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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी भाइयो और मेरे पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
💥💐💥
उम्मीद करता हूँ ये दीवालि आपके जिवन खुशियो से भरपूर और मस्त रही हो

एक अनुरोध है सभी से ये कहानी का अगला भाग नये साल यानी 2025 से ही शुरु हो पाना संभव है
तो मेरी दुसरी कहानी अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया को तब तक पढे

जब ये कहानी शुरु होगी
सभी को सूचित किया जायेगा

एक बार फिर सभी का धन्यवाद
 

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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UPDATE 151
MEGA

लेखक की जुबानी

कमरे का माहौल काफी रूमानी हो चुका था , हल्की मादक सिसकिया और कसमसाहट भरे संवाद हो रहे थे ।

सोफे पर पालथी मारकर बैठी निशा के हाथ उसकी गोद मे थे और नजरे अपनी मा शालिनी की कामुक अदाओ पर जमी हुई थी । जो अपने पति के सामने एक एक करके साडी के अंदर से बडी ही अदा से अपने ब्लाऊज के हुक खोले जा रही थी ।

बिस्तर पर टेक लगा कर बैठा जंगीलाल अपना लण्ड मसल कर शालिनी की मादक हरकतो को निहार रहा था । बीच बीच में वो ये भी देख रहा था कि निशा की निगाहे कहा है । जब वो ऐसा करता तो निशा खिस्खी लेके मुस्कुरा देती ।

इधर शालिनी ने बडी अदा से अपना ब्लाउज निकाला और ब्रा खोलकर साडी के अंदर ही अपने चुचे नंगी कर चुकी थी ।

फिरोजी रंग की उस हल्की पारदर्शी साडी मे शालिनी की कामुकता और निखर रही थी । वही जन्गीलाल बेताब होकर अपनी बीवी के चुचे पूरे नंगे होने का इन्तेजार कर रहा था । मगर वही शालिनी ने शरारत करते हुए अपनी साडी का पल्लू को फैलाकर अपनी चुचो को पुरा धक कर उसे कमर मे खोस लिया ।

नतिजन साडी का पल्लू शालिनी के बडे बडे चुचो पर कस गया और भूरे निप्प्लो की बारीक सी झलक साडी के उपर दिखने लगी ।
जंगीलाल लण्ड भीच कर रह गया।

अपने पति को छेड़कर शालिनी एक विजयी मुस्कराहट के साथ निशा को देखा ,मानो उसे कह रही हो कि देख ऐसे करते है मर्दो के जजबातो से खिलवाड़

निशा थोडा खिलखिलाई लेकिन अपनी मा की कामुक अदा से उस्के भी निप्प्ल्स कड़े होने लगे थे ।

शालिनी एक कदम आगे बढ़ कर घोडी बन कर बिसतर पर चढ गयी और कैटवाक करते हुए अपने पति के फैले हुए जांघो के बीच गयी और उसकी आंखो मे देखते हुए अपने कड़े जोबनो को बडी बेरहमी से साडी के उपर से मसलने लगी ।
जंगीलाल कामुकता से और विचलित हुआ । उसने हाथ आगे बढा कर शालिनी के लटके हुए चुचे साडी के उपर से थाम लिये ।

जन्गिलाल - ओह्ह जान क्या मस्त चुचिया है तेरी ,,इधर आओ ना

फिर वो शालिनी को अपने पास बुलाता ,,शालिनी भी आगे होकर अपने पति की गोद मे दोनो टाँगे फेक कर बैठ जाती है और दोनो एक गहरी लिपकिस्स मे खो जाते है । जिसे देख कर निशा अपने थुक गटकने लगती है । वो इस वक़्त बेहिसाब तडप रही थी । अपने गोद मे रखे हुए हाथो से उसने तो अपनी जांघो को हल्का हल्का घिसना भी शुरु कर दिया था ।

वही जंगीलाल अपनी पत्नी की चुचिया नंगीकर उसे बडे जोश मे मुह मे भर कर चुस रहा था और शालिनी भी सिसिकिया लेते हुए मजे से अपने पति के सर को अपने सीने मे दफन किये हुई निशा को नशीली नजरो से निहार रही थी ।
मानो उसे दिखा रही हो देख कैसे मैने तेरे पापा को पागल कर दिया । निशा बस बेबस होकर मुस्कुरा देती ।

थोडे समय बाद ही पोजीशन बदला और शालिनी इस वक़्त पूरी नंगी थी । अपनी मा के जिस्मो की सेक्सी फिगर देख कर निशा खुद को नापने लगी कि इस जवानी मे भी वो अपनी मा के आगे कुछ भी नही है ।

