर गयी दोनो आज क्यामत लग रही थी ।

कमलनाथ थोडा झिझक कर - अरे वाह बहुत खूब जंच रहा है तुम दोनो पे

रज्जो इतराई और फिर अपना मोबाईल कमलनाथ को देते हुए - फ़ोटो निकालिये ना प्लीज

ममता चौकी और रज्जो को ना मे सर हिला कर मुस्कुराइ

रज्जो - क्या नही ,निकालो जी आप
फिर कमलनाथ ने उन दोनो गदराइ हसिनाओ की तस्वीरे निकालनी शुरु की

रज्जो ने कभी आगे भी पीछे तो कभी साइड से पोज दे देके अपना और ममता की तस्वीरे निकाली ।
रज्जो कमलनाथ के हाथ से मोबाइल लेके - अरे वाह !! देख तो ममता तू कितनी अच्छी दिख रही है हिहिहिही रुक मै नंदोई जी को दिखा के आती हू

ममता - अरे नही भाभी , वो सो रहे है
रज्जो खिलखिला कर - अरे ये फ़ोटो देख के उनकी नीद गायब होने वाली है ।

चुकी रज्जो को समझ आ गया था कि कमलनाथ की हालत उसकी बहन की कसे चुतडो को देख कर खराब है तो क्यू ना इन दोनो को आपस मे फ्से रहने दिया जाये और मै एक राउंड नंदोई जी चुदवा कर फटाफट चली आऊ ।

इसिलिए रज्जो भागते हुए मोबाइल लेके राजन के कमरे मे घुस गयी ,,,ममता लपक कर उसकी ओर गयी उसके पहले रज्जो ने जानबुझ कर दरवाजा अंदर से बन्द कर दिया ।

इधर ममता हस्ते हुए वापस कमलनाथ के कमरे मे आ गयी ।

कमलनाथ हस कर - अरे छोड उसको आ बैठ
ममता - भैया ये भाभी को बाँध के रखिये हिहिहिहिहू बहुत शैतान है
कमलनाथ हस कर - तू भी तो कम नही है

ममता थोडी शर्माइ और बोली - ठीक है भैया मै ये कपडे बदल के आती हू ।
फिर ममता अपना पेतिकोट लेके बाथरुम मे घुस गई । मगर वहा उसका जीन्स उसके कूल्हो पर कस गया था जो निचे हो ही नही रहा था । निराश होकर ममता हाथ मे पेतिकोट लेके वापस कमरे मे आ गयी ।

कमलनाथ - अरे ममता क्या हुआ तुने चेंज नही किया
ममता थोडा शर्मा कर - हा भैया वो जीन्स नही निकल रही है ,,टाइट है बहुत

कमलनाथ - अरे तो इसमे क्या है ,, आ इधर मै मदद करता हू
ममता आंखे बडी करते हुए - लेकिन भैया
कमलनाथ - अच्छा ठीक है भई रुक मै दरवाजा भिड़का देता हू ,,,तू भी ना

ममता अपने सर पर हाथ मारते हुए हसने लगती है ।

कमलनाथ दरवाजा बंद करके वापस ममता के करीब आता है
कमलनाथ वही बेड पर बैठते हुए ममता को सामने किया

कमलनाथ - ला इधर आ
ममता थोडा शर्माते हुए - रहने दो ना भैया
कमलनाथ - तो क्या ऐसे ही रहेगी तू हा
ममता - वो मै निकाल लूंगी ना बाद मे
कमलनाथ थोडा झूठमुट का गुस्सा दिखाते हुए - तू चुपचाप खड़ी रह ,,, देख रहा हू कबसे निकाल ही रही है ।

ममता अपने भैया के इस प्यारे गुस्से पे बहुत दुलार आता है और वो मुस्कुरा देती है ।
इधर कमलनाथ ममता के जीन्स का बटन खोलने की कोसिस करता है लेकिन बार बार उसकी उंगलियाँ ममता के गहरी नाभि को छू रही थी ,, कमलनाथ भी सीधेपन का दिखावा तो कर रहा था मगर उसके दिल की नियत अब काफी हद तक गंदी हो चुकी थी वो अब अपनी बहन को अपने हाथो से नंगी करने के फिराक मे था ।

कमलनाथ - जरा पेट अन्दर कर तो
ममता मुस्कुरा कर पेट को पुरा जोर लगा के पिचकाया और मौका पाकर कमलनाथ ने जीन्स का बटन खोला ।

फिर कमलनाथ ने जीन्स का चैन पकड कर निचे करने लगा,,, हर सरकते खाँचे के साथ दोनो भाई बहनो के दिल की धडकन तेज हो रही थी ।

धीरे से कमलनाथ को चैन के गैप से ममता के गुलाबी पैंटी की झलक मिलने लगी ।
उसके लण्ड ने अंगड़ाई लेनी शुरु कर दी ,,,यहा ममता ने देखा कि उसके भैया की नजरे उसकी चैन के गैप मे ही खोयी हुई है ।
कमलनाथ ने एक नजर उपर किया तो ममता ने फौरन आंखे बन्द कर ली ।
कमलनाथ ने जीन्स के किनारो को पकड़ा और साइड से उतारना शुरु किया । शुरुवाति किनारो से होते हुए जीन्स आधे कूल्हो तक आते आते अटक गयी ।

कमलनाथ के जोर लगाने के बाद भी वो ममता के गाड के उभार से निचे नही उतर रही थी ।

कमलनाथ ने बिना कुछ बोले ममता को उसकी कमर को पकड कर घुमा दिया ,,,जिस्से ममता थोडी सी चहकी फिर कमलनाथ नाथ ने ममता की जीन्स को पीछे से पकड़ कर खींचा लेकिन फिर से उतना जोर नही लग पा रहा था ।

कमलनाथ मन मे - उफ्फ़ ये तो ममता के गाड पर अटक ही गयी है कैसे करु ,,,हा निचे बैठ कर निकालता हू

कमलनाथ फौरन बिस्तर से उतर कर ममता के पीछे घुटनो के बल हो गया और इस बार जोर लगा कर जीन्स को निचे किया और एक ही झटके जिंद जांघो तक आ गया और इस झटके से कमलनाथ का सन्तुलन थोडा बिगडा और उसका चेहरा सीधा ममता के गद्देदार गाड के पाटो से जा लगा ।

ममता सिसकी और कमलनाथ ने खुद को सम्भाला और उसकी नजर पैंटी मे कैद उसकी बहन की फैली हुई गाड़ पर गयी । पैंटी के किनारे से गाड़ की गोरी चमडी पर उभरे हुए खडे रोए ममत की बेचैनी बयां कर रहे थे
कमलनाथ फटी हुई आंखो से ममता के गुदाज गाड़ को निहारते हुए थुक गतकने लगा इधर ममता के बदन मे भी सिहरन सी हो रही थी ।

ममता ने जब जाना कि उसके भैया को रुके ज्यादा समय हो गया तो वो बोली - क्या हुआ भैया निकाल दो ना अब
कमलनाथ चौक के - अब ब ब हा हा तू अब बिस्तर पर बैठ जा इसको खिच कर निकालना पडेगा

ममता थोडी मुस्कुराई और घूम कर बिस्तर पे बैठ गयी ।
कमलनाथ ने अब सामने से ममता के कमर के निचे नजर दौडाई ।
उसकी मासल जांघो के बिच की पैंटी उसके चुत के चिपकी हुई थी और निचले हिस्सो पर पर कुछ गीली थी ।

ममता ने बेड पर हाथो को टिका कर अपने पैर आगे किये
क्मल्नाथ का लण्ड अबतक तन चुका था और गमछे के उपर उसका उभार साफ नजर आ रहा था जिसे ममता भी देख कामुक हुई जा रही थी ।

कमल्नाथ मुस्कुरा कर जीन्स को पकड कर जोर लगा कर खिंचता है और ममता टाँगे उठाते हुए हस्ते हुए बेड पर गिर जाती है ।

ऐसे मे कमलनाथ की नजर ममता के चुत से हटी नही और जब जीन्स निकल गया तो ममता ने एक गहरी सास लेते हुए पैरो को फ़ोल्ड करके लेट गयी ।

जिससे उसकी चुत का हिस्सा कमल्नाथ और भी फुला हुआ नजर आया साथ ही उसकी नजरे ममता के चुत के उन बालो पर गयी जो उसकी पैंटी के बाहर की ओर निकाली थी ।
ममता इनसे अलग आंखे बंद किये आने वाले पल को लेके अपने ही ख्वाब बूने जा रही थी कि इसके आगे भैया क्या करेंगे ।

तभी कमलनाथ ममता के बगल मे आके बैठा तो ममता को अह्सास हुआ और वो फौरन उठ कर बैठ गयी और उसने लपक कर अपनी पेतिकोट को उठाकर अपनी जांघो पर रख लिया जिसे देख कर कमलनाथ हसने लगा

ममता कमलनाथ को हस्ते देख - अब क्यू हस रहे हो आप हम्म्म्म्ं

कमलनाथ - देख रहा हू तू आजकल अपना ध्यान नही रख रही है
ममता अचरज से - मतलब

कमलनाथ धीरे से उसके कान के पास जाकर - वो तेरे निचे अब भी बाल है ,,,गरमी के मौसम मे इससे बिमारी फैलती है

ममता कमलनाथ की बाते सुन कर हस दी और शर्माते हुए - वो मुझे वहा के बाल बनाने नही आते ,,,डर लगता है

कमलनाथ ममता की प्रतिक्रिया पर चहक कर - डर , लेकिन कैसा

ममता - वो कही कट ना जाये इसिलिए
कमलनाथ - अरे तो क्रीम यूज़ किया कर ना
ममता - वो कैसे ,,, मुझे तो नही आता
कमलनाथ मौका देखके - अरे इसमे क्या है ये तो आसान है , चल बाथरुम मे बताता हू तुझे

ममता की आंखे बडी हो गयी और उसकी दिल की धडकनें तेज होने लगी कि अब उसके भैया उसके चुत के बाल बनाने वाले है, मतलब वो निचे से पूरी नंगी होगी और वो उसे सहलायेगे दुलारेंगे ।
इस कल्पना के सोचने से ही ममता की चुत फड़फड़ाने लगी ।

कमलनाथ उठा और ममता की कलाई पकड कर उसे उठाता है तो ममता खुद को रोकने की ताकत लगाते हुए ह्सती है ।
कमलनाथ हस्ते हुए - अब चल नही तो गोदी मे उठा के ले जाऊंगा ह्हाहहहहा

ममता थोडी शर्मा गयी और मौका देखकर कमलनाथ उसे खिच कर बाथरुम की ओर चल दिया ।
इधर जहा इनदोनो भाईबहनो के रंगमच सेट हो रहे थे , वही बगल मे कमरे मे राजन रज्जो की जिंस को जांघो तक करके उसकी कसी हुई गाड़ मे गोते लगाये जा रहा था ।
रज्जो सिसकिया लेते हुए - आह्ह जीजा जी जीन्स निकाल लेने दो ना बहुत टाइट जा रहा है अन्दर उम्म्ंम्ं

राजन - तो चुदवाओ ना भाभी जी ,,,मुझे बहुत मजा आ रहा है ऐसे ओह्ह्ह कितना कसा हुआ लग रहा है

राजन रज्जो के गाड़ पर थ्पेड़ जडते हुए तेजी से लण्ड को गचगच पेले जा रहा था ।
यहा उपर के फ्लोर पर जो चल रहा था उसके अलग निचे के हाल मे दो जवाँ दिल आपस मिलने को बेकरार थे ।

अनुज कुछ सवालो के जवाब में बार बार कमरे से बाहर होकर पल्लवि के कमरे तक जाता और फिर वापस हाल मे चक्कर लगाता ,,,उसे उम्मीद थी की पल्लवि जरुर आयेगी ।

