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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी भाइयो और मेरे पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
💥💐💥
उम्मीद करता हूँ ये दीवालि आपके जिवन खुशियो से भरपूर और मस्त रही हो

एक अनुरोध है सभी से ये कहानी का अगला भाग नये साल यानी 2025 से ही शुरु हो पाना संभव है
तो मेरी दुसरी कहानी अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया को तब तक पढे

जब ये कहानी शुरु होगी
सभी को सूचित किया जायेगा

एक बार फिर सभी का धन्यवाद
 

Gurdep

Well-Known Member
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UPDATE 163


सादीया की इच्छास्वरुप मैने सुबह के 3 बजे तक उसकी चुत और गाड मारी और फिर मै सो गया ।

सुबह 9 बजे के बाद ही मेरी आंखे खुली तो उसने ताजा गर्म नाश्ता करवाया और फिर मै सफ़र पर निकलने की तैयार होने लगा ।
इस दौरान वो मेरे पास ही रही और उसने मुझसे वादा लिया कि जब भी मुझे समय मिले वो यहा जरुर आऊ ।
मै भी मुस्कुरा कर हा बोल दिया ।
फिर वो मुझे बस स्टाप तक छोडने आई और 10 बजे वाले बस से मै बुआ के घर की ओर निकल गया ।

मै जा तो बुआ के यहा जा रहा था लेकिन सादीया की यादे मेरा पीछा नही छोड रही थी ।
उसके बारे मे सोचते हुए कब मै सो गया पता ही नही चला

और मेरा सफर भी खतम हो गया ।
मै फाइनली अपने बुआ के शहर आ गया था ।
मैने अपना बैग लिया और निचे उतरा ।

फिर मै चौराहे से होकर टाउन की ओर जाने लगा ।
चुकी मै काफी समय बाद बुआ के यहा आया था तो यहा बहुत कुछ बदल गया था ।

चौराहे से मैने ई-रिक्सा लिया और बुआ के घर के मुहल्ले का नाम ब्ताया और फिर हम (मै और वो रिकशा वाला ) निकल गये ।

रास्ते मे मैने एक बहुत ही बड़ा कालेज देखा , काफी वीआईपी भी था ।
मैने रिक्सेवाले से उस कालेज के बारे मे पुछा तो उसने मेरे बड़े फुफा का नाम बताया तो मै मुस्कुरा दिया ।

फिर वो रिक्सेवाला इस कालेज के साथ साथ मेरे फुफा की भी बड़ाई बतियाने लगा ।
मै चुपचाप सुनता रहा और जब मेरा मुहल्ला आया तो मै उसके पैसे देकर उतर गया ।

मै अपना बैग उठाकर कन्धे पर किया और कालोनी के एक बड़े मकान की ओर देखा ।
फिर मुस्कुरा कर उसी ओर चल दिया ।

काफी बड़ा गेट लगा था और उसमे एक छोटा गेट भी था । मै उस छोटे गेट से अन्दर घुसा ।

अंदर काफी बड़ा घर था
जित्ने मे मेरा चौराहे वाला घर था उतना तो फुफा जी ने खुला छोड रखा था । जिसमे एक ओर कुछ आदमी औरत अनाज का काम कर रहे थे ।
एक ओर फुलवारी भी थी उसकी भी देखरेख दो औरते कर रही थी ।

मै बेधड़क आगे बढ रहा था और घर के बरामदे से होकर एक ब्डा सा दरवाजा फांदते हुए हाल मे पर्वेश किया तो सामने शिला बुआ खडी थी ।

जो सोफे पर रखे हुए कपडो मे से छटाई कर रही थी ।
मैने इधर उधर जरा भी नही देखा ,,बुआ के कुरती ने उभरी हुई गाड़ देखकर मेरा लण्ड वैसे ही तन चुका था
मै दबे पाव गया और बुआ को पीछे से पकड लिया ,

मै चहक कर - बुआआ हिहिहिही

मैने उनको पेट पर से पकड़ा हुआ था और मेरा लण्ड उनकी गाड़ मे चुभ रहा था ।

शिला बुआ ने जैसे ही मेरी आवाज सुनी वो खुश हुई - अरे मेरा लल्ला तु

और वो फिर वो मेरी बाहो मे ही घूम कर मेरे ओर हो गयी ।
अब मेरे हाथ उनकी कूल्हो पर थे ।
मैने तुरंत हग कर लिया और उन्होने मुझे रोका भी नही ।

मै उन्के सीने से चिपका हुआ था कि मेरी नजरे एक जगह अटक गयी।

priya-tiwari-priya
एक बडी ही गठिले बदन वाली औरत जिसने डीप गले का ब्लाऊज पहन रखा था वो एक कमरे से झाडू लगाते हुए हाल मे आ रही थी ।
मै बुआ से अलग हो गया था और मेरी नजरे उसके झान्कते हुए चुचो मे अटक गयी थी ।
जब बुआ ने मुझे एकदम से चुप देखा तो मेरी नज़र का पीछा किया और वो मुस्कुरा कर मेरे गाल खिचते हुए ।

शिला - शैतान कही का ,,,अभी आये हुए तुझे कुछ मिंट भी नही हुए और तु शुरु हो गया ।

मै हस कर उनकी कमर पर हाथ घुमाते हुए - ये कौन है बुआ

शिला - ये हमारे घर की खास नौकरानी है , मीना

मै बुआ की आंखो मे देखते हुए - खास नौकरानी मतलब हिहिहिही

शिला हस कर - चल अब ज्यादा दिमाग ना लगा ,,और फ्रेश हो ले । मै खाना लगाती हू ।

फिर बुआ ने मुझे एक कमरे मे ले गयी ।
उस कमरे की हालत बहुत खराब थी ।
यहा वहा कपडे बिखरे बड़े एक टेबल पर कम्पयूटर था लेकिन वहा भी सब कुछ तीतर बितिर था ।

मैने बेड पर अपना बैग रखा और थोडा असहज होकर बैठ गया ।
बुआ समझ गयी कि मुझे ये कमरा कुछ खास पसंद नही आया था ।

शिला मुस्कुरा कर - अरे ये कमरा अरुण का है ,, वो ऐसे ही अपने सामान इधर उधर कर देता है ।
शिला - तु हा बाथरूम मे फ्रेश हो ले और मै मीना को बोल कर ये सब सही करवा दे रही हू ।

फिर मैने अपनी बैग से अंडरवियर लिया और अपने कप्डे उतारे और नहाने के लिए कमरे के ही बाथरूम मे चला गया ।

गुनगुने पानी से नहाकर मै तौलिया लपेट कर बाहर आया तो देखा वो कामवाली मीना राहुल के समान सही कर रही थी और बकबकाये जा रही थी ।

मीना कुछ किताबो को एक डिब्बमे रखते हुए- ये अरुण बाबू का ना आदत एकदम खराब है , अरे ऐसी किताबे कोई घर मे रखता है । वो तो शूकर है कि इनका कमरा मै साफ करती हू नही तो अगर माल्किन लोग देख ले तो शामत आ जाये ।

मीना बड़बड़ा रही थी कि उसकी नजरे मुझ पर गयी ।
और वो बिना पलके झपकाये मेरे खुले सीने को निहारे जा रही थी ।

मै थोडा सा शरमाया और लपक कर अपना टीशर्ट उठा लिया ।

मीना - तो आप ही हो वो बाबू जो माल्किन के मायके से आये हो

मुझे उसकी बोलने के तरीके पर हसी आई
मैं मुस्कुरात हुआ - हा मै राज हू ।

मीना - देखो राज बाबू ये अरुण बाबू के साथ रह रहे हो न तो थोडा इनकी हरकतो को नजरअंदाज करना ।

मै थोदा परेशान होकर- क्यू ! क्या हुआ ?

मीना भड़कती हुई - अरे अब मै क्या बताऊ राज बाबू तुमको , खैर छोडो आप अब आराम कर सकते हो ।

फिर मैने लोवर पहना और वही मीना अरुण के कम्प्यूटर को साफ करने लगी ।

कि अनजाने मे उससे डेस्कटॉप का बटन दब गया और डेस्कटॉप ऑन हो गया ।
डेस्कटॉप स्क्रीन की लाईट मुझे महसूस हुई तो मै उस देखा

तो मीना बड़बड़ा रही थी - हे ददा ये कैसे चालू हो गया । कहा से बंद होगा

मैं उसकी परेशानी भरी बड़बड़ाहट सुन ली और उठकर - क्या हुआ , बंद नही हो रहा है क्या

मेरी आवाज सुनते ही मीना desktop स्क्रीन के सामने खड़ी होकर जैसे उसे छिपाने लगी - न न नही वो मै बंद कर लूंगी

मै उसकी ओर बढकर - अरे रुकिये मै बंद कर देता हू ।

ये बोलकर जैसे ही मै मीना के बगल मे खड़ा हुआ तो सामने देखा डेस्कटॉप मे mute मे एक पोर्न वीडियो चल रहा था और उसने एक औरत एक लडके से चुद रही थी ।

मै समझ गया कि मीना की हडबडी का कारण क्या था
तो मैने लपक कर डेस्कटॉप की स्क्रीन ऑफ कर दी ।


मीना मुझसे नजरे चुरा रही थी और मुझे भी थोडा असहज लग रहा था कि अभी मुझे आये 15 20 मिंट भी नही हुए और क्या क्या हो रहा है ।

मैने मीना के रस भरे जोब्नो पर नजरे गडाये रखा और पल भर मे ही मीना ने मेरी नजरो का लक्ष्य भाप लिया ।

जिससे उसकी सासे तेज हो गयी और वो फौरन कमरे से अरुण के गंदे कपडे लेके बाहर निकल गयी ।

मै अपना लण्ड सेट किया और अपना बैग भी एक जगह रख कर बाहर आ गया ।
फिर बुआ ने मुझे खाना दिया और मै खाना खा रहा था ।इसी दौरान मीना मुझे पानी देने के लिए आई

मै मुस्कुरा कर - तो आप अरुण की यही सब हरकतें नजरअंदाज करने को बोल रही थी ।

मीना ने मेरी ओर देखा और मुस्कुरा कर - हम्म्म

मै मुस्कुरा कर - कोई बात नही ये तो लगभग सभी घरो मे होता है ,, बच्चे ये सब देखते ही रहते है

मीना- ओहो अभी आप समझ नही रहे हो कि बात कितनी बडी है ।

ये बोल कर मीना चली गयी ।
और मुझे एक उलझन मे छोड गयी कि आखिर ऐसा क्या करता है अरुण कि वो मीना को अजीब लगता है ।


फिर मै बुआ के पास चला गया और उनके कमरे मे देखा तो कमरा बड़ा ही आलिशान था ।
काफी बड़ा बेड था जिसमे 4 से 5 लोग आसानी से सो सकते थे और गद्दा भी बहुत मुलायम था ।


फिर मै बुआ से बाकी के लोगो के बारे मे बात करने लगा ।
तो पता चला कि कम्मो बुआ और अरुण अभी 2 बजे तक आयेंगे और दोनो फूफा लोग शाम तक आयेंगे क्योकि वो लोग स्कूल मे देर तक रुकते है ।


इधर मै घड़ी देखी और बुआ के गुजारिश की तब तक क्यू ना हम लोग एक राउंड कर ले तो बुआ ने उसके लिए मना नही किया और हमलोग कमरे का दरवाजा बन्द करके शुरु हो गये ।


लेखक की जुबानी

CHAMANPURA


बीती रात अपने बेटे राहुल की बेचैनी देखने बाद आज शालिनी ने उसे तंग करने का नया तरीका निकाला ।
सुबह की चर्या के बाद वो अपने बेटी के कमरे मे गयी और उसने निशा की आलमारी से उसका एक लाईट ट्रांसपैरंस प्लाजो निकाला । फिर इठलाती हुई अपने कमरे मे चली गयी ।

करीब 9 बजे तक राहुल नहा धोकर नास्ते के लिए किचन की ओर गया और जैसे उसने सामने देखा उसकी धडकनें तेज हो गयी ।

उसका मुरझाया चेहरा खिल उठा और लण्ड पल भर मे ही लोवर को भेदने के फड़फडाने लगा ।

20230101-173627
क्योकि सामने किचन ने शालिनी निशा की वही पारदर्शी प्लाजो पहने हुए झुक कर फ्रिज से कुछ निकाल रही थी और उसमे से उसके गुदाज फ़ैले हुए चुतडो पर कसी हुई उसकी पैटी साफ झलक रही थी ।

राहुल ने अपना सुपाडा खुजाया और सीधा अपनी मा के पीछे खड़ा हो गया ।

राहुल- क्या बना रही हो मम्मी
शालिनी - बस नासता हो रहा है , तु बता नहा लिया

राहुल - हा मम्मी , हिहिहिही

शालिनी - तो हस क्यू रहा है ,,बैठ मै नास्ता लगा रही हू

राहुल सीधा मुद्दे पे आता हुआ - वो मुझे कल रात के लिए हसी आ रही थी ।

शालिनी मुस्कुरा कर - क्यू उसमे हसने जैसा क्या था ?

