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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी भाइयो और मेरे पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
💥💐💥
उम्मीद करता हूँ ये दीवालि आपके जिवन खुशियो से भरपूर और मस्त रही हो

एक अनुरोध है सभी से ये कहानी का अगला भाग नये साल यानी 2025 से ही शुरु हो पाना संभव है
तो मेरी दुसरी कहानी अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया को तब तक पढे

जब ये कहानी शुरु होगी
सभी को सूचित किया जायेगा

एक बार फिर सभी का धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Iaptop me porn dekhne ka program to thik hai par ghar mai Ragini bhi mast mal hai, kisitarha Rahul aur Anuj ko Ragini ke nage jism ke darsan bhi hojay, yah Ragini dono ke hathiyar dekhle

bahut-tez
 

Incestlover

Member
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कहानी तो बहुत अच्छी चल रही है पर सेक्स सीन का वर्णन थोड़ा कम हो गया है जैसे सेक्स शुरू हुआ 2 मिनट चला और खतम हो गया इस सीन को थोड़ा बढ़ाना चाहिए ताकि दर्शक को और मजा आए ।
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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कहानी तो बहुत अच्छी चल रही है पर सेक्स सीन का वर्णन थोड़ा कम हो गया है जैसे सेक्स शुरू हुआ 2 मिनट चला और खतम हो गया इस सीन को थोड़ा बढ़ाना चाहिए ताकि दर्शक को और मजा आए ।
अब गुप्चुप वाली चुदाई का भी विस्तार वर्णन तो नही ना कर सकते ना भइया
वैसे भी मेरा फोकस seduction और story dialog पर ज्यादा होता है । कोसिस रहेगी आपकी
 

Sanju@

Well-Known Member
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UPDATE 147

अब तक के अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज को उसके नाना ने कमला जैसी गरम और गदराई माल से मिलन करवाया और खुद अपनी ही बहू पर डोरे डाल रहा है । वही दुसरी ओर निशा सोनल से मिलने के लिए निकल चुकी है ।
अब आगे


चमनपुरा

निशा एक इ-रिक्सा करके सोनल से मिलने उसके चौराहे वाले घर निकल दी । कुछ ही समय वो और सोनल गप्पे हाफ रहे थे और वीडियो काल पर अमन से कुछ चटपटी बाते हो रही थी ।

थोडी देर बाद अमन ने फोन रखा ।

निशा हसते हुए - वैसे तुने अपने पति को कुछ दिखाती भी है या बस चेहरा देखने के लिए तुम लोग वीडियो काल करते हो ।


सोनल भी मजे लेते हुए - वो कयी बार डीमाण्ड करता है हिहिहिही

सोनल - कयी बार क्या हर बार ही । जब भी उसे मेरी ये ब्रा की स्ट्रिप दिख जाती है ।

निशा - तो तुने उतारा कि नही ....हम्म्म बोल

सोनल खिलखिला कर - ना ....। उसे तड़पाने मे जो मजा वो दिखाने मे कहा ।

निशा - अरे इतने भी नखरे ना दिखा ,,नही तो सुहागरात पर ऐसा चोदेगा कि उठ नही पायेगी

सोनल मुस्कुरा कर सिहरते हुए - सीईई अह्ह्ह मै भी तो यही चाहती हू मेरी लाडो हिहिहिही

निशा - ओहो मतलब हथियार मजबूत है उसका उम्म्ंम ,,, जितना तू उसे तड़पाती है उस हिसाब से तो उसने तुझे अपना हथियार दिखा ही दिया होगा .....क्यू?

सोनल शर्मा कर खिलखिलाई ।
निशा - अरे तो कुछ रहमो करम हम पर भी कर दे । उसका हथियार तो नही है नसीब मे मगर दिदार तो करवा दे ।

सोनल - धत्त पागल ,,,मै उसकी फ़ोटो थोडी ना रखुगी फोन मे

निशा -तो आज माग के भेज देना यार प्लीज हिहिही आखिर मेरा होने वाला जीजा है हक बनता है मेरा

सोनल हस कर - तो जा तू ही माग ले , नम्बर तो है ही तेरे पास

निशा - अरे मेरी जान एक बार शादी हो जाने दे ,,तुझे उसके लण्ड से धकेल कर खुद ना बैठ गयी तो कहना

सोनल उसकी बात पर हसने लग जाती है ।


उनकी ऐसे ही मस्ती भरी बाते थोडी बहुत चलती है और फिर निशा अपना ब्लाउज लेके घर लौट जाती है ।
इधर जंगीलाल हाल मे बैठा हुआ खाना खा रहा था और तभी निशा अपने घर आ पहुचती है ।

निशा और उसके हाथ मे झुलते झोले को देख कर जंगीलाल की आंखे चमक उठती है ।

जंगीलाल - बन गया क्या बेटा तेरा ब्लाउज

निशा को थोडी शर्म आई लेकिन वो मुस्कुरा कर - जी पापा ,,

जन्गीलाल आन्खे नचा कर मुस्कुराती हुई शालिनी को देखा और हिचक कर - अच्छा ठिक है आज अगर तेरी इच्छा हो रात मे आना मै तुझे साड़ी पहनाना सिखा दूँगा

निशा मुस्कुरा कर - ठिक है पापा ,मै जरा चेंज करके आती हू ।

इधर निशा मुस्कुरा कर अपने कमरे मे चली गयी और वही जंगीलाल भी थोडा शर्म से झेप गया क्योकि उसकी बीवी शालिनी किचन मे खड़ी खड़ी उसे इशारे से निशा के नाम पर छेड़े जा रही थी।

