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Incest सबका लाड़ला

Devil Baba

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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
तो आशा हैं कि ये कहानी आप सब को पसंद आयेगी...

ये एक कहानी काल्पनिक है
 
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Sanju@

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Hello..दोस्तों... मैं हूं Devil...

ये मेरी पहली कहानी हैं...वैसे आज ही मैं इस साईट पर आया हूँ...
वैसे मैंने ये कहानी पहले किसी दूसरी साईट पर भी पोस्ट करी हैं.लेकिन वहां पर पूरी नहीं हुई...
उस साईट मे कुछ प्रॉब्लम हो गई,और मैं भी अपनी id भूल गया.
मैं कोई राइटर नहीं हूं..हो सकता है बहुत से लोगों को कहानी पंसद ना आये...but कोशिश पूरी होगी
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ये एक कहानी काल्पनिक है
:congrats: start a new story
 
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Sanju@

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हमारे यहाँ पर हम लोग मारवाड़ी मे बातें करते हैं... वो सबके समझ मे आयेगी नहीं...इसलिए कहानी हिंदी मे चलेगी
मगर बीच बीच मे कुछ बातें मारवाड़ी मे होंगी

अपडेट :- 1

इस कहानी का मुख्य पात्र, हीरो देव है.

ये कहानी राजस्थान के जयपुर जिले के गाँव के एक परिवार की है. इनका मुख्य कार्य खेती है. परिवार मे लोग कम पढे लिखे है

कहानी मे पात्र अधिक होने के कारण सबके इंट्रोडक्शन मे समय लगेगा

इंट्रोडक्शन :-
माता - मुन्नी देवी (83)
बहुत साल पहले इनके पति की मौत हो चुकी है. इसने कुल 10 बच्चों को जन्म दिया, जिनमें से अब 6 ही जिंदा है (4 पुत्र, 2 पुत्री )
मुन्नी देवी अपने जमाने की एक रसीली औरत हुआ करती थीं. इनके मन मे आज भी सेक्स की भावना जिंदा है.

बड़ा भाई
रघुवीर सिंह (64)
पत्नी -धनपती देवी (60)
पुत्र -3, पुत्री -1 (इनकी शादी हो चुकी है, इनका परिचय समय आने पर होगा )

1. प्रकाश (40), पत्नी -रेखा(38), साइज (34-30-32), रंग गोरा, गोरे गाल, छोटी गांड.
ये एक आग्याकारी पत्नी है. पति पत्नी में कम ही सेक्स होता है.
इनका एक बेटा है -विकास (17)

2. देवीलाल (38), पत्नी -संगीता(36), साइज(36-30-34), गोरा रंग बडे चुच्चे.
इसने अपनी जवानी मे बहुत गुल खिलाये है जो किसी को नहीं पता है. वैसे तो अभी भी जवान हू है
एक बेटी -खुशी (16) अपनी माँ पर गयी है. अपना हीरो इसका फेवरेट चाचा, दोस्त है.

3. कपिल (34), पत्नी पंकज(32), साइज(32-32-32) दिखने मे ठिक -ठाक है.
इसने तीन बेटियों (एक मर गई ) को जन्म दिया है. जिस कारण इसका पति इसे प्यार नहीं करता है.
मनीषा (11), वंदना (8)


नंबर दो
होशियार सिंह (60)
पत्नी - कमला देवी (56)
ये एक नंबर का शराबी है, घर मे झगड़ा करना, पत्नी को पिटता है.
बेटा -1 बेटी -2( शादी हो गई है)

नंदलाल (34), पत्नी -मीनाक्षी (32), साइज (36-34-36), भरा हुआ जिस्म, बडे चुच्चे साथ मे बड़ी गांड
ये अपने पति से लंबाई तथा वजन मे ज्यादा है
इसकी एक आँख मे कुछ दिक्कत है जिस कारण इसका पति इसे ज्यादा महत्व नहीं देता है
बेटा - नमन

तीसरा भाई
श्याम सिंह (57)
पत्नी -संतोष देवी (52)
ये बिस्तर पर कम ही ध्यान देता है. ये खेती मे अधिक ध्यान देता है
एक बेटा, एक बेटी (शादी हो गई है)

सतीश (32), पत्नी - शर्मिला (33), साइज(34-30-36), रंग गोरा, गांड बड़ी, ये बहुत ही फर्जी किस्म की औरत है, सबके सामने शरीफ रहती है.
ये आवारा और झूठा किस्म का लड़का है जिस कारण इसकी शादी जल्दी कर दी गई वो भी अपनी से बड़ी लड़की के साथ.
ये अपनी पत्नी का गुलाम है.
बेटा निशांत (13), बेटी रूचि (10)


सबसे छोटा भाई
मुन्ना (44)
पत्नी -सुमन(41)
ये एकदम ही शरीफ किस्म की औरत है. ये गाँव में सरकारी स्कूल मे टीचर है. ये अपने पति की इज्जत करती है.
मुन्ना कोई काम नहीं करता है.

इनका एक बेटा है -देव (19) कहानी का हीरो
हाईट -6 फिट, हस्ट पुस्ट कसरती शरीर
लंड साईज - लंबाई (8 इंच), मोटाई (3 इंच)

देव अपनी माँ की बहुत इज्जत करता है.उनकी पुजा करता है.
ये बहुत ही शरीफ किस्म का लड़का है, लेकिन सेक्स के मामले मे एकदम हरामी है. ये सेक्स मे ज्यादा ध्यान देता है.
ये अपने घर की औरतो को चोदना चाहता है,
क्या ये चोद पायेगा, किस किस को चोद पायेगा, देखते है कहानी मे -


चारो परिवारों का गाय भैंस रखने बांधने का बाडा़ एक ही है.इसमे सभी के अलग अलग मकान बने हुए है
# राहुल का परिवार गाय भैस नहीं रखता है

सुबह का समय
देव का कमरा-
सुमन (माँ )- देव बेटा उठ जा, देख कितनी देर हो गई है. हमे मामा के घर भी जाना है ना तेरे नाना की तबीयत पुछने
देव- मा मुझे नींद आ रही है, आप और पापा ही चले जाओ, कुछ समय बाद उठ जाउंगा
मा - ठीक है बेटा लेकिन न तु जल्दी उठ जाना
सुमन बाहर आ जाती है
सुमन (मन मे)- ये खुद से तो उठेगा नहीं. संगीता को बोल देती हू वो उठा देगी
सुमन- अरे ओ संगीता कहां पर हो
संगीता - हा चाची यही पर हू, क्या हुआ.
सुमन - मै देव के नाना को देखने जा रही हू. राहुल सो रहा है तो तु उसे कुछ समय में उठा देना
संगीता -ठीक है चाची उठा दुंगी