राहुल - आप तो कह रही थी कि पापा बड़े शरारती है हिहिहिही


20230101-173425
"ये तो कोई भी कर सकता है इसमे कैसी शरारत " , राहुल ने अपने हाथ आगे बढा कर शालिनी के गुदाज गाड़ को हाथ से छुते हुए कहा ।

शालिनी को जैसे ही अपने बेटे के हाथ अपने चुतडो पर मह्सूस हुए उसने अपने गाड़ सख्त कर लिये और कापने लगी ।

" अच्छा तो तेरे हिसाब से शरारत कैसे करते है ", शालिनी ने खुद की सासो को काबू मे करते हुए आगे बढ कर सिंक मे पड़े बरतन खंगालने लगी ।

राहुल हस - हिहिहिही , नही आप गुस्सा करोगे ।

शालिनी तो चाह ही रही थी कि राहुल आगे बढे इसिलिए वो राहुल को मौका देते हुए ।
शालिनी - मान ले तु तेरे पापा की जगह होता तो क्या करता । उम्म्म बोल ।

राहुल के कानो मे जैसे ही वो शब्द पड़े उसका लण्ड ठुमका और दिमाग मे एक पल को अपनी मा को बहुत ही बेरहमी से चोदने के ख्याल आया और फिर वो अपना लण्ड मसलता हुआ ।

राहुल खिखी करता हुआ अपनी मा के पास निचे बैठ गया ।

"अगर मै पापा की जगह होता तो ऐसा करता हिहिहिही ", राहुल ने अपनी के कूल्हो से उसका प्लाजो खिच कर उसके चुतडो को नंगी करते हुए बोला ।

20221129-134812

शालिनी चौकी और चिहुकी - हेईई पागल कही का
फिर अपने भिगे हाथो से ही अपने प्लाजो को खिच के अपनी गाड़ पर चढा लिया ।


20230108-142403

राहुल निचे बैठा हसे जा रहा था मगर दिल ही दिल मे अपनी मा की नंगी गोरी चिकनी गाड़ को चूमने का अरमाँ अधूरा रह गया था ।

शालिनी अपने हाथ पोछते हुए -चल उठ और ले नास्ता कर । मुझे लगा तु ... और तुने तो मुझे ही


राहुल अपनी मा के हाथ से नास्ते का प्लेट लेता हुआ - हिहिहिही आपने ही पूछा था ना तो हिहिहिही

शालिनी उसके चहकते चेहरे पर खुश थी और शर्मा के काम करने लगी ।

राहुल ने नाश्ता किया और हाथ पोछ कर किचन से जाने पहले अपनी मा के चुतडो पर चट्ट से मारता हुआ - हिहिहिही अगर मै पापा की जगह होता तो ऐसा हमेशा करता

इतना बोलकर राहुल दुकान मे चला गया और शालिनी अपने चुतडो को सहलाते हुए हसने लगी ।


JAANIPUR

सुबह के 10 बज रहे थे और कमलनाथ नासता करके हाल मे खड़ा रीना के निचे आने का इन्तजार कर रहा था ।

घर के बाहर खड़ा ई-रिक्से वाला हार्न पर हार्न दिये जा रहा था ।

कुछ ही पलो मे रीना तेजी से उतरते हुए सीढ़ीओ से निचे आने लगी ।

उस्के मोटे हिल वाली सैन्ड्ल की कट कट से कमलनाथ का ध्यान अपनी बहू की ओर गया और उसकी निगाहे रिना के ब्लाउज ने उछलते चुचो पर अटक गयी ।

रीना सीढियो से निचे आगयी थी और उसकी तेज सासो से अभी भी उसकी चुचिया फूल रही थी और कमलनाथ की निगाहे अभी भी वही अटकी थी ।

रीना थोडा असहज हुई और हस कर - चलिये पापा जी ,

कमलनाथ - हा चलो
फिर रीना अपने सर पर पल्लू करके आगे आगे चल पड़ी और कमलनाथ पीछे से साडी मे थिरकते उसके जबरदस्त कूल्हो को देख कर अपना लण्ड सेट किया और वो भी घर से बाहर निकल गया ।

दोनो ई-रिक्से से बड़े बाज़ार की ओर निकल पड़े ।
रास्ते मे उन्होने तय किया कि पहले साड़ियो की शॉपिंग हो जाये फिर छोटे मोटे आईटेम खरीदने जायेंगे ।

फिर वो शो रूम पर गये और रीना ने टोटल 4 साड़िया पसंद की । एक सोनल और एक उसकी मा रागिनी के लिए , एक अपनी सास रज्जो और एक खुद के लिए ।

साड़ियो की खरिदारि के दौरान रीना की निगाहे शो मे खड़े एक पुतले पर जमी रही थी । जिसे दुकानदार ने बहुत ही खुबसूरत चन्देरी प्रिंट मे क्राप-टॉप लहन्गा पहना रखा था ।

कमलनाथ जिसकी निगाहे रीना पर ही जमी थी उसने भी ये नोटिस किया और समझ गया कि उसकी बहू उससे कहने मे हिचक मह्सूस कर रही है ।


कमलनाथ दुकानदार से - भाईसाहब वो ड्रेस कितने की है, जरा उस मॉडल मे कुछ दिखाईये

रीना ने फैली हुई आंखो से कमलनाथ को मुस्कुरा कर देखा - पापा जी वो बहुत महगा है ,

कमलनाथ - तुझे पसन्द है ना

रीना शर्म से नजरे झुका कर धीमी आवाज मे - हम्म्म , लेकिन मा जी गुस्सा करेंगी । मत लिजिए खर्चा वैसे ही ज्यादा है

कमलनाथ धीरे से रीना के पास होकर - अरे तु रमन की मा को छोड़ उसको कैसे मनाना है मुझे पता है ।

कमलनाथ की बात पर रीना मुह पर हाथ रख कर शर्माते हुए हस दी ।

इसपर कमलनाथ सफाई देने लगा - ओह मेरा वो मतलब भी नही था । तु बहुत शैतान है हिहिहिही

रीना हस्ती हुई - मै तो उस बारे मे कुछ सोचा ही नही हिहिहीही आप ही याद दिला रहे हो

कमलनाथ खुद को शान्त करता हुआ - अच्छा ठिक है तो ये ही कलर लेना है या कोई और

रीना भी खुद को सजग करती हुई - ह्म्म्ं यही रहेगा ।

फिर कमलनाथ सारी पैकिंग करवा कर बिल देता है और सामान लेके दुसरी दुकान के लिए निकल जाते हैं ।

अगला स्टाप था बरतन वाला
वहा भी एक घन्टे बिताने के बाद फाइनली वो सब सृंगार वाले दुकान पर गये ।
चुकि दुकान पर महिलाए ज्यादा थी तो
कमलनाथ एक ओर कुर्सी लेके बैठ गया और रीना समान निकलवाने लगी ।
करीब आधे घन्टे की बोरियत के बाद कमलनाथ के चेहरे पर चमक लण्ड मे कठोरता आई
क्योकि अब दुकान खाली हो चुका था और रीना ब्रा पैंटी देख रही थी ।

कमलनाथ बडी उत्सुकता से अपने चुतड और गरदन उचकाये हुए काउंटर पर फैले हुए लाल नीले मरून गुलाबी रन्गो वाले मुलायम कपडे देख रहा था ।

तभी दुकान पर खड़ी लेडिज ने रीना से पूछा- आपको भी अपने लिये भी चाहिये ।

जैसे ही कमलनाथ के कानो ने वो शब्द पड़े वो चहका और लण्ड मे गुदगुदी हुई

रीना ने कनअखियो से अपने ससुर को देखा और हा मे सर हिलाने लगी ।

तभी उस दुकान वाली लडकी ने रीना से उस्का साइज़ पूछा । तो रीना ने दबी हुई आवाज मे बोला 34D

आवाज इतनी धीमी थी कि उस लड़की ने सही सुना नही तो उसने कन्फर्म करने के लिए थोडा साफ लहजे मे सामान्य होकर पुछा- 34 B या 34D

जिसे कमलनाथ बड़े ध्यान से सुन रहा था और रीना ने बडी हिचक के साथ बोला - B नही D

फिर वो शर्माते हुए अपनी गरदन घुमा कर अपने ससुर की ओर देखा कि कही उन्होंने सुना तो नही ।

फिर वो अपने लिये ब्रा लेने लगी और तभी उसे रज्जो के बारे मे भी ख्याल आया कि उसके लिए भी तो ब्रा पैंटी लेनी है दो जोडी ।

अब असमन्जस कि स्थिति ये थी कि कल उसने अपनी सास से उसका साइज़ पुछा नही और आज वो अपना फोन लेके आई नही थी ।

बड़ी बेबसी से उसने मजबुर होकर कमलनाथ की ओर देखा और अपनी ओर आने का आंखो से इशारा किया ।

कमलनाथ खड़ा होकर रीना के पास आया - हो गया क्या ?


रीना कमलनाथ की ओर झुककर धीमी आवाज मे - वो मा जी के लिए अन्दर के कपडे लेने है । उनका साइज़ क्या था मै पुछना भुल गयी ।

"अरे मुझे पता है ना ", कमलनाथ थोडी तेज आवाज मे चहक कर बोला और फिर अपनी स्थिति को समझकर धीमा हो गया ।

रीना मुह पर हाथ रख कर हसने लगी।
कमलनाथ धिमी आवाज मे मुस्कुरात हुआ - मतलब मुझे पता है , क्या क्या लेना है

रीना मुस्कुरा कर - दोनो लेना दो जोडी

कमलनाथ थोडा खुद को शान्त रखता हुआ - 42DD की वो लेलो और 44 की निचे वाली ।

इतना बोल कर कमलनाथ सीधा खड़ा हो गया और काउंटर पर रखी रीना की दो जोडी ब्रा पैंटी के कलर और डिज़ाइन देखने लगा ।

रीना को जैसे अह्सास हुआ उसे बडी शर्मिंदगी होने लगी

रीना - ठिक है पापा जी आप बैठीये अब

कमलनाथ की निगाहे उस लड़की के हाथो पर जमी थी जो रज्जो के साइज़ की ब्रा पैंटी के बॉक्स उठा कर ला रही थी ।
कमलनाथ उसी ओर इशारा करके - वो जरा कलर देखना था ।

इत्ना बोलकर कमलनाथ मुस्कुरा दिया और रीना भी होठो मे हस्ती रही ।

फिर उस लड्की ने कुछ ब्रा पैंटी के डिज़ाइन दिखाये तो उसमे से कमलनाथ ने दो जोडी सामान्य रेगुलर यूज़ वाले ब्रा पैंटी लिये और एक सेट रेड कलर मे बढिया लैस वाली सेट मे ब्रा पैंटी ली ।

रीना अपने ससुर की चोईस की दाज देते हुए मन मे सोचती है- ऐसे ऐसे सेक्सी कपडे जब मम्मी पहनेगी तो 4 क्या 8 बार कोई भी ...हिहिहिही


कमलनाथ - बस हो गया , बेटा इसका हिसाब बना दो

तभी रीना टोकते हुए - अरे नही , अभी एक और चीज़ चाहिये

कमलनाथ - अब क्या बाकी है बहू
रीना मुस्कुरा कर शरमाती हुई - एक हैयर रेमोवर लेना है

कमलनाथ उसकी बात पर रीना का चेहरा बड़े गौर से देखता है तो रीना तुरंत सफाई देते हुए - वो मा जी को चाहिये था तो

कमलनाथ - अच्छा ठिक है लेलो और कुछ बाकी नही है ना अब क्योकि बहुत लेट हो गया है

रीना - बस पापाजि हो गया , पैसे देके घर ही चलना है अब
फिर वहा का भी हिसाब किताब करके दोनो घर के लिए निकल गये ।
चुकि ई-रिक्से मे आगे की तरफ समान रखा हुआ था तो इस बार दोनो ससुर बहू एक ही सीट पर सट कर बैठे हुए थे ।

और कमलनाथ के जहन मे अभी भी एक बात घूम रही थी कि जब रीना का साइज़ 34C था तो वो 34D की ब्रा क्यू ली ।
कमलनाथ जान रहा था शायद घर जाने पर ये मौका ना मिले तो
कमलनाथ धीमी आवाज मे - अच्छा बहू तुमने तो कल पर्ची मे अपना साइज़ 34C लिखवाया था ना तो फिर आज D क्यू

रीना की चौकी कि उसका ससुर ऐसे क्यू पुछ रहा था ।
हालाकी ये सवाल उसे जमा नही लेकिन वो जवाब देने के लिए बेबस मह्सूस कर रही थी ।

रिना हिचक कर - पापा जी वो मैने सोनल बहिनी के लिए साइज़ लिखवाये थे ना क्योकि अभी उनकी शादी नही हुई है ना

कमलनाथ थोडा हस कर - अच्छा तो तुमने भी शादी के पहले का साइज़ लिखा था समझ गया समझ गया ।

कमलनाथ के इस जवाब पर रीना शर्म से पानी पानी हो गयी और एकदम से चुप हो गयी ।
थोडे ही पल मे उसे अपनी गलती का अहसास हुआ कि वो अनजाने मे क्या बोल गया ।
कमलनाथ मन मे - हे भगवान ये क्या हो गया मुझसे ,, बहु तो यही सोच रही होगी कि मै उसके चुचो को बहुत ध्यान से देखता हू और रोज वो कितना मिज्वाती है ये सब भी मै सोच रहा होउँगा ।

कमलनाथ - ओह्ह सॉरी बेटा मेरा वो मतलब नही था , मै तो बस थोडा उलझा हुआ था

रीना मुस्कुरा कर - कोई बात नही पापा जी । बस आपको ये सब घर पर जाकर पूछ लेना चाहिए था यहा कोई भी सुन सकता है हमारी बाते

कमलनाथ अटकता हुआ - हा बहू तुम सही कह रही हो ,,माफ करना ।

रीना मुस्कुरा कर - कोई बात नही ,

थोडी ही देर बाद दोनो घर पहुच गये ।

हाल मे रज्जो बैठी कुछ अनाज का काम कर रही थी ।
किचन से हल्के फुल्के खाने की खुस्बु आ रही थी ।


रीना - अरे मा जी आपकी तबियत नही ठिक थी तो आप क्यू खाना बना रही थी

रज्जो - ओहो तु भई अम्मा ना बन मेरी ,,, जा फ्रेश हो ले और खाना लगा

रीना हस कर - क्या मा जी आप भी ना

इधर रीना उपर कमरे मे चली गयी और कमलनाथ वही हाल मे झोला खोलकर रज्जो को समान दिखाने लगा ।


कमलनाथ - जानू ये लो मैने खास तुम्हारे लिए ये पसंद किये है ।

रज्जो अपने हाथो मे वो लैस वाली ब्रा को फैला कर देखने लगी ।


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कमलनाथ ने हाथ बढा कर मैकसी के उपर से रज्जो के चुचे मसलता हुआ - जान ये नरम नरम दूध जब इसमे कसेन्गे ना तो बहुत मस्त दिखेंन्गे ।

रज्जो इतरा कर - क्या फायदा इसको भी निकाल दोगे आप हिहिहिही
कमलनाथ सरक कर रज्जो के पास आता है और उस को पीछे से पकड कर उसके चुचे मलने को जाता है कि उसकी नजरे सीढि से नीचे आती रीना से टकरा जाती है और दोनो शरम से नजरे चुरा लेते है ।

रीना मुस्कुराती हुई किचन मे चली जाती है और कमलनाथ रज्जो ने थोडा दुर होकर बाते करने लगता है ।


जारी रहेगी
mast update
 

Gurdep

Well-Known Member
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UPDATE 164

लेखक की जुबानी

CHAMANPURA

सुबह की मस्ती के बाद से ही राहुल कई बार दुकान से घर के अन्दर चक्कर लगा चुका था और हर बार मौका देख कर वो अपनी मा चुतडो को मसलने और उसको अपने पंजो मे जरुर कस लेता था ।

इसी दौरान उसने नोटिस किया कि दोपहर के खाने के लिए जब उसके पापा अन्दर गये तो काफी देर से वापस आये और उसके बाद वो भी दो बार और घर गये ।

वो समझ गया कि आज शालिनी ने उसके बाप के भी अरमानो को जगा रखा है और वो बेकाबू होकर घर मे जा रहे है ।

तो ऐसे मे राहुल के दिमाग मे आया कि क्यू ना थोडा मम्मी पापा की मस्ती भी देखी जाए
फिर राहुल अपने पापा के अगली बार घर मे जाने का इन्तजार करने लगता है और करिब 3 बजे के आस पास जब दुकान पर कोई ग्राहक नही होते है तो जंगीलाल उठ कर घर मे चला जाता है ।

