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Adultery सपना या हकीकत [ INCEST + ADULT ]

DREAMBOY40

सपनों का सौदागर 😎
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सभी भाइयो और मेरे पाठको को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई
💥💐💥
उम्मीद करता हूँ ये दीवालि आपके जिवन खुशियो से भरपूर और मस्त रही हो

एक अनुरोध है सभी से ये कहानी का अगला भाग नये साल यानी 2025 से ही शुरु हो पाना संभव है
तो मेरी दुसरी कहानी अम्मी vs मेरी फैंटेसी दुनिया को तब तक पढे

जब ये कहानी शुरु होगी
सभी को सूचित किया जायेगा

एक बार फिर सभी का धन्यवाद
 

TharkiPo

I'M BACK
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Apko kafi samay baad update deta dekh kafi khushi hui aur update to Humesha ki tarah hi behad kamuk tha sath hi kai sare pahluon se juda hua tha, Janipur mein aage kya kya hota hai dekhne layak hoga
Behatareen update waiting for next
 

Nevil singh

Well-Known Member
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UPDATE 112
CHODAMPUR SPECIAL UPDATE

पिछले अपडेट मे आप सभी ने पढा कि कैसे रज्जो और राजन आखिरकार एक दुसरे को पा ही लिये और एक राउंड दमदार चुदाई के बाद भी राजन वापस से रज्जो की गाड़ का दिदार पाते ही अपना लण्ड सहलाने लगा ।
अब आगे


लोकेशन : राजन का बेडरूम
समय : रात के 02:30 बजे
पोजीशन : डॉगी स्टाइल
सेक्स टाइप : एनल
चुदाई का राउंड : चौथा
संवाद : अह्ह्ह्ह जीजा जीईईई उफ्फ्फ्फ्ग उम्म्ंम और तेज अह्ह्ह सच मे आपका एक एक धक्का मेरी गाड का सुराख बहुत ही फैला दे रहा हैअह्ह्ज्ज उफ्फ्फ्फ


राजन रज्जो के गाड पर थपेड जड़ता हुआ तेजी से लण्ड को उसकी गाड़ मे पेलता हुआ - ओह्ह्ह भाभी जी आज तक आप जैसी गरम औरत नही चोदी अह्ह्ह ,,,सच मे बहुत गरम हो आप उह्ह्ह

रज्जो सिस्क कर - हा जिजाआ जीईई उम्म्ंम्ं मुझे लण्ड की चसक बहुत है और आज आपके साथ का ये अनुभव बहुत ही जोशीला है अह्ह्ज उम्म्ंम्ं अह्ह्ह


रज्जो - ओह्ह्ह जीजा जीईई ऐसे ही औम्म्ंं बहुत अच्छा लग रहा है अज्ज्ज मेरी गाड़ फाड़ दो आजजज ओह्ह जीजा जी चोदो ना उम्म्ंम्ं

राजन रज्जो के संवाद से उत्तेजित होकर आखिर के कुछ दमदार धक्को के साथ भलभला कर रज्जो की गाड़ मे झडने लगता है ।

रज्जो राजन का लण्ड अपने चुतड के छल्ले से निचोडते हुए -उह्ह्ह जीजाजीई आपका गरम माल मेरी गाड़ के अन्दर के घावो को बहुत आराम दे रहा है ,,,आपने तो छील ही दी मेरी गाड अन्दर से हिहिहिजी

राजन रज्जो के चुतडो को हिलाते हुए - तूम सच मे एक नम्बर की राड हो भाभी ,,,चुदने मे जरा भी नही शर्माती हाहहहा

रज्जो इतरा कर - वो रन्डी ही क्या जो चुदने मे शर्मा जाये हिहिहिही,,, तो एक और राउंड के लिए तैयार है जीजा जीईई हिहिहिहिह

राजन थक कर चुर हो गया था - अरे अभी तो बहुत समय है भाभी शादी तक कयी राउंड होंगे , हा लेकिन आज जित्ना नही ,,आज जोश जोश मे बहुत ज्यादा हो गया ,, अब थोडा आराम करने की इच्छा है

रज्जो ह्स कर - कोई बात नही हिहिहिही ,,आप भी सो जाईये ,मै अपने कमरे मे जा रही हू ।

फिर रज्जो अपनी साडी लेके अपने कमरे मे आती है और वही राजन भी कपडे पहन कर सो जाता है ।

रज्जो कमरे मे प्रवेश करती है तो उसकी नजर टेबल पर रखे खाने की थाली पर जाती है ।

रज्जो मन मे - ये खाने की थाली कौन लाया ,,,शायद ममता लाई होगी , और ये जनाव उठे नही होगे ना
तभी रज्जो की नजर कमलनाथ के पायजामे से बाहर निकले लण्ड पर गयी

रज्जो मन मे - ये ऐसे क्यू सोये है ,,कही ममता अपने भैया के साथ मजे तो नही ना कर लिये हिहिहिही ,,, नही नही वो इतनी शरमिली है कि इसको देख कर ही भाग गयी होगी ।

फिर रज्जो ने अपने पति के कपडे सही किये और सोने चली गयी ।

अगली सुबह 5 बजे तक ममता की नीद खुली तो वो फ्रेश होकर उपर का हाल देखने गयी तो जैसे ही उसकी नजर अपने भैया के कमरे के बंद दरवाजे पर गयी , उसे रात के वो मस्ती भरे पल याद आ गये और वो शर्मा कर अपने कमरे की ओर बढ गयी जहा राजन रात की चुदाई की थकान से खरराते भर रहा था ।
ममता को कोई अचरज नही हुआ कि अभी 6 बजने वाले है और उसका पति सोया है ,,उसे यही लग रहा था कि रात मे ड्रिंक करने का असर होगा शायद । फिर वो आलमारि से अपने कपडे निकाल कर उपर टेरिस के बाथरूम मे नहाने के लिए चली जाती है ।

वो नहा कर ब्लाउज पेतिकोट मे बाहर निकल रही होती है कि सामने उसके भैया कमलनाथ छत पर टहल रहे होते है। ममता एकाएक सकपका जाती है और उसे अपने भैया के सामने ऐसे अचानक से ब्लाउज पेतिकोट मे आ जाने पर थोडा अटपटा सा लगता है मगर वो क्या कर सकती थी ,, वो बाल्ती लेके कमलनाथ को क्रॉस करके अरगन पर कपडे डालने के लिए चली जाती है ।

इधर कमलनाथ भी अपनी छोटी बहन के भरे ताजे जिस्म की कसावट और कामुक उभार को ब्लाउज पेतिकोट मे देख कर थोडा असहज महसूस करता है और जैसे ही ममता कपड़े फैलाने के लिए अरगन की ओर जाती है वो लपक कर फौरन बाथरूम मे घुस जाता है और दरवाजा बंद कर लेता है ।

दोनो भाई बहन मन ही मन खुद को थोडा शान्त करते है वही ममता धीरे धीरे सारे कपडे फैला देती है तो उसे ध्यान आता है कि उसकी ब्रा और पैंटी तो वही टोटी के पाइप पर टंगी हुई है ।

ममता अपना माथा पिट कर बुदबुदाई- हे भगवान , कही भैया उसे देख ना ले , क्या करु रुकू या निचे चली जाऊ

ममता अपने भैया से इतनी झिझक मह्सूस करने लगी और उसे कमलनाथ का सामना करने मे बहुत ही शर्म आ रही थी इसिलिए वो उपर रुकना ठीक नही समझी और बाद मे आने का सोच कर निचे कमरे मे चली गयी ।

वही कमलनाथ फ्रेश होकर जब हाथ धुलने टोटी के पास गया तो वहा पाइप पर उसे एक सेट ब्रा पैंटी दिखी और उसे समझते देर नही लगी कि वो उसके छोटी बहन ममता की ही है । मगर उस समय कमल्नाथ ने उसपर ध्यान नही दिया और वो हाथ धुल कर बाहर आया ।

कमलनाथ को उम्मीद थी कि शायद ममता अब भी उपर ही हो ,मगर उसको उपर ना देख कर कमलनाथ बुदबदाया - लगता है ममता अपने अन्दर के कपडे नल पर ही भूल गयी ,, चलो मै ही डाल देता हू नही तो गरमी के सीजन मे महकने लगेगा ।

कमलनाथ वापस बाथरूम मे गया और ममता की ब्रा और पैंटी लेके बाहर आया और बकायदा चिमती लगा कर उसने ममता के ब्रा और पैंटी को टांग दिया । तभी कमलनाथ की नजर ममता के ब्रा के लेबल पर गयी और 40 नम्बर का साइज़ देख कर कमलनाथ की आंखे चौडी हो गयी ।

कमलनाथ मुस्कुरा कर मन ही मन बोला - ये ममता के साइज़ कभी ध्यान ही नही गया हाहहहहा ,

फिर कमलनाथ नीचे चला गया । इधर ममता साड़ी पहन कर अपने कमरे मे कमलनाथ के निचे आने का इंतजार कर रही थी और जैसे उसे आभास हुआ कि उसके भैया निचे की सीढि की ओर घुमे वो लपक कर उपर के जीने से छत पर चली गयी ।

तभी ममता की नजर अरगन पर लहराते उसके ब्रा और पैंटी पर गयी और वो शर्म से पानी पानी हो गयी कि उसके भैया ने उसकी ब्रा और पैंटी अपने हाथो से सुखने के लिए डाल दी ।

ममता मन मे सोचते हुए थोडा इतराई- ये भैया भी ना हिहिहिहीही ,

फिर ममता अपनी कल्पनाओ मे खुद के सवालो का जवाब खुद ही देते हुए निचे अपने कमरे मे जाने लगी - क्या भैया ने मेरा साइज़ भी पढा होगा ,,,,, क्या सोच रहे होगे ,हिहिहिही लेकिन वो क्या सोचेंगे रज्जो भाभी का तो मुझसे भी ब्डा है सब हाहाहा । लेकिन अब मै उनके सामने कैसे जाऊ ,हे भगवान ये सब क्या हो रहा है हिहिहिही

ममता ऐसे ही बडबड़ाते हुए अपने कमरे मे आई और फिर राजन को जगा कर निचे किचन मे चली गयी ।

थोडी देर बाद 9 बजे तक लगभग सारे लोग नहा धोकर तैयार होकर नास्ते के लिए एकजुट हुए ।
जहा एकतरफ रज्जो और राजन मे आंखो ही आँखो मे इशारे बाजी हो रही थी ,वही ममता और कमलनाथ आपस मे एक दुसरे से नजरे चुरा रहे थे । वही पल्लवी की कोशिस जारी थी कि वो अनुज से थोडी नजदीकिया बढाए ,,मन तो अनुज का भी था मगर वो पल्लवी जितना जिगरा नही रख पा रहा था ,,उसे जब लगता कि पल्लवि उसे घुर रही है वो इधर उधर की बाते बनाता ताकि घर के बड़ो मे से कोई उसकी चोरी ना पकड ले ।
नास्ते के टेबल पर ही तय हुआ कि सभी लोग तैयार होकर रेडी रहे 11 बजे से सब लोग माल मे जायेंगे खरीदी के लिए । सारे लोग खुशि से चहक उठे खास कर महिला मंडल मे तो काफी उत्साह था शोप्पिन्ग के लिए ।

इधर यहा जानीपुर ये सब हो रहा था वही चमनपुरा मे भी कम काण्ड नही होने वाले थे आज ।


राज की जुबानी

रोज सुबह की दिनचर्या पूरी करके मै किचन मे नास्ते के लिए बैठा था और मोबाइल मे रात के मैसेज , मिस्काल का जवाब दे रहा था क्योकि सोनल और अनुज के जाने के बाद से रात मे मुझे समय ही नही मिल पाता था । ऐसे ही वो whatsaap स्क्रोल कर रहा था कि उसकी नजर status वाले सेक्सन पर गयी और मेरी आंखो मे नयी चमक आ गयी क्योकि कल काजल भाभी मे मेरा नम्बर सेव कर लिया था और उनका WhatsApp status मुझे शो हो रहा था । जो कि एक miss you sad status का गाना लगा था । फिर मुझे ध्यान आया कि कल ही तो शकुन्तला ताई बता रही थी कि काजल भाभी के पति अगले ही हफते आने वाले है ।

तभी मेरे दिमाग मे आइडिया आया और फटाफट अपने whatsaap status की privacy को only share with करते हुए सिर्फ काजल भाभी के नम्बर को सेलेक्ट करके 3 4 न्यू मॉडल ब्रा और पैंटी सेट की तस्वीरे डाल दी जो मेरे पास दुकान मे मौजुद थी । बस अब उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार था ।

मै जानता था ये एक बार मे नही होगा , मुझे और किसी ना किसी तरह से काजल भाभी को लपेटना पडेगा उसके लिए भी मैने सोच लिया ।

फिर मैने नासता किया और दुकान के लिए निकल गया ।
दुकान पर आने थोडी ही देर बाद ही चंदू का फोन आया और उसकी बाते सुन कर मेरा लण्ड अंगड़ाई लेने लगा ।
क्योकि उसने खबर ही ऐसी दी थी । बस अब मम्मी के आने का इन्तजार था ताकि उनकी इजाजत ले सकू ।
मै वापस दुकान के कामो मे लग गया , बीच मे एक दो बार whatsaap चेक कर रहा था और थोडा परेशान हो रहा था कि काजल भाभी ने अभी तक मेरा स्टेटस देखा क्यू नही ।
थोडी ही देर बाद मा दोपहर का खाना लेके आ गयी ।

मै खुश होके - मा मुझे आपसे कुछ बात करनी है
मा - हा बोल ना बेटा क्या बात है
मै - मा वो चंदू के मम्मी पापा दो दिन के लिए उसकी बुआ के यहा गये कोई शादी मे तो घर पर चंपा और चन्दू ही है

मा - हा तो
मै थोडा झिझक दिखाते हुए - तो मै कह रहा था ,,मतलब चंदू मुझसे पुछ रहा था कि मै उसके साथ सोने के लिए आ सकता हु क्या ,,

मा - हा तो चला जा ,, आखिर तेरा दोस्त है और उसने कितनी मदद भी तो की थी सगाई मे

मै हस कर - लेकिन मा वो रात मे हमारा वाला हिहिहिही

मा हस कर - धत्त बदमाश , दो ही दिन की बात है ना , मै कहा भागी जा रही हू हिहिही पागल कही का

मै हसकर - तो आज रात का अभी निबटा लिया जाये हिहिहिही

मा कुछ बोलती उससे पहले ग्राहक आ गये और वो बस हस कर चुप रहने का बोली फिर वो काम मे लग गयी और मै खाना खाने चला गया




लेखक की जुबानी
इधर जहा राज आज रात के लिए चंदू के साथ चम्पा को भोगने का प्लान बना चुका था ,वही जानीपुर मे रज्जो के यहा भी सारे लोग तैयार होकर दो ई-रिक्शा करके निकल गये सिटी के बड़े शॉपिंग मॉल की ओर ।
थोडी देर बाद सारे लोग माल पहुच गये ।
सोनल और पल्लवि तो बहुत ही खुश नजर आ रही थी और पल्लवि की खुशी देखकर अनुज भी खुश था ।