थोडे समय बाद जंगीलाल खाना खा कर अपने कमरे मे गया और वहा से अपना गम्छा लेके बाहर निकल रहा था कि बगल मे निशा के कमरे मे थोडी आहट सुनाई दी ।

कमरे मे निशा सिर्फ वही सुबह का प्लाजो पहने हुई थी जिसमे उसकी गाड झलक रही थी । वो फर्श पर निचे झुकी हुई थी और चौकी के निचे पडी हुई उसके ईयररिंग को वो झुक कर निकालने की कोसिस कर रही थी ।
उसने उपर कुछ नही पहन रखा था । उसकी नंगी पीठ और साइड से उसके नंगे चूचे हिलते हुए नजर आ रहे थे ।

जंगीलाल ने जैसे ही हल्के से दरवाजा खोला तो सामने अपनी लाडो का गदराया अधनंगा जिस्म देखा ।

20220517-073519



जंगीलाल के दिल की धड़कन तेज हो गयी और उसका हाथ खुद उसके लण्ड को चढ़ढे के उपर से भीचना शुरु कर दिया ।

लेकिन इस बात को लेके स्तर्क भी था कि कही उसकी बेटी उसे देख ना ले इसिलिए वो जब निशा उठने को हुई जंगीलाल फौरन वहा से हट गया और लण्ड को एडजस्ट करता हुआ दुकान मे चला गया ।


नाना मामी और मै

नाना ने मामी की कलाई पर पकड बना रखी थी और वही मामी थोडा कसमसा कर नाना से छुटने की कोशिस कर रही थी ।

मामी - बाऊजी समझिये ,,राज बाबू यहीईई...... उम्मममंं रुक्कियेहहह बाउजीईईईई

मामी की सिस्किया सुनते ही मैने फिर से एक बार कनअखियो से उनदोनो की ओर देखा तो नाना ने मामी का हाथ पकड़ कर अपने धोती पर रख दिया था ।

मामी मुठ्ठि भिचे उनका लण्ड पकडने से कतरा रही थी । मगर नाना जोर देके उनके हाथो को अपने लण्ड पर घिसवा रहे थे ।
नाना - अह्ह्ह बहू बस थोडा सा ही चुस दे ,आराम हो जायेगा

मामी हलकी सी नजरे उठा कर नाना को देखती है और मुस्कुरा कर उनका लण्ड मुठ्ठि मे कस कर धोती के उपर से ही सहलाने लगती है ।


नाना एक गहरी सास लेते हुए मामी के पीठ को सहलाते हुए उन्हे निचे फर्श पर जाने को कहते है और एक नजर मुझे देख कर अपनी धोती खोल देते है


मामी मुस्करा कर निचे बैठ जाती है और अपने हाथ मे नाना का लंड पकड कर सहलाते लगती है ।

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नाना एक हाथ आगे करके मामी का पल्लू सरका देते है और उनकी मोटी भारी चुचिय दिखने लगती है ।

मामी ने हौले से मुह खोल कर नाना का आधा खड़ा लण्ड मुह मे भर लिया और उसे चुसने लगी

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यहा मेरे लंड ने भी अन्गडाई लेनी शुरु कर दी थी ।

मामी का लण्ड चुसने नशीला अंदाज नाना को मदहोश किये जा रहा था इसिलिए वो मामी को उपर आने का बोल कर खुद मेरे पैरो के पास लेट गये ।
मामी उठी और नाना के बगल मे आकर उन्के लण्ड को चाटना शुरु कर दिया ।

नाना का बदन अकड़ने लगा था और मामी उनके लण्ड को गले तक भरने लगी।

तभी उन्होने नजरे उठा कर मेरी ओर देखा और हम दोनो की नजरे टकराई ।

मामी की आंखे मुह मे लण्ड लिए लिये ही फैल गयी और मै उनको देख कर मुस्कुरा कर चुप रहने का इशारा किया।

मगर मामी के जहन मे एक डर एक हिचक सा बैठ गया था और वो फौरन उठ गयी ।

नाना तडप कर - अरे क्या हुआ बहू ??

मामी ने एक नजर मुझे देखा और फिर नाना को इशारे से मुझे देखने को कहा ।
मै उस समय आंखे बन्द किये सोया रहा ।

मामी - बाऊजी मुझे नहाना है । आपको कुछ चाहिये होगा तो कह दीजियेगा

नाना समझ गये कि मामी ने उन्हे बाथरूम मे आने का दावत दिया है और मै कोई गवार था नही कि इतनी बात समझ ना पाऊ ।

फिर मामी चली गयी और नाना ने खडे होकर अपना धोती लपेटा और काफी समय तक मुझे घुरते रहे ।


सही मायने मे तो मेरी ही फटी पडी थी कि कही नाना मेरी चोरी पकड़ ना ले ।
अगले ही पल हुआ वही जैसा मैने सोचा था नाना ने मुझे हिला डुला कर चेक किया और हल्की आवाज दी ।

मैने भी प्रतिक्रिया स्वरुप थोडा झूठमूठ का बुदबदाया और वैसे ही लेटा रहा

करीब 10 मिंट तक नाना जी कमरे मे रहे और फिर कमरे का दरवाजा भिड़का कर बाहर निकल गये ।

मैने सारी चीजे बस आहटों से ही महसूस की । जैसे ही दरवाजे की खटखटाहट हुई मैने फौरन आख खोला और देखा नाना जी जा चुके है ।