अपने पापा को अन्दर जाते देख कर ही राहुल का लंड उछल पडा और वो अपने लोवर मे लण्ड को सेट करते हुए दो चार मिंट इन्तजार किया और वो भी दबे पांव अन्दर गया ।
दुकान के गलियारे से होकर जैसे ही वो हाल के मुहाने पर पहूचा तो सामने का नजारा देखकर उसके सासे थम सी गयी ।

उसने अपने लोवर मे तने लण्ड को निचे की ओर दबाते हुए एक गहरी आह भरी और सुपाड़े को मसलते हुए उसकी कुलबुलाहट कम करने लगा ।

20230111-105838

सामने का नजारा बहुत ही कामुक और शानदार था
घुटने के बल बैठी शालिनी के हाथ मे उसके पति जंगीलाल का मोटा मुसल आड़ो सहित था । जिसको बड़े चाव से मुह मे लेके चुबला रही थी ।
राहुल पहली बार अपनी मा के इस रूप को देख रहा था । वो इस बात से भलीभांति परिचित था कि उसकी मा बहुत गरम महिला है लेकिन आज से पहले उसकी मा उसको इस कदर उसको बेताब नही किया था ।

शालिनी पुरा का पुरा लंड गले तक उतार ले रही थी और वो देख कर राहुल अपने बाप की जगह खुद को रखना चाह रहा था ।

एक ओर उसे अपनी मा की कामुक अदाये उसके लण्ड मे कसावट भर रही थी और वही दुसरी ओर वो दुकान पर भी जाने के लिए बेचैन था कि कही कोई ग्राहक आवाज ना देदे ।

20230111-072631
डर के साथ कामुक मस्ती भरे अनुभव थे राहुल के इसिलिए वो कभी हाल मे तो कभी दुकान की ओर देख रहा था ।


इसी दौरान शालिनी की नजर गलियारे के मुहाने पर अन्धेरे मे छिपे साये पर पडी और वो सुपाड़े को मुह मे लिये हुए ही अपनी नजरे गलियारे पर जमाए रखी कि राहुल ने वापस से अपनी गरदन फेक कर हाल मे झाका और उसकी नजरे उसकी मा से टकरा गयी ।

एक पल को दोनो मा बेटे ठठक कर रह गये और उसकी सासे अटक सी गयी ।

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शालिनी क्रियाहीन होकर थम सी गयी और लण्ड उसके होठो के पास रुक गया।


अगले ही पल उसने नजरे उठा कर जन्गीलाल के बंद चेहरे को देखा और लण्ड को वाप्स मुह मे भरते हुए राहुल को आंखे ब्ड़ी करके इशारे मे डांट लगाई और दुकान मे जाने को कहा

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अपनी मा से ऐसी प्रतिक्रिया की उम्मीद नही थी राहुल को और उसके चेहरे पर मुस्कान फैल गयी ।

राहुल ने मुस्कुरा कर वापस से दुकान की ओर एक नजर देखा और फिर हाल मे देखा तो उसकी मा अब और भी कामुकता से उसके बाप के लण्ड को मुह मे लेके घोंट रही थी ।

जल्द ही उसने जन्गीलाल के नसो की फड़फड़ाहट मह्सूस की और उसने अपने दोनो हाथो ला प्रयोग करना शुरु कर दिया और अपनी जीभ को बाहर निकालते हुए सुपाड़े को उसपे रख दिया ।

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कुछ ही देर मे राहुल को उसके बाप की सिसकिया भरी आह आई और लण्ड से मोटी रबड़ी जैसी पिचकारी उसके मा के मुह मे जाने लगी ।

राहुल समझ गया कि अब य्हा नही रुकना ठिक है और वो अपने लण्ड को सेट करता हुआ बाहर आ गया ।

लेकिन उसका लण्ड शान्त नही हो पा रहा था ।
थोडी ही देर बाद जन्गीलाल दुकान मे आ गया और फिर कुछ ग्राहक आने की वजह से राहुल भी दुकान मे फसा रह गया
शाम को करीब 6 बजे नास्ते के लिए शालिनी ने राहुल को आवाज दी तो जन्गिलाल ने उसे घर में जाने को बोला ।
राहुल का मन प्रफुल्लित हो गया और वो अपने ज्ज्बातो के साथ अपने लोवर मे बने त्म्बू को छिपाते हुए घर के अंदर जाने लगा
उधर किचन मे खड़ी शालिनी भी थोडी बेचैन हो रही थी कि उस घटना के बाद वो राहुल के सामने कैसे बात करेगी और उसे ये भी यकीन था कि राहुल उस बात का फायदा जरुर लेगा

शालिनी गरम गरम कचौरीया पलेट मे लगा रही थी और जैसे ही उसने राहुल की आहट किचन के दरवाजे पर पाई ।

वो खुद को सामान्य रखते बिना कोई खास प्रतिक्रिया के ऐसा जताया कि कुछ हुआ ही नही और नास्ते का प्लेट उसके हाथो मे देते हुए - जा ये अपने पापा को देके आ जल्दी

राहुल जो इस उम्मीद मे मुस्कुराते हुए किचन मे घुसा था कि वो अपनी मा से मस्ती भरे पल का लुप्त लेगा लेकिन यहा तो उसकी मा ने कुछ रियेक्ट ही नहीं किया ।

राहुल का उछलता दिल अपने मा के चेहरे के भाव देख कर पल भर मे ही शान्त हो गया और वो चुप चाप नाश्ते का प्लेट लेके दुकान मे जाने लगा ।

इधर शालिनी ने अपने बेटे के चेहरे की बदले हुए भाव देख कर मन में खुश खिलखिला रही थी और राहुल के लिए भी नाश्ते का प्लेट लगाने लगी ।

अब तक राहुल वापस किचन मे आ गया था और उसकी नजरे अब भी अपनी मा के चुतडो पर कसी उस पारदर्शी प्लाजो मे अटकी हुई थी जिसमे से उसकी पैंटी झाक रही थी ।


शालिनी ने नाश्ते का प्लेट लेके उसकी ओर घूमी तो राहुल की निगाहे सीधा उसकी मा के तने हुए चुचो पर गयी जो टीशर्ट फाड़ कर बाहर आना चाह रहे थे और तभी उसकी नजर अपनी मा के टीशर्ट के पडे एक हल्के सफेद छींटे जैसे दाग पर गयी और वो समझ गया कि ये उसके बाप के वीर्य के छींटे है जो झड़ते समय आ गये होगे ।

वो देखते ही राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और शालिनी ने जब उसकी नजर का पीछा किया और उस दाग पर उसका ध्यान गया तो वो भी समझ गयी औद उसकी हसी छुट गयी ।

शालिनी हस कर उसे नाश्ते का प्लेट देते हुए - अब क्या देख रहा है सारा पहले ही तू देख चुका है ,,ले नाश्ता कर


राहुल के कानो मे जैसे ही अपनी मा के खिलखिलाती आवाज आई उसके सारे बुझे हुए अरमान फिर से चहक उठे । लण्ड ने एक नयी अन्गडाई लेली और दिल की शान्त धडकनें फिर से अपनी धुन पर फुदकने लगी ।


राहुल ने एक नजर अपनी मा की आंखो मे देखा और कचौरी को अपनी दान्तो से नोचते हुए हसने लगा ।

राहुल ने आंखो ही आंखो मे अपनी मा को वो सिन याद दिलाया दिया जब वो उसके बाप का लण्ड घोट रही थी ।

शालिनी हस कर शर्माते हुए - अभी पिटूंगी तुझे शान्ति से नासता कर ,,,, हा नही तो

राहुल कचौरिया खाता हुआ अप्ने लण्ड को भी भीच रहा था
और उसकी नजरे अभी भी अपनी मा के पैंटी को निहार रही थी ।
शालिनी किचन साफ करते हुए बिना राहुल की ओर देखे बोली - तुझे शर्म नही आ रही थी जो छिप कर देख रहा था हमे उम्म्ं बोल

राहुल हस कर - रात मे आप देखने ही कहा देते हो हिहिहिही

शालिनी मुस्कुरा कर उसकी ओर आंखो बडी करके देखा - तो तु चाहता है कि अब तेरे पापा की शरारते भी कमरा खोल कर दिखाऊ उम्म्ंम


राहुल चहक कर उठा और पीछे से अपनी मा को पकडते हुए - हा प्लीज ना मम्मी ,, प्लीज प्लीज प्लीज मै कुछ नही बोलूंगा बस चुप चाप देखूँगा ।

राहुल जिस तरह से शालिनी को पेट के पास पकड़ा हुआ था पीछे से उस्का लण्ड गाड़ मे चुभ रहा था और उसे गुदगुदी सी लग रही थी - हिहिहिहिही अरे छोड पहले मुझे ... छोड अभी के अभी


राहुल अपनी मा से अलग हो गया
शालिनी हस्ते हुए - बड़ा आया देखने वाला , चुपचाप नासता कर और दुकान मे जा

राहुल अब तक अपना नासता खतम कर चुका था और वो प्लेट को सिंक मे रखते हुए अपने धुल रहा था ।

शालिनी के हसी भरे जवाब पर - तो आप नही दिखाओगी उम्म्ं

शालिनी मुस्कुरा कर इतराते हुए ना मे सर हिलाया ।

राहुल थोडा रुखे स्वर मे - पक्का मम्मी नही दिखाओगे

शालिनी - हा तो
राहुल चहका और लपक कर वापस से उसने अपनी मा के प्लाजो को निचे जांघो तक खीचा और उसके नरम नरम गोरे मखमाली गाड़ पर एक चुम्मा करके खिलखिला हुआ दुकान मे भाग गया ।

शालिनी हस कर अपनी प्लाजो उपर खिचती हुई - बहुत मजा आ रहा है ना इसे ,,आज रात मे इसको मजा दिखाती हू । मै भी इसको परेशान नही किया ना तो देखना हिहिहिही



राज की जुबानी


शिला बुआ की दो राउंड गाड़ और चुत मारने के बाद मै वही उनके कमरे मे ही सो गया था ।
करीब ढाई बजे कमरे के बाहर शोरगुल होने से मेरी आंखे खुली और मै बाहर आया तो देखा कि कम्मो बुआ अरुण को डांट लगा रही है ।

शिला - रहने दे कम्मो लड़का है अभी
कम्मो नाराज होते हुए - नही दीदी अब बस बहुत हो गया अब और मै इसकी शरारते नही झेल सकती हूँ ।

कम्मो - मैने दिल्ली मे बात कर ली है और इसको मै बोर्डिंग कालेज मे भेज रही हूँ ।

अरुण रुआसा वही हाल के एक कुर्सी पर बैठा हुआ था । मै शिला बुआ मे पास खड़ी मीना को इशारे मे पुछा कि बात क्या है । तो वो मुझे चुप रहने का इशारा करने लगी ।


मैने भी शान्त रहना ठिक समझा ।
अभी तक कम्मो बुआ और अरुण को मेरे आने की खबर नही थी ।

लेकिन जैसे ही कम्मो बुआ ने मीना को इशारा करते देखा तो उनका ध्यान मेरी ओर गया ।

मै उनको देख कर मुस्कुराया और उन्के पास आ कर उन्के पैर छूते हुए - नमस्ते बुआ

कम्मो बुआ ने जैसे ही मुझे देखा वो सब भुल कर हस्ते हुए मुझे पकड कर मेरे गाल छुते हुए - खुश रह बेटा, तु कब आया

फिर मै बुआ को सोनल की शादी को लेके सब बताया और इस दौरान वो बहुत खुश होकर बाते कर रही थी ।

तो अरुण ने जैसे मौका ही पा लिया और उठ कर मेरे पास आया और मुझ्से लिपट गया - देखो ना भैया सब मुझे बोर्डिंग मे भेज रहे , आप बोलो ना मम्मी को

मै हस कर उसको अलग करता हुआ - अब तु इतनी शरारती है तो कोई भी क्या करेगा उम्म्ंम बोल

मै कम्मो बुआ को देखता हुआ - वैसे बुआ इसने किया क्या था ?

मेरे सवाल से क्म्मो बुआ के साथ साथ अरुण , शिला बुआ और मीना के भी चेहरे के भाव बदल गये ।

कम्मो हड़बड़ाती हुई - क क कुछ नही बेटा जाने दे ।

कम्मो अरुण से - तु जा कमरे मे कपडे बदल खाना नही खाना तुझे

अरुण चुपचाप निकल गया और कम्मो बुआ मुझसे घर और शादी की बाते करने लगी ।

मुझे बहुत ही अजीब लग रहा था कि आखिर क्या बात है जो अरुण के बारे सब छिपा रहे हैं ।
मै तय किया कि ये बात अरुण से ही पता चलेगी ।

लम्बी बात चित मे कब शाम हो गयी पता ही नही चला और फिर इसी दौरान दोनो फूफा भी घर आ गये ।
मै उनसे भी मिला और फिर शाम का नासता करने बाद अरुण के साथ छत पर टहलने के उपर चला गया ।
थोडी देर तक मै उपर से टाउन का नजारा देखता रहा और अरुण से थोडी बाते की उसके टाउन और कालेज की ।

मेरे जहन मे अरुण के बारे जानने की जिज्ञासा बढ़ी हुई थी तो मैने ऐसे ही बातो ही बातो मे उससे पुछ लिया

मै - वैसे तुने आज क्या शरारत की थी क्लास मे हम्म्म

अरुण चुप हो गया और जब मैने फिर से पुछा - अगर तु मुझे बतायेगा तो मै बुआ को मना लूंगा और तुझे बोर्डिंग नही जाना पड़ेगा

मेरी बात सुन कर अरुण के चेहरे के भावो मे हलचल सी हुई और वो हिचकता हुआ - वो भैया मै क्लास मे मोबाइल चला रहा था तो टीचर ने पकड लिया था ।

मैने थोडा विचार किया और सोचा कि अगर बात सिर्फ इतनी थी तो कम्मो बुआ को इसके उपर ऐसे नही भड़कना चाहिये था ,,,साफ था कि अरुण झूठ बोल रहा था ।


मै उसको बिना कोई सफाई का मौका देते हुए तुरंत बोला - और मोबाईल मे तु क्या देख रहा था उम्म्ंम

अरुण की नजरे नीची थी और वो वैसे ही दबी आवाज मे - वो मै गेम खेल रहा था भैया

मै अब उसपर दबाव बनाते हुए - झूठ बोल रहा है तु , देख सच सच बता मुझे और मैने देखा है तेरे कम्पुटर पर कैसी गेम खेल रहा है आजकल तु


मेरी बाते सुन कर अरुण की हालत खराब हो गयी और वो गिडगिडाता हुआ - प्लीज प्लीज भैया मम्मी को मत बोलना प्लीज


