updateअध्याय 02
UPDATE 025 ( B )
THE EROTIC SUNDAY 10
शिला के घर
ROUND 01
तीनों गदराई औरतें सोफे पर झुक कर अपनी नंगी गाड़ कैमरा के आगे हिलाती है और कैमरा रज्जो की रसीली गाड़ पर जूम होता है , उसके लचीले चूतड़ हवा में उछलते हुए बुर के फांके की झलक दे जाते , जिसे देख कर मानसिंह अपना लंड मसलने लगा था
: वाह भाभी क्या मस्त शॉट है , शेक इट बेबी उन्ह्ह्ह सीईईई वाट ए ह्यूज ऐश बीच उम्ममम
मानसिंह कैमरे से उनकी वीडियो बनाते हुए बोला और फिर कैमरे एक जगह सेट कर लपक कर उनकी ओर गया
: ओह्ह्ह्ह मेरे राजा सीईईई ओह्ह्ह
एकदम से मानसिंह ने शिला की उछलती गाड़ पकड़ उसके बुर के फांके पर उंगली चलाई और वो मचल उठी और फिर कम्मो की गाड़ फैलाते हुए तीन चार उसकी खुली बुर के फांके में उंगली पेली और रज्जो के पास पहुंच गया
उसके चूतड़ों को सहलाते हुए उसके गीली बुर को सहलाया तो रज्जो ने लपक कर उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह नंदोई जी बड़ा गर्म हथियार है , जरा इधर आना तो
फिर रज्जो उसको सोफे पर लिटा कर उसका लंड पकड़ कर सहलाने लगी
: ओह्ह्ह्ह भाभी जी आराम से , ओह्ह्ह्ह सूखा है उम्मम
: अभी गिला कर देती मेरे राजा उम्ममम सीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह
रज्जो ने उसका सुपाड़ा गपूच लिया और चूसने लगी , मानसिंह उसका सर पकड़ सहलाने लगा
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम सक इट उम्मम अह्ह्ह्ह्ह यस डिप और ओह्ह्ह गॉड उम्मम फक्क
एकदम से उसकी नजर अपने बगल में गई तो शिला कम्मो के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी बुर चटवा रही थी कम्मो अपनी जांघें फैलाए उसके आगे लेटी हुई थी : ओह्ह्ह्ह कम्मो चाट उम्मम तेरी जीभ मुझे पागल कर देती ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की चिकनी चूत की ओर झुक गया और उसकी गुलाबी फांकों वाली खुली हुई बुर चाटने लगता है : उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह दीदी भइया ने मेरी बुर लेली है ओह्ह्ह्ह मैयाआ ओह्ह्ह गॉड आराम से राजा ओह्ह्ह्ह उम्ममम
: तू मत रुक , मेरी तड़प बढ़ रही है ओह्ह्ह चाट उम्मम
दोनों बहनों की रसदार चुसाई देख कर रज्जो ने मानसिंह का लंड और गहरे मुंह में लेने लगी , उससे आड़ सहलाती हुई चाटने लगी , जिससे मानसिंह का लंड पूरी तरह अकड़ गया और तैयार हो गया था , उसने कम्मो की बुर छोड़ दी और कम्मो मचल उठी : ओह्ह्ह् क्या हुआ चाटो न
: रुक मेरी जान ये है , ये चाटेगी, चाट मेरी जान , चूस ले उसकी बुर ( मानसिंह ने रज्जो को उठा कर सोफे पर घोड़ी बना दिया और रज्जो उसकी जांघों में आकर कम्मो की रस छोड़ती फांकों को चुभलाने लगी )
वही पीछे से मानसिंह ने अपना गिला लंड रज्जो की बुर में उतार दिया गहरे : हाय दैय्या सीईई ओह्ह्ह कितना अंदर डालोगे नंदोई जी ओह्ह्ह , लंड है या बास उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो से अपनी तारीफ सुनकर मानसिंह का जोश बढ़ गया और वो हुमुच कर रज्जो की चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर हच्च हच्च पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम रुकना मत नहीं तो
: अगर रुके तो इनकी बहनिया मै पेलूंगी भाभी ( शिला कम्मो के मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: ओह्ह्ह भाभी अपनी जुबान सही जगह चलाओ न ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम और और उम्ममम
कमरे चीखे पूरे तेज से उठ रही थी किसी को कोई डर नहीं ,
मानसिंह रज्जो की गाड़ पकड़े ताबड़तोड़ पेले जा रहा था और उसके जीभ से कम्मो की बुर कुलबुला रही थी : मुझे भी दो न, मुझे भी लंड चाहिए ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स
मानसिंह ने रज्जो के चूतड़ थपथपा कर साइड किया और खुद सोफे के बीच में आकर कम्मो को अपनी ओर खींच लिया : आजा मेरी जान तुझे लंड की सवारी कराता हूं ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम फक्क ओह्ह्ह
कम्मो ने लंड की ग्रिप पकड़ कर तेजी से अपनी गाड़ उसके लंड पर पटकने लगी और पूरा लंड अपनी बुर की गहराई में ले जाने लगी उसके साथ रज्जो और शिला भी अपने चूतड़ हवा में उछाल रहे थे कैमरे के आगे
उस नजारे में तीनों चूतड़ एक साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और मानसिंह ने नीचे से पेलने शुरू कर दिया
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई
कम्मो की चीखे तेज ही गई और रज्जो ने अपने पंजे उसके उछलते चूतड़ों पर रख दिए , और पीछे से उसकी गाड़ कुरेदने लगी, शिला ने नहीं दूसरी ओर मानसिंह के आड टटोलने लगी
जिससे मानसिंह का लंड और फौलादी होने लगा और रज्जो ने कम्मो की गाड़ में उंगली पेल दी थी
,कम्मो की बुर का छल्ला खुद टाइट ही गया और वो तेजी से झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह ममाआ ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस भाभी ओह्ह्ह आ रहा है आ रहा है रुको मत डालो पेलो फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
कम्मो खुद से मानसिंह के लंड पर मथने लगी और उसके जांघें थरथरा रहे थे जब वो झड़ रही थी , और फिर सुस्त होने लगी तो शिला ने उसे खींच लिया और दोनों तरफ पैर फेक कर सामने से मानसिंह के लंड को बिना आराम दिए अपनी बुर में भर लिया और उछलने लगी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई मेरे राजा कितना मोटा कर रखा है आज तो ओह्ह्ह्ह पूरा डालो न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( शिला ने उसके आड़ सहलाते हुए लंड को पूरा बुर में लेने लगी )
शिला की मादक सिसकिया सुन कम्मो और रज्जो ने दोनों तरफ से उसकी जांघों और सीने को सहलाना शुरू कर दिया दोनो उसकी उछलती चूचियों को पकड़ कर सहलाते हुए जांघें पकड़ कर फैलाने लगी जिससे उसकी बुर और कसने लगी लंड पर
: ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह क्या कर रही उम्मम कम्मो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यश मेरे राजा और तेज ओह्ह्ह डालो और और कस के ओह
इधर मानसिंह ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू आकर दी और कम्मो ने शिला की एक चुची मुंह में लेकर चूसने लगी
रज्जो की उंगलियां सरकते हुए शिला के फांकों पर आ गई और उसके दाने को छेड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह भाभीईई नहीं ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
अपने बुर के दाने पर रज्जो की उंगली पाते ही शिला अकड़ने लगी और कम्मो उसके चूचों को पकड़ मुंह ने भरने लगी तो रज्जो ने भी दूसरी चुची मुंह में ले ली और तेजी से उसकी बुर सहलाने लगी
वही नीचे से मानसिंह पूरी ताकत से उसको पेले जा रहा था
: ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी
ये सुनते ही रज्जो ने नीचे से एक उंगली बुर में पेल दी और अब शिला के बुर में लंड के साथ साथ एक उंगली भी अंदर बाहर हो रही थी और देखते ही देखते शिला के कमरे झटके खाने लगे और झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है पेलो मेरे राजा उम्मम पेलो और और उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
इधर रज्जो की उंगली का असर मानसिंह के लंड पर भी होने लगा था , शिला की बुर एकदम कस चुकी थी और पिछले 30 मिनट से वो ताबड़तोड़ पेले ही जा रहा था और वो भी चिंघाड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह मेरी रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी जल्दी पोजिशन लो सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
इतना कहने की देरी थी रज्जो फिर शिला और उसके ऊपर कम्मो अब एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर अपने चूतड़ कैमरे की ओर करके हिलाने लगे
और मानसिंह ने अपना लंड निकाल कर हिलाते हुए बारी बारी से तीनों के चूतड़ पर झड़ने लगा : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मजा आ गया ओह्ह्ह् मेरी रंडियों उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आज तुम तीनों के गाड़ को नहला दूंगा लो सीईईई ओह्ह्ह्ह
आखिर तक मानसिंह अपना लंड झाड़ता रहा और
फिर उसने उसी पोजीशन में अपने वीडियो थंबनेल के एक फोटो निकाली
जिसमें से तीनों की बुर से रस टपक रहे थे और उनके चूतड़ों से मानसिंह का वीर्य रिस रहा था ।
चमनपुरा
रागिनी ने किचन से काम निपटाया और इस दौरान उसने नोटिस किया कि कैसे अनुज बार बार बिस्तर पर बैठे हुए हुए कमरे से झांक कर उसके आने की राह देख रहा था
रागिनी मुस्कुरा कर हाथ पोंछते हुए कमरे में आई और अनुज एकदम से किताबें देखने लगा
अनुज ने देखा कि उसकी मां अपनी साड़ी उतार रही थी और पेटीकोट में उसके चौड़े कूल्हे देख कर अनुज का दिल मचलने लगा ।
चोर नजरो से वो अपनी मां को देखने लगा और फिर रागिनी ने कमरे का दरवाजा बंद कर उसके पास आकर पेट के बल होकर होकर लेट गई और उसके रखे हुए नोट बुक देखने लगी
ऐसा करने से सामने से अनुज को अपनी मां की गोरी चूचियों की चिपकी हुई लंबी घाटी दिखने लगी
: आज पढ़ने में मन नहीं है न क्यों ( रागिनी ने होठ सिकोड़ कर मुस्कुराते हुए अनुज को देखा और अनुज लजा कर मुंह छिपाने लगा )
: बदमाश कही का , देख रही हूं कबसे तांक झांक कर रहा है । जैसे मै आऊंगी नहीं क्या ?
अनुज थोड़ा शांत होकर मुस्कुरा रहा था
फिर रागिनी उसकी किताबें बंद करती हुई उन्हें उठा कर साइड करती हुई : हटा ये सब और चल सो जा जब नहीं पढ़ना है तब
रागिनी ने थोड़ा झूठ मूठ की डांट लगाई उसे और अनुज का मुंह बन गया सोने के नाम पर
उसे तो कितनी सारी बातें करनी थी और कबसे उसका लंड लोवर में पंप हो रहा था ।
: मम्मीइई ( मुंह बना कर रागिनी से बोला वो )
: बत्ती बंद कर के आजा , मै तो चली बिस्तर में हीहीही ( रागिनी कम्बल खोलती हुई बिस्तर में आ गई )
अनुज उतरे हुए मन से बत्ती बुझा कर बिस्तर में आ गया
कमरे में घुप्प अंधेरा था और नाइट बल्ब भी बंद थी , अनुज किसी तरह टटोलते हुए रागिनी की ओर से बिस्तर पर चढ़ने लगा
: अरे पागल ऊपर चढ़ेगा क्या हीहीही
अनुज उसकी खिलखिलाहट सुन कर खुश हो गया और उसके ऊपर से फांद कर बिस्तर के दूसरी ओर चला गया और खिखियाते हुए रागिनी के कम्बल में घुस गया
: अरे चिपक क्यों रहा है , दूर सो न तेरे पैर ठंडे है ( रागिनी ने उसे छेड़ा और अनुज को कल रात वाली रागिनी की मस्ती याद आई और वो वही नाटक दोहराने लगा )
: क्यों , आपने कल बोला था न रोज मुझसे चिपक कर सोओगे ( ये बोलकर अनुज ने अपना हाथ फेक कर उसके नरम चर्बीदार पेट को पकड़ कर एकदम से उससे सट गया बिनाये सोचे कि उसका लंड खूंटे जैसा नुकीला होकर उसकी मां के जांघ पर कोचना शुरू कर देगा , लेकिन रागिनी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी )
: हट बदमाश छोड़ मुझे , अह्ह्ह्ह सोनल के पापा बचाओ मुझे
: हीही हाहाहा कोई नहीं आएगा
अनुज ने अपनी मम्मी को गुदगुदाना शुरू किया और वो एकदम से उससे लिपट गई । जैसे ही रागिनी की बिना ब्रा वाली चूचियां ब्लाउज के ऊपर से उसके सीने पर धंसी अनुज एकदम से सिहर उठा और रागिनी उसकी ओर करवट लेकर हो गई थी , अनुज का हाथ सरक कर रागिनी के कूल्हे पर आ गया था जिसकी नरमी अनुज पेटीकोट के ऊपर से महसूस कर रहा था
अनुज एकदम से शांत हो गया उसका लंड लोवर में पूरा टाइट था और बड़ा सा नुकीला तंबू बन गया था , उसने अपने चूतड़ पीछे कर लिए ताकि उसकी मां के जांघ या पेट के पास कही चुभ न जाए ।
रागिनी उसकी चुप्पी को समझ नहीं पाई : क्या हुआ ?
: कुछ भी तो नहीं ( अनुज सीधा लेट गया ना चाहते हुए भी उसने अपनी मां के गुदाज चर्बीदार चूतड़ों पर से हाथ पीछे कर लिए )
अनुज के देह में हरकत होते ही रागिनी उसके पास सरक आई और अनुज के पेट पर छूने लगी एकदम से अनुज खिलखिलाने लगा उसे गुदगुदी हो रही थी जैसे जैसे रागिनी उसकी टीशर्ट में हाथ घुसा रही थी
: हीहीही मम्मी निकालो न गुदगुदी हो रही है
: क्यों निकालू, तूने भी किया था न
: अच्छा सॉरी न , हीही हाहाहा
: बड़ा आया मुझसे जितने वाला ( रागिनी ने उसे चिढ़ाया )
: मम्मी
: हा !!
: आपने बताया नहीं ?
एकदम से रागिनी की धड़कने तेज हो गई , कमरे में एक चुप्पी सी बढ़ने लगी और दोनों सांसे गर्माने लगी थी । लेकिन रागिनी के लिए मसला ये था कि अनुज किस बारे में सवाल कर रहा था ? रागिनी ने तो उसे दो बार टाल दिया था और रागिनी समझ रही थी कि उसे जवाब देना ही पड़ेगा ।
: क्या नहीं बताया ?
: वही कि आप वो वाली ड्रेस क्यों नहीं पहनते ? जो वीडियो के दिखा था
( हिम्मत कर अनुज ने अपना पहला सवाल दागा )
रागिनी चुप थी
: आपने बोला था कि आप बाद में बताओगे , बोलो न प्लीज
रागिनी ने अनुज को उसके हिसाब से समझाना सही समझा और बात घुमाती हुई: जितना तू तेरे पापा के बारे में जानता है , तुझे क्या लगता है कि उन्होंने मुझे वो वाले कपड़े पहनने को नहीं कहा होगा
: उम्मम हो भी सकता है , पापा तो बहुत रोमांटिक है न ( अनुज ने अनुमान लगाया )
: हीहीही वो ऐसी चीजों के बड़े शौकीन भी है , हे भगवान ना जाने कहा कहा से उनको मिल जाती है
: तो क्या आपके पास है ?
रागिनी एकदम से चुप हो गई और मुस्कुरा रही थी
: हम्म्म क्यों ?
: फिर आप पहनते क्यों नहीं ?
: तू पागल है , अब क्या वो पहन कर घर में घूमूं
: क्यों उसमें क्या है ? ( अनुज बस अपनी मां की लिमिट परख रहा है )
: तू पागल है क्या
अनुज : मम्मी बताओ न
रागिनी हंसती हुई : अरे पागल उसमें पूरा बदन झलकता है और घर में कैसे पहन कर रहूंगी
अनुज : क्यों ?
रागिनी : अरे मान ले तू छोटा है तेरे सामने रह लूंगी लेकिन राज , वो तो बड़ा हो गया है न
रागिनी की बातें सुनकर अनुज अपने मन में ख्याली पुलाव बनाने लगा और लंड में हरकत होने लगी ।
रागिनी : वो क्या सोचेगा मेरे बारे में
अनुज : यही कि आप मॉर्डन हो
रागिनी : ओहो तू बड़ा भोला है अभी इनसब के लिए, जब तेरी बीवी आएगी तब पता चलेगा
अनुज : ऐसा क्या पता चलेगा जब अभी नहीं पता है मुझे
रागिनी : देख जब तू राज जितना बड़ा हो जाएगा और तेरी शादी की उम्र हो जाएगी तब तुझे सब समझ आने लगेगा
अनुज : जैसे पापा फ़िल करते है वैसा ?
रागिनी : हा
अनुज : तो क्या भैया अगर आपको देखेगा उस नाइटी में तो उसको भी पापा जैसा फिल होगा
रागिनी एकदम से सन्न हो गई उम्मीद से विपरीत सवाल करेगा : क्या मतलब?
अनुज : अगर राज भैया आपको उस नाइटी में देखेगा तो क्या ..
रागिनी उसको टोकती हुई : हा हा समझ गई
रागिनी थोड़ा सोचने लगी
अनुज : बताओ न मम्मी, क्या ऐसा हो सकता है
रागिनी : अब पता नहीं , मै क्या जानू उसके मन में क्या चल रहा है ।
अनुज : तो पता करें ?
रागिनी चौकी : पता करें मतलब ?
अनुज : आप वो नाइटी पहन कर भैया के सामने आना तो देखते है वो क्या रिएक्ट करता है
रागिनी हंसते हुए : तू पागल है , अकल है या नहीं तेरे में
अनुज : आप ट्राई करो न एक बार , अगर भैया को दिक्कत नहीं हुई तो आप घर में आराम से पहन कर रह सकोगे न
रागिनी अनुज के तर्क पर मुस्कुराने लगी और सोचा अगर इसकी बात नहीं मानी तो ये ऐसे ही सवाल जवाब करता रहेगा और अंत में करवाएगा अपनी मन की ही है ।
रागिनी : अरे तू नहीं समझता , वो ड्रेस ऐसे नहीं अच्छी लगती , उसके लिए मुझे हेयर रिमूव करना पड़ेगा
अनुज : तो कर लो ?
रागिनी : तू नहीं मानेगा ,
अनुज : हीहिही, अच्छा सुनो न ?
रागिनी : अब क्या है बोल
अनुज : वो , हेयर रिमूव से याद आया पापा वाली बात तो आपने नहीं बताई न
रागिनी : अब क्या बताऊं उसमें ?
अनुज थोड़ा रुक कर : यही कि पापा आपको वहां किस करते है क्या नीचे ?
