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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी भाइयो और मेरे पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
💥💐💥
उम्मीद करता हूँ ये दीवालि आपके जिवन खुशियो से भरपूर और मस्त रही हो

एक अनुरोध है सभी से ये कहानी का अगला भाग नये साल यानी 2025 से ही शुरु हो पाना संभव है
तो मेरी दुसरी कहानी अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया को तब तक पढे

जब ये कहानी शुरु होगी
सभी को सूचित किया जायेगा

एक बार फिर सभी का धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 115
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

पिछले अपडेट मे आप सभी ने पढ़ा कि एक ओर जहा चमनपुरा मे राज ने चंदू के साथ मिल कर चंपा को पूरी रात बुरी तरह से चोदा और वही जानीपुर शहर मे रज्जो के यहा से सभी लोग घुमने जाने को तैयार हो रहे है ।

अब आगे
नासता करके सोनल और पल्लवि अपने कमरे मे चले , वही अनुज रमन के साथ उसके कमरे मे चला गया क्योकि उसके कपडे वही थे ।

इधर ममता और रज्जो किचन मे काम खतम करने चली थी और वही हाल मे कमलनाथ राजन के साथ बैठा हुआ था ।
उसकी नजर राजन पर थी जो बार बार किचन मे रज्जो को घूमते देख रहा था ।

कमलनाथ को लगा कि राजन अभी भी सुबह की बात को लेके विचलित है
कमलनाथ - क्या राजन ,अरे छोडो ना उस बात को , जो हुआ सो हुआ

राजन की तन्द्रा टूटी और उसे ध्यान आया कि वो कहा खो गया तो वो कमलनाथ की बातो का जवाब देते हुए - नही भाईसाहब मेरा जी नही मान रहा है ,,,और अभी नाश्ते के समय देखा ही ना आपने कि कैसे भाभी जी को हमारे सामने आने मे शर्मींगी हो रही थी । कब तक ये चलेगा आखिर शादी ब्याह का दिन का है

कमलनाथ - हम्म्म बात तो सही है तुम्हारी , रुको मै बुलाता हू उसे

राजन - अरे नही भाईसाहब यहा नही ,, ममता भी है यही और उसकी आतुरता जानते ही है

कमलनाथ हस कर - अच्छा ठीक है तुम उपर चलो मै रज्जो को लिवा के हमारे कमरे मे आता हू।

राजन मुस्कुरा कर उपर चल दिया और वही कमलनाथ रज्जो को अपने लिये कपडे निकलवाने के बहाने उपर कमरे मे लिवा लाया ,, जहा राजन सोफे पर बैठा बेचैन हुआ जा रहा था और उन दोनो के कमरे मे प्रवेश करते ही वो खड़ा हो जाता है ।

राजन को ऐसे अचानक अपने कमरे मे पाकर रज्जो को थोडा अटपटा लगा ,, वही कमलनाथ ने जब रज्जो को उलझते देखा तो मुस्कुरा कर बोला।

कमलनाथ - अरे रज्जो परेशान ना हो ,,,राजन को मैने ही बुलाया है

रज्जो कमलनाथ को देखते हुए - आपने बुलाया लेकिन क्यू
कमलनाथ कुछ बोलता उससे पहले राजन अटकते हुए शब्दो मे - वो वो भाभी जी मै सुबह के लिये माफी चाहता हू वो अचानक से मै और भाईसाहब बाते करते हुए आ गये और वो सब .....

रज्जो पहले तो शर्माते हुए मुस्कुराई पर वो भी इस बात को लेकर अपने पति के सामने थोडी उलझन मह्सूस कर रही थी ।

कमलनाथ - हा रज्जो तुम मुझे भी माफ कर दो ।


रज्जो हस कर - अरे नही जीजाजी ,,,क्या आप भी , इसमे माफी मागने वाली क्या बात है । वो सब बस एक संयोग था ।

कमलनाथ - हम्म्म सही कह रही हो रज्जो ,,

रज्जो ह्स कर - और आप क्यू माफी माग रहे है आप तो रोज ही ....

तभी रज्जो की नजरे राजन से टकराई और वो शर्माते हुए चुप हो गयी ।
राजन - हा भाभी जी मैने भी बोला सुबह मे इनको ,कि आपको क्या जरुरत है माफी मांगने की

कमलनाथ हसता हुआ - अच्छा ठीक है बाबा नही मागता ,,,लेकिन ये तो बताओ तुम बाथरूम के बाहर क्यू ये सब ...

रज्जो ह्स कर - वही आपकी लाडली बहन की वजह से

कमलनाथ चौक कर - ममता ने क्या किया
रज्जो - उसी ने दरवाजा नही खोला समय से और मुझे जोर की पेसाब लगी थी तो वही ...

रज्जों की बात पर राजन अपने होठ दबाते हुए हसे जा रहा था और उसपे कमलनाथ की नजर पडी तो वो रज्जो को राजन की ओर इशारा करके ।

कमलनाथ - हम्म्म चलो कोई बात नही
मगर रज्जो कहा ऐसे मौके पर शांत होने वाली थी - हा हा अब अपने बहन पर बात आई तो चुप कर ,, अरे आप मर्दो का ठिक है बस चैन खोलो और हो गया , लेकिन हमे पुरा खोल कर बैठना पड़ता है ।

कमलनाथ ह्सते हुए - अरे हो गया भाई ,,,माफ कर दे , मै ममता की ओर भी माफी मांगता हू ।