मै भौहे सिकोड़ते हुए - तो बता क्या देख रहा था तु

अरुण हिचकते हुए - वो मै और मेरा दोस्त वो वाली वीडियो देख रहे थे और मेरे दोस्त ने अचानक मे मस्ती मे मोबाईल की आवाज बढा दी और हम पकड़े गये ।


मै उसे फटकारता हुआ - तो यही सब देखने जाता है स्कूल ,

अरुण - सॉरी ना भैया , प्लीज मम्मी से बात करो ना आप

मै - हमम ठिक है लेकिन पहले तु अपना मोबाइल मुझे दे मै उसमे से वो सब वीडियो डिलीट कर दू फिर

अरुण उदास होकर - भैया वो मोबाइल मम्मी ने ले लिया है ।

मै - हमम ठिक है
वो तो मै ले लूंगा लेकिन तुझे अपनी आदत सुधारनी पड़ेगी ।

अरुण मुस्कुराता हुआ - हमम ठिक है भैया ।
फिर मै और वो निचे चले गये ।



जारी रहेगी
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Sanju@

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UPDATE 170


करीब तीन बजने को थे और मै बस स्टैंड चमनपुरा पर उतर चुका था ।

सप्ताह भर की अपने चमन से दुरी भी जैसे बरसो की जान पड़ रही थी ।
मन मे कौतूहल मचा हुआ था कि अभी कोई जानने वाले मुझसे मेरे बारे मे पुछेगा कि भाई कहा थे इतना दिन , क्या किये हाहाहा मै क्या ही जवाब दूंगा ।

बीते हफ्ते मे जो मजा और अनुभव मैने किया वो मै ही जानता था ।
मन बहुत खुश था और आने वाले पल को लेके हतोत्साहित भी कि अभी घर जाते ही सब मुझे घेर लेंगे ।

मा , दीदी ! हिहिहिही , उन्हे तो मालूम ही नही कि मै घर वाप्स आ गया हू , पता नही क्या क्या तैयारिया हो गयी है क्या बाकी है उसी मे सब व्यस्त होगे ।

पहचान के लोगो से मिलता हुआ मुस्कुराता हुआ मै अपने चौराहे वाले घर की बढा जा रहा था ।


रास्ते मे काजल भाभी का घर देख कर ही बीती यादे ताजा हो गयी , इनसे भी शादी के बाद हिसाब किताब करना बाकी था ।

बस कुछ ही कदम पर मेरा घर ,
हस्ता हुआ मन मे सबको सरप्राईज करने की मन्सा लिये मै धीरे से मेन गेट खोला और गैलरी से होकर हाल मे पहुचा तो देखा कि सोफे के पास एक ट्रॉली बैग खड़ा है और सोफे पर ही एक लेडिज पर्स भी रखा है ।


घर मे नये महिला मेहमान आने की उत्सुकता ने मेरे दिल को और भी गदगद कर दिया था, लेकिन ये बैग और पर्स था किसका ?


पुरा हाल खाली पड़ा था , सारे कमरे के दरवाजे बंद पड़े थे ।
मेरे कमरे मे भी बाहर से चटखनि लगी हुई थी , गेस्ट रूम मे ताला जड़ा हुआ था ।
सिवाय मा के कमरे के जो शायद भिड्का

धडकता दिल मुझे और बेचैन किये जा रहा था । मैने अपने कन्धे से बैग सोफे पर सरका दिया और दबे पाँव मा के कमरे की ओर बढा , दरवाजे से कान लगाते ही खिलखिलाहट भरी आवाज मेरे कानो मे पड़ी

"उंह जमाई बाबू आराम से हिहिही आउच ऊहह काटो मत सीईई , देख ना छोटी समझा ना इह्ह्ह्ह अम्मीईई" ।

तभी मा की खिलखिलाहट भरि आवाज आई - अरे जीजी जब इन्ही के लिए अपना भोसडा चिकना की हो तो कर लेने दो ना इनको मनमानी हिहिहिही

दोनो अवाजे सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा

मै मन मे - क्या सच मे रज्जो मौसी आ गयी , तो मतलब पापा ने आते ही मौसी को हिहिहिही


ये सोच कर मेरा लण्ड अकड़ने लगा और मैने पैंट के उपर से उसको भीचते हुए सेट किया और मेरे जहन मे रीना भाभी का ख्याल आया कि कही वो छत पर सोनल के साथ तो नही ।


मैने लपक कर बैग उठाया और धीरे से अपने कमरे की चटखनि खोलते हुए बैग फेक कर वापस से बाहर से दरवाजा बन्द करके उपर छत की ओर भागा ।


सोनल के कमरे के सामने आकर मैने अपनी सासे बराबर की और
भिड़के हुए दरवाजे को हौले से खोलते अन्दर झाका तो

कमरे मे बिस्तर पर सोनल के साथ निशा भी लिपटी हुई , दोनो एक दुसरे को मिज रहे थे

निशा - अह्ह्ह सोनल मुझसे अब रहा नही जा रहा है , मेरी चुत को एक मोटा लण्ड चाहिये उह्ह्ह तेरी ये ऊँगलीआ किसी काम की नही उम्म्ंम्ं माअह्ह्ह

निशा की कामुकता से भरी गरम बाते सुनकर मेरा लण्ड तन गया और, मैने इधर उधर देख कर अपना पैंट खोल कर लण्ड निकालते हुए उसे सहलाने लगा ।

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और उसे हिलाते हुए कमरे में घुसता हुआ - मेरे हुए ऊँगली क्यू दीदी


मेरी आवाज सुनकर दोनो बहने चौकी और मेरी देख कर चिल्ल्लाई- राज हिहिही तु

फिर वो दौड़ती अधनंगी चुचियो को हिलाती हुई और अपने लोवर उपर करती हुई मेरे ओर आई

दोनो ने झपट कर मुझे कस लिया और मेरे गालो होठो पर चुम्मियो की झड़ी लगा दी ।

सोनल - कहा था तु इत्ने दिन , एक भी बार मुझसे बात नही तुने

मै - तो रात मे रोज ही ट्राई करता थ लेकिन आप ही नही बिजी रहते हो आजकल हिहिही

निशा हस्ती हुई - हा अपने दूल्हे राजा के साथ हिहुहिही

मै - तो अब क्या ऐसे ही खड़ा रहोगे उम्म्ं

निशा और सोनल ने एक दुसरे को मुस्कुराते हुए देखा और फिर सोनल ने निशा को दरवाजा बंद करने का इशारा किया

जैसे ही निशा दरवाजे की ओर बढ़ी , सोनल निचे बैठते हुए मेरा लण्ड अपने मुह मे भरते हुए उसको चुबलाने लगी ।


निशा ने जब उसे ऐसा करते देखा वो ऐसे भागती हुई आई मानो सोनल उस्से हिस्से का लण्ड अकेले ही खा जायेगी

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वो सोनल के बगल मे बैठी और ललचाई निगाहो से सोनल को लण्ड चुसते हुए निहारते हुए मेरे आड़ो को छुने लगी
मैने बडे लाड़ मे निशा के बालो को छुआ और उसने भी आगे बढते हुए मेरे आडो मे मुह मे भरके चुबलाना शुरु कर दिया


उनकी कामुक चुसाई और लपलपाती जीभ ने मेरे लण्ड की नसो मे एक अलग ही ऊर्जा भर दी ।
मेरा लण्ड पूरी तरह से तन गया सुपाडा फुल कर लाल हो गया और सोनल उसको सूंघते हुए अपने नथुनो पर लण्ड को नचा रही थी

वही निशा खड़ी होकर अपना टीशर्ट उतारती हुई हाथो मे अपनी चुचियो को मसलती हुई मेरे होठो से अपने होठ जोड लिये

मैने भी लपक कर उसको अपनी बाहो मे भरा और उसके गुदाज चर्बीदार गाड़ की नरम नरम गालो को हथेली मे भरते हुए उसके होठ चुबलाने लगा
वो भी मेरे होठ चुसते हुए मेरे शर्ट को खोले जा रही थी

वही सोनल मेरे लण्ड को कस कर अपनी हथेली मे भरती हुई मेरे सुपाडे को अपने थुक से बजबजाती होठो पर रखकर रगड़ने लगी

मैने देर ना करते हुए निशा को अलग किया और अपना पैंट एड़ियो से निकालते हुए शर्ट खोल कर फेक दिया और निशा को वापस से जकड़ कर अपनी बाहो मे भर लिया

उसका गर्म तपता जिस्म और गुदाज नरम चुचियो के तने हुए निप्प्ल मेरे सीने मे चुब रहे थे और मैने उसके चर्बीदार चुतडो को उसकी शॉर्ट्स मे हाथ घुसेड़ के मसल रहा था


वही सोनल बडी मदहोसी मे अपने जिस्म को नंगा किये जा जा रही थी


लेखक की जुबानी

JAANIPUR

रमन के दुपहर की मस्ती भरी चुदाई मे रीना को अपने ससुर का ख्याल ही नही रहा। वही रमन ने उसको दो राउंड चोद कर सुला दिया और खुद दुकान निकल गया ।


रमन के घर से जाते ही ताख मे बैठा कमलनाथ ने घड़ी पर नजर मारी तो 3 बजने को थे ।

वो चहक कर अपनी बारी के लिए अपना मुसल मसल्ता हुआ कमरे के बाहर आकर रीना के कमरे के भिडके हुए दरवाजे को खोलकर अंदर झाका तो देखा

रीना कमरे मे एक चादर मे लिपटी हुई बेसुध सोई हुई है । उसके कपडे सब यहा वहा बिखरे पड़े हुए थे , चुकी रमन को विश्वास था कि उसका बाप बिना आवाज लगाये उसके कमरे मे नाही जाता इसिलिए रमन ने रीना की नीद खराब ना हो इसके लिए उसने कपडे नही पहनाये थे , बस दरवाजा अच्छे से भिड्का कर दुकान के लिए निकल गया था


वही कमरे मे आते ही कमलनाथ पेट के पल अपनी सोती बहु के मासूम चेहरे को देखकर सारि हवस , ममता मे बदल गयी ।

निचे घुटने के पास से चादर उठी हुई थी जहा से रीना की गोरी चिकनी टांग दिख रही थी ,
कमलनाथ ने आहिस्ता से उसको ढक दिया और मुस्कुरा कर बाहर चला आया ।




राज की जुबानी

इधर निशा और सोनल पूरी तरह से नंगी होकर एक दुसरे के उपर चढ़ी हुई 69 पोजीशन मे एक दुसरे के चुत के होठो पर अपनी थूथ रगड़ रही थी ।

मै उन्के टांगो के बिच मे आकर अपना लण्ड निचे लेटी निशा के बुर के मुहाने पर लगाता हुआ हचाक से लण्ड पेल देता हू

निशा की तेज सिसकी निकल जाती है और लण्ड पुरा का पुरा उसके बुर मे सरकता हुआ चला जाता है , वही उसके उपर चढ़ी हुई सोनल अपनी होठो से निश के चुत के दाने को चुबलाने लगती है


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इस दोहरे हमले से निशा अकड़ जाती है और अपनी जान्घे सिकोड़ते हुए गाड़ उचकाने लगती है ।

मुझे खुद अपने लण्ड पर निशा के चुत की कसावट मह्सूस होती है और मै धक्के तेज कर देता हू , वही निशा बदले की भावना मे सोनल की चुत मे अपनी जीभ डाल कर न्चाने लगती है और सोनल उसके उपर ही एठने लगती है ।

पुरा कमरा कामुक सिस्कियो से गूंज रहा था और मै अनवरत लगातार ध्क्क्म पेल करता रहा ,, जल्द ही निशा की चुत के छल्ले फिर से कसने शुरु हुए और वो अपनी गाड़ उठा कर मेरे लण्ड पर झडे जा रही थी ,,वही सोनल उसके चुत को उपर से मसले जा रही थी ,,, निशा की चुत बुरी तरह से लाल हो चुकी थी , मैने भी देर ना करते हुए निशा की चुत से सना हुआ लण्ड बाहर निकाला जैसे कुल्फ़ी को मलाई के बर्तन मे डुबो के बाहर निकालते है

लण्ड बाहर आते ही सोनल ने बड़ा सा मुह खोलते हुए आधे से ज्यादा लण्ड घोट कर उसको सुरकरते हुए सुपाडे तक आई और फिर सीधा अपना मुह निशा की बहती चुत मे दे दिया

वो अपने नथुने को उसके चुत के निचले हिस्सो पर लगा कर लपल्प निशा की चुत साफ करने लगा और मै जगह दुसरी ओर लण्ड हिलाता हुआ सोनल की फैली हुई गाड़ की तरफ चला गया


जैसे ही मै सोनल के जांघो के बीच आया , निचे लेटी निशा ने लपक कर मेरा तना हुआ लण्ड पकड कर मुह मे भर लिया और लेटे लेटे ही गले को चोक करने लगी

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मैने भी अपने घुटनो को उचका कर लण्ड के सतहो को दबाते हुए उस्का सुपाडा सीधा सिधा निशा के गले मे उतारने की कोसिस की और फिर निशा ने उसे अच्छे से चुबलाकर सोनल की फूली हुई चुत के मुहाने पर ल्गा कर अपने हाथो से उसके बुर मे ठूंसने लगी ।

लन्ड़ के फुले सुपाडे का अह्सास पाकर सोनल ने भी अपनी गरदन घुमाई और अपनी गाड़ उथा कर मुझे सही पोजीशन दिया ताकी मै आसानी से उसकी बुर मे लंड उतार पाऊ

और मैने देर ना करते हुए लण्ड को उसके चुत के गहराईयो मे कुछ ही धक्को मे लेके चला गया ,,वही निशा निचे से अपनी जुबान निकाल कर
सोनल के बुर के मुहानो पर चलाने लगी ,,, जिससे सोनल की सिस्किया भी तेज होने लगी और वो कस कर मेरे लण्ड को अपनी चुत मे कसने लगी

मैने उसके चर्बीदार कुल्हो को मसलते हुए जोरदार करारे झटके लगाने शुरु कर दिये और वही निशा अपनी गरदन उठा और सोनल की चुत के दाने को अपने होठ और जीभ से छेड़ने लगी ,,,जल्द ही सोनल ने भी अकड़ना शुरु कर दिया और उसकी चुत बजबजाने लगी और मै अपनी बहन की फचफचाइ बुर मे पेलते हुए कस कस के धक्के लगा रहा था

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वही सोनल को सुस्त पाकर निशा ने मुझ पर धावा बोल दिया और मेरी जांघो के निचे की ओर सकते हुए मेरे झूलते आड़ो को छेड़ने लगी ,