रागिनी चुप रही , उसको हंसी आ रही थी कि क्या ही बोले अब छिपाने जैसा अनुज के सामने कुछ रहा भी नहीं
रागिनी : हम्म्म
अनुज : और पीछे भी ?
रागिनी : हा भई करते है , ऊपर नीचे आगे पीछे हर जगह , जहा नहीं करना चाहिए वहां भी , हो गया तेरा , कर ली जासूसी , जान गया सब
अनुज का हलक सूखने लगा और और वो कम्बल के हल्का सा लंड मसल कर : आपको पसंद है ?
रागिनी ने इस बार माथा पकड़ लिया : तुझे क्यों जानना है , कि मुझे क्या पसंद है या नहीं
अनुज : अरे बताओ न, पापा आपको जबरजस्ती किस नहीं न करते ?
रागिनी : हीहीही पागल , हा पसंद है
अनुज का लंड ये सोच और अकड़ गया कि उसकी मां को अपनी बुर चटवाने में मजा आता है ।
रागिनी : और कुछ
अनुज : नहीं
रागिनी : तो मै सो जाऊं
अनुज : हम्म्म ठीक है
रागिनी हसने लगी
अनुज : आप कल पहनोगे न ?
रागिनी : हा बाबा पहन लूंगी , भले मुझे सर्दी लग जाए लेकिन पहन लूंगी ।
अनुज : अरे नहीं बस भैया एक बार देख ले, उसके बाद आप चेंज कर लेना
रागिनी हस कर : नहीं नहीं मै तो वैसे दुकान भी जाऊंगी
अनुज : भक्क नहीं , कैसा लगेगा ? सब कोई देखेगा आपको
रागिनी हसने लगी और अनुज को अपनी ओर खींच लिया : चल बहुत हो गई बात चीत अब सो जा
अनुज भी खुश था अपनी नई कल्पनाओं में खो कर
आने वाली सुबह कुछ नए किस्से गढ़ने वाली थी ।
वही रागिनी ने भी कुछ अपने सपने सजोने लगी थी या यूं कहो कि कहानी गढ़ने लगी ।
शिला के घर
ROUND 02
झड़ने के बाद शीला अपने मेहनत की मलाई चाट रही थी जो मानसिंह के लंड पर लगी थी और उसकी लपलपाते जीभ ने मानसिंह के सुस्त पड़ती लंड की नसों में जान ला दी और मानसिंह ने उसका चेहरा पकड़ कर उसके मुंह में पेलना शुरू कर दिया : ओह्ह्ह्ह ले मेरी जान पूरा ले उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो जो मानसिंह के पास बैठी हुई वो अपनी रसीली छातियां मिज रही थी और तभी कम्मो के पीछे से रामसिंह अपना लंड मसलता हुआ कमरे में दाखिल हुआ
रज्जो : ओहो छोटे नंदोई जी ,मुझे लगा कि आप सुबह ही उठेंगे हाहाहाहाहा
रामसिंह : सुबह तक आपको इंतजार करवाना सही नहीं लगा , ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेबी आराम से ओह्ह्ह्ह पहले ही इसको निचोड़ चुकी हो
रज्जो कम्मो को रामसिंह का लंड लंड चूसता देख खड़ी होकर मानसिंह के चूतड़ सहलाती हुई उसके आड़ छूकर रामसिंह को चिटकाया: ये याद है नंदोई जी उम्मम
रामसिंह ने मानसिंह की स्थिति देख कर अपने ऊपर बीते वो कामुकता के पल याद करता हुआ सिहर उठा और कम्मो के मुंह में लंड पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह भाभी कैसे भूल सकता हूं , शिला भाभी ने ऐसा चूसा था कि ओह्ह्ह्ह मेरी जान आराम से
रज्जो : अरे हटो न दीदी , सारा रस निचोड़ लोगी क्या जरा मुझे भी दो सीई उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या कितना टाइट है ओह्ह्ह्ह
रज्जो ने शिला को धकेल कर मानसिंह के लंड को मुंह में लेकर बैठ गई और शिला सरक कर रामसिंह की ओर चली गई और रामसिंह उसकी नंगी चूचियां पकड़ पर पीने लगा : उफ्फ भाभी आपके दूध उम्मम कितनी भी निचोड़ो बड़ा रस होता है इनके उम्ममम
: अह्ह्ह्ह पी लो देवर जी ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
वही दूसरी तरफ रज्जो के साथ साथ कम्मो भी मानसिंह का लंड छूने लगी, लेकिन मानसिंह का लंड मुंह में ना आता देख उसने रज्जो की चूचियां मुंह में ले ली और निप्पल काटने लगी : सीईईई ओह्ह्ह साली काट क्यों रही ही ओह्ह्ह्ह गॉड आराम से नंदोई जी
रज्जो ने तो कम्मो को रोकना चाहा लेकिन मानसिंह भी झुक कर रज्जो की रसीली छातियां पकड़ कर पीने कहा और वही दूसरी ओर रामसिंह ने अपना लंड शिला के आगे परोस दिया था
: ओह्ह्ह भाभी उम्ममम चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह आपका ये अंदाज उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी रसभरी जीभ है तेरी ओह्ह्ह साली कुतिया ले चूस उम्मम्म और ले
रामसिंह अपना लंड उसके मुंह कर मारते हुए उसके बाल पकड़ कर वापस उसके मुंह में लंड पेलने लगा
: ओह्ह्ह साली रंडी ओह्ह्ह खा जाएगी क्या ओह्ह्ह , नंदोई जी जरा डालना तो उसकी गाड़ में अपना बास रज्जो ने कम्मो को खींच कर सोफे पर चढ़ा दिया और मानसिंह अपना गिला सुपाड़ा सीधा कम्मो के गाड़ के सुराख पर लगाता हुआ उतार दिया : ओह्ह्ह्ह भाई साहब ओह्ह्ह्ह कितना मोटा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई
कम्मो की कामुक तेज सिसकियों से रामसिंह का लंड अकड़ रहा था और वो शिला को खींच सोफे पर सुला दिया और लंड सीधा उसकी जांघें फैला कर चूत में उतारते हुए ओर जोश में पेलने लगा
ओह्ह्ह्ह देवर जी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह और और उम्मम
इधर रज्जो की बुर दोनों भाइयों को एकदम दूसरे की बीवी बदल कर चोदते देख कुलबुलाने लगी , वो सोफे पर चढ़ कर अपनी बुर सहला रही थी और सिसक रही थी
मानसिंह तेजी से कम्मो की गाड़ चोद रहा था और कम्मो अपनी बहन को अपने पास सिसकियां खाता देख उसे दुलारती हुई उसकी ओर झुक गई और उसके लिप्स चूसने लगी
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की गाड़ से निकल लंड लेकर रज्जो के आगे परोस दिया और रज्जो ने बिना हिचक के उसका लंड चूसने लगी :: सीई ओह मेरी रंडी भाभी ओह्ह्ह्ह सच में तुझ जैसी पक्की रंडी नहीं देखी ओह्ह्ह् और चूस मेरी जान उम्मम
इधर कम्मो शिला की ओर सरकती हुई रामसिंह के लंड को छूने लगी और रामसिंह समझ गया कि कम्मो को क्या चाहिए , उसने भी शिला की रस भरी बुर से अपना लंड निकाल कर नीचे बैठ गया सोफे पर टेक लगा कर और कम्मो उसके पैरो के आकर कैमरे के आगे अपनी गाड़ हवा में लहराती हुई उसका लंड चूसने लगी : ओह्ह्ह मेरी जान चाट ले अपनी बहन का बुर का रस ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह क्या मस्त चुस्ती है ओह्ह्ह्ह
: आप क्यों ललचा रहे देवर जी आप भी चाट लो न आओ
इतना बोलकर शिला भी उसके मुंह पर पैर फेक कर अपनी चूत रख दी
तभी एकदम से एक करारी चीख उठी सबकी नजरे सोफे पर गई , जहा मानसिंह रज्जो को सोफे पर खड़ा कर पीछे से उसकी गाड़ में अपना बांस जैसा मोटा लंड उतार चुका था और हच्च हच्च पेल रहा था : ले साली रांड आज की रात तू ताउम्र याद रहेगी तुझे , कि कभी तुझे गाड मरवाई थी
: हा मेरे राजा फाड़ दो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह मै ये पल कभी भी भूल सकती ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई
: उफ्फ साली तेरी गाड़ हर वक्त कितनी कसी रहती कितना भी चोद लो ओह्ह्ह्ह हम्ममम
: चोद चोद के इतना सूजा दोगे तो क्या होगा ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई पेलो आयेगा मेरा उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो तेजी से झड़ने लगी और मानसिंह उसको छोड़ कर कम्मो के पास चला गया जो रामसिंह का लंड चूस रही थी और पीछे से उसकी लहराती गाड़ को देख कर अपने लंड को सीधा उसकी गाड़ के सुराख में उतार दिया और पेलने लगा : उफ्फ बहनचोद क्या मस्त लचीली गाड़ है तेरी साली तुम दोनों बहनों की
कम्मो की आंखे बड़ी हो गई जब एकदम से मानसिंह ने पीछे से अपना लंड उसकी गाड़ में उतार दिया : ओह्ह्ह्ह मेरे राज फाड़ दोगे क्या ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह फक्क मीईईई सीई ओह्ह्ह्ह।।
इधर कम्मो की मादक सिसकिया सुन कर रामसिंह उठ कर शिला को सोफे पर घोड़ी बना दिया और उसके गाड़ में लंड डाल दिया : ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई अब आए हो न सही जगह पर , फाड़ो ओह्ह्ह्ह रुकना मत ओह्ह्ह्ह कितना गर्म और गिला है सीई ओह्ह्ह
वही दोनों बहनों की चुदाई देख आकर रज्जो मानसिंह के आगे फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी और दोनों भाई उसके हिलते चूतड़ देख कर पूरे जोश ने दोनों बहनों की गाड़ फाड़ने लगे
इधर मानसिंह फिर से चिंघाड़ने लगा : आजाओ रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा ओह्ह्ह्ह शिला आजा मेरी जान उम्मम
तीनों फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी सोफे पर और मानसिंह ने एक बार तीनों की गाड़ पर पिचकारी छोड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह बहिनचोद अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह लो साली रंडियों सीई फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह भैया मेरा भी आयेगा ( बगल के खड़ा रामसिंह अपना लंड हिलाने लगा और उसने भरी बारी बारी से तीनों के चूतड़ों को नहला दी
फिर दोनों भाई हांफते हुए सोफा पकड़ लिये
वही वो तीनो हसीन रंडियों के चेहरे पर सिकन तक नहीं थी , उनकी खिलखिलाहट अभी भी बरकरार थी और वो तीनो वापस उनकी ओर बढ़ रही एक और धमाकेदार राउंड के लिए
जारी रहेगी
( इस अपडेट के साथ THE EROTIC SUNDAY के सभी अपडेट खत्म हुए )
बेहतरीन प्रदर्शन किया हैअध्याय 02
UPDATE 025 ( B )
THE EROTIC SUNDAY 10
शिला के घर
ROUND 01
तीनों गदराई औरतें सोफे पर झुक कर अपनी नंगी गाड़ कैमरा के आगे हिलाती है और कैमरा रज्जो की रसीली गाड़ पर जूम होता है , उसके लचीले चूतड़ हवा में उछलते हुए बुर के फांके की झलक दे जाते , जिसे देख कर मानसिंह अपना लंड मसलने लगा था
: वाह भाभी क्या मस्त शॉट है , शेक इट बेबी उन्ह्ह्ह सीईईई वाट ए ह्यूज ऐश बीच उम्ममम
मानसिंह कैमरे से उनकी वीडियो बनाते हुए बोला और फिर कैमरे एक जगह सेट कर लपक कर उनकी ओर गया
: ओह्ह्ह्ह मेरे राजा सीईईई ओह्ह्ह
एकदम से मानसिंह ने शिला की उछलती गाड़ पकड़ उसके बुर के फांके पर उंगली चलाई और वो मचल उठी और फिर कम्मो की गाड़ फैलाते हुए तीन चार उसकी खुली बुर के फांके में उंगली पेली और रज्जो के पास पहुंच गया
उसके चूतड़ों को सहलाते हुए उसके गीली बुर को सहलाया तो रज्जो ने लपक कर उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह नंदोई जी बड़ा गर्म हथियार है , जरा इधर आना तो
फिर रज्जो उसको सोफे पर लिटा कर उसका लंड पकड़ कर सहलाने लगी
: ओह्ह्ह्ह भाभी जी आराम से , ओह्ह्ह्ह सूखा है उम्मम
: अभी गिला कर देती मेरे राजा उम्ममम सीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह
रज्जो ने उसका सुपाड़ा गपूच लिया और चूसने लगी , मानसिंह उसका सर पकड़ सहलाने लगा
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम सक इट उम्मम अह्ह्ह्ह्ह यस डिप और ओह्ह्ह गॉड उम्मम फक्क
एकदम से उसकी नजर अपने बगल में गई तो शिला कम्मो के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी बुर चटवा रही थी कम्मो अपनी जांघें फैलाए उसके आगे लेटी हुई थी : ओह्ह्ह्ह कम्मो चाट उम्मम तेरी जीभ मुझे पागल कर देती ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की चिकनी चूत की ओर झुक गया और उसकी गुलाबी फांकों वाली खुली हुई बुर चाटने लगता है : उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह दीदी भइया ने मेरी बुर लेली है ओह्ह्ह्ह मैयाआ ओह्ह्ह गॉड आराम से राजा ओह्ह्ह्ह उम्ममम
: तू मत रुक , मेरी तड़प बढ़ रही है ओह्ह्ह चाट उम्मम
दोनों बहनों की रसदार चुसाई देख कर रज्जो ने मानसिंह का लंड और गहरे मुंह में लेने लगी , उससे आड़ सहलाती हुई चाटने लगी , जिससे मानसिंह का लंड पूरी तरह अकड़ गया और तैयार हो गया था , उसने कम्मो की बुर छोड़ दी और कम्मो मचल उठी : ओह्ह्ह् क्या हुआ चाटो न
: रुक मेरी जान ये है , ये चाटेगी, चाट मेरी जान , चूस ले उसकी बुर ( मानसिंह ने रज्जो को उठा कर सोफे पर घोड़ी बना दिया और रज्जो उसकी जांघों में आकर कम्मो की रस छोड़ती फांकों को चुभलाने लगी )
वही पीछे से मानसिंह ने अपना गिला लंड रज्जो की बुर में उतार दिया गहरे : हाय दैय्या सीईई ओह्ह्ह कितना अंदर डालोगे नंदोई जी ओह्ह्ह , लंड है या बास उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो से अपनी तारीफ सुनकर मानसिंह का जोश बढ़ गया और वो हुमुच कर रज्जो की चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर हच्च हच्च पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम रुकना मत नहीं तो
: अगर रुके तो इनकी बहनिया मै पेलूंगी भाभी ( शिला कम्मो के मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: ओह्ह्ह भाभी अपनी जुबान सही जगह चलाओ न ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम और और उम्ममम
कमरे चीखे पूरे तेज से उठ रही थी किसी को कोई डर नहीं ,
मानसिंह रज्जो की गाड़ पकड़े ताबड़तोड़ पेले जा रहा था और उसके जीभ से कम्मो की बुर कुलबुला रही थी : मुझे भी दो न, मुझे भी लंड चाहिए ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स
मानसिंह ने रज्जो के चूतड़ थपथपा कर साइड किया और खुद सोफे के बीच में आकर कम्मो को अपनी ओर खींच लिया : आजा मेरी जान तुझे लंड की सवारी कराता हूं ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम फक्क ओह्ह्ह
कम्मो ने लंड की ग्रिप पकड़ कर तेजी से अपनी गाड़ उसके लंड पर पटकने लगी और पूरा लंड अपनी बुर की गहराई में ले जाने लगी उसके साथ रज्जो और शिला भी अपने चूतड़ हवा में उछाल रहे थे कैमरे के आगे
उस नजारे में तीनों चूतड़ एक साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और मानसिंह ने नीचे से पेलने शुरू कर दिया
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई
कम्मो की चीखे तेज ही गई और रज्जो ने अपने पंजे उसके उछलते चूतड़ों पर रख दिए , और पीछे से उसकी गाड़ कुरेदने लगी, शिला ने नहीं दूसरी ओर मानसिंह के आड टटोलने लगी
जिससे मानसिंह का लंड और फौलादी होने लगा और रज्जो ने कम्मो की गाड़ में उंगली पेल दी थी
,कम्मो की बुर का छल्ला खुद टाइट ही गया और वो तेजी से झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह ममाआ ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस भाभी ओह्ह्ह आ रहा है आ रहा है रुको मत डालो पेलो फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
कम्मो खुद से मानसिंह के लंड पर मथने लगी और उसके जांघें थरथरा रहे थे जब वो झड़ रही थी , और फिर सुस्त होने लगी तो शिला ने उसे खींच लिया और दोनों तरफ पैर फेक कर सामने से मानसिंह के लंड को बिना आराम दिए अपनी बुर में भर लिया और उछलने लगी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई मेरे राजा कितना मोटा कर रखा है आज तो ओह्ह्ह्ह पूरा डालो न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( शिला ने उसके आड़ सहलाते हुए लंड को पूरा बुर में लेने लगी )
शिला की मादक सिसकिया सुन कम्मो और रज्जो ने दोनों तरफ से उसकी जांघों और सीने को सहलाना शुरू कर दिया दोनो उसकी उछलती चूचियों को पकड़ कर सहलाते हुए जांघें पकड़ कर फैलाने लगी जिससे उसकी बुर और कसने लगी लंड पर
: ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह क्या कर रही उम्मम कम्मो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यश मेरे राजा और तेज ओह्ह्ह डालो और और कस के ओह
इधर मानसिंह ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू आकर दी और कम्मो ने शिला की एक चुची मुंह में लेकर चूसने लगी
रज्जो की उंगलियां सरकते हुए शिला के फांकों पर आ गई और उसके दाने को छेड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह भाभीईई नहीं ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
अपने बुर के दाने पर रज्जो की उंगली पाते ही शिला अकड़ने लगी और कम्मो उसके चूचों को पकड़ मुंह ने भरने लगी तो रज्जो ने भी दूसरी चुची मुंह में ले ली और तेजी से उसकी बुर सहलाने लगी
वही नीचे से मानसिंह पूरी ताकत से उसको पेले जा रहा था
: ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी
ये सुनते ही रज्जो ने नीचे से एक उंगली बुर में पेल दी और अब शिला के बुर में लंड के साथ साथ एक उंगली भी अंदर बाहर हो रही थी और देखते ही देखते शिला के कमरे झटके खाने लगे और झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है पेलो मेरे राजा उम्मम पेलो और और उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
इधर रज्जो की उंगली का असर मानसिंह के लंड पर भी होने लगा था , शिला की बुर एकदम कस चुकी थी और पिछले 30 मिनट से वो ताबड़तोड़ पेले ही जा रहा था और वो भी चिंघाड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह मेरी रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी जल्दी पोजिशन लो सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
इतना कहने की देरी थी रज्जो फिर शिला और उसके ऊपर कम्मो अब एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर अपने चूतड़ कैमरे की ओर करके हिलाने लगे
और मानसिंह ने अपना लंड निकाल कर हिलाते हुए बारी बारी से तीनों के चूतड़ पर झड़ने लगा : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मजा आ गया ओह्ह्ह् मेरी रंडियों उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आज तुम तीनों के गाड़ को नहला दूंगा लो सीईईई ओह्ह्ह्ह
आखिर तक मानसिंह अपना लंड झाड़ता रहा और
फिर उसने उसी पोजीशन में अपने वीडियो थंबनेल के एक फोटो निकाली
जिसमें से तीनों की बुर से रस टपक रहे थे और उनके चूतड़ों से मानसिंह का वीर्य रिस रहा था ।
चमनपुरा
रागिनी ने किचन से काम निपटाया और इस दौरान उसने नोटिस किया कि कैसे अनुज बार बार बिस्तर पर बैठे हुए हुए कमरे से झांक कर उसके आने की राह देख रहा था
रागिनी मुस्कुरा कर हाथ पोंछते हुए कमरे में आई और अनुज एकदम से किताबें देखने लगा
अनुज ने देखा कि उसकी मां अपनी साड़ी उतार रही थी और पेटीकोट में उसके चौड़े कूल्हे देख कर अनुज का दिल मचलने लगा ।
चोर नजरो से वो अपनी मां को देखने लगा और फिर रागिनी ने कमरे का दरवाजा बंद कर उसके पास आकर पेट के बल होकर होकर लेट गई और उसके रखे हुए नोट बुक देखने लगी
ऐसा करने से सामने से अनुज को अपनी मां की गोरी चूचियों की चिपकी हुई लंबी घाटी दिखने लगी
: आज पढ़ने में मन नहीं है न क्यों ( रागिनी ने होठ सिकोड़ कर मुस्कुराते हुए अनुज को देखा और अनुज लजा कर मुंह छिपाने लगा )
: बदमाश कही का , देख रही हूं कबसे तांक झांक कर रहा है । जैसे मै आऊंगी नहीं क्या ?