इधर कमरे मे सोनल अमन के साथ कॉल पर धीमी आवाज मे रोमांटिक बाते किये जा रही थी जिससे पल्लवि की तलब और भी बढ रही थी ।

सोनल भी समझ रही थी पल्लवि की हालत कि उसके बात करने से पल्लवि थोडा शर्मा रही है और असहज महसूस कर रही है ,,लेकिन वो उसे चिढा देती कि उसकी शादी तय होगी तो उसको भी मौका मिलेगा ।

पल्लवि ह्स देती है और फिर बाथरूम का बहाना मारकर कमरे से बाहर निकल जाती है ।
वही पल्लवि के दरवाजे पर आहट सुनते ही अनुज अपने कमरे मे घुस जाता है और आगन्तुक का इन्तजार करता है ।
पल्लवि दबे पाव अनुज के कमरे की ओर जाती है और उसके दरवाजे पर जाकर हल्की सी आवाज देती है - अनुज

अनुज खुद दरवाजे के पास खड़ा होता है वो पल्लवि की आवाज सुनते उसकी दिल की धड़कन तेज हो जाती है ,,होठ अचानक से सुखने लग जाते है फिर भी वो हिम्मत करके फौरन दरवाजा खोलता है ।

पल्लवि मुस्कुरा कर बिना कोई आहट के फौरन कमरे मे घुस जाती है ।

अन्दर जाते ही अनुज दरवाजा बंद कर देता है और दोनो की निगाहे एक दुसरे से टकराती है तो पल्लवि मुस्कुरा देती है ।

अनुज भी मुस्कुरा देता है
पल्लवि ह्स कर - आओ ना बैठते है ।
अनुज कापती हुई आवाज हा कहता है और दोनो बिस्तर पर पैर लटका के बैठ जाते है ।

दोनो चुप थे लेकिन उन्के दिल की तेज धडकनें साफ सुनी जा सकती है ।
अनुज ने पहल करते हुए - वो वो मुझे तुमसे कुछ पूछना है
पल्लवि ने एक गहरी सास ली और सोची कि चलो इसने पहल तो की ।

पल्लवि खुद को नोर्मल रखते हुए - हा बोलो ना
अनुज तेज धड़कते दिल के साथ थुक गटकते हुए बडी ही हिम्मत से मुह खोला - वो वो वो,,, तुमने माल मे वो क्यू किया

पल्लवि हस कर - वो क्या
अनुज पल्लवि की आंखो मे देख कर अपने होठो पर एक ऊँगली रखते हुए - यहा पर वो

पल्लवि अनुज की मासूमियत पर पिघल गयी और अपनी गरदन आगे बढा कर एक बार फिर से अनुज के होठो को चुमते हुए - इसकी बात कर रहे हो तुम ना हिहिहिही

अनुज सकपका गया कि ये पल्लवि ने फिर से क्यू किया और इसको डर भी नही लग रहा है ।

अनुज अपने होठ अन्दर कर एक बार उनपर जीभ फिरा कर सीधा किया और अटकते हुए बोला - अ ब ब हा मतलब वही ,, ये गलत है ना

पल्लवि चहक कर - इसमे क्या गलत है पागल हिहिहिहिही
अनुज अपने होठ पोछता हुआ -पता नही लेकिन अगर कोई जान गया तो

पल्लवि अब थोडा अनुज के और करीब आते हुए अपने हाथ उसके जांघो पर रख कर उसकी आंखो मे बडी ही कामुक अदा से देखते हुए बोली - यहा हमारे अलावा कोन है ,,,, बस तुम और मै

पल्लवि के होठ फिर से अनुज के होठो के करीब जा रहे थे और अनुज अपने चेहरे को पीछे किये जा रहा था
अनुज एक अलग ही उत्तेजना और पल्लवि के हाथो के स्पर्श से कपकपा रहा था ,, उसके होठ फड़फ्ड़ा रहे थे ।

उसके पेट मे तितलिया उड़ने लगी और दिल की धडकनें पहले से भी तेज हो गयी ।
पल्लवि ने और आगे होकर उसके होठो पर अपने नरम तपते हुए होठ रख दिये ।

अनुज के बदन पल्लवि के होठो का स्पर्श पाते ही पिघलने लगा ,,उसका लण्ड अकडने लगा और उसने धीरे से अपने होठ को खोला
पल्लवि ने तुरंत उसके निचले लिप्स को मुह मे दबोच लिया ।

अनुज अब भी काप रहा था और ब्स वैसे ही ठहरा हुआ था । पल्लवि पुरे जोर से उसके होठो को चूसे जा रही थी लेकिन काफी समय तक उसने जब अनुज की प्रतिक्रिया नही पाई तो उसने खुद उसका हाथ पकड कर अपनी कमर पर रखा ।

अनुज फिर से सिहर उठा उसने हिम्मत करके टीशर्ट के उपर से पल्लवि के कमर को सहलाया ,,,वो स्पर्श उसे एतना कामुक कर गया कि उसने भी जोश में आकर पल्लवि के उपरी होठ पर पकड बना ली और धिरे धीरे लय बनाते हुए पल्लवि के साथ ही उसके होठ चूसने शुरु कर दिये ।

पल्लवि इस समय सोनल की ही टीशर्ट और लोवर पहने हुए थी ।

धीरे धीरे पल्लवी किस्स को और भी गहरा करने लगी और अनुज धीरे धीरे उसके और करीब आता गया ,,,उसने धीरे धीरे अपना हाथ पल्लवी के टीशर्ट के अन्दर डाल दिया ।

ये अनुज का किसी लडकी के कमर पर पहला स्पर्श था ,,,उसे इतना मुलायम अह्सास कभी नही हुआ ये स्पर्श उसे और भी जोशील किये जा रहा था ।

तभी दरवाजे पर दसटक हुई जो सोनल थी ।
सोनल की आवाज सुनते ही अनुज की फट गयी कि अब क्या होगा और दीदी ने आज उसे रंगे हाथ पकड लिया ,,कही वो पापा या मम्मी को बता ना दे ।

अनुज मन ही मन डरते हुए भगवान को याद कर रहा था कि आज उसे बचा ले फिर आगे वो इस झंझट मे पडेगा ही नही । मन ही मन उसने सुबह मंदिर जाकर पाव भर लड्डु के प्रसाद चढ़ाने की मन्न्त भी माग ली । बस किसी भी तरह से भगवान आज उसे बचा ले ।

वही पल्लवि एकदम सामन्य थी और उसने मुस्कुरा कर अनुज को देखा और एक बार फिर हल्के से उसके होठ को चूम कर खड़ी हुई और दरवाजा खोलने चली गयी ।

दरवाजा खोलते ही सोनल - तू यहा क्यू आ गयी पल्लवि

सोनल के सवाल से अनुज की हालत और खराब हो गयी कि अब तो वो गया ,,,उसके मन मे भगवान के प्रति श्रद्धा और लड्डुओं का वजन और भी बढ गया । पहले पाव भर और अब सवाकिलो । कैसे भी करके अनुज इस झमेले से बचना चाहता था ।

पल्लवी हस्ते हुए - वो क्या है दीदी आप जीजू से बात कर रही थी तो मै बाथरुम आयी थी , फिर अनुज भी जाग रहा था तो हम बाते करने लगे ।हिहिहिही

अनुज ने जैसे पल्लवि के मुह से जवाब सुना उसे बडी राहत मिली और मन ही मन उसने भगवान की धन्यवाद किया कि उसने पल्लवि को सतबुद्धि दी और उसे बचा लिया ।

सोनल थोड़ा मुस्कुरा कर - तू भी ना बडी बदमाश है ,,,चल अब हो गयी मेरी बात ,,,और तू अनुज तू भी सो जा रात हो गयी है ।

अनुज खुश होकर - हा दीदी बाय गुड नाइट

सोनल - ओहो आज गुड नाइट हा
पल्लवि - क्या दीदी आप भी परेशान कर रही है उसको चलो ,,,बाय अनुज
अनुज - हा बाय

फिर पल्लवि और सोनल अपने कमरे मे चले और अनुज ने फौरन दरवाजा बंद करके अपने तेज धडकते दिल को राहत दी और भाग कर कमरे मे लगे एक भगवान की फ़ोटो के सामने खडे होकर उन्का धन्यवाद करने लगा ।
इधर निचे दो जवाँ दिल फिर से तडप कर रह गये वही उपर कमलनाथ के कमरे मे दोनो भाई बहन बाथरुम के पहुच चुके थे ।

ममता इस वक़्त ब्लाउज और पैंटी मे नंगी खड़ी थी और कमलनाथ का लण्ड तनमनाया हुआ था ।

कमलनाथ बाथरूम मे एक दरख्त से रज्जो की रखी हुई हेयर रेमोवर क्रीम का टयूब निकालता है।
ममता बड़े अचरज से उस क्रीम के ट्यूब को देखती है - ये कैसे काम करता है भैया

कमलनाथ - इसको लगाने से पहले वहा निचे पहले पानी से भिगो कर बालो गिला कर लेते है और फिर थोडी सी क्रीम लेके हाथो से अच्छे से लगाते है और फिर थोडी देर बाद पानी डाल के धुल देते है ।

ममता बडे ध्यान से कमलनाथ को सुन रही थी ।
कमलनाथ हस कर - मै जान रहा हू तू नही कर पायेगी ,,,रुक मै ही कर देता हू

ममता की आंखे चौडी हो गयी और वो मुस्कुरा कर बोली - धत्त नही भैया प्लीज रहने दो मुझे वैसे ही शरम आ रही है

कमलनाथ हस कर - तू बड़ा शर्मा रही है ,,भूल गयी छोटी थी तब तेरी चुतड भी मै ही धुला करता था

ममता अपने भाई के मुह से सीधे लफजो मे चुतड शब्द सुन कर झेप सी गयी ।
कमलनाथ हस कर - चल अब निकाल इसको कि ये भी मै ही करू हम्म्म्म

ममता तो चाह ही रही थी कि वो पूरी तरह से अपने भैया के सामने नंगी होकर उनको अपना जिस्म दिखाये , मगर ऐसे सीधे मुह कैसे कह सकती थी कि उसे भी मजा आ रहा है । हालाकि अब तक कमलनाथ ने भले ही ममता पर बडे भाई का हक जताते अपनी मन्शाये पूरी कर रहा था लेकिन फिर भी उसने ऐसी कोई हरकत या वक्तव्य नही रखा जिससे ममता को लगे कि वो हवसी हुआ जा रहा है सिवाय उसके सर उठाते लण्ड के । जो तब से तना हुआ था जबसे ममता को उसने जिंस मे देखा था ।

ममता नुकुराते हुए कमलनाथ की ओर पीठ करके झुकी और एक ही झटके मे पैंटी को निचे करके सीधी खड़ी हो गयी । पैंटी निचे करने से पहले ममता ने एक बार पैंटी के उपर से अप्नी चिपचिपाती चुत को दबा कर साफ कर दिया था ।

ममता की नंगी गोरी चर्बीदार गाड़ को देख कर कमलनाथ का लण्ड ठुमका जिसे कमलनाथ ने हल्का सा दबा दिया ।

कमलनाथ - अब चल उस कमोड पर पैर खोल कर बैठ जा

ममता अपनी चुत के आगे हाथ रखते हुए घूमी और वैसे ही टाँगे सताये हुए कमोड पर बैठ गयी ।

कमलनाथ ममता को शर्माता देख मुस्कुरा कर उसके आगे बैठ गया और टोइलेट सीट के बगल मे लगी छोटी हैण्ड स्प्रे को हाथ मे पकड कर उसका पानी चालू कर दिया ।