वही उसके पापा उसकी मा के जांघो को फैला कर उसकी चुत मे मुह लगा चुके थे ।
शालिनी तडप उठी और जोर की सिसकिया लेने लगी ।

शालिनी एक नजर निशा को देखा और उसे अपने पास आने का इशारा किया ... निशा थोडा हैरान हुई और उसने उठने से पहले एक बार अपने हाथ से अपनी बजबजाती चुत को दबाया और खड़ी हो गयी ।
वही जंगीलाल शालिनी की जांघो को अपने कन्धे पर रखे हुए बडे ही चाव से लपालप जीभ चला रहा था ।

शालिनी कभी सिस्क्ती तो कभी निशा को अपने पास आते देख मुस्कुराती और फिर उसने उसे अपने पास बैठने का इशारा किया ।

निशा वही बिस्तर के मुहाने पर पैर लटका कर बैठ गयी और उसकी नजर अपने पापा पर गयी जो अपनी जीभ को उसकी मा की चुत मे घुसासे होठो से उपर की चमडी चुबला रहे थे ।

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निसा पूरी तरह गनगना गयी ,,उसकी चुत रिसना शुरु कर चुकी थी और जांघो पर चखटने लगी थी ।
निशा को खुजली सी मह्सूस हो रही थी लेकिन अगर वो वैसा कुछ करने जाती तो कही उसकी मा को शक ना हो जाये की वो भी चुदवासी हो गयी । क्योकि शालिनी की निगाहे बराबर उसपे जमी हुई थी ।

शालिनी - देखा बेटा मर्द को एक बार गर्म कर दो वो तुम्हे जी भर के प्यार करता है सीईई अह्ह्ह उम्म्ंम्ं अराआम्म्ं से मेरे राआज्ज्जाअह्ह सीई

निशा अपनी मा की बात सुन कर मुस्कुराई और बस अपने पापा को निहारे जा रही थी जो अभी अभी उसकी मा के चुत की मलाई साफ करके खडे हुए मुह पोछ रहे थे ।


जबकि शालिनी झड़ने के बाद थोडा सुसता रही थी वही जन्गीलाल का लण्ड फौलादी हुआ जा रहा था

जंगीलाल - आओ ना जान थोडा इसे चुस कर तैयार कर दो
शालिनी उठने को हुई ही थी कि उसकी नजर निशा पर गयी और वो वापस लेट गयी ।


शालिनी- आह्ह बेटा जरा तेरे पापा का लण्ड थोडा चुस दे ,,,इन्होने मेरी चुत ऐसी चाटी है कि पुरा जिस्म अकड गया है उम्म्ंम्ं

निशा को थोडी हसी आई मगर वो उठ कर अपने पापा के पास चली गयी
एक बार फिर से उसने झुक कर अपने पापा लण्ड मुह मे भर लिया ,,,इस बार उसने लण्ड को थोडा और अन्दर लेते हुए आड़ो को सहलाती रही ।

वही जन्गीलाल घुटनो के बल खड़ा होकर अह्हे भर रहा था - अह्ह्ह बेटी ओह्ह्ह उम्म्ंम क्या मस्त चुस्ती है रे तू उम्म्ंम

निशा ने गुउउग्गुऊऊ करके लण्ड को सुरुपे जा रही थी ,,वही शालिनी को डर था कही फिर निशा सारा माल गटक जाये

शालिनी अपनी जान्घे खोल कर चुत रगड़ते हुए - आह्ह जीईई आओ ना उम्म्ंम प्लीज

जंगीलाला की चेतना जगी ,,वो ना चाहते हुए भी अपनी बेटी को लण्ड मुह से निकालने को कहने लगा ।

निशा भी बडे बेमन से अपने पापा का सुपाडा सुरुकते हुए लण्ड छोड दिया और लाचार नजरो से अपने पापा को देखा ।

जन्गीलाल भी उदास होकर ही अपना लण्ड मुठियाता हुआ अपनी बीवी के चुत के पास ले गया और गच्च के लण्ड को एक बार मे आधा उसकी चुत मे उतार दिया ।

शालिनी दर्द से मचल उठी और निशा वापस अपने जगह पर मा के सिरहाने आ गयी ।

उसके पापा ने दो और करारे धक्के लगाते हुए उसकी मा चुत को चिरते हुए जड तक घुस गये ,,,वही शालिनी दर्द से छ्टप्टा उठी । वो जान रही थी आज सारा जोश और जुनून निशा के वजह से ही है । वो खुद भी इस चीज़ को इंजॉय कर रही थी ।

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जंगीलाल ने ग्च्च ग्च्च धक्के लगाने शुरु किये
शालिनी मुस्कुरा कर - अह्ह्ह क्या जी आप तो लाडो को डरा रहे है ,,थोडा आराम से करिये ना