अनुज थोड़ा शांत होकर मुस्कुरा रहा था
फिर रागिनी उसकी किताबें बंद करती हुई उन्हें उठा कर साइड करती हुई : हटा ये सब और चल सो जा जब नहीं पढ़ना है तब
रागिनी ने थोड़ा झूठ मूठ की डांट लगाई उसे और अनुज का मुंह बन गया सोने के नाम पर
उसे तो कितनी सारी बातें करनी थी और कबसे उसका लंड लोवर में पंप हो रहा था ।
: मम्मीइई ( मुंह बना कर रागिनी से बोला वो )
: बत्ती बंद कर के आजा , मै तो चली बिस्तर में हीहीही ( रागिनी कम्बल खोलती हुई बिस्तर में आ गई )
अनुज उतरे हुए मन से बत्ती बुझा कर बिस्तर में आ गया
कमरे में घुप्प अंधेरा था और नाइट बल्ब भी बंद थी , अनुज किसी तरह टटोलते हुए रागिनी की ओर से बिस्तर पर चढ़ने लगा
: अरे पागल ऊपर चढ़ेगा क्या हीहीही
अनुज उसकी खिलखिलाहट सुन कर खुश हो गया और उसके ऊपर से फांद कर बिस्तर के दूसरी ओर चला गया और खिखियाते हुए रागिनी के कम्बल में घुस गया
: अरे चिपक क्यों रहा है , दूर सो न तेरे पैर ठंडे है ( रागिनी ने उसे छेड़ा और अनुज को कल रात वाली रागिनी की मस्ती याद आई और वो वही नाटक दोहराने लगा )
: क्यों , आपने कल बोला था न रोज मुझसे चिपक कर सोओगे ( ये बोलकर अनुज ने अपना हाथ फेक कर उसके नरम चर्बीदार पेट को पकड़ कर एकदम से उससे सट गया बिनाये सोचे कि उसका लंड खूंटे जैसा नुकीला होकर उसकी मां के जांघ पर कोचना शुरू कर देगा , लेकिन रागिनी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी )
: हट बदमाश छोड़ मुझे , अह्ह्ह्ह सोनल के पापा बचाओ मुझे
: हीही हाहाहा कोई नहीं आएगा
अनुज ने अपनी मम्मी को गुदगुदाना शुरू किया और वो एकदम से उससे लिपट गई । जैसे ही रागिनी की बिना ब्रा वाली चूचियां ब्लाउज के ऊपर से उसके सीने पर धंसी अनुज एकदम से सिहर उठा और रागिनी उसकी ओर करवट लेकर हो गई थी , अनुज का हाथ सरक कर रागिनी के कूल्हे पर आ गया था जिसकी नरमी अनुज पेटीकोट के ऊपर से महसूस कर रहा था
अनुज एकदम से शांत हो गया उसका लंड लोवर में पूरा टाइट था और बड़ा सा नुकीला तंबू बन गया था , उसने अपने चूतड़ पीछे कर लिए ताकि उसकी मां के जांघ या पेट के पास कही चुभ न जाए ।
रागिनी उसकी चुप्पी को समझ नहीं पाई : क्या हुआ ?
: कुछ भी तो नहीं ( अनुज सीधा लेट गया ना चाहते हुए भी उसने अपनी मां के गुदाज चर्बीदार चूतड़ों पर से हाथ पीछे कर लिए )
अनुज के देह में हरकत होते ही रागिनी उसके पास सरक आई और अनुज के पेट पर छूने लगी एकदम से अनुज खिलखिलाने लगा उसे गुदगुदी हो रही थी जैसे जैसे रागिनी उसकी टीशर्ट में हाथ घुसा रही थी
: हीहीही मम्मी निकालो न गुदगुदी हो रही है
: क्यों निकालू, तूने भी किया था न
: अच्छा सॉरी न , हीही हाहाहा
: बड़ा आया मुझसे जितने वाला ( रागिनी ने उसे चिढ़ाया )
: मम्मी
: हा !!
: आपने बताया नहीं ?
एकदम से रागिनी की धड़कने तेज हो गई , कमरे में एक चुप्पी सी बढ़ने लगी और दोनों सांसे गर्माने लगी थी । लेकिन रागिनी के लिए मसला ये था कि अनुज किस बारे में सवाल कर रहा था ? रागिनी ने तो उसे दो बार टाल दिया था और रागिनी समझ रही थी कि उसे जवाब देना ही पड़ेगा ।
: क्या नहीं बताया ?
: वही कि आप वो वाली ड्रेस क्यों नहीं पहनते ? जो वीडियो के दिखा था
( हिम्मत कर अनुज ने अपना पहला सवाल दागा )
रागिनी चुप थी
: आपने बोला था कि आप बाद में बताओगे , बोलो न प्लीज
रागिनी ने अनुज को उसके हिसाब से समझाना सही समझा और बात घुमाती हुई: जितना तू तेरे पापा के बारे में जानता है , तुझे क्या लगता है कि उन्होंने मुझे वो वाले कपड़े पहनने को नहीं कहा होगा
: उम्मम हो भी सकता है , पापा तो बहुत रोमांटिक है न ( अनुज ने अनुमान लगाया )
: हीहीही वो ऐसी चीजों के बड़े शौकीन भी है , हे भगवान ना जाने कहा कहा से उनको मिल जाती है
: तो क्या आपके पास है ?
रागिनी एकदम से चुप हो गई और मुस्कुरा रही थी
: हम्म्म क्यों ?
: फिर आप पहनते क्यों नहीं ?
: तू पागल है , अब क्या वो पहन कर घर में घूमूं
: क्यों उसमें क्या है ? ( अनुज बस अपनी मां की लिमिट परख रहा है )
: तू पागल है क्या
अनुज : मम्मी बताओ न
रागिनी हंसती हुई : अरे पागल उसमें पूरा बदन झलकता है और घर में कैसे पहन कर रहूंगी
अनुज : क्यों ?
रागिनी : अरे मान ले तू छोटा है तेरे सामने रह लूंगी लेकिन राज , वो तो बड़ा हो गया है न
रागिनी की बातें सुनकर अनुज अपने मन में ख्याली पुलाव बनाने लगा और लंड में हरकत होने लगी ।
रागिनी : वो क्या सोचेगा मेरे बारे में
अनुज : यही कि आप मॉर्डन हो
रागिनी : ओहो तू बड़ा भोला है अभी इनसब के लिए, जब तेरी बीवी आएगी तब पता चलेगा
अनुज : ऐसा क्या पता चलेगा जब अभी नहीं पता है मुझे
रागिनी : देख जब तू राज जितना बड़ा हो जाएगा और तेरी शादी की उम्र हो जाएगी तब तुझे सब समझ आने लगेगा
अनुज : जैसे पापा फ़िल करते है वैसा ?
रागिनी : हा
अनुज : तो क्या भैया अगर आपको देखेगा उस नाइटी में तो उसको भी पापा जैसा फिल होगा
रागिनी एकदम से सन्न हो गई उम्मीद से विपरीत सवाल करेगा : क्या मतलब?
अनुज : अगर राज भैया आपको उस नाइटी में देखेगा तो क्या ..
रागिनी उसको टोकती हुई : हा हा समझ गई
रागिनी थोड़ा सोचने लगी
अनुज : बताओ न मम्मी, क्या ऐसा हो सकता है
रागिनी : अब पता नहीं , मै क्या जानू उसके मन में क्या चल रहा है ।
अनुज : तो पता करें ?
रागिनी चौकी : पता करें मतलब ?
अनुज : आप वो नाइटी पहन कर भैया के सामने आना तो देखते है वो क्या रिएक्ट करता है
रागिनी हंसते हुए : तू पागल है , अकल है या नहीं तेरे में
अनुज : आप ट्राई करो न एक बार , अगर भैया को दिक्कत नहीं हुई तो आप घर में आराम से पहन कर रह सकोगे न
रागिनी अनुज के तर्क पर मुस्कुराने लगी और सोचा अगर इसकी बात नहीं मानी तो ये ऐसे ही सवाल जवाब करता रहेगा और अंत में करवाएगा अपनी मन की ही है ।
रागिनी : अरे तू नहीं समझता , वो ड्रेस ऐसे नहीं अच्छी लगती , उसके लिए मुझे हेयर रिमूव करना पड़ेगा
अनुज : तो कर लो ?
रागिनी : तू नहीं मानेगा ,
अनुज : हीहिही, अच्छा सुनो न ?
रागिनी : अब क्या है बोल
अनुज : वो , हेयर रिमूव से याद आया पापा वाली बात तो आपने नहीं बताई न
रागिनी : अब क्या बताऊं उसमें ?
अनुज थोड़ा रुक कर : यही कि पापा आपको वहां किस करते है क्या नीचे ?
रागिनी चुप रही , उसको हंसी आ रही थी कि क्या ही बोले अब छिपाने जैसा अनुज के सामने कुछ रहा भी नहीं
रागिनी : हम्म्म
अनुज : और पीछे भी ?
रागिनी : हा भई करते है , ऊपर नीचे आगे पीछे हर जगह , जहा नहीं करना चाहिए वहां भी , हो गया तेरा , कर ली जासूसी , जान गया सब
अनुज का हलक सूखने लगा और और वो कम्बल के हल्का सा लंड मसल कर : आपको पसंद है ?
रागिनी ने इस बार माथा पकड़ लिया : तुझे क्यों जानना है , कि मुझे क्या पसंद है या नहीं
अनुज : अरे बताओ न, पापा आपको जबरजस्ती किस नहीं न करते ?
रागिनी : हीहीही पागल , हा पसंद है
अनुज का लंड ये सोच और अकड़ गया कि उसकी मां को अपनी बुर चटवाने में मजा आता है ।
रागिनी : और कुछ
अनुज : नहीं
रागिनी : तो मै सो जाऊं
अनुज : हम्म्म ठीक है
रागिनी हसने लगी
अनुज : आप कल पहनोगे न ?
रागिनी : हा बाबा पहन लूंगी , भले मुझे सर्दी लग जाए लेकिन पहन लूंगी ।
अनुज : अरे नहीं बस भैया एक बार देख ले, उसके बाद आप चेंज कर लेना
रागिनी हस कर : नहीं नहीं मै तो वैसे दुकान भी जाऊंगी
अनुज : भक्क नहीं , कैसा लगेगा ? सब कोई देखेगा आपको
रागिनी हसने लगी और अनुज को अपनी ओर खींच लिया : चल बहुत हो गई बात चीत अब सो जा
अनुज भी खुश था अपनी नई कल्पनाओं में खो कर
आने वाली सुबह कुछ नए किस्से गढ़ने वाली थी ।
वही रागिनी ने भी कुछ अपने सपने सजोने लगी थी या यूं कहो कि कहानी गढ़ने लगी ।
शिला के घर
ROUND 02
झड़ने के बाद शीला अपने मेहनत की मलाई चाट रही थी जो मानसिंह के लंड पर लगी थी और उसकी लपलपाते जीभ ने मानसिंह के सुस्त पड़ती लंड की नसों में जान ला दी और मानसिंह ने उसका चेहरा पकड़ कर उसके मुंह में पेलना शुरू कर दिया : ओह्ह्ह्ह ले मेरी जान पूरा ले उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो जो मानसिंह के पास बैठी हुई वो अपनी रसीली छातियां मिज रही थी और तभी कम्मो के पीछे से रामसिंह अपना लंड मसलता हुआ कमरे में दाखिल हुआ
रज्जो : ओहो छोटे नंदोई जी ,मुझे लगा कि आप सुबह ही उठेंगे हाहाहाहाहा
रामसिंह : सुबह तक आपको इंतजार करवाना सही नहीं लगा , ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेबी आराम से ओह्ह्ह्ह पहले ही इसको निचोड़ चुकी हो
रज्जो कम्मो को रामसिंह का लंड लंड चूसता देख खड़ी होकर मानसिंह के चूतड़ सहलाती हुई उसके आड़ छूकर रामसिंह को चिटकाया: ये याद है नंदोई जी उम्मम
रामसिंह ने मानसिंह की स्थिति देख कर अपने ऊपर बीते वो कामुकता के पल याद करता हुआ सिहर उठा और कम्मो के मुंह में लंड पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह भाभी कैसे भूल सकता हूं , शिला भाभी ने ऐसा चूसा था कि ओह्ह्ह्ह मेरी जान आराम से
रज्जो : अरे हटो न दीदी , सारा रस निचोड़ लोगी क्या जरा मुझे भी दो सीई उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या कितना टाइट है ओह्ह्ह्ह
रज्जो ने शिला को धकेल कर मानसिंह के लंड को मुंह में लेकर बैठ गई और शिला सरक कर रामसिंह की ओर चली गई और रामसिंह उसकी नंगी चूचियां पकड़ पर पीने लगा : उफ्फ भाभी आपके दूध उम्मम कितनी भी निचोड़ो बड़ा रस होता है इनके उम्ममम
: अह्ह्ह्ह पी लो देवर जी ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
वही दूसरी तरफ रज्जो के साथ साथ कम्मो भी मानसिंह का लंड छूने लगी, लेकिन मानसिंह का लंड मुंह में ना आता देख उसने रज्जो की चूचियां मुंह में ले ली और निप्पल काटने लगी : सीईईई ओह्ह्ह साली काट क्यों रही ही ओह्ह्ह्ह गॉड आराम से नंदोई जी
रज्जो ने तो कम्मो को रोकना चाहा लेकिन मानसिंह भी झुक कर रज्जो की रसीली छातियां पकड़ कर पीने कहा और वही दूसरी ओर रामसिंह ने अपना लंड शिला के आगे परोस दिया था
: ओह्ह्ह भाभी उम्ममम चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह आपका ये अंदाज उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी रसभरी जीभ है तेरी ओह्ह्ह साली कुतिया ले चूस उम्मम्म और ले
रामसिंह अपना लंड उसके मुंह कर मारते हुए उसके बाल पकड़ कर वापस उसके मुंह में लंड पेलने लगा
: ओह्ह्ह साली रंडी ओह्ह्ह खा जाएगी क्या ओह्ह्ह , नंदोई जी जरा डालना तो उसकी गाड़ में अपना बास रज्जो ने कम्मो को खींच कर सोफे पर चढ़ा दिया और मानसिंह अपना गिला सुपाड़ा सीधा कम्मो के गाड़ के सुराख पर लगाता हुआ उतार दिया : ओह्ह्ह्ह भाई साहब ओह्ह्ह्ह कितना मोटा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई
कम्मो की कामुक तेज सिसकियों से रामसिंह का लंड अकड़ रहा था और वो शिला को खींच सोफे पर सुला दिया और लंड सीधा उसकी जांघें फैला कर चूत में उतारते हुए ओर जोश में पेलने लगा
ओह्ह्ह्ह देवर जी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह और और उम्मम
इधर रज्जो की बुर दोनों भाइयों को एकदम दूसरे की बीवी बदल कर चोदते देख कुलबुलाने लगी , वो सोफे पर चढ़ कर अपनी बुर सहला रही थी और सिसक रही थी
मानसिंह तेजी से कम्मो की गाड़ चोद रहा था और कम्मो अपनी बहन को अपने पास सिसकियां खाता देख उसे दुलारती हुई उसकी ओर झुक गई और उसके लिप्स चूसने लगी
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की गाड़ से निकल लंड लेकर रज्जो के आगे परोस दिया और रज्जो ने बिना हिचक के उसका लंड चूसने लगी :: सीई ओह मेरी रंडी भाभी ओह्ह्ह्ह सच में तुझ जैसी पक्की रंडी नहीं देखी ओह्ह्ह् और चूस मेरी जान उम्मम
इधर कम्मो शिला की ओर सरकती हुई रामसिंह के लंड को छूने लगी और रामसिंह समझ गया कि कम्मो को क्या चाहिए , उसने भी शिला की रस भरी बुर से अपना लंड निकाल कर नीचे बैठ गया सोफे पर टेक लगा कर और कम्मो उसके पैरो के आकर कैमरे के आगे अपनी गाड़ हवा में लहराती हुई उसका लंड चूसने लगी : ओह्ह्ह मेरी जान चाट ले अपनी बहन का बुर का रस ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह क्या मस्त चुस्ती है ओह्ह्ह्ह
: आप क्यों ललचा रहे देवर जी आप भी चाट लो न आओ
इतना बोलकर शिला भी उसके मुंह पर पैर फेक कर अपनी चूत रख दी
तभी एकदम से एक करारी चीख उठी सबकी नजरे सोफे पर गई , जहा मानसिंह रज्जो को सोफे पर खड़ा कर पीछे से उसकी गाड़ में अपना बांस जैसा मोटा लंड उतार चुका था और हच्च हच्च पेल रहा था : ले साली रांड आज की रात तू ताउम्र याद रहेगी तुझे , कि कभी तुझे गाड मरवाई थी
: हा मेरे राजा फाड़ दो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह मै ये पल कभी भी भूल सकती ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई
: उफ्फ साली तेरी गाड़ हर वक्त कितनी कसी रहती कितना भी चोद लो ओह्ह्ह्ह हम्ममम
: चोद चोद के इतना सूजा दोगे तो क्या होगा ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई पेलो आयेगा मेरा उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो तेजी से झड़ने लगी और मानसिंह उसको छोड़ कर कम्मो के पास चला गया जो रामसिंह का लंड चूस रही थी और पीछे से उसकी लहराती गाड़ को देख कर अपने लंड को सीधा उसकी गाड़ के सुराख में उतार दिया और पेलने लगा : उफ्फ बहनचोद क्या मस्त लचीली गाड़ है तेरी साली तुम दोनों बहनों की
कम्मो की आंखे बड़ी हो गई जब एकदम से मानसिंह ने पीछे से अपना लंड उसकी गाड़ में उतार दिया : ओह्ह्ह्ह मेरे राज फाड़ दोगे क्या ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह फक्क मीईईई सीई ओह्ह्ह्ह।।
इधर कम्मो की मादक सिसकिया सुन कर रामसिंह उठ कर शिला को सोफे पर घोड़ी बना दिया और उसके गाड़ में लंड डाल दिया : ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई अब आए हो न सही जगह पर , फाड़ो ओह्ह्ह्ह रुकना मत ओह्ह्ह्ह कितना गर्म और गिला है सीई ओह्ह्ह
वही दोनों बहनों की चुदाई देख आकर रज्जो मानसिंह के आगे फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी और दोनों भाई उसके हिलते चूतड़ देख कर पूरे जोश ने दोनों बहनों की गाड़ फाड़ने लगे
इधर मानसिंह फिर से चिंघाड़ने लगा : आजाओ रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा ओह्ह्ह्ह शिला आजा मेरी जान उम्मम