ममता पानी के प्रेशर और ठन्डे छीटे अपने पैरो पर पाते ही थोडा चहकी फिर कमलनाथ ने उसके सटे हुए घुटनो को एक हाथ स्पर्श किया और हलका सा जोर लगा कर खोलने लगा ।

ममता अपने नंगे बदन पर भैया के कठोर हाथो का स्पर्श पाकर सिहर गयि और उसने आंखे बन्द करते हुए बिना कोई रोक के टांगो को खोल दिया ।

कमलनाथ को पहली बार ममता के चुत के दाने के उभार की हल्की झलक मिली लेकिन बढ़ी हुई काली झान्टो मे उसकी गोरी जान्घे बहुत खिली खिली दिख रही थी ।

कमलनाथ ने एक नजर ममता को देखा तो मधोश होते हुए आंखे बन्द किये गहरी सासे ले रही थी और उसकी चुचिया ब्लाउज मे ही उपर निचे हो रही थी ।

कमलनाथ ने वो प्रेशर स्प्रे का मुह ममता के चुत पर डाला और एक तेज ठंडी धार ममता के चुत पर जाने लगी जिस्से ममता चिहुक उठी ।
कुछ ही पलो मे ममता के चुत के बाल गीले होकर चीपक गये लेकिन कमलनाथ अभी भी चुत के मुहाने पर धार मारे जा रहा था जिससे कि सारे बाल दोनो तरफ बट गये और चुत की खुली हुई लकीर साफ दिखने लगी ।

फिर कमलनाथ ने ट्यूब से थोडा सा क्रीम लेके हाथो मे फेटते हुए बोला - ममता तू जरा ये अपने पैर मेरे कन्धे पर रख ले ताकि निचे अच्छे से क्रीम लगा दू मै

ममता अपनी हसी और हवस दोनो को दबाए मुस्कुराते हुए बडी ही बेशर्मी से अपनी दोनो टाँगे कमलनाथ के कन्धे पर टिका दी और पीछे दिवाल से टेक ले ली ।

अब कमलनाथ को ममता के की पूरी चुत के साथ साथ उसके गाड़ का भूरा छेद भी दिखा रहा था जिसके आस पास बालो के रोए थे ।

कमलनाथ से क्रीम फेटते हुए अपने हाथ को धीरे से चुत के आस पास घुमना शुरुकीया

ममता को गुदगुड़ी सी मह्सूस हो रही थी साथ चुत के उपर उसके भैया के सख्त हथेलियो के स्पर्श उसे कामुकता से भर दे रहे थे फिर भी वो खुद पर काबू करते हुए हसते हुए बोली - हिहिहिहिही आराम से भैया गुदगुदी लग रही है

ममता को हस्ता देख कमलनाथ मुस्कुरा कर थोडा हल्के हाथो से अच्छे से चुत के आस पास क्रीम लगा कर अंगूठे से गाड के सुराख के पास क्रीम लगाने लगा जिस्से ममता छटकने लगी ।

कमलनाथ उसकी जान्घे थाम कर - ओहो क्या कर रही है अभी गिर जाती तू ,,सही से बैठ
ममता ह्सते हुए - धत्त भैया मुझे गुदगुड़ी हो रही हैं जल्दी से करो ना

कमलनाथ हस कर - हा हो गया है ब्स थोडा सुख जाये 2 मिंट

ये बोल कर कमलनाथ ममता के चुत के उपर फुक मार कर उसे सुखाने लगा । ये सब हरकते ममता को बहुत ही ज्यादा उत्तेजित किये जा रही थी , मगर वो ज्यादा रियेक्शन नही दे सकती थी ना ही खुल कर आहे भर सकति थी ।

वही कमलनाथ की हालात कम खराब नही थी वो भी अपने खडे हुए लण्ड को आजाद करना चाहता था मगर वो भी मजबुर था ।

एक तो क्रीम मे मिण्ट का फ़लेवर था जो पहले से ही ममता के चुत और गाड की सुराख के पास एक ठंडक भरी झुनझुनी दे रहा था उसपे कमलनाथ की ठंडी फुक से वो और भी पागल होने लगी थी ।

दो मिनट के बाद कमलनाथ ने वापस से पानी के स्प्रे ममता के चुत की ओर किया और धीरे धीरे ढेर सारे झाग के साथ सारे बाल निचे गिरने लगे । ममता को काफी ताज्जुब हो रहा था कि इतनी आसानी से बिना कोई दर्द के ये साफ हो गया ।

कमलनाथ फिर प्रेशर स्प्रे का मुह ममता के गाड के सुराख पर किया और फिर से चिहुक उठी लेकिन इस बार वो सामान्य ही रही ,,,धीरे ममता की चुत से सारे बाल हट गये और उसकी चुत चमकने लगी ।

कमलनाथ का मुह और लण्ड दोनो लार से भर गये । ममता की चुत अब बहुत ही मुलायम थी उसके चुत के किनारे वो हल्के भूरे घेरे उसे और भी कामुक बनाये जा रहे थे ।

ममता - हो गया ना भैया

कमलनाथ चौक कर हा हो गया , रुक मै इसे पोछ दू
ममता हस कर खडे होते हुए - अरे मै कर लूंगी

कमलनथ भी उठ कर अपना गम्छा निकाल के उसे देते हुए - हा ये ले इससे पोछना , तू चल मै हाथ धुल के आता हू

ममता ने एक नजर कमलनाथ के लण्ड के उभार को जान्घिये मे उठा देखा फिर उसके हाथ से वो गमछा लिया और कमरे मे आ गयी ।
इधर कमलनाथ ने जलदी से हाथ धुल कर नारियल के तेल की शिशि लेके कमरे आता है तो ममता अपना पेतिकोट बान्ध रही होती है ।

कमलनाथ - अरे ये क्या कर रही है तू
ममता हस के - अब क्या ऐसे ही रहू हिहिहिहिह

कमलनाथ हस कर - अरे मेरा मतलब था कि अभी ये तेल लगाना पडेगा ना ,,नही तो खुजली होगी वहा

ममता - ओह्हो अब क्या फिर से निकलू इसे

कमलनाथ हस कर - अरे नही ,,तू यही बिस्तर पर लेट जा और ये पेतिकोट उपर ले मै लगा देता हू

ममता मुस्कुराई और वही बिसतर पर एक साइड लेट गयी और खुद पेतिकोट को कमर तक चढाते हुए बडी बेशरमी से अपनी जांघो को फ़ोल्ड करते हुए खोल दिया ।

कमलनाथ की नजरे अब ममता की चुत पर जम सी गयी ,,पोछने के बाद से उसकी चुत और भी खिल गयी थी ।
कमलनाथ ने अपनी भावनाओ पर काबू मे रखते हुए तेल की शीशी से कुछ बुन्दे ममाता चुत के बालो वाले हिस्से पर टिपकाई

ममता ने एक बार फिर से आंखे बन्द कर लि और गहरी सासे भरने लगी ,, तेल की बुन्दे टिप टिप टिप गिरते हुए रिसते हुए उसके चुत के किनारो से होते हुए गाड़ के सुराखो तक चली जा रही थी ।

कमलनाथ ने फिर सीसी को किनारे रख कर अपने दाये हाथ से हल्का हल्का चुत के उपरी बालो वाले हिस्से पर तेल को फैलाना शुरु कर दिया और जैसे ही उसके हाथ का खुरदरा स्पर्श ममता के चुत के उभरे हुए दाने को मिलता है वो हलकी सी सिस्क उठती है ।

कमलनाथ ममता की सिसकी सुन कर उसकी ओर देखता है तो ममता उसे आंखे बंद किये बहुत ही तडपती और कामुकता से मदहोश नजर जाती है और फिर वैसे उसने ममता के चेहरे के भावो को पढते हुए उसकी चुत के हिस्सो को सहलाते हुए तेल को हर तरफ पहचाने लगता है और धीरे से एक ऊँगली को उसकी गाड के सुराख के पास ले जाकर छुटा है

जिस्से ममता की आंखे खुल जाती है और उसकी नजरे कमलनाथ से टकराती है ।
ममता शर्मा कर मुस्कुराते हुए मुह फेर लेती है - हो गया भैया

कमलनाथ चौक कर - हा अ ब ब हा हो गया , देख तो कितनी साफ लग रहि है अब

ये बोलते हुए कमलनाथ झुक कर ममता के चुत के उपरी बालो वाले हिस्से पर किस्स कर लेता है ।

ममता खिलखिला कर - हिहिहिही क्या भैया वो कोई जगह है चुम्मी करने की

कमलनाथ वापस से ममता के चुत के पास उंगलिया रेंगाते हुए - हा तो इसमे क्या बुराई है ,, तू मेरे लिए हर जगह से अच्छी लगती है ,, और ये जगह भी प्यारी लग रही है अब ,, मेरा तो मन हो रहा है इसे और भी चुम्मीया दू

ये बोल कर कमलनाथ फौरन निचे बैठ गया और उसकी एक जांघो को खिच के अपने कन्धे पर रखते हुए चुत को थोड़ा अपने सामने किया और बार बार ममता के चुत के उपर चुम्मिया देने लगा

ममता खिलखिला कर - अब ब्स भी करो भैया हिहिहिही गुदगुदी लग रही है ।

कमलनाथ - वैसे ये जगह बहुत ही मुलायम है अह्ह्ह
ये बोलकर कमलनाथ अपना गाल ममता के चुत के पास घुमाता है

ममता मौका देख कर ह्स्ते हुए - उससे भी ज्यादा मुलायम जगह है भैया ,आपने शायद देखा नही हिहिहिहिही

कमलनाथ समझ रहा था फिर भी अंजान बन्ते हुए - कहा है मुझे तो नही लगता कि इससे भी मुलायम जगह कही और है

ममता हस कर - लगा लो शर्त हार जाओगे हिहिहिही

कमलनाथ चहककर - ठीक है लगी शर्त ,,,तू जीती तो जो तू कहेगी मै करने की तैयार हू

ममता ह्स के - सोच लो भैया हार जाओगे हिहिहिही
कमलनाथ उठ कर खड़ा हुआ और ममता भी उठ कर बैठ गयी ।

कमलनाथ - मुझे मंजूर है

ममता ह्स कर - हिहिहिही ठीक है फिर आप आंखे बन्द कर लो
कमलनाथ आंखे बंद करके खड़ा हो गया
ममता हस्ते हुए उसे बिस्तर पर बिठाती है
कमलनाथ - क्या हुआ
ममता ह्स कर - हिहिहिही बस रुको ना भैया थोड़ा सा

ममता ने फिर एक एक करके अपने ब्लाउज और ब्रा निकाल कर उपर से नंगी हो गयी और आगे बढ के कमलनाथ हाथ पकडते हुए बोली - हिहिहिही अभी आंख नही खोलना भैया ठीक है

कमलनाथ हस कर - हा ठीक है लेकिन तू कर क्या रही है

ममता हस कर - बस अभी पता चल जायेगा
इतना बोल कर ममता ने कमलनाथ के हाथ को पकड कर सीधा अपनी नुकीली चुचियो के उपर रख दिया - अब बताओ भैया है ना वहा से भी मुलायम हिहिहिहू

कमलनाथ ने अच्छे से उस जगह को हथेलियों से टटोलता और जब उसे समझ आया कि ये तो ममता की चुची है तो इस्का लण्ड टनटना गया और उसने हौले से उसकी चुची को दबाया और बोला - अह्ह्ह ममता सच मे क्या है ये बहुत ही मुलायम है ये तो

ममता खिलखिलाते हुए - खुद ही देख लिजिए हिहिहिही

कमलनाथ ने जैसे ही आंखे खोली उसकी आंखे फटी की फटी रह गईं और एक कामुक मुस्कान उसके होटो पर छा गयी ।
कमलनाथ एक नजर ममता को हस्ते देखा और वापस से उसकी चूची को निहारते हुए उसके कड़े निप्पल को सहलाया ,,,ममता मचल गयी और उसकी सासे तेज हो गयी ।