सुबह का समय है सभी लोग इस समय खेत पर काम कर रहे होते है.
संगीता भी चारा लाने वही जाने वाली होती है

कुछ समय पश्चात
संगीता(मन मे) - आज तो लेट हो गई है खेत जाने मे. देव को उठाकर सीधे ही चली जाती हू
तभी एक आवाज आती है - मुन्नी देवी की
मुन्नी देवी की उम्र 80 से ज्यादा होने पर भी वो तंदुरस्त थी. जिसकी है कि जवानी मे बहुत देशी घी खाया है उन्होनें

मुन्नी देवी - संगीता बहु क्या कर रही हो
संगीता (मन मे)- आ गई बुढ़िया
संगीता - कुछ नहीं दादी देव को उठाने जा रही हू, फिर खेत मे जाउगी. आज काम करते करते लेट हो गई
मुन्नी देवी- देव को मै उठा दूंगी , तु जा
संगीता - ठीक है दादी

देव के कमरे मे-
देव चढ़ी बनियान मे सो रहा था. उसका लंड एकदम टाईम फुला हुआ था. जिससे उसका सुपाडा़ बाहर निकला हुआ था
मुन्नी देवी कमरे मे आती हैं तो उनकी नजर उस पर पड़ती है
मुन्नी देवी -हाय राम ये क्या है छी..छी...
वो अपनी नजर हटा लेती हैं....
वो देव को उठाने के लिए वापिस देव की तरफ देखती हैं तो उसकी नजर फिर राहुल के लंड़ पर जाती हैं...

मुन्नी देवी(मन मे) - इतना बड़ा , इतनी उम्र मे ही इसका इतना बड़ा हो गया.
जिसको भी ये मिलेगा उसके तो मजे है
मुन्नी देवी (मन मे)- क्यो ना इसे मै ले लु
अन्तरात्मा - नही ये गलत है, ये तेरा पोता है तु ऐसा नहीं कर सकती.
मुन्नी देवी- पोता हुआ तो क्या हुआ, चुत और लंड मे बस प्यार का रिश्ता होता है. देव पर तो मेरा हक है.
मुन्नी देवी देव के लंड को हाथ लगाती है, उसे झटका लगता है

मुन्नी देवी - हाय दैया कितना गरम है इसका लंड जैसे भट्टी से निकाला हो अभी.
बहुत ही सुन्दर और लाजवाब अपडेट है
भाई या तो देव ही लिखो राहुल नाम किस का एक बार चेक कर लो
 
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Sanju@

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अपडेट :- 2

मुन्नी देवी - हाय दैया कितना गरम है इसका लंड जैसे भट्टी से निकाला हो अभी.

मुन्नी के हाथ लगाने से देव की नींद खुल जाती है...वो दादी को देखकर चौंक जाता है..
अपने लंड़ पर दादी का हाथ देखकर उसे झटका लगता हैं.वो मन मे कुछ सोचता है और वो सोने का नाटक करता है. वो देखना चाहता है कि उसकी दादी कितनी आगे जा सकती है.

मुन्नी देवी धीरे धीरे लंड को ऊपर नीचे करने लगती है
देव के लिए मुश्किल हो जाता है और वो उठ जाता है.
जिससे मुन्नी देवी घबरा जाती है.
देव(भोलेपन का नाटक करते हुए )-दादी आप ये मेरी नुन्नी के साथ क्या कर रही है.
देव की बात सुनकर मुन्नी देवी शांत हो जाती है, वो सोचती है कि देव को कुछ पता ही नहीं है.
क्यो ना मै देव का फायदा उठाउ जिससे उसका लंड मुझे मिल जायेगा.

मुन्नी (नाटक करते हुए )- बेटा मै तेरी नुन्नी को देख रही थी, देख ये कैसे फुलकर मोटी हो गई है. कही इसमे कुछ हो तो नहीं गया.
देव(नाटक करते हुए )- अब क्या होगा दादी.
मुन्नी - तु घबरा मत बेटा मै हू ना, मै निकाल दुंगी.
तु एक काम कर अपनी चढ़ी निकाल कर बेड पर लेट जा.

देव लेट जाता है
मुन्नी देव के लंड को अपने दोनो हाथों मे पकड़कर सहलाती हैं..
जिससे देव उतेजित होने लगता हैं...
देव - दादी चुसने से जहर निकल जायेगा,,आप चुसके निकाल दो...
मुन्नी देव की बात सुनकर चौंक जाती हैं...क्योंकि गांव की औरते ये सब नहीं करती हैं.
मुन्नी - नहीं बेटा इसे मुँह मे लेते,,
देव - क्यों दादी
मुन्नी - ये गंदा होता हैं...
देव (नाटक करते हुए )- तो दादी मुझे कुछ हो गया तो..
देव रोने जैसा चेहरा बना लेता है.

देव को ऐसे देखकर मुन्नी को भी दुख होता है, उसे पता था देव को कुछ नहीं हुआ है, लेकिन वो फिर भी वो करने जा रही थी जो उसने नहीं किया था...

मुन्नी लंड को आधा मुँह मे लेती है, जिससे देव को बहुत मजा आता है, वो जोर से आहहह.. करता है.
देव को विश्वास नहीं होता है कि उसकी दादी ऐसा कर रही है..उसे लगा नहीं था कि दादी उसकी बात मान लेगी..

राहुल - दादी आपको मेरी कितनी फिक्र है..
मुन्नी - बेटा तेरी फिक्र नहीं होगी तो किसकी होगी..तु ही तो मेरा लाड़ला है....मै जहर निकाल रही हू, तु लेटा रह.
राहुल ठिक दादी

मुन्नी धीरे धीरे अपनी रफ्तार बढाने कहती है जिससे देव की हालत खराब होने लगती है.
मुन्नी एक हाथ से अपने ब्लाउज के दो बटन खोल लेती है जिससे उसके बडे़ -बड़े बोबे लगभग बाहर आ जाते है. मुन्नी एक हाथ से उनको जोर जोर से दबाने भींचने लगती है. लंड चुसना और बोबो को दबाने से उसे दुगुना मजा आता है.