जिससे मेरे लण्ड की नसे और भी फड़क उठी और मैने पहले से ज्यादा तेज गति से सोनल की बुर फाड़नी शुरु कर दी
वो चिखे जा रही थी और मैने उसकी चर्बीदार गाड़ फैलाये सटास्ट चोदे जा रहा था और आखिर के कुछ झटको के साथ मै भी आहे भरता हुआ अप्ना लण्ड निकाला कर उसे नऐसे ही सोनल की चुत के रस से सना हुआ निशा के मुह हिलाने लगा और झटके खाने लगा

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मेरे लण्ड और सोनल की चुत दोनो से कामरस निशा के मुह मे गिरने लगा जिसे निशा से बहुत अच्छे से साफ किया फिर निशा ने गदरन तान कर मेरा लण्ड गले मे उतार लिया और अच्छे से नीचौड़ने लगी ।


फिर मैने अगले दो राउंड जमकर दोनो को चोदा और लिपट कर सो गया ।



लेखक की जुबानी


JAANIPUR

शाम के करीब 5 बजने को थे , अपनी बहु के कमरे से आने के बाद कमलनाथ ने रज्जो की खोज खबर ली और खुद भी सो गया ।

शाम को जब उसकी आंख खुली तो वो उठा और फ्रेश होकर कमरे से बाहर आते ही पहली नजर अपनी बहु के कमरे पर डाली ।

कमरे के दरवाजे पे बाहर से चटखनी लगी हुई थी , जिसका मतलब था कि रीना कमरे से बाहर

कमलनाथ ने जान्चने के लिए एक नजर उपर जाने वाले जीने पर मारी और समझ गया कि बहु निचे गयी है ।

वो मुस्कुराता हुआ निचे उतरा और हाल मे नजर डाली तो वहा भी वो नही दिखी ,,लेकिन किचन से उसकी किसी से फोन पर बात करने की आवाजे आ रही थी ।

जल्द ही कमलनाथ को आभास हो गया कि रीना अपनी सासु मा से बात कर रही है ,, वही रास्ते का हाल चाल और वहा चमनपुरा मे कैसा है क्या है ।


रीना किचन मे मोबाइल हैण्डफ्री करके सब्जिया काट रही थी ,

कमलनाथ किचन के दरवाजे पर खडे होकर उसकी उभरी हुई गाड़ पर कसी हुई साडी देख कर पागल होने लगा ।


साडी के पल्लू के निचे से एक कोने से उसके सूती ब्लाउज मे कसी हुई रीना की चुचिया दिख रही थी, जिनको मसलने के लिए कमलनाथ बेताब हुआ जा रहा था ।


वो हौले से बिना कोई आहट के रीना के बगल मे खड़ा होकर अपना एक हाथ सीधा रीना के साडी मे उभरे हुए चर्बीदार कूल्हो पर धीरे से रखता है

अनजाने स्पर्श से रीना चौक जाती है लेकिन जैसे ही वो अपने बगल मे अपने ससुर को खड़ा पाती है , उसकी दिल की धडकनें और तेज हो जाती है


रीना - अरे पापा जी आप , बैथिये मै पानी देती हू

तभी मोबाइल से रज्जो की आवाज आती है - क्या रमन के पापा है क्या वहा

अपनी सास की आवाज सुनकर रिना मुस्कुराते हुए अपने ससुर की ओर देखती है और हा बोलने को होती है कि कमलनाथ उसको इशारे से ना बोलने को कहता है ।

तो रीना भी मुस्कुराती हुई - हा वो अभी निचे आये है ,, हाल मे है बोलिए आप

रज्जो फोन से - बोलना क्या है , उनका तु जान ही रही है । मै यही कहूँगी तु दुर रहना उनसे ,


अपनी सास की बात सुन्कर रीना की हसी छुट जाती है और वो अपने ससुर को देखती है जो मुस्कुराते हुए उसके नरम कूल्हो को हौले हौले सहलाना शुरु क चुका होता है ।

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रीना का जिस्म के रोए अब खडे होने लगते है और उसके दिल की धड़कने तेज होने लगती है और उन्ही तेज धडकनो के साथ रीना अपनी भारी होती सासो को थामती हुई - दूर क्यू मा जी
रज्जो दबी हुई आवाज मे फोन से - देख नही रही हमेशा तम्बू टाने खड़े रहते है

रीना अपनी सास की बाते सुन्कर कर अपनी हसी दबाती हुई अपने ससुर के पजामे मे बने तम्बू को देखती है और फिर नजरे उठा कर अपने ससुर को देखती है ।

दोनो मे एक शरारती मुस्कान साझा हो रही होती है ।

रज्जो फोन से - और सुन तु जरा इधर कुछ दिन वो लेगी सूट मत पहनना

रीना - क्यू !!
रज्जो (फोन से) - अरे क्यू कया , उसमे तेरे कुल्हे मोटे दिखते है और कही उसे देख कर इनको मेरी याद ना आने लगे

अपनी सास की बाते सुन्कर रीना शर्मा जाती है और वही कमलनाथ मौके का फायदा लेता हुआ रीना की गाड़ को हाथो मे भर के उसका जायजा लेता है ।

जिससे रीना की सासे और भी भारी होने लगती है , वो कसमसाती हुई अपनी ही जगह पर एठने लगती है ।

रीना - ऊहह ठिक है मा मै ध्यान रखुंगी , और कुछ

रज्जो (फोन से ) - हा और ये जो साडी आज पहनी है उसे मत पहनना इधर

रीना अचरज से - क्यू
रज्जो - ओहो तुझे तो सब समझाना पडता है ,,अरे बेटी उसमे तेरा जोबन सब झलक रहा था आज सुबह

रीना ने अपनी सास की बात सुनकर अपनी सिफान की साडी को देखा और उसमे से झाकते ब्लाउज को देखकर अपने ससुर को छेड़ने के लिये बोली - तो क्या इसको निकाल दू मा जी !

रज्जो झिझक कर - हा बेटी , जब मै आ जाऊ तो जो चाहे पहन लेना ।

रीना ने लपक कर फौरन हाथ धुला और अपने साडी को कन्धे से उतारते हुए कमर से खिंचने लगी ,,जिसे देख कर कमलनाथ की सासे अटकने लगी ।

अब रीना सिर्फ ब्लाउज और पेतिकोट मे थी ,, सूती ब्लाउज मे बिना ब्रा के उसकी कसी हुई चुचिया तनी हुई थी ।

रीना तेज सासो से अपनी ससुर की आंखो मे देखते हुए फोन पर अपनी सास से - जी मा और कुछ

रज्जो - हा , वो तुने आज सुबह ब्रा क्यू नही पहनी थी बेटा उपर से सूती वाला ब्लाउज डाला था ,,देखा नही तेरे पापा कैसे निहार रहे थे


रीना दो कदम पीछे होती हुई हस के - तो क्या अब ये ब्लाउज भी निकाल दू

रज्जो - हा बेटी , मै तेरे भले के लिए ही कह रही थी समझ तु,

रीना खिलखिलाती हुई अपने हाथ पीछे ले जा कर अपने ब्लाउज की लटकती डोरी को खींचा और ब्लाऊज उसके कम्धो से ढीली पड गयी
कमलनाथ की आंखो की चमक बढ गयी और उसके मुह मे लार भरने लगा वो थुक गटकते हुए आगे बढने लगा और उसकी निगाहे सीधा रीना के 34DD वाले चुचो पे जमी थी वो उसकी ब्लाउज का बोझ बढा रहे थे ।

रीना ने बटन चटकाते हुए एक एक करके सारे खोल दिये लेकिन ब्लाउज नही निकाला

अभी उसकी चुचिया ब्लाउज के निचे छिपी हुई थी , उनकी ज्यादा से ज्यादा झलक कमलनाथ को मिल पा रही थी ।


रीना को इनसब बहुत मजा आ रहा था , उसके लिए अपनी सास से बाते करते हुए पहली बार अपने ससुर के सामने नंगी होने मे बहुत ही रोमांच महसूस हो रहा था , उसके जिस्म के रोए फिर से खडे होने लगे , उसके बदन की सिहरन फिर से बढने लगी और वो खुद पहल करते हुए दो कदम आगे बढ के अपनी ससुर के बाहो मे समाते हुए उसके सीने से लिपट गयी ।


अपनी बहु की इस हरकत से कमलनाथ हिल सा गया और उसके रीना को कस कर अपने बाहो मे भर लिया ।

कमलनाथ रीना को अपने सीने से लगाये उसके पीठ पर अटकी ढीली ब्लाउज पर हाथ घुमा रहा था
रज्जो - और सुन बहु

रीना ने दबी हुई आवाज ने अपने ससुर के कैद से सर बाह निकालते हुए - जी मा जी कहिये

रज्जो हस कर - वो इधर जब तक तु है थोडा रमन का ख्याल रख लेना , क्योकि यहा हम लोग एक हफ्ते से ज्यादा रुकेन्गे ,समझ रही है ना तू


अपनी सास की बाते सुन्कर रीना शर्मा कर हस्ती हुई - जी मा जी , अभी कुछ दोपहर मे ही

रज्जो हस कर - धत्त तु भी ना , चल मै रख रही हू और सबका ख्याल रखना बाय

रीना ने अपने हाथ निचे ले जाते हुए कमलनाथ के मोटे तने को हाथ मे भरते हुए मुस्कुराती हुई - जी मा सबका ख्याल रखुंगी


इधर फोन कटा नही कि कमलनाथ ने झटके से रीना को घुमाया और पीछे से हाथ आगे ले जाकर ब्लाउज को किनारे करता हुआ दोनो हाथो से रीना की रस भरी चुचिया हाथो मे भर लिया

रीना - उह्ह्ह पापा जीईई सीई अह्ह्ह धीरेहहहह मै कही जा थोडी ना अह्ह्ह उह्ह्ह्ह माआअह्ह


कमलनाथ उसके रसभरे चुचो को गारते हुए - आह्ह बहु कबसे इनको निचोडना था इसको उम्म्ंम क्या मस्त कसे दूध है तेरे उह्ह्ह्ह

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रीना सिस्क्ती हुई - उह्ह्ह पापा जी कसे है तो क्या आज ही ढीले कर दोगे औह्ह्ह दर्द हो रहा है उम्म्ंम्ं

कमलनाथ - आह्ह बहु कितने नरम है ये ऊहह मन ही नही मानता उह्ह्ह

ये बोलते हुए कमलनाथ ने उसे वाप्स अपनी ओर घुमाया और झुक कर उसके गहरे भूरे निप्प्ल को मुह मे भर कर चुभलाना शुरु कर दिया
रीना अपने ससुर के मोटे होठो मे अपनी चुचियो की नसो को खीचता पाकर पागल सी होने लगी , कमलनाथ रीना की कमर मे हाथ डाले उसके चुचे पकड कर अपनी मोटी जीभ से रीना के नाजुक नाजुक चुचियो के दानो को फ्लिक करने लगा , उसपे अपनी लार से घेरा बनाते हुए बार बार मुह मे भरने ल्गा

अपनी ससुर की इस कला से रीना की चुत बेहिसाब बहे जा रही यही उसकी बिना पैंटी की जान्घे कामरस से भीगी जा रही थी ।
रीना की बढती बेताबी उसकी सासे अटका रखी थी , बहुत कसमसा कर उसने अपने ससुर के होठ अपने चुचियो से छुड़ाए और थोडा पीछे होकर अपनी लाल हुई चुचियो को हौले हौले सहलाते हुए थोडा गुस्से से अपने ससुर को निहारा तो कमलनाथ बेशर्मो की तरह दाँत दिखा दिया

जिससे रीना का चेहरा भी खिल गया और वो अपने बालो की चोटी का जुड़ा बनाती हुई आगे आई और निचे बैठते हुए अपने ससुर के पजामे का नाड़ा खोलने लगी , अपनी बहु की इस हरकत से कमलनाथ का लण्ड और भी सर उठाने लगा ।
पजामे मे बने तम्बू को देख कर रीना ने अपने दिल की बढती आग को हवा दी और अपने होठ भीचते हुए अपने हाथ आगे बढा कर कमलबाथ के लण्ड को पजामे के उपर से हाथो मे भर आड़ो सहित मसलने लगी


कमलनाथ - ऊहह बहु अह्ह्ह उम्म्ंम

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रीना नाड़ा खोलते हुए जान्घिये मे कसे हुए अपने ससुर के फौलादी लण्ड को पकड़ा और अपने नथुने उसके करीब ले जाकर उस्के तने को सुँघा और होठ खोलते हुए जान्घिये के उपर से लण्ड के तने को मुह मे भरने लगी ।


कमलनाथ को यकीन ही नही हो रहा था कि उसकी बहु इस कदर हवस मे पागल हो जायेगी और पूरी बेशर्म रंडी के जैसे ही हरकते करने लगेगी

रिना की हर हरकत से कमलनाथ का लण्ड फौलादी हुआ जा रहा था
रीना ने जान्घिये को पकड कर निचे खीचा और लण्ड उछल कर बाहर आ गया ।

रीना थुक गटकते हुए आंखे फ़ाड कर उस काले फ़नकार मारते नाग को निहार रही थी ,,जिस्का काला तना और कथई सुपाडा पुरा फुला हुआ था , लण्ड की नसे पूरी कसी हुई थी , आड़ो की थैली सिकुड कर कस गयी थी ।

रीना ने कापते हुए अपने दोनो हाथो से उस फौलादी तपते लण्ड के सतहो को थामा और वो पूरी तरह से गनगना गयी ।

उसके जिस्म मे सिहरन सी फैल गयी , उसकी बदन के रोए उठ खडे हुए


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बस नजर भर उसने अपने ससुर को देखा और फिर आन्खे मुन्दते हुए बड़ा सा मुह खोलकर लण्ड को घोट गयी ।

बड़ी मुश्किल से रीना के मुह आधा लण्ड जा पाया था

रिना उसको मुह मे लेके उसपे अपने होठ सरकाने लगी ।
मुह मे अन्दर ही उसकी जीभ ने सुपाड़े को छेड़ना शुरु कर दिया

जिस्से कमलनाथा का जोश और भी उफान मारने लगा ।

वो रीना के बालो मे हाथ घुमाता हुआ आहे भरने लगा , उसे रीना जे नाजुक होठो की ठंडी मिठास अपने लण्ड पर मह्सूस हो रही थी और वही रीना उसके आड़ो को अपने हाथो मे घुमाते हुए लण्ड को चुबला रही थी ।


कमलनाथ - उह्ह्ह बेटी उह्ह्ह्ह आह्ह क्या मस्त चुस्ती है रे तु ओह्ह्ह उम्म्ंम

रीना अपनी तारिफ सुन्कर कर थोडा शर्माती है और वापस से अपने काम मे लग जाती है ।

कुछ ही देर मे कमलनाथ की हालत खराब होने लगती , रीना की पूरी कोसीस थी कि वो एक बार अपने ससुर का रस निकाल दे , लेकिन कमलनाथ इसी जोश मे उसकी चुदाई चाहता था


