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Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

FUCK YOU
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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
Last edited:

Devil Baba

FUCK YOU
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* अपडेट -4

**** ये कहानी लेखक और कहानी के हीरो देव की जुबानी चलेगी ***

Note:- अधिकतर राजस्थानी औरते लंहगा चोली (ब्लाउज ) और चुनडी़ पहनती हैं.
हमारे घर मे मेरी दादी और सभी ताई ये ही पहनती हैं.
मेरू मम्मी ड्यूटी के कारण साड़ी पहनती है वरना वो भी ये पहनती हैं

* सभी बहुए अधिकतर लंहगा चोली पहनती है जीस पर चुनडी़ औढ़ती हैं, वो सलवार सुट भी पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है. इसमें कुछ फिक्स नहीं हैं

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज नंदलाल के बेटे नमन की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है देव को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि देव के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

नमन- चाचा कहाँ पर हो आप

आवाज सुनकर देव और दादी हडबडा जाते है.
देव साईड मे हो जाता हैं और बाथरूम मे चला जाता है
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसको भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
नमन - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - देव तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
नमन - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
देव- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ होशियार सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
होशियार सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि नंद लाल ने आज इसको भला बुरा कहा है.वो अधिकतर इसे डांटता रहता हैं क्योंकि, मीनाक्षी की आँख मे प्रोब्लम हैं. जिस कारण वो नंदलाल को खास पसंद नहीं...इनकी शादी मजबूरी मे हुई हो नहीं रही थी तो इनसे करनी पड़ी उसकी भी एक स्टोरी है हमें उससे क्या


दैव नहा कर होशियार सिंह के घर पर जाता हैं .
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
देव जैसे ही रसोई मे जाता है उसकी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही उसका लंड झटके मारने लग जाता है.
देव को शरारत सूझती है. वो धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता है . जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
देव - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - देवर जी आपने तो मुझे डरा ही दिया

वो भाभी से चिपक जाता हू. जिससे उसका लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता है .
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही देवका लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
देव - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
देव के लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
देव - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
देव - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
देव - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
देव - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और...
मीनाक्षी - और
देव - नहीं आप बुरा मान जाओगी..
मीनाक्षी - ऐसा क्या है,बोलिये नहीं मानुंगी बुरा..
देव - आपकी ये बडी बडी चुचीया.और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली चुतड़ ... इतनी बोलकर देव भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
देव - आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है देव को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है देव को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
देव(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
देव- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर देव भाभी को कस लेता है जिससे उसका लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
देव - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
देव - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
देव - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये देव क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये,
देव (उदास होकर)- ठीक है भाभी
भाभी - आप उदास मत होइए ना देवर जी, ये गलत हैं ना...और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
देव(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
देव - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.

देव - thanku भाभी
 

Rudra@14

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हमारे यहाँ पर हम लोग मारवाड़ी मे बातें करते हैं... वो सबके समझ मे आयेगी नहीं...इसलिए कहानी हिंदी मे चलेगी
मगर बीच बीच मे कुछ बातें मारवाड़ी मे होंगी

अपडेट :- 1

इस कहानी का मुख्य पात्र, हीरो देव है.

ये कहानी राजस्थान के जयपुर जिले के गाँव के एक परिवार की है. इनका मुख्य कार्य खेती है. परिवार मे लोग कम पढे लिखे है

कहानी मे पात्र अधिक होने के कारण सबके इंट्रोडक्शन मे समय लगेगा

इंट्रोडक्शन :-
माता - मुन्नी देवी (83)
बहुत साल पहले इनके पति की मौत हो चुकी है. इसने कुल 10 बच्चों को जन्म दिया, जिनमें से अब 6 ही जिंदा है (4 पुत्र, 2 पुत्री )
मुन्नी देवी अपने जमाने की एक रसीली औरत हुआ करती थीं. इनके मन मे आज भी सेक्स की भावना जिंदा है.