देव भी नीचे से धक्के लगाने लगता है.
देव झरने के करीब होता है, वो मुन्नी के सिर को पकड़कर जोर जोर से धक्के मारने लगता है, जिससे मुन्नी की हालत खराब होने लगती है. उसे दर्द होने लगता है.
देव मुन्नी के सिर को अपने लंड पर दबा देता है और जोर जोर से 4-5 गरम पिचकारी मारता है.
वीर्य मुन्नी के पेट मे चला जाता है, कुछ उसके मुँह से बाहर आ जाता है.
देव बेड पर लेट जाता है. मुन्नी का बढा शरीर भी थक जाता है और मुन्नी भी निढाल होकर बेड पर गिर जाती है.
मुन्नी - ये क्या किया बेटा, कोई करता है क्या ऐसे. कितना दर्द हो रहा है मुझे
देव(भोला बनते हुए )-दादी मुझे पता ही नहीं चला ये सब कैसे हो गया. मुझे माफ कर दो
मुन्नी भी देव से गुसा नहीं थी उसे भी मजा आया था गरम वीर्य पीकर. उसने पहली बार पिया था
मुन्नी - कोई बात नहीं बेटा ऐसा हो जाता है.
लेकिन तु ये बात किसी को बताना मत
देव - क्यो दादी
मुन्नी - मै बोल रही हू ना बेटा, किसी को इस बात का पता नहीं चलना चाहिए, खा मेरी कसम
देव -ठिक है दादी



तभी देव की नजर अपनी दादी की मोटी मोटी चुचियो पर पडती है.
मुन्नी अपने पोते को अपनी चूचियां घुमते हुए देखती है, उसे अच्छा लगता है.
मुन्नी - क्या देख रहे हो बेटे.
देव भी खुलकर बोलता है
देव - दादी आपकी चुचियो को. आपके बोबे कितने बडे और अच्छे है.
मुन्नी - बेटा तुझे अच्छे लगे .
देव - हा!, दादी क्या मै इनको छु सकता हू
मुन्नी - हा बेटा छु सकता है. अब ये तेरे ही है. तु जो चाहे वो कर सकता है इनके साथ.
देव - जो चाहे वो कर सकता हू.
मुन्नी हँसते हुए -हा बेटा
देव- दादी मै इनको मुंह मे लेकर पी सकता हू.
मुन्नी -बेटा इनमें दूध नही आता है अब.
देव - दादी मुझे फिर भी पिनी है.
मुन्नी अपना ब्लाउज निकालकर बेड पर लेट जाती है.
मुन्नी- ले बेटा जितना चाहे उतना पी ले, आराम से पी. तु ही है इनका मालिक अब.

देव अपनी दादी के ऊपर आ जाता है और उसके घुटने के आगे पैरो पर बैठ जाता है. देव नीचे झुककर अपनी दादी के दोनो बोबो को धीरे धरे मासलने लगता है.
जिससे मुन्नी का बुढ़ा भोसडा़ भी पानी छोडने लगता है.

नीचे झुकने के कारण देव का लंड मुन्नी की चुत पर ठोकर मारने लगता है, जिससे मुन्नी उतेजित हो जाती है, और देव के मुह को अपनी चुची पर रख देती है.
मुन्नी - आह.. बेटा ले पिले अपनी दादी की चुचियो को, निचोड़ डाल इनको चुस चुस कर.
देव एक चुची को मुह मे लेता है और एक को अपने पंजे मे भींच लेता है.
मुन्नी(चिलाते हुए )- आह बेटा थोड़ा धीरे कर
देव कुछ नहीं सुनता, वो एक चुची को जोर जोर से भींचने लगता है और एक चुची के निप्पल को दाँतों से काटने लगता है.
मुन्नी को दर्द से ज्यादा मजा आ रहा था.
मुन्नी एक हाथ अपनी चुत पर ले जाती है और जोर जोर से अपनी चुप को रगड़ने लगती है.
मुन्नी - आह.. आह.. हा बेटा ऐसे ही चुसआआता.. आ..आ.. रह अपनी दादी के चुचो को,
ओह बेटा.. आह... थोडा धीरे चुस ना इतनी जोर से मत काट.
देव कुछ नही बोलता और जोर जोर से काटने चुनने लगता है, जिससे मुन्नी की हालत खराब हो जाती है.

मुन्नी देव के लंड को अपने कपड़ों के ऊपर से ही अपनी चुत पर घिसने लगती है.
मुन्नी - आह.. बेटा ऐसे ही.. हा और जोर से आह..आह..आह..
मुन्नी इस दोहरे मजे से चलाते हुए झड़ने लगती है.
अपने दोनो हाथों से देव को भींच लेती है और उसे अपने सीने से चिपका लेती है


देव उत्तेजित हो जाता है उससे रहा नहीं जाता है अब
वो दादी के चेहरे को पकड़ कर उसके होठों को चुसने लगता है.
जिससे मुन्नी बुरी तरह से चौंक जाती है, वो छुटने की कोशिश करती है परंतु उसके बुढे़ शरीर मे इतनी ताकत नही है कि वो देव जैसे तगडे़ लडके को हटा सके.

धीरे धीरे वो भी साथ देने लगती है.
देव एक हाथ से अपनी मुन्नी की चुत मसलने लगता है, जिससे मुन्नी उत्तेजित हो जाती है. वो देव के होठों को जोर से चुसने लगती है.
जब दोनो की सासे भर जाती है तब दोनो अलग होते हैं.

मुन्नी - बेटा ये क्या कर रहा था तु. ये सब गलत है, मै तेरी दादी हू
देव - अच्छा दादी, ये सब बातें जब तुम मेरा लंड चुस रही थी तब याद नहीं आयी.
मुन्नी देव के मुँह से लंड सुनकर चौंक जाती है.
मुन्नी - ये क्या शब्द बोल रहा ह तु छी छी
देव - ज्यादा नाटक मत कर दादी मै सब जानता हू, तु मेरा फायदा उठाना चाहती थी.
मुन्नी - मतलब तु इतनी देर तक भोले बनने का नाटक कर रहा था.
देव -हा
मुन्नी(नाटक करते हुए ) - नहीं बेटा ये सब गलत है

और वो उठने लगती है
बहुत ही कामुक और गरमा गरम अपडेट है
 
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Sanju@

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अपडेट -3

मुन्नी भी अपने पोते के लंड से चुदना चाहती थी, लेकिन वो थोड़ी झिझक रही थीं.
देव जानता था कि दादी नाटक कर रही है, इसलिए वो आगे बढ़ने का फैसला करता है.
देव दादी को पकड़कर नीचे लेटा देता है.
देव - दादी अब ज्यादा नाटक मत करो, मुझे पता है आप भी मेरे लंड से चुदना चाहती हो.
ये बोलकर देव दादी के होंठ चुसने लगता है.