तीनों फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी सोफे पर और मानसिंह ने एक बार तीनों की गाड़ पर पिचकारी छोड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह बहिनचोद अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह लो साली रंडियों सीई फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह भैया मेरा भी आयेगा ( बगल के खड़ा रामसिंह अपना लंड हिलाने लगा और उसने भरी बारी बारी से तीनों के चूतड़ों को नहला दी
फिर दोनों भाई हांफते हुए सोफा पकड़ लिये
वही वो तीनो हसीन रंडियों के चेहरे पर सिकन तक नहीं थी , उनकी खिलखिलाहट अभी भी बरकरार थी और वो तीनो वापस उनकी ओर बढ़ रही एक और धमाकेदार राउंड के लिए
जारी रहेगी
( इस अपडेट के साथ THE EROTIC SUNDAY के सभी अपडेट खत्म हुए )
Tum kab de rahe ho bhai update apni story ke bhi update de do na yrrबेहतरीन प्रदर्शन किया है
Mast Hain Erotic Sunday Updatesअध्याय 02
UPDATE 025 ( B )
THE EROTIC SUNDAY 10
शिला के घर
ROUND 01
तीनों गदराई औरतें सोफे पर झुक कर अपनी नंगी गाड़ कैमरा के आगे हिलाती है और कैमरा रज्जो की रसीली गाड़ पर जूम होता है , उसके लचीले चूतड़ हवा में उछलते हुए बुर के फांके की झलक दे जाते , जिसे देख कर मानसिंह अपना लंड मसलने लगा था
: वाह भाभी क्या मस्त शॉट है , शेक इट बेबी उन्ह्ह्ह सीईईई वाट ए ह्यूज ऐश बीच उम्ममम
मानसिंह कैमरे से उनकी वीडियो बनाते हुए बोला और फिर कैमरे एक जगह सेट कर लपक कर उनकी ओर गया
: ओह्ह्ह्ह मेरे राजा सीईईई ओह्ह्ह
एकदम से मानसिंह ने शिला की उछलती गाड़ पकड़ उसके बुर के फांके पर उंगली चलाई और वो मचल उठी और फिर कम्मो की गाड़ फैलाते हुए तीन चार उसकी खुली बुर के फांके में उंगली पेली और रज्जो के पास पहुंच गया
उसके चूतड़ों को सहलाते हुए उसके गीली बुर को सहलाया तो रज्जो ने लपक कर उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह नंदोई जी बड़ा गर्म हथियार है , जरा इधर आना तो
फिर रज्जो उसको सोफे पर लिटा कर उसका लंड पकड़ कर सहलाने लगी
: ओह्ह्ह्ह भाभी जी आराम से , ओह्ह्ह्ह सूखा है उम्मम
: अभी गिला कर देती मेरे राजा उम्ममम सीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह
रज्जो ने उसका सुपाड़ा गपूच लिया और चूसने लगी , मानसिंह उसका सर पकड़ सहलाने लगा
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम सक इट उम्मम अह्ह्ह्ह्ह यस डिप और ओह्ह्ह गॉड उम्मम फक्क
एकदम से उसकी नजर अपने बगल में गई तो शिला कम्मो के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी बुर चटवा रही थी कम्मो अपनी जांघें फैलाए उसके आगे लेटी हुई थी : ओह्ह्ह्ह कम्मो चाट उम्मम तेरी जीभ मुझे पागल कर देती ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की चिकनी चूत की ओर झुक गया और उसकी गुलाबी फांकों वाली खुली हुई बुर चाटने लगता है : उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह दीदी भइया ने मेरी बुर लेली है ओह्ह्ह्ह मैयाआ ओह्ह्ह गॉड आराम से राजा ओह्ह्ह्ह उम्ममम
: तू मत रुक , मेरी तड़प बढ़ रही है ओह्ह्ह चाट उम्मम
दोनों बहनों की रसदार चुसाई देख कर रज्जो ने मानसिंह का लंड और गहरे मुंह में लेने लगी , उससे आड़ सहलाती हुई चाटने लगी , जिससे मानसिंह का लंड पूरी तरह अकड़ गया और तैयार हो गया था , उसने कम्मो की बुर छोड़ दी और कम्मो मचल उठी : ओह्ह्ह् क्या हुआ चाटो न
: रुक मेरी जान ये है , ये चाटेगी, चाट मेरी जान , चूस ले उसकी बुर ( मानसिंह ने रज्जो को उठा कर सोफे पर घोड़ी बना दिया और रज्जो उसकी जांघों में आकर कम्मो की रस छोड़ती फांकों को चुभलाने लगी )
वही पीछे से मानसिंह ने अपना गिला लंड रज्जो की बुर में उतार दिया गहरे : हाय दैय्या सीईई ओह्ह्ह कितना अंदर डालोगे नंदोई जी ओह्ह्ह , लंड है या बास उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो से अपनी तारीफ सुनकर मानसिंह का जोश बढ़ गया और वो हुमुच कर रज्जो की चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर हच्च हच्च पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम रुकना मत नहीं तो
: अगर रुके तो इनकी बहनिया मै पेलूंगी भाभी ( शिला कम्मो के मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: ओह्ह्ह भाभी अपनी जुबान सही जगह चलाओ न ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम और और उम्ममम
कमरे चीखे पूरे तेज से उठ रही थी किसी को कोई डर नहीं ,
मानसिंह रज्जो की गाड़ पकड़े ताबड़तोड़ पेले जा रहा था और उसके जीभ से कम्मो की बुर कुलबुला रही थी : मुझे भी दो न, मुझे भी लंड चाहिए ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स
मानसिंह ने रज्जो के चूतड़ थपथपा कर साइड किया और खुद सोफे के बीच में आकर कम्मो को अपनी ओर खींच लिया : आजा मेरी जान तुझे लंड की सवारी कराता हूं ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम फक्क ओह्ह्ह
कम्मो ने लंड की ग्रिप पकड़ कर तेजी से अपनी गाड़ उसके लंड पर पटकने लगी और पूरा लंड अपनी बुर की गहराई में ले जाने लगी उसके साथ रज्जो और शिला भी अपने चूतड़ हवा में उछाल रहे थे कैमरे के आगे
उस नजारे में तीनों चूतड़ एक साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और मानसिंह ने नीचे से पेलने शुरू कर दिया
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई
कम्मो की चीखे तेज ही गई और रज्जो ने अपने पंजे उसके उछलते चूतड़ों पर रख दिए , और पीछे से उसकी गाड़ कुरेदने लगी, शिला ने नहीं दूसरी ओर मानसिंह के आड टटोलने लगी
जिससे मानसिंह का लंड और फौलादी होने लगा और रज्जो ने कम्मो की गाड़ में उंगली पेल दी थी
,कम्मो की बुर का छल्ला खुद टाइट ही गया और वो तेजी से झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह ममाआ ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस भाभी ओह्ह्ह आ रहा है आ रहा है रुको मत डालो पेलो फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
कम्मो खुद से मानसिंह के लंड पर मथने लगी और उसके जांघें थरथरा रहे थे जब वो झड़ रही थी , और फिर सुस्त होने लगी तो शिला ने उसे खींच लिया और दोनों तरफ पैर फेक कर सामने से मानसिंह के लंड को बिना आराम दिए अपनी बुर में भर लिया और उछलने लगी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई मेरे राजा कितना मोटा कर रखा है आज तो ओह्ह्ह्ह पूरा डालो न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( शिला ने उसके आड़ सहलाते हुए लंड को पूरा बुर में लेने लगी )
शिला की मादक सिसकिया सुन कम्मो और रज्जो ने दोनों तरफ से उसकी जांघों और सीने को सहलाना शुरू कर दिया दोनो उसकी उछलती चूचियों को पकड़ कर सहलाते हुए जांघें पकड़ कर फैलाने लगी जिससे उसकी बुर और कसने लगी लंड पर
: ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह क्या कर रही उम्मम कम्मो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यश मेरे राजा और तेज ओह्ह्ह डालो और और कस के ओह
इधर मानसिंह ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू आकर दी और कम्मो ने शिला की एक चुची मुंह में लेकर चूसने लगी
रज्जो की उंगलियां सरकते हुए शिला के फांकों पर आ गई और उसके दाने को छेड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह भाभीईई नहीं ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
अपने बुर के दाने पर रज्जो की उंगली पाते ही शिला अकड़ने लगी और कम्मो उसके चूचों को पकड़ मुंह ने भरने लगी तो रज्जो ने भी दूसरी चुची मुंह में ले ली और तेजी से उसकी बुर सहलाने लगी
वही नीचे से मानसिंह पूरी ताकत से उसको पेले जा रहा था
: ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी
ये सुनते ही रज्जो ने नीचे से एक उंगली बुर में पेल दी और अब शिला के बुर में लंड के साथ साथ एक उंगली भी अंदर बाहर हो रही थी और देखते ही देखते शिला के कमरे झटके खाने लगे और झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है पेलो मेरे राजा उम्मम पेलो और और उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
इधर रज्जो की उंगली का असर मानसिंह के लंड पर भी होने लगा था , शिला की बुर एकदम कस चुकी थी और पिछले 30 मिनट से वो ताबड़तोड़ पेले ही जा रहा था और वो भी चिंघाड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह मेरी रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी जल्दी पोजिशन लो सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
इतना कहने की देरी थी रज्जो फिर शिला और उसके ऊपर कम्मो अब एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर अपने चूतड़ कैमरे की ओर करके हिलाने लगे
और मानसिंह ने अपना लंड निकाल कर हिलाते हुए बारी बारी से तीनों के चूतड़ पर झड़ने लगा : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मजा आ गया ओह्ह्ह् मेरी रंडियों उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आज तुम तीनों के गाड़ को नहला दूंगा लो सीईईई ओह्ह्ह्ह
आखिर तक मानसिंह अपना लंड झाड़ता रहा और
फिर उसने उसी पोजीशन में अपने वीडियो थंबनेल के एक फोटो निकाली
जिसमें से तीनों की बुर से रस टपक रहे थे और उनके चूतड़ों से मानसिंह का वीर्य रिस रहा था ।
चमनपुरा
रागिनी ने किचन से काम निपटाया और इस दौरान उसने नोटिस किया कि कैसे अनुज बार बार बिस्तर पर बैठे हुए हुए कमरे से झांक कर उसके आने की राह देख रहा था
रागिनी मुस्कुरा कर हाथ पोंछते हुए कमरे में आई और अनुज एकदम से किताबें देखने लगा
अनुज ने देखा कि उसकी मां अपनी साड़ी उतार रही थी और पेटीकोट में उसके चौड़े कूल्हे देख कर अनुज का दिल मचलने लगा ।
चोर नजरो से वो अपनी मां को देखने लगा और फिर रागिनी ने कमरे का दरवाजा बंद कर उसके पास आकर पेट के बल होकर होकर लेट गई और उसके रखे हुए नोट बुक देखने लगी
ऐसा करने से सामने से अनुज को अपनी मां की गोरी चूचियों की चिपकी हुई लंबी घाटी दिखने लगी
: आज पढ़ने में मन नहीं है न क्यों ( रागिनी ने होठ सिकोड़ कर मुस्कुराते हुए अनुज को देखा और अनुज लजा कर मुंह छिपाने लगा )
: बदमाश कही का , देख रही हूं कबसे तांक झांक कर रहा है । जैसे मै आऊंगी नहीं क्या ?
अनुज थोड़ा शांत होकर मुस्कुरा रहा था
फिर रागिनी उसकी किताबें बंद करती हुई उन्हें उठा कर साइड करती हुई : हटा ये सब और चल सो जा जब नहीं पढ़ना है तब
रागिनी ने थोड़ा झूठ मूठ की डांट लगाई उसे और अनुज का मुंह बन गया सोने के नाम पर
उसे तो कितनी सारी बातें करनी थी और कबसे उसका लंड लोवर में पंप हो रहा था ।
: मम्मीइई ( मुंह बना कर रागिनी से बोला वो )
: बत्ती बंद कर के आजा , मै तो चली बिस्तर में हीहीही ( रागिनी कम्बल खोलती हुई बिस्तर में आ गई )
अनुज उतरे हुए मन से बत्ती बुझा कर बिस्तर में आ गया
कमरे में घुप्प अंधेरा था और नाइट बल्ब भी बंद थी , अनुज किसी तरह टटोलते हुए रागिनी की ओर से बिस्तर पर चढ़ने लगा
: अरे पागल ऊपर चढ़ेगा क्या हीहीही
अनुज उसकी खिलखिलाहट सुन कर खुश हो गया और उसके ऊपर से फांद कर बिस्तर के दूसरी ओर चला गया और खिखियाते हुए रागिनी के कम्बल में घुस गया
: अरे चिपक क्यों रहा है , दूर सो न तेरे पैर ठंडे है ( रागिनी ने उसे छेड़ा और अनुज को कल रात वाली रागिनी की मस्ती याद आई और वो वही नाटक दोहराने लगा )
: क्यों , आपने कल बोला था न रोज मुझसे चिपक कर सोओगे ( ये बोलकर अनुज ने अपना हाथ फेक कर उसके नरम चर्बीदार पेट को पकड़ कर एकदम से उससे सट गया बिनाये सोचे कि उसका लंड खूंटे जैसा नुकीला होकर उसकी मां के जांघ पर कोचना शुरू कर देगा , लेकिन रागिनी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी )
: हट बदमाश छोड़ मुझे , अह्ह्ह्ह सोनल के पापा बचाओ मुझे
: हीही हाहाहा कोई नहीं आएगा
अनुज ने अपनी मम्मी को गुदगुदाना शुरू किया और वो एकदम से उससे लिपट गई । जैसे ही रागिनी की बिना ब्रा वाली चूचियां ब्लाउज के ऊपर से उसके सीने पर धंसी अनुज एकदम से सिहर उठा और रागिनी उसकी ओर करवट लेकर हो गई थी , अनुज का हाथ सरक कर रागिनी के कूल्हे पर आ गया था जिसकी नरमी अनुज पेटीकोट के ऊपर से महसूस कर रहा था
अनुज एकदम से शांत हो गया उसका लंड लोवर में पूरा टाइट था और बड़ा सा नुकीला तंबू बन गया था , उसने अपने चूतड़ पीछे कर लिए ताकि उसकी मां के जांघ या पेट के पास कही चुभ न जाए ।
रागिनी उसकी चुप्पी को समझ नहीं पाई : क्या हुआ ?
: कुछ भी तो नहीं ( अनुज सीधा लेट गया ना चाहते हुए भी उसने अपनी मां के गुदाज चर्बीदार चूतड़ों पर से हाथ पीछे कर लिए )
अनुज के देह में हरकत होते ही रागिनी उसके पास सरक आई और अनुज के पेट पर छूने लगी एकदम से अनुज खिलखिलाने लगा उसे गुदगुदी हो रही थी जैसे जैसे रागिनी उसकी टीशर्ट में हाथ घुसा रही थी
: हीहीही मम्मी निकालो न गुदगुदी हो रही है
: क्यों निकालू, तूने भी किया था न
: अच्छा सॉरी न , हीही हाहाहा
: बड़ा आया मुझसे जितने वाला ( रागिनी ने उसे चिढ़ाया )
: मम्मी
: हा !!
: आपने बताया नहीं ?
एकदम से रागिनी की धड़कने तेज हो गई , कमरे में एक चुप्पी सी बढ़ने लगी और दोनों सांसे गर्माने लगी थी । लेकिन रागिनी के लिए मसला ये था कि अनुज किस बारे में सवाल कर रहा था ? रागिनी ने तो उसे दो बार टाल दिया था और रागिनी समझ रही थी कि उसे जवाब देना ही पड़ेगा ।
: क्या नहीं बताया ?
: वही कि आप वो वाली ड्रेस क्यों नहीं पहनते ? जो वीडियो के दिखा था
( हिम्मत कर अनुज ने अपना पहला सवाल दागा )
रागिनी चुप थी
: आपने बोला था कि आप बाद में बताओगे , बोलो न प्लीज
रागिनी ने अनुज को उसके हिसाब से समझाना सही समझा और बात घुमाती हुई: जितना तू तेरे पापा के बारे में जानता है , तुझे क्या लगता है कि उन्होंने मुझे वो वाले कपड़े पहनने को नहीं कहा होगा
: उम्मम हो भी सकता है , पापा तो बहुत रोमांटिक है न ( अनुज ने अनुमान लगाया )
: हीहीही वो ऐसी चीजों के बड़े शौकीन भी है , हे भगवान ना जाने कहा कहा से उनको मिल जाती है
: तो क्या आपके पास है ?
रागिनी एकदम से चुप हो गई और मुस्कुरा रही थी
: हम्म्म क्यों ?
: फिर आप पहनते क्यों नहीं ?