कमलनाथ उसके सर को पकड कर उसे रोकते हुए - आह्ह नही बहु रुक जा रुक जाह्ह्ह ऊहह तु तो सब कुछ अभी ही निचोड लेगी उह्ह्ह मुझे भी तो कुछ करने दे

रीना अपने होठ पोछती हुई खड़ी होकर मुस्कुराने लगी ।
कमलनाथ उसके करीब जाकर उसको किचन की रैक से लगाता हुआ उसके कमर मे हाथ डाल कर हल्का सा उठाया

तो रीना खुद ही उछल कर रैक कर बैठ गयी और कमलनाथ ने उसकी आंखो मे देखते हुए उसका पेतिकोट उठाना शुरु कर दिया


जैसे ही कमलनाथ ने पेतिकोट उपर किया तो सामने रीना की चिनकी बिना बालो वाली रस से बजबजाई चुत की लकीरे दिखने लगी ।


उससे आती मादक गन्ध ने कमलनाथ के मुह मे पानी भरने लगा और वो थुक गटकता हुआ झुका कर थोडा सा रीना को आगे खिच कर उसकी जांघो को फैलाया

रीना अपने तेज चलती सासो से उपर निचे होती चुचियो को हाथ से पकडे हुए आंखे भिन्च लेती है और जैसे ही कमलनाथ की मोटी जीभ उसके चुत के फलको को छूटी है वो अपनी जान्घे कसते हुए सिस्क पकड़ी है

कमलनाथ वापस से उसकी जांघो को फैलात हुआ अपने होठ खोल्कर उसके बुर के होठो को मुह मे भरकर एक समूच करता है और निचे से अपनी जीभ को उसके बुर के फाको से रिस्ते रस को चाटते हुए उप दाने पर ले जाता है

जिससे रीना की सिसकिया और बढ जाती है । वो अपने हाथ चुचियो से हटा कर कमलनाथ के बालो को पकड लेती है

कमलनाथ तेजी से उस्के बुर के दाने पर अपनी जीभ घुमाता हुआ लगातार उसके चुत के फाको चुबलाये जा रहा था


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रीना - उह्ह्ह पाअपाह्ह्ह्ह ऊहह और चुसो उह्ह्ह अह्ह्ह सीईई उम्म्ंम मम्मीईई उह्ह्ह अह्ह्ह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह येस्स्स पापाजीईई उह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह


कमलनाथ की क्रियाये अब रिना के सिस्कियो के आधीन हो गयी थी हर बढती सिसकी के साथ कमलनाथ उसके चुत को मुह मे भरता तो कभी उसपे अपनी थूथ रगड़ता और कभी जीभ को बुर के गुलाबी दिवारो पर रगड़ता था ।


जिससे रिना की रस भरी चुत और माल फेकने लगी , कमलनाथ समझ गया कि अब देर नही होनी चाहिये

इसिलिए वो खड़ा हुआ और पाव के पास रखे एक प्लास्टिक स्तूल को अपनी ओर खिचा , जो महज फुट भर ही ऊचा था । जो किचन मे उपर की रैक से समान उतरने के लिए उपयोग मे आता था

कमलनाथ किसी तरह उसपे अपना बैलेंस बना कर खड़ा हुआ और अपनी थुक से सुपाडा चिकना करता हुआ चुत के मुहाने पर लगा दिया


दोनो की दिल की धडकनें तेज हो गयी थी और दोनो एक दुसरे को देख कर आतुर हुए जा रहे थे

कमलनाथ ने लण्ड के सुपाड़े का दबाब रीना की बुर पर बनाते हुए आंखो से इशारा किया तो रीना ने भी नशे मे ही हा मे सर हिलाया

और अगले ही पल उसके ससुर के एक करारा ध्क्का उसकी बुर मे पेल दिया ,,,उसका मोटा खीरे जैसा लण्ड रीना के बुर के दिवारो को चौड़ा करता हुआ आधे से ज्यादा घुस गया ।

रीना - आअह्ह्ह मम्मीईईईईउह्ह्ह उह्ह्ह पाअपाजीईई उह्ह्ह्ह अह्ह्ह सीई

कमलनाथ ने देर ना की और दुबारा से अपना लण्ड एक तेज धक्के के साथ उसकी बुर मे पेल दिया और इस बार पुरा 8 इच का लण्ड रीना की चुत मे समा गया ।


रीना इस उत्तेजना भरे अनुभव से काप रही थी और गाड़ उचका कर अपने ससुर के लण्ड पर ही झडे जा रही थी ।

रीना की आंखे उलट रही थी और वो एक गहरे नशे मे झुम रही थी , कमलनाथ भी उसको मजे देते हुए हलके मादक धक्के लगाता रहा और कुछ पल मे जब उसको लगा कि अब वो भी ज्यादा देर रुक नही पायेवा

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तो उसने वापस से करारे धक्के लगाने शुरु कर दिये , रीना की सिसकिया और चिखे शुरु हो गयी - ओह्ह्ह मुम्मीईई उह्ह्ह्ह माअह्ह्ह आह्ह पापाजीईई और पेलो उह्ह्ह कस कस के ऐसे ही अह्ह्ह

कमलनाथ उसकी सिसकिया सुन कर औ ताबड़तोड़ धक्के लगाने लगा और जल्द ही उसकी नसो वीर्य से भरने लगी और सुपाडा जलाने लगा

वो झटके से स्टूल से उतरा , जिससे रिना भी समझ गयी और वो फौरन रैक से कूदती हुई आगे आती है जिससे उसकी चुचिय हवा मे उछल पडती है ।

कमलनाथ इनसब को इग्नोर कर अपना लण्ड मुठियाते हुए रीना के चेहरे पे लाता है - आह्ह बहुउऊउऊ उह्ह्ह लेह्ह्ह आह्ह उम्म्ंम सीई लेह्ह्ह्ह


रीना अपना मुह खोले कमलनाथ के वीर्य को गले मे घोटती रही और आखिर मे लण्ड को थाम कर अच्छे से सूरक लिया ।


जिसे देख कर कमलनाथ को रज्जो की याद आई वो ऐसे ही आखिर मे उसके सुपाड़े को सुरकती थी ।

और कमलनाथ के दिमाग मे कुछ सवाल कौंध गये ।

वो थक कर हाफ्ता हुआ रिना के पास वही किचन के फर्श पर बैठ गया ।

दोनो हस रहे थे और रीना ने अपने ससुर के बाजू को पकड कर उसके कन्धे पर अपने आप को छोड दिया ।


जारी रहेगी
बहुत ही कामुक गरमागरम और उत्तेजना से भरपूर अपडेट है
कमलनाथ ने अपनी बहु रीना की चुदाई कर ही दी वही राज आते ही निशा और सोनल पर टूट पड़ा
 

Premkumar65

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Update 41 {( MEGA)}

मै गीता बबिता के साथ पीछे के रास्ते खेतो की तरफ निकल पडा । धान की खेती से चारो तरफ हरियाली छायी थी और काफी खुशनुमा माहौल था ।
मेरे आगे गीता बबिता चल रहा थी । बबिता ने एक झोला लिया था । दोनो ने कपडे बदल लिये थे वो दोनो अब हाफ टीशर्त और कैफ्री मे थी ।
सबसे आगे बबिता हाथ मे झोला लिये चल रही थी उसके पीछे गीता ।
कैफ्री मे गीता की गाड़ उभर कर सामने दिख रही थी और चल्ते हुए पानी से भरे गुब्बारे के जैसे हिल रही थी । गीता की गाड़ देख कर उत्तेजित हो गया था और मन कर रहा था कि कैसे करके गीता की नरम ताज़ी जवानी को मसल पाऊ । इसी की प्लानिग मे मै चुप था इस दौरान गीता बबिता ने काफी कुछ बताया जो मै अनसुना करते हुए सारा ध्यान गीता की हिलते गाड़ मे लगाये हुए उसके पीछे चल रहा था ।

मै गीता के करीब गया और उसके कन्धे को दोनो हाथो से पीछे से पकदते हुए चलने लगा
मै - मीठी कहा ले जा रही हो मुझे
गीता - एक खास जगह भैया वहा आपको बहुत मज़ा आयेगा
मै - लेकिन कहा
गीता ने उंगलि से इशारा करते हुए बताया वहा
मेने देखा करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर एक पक्का ट्यूबवेल है जिसके बगल मे एक मंजिला मकान भी ब्ना है । फिर मैने वापस मुड कर गाव की तरफ देखा तो हम गाव से काफी दुर आ गये थे ,, इत्ना की आंखे बारीक करने पर दिखे

मै - इत्ना दूर,,क्या खास है यहा गुडिया
बबिता - वो तो चल कर पता चलेगा ना ,, बाबा ने ये खास हम दोनो के लिए बनवाया है और यहा कोई नही आता हिहिहिही

मै खुस हो गया चलो कुछ अच्छा तो हुआ इतना दूर आने का लेकिन इन दोनो को एक साथ कैसे फसाऊ । चलो वहा जाकर कोई जुगाड देखता हू ।
फिर हम तीनो कुछ देर बाद ट्यूबवेल पर आ गये ।
बहुत ही बड़ा हातेदार ट्यूबवेल था । जिसमे पानी एक्थ्था होता था । उसमे सीने बराबर पानी था और चौड़ाई इत्नी की बडे आराम से दस लोग अंदर नहा ले ।
बबिता ने झोले से चाभी निकाली और ट्यूबवेल खोल कर मोटर चालू कर दिया,,,, कुछ ही देर मे हाता भरने लगा ।

गीता - है ना भैया मज़ेदार जगह ,,,
मै खुश होते हुए - हा मीठी ये तो स्विमिंग पूल जैसा है ।
बबिता - हा ये हम लोगो ने बाबा से कह कर बनवाया है हम रोज यहा नहाने आते हैं ।हिहिहिहिह
मै खुश होते हुए चलो फिर नहाते है अजाओ
फिर मै जलदी से अपने कपडे निकाले और अंडरवियर मे आ गया और छपाक से पानी से भरे हाते मे कूद गया

गीता बबिता मुझे उतावला देख हसने लगी
फिर मै थोडा सा तैर कर उन्के सामने आया और पानी के छीटे मारने लगा वो दोनो चिल्लाए हुए पीछे हो गयी।

मै - अरे आजओ ना गुडिया मीठी जल्दी से
फिर बबिता ने झोला टांग दिया और सीढ़ी से उपर आने लगी

मै - अरे कपड़े तो निकालो
बबिता - हम तो ऐसे ही नहाते है और फिर मैने कपडे लाये है ना
मै - धत्त कपड़ो मे नहाने का क्या मज़ा
गीता - वही तो मै भी कहती हू लेकिन यही बोलती है कि कोई आ जायेगा कोई आ जायेगा
मै - अरे कोई नही आयेगा यहा ,,, देखो दूर दूर तक कोई नही है और कोई आता दिखा तो तुरंत घर मे चले जाना

बबीता - हा लेकिन बिना कप्डो के कैसे भैया मुझे शर्म आयेगी ।
गीता - हे भगवान,,, पगली भैया अंडरगार्मेंट्स मे बोल रहे है नँगू पँगू होने को थोडी कह रहे हैं,,,,क्यू भैया

मै तो चाहता था कि नंगे हो जाये लेकिन भूखे पेट को सुखी दाल ही सही ।
मै - हा और क्या देखो मै भी तो अंडरवियर मे हू ।

बबिता -ठीक है भैया आप नहाओ हम कपडे निकाल कर आते है चल गीता
फिर वो दोनो ट्यूबवेल के कमरे मे गयी

यहा मै पानी के खड़े खड़े ये सोच कर मस्त हो रहा था भीगने के बाद गीता बबिता की चुचिया देखने को मिलेगी और यही सोच कर मेरा लण्ड और खड़ा हो गया था । मै सोच ही था कि दोनो बहने अंडर गार्मेंट्स मे मेरे सामने आ गई । दोनो फुल वाली पैंटी और फुल टेप पहना था
सफेद सूती चौडे पटटे वाली टेप मे गीता के डार्क निप्प्ल साफ पता चल रहे थे और रसिली आम जैसी उसकी चुचिया टेप के अन्दर पुरा कसाव लिये थी ,,,गीता की मखमली जान्घे देख कर पानी मे मेरा लण्ड फुकार मारने लगा । वही बबिता ने मरून रंग का polyster वाली पतली पट्टी का टेप पहना था जो उसके बदन से पुरा चिपका था ,,, गुलाबी पैंटी मे बबिता की चिकनी टाँगे कहर बरपाया जा रही थी ।

मुझे खुद को घूरता देख दोनो शर्मा रही थी ।
मै - चलो चलो अजओ जल्दी
गीता - भैया आप किनारे हो जाओ मै दौड़ कर कुदुंगी

फिर मै थोडा किनारे ही गया
गिता कुछ दूर पीछे हट कर दौड़ते हुए मेरी तरफ आने लगी ,,, दौड़ते वक़्त उसकी मोटी चुचिया उपर निचे हो रही थी और वो छपाक से पानी मे कूद गयी जिससे उसका पुरा जिस्म भीग गया ,,,,और उसके बचे चुचे भी अब साफ दिख कर रहे थे ,,,उसके ब्राउन निप्प्ल साफ साफ टेप के उपर नजर आ रहे थे , मै गीता मे मगन था कि तभी छपाक हुई और बबिता भी पानी मे आ गई ।

दोनो ने तेज़ी से मेरी तरफ पानी मारना शुरू कर दिया और मै भी जवाब मे उनकी तरफ पानी मारने लगा । जब वो थक गई तो मै धीरे धीरे तैरते हुए बबिता के पीछे आया और उसको पानी मे से अपनी बाहो मे उठा कर वापस पटक दिया जिससे उसकी टेप उपर चढ़ गयी और उनकी अनछुई नाभि दिख्ने लगी । बबिता ने तुरंत अपने कपडे सही किये ।

बबिता - आह्हह भैया क्या कर रहे हो मुझे ही क्यू परेशान करते हो गिता को क्यू नही
मै मुस्कुराया और गीता को देखा और उसकी तरफ तैरने लगा,,मुझे अपनी तरफ आता देख
गीता चिल्लाते हुए - न्हीईईईईई भैयाआआ प्लीज नही
फिर मैंने उसे किनारे पर घेर लिया और उसकी गुदाज गाड़ के निचे से उसको थामा और उसकी पीठ को थामा और पानी मे वापस पटक दिया ।