मै धीरे से खिडकी के पास गया और थोडा आड़ा टेढा होकर बाथरूम की ओर नाना को जाते देखा ।

वो एक दो बाथरूम वाले गेट पर पहुचने से पहले अपने कमरे की ओर झाके फिर पीछे बाथरूम की ओर निकल गये ।

जैसे ही नाना उधर गये मै फौरन कमरे से बाहर निकला और बड़ी सावधानी से कमरे का दरवाजा बंद करके मेन गेट के जीने से सीधा छत पर गया ।

भरी दुपहरी मे नंगे पाव होने से पाव जल रहे थे मेरे लिये दिल ने एक अलग ही जुनून सवार था और मै छत पर चलते हुए पीछे आँगन वाले जीने पर गया और धीरे धीरे आधी सीढिया उतर कर आंगन मे देखा तो बाथरूम की आने वाला दरवाजा अंदर से बंद है और बाथरूम के बंद दरवाजे से सिसकिया आ रही थी ।

शॉवर चालू था और पानी लागतार गिर रहा था । साथ मे थपथप करके चुदाई की कामुक तेज आवाजे आँगन मे गूंज रही थी ।

मेरा लन्ड तना हुआ था और मुझे बाथरूम मे झाकना था ।
तो मैने नोटिस किया कि अगर मै कुछ सीढि वापस उपर की ओर जाऊ तो मुझे बाथरूम की खिडकी से अन्दर का नजारा देखने को मिल सकता है ।


मै खुशि से चहका और उल्टे पांव एक एक सीढि चढ़ने लगा । नजरे मेरी बाथरूम की खिडकी पर जमी हुई थी ।

तभी वो पल आया और मै ठहर गया और अपनी एडिया उचकाते गरदन खिच कर बाथरूम मे झाकने लगा ।

बाथरूम का नजारा बहुत ही कामुक था । मुझे यकीन ही नही हो रहा था कि नाना इस तरह भी सेक्स कर सकते है ।

उन्होने मामी की एक टांग उठा रखी थी उन्हे बाथरूम की दिवाल से ल्गाये हुए ताबड़तोड़ धक्के खडे खडे ही उनकी चुत मे पेले जा रहे थे ।

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पानी का सोवर चालू था और दोनो भीग भी रहे थे । मगर मामी की तेज दर्द भरी सिसकिया और नाना के तगड़े धक्के बाहर आगन मे शोर मचा रहे थे ।

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जल्दी ही उनकी सिसकिया शान्त होने लगी और मै समझ गया कि मुझे वापस मेरे जगह पर चले जाना चाहिये ।

मै फौरन वहा से निकल कर वापस से तपती छत पर नंगे पाव भागता हुआ नाना के कमरे मे आया और दरवाजा वैसे ही भिड़का दिया ।

फिर वापस से लेट गया । मेरे मन में अभी काफी विचार चल रहे थे कि मामी और नाना के बीच ये सब कब शुरु हुआ होगा । किन हालातो मे हुआ होगा । क्या ये सब मेरे ठरकी नाना की कोई चाल थी या फिर बस कोई संयोग था ।

मै मेरे ख्यालो मे ऐसे ही खोया हुआ ना जाने कब सो गया ।


लेखक की जुबानी

शाम की बेला हो चली थी । आज राज के जाने के बाद से अनुज को ही दुकान सम्भालना पड रहा था । उनकी मा रागिनी भी दोपहर मे खाना लाने के बाद से 5 बजे के करीब दुकान पर थी और फिर चौराहे वाले घर के लिए निकल गयी ।


इधर राहुल ने देखा कि आज अनुज आया नही तो उसने सोचा क्यू ना उससे मिलने दुकान पर ही चला जाऊ ।
दरअसल जब से अनुज को नया लैपटॉप मिला था तब से राहुल की दिलच्स्पी भी उसमे खुब बढ गयी थी ।

वो भी अनुज की तरह लैपटॉप की बडी स्क्रीन पर पोर्न वीडियो के मजे लेना चाह रहा था । इसी सोच के साथ वो अनुज के पास गया ।


एक दो ग्राहक निपटाने के बाद से अनुज और राहुल की बातचीत शुरु हुई ।

राहुल - अबे आज तु घर क्यू नही आया ?? निशा दीदी पुछ रही थी ।

अनुज - अरे यार वो भैया कार्ड बाटने के लिए आज ही निकल गया है । अब 10 15 दिन ऐसे ही कटेंगे दोस्त

राहुल थोडा उदास होकर - यार तेरे बिना दीदी के साथ मजा नही आता

अनुज - हा लेकिन क्या कर भाई ,, ये दुकान की जिम्मेदारी भी तो है । कोई नही तु अकेले मजे कर मै तो मेरे लैपटॉप से ही काम च्लाउंगा अब

राहुल - अरे भाई मुझे भी कभी दिखा दे ना ,, यार उसमे तो चुचि भी बडी बड़ी दिखती होगी ।

अनुज खुश होकर - हा भाई ऐसा लगता है जैसे सब कुछ सामने ही हो रहा हो । हिहिहुही

अनुज - ऐसा कर आज तु आजा ना मेरे यहा

राहुल - अरे लेकिन पापा नही मानेंगे यार

अनुज- अरे उनको बोलना ना कि मै तुझे अपना लैपटॉप दिखाने वाला हू बस एक रात के लिए आने दे । तु कहेगा तो वो जरुर हा करेंगे
राहुल - ठिक है देखता हू भाई