तभी जंगीलाल को भी ध्यान आया कि ये सब वो इसिलिए तो कर रहे हैं कि निशा की दिलचस्पी बढे ।
इसीलिये जन्गीलाल धीरे धीरे मादक धक्के लगाने और लण्ड को शालिनी की चुत मे न्चाने लगा
निशा अपने मम्मी पापा की कामुक बातचीत और चुदाई देख कर बहुत ही गर्म हुई जा रही थी ,,उसका तो जी चाह रहा था कि अभी सब कुछ खोल कर वो अपने पापा के निचे आ जाये और वो उसे हचक हचक के चोदे ।

शालिनी मादक सिसिकिया लेती हुई - उम्म्ंम्ं देख रही बेटी मर्दो को गर्म करने का नतिजा अह्ह्ज शादी के बाद तु भी ऐसे ही लेटी होगी और तेरा पति तुझे भी ऐसे मजे करायेगा उम्म्ंम अह्ह्ह मेरे राज्ज्जाअझ और चोदो ना उम्म्ंम्म्ं


निशा अपनी मा की बाते सुन कर काफी कामोत्तेजक हुई जा रही थी लेकिन बेबसी मे सिवाय मुस्कुराने के कुछ कर नही सकती थी ।


इधर उसके पापा ने धीरे धीरे गति बढा दी और शालिनी और ही तेज स्सिकिया लेते हुए मजे ले रही थी । वो थोडा बहुत तो जान बुझ कर ही ऐसे शब्दो का चुनाव कर रही थी कि निशा को लगे उसकी मा को चुदने मे कितना मजा आ रहा है ।

इधर जन्गीलाल भी अपनी ही बेटी के सामने चुदाई करके काफी कामोत्तेजक हुआ जा रहा था और जल्द ही वो फिर से चरम पर था

उस ने आखिरी कुछ जोरदार धक्को के साथ झड़ने के करीब आ गया था ।
उस्ने फटाक से लण्ड बाहर निकाला और शालिनी के पास जाकर उसके मुह पर लण्ड हिलाने लगा ।

शालिनी अपनी दोनो चुचिया पकड कर मुह खोले हुर जीभ बाहर निकाल ली और

"अह्ह्ह मेरी जाआअननन ओह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ब लेहह ओह्ह " , जन्गिलाल शालिनी के मुह ने झड़ते हुए आह्ह भरने लगा ।

उसने सारा माल निचोड लेने के बाद शालीनी के मुह पर अपना ढिला और लचीला लण्ड झाडा और वैसे ही घुटने बल खडे खडे ही सासे बराबर करने लगा ।


शालिनी ने सारा माल गटकने के बाद थोडा कोहनियों के बल होकर अपने पति के लण्ड को सुरक कर चाटा और वापस से लेट गयी । वही जन्गीलाल भी पास मे लेट गया ।


निसा उन दोनो को तृप्त देख कर मुस्करा रही थी और मौका पाकर उसने अपने बाई जांघो हल्के से खुजाया क्योकि उसकी चुत का रस बह कर सुखने लगा था । जिससे उसे खुजली हो रही थी ।

शालिनी ने फिर निशा की ओर करवट ली और बोली - कैसा लगा तुझे बेटी ,,, समझ आया ।

तभी जंगीलाल भी करवट लेके शालिनी को पीछे के पकडते हुए - हा बोल बेटी ।

निशा थोडा शर्म से नजरे झुका कर - हमम थोडा थोडा

जंगीलाल - कोई बात नही बेटा हम तुझे धीरे धीरे सब सिखा देंगे ,, अभी तु आराम कर ठिक है ।

निशा मुस्कुराई - जी पापा

फिर वो एक नजर अपनी मा को देखा जिसके चुचो पर उस्जे पापा का हाथ रेंग रहा था और वो अपने कपडे लेके वापस अपने कमरे मे चली गयी ।


निशा के जाते ही जंगीलाल खुशी से - ओह्हो मेरी जान आज तो कमाल ही हो गया । क्या मस्त चूसा है उसने लण्ड उह्ह्ह

शालिनी - हा हा ठिक है, लेकिन आप खुद पर काबू रखिये फुल सी बेटी है अपनी । थोडा संयम से और आराम आराम से ही उसे सिखाना है ये नही कि आप अपनी हवस मे मेरी लाडो को कुछ नुक्सान कर दे ।


जंगीलाल - हा मेरी जान मै जानता हू ,

इधर इन दोनो की बाते जारी रही निशा जल्दी से कमरे मे जाते ही अपने सारे कपडे निकाल फेके और घन्टे भर से भरी तडप को अपनी चुत रगड़ कर शांत करने लगी ।
झड़ने के बाद भी निशा को नीद नही आई और उस रात वो देर तक अपने पापा के संग चुदाई के सपने बुनते हुए दो बार और खुद को निचोड़ा और सुबह के 3 बजे के करीब वो सो गयी ।