फिर हम लोग खुब हसे और थोडा तैर कर हाते की बाऊन्दरी पर बैठ गए ।

तभी गीता - भैया मुझे एक नम्बर जाना है ,,,वो छोटी उंगली से इशारा करते हुए बोली
बबिता - मुझे भी
मै - तो यही हाते के बगल मे कर लो
बबिता - भ्क्क्क यहा कैसे
मै - तो ऐसे कप्डे मे कहा जाओगी
गीता - हा सही कह रहे हैं भैया बबिता
मै - तुम दोनो कर लो मै देख रहा हू कोई आये ना
फिर वो दोनो मेरे पीछे उतर गये , दीवाल से लग कर ही बैठ गये और मुझे उन्के मूतने की मधुर धुन आने लगी

मै - गुदिया सिटी क्यू मार रही हो सही से करो कोई देख लेगा आवाज करोगी
गीता - भैया वो हम नही मार रहे
मै जानबुझ कर उन्के सामने आ गया और इधर उधर देखते हुए नाटक करते हुए बोला - कौन है जो सिटी मार रहा है कौन है ।

गीता हस्ती हुई बोली - कोई नही था भैया
जब मै उन दोनो की तरफ देखा तो वो कर चुकी थी पेसाब
मै - फिर कौन था
बबिता - वो भैया जब हम लोग करते है ना सुसु , तो सुसु वाली जगह से आती है सिटी

मै अचरज का भाव बना कर - अच्छा , लेकिन मै करता हू तो नही आती

गीता - भ्क्क्क भैया आप लड्की थोडी हो हीहीहिही
बबिता - चलो भैया फिर से मसती करते है
मै - अरे रुको मुझे भी सुसु करना है
फिर मै उन्के सामने ही खड़े लण्ड को निकाल कर मुतना शुरू कर दिया और वो दोनो आंखे फादे मेरे खड़े लन्द को देख रही थी और जब मैने पेसाब कर लिया तो आखिरी की कुछ बुन्दे अंडरवियर पर गिरा दी

मै - अरे अरे अरे
गीता - क्या हुआ भैया
मै - वो मेरा सुसु अंडरवियर पर गिर गया अब इसको पहन कर कैसे पानी मे जाऊ ,,, ऐसा करो तुम दोनो नहा लो
गीता - क्या भैया आपके बिना मज़ा नही आयेगा ,कोई बात नही भैया आप उसे निकाल दो ,,, वैसे भी आप नँगू पँगू अच्छे लगते हो हिहिहिजी

जहा एक तरफ गीता थोडी फ्रैंक थी वही बबिता शर्मिली
फिर मैने अपना अंडरवियर निकाला और वही किनारे रखा और वापस दोनो के पास आ गया,,, दोनो अब भी कनअखियो से मेरे लण्ड को निहारे जा रही थी ।फिर मैने बबिता को उठा कर वापस पानी मे फेक दिया
और गीता को उठाने गया तो वो छतकने लगी जिससे जल्दी जल्दी में मैने उसे आपने हाथ से थाम लिया और मेरे एक हाथ मे उसकी मुलायम चुचीया आ गई वही दुसरी हाथ मे सिरफ एक जांघ
और उसे भी उठा कर पानी मे डाल दिया जिससे बबिता बहुत खुश हुई
फिर मै भी नंगा पानी मे कूद गया
मैने सोचा कुछ जुगाड लगाऊ कैसे इन लोगो से मज़ा लू । कुछ देर हमने पानी मे और मस्ती की ,,मै खेल खेल मे गीता बबिता को पकड लेता और मेरा लण्ड उनकी गाड़ को छू जाता ,,,लेकिन उनहोंने कोई खास रियक्ट नही किया ,, थोडी देर ऐसे ही समय बिताने के बाद
गीता - भैया आपका मोबाइल कहा है
मै - मेरे लोवर मे होगा क्यू
गीता - चलो ना हम लोग बैठ कर पानी मे पैर डाल कर फील्म देखते है
तभी मानो मेरे प्लान को नही दिशा मिल गयी हो

मै - गुडिया जाओ मोबाइल निकाल कर लाओ
फिर बबिता बाहर निकली और मेरा मोबाईल लाकर दिया
फिर हम तीनो ट्यूबवेल के बड़ी दीवाल की तरफ टेक लगा कर पानी मे पैर डाले बैठ गये । मेरे दाई तरफ गीता और बाई तरफ बबिता बैठ गयी ,,,
गीता - कौन सा फिल्म दिखाओगे बताओ भैया
मै - जो तुम लोग बोलो ,, कहो तो शहर वाले स्विम्मिग पूल वाला लागाऊ जिसमे कैसे विदेश मे लोग नहाते है

बबिता- हा भैया वही लगाओ
गीता - हा भैया लगाओ
मै उन दोनो के भोले पन पर मुस्करा कर जलदी से गूगल पर threesome in pool सर्च किया और एक साइट खुली जिसमे एक स्विमिंग पूल में थ्रीसोम सेक्स का सीन था ।

और मैने वो वीडियो चालू कर दी । वीडियो के शुरू मे एक आदमी पूल मे तैर रहा होता है । इसी बीच पूल मे दो पोर्न स्टार आती है और अप्ने कपड़े निकाल कर पानी मे कूद जाती है और वो भी अलग अलग तैरने लगती है ।

गीता - भैया क्या विदेश मे ऐसे छोटे छोटे कपड़े पहन कर सब लडकिया खुले मे तैरती है
मै - हा मीठी ,,कभी कभी तो वो बिना कपडे के भी तैरती है
बबिता इस बात पर ह्स देती है और वापस वो लोग वीडियो देखने लगती है ।

गीता और बबिता दोनो के एक एक हाथ मेरे कन्धे पर और एक एक हाथ मेरी दोनो जांघो पर थे । और मेरा लण्ड तो क्ब्से खड़ा खड़ा दर्द भी करने लगा था ।

तभी वीडियो मे वो आदमी पुल के किनारे आधे पानी मे खड़ा हो जाता है और इधर दोनो पोर्नस्टार ह्स्ते हुए आपस मे कुछ बाते करती है फिर एक साथ पानी के अन्दर तैरते हुए उस आदमी के पास चली जाती और उनमे से एक लड्की उस आदमी का अंडरवियर निचे कर देती और दुसरी उसके लण्ड को चूम कर पानी मे तैर कर दुसरी तरफ उससे दुर चले जाते है और उस आदमी को उसका अंडरवियर हवा मे दिखा कर चिल्लाते है ।

ये सीन देख कर गीता और बबिता खुब हस्ती है ।
मै - देखा ये दोनो तुम लोगो जैसी ही शरारती है ।
दोनो वापस से हस्ती है और वीडियो देखने लगती है । वीडियो मे वो दोनो लड़किया एक दुसरे को किस्स करती है और उस अदमी को उंगली से अपनी तरफ बुलाती है ।

ये सीन देख कर गीता - हिहिही भैया ये देखो दोनो लड़किया किस्स कर रही है
मै वीडियो को रोक कर - हा वो तो होता है विदेशो मे ऐसे ही
बबिता - हा लेकिन लड्की लड्की मे भी क्या भैया
मै - हा कोई भी किस्स कर सकता है ,,,, अच्छा जब तुम लोग छोटे थे तो क्या मामी प्यार से तुम दोनो को चुम्मी नही देती थी होठो पर गालो पर
गीता - हा भैया देती थी
मै - फिर वही है ,,,हो सकता हो ये दोनो बहने हो और आप मे प्यार जता रही हो
बबिता - हा भैया सही कह रहे हो आप
मै मुस्करा कर तो बताओ क्या तुम दोनो भी आप मे प्यार करते हो
बबिता - मै तो करती हू भैया लेकिन यही हमेशा लड़ती रहती है
गिता - नही भैया हमेशा यही लड़ती है
मै - ठीक है ठीक है , अब कोई झगड़ा नही होगा , और आज से तुम दोनो कोई नही लडेगा ठीक है
दोनो ने हा मे सर हिलाया
मै - ठीक है चलो एक दूसरे को किस्स करो और बताओ कितना प्यार करते हो
बबिता थोडा अजीब सा मुह बना कर - क्या सच मे भैया जरुरी है ये करना
मै - हा , अगर तुम लोग आपस मे प्यार से नही रहोगे तो मै कभी नही आऊँगा तुम दोनो से मिल्ने
गीता - देखा तेरी वजह से फिर भैया नाराज हो गये
बबिता - मै तो तैयार हू तु बता
मै - शांत हो जाओ और एक दुसरे को किस्स करो
फिर गीता और बबिता ने मेरे सामने मेरे कंधो को थामे एक दुसरे की तरफ झुक कर हल्का सा एक दुसरे के होठो को चुमा और वाप्स आ गई ।

मै - अरे ऐसे नही भाई,,, देखा ना वो दोनो लडकिया कैसे की है
गीता - उसके लिए तो हमे खड़ा होना पडेगा
मै - तो उतर जाओ पानी मे
फिर वो दोनो पानी मे उतर गये
मै - हा अब करो किस्स
फिर वो दोनो सामने आई और थोडा शर्मा रही थी फिर गिता ने पहल की और बबिता के चेहरे को थामा और उसके निचले होठो को चुस लिया ।नरम होठो को चूसना किसे नही भाता वही गीता के साथ हुआ आज वो पहली बार किसी के होठो को चुस रही थी और उसे मज़ा मिलना ही था इसलिये वो जोश मे आ गई और बबिता के होठो को चुसने लगी , बबिता भी पहले झिझ्की फिर उसे भी अपने होठ खीचने से एक नया अह्सास मिला और वो भी गीता के होठो को चूसने लगी। दोनो उस नये रोमांच मे आंखे बंद खो गये और तब तक नहीं रुके जब तक उनकी सांसे भारी नही हो गयी । इस दौरान मैने उनदोनो को देखकर थोडा बहुत लण्ड को हिला कर आराम देता रहा
फिर दोनो हस्ते हुए अलग हो गए ।
गीता - अरे वाह इसमे तो बहुत अचछा लग रहा था
मै - प्यार करने मे खुसी मिलती ही है गुडिया
बबिता - देखा भैया हम दोनो कितना प्यार करते हैं आपस मे हिहिहिही
मै - हा देखा हिहिहिही चलो आजाओ
फिर वो दोनो मेरे अगल बगल वापस उसी पोजीशन मे बैठ गयी । और गीता ने अपने हाथ बढ़ा कर बबिता के गालो को छू कर एक पप्पी लेली । फिर वो दोनो और मै खुब हसे ।
बबिता - भैया लगाओ ना फिल्म देखते है ।

फिर मैने वापस से वीडियो प्ले कर दिया । वीडियो मे वो आदमी उनके इशारा करने पर तैर कर उनके पास जाता है और अपने अंडरवियर निकालने के लिए उनसे झगड़ा करता है
जिसे देख कर वापस से दोनो हसने लगती है ।
इसी बीच वीडियो मे वो आदमी कहता है - If you want some mercy then blow my cock both of you.

बबिता - भैया ये कह रहा है उन लड़कियो को ,,
मै वीडियो को रोका और बोला - अरे उन दोनो ने उस आदमी का अंडरवियर निकाला उसे परेसान किया तो वो भी उन लोगो को सजा दे रहा है

गीता - हा लेकिन वो दोनो तो कैसे खुश हो रही है देखो हिहिहिही पागल है ना सब
मै - अरे सजा इतना मज़ेदार है तो खुश होगी ना
बबिता - मतलब क्या सजा हुई है भैया इन दोनों को

मै वीडियो चालू कर दिया - खुद देखो तुम लोग
फिर वीडियो मे वो आदमी पूल के एक किनारे पानी मे पैर डाले लेट गया और वो दोनो लडकिया उसके दोनो तरफ पानी मे खड़े हो गए और उसके खडे लण्ड को देख कर एक दुसरे से इशारे कर कर हस रही थी । तभी दोनो ने एक एक हाथ से उसके खडे लण्ड को पकड़ा और सहलाने लगी । उपर से निचे की तरफ ,, और मै ये सब सीन देख कर उत्तेजित हो गया था और मेरा लण्ड भी पानी की सतह पर खड़ा हुआ था ।

गीता - हिहिहिही भैया ये दोनो तो बहुत खुश है ,, देखो कैसे उसके बाबू को पकड़ा हुआ है ।
बबिता - हा भैया कितना जोर से खिच रही है उसको दर्द नही हो रहा होगा
मै - अरे नही गुडिया इसमे दर्द नही मज़ा आता है
बबिता - भ्क्क्क इसमे क्या मज़ा हिहिहिही
मै - अरे अभी देखो उसे कितना मज़ा आयेगा
तभी वीडियो मे एक लड्की ने उपर आकर उसका लण्ड मुह मे भर लिया और चूसने लगी और वो आदमी उस लड्की के सर पर हाथ फेरते हुए मज़े मे आहे भर रहा था।

बबिता - आआ भैया देखो वो तो खा गयी उसका बाबू
मै - अरे खा नही रही है उसे चुस रही है ,जैसे हमे कुल्फ़ी चूसने मे मज़ा आता है ना वैसे इसे चुसने मे भी मज़ा आता है

गीता - हा भैया देखो कैसे वो मज़े से चुस रही है ।
बबिता - तभी वो दोनो खुश हो रही थी ना भैया
मै - हा अब समझी ,,, यहा ये दोनो मासूम बाते कर रही थी वहा मेरा लण्ड कडक और कडक हुए जा रहा था ।
इधर वीडियो मे दोनो लद्किया मिलकर उस आदमी का लण्ड बारी बारी से चूसे जा रही थी और ये दोनो बडे ध्यान से देख रही थी ।

मैने वीडियो रोका
गीता - क्या हुआ भैया वीडियो क्यू रोक दिया
मै - क्या सिर्फ़ देखोगी अपने भैया को खुश नही करोगी

बबिता - मतलब भैया
गिता - अरे बुधु भैया कहना चाहते है कि हम लोग भी उनके बाबू को चूसे हिहिहिह क्यू भैया
मै - हा कितनी समझदार है मेरी मीठी और उसके गालो को चूम लिया
बबिता - क्या सच मे उससे आपको मज़ा आयेगा
मै - मुझे ही नही तुम दोनो को भी आयेगा
फिर गीता फटाक से पानी मे उतर गयी और मैने मोबाईल को दीवाल मे एक मोके मे रख दिया । फिर बबिता भी उतर गयी ।

मै - हा मेरी दोनो प्यारी प्यारी बहनो चुसो अपने भैया का लण्ड
गीता और बबिता एक साथ - लण्ड, ये क्या है अब

मै - अरे जिसे तुम लोग बाबू कह रही हो उसे लण्ड कहते है ।
गीता ह्स्ते हुए - हा भैया सही कहा इसका यही नाम होना चाहिए,, लम्बा डण्डा यानी कि लण्ड हिहिहिहिही
बबिता - हा सही कह रही है तू
मै हस्ते हुए - चलो चलो जल्दी करो ना अब