: तू पागल है , अब क्या वो पहन कर घर में घूमूं
: क्यों उसमें क्या है ? ( अनुज बस अपनी मां की लिमिट परख रहा है )
: तू पागल है क्या
अनुज : मम्मी बताओ न
रागिनी हंसती हुई : अरे पागल उसमें पूरा बदन झलकता है और घर में कैसे पहन कर रहूंगी
अनुज : क्यों ?
रागिनी : अरे मान ले तू छोटा है तेरे सामने रह लूंगी लेकिन राज , वो तो बड़ा हो गया है न
रागिनी की बातें सुनकर अनुज अपने मन में ख्याली पुलाव बनाने लगा और लंड में हरकत होने लगी ।
रागिनी : वो क्या सोचेगा मेरे बारे में
अनुज : यही कि आप मॉर्डन हो
रागिनी : ओहो तू बड़ा भोला है अभी इनसब के लिए, जब तेरी बीवी आएगी तब पता चलेगा
अनुज : ऐसा क्या पता चलेगा जब अभी नहीं पता है मुझे
रागिनी : देख जब तू राज जितना बड़ा हो जाएगा और तेरी शादी की उम्र हो जाएगी तब तुझे सब समझ आने लगेगा
अनुज : जैसे पापा फ़िल करते है वैसा ?
रागिनी : हा
अनुज : तो क्या भैया अगर आपको देखेगा उस नाइटी में तो उसको भी पापा जैसा फिल होगा
रागिनी एकदम से सन्न हो गई उम्मीद से विपरीत सवाल करेगा : क्या मतलब?
अनुज : अगर राज भैया आपको उस नाइटी में देखेगा तो क्या ..
रागिनी उसको टोकती हुई : हा हा समझ गई
रागिनी थोड़ा सोचने लगी
अनुज : बताओ न मम्मी, क्या ऐसा हो सकता है
रागिनी : अब पता नहीं , मै क्या जानू उसके मन में क्या चल रहा है ।
अनुज : तो पता करें ?
रागिनी चौकी : पता करें मतलब ?
अनुज : आप वो नाइटी पहन कर भैया के सामने आना तो देखते है वो क्या रिएक्ट करता है
रागिनी हंसते हुए : तू पागल है , अकल है या नहीं तेरे में
अनुज : आप ट्राई करो न एक बार , अगर भैया को दिक्कत नहीं हुई तो आप घर में आराम से पहन कर रह सकोगे न
रागिनी अनुज के तर्क पर मुस्कुराने लगी और सोचा अगर इसकी बात नहीं मानी तो ये ऐसे ही सवाल जवाब करता रहेगा और अंत में करवाएगा अपनी मन की ही है ।
रागिनी : अरे तू नहीं समझता , वो ड्रेस ऐसे नहीं अच्छी लगती , उसके लिए मुझे हेयर रिमूव करना पड़ेगा
अनुज : तो कर लो ?
रागिनी : तू नहीं मानेगा ,
अनुज : हीहिही, अच्छा सुनो न ?
रागिनी : अब क्या है बोल
अनुज : वो , हेयर रिमूव से याद आया पापा वाली बात तो आपने नहीं बताई न
रागिनी : अब क्या बताऊं उसमें ?
अनुज थोड़ा रुक कर : यही कि पापा आपको वहां किस करते है क्या नीचे ?
रागिनी चुप रही , उसको हंसी आ रही थी कि क्या ही बोले अब छिपाने जैसा अनुज के सामने कुछ रहा भी नहीं
रागिनी : हम्म्म
अनुज : और पीछे भी ?
रागिनी : हा भई करते है , ऊपर नीचे आगे पीछे हर जगह , जहा नहीं करना चाहिए वहां भी , हो गया तेरा , कर ली जासूसी , जान गया सब
अनुज का हलक सूखने लगा और और वो कम्बल के हल्का सा लंड मसल कर : आपको पसंद है ?
रागिनी ने इस बार माथा पकड़ लिया : तुझे क्यों जानना है , कि मुझे क्या पसंद है या नहीं
अनुज : अरे बताओ न, पापा आपको जबरजस्ती किस नहीं न करते ?
रागिनी : हीहीही पागल , हा पसंद है
अनुज का लंड ये सोच और अकड़ गया कि उसकी मां को अपनी बुर चटवाने में मजा आता है ।
रागिनी : और कुछ
अनुज : नहीं
रागिनी : तो मै सो जाऊं
अनुज : हम्म्म ठीक है
रागिनी हसने लगी
अनुज : आप कल पहनोगे न ?
रागिनी : हा बाबा पहन लूंगी , भले मुझे सर्दी लग जाए लेकिन पहन लूंगी ।
अनुज : अरे नहीं बस भैया एक बार देख ले, उसके बाद आप चेंज कर लेना
रागिनी हस कर : नहीं नहीं मै तो वैसे दुकान भी जाऊंगी
अनुज : भक्क नहीं , कैसा लगेगा ? सब कोई देखेगा आपको
रागिनी हसने लगी और अनुज को अपनी ओर खींच लिया : चल बहुत हो गई बात चीत अब सो जा
अनुज भी खुश था अपनी नई कल्पनाओं में खो कर
आने वाली सुबह कुछ नए किस्से गढ़ने वाली थी ।
वही रागिनी ने भी कुछ अपने सपने सजोने लगी थी या यूं कहो कि कहानी गढ़ने लगी ।
शिला के घर
ROUND 02
झड़ने के बाद शीला अपने मेहनत की मलाई चाट रही थी जो मानसिंह के लंड पर लगी थी और उसकी लपलपाते जीभ ने मानसिंह के सुस्त पड़ती लंड की नसों में जान ला दी और मानसिंह ने उसका चेहरा पकड़ कर उसके मुंह में पेलना शुरू कर दिया : ओह्ह्ह्ह ले मेरी जान पूरा ले उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो जो मानसिंह के पास बैठी हुई वो अपनी रसीली छातियां मिज रही थी और तभी कम्मो के पीछे से रामसिंह अपना लंड मसलता हुआ कमरे में दाखिल हुआ
रज्जो : ओहो छोटे नंदोई जी ,मुझे लगा कि आप सुबह ही उठेंगे हाहाहाहाहा
रामसिंह : सुबह तक आपको इंतजार करवाना सही नहीं लगा , ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेबी आराम से ओह्ह्ह्ह पहले ही इसको निचोड़ चुकी हो
रज्जो कम्मो को रामसिंह का लंड लंड चूसता देख खड़ी होकर मानसिंह के चूतड़ सहलाती हुई उसके आड़ छूकर रामसिंह को चिटकाया: ये याद है नंदोई जी उम्मम
रामसिंह ने मानसिंह की स्थिति देख कर अपने ऊपर बीते वो कामुकता के पल याद करता हुआ सिहर उठा और कम्मो के मुंह में लंड पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह भाभी कैसे भूल सकता हूं , शिला भाभी ने ऐसा चूसा था कि ओह्ह्ह्ह मेरी जान आराम से
रज्जो : अरे हटो न दीदी , सारा रस निचोड़ लोगी क्या जरा मुझे भी दो सीई उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या कितना टाइट है ओह्ह्ह्ह
रज्जो ने शिला को धकेल कर मानसिंह के लंड को मुंह में लेकर बैठ गई और शिला सरक कर रामसिंह की ओर चली गई और रामसिंह उसकी नंगी चूचियां पकड़ पर पीने लगा : उफ्फ भाभी आपके दूध उम्मम कितनी भी निचोड़ो बड़ा रस होता है इनके उम्ममम
: अह्ह्ह्ह पी लो देवर जी ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
वही दूसरी तरफ रज्जो के साथ साथ कम्मो भी मानसिंह का लंड छूने लगी, लेकिन मानसिंह का लंड मुंह में ना आता देख उसने रज्जो की चूचियां मुंह में ले ली और निप्पल काटने लगी : सीईईई ओह्ह्ह साली काट क्यों रही ही ओह्ह्ह्ह गॉड आराम से नंदोई जी
रज्जो ने तो कम्मो को रोकना चाहा लेकिन मानसिंह भी झुक कर रज्जो की रसीली छातियां पकड़ कर पीने कहा और वही दूसरी ओर रामसिंह ने अपना लंड शिला के आगे परोस दिया था
: ओह्ह्ह भाभी उम्ममम चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह आपका ये अंदाज उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी रसभरी जीभ है तेरी ओह्ह्ह साली कुतिया ले चूस उम्मम्म और ले
रामसिंह अपना लंड उसके मुंह कर मारते हुए उसके बाल पकड़ कर वापस उसके मुंह में लंड पेलने लगा
: ओह्ह्ह साली रंडी ओह्ह्ह खा जाएगी क्या ओह्ह्ह , नंदोई जी जरा डालना तो उसकी गाड़ में अपना बास रज्जो ने कम्मो को खींच कर सोफे पर चढ़ा दिया और मानसिंह अपना गिला सुपाड़ा सीधा कम्मो के गाड़ के सुराख पर लगाता हुआ उतार दिया : ओह्ह्ह्ह भाई साहब ओह्ह्ह्ह कितना मोटा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई
कम्मो की कामुक तेज सिसकियों से रामसिंह का लंड अकड़ रहा था और वो शिला को खींच सोफे पर सुला दिया और लंड सीधा उसकी जांघें फैला कर चूत में उतारते हुए ओर जोश में पेलने लगा
ओह्ह्ह्ह देवर जी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह और और उम्मम
इधर रज्जो की बुर दोनों भाइयों को एकदम दूसरे की बीवी बदल कर चोदते देख कुलबुलाने लगी , वो सोफे पर चढ़ कर अपनी बुर सहला रही थी और सिसक रही थी
मानसिंह तेजी से कम्मो की गाड़ चोद रहा था और कम्मो अपनी बहन को अपने पास सिसकियां खाता देख उसे दुलारती हुई उसकी ओर झुक गई और उसके लिप्स चूसने लगी
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की गाड़ से निकल लंड लेकर रज्जो के आगे परोस दिया और रज्जो ने बिना हिचक के उसका लंड चूसने लगी :: सीई ओह मेरी रंडी भाभी ओह्ह्ह्ह सच में तुझ जैसी पक्की रंडी नहीं देखी ओह्ह्ह् और चूस मेरी जान उम्मम
इधर कम्मो शिला की ओर सरकती हुई रामसिंह के लंड को छूने लगी और रामसिंह समझ गया कि कम्मो को क्या चाहिए , उसने भी शिला की रस भरी बुर से अपना लंड निकाल कर नीचे बैठ गया सोफे पर टेक लगा कर और कम्मो उसके पैरो के आकर कैमरे के आगे अपनी गाड़ हवा में लहराती हुई उसका लंड चूसने लगी : ओह्ह्ह मेरी जान चाट ले अपनी बहन का बुर का रस ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह क्या मस्त चुस्ती है ओह्ह्ह्ह
: आप क्यों ललचा रहे देवर जी आप भी चाट लो न आओ
इतना बोलकर शिला भी उसके मुंह पर पैर फेक कर अपनी चूत रख दी
तभी एकदम से एक करारी चीख उठी सबकी नजरे सोफे पर गई , जहा मानसिंह रज्जो को सोफे पर खड़ा कर पीछे से उसकी गाड़ में अपना बांस जैसा मोटा लंड उतार चुका था और हच्च हच्च पेल रहा था : ले साली रांड आज की रात तू ताउम्र याद रहेगी तुझे , कि कभी तुझे गाड मरवाई थी
: हा मेरे राजा फाड़ दो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह मै ये पल कभी भी भूल सकती ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई
: उफ्फ साली तेरी गाड़ हर वक्त कितनी कसी रहती कितना भी चोद लो ओह्ह्ह्ह हम्ममम
: चोद चोद के इतना सूजा दोगे तो क्या होगा ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई पेलो आयेगा मेरा उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो तेजी से झड़ने लगी और मानसिंह उसको छोड़ कर कम्मो के पास चला गया जो रामसिंह का लंड चूस रही थी और पीछे से उसकी लहराती गाड़ को देख कर अपने लंड को सीधा उसकी गाड़ के सुराख में उतार दिया और पेलने लगा : उफ्फ बहनचोद क्या मस्त लचीली गाड़ है तेरी साली तुम दोनों बहनों की
कम्मो की आंखे बड़ी हो गई जब एकदम से मानसिंह ने पीछे से अपना लंड उसकी गाड़ में उतार दिया : ओह्ह्ह्ह मेरे राज फाड़ दोगे क्या ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह फक्क मीईईई सीई ओह्ह्ह्ह।।
इधर कम्मो की मादक सिसकिया सुन कर रामसिंह उठ कर शिला को सोफे पर घोड़ी बना दिया और उसके गाड़ में लंड डाल दिया : ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई अब आए हो न सही जगह पर , फाड़ो ओह्ह्ह्ह रुकना मत ओह्ह्ह्ह कितना गर्म और गिला है सीई ओह्ह्ह
वही दोनों बहनों की चुदाई देख आकर रज्जो मानसिंह के आगे फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी और दोनों भाई उसके हिलते चूतड़ देख कर पूरे जोश ने दोनों बहनों की गाड़ फाड़ने लगे
इधर मानसिंह फिर से चिंघाड़ने लगा : आजाओ रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा ओह्ह्ह्ह शिला आजा मेरी जान उम्मम
तीनों फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी सोफे पर और मानसिंह ने एक बार तीनों की गाड़ पर पिचकारी छोड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह बहिनचोद अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह लो साली रंडियों सीई फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह भैया मेरा भी आयेगा ( बगल के खड़ा रामसिंह अपना लंड हिलाने लगा और उसने भरी बारी बारी से तीनों के चूतड़ों को नहला दी
फिर दोनों भाई हांफते हुए सोफा पकड़ लिये
वही वो तीनो हसीन रंडियों के चेहरे पर सिकन तक नहीं थी , उनकी खिलखिलाहट अभी भी बरकरार थी और वो तीनो वापस उनकी ओर बढ़ रही एक और धमाकेदार राउंड के लिए
जारी रहेगी
( इस अपडेट के साथ THE EROTIC SUNDAY के सभी अपडेट खत्म हुए )
Thanks For Update Bhaiकहानी की अगली कड़ी पोस्ट कर दी गई है पढ़ कर रेवो लाइक जरूर करें
Superb Update Bhaiअध्याय 02
UPDATE 025 ( B )
THE EROTIC SUNDAY 10
शिला के घर
ROUND 01
तीनों गदराई औरतें सोफे पर झुक कर अपनी नंगी गाड़ कैमरा के आगे हिलाती है और कैमरा रज्जो की रसीली गाड़ पर जूम होता है , उसके लचीले चूतड़ हवा में उछलते हुए बुर के फांके की झलक दे जाते , जिसे देख कर मानसिंह अपना लंड मसलने लगा था
: वाह भाभी क्या मस्त शॉट है , शेक इट बेबी उन्ह्ह्ह सीईईई वाट ए ह्यूज ऐश बीच उम्ममम
मानसिंह कैमरे से उनकी वीडियो बनाते हुए बोला और फिर कैमरे एक जगह सेट कर लपक कर उनकी ओर गया
: ओह्ह्ह्ह मेरे राजा सीईईई ओह्ह्ह
एकदम से मानसिंह ने शिला की उछलती गाड़ पकड़ उसके बुर के फांके पर उंगली चलाई और वो मचल उठी और फिर कम्मो की गाड़ फैलाते हुए तीन चार उसकी खुली बुर के फांके में उंगली पेली और रज्जो के पास पहुंच गया
उसके चूतड़ों को सहलाते हुए उसके गीली बुर को सहलाया तो रज्जो ने लपक कर उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह नंदोई जी बड़ा गर्म हथियार है , जरा इधर आना तो
फिर रज्जो उसको सोफे पर लिटा कर उसका लंड पकड़ कर सहलाने लगी
: ओह्ह्ह्ह भाभी जी आराम से , ओह्ह्ह्ह सूखा है उम्मम
: अभी गिला कर देती मेरे राजा उम्ममम सीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह
रज्जो ने उसका सुपाड़ा गपूच लिया और चूसने लगी , मानसिंह उसका सर पकड़ सहलाने लगा
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम सक इट उम्मम अह्ह्ह्ह्ह यस डिप और ओह्ह्ह गॉड उम्मम फक्क
एकदम से उसकी नजर अपने बगल में गई तो शिला कम्मो के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी बुर चटवा रही थी कम्मो अपनी जांघें फैलाए उसके आगे लेटी हुई थी : ओह्ह्ह्ह कम्मो चाट उम्मम तेरी जीभ मुझे पागल कर देती ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की चिकनी चूत की ओर झुक गया और उसकी गुलाबी फांकों वाली खुली हुई बुर चाटने लगता है : उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह दीदी भइया ने मेरी बुर लेली है ओह्ह्ह्ह मैयाआ ओह्ह्ह गॉड आराम से राजा ओह्ह्ह्ह उम्ममम
: तू मत रुक , मेरी तड़प बढ़ रही है ओह्ह्ह चाट उम्मम
दोनों बहनों की रसदार चुसाई देख कर रज्जो ने मानसिंह का लंड और गहरे मुंह में लेने लगी , उससे आड़ सहलाती हुई चाटने लगी , जिससे मानसिंह का लंड पूरी तरह अकड़ गया और तैयार हो गया था , उसने कम्मो की बुर छोड़ दी और कम्मो मचल उठी : ओह्ह्ह् क्या हुआ चाटो न
: रुक मेरी जान ये है , ये चाटेगी, चाट मेरी जान , चूस ले उसकी बुर ( मानसिंह ने रज्जो को उठा कर सोफे पर घोड़ी बना दिया और रज्जो उसकी जांघों में आकर कम्मो की रस छोड़ती फांकों को चुभलाने लगी )
वही पीछे से मानसिंह ने अपना गिला लंड रज्जो की बुर में उतार दिया गहरे : हाय दैय्या सीईई ओह्ह्ह कितना अंदर डालोगे नंदोई जी ओह्ह्ह , लंड है या बास उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो से अपनी तारीफ सुनकर मानसिंह का जोश बढ़ गया और वो हुमुच कर रज्जो की चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर हच्च हच्च पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम रुकना मत नहीं तो
: अगर रुके तो इनकी बहनिया मै पेलूंगी भाभी ( शिला कम्मो के मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: ओह्ह्ह भाभी अपनी जुबान सही जगह चलाओ न ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम और और उम्ममम
कमरे चीखे पूरे तेज से उठ रही थी किसी को कोई डर नहीं ,
मानसिंह रज्जो की गाड़ पकड़े ताबड़तोड़ पेले जा रहा था और उसके जीभ से कम्मो की बुर कुलबुला रही थी : मुझे भी दो न, मुझे भी लंड चाहिए ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स
मानसिंह ने रज्जो के चूतड़ थपथपा कर साइड किया और खुद सोफे के बीच में आकर कम्मो को अपनी ओर खींच लिया : आजा मेरी जान तुझे लंड की सवारी कराता हूं ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम फक्क ओह्ह्ह
कम्मो ने लंड की ग्रिप पकड़ कर तेजी से अपनी गाड़ उसके लंड पर पटकने लगी और पूरा लंड अपनी बुर की गहराई में ले जाने लगी उसके साथ रज्जो और शिला भी अपने चूतड़ हवा में उछाल रहे थे कैमरे के आगे
उस नजारे में तीनों चूतड़ एक साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और मानसिंह ने नीचे से पेलने शुरू कर दिया
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई
कम्मो की चीखे तेज ही गई और रज्जो ने अपने पंजे उसके उछलते चूतड़ों पर रख दिए , और पीछे से उसकी गाड़ कुरेदने लगी, शिला ने नहीं दूसरी ओर मानसिंह के आड टटोलने लगी
जिससे मानसिंह का लंड और फौलादी होने लगा और रज्जो ने कम्मो की गाड़ में उंगली पेल दी थी
,कम्मो की बुर का छल्ला खुद टाइट ही गया और वो तेजी से झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह ममाआ ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस भाभी ओह्ह्ह आ रहा है आ रहा है रुको मत डालो पेलो फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
कम्मो खुद से मानसिंह के लंड पर मथने लगी और उसके जांघें थरथरा रहे थे जब वो झड़ रही थी , और फिर सुस्त होने लगी तो शिला ने उसे खींच लिया और दोनों तरफ पैर फेक कर सामने से मानसिंह के लंड को बिना आराम दिए अपनी बुर में भर लिया और उछलने लगी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई मेरे राजा कितना मोटा कर रखा है आज तो ओह्ह्ह्ह पूरा डालो न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( शिला ने उसके आड़ सहलाते हुए लंड को पूरा बुर में लेने लगी )
शिला की मादक सिसकिया सुन कम्मो और रज्जो ने दोनों तरफ से उसकी जांघों और सीने को सहलाना शुरू कर दिया दोनो उसकी उछलती चूचियों को पकड़ कर सहलाते हुए जांघें पकड़ कर फैलाने लगी जिससे उसकी बुर और कसने लगी लंड पर
: ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह क्या कर रही उम्मम कम्मो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यश मेरे राजा और तेज ओह्ह्ह डालो और और कस के ओह
इधर मानसिंह ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू आकर दी और कम्मो ने शिला की एक चुची मुंह में लेकर चूसने लगी
रज्जो की उंगलियां सरकते हुए शिला के फांकों पर आ गई और उसके दाने को छेड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह भाभीईई नहीं ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
अपने बुर के दाने पर रज्जो की उंगली पाते ही शिला अकड़ने लगी और कम्मो उसके चूचों को पकड़ मुंह ने भरने लगी तो रज्जो ने भी दूसरी चुची मुंह में ले ली और तेजी से उसकी बुर सहलाने लगी
वही नीचे से मानसिंह पूरी ताकत से उसको पेले जा रहा था
: ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी
ये सुनते ही रज्जो ने नीचे से एक उंगली बुर में पेल दी और अब शिला के बुर में लंड के साथ साथ एक उंगली भी अंदर बाहर हो रही थी और देखते ही देखते शिला के कमरे झटके खाने लगे और झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है पेलो मेरे राजा उम्मम पेलो और और उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
इधर रज्जो की उंगली का असर मानसिंह के लंड पर भी होने लगा था , शिला की बुर एकदम कस चुकी थी और पिछले 30 मिनट से वो ताबड़तोड़ पेले ही जा रहा था और वो भी चिंघाड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह मेरी रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी जल्दी पोजिशन लो सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
इतना कहने की देरी थी रज्जो फिर शिला और उसके ऊपर कम्मो अब एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर अपने चूतड़ कैमरे की ओर करके हिलाने लगे
और मानसिंह ने अपना लंड निकाल कर हिलाते हुए बारी बारी से तीनों के चूतड़ पर झड़ने लगा : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मजा आ गया ओह्ह्ह् मेरी रंडियों उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आज तुम तीनों के गाड़ को नहला दूंगा लो सीईईई ओह्ह्ह्ह
आखिर तक मानसिंह अपना लंड झाड़ता रहा और
फिर उसने उसी पोजीशन में अपने वीडियो थंबनेल के एक फोटो निकाली
जिसमें से तीनों की बुर से रस टपक रहे थे और उनके चूतड़ों से मानसिंह का वीर्य रिस रहा था ।
चमनपुरा
रागिनी ने किचन से काम निपटाया और इस दौरान उसने नोटिस किया कि कैसे अनुज बार बार बिस्तर पर बैठे हुए हुए कमरे से झांक कर उसके आने की राह देख रहा था
रागिनी मुस्कुरा कर हाथ पोंछते हुए कमरे में आई और अनुज एकदम से किताबें देखने लगा
अनुज ने देखा कि उसकी मां अपनी साड़ी उतार रही थी और पेटीकोट में उसके चौड़े कूल्हे देख कर अनुज का दिल मचलने लगा ।
चोर नजरो से वो अपनी मां को देखने लगा और फिर रागिनी ने कमरे का दरवाजा बंद कर उसके पास आकर पेट के बल होकर होकर लेट गई और उसके रखे हुए नोट बुक देखने लगी
ऐसा करने से सामने से अनुज को अपनी मां की गोरी चूचियों की चिपकी हुई लंबी घाटी दिखने लगी
: आज पढ़ने में मन नहीं है न क्यों ( रागिनी ने होठ सिकोड़ कर मुस्कुराते हुए अनुज को देखा और अनुज लजा कर मुंह छिपाने लगा )
: बदमाश कही का , देख रही हूं कबसे तांक झांक कर रहा है । जैसे मै आऊंगी नहीं क्या ?