अगली सुबह शालिनी समय के उठ कर नहा धो कर अपने कामो मे लग गयी , करीब 8 बजे जंगीलाल भी उठ कर फ्रेश होने और नहाने उपर चला गया ।

छत पर जाने के बाद उसे निशा का ध्यान आया कि शायद अभी तक वो सो रही है क्योकि आज उसके कोई भी कपडे सुख नही रहे थे ।

निशा का ख्याल आते ही जंगीलाल का लण्ड टनं होआ गया और जहन मे रात की घटनाये उभरने लगी ।

फिर वो फ्रेश होकर नहाने के लिए बाथरूम मे गया और इसी दौरान उसे मह्सूस हुआ कि पाखाने मे कोई आया है ।


जंगीलाल खुशी से झूम उठा कि शायद निशा आई हो और वो हाथ धुलने बाथरूम मे जरुर आयेगी ।

जन्गीलाल मन ही मन सुबह सुबह निशा के मुह मे अपने लण्ड घुसाने के सपने बुन रहा था लेकिन जल्द ही उसका भ्रम टुट गया क्योकि वो राहुल था ।


जंगीलाला नहाकर बाहर निकला - अरे बेटा तु आ गया

राहुल - मै तो 7बजे ही आ गया हू पापा और दुकान भी साफ कर दिया , अभी नहाने जा रहा हू

जन्गीलाल भले ही पहले निशा की जगह राहुल को देखकर चिढ़ गया था लेकिन जब राहुल ने उचित कारण बताया तो उसे अपने बेटे पर गर्व हुआ कि वो अपने कामो को महत्व देता है ।
उसके बाद जंगीलाल निचे आया और अपने कमरे मे जाके एक शर्ट डाल कर वैसे ही जान्घिये के उपर से गम्छा लपेट लिया । ये उसका रोज का था ।
तैयार होकर बाहर आया तो उसने किचन मे एक नजर मारी और वहा सिर्फ शालिनी दिखी तो वो समझ गया कि निशा अभी तक उठी नही शायद
इसिलिए वो उसको जगाने उसके कमरे मे चला गया
कमरे का दरवाजा तो बस हल्का ही भिड़का हुआ था और कमरे मे निशा सिर्फ एक टीशर्ट पहने हुए निचे से पूरी नंगी सोयी हुई थी । उसकी जान्गे खुली हुई थी और चुत की चिकनी फल्के साफ साफ दिख रही थी ।

जन्गीलाल एक बार दरवाजे से बाहर के हाल और किचन को जाचा और फिर एक नजर उपर जीने पर नजर दौडाई । फिर बड़ी सावधानी से वो कमरे मे घुस कर दरवाजा बन्द कर दिया ।

धिरे धीरे वो बेड के पास गया जहा उसकी बेटी आधी नंगी होकर अपनी चुत खोले बेसुध सो रही थी और बेड सीट पर उसके सोमरस के धब्बे साफ दिख रहे थे ।
जिस्से जंगीलाल के जहन मे कुछ सवालो का मेला लगने लगा और उसके लण्ड का तनाव बढने लगा । चेहरे पर एक शरारती मुस्कान सी छाने लगी और वो अपना लण्ड गमछे के उपर से ही भीचने लगा ।

राज की जुबानी

अगली सुबह मेरी खुली तो मुझे अपने लिंग पर एक ठंडक सी अह्सास हो रही थी
गरदन उठा कर देखा तो गीता निचे सरक कर मेरा तना हुआ लण्ड मुह मे भरी हुई थी ।

मै सिस्क कर - अह्ह्ह मीठी येह्ह्ह क्याअह्ह कर रही है

गीता - भैया ये बड़ा हो गया था तो .....हिहिहिही

मै उसकी मासूमियत पर मुस्कराया और बगल मे लेटी बबिता के माथे को चुम कर उसे उठाया तो वो वापस से कसमसा कर मुझसे लिपट गयी

मै दुबारा से उसे जगाता उस्से पहले ही दरवाजे पर दस्तक हुई और मैने गीता को देखा जो मुह मे मेरा लण्ड भरे टकटकी लगाये मुझे देख रही थी
डर हम दोनो के चेहरे पर था और मैने तो कोई कप्डे नही डाले थे ,,तभी दरवाजे पर दस्तक तेज हुई और गीता फटाक से लण्ड छोड कर खड़ी हुई ।