फिर राहुल वहा से निकल गया और घर आ गया । वो इसी उधेड़बुन मे था कि आखिर पापा से कैसे बात करे ।

फिर उसने तय किया कि क्यू ना मम्मी से बात की जाये ।
वो किचन मे गया और शालिनी से बात रखी । शालिनी इस समय काम मे व्यस्त थी तो उसने साफ मना कर दिया ये कह कर कि वो जाये अपने पापा से पूछे


राहुल उखड़ा हुआ मुह लेके दुकान मे गया और थोडा समय बैठा । दुकान मे ग्राहक भी थे तो जन्गीलाल ने उसे एक दो काम फुरमाया जिसे राहुल ने बडे गिरे मन से किया ।
जंगीलाल ये सब देख समझ रहा था और ग्राहको के जाने बाद ।


जंगीलाल - क्या हुआ बेटा तू ऐसे उखड़ा हुआ क्यू है ?

राहुल मुह गिरा कर - कुछ नही पापा ,,वो मै आज रात अनुज के यहा जाना चाहता हू । उसने नया लैपटॉप लिया है वो देखने


जंगीलाल - ओह्ह फिर
राहुल - फिर क्या , मम्मी मना कर रही है

तभी जन्गीलाल के दिमाग की बत्ती जली और उसे निशा का भी ख्याल आया कि आज रात वो उसे साडी पहनाने वाला है । अगर राहुल घर पर नही रहेगा तो इसमे उसका ही फायदा है । क्या पता किस्मत साथ दे ही दे !!!


जंगीलाल मुस्कुरा कर - ओहो! तु अपनी मम्मी की फिकर छोड उसे मै समझा दूँगा । तु चला जा ,,,लेकिन कोई शिकायत नही आनी चाहिए तेरी । समझा ना


राहुल को उम्मीद ही नही थी उसके पापा ऐसे एक दम से बिना कोई खास मिन्न्ते किये मान जायेंगे ।

थोडे देर बाद राहुल अनुज के पास वापस चला गया


राज की जुबानी

शाम को 4 बजे मेरी नीद खुली और मैने देखा कि नाना मेरे बगल मे सोये हुए है ।
मै फ्रेश होने आंगन मे गया ।

फ्रेश होकर मै बाहर आया तो देखा कि पुरे घर मे एक चुप्प सन्नाटा पसरा हुआ था । धूप अभी भी तीखी थी मै चल कर किचन मे गया और पानी पीने के बाद मुझे वापस से मामी की याद आई और मै उनके कमरे की ओर चल पडा ..... कमरे का दरवाजा भिड़का हुआ ही था .... मामी अंदर सोफे पर बैठी हुई टीवी पर फिल्म देख रही थी ।

मै धिरे से उनके बगल मे जाकर बैठ गया ।

मामी चौक कर - अरे बाबू तुम ,, आओ बैठो

मै मुस्कुरा कर - क्या देख रही हो मामी हम्म्मं

मेरी नजरे उनसे टकराई ही थी कि उन्होने नजरे फेर की क्योकि हम दोनो वो पल याद आ गया था जब दोपहर मे मामी नाना का लण्ड चुस रही थी ।

मामी नजरे चुराते हुए - कुछ खास नही है बाबू ,,,बस ऐसी ही फिल्म है

मै धीरे से उनके पास जाकर साडी के उपर से उनकी जांघो पर हाथ रख कर - चलो हम लोग कोई अच्छी सी फिल्म बनाते है ना

मामी मेरे कहने का मतलब समझ गयी और मुसकुराते हुए - धत्त अभी नही । मुझे थोडी थकान है

मै उन्के जाघो को सहलाता हुआ - हा हा थकान तो होगी ही । दर्द भरी चिखो से पुरा आंगन जो गूज रहा था ।

मामी समझ गयी कि मैने वो सब भी देख लिया जो आज बाथरूम मे हुआ था ।

मै चहक कर - वैसे ये सब कब शुरु हुआ कुछ हमे भी बतायेंगी ,मेरी डार्लिंग मामी हिहिहिही

मामी शर्म से लाल हो रही थी और मैने उनके गुलाबी होते गालो को चुम कर - बताओ ना मामी प्लीज

मामी शर्मा कर - धत्त बदमाश ,,, वो सब तुम्हे क्यू जानना है ?


मै अपना लण्ड लोवर के उपर से मसलता हुआ - बस वो हकीकत जानने की लालसा है कि इस संगम के पीछे का सपना किसका था । आपका या नाना का हिहिहिही


मामी मुस्कुरा कर - ना मेरी ना बाऊजी ,,,जो भी था बस सन्योग था

मामी की बाते सुन कर मेरी दिलचसपी और बढ गयी ।

मै - अरे थोडा खुल कर बताओ ना
मामी - ऐसे नही पहले जाओ दरवाजा भिड़का कर आओ । गीता बबिता के आने का समय हो रहा है ।

मै लपक कर दरवाजे पर गया और मामी के पास आ गया ।

मै - हा अब बोलो

मामी मुस्कुरा कर -पक्का जानना ही है
मै थोडा शरारती होता हुआ अपना लण्ड खड़ा होता लण्ड लोवर से बाहर निकाल कर - मुझसे ज्यादा तो ये बेताब है सुनने के लिए हिहिहिही