देव एक हाथ से अपनी दादी की खरबुजे जैसी मोटे चूंचो को भींचने लगता है और दुसरे हाथ से अपनी दादी के घाघरे का नाडा़ खोल देता है. वो एक हाथ से घाघरे को नीचे खिसकाने लगता है.
जिससे मुन्नी खुश हो जाती है, वो भी घाघरा उतारने मे देव की मदद करती है.
देव समझ जाता है कि दादी चुदने के लिए तैयार है.
देव अपनी दो अंगुलियाँ मुन्नी की चुत पर रगड़ने लगता है. जिससे मुन्नी मजे में पागल होने लगती है.
देव दो अंगुली दादी की चुत मे ढाल देता है.

मुन्नी की चुत वैसे तो ढीली थी लेकिन उसने कई सालों से लंड नही लिया था जिस कारण उसे हल्का दर्द होता है. उसके मजे के आगे ये दर्द कुछ भी नहीं था.
कई सालो बाद मर्द का स्पर्श पाकर मुन्नी की चुत भी पानी छोड़ने लगती है.
मुन्नी - आह... बेटा ये क्या कर दियाआआ... तुने, मेरररी... जान ही निकाल आह.. दी तुने. आह..हा ऐसे ही करता रह आआआह...

देव अपना लंड दादी की चुत पर घिसने लगता है, अपने पोते के लंड का स्पर्श पाकर मुन्नी मजे से चिलाने लगती है.
मुन्नी - आआआआह... बेटा चोद दे अपनी दादी को. तेरे इस घोड़े जैसे लंड से मेरी चुत की सारी खुजली मिटा दे.
देव - हा मेरी प्यारी रंडी दादी देख तेरी चुत को कैसे रगड़ रगड़ कर चोदता हू.
अपने पोते के मुँह से अपने लिए रंडी शब्द सुनकर मुन्नी को अलग सा मजा आता है.

देव लंड को दादी की चुत पर रखकर धक्का मारने ही वाला होता है कि तभी....
बहुत ही कामुक और गरमा गरम अपडेट है देव ने तो अपनी दादी की चूदाई कर ही ली है लेकिन अब रंग में भंग पटकने कोन आ गया है
 
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Devil Baba

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बहुत ही सुन्दर और लाजवाब अपडेट है
भाई या तो देव ही लिखो राहुल नाम किस का एक बार चेक कर लो
माफी चाहता हूँ...पहले राहुल रखने का सोचा था फिर नाम बदल दिया...आगे से पूरा ध्यान रखा जायेगा
 
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Sanju@

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* अपडेट -4

**** ये कहानी लेखक और कहानी के हीरो देव की जुबानी चलेगी ***

Note:- अधिकतर राजस्थानी औरते लंहगा चोली (ब्लाउज ) और चुनडी़ पहनती हैं.
हमारे घर मे मेरी दादी और सभी ताई ये ही पहनती हैं.
मेरू मम्मी ड्यूटी के कारण साड़ी पहनती है वरना वो भी ये पहनती हैं

* सभी बहुए अधिकतर लंहगा चोली पहनती है जीस पर चुनडी़ औढ़ती हैं, वो सलवार सुट भी पहनती है. कभी कभी साडी भी पहन लेती है. इसमें कुछ फिक्स नहीं हैं

(* मुन्नी का नाम आगे से दादी भी आयेगा )

तभी बाहर से आवाज आती है. ये आवाज नंदलाल के बेटे नमन की है, जिसे उसकी मम्मी ने भेजा है देव को नाश्ते के लिए बुलाने के लिए, क्योंकि देव के मम्मी पापा बाहर गये हुए है.

नमन- चाचा कहाँ पर हो आप

आवाज सुनकर देव और दादी हडबडा जाते है.
देव साईड मे हो जाता हैं और बाथरूम मे चला जाता है
दादी अपने कपड़े पहनकर गेट खोलती है.
मुन्नी (मन मे)- इसको भी अभी आना था.
मुन्नी - क्या हुआ बेटा
नमन - बूढी दादी मै चाचा को नाश्ते के लिए बुलाने आया हू.

मुन्नी को गुस्सा तो बहुत आता लेकिन वो कुछ नहीं बोलती
मुन्नी - देव तो अंदर ही है बुलाले... इतना बोलकर मुन्नी चली जाती है.
नमन - चाचा चलो नाश्ता कर लो.
देव- बेटा तु चल मै आता हू नहा कर.

* ताऊ होशियार सिंह का घर

इसके घर मे 4 कमरे व 1 रसोई है.
होशियार सिंह अपना पैसा दारू मे उडाता है जिस कारण पैसे की थोड़ी कमी रहती है. घर पर झगड़ा करना मार पीट करना आदत है इसकी.
घर मे इस समय मीनाक्षी भाभी अकेली है.. आज उदास है क्योंकि नंद लाल ने आज इसको भला बुरा कहा है.वो अधिकतर इसे डांटता रहता हैं क्योंकि, मीनाक्षी की आँख मे प्रोब्लम हैं. जिस कारण वो नंदलाल को खास पसंद नहीं...इनकी शादी मजबूरी मे हुई हो नहीं रही थी तो इनसे करनी पड़ी उसकी भी एक स्टोरी है हमें उससे क्या


दैव नहा कर होशियार सिंह के घर पर जाता हैं .
मीनाक्षी रसोई मे थी.
गर्मियों के दिन है जिस कारण मीनाक्षी पसीने से भरी हुई है.
जिस कारण उसकी ब्रा दिख रही है, और उसमे कसे हुए उसके मोटे मोटे चुचे.
देव जैसे ही रसोई मे जाता है उसकी नजर उसकी बडी गांड पर पडती है, जिसे देखते ही उसका लंड झटके मारने लग जाता है.
देव को शरारत सूझती है. वो धीरे से भाभी के पीछे जाकर उसे पकड़ लेता है . जिससे भाभी डर जाती है.
मीनाक्षी (डरते हुए )- कौन है
देव - मै हू भाभी आपका देवर.
मीनाक्षी - देवर जी आपने तो मुझे डरा ही दिया