कमलनाथ दोनो हाथो से ममता की चुचिया पकडते हुए सहलाने लगा - अह्ह्ह ममता सच मे ये तो उससे भी मुलायम है

ये बोल कर कमलनाथ ने दोनो हाथो से ममता की चुचियो को हल्का जोर देके दबाया ।
ममता सिस्ककर - उम्म्ंम्ं हा भैया इस्स्स्स्स अह्ह्ह

कमलनाथ - मै एक बार इसकी भी चुम्मी लेके देखता हू कैसा लगता है
ममता कमलनाथ की बाते सुन कर सिहर उठी और उस्का बदन कापने लगा ।
कमलनाथ ने अगले ही पल ममता की नंगी कमर को थामा और गरदन आगे बढा कर ममता के निप्प्ल के बगल मे हल्का सा चुम्बन किया ।

ममता गनगना कर रह गई उसकी चुत फिर से रसाने लगी।
कमलनाथ ने एक नजर ममता को देखा जो आंखे बन्द किये सिसकियाँ ले रही थी ।
कमलनाथ ने वापस से अपना खोलते हुए इस बार सीधा ममता के निप्प्ल को मुह भर कर एक बार चुबलाया ।

ममता सिस्क कर - सीईईई अह्ह्ह भैयाआआ उम्म्ंम्ं

कमलनाथ मुह हटा कर ममता को देखते हुए - क्या हुआ ममता

ममता हस कर - कुछ नही ,
कमलनाथ बडे दुलार से उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपनी जान्घ पर बिठाते हुए -बोल ना

ममता शर्मा के ह्स्ते हुए - वो मै शर्त जीत गयी ना हिहिहिहो
कमलनाथ हस कर बगल से साथ निकाल कर उसकी एक चूची को थामते हूए - अरे हा ,, तो बता क्या चाहिये तुझे
ममता कमलनाथ के हाथो को अपने जिस्म पर रेंगता पाकर कसमसा कर बोली - उह्ह्ह्ह भैया मुझे भी भाभी के जैसे प्यार करो ना


कमलनाथ ममता के मुह से ये बाते सुन कर उत्तेजना से भर गया और उस्का दिल तेजी से धडकनें लगा ।
वही ममता ये बोल कर बहुत काप रही थी लेकिन उसके चुचियो पर घुमते उसके भैया के हाथ उसे उम्मीद दिए हुए थे
कमलनाथ जो चाह रहा था वो अब उसके सामने थे अब तक उसने अपने दिल के उठे हवस के तरंगो को रोक रखा था ।

उसने हौले से ममता की चुची को दुलारते हुए उसके गालो को चुम कर बोला - तू चाहती है कि मै तुझे रज्जो के जैसे प्यार करू

ममता सिहर कर नजरे नीची किये हा मे सर हिला कर वही कमलनाथ के गोद मे बैठी रही ।
कमलनाथ ने सामने से अपने हाथ को ममता की चुचिया पर रख कर उसके निप्प्ल पर दरते हुए बोला - तू चाह रही है कि मै तेरे बदन को वैसे स्पर्श करू जैसे तेरी भाभी को करता हू

ममता सिस्ककर - हम्म्म्म्ं भैया अह्ह्ज सीईई उम्म्ंम्ं
कमलनाथ ममता से वापस कबूलवाते हुए - तुझे मेरा स्पर्श अच्छा लगता है क्या ममता ,,,बोल ना

ममता सिस्ककर - उम्म्ंम्ं हा भईयाआआ बहुत अच्चाआआ

कमलनाथ ने अब ममता को आगे कर पीछे से उसकी दोनो चुचिया मिजते हुए - ओह्ह्ह्ह ममता सच मे तेरे दूध बहुत मुलायम है उम्म्ंम्ं अह्ह्ह

ममता सिस्कर अपने हाथ कमलनाथ के हाथो के उपर रख कर उन्हे रगड़ते हुए - ओह्ह आपको पसंद आया ना मेरे दूध उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह भैया ऐसे ही उम्म्ंम्ं रगडो ना भैया जैसे रज्जो भाभी का रगड़ते हो ,,,देखो ना कितना ब्डा कर दिये हो उनका
कमलनाथ और जोर से ममता के चुचियो के मिजता हुआ - उम्म्ंम्ं तुझे भी अपने दूध उसके जैसे करवाने है क्या उम्म्ंम्ं
ममता सिस्कते हुए - उम्म्ंम्ं हा भैया कर दो ना उम्म्ंम्म्ं भाभी के जैसे ओह्ह्ह्ह

कमलनाथ - आह्ह ममता तेरी बात कभी मैने टाली है उम्म्ं तेरे दूध भी मै रज्जो के जैसे मोटे कर दूँगा उफ्फ्फ वैसे ये कम मोटे नही है उम्म्ंम्ं बहुत ही मुलायम दूध है तेरे

ममता सिस्क कर - उम्म्ं भैया सूनो ना उम्म्ंम्म्ं
सीई

कमलनाथ अपने हाथ रोकते हुए - हमम क्या हुआ बोल
ममता थोडा मुस्कुरा कर शर्माते हुए - इनको दूध नही बोलते ,,,सही नाम लो ना उम्म्ंम्म्ं अह्ज्ज्ज

कमलनाथ ममता के वक्तव्य से और भी जोशील होकर एक बार फिर ममता की चुचिया हथेली मे भरते हुए - ओह्ह्ह तू चाह रही है मै इनके वो वाले नाम लू गन्दे वाले

ममता हा मे सर हिलाते हुए सिसकी
कमलनाथ - ओह्ह्ह ममता तेरी चुचिया बहुत ही मुलायम है अह्ह्ज इनको मिजने मे बहुत ही मजा आ रहा है उफ्फ़फ्फ
ममता अपने भैया के मुह से खुले शब्दो को सुन के मचल उथी
वही कमलनाथ धीरे से निचे से ममता के पेतिकोट को उपर करके एक हाथ को उसकी चुत पर लगा दिया और उसे सहलाने लगा

ममता की हालत खराब होने लगी वो अपने भैया की बाहो मे पिघलने लगी ।

कमलनाथ - उम्म्ं तू ऐसे ही चाहती है ना मै इसे सहलाऊ बोल ना

ममता सिस्ककर - उम्म्ंम हाआआ भैयाआआ उफ्फफ़फ़ ऐसे ही मसलो उसे

कमलनाथ - बोल ना क्या मसलवा रही है अपने भैया से उम्म्ंम
ममता सिहर के - उम्म्ंम्ं सीईईई अह्ह्ह्ह च च च चुउउऊऊ त्त्त्त्त्त अह्ह्ह

कमलनाथ अपनी हथेली मे ममता की चुत को दबोचते हुए - मजा आ रहा है अपने भैया से अपनी चुत मसलवा के ,उम्म्ंम्ं बोल ना

ममता सिस्ककर - उह्ह्ह्ह्ह हाआआ भैयाआआ बहुतहहह उम्म्ंम्ं

कमलनाथ - उम्म्ंम तो फिर अपने भैया को मजा नही देगी क्या उम्म्ंम बोल ना

ममता - सीईई ओह्ह्ह हाआआ क्यू नही उम्म्ंम्ं

कमलनाथ ने फौरन ममता को खड़ा करके खुद अपना जांघिया खोल कर निचे कर दिया और उसका मोटा लण्ड तनमना कर खड़ा हो गया ।

ममता अपने भैया का लण्ड देखकर एक गहरी आह्ह्ह भरी और तुरंत घुटने के बल होकर बिना कोई देरी के सीधा मुह मे लण्ड लेके चूसना शुरु कर दिया

कमलनाथ ममता की आतुरता देखकर थोडा मुस्कुराया और अगले ही पल जब ममता ने उसकी चमडी खिच कर सुपाडे ले जीभ फिराया तो कमलनाथ पूरी तरह से हिल गया ।

कमलनाथ - ओह्ह्ह ममता उम्म्ं ऐसे ही अह्ह्ह सच मे तू तो कमाल की है रे अह्ह्ब उम्म्ंम्म्ं
ममता बिना कुछ बोले तेजी से गपगपा लण्ड निचोद्ते हुए चुसे जा रही थी ।

कमलनाथ ज्यादा देर तक रोक नही सकता था खुद को और उसने ममता का सर रोका ।

ममता ने हौले से मुह खोल्कर लण्ड छोड दिया और नजरे उपर कर कमलनाथ को ऐसे देखने लगी कि मानो पुछ रही थी कि मुझे रोका क्यू ।
कमलनाथ - सारा रस यही निचोड लेगी क्या उम्म्ं
ममता शर्माते हुए मुस्कुराई तो कमलनाथ मे उसको पकड कर उठाया और बिस्तर पे लिटा दिया ।

ममता ने शर्माते हुए मुह फेर ली और वही कमलनाथ उसकी जान्घे फ़ोल्ड करता हुआ उस्के पेतिकोट को कमर तक चढा दिया ।

फिर कमलनाथ अपना जान्घिया पैर से निकाल कर एक पैर का घुटना मोड कर बिस्तर पर रखा और ममता की टांगो को पकड के अपनी ओर खिचते हुए लण्ड को उसकी पनियायी चुत पर फिराया और अगले ही पल हचाक से अन्दर पेल दिया

ममता सिसक उठी - उह्ह्ह्ह भैयाआआ अह्ह्ह उम्म्ंम्ं आह्ह्ह्ह अराअमाआम्ंंं से उह्ह्ह

कमलनाथ ममता की आंखो मे देखते हुए - दर्द हुआ क्या तुझे
ममता ह्स के ना मे सर हिलायि
कमलनाथ ने एक और जोर का धक्का देकर पुरा लण्ड जड़ तक पेलते हुए - देख ऐसे ही रज्जो पेलता हू पुरा अन्दर तक
ममता अपनी चुत के जड़ मे अपने भैया का लण्ड पाकर चिहुक उठी और सिस्कते हुए - ओह्ह्ह भैया तो पेलो ना मुझे वैसे ही ,,जैसे रज्जो भाभी को पेलते हो हचक हचक के

कमलनाथ ममता की बातो से और भी जोश मे आ गया और लम्बे लम्बे धक्के ममता की चुत लगाते हुए - तुझे भी ह्चक ह्च्क के पेलवाना है ना तो ले और ले अह्ह्ह आह्ह

ममता सिस्कते हुए अपनी गाड उचका के - ओह्ह्ह हा भैया और तेज्ज अह्ज्ज उम्म्ंम्ं ऐसे ही और हचक के पेलो मुझे अओह्ह्ह भैयाआअह्ह्ह
कमलनाथ जोश मे आते हुए - ओह्ह्ह ममता तू बहुत गरम है अह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम्ं
ममता - ओह्ह भैया आपका वो भी बहुत मोटा है उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह

कमलनाथ तेजी से ममता की चुत मे लण्ड पेलते हुए - अह्ह्ह उम्मममं तेरी चुत बहुत कसी हुई है रे अह्ह्ह इसको भी तेरे भाभी के जैसे कर दूँगा उम्म्ंम


ममता कमलनाथ से कबुलवाते हुए - ओह्ह सच मे भैया मेरी भी चुत भाभी जैसे खोल दोगे उम्म्ंम

कमलनथ तेजी से चुत की गहराइयो मे जाते हुए - हा ममता ,,,तेरी भी चुत का भोसडा बना दूँगा चोद चोद के ओह्ह्ह
ममता - ओह्ह भैया फिर बना दो ना मेरी चुत का भोस्डा उम्म्ं और तेज पेलो अपनी बहन को ओह्ह्ह अह्ह्ह ऐसे ही