बड़ा भाई
रघुवीर सिंह (64)
पत्नी -धनपती देवी (60)
पुत्र -3, पुत्री -1 (इनकी शादी हो चुकी है, इनका परिचय समय आने पर होगा )

1. प्रकाश (40), पत्नी -रेखा(38), साइज (34-30-32), रंग गोरा, गोरे गाल, छोटी गांड.
ये एक आग्याकारी पत्नी है. पति पत्नी में कम ही सेक्स होता है.
इनका एक बेटा है -विकास (17)

2. देवीलाल (38), पत्नी -संगीता(36), साइज(36-30-34), गोरा रंग बडे चुच्चे.
इसने अपनी जवानी मे बहुत गुल खिलाये है जो किसी को नहीं पता है. वैसे तो अभी भी जवान हू है
एक बेटी -खुशी (16) अपनी माँ पर गयी है. अपना हीरो इसका फेवरेट चाचा, दोस्त है.

3. कपिल (34), पत्नी पंकज(32), साइज(32-32-32) दिखने मे ठिक -ठाक है.
इसने तीन बेटियों (एक मर गई ) को जन्म दिया है. जिस कारण इसका पति इसे प्यार नहीं करता है.
मनीषा (11), वंदना (8)


नंबर दो
होशियार सिंह (60)
पत्नी - कमला देवी (56)
ये एक नंबर का शराबी है, घर मे झगड़ा करना, पत्नी को पिटता है.
बेटा -1 बेटी -2( शादी हो गई है)

नंदलाल (34), पत्नी -मीनाक्षी (32), साइज (36-34-36), भरा हुआ जिस्म, बडे चुच्चे साथ मे बड़ी गांड
ये अपने पति से लंबाई तथा वजन मे ज्यादा है
इसकी एक आँख मे कुछ दिक्कत है जिस कारण इसका पति इसे ज्यादा महत्व नहीं देता है
बेटा - नमन

तीसरा भाई
श्याम सिंह (57)
पत्नी -संतोष देवी (52)
ये बिस्तर पर कम ही ध्यान देता है. ये खेती मे अधिक ध्यान देता है
एक बेटा, एक बेटी (शादी हो गई है)

सतीश (32), पत्नी - शर्मिला (33), साइज(34-30-36), रंग गोरा, गांड बड़ी, ये बहुत ही फर्जी किस्म की औरत है, सबके सामने शरीफ रहती है.
ये आवारा और झूठा किस्म का लड़का है जिस कारण इसकी शादी जल्दी कर दी गई वो भी अपनी से बड़ी लड़की के साथ.
ये अपनी पत्नी का गुलाम है.
बेटा निशांत (13), बेटी रूचि (10)


सबसे छोटा भाई
मुन्ना (44)
पत्नी -सुमन(41)
ये एकदम ही शरीफ किस्म की औरत है. ये गाँव में सरकारी स्कूल मे टीचर है. ये अपने पति की इज्जत करती है.
मुन्ना कोई काम नहीं करता है.

इनका एक बेटा है -देव (19) कहानी का हीरो
हाईट -6 फिट, हस्ट पुस्ट कसरती शरीर
लंड साईज - लंबाई (8 इंच), मोटाई (3 इंच)

देव अपनी माँ की बहुत इज्जत करता है.उनकी पुजा करता है.
ये बहुत ही शरीफ किस्म का लड़का है, लेकिन सेक्स के मामले मे एकदम हरामी है. ये सेक्स मे ज्यादा ध्यान देता है.
ये अपने घर की औरतो को चोदना चाहता है,
क्या ये चोद पायेगा, किस किस को चोद पायेगा, देखते है कहानी मे -


चारो परिवारों का गाय भैंस रखने बांधने का बाडा़ एक ही है.इसमे सभी के अलग अलग मकान बने हुए है
# राहुल का परिवार गाय भैस नहीं रखता है

सुबह का समय
देव का कमरा-
सुमन (माँ )- देव बेटा उठ जा, देख कितनी देर हो गई है. हमे मामा के घर भी जाना है ना तेरे नाना की तबीयत पुछने
देव- मा मुझे नींद आ रही है, आप और पापा ही चले जाओ, कुछ समय बाद उठ जाउंगा
मा - ठीक है बेटा लेकिन न तु जल्दी उठ जाना
सुमन बाहर आ जाती है
सुमन (मन मे)- ये खुद से तो उठेगा नहीं. संगीता को बोल देती हू वो उठा देगी
सुमन- अरे ओ संगीता कहां पर हो
संगीता - हा चाची यही पर हू, क्या हुआ.
सुमन - मै देव के नाना को देखने जा रही हू. राहुल सो रहा है तो तु उसे कुछ समय में उठा देना
संगीता -ठीक है चाची उठा दुंगी