अनुज थोड़ा शांत होकर मुस्कुरा रहा था
फिर रागिनी उसकी किताबें बंद करती हुई उन्हें उठा कर साइड करती हुई : हटा ये सब और चल सो जा जब नहीं पढ़ना है तब
रागिनी ने थोड़ा झूठ मूठ की डांट लगाई उसे और अनुज का मुंह बन गया सोने के नाम पर
उसे तो कितनी सारी बातें करनी थी और कबसे उसका लंड लोवर में पंप हो रहा था ।
: मम्मीइई ( मुंह बना कर रागिनी से बोला वो )
: बत्ती बंद कर के आजा , मै तो चली बिस्तर में हीहीही ( रागिनी कम्बल खोलती हुई बिस्तर में आ गई )
अनुज उतरे हुए मन से बत्ती बुझा कर बिस्तर में आ गया
कमरे में घुप्प अंधेरा था और नाइट बल्ब भी बंद थी , अनुज किसी तरह टटोलते हुए रागिनी की ओर से बिस्तर पर चढ़ने लगा
: अरे पागल ऊपर चढ़ेगा क्या हीहीही
अनुज उसकी खिलखिलाहट सुन कर खुश हो गया और उसके ऊपर से फांद कर बिस्तर के दूसरी ओर चला गया और खिखियाते हुए रागिनी के कम्बल में घुस गया
: अरे चिपक क्यों रहा है , दूर सो न तेरे पैर ठंडे है ( रागिनी ने उसे छेड़ा और अनुज को कल रात वाली रागिनी की मस्ती याद आई और वो वही नाटक दोहराने लगा )
: क्यों , आपने कल बोला था न रोज मुझसे चिपक कर सोओगे ( ये बोलकर अनुज ने अपना हाथ फेक कर उसके नरम चर्बीदार पेट को पकड़ कर एकदम से उससे सट गया बिनाये सोचे कि उसका लंड खूंटे जैसा नुकीला होकर उसकी मां के जांघ पर कोचना शुरू कर देगा , लेकिन रागिनी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी )
: हट बदमाश छोड़ मुझे , अह्ह्ह्ह सोनल के पापा बचाओ मुझे
: हीही हाहाहा कोई नहीं आएगा
अनुज ने अपनी मम्मी को गुदगुदाना शुरू किया और वो एकदम से उससे लिपट गई । जैसे ही रागिनी की बिना ब्रा वाली चूचियां ब्लाउज के ऊपर से उसके सीने पर धंसी अनुज एकदम से सिहर उठा और रागिनी उसकी ओर करवट लेकर हो गई थी , अनुज का हाथ सरक कर रागिनी के कूल्हे पर आ गया था जिसकी नरमी अनुज पेटीकोट के ऊपर से महसूस कर रहा था
अनुज एकदम से शांत हो गया उसका लंड लोवर में पूरा टाइट था और बड़ा सा नुकीला तंबू बन गया था , उसने अपने चूतड़ पीछे कर लिए ताकि उसकी मां के जांघ या पेट के पास कही चुभ न जाए ।
रागिनी उसकी चुप्पी को समझ नहीं पाई : क्या हुआ ?
: कुछ भी तो नहीं ( अनुज सीधा लेट गया ना चाहते हुए भी उसने अपनी मां के गुदाज चर्बीदार चूतड़ों पर से हाथ पीछे कर लिए )
अनुज के देह में हरकत होते ही रागिनी उसके पास सरक आई और अनुज के पेट पर छूने लगी एकदम से अनुज खिलखिलाने लगा उसे गुदगुदी हो रही थी जैसे जैसे रागिनी उसकी टीशर्ट में हाथ घुसा रही थी
: हीहीही मम्मी निकालो न गुदगुदी हो रही है
: क्यों निकालू, तूने भी किया था न
: अच्छा सॉरी न , हीही हाहाहा
: बड़ा आया मुझसे जितने वाला ( रागिनी ने उसे चिढ़ाया )
: मम्मी
: हा !!
: आपने बताया नहीं ?
एकदम से रागिनी की धड़कने तेज हो गई , कमरे में एक चुप्पी सी बढ़ने लगी और दोनों सांसे गर्माने लगी थी । लेकिन रागिनी के लिए मसला ये था कि अनुज किस बारे में सवाल कर रहा था ? रागिनी ने तो उसे दो बार टाल दिया था और रागिनी समझ रही थी कि उसे जवाब देना ही पड़ेगा ।
: क्या नहीं बताया ?
: वही कि आप वो वाली ड्रेस क्यों नहीं पहनते ? जो वीडियो के दिखा था
( हिम्मत कर अनुज ने अपना पहला सवाल दागा )
रागिनी चुप थी
: आपने बोला था कि आप बाद में बताओगे , बोलो न प्लीज
रागिनी ने अनुज को उसके हिसाब से समझाना सही समझा और बात घुमाती हुई: जितना तू तेरे पापा के बारे में जानता है , तुझे क्या लगता है कि उन्होंने मुझे वो वाले कपड़े पहनने को नहीं कहा होगा
: उम्मम हो भी सकता है , पापा तो बहुत रोमांटिक है न ( अनुज ने अनुमान लगाया )
: हीहीही वो ऐसी चीजों के बड़े शौकीन भी है , हे भगवान ना जाने कहा कहा से उनको मिल जाती है
: तो क्या आपके पास है ?
रागिनी एकदम से चुप हो गई और मुस्कुरा रही थी
: हम्म्म क्यों ?
: फिर आप पहनते क्यों नहीं ?
: तू पागल है , अब क्या वो पहन कर घर में घूमूं
: क्यों उसमें क्या है ? ( अनुज बस अपनी मां की लिमिट परख रहा है )
: तू पागल है क्या
अनुज : मम्मी बताओ न
रागिनी हंसती हुई : अरे पागल उसमें पूरा बदन झलकता है और घर में कैसे पहन कर रहूंगी
अनुज : क्यों ?
रागिनी : अरे मान ले तू छोटा है तेरे सामने रह लूंगी लेकिन राज , वो तो बड़ा हो गया है न
रागिनी की बातें सुनकर अनुज अपने मन में ख्याली पुलाव बनाने लगा और लंड में हरकत होने लगी ।
रागिनी : वो क्या सोचेगा मेरे बारे में
अनुज : यही कि आप मॉर्डन हो
रागिनी : ओहो तू बड़ा भोला है अभी इनसब के लिए, जब तेरी बीवी आएगी तब पता चलेगा
अनुज : ऐसा क्या पता चलेगा जब अभी नहीं पता है मुझे
रागिनी : देख जब तू राज जितना बड़ा हो जाएगा और तेरी शादी की उम्र हो जाएगी तब तुझे सब समझ आने लगेगा
अनुज : जैसे पापा फ़िल करते है वैसा ?
रागिनी : हा
अनुज : तो क्या भैया अगर आपको देखेगा उस नाइटी में तो उसको भी पापा जैसा फिल होगा
रागिनी एकदम से सन्न हो गई उम्मीद से विपरीत सवाल करेगा : क्या मतलब?
अनुज : अगर राज भैया आपको उस नाइटी में देखेगा तो क्या ..
रागिनी उसको टोकती हुई : हा हा समझ गई
रागिनी थोड़ा सोचने लगी
अनुज : बताओ न मम्मी, क्या ऐसा हो सकता है
रागिनी : अब पता नहीं , मै क्या जानू उसके मन में क्या चल रहा है ।
अनुज : तो पता करें ?
रागिनी चौकी : पता करें मतलब ?
अनुज : आप वो नाइटी पहन कर भैया के सामने आना तो देखते है वो क्या रिएक्ट करता है
रागिनी हंसते हुए : तू पागल है , अकल है या नहीं तेरे में
अनुज : आप ट्राई करो न एक बार , अगर भैया को दिक्कत नहीं हुई तो आप घर में आराम से पहन कर रह सकोगे न
रागिनी अनुज के तर्क पर मुस्कुराने लगी और सोचा अगर इसकी बात नहीं मानी तो ये ऐसे ही सवाल जवाब करता रहेगा और अंत में करवाएगा अपनी मन की ही है ।
रागिनी : अरे तू नहीं समझता , वो ड्रेस ऐसे नहीं अच्छी लगती , उसके लिए मुझे हेयर रिमूव करना पड़ेगा
अनुज : तो कर लो ?
रागिनी : तू नहीं मानेगा ,
अनुज : हीहिही, अच्छा सुनो न ?
रागिनी : अब क्या है बोल
अनुज : वो , हेयर रिमूव से याद आया पापा वाली बात तो आपने नहीं बताई न
रागिनी : अब क्या बताऊं उसमें ?
अनुज थोड़ा रुक कर : यही कि पापा आपको वहां किस करते है क्या नीचे ?
रागिनी चुप रही , उसको हंसी आ रही थी कि क्या ही बोले अब छिपाने जैसा अनुज के सामने कुछ रहा भी नहीं
रागिनी : हम्म्म
अनुज : और पीछे भी ?
रागिनी : हा भई करते है , ऊपर नीचे आगे पीछे हर जगह , जहा नहीं करना चाहिए वहां भी , हो गया तेरा , कर ली जासूसी , जान गया सब
अनुज का हलक सूखने लगा और और वो कम्बल के हल्का सा लंड मसल कर : आपको पसंद है ?
रागिनी ने इस बार माथा पकड़ लिया : तुझे क्यों जानना है , कि मुझे क्या पसंद है या नहीं
अनुज : अरे बताओ न, पापा आपको जबरजस्ती किस नहीं न करते ?
रागिनी : हीहीही पागल , हा पसंद है
अनुज का लंड ये सोच और अकड़ गया कि उसकी मां को अपनी बुर चटवाने में मजा आता है ।
रागिनी : और कुछ
अनुज : नहीं
रागिनी : तो मै सो जाऊं
अनुज : हम्म्म ठीक है
रागिनी हसने लगी
अनुज : आप कल पहनोगे न ?