राजन ह्सते हुए - हा भाभी जी मै भी ,,,अच्छा मै अपने कमरे मे जा रहा हू


ये बोलकर राजन अपने कमरे मे निकल गया ।
राजन के जाते ही कमलनाथ - क्या रज्जो ये सब क्या था ,,, क्या सोचेगा वो और तुझे प्रेसर था तो यही कमरे के बाथरूम मे चली जाती , चालू तो करवा दिया है इसे भी ना अब

रज्जो ह्स कर - अरे आप भी ना , वो मेरे नंदोई है हसी मजाक चलता है हिहिहिहिही

कमलनाथ रज्जो की मोटी गाड के उभारो पर हाथ फिराते हुए - हा लेकिन आज तेरे नंदोई की नजर तेरी इस मखमली गाड पर चली गयी है ,,अब थोडा हिसाब से हसी मजाक करना ,,मेरे सामने भले ही वो नही कुछ बोला लेकिन अकेले मे परेशान कर देगा ।

रज्जो इतरा कर -
कमलनाथ से चिपकते हुए उसकी आंखो मे देखते हुए - आप तो ऐसे डर रहे है जैसे नंदोई जी आपको हटा के खुद चढ जायेंगे ।

कमलनाथ रज्जो की नशीली आंखो और उसके कामुक्ता भरे लहजो को सुन कर वो थोडा उत्तेजित मह्सूस करने लगा और रज्जो की आंखो मे देखते हुए उसकी गाड के पाटो को सहलाते हुए बोला - अगर वो मेरी बीवी चोदेगा तो मै उसकी बीवी नही चोद दूँगा ।

रज्जो थोडी मुस्कुराई और एक हाथ निचे ले जाकर अपने पति का खड़ा होता लण्ड कूरते के उपर से जकड़ते हुए - आप भूल रहे हो ,,, उनकी बीवी आपकी बहन है उम्म्ंम्ं ,,, फिर भी चोदोगे क्या हा बोलो ना

कमलनाथ अपने लण्ड पर रज्जो के हाथो का स्पर्श पाकर और ममता को चोदने के अह्सास से एकदम से सिहर उठा और उसका लण्ड सख्त होने लगा । जिस्का आभास रज्जो मे अपनी हथेली मे होने लगा ।

रज्जो वापस से कुरते के उपर से कमलनाथ का लण्ड सहलाते हुए - बोलो ना ,चोदोगे क्या अपनी बहन को उम्म्ंम्ं ,

कमलनाथ कसमसा कर सिहरते हुए - बहन है तो क्या हुआ ,,अगर मेरी बीवी को वो चोदेगा तो मै भी उसकी बीवी को अह्ह्ह उम्म्ंम्ं अराआआम से उम्म्ंम्म्ं

इधर रज्जो कमलनाथ के पजामे मे हाथ घुसा कर लण्ड थाम चुकी थी ।
रज्जो कमलनाथ का लण्ड पकडकर उसकी चमडी खिचते हुए - तो सीधा बोलो ना कि अपनी बहन को चोदने के लिए मुझे नंदोई जी से चुदवाना चाहते हो ।

कमलनाथ रज्जो की बातो को अपनी कल्पनाओ मे जोडने लगा कि काश ऐसा हो जाये और वो खुल कर ममता को चोद पाये ।

रज्जो कमलनाथ पर अपनी बातो का असर होता देख - उम्म्ंम्ं सोचो ना इधर नंदोई जी लण्ड मेरी चुत मे गया नही उधर आपको आपकी बहन मिल जायेगी चोदने के लिए उम्म्ंम्म्ं

कमलनाथ के दिल की धडकनें तेज हुई जा रही थी और वो बस रज्जो की बाते अपनी कल्पनाओ मे जोडते जा रहा था और उसका लण्ड कड़ा हुआ जा रहा था ।

रज्जो ने इस बार अपनी हथेली को कमलनाथ के आड़ो तक सह्लाया और बोली - आप हर रात मेरे साथ बहन को चोदने के ख्वाब देखते हो ,,, फिर हम दोनो आपके लण्ड के निचे होगे और मै खुद आपकी बहन की चुत आपके लिये तैयार करूंगी ।

इधर कमलनाथ की हालत पूरी तरह से खराब हो गयी और रज्जो के साथ अपनी बहन को चोदने का ख्याल उसे चरम पर ले आया। और रज्जो की बाते खतम होते ही कमलनाथ के लण्ड ने खडे खडे ही पिचकारी देनी शुरु कर दी ।

कमलनाथ को झड़ता देख रज्जो ने आखिरी दाव खेला और वो उसके झड़ते लण्ड के आड़ो को सहलाने जिस्से कमलनाथ को और आनन्द आने लगा झडने मे ।

मौका देखकर रज्जो ने कमलनाथ को कबुलवाना शुरु किया - तो बोलो ना चोदोगे ना अपनी बहन को मेरे हाथ बोलो ना उम्म्ंम बोलो

कमलनाथ आंखे बंद किये हुए झड़ते हुए - अह्ह्ह हा रज्जो मै चोदूंगा अपनी बहन को उन्म्म्ं अह्ह्ह ममता उह्ह्ह्ह रज्जो मुझे तुम दोनो को एक साथ चोदन है उम्म्ंम अह्ह्ह

रज्जो कमलनाथ के मुह से अपने काम लायक बाते कबूलवा ली और उसका लण्ड निचोड कर मुस्कुराने लगी ।
कमलनाथ झड़ कर हाफते हुए सोफे पर बैठ गया और रज्जो उसे एक ग्लास पानी देती है और एक खराब कपडे से उसका वीर्य साफ करके कमलनाथ के बगल मे बैठ जाती है ।

कमलनाथ का मन शांत हुआ और उसे अब थोडी शर्म आने लगी थी तो रज्जो मुस्कुरा कर - क्या हुआ जी