सुबह का समय है सभी लोग इस समय खेत पर काम कर रहे होते है.
संगीता भी चारा लाने वही जाने वाली होती है

कुछ समय पश्चात
संगीता(मन मे) - आज तो लेट हो गई है खेत जाने मे. देव को उठाकर सीधे ही चली जाती हू
तभी एक आवाज आती है - मुन्नी देवी की
मुन्नी देवी की उम्र 80 से ज्यादा होने पर भी वो तंदुरस्त थी. जिसकी है कि जवानी मे बहुत देशी घी खाया है उन्होनें

मुन्नी देवी - संगीता बहु क्या कर रही हो
संगीता (मन मे)- आ गई बुढ़िया
संगीता - कुछ नहीं दादी देव को उठाने जा रही हू, फिर खेत मे जाउगी. आज काम करते करते लेट हो गई
मुन्नी देवी- देव को मै उठा दूंगी , तु जा
संगीता - ठीक है दादी

देव के कमरे मे-
देव चढ़ी बनियान मे सो रहा था. उसका लंड एकदम टाईम फुला हुआ था. जिससे उसका सुपाडा़ बाहर निकला हुआ था
मुन्नी देवी कमरे मे आती हैं तो उनकी नजर उस पर पड़ती है
मुन्नी देवी -हाय राम ये क्या है छी..छी...
वो अपनी नजर हटा लेती हैं....
वो देव को उठाने के लिए वापिस देव की तरफ देखती हैं तो उसकी नजर फिर राहुल के लंड़ पर जाती हैं...

मुन्नी देवी(मन मे) - इतना बड़ा , इतनी उम्र मे ही इसका इतना बड़ा हो गया.
जिसको भी ये मिलेगा उसके तो मजे है
मुन्नी देवी (मन मे)- क्यो ना इसे मै ले लु
अन्तरात्मा - नही ये गलत है, ये तेरा पोता है तु ऐसा नहीं कर सकती.
मुन्नी देवी- पोता हुआ तो क्या हुआ, चुत और लंड मे बस प्यार का रिश्ता होता है. देव पर तो मेरा हक है.
मुन्नी देवी देव के लंड को हाथ लगाती है, उसे झटका लगता है

मुन्नी देवी - हाय दैया कितना गरम है इसका लंड जैसे भट्टी से निकाला हो अभी.
Congratulations brooo.... Nice update... Bhai Maine yeh story padh rakhi hai bahut shandar hai.
Ummid hai complete hogi....
 
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Rudra@14

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* अपडेट -4

**** ये कहानी लेखक और कहानी के हीरो देव की जुबानी चलेगी ***

Note:- अधिकतर राजस्थानी औरते लंहगा चोली (ब्लाउज ) और चुनडी़ पहनती हैं.
हमारे घर मे मेरी दादी और सभी ताई ये ही पहनती हैं.
मेरू मम्मी ड्यूटी के कारण साड़ी पहनती है वरना वो भी ये पहनती हैं

* सभी बहुए अधिकतर लंहगा चोली पहनती है जीस पर चुनडी़ औढ़ती हैं, वो सलवार सुट भी पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है. इसमें कुछ फिक्स नहीं हैं

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज नंदलाल के बेटे नमन की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है देव को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि देव के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

नमन- चाचा कहाँ पर हो आप

आवाज सुनकर देव और दादी हडबडा जाते है.
देव साईड मे हो जाता हैं और बाथरूम मे चला जाता है
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसको भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
नमन - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - देव तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
नमन - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
देव- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ होशियार सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
होशियार सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि नंद लाल ने आज इसको भला बुरा कहा है.वो अधिकतर इसे डांटता रहता हैं क्योंकि, मीनाक्षी की आँख मे प्रोब्लम हैं. जिस कारण वो नंदलाल को खास पसंद नहीं...इनकी शादी मजबूरी मे हुई हो नहीं रही थी तो इनसे करनी पड़ी उसकी भी एक स्टोरी है हमें उससे क्या