मैने इधर उधर नजर दौडाई और फर्श पर फेके हुए कपडे मुझे दिखे मै ध्म्म से कूद कर फर्श पर गया और अंडरवियर छोड कर डायरेक्ट लोवर और टीशर्ट डाल दी ।

वही गीता को डाट ना पडे इसिलिए मैने उसे सोने को कहा और खुद अपना अंडरवियर पैर से बिस्तर के निचे खिस्का कर दरवाजा खोलने चला गया ।

मामी - ओहो क्या खा के सोते हो तुम लोग ,,,सुबह के 8 बजने वाले है

मै हस कर - अब आप ही पता नही क्या खिलाती हो कि खा कर बडी थकान हो जाती है ....
मैने हस्ते हुए दोहरे अर्थ मे मामी से ये बात कही और मैक्सि मे कसे उनके जोबनो पर इशारा किया ।

मामी भी इतराकर मुस्कुराने लगी - धत्त बदमाश ,,,और इनको देखो अभी तक सो रही है । उठो महारानियो , नहाना धोना नही है क्या

मै मामी से धीमी आवाज मे - आपने रात वाला धुल लिया क्या ?

मामी मेरा इशारा समझ गयी और मुझे धकेल कर हस्ते हुए गीता बबिता को जगाने चली गयी ।

थोडी देर बाद हम लोग नहा धो कर फ्रेश हुए और नासता करने एकजुट हुए ।

नास्ते पर बातो ही बातो मे मामी ने बताया कि कल मामा आ रहे है ,,,ये इशारा उनका मुझे और नाना दोनो के लिए था ।
इसिलिए मैने भी बताया कि कल दोपहर बाद से मै भी रज्जो के यहा निकलूँगा।

मेरा इशारा गीता बबिता के साथ साथ मामी के लिए भी था कि सिर्फ नाना को ही समय ना दे ,मुझे भी दे दे ।

वो मुस्कुरा रही थी । नास्ते के बाद मै नाना के साथ उनके कमरे मे चला गया ।
गीता बबिता अपनी मा का हाथ बटाने लगी ।

कमरे मे

मैने एक बार नाना का मन टटोला कि क्या वो दोपहर मे गोदाम पर जाने के विचार मे है या गीता बबिता के सिलाई सेन्टर जाने के बाद मामी के साथ मस्ती करने का मूड है ।


मै हिचक कर - नाना वो हम लोग गोदाम कब चल रहे है ।

नाना मुझे देख कर मुस्कराये और बोले - लग रहा है कमला भा गयी है तुझे उम्म्ंम

मै शर्म से लाल होने लगा

नाना - लेकिन बेटा आज तो वो छुट्टी पर है
मै समझ गया कि नाना का बहाना है और वो मामी के साथ मस्ती जरुर करेंगे। मगर मेरे रहते कैसे ??

इधर हम बाते कर रहे थे कि मामी हमारे पास आई - राज बाबू थोडा मेरे साथ आईये । एक मदद करिये


नाना चहक कर - क्या बात है बहू , मुझ्से कहो

मामी मुस्कुरा कर - अरे नही बाऊजी ,,वो कल बाबू रज्जो दीदी के यहा जा रहे हैं तो सोच रही थी थोडा सा कुछ समान भेज दू इनके हाथ से । वही निकलवाना है ।


नाना समझ गये कि मेहनत वाला काम है तो ठिक है बोल कर लेट गये
फिर मै और मामी वहा से निकल कर सीधा उनके कमरे की ओर चल दिये ,,,हम दोनो ने एक नजर किचन मे मारी तो देखा दोनो बहने दोपहर के खाने की तैयारी कर रही थी ।


फिर हम कमरे मे गये और दरवाजा बंद होते ही मैने उन्हे अपनी बाहो मे कस लिया ।

बाहो मे भरते ही मुझे आभास हुआ कि मामी ने मैक्सि के निचे कुछ भी नही पहन रखा है
मामी कसमसा कर मुझसे अलग होती हुई - ओहो बाबू छोडो मुझे । मै यहा सच मे काम से आपको बुलाई हू

मै उनको पीछे से पकड कर उनके कान के पास किस्स करता हुआ - तो बताओ ना क्या करना है मुझे

मामी हस्ती हुई मुझसे छूट कर - जाओ वो स्टूल लेके आओ ,,,मुझे वहा उपर से कुछ उतारना है

मामी कमरे के एक रैक पर इशारा किया ।
फिर मै वो बड़ा स्टूल लेके उनके पास गया और खुद चढ़ने लगा ताकि जल्दी से काम निबटा कर मामी के साथ थोडी मस्ती की जा सके ।