ममता और कमलनाथ दोनो आपस मे नजारे चुराते हुए कभी नजारे मिलती तो मुस्कुरा देते थे । वही रज्जो , राजन के सामने और भी इठला रही थी ।
राजन तो रज्जो के साडी मे थिरकते चुतडो का दीवाना हो चुका था ।
वही रमन और सोनल अपने अपने प्रेमियों के पास मोबाईल के माधय्म से संपर्क बनाये हुए थे
पल्लवि आज बहुत ही खूबसूरत दिख रही थी क्योकि आज सोनल ने उसे अपना नेवी ब्लू रंग का चूड़ीदार सूटसलवार दिया था पहनने के लिये और एक हिल वाली सैंडल भी ।
चूड़ीदार सलवार की कसावट पल्लवि के चर्बीदार कूल्हो पर साफ दिख रही थी और वही डीप नेक वाली सूट पर सिफान के पतले दुपट्टे से बडी चुचियो की दरारे झाक रही थी ।
पल्लवि कभी घूम कर अपनी लटो को कानो मे सहेजते हुए अनुज को देखती तो कभी सरकते दुपट्टे को कन्धे पर चढ़ाने के बहाने ।
अनुज भी सबकी नजरो से बच कर पल्लवि की कसी जवानी देख कर बहुत ही गदगद हो गया था । बार बार उसकी नजरे पल्लवि के कूल्हो पर कसे हुए सलवार की सिलवटो पर जा रही थी । उसके गोल गोल चुतडो की थिरकन अनुज की सांसो से लय बनाते हुए उपर निचे हो रही थी ।

फिर सारे लोग माल मे घुसते है ।
रज्जो कमलनाथ से - देखिये जी , पहले रमन के लिए शेरवानी और एक दो सूट ले लिया जाये , फिर बाकी सबको उनके हिसाब से जो लेना है ले लेगा ।

फिर सारे लोग उपर की मंजिल पर गये जहा ये वेडिंग ड्रेस की दुकान थी । जब रमन के लिए कपडे लिये जा रहे थे तो पल्लवि ने रज्जो से पहल करके सेम उसी मॉडल की दुसरे रंग की शेरवानी अनुज के लिए कही ।

पल्लवि - देखो मामी ,ये अनुज के लिए अच्छा रहेगा ।
ममता हस कर - अरे अनुज सहबाला बनेगा तो कही दुल्हन इसको ही दूल्हा ना समझ ले हिहिहिहिही
ममता की बाते सुन कर अनुज शर्मा जाता है जिसे पल्लवि भी ध्यान देती है और मजे लेते हुए कहती है ।

पल्लवी - कोई बात नही मम्मी , अनुज को मै पकडे रहूंगी हिहिहिही ताकि भाभी रमन भैया को ही दूल्हा समझे

पल्लवि की चंचलता भरी बातो पर सब हसने लगे ।
थोडी देर बाद अनुज और रमन के लिए ड्रेस ले लिये गये ।

रज्जो कमलनाथ से - चलिये जी अब आपका और जीजा जी के लिए कपडे देख लिया जाये ।

ममता - अरे नही भाभी , हम सबने तो कपडे लेके रखे हैं ।

रज्जो - तू चुप कर मै मेरे जीजा जी को दिला रही हू , तुझे चाहिये तो जा अपने भैया से लेले ।

ममता अपने भैया की चर्चा सुन कर एक नजर कमलनाथ को देखती है और उसे वापस से कल रात और आज सुबह की घटणाए याद आती है तो वो शर्मा कर मुस्कुराने लग जाती है ।

कमलनाथ - अगर ऐसी बात है तो चल ममता , मै तुझे दिलाउँगा
ममता हस कर- नही भैया क्या आप भी ,,भाभी मजाक कर रही हैं हिहिहिहिही
कमलनाथ - क्या नही , लिया जा रहा है कपडा तो सबके लिए खरीद लेते हैं ना , और वैसे भी कितना दिन हो गया मैने तुझे कुछ दिया नही , आ चल

ये बोल कमलनाथ ममता की कलाई पकड कर उसे एक निचे लेडिज वाले सेक्शन मे लेके चला जाता है ।
वही रज्जो - चलिये जीजा जी उधर जेन्स वाला , और ब्च्चो तुम लोगो को जो जो चाहिये लेलो , मै आती हू ।

इधर रज्जो भी राजन के साथ निकल गयी ।
इसी बीच रमन मोबाइल पर कुछ चेक कर रहा था ।
रमन - ऐसा है तुम लोग खरीदारी करो मै एक फोन करके आता हू

पल्लवि हस कर - हा हा जाओ जाओ , भाभी का ही फोन होगा हिहिहिहिह

रमन मुस्कुरा कर दुसरी ओर निकल गया
पल्लवी - तो सोनल दिदी आपको भी बात करनी हो तो कर लो हीहिहिही , देख रही हू काफी बार बज चुका है आपका फोन

सोनल अनुज के सामने थोडी शर्मायी और हा मे सर हिलाते हुए एक ओर निकल गयी ।

पल्लवि अनुज से - चलो अब हम लोग ही बचे हैं, तो अब तुम मुझे कपडे पसंद करने मे मदद करो

अनुज सकपकाकर - म म मै ए ए कैसे ???
पल्लवि थोडा हस अनुज का हाथ पकड कर निचे लेडिज सेक्शन की ओर चल दी ।

इधर कमलनाथ ममता को लेके एक साडी वाले सेक्शन में चला गया ।

कमलनाथ - ये क्या ममता कैसी सिम्पल साड़ीया ले रही है तू , कोई न्यू मॉडल मे ले ना

ममता थोड़ा झिझक कर - वो भैया मै ऐसे ही पहनती हू , गाव मे तो ऐसे ही बाकी की औरते भी पहनती है ना ।

कमलनाथ - ओहो तू भी ना गाव जाकर बदल ही गयी ,, शादी से पहले तू एक से एक नये जमाने के कपडे लेती थी और तेरी पसंद को कोई मना भी नही कर पाता था, मगर अब देख ये सिम्पल साड़ी ले रही है ।

ममता हस कर खुसफुसा कर - हा भैया तब की बात और थी ,मगर अब मुझे ऐसी ही सिम्पल कपड़ो की आदत हो चुकी है ना तो प्लीज

कमलनाथ - ठीक है लेकिन ये साडी मेरी पसन्द की लेनी होगी , तू मना नही करेगी

कमलनाथ एक न्यू चन्देरी प्रिंटेड रेड कलर की साडी ममता की ओर बढाता था ,,साड़ी बहुत ही खुबसूरत थी तो ममता चाह कर भी मना नही कर सकती थी ।

ममता हस कर - हिहिही ठीक है भैया चलिये हो गया अब

कमलनाथ कुछ सोच कर - अब ब हा हा ठीक है लेकिन

ममता अपने भैया को सोचता हुआ देख कर - क्या हुआ भैया

कमलनाथ थोडा हिचकते हुए - वो वो तू अन्दर के कपडे नही लेगी क्या ???

ममता अपने भैया के मुह से ऐसी बाते सुन कर शर्मा कर मुह फेर ली तो कमलनाथ फौरन सफाई देते हुए बोला - वो मैने सुबह देखा तेरे अन्दर के कपडे पुराने हो गये और इस लाल साडी के लिए मैचिंग वाले ही लेने पडेंगे ना इसिलिए मै कह रह था ,,,अगर चाहे तो बाद मे अपनी भाभी के साथ आजाना
कमलनाथ एक ही सास मे अपनी बात खतम कर थोड़ी देर तक ममता की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करता है और उसे लगता है कि वो कुछ गलत बोल गया ।

कमलनाथ मायूस होकर - माफ करना ममता , चल चलते हैं

ममता ने जब देखा कि उसके भैया का चेहरा उतर चुका है तो उसका दिल पिघल गया और उसे समझ आया कि वो फाल्तू मे कितना गलत विचार रखती है, आखिर वो उसके बडे भाई है ,,बचपन से लेकर शादी तक उसकी हर जरुरत का ख्याल रखा है तो इसमे कोई बड़ी बात नही है कि आज वो मेरे अंदर के कपडे के बारे मे बोल दे तो ।
ममता थोडा हस कर शर्माते हुए - नही भैया अब इसमे क्या भाभी को परेशान करना ,,,चलिये मै ले लूंगी हिहिहिहिही

कमलनाथ ममता के जवाब सुन कर खिल उठा - सच मे ममता

ममता अपने भैया को खुश होता देख कर - अब ब हा इसमे कुछ गलत थोड़ी है ,,वैसे भी आप मेरे भैया है ,याद है जब मै छोटी थी तो आप ही मेरे लिए सारे कपडे लाते थे हिहिहिही यहा तक कि ये वाले भी
ममता एक ब्रा पैंटी के सेट की ओर इशारा करके बोली ।

कमलनाथ थोडा झेपा लेकिन वो खुश था कि ममता ने उसकी बातो को नही टाला।
वो दोनो अंडरगार्मेंट्स वाले सेक्शन की ओर बढ गये ।

वही एक ओर रज्जो अपने नदोई के लिए एक अच्छा सा सूट ट्राई करवा रही होती है , जिसमे राजन काफी जवान नजर आता है तो

रज्जो ह्स कर - अरे वाह जीजाजी , आप तो जवान लग रहे है
राजन मौका देख कर रज्जो के कान मे बोला - रात मे इसी जवानी का जोर भी देखने को मिलेगा भाभी जी

रज्जो राजन की बातो से शर्मा जाती है
वही एक तरफ लेडिज वाले कम्पार्ट मे ही पल्लवि और अनुज ट्रायल रूम के बाहर खडे थे और इन्तजार कर रहे थे ।

अनुज इस समय 3 4 सेट कपडे लेके खड़ा था । थोडी ही देर बाद एक लड़की ट्रायल रूम से बाहर निकली तो पल्लवि अनुज के हाथ से एक जीन्स और टॉप लेके अन्दर घुस गयी , अनुज वही बाहर इन्तजार करने लगा
थोडी देर बाद ट्रायल रूम का दरवाजा खुला तो पल्लवि सामने दिखी
अनुज आंखे फाड़ कर पल्लवि के चुचो को उस कसी हुई टॉप मे निहार रहा था और फिर उसकी नजर पल्लवि के जांघो और कूल्हो पर कसे हुए जिन्स पर गयी

अनुज को खुद को ऐसे घुरता देख पल्लवी शर्माइ और अपने बालो को कानो मे सहेजते हुए बोली - कैसी लग रही हू मै अनुज
अनुज तो बस पल्लवि मे खो ही चुका था , पल्लवि को समझ आया कि अनुज कोई जवाब नही दे रहा है तो उसने एक बार लपक कर ट्रायल रूम के गलियारे मे देखा और फिर अनुज को पकड कर अन्दर खीच ली

अनुज कुछ समझ पाता उससे पहले ही पल्लवि ने दरवाजा भिड़काते हुए अनुज के लिप्स को अपने मुलायम पतले होटों मे भर लिया ।
अनुज की आन्खे फैल गयी , उसके हाथ ढीले हो गए और सारे कपडे निचे , उसकी दिल की धड़कने तेज हो गयी थी और वो कुछ भी सोच समझ पाने की स्थिति में नही था ।
वही पल्लवि ने जमकर अनुज के नरम कुवारे होठो को चूसे जा रही थी , फिर उसने अपनी लपल्पाती जीभ को अनुज के होठो के किनारो पर फिराया तो अनुज पूरी तरह से सिहर उठा ,,एक नयी ऊर्जा के साथ उसने अपने होठ खोले और पल्लवि के ऊपरि होठो मे मुह मे दबा लिया ।

अनुज मन मे - ओह्ह्ह कितने मुलायम होठ है इसके उम्म्ं और ये इतना अच्छा कैसे कर रही है

पल्लवि ने जब मह्सूस किया कि अनुज ने भी उसके होठो को पकड रखा है तो उसने किस को और भी गहरा करते हुए एक बार अपनी जीभ को अनुज के मुह मे ले जाकर उसके जीभ को छुते हुए बाहर खिच ली
अनुज एक बार फिर से तडप कर रह गया ।
पल्लवि ने अपने होठ बाहर खिचे और बिना कोई सवाल जवाब के अनुज को बाहर भेज दिया ।
अनुज जहा ढ़ेरो सवालो के साथ ट्रायल रूम के बाहर स्तब्ध होकर खड़ा हुआ अपने गीले होठो को हाथो से पोछ रहा था और सोचे जा रहा था कि अभी क्या हुआ आखिर , ऐसा कुछ अनुज ने पहले कभी मह्सूस ही नही किया था ।
उसे वापस से वही तलब उठ रही थी ,,मानो कुछ बहुत ही कीमती उससे छीन लिया गया हो
इतने मे सोनल उन दोनो को खोजते हुए ट्रायल रूम तक आ गयी ।

सोनल - अरे अनुज कहा था तू , कबसे खोज रही हूँ और पल्ल्वी कहा है ।

तभी पल्लवि दरवाजा खोलते हुए बाहर आई - मै यहा हू दीदी हिहिहिही , वो अनुज ने मेरे लिए जीन्स पसन्द की थी तो वही ट्राई कर रही थी ।

ये बोलकर उसने अनुज को देख कर स्माइल पास की जिससे अनुज सकपका गया ।

सोनल थोडा तुनक कर - क्या बात है अनुज तुने मेरे लिये तो कभी कुछ पसंद नही किया हा

पल्लवी अनुज को छेड़ते हुए - हा सच मे दीदी ,,,ये तो बहुत गलत बात है अनुज , चलो अब आज अनुज ही हम दोनो के बाकी कपड़े ही पसंद करेगा हिहिहिहिही

सोनल अनुज की खिचाई होती देख बोली - हिहिहि हा हा क्यू नही ।

फिर वो तीनो लड़कीयो के वेडिंग सेक्सन मे चले गये और कुछ गाऊन वगैरह देखने लगे ।

वही लेडिज कम्पार्ट मे अंडरगार्मेंट्स वाले सेकसन मे कमलनाथ और ममता दोनो भाई बहन थोडा शर्माते हिचकते एक काउंटर पर गये ।
काऊंटर पर खड़ी एक महिला स्टाफ ने ममता से मुखातिब होकर - जी मैम कहिये क्या दिखाऊ आपको

ममता थोडा हिचक कर कमलनाथ की ओर देखती है क्योकि वो काफी समय से गाव मे रह रही थी तो उसे ज्यादा इनसब कपड़ो के बारे मे जानकारी नही होती थी और जो कुछ भी मगाना होता था वो अपने पति राजन को कह देती थी ।
कमलनाथ अपने बहन की मनोव्य्था समझ कर खुद पहल करते हुए बोला - जी इनके लिए ब्रा पैंटी का सेट दिखाईये ।

अपने भैया के मुह से अपने लिये ब्रा पैंटी की बात सुन कर ममता के दिल की धडकनें तेज हो गयी ।

वो महिला स्टाफ एक बार फिर से ममता से - अच्छा मैम आप अपना साइज़ बताईए

ममता इस बार हिम्मत करके
कुछ बोलने जा रही थी कि कमलनाथ तपाक से बोल पडा - जी वो 40 नम्बर की ब्रा और 42 नम्बर की पैंटी