दैव नहा कर होशियार सिंह के घर पर जाता हैं .
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
देव जैसे ही रसोई मे जाता है उसकी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही उसका लंड झटके मारने लग जाता है.
देव को शरारत सूझती है. वो धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता है . जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
देव - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - देवर जी आपने तो मुझे डरा ही दिया

वो भाभी से चिपक जाता हू. जिससे उसका लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता है .
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही देवका लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
देव - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
देव के लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
देव - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
देव - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
देव - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
देव - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और...
मीनाक्षी - और
देव - नहीं आप बुरा मान जाओगी..
मीनाक्षी - ऐसा क्या है,बोलिये नहीं मानुंगी बुरा..
देव - आपकी ये बडी बडी चुचीया.और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली चुतड़ ... इतनी बोलकर देव भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
देव - आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है देव को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है देव को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
देव(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
देव- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर देव भाभी को कस लेता है जिससे उसका लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
देव - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
देव - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
देव - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये देव क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये,
देव (उदास होकर)- ठीक है भाभी
भाभी - आप उदास मत होइए ना देवर जी, ये गलत हैं ना...और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
देव(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
देव - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.

देव - thanku भाभी
Super update
 

Malikboy07

Member
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* अपडेट -4

**** ये कहानी लेखक और कहानी के हीरो देव की जुबानी चलेगी ***

Note:- अधिकतर राजस्थानी औरते लंहगा चोली (ब्लाउज ) और चुनडी़ पहनती हैं.
हमारे घर मे मेरी दादी और सभी ताई ये ही पहनती हैं.
मेरू मम्मी ड्यूटी के कारण साड़ी पहनती है वरना वो भी ये पहनती हैं

* सभी बहुए अधिकतर लंहगा चोली पहनती है जीस पर चुनडी़ औढ़ती हैं, वो सलवार सुट भी पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है. इसमें कुछ फिक्स नहीं हैं

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज नंदलाल के बेटे नमन की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है देव को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि देव के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

नमन- चाचा कहाँ पर हो आप

आवाज सुनकर देव और दादी हडबडा जाते है.
देव साईड मे हो जाता हैं और बाथरूम मे चला जाता है
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसको भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
नमन - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - देव तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
नमन - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
देव- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ होशियार सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
होशियार सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि नंद लाल ने आज इसको भला बुरा कहा है.वो अधिकतर इसे डांटता रहता हैं क्योंकि, मीनाक्षी की आँख मे प्रोब्लम हैं. जिस कारण वो नंदलाल को खास पसंद नहीं...इनकी शादी मजबूरी मे हुई हो नहीं रही थी तो इनसे करनी पड़ी उसकी भी एक स्टोरी है हमें उससे क्या


दैव नहा कर होशियार सिंह के घर पर जाता हैं .
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
देव जैसे ही रसोई मे जाता है उसकी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही उसका लंड झटके मारने लग जाता है.
देव को शरारत सूझती है. वो धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता है . जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
देव - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - देवर जी आपने तो मुझे डरा ही दिया

वो भाभी से चिपक जाता हू. जिससे उसका लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता है .
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही देवका लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
देव - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
देव के लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
देव - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
देव - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
देव - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
देव - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और...
मीनाक्षी - और
देव - नहीं आप बुरा मान जाओगी..
मीनाक्षी - ऐसा क्या है,बोलिये नहीं मानुंगी बुरा..
देव - आपकी ये बडी बडी चुचीया.और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली चुतड़ ... इतनी बोलकर देव भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
देव - आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है देव को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है देव को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
देव(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
देव- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर देव भाभी को कस लेता है जिससे उसका लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
देव - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
देव - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
देव - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये देव क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये,
देव (उदास होकर)- ठीक है भाभी
भाभी - आप उदास मत होइए ना देवर जी, ये गलत हैं ना...और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
देव(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
देव - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.