रागिनी : हा बाबा पहन लूंगी , भले मुझे सर्दी लग जाए लेकिन पहन लूंगी ।
अनुज : अरे नहीं बस भैया एक बार देख ले, उसके बाद आप चेंज कर लेना
रागिनी हस कर : नहीं नहीं मै तो वैसे दुकान भी जाऊंगी
अनुज : भक्क नहीं , कैसा लगेगा ? सब कोई देखेगा आपको
रागिनी हसने लगी और अनुज को अपनी ओर खींच लिया : चल बहुत हो गई बात चीत अब सो जा
अनुज भी खुश था अपनी नई कल्पनाओं में खो कर
आने वाली सुबह कुछ नए किस्से गढ़ने वाली थी ।
वही रागिनी ने भी कुछ अपने सपने सजोने लगी थी या यूं कहो कि कहानी गढ़ने लगी ।
शिला के घर
ROUND 02
झड़ने के बाद शीला अपने मेहनत की मलाई चाट रही थी जो मानसिंह के लंड पर लगी थी और उसकी लपलपाते जीभ ने मानसिंह के सुस्त पड़ती लंड की नसों में जान ला दी और मानसिंह ने उसका चेहरा पकड़ कर उसके मुंह में पेलना शुरू कर दिया : ओह्ह्ह्ह ले मेरी जान पूरा ले उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो जो मानसिंह के पास बैठी हुई वो अपनी रसीली छातियां मिज रही थी और तभी कम्मो के पीछे से रामसिंह अपना लंड मसलता हुआ कमरे में दाखिल हुआ
रज्जो : ओहो छोटे नंदोई जी ,मुझे लगा कि आप सुबह ही उठेंगे हाहाहाहाहा
रामसिंह : सुबह तक आपको इंतजार करवाना सही नहीं लगा , ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेबी आराम से ओह्ह्ह्ह पहले ही इसको निचोड़ चुकी हो
रज्जो कम्मो को रामसिंह का लंड लंड चूसता देख खड़ी होकर मानसिंह के चूतड़ सहलाती हुई उसके आड़ छूकर रामसिंह को चिटकाया: ये याद है नंदोई जी उम्मम
रामसिंह ने मानसिंह की स्थिति देख कर अपने ऊपर बीते वो कामुकता के पल याद करता हुआ सिहर उठा और कम्मो के मुंह में लंड पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह भाभी कैसे भूल सकता हूं , शिला भाभी ने ऐसा चूसा था कि ओह्ह्ह्ह मेरी जान आराम से
रज्जो : अरे हटो न दीदी , सारा रस निचोड़ लोगी क्या जरा मुझे भी दो सीई उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या कितना टाइट है ओह्ह्ह्ह
रज्जो ने शिला को धकेल कर मानसिंह के लंड को मुंह में लेकर बैठ गई और शिला सरक कर रामसिंह की ओर चली गई और रामसिंह उसकी नंगी चूचियां पकड़ पर पीने लगा : उफ्फ भाभी आपके दूध उम्मम कितनी भी निचोड़ो बड़ा रस होता है इनके उम्ममम
: अह्ह्ह्ह पी लो देवर जी ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
वही दूसरी तरफ रज्जो के साथ साथ कम्मो भी मानसिंह का लंड छूने लगी, लेकिन मानसिंह का लंड मुंह में ना आता देख उसने रज्जो की चूचियां मुंह में ले ली और निप्पल काटने लगी : सीईईई ओह्ह्ह साली काट क्यों रही ही ओह्ह्ह्ह गॉड आराम से नंदोई जी
रज्जो ने तो कम्मो को रोकना चाहा लेकिन मानसिंह भी झुक कर रज्जो की रसीली छातियां पकड़ कर पीने कहा और वही दूसरी ओर रामसिंह ने अपना लंड शिला के आगे परोस दिया था
: ओह्ह्ह भाभी उम्ममम चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह आपका ये अंदाज उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी रसभरी जीभ है तेरी ओह्ह्ह साली कुतिया ले चूस उम्मम्म और ले
रामसिंह अपना लंड उसके मुंह कर मारते हुए उसके बाल पकड़ कर वापस उसके मुंह में लंड पेलने लगा
: ओह्ह्ह साली रंडी ओह्ह्ह खा जाएगी क्या ओह्ह्ह , नंदोई जी जरा डालना तो उसकी गाड़ में अपना बास रज्जो ने कम्मो को खींच कर सोफे पर चढ़ा दिया और मानसिंह अपना गिला सुपाड़ा सीधा कम्मो के गाड़ के सुराख पर लगाता हुआ उतार दिया : ओह्ह्ह्ह भाई साहब ओह्ह्ह्ह कितना मोटा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई
कम्मो की कामुक तेज सिसकियों से रामसिंह का लंड अकड़ रहा था और वो शिला को खींच सोफे पर सुला दिया और लंड सीधा उसकी जांघें फैला कर चूत में उतारते हुए ओर जोश में पेलने लगा
ओह्ह्ह्ह देवर जी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह और और उम्मम
इधर रज्जो की बुर दोनों भाइयों को एकदम दूसरे की बीवी बदल कर चोदते देख कुलबुलाने लगी , वो सोफे पर चढ़ कर अपनी बुर सहला रही थी और सिसक रही थी
मानसिंह तेजी से कम्मो की गाड़ चोद रहा था और कम्मो अपनी बहन को अपने पास सिसकियां खाता देख उसे दुलारती हुई उसकी ओर झुक गई और उसके लिप्स चूसने लगी
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की गाड़ से निकल लंड लेकर रज्जो के आगे परोस दिया और रज्जो ने बिना हिचक के उसका लंड चूसने लगी :: सीई ओह मेरी रंडी भाभी ओह्ह्ह्ह सच में तुझ जैसी पक्की रंडी नहीं देखी ओह्ह्ह् और चूस मेरी जान उम्मम
इधर कम्मो शिला की ओर सरकती हुई रामसिंह के लंड को छूने लगी और रामसिंह समझ गया कि कम्मो को क्या चाहिए , उसने भी शिला की रस भरी बुर से अपना लंड निकाल कर नीचे बैठ गया सोफे पर टेक लगा कर और कम्मो उसके पैरो के आकर कैमरे के आगे अपनी गाड़ हवा में लहराती हुई उसका लंड चूसने लगी : ओह्ह्ह मेरी जान चाट ले अपनी बहन का बुर का रस ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह क्या मस्त चुस्ती है ओह्ह्ह्ह
: आप क्यों ललचा रहे देवर जी आप भी चाट लो न आओ
इतना बोलकर शिला भी उसके मुंह पर पैर फेक कर अपनी चूत रख दी
तभी एकदम से एक करारी चीख उठी सबकी नजरे सोफे पर गई , जहा मानसिंह रज्जो को सोफे पर खड़ा कर पीछे से उसकी गाड़ में अपना बांस जैसा मोटा लंड उतार चुका था और हच्च हच्च पेल रहा था : ले साली रांड आज की रात तू ताउम्र याद रहेगी तुझे , कि कभी तुझे गाड मरवाई थी
: हा मेरे राजा फाड़ दो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह मै ये पल कभी भी भूल सकती ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई
: उफ्फ साली तेरी गाड़ हर वक्त कितनी कसी रहती कितना भी चोद लो ओह्ह्ह्ह हम्ममम
: चोद चोद के इतना सूजा दोगे तो क्या होगा ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई पेलो आयेगा मेरा उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो तेजी से झड़ने लगी और मानसिंह उसको छोड़ कर कम्मो के पास चला गया जो रामसिंह का लंड चूस रही थी और पीछे से उसकी लहराती गाड़ को देख कर अपने लंड को सीधा उसकी गाड़ के सुराख में उतार दिया और पेलने लगा : उफ्फ बहनचोद क्या मस्त लचीली गाड़ है तेरी साली तुम दोनों बहनों की
कम्मो की आंखे बड़ी हो गई जब एकदम से मानसिंह ने पीछे से अपना लंड उसकी गाड़ में उतार दिया : ओह्ह्ह्ह मेरे राज फाड़ दोगे क्या ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह फक्क मीईईई सीई ओह्ह्ह्ह।।
इधर कम्मो की मादक सिसकिया सुन कर रामसिंह उठ कर शिला को सोफे पर घोड़ी बना दिया और उसके गाड़ में लंड डाल दिया : ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई अब आए हो न सही जगह पर , फाड़ो ओह्ह्ह्ह रुकना मत ओह्ह्ह्ह कितना गर्म और गिला है सीई ओह्ह्ह
वही दोनों बहनों की चुदाई देख आकर रज्जो मानसिंह के आगे फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी और दोनों भाई उसके हिलते चूतड़ देख कर पूरे जोश ने दोनों बहनों की गाड़ फाड़ने लगे
इधर मानसिंह फिर से चिंघाड़ने लगा : आजाओ रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा ओह्ह्ह्ह शिला आजा मेरी जान उम्मम
तीनों फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी सोफे पर और मानसिंह ने एक बार तीनों की गाड़ पर पिचकारी छोड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह बहिनचोद अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह लो साली रंडियों सीई फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह भैया मेरा भी आयेगा ( बगल के खड़ा रामसिंह अपना लंड हिलाने लगा और उसने भरी बारी बारी से तीनों के चूतड़ों को नहला दी
फिर दोनों भाई हांफते हुए सोफा पकड़ लिये
वही वो तीनो हसीन रंडियों के चेहरे पर सिकन तक नहीं थी , उनकी खिलखिलाहट अभी भी बरकरार थी और वो तीनो वापस उनकी ओर बढ़ रही एक और धमाकेदार राउंड के लिए
जारी रहेगी
( इस अपडेट के साथ THE EROTIC SUNDAY के सभी अपडेट खत्म हुए )
Awesome Fivesome sex keep it up bhai can't Wait for next update and we want more Anujlajawaab updateअध्याय 02
UPDATE 025 ( B )
THE EROTIC SUNDAY 10
शिला के घर
ROUND 01
तीनों गदराई औरतें सोफे पर झुक कर अपनी नंगी गाड़ कैमरा के आगे हिलाती है और कैमरा रज्जो की रसीली गाड़ पर जूम होता है , उसके लचीले चूतड़ हवा में उछलते हुए बुर के फांके की झलक दे जाते , जिसे देख कर मानसिंह अपना लंड मसलने लगा था
: वाह भाभी क्या मस्त शॉट है , शेक इट बेबी उन्ह्ह्ह सीईईई वाट ए ह्यूज ऐश बीच उम्ममम
मानसिंह कैमरे से उनकी वीडियो बनाते हुए बोला और फिर कैमरे एक जगह सेट कर लपक कर उनकी ओर गया
: ओह्ह्ह्ह मेरे राजा सीईईई ओह्ह्ह
एकदम से मानसिंह ने शिला की उछलती गाड़ पकड़ उसके बुर के फांके पर उंगली चलाई और वो मचल उठी और फिर कम्मो की गाड़ फैलाते हुए तीन चार उसकी खुली बुर के फांके में उंगली पेली और रज्जो के पास पहुंच गया
उसके चूतड़ों को सहलाते हुए उसके गीली बुर को सहलाया तो रज्जो ने लपक कर उसका लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी : ओह्ह्ह्ह नंदोई जी बड़ा गर्म हथियार है , जरा इधर आना तो
फिर रज्जो उसको सोफे पर लिटा कर उसका लंड पकड़ कर सहलाने लगी
: ओह्ह्ह्ह भाभी जी आराम से , ओह्ह्ह्ह सूखा है उम्मम
: अभी गिला कर देती मेरे राजा उम्ममम सीईईई उम्ममम अह्ह्ह्ह
रज्जो ने उसका सुपाड़ा गपूच लिया और चूसने लगी , मानसिंह उसका सर पकड़ सहलाने लगा
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम सक इट उम्मम अह्ह्ह्ह्ह यस डिप और ओह्ह्ह गॉड उम्मम फक्क
एकदम से उसकी नजर अपने बगल में गई तो शिला कम्मो के मुंह पर बैठ कर उससे अपनी बुर चटवा रही थी कम्मो अपनी जांघें फैलाए उसके आगे लेटी हुई थी : ओह्ह्ह्ह कम्मो चाट उम्मम तेरी जीभ मुझे पागल कर देती ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई ओह्ह्ह
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की चिकनी चूत की ओर झुक गया और उसकी गुलाबी फांकों वाली खुली हुई बुर चाटने लगता है : उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह दीदी भइया ने मेरी बुर लेली है ओह्ह्ह्ह मैयाआ ओह्ह्ह गॉड आराम से राजा ओह्ह्ह्ह उम्ममम
: तू मत रुक , मेरी तड़प बढ़ रही है ओह्ह्ह चाट उम्मम
दोनों बहनों की रसदार चुसाई देख कर रज्जो ने मानसिंह का लंड और गहरे मुंह में लेने लगी , उससे आड़ सहलाती हुई चाटने लगी , जिससे मानसिंह का लंड पूरी तरह अकड़ गया और तैयार हो गया था , उसने कम्मो की बुर छोड़ दी और कम्मो मचल उठी : ओह्ह्ह् क्या हुआ चाटो न
: रुक मेरी जान ये है , ये चाटेगी, चाट मेरी जान , चूस ले उसकी बुर ( मानसिंह ने रज्जो को उठा कर सोफे पर घोड़ी बना दिया और रज्जो उसकी जांघों में आकर कम्मो की रस छोड़ती फांकों को चुभलाने लगी )
वही पीछे से मानसिंह ने अपना गिला लंड रज्जो की बुर में उतार दिया गहरे : हाय दैय्या सीईई ओह्ह्ह कितना अंदर डालोगे नंदोई जी ओह्ह्ह , लंड है या बास उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो से अपनी तारीफ सुनकर मानसिंह का जोश बढ़ गया और वो हुमुच कर रज्जो की चर्बीदार चूतड़ों को पकड़ कर हच्च हच्च पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह यशस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह ऐसे ही उम्मम रुकना मत नहीं तो
: अगर रुके तो इनकी बहनिया मै पेलूंगी भाभी ( शिला कम्मो के मुंह पर अपनी चूत रगड़ते हुए बोली )
: ओह्ह्ह भाभी अपनी जुबान सही जगह चलाओ न ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम और और उम्ममम
कमरे चीखे पूरे तेज से उठ रही थी किसी को कोई डर नहीं ,
मानसिंह रज्जो की गाड़ पकड़े ताबड़तोड़ पेले जा रहा था और उसके जीभ से कम्मो की बुर कुलबुला रही थी : मुझे भी दो न, मुझे भी लंड चाहिए ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई ओह मम्मीईईईई ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स
मानसिंह ने रज्जो के चूतड़ थपथपा कर साइड किया और खुद सोफे के बीच में आकर कम्मो को अपनी ओर खींच लिया : आजा मेरी जान तुझे लंड की सवारी कराता हूं ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी उम्मम फक्क ओह्ह्ह
कम्मो ने लंड की ग्रिप पकड़ कर तेजी से अपनी गाड़ उसके लंड पर पटकने लगी और पूरा लंड अपनी बुर की गहराई में ले जाने लगी उसके साथ रज्जो और शिला भी अपने चूतड़ हवा में उछाल रहे थे कैमरे के आगे
उस नजारे में तीनों चूतड़ एक साथ ऊपर नीचे हो रहे थे और मानसिंह ने नीचे से पेलने शुरू कर दिया
: सीईईई ओह्ह्ह यस्स बेबी फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह मम्मीईइई सीईईई
कम्मो की चीखे तेज ही गई और रज्जो ने अपने पंजे उसके उछलते चूतड़ों पर रख दिए , और पीछे से उसकी गाड़ कुरेदने लगी, शिला ने नहीं दूसरी ओर मानसिंह के आड टटोलने लगी
जिससे मानसिंह का लंड और फौलादी होने लगा और रज्जो ने कम्मो की गाड़ में उंगली पेल दी थी
,कम्मो की बुर का छल्ला खुद टाइट ही गया और वो तेजी से झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह ममाआ ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यस भाभी ओह्ह्ह आ रहा है आ रहा है रुको मत डालो पेलो फक्क मीईई ओह्ह्ह्ह यशस्स ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
कम्मो खुद से मानसिंह के लंड पर मथने लगी और उसके जांघें थरथरा रहे थे जब वो झड़ रही थी , और फिर सुस्त होने लगी तो शिला ने उसे खींच लिया और दोनों तरफ पैर फेक कर सामने से मानसिंह के लंड को बिना आराम दिए अपनी बुर में भर लिया और उछलने लगी
: अह्ह्ह्ह सीईईईईई मेरे राजा कितना मोटा कर रखा है आज तो ओह्ह्ह्ह पूरा डालो न उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह ( शिला ने उसके आड़ सहलाते हुए लंड को पूरा बुर में लेने लगी )
शिला की मादक सिसकिया सुन कम्मो और रज्जो ने दोनों तरफ से उसकी जांघों और सीने को सहलाना शुरू कर दिया दोनो उसकी उछलती चूचियों को पकड़ कर सहलाते हुए जांघें पकड़ कर फैलाने लगी जिससे उसकी बुर और कसने लगी लंड पर
: ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह क्या कर रही उम्मम कम्मो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क्क् मीईईईई यश मेरे राजा और तेज ओह्ह्ह डालो और और कस के ओह
इधर मानसिंह ने नीचे से अपनी कमर उठानी शुरू आकर दी और कम्मो ने शिला की एक चुची मुंह में लेकर चूसने लगी
रज्जो की उंगलियां सरकते हुए शिला के फांकों पर आ गई और उसके दाने को छेड़ने लगी : ओह्ह्ह्ह भाभीईई नहीं ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
अपने बुर के दाने पर रज्जो की उंगली पाते ही शिला अकड़ने लगी और कम्मो उसके चूचों को पकड़ मुंह ने भरने लगी तो रज्जो ने भी दूसरी चुची मुंह में ले ली और तेजी से उसकी बुर सहलाने लगी
वही नीचे से मानसिंह पूरी ताकत से उसको पेले जा रहा था
: ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह मेरे राजा ओह्ह्ह्ह भाभीईई ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी
ये सुनते ही रज्जो ने नीचे से एक उंगली बुर में पेल दी और अब शिला के बुर में लंड के साथ साथ एक उंगली भी अंदर बाहर हो रही थी और देखते ही देखते शिला के कमरे झटके खाने लगे और झड़ने लगी : उन्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह आ रहा है पेलो मेरे राजा उम्मम पेलो और और उम्ममम सीईईई ओह्ह्ह
इधर रज्जो की उंगली का असर मानसिंह के लंड पर भी होने लगा था , शिला की बुर एकदम कस चुकी थी और पिछले 30 मिनट से वो ताबड़तोड़ पेले ही जा रहा था और वो भी चिंघाड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह मेरी रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा भी जल्दी पोजिशन लो सीईईई ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह
इतना कहने की देरी थी रज्जो फिर शिला और उसके ऊपर कम्मो अब एक दूसरे के ऊपर चढ़ कर अपने चूतड़ कैमरे की ओर करके हिलाने लगे
और मानसिंह ने अपना लंड निकाल कर हिलाते हुए बारी बारी से तीनों के चूतड़ पर झड़ने लगा : सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई मजा आ गया ओह्ह्ह् मेरी रंडियों उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह आज तुम तीनों के गाड़ को नहला दूंगा लो सीईईई ओह्ह्ह्ह
आखिर तक मानसिंह अपना लंड झाड़ता रहा और
फिर उसने उसी पोजीशन में अपने वीडियो थंबनेल के एक फोटो निकाली
जिसमें से तीनों की बुर से रस टपक रहे थे और उनके चूतड़ों से मानसिंह का वीर्य रिस रहा था ।
चमनपुरा
रागिनी ने किचन से काम निपटाया और इस दौरान उसने नोटिस किया कि कैसे अनुज बार बार बिस्तर पर बैठे हुए हुए कमरे से झांक कर उसके आने की राह देख रहा था
रागिनी मुस्कुरा कर हाथ पोंछते हुए कमरे में आई और अनुज एकदम से किताबें देखने लगा
अनुज ने देखा कि उसकी मां अपनी साड़ी उतार रही थी और पेटीकोट में उसके चौड़े कूल्हे देख कर अनुज का दिल मचलने लगा ।
चोर नजरो से वो अपनी मां को देखने लगा और फिर रागिनी ने कमरे का दरवाजा बंद कर उसके पास आकर पेट के बल होकर होकर लेट गई और उसके रखे हुए नोट बुक देखने लगी
ऐसा करने से सामने से अनुज को अपनी मां की गोरी चूचियों की चिपकी हुई लंबी घाटी दिखने लगी
: आज पढ़ने में मन नहीं है न क्यों ( रागिनी ने होठ सिकोड़ कर मुस्कुराते हुए अनुज को देखा और अनुज लजा कर मुंह छिपाने लगा )
: बदमाश कही का , देख रही हूं कबसे तांक झांक कर रहा है । जैसे मै आऊंगी नहीं क्या ?