कमलनाथ हस कर - तुम ना एक नम्बर की चालू हो क्या क्या कबूलवा ली हमसे

रज्जो कमलनाथ चिपक कर - इसमे कबूलवाना क्या था ,, हमको बहुत पहले से ही आपकी ममता को लेके क्या राय है ये पता था ,,,बीवी हू अपने पति के दिल का हाल नही जानुन्गी हिहिहिही

कमलनाथ रज्जो के कंधे पर हाथ रखकर- तुमको अजीब नही लगा कि मै अपनी बहन को लेके ये सब ... मतलब समझ रही हो ना

रज्जो हस कर - अरे घर के माल पर किसकी नजर नही रहती जी फिर तो ममता है ही इतनी मालदार हिहिहिहिही

कमलनाथ हस कर - फिर तो तुम्हारे राजेश ने भी ट्राई किया होगा तुम पे ,,,

रज्जो हस कर - उससे क्या फायदा ,,उसकी किस्मत आपके जैसे थोडी है हिहिहिही

कमलनाथ रज्जो का व्यंग समझ गया था- लेकिन रज्जो ये सब होगा कैसे ।

रज्जो थोडा इतराइ- पहले तो मुझे मेरी नंदरानी के इरादे जानने है कि वो क्या सोचती हैं अपने भैया को सईया बनाने के बारे मे हिहिहिही

कमलनाथ - और फिर
रज्जो हस कर- फिर नंदोई जी निबटना पड़ेगा हिहिहिही

कमलनाथ के दिल की धडकनें रज्जो की बातो सुन कर तेज होने लगी ।
कमलनाथ हिचक कर - मतलब तुम मेरे लिए राजन के साथ ....

रज्जो - क्यू अपने पति लिए इतना भी नही कर सकती मै ,,हा

कमलनाथ धड़कते दिल के साथ - लेकिन मेरा दिल इसके लिए राजी नही है रज्जो ,,, मै इत्ना स्वार्थी नही बन सकता

रज्जो ने बात को भावनात्मक होते देख थोडा शर्मा कर कमलनाथ के सीने में सर रख कर - धत्त आप तो समझते ही नही

कमलनाथ रज्जो के इस वक्तव्य से उत्तेजना से भर गया और उस्का लण्ड फिर से ठुमक उठा और वो अपने धडकते दिल के साथ रज्जो को अपने आंखो के सामने करता हुआ हिचक कर बोला - तो इसका मतलब तुम भी राजन से ???

रज्जो मुस्कुराते हुए शर्मा कर - हाआआ , नहीईई मतलब वो मै बस देखूँगी समझूँगी कि वो आज सुबह के बात पर क्या सोचते है मेरे बारे मे

कमलनाथ रज्जो के दिल की बात समझ गया और हस कर - मै समझ गया , तू भले ही ना बोल मेरे सामने ।

रज्जो शर्माने लगी ।
कमलनाथ - वैसे मेरे से बड़ा है या मोटा

रज्जो का दिल धक्क कर गया कमलनाथ की बात सून कर और वो आंखे बड़ी कमलनाथ को देखते हुए - क्या मतलब

कमलनाथ हस कर - वही उसका हथियार ,, तुने देख रखा है ना ,, बोल हिहिहिही

रज्जो शर्मा कर - क्या आप बस करिये ना ,,,चलिये अब तैयार हो लिजिए

फिर कमलनाथ हस्ता हुआ कपड़े बदलने के लिए खड़ा होता है ।
इतने मे ममता कमरे के दरवाजे पर खटखट होती है ।

रज्जो दरवाजा खोलती है - अरे ममता तू , आ अन्दर आ

ममता हस कर अन्दर आते हुर - हा भाभी वो कल जी जीन्स ट्राई की थी ना वो दे दीजिये ।

रज्जो एक नजर कमलनाथ को देखती है और हस कर - क्यू सिर्फ जीन्स ही पहन के जायेगी क्या हिहिहिह

ममता अपने भैया को देख कर थोडा शर्मा गयी और हस्ते हुए - हा और उसके उपर का भी चाहिये था हिहिहिही

रज्जो फिर आलमारी से कल वाली जीन्स और एक लॉन्ग टॉप दी मुश्किल से उसके आधे चुतडो तक जाती।

ममता उस टॉप को खोलकर देखते हुए - भाभी और कोई बड़ा नही है इससे

रज्जो - नही रे मै ऐसे ही शॉर्ट वाले ही पहनती हू
कमलनाथ - अरे तो क्या हुआ इसमे क्या बुराई है ,,,तुम भी ना ममता जा पहन कर तैयार हो जा जल्दी कर, दस बजने वाले है भाई


ममता कमलनाथ की बात पर चुप हो गयी और उसे ध्यान आया कि रज्जो ने उसे कोई दुप्प्ता दिया ही नही ।

ममता - हा भाभी इसका दुपट्टा

रज्जो हस कर - क्या ममता तु भी ,, जीन्स पर कोई दुपट्टा लेता है ,,, क्या जी आप ही समझाओ आपनी लाडोरानी को हिहिही

कमलनाथ हस कर - हा ममता ,, ये मॉडर्न कपडे है ना और तुम क्या जब शादी से पहले जीन्स पहनति थी तो दुपट्टा लेती थी हिहिह

ममता हस कर - हा लेकिन ,,, अच्छा ठिक है मै आती हू तैयार होकर ।
फिर ममता वो कपडे लेके अपने कमरे मे चली जाती है ।


रज्जो कमलनाथ को छेड़ते हुए -ओह्हो मतलब शादी के पहले से अपनी माल पर नजर रखे हुए थे ।