ममता के मुह से बहन शब्द सुन कर कमलनाथ के लण्ड मे नयी ऊर्जा आ गयी और वो तेजी से हचाक ह्चाक उसकी चुत मे लण्ड पेलने लगा
कमलनाथ - उम्म्ंम ममता एक नम्बर की अह्ह्ह सीईई

ममता अपनी गाड उचका के कमलनाथ की आंखो मे देख कर - अह्ह्ह भैयाआआ बोलो ना ,, मै एक नम्बर की क्या अह्ह्ह उम्म्ं

कमलनाथ ममता की आंखो मे देखते हुए - सच मे बोल दू उम्म्ंम्ं
ममता - अह्ह्ह हा भैया बोलो ना मै क्या एक नम्बर की उह्ह्ह्ह सीईई अह्ह्ह

कमलनाथ अपने लन्ड़ को ममता की चुत के गहराईयो मे ले जाकर - तू एक न्म्बर की चुद्क्क्ड लगती है रे अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

ममता अपने भैया के मुह से अपने लिये ऐसे लब्ज सुन के और भी पागल होने लगी - अह्ह्ह सच मे भैया उम्म्ंम और क्या लगती हू मै आपको अह्ह्ह्ह सीईई उम्म्म्ं


कमलनाथ बिना कुछ बोले ममता को तडपते हुए देखकर मुस्कुराते हुए लगाताए एक ही लय बनाते हुए उसकी चुत मे गचागच पेले जा रहा था

ममता कमलनाथ को चूप देख कर थोडी परेशान होने लगी - उम्म्ंम भैया क्या हुआआ सीई अह्ह्ह बोलो ना क्या सोच रहे उम्म्ंम्म्ं बोलो ना मुझे गंदे गंदे शब्द उम्म्ंम्ं

कमलनाथ मुस्कुरा के - उम्म्ं तुझे गंदे गन्दे शब्द सुनने है हा
ममता - उम्म्ंम हा ,,भाभी कह रही थी कि जब वो आपको एक गाली देती है तो आप उनको बहुत तेज चोदते हो उम्म्ंम्ं

कमलनाथ मुस्कुरा के - कौन सी बता ना

ममता मुस्कुरा ना मे सर हिलाती है
कमलनथ ममता की टाँगे उठा कर एक जोर का झटका लगाते हुए एक लम्बा शॉट उसकी चुत मे लगाते हुए- बोल ना उम्म्ं

ममता दर्द और मस्ती से सिस्ककर - ओह्ह्ह बहनचोद चोद ना मुझे कस के उम्म्ंम्ं

कमलनाथ ममता के मुह से अपने लिये गाली सुन के उत्तेजना से भर गया और तेजी से धक्के लगाते हुए उसके उपर चढ़ गया और एकदम करिब से उसकी आंखो मे देखते हुए - आह्ह अब तो मै पक्का बहनचोद हो गया हू रे उम्म्ंम

ममता अपने चरम पर थी इसिलिए वो अपने गाड़ को उच्काते हुए अपने चुत के छल्ले को कमलनाथ के लण्ड पर कसटे हुए - तो चोद ना बहनचोद अपनी बहन को खुब हचक हचक के पेल ना उम्म्ंम ऐसे हो अह्ह्ज्ज

कमलनाथ भी अब अपने रंग मे आते हुए - आह्ह्ह्ह साली तू बडी चुद्क्क्ड है उम्म्ंम्ं आज तो तेरी चुत का भोस्दा बना ही दूँगा उम्म्ंम्ं साली रन्डी है तू उम्म्ंम्ं

ममता तो इसी सब के इन्तजार मे थी उसे ऐसे ही बेरहम और गाली गलौज भरी धमाकेदार चुदाई चाहिये थी अपने भैया से
कमलनाथ अब उसे गाली देते हुए तेजी से अपना लण्ड ह्च्च्च ह्च्च उसकी चुत मे उतार रहा था ,,

ममता अब झडने के करीब थी और वो अपनी कमर उच्काते हुए - आह्ह भैया चोदो ना अपनी रंडी बहन को आह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह्ह मै आ रही हुई अओह्ज्ज अह्ह्ह पेलो भैयाबन जाओ ना बहिनचोद उम्म्ंम अह्ह्ह
इधर ममता तेजी से झडने लगी और तेजी से अपने भैया के लंड को निचोडते हुए चुत के अंदर ही कसने लगी
कमलनाथ तेजी से लण्ड को उसकी चुत मे पेल्ते हुए -अह्ह्ह ममता मेरा भी होने वाला है उह्ह्ह्

ये बोलकर कमलनाथ ने तेजी से लण्ड को बाहर निकाला और ममता के मुह के पास जाकर हिलाने लगा

ममता के तुरंत एक करवट होकर लंड को मुह मे भर लिया

अगले ही पल ममता का मुह कमलनाथ मे गरम माल से भरने लगा और कमलनाथ निढ़ाल होने लगा
ममता ने अच्छे से कमलनाथ का लण्ड निचोड के छोड दी
थोडी देर बाद जब दोनो के तन और मन स्थिर हुए तो उनको रज्जो का ख्याल आया ।

ममता हस कर - भैया भाभी को गये काफी समय हो गया हिहिहिही
ममता के सवाल से कमलनाथ का मन भी खटका कि ममता के साथ समय बिताने के चक्कर मे मै रज्जो को भूल ही गया
वो भी तो सिर्फ ब्लाउज और जीन्स मे राजन के पास गयी है ,, आखिर इतना समय तो लगाना नही चाहिये
ममता अपने भैया को सोचते देख कर हस्ते हुए - अरे भैया इतना क्या सोच रहे हैं चलिये कपडे पहन लेते है क्योकि दरवाजा बंद कर दिया था आपने और हम लोगो का कितना समय बाथरूम मे बीत गया था तो

कमलनाथ ने जब ममता के पहलू पर विचार किया तो उसकी फट गयी कि कही रज्जो वापस आई हो और उसने बंद दरवाजा देख कर हमारे बारे मे कोई बात ना बना ली हो ।

इसिलिए फौरान वो भी उठ कर अपने कपडे पहनने लगता है और ममता को बोलत है कि वो बाथरूम मे जाकर अपनी पैंटी लेले ।
यहा इस कमरे मे ये हड़बड़ी मची ही थी कि बगल के कमरे मे रज्जो ने देखा कि कमलनाथ और ममता ने उसकी खोज खबर नही ली तो उसने दुसरी राउंड की चुदाई के आखिरी क्षणो का मजा ले रही थी ।

राजन तेजी से उसकी चुत फाडे जा रहा था और कुछ ही पलो मे वो रज्जो मे मुह मे झड़ भी जाता है ।

रज्जो फटाफट अपना मुह साफ कर जीन्स चढा लेती है और कमरे से निकल रही होती है कि सामने ममता और कमलनाथ नजर आते है ।

ममता अब तक साडी पहन चुकी थी और कमलनाथ बनियान जान्घिये मे गम्छा लपेटे खड़ा था ।

रज्जो जब दोनो को सामने देखा तो पहले थोडी सहमी फिर खुद को सम्भालते हुए हस कर - हम्म्म हो गयी बात आप दोनो की

कमलनाथ रज्जो के बात से थोडा परेशान हुआ लेकिन उसे शाम की वो बात याद आई जब ममता ने उससे बाते करने की जिद की थी - हा हा ,,,हमने तो खुब सारी बाते की और बचपन की यादे भी ताजा की

ममता भी अपने भैया का पक्ष लेते हुए हस कर - हिहिहीहि हा भाभी आप होती ना आपको भी मजा आता

रज्जो हस कर - चल तू खुश है ना ,,,मै तो नंदोई जी को तेरे फ़ोटो दिखाने आई थी और यही बातो मे लग गयी ।

कमलनाथ - चलो कोई बात नही ,, जा ममता तू भी आराम कर

रज्जो - हा जी चलिये
फिर सारे लोग अपने अपने कमरे मे चले जाते है ।

जारी रहेगी
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
जितनी अच्छी प्रतिक्रियाए मिलेगी , अगला अपडेट उतना जल्द ही
 
Last edited:

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Behtreen update bhai

Nice update

Fantastic update. Waiting for next update

Mamata ka apne Bhai se tanka bhidega sath hi Anuj bhi Pallavi ki jaal me hoga. Rajjo Rajan fir ek baar sath honge. Rochk. Pratiksha romanchak kahani ke agle rasprad update ki

Bahut hi umda update bhai... Kahin ghanghor chudai to kahin nezdeekiyan badhne lagi hain to aur kahin do dil mil rahe hain magar chupke chupke... Sath hi chamanpura mein bhi kuch khas hone wala hai.
Aage ka besabri se intezar

Behtarin update

Superb update waiting for next

Shandar update tha dost... waiting more...bhai SONAL KA NUMBER KAB LAGEGA PAPA.....SASUR.....AUR OTHERS RELETIVES KE SATH WAITING.....

Nice update

Fantastic update waiting for next

Mast update tha , mujhe lagta hai ab kamalnath aur Mamta ka milan hone wala hai.... Rajjo aur Rajan toh pehle se hi ek dusre ki malai kha chuke hain,,,, edhar Anuj (chamanpura wala) aur palli ke beech bhi najdikiyan aa gayi hain aur sonal mobile par shayad Aman ke saath busy hai....Lekin Raman ka abhi tak ki story me itna role nahi dikhaya gaya , jaise shuru ke updates me bataya gaya hai ki Raman apni maa rajjo ko chod chuka hai , kripya Raman aur rajjo ke scenes bhi dikhaye jaye, mujhe aisa lagta hai ki sonal ke sex scenes ko bhi limit kiya hua hai, story me sirf raj aur sonal ke scenes hai sirf Aman ke saath uska ek kissing scene tha, Aman ke saath ek chudai bhara scene bhi hona chahiye shayad unki chudai shaadi ke baad hogi tab tak to sonal ki chut ka bhosada ban chuka hoga just kidding.... Sonal aur rangilal ke bhi koi scenes nahi hain.... udhar Raj chandu aur champa ki chudai hone wali hai maza aayega....

dear hm pakstan se ek request hau story agrroman english mn hoti to acha hota ya koi tareqa bata de jese urdu mn parh sake google translator bhi kisi kam ka nh hai

Lagbhag sabhi ke scenes dekh chuke hain lekin sonal aur rangilal ka koi bhi encounter nahi hua hai kaash ki in dono ke beech me bhi kuchh ho shadi ke baad

Anuj ko bi swad chkha diya apne ab to bechara dobara kiss ko taras raha hai
Awesome

Nice update

AAP SBHI KI PRATIKRIYA KE LIYE DHANYWAAD DOSTO
NEW UPDATE IS POSTED

read and review
 

Naik

Well-Known Member
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UPDATE 111

CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

अब तक

ममता कमलनाथ पर बिना ध्यान दिये सामने की टेबल पर खाना रखा और अपने भैया के बगल मे बैठते हुए बडे प्यार से कमलनाथ को पुचकारा

ममता - भैया उठो ,,, भईआआ ऊ
ममता की आवाज रुक गयी ,,उसकी सांसे तेज होने लगी , क्योकि उसकी नजरे इस वक़्त उसके भैया के पैजामे से बाहर निकले लण्ड पर थी । जिसे वो आंखे फाडे देखे जा रही थी ।

अब आगे

ममता तो जैसे मुर्ति बन गयी । उसकी नजर अपने भैया के सोये हुए काले लण्ड कर गयी ,, जिसका चटक कथइ और आलू जैसा मोटा सुपाडा बाहर निकला था।

ममता की सासे बहुत तेज थी ,, वो थुक गटक कर कभी अपने भैया के चेहरे को देखती तो कभी उनके सास लेते लण्ड को ,,,