वो भाभी से चिपक जाता हू. जिससे उसका लंड उनकी गांड की दरार मे फिट हो जाता है. और अपने हाथ उनके मखमली पेट पर रख देता है .
जिससे भाभी एक सिसकारी लेती है
भाभी (मन मे)- ये क्या चुभ रहा है मेरे पीछे, कही देवका लंड तो नहीं. हाय राम ये क्या कर रहे है.
भाभी - देवर जी क्या कर रहे हो आप
देव - कुछ नहीं, मै तो मेरी प्यारी और खुबसूरत भाभी को प्यार कर रहा हू.
भाभी(मन मे )- हाय दैया ये राहुल का लंड कितना बड़ा है. इसने तो हालत खराब कर दी
देव के लंड घिसने से भाभी को मजा आता है, उनकी चुत गिली होने लगती है
भाभी(मीनाक्षी )- खुबसूरत ओर मै. आपको कहा से खुबसूरत लगी.
देव - आप तो पूरी की पूरी ही खूबसूरत हो.

भाभी(धीरे से )- जिसको लगनी चाहिए उसको तो नहीं लगती.
देव - क्या भाभी
भाभी- नहीं कुछ नहीं... मै कहा से सुंदर लगी आपको
देव - सची बता दू, आप बुरा तो नहीं मानेगी ना.
भाभी - इसमे बुरा मानने वाली क्या बात है, आप बताओ नही मानुंगी बुरा.
देव - भाभी आपके ये होंठ, ये गोरे गाल और...
मीनाक्षी - और
देव - नहीं आप बुरा मान जाओगी..
मीनाक्षी - ऐसा क्या है,बोलिये नहीं मानुंगी बुरा..
देव - आपकी ये बडी बडी चुचीया.और इन सबसे ज्यादा आपकी ये बड़ी बड़ी मखमली चुतड़ ... इतनी बोलकर देव भाभी की गांड को अपने हाथों से धीरे धीरे मसलने लगता हू.
भाभी - छी.. छी.. आप ये क्या बोल रहे है. कितने गंदे शब्द बोल रहे है.
देव - आपने कहा था कि आप बुरा नहीं मानेगी, और मै क्या गलत बोल रहा हू मै तो आपकी तारीफ ही कर रहा हू
आपको बुरा लगा तो ठीक है नहीं बोलता.

भाभी(मन मे) - लगता है देव को बुर लग गया... वैसे ये गलत तो नहीं कह रहा है, मेरे चुचे और गांड है ही बडे बडे.
उनको तो कुछ अच्छा लगता नहीं है देव को तो अच्छे लगते है.
भाभी - नही मुझे बुरा नहीं लगा.. मै तो ऐसे ही बोल रही थीं
सच मे आपको मै इतनी सुंदर लगती हू.
देव(मन मे) - लगता है भाभी लाईन पर आ रही है.
देव- हाँ भाभी सच्ची, आप सुंदर हो
इतना बोलकर देव भाभी को कस लेता है जिससे उसका लंड उनकी गांड के छेद पर टच करता है.
भाभी - आहहह...
देव - क्या हुआ भाभी
भाभी - कुछ नहीं
देव - भाभी मुझे आपके ये मोटे मोटे चुचे बहुत अच्छे लगते है
मै धीरे धीरे धक्के लगाता हू, जिससे भाभी उतेजित हो जाती है
भाभी- अच्छा! ऐसा क्या है इनमें
देव - पता नहीं भाभी, मेरा मन इनको छूने का करता है.... भाभी क्या मै इनको छु लु.
भाभी(मन मे)- ये देव क्या बोल रहा है.
भाभी - नही देवर जी गलत है ये,
देव (उदास होकर)- ठीक है भाभी
भाभी - आप उदास मत होइए ना देवर जी, ये गलत हैं ना...और कोई देख लेगा तो क्या सोचेगा.
देव(मन मे)- लगता है भाभी का भी मन है
देव - भाभी कोई नहीं है इस समय घर पर
भाभी(मन मे)- छु ही तो रहा है, छु लेने देती हूं.
भाभी - ठीक है छु लो.

देव - thanku भाभी
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Sanju@

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अपडेट -5
देव - Thanku भाभी
आप बहुत अच्छी है भाभी
देव ने अपने हाथ भाभी के मोटे बोबो पर रख दिये, और धीरे से अपना लंड बिना भाभी को पता चले पजामे के बाहर निकाल लिया और भाभी की कुर्ती को ऊपर करके उनकी गांड की दरार मे फिट कर दिया...
वो धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और दोनो हाथों से भाभी के चुचो को दबाने लगा... वो लंड सीधा भाभी की चुत पर ठोकर मार रहा था, जिससे भाभी मदहोश होने लगी और उनकी चुत गिली हो गई.

भाभी ने उसे रोका नहीं, उनको मजा आने लगा था... उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली.. उसने अपनी गांड का दबाव अपने देवर के लंड पर डाल दिया... वो भी धीरे धीरे आगे पिछे होने लगी, जिससे एक धक्को की लय बन गई.....
देव ने जोर जोर से उनके चुंचे भींचने शुरू कर दिये
और उनका कुर्ता ऊपर उठाना शुरू कर दिया...


तभी बाहर से आवाज आयी बहु कहा पर है तु...
ये आवाज मीनाक्षी की सास और देव की ताई कमला की थी, जो अभी खेत से आयी है.
आवाज सुनकर भाभी को होश आया... जल्दी से देव से अलग हुई, देव ने भी अपना लंड अंदर डाल लिया जो भाभी को पता नहीं चला.
कमला ताई की आवाज सुनकर भाभी घबरा गई.

मीनाक्षी - हा हा मा..माजी यहीं हू रसोई मे देव को नाश्ता दे रही हू
मै(मन मे)- इस रंडी को भी अभी आना था.. अपने लंड से साली की गांड फाडुंगा
कमला ताई- ठीक है दे दे.. मै नहाने जा रही हू.

देव नाश्ता लेकर बाहर आ गया
मीनाक्षी डर गई वो अपने काम मे लग गई
देव - साला सुबह से दुसरी बार Klpd हो गया
देव नाश्ता कर के बाहर आ गया.. उसके लंड मे दर्द होने लगा था, मन को बहलाने के लिए वो खेतों की तरफ चल पड़ा


*** चारो भाइयों के खेत अलग अलग है.बडे ताऊजी के पास तीनो भाईयों से जमीन थोड़ी ज्यादा है. सबके खेतों मे 1-2 कमरे बने हुए है,वहाँ पर पानी का होद भी है.