कमलनाथ रज्जो की बात पर हस देता है ।

थोडी देर बाद उपर चारो लोग तैयार होकर अपने क्मरे से बाहर निकलते है
इधर जहा कमलनाथ की आंखे ममता को देखकर चमक उठती है वही राजन की आंखे रज्जो को ।
रज्जो ममता की तारिफ करती है तो वो शर्माजाती है ।फिर वो दोनो आगे चलते हुए निचे जाने लगति है वही राजन और कमलनाथ की नजर जीन्स मे कसे हुए उनके भारी मटकते कूल्हो पर जाती है दोनो के मुह से आह्ह्ह निकल जाती है और वो दोनो एक दूसरे को देख कर हस पड़ते है ।

फिर सारे लोग निचे हाल मे आते है जहा सोनल और पल्लवि भी जीन्स और टॉप मे थी , वही अनुज और रमन जीन्स टीशर्ट मे थे ।

कमलनाथ खुद को और फिर राजन को देखता हुआ - भाई आप सब तो एक ग्रुप लग रहे है हमे छोड कर

पल्लवि चहक कर - नही मामा जी ,,आप और पापा दोनो बहुत अच्छे लग रहे है शर्त पैंट मे हिहिहिही

सोनल - हा मौसा ,
रमन - तो चला जाये , ई रिक्सा आ गया है ।

कमलनाथ - हा हा भाई अब काहे की देरी , चलिये सब लोग

फिर सारे लोग निकल पड़े शहर के pvr मे ।
8 टिकिट कराई गयी और एक ही लाईन मे लगभग सबको सीट मिल गयी ।
वही अन्दर घूसने पर अब जो आगे था वो वैसे ही लाईन मे घुसते हुए बैठता चला गया ।
सबसे पहले अनुज फिर पल्लवि फिर सोनल फिर रमन फिर राजन फिर रज्जो फिर ममत और फिर कमलनाथ ।

अनुज सबसे कॉर्नर पर था तो पल्लवी को काफी खुशी थी कि अनुज उसके साथ है । इधर जैसे ही लाईट ऑफ़ हुई वही पल्लवी ने अनुज के हाथ मे हाथ डाल दिया ।

अनुज की हालात खराब होने लगी वो एक नजर आगे झुक कर अपने बाई ओर झाका तो देखा कि सबकी नजरे पर्दे पर है फिर उसे भगवान से किये तौबा को याद किया और पल्लवी को मना करते हुए हाथ खिच लिया अप्ना ।

पल्लवि अनुज के इस व्यवहार से तुनक कर वापस पर्दे की ओर मुह कर ली ।
अनुज ने एक राहत की सास ली ,वही पल्लवि फिर से नोर्मल होते हुए सोचने लगी की आखिर अनुज सुबह से ही क्यू ऐसा व्यवहार कर रहा है ।

तो वो वापस अनुज की ओर लपक कर - मुझसे कोई गलती हुई क्या अनुज

अनुज पल्लवि का चेहरा अपने करीब पाकर परेशान होने लगा उसे डर लग रहा था कि कही सोनल दीदी ना देख ले उसे ।
अनुज - न न नही तो कुछ भी नही
पल्लवि - तो तुम मुझसे दुर क्यू जा रहे हो
ये बोलकर पल्लवी वापस अनुज के कलाई मे हाथ डाल दी ।

अनुज ने सोचा की अगर ये सिर्फ इतने मे ही खुश है तो ऐसे रहने देते है ,,नही तो कही इससे बात करते हुए दीदी ने सुन लिया तो गड़बड़ हो जायेगी ।

वही पल्लवी ने देखा कि अनुज ने इस बार उसे नही रोका तो वो मुस्कुरा कर पर्दे पर देखते हूए अपनी उंगलियाँ अनुज के उंगलियो मे फसा ली और जकड़ ली ।

पल्लवि की इस हरकत से अनुज गनगना गया और उसकी आंखे बन्द हो गयी । वो लम्बी सासे लेनें लगा वही पल्लवि मुह में अपनी हसी दबाने लगी ।

इधर जहा ये दो लैला मजनुओ का शो चालू था वही इसी लाईन मे दो और मजनू अपनी लैला को ताडे जा रहे थे ।
राजन और कमलनाथ ।

दोनो की नजरे रज्जो और ममता की टॉप से झाकती चुचियो की दरारो पर जमी थी ।
सही मायने मे मूवी पर ध्यान किसी का भी नही था ।

सोनल और रमन अपने अपने होने वाले जीवनसाथी से texting मे बिजी थे , बाकी 3 लैला मजनू आप से व्यस्त थे ही ।

इधर पल्लवि सोनल पर बखुबी नजर बनाये हुए थी और उसने मौका देखकर हाथ को निचे अनुज की जांघो तक लेके चली गयी ।
अनुज की हालत अब और पतली हो गयी और डर से कापने लगा , लेकिन पल्लवि का स्पर्श उसे उत्तेजित भी कर रहा था ।

उसे समझ ही नही आ रहा था कि वो क्या करे ,, वही पल्लवि अनुज को परेशान देख कर बहुत चहक रही थी और उसने अपने हाथ उसकी जांघो पर घिसने शुरु कर दिये ,,,नतिजन अनुज का लण्ड अंगदायी लेना शुरु कर दिया ।

वो आंखे बंद करके गहरी सासे लेता रहा और इस नये उत्तेजक अनुभव को मह्सूस करता रहा ।

ये सब काफी समय तक चलता जबतक इंटरवल नही आ गया । बंद लाईट का मजा सिरफ पल्लवि ने लिया ।
हाल की लाईट जल उथी और सब के सब अलर्ट हो गये ।
सब बाहर निकल कर आये और अंगड़ाई लेते हुए एक दुसरे के चेहरे को देखा कोई मूवी के बारे में लेके उत्सुक नही था ,,,यहा तक पल्ल्वी और सोनल भी ।