तभी गीता और बबिता दोनो ने उस वीडियो के जैसे एक एक हाथ से मेरे लण्ड को थामा और चमडी को उपर निचे करने ल्गे ।
बबिता - भैया ये कितना गर्म है और मुलायम भी है
गिता - और बहुत टाइट भी है

मै - तो बताओ सबसे पहले कौन चूसेगा
गीता - मै मै ,,,मै बड़ी हू ना
बबिता - नही मै पहले ,मै बड़ी हू
गीता - तू कैसे बड़ी हो गयी
बबिता - देख मै तुझसे लम्बी हू
गीता - हा तो मै मै
बाबीता हस्ते हुए - हा हा अब बोल ना क्या हुआ हीहीहि
गीता - मेरे दूध तुझसे बडे है तो मै हुई ना बड़ी

गीता की बात सुनकर मुझे एक आइडिया आया सोचा लण्ड तो ये चूसेगी ही लेकिन उससे पहले मै इन्के दूध चुस लू ।
मै - अरे अरे तुम दोनो तो फिर से लड़ने लगी
गीता - भैया आप ही बताओ क्या मै इससे बड़ी नही हू क्या
मै दोनो को देखा
मै - हा लग तो रहा है
बबिता - क्या भैया आपको नही लगता मेरी हाईट इससे ज्यादा है
गीता - उससे थोडी होता है मेरे दूध तुझसे बडे है
बबिता - हा तो मेरे भी बडे है , मै लम्बी हू ना तो मेरा नही पता चलता समझी
मै - अरे तुम दोनो शांत रहोगी तो मै कुछ कहू
गिता बबिता - हा भाईया बोलो
मै - मै बारी बारी से तुम दोनो के दूध को पियुन्गा जिसका टेस्टि लगेगा वो बड़ी होगी

गीता - हाहह्ह्हहा क्या भैया आप भी इसमे अभी दूध थोदी ना निकलता है हीहीहि
बबिता - हा भैया आप भी बुधु हो हीहीहि
मै - अरे मै जानता हू कि अभी नही निकलता है ,,लेकिन मै ये कह रहा हू मुझे जिसका भी दूध चूसने मे ज्यादा मज़ा आयेगा वो बड़ी होगी

गीता - हा भैया ठीक है
बबिता - हा मै भी देखती हू
फिर मै भी पानी मे उतर गया और दोनो को पीछे से अपने आगे किया
मै - पहले मै तुम दोनो के दूध दबाउँगा की किसका ज्यादा मुलायम है
गीता - ठीक है भैया
अब मैने अपने दोनो हाथो को आगे की तरफ ले गया । गीता मेरे दाई तरफ थी जबकि बबिता बाई तरफ खड़ी थी । मैने गीता को उसके दाये तरफ से कमर मे डाला और बबिता की बाई तरफ से कमर मे हाथ डाल कर अपने से चिपका लिया और मेरा खड़ा लण्ड अब दोनो की कमर के बीच से झाक रहा था ।
जब मैने दोनो को पकड कर खीचा तो दोनो हसने लगी।

गीता - हीहीहि भैया गुदगुदी लग रही है आराम से प्लीज
फिर मैने बिना कुछ बोले अपने दोनो हाथ उपर ले आया और गीता के दाई चुची और बबिता की बाई चुची को हाथो मे भर लिया ।

बबिता अपने जगह पर सही थी उसके भी दूध बाकई मे बडे थे बस शेप अलग था वो थोड़े चपटे थे ,,वही गीता से दूध गोल होने से उभर कर सामने दिखते थे । दोनो के दूध मेरे मुथ्थी मे आसानी से समा नही रहे थे लेकिन उन दोनो कच्ची कलियो के अनछुए चुचो को दबाने मे एक अलग ही उत्तेजना हो रही थी । मैने भर भर कर उनकी चुचे को मसलना शुरू कर दिया ।

बबिता - अह्ह्ह्ह भैया बहुत मज़ा आ रहा ऐसे ही करो
गीता - हा भैया मुझे भी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह , , आप जितना दबा रहे हो और खुजली हो रही है आह्हह आह्हह
एक तरफ मै उनकी एक एक चुचिया दबा ही रहा था ,,साथ वो भी अपने अपने बचे एक एक चुची को खुद से दबाते हुए मेरे उपर रेगने लगी ।

मैने सोचा ये कुवारी नादान जवानी है इसे बहुत सम्भाल कर भोग्ना होगा । अभी कुछ मजे लेलू फिर रात तो बाकी ही है ।
फिर मैने उन दोनो के चुचे छोड दिये
बबिता ने वापस मेरे हाथ उठा कर अपनी चुची पर रख दिया और बोली - भैया करो ना बहुत खुजली हो रही है अह्ह्ह्ह्ह प्लीज भैया प्लीज
और खुद मेरे हाथ अपनी चुची पर रख कर मसलने लगी। उसका देख कर गीता ने भी वही किया और मेरे हाथ से खुद को चुची रगड़ने लगी।
फिर मैने गीता को पकड़ा और उपर दीवाल पर बिठा दिया और उसके टेप को उपर कर दिया
उसकी हापुस आम जैसी रसिली चुचिया सामने आ गई और मैने लपक एक चुची को मुह मे भर लिया और उसके हल्के भूरे दानेदार निप्प्ल को जीभ से चाटने लगा । गीता तडप उठी ।

गीता - अह्ह्ह्ह आह्हह भैया आह्हह बहुत मज़ा आ रहा है और चुसो मेरे दूध और आह्हह हा भैया और आह्हह
गीता को उतेजीत देख बबिता भी दीवाल पर चढ़ कर बैठ गयी और अपने टेप को उपर किया और उसके चुचे भी बाहर आ गये ।
मैने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी एक चुची को मुथ्थी में भर कर दबाने लगा

बबिता - भैया मेरा भी चुसो ना मुझे भी मज़ा करना है ।
फिर मै मुस्कुराया और हाथ मे पकड़ी हुई बबिता की चुची के निप्प्ल को अपने होठो मे भर कर न्चाने लगा वो सिहर गयी और पानी मे पैर मारने लगी ।
बबिता - आह्हह आह्हह भैया उह्ह्ह कितना अच्छा लग रहा है आह्हह उम्म्ंम्ं और चुसो मेरे दूध और चुसो मेरे प्यारे भैया अह्ह्ज्ज
फिर मै दोनो से थोदा अलग हुआ और वो दोनो वही अपनी नंगी चुचियो पर अपने टेप चढाये बैठी थी मसले जा रही थीं ।

गीता - क्या हुआ भैया और करो ना प्लीज
बबिता - हा भाईया कितना अच्छा लग रहा था ।
मै -हा तुम्हे तो मज़ा आ रहा था ना लेकिन मेरा क्या मुझे भी करना है मज़ा
गीता - भैया लाओ मै तुम्हारे लण्ड को चुस देती हूँ फिर आप मेरा दूध खुब चूसना ना भैया प्लीज
बबिता - क्यू सिर्फ़ तू ही चुसवयेगी क्या मै नही हू
मै - अरे चुप रहो तुम दोनो पहले ये इस घर की चाभी लाई हो गुडिया

बबिता - हा भैया है झोले मे
मै - चलो ठीक है जलदी से कप्डे ठीक करो हम अन्दर जाकर मज़े करेंगे आराम से बिस्तर पर

गीता - अरे भैया यहा क्या दिक्कत है
मै - पगलू यहा कोई देख लेगा तो
गीता - तो क्या हुआ हम लोग तो खेल रहे है ना
मेरा माथा ठनक गया और सोचने लगा साला इन लोगों को कुछ भी नहीं पता है कि क्या सामने करना चाहिए क्या नही , अब कुछ भी करने से पहले इनको समझाना जरुरी हो गया था । नही तो कही घर पर सबके सामने बोल दी ये लोग कि भैया चलो ना मेरे दूध चुसने तो बैंड बज जायेगा ।
मै - नही मेरी मीठी ऐसा नही है । हम जो खेल खेल रहे थे वो यहा कोई नही है इसलिये खेल रहे थे। ये सब बंद कमरे मे या अकेले मे करते है ताकि कोई देखे नही

बबिता - अगर कोई देख ले तो क्या होता है भैया
मै - हीहीहि पगली अगर कोई तुमको ऐसे नँगू देख लेगा तो सबको बताएगा और चिढायेगा ना ,,,क्या तुम दोनो चाहती हो की कोई तुम लोगो चिदाये परेसान करे

गीता - नही नही भैया बिलकुल नही
बबिता - मै तो गीता को चुम्मी भी अकेले मे ही दूँगी अब हा

मै - शाबाश ,जो भी करना अकेले मे मज़ा करना , अगर घर मे किसी को पता चला कि तुम लोग अभी से ये सब कर रहे हो तो मामा मामी नाना सब मारेन्गे आपको ।

गीता - तो क्या हम सब से छिप कर करेंगे सब काम
मै - हा मीठी क्योकि ये सब बडे लोग करते है जिनकी शादी हो गई हो ,,, छोटे बच्चे नही करते है , देखा नही फिल्म मे दोनो लडकिया बड़ी बड़ी थी । वो तो तुम मेरी जान से प्यारी बहने हो इसिलिए तुम दोनो को सिखा रहा हू ।

बबिता और गीता ने मेरे गालो पर चुम्मी दिया और बोली - थैंक्स भैया आप बहुत अच्छे हो हिहिहिही

मै - हा अब जल्दी से घर खोलो और अन्दर चलो मज़े करते है ।
फिर गीता बबिता ने वापस अपनी चुचिया ढक ली और पानी से बाहर जाने लगी दोनो भीगी पैंटी मे उनकी गदरायी गाडो पर चिपकी हुई थी ,,,मन तो कर रहा था कि अभी जाऊ और मुह डाल कर चाट लू ,,,लेकिन मै जल्दीबाजी से नही आराम से सारे काम करना चाहता था ।

फिर बबिता ने झोले से चाभी निकाला और हम लोग अपने कपडे लेकर जो जिस हालात मे था घर मे घुस गया ।
घर मे घुसते ही हमने मेन गेट लॉक किया और बबिता मुझे एक बडे से कमरे मे ले गयी जहा पर बिस्तर रखा हुआ था
फिर हमने जल्दी जल्दी बिस्तर लगाया
अब तक तो हमारे बदन से पानी रिस चुका था
लेकिन गीता बबिता के अंडरगार्मेंट भिगे थे ।
वो दोनो बिस्तर पर जाने को हुई तो
मै - अरे अरे ऐसे चढोगी तो बिस्तर भी गिला हो जायेगा ना

गीता - तो
बबिता - अरे तो कपडे निकाल दे पागल
गीता चौकते हुए - कच्छी भी
मै - क्यू मै नँगू पँगू हू तो तुम लोग क्यू नही ,,,
गीता - भक्क भैया मुझे शर्म आयेगी
मै - तो रुको मै निकाल देता हू
गीता - ब्क्क्क तब तो और आयेगी
मै गीता के करीब गया और उसको पीछे से पकड कर उसके दोनो चुचे को मिजते हुए कहा - और मज़ा भी तो आयेगा ना मीठी
गीता - अह्ह्ह्ह हा भैया
मै - तो मै निकालू
गीता - इस्स्स्स्स अह्ह्ह्ह हा भैया निकाल दो अह्ह्ह्ह
फिर मैने गीता की भीगी टेप पकड़ी और उपर करते हुए निकाल दी । कितना चर्बीदार बदन था उसका ,,, वापस से अपने सीने से सटा कर गीता के चुचे मिजने लगा

गिता - आह्हह भैया और तेज मसलो आह्हह इस्स्स्स्स उम्म्ंम अह्ज्ज मम्मी आह्हह भैया
फिर मैने उसको छोडा और घुटनो के बल बैठ गया अब गीता को मोटी मुलायम फुली हुई रबर सी लचीली गाड़ आसमानी रंग की पैंटी मे चिपकी हुई मेरे साम्ने थी ।

मैने बैठे बैठे ही गीता के कमर से उसकी पैंटी को निचे करना शुरू किया ,,, उसको गुदाज गाड़ का उपरी सिरा और एक लकीर दिखने लगी ,,,कुछ ही पल मे उसकी गाड़ भी नंगी हो गयी
आह्हह उसकी फुली हुई मुलायम सी दिख रही गाड़ पानी से अभी भी भीगी हुई थी ।
फिर मैने उसके मोटे गाड़ को निहारते हुए पूरी पैंटी निचे कर दी और जब गीता ने पैंटी निकालने के लिए पैर उपर किया तो हल्के झाटो वाली पानी से भीगी हुई चुत की लकीर मुझे दिखी ।
फिर मैने बबिता से तौलिया लिया और गीता के एक एक जांघ को अच्छे से पोछा । फिर एक हाथ तौलिया लेकर उसके दोनो जांघो के बीच हाथ डाल कर उसकी चुत से लेकर उसके गाड़ की दरारो मे रगड़ते हुए दो बार तौलिये से साफ किया ,,इस दौरान गीता हल्की सी सिस्क पडी फिर मैने उसके पीठ और पेट ,,और फिर उसके दोनो चुचो अच्छे से तौलिये मे मसल कर साफ किया । जिससे गीता हस रही थी ।
फिर मैने उसे बिस्तर पर जाने को कहा और वो झुक कर घोड़ी बनकर चलती हुई बेड पर चढ़ गयी ।
फिर मेरी नजर बबिता पर गयी जो अब मुझे देख कर शर्मा रही थी ।
मै उसके पास भी गया और टेप निकाल दिया फिर उसके नंगे चुचो को तौलिया से मसल कर पोछा ।फिर उसके सामने बैठ कर उसकी पैंटी को निचे किया,, बबिता की चुत पर गीता के मुकाबले ज्यादा बाल थे । फिर भी उसकी चुत की पतली लकीर और सपाट पेट देख कर मुझे ना रहा गया और मेने उसके नाभि के निचे किस्स कर दिया ।और फिर उसकी पैंटी को पुरा निकाल कर एक एक पैर को अच्छे से पोछा फिर उसकी भी जांघो के बिच हाथ डाल कर पहले सामने से चुत को साफ किया फिर घूमा कर उसकी मुलायम गाड़ के पाटो को फैला कर दरारो को साफ किया । फिर उसे भी पीठ पर हाथ लगा कर बिस्तर पर जाने को बोला
बबिता भी घोड़ी बन कर चढ़ गयी बेड पर और फिर मैने तौलिया लेकर अपने बदन को साफ किया और लण्ड को अच्छे से साफ कर छोड़ दिया ,,जिससे वापस से मेरा लण्ड झुलने लगा ।
जिसे दोनो अपनी रसीली चुचिया मलते हुए देखे जा रही थी ।

देखते हैं दोस्तो आने वाला अपडेट क्या नये रंग लाने वाला है ।
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा ।
Raj is having a ball with two nubile girls. Its always thrilling experience to feel the boobies of such young babies. All your hormones gets active.
 
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