मामी ने मेरा फड़फडा लण्ड देखा उनकी चुत ने भी कुनमूनाना शुरु कर दिया ।

मामी धिरे से सरक कर मेरे करीब आई और लण्ड को हाथ मे थाम लिया ।


जारी रहेगी
बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है राज ने मामी को नाना से चुदते हुए देख लिया है वाह इसकी क्या वजह ही ये मामी से पूछता है वही अनुज दुकान पर रहता है और लैपटॉप में देखता है राहुल का हाल बुरा है वह भी लैपटॉप में वीडियो देखना चाहता है वही जंगीलाल निशा को साडी पहनाने के बहाने पटाने में गाल रहा है देखते इन सब का क्या होता है ये सब अपने प्लान में कामयाब होते है या नही
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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बहुत ही गरमागरम कामुक और उत्तेजना से भरपूर कामोत्तेजक अपडेट है राज ने मामी को नाना से चुदते हुए देख लिया है वाह इसकी क्या वजह ही ये मामी से पूछता है वही अनुज दुकान पर रहता है और लैपटॉप में देखता है राहुल का हाल बुरा है वह भी लैपटॉप में वीडियो देखना चाहता है वही जंगीलाल निशा को साडी पहनाने के बहाने पटाने में गाल रहा है देखते इन सब का क्या होता है ये सब अपने प्लान में कामयाब होते है या नही
कुछ नये सपने बुन रहे है तो कुछ अपने सपनो को पूरी करने की गहरी चसक है वही कुछ हकीकत से रुबरू होने को बेताब है ।

बस ऐसी ही कहानी है अपनी : सपना या हकिकत

आपकी प्रतिक्रिया के लिए आभार दोस्त
साथ बनाये रखे
 

TharkiPo

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अब तक के अपडेट मे आपने पढा कि एक ओर जहा राज को उसके नाना ने कमला जैसी गरम और गदराई माल से मिलन करवाया और खुद अपनी ही बहू पर डोरे डाल रहा है । वही दुसरी ओर निशा सोनल से मिलने के लिए निकल चुकी है ।
अब आगे


चमनपुरा

निशा एक इ-रिक्सा करके सोनल से मिलने उसके चौराहे वाले घर निकल दी । कुछ ही समय वो और सोनल गप्पे हाफ रहे थे और वीडियो काल पर अमन से कुछ चटपटी बाते हो रही थी ।

थोडी देर बाद अमन ने फोन रखा ।

निशा हसते हुए - वैसे तुने अपने पति को कुछ दिखाती भी है या बस चेहरा देखने के लिए तुम लोग वीडियो काल करते हो ।


सोनल भी मजे लेते हुए - वो कयी बार डीमाण्ड करता है हिहिहिही

सोनल - कयी बार क्या हर बार ही । जब भी उसे मेरी ये ब्रा की स्ट्रिप दिख जाती है ।

निशा - तो तुने उतारा कि नही ....हम्म्म बोल

सोनल खिलखिला कर - ना ....। उसे तड़पाने मे जो मजा वो दिखाने मे कहा ।

निशा - अरे इतने भी नखरे ना दिखा ,,नही तो सुहागरात पर ऐसा चोदेगा कि उठ नही पायेगी

सोनल मुस्कुरा कर सिहरते हुए - सीईई अह्ह्ह मै भी तो यही चाहती हू मेरी लाडो हिहिहिही

निशा - ओहो मतलब हथियार मजबूत है उसका उम्म्ंम ,,, जितना तू उसे तड़पाती है उस हिसाब से तो उसने तुझे अपना हथियार दिखा ही दिया होगा .....क्यू?

सोनल शर्मा कर खिलखिलाई ।
निशा - अरे तो कुछ रहमो करम हम पर भी कर दे । उसका हथियार तो नही है नसीब मे मगर दिदार तो करवा दे ।

सोनल - धत्त पागल ,,,मै उसकी फ़ोटो थोडी ना रखुगी फोन मे

निशा -तो आज माग के भेज देना यार प्लीज हिहिही आखिर मेरा होने वाला जीजा है हक बनता है मेरा

सोनल हस कर - तो जा तू ही माग ले , नम्बर तो है ही तेरे पास

निशा - अरे मेरी जान एक बार शादी हो जाने दे ,,तुझे उसके लण्ड से धकेल कर खुद ना बैठ गयी तो कहना

सोनल उसकी बात पर हसने लग जाती है ।


उनकी ऐसे ही मस्ती भरी बाते थोडी बहुत चलती है और फिर निशा अपना ब्लाउज लेके घर लौट जाती है ।
इधर जंगीलाल हाल मे बैठा हुआ खाना खा रहा था और तभी निशा अपने घर आ पहुचती है ।

निशा और उसके हाथ मे झुलते झोले को देख कर जंगीलाल की आंखे चमक उठती है ।

जंगीलाल - बन गया क्या बेटा तेरा ब्लाउज

निशा को थोडी शर्म आई लेकिन वो मुस्कुरा कर - जी पापा ,,

जन्गीलाल आन्खे नचा कर मुस्कुराती हुई शालिनी को देखा और हिचक कर - अच्छा ठिक है आज अगर तेरी इच्छा हो रात मे आना मै तुझे साड़ी पहनाना सिखा दूँगा

निशा मुस्कुरा कर - ठिक है पापा ,मै जरा चेंज करके आती हू ।

इधर निशा मुस्कुरा कर अपने कमरे मे चली गयी और वही जंगीलाल भी थोडा शर्म से झेप गया क्योकि उसकी बीवी शालिनी किचन मे खड़ी खड़ी उसे इशारे से निशा के नाम पर छेड़े जा रही थी।