कमलनाथ - क्या हुआ भाई लग रहा है यहा किसी का मन नही लग रहा है ,,, क्यू पल्लवि बेटा फिल्म अच्छी नही थी

पल्लवि चौकी मगर उसके पहले रज्जो - अरे फिल्म ही अच्छी नही है इससे अच्छा हम लोग घर पर बैठ के देख लेते

ममता - हा भाभी सही कह रही है ,,वहा थोडे पैर फैलाने की जगह तो होती ,,यहा तो बैठे बैठे कमर अकड जा रही है

ममता कमर तोड़ते हुए अंगड़ाई लेते हुए बोली ।
राजन - भाईसाहब चलिये यहा से ,,,कही और कोई जगह चलते है यहा तो मुझे भी नही जम रहा है ,,,ये पर्दे की रोशनी भी आंखो मे चुभ रही थी ।

कमलनाथ - चलो ऐसी बात है फिर चल्ते है ।
फिर सारे लोग हाल से बाहर निकल आये ।

कमलनाथ- भाई अब कहा जाना है ,,,बोल ममता तू ही

ममता की नजर सामने एक कुल्फी वाली स्टाल पर गयी तो वो खिखीयाते हुए रज्जो से धीमी आवाज मे बोली - भाभी चलो ना कुल्फ़ी खाई जाये

रज्जो हस कर - अरे तुझे कुल्फ़ी खानी है तो अपने भैया से बोल ना ,,,वो खिला देंगे तुझे हिहिहिही

रज्जो की दोहरी बाते कमलनाथ और ममता दोनो समझ गये थे ।
कमलनाथ - अरे तू इतना शर्मा क्या रही है ,,हम यहा घुमने खाने हि आये है ,चलो सब लोग कुल्फ़ी खाते है ।

फिर सब ने कुल्फ़ी खाई , इसी दौरान सोनल ने मोबाईल मे सर्च करके पास मे ही एक पार्क को खोज लिया ।

सोनल - मौसा यही बगल मे एक नेशनल पार्क , वहा चला जाये काफी ब्डा दिख रहा है, यहा झूला भी है

इतने मे पल्लवि चहकी - सच मे दिदी , दिखाओ

पल्लवि सोनल के मोबाईल मे देखते हुए - अरे वाअह्ह्ज सच मे ,, चलो ना मामाजी वही चलते हैं मजा आयेगा ।

कमलनाथ - अच्छा ठिक है भाई चलो चलते है पहले ये कुल्फी तो खतम कर लो ।

फिर सबने कुल्फी खतम कर औटो से निकल गये नेशनल पार्क की ओर
गर्मियो का दिन था तो पार्क मे सभी को बहुत आनन्द मिल रहा था, सारे लोग घास पर ही एक बडे पेड़ के नीचे बैठ गये और बाते करने लगे ।

इधर महिलाओ मे सबको बडी दिक्कत हो रही थी कारण था उनकी जीन्स और ऐसे में ममता को जोर की पेसाब लग रही थी ,,क्योकि कुल्फ़ी असर था ।

उसमे धीरे से रज्जो के कान मे बोला तो वो मुस्कुराइ
फिर उसने इधर उधर नजर दौडाई और फिर ममता को लेके तरफ जाने लगी ।

रज्जो - आप लोग बैठो हम अभी आते है ।
सारे लोग समझ गये कि वो सब बाथरूम के लिए ही जा रही है ।

फिर वो रज्जो ममता को लिवा कर बाथरूम खोजते हुए एक ओर निकल गयी ।
इधर बाकी के लोग सब आपस मे बाते करने लगे तो सोनल अपने मोबाईल मे सबकी तस्वीरे निकालने लगी ।

धीरे धीरे 15 मिंट का समय बिता तो राजन को फ़िकर हुइ ।

राजन कमलनाथ के पास होते हुए - भाईसाहब ये ममता और भाभी जी को आ जाना चाहिए था,

कमलनाथ ने भी घड़ी देखी और उसे भी ताज्जुब हुआ ।
कमलनाथ - कही वो लोग आगे तो नही निकल गयी

राजन - चल के देखे भाईसाहब,,मुझे ना जाने क्यू फ़िकर हो रही थी ।

राजन को विचलित होता देख कमलनाथ ने हामी भरी और उठ कर खड़ा हुआ - बच्चो तुम लोग यही रहना हम अभी जरा देख कर आते हैं।

अनुज - क्या हुआ मौसा
कमलनाथ- अरे कुछ नही बेटा, बस हम लोग जरा फ्रेश होकर आते है ,,यही रहो तुम लोग

फिर कमलनाथ राजन को लेके उसी दिशा मे आगे बढ गया जिधर रज्जो और ममता गयी थी ।

धीरे धीरे आगे बढने पर जगह सुनसान होती चली जा रही थी और इधर कोई बाथरूम भी नजर नही आ रहा था ।

आगे की ओर चलने पर रास्ता सकरा था और झाडिया घानी थी ,,लग रहा था जैसे पार्क के उस हिस्से पर कोई रख रखाव नही किया गया हो काफी समय से ।

राजन - भाईसाहब कहा गयी होगी सब आखिर ,,यहा तो कोई नजर ही नही आ रहा है

कमलनाथ उम्मीद भरे लहजे मे - शायद बाथरूम ना मिल्ने की वजह से आगे गयी हो सब,,चलो थोडा बढ के देख लेते है

फिर वो दोनो आगे चल रहे होते हैं कि सामने से दो कालेज के बच्चे हस्ते हुए आप्स मे बात करते हुए जा रहे थे ।