हमारे खेत हमारे घर के पास मे ही है पीछे की साईड में
अभी खेतों मे बाजरे और ग्वार की फसल ऊगी हुई है...


देव अपने खेत की तरफ चल पड़ा, वहाँ पर इस समय कोई नही होता है.
वो जब कोठरी के पास पहुंचा तो उसे एक आवाज आयी.. ये किसी के मुतने की आवाज थी... उसने देखा तो एक औरत जिसकी पीठ देव की तरफ थी वो साड़ी ऊपर करके मूत रही थी..
उसकी बडी बड़ी काली गांड को देखकर देव के लंड मे हलचल होने लगी. मुतने के बाद उसने अपनी फुली हुई चुत को रगडा़, फिर वो खडी हो गई
जब वो पलटी तो देव उसे पहचान गया - ये तो गाँव की रोशनी काकी है, जो घास लेने के लिए हमारे खेतों में आती है

परिचय
* रोशनी (46) साईज (36-34-38)
गेंहू रंग, दिखने मे ठीक ठाक लेकिन बडे बडे चुचे और बडी मोटी काली गांड
पति- रामु (48)
शराबी है जो कमाता है अधिकतर दारू मे उड़ा देता, जिस कारण घर मे लडाई होती है. ये अपनी पत्नी को पीटता है
दो बच्चे है-
संदीप (23)- पढाई छोड दी. ये घर से बाहर रहकर फैक्ट्री मे मजदूरी करता है. कई - कई महीनों मे घर आता है. बहुत कम पैसे भेजता है घर पर.
दीपा (18)- साईज(32-30-32)
जवान कली, शरीर मे फुलावट आने लगी है. इस उम्र मे इसके चुचे वा गांड एक औरत जैसे होने लगे है

ये अपनी मा के जैसी ही है. पढाई छोड रखी है.. घर पर रहकर घर का काम करती है.
बहुत ही कामुक और गरमा गरम अपडेट है देव का यहां भी klpd कर दिया कमला ताई ने
 
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Sanju@

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* अपडेट -6

देव 2 मिनट बाद आगे गया
देव - अरे रोशनी काकी आप क्या कर रही हो
रोशनी - चौंकते हुए, कुछ नहीं बेटा पशुओं के लिए चारा लेने आई हूं.
देव - और बताओ काकी क्या चल रहा है.
रोशनी(उदास होते हुए )- कुछ नहीं बेटा बस दिन कट रहे हैं.
देव - क्या हुआ काकी इतनी उदास क्यों हो.

काकी बैठ गई देव भी उसके पास बैठ गया
रोशनी - क्या बताऊ बेटा तेरा काका दिन भर शराब पीता है. पुरे पैसे उसी मे बर्बाद कर देता है. संदीप भी कुछ ज्यादा पैसे नहीं भेज रहा है.
काकी की आँखों मे आँसू आ गये. देव काकी के पास खिसक गया. मै- काकी आप उदास मत हो.
काकी काका एक नंबर का बेवकूफ है
रोशनी -कैसे बेटा
मै - इतनी खूबसूरत बीवी के होते हुए शराब के पीछे पड़ा रहता है.

रोशनी - क्या बेटा तुम भी..मुझ से ही झूठ बोलते हो. मै कहा से सुंदर हू और अब तो मेरी उम्र हो गई है
देव - नहीं काकी सच्च मे तुम बहुत सुंदर हो
रोशनी शरमा जाती है. वो फिर से रोने लगती हैं

देव - क्या हुआ काकी, रो क्यूँ रही हो
रोशनी- तुम कितने अच्छे हो बेटा और एक तुम्हारे काका है मेरी बिल्कुल भी कद्र नहीं करते.
देव भी मौके का फायदा उठाते हुए काकी को चुप कराने के बहाने उसे गले से लगा लिया
देव - काकी रो मत, मै हु ना
काकी के मोटे चुचे देव के सीने मे धंसने लगते है, जिसका असर उसके लंड पर होता है.
सुबह से देव का klpd हो रहा था. वो अब ये मौका नहीं छोड़ना चाहता था... उसे अब कुछ भी करके काकी को चोदना ही था.

उसने काकी को कस के भींच लिया. जिससे काकी के मुंह से हल्की चीख निकल गई.
देव - क्या हुआ काकी
रोशनी - बेटा कल तेरे काका ने मुझे बहुत मारा

काकी के शरीर पर चोट के निशान थे

*** रोशनी की बात सुनकर उसे याद आया कि कोठरी मे दर्द की क्रीम है, कभी कभी पापा काम मे लेते हैं
देव के दिमाग मे एक आइडिया आया...

देव - काकी मेरे पास दर्द की क्रीम है, आप कहो तो आपकी मालिश कर दू.. उससे दर्द कम हो जायेगा
रोशनी - नहीं बेटा रहने दे
देव - क्यों रहने दूँ काकी..आप को चपेट लगी है मैं आपके लिए इतना भी नहीं कर सकता क्या...
रोशनी - रहने दे...
देव - लगता है काकी तुम मुझे अपना नहीं मानती
रोशनी -नही बेटा ऐसी कोई बात नहीं है..
देव - तो लगा दू क्रीम
रोशनी-ठीक है लगा दे
देव - काकी कोठरी मे चलो वहाँ पर पंलग है उस पर लेट जाना, जिससे क्रीम अच्छे से लगेगी

देव काकी कोठरी मे ले जाता है

देव - काकी कहा कहा पर लगी है
काकी थोडी झिझकती है
काकी -बस हाथ पर है और कहीं नहीं है.
देव समझ जाता हैं
देव - काकी सच्ची बताओ
रोशनी - बेटा अब तुझे कैसे बताऊँ मुझे शरम आ रही है
देव - मुझसे क्या शरमाना काकी, मै तो तुम्हारा अपना हू
रोशनी - बेट वो.. वो.
देव- शरमान मत काकी बोलो
रोशनी - बेटा वो मेरी पीठ पर, कमर पर और पैरो मे.
देव - इसमें कैसा शरमाना काकी....

फिर देव काकी के हाथ पर क्रीम लगाता है, वो आगे बढ़ता है तो रोशनी की साड़ी दिक्कत कर रही थी..
देव रोशनी से कहता है - काकी तुम साड़ी खोल दो वरना वो खराब हो जायेगी
रोशनी सोचती है फिर साड़ी खोल देती है और लेट जाती है.