थोडे समय बाद जंगीलाल खाना खा कर अपने कमरे मे गया और वहा से अपना गम्छा लेके बाहर निकल रहा था कि बगल मे निशा के कमरे मे थोडी आहट सुनाई दी ।

कमरे मे निशा सिर्फ वही सुबह का प्लाजो पहने हुई थी जिसमे उसकी गाड झलक रही थी । वो फर्श पर निचे झुकी हुई थी और चौकी के निचे पडी हुई उसके ईयररिंग को वो झुक कर निकालने की कोसिस कर रही थी ।
उसने उपर कुछ नही पहन रखा था । उसकी नंगी पीठ और साइड से उसके नंगे चूचे हिलते हुए नजर आ रहे थे ।

जंगीलाल ने जैसे ही हल्के से दरवाजा खोला तो सामने अपनी लाडो का गदराया अधनंगा जिस्म देखा ।

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जंगीलाल के दिल की धड़कन तेज हो गयी और उसका हाथ खुद उसके लण्ड को चढ़ढे के उपर से भीचना शुरु कर दिया ।

लेकिन इस बात को लेके स्तर्क भी था कि कही उसकी बेटी उसे देख ना ले इसिलिए वो जब निशा उठने को हुई जंगीलाल फौरन वहा से हट गया और लण्ड को एडजस्ट करता हुआ दुकान मे चला गया ।


नाना मामी और मै

नाना ने मामी की कलाई पर पकड बना रखी थी और वही मामी थोडा कसमसा कर नाना से छुटने की कोशिस कर रही थी ।

मामी - बाऊजी समझिये ,,राज बाबू यहीईई...... उम्मममंं रुक्कियेहहह बाउजीईईईई

मामी की सिस्किया सुनते ही मैने फिर से एक बार कनअखियो से उनदोनो की ओर देखा तो नाना ने मामी का हाथ पकड़ कर अपने धोती पर रख दिया था ।

मामी मुठ्ठि भिचे उनका लण्ड पकडने से कतरा रही थी । मगर नाना जोर देके उनके हाथो को अपने लण्ड पर घिसवा रहे थे ।
नाना - अह्ह्ह बहू बस थोडा सा ही चुस दे ,आराम हो जायेगा

मामी हलकी सी नजरे उठा कर नाना को देखती है और मुस्कुरा कर उनका लण्ड मुठ्ठि मे कस कर धोती के उपर से ही सहलाने लगती है ।


नाना एक गहरी सास लेते हुए मामी के पीठ को सहलाते हुए उन्हे निचे फर्श पर जाने को कहते है और एक नजर मुझे देख कर अपनी धोती खोल देते है


मामी मुस्करा कर निचे बैठ जाती है और अपने हाथ मे नाना का लंड पकड कर सहलाते लगती है ।

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नाना एक हाथ आगे करके मामी का पल्लू सरका देते है और उनकी मोटी भारी चुचिय दिखने लगती है ।

मामी ने हौले से मुह खोल कर नाना का आधा खड़ा लण्ड मुह मे भर लिया और उसे चुसने लगी

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यहा मेरे लंड ने भी अन्गडाई लेनी शुरु कर दी थी ।

मामी का लण्ड चुसने नशीला अंदाज नाना को मदहोश किये जा रहा था इसिलिए वो मामी को उपर आने का बोल कर खुद मेरे पैरो के पास लेट गये ।
मामी उठी और नाना के बगल मे आकर उन्के लण्ड को चाटना शुरु कर दिया ।

नाना का बदन अकड़ने लगा था और मामी उनके लण्ड को गले तक भरने लगी।

तभी उन्होने नजरे उठा कर मेरी ओर देखा और हम दोनो की नजरे टकराई ।

मामी की आंखे मुह मे लण्ड लिए लिये ही फैल गयी और मै उनको देख कर मुस्कुरा कर चुप रहने का इशारा किया।

मगर मामी के जहन मे एक डर एक हिचक सा बैठ गया था और वो फौरन उठ गयी ।

नाना तडप कर - अरे क्या हुआ बहू ??

मामी ने एक नजर मुझे देखा और फिर नाना को इशारे से मुझे देखने को कहा ।
मै उस समय आंखे बन्द किये सोया रहा ।

मामी - बाऊजी मुझे नहाना है । आपको कुछ चाहिये होगा तो कह दीजियेगा

नाना समझ गये कि मामी ने उन्हे बाथरूम मे आने का दावत दिया है और मै कोई गवार था नही कि इतनी बात समझ ना पाऊ ।

फिर मामी चली गयी और नाना ने खडे होकर अपना धोती लपेटा और काफी समय तक मुझे घुरते रहे ।


सही मायने मे तो मेरी ही फटी पडी थी कि कही नाना मेरी चोरी पकड़ ना ले ।
अगले ही पल हुआ वही जैसा मैने सोचा था नाना ने मुझे हिला डुला कर चेक किया और हल्की आवाज दी ।

मैने भी प्रतिक्रिया स्वरुप थोडा झूठमूठ का बुदबदाया और वैसे ही लेटा रहा

करीब 10 मिंट तक नाना जी कमरे मे रहे और फिर कमरे का दरवाजा भिड़का कर बाहर निकल गये ।

मैने सारी चीजे बस आहटों से ही महसूस की । जैसे ही दरवाजे की खटखटाहट हुई मैने फौरन आख खोला और देखा नाना जी जा चुके है ।

मै धीरे से खिडकी के पास गया और थोडा आड़ा टेढा होकर बाथरूम की ओर नाना को जाते देखा ।