देव - thanku भाभी
Zabardast
 

Xabhi

"Injoy Everything In Limits"
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अपडेट -3

मुन्नी भी अपने पोते के लंड से चुदना चाहती थी, लेकिन वो थोड़ी झिझक रही थीं.
देव जानता था कि दादी नाटक कर रही है, इसलिए वो आगे बढ़ने का फैसला करता है.
देव दादी को पकड़कर नीचे लेटा देता है.
देव - दादी अब ज्यादा नाटक मत करो, मुझे पता है आप भी मेरे लंड से चुदना चाहती हो.
ये बोलकर देव दादी के होंठ चुसने लगता है.

देव एक हाथ से अपनी दादी की खरबुजे जैसी मोटे चूंचो को भींचने लगता है और दुसरे हाथ से अपनी दादी के घाघरे का नाडा़ खोल देता है. वो एक हाथ से घाघरे को नीचे खिसकाने लगता है.
जिससे मुन्नी खुश हो जाती है, वो भी घाघरा उतारने मे देव की मदद करती है.
देव समझ जाता है कि दादी चुदने के लिए तैयार है.
देव अपनी दो अंगुलियाँ मुन्नी की चुत पर रगड़ने लगता है. जिससे मुन्नी मजे में पागल होने लगती है.
देव दो अंगुली दादी की चुत मे ढाल देता है.

मुन्नी की चुत वैसे तो ढीली थी लेकिन उसने कई सालों से लंड नही लिया था जिस कारण उसे हल्का दर्द होता है. उसके मजे के आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था.
कई सालो बाद मर्द का स्पर्श पाकर मुन्नी की चुत भी पानी छोड़ने लगती है.
मुन्नी - आह... बेटा ये क्या कर दियाआआ... तुने, मेरररी... जान ही निकाल आह.. दी तुने. आह..हा ऐसे ही करता रह आआआह...

देव अपना लंड दादी की चुत पर घिसने लगता है, अपने पोते के लंड का स्पर्श पाकर मुन्नी मजे से चिलाने लगती है.
मुन्नी - आआआआह... बेटा चोद दे अपनी दादी को. तेरे इस घोड़े जैसे लंड से मेरी चुत की सारी खुजली मिटा दे.
देव - हा मेरी प्यारी रंडी दादी देख तेरी चुत को कैसे रगड़ रगड़ कर चोदता हू.
अपने पोते के मुँह से अपने लिए रंडी शब्द सुनकर मुन्नी को अलग सा मजा आता है.

देव लंड को दादी की चुत पर रखकर धक्का मारने ही वाला होता है कि तभी....

* अपडेट -4

**** ये कहानी लेखक और कहानी के हीरो देव की जुबानी चलेगी ***

Note:- अधिकतर राजस्थानी औरते लंहगा चोली (ब्लाउज ) और चुनडी़ पहनती हैं.
हमारे घर मे मेरी दादी और सभी ताई ये ही पहनती हैं.
मेरू मम्मी ड्यूटी के कारण साड़ी पहनती है वरना वो भी ये पहनती हैं

* सभी बहुए अधिकतर लंहगा चोली पहनती है जीस पर चुनडी़ औढ़ती हैं, वो सलवार सुट भी पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है. इसमें कुछ फिक्स नहीं हैं

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज नंदलाल के बेटे नमन की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है देव को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि देव के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

नमन- चाचा कहाँ पर हो आप

आवाज सुनकर देव और दादी हडबडा जाते है.
देव साईड मे हो जाता हैं और बाथरूम मे चला जाता है
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसको भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
नमन - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - देव तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
नमन - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
देव- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ होशियार सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
होशियार सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि नंद लाल ने आज इसको भला बुरा कहा है.वो अधिकतर इसे डांटता रहता हैं क्योंकि, मीनाक्षी की आँख मे प्रोब्लम हैं. जिस कारण वो नंदलाल को खास पसंद नहीं...इनकी शादी मजबूरी मे हुई हो नहीं रही थी तो इनसे करनी पड़ी उसकी भी एक स्टोरी है हमें उससे क्या


दैव नहा कर होशियार सिंह के घर पर जाता हैं .
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
देव जैसे ही रसोई मे जाता है उसकी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही उसका लंड झटके मारने लग जाता है.
देव को शरारत सूझती है. वो धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता है . जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
देव - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - देवर जी आपने तो मुझे डरा ही दिया