ममता अपने भैया के मुह से ऐसी बाते सुन कर मुस्कुरा दी और थोडी झेप सी गयी ।
फिर वो स्टाफ घूम कर कुछ मॉडल के ब्रा पैटी निकाल रही थी तो ममता मुस्कुरा कर अपने भैया के कान मे बोली - भैया आपको मेरा साइज़ कैसे पता

कमलनाथ पहले चौका फिर मुस्कुरा कर बोला - वो वो मैने सुबह जब तेरे कपडे अरगन पर डाल रहा था तभी मेरी नजर गयी ,,,,

ममता थोडा इतरा कर - लेकिन मेरी कच्छी पर तो कोई लेबल नही लगा था ना
कमलनाथ थोडा मुस्कुरा कर सीधा देखते हुए धीमी आवाज मे बोला - अब ब वो मैने बस अनुमान लगाया था , क्यू छोटा है क्या

ममता हस कर धीमी आवाज मे - धत्त भैया आप भी ,, सही है साइज़ हिहिहिही

कमलनाथ भी थोडा शरमाते हुए मुस्कुराया ,,उसे एक नया ही अह्सास मह्सूस हो रहा था अपनी सगी बहन के साथ ऐसे प्राइवेट मसलो पर बाते करते हुए ,ना जाने क्यू उसका लण्ड उठने लगा था ।

तभी वो महिला स्टाफ कुछ अच्छे मॉडल मे ब्रा पैंटी सेट के काफी कलर लाई ।

ममता ने मुस्कुरा कर एक नजर कमलनाथ को देखा और उन आये हूए मॉडल मे सबसे सिम्पल वाले सेट की उठा कर देखने लगती है तो कमलनाथ एक बहुत ही खुबसुरत रेड कलर लेस वाली ब्रा पैंटी के सेट को उठा कर ममता को दिखाता हुआ - ममता ये देख ना अच्छा लग रहा है

ममता अपने भैया द्वारा अपने लिये ब्रा पैंटी पसंद किये जाने पर थोडा हिचकी और उसे उसकी भी दिल की धडकनें तेज होने लगी
ऐसे मे ही वो महिला स्टाफ बोल पडी - हा मैडम आपके हसबैंड की पसंद बहुत अच्छी है , ये मॉडल अभी नया आया और बहुत बिक्री भी है इसकी


अब तो चौकने की बारी ममता और कमलनाथ दोनो की थी क्योकी उस महिला स्टाफ को लग रहा था कि वो दोनो पति पत्नी है । ऐसे मे ममता और कमलनाथ की नजरे एक पल टकराई और वो मुस्कुराये ।

कमलनाथ अपनी सफाई मे कुछ बोल्ने जा रहा था कि ममता ने उसका हाथ पकड कर ना मे गरदन हिला दी की वो हमारे रिस्ते के बारे मे कोई जिक्र ना करे ।

कमलनाथ समझ गया कि ऐसे में चुप रहने मे ही भलाई है नही तो वो महिला स्टाफ हम दोनो के बारे मे क्या सोचेगी की एक भाई अपने बहन को ब्रा पैंटी दिला रहा है और उसे साइज़ वगैरह सब पता है ।

ममता - हा ये वाला ठीक है लेकिन एक दो थोडे सिम्पल दिखाईये ,,गरमी के मौसम मे आरामदायक हो

सटाफ- जी मैम ,मै कुछ काटन के भी दिखाती हू
फिर वो स्टाफ वापस से घूम कर अपने काम मे लग गयी

ममता कमलनाथ को घुरते हुए धीमे से फुसफुसाई - भैया क्या करने जा रहे थे आप ,, उसे ये बताने की आप मेरे भैया है और मेरे साथ ये सब खरीद,,,,

कमलनाथ मम्ता के तुनकने से थोडा सहमा और सफाई देते हुए धीमी आवाज मे बोला - सॉरी ममता ,,, लेकिन वो हमे पति पत्नी मान रही थी तो मुझे कुछ अटपटा लगा इसिलिए

ममता थोडा इतरा कर मुस्कुराते हुए - जब सारे काम पति वाले ही करेंगे तो लोग वही समझेंगे ना हिहिहिही

कमलनाथ थोडा कन्फुज होकर - मतलब
ममता खिलखिला कर अप्नी हसी दबाते हुए - हिहिही कुछ नही

कमलनाथ समझ तो रहा था कि ममता बचपन से चंचल है मगर वो उस समय उसका व्यंग समझ नही पाया

फिर वो महिला स्टाफ आयी और उन दोनो को हस्ता मुस्कराता देख कर खुश होते हुए बोली - सच मे आप दोनो की जोडी बहुत प्यारी है ,,नही तो यहा ना जाने कितने जोड़े आते है वो बस खरीदारी को एक बोझ समझ कर जल्दी जल्दी के चक्कर मे झगड लेते है आपस मे ,,,लेकिन आप दोनो तो यहा एन्जॉय कर रहे है हिहिहिही

ममता फिर से कमलनाथ के मजे लेते हुए - हम्म्म अब ये है ही मजेदार
कमलनाथ को फिर से कुछ समझ नही आया तो वो ह्स कर ममता के लिए सहमती दिखाता है ।

स्टाफ - वैसे सर की पसंद की बहुत अच्छी है ,,,देखियेगा ये रेड वाली सेट आप पर जरुर खिलेगी,,,

ममता अब थोडी शर्मायी
स्टाफ फिर से - वैसे मुझे कहने की जरुरत तो नही लेकिन एक बार आप इसे अपने पति को पहन के जरुर दिखाईयेगा ,, इन्हे अच्छा लगेगा


कमलनाथ को लग रहा था कि अब ज्यादा हो रहा और बार बार अब उसके मन मे ममता की छवी सिर्फ ब्रा पैंटी पहने हूए ही आ रही थी ,,,उसके मन मे द्वंद चल रहा था ,,एक ओर उसे बुरा लग रहा था कि उसे अपने बहन के बारे ऐसा नही सुनना चाहिये ,, वही दुसरी ओर उसे एक अन्जानी खुसी मिल रही थी कि काफी समय बाद वो ममता के साथ वक़्त बिता रहा है और वो पल कुछ रोमचक मसलो से जुड़े हुए उसे उत्तेजक बनाये जा रहे थे ।

इसी उधेड़बुन से परेशान होकर कमलनाथ - अब ब ब ममता तुमको जो चाहिये लेलो , मै बाहर रुकता हू

फिर कमलनाथ तुरंत निकल गया सेकसन से बाहर की ओर
उसको भागते जाते देखे ममता खिलखिलाई

स्टाफ ह्स कर - लग रहा है काफी शर्मीले है आपके पति

ममता थोडा इतरा कर हस्ते हुए - हा उनको हमारी प्राइवेट बाते बाहर करनी पसन्द नही है हिहिहिहिही

स्टाफ हस्ते हुए - एक बात कहू मैम अगर आपको ऐतराज ना तो

ममता बड़ी उत्सुकता से - अरे हा हा क्यू नही

स्टाफ - वैसे ये मै अपना अनुभव बता रही हूँ , कि जब भी कभी मै और मेरे पति ऐसी कोई शॉपिंग करते है तो रात बहुत लम्बी होती है हमारी हिहिहिहिहिही ,,तो आप भी आज की तैयारी करके ही रखियेगा

ममता उस स्टाफ की बात समझ कर सिहर गयी और उसके मन मे कलपनाये उठने लगी कि उसके भैया उसे रात भर चोदे तो ,ये सोच के ही उसकी चुत गीली होने लगी ।


वो स्टाफ ममता को खोया देख कर - ओह्ह हो आप तो सच मे खो गयी हिहिहिही

ममता हसते हुए थोडा शर्मायी - हिहिहिही क्या आप भी , लाईये मेरा पैकेट दीजिये वो बाहर रुके है

फिर ममता ह्सते हुए और थोडा उन्ही लम्बी चुदाई की कल्पानाओ के बारे मे सोचते हुए बाहर कमलनाथ के पास चली गयी और वो महिला स्टाफ उसे जाते देख हस्ती रही ।
ममता कमलनाथ के पहुची तो देखा कि रज्जो और राजन भी आ रहे थे और वो लोग भी ममता को अकेले अंडरगार्मेंट सेक्सन से बाहर आते देखते हैं ।
ऐसे मे ममता और कमलनाथ ने राहत की सास ली कि अच्छा हुआ जो कमल्नाथ सही समय पर बाहर आ गया नही तो रज्जो अच्छी खिचाई करती दोनो की ।

रज्जो - ओहो लग रहा है सब खरीदारी हो गयी
ममता - हा भाभी , लेकिन आपने तो कुछ लिया ही नही
रज्जो - अरे नही , वो मैने अपनी सारी खरीदारी चमनपूरा मे ही अपनी छोटी बहन के साथ कर ली है ।

फिर धीरे धीरे सारे लोग इकठ्ठा हुए और फिर बिलिन्ग करवा कर रेस्तराँ में खाना खाने के लिए निकल गये ।

इनकी खरीदारी तो हो गयी थी मगर सबके मन में अपनी अपनी प्लानिंग थी घर जाकर
रमन और सोनल तो अपने अपने हमसफर से संपर्क बनाने मे व्यस्त थे ।
वही रज्जो और राजन की रात मे एक और धमाकेदार चुदाई की तलब हो रही थी ।
पल्लवि अनुज को छेड़ कर मजे लेने की योजना बना रही थी वही अनुज फिर से पल्लवि के होठो से जुड़ने को परेशान हुआ जा रहा था और उसके मन में काफी सारे सवाल थे ।
इधर ममता ने तय कर रखा था कि अब वो जबतक अपने भैया के साथ चुदवा न ले उसे चेन नही पडेगा तो वो भी नयी योजनाये बना रही थी कि कैसे कम्ल्नाथ से नजदीकिया बड़ाई जाये ।
फिर कमलनाथ की हालत कम खराब नही थी वो भी अपनी बहन के साथ समय बिताने को उतावला था और उसे अंडरगरमेंट्स वाले सेक्सन मे हुए वक्तव्यो पर चर्चा करनी थी जो बार बार उसे उत्तेजित किये जा रही थी ।

ना जाने आगे क्या होना था

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Nevil singh

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अब तक
इनकी खरीदारी तो हो गयी थी मगर सबके मन में अपनी अपनी प्लानिंग थी घर जाकर
रमन और सोनल तो अपने अपने हमसफर से संपर्क बनाने मे व्यस्त थे ।
वही रज्जो और राजन की रात मे एक और धमाकेदार चुदाई की तलब हो रही थी ।
पल्लवि अनुज को छेड़ कर मजे लेने की योजना बना रही थी वही अनुज फिर से पल्लवि के होठो से जुड़ने को परेशान हुआ जा रहा था और उसके मन में काफी सारे सवाल थे ।
इधर ममता ने तय कर रखा था कि अब वो जबतक अपने भैया के साथ चुदवा न ले उसे चेन नही पडेगा तो वो भी नयी योजनाये बना रही थी कि कैसे कम्ल्नाथ से नजदीकिया बड़ाई जाये ।
फिर कमलनाथ की हालत कम खराब नही थी वो भी अपनी बहन के साथ समय बिताने को उतावला था और उसे अंडरगरमेंट्स वाले सेक्सन मे हुए वक्तव्यो पर चर्चा करनी थी जो बार बार उसे उत्तेजित किये जा रही थी ।

अब आगे
शाम 4 बजे तक सारे लोग रेस्तरां से खाना खाने के बाद घर आ गये फिर अपने अपने समानो के साथ अपने अपने कमरो मे चले गये आराम करने के लिए और थकान के कारण लगभग सभी लोग सो जाते है।

शाम को 6 बजे के करीब रज्जो उठती है तो पहले खुद फ्रेश होकर कमलनाथ को जगाती है । फिर शाम के नास्ते की तैयारी करने निचे किचन मे जाती है ,,जहा ममता पहले से चूल्हे पर चाय चढा कर , दुसरे चुल्हे पर चिप्स निकाल रही होती है ।


रज्जो - अरे ममता क्या तू भी अकेले अकेले लग गयी ,, मुझे जगा देती ना

ममता - भाभी ये मेरा भी घर है ना ,, आप सिर्फ अपना हक ना जताया करो

रज्जो हस कर ममता को छेड़ते हुए - हा हा क्यू नही यहा का सब तेरा ही तो है यहा तक कि मेरे पति भी तेरे है हिहिहिहिही

ममता तुनकते हुए - हा तो , वो मेरे भैया मेरे ही रहेंगे ना

रज्जो हस कर ममता के करीब जाकर - हा तो अपने भैया का लण्ड भी लेले फिर हिहिहिही

ममता शर्मा कर - धत्त भाभी आप भी ना , हटिये मै भैया को चाय देके आती हू

रज्जो ह्स कर - एक बार उनको अपना दुध पिला के तो देख ,,,, हिहिहिही

ममता बिना कुछ बोले ह्स्ते हुए उपर निकल गयी और कमलनाथ के कमरे मे घुसती है ।

कमलनाथ सोफे पर बैठा टीवी पर न्यूज़ देख रहा था और ममता को कमरे मे आते देख आवाज स्लो कर दिया

कमलनाथ - अरे ममता आज तू लाई है चाय ,,

ममता हस कर - क्यू भाभी को ही भेजू क्या हिहिहिही

कमलनाथ ह्स कर - अरे नही ऐसी बात नही ,,, आ बैठ बताता हू

ममता ह्स कर ट्रे टेबल पर रख सोफे पर कमलनाथ के बगल मे बैठ गयी - हा बोलो अब हिहिहिही

कमलनाथ - अरे वो मुझे याद आ गया ना शादी के पहले तो तू ही मेरा ख्याल रखती थी और आज कितने सालो बाद तेरे हाथ की चाय मिल रही है इसिलिए बोला

ममता हस कर - ओह्ह्ह ये बात ,मै समझी आपको भाभी की याद आ रही है हिहिहिहिही

कमलनाथ हस कर - हाहहह्हा तू ना बिल्कुल नही बदली ,,अब भी उतनी चंचल है

ममता बस शर्मायी
कमलनाथ थोडा रुका और ममता को निहारा , ममता अपने भैया द्वारा खुद को ऐसे निहारे जाने पर थोडा अटपटा महसूस कर रही थी ,उसकी दिल की तरंगे तेजी से अपनी साइकिल बनाये जा रही थी ।

कमलनाथ ने उसकी ओर से नजर हटा कर चाय का सिप लेते हुए थोड़ा झिझक भरे लहजे मे बोला - ममता वो कपडे तुने नापे , साइज़ सही है ना

ममता की सासे अटक गयी कि भैया ये क्या पुछ रहे है - न न नही भैया क्यू

कमलनाथ चाय की सिप लेते हुए - वो अगर साइज़ छोटा ब्डा हुआ तो बदल सकते है 2 दिन का समय रहता है उसमे

ममता थोडा नजरे नीची करके- नही भैया मैने पहना नही अब तक
कमलनाथ - ठीक है ट्राई करके बताना

ममता हस कर धीरे से फुसफुसाती है जिसे कमल्नाथ सही से सुन नही पाता - क्यू आप देखोगे क्या हिहिहिही