जैसे ही उनहोने राजन और कमलनाथ को क्रॉस किया उनमे से एक ने हस के बोला - याररर उस सावली वाली गाड देखी हिहिहिहो कितना फैला कर बैठी हुई थी यारर
दुसरा लड़का भी उसकी बातो मे सहमती देखे हसता और वो आगे निकलजाते ।

इधर राजन और कमलनाथ के कान खड़े हो जाते हैं उन लड़को की बाते सुनकर,,,वो दोनो एक दूसरे को फैली हुई आन्खो से देखते हैं ।

राजन हिचक कर - मुझे लग रहा है भाईसाहब वो लड़के शायद भाभी जी के बारे मे ही बोल रहे थे ।

कमलनाथ राजन से नजर फेरते हुए - हम्म्म्म सही कह रहे हो राजन ,,चलो आगे चलकर देखते हैं , मुझे बहुत चिंता हो रही है ।

ये बोलकर कमलनाथ तेज कदमो से उसी तरफ आगे बढता है जहा एक तरफ झाडियो के पास उसे कुछ हलचल सुनाई देती है ।
वो अपनी चाल धीमी कर रास्ते से झाडियो के बिच बने मिट्टी के सकरे रास्ते पर चलने लगता है ।

तभी वो अचानक से रुक जाता है और इतने मे राजन उसके पीछे आकर खड़ा होता है ।
राजन - क्याआ हुआआ भाईसाहब मीईइलीईई की नही

राजन के शब्द पुरे होने से पहले उसकी नजर सामने के दृश्य पर गयी । जहा ममता रज्जो की गाड़ पर उसका जीन्स चढवाने मे मदद कर रही थी ,,,मगर वो बहूत टाइट थी और जांघो मे ही कसी थी ।

ममता हाफते हुए - उह्ह्ह भाभीईई ये न्हीई हो रहा है

रज्जो थोडा उछल कर अपनी जीन्स मे गाड़ को घुसाना चाह रही थी मगर उसके फुटबाल जैसी गाड के निचले हिस्से में जीन्स अटक गई थी और उछलने से उसकी गाड़ के पाट बहुत ही कामुकता से हिल रहे थे
कमलनाथ और राजन बडे ही आवाक होकर रज्जो की उछलती गाड़ को निहारे जा रहे थे ।

राजन थोडा गले को खराशा - अह्हूउम्हुहुह्ंमम्म ,
फिर मुह दुसरी ओर करके बोला - मेरे ख्याल से भाईसाहब आपको जाना चाहिए और मदद करनी चाहिए ।

राजन की बात सुन कर कमलनाथ चौका और राजन की ओर घुमा तो राजन उसकी ओर पीठ करके खड़ा था ।

कमलनाथ - अ ब ब हा सही कह रहे हो रुको मै आता हू

ये बोलकर कमलनाथ रज्जो के पास चला गया और कमलनाथ को देख कर रज्जो चौकी - अरे आप उम्म्ंम अच्छा किये आ गये । चलिये थोडी मदद किजीए

कमलनाथ - अरे तुम लोग काफी समय से अये नही तो मुझे चिन्ता हुई मै और राजन खोजते हुए इधर तक आ गये ।

रज्जो राजन का नाम सुन कर चिहुकी - क्याआआ नंदोई जी आये है ,,कही उन्होने देखा तो

कमलनाथ - वो सब छोडो वो बाहर है ,,,ये तुम कैसे अटका ली ।

रज्जो परेशान होते हुए - वो क्या है जी हम लोग पेसाब कर रहे थे कि कुछ आवारा लडके हमे देख लिये और आवाज करने लगे तो जल्दी जल्दी इसको उपर करने के चक्कर मे ये जांघो मे फस गयी ।

कमलनाथ रज्जो के निचे बैठ कर उसकी गाड़ के चर्बीदार पाटो से जीन्स की उल्टी हुई पेति को सीधा करने लगता है जिसे ममता बडे ध्यान से देखती है ।

वही राजन भी झाडियों के पास से अन्दर झाक रहा होता है और रज्जो की मोती गाड़ उसे उत्तेजित किये जा रही थी । तभी ममता की नजर राजन पर गयी और उसने रज्जो का मजा लेने के लिए राजन को आवाज दी ।

ममता - क्या जी छिप छिप कर देख रहे है ,,,यहा आ जाईये

रज्जो - क्याआ नहीईईईई,,,, ममता तू पागल है क्या

रज्जो को परेशान देख ममता हसने लगी
कमलनाथ हस कर - ममता तू भी ना ,,, सुधरेगी नही हाहह्हहा

इधर कमलनाथ ने जीन्स को सही करके वापस से उपर चढा दिया और फिर अपनी उंगलियाँ चटकाई ।

रज्जो ने अपनी कमर बन्द करके कप्डे सही किये और बोली -सच मे नंदोई जी ने देखा क्या

ममता हस कर - हा पुरा खजाना देख लिया भाभी आपका हिहिहिहिही

कमलनाथ ममता के सर पर हल्की चपट लगाते हुए - तू बडी मजे ले रही है हमम्म

ममता तुनक कर - क्या भैया आप क्यू बिच मे आ रहे ,,,ये हम ननद भौजाई की आपस की बात है हिहिहिही

फिर सब लोग वाप्स झाडियो से बाहर आये जहा राजन बाहर खड़ा था और रज्जो उसको देख कर मुस्कुराते हुए ममता के साथ आगे चली गई ।

राजन - माफ कीजिएगा भाईसाहब ये ममता बडी चंचल है हाहह्हा ,,, लग रहा है अब फिर से भाभी जी माफी मांगनी पड़ेगी