ममता की चुत ने रस छोडना शुरु कर दिया था , उसने एक बार फिर अपने भैया को हिलाया और जगाने की मालुमी सी कोसिस की । मगर कमलनाथ पूरी तरह से तन कर सोया था ।
ममता का दिल बहुत जोरो से धडक रहा था ,,, वो कमल्नाथ को जांचने के बाद लगातर अब उसके मोटे लण्ड को निहारे जा रही थी । उसकी जीभ ने लार छोड़नी शुरु कर दी थी जिसे वो बार बार गटक रही थी ।

ममता बडी हिम्मत की और कमलनाथ के कन्धे पर रखे हाथ को सरका कर लण्ड पर पास लाई और जैसे ही उसे छूना चाहा तो कमरे मे हवा का हल्का झोका आया और वो सतर्क हो गयी ।

उसे समझ आया कि वो क्या गलती करने जा रही थी । वो उठी और दौड़ कर दरवाजे के बाहर झांकी और फिर दरवाजा अन्दर से बंद कर दी
दरवाजा बंद करने के बाद ममता घूमी और एक बार अपने सोते हुए भैया को देख कर मन ही मन खुश हुई । धीरे धीरे वो कमलनाथ की ओर बढने लगी साथ ही उसकी सासे भी गहरी होने लगी ।

दबे पाव से ममता चल के कमलनाथ के सामने आई और घुटनो के बल बैठ गयी ।

ममता ने एक नजर कमलनाथ को देखा और फिर कापते हुए हाथो को आगे बढ़ाया ।
जैसे ही ममता की हथेली ने कमलनाथ के लण्ड के उपरी सतह को स्पर्श किया, ममता पूरी तरह से गनगना गयी ।

वो मुस्कुरा कर कापते हुए हौले से कमलनाथ के सोये हुए लण्ड को पकड़ा जो काफी भारी था ।

ममता ने दोनो हाथो अपने भैया के लण्ड थामा जो अभी थोडा ढिला था । जिससे ममता को बहुत गुदगुदी सी मह्सूस हो रही थी ।
वो मुस्कुरा कर हल्का हल्का अपने भैया की लण्ड को सहलाना शुरु किया ।

कुछ ही देर मे लण्ड अकडने लगा । लण्ड को कड़ा होता देख ममता की आंखे चमक उठी, उसने एक नजर कमलनाथ की ओर देखा और फिर उसके पाजामे मे हाथ डाल कर उसके मोटे मोटे आड़ो को हलोरते हुए बाहर निकाल दी ।

गरम आड़ो की तपन से ममता को नशा होने लगा और वो झुक कर लगातर कमलनाथ के चेहरे को देखते हुए आड़ो को चूमा ।

तुरंत कमलनाथ के बदन मे हल्की सी हरकत हुई तो ममता डर गयी और सहलाना रोक दिया ।मगर उसने लण्ड से हाथ नही हटाया ।
कुछ सेकेंड रुक ममता ने लगातार कमलनाथ के चेहरे को घूरा और फिर मुस्कुरा उसके सुपाड़े पर अपना अंगूठा फिराते हुए झुक कर ग्प्प्प से उसका सुपाडा मुह मे भर ली ।

ममता ने आधा लण्ड अन्दर लेके अपनी आंखे उपर कर एक बार फिर कमलनाथ को निहारा और फिर धीरे धीरे पुरा लण्ड गले तक उतारती चली गयी ।

फिर हल्का हल्का उसने लण्ड को चूसना शुरु कर दिया मगर उसपे आज एक अलग ही जुनून था ,,उसको ये सब अपने भैया के साथ करके एक नयी ऊततेजना मह्सूस हो रही थी ।

धीरे धीरे ममता की लण्ड चुसने की क्रिया तेज होने लगी और उसका असर कमलनाथ के उपर भी होने लगा था । वो नीद मे ही कुनमुनाने लगा ।

ममता जो अब तक कयी बार कमलनाथ को हरकत करते हुए देख चुकी थी तो उसने अपनी ऊततेजना मे कमलनाथ पर कोई खास ध्यान नही दिया और पहले से ज्यादा कामुक तरीके से अपने भैया का लण्ड निचोड़ने लगी ।

वही कमलनाथ को आभास हो चुका था कि कोई उसका लण्ड चुस रहा है मगर उसकी आंखे नही खुल पा रही थी ,,, तो वो निद मे कुममनाते हुए बड़बड़ाया - उम्म्ंम्म्ं जानू क्या कर रही हो ,,, उह्ह्ह्ह

ममता अपने भैया की आवाज सुन कर जहा थी वही रुक गयी और उसके दिल की धडकने तेज होने लगी । वो अपनी नाक से तेज सासे लेने लगी क्योकि अभी भी उसके मुह मे आधा लण्ड भरा हुआ था ।

ममता को समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे ,,, उसकी कुलबुलाती चुत उसे लण्ड छोडने से मना कर रही थी । मगर उससे कही ज्यदा उसे डर सता रहा था कि कही उसके भैया जग ना जाये ।

वही कमलनाथ को थोडी शान्ति मिलने पर वो वापस नीद के आगोश मे चला गया ।
ममता ने मौका देख कर हल्के से अपना मुह खोला और गरदन उपर कर ली । फिर बडे आराम से बिना कोई आहट के वैसे ही लण्ड को छोड दिया ।

फिर वो दबे पाव वैसे ही कमरे से बाहर निकल गयी । उसने दरवाज बन्द किया और फिर सीढियो से निचे की ओर जाने लगी ।

वो हाल मे पहुची ही थी कि उसे अनुज अपने कमरे से बाहर आता हुआ दिखा जो कल रात की तरह आज भी नजारे देखने की आश मे निकला था । मगर ऐन मौके पर ममता निचे आ गयी तो उसकी फट गयी ।

डर तो एक पल को ममता भी गयी थी अनुज को ऐसे सामने पाकर फिर उसने खुद को सम्भाला और बोली - क्या हुआ अनुज तू सोया नही

अनुज की आंखे बडी हो गयी कि क्या बोले ,, उसकी दिल की धडकनें तेज हो गयी थी,,तभी उसकी नजर किचन के खुले दरवाजे पर गयी ।

अनुज मुस्कुरा कर - वो वो मै पानी लेने जा रहा था बुआ

ममता मुस्कुरा कर - ठीक है पानी पीकर सो जाना ।
फिर ममता पल्लवि के कमरे मे चली गयी ।

इधर ममता के जाते ही अनुज ने एक गहरी सास ली और फौरन अपने कमरे मे भाग गया ।
अनुज मन मे - आज तो बच गया ,,,नही तो पकड़ा ही जाता ,,और ये ममता बुआ भी पता नही क्यो निचे आई है अब पता नही कब उपर जायेंगी । आज का सारा मजा खराब हो गया

अनुज भी उदास मन से बिस्तर पर चला गया और सो गया ।

वही एक तरफ धीरे धीरे करके सारे लोग सो गये थे । वही उपर टेरिस के बाथरुम मे रज्जो नहाने के लिए घुस गयी और उसने दरवाजा बंद कर दिया ।
रज्जो की इस हरकत से राजन के उम्मीदो पर पानी फिर गया । रज्जो अन्दर बाथरूम मे मन ही मन खिलखिलाई ।

फिर उसने भी अपने सारे कपडे निकाल कर थोडी देर मे नहा ली ।मगर कपडे तो उसके पास भी नही थे तो उसने वैसे ही नंगी दरवाजे को ओट मे होकर अपनी एक जांघ को थोडा बाहर निकाल कर दरवाजा खोला ।

रज्जो - जीजा जी तौलिया दीजियेगा ।

राजन वो तौलिया ही लपेट कर वही बाथरुम के पास टहल रहा था और रज्जो की आवाज सुन कर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट आई और वो बाथरूम के पास गया और रज्जो के सामने ही तौलिया निकाल कर फिर से नंगा हो गया और तौलिया देते समय उसका लण्ड पूरी तरह से तना हुआ था ।

तभी उसकी नजर बाथरुम मे एक किनारे भीगी हुई रज्जो के पेतिकोट ब्लाउज पर गयी तो उसका दिल गदगदा गया ।
क्योकि उसे समझ आ गया कि रज्जो ज्यादा से ज्यदा ये तौलिया ही लपेट कर आयेगी ।

रज्जो ने मुस्कुरा कर एक नजर राजन के खड़े लण्ड को निहारा और फिर उसके हाथ से तौलिया लेके दरवाजे के पीछे हो गयी ।
इस बार रज्जो ने दरवाजा बन्द नही किया । फिर हल्का फुल्का अपने बदन को पोछा
रज्जो ने फिर तौलिया लपेटा और दरवाजे के सामने आई तो उसका उभरा हुआ बदन देख कर राजन की हालत खराब हो गयी ।

फिर रज्जो ने दरवाजे की ओर पिठ कर झुकी और अपना पेतिकोट उठाया ,, इस छोटे से सीन ने राजन को रज्जो के गाड के निचले हिस्से के उभारो की झलक मिली ,,जिससे उसका लण्ड और फुदकने लगा ।

फिर रज्जो ने वही किनारे पर रखे राजन के बनियान और जान्घिये को उठाया

राजन ने मौका देखा और वो फौरन बाथरूम मे घुस गया और रज्जो को रोकते हुए - नही नही भाभी आप ये क्या कर रही है ,,एक तो मेरी गलती के कारण ये सब हुआ ।

रज्जो ने एक नजर बाथरुम मे बलब की रोशनी राजन के तने हुए लण्ड को निहारा और फिर उससे बोली -अरे कोई बात नही भाई साहब,,,बस दो मिंट का ही काम है ।

राजन - लेकिन
रज्जो मुस्कुरा कर - आप चिन्ता ना करिये ,,बस वो टोटी चालू किजीये ।

फिर रज्जो वही निचे बैठ गयी और राजन ने वही खडे होकर टोटी चालू की ।

फिर वही निचे बैठ कर रज्जो ने सारे कपडे कचाडने शुरु कर दिये , ऐसे मे उसने जो मोटा तौलिया लपेटा था उसकी गांठ खुल चुकी और जैसे ही रज्जो सारे कपड़े को लेके एक बालटी मे डाल कर उन्हे गारने के लिए उठी ,,,उसके तौलिये का गांठ खुल गया और वो चिहुक कर फौरन तौलिये को पकडना चाही मगर उसके हाथ मे कपड़े थे । फिर भी उसने वैसे ही भिगे कपड़ो के साथ ही अपना तौलिया चुचियो के पास पकड लिया और तौलिया सरकने से रह गया ।

राजन को ब्डा अफसोस हुआ कि ये मौका भी नही मिला उसे । फिर रज्जो ने बार राजन को देखा तो हसने लगी ।

मगर तबतक वो गीले कपडे से काफी सारा पानी धीरे धीरे तौलिए को भी भीग चुका था ।
रज्जो - जीजा जी ये पकड़ेन्गे जरा , वो मेरा तौलिया खुल रहा है हिहिहिही

राजन बडी बेशरमी से हाथ आगे किया और रज्जो के हाथ से कपडे ले लिये और उसने देखा कि तौलिया भी पूरी तरह से भीगा है ।

रज्जो ने राजन को कपडे देके तौलिया पकडे हुए घूम गयी और अच्छे से उसको लपेट लिया ,,मगर तौलिया ज्यादा होने से वो फिर से खुल रहा था ,,जिसे बार बार रज्जो सही कर रही थी
राजन - भाभी मुझे नही लगता कि वो रुकेगा , क्योकि तौलिया भी भीग गया ।

रज्जो - हा सही कह रहे हैं जीजा जी ,,,
राजन - ऐसा करते हैं कि मै ये बत्ती बुझा देता हू और आप तौलिया निचोड लिजिए