मामी - नही नही तुम नही ,,मै चढून्गी उपर

मै हस्कर दोहरे अर्थ मे बोला - मैने कब आपको उपर चढ़ने से रोका है ,,,हिहिहिही

मामी मेरा मतलब समझ गयी और मुझे हटाकर खुद स्टूल पकड कर चढ़ने लगी - हटो बदमाश कही के !! और जरा ध्यान से पकड़ो मै गिर ना जाऊ

फिर मैने थोडा खुद को सीरियस दिखाया और सामने जाकर स्टूल को अच्छे से पकड लिया ।

स्टूल मेरी कमर के बराबर ऊचा था और मेरे नथुने मामी के चुत के महज कुछ ही इन्च उपर थी । जिसकी मादक खुस्बु मुझे बेचैन करने लगी । मानो कोई नशिलि गन्ध मेरे दिमाग मे चढ़ गयी थी । मै आंखे बन्द किये उनकी ओर झुकने लगा

तभी मामी उपर से डाट कर मुझे चेताया कि सही से पकडे रहू ।
फिर मै मुस्कुरा उठा कर स्टूल को पकडे पकडे ही निचे सरक कर बैठ गया ।

फिर धिरे से उनकी मैक्सि का निचला सिरा आगे से पकड़ा और थोडा फैलाया

अह्ह्ह क्या नजारा था
चिकनी जान्घे और फुली हुई चुत ,,फिर सपाट चर्बीदार पेट और उपर दो मोटे मोटे पपीते जैसे चुचे । जिनके निप्प्ल तने हूए थे ।

20220405-154446

मैने मस्ती मे एक जोर की ठंडी फ़ूक मामी के मैक्सि मे मारी और वो स्टूल पर हिलने लगी ।
मै फौरन खड़ा होकर उन्हे पकड कर हसने लगा

मामी मुझे हस्ता देख कर - तुम नही मानोगे उम्म्ं

मैने अपनी गरदन उचका कर मैक्सि के उपर से उनकी चुत पर नथुने रगड़कर उन्हे देखता हुआ ना मे सर हिलाया ।

फिर वो मुस्कुरा कर जल्दी जल्दी सामान निकाली और निचे आ गयी ।
फिर उन्होने लोवर के उपर से ही मेरा लण्ड भिच्ना शुरु कर दिया और मै मस्ती मे आ गया ।

मामी मेरे चेहरे के भावो को पढती हुई - क्यू बहुत अकड रहा है ये ना ,,,रुको इसका इलाज करती हू मै

फिर मामी ने अगले ही पल अपनी मैकसी निकाल दी और पूरी नंगी होकर खड़ी हो गयी ।
मामी - अब रुके क्यू हो ,,खोलो तुम भी । करना नही है क्या

मै मामी के कसे हुए जोबनो और चर्बीदार जिस्म मे खोया हुआ अपना लण्ड मसल रहा था । मामी की आवाज सुनते हि फटाफट नंगा होकर उनके सामाने लण्ड हिलाने लगा ।

वो मुस्कुरा कर मेरे कदमो मे बैठ गयी और अगले ही पल मेरा लण्ड उनके मुह मे था ।

वो भर भर के लण्ड को गले तक ले जाने लगी और मै मस्ती मे अपनी एडिया उचकाने लगा ।

वो तो मै समय पर रोक लिया नही तो मामी मुझे निचोड ही लेती ,,,हालाकी इसके लिए उन्होने मेरे इशारे मे मजे भी लिये । मै बस मुस्कुरा कर उनके गाड़ को मस्ल्ते हुए लण्ड सहला रहा था ।

फिर मैने उन्हे बिसतर पर लिटाया और निचे झुक कर उनकी जांघो के आस पास हाथ घुमाने लगा । उनकी फुली हुई चुत से आती नशीली गन्ध मुझे पागल कर रही थी ।
मैने उनकी जांघों फैलाते हुए अपना जीभ निकालकर चुत के आस पास फिराना शुरु कर दिया ।

मामी सिसकिया लेने लगी और मैने अपने होठ उनकी चुत के होठो से जोड लिये । फिर उनकी चुसाई शुरु कर दी ।मामी सिसकिया लेते हुए अपनी जान्घे मेरे सर पर कसने लगी और मै अपनी जीभ को चुत मे घुसेड़ के चाटे जा रहा था ।

फिर मैने अपना सर हटाया और जांघो को उपर उठाते हुए गाड के भूरे सुराख पर नजर डाली,, मेरे मुह मे पानी आ गया ।

वही लार मैने अपनी जीभ पर बटोरा और एक बार मामी के गाड़ के सुराख पर फिराया वो उछल पडी ।

मैने अब उनकी जांघो को और भी मजबूती से थाम लिया और गाड़ के सुराख से चुत के निचले हिस्से पर जीभ चलाने लगा ।
मामी हर मुमकिन कोशिस कर रही थी और अपने चुतड के पाटे सख्त कर रही थी । लेकिन मैने नही छोडा

