अपडेट 17
और भाभी जी मेरे लन्ड को छोड़ कर जल्दी से खड़ी हो गई
उफ्फ कितना मजा आ रहा था वह मेरी भाभी जी के मुंह की गर्माहट वह उनका जीभ से मिल लन्ड के सुपाडे को चटना, मुझे उनके मुंह से ही अंदाजा लग गया था कि यह चूदाई में बहुत मजा देने वाली है जिस अदा के साथ मेरी भाभी जी ने मेरी आंखों में देखते हुए मेरे लन्ड के अगले हिस्से को मुंह में भर कर चूसाई शुरू की थी मगर सारा मजा उन कदमों की आहट ने खराब कर दिया था जो उस वक्त कमरे की तरफ बढ़ रही थी
और थोड़ी ही देर में मेरा साला कमरे के अंदर आ गया साले के अंदर आते ही भाभी जी ने मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखा और बोली बोली की देखिए ना जीजू कैसे घोड़े बेच कर सो रहे हैं मुझे कितना टाइम हो गया इनको उठाते उठाते, अगर आप नहीं आते तो मेरा मूवी थक जाता इनको उठाने में और यह कह कर मेरी तरफ आंख मार दी तब मेरा साला बोला कोई बात नहीं जीजा जी को मैं उठा देता हूं और वह मुझे आवाज देने लगा
अब मेरे साले को कौन समझाए कि उसकी बीवी का मुंह मुझे आवाज देने से नहीं थकता बल्कि उसने जो मेरा हथियार अपने मुंह में ले रखा था वह उसकी बात कर रही थी मैंने भी नींद से उठने की एक्टिंग करते हुए साले से बोला
मैं -अरे भाई आज रक्षा बंधन है मुझे क्यों उठा रहे हो जाओ अपनी बहन से राखी वाखी बंध आओ और मुझे सोने दो
भाभी जी - जीजा जी उठ जाइए और नाश्ता कर लीजिए कम से कम आप तो नाश्ता कर ही लो क्योंकि मुझे तो शायद नाश्ता नहीं मिल पाएगा आज तो शायद सीधा डिनर ही हो
मैं -भाभी जी मैं नाश्ता करूं या ना करूं आज आपका नाश्ता करना बहुत जरूरी है
अब यह तो भाभी जी ही समझ रही थी कि मेरा उनसे नाश्ता कहने का मतलब उनको अपना लन्ड चूसाने से था
अब हम दोनों को ही इस खेल में और मजा आ रहा था क्योंकि हम दोनों मेरे साले के सामने ही अपनी हवस भरी बातें कर रहे थे
साला - अरे जिजाजी यह ऐसे ही बोल रही हैं यह नाश्ता बहुत जबरदस्त करती है
अब यह तो हद ही हो रही थी मेरा साला मुझे बता रहा था कि उसकी पत्नी बहुत अच्छा लन्ड चुस्ती है
भाभी जी - देख लीजिए जीजू सुबह से खाना तो दूर दो घूट पानी पीना चाहो उसमें भी इनको दिक्कत है
अभी जी का भी जवाब नहीं है अपने पति के ही सामने बोल रही हैं कि वह मेरा लन्ड अपनी चू त और गांड में खाना चाहती हैं मगर अभी मौका नहीं मिला तो वह मेरा लन्ड का पानी पीना चाहती हैं और मेरे साले ने आकर खेल खराब कर दिया
मैं - भैया यह तो गलत बात है आप भाभी जी को ऐसे परेशान मत किया करो उनका जो मन करे उसको खा लेने दिया करो
साला -जीजा जी मैंने तो कभी मना नहीं किया इसका जो मन करे वह खाए और जितना मन करें उतना खाए
अब मजेदार चीजें थी कि मेरा साला मुझसे कह रहा था कि वह अपनी पत्नी को नहीं रोकता उसका जब मन करें वह मेरा लन्ड ले सकती है
भाभी जी - अच्छा पतिदेव जी समझ गई अब मुझे अपना काम करने जाना है नहीं तो आज ब्रेकफास्ट लंच और डिनर एक साथ ही करना पड़ेगा और मुझ में इतनी ताकत नहीं है यह कहकर भाभी जी ट्रे उठाने मेरे पास आई और धीरे से मेरे पास बोली
जीतू मुझे आपका गन्ना चूसना है आपकी सलहज से अब और इंतजार नहीं होता। आपकी साली को भेज रही हूं क्या पता आपको कुछ मौका लग जाए
दीप्ति कि मुझे यही बातें पसंद थी एक तो उसकी मदमस्त जवानी, उनका शालीनता और रंडी पन का अनूठा मेल, उनका मेरी जान जानेमन डार्लिंग ना बनना और भाभी बनकर ही हवस का यह खेल खेलना मेरी कामुकता को बढ़ा रहा था और एक सबसे खास बात कि वह मुझ पर एकाधिकार नहीं दिखाती थी उसकी ननंद कि मैं रोज लेता ही था और वह अपनी छोटी ननंद यानी मेरी साली को भी साथ में चुदाई के लिए तैयार कर रही थी शायद उसको यह खेल बहुत खुलकर खेलना था दीप्ति में शालीनता के सभी गुण थे और उसके अंदर छुपी हुई एक बहुत ही बेहतरीन रंडी थोड़ी थोड़ी देर के लिए बाहर आती थी अब मुझे भी यह खेल उसके साथ खुलकर खेलना था मैं भी मौके की तलाश में था और अब मुझे कोई हिचक नहीं थी जहां भी मुझे मौका मिलना था मुझे दीप्ति को पटक कर चोद देना था अब मुझे इंतजार था तो सही समय का,,,
थोड़ी देर मैं और मेरा साला बात करते रहें तभी मेरे कमरे में मेरी साली आती दिखाई दी
अब मुझे यह नहीं पता था कि मेरी साली खुद आई है या मेरी सलहज यानी मेरी प्यारी दीप्ति भाभी ने उसको भेजा है
क्योंकि मेरी अपनी साली से कभी आमने सामने ऐसी कोई बात नहीं हुई थी और मुझे डर था कि कहीं भाभी ही मेरी साली के मोबाइल से बात ना करती हो
बट आज मुझे इसका पता लगाना था इसलिए मैं कुछ बोलता उससे पहले ही मेरे मोबाइल पर मेरी दीप्ति भाभी जी का मैसेज आया
भाभी जी - कैसी लगी आपकी साली स्पेशली आपके लिए ही तैयार होकर गई है वह तो ऐसे जाने वाली थी मगर मैंने कहा तेरे भाई भी वहीं पर हैं तो थोड़ी सी ड्रेस चेंज कर ली
यह ड्रेस देखकर मैंने भाभी जी से कहा
मैं - लाजवाब
आप दोनों तो एक मक्खन और एक मलाई है जब दोनों को एक साथ खाऊंगा तो ऐसा रख लूंगा कि जिंदगी भर याद रखोगे
भाभी जी ने बस मुस्कुराहट भेजी