रज्जो मुस्कुरा कर - हम्म्म सही रहेगा
फिर राजन ने वो कपडे को वही एक बालटी मे रख दिया और स्विच बंद करके बाथरुम की लाईट बुझा दी ।

अब वहा पुरा अंधेरा हो चुका वही रज्जो ने अपने जिस्म से तौलिया उतार कर उसे गारने लगी ।

इधर राजन धीरे धीरे अनुमान लगाते हुए रज्जो के करीब जाने लगा
रज्जो ने तौलिया निचोड़ा लेकिन फिर भी वो सही से लिपटा नही रहा था ।

रज्जो - ये तो अब भी नही लिपटा रहा है,,,
राजन - लाईये मुझे दीजिये

रज्जो - हा लिजिए लेकिन आप कहा है दिख नही रहे
राजन ने हाथ आगे करके
हा दीजिये भाभी जी

राजन ने हाथ आगे बढ़ाया लेकिन उसका हाथ रज्जो के नंगे पेट को छुआ ,,इसका अह्सास पाते ही राजन के रज्जो के गुदाज पेट का सहलाने लगा ।

रज्जो गुदगुड़ी से खिलखिलाकर - अरे कहा खोज रहे हैं इधर है उपर मेरा हाथ

राजन समझ रहा था कि रज्जो भी थोडी मस्ती चाहती है इसिलिए वो अपने हाथ को उपर उसकी बड़ी बड़ी चुचियो के पास ले गया और निप्प्ल के पास हथेली को घुमा कर - कहा है भाभी जी मिल नही रहा ,,,

रज्जो अपने नंगे निप्प्ल और चूची पर अपने नंदोई के हाथो का स्पर्श पाकर सिहर सी गयी ।
रज्जो - उम्म्ंम्ं कहा खोज रहे हैं जीजा जी अह्ह्ह्ह य्हाआआ है येईईईई उम्म्ंम्ं इस्स्स्स

राजन जो कि अब रज्जो की सही जगह जान गया था तो वो रज्जो के बगल मे खड़ा होकर अच्चे से उसके चुचो मे ही हाथो को घुमाने लगा ।

राजन - ओहो कहा है भाभी मिल नही रहा है

रज्जो अब पूरी तरह से गरम हो रही थी तो उसका हाथ निचे हो गया था ।
रज्जो सिस्क कर - उम्म्ंम जिजाआआआ जीईई मेरा हाथ निचे है

राजन की मानो लौटरी लग गयी । वो चुचियो पर से हाथ को सहलाते हुए उसके पेट फिर चुत के उपरी हिस्सो को सहलाने लगा । जिस्से रज्जो को कपकपी होने लगी ।

राजन थोडा उंगलियो से रज्जो की हल्की झान्टो वाली चुत का मुआयना करते हुए जांघो को सहलाया - ओह्हो भाभी कहा है मिल नही रहा ,,, आप मुझे परेशान करना चाह रही है ना हिहिहिही

रज्जो सिस्ककर - उह्ह्म्म्ं न्हीईई जीजाआआ जीई वही निचे ही तो है

राजन ने इस बार रज्जो के चुत के फाको के उपर से हथेली को घुमाया और फिर अपना दुसरा हाथ उसके चुतडो की ओर सहलाते हुए ले गया और थोडा आगे होकर अपना नुकीला लण्ड रज्जो की कमर के पास घिसने लगा ।

रज्जो को अब ज्यादा खुमारि होने लगी और वो राजन के गरम लण्ड की तपन अपने मुलायम कमर मे चुबता मह्सूस कर काप गयी और उसके हाथ से तौलिया निचे गिर गया ।

राजन ने मौका पाकर रज्जो की उभरी हुई गाड़ का भरपूर मुआयना करते हुए - ओह्ह भाभी कहा है आगे भी नही ना ही पीछे ।

रज्जो अब थोडा राजन की ओर झुकने लगी ,,,उसका शरीर अब धीरे धीरे अपना सन्तुलन खो रहा था ।

रज्जो कसमसा कर - उम्म्ंम्ं जिजाआअह्ह जीईई वो निचे गिर गया तौलिया सीईईयीयू उह्ह्ह्ह्ह्ंंमम्मम्ंं

राजन रज्जो की गाड पाटो को सहलाते हुए - अच्छा रुकिये मै निचे देखता हू,

राजन फिर रज्जो के पीछे आ गया और उसकी कमर को छुता हुआ ठीक उसकी गाड़ के उभारो के सामने आ गया ।
राजन के हाथ अभी भी रज्जो के कूल्हो पर सरक रहे थे और उसे रज्जो के बदन से एक मादक सी खुस्बु मिल रही थी । उसने एक लम्बी सास लेते हुए अपने नथुनो को रज्जो की गाड़ की गहरी दरारो के करीब लाकर सुँघा और फिर मुह से सास छोड दी ।

रज्जो अपने गाड़ के उभारो पर राजन की सासो की गरमी पाकर अपने पाटो को सख्त कर लेती है और उसके दिल की धड़कने तेज हो जाती है ।

मगर राजन के हाथ जैसे ही वापस उसके कूल्हो पर सरकते है वो अपने चुतड के पाटो को ढिला कर देती है और उसी समय राजन हल्का सा आगे होकर अपने शेविंग हुए गालो को हल्का सा रज्जो के गाड़ के एक पाट पर टच करवाता है और उन्हे घुमाता है ।

जहा राजन को अपने गालो पर रज्जो की नरम गाड की ठंडी चमडी आनन्द दे रही थी वही रज्जो की हालत और खराब होने लगी ,,,उसे राजन का स्पर्श बहुत ही कामुक लगा ।

राजन समझ रहा था कि अगर वो मुह से बोल कर भी रज्जो को सेक्स के लिए प्रस्ताव दे तो भी वो मना नही करेगी ,,मगर वो इस पल का मजा लेना चाह रहा था ।
वही रज्जो जो अब तक राजन के हल्के स्पर्शो से पागल हुई जा रही थी ,,उसको बहुत इच्छा होने लगी कि राजन उसके जिस्मो पर अपनी असली मरदाना छाप छोड़े ,,वो उसके बदन को नोच कर गाव के मर्द की ताकत दिखाये ।
राजन के हाथ रज्जो के कूल्हो से सरकते हुए अब उसके सख्त होते गाड़ के पाटो को थाम चुके थे ,,,राजन ने बहुत हल्का सा ही दबाव बनाते हुए रज्जो के गाड़ के मुलायम पाटो को फैलाया था की रज्जो ने खुद अपनी कमर को पीछे की ओर झुका दिया और राजन की नाक रज्जो के गाड़ के गहरी चौडी दरार मे घुस गयी ।

रज्जो सिसकी - उम्म्ंम्ं जिजाआअजीई
राजन को जब अह्सास हुआ कि रज्जो ने खुद पहल करके अपनी चुतडो को पीछे धकेला है वो बहुत ही उत्तेजित हो गया ।

उसने अब अपनी हथेली को रज्जो के चुतडो पर कसते हुए उसके पाटो को फैलाकर अपनी जीभ को उसके गाड़ के सुराख पर फिराया ।

रज्जो अपनी गाड़ के पाटों को सिकोड़ते हुए - उम्म्ंम्ं जिजाआआह्ह्ह जीईई क्याअह्ह्ह कर रहे है उम्म्ंम्ं सीईईईई अह्ह्ह्ह्ह
राजन बिना कोई प्रतिक्रिया के अपने काम मे लगा रहा और लपालप जीभ को गाड़ के सुराख पर चलाता रहा
रज्जो कसमसा कर खुद का सन्तुलन बनाने के लिए थोडा अगल बगल हाथ घुमा कर बाथरुम की दिवाल पर हाथ रख दिया और सिस्कने लगी
उसकी चुत ने रिसना शुरु कर दिया और एक मादक गन्ध राजन के नथुनो को रज्जो के चुत के निचले हिस्से की ओर खीचने लगी । राजन के अपने हाथों को रज्जो के चुतडो से हटाया और उसके मासल जांघो को सहलाते हुए उसके चुत के उपरी हिस्से और पेड़ू पर अपनी उगलीओ को घुमाया ।

राजन की मजबूत कलाई को अपनी जांघो और उसके ऊँगलीओ को अपने चुत के आस पास रेंगता पाकर रज्जो कापने लगी । वही राजन उसके गाड़ के पाटो को मुह मे भरने की कोसिस करता तो कभी कुत्तो की लम्बी जीभ निकाल कर उनको चाटता ।

धीरे धीरे उसके अपने हाथ को रज्जो के चुत के उपर ले आया और अपनी दो मोटी ऊँगलीयो से रज्जो के भोसडीदार चुत के फन्को को रगड़ा, जिससे रज्जो की चुत ने पिचपिचा कर थोडा रस छोडा ।

राजन वापस रज्जो की कमर को थामा और खड़ा हुआ जिससे रज्जो आगे होने वाले रोमांच को सोच कर और भी सिहर उठी ।

राजन ने एक हाथ से लण्ड को पकड कर रज्जो के गाड़ के पाटो पर घुमाया ,,
रज्जो मन मे - उफ्फ्फ नंदोई जी का सुपादा बहुत मोटा लग रहा है उम्म्ंम कब डालोगे जीजा जीईईई

राजन अपना लण्ड उपर कर रज्जो के गाड़ के दरारो मे फसा कर अपनी गरम छाती रज्जो के मुलायम पिठ से सटा दी , रज्जो को ऐसा मह्सूस हुआ कि मानो गरम तवा उसके बदन को छू गया मगर एक गजब भी ठंडक भी थी और रज्जो ने अपना बदन राजन के उपर ढिला कर दिया ।

राजन ने रज्जो के कमर के आगे हाथो को उसके पेट से होते हुए उपर उसकी तेजी से उपर निचे होती चुचियो के करीब ले गया फिर दोनो हाथो से उसकी भारी मुलायम चुचियो को थाम कर उन्हे प्यार से उठाया और अपनी कठोर खुरदरी हथेली मे उन्हे मिजना शुरु कर दिया ।

रज्जो एक काम कुण्ठा से भर गयी , उसे एक नये जोश का अनुभव हुआ ,,आखिर जिस मजबूत स्पर्श के लिए वो तडप रही थी वो उसे मिला और उसके हाथ खुद ब खुद उसके नदोई के हाथो के उपर आ गये और वो अपने नंदोई के हाथो को दबा मानो उन्हे उकसा रही थी कि उसके चुचियो को और कठोरता से मसला जाये ।


राजन ने इशारा समझा और अपने होठो से रज्जो एक गरदन के पास चुमते हुए उसने रज्जो के छातियो को और भी जोर से भिच्ना शुरु कर दिया ।

ऐसे मे रज्जो ने पहली बार अपनी भावना व्यक्त की - उम्म्ंम्ं अह्ह्ह्ह जीजाआअहह जीईई ऐसे हीईई उम्म्ंमममं

राजन रज्जो के वक्तव्य सुन कर और भी उत्तेजित हुआ और उसने भी अपनी भाव्नाओ के सागर से कुछ शब्दो को रज्जो के जिस्म के तारिफ के रूप मे बोलते हुए कहा - ओह्ह्ह्ह भाभी जी आपके ये जोबन बहुत ही गूलगुले और मोटे है अह्ह्ह्ह्ह , कमल भैया तभी तो नशे मे भी आपको भूल नही पाते उम्म्ंम
रज्जो कसमसा कर - उम्म्ंम जिजाआह्ह्ह जीईई पकड तो आआपकीईई भी बहुतहह मजबूउउउत है अह्ह्ह्ह उम्मममं तभीईई तोओह्ह ममता इतनी निखर गयी है अह्ह्ह्ह