देव - काकी और कहा पर है
रोशनी - बेटा पीठ और नीचे कमर पर
देव -काकी तुम्हें ब्लाउज उतारना होगा वरना मै क्रीम नहीं लगा पाऊगा
रोशनी- बेटा ये तुम क्या बोल रहे हो
नही, मै ऐसा नहीं कर सकती
मै तुम्हारे सामने.... नही बेटा
देव - काकी ब्लाउज नहीं खुलेगा तो पीठ पर क्रीम नहीं लगेगी... और मुझसे क्या शरमाना
और कोई तो यहा पर है नहीं

काकी को देव की बात सही लगती है

* गाँव मे अधेड़ उम्र की औरते ब्रा कम ही पहनती है
काकी ने अपने मोटे रसीले चुचे अपने ब्लाउज से ढक लिये और पेट के बल लेट गई.
देव ने अपने हाथों मे क्रीम लेकर काकी की चीकनी पीठ पर मालिश करनी शुरू कर दी
देव काकी की गांड पर बैठ गया, काकी ने कुछ नहीं कहा.

देव दोनो हाथों से मालिश करने लगा.. धीरे धीरे उसके हाथ काकी के चुचो को छुने लगे.. जिससे काकी की हल्की सिसकारी निकल जाती.
देव - काकी कमर पर कहा लगी है.
काकी - बेटा थोड़ा नीचे
देव - काकी ये थोड़ा नीचे कहाँ..यहाँ पर तो पेटीकोट आ गया है,

रोशनी (झिझक कर ) - इससे थोड़ा नीचे
रोशनी की बात सुनकर देव के चेहरे पर खुशी आ जाती हैं..उसे अपना प्लान कामयाब होता नजर आता हैं..

देव - आप पेटीकोट नीचे सरका दो
काकी ने कुछ नही कहा उसने नाडा खोलकर नीचे कर दिया
देव को काकी की गांड की दरार साफ दिख रही थीं
वो अपने हाथ मे क्रीम लगाकर गांड के पास रगडने लगा... धीरे धीरे उसने गांड की दरार मे भी रगडना शुरू कर दिया
जिससे काकी भी उतेजित होने लगी

काकी की बहुत समय से चुदाई नही हुई थी.. काकी की चुत पनियाने लगती है. 5 मिनट तक वो ऐसे ही करता हैं. जिससे काकी चरम पर पहुँच जाती है... तभी
देव - काकी पैर मे कहा पर है
काकी आँखे बंद करे हुए ही
रोशनी - बेटा नीचे जांघों के पास
देव- काकी आप थोडा ऊठो ना मै इस पेटीकोट को ही निकाल देता हू.. जिससे दवाई भी ढंग से लगेगी और ये खराब भी नहीं होगा

काकी को भी मजा आ रहा था तो...
काकी थोड़ी ऊपर हो जाती है... देव पेटीकोट निकाल देता हैं
काकी की बडी मांसल गांड देव के सामने आ जाती है..
वो काकी की जांघों पर क्रीम लगा देता है साथ साथ मे काकी की गांड के भूरे छेद को भी सहलाता है ... जिससे काकी धीरे धीरे सीसकियाँ लेती है
अब देव का लंड फटने लगता है
देव - काकी आप सीधे लेट जाओ मै आगे भी लगा दू

काकी बिना बोले पलट जाती है

देल के सामने काकी के मोटे मोटे चुचे और काली झांटो से भरी फुली हुई चुत आ जाते है, काकी ने उनको छुपाने की बिल्कुल कोशिश नहीं की... काकी की चुत रस से भरी हुई लग रही थीं
देव ने क्रीम लगानी शुरू कर दी.. वो धीरे धीरे चुत के पास अपनी उगलिया ले जाने लगा.
काकी ने कुछ नहीं कहा वो तो आखे बंद किये हुए मजे ले रही थीं.
उसने अब चुत के पास मालिश करनी शुरू कर दी... जिससे काकी की जोर से सिसकारी निकल गई..
देव - काकी क्या हुआ
काकी कुछ नहीं बोली
अब उससे रहा नहीं गया उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया. उसने धीरे से काकी के पैरो को चोडा़ कर दिया.
काकी की आंखे बंद थी... देव के पास ज्यादा समय नही था उसे जल्दी से चुदाई करनी थी

देव अपना लंड जो फुल कर डंडे जैसा हो गया था उसे काकी की चुत के पास ले गया.
बहुत ही बेहतरीन अपडेट है
लगता है या देव का काम जो जायेगा रोशनी काकी की जरूर चूदाई कर पाएगा
 
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देव की जुबानी

मैने अपना लंड धीरे से काकी की फुली हुई चुत पर सेट किया... काकी को जब तक पता चलता मैंने जोर से एक धक्का लगा दिया... जिससे मेरा लंड काकी की गरम गरम चुत मे 3 इंच तक चला गया.
इससे काकी की जोर से चीख निकल गयी और वो चिलाने लगी.

रोशनी - आआहह.....उूउउइइइममाआआ......माआर गायययययईए........आआहह.......फॅट...गइई.... मेरी बुर्र्र्र्र्ररर......पूरीईइ फत्त्त्ट गइईए....रे......कोई बचऊूओ.. आआआह.. बेटा ये क्या कर रहा है..
और काकी छुटने की कोशिश करने लगी

मैने काकी को दबोच लिया... और एक तगडा झटका मारा... जिससे मेरा लंड काकी की काली चुत में जड़ तक घुस गया

काकी की सांस गले मे अटक गई और वो रोने लगी

रोशनी - निकाल ले.....अपना लंड....आआहह......बहुत दर्द हो.....रहा है........मेरा.....पेट तक फटा जा रहा है.....निकाल...मदर्चोद....जल्दी से............जा अपनी माँ...की बुर मे घुसा...... आअहह....सच मे बहुत दर्द हो रहा है..आआआआ
छोड़ मुझे, जाने दे मुझे वरना मै शोर मचा दुंगी

मैने देखा काकी की बुर से हल्का सा खून निकल रहा था......मैं उनकी चुचियो को बारी बारी से पीने लगा.....साथ मे उन्हे दबाता भी रहा....
साथ साथ मे मैने धक्के लगाने चालु रखे...