वो एक दो बाथरूम वाले गेट पर पहुचने से पहले अपने कमरे की ओर झाके फिर पीछे बाथरूम की ओर निकल गये ।

जैसे ही नाना उधर गये मै फौरन कमरे से बाहर निकला और बड़ी सावधानी से कमरे का दरवाजा बंद करके मेन गेट के जीने से सीधा छत पर गया ।

भरी दुपहरी मे नंगे पाव होने से पाव जल रहे थे मेरे लिये दिल ने एक अलग ही जुनून सवार था और मै छत पर चलते हुए पीछे आँगन वाले जीने पर गया और धीरे धीरे आधी सीढिया उतर कर आंगन मे देखा तो बाथरूम की आने वाला दरवाजा अंदर से बंद है और बाथरूम के बंद दरवाजे से सिसकिया आ रही थी ।

शॉवर चालू था और पानी लागतार गिर रहा था । साथ मे थपथप करके चुदाई की कामुक तेज आवाजे आँगन मे गूंज रही थी ।

मेरा लन्ड तना हुआ था और मुझे बाथरूम मे झाकना था ।
तो मैने नोटिस किया कि अगर मै कुछ सीढि वापस उपर की ओर जाऊ तो मुझे बाथरूम की खिडकी से अन्दर का नजारा देखने को मिल सकता है ।


मै खुशि से चहका और उल्टे पांव एक एक सीढि चढ़ने लगा । नजरे मेरी बाथरूम की खिडकी पर जमी हुई थी ।

तभी वो पल आया और मै ठहर गया और अपनी एडिया उचकाते गरदन खिच कर बाथरूम मे झाकने लगा ।

बाथरूम का नजारा बहुत ही कामुक था । मुझे यकीन ही नही हो रहा था कि नाना इस तरह भी सेक्स कर सकते है ।

उन्होने मामी की एक टांग उठा रखी थी उन्हे बाथरूम की दिवाल से ल्गाये हुए ताबड़तोड़ धक्के खडे खडे ही उनकी चुत मे पेले जा रहे थे ।

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पानी का सोवर चालू था और दोनो भीग भी रहे थे । मगर मामी की तेज दर्द भरी सिसकिया और नाना के तगड़े धक्के बाहर आगन मे शोर मचा रहे थे ।

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जल्दी ही उनकी सिसकिया शान्त होने लगी और मै समझ गया कि मुझे वापस मेरे जगह पर चले जाना चाहिये ।

मै फौरन वहा से निकल कर वापस से तपती छत पर नंगे पाव भागता हुआ नाना के कमरे मे आया और दरवाजा वैसे ही भिड़का दिया ।

फिर वापस से लेट गया । मेरे मन में अभी काफी विचार चल रहे थे कि मामी और नाना के बीच ये सब कब शुरु हुआ होगा । किन हालातो मे हुआ होगा । क्या ये सब मेरे ठरकी नाना की कोई चाल थी या फिर बस कोई संयोग था ।

मै मेरे ख्यालो मे ऐसे ही खोया हुआ ना जाने कब सो गया ।


लेखक की जुबानी

शाम की बेला हो चली थी । आज राज के जाने के बाद से अनुज को ही दुकान सम्भालना पड रहा था । उनकी मा रागिनी भी दोपहर मे खाना लाने के बाद से 5 बजे के करीब दुकान पर थी और फिर चौराहे वाले घर के लिए निकल गयी ।


इधर राहुल ने देखा कि आज अनुज आया नही तो उसने सोचा क्यू ना उससे मिलने दुकान पर ही चला जाऊ ।
दरअसल जब से अनुज को नया लैपटॉप मिला था तब से राहुल की दिलच्स्पी भी उसमे खुब बढ गयी थी ।

वो भी अनुज की तरह लैपटॉप की बडी स्क्रीन पर पोर्न वीडियो के मजे लेना चाह रहा था । इसी सोच के साथ वो अनुज के पास गया ।


एक दो ग्राहक निपटाने के बाद से अनुज और राहुल की बातचीत शुरु हुई ।

राहुल - अबे आज तु घर क्यू नही आया ?? निशा दीदी पुछ रही थी ।

अनुज - अरे यार वो भैया कार्ड बाटने के लिए आज ही निकल गया है । अब 10 15 दिन ऐसे ही कटेंगे दोस्त

राहुल थोडा उदास होकर - यार तेरे बिना दीदी के साथ मजा नही आता

अनुज - हा लेकिन क्या कर भाई ,, ये दुकान की जिम्मेदारी भी तो है । कोई नही तु अकेले मजे कर मै तो मेरे लैपटॉप से ही काम च्लाउंगा अब

राहुल - अरे भाई मुझे भी कभी दिखा दे ना ,, यार उसमे तो चुचि भी बडी बड़ी दिखती होगी ।

अनुज खुश होकर - हा भाई ऐसा लगता है जैसे सब कुछ सामने ही हो रहा हो । हिहिहुही

अनुज - ऐसा कर आज तु आजा ना मेरे यहा

राहुल - अरे लेकिन पापा नही मानेंगे यार

अनुज- अरे उनको बोलना ना कि मै तुझे अपना लैपटॉप दिखाने वाला हू बस एक रात के लिए आने दे । तु कहेगा तो वो जरुर हा करेंगे
राहुल - ठिक है देखता हू भाई

फिर राहुल वहा से निकल गया और घर आ गया । वो इसी उधेड़बुन मे था कि आखिर पापा से कैसे बात करे ।

फिर उसने तय किया कि क्यू ना मम्मी से बात की जाये ।
वो किचन मे गया और शालिनी से बात रखी । शालिनी इस समय काम मे व्यस्त थी तो उसने साफ मना कर दिया ये कह कर कि वो जाये अपने पापा से पूछे


राहुल उखड़ा हुआ मुह लेके दुकान मे गया और थोडा समय बैठा । दुकान मे ग्राहक भी थे तो जन्गीलाल ने उसे एक दो काम फुरमाया जिसे राहुल ने बडे गिरे मन से किया ।
जंगीलाल ये सब देख समझ रहा था और ग्राहको के जाने बाद ।


जंगीलाल - क्या हुआ बेटा तू ऐसे उखड़ा हुआ क्यू है ?