कमलनाथ हस कर - तुम भी राजन खुददार आदमी हो भाई हाहह्हह ,,, माग लेना भाई माफी घर चलकर

फिर थोडी देर बाद सारे लोग इक्कठा हुए और सबको भूख लगी थी तो सब पार्क से निकल कर एक रेस्तरां मे गये और खाना खाने के बाद घर के लिए निकल गये ।




एक तरफ जहा जानिपुर मे ये सब घटित हो रहा था ,वही चमनपुरा मे राज भी अपना तिगडम सेट करने की फिराक मे था ।

राज की जुबानी

सुबह उठ कर वही राज नहा धोकर दुकान पर चला गया और काम मे लग गया ।

थोडी देर बाद चंदू नासता लेके दुकान पर आता है ।

मै - अबे साले इनसब की क्या जरुरत थी बे ,,,मम्मी अभी नासता लाती ही होगी

चंदू - साले नाटक मत कर ,,दीदी ने खुश होकर तेरे लिए प्याज़ के पकोड़े बनाये है

मै ह्स कर - लग रहा है तेरी दीदी को मेरा अंदाज पसंद आ गया क्यू ह्हिहिहिहिही

चंदू - अबे जब मुझे तेरे चोदने का तरीका पसंद आया तो उसे क्यू नही आयेगा ,,,क्या हिला हिला के पेल रहा था भाई ,,मजा आ गया तेरे साथ हिहिहिही

मै - तो आज रात भो रेडी रहना

चंदू उखड़े मन से - नही यार शाम को ही मेरा बाप आने वाला है ।
चंदू की बाते सुन कर मेरा भी मन थोडा डाउन हुआ
मै - लेकिन वो लोग तो कल आने वाले थे न
चंदू खीझ कर - हा यार लेकिन मेरे बाप को मै बहुत खटकता हू ,,,हर बात के लिये टोकता है और सूनाता रहता है

मै कुछ सोच कर - देख भाई जहा तक मै समझता हू इस समय तेरी कोई पढाई नही चल रही है और धीरे धीरे तू ब्डा ही हो रहा है उनकी नजर मे ,,,एक तो वो अपने काम से खुद परेशान होते है उपर से तुझे खाली देख के उनका गुस्सा फाल्तू मे तुझ पर ही निकल पडता है ।

चंदू मेरि बात को समझने की कोशिस करता हुआ -हा तो तू ही बता क्या करू मै

मै हस कर - तू अपने पापा के साथ काम पर ही चला जाया कर ,,घर बैठने से अच्छा होगा और फिर तेरी मालती भी तो वही रहती है ना हिहिहिही

चंदू मेरा सुझाव सुन कर चहक उठा - अरे हा भाई ,,,इसके बारे मे तो मैने सोचा ही नही ।

चंदू - लेकिन पापा से ऐसे कैसे कहू काम पर जाने के लिए,,, मुझे तो अजीब सी घबडाहट हो रही है । ये साला अच्छा काम करने मे इतनी दिक्कत क्यू होनी शुरु होती है ।

मै हस कर - तु चिन्ता ना कर मै रजनी दीदी से बात करता हू कल

चंदू खुश हुआ , फिर हमने आगे कैसे चम्पा के साथ मस्ती करनी है उसकी प्लानिंग की और फिर वो घर चला गया ।

मै वापस दुकान के कामो मे लग गया और थोडा ग्राहको से डील करने के बाद करीब 11 बजे तक जब मै फ्री हुआ तो मोबाईल खोलते ही मुझे काजल भाभी का ख्याल आया ।

मै एक से नयी ऊर्जा से भर गया ,,फौरन मैने whatsaap ओपेन किया और काजल भाभी का last seen चेक किया जो अभी कुछ मिंट पहले का ही था ।

फिर मैने वापस से अपनी status setting को only for पर सेट करते हुए काजल भाभी का नम्बर सेलेक्ट किया और वापस से कुछ नये मॉडल के ब्रा और पैंटी की तस्वीरे पोस्ट कर दी ।
फिर मैने उन्ही चारो फ़ोटो को काजल भाभी पर सेंड कर दिया और तुरंत delete for everyone पर क्लिक करके सारी फ़ोटो डिलीट कर दी ।

फिर मैने अपना फोन वापस रख दिया और दुकान के कामो मे लग गया ।
अभी मुस्किल से 10 मिंट ही बीते थे कि मोबाईल पर notification बिप हुआ और मैने चेक किया तो मेरी प्लानिंग तहत काजल भाभी का मैसेज था । मै जानता था कि मेरे मैसेज डिलीट करने पर उन्की जिज्ञासा बढेगी और वो इस बारे मे जरुर पूछेगी ।
हुआ भी वही ।

काजल - hiii suno
मै - hii bhabhi ...good morning 😄 kahiye
काजल - wo kya delete kiye ho bhej ke
मै - kuch nhi bhabhi wo galati se gaya tha...sorry
काजल - are aisa kya tha ki sorry bol rhe
मै - 😁😁 nhi btaunga mai
काजल - ye kya baat hue ...Jaldi btaao kya bheje the
मै - wo kuch photos the
काजल - dikhaao mujhe
मै - rahane do bhaabhi plzz
काजल - ab to bina photo liye mai nhi manungi , jaldi bhejo 🤨
मै - 😁 ok deta hu

फिर मैने वापस से वही तस्वीरे भेज दी जो अपने status पर लगाई थी ।
काजल - are to wahi hai na , jo tum status par lgaaye ho
मै - ha 😁 Wo mai status lga raha tha to galti se apke nmbr par bhi click ho gaya tha
काजल - 😄😄😄 Koi baat nhi ho jata hai....Lekin tum ye sab status par kyu lgaate ho , sharam nhi ati
मै - 😁😁 Dukandar hu bhabhi , jab inhi chizo ka business hai to sharam kahe ki