कमलनाथ थोडा अनुमान लगाते हुए - मतलब, मै सुना नही फिर से कहो

ममता इस बार शर्मा कर लेकिन हस्ते हुए -वो वहा दुकान पर क़ो औरत कह रही थी ना कि मै वो पहन कर आपको दिखाऊ ,,,कही आप अब भी तो वही नही सोच रहे है ना हिहिहिही

कमलनाथ ममता की बात सुन कर धक्क सा रहगया लेकिन ममता का खिलखिलाता चेहरा देख कर वो मुस्काराया - क्या तू भी ,,,, मजे ले रही है मेरे हा ,,उसने तो तेरे पति यानी राजन के लिए कहा था ना हिहिहिही

ममता शर्मा कर - हा लेकिन तब उस वक़्त मेरे पति आप थे ना हिहिहिहिही

कमलनाथ के दिल की धड़कने ममता के इस वक्तव्य से और तेज हो गयी औए उस्का लण्ड मे उठाव होने लगा । उसे समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या बोले वही एक ओर अच्छे से ये भी जान रहा था कि ममता उसकी खिचाई कर रही है क्योकि ये उसकी बचपन की आदत थी । मगर कमलनाथ के मन मे कुछ और भी ख्याल थे जो वो ममता से खुले शब्दो मे कह नही सकता था ।
कमलनाथ कुछ विचार किया और सोचा कि अभी फिल्हाल के लिए अपनी भाव्नाओ को किनारे कर थोडा बहुत ममता से हसी मजाक ही कर लिया जाये

कमलनाथ - ह्म्म्ं बात तो सही है ,,, इसका मतलब तुम मेरे सामने

ममता कमलनाथ की बाते पूरी करने से पहले ही ह्स्ते हुए - छीईई भैया क्या आप भी ,, मै कैसे आपके सामने ,,,मतलब सम्झिये ना मुझे शर्म आयेगी ना


कमलनाथ ममता के मुह ऐसे बाते सुन कर उसे मह्सूस हुआ कि मानो एक तल पर ममता उस बात के तैयार है जो वो खुद चाहता है ,,मतलब ममता उसके सामने वो ब्रा पैंटी पहन के आना चाहती है और उसे दिखाना चाहती है मगर रिश्ते की मर्यादा और लाज वस वो ऐसा करने से कतरा रही है ।

इधर ये सब विचार आते ही कमलनाथ का लंड अंगड़ाई लेने लगा ।

कमलनाथ ह्स कर - धत्त पगली , तू ऐसे कह रही है मानो मै कोई गैर हू ,,,याद है बचपन में मा से ज्यादा तू मेरे हाथो से नहाना पसंद करती थी और तुझे मै ही कपडे पहनाता था , स्कूल के लिए तैयार करता था ।

ममता बचपन की उन यादो का अह्सास पाते ही उन्हे अब के समय के हिसाब से जोड कर कल्पना करने लगी कि अगर अभी उस्के भैया उसे नहलाते और तैयार करते तो,,,ममता उस कल्पना मात्र से ही गनगना गयी और उसके दिल की धडकनें तेज हो गयी ।

ममता नजरे नीची किये शर्मा कर - हा लेकिन भैया तब मै छोटी थी और अब मै

कमलनाथ - अब क्या ???
ममता झिझक कर - अब मै बडी हो गयी हू भैया तो कैसे ??
कमलनाथ हस कर - माना कि तू बडी हो गयी , तेरी शादी भी हो गयी और तेरे बच्चे भी है मगर इनसब के बाद भी हम दोनो का रिश्ता तो वही ही है ना जो तब था । मेरे लिए तू तो आज भी मेरी छोटी बहन है गुड़िया जैसी

ममता अपने भैया के मुह से इतनी गहरी बाते सुन के एक बार नजरे उठा कर उनको देखती है तो वो उसे ही देख रहा था ।
ममता शर्मा कर वापस नजरे निचे करते हुए - आपकी बात ठीक है भैया लेकिन

कमलनाथ हौले से ममत की ठुडी को उठाके उसकी आंखो मे देखता हुआ - लेकिन क्या ममता , माना कि आज तेरे कपड़ो के साइज़ बदल गये है , तू पहले से और सुन्दर दिखने लगी है , मगर इनसब से मेरी वो प्यारी चंचल गुड़िया बदल तो नही गयी ,,,तू तो आज भी वैसी ही है जैसे तब थी ।

ममता कमलनाथ की बातो पर शर्मायी
कमलनाथ उससे कबूलवाते हुए -बोल मै कुछ गलत कह रहा हू
ममता मुस्कुरा कर ना मे सर हिलाती है
कमलनाथ ने मौका देख के अपनी जुठी चाय का कप उसकी ओर देख कर - ले चल तू भी पि ,,याद है तेरी शादी होने तक हम दोनो एक ही ग्लास मे चाय पीते थी और एक ही थाली मे खाते थे

ममता हस कर कमलनाथ के हाथ से चाय का प्याला लेके सिप लेती है - हिहिहिही हा भैया याद है

फिर ममता थोडा सोचते हुए - पर !!!!
कमलनाथ अचरज से - पर क्या ??
ममता शर्मा कर ह्सते हुए - वो आप अपना मोबाईल दे दीजिये मै वो कपडे पहन के फ़ोटो निकाल के दे दूँगी आपको ,,मगर ऐसे आपके सामने नही

कमलनाथ की आंखे चमक गयी मगर वो अपनी भावणाए छिपात हुआ - हाहहाहा तू अब भी उसके बारे सोच रही है ,,, पागल कही की मै यहा हमारे बचपन की बाते कर रहा हु।

ममता को लगा उसने उस्ताह मे कही जल्दी तो नही कर दी ।मगर कमलनाथ के अगले वक्तव्य से उसकी गलतफहमी दुर हो गयी ।

कमलनाथ - ले ये मेरा मोबाइल,,, निकालना हो तो अच्छी तस्वीरे निकालना ,पगली कही की

ममता भी कमलनाथ के साथ हसने लगती है ।

फिर ममता वहा से मोबाईल लेके अपने कमरे मे चली जाती है जहा राजन अभी तक सो रहा होता है ।
वही इनसब के अलग निचे के हाल मे पल्लवि चाय की चुस्कियां लेते हुए बार बार अपने रसिले होठो को कभी दाँतो से चबा कर तो कभी उन्पे अपनी गुलाबी नुकीली जीभ फिरा कर अनुज को उत्तेजित कर रही थी ।

अनुज की हालत खराब हो रही थी और उसे बहुत डर लग रहा था कि कही कोई पल्लवी को ऐसे सब करते हुए देख ना ले
मगर पल्लवी इनसब साव्धानियो के लिए बहुत ही चालाक थी वो सारे पैतरे सोच समझ कर ही चलाती थी ।

थोडी देर मे सारे लोग हाल मे एकजुट हुए और फिर खाने की प्लानिंग होने लगी ।

ऐसे मे कमलनाथ थोडा मूड बनाने की फिराक मे था मगर ममता नही चाह रही थी कि आज उसके भैया कोई नशा करे क्योकि वो आज उन्हे अपनी जवानी का नशा कराणे के मूड मे थी ,,,लेकिन दिक्कत ये थी कि रज्जो और राजन के रहते वो अपने भैया के साथ रात मे कैसे रुके ।

वही रज्जो और राजन इसी फिराक मे थे कि कमलनाथ और ममता के रहते कैसे कोई काम हो ।
इनसब के अलग पल्लवि और अनुज की अपनी बेचैनी थी , वो दोनो भी इस गहरी रात का फाय्दा लेके अपने विचारो और भावानाओ का आदान प्रदान करने की फिराक मे थे लेकिन सोनल जोकि देर रात तक अपने होने वाले पति से बाते करती थी , बिना उस्के सोये उन दोनो का काम अधूरा था
कमलनाथ - चलो राजन छत पर चलते हैं, थोडा टहल लिया जाये
कमलनाथ की बात पर ममता गुस्सा कर बोली - नही भैया आप लोग यही बैठो कही जाने की जरुरत नही है

राजन - क्या बात है तू ऐसे नाराज क्यू हो रही है
राजन के वक्तव्य से ममता को समझ आया कि वो ओवररियेक्शन दे रही है ।

कमलनाथ - हा ममता क्या हुआ बता तो
ममता कुछ सोच कर - क्या भैया आपको तो कुछ पडी ही नही है मेरी ,,,ये नही इतने साल बाद आयी हू कुछ बाते मेरे साथ भी करे ,बस रोज पीकर सो जाते है आप

ये बोलते हुए ममता थोडी रुआसी हो जाती है
कमलनाथ को कुछ समझ नही आता है कि अचानक से क्या हुआ इसको ,,फिर वो ममता को भावुक होता देख उसके पास गया और बोला - ओह्ह्ह सॉरी ना ममता ,, आज से पीना बंद , जबतक तू है हम रोज बाते करेंगे ठीक है

ममता थोडा खुश होते हुए - और सिनेमा
कमलनाथ अचरज से - सिनेमा मतलब
ममता फिर से मुह बनाते हुए - भूल गये ना , जब मै गाव थी तो आप ही बोले थे हम सबको सिनेमा ले जाने के लिए , आपको तो कुछ याद भी नही रहता

पल्लवि - हा मामा , आप बोले , जबसे आये हैं हम लोग बस काम काम काम

कमलनाथ हस कर - अच्छा ठीक है भई, कल हम सब लोग सिनेमा जायेन्गे खुश ।

पल्लवि चहक कर - हिहिहिही जी मामा

कमलनाथ - और ममता तू
ममता इतरा कर - हा वो ठीक है लेकिन बाकी का अभी खाने के बाद बताउन्गी आपसे बाते करते हुए


सारे लोग ममता की मासूमियत और भोलेपन हस रहे थे ,,वही ममता मे ब्ड़ी चालाकी से आज रात अपने भैया के साथ बिताने का प्लान बना चुकी थी ।

फिर कमलनाथ वही हाल मे बैठ कर आगे की तैयारियो के बारे मे बाते करने लगे ।

थोडी देर बाद किचन मे सारी महिला मंडली जमा हुई और खाना बनाने की तैयारियो मे सब लग गये ।

पल्लवि जो कि सिनेमा जाने को काफी आतुर हुए जा रही थी वो सोनल से बोली - दीदी कल आप क्या पहनोगे

सोनल - मै सोच रही हूँ कल जीन्स डाल लू ,,काफी समय से नही पहना हिहिहिही

पल्लवि चहक कर - फिर तो मै भी आज जो नयी जीन्स ली है वही पहन के चलूंगी हिहिहिही

सोनल ममता से - तो बुआ आप लोग क्या पहन मे जाओगे

ममता हस कर - हमारी किस्मत मे जीन्स कहा बेटी हिहिहिहिही ,, कुल्हे चौडे हो गये हैं हमारे , क्यू भाभी

रज्जो हस कर - अरे ऐसी कोई बात नही है, मेरे पास मेरे नाप के जीन्स है हिहिहिही

रज्जो की बात पर पल्लवि सोनल और ममता चौके

सोनल - सच मे मौसी , लेकिन आपको देखा नही कभी ऐसे हिहिहिही

रज्जो हस कर - वो तेरे मौसा लाते रहते है मेरे लिए कभी कभी कुर्ती के साथ डाल लेती हू

सोनल चहक कर - फिर कल आप भी जीन्स ही पहनना मौसी

पल्लवि - लेकिन फिर मम्मी अकेले साड़ी मे रहेगी क्या

रज्जो - अरे ऐसे कैसे ,,,मेरे पास कुछ पुराने जीन्स है वो ममता को फिट आयेन्गे

ममता एक पल को खुश हुई फिर भी अपने दिल की भावनाओ पर नियंत्रण करते हुए - धत्त भाभी क्या आप भी ,,,इस उम्र मे जीन्स पहनूँगी हिहिहिही

रज्जो हस कर - अरे एक बार पहन के निकलो तो मेरी ननद रानी ,,,,, जवाँ लौंडे भी पागल होकर इन कसे चुतडो को घुरेन्गे हिहिहिही

रज्जो की बात पर सोनल और पल्लवि मुह दबा कर हसने लगे ।

ममता रज्जो की बातो का जवाब देते हुए - आपके सामने मेरे कुल्हे को निहारेगा भाभी हिहिहिहिही

रज्जो हस कर - कोई निहारे या ना निहारे तेरे भैया जरुर निहारेंगे हिहिहिहिही

ममता अपने भैया के सामने जीन्स मे जाने के अह्सास से ही सिहर गयी और हस कर बोली - क्या भाभी चूप करो , बच्चे है हिहिहिही

फिर सारे लोग ऐसी ही मस्तिया करते हुए खाना बनाने मे लगे रहे । वही हाल मे जेन्स लोग बैठे हुए आप्स मे बाते कर रहे थे लेकिन सब के सब मानसिक रूप से कही और ही खोये हुए थे ।
थोडी देर बाद सारे बच्चे लोग खाना खाकर अपने अपने कमरो की ओर निकल गये ,,,सोनल के साथ जाते वक़्त पल्लवी ने अनुज को आंख मारी और मुस्कुरा कर उसके साथ निकल गयी । अनुज भी कुछ सोचते हुए अपने कमरे मे गया
फिर रमन भी अपने कमरे मे चला गया ।

स्बके जाने के बाद हाल मे राजन रज्जो ममता और कमलनाथ बैठे हुए थे ।

राजन आज ममता के साथ नही बल्कि रज्जो के साथ थकने के मूड मे था तो वो सोचा कि क्यू ना नीद आने का बहाना किया जाये ताकि ममता सो जाये जल्दी फिर वो और रज्जो

राजन अंगड़ाई लेते हुए - उम्म्ंम्ं चलो ममता सोते है ,,आज ब्ड़ी थकान है

रज्जो राजन के बहाने को समझ कर मुस्कुराई

ममता ने जब ये सुना कि आज राजन जल्दी सोने वाला है तो वो और भी चहक उठी कि अब वो थोडा समय अपने भैया के साथ बिता सकती है ।
लेकिन रज्जो के रहते कैसे ?? कुछ ना कुछ करना ही पड़ेगा

कमलनाथ - हा भाई चलो आराम किया जाय
फिर सारे लोग उपर अपने कमरे मे गये ।

रज्जो औए कमलनाथ कमरे मे जाते ही अपने अपने आरामदायक कपडो मे आ गये ।
रज्जो ने अपनी साडी निकाल दी , वही कमलनाथ सिर्फ़ जांघिया और बनियान मे ।

वही बगल के कमरे मे राजन जाते ही बिस्तर पे लेट गया और सोने का नाटक करने लगा ,,वही ममता को इस्स्से कोई फर्क नहीं पडा वो तो अपने भैया के पास जाने की योजना बनाते हुए अपने गहने उतारे कर सोच रही थी कि उसे एक विचार आया । उसने तय किया कि अब वो जीन्स के बहाने कमलनाथ के पास जायेगी ।

ममता एक नजर राजन को देखी तो बोली - ए जी मै अभी भाभी के पास से आती हू थोडा कुछ काम है

राजन जोकि सोने का नाटक कर रहा था वो हम्म्म्म बोलके वैसे ही लेटा रहा ।

ममता चहकते हुए कमरे से बाहर निकली और रज्जो के कमरे मे घुस गयी ।

ममता के कमरे मे आते ही कमलनाथ स्तर्क हो गया

कमलनाथ फौरन उठ कर एक गम्छा लेके लपेट लिया और बोला - अरे ममता तू यहा ,,,कोई बात है कया