अब मेरा लंड काकी की कई महीनों से अनचुदी चुत मे सेट हो गया था...
काकी को भी मज़ा आने लगा और वो अपनी गान्ड उपर उठाने लगी

मै- साली रंडी तुझे चुदना था तो इतने नारे क्यूँ कर रही थी

रोशनी - बेटा बहुत समय से चुदी नहीं हूँ और अचानक से ये तेरा गधे जैसा लंड गया तो मेरी जान निकल गई...
देख तेरे लंड ने मेरी बूर की क्या हालत कर दी.... पूरी की पूरी फाड़ दी....
मै- काकी तु चुदना चाहती है मुझसे...

काकी कुछ नहीं बोली... मैने काकी के चुचो को जोर से भींच दिया और एक करारा धक्का लगाया...

रोशनी - आहहह.... बेटटा... थोड़ा धीरे...
मै - बोल ना काकी चोद दु तुझे...
रोशनी- तो अब क्या कर रहा है...

मैने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिये.... मैने काकी के चुचो को मसल मसल कर लाला कर दिये
मै - तु अपने मुँह से बोल ना

रोशनी -आआहह....धीरे धीरे.....चोद्द्द्द.....ज़ोर से नही.....हाआ....अब ठीक लग....रहा है....ऐसे ही....पेल मेरी बुर......ले ले मेरी बुर देव बेटा.......पेल ले अपनी काकी की बुर को आज...आआआ.....अब कुछ मज़ा आ रहा है.....सच मे तेरे लंड मे तो जादू है...देव्व्....

काकी को जोश मे आते देख मैने धक्के थोड़ा ज़ोर ज़ोर से लगाने लगा......मेरा लंड काकी की बुर मे पूरा कसा कसा जा रहा था...जिससे मुझे
भी उनकी बुर चोदने मे मज़ा आ रहा था

काकी —आआअहह.....ऐसे ही.....बहुत मज़ा आ रहा है......खूब हचक हचक कर चोद मुझे देअ्वव......खूब पेल मेरी बुर को........चोद डाल

मै—काकी मुझे आपकी गान्ड भी चाहिए......मेरा बहुत मन है आपकी गान्ड मारने का...

रोशनी—आआआआ.......मार लेना.....अब तो सब....कुछ तेरा है........मैं तो आज से तेरी.....रखैल बन गयी..रे......आआआ.... मार लेना मेरी गान्ड भी......पहले मेरी चूत तो अच्छे से ले ले...और ज़ोर से...पेल.....मुझे आज पता चला की चुत कैसे चोदि जाती है

मै —आपकी चुत भी तो बहुत टाइट लग रही है.....काका मादरचोद चोदता नही है तुम्हे काकी

काकी —पाँच छ: महिनों मे कभी एक दो बार......उसका लंड भी तो तेरी उंगली बराबर ही है.....वो भी पतला......
टाइट है तो तू ढीली कर दे ना
अब……….ढीली कर दे ….अपनी काकी की बुर को बेटा….रोज चोद चोद के....बोल चोदेगा ना रोज अपनी रोशनी काकी की बुर को...

मै—हाअ....काकी....आपको रोज नंगी कर के चोदुन्गा

रोशनी —मुझे हर रोज नंगी करके चोदना बेटा......मुझे खूब गंदा गंदा बोला करना....आआआअ.....मैं तो तेरी दीवानी हो गयी...

मै- देख रंडी तेरी चुत कितना पानी छोड़ रही है...

मै जोर जोर से धक्के लगाने लगा... काकी एक बार झड चुकी थीं
उसका दुसरी बार होने वाला था....

रोशनी -एयाया….ज़ोर से मेरा होने वाला है

देव —बस काकी…….मेरा भी होने वाला है…….

मैने अपने धक्को की स्पीड डबल कर दी.....काकी ज़्यादा देर तक मैदान मे नही टिक सकी और भल भला कर झड़ने लगी... और मेरा भी फव्वारा फुट पड़ा....
काकी ने मुझे कस के पकड़ लिया... काकी की आँखे मजे मे बंद हो गई...

मेरा गर्म वीर्य अपनी चुत मे महसूस करते ही काकी ने मुझे कस के भींच लिया...
 

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* अपडेट -8

मै काकी के ऊपर से खड़ा हो गया.... काकी उठकर अपने कपड़े पहनने लगी... मैने भी पहन लिये....

मैने काकी को पकड़ कर दिवार से लगा दिया और उसके होठों को पिने लगा..

रोशनी - आआआह... बेटा क्या कर रहा है.... मन नहीं भरा तेरा अभी भी.... मेरी चुत को चोद चोद कर सुजा दिया है.... आआआह.... छोड़ ना देव और बाद मे चोद लेना आआआई...

काकी मुझसे अलग हो गई....
मै - काकी तु वो रस है जिसे उतना पिओ वो कम है....
बता अब तेरी गांड कब देगी....

काकी शरमा जाती है....

रोशनी -. बेटा अब तो मै तेरी ही हू... जब तेरा मन करे मेरी ले लेना... मेरा सब कुछ तेरा है....
आज से मै तेरी रखेल हूँ....

मै काकी के चुचे और गांड भींचने लगा...

मै - ठीक है मेरी रंडी आज से तु मेरी रखेल है.... मेरा जब, जहाँ मन करेगा तेरी चुत और ये बडी गांड मांरूगा

रोशनी - ठीक है बेटा..... अब मै जाती हू बहुत देर हो गई है, दीपा घर पर इंतज़ार कर रही होगी...
मै- ठीक है जा मेरी रंडी... मै भी जाता हू....

काकी जाने लगी तो मैने उसे रोका

रोशनी - हा बेटा....
मैने अपनी जेब से 500 रूपये निकाले और उसे देने लगा...

रोशनी - ये क्या है बेटा...
मै - पैसे है रख ले तेरे काम आयेंगे...
रोशनी नहीं बेटा इसकी कोई जरूरत नहीं है.
मै - काकी तु रखले.... मुझे पता है तुझे जरूरत है...

काकी थोड़ी इंमोशनल हो गई..... उसने वो पैसे ले लिये...

फिर मै घर की तरफ चल पड़ा.... काकी की करारी चुत मारने के बाद अब मेरा लंड शांत था...
घर पर आकर मै अपने कमरे मे आराम करने लगा... हमारे घर मे बस मै ही था....

कुछ समय बाद मुझे लगा की कोई मुझे उठा रहा है...

ये कोई और नही मेरी प्यारी भतीजी खुशी थी...
 
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