राजन मुस्कुरा कर - मजबूत तो मेरा कुछ और भी है भाभी ,,,कहो तो उसका भी

राजन के बात पूरी होने से पहले ही रज्जो ने अपनी गाड़ आगे कर थोडा साइड हुई और राजन के खड़े लण्ड को हाथ पीछे कर थामकर उसे सहलाते हुए - उम्म्ंम्ं यही ना ,,,लग तो रहा है काफी मजबूत है ,, मगर मेरी भट्टी की गरमी झेल पायेगा कि नही हिहिही

राजन मुस्कुरा कर रज्जो की चूचियो को सहलाता हुआ - आप ही जाच लो ना भाभी एक बार

रज्जो मुस्करा कर घूमी और राजन के लण्ड को मुठियाते हुए - हम्म्म्म देखना तो पडेगा ही एक बार कि मेरे पति ने अपनी बहन के लिए सही माल खोजा है भी या नही।

राजन ने रज्जो की कमर मे हाथ डाल कर उसे अपने ओर खिच कर उसके होठो पर हाथ फिराते हुए कहा- शुरुवात इस्से करिये ना भाभी जी

रज्जो ने थोडी मुस्कुराई और सरकते हुए राजन के कदमो मे बैठ गयी और हाथो को अच्छे से राजन के जांघो और लण्ड के आस पास के एरिया मे सहलाया जिससे राजन के लण्ड मे और भी उत्तेजना आ गयी ।
रज्जो ने मुह खोला और लण्ड के जड़ के पास से उसको एक हाथो से पकडते हुए मुह मे आधा घोट लिया ।

राजन पूरी तरह से हिल गया - उम्म्ंम्ं भाअभीईईई जीईई अह्ह्ह्ह मजा आ गया ओह्ह्ह्ह ऐसे ही उफ्फ़फ्फ्फ अज्झ

इधर धीरे धीरे रज्जो ने राजन का लण्ड अपने मुह मे भरना शुरु कर दिया ,,वही राजन के मन मे ये दृश्य अपनी आँखो से देखने की इच्छा होने लगी ।

उसने अपने हाथ को इधर उधर पास की दिवाल पर रेगाया और स्विच का बटन पाते ही उसे जला दिया ।

बाथरुम मे रोशनी बाते ही रज्जो चौकी और लण्ड को मुह मे भरे ही अपनी बडी बडी आंखो से राजन को उपर की ओर देखी ।

राजन इस दृश्य को देखकर और भी गदगद हो गया और उसने अपने हाथ को रज्जो के बालो मे घुमाया और बोला - ओह्ह्ज्ज भाभी जी ना जाने कब से इस दृश्य के लिए मै लालयित था उम्म्ंम्म्ं अह्ह्ह ऐसे ही और अन्दर लिजिए अह्ह्ह्ह

रज्जो राजन की मनोभाव्ना सुन कर मुस्कुराइ और थोडी शर्माइ भी , फिर वापस लण्ड को मुह मे भरना शुरु कर दिया ।

थोडी देर बाद ही राजन ने रज्जो के सर को थाम कर उसे इशारा किया कि आगे बढा जाये ।


रज्जो ने वही बगल मे गिरा भीगा हुआ तौलिया उठाया और उसे वही बिछा कर सीधा लेट गयी और अपनी चुत को सहलाते हुए राजन को आमन्त्रण देंने लगी ।।

राजन रज्जो के नग्न बदन को इतने करीब से देख पागल सा होने लगा और तेजी से अपना लण्ड हिलाने लगा

रज्जो अपनी खुली हुई चुत को जान्घे फैला कर रगड़ती हुई - ओह्ह्ह जीजा जी आओ ना ,,इस बार भी सुबह की तरफ बस देख कर निकाल दोगे क्या अह्ह्ह


राजन रज्जो के वक्तव्य सम्झ कर मुस्कुराया - नही भाभी ऐसा मौका कैसे जाने दूँगा

राजन अपने घुटनो के बल आया और लण्ड को सहलाते हुए उसे रज्जो के गीले भोस्दे पर रखा और एक बार मे पुरा लण्ड रज्जो के चुत के जड़ मे उतार दिया ।

रज्जो - अह्ह्ह्ह्ह जिजाआअह्ह्ह जीईईई मर गयीईईई ओह्ह्ह्ह झह

रज्जो तेज तेज सांसे लेने लगी - उह्ह्ह अह्ह्ह एक ही बार मे जान ले लोगे क्या आप अह्ह्ह माआ उह्ह्ह्ह अराम से थोडा उम्म्ंम्ं

राजन हस कर - मुझे लगा काफी खुला हुआ माल है तो आराम से चला जायेगा

रज्जो शर्माई- अब खोल दिया है तो रुके क्यू है ,,किजीये ना उम्म्ंम्ं
राजन अपने हाथ आगे ले जाकर उसके चुचियो को सहलाते हुए - क्या कर भाभी जी

रज्जो थोडा शर्मा के - उम्म्ंम्ं अह्ह्ह जीजा जी वही जो आज भोर मे मेरे साथ करने के लिए सोच रहे थे अह्ह

राजन मे रज्जो के दोनो हाथो को पकड कर उपर किया और उसकी एक चुची को मुह मे भरते हुए एक बार फिर एक लम्बा जोरदार ध्क्क्का रज्जो के चुत मे लगाते हुए - मुझे तो आपके इस भोसडीदार चुत मे अपना लण्ड घुसा कर पेलना था भाभी जी अह्ह्ह


रज्जो राजन के मुह से ऐसे खुले और कामुक शब्द सुन कर सिहर गयी और उसने अपनी चुत के अंदर ही लण्ड को कसते हुए - उम्म्ंम तो पेल लिजिए ना जिजाआ जिईई जैसे मन हो अह्ह्ह्ह


राजन मे वैसे ही रज्जो के हाथ उपर किये हुए अपनी कमर को चलाना शुरु किया और लगातर रज्जो की आन्खो मे देखते हुए उसके भावो को पधने की कोशिस करता रहा

रज्जो राजन के तेज धक्के से पूरी हिल्कोरे मारे जा रही थी ,,बाथरुम थ्प्प्प थ्प्प्प की आवाज और रज्जो की सिस्कियो से गूज रहा था ।

राजन - अह्ह्ह भाभी मेरा तो काफी सालो से ये सपना था कि कास आप को ऐसे खोल कर चौद पाऊ अह्ह्ह आज मेरा सपना हकीकत मे हुआ अह्ह्ज

रज्जो कस्मसा कर - अह्ह्ह जीजा जी उम्म्ंम ऐसेही अह्ह्ह ऐसे ही आह्ह चोदिये मूझे जैसे आप चाह रहे हैं उम्म्ंम्म्ं अह्ह्ह उम्म्ंम

राजन - ओह्ह्ह भाभी जी बहुर मजा आ रहा है आपके भोस्ड़े मे उम्म्ंम बहुत गरम हो आप अह्ह्ह

रज्जो - अह्ह्ह मजा तो आपके इस लण्ड मे भी है जीजा जीई अह्ह्ज ऐसे ही ओह्ह्ह
राजन - उम्म्ंम लगता ही नही सिर्फ कमल भैया ने अकेले इसे इतना खुला कर दिया है उम्म्ंम्म्ं अह्ज्ज्ज

रज्जो - उम्म्ंम्ं और कौन करेगा जीजा जीईई मै कोई रंडी थोड़ी हू अह्ह्ह क्या मै आपको रन्डी लगती हू जीजा जी बोलिए ना ,,क्या मेरी चुत आपको रन्डी की चुत लगती है अह्ह्ह्ह जिजाआजहह जीईई

राजन तेजी से रज्जो के भोस्दे मे पेलता हुआ - उन्मममं किसी चुद्क्क्ड रन्डी से कम थोडी ना लग रही हो भाभी अह्ह्ह्ह आपको देख कर ही लगता है कि कितनी चुदवासी हो उम्म्ंम

रज्जो अपनी तारिफ सुन कर सिस्कते हुए - अह्ह्ह सच मे इत्नी कामुक हू मै जीजा जिईई अह्ह्ह

राजन - उम्म्ं हा भाभी जी,,इतनी बड़ी बड़ी चुचिया और ये बड़े बड़े गाड मैने किसी और के नही देखे । ऐसा लगता है कितना ज्यादा गाड़ मरवाति हो आप अपना

रज्जो मुस्कुरा कर -अह्ह्ह हा जीजा जीई मुझे बहुत पसन्द है अपनी गाड मे लण्ड लेना अह्ह्ह्ह आप भी दोगे ना उम्म्ंम्म्ं बोलो ना जीजा जीईई

राजन रज्जो की बातो से बहुत ही उत्तेजीत हो रहा था तो वो और लम्बे धक्के लगाते हुए - हा भाभी आज पूरी रात आपकी चुत और गाड मारने वाला हू उम्म्ंम अह्ह्ह

रज्जो- ओह्ह्ह जिजाआअजीई ये अह्सास उम्म्ंम्म्ं अह्ह्ह और तेज्ज्ज्ज अह्ह्ह मै आ रही हुईई ओह्ह्ह्ह पेलो ना मुझे और तेज्ज्ज्ज अह्ह्ह मै आपको रन्डी जैसी दिखती हू ना अह्ह्ह्ह मुझे रन्डी समझ कर पेल दो अझ्हअह्ह्ब माआ


रज्जो ये बोल कर तेजी से अपनी गाड़ को उच्काने लगी और झड़ने लगी और वही राजन रज्जो के मुह से इतने कामुक और ऊततेज्क शब्दो को सुन कर पागल हो गया,,,उसके सुपाड़े मे वीर्य भरना शुरु हो गया वो तेजी से धक्के लगाने लगा ,,, रज्जो की चुत से पच्च्च्च प्च्च्च्च्च की आवाजे आने लगी

राजन - अह्ह्ह हा भाभी आप एक नम्बर की रन्डी लगती हो मुझे आह्ह्ह कितनी गर्म हो अह्ह्ह मेरी रन्डी अओह्ह्ह ये ले और ले औम्म्ंं अह्ह्ह


रज्जो - अह्ह्ह जीजा जी चोदिये मुझे अह्ह्ह्ह मै रन्डी हउउउऊ अह्ह्ह उम्म्ंम और तेज आह्ह्ह

राजन का खुद को अब रोक पाना बहुत मुस्किल वो झडने के बहुत ही करीब था - अह्ह्ह्व मेरी रन्डी भाभी अह्ह्ह मै आने वाला हूउउऊ अओह्ह्ह मेरी चुद्क्क्कड़ड़ ओह्ह्ह

राजन फौरन लण्ड निकाला और हिलाते हुए उठकर रज्जो के मुह के पास गया - अह्ह्ह मेरी रन्ड़ि ले सारा माल अह्ह्हअह्ह्ह्ह ले सरा पि जाआ हहह

राजन तेजी से रज्जो के मुह पर मुठिया कर झडने लगा और फिर रज्जो के मुह मे लण्ड ठूस दिया जिसे रज्जो ने अच्छे से निचोड दिया ।

राजन वही बगल के दिवाल का सहारा लेके पैर फैला कर बैठ गया । थोडी देर तक दोनो ने अपनी सास बरबार की और फिर दोनो एक दूसरे को देख कर ह्स्से

राजन ने अपने पैर के अंगूठे से रज्जो के चुची को ठेला तो रज्जो शर्मा गयी और उठकर टोटी चालू करने लगी ,,वही राजन रज्जो की फैली हुई गाड़ को देख कर एक बार फिर से सिहर उठा और लण्ड सहलाते हुए खड़ा हो गया ।



जारी रहेगी
पढ कर रेवो जरुर दे और कहानी के लिए अपना विचार जरुर रखे ।बिना उसके लिखने का मजा नही आता ।
आपके प्यार की खासा जरुरत है ।
धन्यवाद
Bahot behtareen
Shaandaar update bhai
 
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