ममता थोडा अटक कर रज्जो को देखते हुए - हा वो भाभी मुझे अपनी एक जीन्स देने वाली थी ट्राई करने के लिए

कमलनाथ चौक कर ममता को देखा कि उसकी बहन इस उम्र मे जीन्स पहनेगी

रज्जो मुस्कुरा कर - अरे हा मै तो भूल ही गयी , रुक देती हू
फिर रज्जो उठ के अपनी आलमारी से कुछ जीन्स निकाल कर बिस्तर पर रखती है

रज्जो - ले इसमे से जो तुझे अच्छा लगे लेले
ममता कुछ सोच के - ये मुझे हो जायेंगे ना भाभी

कमलनाथ - क्या तू भी ममता ,,अरे यही पहन कर देख ले ना

रज्जो कमलनाथ के बात पर मुस्कुराई और ममता को छेड़ने के अंदाज मे बोली - हा क्यू नही , चल उतार साडी हिहिहिही

ममता शर्मा कर एक नजर कमलनाथ को देखा और बोली - हिहिहिही क्या भाभी आप भी

कमलनाथ - अच्छा ठीक है तुम लोग ट्राई कर लो मै उपर से फ्रेश होकर आता हू

फिर कमलनाथ कमरे से बाहर निकल कर जीने की ओर चला गया ।

कमलनाथ के जाते ही रज्जो हस कर - अरे क्या हुआ इतना अच्छा मौका था भैया के सामने नंगा होने का हिहिहिही

ममता शर्मा कर -खुद होती है ना वही काफी है हिहिहिहिही

फिर ममता ने साड़ी निकाली और फिर पेतिकोट निकाल कर सिर्फ बलाउज पैंटी मे आ गयी ।

रज्जो ने मौका देख के फौरन ममता के अधनंगे चुतडो पर चप्प से हाथ से थ्पेड़ा जिससे ममता सिहर गयी

ममता हस कर - आऔउउउच्च्च भाभी क्या कर रही है हिहिहिही लग रहा है
रज्जो - ओह्हो ये गोरे चुतड एक बार अपने भैया को दिखा तो सही पागल हो जाएंगे तुझे चोदने के लिए

ममता जीन्स मे पाव डालते हुए - क्या भाभी कितना गन्दा सोचती है आप हिहिहिही

रज्जो हस के - गन्दा कहा रही है तू ,,कभी कभी तो मै अगर चुदते वक़्त तेरा नाम ले लेती हू तो तेरे भैया दुगनी जोश से मुझे चोदते है हिहिहिही

ममता जीन्स को अपनी कमर पर च्धाते हुए - हिहिहिही क्या भाभी आप भी ना
ममता - देखो ना कैसा लग रहा है

रज्जो - अब ये तू अपने भैया को ही दिखा के पुछ हिहिहिही

ममता - अरे नही नही भैया के सामने ऐसे कैसे मुझे शरम आयेगी और दुपट्टा भी नही है

रज्जो - तू तो ऐसे बोल रही है जैसे कभी तेरे भैया ने चुचिया देखी ही नही ,,

ममता - भक्क भाभी आप भी ना ,,,अच्छा थिक है बुला लो लेकिन पहले आप भी पहनो जिंस फिर

रज्जो ह्स कर - इसमे क्या है
ये बोल कर रज्जो ने फौरन अपना पेतिकोट खोलकर निचे गिरा दिया ।

ममता की नजर रज्जो के पुरे नन्गे खुले गाड और चुत पर गयी तो वो चौककर - भाभी आप ऐसे ही रहती है क्या हिहिहिही

रज्जो जीन्स पहनते हुए - हा तो , तेरे भैया के सिवा किसी की हिम्मत है क्या जो मेर पेतिकोट उठा दे हिहिहिही

ममता ह्स कर - आपसे कोई नही जीत सकता भाभी हिहिहिही
इधर रज्जो ने कमर पर जीन्स कर बटन बंद करते हुए - चल ठीक है अब बुलाऊ तेरे भैया को

ममता थोडा हिचक कर - हम्म्म्म ठीक है
रज्जो लपक कर बाहर दरवाजे के पास आई तो कमलनाथ गलियारे मे टहल रहा था

रज्जो हस्कर - हमम्म आईए

कमलनाथ थोडा मुस्कुरा कर कमरे में घुसता है तो उसकी नजर दरवाजे की ओर पिठ करके बिस्तर के पास खड़ी हुई ममता पर गयी।

जिसके बडे बडे चुतडो के उभार और मास्ल जान्घे जीन्स मे कसे हुए थे । कमर पर चर्बी एक्थ्था हूई थी और उपर कसा हुआ ब्लाउज था ।

कमलनाथ की नजरे ममता के गुदाज गाड से हट ही नही रही थी ।
जिससे उसके मन मे एक उत्तेजना ने जन्म ले लिया था ,, आज सुबह से ही वो अपनी बहन के लिए अगल ही अनुभव महसूस कर रहा था और उसका ऐसा रूप देख कर उसका लण्ड कड़क होने लगा जिससे गमछे के उपर उसका उभार दिखने लगा ।

वही रज्जो ने जब अपने पति को व्यस्त देख कर एक नजर उसके उभरे लण्ड पर गयी तो वो मुस्कुरा उठी ।

वो इतरा कर आगे चल के ममता के बगल के खड़ी हुई और उसे घुमा कर कमलनाथ के सामने करते हुए बोली - तो बताईये जी कैसी लग रही है ननद भौजाई की जोडी हिहिहिहो

कमलनाथ की नजर जब सामने से ममता के खुले सीने और चुचियो के उभारो पर गयी और फिर उसने ममता के गुदाज पेट के गहरी नाभि को देखकर थुक गटकते हुए जीन्स पर चुत वाले जिससे पर नजर मारी तो गनगना गया ।

फिर उसकी नजर रज्जो पर गयी दोनो आज क्यामत लग रही थी ।

कमलनाथ थोडा झिझक कर - अरे वाह बहुत खूब जंच रहा है तुम दोनो पे

रज्जो इतराई और फिर अपना मोबाईल कमलनाथ को देते हुए - फ़ोटो निकालिये ना प्लीज

ममता चौकी और रज्जो को ना मे सर हिला कर मुस्कुराइ

रज्जो - क्या नही ,निकालो जी आप
फिर कमलनाथ ने उन दोनो गदराइ हसिनाओ की तस्वीरे निकालनी शुरु की

रज्जो ने कभी आगे भी पीछे तो कभी साइड से पोज दे देके अपना और ममता की तस्वीरे निकाली ।
रज्जो कमलनाथ के हाथ से मोबाइल लेके - अरे वाह !! देख तो ममता तू कितनी अच्छी दिख रही है हिहिहिही रुक मै नंदोई जी को दिखा के आती हू

ममता - अरे नही भाभी , वो सो रहे है
रज्जो खिलखिला कर - अरे ये फ़ोटो देख के उनकी नीद गायब होने वाली है ।

चुकी रज्जो को समझ आ गया था कि कमलनाथ की हालत उसकी बहन की कसे चुतडो को देख कर खराब है तो क्यू ना इन दोनो को आपस मे फ्से रहने दिया जाये और मै एक राउंड नंदोई जी चुदवा कर फटाफट चली आऊ ।

इसिलिए रज्जो भागते हुए मोबाइल लेके राजन के कमरे मे घुस गयी ,,,ममता लपक कर उसकी ओर गयी उसके पहले रज्जो ने जानबुझ कर दरवाजा अंदर से बन्द कर दिया ।

इधर ममता हस्ते हुए वापस कमलनाथ के कमरे मे आ गयी ।

कमलनाथ हस कर - अरे छोड उसको आ बैठ
ममता - भैया ये भाभी को बाँध के रखिये हिहिहिहिहू बहुत शैतान है
कमलनाथ हस कर - तू भी तो कम नही है

ममता थोडी शर्माइ और बोली - ठीक है भैया मै ये कपडे बदल के आती हू ।
फिर ममता अपना पेतिकोट लेके बाथरुम मे घुस गई । मगर वहा उसका जीन्स उसके कूल्हो पर कस गया था जो निचे हो ही नही रहा था । निराश होकर ममता हाथ मे पेतिकोट लेके वापस कमरे मे आ गयी ।

कमलनाथ - अरे ममता क्या हुआ तुने चेंज नही किया
ममता थोडा शर्मा कर - हा भैया वो जीन्स नही निकल रही है ,,टाइट है बहुत

कमलनाथ - अरे तो इसमे क्या है ,, आ इधर मै मदद करता हू
ममता आंखे बडी करते हुए - लेकिन भैया
कमलनाथ - अच्छा ठीक है भई रुक मै दरवाजा भिड़का देता हू ,,,तू भी ना

ममता अपने सर पर हाथ मारते हुए हसने लगती है ।

कमलनाथ दरवाजा बंद करके वापस ममता के करीब आता है
कमलनाथ वही बेड पर बैठते हुए ममता को सामने किया

कमलनाथ - ला इधर आ
ममता थोडा शर्माते हुए - रहने दो ना भैया
कमलनाथ - तो क्या ऐसे ही रहेगी तू हा
ममता - वो मै निकाल लूंगी ना बाद मे
कमलनाथ थोडा झूठमुट का गुस्सा दिखाते हुए - तू चुपचाप खड़ी रह ,,, देख रहा हू कबसे निकाल ही रही है ।

ममता अपने भैया के इस प्यारे गुस्से पे बहुत दुलार आता है और वो मुस्कुरा देती है ।
इधर कमलनाथ ममता के जीन्स का बटन खोलने की कोसिस करता है लेकिन बार बार उसकी उंगलियाँ ममता के गहरी नाभि को छू रही थी ,, कमलनाथ भी सीधेपन का दिखावा तो कर रहा था मगर उसके दिल की नियत अब काफी हद तक गंदी हो चुकी थी वो अब अपनी बहन को अपने हाथो से नंगी करने के फिराक मे था ।

कमलनाथ - जरा पेट अन्दर कर तो
ममता मुस्कुरा कर पेट को पुरा जोर लगा के पिचकाया और मौका पाकर कमलनाथ ने जीन्स का बटन खोला ।

फिर कमलनाथ ने जीन्स का चैन पकड कर निचे करने लगा,,, हर सरकते खाँचे के साथ दोनो भाई बहनो के दिल की धडकन तेज हो रही थी ।

धीरे से कमलनाथ को चैन के गैप से ममता के गुलाबी पैंटी की झलक मिलने लगी ।
उसके लण्ड ने अंगड़ाई लेनी शुरु कर दी ,,,यहा ममता ने देखा कि उसके भैया की नजरे उसकी चैन के गैप मे ही खोयी हुई है ।
कमलनाथ ने एक नजर उपर किया तो ममता ने फौरन आंखे बन्द कर ली ।
कमलनाथ ने जीन्स के किनारो को पकड़ा और साइड से उतारना शुरु किया । शुरुवाति किनारो से होते हुए जीन्स आधे कूल्हो तक आते आते अटक गयी ।

कमलनाथ के जोर लगाने के बाद भी वो ममता के गाड के उभार से निचे नही उतर रही थी ।

कमलनाथ ने बिना कुछ बोले ममता को उसकी कमर को पकड कर घुमा दिया ,,,जिस्से ममता थोडी सी चहकी फिर कमलनाथ नाथ ने ममता की जीन्स को पीछे से पकड़ कर खींचा लेकिन फिर से उतना जोर नही लग पा रहा था ।

कमलनाथ मन मे - उफ्फ़ ये तो ममता के गाड पर अटक ही गयी है कैसे करु ,,,हा निचे बैठ कर निकालता हू

कमलनाथ फौरन बिस्तर से उतर कर ममता के पीछे घुटनो के बल हो गया और इस बार जोर लगा कर जीन्स को निचे किया और एक ही झटके जिंद जांघो तक आ गया और इस झटके से कमलनाथ का सन्तुलन थोडा बिगडा और उसका चेहरा सीधा ममता के गद्देदार गाड के पाटो से जा लगा ।

ममता सिसकी और कमलनाथ ने खुद को सम्भाला और उसकी नजर पैंटी मे कैद उसकी बहन की फैली हुई गाड़ पर गयी । पैंटी के किनारे से गाड़ की गोरी चमडी पर उभरे हुए खडे रोए ममत की बेचैनी बयां कर रहे थे
कमलनाथ फटी हुई आंखो से ममता के गुदाज गाड़ को निहारते हुए थुक गतकने लगा इधर ममता के बदन मे भी सिहरन सी हो रही थी ।

ममता ने जब जाना कि उसके भैया को रुके ज्यादा समय हो गया तो वो बोली - क्या हुआ भैया निकाल दो ना अब
कमलनाथ चौक के - अब ब ब हा हा तू अब बिस्तर पर बैठ जा इसको खिच कर निकालना पडेगा

ममता थोडी मुस्कुराई और घूम कर बिस्तर पे बैठ गयी ।
कमलनाथ ने अब सामने से ममता के कमर के निचे नजर दौडाई ।
उसकी मासल जांघो के बिच की पैंटी उसके चुत के चिपकी हुई थी और निचले हिस्सो पर पर कुछ गीली थी ।

ममता ने बेड पर हाथो को टिका कर अपने पैर आगे किये
क्मल्नाथ का लण्ड अबतक तन चुका था और गमछे के उपर उसका उभार साफ नजर आ रहा था जिसे ममता भी देख कामुक हुई जा रही थी ।

कमल्नाथ मुस्कुरा कर जीन्स को पकड कर जोर लगा कर खिंचता है और ममता टाँगे उठाते हुए हस्ते हुए बेड पर गिर जाती है ।

ऐसे मे कमलनाथ की नजर ममता के चुत से हटी नही और जब जीन्स निकल गया तो ममता ने एक गहरी सास लेते हुए पैरो को फ़ोल्ड करके लेट गयी ।

जिससे उसकी चुत का हिस्सा कमल्नाथ और भी फुला हुआ नजर आया साथ ही उसकी नजरे ममता के चुत के उन बालो पर गयी जो उसकी पैंटी के बाहर की ओर निकाली थी ।
ममता इनसे अलग आंखे बंद किये आने वाले पल को लेके अपने ही ख्वाब बूने जा रही थी कि इसके आगे भैया क्या करेंगे ।

तभी कमलनाथ ममता के बगल मे आके बैठा तो ममता को अह्सास हुआ और वो फौरन उठ कर बैठ गयी और उसने लपक कर अपनी पेतिकोट को उठाकर अपनी जांघो पर रख लिया जिसे देख कर कमलनाथ हसने लगा

ममता कमलनाथ को हस्ते देख - अब क्यू हस रहे हो आप हम्म्म्म्ं

कमलनाथ - देख रहा हू तू आजकल अपना ध्यान नही रख रही है
ममता अचरज से - मतलब

कमलनाथ धीरे से उसके कान के पास जाकर - वो तेरे निचे अब भी बाल है ,,,गरमी के मौसम मे इससे बिमारी फैलती है

ममता कमलनाथ की बाते सुन कर हस दी और शर्माते हुए - वो मुझे वहा के बाल बनाने नही आते ,,,डर लगता है