मेरे जहन मे उनकी गाड़ चोदने की चसक चढ़ चुकी थी और मै खड़ा होकर इधर उधर कमरे मे नजर मारा और टेबल पर रखी तेल की शिसी देख कर खुश हुआ ।

मै लपक कर उसे लेने गया ,,वापस मुड़ा तो मामी अपनी चुचियॉ मिजते हुए अपनी चुत सहला रही थी ।

मै - मामी घोड़ी बनो ना ,,मुझे पीछे से लेना है
मामी कसमसा कर अपनी चुत मे ऊँगली डाल कर गाड़ पटकते हुए - अह्ह्ह नही बाबू ,,पहले मेरी चुत मे डालो सीईई अह्ह्ज

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मामी - बाऊजी ने पूरी रात सिर्फ़ गाड़ मे ही तो डाला,,,तरस गयी हू चुत मे लेने के लिए

मै समझ गया और मुस्कुरा कर उनके पैरो के बिच गया और एक टांग उठा कर लण्ड को सेट करते हुए सरसरा कर पुरा लण्ड एक ही बार मे उनकी चुत मे उतार दिया

मामी की आंखे फैल गयी ,,सासे अटक सी गयी
मैने देर ना करते हुए 4 5 करारे धक्के मारे और फिर कस कस चोदना शुरु कर दिया

मामी अब सामान्य हो गयी थी और चुदाई का मजा लेने लगी थी ।

20220703-003600
मामी - सीई अह्ह्ह और तेज बेटा अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्ं माआह हा ऐसे ही खुब अन्दर तक घुसाओ बाबू उम्म्ंम

मै मुस्कुरा कर कस कस के उन्हे पेलने लगा और उनकी ओर झूकते हुए लण्ड को और भी गहराई मे ले जाने लगा ।

मामी झड़े जा रही थी और मेरे लण्ड को निचोड रही थी ,,लेकिन मैने तय कर रखा था कि आज बिना गाड चोदे नही छोड़ूंगा इसिलिए मैने लन्ड बाहर निकाल दिया ।

मामी कुछ पल अपनी कमर झटकती रही और मै उनके बगल के आ के बैठ गया ।

करीब 3 4 मिंट बाद मामी ने आंखे खोली और बगल मुझे लेटकर लण्ड सहलाते हुए देख कर समझ गयी कि मै नही मानूंगा


फिर उन्होने मेरे लण्ड को थामा और सहलाते हुए - बिना गाड़ चोदे नही मानोगे उम्म्ंम

मै - उम्म्ं आपकी गाड़ है ही ऐसी कि ....सीईई ओह्ह्ह उम्म्ंम

फिर मामी निचे सरक कर बैठ गयी और झुक कर पहले मेरे लण्ड को सहलाया फिर मेरे लण्ड की चमडी को सरकाते हुए लण्ड को मुह ने भर लिया ।

20220703-003819

मै सिस्क कर रह गया ,,वो उसे सुरकने लगी , वो मेरे लण्ड के आड़ो को मसल मसल कर मेरे लण्ड को फौलादी बना रही थी और सुपाड़े को मुह मे भरे लगातार चुसे जा रही थी ।

फिर उन्होने मुह से लण्ड निकाला और मुझे देख कर मुस्कुराने लगी ।
मै समझ गया कि वो कह रही है लण्ड गाड़ मे जाने के लिए तैयार हो गया है ।

फिर मैने उठ कर एक किस्स किया और उन्हे घोडी बनने का इशारा किया ।

फिर मामी बिसतर पर घोडी बन गयी ,, क्या मस्त फैली हुई चर्बीदार गाड़ थी ,,,और चुतड के पाटो पर नाना के नोच खसोट के काफी सारे निशान थे ।

20220703-003928
पीछे से उनकी चुत और गाड़ के छेद दिख रहे थे । मैने तेल की शीशी उठाई और टिप टिप करके अपने अंदाज मे मामी के गाड़ के दरारो मे तेल रिसाना शुरु कर दिया ।

फिर एक हाथ की उंगलियो से उन्हे अच्छे से मामी के गाड़ के सुराख पर अच्छे से लगाने लगा ।

लगातार तेल गिराने से मेरे उंगलियाँ तेल से चिप्डी हुई थी इसिलिए मैने एक उन्गली को मामी के गाड़ की सुराख मे घुसेड़ दिया और अन्दर भी तेल लगाने लगा।

वही मामी के चेहरे के भाव बदल रहे थे वो मेरे उंगलियो को अपनी गाड़ मे घूमता महसूस कर रही थी और उत्तेजित हुई जा रही थी ।