राहुल मुह गिरा कर - कुछ नही पापा ,,वो मै आज रात अनुज के यहा जाना चाहता हू । उसने नया लैपटॉप लिया है वो देखने


जंगीलाल - ओह्ह फिर
राहुल - फिर क्या , मम्मी मना कर रही है

तभी जन्गीलाल के दिमाग की बत्ती जली और उसे निशा का भी ख्याल आया कि आज रात वो उसे साडी पहनाने वाला है । अगर राहुल घर पर नही रहेगा तो इसमे उसका ही फायदा है । क्या पता किस्मत साथ दे ही दे !!!


जंगीलाल मुस्कुरा कर - ओहो! तु अपनी मम्मी की फिकर छोड उसे मै समझा दूँगा । तु चला जा ,,,लेकिन कोई शिकायत नही आनी चाहिए तेरी । समझा ना


राहुल को उम्मीद ही नही थी उसके पापा ऐसे एक दम से बिना कोई खास मिन्न्ते किये मान जायेंगे ।

थोडे देर बाद राहुल अनुज के पास वापस चला गया


राज की जुबानी

शाम को 4 बजे मेरी नीद खुली और मैने देखा कि नाना मेरे बगल मे सोये हुए है ।
मै फ्रेश होने आंगन मे गया ।

फ्रेश होकर मै बाहर आया तो देखा कि पुरे घर मे एक चुप्प सन्नाटा पसरा हुआ था । धूप अभी भी तीखी थी मै चल कर किचन मे गया और पानी पीने के बाद मुझे वापस से मामी की याद आई और मै उनके कमरे की ओर चल पडा ..... कमरे का दरवाजा भिड़का हुआ ही था .... मामी अंदर सोफे पर बैठी हुई टीवी पर फिल्म देख रही थी ।

मै धिरे से उनके बगल मे जाकर बैठ गया ।

मामी चौक कर - अरे बाबू तुम ,, आओ बैठो

मै मुस्कुरा कर - क्या देख रही हो मामी हम्म्मं

मेरी नजरे उनसे टकराई ही थी कि उन्होने नजरे फेर की क्योकि हम दोनो वो पल याद आ गया था जब दोपहर मे मामी नाना का लण्ड चुस रही थी ।

मामी नजरे चुराते हुए - कुछ खास नही है बाबू ,,,बस ऐसी ही फिल्म है

मै धीरे से उनके पास जाकर साडी के उपर से उनकी जांघो पर हाथ रख कर - चलो हम लोग कोई अच्छी सी फिल्म बनाते है ना

मामी मेरे कहने का मतलब समझ गयी और मुसकुराते हुए - धत्त अभी नही । मुझे थोडी थकान है

मै उन्के जाघो को सहलाता हुआ - हा हा थकान तो होगी ही । दर्द भरी चिखो से पुरा आंगन जो गूज रहा था ।

मामी समझ गयी कि मैने वो सब भी देख लिया जो आज बाथरूम मे हुआ था ।

मै चहक कर - वैसे ये सब कब शुरु हुआ कुछ हमे भी बतायेंगी ,मेरी डार्लिंग मामी हिहिहिही

मामी शर्म से लाल हो रही थी और मैने उनके गुलाबी होते गालो को चुम कर - बताओ ना मामी प्लीज

मामी शर्मा कर - धत्त बदमाश ,,, वो सब तुम्हे क्यू जानना है ?


मै अपना लण्ड लोवर के उपर से मसलता हुआ - बस वो हकीकत जानने की लालसा है कि इस संगम के पीछे का सपना किसका था । आपका या नाना का हिहिहिही


मामी मुस्कुरा कर - ना मेरी ना बाऊजी ,,,जो भी था बस सन्योग था

मामी की बाते सुन कर मेरी दिलचसपी और बढ गयी ।

मै - अरे थोडा खुल कर बताओ ना
मामी - ऐसे नही पहले जाओ दरवाजा भिड़का कर आओ । गीता बबिता के आने का समय हो रहा है ।

मै लपक कर दरवाजे पर गया और मामी के पास आ गया ।

मै - हा अब बोलो

मामी मुस्कुरा कर -पक्का जानना ही है
मै थोडा शरारती होता हुआ अपना लण्ड खड़ा होता लण्ड लोवर से बाहर निकाल कर - मुझसे ज्यादा तो ये बेताब है सुनने के लिए हिहिहिही


मामी ने मेरा फड़फडा लण्ड देखा उनकी चुत ने भी कुनमूनाना शुरु कर दिया ।

मामी धिरे से सरक कर मेरे करीब आई और लण्ड को हाथ मे थाम लिया ।


जारी रहेगी
Maami ki kahani sunne ko humara bhi betaab hai dost... jaldi hi sunayein..
Bahut badhiya update.
 
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