काजल - to kya koi puchhta bhi hai insb ke baare me jo status par lgaaye ho 😅

मै - are bhabhi mere kafi sare order phone se hi ho jate h ,
kaafi sari ladies hai jo apna saman WhatsApp par order kar deti hai jo market me chaar logo ke samne aise chize kharidne me jhijhak mahsus karti hai


काजल - fir to achcha hai ji ,
मै - aap bhi chaaho to order kar skate ho 😅

काजल - badmaash kahi ke , mujhe chahiye hoga to mummy ji se bol nho dungi

मै - ha lekin aise model ke liye thodi na kah payegi badi mummy se 😅😅😅😅

काजल - chup pagal kahi ke ... bado se aise baat karte hai 😅
मै - dekhiye mujhe apna dewar nhi dukandar samjhiye ... mere paas aur bhi model hai mai unko bhejta hu . Apko chahiye hoga to bata dijiyega

काजल - hey bhagwan tum bhi na .. thik hai bhej dena .. ok abhi mujhe kam hai .. bye

मै - ok bye 😅

मै काफी खुश हुआ कि चलो योजना कामयाब रही बस एक बार इन टॉपिकस पर बात शुरु होने की देरी है ,,,फिर काजल भाभी को कैसे लपेटना है ये मै अच्छे से जानता हू ।

मै वापस खुशी खुशी काम पर लग गया ।
थोडी देर बाद मा खाना लेके आई ।

मा - ले जल्दी से खाना खा ले और पापा को खाना देने चला जा

दुकान मे कोई ग्राहक थे नही और मा खाना रखने पीछे कमरे गयी थी तो मै भी उन्के पीछे जाकर उनको पीछे से पकडते हुए - ओह्ह मा आई मिस्स यू

मा - ऊहह हुउउऊ छोड भाई ,,, बड़ा आया मुझे याद करने वाला
मै मा के गालो को चुमता हुआ - क्या हुआ गुस्सा हो गयी क्या आप

मा - मै क्यू गुस्सा राहु भला ,,तू अकेले ही खुश है अपने दोस्तो मे , मेरी क्या फिक्र है तुझे

मै हस कर पीछे से उसको पकडकर - ओह्ह लग रहा है कल अकेले पापा के साथ मजा नही आया क्या हिहिहिही

मा मुस्कुरा कर - हट बदमश कही का ,,तुझे क्या उससे जब तू था नही हुउउह्ह

मै - आज तो रहूंगा ना तो कल की कमी भी पूरी कर दूँगा ,,,आप नही जानती कितना तडपा हू मै

मा इतरा कर - ओह्हो बड़ा आया तडपने वाला ,, इतनी फिक्र होती तो सुबह ही आ जाता मेरे पास

मै - अब तो आ गया हू ना ,,तो हो जाये एक राउंड हिहिही

मा के चुचो पर हाथ रखते हुए बोला
मा चौकी - नही नही पागल ,, दुकान का समय है ,,जल्दी से खा और पापा भी भूखे है जल्दी उनको भी देके आ ।

फिर मा मुझसे अलग होकर दुकान मे चली गयी और मै खाना खाके पापा के टिफ़िन लेके चल गया दुकान की ओर ।


जारी रहेगी
 

DREAMBOY40

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Bahut hi badhiya update
Bro Anuj ka bhi khyal kar lo
Nice update bro

Superb update tha dost... humme to shadishuda jawan betion ka intezar hai... waiting more

Superb update waiting for next

Anuj aur Pallavi ko milao bhai. Pratiksha agle rasprad update ki

Apko kafi samay baad update deta dekh kafi khushi hui aur update to Humesha ki tarah hi behad kamuk tha sath hi kai sare pahluon se juda hua tha, Janipur mein aage kya kya hota hai dekhne layak hoga
Behatareen update waiting for next

Khubsurat update dost

Behtreen update dost

200 update post honge kya is story ke

Waiting for next

Suprb update

Fantastic update waiting for next

Nice update, waiting for next update

Ab toh update de hee do mitr …,

Aap sabhi ki PRATIKRIYA ke liye DHANYWAAD dosto

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TharkiPo

I'M BACK
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Bahut hi behatareen update mitra, jeeja saale kafi achi tarah se khul rahe hain aur rajjo rani ne to kamaal hi kar diya aur apane pati ke man ki baat ugalwa li ab to aamne samne ka khel bhi ho sakta hai, wohin anuj ki abhi bhi Palli se fatati hai.. aur jhadiyon ke beech rajjo ke nange chutad wala drishya manoranjak tha... Jiska maza rajan ke sath sath humne bhi uthaya.. wohin chamanpura mein bhi kafi kuch ho raha hai aage dekhte hain kya kya hota hai.
Behatareen update aage ka intezar
 

DREAMBOY40

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Bahut hi behatareen update mitra, jeeja saale kafi achi tarah se khul rahe hain aur rajjo rani ne to kamaal hi kar diya aur apane pati ke man ki baat ugalwa li ab to aamne samne ka khel bhi ho sakta hai, wohin anuj ki abhi bhi Palli se fatati hai.. aur jhadiyon ke beech rajjo ke nange chutad wala drishya manoranjak tha... Jiska maza rajan ke sath sath humne bhi uthaya.. wohin chamanpura mein bhi kafi kuch ho raha hai aage dekhte hain kya kya hota hai.
Behatareen update aage ka intezar
Bahut bahut aabhaar mitra :thank_you:
 
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