फिर मैने थोडा सा तेल अपने सुपाड़े पर लगाया और लण्ड को गाड़ के मुहाने पर रख कर थोडा सा ही दबाव बनाया ,,मेरा लण्ड स्टाक से मामी की गाड़ ने खिच लिया ।

मै समझ गया नाना ने बुरी तरह से भड़ास निकाल कर मामी की गाड़ मारी है । फिर मैने उन्के कूल्हो को थामा और बिना पीछे हुए आगे की ओर लण्ड ठेलता हुआ मामी की गाड चिरता हुआ आधा अन्दर घुस गया तब जाकर मेरा लण्ड अटका

मामी सिसकी - ओह्ह बाबू आराम से इह्ह्ह उम्म्ंम्ं
मैने वापस से मामी की फैली हुई गाड़ के सुराख के उपर अंगूठे से रब किया और लण्ड बाहर की ओर खीचते हुए एक करारा धक्का मामी की गाड़ मे दिया । मेरा लण्ड मामी की गाड़ की दिवारो मे जगह बनाता हुआ जड़ मे जा घुसा ।

मामी की आंखे बाहर आ गयी
मै उनका कुल्हा थामे हुए जोरदार धक्का उनकी गाड़ मे लगाने लगा

मामी - सीई अह्ह्ह्ह उम्म्ंम ओह्ह्ह बाबूउऊ उम्म्ंम्ं क्या मस्त लण्ड है ओह्ह्ह्ह

मै मस्ती मे और तेज धक्के लगा रहा था और मामी के गाड़ पर नाना के नोच खसोट के निशान देख कर और भी उत्तेजित हो रहा था। नाना ने कितनी बेरहमी से मामी की गाड़ चोदी होगी ।

अपनी कल्पना और मामी की उतेजना भरी सिस्कियो से मेरा लण्ड मामी की गाड़ के और फुलने लगा और मैने लपक के मामी के बालो को पकड लिया

अब मामी के बाल मेरे हाथो मे थे और मैं उन्हे खीचते हुए तेज धक्के से उनकी गाड़ चोदने ल्गा

20220703-003952
मामी दर्द और मजे सिसकिया लेने लगी ।
मै लगातार अपना लण्ड उनकी गाड़ मे चोदे जा रहा था और वो खुद झड़ रही थी और अपने चुत के साथ गाड़ का छल्ला भी सिकोड़े जा रही थी ।
जिस्से मेरे सुपाडे और लण्ड की नीचली नशो पर घर्षण तेज हो गया
मै भी झड़ने के कगार पर था और आखिर कुछ धक्को मे मामी की गाड़ मे अपना लण्ड आखिर तक घुसेड़ दिया और अन्दर ही मेरा लण्ड झटके खाने लगा ।

मामी ने अपनी गाड़ का छल्ला कस कर मेरा सारा माल निचोड लिया और हम दोनो थक कर वही लेट गये ।


जारी रहेगी
 
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DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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Waah. Maan aur baap ke beech Nisha ko poora goodh gyan mil raha hai.

SUPERB AWESOME FANTASTIC AND INTERESTING UPDATE BHAI

Nice update bro... lekin update regular Diya karo......to achha lagta hai.... waiting more

बहुत ही कामुक गरमागरम और उतेजनक अपडेट है
जंगीलाल और शालिनी ने अपनी बेटी को चूदाई के लिए तैयार कर लिया है जंगीलाल और शालिनी सोचते हैं की उनकी बेटी अभी पहली बार कर रही है लेकिन उनको नही पता की उनकी बेटी पहले ही तीन लन्ड ले चुकी हैं जब पता चलेगा तो क्या होगा ???????

Romanchak. Pratiksha agle rasprad update ki

Bhai sonal ki group chudai kab hogi

बहुत बढ़िया शानदार अपडेट भाई
बेटी को भी शामिल कर लियाा
सही जा रहे हैं
लाजवाब

उम्दा अपडेट भाई पर जांगीलाल ये सोच कर कर खुश हो रहा है कि निशा की सील वो तोड़ेगा पर जब उसे पता चलेगा की उसकी बेटी पहले से ही खेली खाई तब उन दोनो की प्रक्रिया क्या होगी ।

AWESOME AND ROMANCE AND INCEST BEST STORY :party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::party::hi::hi::hi::hi::hi::hi::hi::hi::hi::hi::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::dancing2::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou::thankyou:

सच मे कहानी का आनंद आ गया


मस्त अपडेट, लेकिन बबिता का रहस्य रह गया, वो किसपे ट्रेनिगं ले चुकी है,


UPDATE 151 POST KAR DIYA HAI
APKI PRATIKRIYAO KA INTEZAAR RAHEGA
 
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