वो भाभी से चिपक जाता हू. जिससे उसका लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता है .
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही देवका लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
देव - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
देव के लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
देव - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
देव - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
देव - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
देव - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और...
मीनाक्षी - और
देव - नहीं आप बुरा मान जाओगी..
मीनाक्षी - ऐसा क्या है,बोलिये नहीं मानुंगी बुरा..
देव - आपकी ये बडी बडी चुचीया.और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली चुतड़ ... इतनी बोलकर देव भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
देव - आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है देव को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है देव को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
देव(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
देव- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर देव भाभी को कस लेता है जिससे उसका लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
देव - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
देव - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
देव - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये देव क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये,
देव (उदास होकर)- ठीक है भाभी
भाभी - आप उदास मत होइए ना देवर जी, ये गलत हैं ना...और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
देव(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
देव - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.

देव - thanku भाभी
Dev ka to klpd ho gya bhatije ke aane se dev babu khana khane minakshi bhabhi ke pass gye hai or vha unki tarif karte hue apne anaconda ki chubhan ke sath sath Apne hatho ka jadu bhi dikha rhe hai... Bhabhi bhi line pr aarhi hai dekhte hai yha klpd hota hai ya full match bhi hoga... Sandar update bhai jabarjast superb
 

Momlover377

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* अपडेट -4

**** ये कहानी लेखक और कहानी के हीरो देव की जुबानी चलेगी ***

Note:- अधिकतर राजस्थानी औरते लंहगा चोली (ब्लाउज ) और चुनडी़ पहनती हैं.
हमारे घर मे मेरी दादी और सभी ताई ये ही पहनती हैं.
मेरू मम्मी ड्यूटी के कारण साड़ी पहनती है वरना वो भी ये पहनती हैं

* सभी बहुए अधिकतर लंहगा चोली पहनती है जीस पर चुनडी़ औढ़ती हैं, वो सलवार सुट भी पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है. इसमें कुछ फिक्स नहीं हैं

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज नंदलाल के बेटे नमन की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है देव को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि देव के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

नमन- चाचा कहाँ पर हो आप

आवाज सुनकर देव और दादी हडबडा जाते है.
देव साईड मे हो जाता हैं और बाथरूम मे चला जाता है
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसको भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
नमन - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - देव तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
नमन - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
देव- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ होशियार सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
होशियार सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि नंद लाल ने आज इसको भला बुरा कहा है.वो अधिकतर इसे डांटता रहता हैं क्योंकि, मीनाक्षी की आँख मे प्रोब्लम हैं. जिस कारण वो नंदलाल को खास पसंद नहीं...इनकी शादी मजबूरी मे हुई हो नहीं रही थी तो इनसे करनी पड़ी उसकी भी एक स्टोरी है हमें उससे क्या


दैव नहा कर होशियार सिंह के घर पर जाता हैं .
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
देव जैसे ही रसोई मे जाता है उसकी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही उसका लंड झटके मारने लग जाता है.
देव को शरारत सूझती है. वो धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता है . जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
देव - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - देवर जी आपने तो मुझे डरा ही दिया

वो भाभी से चिपक जाता हू. जिससे उसका लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता है .
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही देवका लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
देव - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
देव के लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
देव - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
देव - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
देव - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
देव - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और...
मीनाक्षी - और
देव - नहीं आप बुरा मान जाओगी..
मीनाक्षी - ऐसा क्या है,बोलिये नहीं मानुंगी बुरा..
देव - आपकी ये बडी बडी चुचीया.और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली चुतड़ ... इतनी बोलकर देव भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
देव - आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है देव को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है देव को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
देव(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
देव- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर देव भाभी को कस लेता है जिससे उसका लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
देव - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
देव - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
देव - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये देव क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये,
देव (उदास होकर)- ठीक है भाभी
भाभी - आप उदास मत होइए ना देवर जी, ये गलत हैं ना...और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
देव(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
देव - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.

देव - thanku भाभी
Bindasss, thok do bhai apne ghar ki auraton ko
 
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