अनुज थोड़ा शांत होकर मुस्कुरा रहा था
फिर रागिनी उसकी किताबें बंद करती हुई उन्हें उठा कर साइड करती हुई : हटा ये सब और चल सो जा जब नहीं पढ़ना है तब
रागिनी ने थोड़ा झूठ मूठ की डांट लगाई उसे और अनुज का मुंह बन गया सोने के नाम पर
उसे तो कितनी सारी बातें करनी थी और कबसे उसका लंड लोवर में पंप हो रहा था ।
: मम्मीइई ( मुंह बना कर रागिनी से बोला वो )
: बत्ती बंद कर के आजा , मै तो चली बिस्तर में हीहीही ( रागिनी कम्बल खोलती हुई बिस्तर में आ गई )
अनुज उतरे हुए मन से बत्ती बुझा कर बिस्तर में आ गया
कमरे में घुप्प अंधेरा था और नाइट बल्ब भी बंद थी , अनुज किसी तरह टटोलते हुए रागिनी की ओर से बिस्तर पर चढ़ने लगा
: अरे पागल ऊपर चढ़ेगा क्या हीहीही
अनुज उसकी खिलखिलाहट सुन कर खुश हो गया और उसके ऊपर से फांद कर बिस्तर के दूसरी ओर चला गया और खिखियाते हुए रागिनी के कम्बल में घुस गया
: अरे चिपक क्यों रहा है , दूर सो न तेरे पैर ठंडे है ( रागिनी ने उसे छेड़ा और अनुज को कल रात वाली रागिनी की मस्ती याद आई और वो वही नाटक दोहराने लगा )
: क्यों , आपने कल बोला था न रोज मुझसे चिपक कर सोओगे ( ये बोलकर अनुज ने अपना हाथ फेक कर उसके नरम चर्बीदार पेट को पकड़ कर एकदम से उससे सट गया बिनाये सोचे कि उसका लंड खूंटे जैसा नुकीला होकर उसकी मां के जांघ पर कोचना शुरू कर देगा , लेकिन रागिनी ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी )
: हट बदमाश छोड़ मुझे , अह्ह्ह्ह सोनल के पापा बचाओ मुझे
: हीही हाहाहा कोई नहीं आएगा
अनुज ने अपनी मम्मी को गुदगुदाना शुरू किया और वो एकदम से उससे लिपट गई । जैसे ही रागिनी की बिना ब्रा वाली चूचियां ब्लाउज के ऊपर से उसके सीने पर धंसी अनुज एकदम से सिहर उठा और रागिनी उसकी ओर करवट लेकर हो गई थी , अनुज का हाथ सरक कर रागिनी के कूल्हे पर आ गया था जिसकी नरमी अनुज पेटीकोट के ऊपर से महसूस कर रहा था
अनुज एकदम से शांत हो गया उसका लंड लोवर में पूरा टाइट था और बड़ा सा नुकीला तंबू बन गया था , उसने अपने चूतड़ पीछे कर लिए ताकि उसकी मां के जांघ या पेट के पास कही चुभ न जाए ।
रागिनी उसकी चुप्पी को समझ नहीं पाई : क्या हुआ ?
: कुछ भी तो नहीं ( अनुज सीधा लेट गया ना चाहते हुए भी उसने अपनी मां के गुदाज चर्बीदार चूतड़ों पर से हाथ पीछे कर लिए )
अनुज के देह में हरकत होते ही रागिनी उसके पास सरक आई और अनुज के पेट पर छूने लगी एकदम से अनुज खिलखिलाने लगा उसे गुदगुदी हो रही थी जैसे जैसे रागिनी उसकी टीशर्ट में हाथ घुसा रही थी
: हीहीही मम्मी निकालो न गुदगुदी हो रही है
: क्यों निकालू, तूने भी किया था न
: अच्छा सॉरी न , हीही हाहाहा
: बड़ा आया मुझसे जितने वाला ( रागिनी ने उसे चिढ़ाया )
: मम्मी
: हा !!
: आपने बताया नहीं ?
एकदम से रागिनी की धड़कने तेज हो गई , कमरे में एक चुप्पी सी बढ़ने लगी और दोनों सांसे गर्माने लगी थी । लेकिन रागिनी के लिए मसला ये था कि अनुज किस बारे में सवाल कर रहा था ? रागिनी ने तो उसे दो बार टाल दिया था और रागिनी समझ रही थी कि उसे जवाब देना ही पड़ेगा ।
: क्या नहीं बताया ?
: वही कि आप वो वाली ड्रेस क्यों नहीं पहनते ? जो वीडियो के दिखा था
( हिम्मत कर अनुज ने अपना पहला सवाल दागा )
रागिनी चुप थी
: आपने बोला था कि आप बाद में बताओगे , बोलो न प्लीज
रागिनी ने अनुज को उसके हिसाब से समझाना सही समझा और बात घुमाती हुई: जितना तू तेरे पापा के बारे में जानता है , तुझे क्या लगता है कि उन्होंने मुझे वो वाले कपड़े पहनने को नहीं कहा होगा
: उम्मम हो भी सकता है , पापा तो बहुत रोमांटिक है न ( अनुज ने अनुमान लगाया )
: हीहीही वो ऐसी चीजों के बड़े शौकीन भी है , हे भगवान ना जाने कहा कहा से उनको मिल जाती है
: तो क्या आपके पास है ?
रागिनी एकदम से चुप हो गई और मुस्कुरा रही थी
: हम्म्म क्यों ?
: फिर आप पहनते क्यों नहीं ?
: तू पागल है , अब क्या वो पहन कर घर में घूमूं
: क्यों उसमें क्या है ? ( अनुज बस अपनी मां की लिमिट परख रहा है )
: तू पागल है क्या
अनुज : मम्मी बताओ न
रागिनी हंसती हुई : अरे पागल उसमें पूरा बदन झलकता है और घर में कैसे पहन कर रहूंगी
अनुज : क्यों ?
रागिनी : अरे मान ले तू छोटा है तेरे सामने रह लूंगी लेकिन राज , वो तो बड़ा हो गया है न
रागिनी की बातें सुनकर अनुज अपने मन में ख्याली पुलाव बनाने लगा और लंड में हरकत होने लगी ।
रागिनी : वो क्या सोचेगा मेरे बारे में
अनुज : यही कि आप मॉर्डन हो
रागिनी : ओहो तू बड़ा भोला है अभी इनसब के लिए, जब तेरी बीवी आएगी तब पता चलेगा
अनुज : ऐसा क्या पता चलेगा जब अभी नहीं पता है मुझे
रागिनी : देख जब तू राज जितना बड़ा हो जाएगा और तेरी शादी की उम्र हो जाएगी तब तुझे सब समझ आने लगेगा
अनुज : जैसे पापा फ़िल करते है वैसा ?
रागिनी : हा
अनुज : तो क्या भैया अगर आपको देखेगा उस नाइटी में तो उसको भी पापा जैसा फिल होगा
रागिनी एकदम से सन्न हो गई उम्मीद से विपरीत सवाल करेगा : क्या मतलब?
अनुज : अगर राज भैया आपको उस नाइटी में देखेगा तो क्या ..
रागिनी उसको टोकती हुई : हा हा समझ गई
रागिनी थोड़ा सोचने लगी
अनुज : बताओ न मम्मी, क्या ऐसा हो सकता है
रागिनी : अब पता नहीं , मै क्या जानू उसके मन में क्या चल रहा है ।
अनुज : तो पता करें ?
रागिनी चौकी : पता करें मतलब ?
अनुज : आप वो नाइटी पहन कर भैया के सामने आना तो देखते है वो क्या रिएक्ट करता है
रागिनी हंसते हुए : तू पागल है , अकल है या नहीं तेरे में
अनुज : आप ट्राई करो न एक बार , अगर भैया को दिक्कत नहीं हुई तो आप घर में आराम से पहन कर रह सकोगे न
रागिनी अनुज के तर्क पर मुस्कुराने लगी और सोचा अगर इसकी बात नहीं मानी तो ये ऐसे ही सवाल जवाब करता रहेगा और अंत में करवाएगा अपनी मन की ही है ।
रागिनी : अरे तू नहीं समझता , वो ड्रेस ऐसे नहीं अच्छी लगती , उसके लिए मुझे हेयर रिमूव करना पड़ेगा
अनुज : तो कर लो ?
रागिनी : तू नहीं मानेगा ,
अनुज : हीहिही, अच्छा सुनो न ?
रागिनी : अब क्या है बोल
अनुज : वो , हेयर रिमूव से याद आया पापा वाली बात तो आपने नहीं बताई न
रागिनी : अब क्या बताऊं उसमें ?
अनुज थोड़ा रुक कर : यही कि पापा आपको वहां किस करते है क्या नीचे ?
रागिनी चुप रही , उसको हंसी आ रही थी कि क्या ही बोले अब छिपाने जैसा अनुज के सामने कुछ रहा भी नहीं
रागिनी : हम्म्म
अनुज : और पीछे भी ?
रागिनी : हा भई करते है , ऊपर नीचे आगे पीछे हर जगह , जहा नहीं करना चाहिए वहां भी , हो गया तेरा , कर ली जासूसी , जान गया सब
अनुज का हलक सूखने लगा और और वो कम्बल के हल्का सा लंड मसल कर : आपको पसंद है ?
रागिनी ने इस बार माथा पकड़ लिया : तुझे क्यों जानना है , कि मुझे क्या पसंद है या नहीं
अनुज : अरे बताओ न, पापा आपको जबरजस्ती किस नहीं न करते ?
रागिनी : हीहीही पागल , हा पसंद है
अनुज का लंड ये सोच और अकड़ गया कि उसकी मां को अपनी बुर चटवाने में मजा आता है ।
रागिनी : और कुछ
अनुज : नहीं
रागिनी : तो मै सो जाऊं
अनुज : हम्म्म ठीक है
रागिनी हसने लगी
अनुज : आप कल पहनोगे न ?
रागिनी : हा बाबा पहन लूंगी , भले मुझे सर्दी लग जाए लेकिन पहन लूंगी ।
अनुज : अरे नहीं बस भैया एक बार देख ले, उसके बाद आप चेंज कर लेना
रागिनी हस कर : नहीं नहीं मै तो वैसे दुकान भी जाऊंगी
अनुज : भक्क नहीं , कैसा लगेगा ? सब कोई देखेगा आपको
रागिनी हसने लगी और अनुज को अपनी ओर खींच लिया : चल बहुत हो गई बात चीत अब सो जा
अनुज भी खुश था अपनी नई कल्पनाओं में खो कर
आने वाली सुबह कुछ नए किस्से गढ़ने वाली थी ।
वही रागिनी ने भी कुछ अपने सपने सजोने लगी थी या यूं कहो कि कहानी गढ़ने लगी ।
शिला के घर
ROUND 02
झड़ने के बाद शीला अपने मेहनत की मलाई चाट रही थी जो मानसिंह के लंड पर लगी थी और उसकी लपलपाते जीभ ने मानसिंह के सुस्त पड़ती लंड की नसों में जान ला दी और मानसिंह ने उसका चेहरा पकड़ कर उसके मुंह में पेलना शुरू कर दिया : ओह्ह्ह्ह ले मेरी जान पूरा ले उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो जो मानसिंह के पास बैठी हुई वो अपनी रसीली छातियां मिज रही थी और तभी कम्मो के पीछे से रामसिंह अपना लंड मसलता हुआ कमरे में दाखिल हुआ
रज्जो : ओहो छोटे नंदोई जी ,मुझे लगा कि आप सुबह ही उठेंगे हाहाहाहाहा
रामसिंह : सुबह तक आपको इंतजार करवाना सही नहीं लगा , ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह बेबी आराम से ओह्ह्ह्ह पहले ही इसको निचोड़ चुकी हो
रज्जो कम्मो को रामसिंह का लंड लंड चूसता देख खड़ी होकर मानसिंह के चूतड़ सहलाती हुई उसके आड़ छूकर रामसिंह को चिटकाया: ये याद है नंदोई जी उम्मम
रामसिंह ने मानसिंह की स्थिति देख कर अपने ऊपर बीते वो कामुकता के पल याद करता हुआ सिहर उठा और कम्मो के मुंह में लंड पेलने लगा : ओह्ह्ह्ह भाभी कैसे भूल सकता हूं , शिला भाभी ने ऐसा चूसा था कि ओह्ह्ह्ह मेरी जान आराम से
रज्जो : अरे हटो न दीदी , सारा रस निचोड़ लोगी क्या जरा मुझे भी दो सीई उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या कितना टाइट है ओह्ह्ह्ह
रज्जो ने शिला को धकेल कर मानसिंह के लंड को मुंह में लेकर बैठ गई और शिला सरक कर रामसिंह की ओर चली गई और रामसिंह उसकी नंगी चूचियां पकड़ पर पीने लगा : उफ्फ भाभी आपके दूध उम्मम कितनी भी निचोड़ो बड़ा रस होता है इनके उम्ममम
: अह्ह्ह्ह पी लो देवर जी ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह
वही दूसरी तरफ रज्जो के साथ साथ कम्मो भी मानसिंह का लंड छूने लगी, लेकिन मानसिंह का लंड मुंह में ना आता देख उसने रज्जो की चूचियां मुंह में ले ली और निप्पल काटने लगी : सीईईई ओह्ह्ह साली काट क्यों रही ही ओह्ह्ह्ह गॉड आराम से नंदोई जी
रज्जो ने तो कम्मो को रोकना चाहा लेकिन मानसिंह भी झुक कर रज्जो की रसीली छातियां पकड़ कर पीने कहा और वही दूसरी ओर रामसिंह ने अपना लंड शिला के आगे परोस दिया था
: ओह्ह्ह भाभी उम्ममम चूसो ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह आपका ये अंदाज उम्ममम अह्ह्ह्ह उम्ममम ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह कितनी रसभरी जीभ है तेरी ओह्ह्ह साली कुतिया ले चूस उम्मम्म और ले
रामसिंह अपना लंड उसके मुंह कर मारते हुए उसके बाल पकड़ कर वापस उसके मुंह में लंड पेलने लगा
: ओह्ह्ह साली रंडी ओह्ह्ह खा जाएगी क्या ओह्ह्ह , नंदोई जी जरा डालना तो उसकी गाड़ में अपना बास रज्जो ने कम्मो को खींच कर सोफे पर चढ़ा दिया और मानसिंह अपना गिला सुपाड़ा सीधा कम्मो के गाड़ के सुराख पर लगाता हुआ उतार दिया : ओह्ह्ह्ह भाई साहब ओह्ह्ह्ह कितना मोटा है ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई
कम्मो की कामुक तेज सिसकियों से रामसिंह का लंड अकड़ रहा था और वो शिला को खींच सोफे पर सुला दिया और लंड सीधा उसकी जांघें फैला कर चूत में उतारते हुए ओर जोश में पेलने लगा
ओह्ह्ह्ह देवर जी उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह फक्क ओह्ह्ह यस्स अह्ह्ह्ह्ह और और उम्मम
इधर रज्जो की बुर दोनों भाइयों को एकदम दूसरे की बीवी बदल कर चोदते देख कुलबुलाने लगी , वो सोफे पर चढ़ कर अपनी बुर सहला रही थी और सिसक रही थी
मानसिंह तेजी से कम्मो की गाड़ चोद रहा था और कम्मो अपनी बहन को अपने पास सिसकियां खाता देख उसे दुलारती हुई उसकी ओर झुक गई और उसके लिप्स चूसने लगी
मौका देख कर मानसिंह कम्मो की गाड़ से निकल लंड लेकर रज्जो के आगे परोस दिया और रज्जो ने बिना हिचक के उसका लंड चूसने लगी :: सीई ओह मेरी रंडी भाभी ओह्ह्ह्ह सच में तुझ जैसी पक्की रंडी नहीं देखी ओह्ह्ह् और चूस मेरी जान उम्मम
इधर कम्मो शिला की ओर सरकती हुई रामसिंह के लंड को छूने लगी और रामसिंह समझ गया कि कम्मो को क्या चाहिए , उसने भी शिला की रस भरी बुर से अपना लंड निकाल कर नीचे बैठ गया सोफे पर टेक लगा कर और कम्मो उसके पैरो के आकर कैमरे के आगे अपनी गाड़ हवा में लहराती हुई उसका लंड चूसने लगी : ओह्ह्ह मेरी जान चाट ले अपनी बहन का बुर का रस ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह क्या मस्त चुस्ती है ओह्ह्ह्ह
: आप क्यों ललचा रहे देवर जी आप भी चाट लो न आओ
इतना बोलकर शिला भी उसके मुंह पर पैर फेक कर अपनी चूत रख दी
तभी एकदम से एक करारी चीख उठी सबकी नजरे सोफे पर गई , जहा मानसिंह रज्जो को सोफे पर खड़ा कर पीछे से उसकी गाड़ में अपना बांस जैसा मोटा लंड उतार चुका था और हच्च हच्च पेल रहा था : ले साली रांड आज की रात तू ताउम्र याद रहेगी तुझे , कि कभी तुझे गाड मरवाई थी
: हा मेरे राजा फाड़ दो ओह्ह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह मै ये पल कभी भी भूल सकती ओह्ह्ह्ह गॉड फक्क्क् मीईईईई
: उफ्फ साली तेरी गाड़ हर वक्त कितनी कसी रहती कितना भी चोद लो ओह्ह्ह्ह हम्ममम
: चोद चोद के इतना सूजा दोगे तो क्या होगा ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह दैय्या सीईई पेलो आयेगा मेरा उम्मम अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह
रज्जो तेजी से झड़ने लगी और मानसिंह उसको छोड़ कर कम्मो के पास चला गया जो रामसिंह का लंड चूस रही थी और पीछे से उसकी लहराती गाड़ को देख कर अपने लंड को सीधा उसकी गाड़ के सुराख में उतार दिया और पेलने लगा : उफ्फ बहनचोद क्या मस्त लचीली गाड़ है तेरी साली तुम दोनों बहनों की
कम्मो की आंखे बड़ी हो गई जब एकदम से मानसिंह ने पीछे से अपना लंड उसकी गाड़ में उतार दिया : ओह्ह्ह्ह मेरे राज फाड़ दोगे क्या ओह्ह्ह उम्ममम अह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह फक्क मीईईई सीई ओह्ह्ह्ह।।
इधर कम्मो की मादक सिसकिया सुन कर रामसिंह उठ कर शिला को सोफे पर घोड़ी बना दिया और उसके गाड़ में लंड डाल दिया : ओह्ह्ह्ह देवर जी अह्ह्ह्ह सीईईईईई अब आए हो न सही जगह पर , फाड़ो ओह्ह्ह्ह रुकना मत ओह्ह्ह्ह कितना गर्म और गिला है सीई ओह्ह्ह
वही दोनों बहनों की चुदाई देख आकर रज्जो मानसिंह के आगे फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी और दोनों भाई उसके हिलते चूतड़ देख कर पूरे जोश ने दोनों बहनों की गाड़ फाड़ने लगे
इधर मानसिंह फिर से चिंघाड़ने लगा : आजाओ रंडियों ओह्ह्ह आयेगा मेरा ओह्ह्ह्ह शिला आजा मेरी जान उम्मम
तीनों फिर से अपनी गाड़ हिलाने लगी सोफे पर और मानसिंह ने एक बार तीनों की गाड़ पर पिचकारी छोड़ने लगा : ओह्ह्ह्ह बहिनचोद अह्ह्ह्ह्ह सीईईई ओह्ह्ह लो साली रंडियों सीई फक्क्क् यूयू बिच ओह्ह्ह्ह
: ओह्ह्ह भैया मेरा भी आयेगा ( बगल के खड़ा रामसिंह अपना लंड हिलाने लगा और उसने भरी बारी बारी से तीनों के चूतड़ों को नहला दी
फिर दोनों भाई हांफते हुए सोफा पकड़ लिये
वही वो तीनो हसीन रंडियों के चेहरे पर सिकन तक नहीं थी , उनकी खिलखिलाहट अभी भी बरकरार थी और वो तीनो वापस उनकी ओर बढ़ रही एक और धमाकेदार राउंड के लिए
जारी रहेगी
( इस अपडेट के साथ THE EROTIC SUNDAY के सभी अपडेट खत्म हुए )