कमलनाथ ममता की प्रतिक्रिया पर चहक कर - डर , लेकिन कैसा

ममता - वो कही कट ना जाये इसिलिए
कमलनाथ - अरे तो क्रीम यूज़ किया कर ना
ममता - वो कैसे ,,, मुझे तो नही आता
कमलनाथ मौका देखके - अरे इसमे क्या है ये तो आसान है , चल बाथरुम मे बताता हू तुझे

ममता की आंखे बडी हो गयी और उसकी दिल की धडकनें तेज होने लगी कि अब उसके भैया उसके चुत के बाल बनाने वाले है, मतलब वो निचे से पूरी नंगी होगी और वो उसे सहलायेगे दुलारेंगे ।
इस कल्पना के सोचने से ही ममता की चुत फड़फड़ाने लगी ।

कमलनाथ उठा और ममता की कलाई पकड कर उसे उठाता है तो ममता खुद को रोकने की ताकत लगाते हुए ह्सती है ।
कमलनाथ हस्ते हुए - अब चल नही तो गोदी मे उठा के ले जाऊंगा ह्हाहहहहा

ममता थोडी शर्मा गयी और मौका देखकर कमलनाथ उसे खिच कर बाथरुम की ओर चल दिया ।
इधर जहा इनदोनो भाईबहनो के रंगमच सेट हो रहे थे , वही बगल मे कमरे मे राजन रज्जो की जिंस को जांघो तक करके उसकी कसी हुई गाड़ मे गोते लगाये जा रहा था ।
रज्जो सिसकिया लेते हुए - आह्ह जीजा जी जीन्स निकाल लेने दो ना बहुत टाइट जा रहा है अन्दर उम्म्ंम्ं

राजन - तो चुदवाओ ना भाभी जी ,,,मुझे बहुत मजा आ रहा है ऐसे ओह्ह्ह कितना कसा हुआ लग रहा है

राजन रज्जो के गाड़ पर थ्पेड़ जडते हुए तेजी से लण्ड को गचगच पेले जा रहा था ।
यहा उपर के फ्लोर पर जो चल रहा था उसके अलग निचे के हाल मे दो जवाँ दिल आपस मिलने को बेकरार थे ।

अनुज कुछ सवालो के जवाब में बार बार कमरे से बाहर होकर पल्लवि के कमरे तक जाता और फिर वापस हाल मे चक्कर लगाता ,,,उसे उम्मीद थी की पल्लवि जरुर आयेगी ।

इधर कमरे मे सोनल अमन के साथ कॉल पर धीमी आवाज मे रोमांटिक बाते किये जा रही थी जिससे पल्लवि की तलब और भी बढ रही थी ।

सोनल भी समझ रही थी पल्लवि की हालत कि उसके बात करने से पल्लवि थोडा शर्मा रही है और असहज महसूस कर रही है ,,लेकिन वो उसे चिढा देती कि उसकी शादी तय होगी तो उसको भी मौका मिलेगा ।

पल्लवि ह्स देती है और फिर बाथरूम का बहाना मारकर कमरे से बाहर निकल जाती है ।
वही पल्लवि के दरवाजे पर आहट सुनते ही अनुज अपने कमरे मे घुस जाता है और आगन्तुक का इन्तजार करता है ।
पल्लवि दबे पाव अनुज के कमरे की ओर जाती है और उसके दरवाजे पर जाकर हल्की सी आवाज देती है - अनुज

अनुज खुद दरवाजे के पास खड़ा होता है वो पल्लवि की आवाज सुनते उसकी दिल की धड़कन तेज हो जाती है ,,होठ अचानक से सुखने लग जाते है फिर भी वो हिम्मत करके फौरन दरवाजा खोलता है ।

पल्लवि मुस्कुरा कर बिना कोई आहट के फौरन कमरे मे घुस जाती है ।

अन्दर जाते ही अनुज दरवाजा बंद कर देता है और दोनो की निगाहे एक दुसरे से टकराती है तो पल्लवि मुस्कुरा देती है ।

अनुज भी मुस्कुरा देता है
पल्लवि ह्स कर - आओ ना बैठते है ।
अनुज कापती हुई आवाज हा कहता है और दोनो बिस्तर पर पैर लटका के बैठ जाते है ।

दोनो चुप थे लेकिन उन्के दिल की तेज धडकनें साफ सुनी जा सकती है ।
अनुज ने पहल करते हुए - वो वो मुझे तुमसे कुछ पूछना है
पल्लवि ने एक गहरी सास ली और सोची कि चलो इसने पहल तो की ।

पल्लवि खुद को नोर्मल रखते हुए - हा बोलो ना
अनुज तेज धड़कते दिल के साथ थुक गटकते हुए बडी ही हिम्मत से मुह खोला - वो वो वो,,, तुमने माल मे वो क्यू किया

पल्लवि हस कर - वो क्या
अनुज पल्लवि की आंखो मे देख कर अपने होठो पर एक ऊँगली रखते हुए - यहा पर वो

पल्लवि अनुज की मासूमियत पर पिघल गयी और अपनी गरदन आगे बढा कर एक बार फिर से अनुज के होठो को चुमते हुए - इसकी बात कर रहे हो तुम ना हिहिहिही

अनुज सकपका गया कि ये पल्लवि ने फिर से क्यू किया और इसको डर भी नही लग रहा है ।

अनुज अपने होठ अन्दर कर एक बार उनपर जीभ फिरा कर सीधा किया और अटकते हुए बोला - अ ब ब हा मतलब वही ,, ये गलत है ना

पल्लवि चहक कर - इसमे क्या गलत है पागल हिहिहिहिही
अनुज अपने होठ पोछता हुआ -पता नही लेकिन अगर कोई जान गया तो

पल्लवि अब थोडा अनुज के और करीब आते हुए अपने हाथ उसके जांघो पर रख कर उसकी आंखो मे बडी ही कामुक अदा से देखते हुए बोली - यहा हमारे अलावा कोन है ,,,, बस तुम और मै

पल्लवि के होठ फिर से अनुज के होठो के करीब जा रहे थे और अनुज अपने चेहरे को पीछे किये जा रहा था
अनुज एक अलग ही उत्तेजना और पल्लवि के हाथो के स्पर्श से कपकपा रहा था ,, उसके होठ फड़फ्ड़ा रहे थे ।

उसके पेट मे तितलिया उड़ने लगी और दिल की धडकनें पहले से भी तेज हो गयी ।
पल्लवि ने और आगे होकर उसके होठो पर अपने नरम तपते हुए होठ रख दिये ।

अनुज के बदन पल्लवि के होठो का स्पर्श पाते ही पिघलने लगा ,,उसका लण्ड अकडने लगा और उसने धीरे से अपने होठ को खोला
पल्लवि ने तुरंत उसके निचले लिप्स को मुह मे दबोच लिया ।

अनुज अब भी काप रहा था और ब्स वैसे ही ठहरा हुआ था । पल्लवि पुरे जोर से उसके होठो को चूसे जा रही थी लेकिन काफी समय तक उसने जब अनुज की प्रतिक्रिया नही पाई तो उसने खुद उसका हाथ पकड कर अपनी कमर पर रखा ।

अनुज फिर से सिहर उठा उसने हिम्मत करके टीशर्ट के उपर से पल्लवि के कमर को सहलाया ,,,वो स्पर्श उसे एतना कामुक कर गया कि उसने भी जोश में आकर पल्लवि के उपरी होठ पर पकड बना ली और धिरे धीरे लय बनाते हुए पल्लवि के साथ ही उसके होठ चूसने शुरु कर दिये ।

पल्लवि इस समय सोनल की ही टीशर्ट और लोवर पहने हुए थी ।

धीरे धीरे पल्लवी किस्स को और भी गहरा करने लगी और अनुज धीरे धीरे उसके और करीब आता गया ,,,उसने धीरे धीरे अपना हाथ पल्लवी के टीशर्ट के अन्दर डाल दिया ।

ये अनुज का किसी लडकी के कमर पर पहला स्पर्श था ,,,उसे इतना मुलायम अह्सास कभी नही हुआ ये स्पर्श उसे और भी जोशील किये जा रहा था ।

तभी दरवाजे पर दसटक हुई जो सोनल थी ।
सोनल की आवाज सुनते ही अनुज की फट गयी कि अब क्या होगा और दीदी ने आज उसे रंगे हाथ पकड लिया ,,कही वो पापा या मम्मी को बता ना दे ।

अनुज मन ही मन डरते हुए भगवान को याद कर रहा था कि आज उसे बचा ले फिर आगे वो इस झंझट मे पडेगा ही नही । मन ही मन उसने सुबह मंदिर जाकर पाव भर लड्डु के प्रसाद चढ़ाने की मन्न्त भी माग ली । बस किसी भी तरह से भगवान आज उसे बचा ले ।

वही पल्लवि एकदम सामन्य थी और उसने मुस्कुरा कर अनुज को देखा और एक बार फिर हल्के से उसके होठ को चूम कर खड़ी हुई और दरवाजा खोलने चली गयी ।

दरवाजा खोलते ही सोनल - तू यहा क्यू आ गयी पल्लवि

सोनल के सवाल से अनुज की हालत और खराब हो गयी कि अब तो वो गया ,,,उसके मन मे भगवान के प्रति श्रद्धा और लड्डुओं का वजन और भी बढ गया । पहले पाव भर और अब सवाकिलो । कैसे भी करके अनुज इस झमेले से बचना चाहता था ।

पल्लवी हस्ते हुए - वो क्या है दीदी आप जीजू से बात कर रही थी तो मै बाथरुम आयी थी , फिर अनुज भी जाग रहा था तो हम बाते करने लगे ।हिहिहिही

अनुज ने जैसे पल्लवि के मुह से जवाब सुना उसे बडी राहत मिली और मन ही मन उसने भगवान की धन्यवाद किया कि उसने पल्लवि को सतबुद्धि दी और उसे बचा लिया ।

सोनल थोड़ा मुस्कुरा कर - तू भी ना बडी बदमाश है ,,,चल अब हो गयी मेरी बात ,,,और तू अनुज तू भी सो जा रात हो गयी है ।

अनुज खुश होकर - हा दीदी बाय गुड नाइट

सोनल - ओहो आज गुड नाइट हा
पल्लवि - क्या दीदी आप भी परेशान कर रही है उसको चलो ,,,बाय अनुज
अनुज - हा बाय

फिर पल्लवि और सोनल अपने कमरे मे चले और अनुज ने फौरन दरवाजा बंद करके अपने तेज धडकते दिल को राहत दी और भाग कर कमरे मे लगे एक भगवान की फ़ोटो के सामने खडे होकर उन्का धन्यवाद करने लगा ।
इधर निचे दो जवाँ दिल फिर से तडप कर रह गये वही उपर कमलनाथ के कमरे मे दोनो भाई बहन बाथरुम के पहुच चुके थे ।

ममता इस वक़्त ब्लाउज और पैंटी मे नंगी खड़ी थी और कमलनाथ का लण्ड तनमनाया हुआ था ।

कमलनाथ बाथरूम मे एक दरख्त से रज्जो की रखी हुई हेयर रेमोवर क्रीम का टयूब निकालता है।
ममता बड़े अचरज से उस क्रीम के ट्यूब को देखती है - ये कैसे काम करता है भैया

कमलनाथ - इसको लगाने से पहले वहा निचे पहले पानी से भिगो कर बालो गिला कर लेते है और फिर थोडी सी क्रीम लेके हाथो से अच्छे से लगाते है और फिर थोडी देर बाद पानी डाल के धुल देते है ।

ममता बडे ध्यान से कमलनाथ को सुन रही थी ।
कमलनाथ हस कर - मै जान रहा हू तू नही कर पायेगी ,,,रुक मै ही कर देता हू

ममता की आंखे चौडी हो गयी और वो मुस्कुरा कर बोली - धत्त नही भैया प्लीज रहने दो मुझे वैसे ही शरम आ रही है

कमलनाथ हस कर - तू बड़ा शर्मा रही है ,,भूल गयी छोटी थी तब तेरी चुतड भी मै ही धुला करता था

ममता अपने भाई के मुह से सीधे लफजो मे चुतड शब्द सुन कर झेप सी गयी ।
कमलनाथ हस कर - चल अब निकाल इसको कि ये भी मै ही करू हम्म्म्म

ममता तो चाह ही रही थी कि वो पूरी तरह से अपने भैया के सामने नंगी होकर उनको अपना जिस्म दिखाये , मगर ऐसे सीधे मुह कैसे कह सकती थी कि उसे भी मजा आ रहा है । हालाकि अब तक कमलनाथ ने भले ही ममता पर बडे भाई का हक जताते अपनी मन्शाये पूरी कर रहा था लेकिन फिर भी उसने ऐसी कोई हरकत या वक्तव्य नही रखा जिससे ममता को लगे कि वो हवसी हुआ जा रहा है सिवाय उसके सर उठाते लण्ड के । जो तब से तना हुआ था जबसे ममता को उसने जिंस मे देखा था ।

ममता नुकुराते हुए कमलनाथ की ओर पीठ करके झुकी और एक ही झटके मे पैंटी को निचे करके सीधी खड़ी हो गयी । पैंटी निचे करने से पहले ममता ने एक बार पैंटी के उपर से अप्नी चिपचिपाती चुत को दबा कर साफ कर दिया था ।

ममता की नंगी गोरी चर्बीदार गाड़ को देख कर कमलनाथ का लण्ड ठुमका जिसे कमलनाथ ने हल्का सा दबा दिया ।

कमलनाथ - अब चल उस कमोड पर पैर खोल कर बैठ जा

ममता अपनी चुत के आगे हाथ रखते हुए घूमी और वैसे ही टाँगे सताये हुए कमोड पर बैठ गयी ।

कमलनाथ ममता को शर्माता देख मुस्कुरा कर उसके आगे बैठ गया और टोइलेट सीट के बगल मे लगी छोटी हैण्ड स्प्रे को हाथ मे पकड कर उसका पानी चालू कर दिया ।

ममता पानी के प्रेशर और ठन्डे छीटे अपने पैरो पर पाते ही थोडा चहकी फिर कमलनाथ ने उसके सटे हुए घुटनो को एक हाथ स्पर्श किया और हलका सा जोर लगा कर खोलने लगा ।

ममता अपने नंगे बदन पर भैया के कठोर हाथो का स्पर्श पाकर सिहर गयि और उसने आंखे बन्द करते हुए बिना कोई रोक के टांगो को खोल दिया ।

कमलनाथ को पहली बार ममता के चुत के दाने के उभार की हल्की झलक मिली लेकिन बढ़ी हुई काली झान्टो मे उसकी गोरी जान्घे बहुत खिली खिली दिख रही थी ।

कमलनाथ ने एक नजर ममता को देखा तो मधोश होते हुए आंखे बन्द किये गहरी सासे ले रही थी और उसकी चुचिया ब्लाउज मे ही उपर निचे हो रही थी ।

कमलनाथ ने वो प्रेशर स्प्रे का मुह ममता के चुत पर डाला और एक तेज ठंडी धार ममता के चुत पर जाने लगी जिस्से ममता चिहुक उठी ।
कुछ ही पलो मे ममता के चुत के बाल गीले होकर चीपक गये लेकिन कमलनाथ अभी भी चुत के मुहाने पर धार मारे जा रहा था जिससे कि सारे बाल दोनो तरफ बट गये और चुत की खुली हुई लकीर साफ दिखने लगी ।

फिर कमलनाथ ने ट्यूब से थोडा सा क्रीम लेके हाथो मे फेटते हुए बोला - ममता तू जरा ये अपने पैर मेरे कन्धे पर रख ले ताकि निचे अच्छे से क्रीम लगा दू मै

ममता अपनी हसी और हवस दोनो को दबाए मुस्कुराते हुए बडी ही बेशर्मी से अपनी दोनो टाँगे कमलनाथ के कन्धे पर टिका दी और पीछे दिवाल से टेक ले ली ।

अब कमलनाथ को ममता के की पूरी चुत के साथ साथ उसके गाड़ का भूरा छेद भी दिखा रहा था जिसके आस पास बालो के रोए थे ।

कमलनाथ से क्रीम फेटते हुए अपने हाथ को धीरे से चुत के आस पास घुमना शुरुकीया

ममता को गुदगुड़ी सी मह्सूस हो रही थी साथ चुत के उपर उसके भैया के सख्त हथेलियो के स्पर्श उसे कामुकता से भर दे रहे थे फिर भी वो खुद पर काबू करते हुए हसते हुए बोली - हिहिहिहिही आराम से भैया गुदगुदी लग रही है

ममता को हस्ता देख कमलनाथ मुस्कुरा कर थोडा हल्के हाथो से अच्छे से चुत के आस पास क्रीम लगा कर अंगूठे से गाड के सुराख के पास क्रीम लगाने लगा जिस्से ममता छटकने लगी ।

कमलनाथ उसकी जान्घे थाम कर - ओहो क्या कर रही है अभी गिर जाती तू ,,सही से बैठ
ममता ह्सते हुए - धत्त भैया मुझे गुदगुड़ी हो रही हैं जल्दी से करो ना

कमलनाथ हस कर - हा हो गया है ब्स थोडा सुख जाये 2 मिंट

ये बोल कर कमलनाथ ममता के चुत के उपर फुक मार कर उसे सुखाने लगा । ये सब हरकते ममता को बहुत ही ज्यादा उत्तेजित किये जा रही थी , मगर वो ज्यादा रियेक्शन नही दे सकती थी ना ही खुल कर आहे भर सकति थी ।

वही कमलनाथ की हालात कम खराब नही थी वो भी अपने खडे हुए लण्ड को आजाद करना चाहता था मगर वो भी मजबुर था ।

एक तो क्रीम मे मिण्ट का फ़लेवर था जो पहले से ही ममता के चुत और गाड की सुराख के पास एक ठंडक भरी झुनझुनी दे रहा था उसपे कमलनाथ की ठंडी फुक से वो और भी पागल होने लगी थी ।

दो मिनट के बाद कमलनाथ ने वापस से पानी के स्प्रे ममता के चुत की ओर किया और धीरे धीरे ढेर सारे झाग के साथ सारे बाल निचे गिरने लगे । ममता को काफी ताज्जुब हो रहा था कि इतनी आसानी से बिना कोई दर्द के ये साफ हो गया ।

कमलनाथ फिर प्रेशर स्प्रे का मुह ममता के गाड के सुराख पर किया और फिर से चिहुक उठी लेकिन इस बार वो सामान्य ही रही ,,,धीरे ममता की चुत से सारे बाल हट गये और उसकी चुत चमकने लगी ।

कमलनाथ का मुह और लण्ड दोनो लार से भर गये । ममता की चुत अब बहुत ही मुलायम थी उसके चुत के किनारे वो हल्के भूरे घेरे उसे और भी कामुक बनाये जा रहे थे ।

ममता - हो गया ना भैया

कमलनाथ चौक कर हा हो गया , रुक मै इसे पोछ दू
ममता हस कर खडे होते हुए - अरे मै कर लूंगी

कमलनथ भी उठ कर अपना गम्छा निकाल के उसे देते हुए - हा ये ले इससे पोछना , तू चल मै हाथ धुल के आता हू

ममता ने एक नजर कमलनाथ के लण्ड के उभार को जान्घिये मे उठा देखा फिर उसके हाथ से वो गमछा लिया और कमरे मे आ गयी ।
इधर कमलनाथ ने जलदी से हाथ धुल कर नारियल के तेल की शिशि लेके कमरे आता है तो ममता अपना पेतिकोट बान्ध रही होती है ।

कमलनाथ - अरे ये क्या कर रही है तू
ममता हस के - अब क्या ऐसे ही रहू हिहिहिहिह

कमलनाथ हस कर - अरे मेरा मतलब था कि अभी ये तेल लगाना पडेगा ना ,,नही तो खुजली होगी वहा

ममता - ओह्हो अब क्या फिर से निकलू इसे

कमलनाथ हस कर - अरे नही ,,तू यही बिस्तर पर लेट जा और ये पेतिकोट उपर ले मै लगा देता हू

ममता मुस्कुराई और वही बिसतर पर एक साइड लेट गयी और खुद पेतिकोट को कमर तक चढाते हुए बडी बेशरमी से अपनी जांघो को फ़ोल्ड करते हुए खोल दिया ।

कमलनाथ की नजरे अब ममता की चुत पर जम सी गयी ,,पोछने के बाद से उसकी चुत और भी खिल गयी थी ।
कमलनाथ ने अपनी भावनाओ पर काबू मे रखते हुए तेल की शीशी से कुछ बुन्दे ममाता चुत के बालो वाले हिस्से पर टिपकाई

ममता ने एक बार फिर से आंखे बन्द कर लि और गहरी सासे भरने लगी ,, तेल की बुन्दे टिप टिप टिप गिरते हुए रिसते हुए उसके चुत के किनारो से होते हुए गाड़ के सुराखो तक चली जा रही थी ।

कमलनाथ ने फिर सीसी को किनारे रख कर अपने दाये हाथ से हल्का हल्का चुत के उपरी बालो वाले हिस्से पर तेल को फैलाना शुरु कर दिया और जैसे ही उसके हाथ का खुरदरा स्पर्श ममता के चुत के उभरे हुए दाने को मिलता है वो हलकी सी सिस्क उठती है ।

कमलनाथ ममता की सिसकी सुन कर उसकी ओर देखता है तो ममता उसे आंखे बंद किये बहुत ही तडपती और कामुकता से मदहोश नजर जाती है और फिर वैसे उसने ममता के चेहरे के भावो को पढते हुए उसकी चुत के हिस्सो को सहलाते हुए तेल को हर तरफ पहचाने लगता है और धीरे से एक ऊँगली को उसकी गाड के सुराख के पास ले जाकर छुटा है

जिस्से ममता की आंखे खुल जाती है और उसकी नजरे कमलनाथ से टकराती है ।
ममता शर्मा कर मुस्कुराते हुए मुह फेर लेती है - हो गया भैया

कमलनाथ चौक कर - हा अ ब ब हा हो गया , देख तो कितनी साफ लग रहि है अब

ये बोलते हुए कमलनाथ झुक कर ममता के चुत के उपरी बालो वाले हिस्से पर किस्स कर लेता है ।

ममता खिलखिला कर - हिहिहिही क्या भैया वो कोई जगह है चुम्मी करने की

कमलनाथ वापस से ममता के चुत के पास उंगलिया रेंगाते हुए - हा तो इसमे क्या बुराई है ,, तू मेरे लिए हर जगह से अच्छी लगती है ,, और ये जगह भी प्यारी लग रही है अब ,, मेरा तो मन हो रहा है इसे और भी चुम्मीया दू

ये बोल कर कमलनाथ फौरन निचे बैठ गया और उसकी एक जांघो को खिच के अपने कन्धे पर रखते हुए चुत को थोड़ा अपने सामने किया और बार बार ममता के चुत के उपर चुम्मिया देने लगा

ममता खिलखिला कर - अब ब्स भी करो भैया हिहिहिही गुदगुदी लग रही है ।

कमलनाथ - वैसे ये जगह बहुत ही मुलायम है अह्ह्ह
ये बोलकर कमलनाथ अपना गाल ममता के चुत के पास घुमाता है

ममता मौका देख कर ह्स्ते हुए - उससे भी ज्यादा मुलायम जगह है भैया ,आपने शायद देखा नही हिहिहिहिही

कमलनाथ समझ रहा था फिर भी अंजान बन्ते हुए - कहा है मुझे तो नही लगता कि इससे भी मुलायम जगह कही और है

ममता हस कर - लगा लो शर्त हार जाओगे हिहिहिही

कमलनाथ चहककर - ठीक है लगी शर्त ,,,तू जीती तो जो तू कहेगी मै करने की तैयार हू

ममता ह्स के - सोच लो भैया हार जाओगे हिहिहिही
कमलनाथ उठ कर खड़ा हुआ और ममता भी उठ कर बैठ गयी ।

कमलनाथ - मुझे मंजूर है

ममता ह्स कर - हिहिहिही ठीक है फिर आप आंखे बन्द कर लो
कमलनाथ आंखे बंद करके खड़ा हो गया
ममता हस्ते हुए उसे बिस्तर पर बिठाती है
कमलनाथ - क्या हुआ
ममता ह्स कर - हिहिहिही बस रुको ना भैया थोड़ा सा

ममता ने फिर एक एक करके अपने ब्लाउज और ब्रा निकाल कर उपर से नंगी हो गयी और आगे बढ के कमलनाथ हाथ पकडते हुए बोली - हिहिहिही अभी आंख नही खोलना भैया ठीक है

कमलनाथ हस कर - हा ठीक है लेकिन तू कर क्या रही है

ममता हस कर - बस अभी पता चल जायेगा
इतना बोल कर ममता ने कमलनाथ के हाथ को पकड कर सीधा अपनी नुकीली चुचियो के उपर रख दिया - अब बताओ भैया है ना वहा से भी मुलायम हिहिहिहू

कमलनाथ ने अच्छे से उस जगह को हथेलियों से टटोलता और जब उसे समझ आया कि ये तो ममता की चुची है तो इस्का लण्ड टनटना गया और उसने हौले से उसकी चुची को दबाया और बोला - अह्ह्ह ममता सच मे क्या है ये बहुत ही मुलायम है ये तो

ममता खिलखिलाते हुए - खुद ही देख लिजिए हिहिहिही

कमलनाथ ने जैसे ही आंखे खोली उसकी आंखे फटी की फटी रह गईं और एक कामुक मुस्कान उसके होटो पर छा गयी ।
कमलनाथ एक नजर ममता को हस्ते देखा और वापस से उसकी चूची को निहारते हुए उसके कड़े निप्पल को सहलाया ,,,ममता मचल गयी और उसकी सासे तेज हो गयी ।

कमलनाथ दोनो हाथो से ममता की चुचिया पकडते हुए सहलाने लगा - अह्ह्ह ममता सच मे ये तो उससे भी मुलायम है

ये बोल कर कमलनाथ ने दोनो हाथो से ममता की चुचियो को हल्का जोर देके दबाया ।
ममता सिस्ककर - उम्म्ंम्ं हा भैया इस्स्स्स्स अह्ह्ह

कमलनाथ - मै एक बार इसकी भी चुम्मी लेके देखता हू कैसा लगता है
ममता कमलनाथ की बाते सुन कर सिहर उठी और उस्का बदन कापने लगा ।
कमलनाथ ने अगले ही पल ममता की नंगी कमर को थामा और गरदन आगे बढा कर ममता के निप्प्ल के बगल मे हल्का सा चुम्बन किया ।

ममता गनगना कर रह गई उसकी चुत फिर से रसाने लगी।
कमलनाथ ने एक नजर ममता को देखा जो आंखे बन्द किये सिसकियाँ ले रही थी ।
कमलनाथ ने वापस से अपना खोलते हुए इस बार सीधा ममता के निप्प्ल को मुह भर कर एक बार चुबलाया ।

ममता सिस्क कर - सीईईई अह्ह्ह भैयाआआ उम्म्ंम्ं

कमलनाथ मुह हटा कर ममता को देखते हुए - क्या हुआ ममता

ममता हस कर - कुछ नही ,
कमलनाथ बडे दुलार से उसकी कमर मे हाथ डाल कर उसे अपनी जान्घ पर बिठाते हुए -बोल ना

ममता शर्मा के ह्स्ते हुए - वो मै शर्त जीत गयी ना हिहिहिहो
कमलनाथ हस कर बगल से साथ निकाल कर उसकी एक चूची को थामते हूए - अरे हा ,, तो बता क्या चाहिये तुझे
ममता कमलनाथ के हाथो को अपने जिस्म पर रेंगता पाकर कसमसा कर बोली - उह्ह्ह्ह भैया मुझे भी भाभी के जैसे प्यार करो ना


कमलनाथ ममता के मुह से ये बाते सुन कर उत्तेजना से भर गया और उस्का दिल तेजी से धडकनें लगा ।
वही ममता ये बोल कर बहुत काप रही थी लेकिन उसके चुचियो पर घुमते उसके भैया के हाथ उसे उम्मीद दिए हुए थे
कमलनाथ जो चाह रहा था वो अब उसके सामने थे अब तक उसने अपने दिल के उठे हवस के तरंगो को रोक रखा था ।

उसने हौले से ममता की चुची को दुलारते हुए उसके गालो को चुम कर बोला - तू चाहती है कि मै तुझे रज्जो के जैसे प्यार करू

ममता सिहर कर नजरे नीची किये हा मे सर हिला कर वही कमलनाथ के गोद मे बैठी रही ।
कमलनाथ ने सामने से अपने हाथ को ममता की चुचिया पर रख कर उसके निप्प्ल पर दरते हुए बोला - तू चाह रही है कि मै तेरे बदन को वैसे स्पर्श करू जैसे तेरी भाभी को करता हू

ममता सिस्ककर - हम्म्म्म्ं भैया अह्ह्ज सीईई उम्म्ंम्ं
कमलनाथ ममता से वापस कबूलवाते हुए - तुझे मेरा स्पर्श अच्छा लगता है क्या ममता ,,,बोल ना

ममता सिस्ककर - उम्म्ंम्ं हा भईयाआआ बहुत अच्चाआआ

कमलनाथ ने अब ममता को आगे कर पीछे से उसकी दोनो चुचिया मिजते हुए - ओह्ह्ह्ह ममता सच मे तेरे दूध बहुत मुलायम है उम्म्ंम्ं अह्ह्ह

ममता सिस्कर अपने हाथ कमलनाथ के हाथो के उपर रख कर उन्हे रगड़ते हुए - ओह्ह आपको पसंद आया ना मेरे दूध उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह भैया ऐसे ही उम्म्ंम्ं रगडो ना भैया जैसे रज्जो भाभी का रगड़ते हो ,,,देखो ना कितना ब्डा कर दिये हो उनका
कमलनाथ और जोर से ममता के चुचियो के मिजता हुआ - उम्म्ंम्ं तुझे भी अपने दूध उसके जैसे करवाने है क्या उम्म्ंम्ं
ममता सिस्कते हुए - उम्म्ंम्ं हा भैया कर दो ना उम्म्ंम्म्ं भाभी के जैसे ओह्ह्ह्ह

कमलनाथ - आह्ह ममता तेरी बात कभी मैने टाली है उम्म्ं तेरे दूध भी मै रज्जो के जैसे मोटे कर दूँगा उफ्फ्फ वैसे ये कम मोटे नही है उम्म्ंम्ं बहुत ही मुलायम दूध है तेरे

ममता सिस्क कर - उम्म्ं भैया सूनो ना उम्म्ंम्म्ं
सीई

कमलनाथ अपने हाथ रोकते हुए - हमम क्या हुआ बोल
ममता थोडा मुस्कुरा कर शर्माते हुए - इनको दूध नही बोलते ,,,सही नाम लो ना उम्म्ंम्म्ं अह्ज्ज्ज

कमलनाथ ममता के वक्तव्य से और भी जोशील होकर एक बार फिर ममता की चुचिया हथेली मे भरते हुए - ओह्ह्ह तू चाह रही है मै इनके वो वाले नाम लू गन्दे वाले

ममता हा मे सर हिलाते हुए सिसकी
कमलनाथ - ओह्ह्ह ममता तेरी चुचिया बहुत ही मुलायम है अह्ह्ज इनको मिजने मे बहुत ही मजा आ रहा है उफ्फ़फ्फ
ममता अपने भैया के मुह से खुले शब्दो को सुन के मचल उथी
वही कमलनाथ धीरे से निचे से ममता के पेतिकोट को उपर करके एक हाथ को उसकी चुत पर लगा दिया और उसे सहलाने लगा

ममता की हालत खराब होने लगी वो अपने भैया की बाहो मे पिघलने लगी ।

कमलनाथ - उम्म्ं तू ऐसे ही चाहती है ना मै इसे सहलाऊ बोल ना

ममता सिस्ककर - उम्म्ंम हाआआ भैयाआआ उफ्फफ़फ़ ऐसे ही मसलो उसे

कमलनाथ - बोल ना क्या मसलवा रही है अपने भैया से उम्म्ंम
ममता सिहर के - उम्म्ंम्ं सीईईई अह्ह्ह्ह च च च चुउउऊऊ त्त्त्त्त्त अह्ह्ह

कमलनाथ अपनी हथेली मे ममता की चुत को दबोचते हुए - मजा आ रहा है अपने भैया से अपनी चुत मसलवा के ,उम्म्ंम्ं बोल ना

ममता सिस्ककर - उह्ह्ह्ह्ह हाआआ भैयाआआ बहुतहहह उम्म्ंम्ं

कमलनाथ - उम्म्ंम तो फिर अपने भैया को मजा नही देगी क्या उम्म्ंम बोल ना

ममता - सीईई ओह्ह्ह हाआआ क्यू नही उम्म्ंम्ं

कमलनाथ ने फौरन ममता को खड़ा करके खुद अपना जांघिया खोल कर निचे कर दिया और उसका मोटा लण्ड तनमना कर खड़ा हो गया ।

ममता अपने भैया का लण्ड देखकर एक गहरी आह्ह्ह भरी और तुरंत घुटने के बल होकर बिना कोई देरी के सीधा मुह मे लण्ड लेके चूसना शुरु कर दिया

कमलनाथ ममता की आतुरता देखकर थोडा मुस्कुराया और अगले ही पल जब ममता ने उसकी चमडी खिच कर सुपाडे ले जीभ फिराया तो कमलनाथ पूरी तरह से हिल गया ।

कमलनाथ - ओह्ह्ह ममता उम्म्ं ऐसे ही अह्ह्ह सच मे तू तो कमाल की है रे अह्ह्ब उम्म्ंम्म्ं
ममता बिना कुछ बोले तेजी से गपगपा लण्ड निचोद्ते हुए चुसे जा रही थी ।

कमलनाथ ज्यादा देर तक रोक नही सकता था खुद को और उसने ममता का सर रोका ।

ममता ने हौले से मुह खोल्कर लण्ड छोड दिया और नजरे उपर कर कमलनाथ को ऐसे देखने लगी कि मानो पुछ रही थी कि मुझे रोका क्यू ।
कमलनाथ - सारा रस यही निचोड लेगी क्या उम्म्ं
ममता शर्माते हुए मुस्कुराई तो कमलनाथ मे उसको पकड कर उठाया और बिस्तर पे लिटा दिया ।

ममता ने शर्माते हुए मुह फेर ली और वही कमलनाथ उसकी जान्घे फ़ोल्ड करता हुआ उस्के पेतिकोट को कमर तक चढा दिया ।

फिर कमलनाथ अपना जान्घिया पैर से निकाल कर एक पैर का घुटना मोड कर बिस्तर पर रखा और ममता की टांगो को पकड के अपनी ओर खिचते हुए लण्ड को उसकी पनियायी चुत पर फिराया और अगले ही पल हचाक से अन्दर पेल दिया

ममता सिसक उठी - उह्ह्ह्ह भैयाआआ अह्ह्ह उम्म्ंम्ं आह्ह्ह्ह अराअमाआम्ंंं से उह्ह्ह

कमलनाथ ममता की आंखो मे देखते हुए - दर्द हुआ क्या तुझे
ममता ह्स के ना मे सर हिलायि
कमलनाथ ने एक और जोर का धक्का देकर पुरा लण्ड जड़ तक पेलते हुए - देख ऐसे ही रज्जो पेलता हू पुरा अन्दर तक
ममता अपनी चुत के जड़ मे अपने भैया का लण्ड पाकर चिहुक उठी और सिस्कते हुए - ओह्ह्ह भैया तो पेलो ना मुझे वैसे ही ,,जैसे रज्जो भाभी को पेलते हो हचक हचक के

कमलनाथ ममता की बातो से और भी जोश मे आ गया और लम्बे लम्बे धक्के ममता की चुत लगाते हुए - तुझे भी ह्चक ह्च्क के पेलवाना है ना तो ले और ले अह्ह्ह आह्ह

ममता सिस्कते हुए अपनी गाड उचका के - ओह्ह्ह हा भैया और तेज्ज अह्ज्ज उम्म्ंम्ं ऐसे ही और हचक के पेलो मुझे अओह्ह्ह भैयाआअह्ह्ह
कमलनाथ जोश मे आते हुए - ओह्ह्ह ममता तू बहुत गरम है अह्ह्ह ऐसे ही उम्म्ंम्ं
ममता - ओह्ह भैया आपका वो भी बहुत मोटा है उम्म्ंम्ं सीईई अह्ह्ह

कमलनाथ तेजी से ममता की चुत मे लण्ड पेलते हुए - अह्ह्ह उम्मममं तेरी चुत बहुत कसी हुई है रे अह्ह्ह इसको भी तेरे भाभी के जैसे कर दूँगा उम्म्ंम


ममता कमलनाथ से कबुलवाते हुए - ओह्ह सच मे भैया मेरी भी चुत भाभी जैसे खोल दोगे उम्म्ंम

कमलनथ तेजी से चुत की गहराइयो मे जाते हुए - हा ममता ,,,तेरी भी चुत का भोसडा बना दूँगा चोद चोद के ओह्ह्ह
ममता - ओह्ह भैया फिर बना दो ना मेरी चुत का भोस्डा उम्म्ं और तेज पेलो अपनी बहन को ओह्ह्ह अह्ह्ह ऐसे ही

ममता के मुह से बहन शब्द सुन कर कमलनाथ के लण्ड मे नयी ऊर्जा आ गयी और वो तेजी से हचाक ह्चाक उसकी चुत मे लण्ड पेलने लगा
कमलनाथ - उम्म्ंम ममता एक नम्बर की अह्ह्ह सीईई

ममता अपनी गाड उचका के कमलनाथ की आंखो मे देख कर - अह्ह्ह भैयाआआ बोलो ना ,, मै एक नम्बर की क्या अह्ह्ह उम्म्ं

कमलनाथ ममता की आंखो मे देखते हुए - सच मे बोल दू उम्म्ंम्ं
ममता - अह्ह्ह हा भैया बोलो ना मै क्या एक नम्बर की उह्ह्ह्ह सीईई अह्ह्ह

कमलनाथ अपने लन्ड़ को ममता की चुत के गहराईयो मे ले जाकर - तू एक न्म्बर की चुद्क्क्ड लगती है रे अह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

ममता अपने भैया के मुह से अपने लिये ऐसे लब्ज सुन के और भी पागल होने लगी - अह्ह्ह सच मे भैया उम्म्ंम और क्या लगती हू मै आपको अह्ह्ह्ह सीईई उम्म्म्ं


कमलनाथ बिना कुछ बोले ममता को तडपते हुए देखकर मुस्कुराते हुए लगाताए एक ही लय बनाते हुए उसकी चुत मे गचागच पेले जा रहा था

ममता कमलनाथ को चूप देख कर थोडी परेशान होने लगी - उम्म्ंम भैया क्या हुआआ सीई अह्ह्ह बोलो ना क्या सोच रहे उम्म्ंम्म्ं बोलो ना मुझे गंदे गंदे शब्द उम्म्ंम्ं

कमलनाथ मुस्कुरा के - उम्म्ं तुझे गंदे गन्दे शब्द सुनने है हा
ममता - उम्म्ंम हा ,,भाभी कह रही थी कि जब वो आपको एक गाली देती है तो आप उनको बहुत तेज चोदते हो उम्म्ंम्ं

कमलनाथ मुस्कुरा के - कौन सी बता ना

ममता मुस्कुरा ना मे सर हिलाती है
कमलनथ ममता की टाँगे उठा कर एक जोर का झटका लगाते हुए एक लम्बा शॉट उसकी चुत मे लगाते हुए- बोल ना उम्म्ं

ममता दर्द और मस्ती से सिस्ककर - ओह्ह्ह बहनचोद चोद ना मुझे कस के उम्म्ंम्ं

कमलनाथ ममता के मुह से अपने लिये गाली सुन के उत्तेजना से भर गया और तेजी से धक्के लगाते हुए उसके उपर चढ़ गया और एकदम करिब से उसकी आंखो मे देखते हुए - आह्ह अब तो मै पक्का बहनचोद हो गया हू रे उम्म्ंम

ममता अपने चरम पर थी इसिलिए वो अपने गाड़ को उच्काते हुए अपने चुत के छल्ले को कमलनाथ के लण्ड पर कसटे हुए - तो चोद ना बहनचोद अपनी बहन को खुब हचक हचक के पेल ना उम्म्ंम ऐसे हो अह्ह्ज्ज

कमलनाथ भी अब अपने रंग मे आते हुए - आह्ह्ह्ह साली तू बडी चुद्क्क्ड है उम्म्ंम्ं आज तो तेरी चुत का भोस्दा बना ही दूँगा उम्म्ंम्ं साली रन्डी है तू उम्म्ंम्ं

ममता तो इसी सब के इन्तजार मे थी उसे ऐसे ही बेरहम और गाली गलौज भरी धमाकेदार चुदाई चाहिये थी अपने भैया से
कमलनाथ अब उसे गाली देते हुए तेजी से अपना लण्ड ह्च्च्च ह्च्च उसकी चुत मे उतार रहा था ,,

ममता अब झडने के करीब थी और वो अपनी कमर उच्काते हुए - आह्ह भैया चोदो ना अपनी रंडी बहन को आह्ह्ह ऐसे ही ओह्ह्ह मै आ रही हुई अओह्ज्ज अह्ह्ह पेलो भैयाबन जाओ ना बहिनचोद उम्म्ंम अह्ह्ह
इधर ममता तेजी से झडने लगी और तेजी से अपने भैया के लंड को निचोडते हुए चुत के अंदर ही कसने लगी
कमलनाथ तेजी से लण्ड को उसकी चुत मे पेल्ते हुए -अह्ह्ह ममता मेरा भी होने वाला है उह्ह्ह्

ये बोलकर कमलनाथ ने तेजी से लण्ड को बाहर निकाला और ममता के मुह के पास जाकर हिलाने लगा

ममता के तुरंत एक करवट होकर लंड को मुह मे भर लिया

अगले ही पल ममता का मुह कमलनाथ मे गरम माल से भरने लगा और कमलनाथ निढ़ाल होने लगा
ममता ने अच्छे से कमलनाथ का लण्ड निचोड के छोड दी
थोडी देर बाद जब दोनो के तन और मन स्थिर हुए तो उनको रज्जो का ख्याल आया ।

ममता हस कर - भैया भाभी को गये काफी समय हो गया हिहिहिही
ममता के सवाल से कमलनाथ का मन भी खटका कि ममता के साथ समय बिताने के चक्कर मे मै रज्जो को भूल ही गया
वो भी तो सिर्फ ब्लाउज और जीन्स मे राजन के पास गयी है ,, आखिर इतना समय तो लगाना नही चाहिये
ममता अपने भैया को सोचते देख कर हस्ते हुए - अरे भैया इतना क्या सोच रहे हैं चलिये कपडे पहन लेते है क्योकि दरवाजा बंद कर दिया था आपने और हम लोगो का कितना समय बाथरूम मे बीत गया था तो

कमलनाथ ने जब ममता के पहलू पर विचार किया तो उसकी फट गयी कि कही रज्जो वापस आई हो और उसने बंद दरवाजा देख कर हमारे बारे मे कोई बात ना बना ली हो ।

इसिलिए फौरान वो भी उठ कर अपने कपडे पहनने लगता है और ममता को बोलत है कि वो बाथरूम मे जाकर अपनी पैंटी लेले ।
यहा इस कमरे मे ये हड़बड़ी मची ही थी कि बगल के कमरे मे रज्जो ने देखा कि कमलनाथ और ममता ने उसकी खोज खबर नही ली तो उसने दुसरी राउंड की चुदाई के आखिरी क्षणो का मजा ले रही थी ।

राजन तेजी से उसकी चुत फाडे जा रहा था और कुछ ही पलो मे वो रज्जो मे मुह मे झड़ भी जाता है ।

रज्जो फटाफट अपना मुह साफ कर जीन्स चढा लेती है और कमरे से निकल रही होती है कि सामने ममता और कमलनाथ नजर आते है ।

ममता अब तक साडी पहन चुकी थी और कमलनाथ बनियान जान्घिये मे गम्छा लपेटे खड़ा था ।

रज्जो जब दोनो को सामने देखा तो पहले थोडी सहमी फिर खुद को सम्भालते हुए हस कर - हम्म्म हो गयी बात आप दोनो की

कमलनाथ रज्जो के बात से थोडा परेशान हुआ लेकिन उसे शाम की वो बात याद आई जब ममता ने उससे बाते करने की जिद की थी - हा हा ,,,हमने तो खुब सारी बाते की और बचपन की यादे भी ताजा की

ममता भी अपने भैया का पक्ष लेते हुए हस कर - हिहिहीहि हा भाभी आप होती ना आपको भी मजा आता

रज्जो हस कर - चल तू खुश है ना ,,,मै तो नंदोई जी को तेरे फ़ोटो दिखाने आई थी और यही बातो मे लग गयी ।

कमलनाथ - चलो कोई बात नही ,, जा ममता तू भी आराम कर

रज्जो - हा जी चलिये
फिर सारे लोग अपने अपने कमरे मे चले जाते है ।

जारी रहेगी
आप सभी की प्रतिक्रिया का इंतजार रहेगा
जितनी अच्छी प्रतिक्रियाए मिलेगी , अगला अपडेट उतना जल्द ही
Behtreen update dost
 
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